व्यापार
ATM ट्रांजैक्शन पर अब ज्यादा शुल्क, RBI की मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से लागू होंगे नए नियम
25 Mar, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ATM से पैसा निकासी के लिए आपको 1 मई से ज्यादा शुल्क देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम इंटरचेंज फीस में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जो अब 1 मई, 2025 से लागू होगी। इस फैसले से बैंक ग्राहकों के लिए वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों तरह के लेन-देन प्रभावित होंगे। आरबीआई ने वित्तीय लेन-देन के लिए शुल्क में 2 रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी है, जो 17 रुपये से बढ़कर 19 रुपये हो गया है। बैलेंस पूछताछ जैसे अन्य गैर-वित्तीय लेन-देन में भी 1 रुपये की वृद्धि होगी, जिससे 6 के बजाय 7 रुपये हो जाएंगे।
5 बार मुफ्त में पैसा निकालने की अनुमति
अलग-अलग बैंकों के एटीएम पर ग्राहकों को हर महीने सीमित संख्या में मुफ़्त लेनदेन की अनुमति होती है। मेट्रो क्षेत्रों में, ग्राहकों को 5 लेनदेन दिए जाते हैं जबकि गैर-मेट्रो क्षेत्रों में 3 बार यह सुविधा मिलती है। अगर मुफ्त लेनदेन की संख्या पार हो जाती है, तो ग्राहकों को जो अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है, उसे पहले से ही उच्च इंटरचेंज शुल्क के कारण बढ़ाया जा सकता है।
इंटरचेंज शुल्क क्या होता है?
इंटरचेंज शुल्क वह शुल्क है जो एक बैंक दूसरे बैंक को तब देता है जब ग्राहक अपने होम बैंक से जुड़े हुए एटीएम का उपयोग नहीं करता है। इसमें अलग-अलग बैंकों के लिए विशिष्ट कार्डधारक को सेवा प्रदान करने के लिए एटीएम रखने वाले बैंक से जुड़ी लागत शामिल है। इन एटीएम शुल्क परिवर्तनों को अंतिम बार जून 2021 में अपडेट किया गया था।
इस तरह ज्यादा चार्ज देने से बचें
निःशुल्क लेनदेन सीमा का लाभ उठाने के लिए अपने बैंक के एटीएम से लेनदेन करें।
निःशुल्क लेनदेन सीमा के भीतर रहने के लिए अपने एटीएम निकासी पर नजर रखें।
नकद निकासी पर निर्भरता कम करने के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवाओं और ऑनलाइन भुगतान विधियों का उपयोग करें।
सीनियर आईएएस अधिकारी अजय सेठ की वित्त सचिव के रूप में नियुक्ति का ऐलान
25 Mar, 2025 12:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीनियर ब्यूरोक्रेट अजय सेठ को सोमवार को नया वित्त सचिव नियुक्त किया गया। एक आधिकारिक आदेश में ये जानकारी दी गई। कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अजय सेठ वर्तमान में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव हैं। कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अजय सेठ को वित्त सचिव नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। बताते चलें कि अजय सेठ को तुहिन कांत पांडेय की जगह ये पद दिया जा रहा है। अभी हाल ही में तुहिन कांत पांडेय को माधबी पुरी बुच के स्थान पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। सेबी का नया चेयरमैन नियुक्त किए जाने के बाद से ही वित्त सचिव का पद खाली हो गया था।
कौन बनता है भारत का वित्त सचिव
तुहिन कांत पांडेय ने सितंबर, 2024 में देश के वित्त सचिव के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। वित्त सचिव के रूप में सेवाएं देने के बाद उन्होंने 1 मार्च, 2025 से सेबी प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। स्थापित परंपरा के मुताबिक, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अलग-अलग विभागों में तैनात सचिवों में से सबसे सीनियर सचिव को ही वित्त सचिव के पद पर नियुक्त किया जाता है। बताते चलें कि अजय सेठ को इससे पहले मार्च में राजस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
2013 में प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं अजय सेठ
अजय सेठ ने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने एटेनियो डी मनीला यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया हुआ है। देश के नए वित्त सचिव के पास प्रशासनिक सेवाओं में 3 दशक से भी ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर में पब्लिक फाइनेंस, टैक्सेशन और सोशल सेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, कर्नाटक के कमर्शियल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को बदलने के लिए अजय सेठ को विशेष पहचान मिली थी। साल 2013 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए उन्हें प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अडानी की संपत्ति में आई बड़ी गिरावट, एक साल में 3.4 लाख करोड़ का नुकसान किससे हुआ?
24 Mar, 2025 04:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त वर्ष 2025 अडानी ग्रुप के लिए काफी उतार चढ़ाव वाला रहा. ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली. इस गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिका में लगे आरोप हैं. जिसे अडानी ग्रुप ने कभी स्वीकार नहीं किया. उसके बाद भी निवेशक अडानी ग्रुप के शेयरों के प्रति सतर्क रहे. शेयर बाजार के आंकड़ों को देखें तो अडानी ग्रुप के मार्केट को वित्त वर्ष 2025 में 21 फीसदी या 3.4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है, इस साल उनके बाजार पूंजीकरण का लगभग आधा हिस्सा खत्म हो गया है, इसके बाद अडानी एंटरप्राइजेज का स्थान है. आइए आपको भी बताते हैं अडानी ग्रुप की किस कंपनी को कितना नुकसान हुआ है.
