व्यापार
AKI इंडिया लिमिटेड के शेयरों में बजट के बाद लगातार अपर सर्किट, कीमतों में हो रही बढ़ोतरी
3 Feb, 2025 01:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेनी स्टॉक: AKI इंडिया लिमिटेड के शेयरों में 1 फरवरी, 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के बाद से लगातार अपर सर्किट लग रहा है। इसका मतलब है कि कंपनी के शेयरों की कीमत में इतनी तेजी से वृद्धि हो रही है कि स्टॉक एक्सचेंज ने उसे एक सीमा तक बढ़ने से रोक दिया है, जो "अपर सर्किट" के रूप में जाना जाता है।
अपर सर्किट तब लगता है जब किसी स्टॉक की कीमत निर्धारित सीमा से अधिक बढ़ जाती है, जिससे बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोका जा सके और निवेशकों को नुकसान से बचाया जा सके। 1 फरवरी को बजट भाषण के बाद AKI इंडिया लिमिटेड के शेयरों में अचानक वृद्धि देखी गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि किसी खास घोषणा या उम्मीद ने इस कंपनी के शेयरों को बाजार में आकर्षित किया है।
यह वृद्धि उन निवेशकों को आकर्षित कर सकती है, जो संभावित लाभ की तलाश में हैं, खासकर तब जब सरकार की नीतियों से संबंधित सकारात्मक समाचार या लाभ की उम्मीद होती है। यह भी संभव है कि कंपनी के बिजनेस मॉडल या भविष्य की योजनाओं को लेकर कुछ नई जानकारी सामने आई हो, जो निवेशकों के बीच सकारात्मक भावना का कारण बनी हो।
कुल मिलाकर, बजट के दिन से शुरू हुई यह तेजी कंपनी के शेयरों में एक महत्वपूर्ण इंटरेस्ट और निवेशकों की दिलचस्पी को दर्शाती है, जो उनके लिए एक अच्छा संकेत हो सकता है, लेकिन इस तरह की उतार-चढ़ाव वाली स्टॉक्स में निवेश करने से पहले जोखिम का सही मूल्यांकन करना जरूरी होता है।
3 फरवरी 2025: दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का रेट 84,663 रुपये, चांदी 1,02,600 रुपये
3 Feb, 2025 01:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रेट: 3 फरवरी 2025 को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। इस दिन सोने का रेट 84,663 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि चांदी का भाव 1,02,600 रुपये प्रति किलोग्राम है।
यह वृद्धि पिछले कुछ दिनों के मुकाबले सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बदलाव को दर्शाती है। सोने की कीमतें वैश्विक आर्थिक स्थिति, महंगाई, और निवेशकों की मांग के आधार पर ऊपर-नीचे होती रहती हैं। चांदी की कीमत में भी परिवर्तन हुआ है, जो कल के रेट 1,01,700 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक है।
ऐसी कीमतों में वृद्धि से निवेशक और खरीदार दोनों प्रभावित होते हैं, क्योंकि यह उनके निवेश फैसलों और खरीदारी की क्षमता को प्रभावित करता है। इस समय सोना और चांदी दोनों की कीमतों में बढ़ोतरी से यह संकेत मिलता है कि सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है, जबकि चांदी भी धीरे-धीरे महंगी हो रही है।
एप्पल आईफोन की बिक्री में 23 प्रतिशत का बड़ा उछाल
2 Feb, 2025 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। सालाना आधार पर भारत में 2024 में एप्पल आईफोन की बिक्री में 23 प्रतिशत का जबर्दस्त उछाल दिखाई दिया। इतना ही नहीं, आईपैड की बिक्री में भी 44 प्रतिशत की मजबूत बढ़त हुई है। साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) द्वारा जानकारी में बताया गया कि 2024 में भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में एप्पल आईफोन की हिस्सेदारी बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई है। इसकी वजह स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ना और छोटे शहरों में प्रीमियमाइजेशन का बढ़ता चलन है। साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के वीपी (इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप), प्रभु राम ने कहा, कैलेंडर वर्ष 2024 में एप्पल के आईफोन और आईपैड में दोहरे अंक में मजबूत वृद्धि देखने को मिली है। इसकी वजह स्मार्टफोन में प्रीमियमाइजेशन बढ़ना है। इसके साथ ही एप्पल को घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ने और रिटेल सेगमेंट के विस्तार का फायदा मिल रहा है।