इस कंपनी को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
शुक्रवार, 21 मार्च तक, अडानी ग्रीन एनर्जी का कुल बाजार मार्केट कैप 1.46 लाख करोड़ रुपये था, जबकि वित्त वर्ष 2024 के आखिरी कारोबारी दिन 28 मार्च, 2024 को कंपनी का मार्केट कैप 2.90 लाख करोड़ रुपए देखने को मिला था. इसका मतलब है कि कंपनी के मार्केट कैप में करीब 50 फीसदी का नुकसान हो चुका है. जानकारी के अनुसार यह शेयर कथित तौर पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी योजना के कारण चर्चा में रहा है, जिसमें गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य आरोपी हैं, और कंपनी को प्रत्यक्ष लाभार्थी के रूप में देखा जा रहा है.
अडानी ग्रुप कंपनियों के मार्केट कैप कितनी गिरावट
ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज, जिसके शेयर की कीमत इस साल 27 फीसदी कम हुई है, के मार्केट कैप में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट 94,096 करोड़ रुपए देखने को मिली है.
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन (APSEZ) में भी गिरावट देखी गई है, जिसका बाजार पूंजीकरण इसी अवधि के दौरान 33,029 करोड़ रुपये या 11.40 फीसदी घट गया है.
अडानी टोटल गैस के मार्केट कैप में 31.84 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली. इसका मतलब है कि कंपनी के मार्केट कैप में 32,411.40 करोड़ रुपए की कमी आइै है.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के मार्केट कैप में 18.95 फीसदी 14,546.59 करोड़ रुपए की गिरावट देखने को मिली है.
अडानी के स्वामित्व वाले सीमेंट शेयरों में भी गिरावट देखी गई, जिसमें एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में क्रमशः 23.10% और 15.92% की गिरावट आई.
अडानी विल्मर (AWL एग्री बिजनेस) में 17.35% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि सांघी इंडस्ट्रीज में 36.84% की गिरावट आई.
अडानी पावर ने क्षेत्रीय अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद बाजार पूंजीकरण में 2.11% की मामूली गिरावट देखी.
अडानी ग्रुप की मीडिया कंपनी NDTV की वैल्यूएशन में 41.58 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
सुर्खियों में रहे अडानी ग्रुप के शेयर
वित्त वर्ष 2025 में अडानी स्टॉक में गिरावट के लिए कई फैक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें व्यापक शेयर बाजार की कमजोरी भी शामिल है. 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारतीय इक्विटी बाजार को व्यापक आर्थिक चुनौतियों, कमजोर शहरी खपत और ट्रम्प टैरिफ के आसपास अनिश्चितता सहित जियो पॉलिटिकज रिस्क का सामना करना पड़ रहा है. नीतिगत अनिश्चितताओं और बढ़ती वैश्विक ब्याज दरों के कारण रिन्युएबल और गैस जैसे सेक्टर्स में वैल्यूएशन में सुधार देखा गया है, जिसने कैपिटल इंटेंसिव बिजनेस को प्रभावित किया है. शेयरों पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भी असर पड़ा है, जिन्होंने भारतीय इक्विटी बेचने पर दोगुना जोर दिया है. उन्होंने 30 सितंबर, 2024 को समाप्त होने वाली तीन तिमाहियों में अडानी समूह के छह शेयरों में अपनी हिस्सेदारी कम की.
अडानी ग्रुप के शेयर रेगुलेटरी इश्यूज की वजह से भी सुर्खियों में रहे. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पूर्व सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच को अडानी परिवार से संबंधित ऑफशोर कंपनियों से जोड़ा गया, जिसने इस वित्त वर्ष में काफी सुर्खियां बटोरीं. अरबपति गौतम अडानी पर “कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला” चलाने का आरोप लगाने के डेढ़ साल बाद, हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और बड़ा दावा किया, जिसमें कहा गया कि बुच के पास ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी. वहीं दूसरी ओर कंपनी पर अमेरिकी कोर्ट में रिश्वत के भी आरोप लगे. वैसे अडानी ग्रुप ने इन तमाम आरोपों से किया किया और नकार दिया.
रियल एस्टेट बाजार में मंदी, घरों की बिक्री 23% घटने के कारण जानें
24 Mar, 2025 11:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्या रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी खत्म हो गई है? क्या रियल एस्टेट सेक्टर फिर से मंदी की चपेट में आ गया है? ऐसा इसलिए कि घरों की बिक्री तिमाही दर तिमाही लगातार गिरती जा रही है। आपको बता दें कि घरों की आसामान छूती कीमत और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता की वजह से चालू कैलेंडर साल की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही में देश के नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 23 प्रतिशत घटकर 1.06 लाख इकाई रहने का अनुमान है। रियल एस्टेट डेटा विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार, चालू कैलेंडर साल की पहली तिमाही में घरों की बिक्री पिछले साल की इसी अवधि के 1,36,702 इकाई से घटकर 1,05,791 इकाई रहने का अनुमान है।
क्यों लोग घर नहीं खरीद रहें?
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और सीईओ समीर जसूजा ने कहा कि घरों की कीमतों में वृद्धि और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ कमजोरी के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं जिससे बिक्री में गिरावट आई है। हालांकि, चेन्नई में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 4,962 इकाई से दो प्रतिशत घटकर 4,858 इकाई रहने का अनुमान है। हैदराबाद में बिक्री में 47 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। हैदराबाद में बिक्री 20,835 इकाई से घटकर 11,114 इकाई रहने का अनुमान है। इसी तरह कोलकाता में भी घरों की बिक्री 5,882 इकाई की तुलना में 28 प्रतिशत घटकर 4,219 इकाई रहने का अनुमान है। मुंबई में घरों की बिक्री 16,204 इकाई से 36 प्रतिशत घटकर 10,432 इकाई पर आने का अनुमान है। नवी मुंबई में भी इसके 9,218 इकाई से सात प्रतिशत घटकर 8,551 इकाई रहने की संभावना है। पुणे में घरों की बिक्री 26,364 इकाई से 33 प्रतिशत घटकर 17,634 इकाई रहने का अनुमान है। ठाणे में घरों की बिक्री में 27 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। इसके 19,254 इकाई रहने का अनुमान है। पिछले साल यह आंकड़ा 26,234 इकाई का रहा था।
इन दो शहरों में तेजी की उम्मीद
नौ प्रमुख शहरों में केवल दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में इस तिमाही में बिक्री में वृद्धि देखने को मिल सकती है। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च, 2025 में बेंगलुरु में घरों की बिक्री 10 प्रतिशत बढ़कर 18,508 इकाई रहने की संभावना है, जो एक साल पहले समान तिमाही में 16,768 इकाई थी। दिल्ली एनसीआर में भी बिक्री में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10,235 इकाई से 11,221 इकाई होने की उम्मीद है। प्रॉपइक्विटी के अनुसार, 3 साल की रिकॉर्ड मांग के बाद अब कुछ ‘करेक्शन’ देखने को मिल रहा है, जिसके कारण बिक्री में भी गिरावट का रुख है। चालू तिमाही में आवासीय संपत्तियों की नई आपूर्ति 34 प्रतिशत घटकर 80,774 इकाई रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1,22,365 इकाई थी।
भारत ने चीनी आयातों पर बढ़ाई ड्यूटी, घरेलू बाजार को सुरक्षित करने की दिशा में कदम
24 Mar, 2025 11:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत ने एल्युमीनियम फॉयल सहित पांच चीनी वस्तुओं पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाया है। यह पहल घरेलू उद्योगों को चीन से सस्ते आयात के निगेटिव असर से बचाने के लिए की गई है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर (व्यापार उपचार महानिदेशालय) की सिफारिश के आधार पर व्यापार कार्रवाई की गई है। आखिर क्या है ये एंटी डंपिंग ड्यूटी या डंपिंग रोधी शुल्क? कभी आपने गौर किया है? दरअसल, एंटी-डंपिंग ड्यूटी आयातित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले टैक्स हैं, जो उनके निर्यात मूल्य और उनके सामान्य मूल्य के बीच के अंतर की भरपाई के लिए लगाए जाते हैं, अगर डंपिंग के कारण आयात करने वाले देश में प्रतिस्पर्धी उत्पादों के उत्पादकों को नुकसान होता है।
क्या है एंटी डंपिंग ड्यूटी
जहां कोई वस्तु किसी निर्यातक या उत्पादक द्वारा किसी देश या क्षेत्र से भारत को उसके सामान्य मूल्य से कम मूल्य पर निर्यात की जाती है, तो भारत में ऐसे सामान के आयात पर, केंद्र सरकार, आधिकारिक राजपत्र में नोटिफिकेशन द्वारा, ऐसे सामान के संबंध में एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है। इसे ऐसे समझें कि एंटी-डंपिंग जांच विभिन्न देशों द्वारा यह पता लगाने के लिए की जाती है कि सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान तो नहीं पहुंचा है। इस शुल्क का मकसद निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर बनाना है।
इन 5 चीनी सामानों पर भारत ने लगाया है एंटी डंपिंग ड्यूटी
एल्युमीनियम फॉयल पर छह महीने के लिए 873 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का अनंतिम एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाया गया।
वॉटर ट्रीटमेंट में प्रयोग होने होने वाले ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड पर 276 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से 986 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक शुल्क लगाया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों, चार्जरों और दूरसंचार उपकरणों में उपयोग किया जाने वाले सॉफ्ट फेराइट कोर सीआईएफ (लागत, बीमा भाड़ा) मूल्य पर 35 प्रतिशत तक शुल्क लगाया गया
वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क पर 1,732 अमेरिकी डॉलर प्रति टन एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाया गया।
चीन, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, नॉर्वे, ताइवान और थाईलैंड से पॉली विनाइल क्लोराइड पेस्ट रेजिन के आयात पर 89 से 707 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का शुल्क लगाया गया है।
IPO बाजार में धमाका, इस हफ्ते इन कंपनियों के इश्यू होंगे लॉन्च, रखें पैसे तैयार