भारत मध्यम वर्ग तेजी से प्रीमियम डिवाइस की तरफ आकर्षित हो रहा है। इसकी वजह केवल लाइफस्टाइल में बदलाव होना ही नहीं, बल्कि एडवांस टेक्नोलॉजी को जल्द अपनाने की आकांक्षा होना भी है। उन्होंने आगे कहा, आईफोन और आईपैड की अपील एप्पल के लिए बाजार वृद्धि का एक प्रमुख चालक बनी हुई है। वर्ष 2025 और उसके बाद भी वृद्धि के लिए पर्याप्त गुंजाइश है। भारत में एप्पल के लिए अभी भी शुरुआती दिन हैं। 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एप्पल की एंट्री भारत के शीर्ष पांच मोबाइल ब्रांड में हो गई थी।
राम के मुताबिक, आने वाले वर्ष में भारत में एप्पल की वृद्धि मजबूत गति के साथ जारी रहने की उम्मीद है, जो आक्रामक खुदरा विस्तार, टारगेटेड विपणन रणनीतियों और महत्वाकांक्षी भारतीय बाजार में गहरी पैठ से प्रेरित है। उन्होंने आगे बताया कि भारत में एप्पल के लेटेस्ट के साथ पुराने मॉडल्स की मजबूत मांग बनी हुई है। वॉल्यूम के हिसाब से कंपनी का मार्केट शेयर करीब 10 प्रतिशत पर पहुंच गया था। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के कारण कंपनी ने घरेलू बिक्री के साथ निर्यात में भी रिकॉर्ड बनाया है। 2024 में एप्पल इंडिया द्वारा 1.1 करोड़ से ज्यादा शिपमेंट की गई है।
निर्मला सीतारमण के बजट के आते ही क्यों भागने लगे स्विगी-जोमैटो के शेयर
2 Feb, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। सैलरी वाला झुनझुने से निराश चल रहा था। जब नया टैक्स रिजीम आया, तब गजब कन्फ्यूजन था। शाम तक समझ आया कि नहीं ये नया टैक्स रिजीम है, इसमें कोई 80-सी, हाउस रेंट वाली छूट नहीं है। तब सारा उत्साह फुस्स हो गया। फिर धीरे-धीरे न्यू टैक्स रिजीम को चमकाने का काम शुरू हुआ। देखते ही देखते सात लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई। फिर 72 प्रतिशत टैक्स देने वाले उस ओर चले गए। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सात लाख की लिमिट को 12 लाख कर दिया। अब 80 प्रतिशत से ज्यादा सैलरी वाले इसी में आ जाएंगे। 75000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन जोड़ने पर 12.75 लाख रुपए की सालाना इनकम टैक्स फ्री होगी। फिर हिसाब लगाया तब पता चला ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी फायदेमंद है। हां, नए न्यू टैक्स रिजीम में जाने पर टैक्स सेविंग की कठिन प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा। इसमें कोई शक नहीं कि 80 प्रतिशत टैक्स देने वाले फायदे में रहने वाले है। स्विगी-जोमैटो के शेयर इसीलिए भागे।
इस लिहाज से वित्त मंत्री का आठवां बजट खपत बढ़ाने वाला है। मध्यम वर्ग का ध्यान सालों बाद रखा गया है। लेकिन वित्त मंत्री ने बुनियाद नहीं छोड़ी। मोदी सरकार अगले साल भी 11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा रेल, रोड, बंदरगाह, एनर्जी जैसे सेक्टर्स पर खर्च करेगी। इनकम टैक्स छूट से एक लाख करोड़ रुपए सरकारी खजाने में कम जमा होने हैं, लेकिन सरकारी खर्चे में कोई कमी नहीं होगी। इतिहास बताता है कि टैक्स में छूट देने पर टैक्स देने वाले बढ़ते जाते हैं। इसके बाद हो सकता हैं कि अगले साल टैक्स देने वालों की संख्या 10 करोड़ पहुंच जाए।
इस बल्ले-बल्ले के बीच एक खाई बहुत चौड़ी होती हुई दिख रही है। टैक्स देने वालों और न देने वालों के बीच की। 140 करोड़ की आबादी में सिर्फ 8 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। यानी कुल आबादी के सात प्रतिशत से भी कम लोग रिटर्न फाइल करते है। इसमें भी पांच करोड़ जीरो टैक्स देने वाले हैं। मतलब सिर्फ रिटर्न फाइल करते हैं क्योंकि ऐसा करना लोन लेने सहित कई और बातों के लिए जरूरी है।
अब एक और आंकड़ा देखिए। हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय करीब एक लाख 72 हजार रुपए सालाना है। इसका मतलब प्रति व्यक्ति आय का सात गुना कमाने वाला भी टैक्स के दायरे से बाहर रहेगा। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत टैक्स नेट से है। 12 लाख 75 हजार रुपए से ज्यादा कमाने वाले सारे लोगों को इनकम टैक्स के दायरे में लाना चाहिए। अभी ये साफ लग रहा है कि 12.75 लाख रुपए से ज्यादा वाले कमर कस लें। ओल्ड रिजीम छोड़ दें और कुछ ज्यादा टैक्स देकर नए रिजीम में आ जाएं। वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। 2024 से 2029 जनवरी तक मिलता रहेगा। मोदी सरकार इस पर 11.80 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। लगभग उतना ही जितना 2025-26 में सरकार के पूंजीगत खर्चों का बजट है। दो लाख करोड़ रुपए हर साल का खर्च इस योजना पर हो रहा है। अगर हमें इस तरह की ऐतिहासिक योजनाओं को जारी रखना है, तब टैक्स नेट बढ़ाने पर फोकस करना ही होगा।
गर्व की बात, भारत में बनी जिम्नी 5 डोर जापान में हुई लांच
2 Feb, 2025 02:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । मारुति सुजुकी जिम्नी 5 डोर इंडिया की दूसरी कार बन गई है, जो कि जापान में लांच हुई है। इसके पहले मारुति सुजुकी फ्रोंक्स को भी जापान में लांच किया गया था। खास बात ये है कि ये दोनों कारें मेड इन इंडिया है। यानी इनकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में की गई है और बाद में इन्हें एक्पोर्ट करके जापान के बाजार में भेजा गया है।
इसके पहले अभी तक जापान में इस सब-कॉम्पैक्ट ऑफ रोडर की 3 डोर वर्जन की ही ब्रिकी होती थी। अब जापान में भी अब 5 डोर मॉडल लांच होने के बाद वहां के बाजार में भी 5 डोर मॉडल सेल होगा। मेड इन इंडिया कारों का जापान जैसे बड़े और विकसित बाजार में लांच होना भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर है। लांच से पहले ही जापान में जिम्नी 5 डोर की इमेज भी ऑनलाइन लीक हो गई थी जिससे कार के लिए बज क्रिएट हो गया था। जापान में 5 डोर जिम्नी का तस्वीर सामने आने के बाद से ही बाजार में इस कार के लिए काफी एक्साइटमेंट था। जापान में इस मॉडल को सिजलिंग रेज एंड ब्लैक ड्यूल टोन पेंट स्कीम के साथ देखा गया था।
बुकिंग्स शुरू, 25 हजार का टोकन अमाउंट देकर बुक करें ई-विटारा
2 Feb, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने बीते दिनों ऑटो एक्सपो में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार पेश की थी। तभी कंपनी ने मारुति सुजुकी ई-विटारा से पर्दा उठाया था। इसके बाद से ही ग्राहकों को इसके लांच का इंतजार है। लेकिन इस कार की अधिकारिक बुकिंग्स शुरू हो चुकी है।
25,000 रुपये का टोकन अमाउंट देकर आप अपनी कार यूनिट बुक कर सकते हैं। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अब इसका लांच करीब है। हालांकि कंपनी ने अभी तक इस कार की कीमत की घोषणा नहीं की है। ई विटारा के लांच के बाद हमें सेम प्लेटफॉर्म पर टोयोटा की इलेक्ट्रिक कार की लॉन्चिंग भी देखने को मिलेगी जिसका नाम अर्बन क्रूजर ईवी होगा। ग्रैंड विटारा के समान, ई विटारा के तीन वेरिएंट पेश किए जा सकते हैं डेल्टा, ज़ेटा और अल्फा है। बेस वेरिएंट में 49-किलोवॉट बैटरी पैक मिल सकता है, जबकि टॉप वेरिएंट 61-किलोवाट बैटरी पैक से लैस होगा। बड़े बैटरी पैक के साथ दावा की गई रेंज 500 किमी है।
ई विटारा के हाइ एंड बैटरी पैक में 120 लिथियम-आयन आधारित सेल शामिल हैं। इन्हें -30°डिग्री से 60°डिग्री के अत्यधिक तापमान में भी काम करने के लिए टेस्ट किया गया है। ईविटारा के बैटरी पैक एक अडवांस्ड थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हैं जिसमें लो-आयन कूलेंट शामिल है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ई विटारा रियल वर्ल्ड की स्थितियों के तनाव को संभाल सकती है, कंपनी ने इसे कई अलग अलग तरह की परिस्थितियों में टेस्ट किया है। मारुति ईविटारा में इको, नॉर्मल और स्पोर्ट ड्राइविंग मोड हैं। मारुति की इस इलेक्ट्रिक कार में 10.1 इंच टचस्क्रीन इंफोटेंटमेंट सिस्टम, 10.25 इंच मल्टि-इंफोर्मेशन डिस्प्ले, फ्रंट वेंटिलेटेड सीट्स, वायरलेस चार्जर के साथ हरमन का साउंड सिस्टम मिलता है।