24 Mar, 2025 11:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार में सोमवार से शुरू होने वाले हफ्ते में आईपीओ मार्केट में काफी हलचल देखने को मिलेंगी। कुछ आईपीओ बोली के लिए ओपन होंगे तो कुछ की लिस्टिंग भी होनी है। अगर आप भी आईपीओ में हाथ आजमाना चाहते हैं तो अकाउंट में पैसे तैयार रख लें। कमाई करने के लिए यह हफ्ता आपके लिए शानदार साबित हो सकता है। अलग-अलग सेक्टर की लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) खंड में इस हफ्ते चार नए सार्वजनिक निर्गम खुलेंगे और पांच नए आईपीओ सूचीबद्ध होंगे।
सब्सक्रिप्शन के लिए ये आईपीओ खुलेंगे
डेस्को इंफ्राटेक आईपीओ
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के लिए इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और ऑपरेशनल सेवाएं देने वाली इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी डेस्को इंफ्राटेक लिमिटेड का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 24 मार्च से खुल रहा है और यह 26 मार्च 2025 को बंद हो जाएगा। आईपीओ का आकार 30.75 करोड़ रुपये का है। आईपीओ का प्राइस बैंड ₹147-₹150 प्रति शेयर तय किया गया है। 1000 शेयर के एक लॉट वाले इस आईपीओ में कम से कम ₹1,47,000 निवेश करने होंगे।
श्री अहिम्सा नेचुरल्स आईपीओ
श्री अहिम्सा नेचुरल्स का आईपीओ 25 मार्च को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 27 मार्च को बंद होगा। यह भी एक एसएमई आईपीओ है जिसका बुक बिल्ट इश्यू ₹73.81 करोड़ का है और इसमें 42.04 लाख नए शेयरों का कुल ₹50.02 करोड़ का इश्यू और 19.99 लाख शेयरों की बिक्री का ऑफर शामिल है, जो कुल ₹23.79 करोड़ का है। आईपीओ का प्राइस बैंड ₹113 से ₹119 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है।
एटीसी एनर्जीज आईपीओ
एडवांस्ड लिथियम-आयन बैटरी सॉल्यूशन निर्माता और असेंबलर एटीसी एनर्जीज सिस्टम का आईपीओ 25 मार्च को लॉन्च होगा। यह आईपीओ 27 मार्च को बंद होगा। कंपनी का लक्ष्य 63.76 करोड़ रुपये तक जुटाना है, जिसके शेयरों को एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड करने का प्रस्ताव है। आईपीओ में 10 रुपये अंकित मूल्य के 54,03,600 इक्विटी शेयर शामिल हैं, जिसमें 43,23,600 इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और 10,80,000 इक्विटी शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव शामिल है। एटीसी एनर्जीज आईपीओ का मूल्य बैंड ₹112 से ₹118 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है।
आइडेंटिक्सवेब का आईपीओ
शॉपिफाई ऐप डेवलपर आइडेंटिक्सवेब का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए इस सप्ताह 26 मार्च को खुलेगा और 28 मार्च को बंद हो जाएगा। यह 16.63 करोड़ रुपये का आईपीओ है। यह पूरी तरह से 30.80 लाख शेयरों का एक नया इश्यू है। आइडेंटिक्सवेब आईपीओ का प्राइस बैंड ₹51 से ₹54 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है। बीलाइन कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड आइडेंटिक्सवेब आईपीओ का बुक-रनिंग लीड मैनेजर है, जबकि स्काईलाइन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड इस इश्यू का रजिस्ट्रार है।
इन आईपीओ की होगी लिस्टिंग
इस हफ्ते पारादीप परिवहन आईपीओ की लिस्टिंग 24 मार्च को होगी।, डिवाइन हीरा ज्वैलर्स आईपीओ भी आज सूचीबद्ध होगा। ग्रैंड कॉन्टिनेंट होटल्स आईपीओ 27 मार्च को लिस्टेड होगा।, रैपिड फ्लीट आईपीओ आगामी 28 मार्च को लिस्टेड होगा और एक्टिव इन्फ्रास्ट्रक्चर आईपीओ भी 28 मार्च को बाजार में शामिल होगा। लाइवमिंट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में आईपीओ को लेकर गतिविधियां जोरों पर रहेंगी। इस साल कई आईपीओ लिस्टिंग और धन जुटाने की गतिविधियां होंगी। वित्त वर्ष 2025 में धन तीन गुना बढ़कर 1,53,987 करोड़ रुपये हो जाएगा। साथ ही निवेशकों की संख्या वित्त वर्ष 2020 में 4.9 करोड़ से बढ़कर 31 दिसंबर 2024 तक 13.2 करोड़ हो जाएगी।
शेयर बाजार में जोरदार उछाल, सेंसेक्स 550 अंक चढ़ा, निफ्टी 23,500 के पार
24 Mar, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला सोमवार को भी जारी है। 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 17 मिनट पर एनएसई का निफ्टी 157.95 अंक उछलकर 23,508.35 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। इसी तरहस बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 551.96 अंक चढ़कर 77457.47 के लेवल पर था। बैंक निफ्टी भी 370.25 अंक की तेजी के साथ 50,963.80 पर ट्रेडिंग कर रहा था। सत्र की शुरुआत में निफ्टी पर एलएंडटी, पावर ग्रिड कॉर्प, एनटीपीसी, ओएनजीसी, हीरो मोटोकॉर्प प्रमुख लाभ वाले शेयरों में शामिल हैं, जबकि टाइटन कंपनी, ट्रेंट, एचडीएफसी लाइफ, अल्ट्राटेक सीमेंट, एमएंडएम नुकसान में हैं।
प्री-ओपनिंग में भी मजबूत रहा मार्केट
प्री-ओपनिंग सत्र में बीएसई और एनएसई सूचकांक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे, सेंसेक्स 500 अंक से अधिक बढ़कर 77,456.27 पर और निफ्टी 23,500 को पार कर गया था। 24 मार्च को एलएंडटी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, एनसीसी, पावर मेक प्रोजेक्ट्स, एमएसटीसी, इरकॉन इंटरनेशनल, एनएमडीसी, टीवीएस होल्डिंग्स, आईडीबीआई बैंक, वेलस्पन कॉर्प शेयरों पर विशेष फोकस है। बीते सप्ताह में भी घरेलू शेयर बाजार में लगातार तेजी दर्ज की गई थी।