बजट के बाद शेयर बाजार में उथल-पुथल, निर्मला सीतारमण के भाषण से उछलने के बाद गिरावट
1 Feb, 2025 04:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साल 2025-26 के बजट भाषण की शुरूआत करते ही सबसे पहले शेयर बाजार ने पहले तो उछलकर सलाम भेजा. फिर जल्दी ही सेंसेक्स और निफ्टी गोता लगाने लगे. बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स तो 136.44 अंक चढ़कर 77,637.01 अंक पर पहुंच गया था. एनएसई बेंचमार्क निफ्टी भी 20.2 अंक चढ़कर 23,528.60 अंक पर पहुंचा. बाद में सेंसेक्स 300 अंक गिरा और निफ्टी फिसलकर 23,450 के नीचे चला गया.
आईटीसी, महिंद्रा, अल्ट्राटेक दोपहर तक फायदे में रहे
बजट पेश होने के बाद शेयर बाजार की उठापटक में आईटीसी होटल्स, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट और एनटीपीसी दोपहर तक फायदे में रहे. टाइटन, कोटक महिन्द्रा बैंक, नेस्ले, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर दोपहर बाद तक लगातार पिछड़ रहे थे.
क्या बाजार को नहीं मिला बूस्टर डोज
बजट का शुरूआत में स्वागत करते हुए भी शेयर बाजार की ओर से दिखाई गई मायूसी आखिर क्या कहती है. बाजार की ओर से दिखाई गई इस मायूसी का राज आखिर क्या है. जानकारों का मानना है कि जितनी उम्मीद थी, उतनी पूरी नहीं हुई है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार कहते हैं कि बाजार विकास को बढ़ावा देने वाले उपायों की तलाश करेगा, न कि पूंजीगत लाभ और कर में बदलाव जैसे राहतों पर खुश होगा. विकास और आय में सुधार के रुझान मध्यम से लंबी अवधि में बाजार की चाल को तय करेंगे.
शुरू में अडानी पावर चार फीसदी, अडानी ग्रीन तीन फीसदी चढ़े
बजट की शुरूआत के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मजबूती देने के सरकार के संकल्प को देखते हुए निवेशकों ने अडानी पावर के शेयरों का जोरदार स्वागत किया. इस कारण अडानी पावर के शेयर शुरू में चार फीसदी ऊपर चढ़ गए. अडानी ग्रीन के शेयरों को भी शुरूआत में खूब फायदा हुआ. शुरूआती दौर में ही अडानी ग्रीन के शेयर 3.52 फीसदी तक उछाल पर थे. इसी तरह अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर भी दोपहर तक 2.46 फीसदी अधिक पर कारोबार कर रहे थे.
बजट 2025-26: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में बढ़ोतरी, वित्त मंत्री ने दी राहत
1 Feb, 2025 03:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को किसी भी असेसमेंट ईयर के लिए अपडेटिड इनकम टैक्स रिटर्न को लेकर बड़ी राहत दी है. बजट में सरकार ने आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन बढ़ाने का ऐलान किया है. पहले आपको दो साल तक का समय दिया जाता था. अब इसे बढ़ाकर चार तक कर दिया गया है. आपको बता दें कि सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपए तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स ना वसूलने का ऐलान किया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रिटर्न फाइलिंग के अलावा और कौन कौन से ऐलान किए हैं.
ये किए अहम ऐलान
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा को मौजूदा दो साल से बढ़ाकर चार साल करने का प्रस्ताव वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में रखा है.
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में उन मामलों में शिक्षा के उद्देश्यों के लिए भेजे गए धन के लिए टीसीएस (स्रोत पर एकत्रित कर) की छूट का भी प्रस्ताव रखा, जहां शिक्षा ऋण कुछ निर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से लिया गया हो.
उन्होंने कहा कि डायरेक्टर कर विवादों को निपटाने के लिए लाई गई विवाद से विश्वास 2.0 योजना का 33,000 टैक्सपेयर्स ने लाभ उठाया है.