एशियाई मार्केट में आज का रुझान
एशियाई बाजारों ने इस सप्ताह सतर्कता के साथ शुरुआत की है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा निर्धारित आगामी टैरिफ समयसीमा को लेकर चिंताओं के बीच अधिकांश सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। जबकि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी गई, जापान ने लचीलापन दिखाया, जिसके बेंचमार्क सूचकांकों ने बढ़त हासिल करने में कामयाबी हासिल की।
चीनी बाजारों में गिरावट जारी रही। हांगकांग का हैंग सेंग 0.3% गिरकर 23,613.50 पर आ गया, और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.3% गिरकर 3,356.50 पर आ गया। टोक्यो में, निक्केई 225 लगभग अपरिवर्तित 37,676.97 पर रहा। AP की खबर के मुताबिक, ताइवान के ताइएक्स में 0.1% की वृद्धि हुई। शुक्रवार को, एसएंडपी 500 0.1% बढ़कर 5,667.56 पर पहुंच गया, जो 0.5% साप्ताहिक लाभ के साथ समाप्त हुआ। यह इस महीने अब तक 4.8% नीचे है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.1% बढ़कर 41,985.35 पर पहुंच गया, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 0.5% बढ़कर 17,784.05 पर पहुंच गया।
"Amazon ने ₹300 से कम के उत्पादों पर शुल्क को समाप्त किया, छोटे व्यापारियों को मिलेगा फायदा"
24 Mar, 2025 11:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन पर विक्रेता हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है। अमेजन इंडिया ने अपने प्लेटफॉर्म पर 300 रुपये से कम कीमत वाले 1.2 करोड़ से अधिक प्रोडक्ट्स पर रेफरल फीस शून्य करने की घोषणा कर दी है। यानी आपको अब यह शुल्क नहीं देना है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, रेफरल फीस एक कमीशन है जो विक्रेता हर बेचे गए उत्पाद के लिए अमेजन को देते हैं। कंपनी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि इस कदम का मकसद छोटे व्यवसायों का समर्थन करना और अमेजन पर विक्रेताओं की ग्रोथ को बढ़ावा देना है।
बिक्री को और अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश
खबर के मुताबिक, अमेजन इंडिया के सेलिंग पार्टनर सर्विसेज के निदेशक अमित नंदा ने कहा कि करोड़ों उत्पादों पर रेफरल फीस को खत्म करके और शिपिंग लागत को कम करके, हम विक्रेताओं के लिए अमेजन पर बिक्री को और अधिक आकर्षक बना रहे हैं। यह पहल अमेजन पर विक्रेताओं की वृद्धि का समर्थन करती है, जिससे उन्हें व्यापक चयन की पेशकश करने और ग्राहकों को अधिक प्रतिस्पर्धी ऑफर देने में सक्षम बनाया जाता है, खासकर रोजमर्रा की कम कीमत वाली वस्तुओं पर।
135 उत्पाद कैटेगरी में लागू होगा शून्य रेफरल शुल्क
अमेजन की इस पहल के तहत शून्य रेफरल शुल्क परिधान, जूते, फैशन आभूषण, किराना, घर की सजावट और साज-सज्जा, सौंदर्य, खिलौने, रसोई उत्पाद, मोटर वाहन और पालतू पशु उत्पादों जैसी 135 उत्पाद कैटेगरी में लागू होगा। इसके अलावा, अमेजन ने Easy Ship और Seller Flex जैसी बाहरी पूर्ति सेवाओं का उपयोग करने वाले विक्रेताओं के लिए एक नई फ्लैट दर भी पेश की है। राष्ट्रीय शिपिंग दरें अब 77 रुपये से घटकर 65 रुपये से शुरू होती हैं। फ्लैट रेट शिपिंग एक मूल्य निर्धारण मॉडल है, जिसमें शिपिंग पैकेजों के लिए एक निश्चित लागत ली जाती है, भले ही उनका वजन, आकार या दूरी निर्धारित सीमाओं के भीतर हो।
हैंडलिंग शुल्क 17 रुपये तक कम
Easy Ship एक पूर्ति चैनल है, जहां अमेजन विक्रेताओं के स्थान से पैकेज एकत्र करता है और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाता है, Seller Flex के हिस्से के रूप में, Amazon विक्रेताओं के गोदाम के एक हिस्से को Amazon पूर्ति केंद्र के रूप में प्रबंधित करता है। इसके अलावा, अमेजन ने 1 किलोग्राम से कम वजन वाले हल्के सामानों के लिए हैंडलिंग शुल्क को 17 रुपये तक कम कर दिया है, जिससे विक्रेताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली फीस कम हो जाती है।
अमेजन का कहना है कि एक बार में एक से ज्यादा उत्पाद यूनिट शिप करने वाले विक्रेताओं को दूसरी यूनिट पर बिक्री शुल्क में 90 प्रतिशत से ज़्यादा की बचत होगी। ये बदलाव विक्रेताओं को ज्यादा विकल्प, प्रतिस्पर्धी ऑफर देने और अपना कारोबार बढ़ाने में सक्षम बनाएंगे।
एनपीसीआई ने लागू किए नए नियम
23 Mar, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने नए नियम लागू किए हैं, जिसके अनुसार अगर आप यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अपना बैंक से लिंक्ड मोबाइल नंबर 1 अप्रैल से पहले अपडेट कर लेना होगा। यह कदम डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है। एनपीसीआई ने इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने डेटाबेस को 31 मार्च तक अपडेट करने की निर्देश दी है। यदि आपका मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होगा, तो आपके यूपीआई ट्रांजैक्शन संभव नहीं होंगे। इसलिए, बैंक ग्राहकों से अनुरोध है कि वे जल्दी से जल्दी अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा लें और यूनिफाइड पेमेंट्स सेवाओं का निरंतर लाभ उठा सकें। इससे न केवल आपकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि फर्जीवाड़े से भी बचाव होगा। इसलिए, आज ही अपना मोबाइल नंबर अपडेट करें और अपनी डिजिटल सुरक्षा बढ़ाएं।
1 अप्रैल, 2025 से मंहगी होगी किआ की कारें, इनपुट लागत में बढ़ोत्तरी बनी वजह
23 Mar, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । किआ इंडिया ने ऐलान किया था कि कंपनी 1 अप्रैल, 2025 से अपनी कारों की कीमतों में 3 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करेगी। कंपनी ने कीमत बढ़ोतरी का फैसला बढ़ती इनपुट लागत और आपूर्ति श्रृंखला से संबंधित समस्याओं के कारण लिया है।
किआ इंडिया के सीनियर वाइस प्रेज़िडेंट हरदीप सिंह बरार ने कहा, कंपनी ने हमेशा प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले वाहन पेश करने का प्रयास किया है, लेकिन वस्तुओं और इनपुट सामग्रियों की बढ़ती कीमतों के कारण हमें 1 अप्रैल से 3 प्रतिशत तक मूल्य वृद्धि करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय किआ के लिए जरूरी था ताकि वह अपने ग्राहकों को तकनीकी रूप से उन्नत और उच्च गुणवत्ता वाले वाहन दे सके। ग्राहकों पर इसका प्रभाव कम करने के लिए किआ ने बढ़ी हुई लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खुद वहन करने का फैसला किया है। इससे कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मूल्य वृद्धि ग्राहकों के लिए यथासंभव किफायती रहे। इसके पहले, मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां भी अप्रैल से अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी की ऐलान कर चुकी हैं। बढ़ती इनपुट लागत और आपूर्ति श्रृंखला में आए संकट के कारण यह निर्णय लिया गया है, जो पूरी ऑटो इंडस्ट्री के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है।
मेड इन इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट में छह प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
23 Mar, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। भारत में ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन शिपमेंट में 2024 में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह तेजी वैश्विक टेक दिग्गज एप्पल और सैमसंग के भारत से बढ़ते निर्यात के कारण आई है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देश के कुल स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग की संयुक्त हिस्सेदारी 94 प्रतिशत रही। दोनों कंपनियों ने अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में विनिर्माण का विस्तार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चल रही ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना ने वैश्विक निर्माताओं को भारत में अपने उत्पादन संयंत्र स्थापित करने या उन्हें विस्तारित करने के लिए प्रेरित किया है। इससे देश में स्मार्टफोन निर्माण को मजबूती मिली है और निर्यात में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अपने विशाल उपभोक्ता बाजार, सस्ती श्रम लागत और सरकार की अनुकूल नीतियों के कारण दुनिया का एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बन रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 2025 तक स्मार्टफोन निर्माण दोहरे अंकों की वृद्धि दर दर्ज करेगा और स्थानीय वैल्यू एडिशन में भी सुधार आएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल की प्रमुख सप्लायर कंपनी फॉक्सकॉन होन हाई के विनिर्माण वॉल्यूम में 2024 में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी अब भारत में स्मार्टफोन डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबली स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 2024 में सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्माता बनकर उभरा, जिसने वार्षिक आधार पर 107 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। टाटा ने आईफोन 15 और आईफोन 16 असेंबली का विस्तार किया और गुजरात के धोलेरा में एक नया प्लांट स्थापित कर सेमीकंडक्टर निर्माण में भी प्रवेश किया है।
ओवरऑल मोबाइल हैंडसेट सेगमेंट में ‘डिक्सन’ सबसे बड़ा निर्माता रहा, जबकि ट्रांससियन ब्रांड और मोटोरोला के शिपमेंट आंकड़ों में भी तेजी देखी गई। सैमसंग ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है और निर्यात बढ़ने के कारण 2024 में सात प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। वीवो ने भी अपनी ऑफलाइन रिटेल रणनीति और मार्केटिंग नेटवर्क के विस्तार के जरिए अपनी शिपमेंट हिस्सेदारी 14 प्रतिशत तक बढ़ा ली है। विश्लेषकों के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन विनिर्माण का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि प्रमुख वैश्विक कंपनियां यहां उत्पादन सुविधाओं में निवेश कर रही हैं। आने वाले वर्षों में, देश ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन निर्यात का एक बड़ा हब बन सकता है।
भारत में लोकल विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी एचपी, अप्रैल से भारत में नोटबुक उत्पादन शुरू होगा
23 Mar, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। ह्यूलट-पैकार्ड (एचपी) के सीईओ एनरिक लोरेस ने भारत में कंपनी की बढ़ती उपस्थिति और विस्तार की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एचपी भारत में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए व्यापक रणनीति अपना रही है। इसमें स्थानीय विनिर्माण के साथ-साथ भारतीय इंजीनियरों को सॉफ्टवेयर विकास में शामिल करना शामिल है, ताकि कंपनी अपने उत्पादों में उन्नत तकनीकी सुविधाएं जोड़ सके।
लोरेस ने कहा, भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा देश है जहां हमारे सबसे अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर शामिल हैं। हम इनकी विशेषज्ञता का उपयोग अपने उत्पादों को और अधिक अत्याधुनिक बनाने में करेंगे। उन्होंने बताया कि भारत पहले ही एचपी के लिए एक प्रमुख पीसी बाजार बन चुका है। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, एचपी भारत में सबसे बड़ी पीसी निर्माता कंपनी बनी हुई है। पिछले साल के अंत में, एचपी ने मेक इन इंडिया पहल के तहत डिक्सन टेक्नोलॉजीज को अपने लैपटॉप और डेस्कटॉप के निर्माण का ऑर्डर दिया था। इसका उद्देश्य उत्पादों की कीमत को कम करना और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना है। लोरेस ने कहा, हम अप्रैल से भारत में नोटबुक निर्माण शुरू करने जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाना है ताकि उपभोक्ताओं को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराए जा सकें।
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के कारण कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से अपने उत्पादन को अन्य देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं। एचपी भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है, क्योंकि कंपनी को अमेरिकी प्रशासन द्वारा चीनी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का सामना करना पड़ा है। भारत में उत्पादन बढ़ाने से एचपी को न केवल लागत कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि उसे एक बड़े उपभोक्ता बाजार तक भी पहुंच मिलेगी। भारत में स्मार्टफोन की तुलना में पीसी की पहुंच अभी भी सीमित है, जिससे एचपी जैसी कंपनियों को बाजार विस्तार का बेहतरीन अवसर मिल रहा है। इसके अलावा, एचपी अपने पीसी में बिल्ट-इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सुविधाएं जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे वे कॉरपोरेट कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए अधिक उपयोगी बन सकें।
कंपनी का मानना है कि भारत में एआई आधारित पीसी की मांग तेजी से बढ़ेगी। लोरेस ने बताया कि एचपी स्थानीय रूप से विकसित एआई मॉडल को अपने उत्पादों में शामिल करने की योजना बना रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कंपनी स्पेन और सऊदी अरब में स्थानीय विश्वविद्यालयों और सरकारी संगठनों के साथ मिलकर स्पेनिश और अरबी भाषाओं के लिए एआई मॉडल विकसित कर रही है। इसी तरह के प्रयास भारत में भी किए जाएंगे। एचपी का लक्ष्य सिर्फ स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि भारतीय इंजीनियरों की प्रतिभा का उपयोग कर सॉफ्टवेयर विकास को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। कंपनी का मानना है कि भारतीय बाजार में उसकी वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं और आने वाले वर्षों में वह इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करेगी।
बांग्लादेश के आगे बढ़ने पर CM योगी ने उठाया सवाल, भारत में क्या कमी है?
22 Mar, 2025 05:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सवाल उठाया कि इतनी बड़ी आबादी के बावजूद भारत रेडीमेड परिधान निर्यात में बांग्लादेश से पीछे क्यों है। वह यहां पीएम मित्र योजना के तहत कपड़ा पार्क की स्थापना के लिए आयोजित निवेशक सम्मेलन में बोल रहे थे। आदित्यनाथ ने कहा कि अगर 16 करोड़ की आबादी वाला बांग्लादेश रेडीमेड परिधान निर्यात में आगे निकल सकता है, तो 140 करोड़ की आबादी वाला भारत ऐसी ही सफलता क्यों नहीं हासिल कर सकता? उन्होंने रेडीमेड परिधान क्षेत्र में संभावनाओं का जिक्र करते हुए भारत के लिए वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कपड़ा ब्रांड बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेडीमेड परिधान में अपार संभावनाएं हैं। हमारे पास विश्व बाजार का सर्वेक्षण करके वहां पहुंचने की संभावनाएं हैं।
बड़ी आबादी को काम की जरूरत
योगी ने भारत के बड़े कार्यबल को दिशा और अवसर प्रदान करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी आबादी को काम की जरूरत है, लेकिन उन्हें रास्ता दिखाने वाला कोई होना चाहिए। उन्होंने एक प्रमुख उपभोक्ता बाजार के रूप में उत्तर प्रदेश के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल राज्य के भीतर बल्कि नेपाल, भूटान, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी क्षेत्रों की एक बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करता है। योगी ने बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए पीएम मित्र पार्क के भीतर सिलाई, रंगाई, छपाई, पैकेजिंग और डिजाइनिंग सहित व्यापक सुविधाएं स्थापित करने के महत्व को रेखांकित किया।
तीन लाख से अधिक युवाओं का पंजीकरण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'युवा उद्यमी विकास अभियान' के तहत अब तक तीन लाख से अधिक युवा उद्यमियों के पंजीकरण हो चुके हैं और 32 हजार से अधिक युवाओं को ऋण स्वीकृत हो चुका है। उप्र में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना विकास अभियान (सीएम-युवा) के तहत लाभार्थी को पांच लाख रुपये तक की लागत का व्यवसाय शुरू करने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज देने की सरकार की योजना है।
1 अप्रैल से इन मोबाइल नंबरों पर UPI बंद, 31 मार्च तक बैंक करेंगे डिटेल्स रिमूव
22 Mar, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
UPI इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर है। अगर आपका बैंक से लिंक्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है तो इसे तुरंत एक्टिव करा लें। ऐसा नहीं करने पर 1 अप्रैल से आप यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। दरअसल, फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए 1 अप्रैल से UPI पेमेंट सर्विस से जुड़ा नया नियम लागू होगा। इसके तहत बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं (PSP) को 31 मार्च से पहले अपने डेटाबेस को अपडेट करना होगा ताकि इनएक्टिव या बदले हुए मोबाइल नंबरों को हटाया जा सके। इसके तहत बैंक 31 मार्च तक इनएक्टिव मोबाइल नंबर को अपने डेटाबेस से रिमूव कर देंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने धोखाधड़ी रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) पर उपलब्ध मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का उपयोग करने का निर्देश दिया है। इसके बाद इनएक्टिव मोबाइल से जुड़े यूपीआई का इस्तेमाल बंद हो जाएगा।
सप्ताह में एक बार रिकॉर्ड अपडेट करना जरूरी
एनपीसीआई ने बैंकों और गूगलपे और फोनपे जैसे यूपीआई ऐप के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार मोबाइल नंबर रिकॉर्ड अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है। यूपीआई सर्विस देने वाली कंपनियों को संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए एमएनआरएल या डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) का उपयोग करना होगा।
किसका UPI बंद हो सकता है?
अगर मोबाइल नंबर बदल गया है और बैंक के साथ अपडेट नहीं है, तो ऐसे यूजर्स यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
जिन लोगों ने अपने नंबर को बैंक में अपडेट किए बिना निष्क्रिय कर दिया है। वे यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
जिन निष्क्रिय मोबाइल नंबरों का उपयोग कॉल, एसएमएस आदि जैसी सेवाओं के लिए नहीं किया गया है, उन्हें UPI नेटवर्क से हटा दिया जाएगा।
इससे कैसे बचें?
सुनिश्चित करें कि बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर सक्रिय हैं। अगर नहीं, तो जल्द से जल्द उन्हें सक्रिय कर लेना चाहिए।
यूजर्स अपना मोबाइल नंबर UPI से जुड़े बैंक खाते के साथ अपडेट कर लें।
अगर UPI ID से जुड़ा कोई मोबाइल नंबर निष्क्रिय है, तो UPI यूजर्स 1 अप्रैल से पहले सेवाओं के बंद होने से बचने के लिए नया नंबर ले सकते हैं।
पाकिस्तान पर मेहरबान चीन, 43,000 करोड़ का आर्थिक पैकेज क्यों?
22 Mar, 2025 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर ‘प्यार’ बढ़ रहा है. तभी तो चीन एक के बाद एक कई ऐसे गिफ्ट और सामान पाकिस्तान को दे रहा है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ कर सकता है. इन सामानों की टोटल कॉस्ट या कहें डील प्राइस करीब 5 अरब डॉलर ( करीब 43,000 करोड़ भारतीय रुपये) होने वाली है.
चीन ने हाल में पाकिस्तान को दूसरी ‘हैंगोर-क्लास’ पनडुब्बी हैंडओवर की है. ये अरब सागर और हिंद महासागर में पाकिस्तान की सैन्य ताकत को बढ़ाने का काम करेगी. इसमें आधुनिक हथियार और सेंसर टेक्नोलॉजी लगाई गई है.
5 अरब डॉलर की डील
चीन और पाकिस्तान के बीच इस तरह की 8 पनडुब्बी के लिए 5 अरब डॉलर की एक डील है. अभी इसमें से दूसरी पनडुब्बी ही पाकिस्तान को डिलीवर हुई है. इसे चीन के वुहान में लॉन्च किया गया. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट के पास चीन अपनी रणनीतिक पकड़ को मजबूत कर रहा है. यहीं पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक पॉइंट पहुंचता है. चीन का पाकिस्तान को ये सपोर्ट सिर्फ पनडुब्बी तक सीमित नहीं है.
चीन लुटा रहा पाकिस्तान पर ‘प्यार’
अगर चीन और पाकिस्तान के रिश्तों को देखें, तो चीन लंबे समय से पाकिस्तान पर अपना ‘प्यार’ लुटा रहा है. पाकिस्तान की सेना में अब चीन से आए हथियारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. साल 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान ने जितने भी हथियारों का इंपोर्ट किया, उसमें से 81 प्रतिशत चीन से आए. चीन से पाकिस्तान पहुंचने वाले हथियारों की संख्या इससे पिछले 5 साल के मुकाबले इस दौरान 74 प्रतिशत बढ़ी है.
एक खबर के मुताबिक पाकिस्तान के हथियारों के कुल इंपोर्ट में चीन की हिस्सेदारी अब 63 प्रतिशत पहुंच चुकी है. खबर के मुताबिक ये रकम करीब 5.3 अरब डॉलर के आसपास होती है.
चीन के पाकिस्तान को दिए जाने वाले इस सपोर्ट भारत की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ सकता है. वहीं ये दक्षिण एशिया रीजन में शांति के प्रयासों के लिए भी एक धक्के के समान है.