इसके साथ ही सीनियर सिटीजंस को ब्याज से हुई आय पर कर कटौती की सीमा दोगुनी करके एक लाख रुपए करने की घोषणा भी बजट में की गई.
वित्त मंत्री ने किराए पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की सीमा को भी बढ़ाकर छह लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया है.
इसके अलावा, बजट में स्टार्टअप कंपनियों को अब कंपनी के गठन से पांच साल की अवधि तक कर लाभ मिलता रहेगा.
12 लाख की कमाई को टैक्स नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीदों के अनुरूप मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपए तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किये जाने की घोषणा की. यह छूट नई आयकर व्यवस्था में दी गयी है. स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपए के साथ नौकरीपेशा लोगों को अब 12.75 लाख रुपए तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं देना होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि कर छूट से मध्यम वर्ग के लोगों के पास खपत के लिए अधिक पैसे बचेंगे. साथ ही निवेश और बचत भी बढ़ेगी. वित्त मंत्री ने इसके साथ अलग-अलग कर स्लैब में भी बदलाव का प्रस्ताव किया.
इसके तहत, अब चार लाख रुपए सालाना आय पर कोई कर नहीं लगेगा. चार से आठ लाख रुपए पर पांच प्रतिशत, आठ से 12 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत, 12 लाख से 16 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत, 16 से 20 लाख रुपए पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपए से 24 लाख रुपए पर 25 प्रतिशत तथा 24 लाख रुपए से ऊपर की सालाना आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा. प्रत्यक्ष कर छूट से सरकारी खजाने पर एक लाख करोड़ रुपए का बोझ आएगा.
वित्त मंत्री ने की घोषणा; किराए से आय पर टीडीएस छूट सीमा 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई
1 Feb, 2025 03:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में टैक्सपेयर्स को कई मामलों में बड़ी राहत दी है. साथ ही मकान मालिकों को भी सरकार ने बंपर तौहफा दिया है. सरकार ने घोषणा की है कि किराए से आने वाली इनकम पर टीडीएस छूट की सीमा को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये तक कर दी गई है. इससे छोटे टैक्सपेयर्स को बड़ा फायदा मिलेगा होगा और साथ ही अनुपालन की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी. वहीं, अब दो घरों में भी टैक्स छूट की शर्तों पर ढील होगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में टैक्स व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण सुधारों का प्रस्ताव रखा, जिनमें खासतौर पर दूसरे घर पर टैक्स छूट की शर्तों में ढील दी गई है. इससे अब दूसरे घर में भी रहने वालों को टैक्स बेनिफिट्स का लाभ मिलेगा. पहले केवल पहले घर पर ही टैक्स छूट दी जाती थी, लेकिन अब अगर किसी के पास दो घर हैं और वह दोनों में रहते हैं, तो वह दोनों पर टैक्स बेनिफिट्स का दावा कर सकते हैं. इससे घर मालिकों को बड़ा फायदा मलेगा.
छोटे टैक्सपेयर्स को बड़ा फायदा
बजट में टीडीएस और टीसीएस की प्रणाली को सरल बनाने पर भी जोर दिया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार टीडीएस दरों और कटौती की सीमाओं को आसान बनाने के लिए काम कर रही है. वहीं, किराए पर मिलने वाली इनकम के लिए टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने से छोटे टैक्सपेयर्स को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि 6 लाख से कम लेन-देन टीडीएस के दायरे में आएंगे और इससे अनुपालन की कठिनई भी कम होगी.
अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधार लागू करना है, जिनमें टैक्सेशन, बिजली, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक सुधार शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाना है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि मोदी सरकार के तहत यह 14वां बजट है, और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व में सबसे समृद्ध बनाने के लिए एक अहम कदम है.
बजट से पहले सरकार ने घटाई एलपीजी कमर्शियल सिलेंडर की कीमत
1 Feb, 2025 11:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 11 बजे बजट पेश करेंगी। इससे पहले एलपीजी गैस सिलेंडर को लेकर राहत की खबर सामने आई है। LPG गैस सिलेंडर आज से सस्ता हो गया है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में संशोधन किया है। 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम आज से 7 रुपये कम हो गए हैं।
दिल्ली में आज से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की खुदरा बिक्री कीमत 1797 रुपये है। हालांकि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत को लेकर ऐसा कोई अपडेट सामने नहीं आया है, उसकी कीमत में अभी कोई बदलाव नहीं होगा।
घरेलू गैस सिलेंडर के दाम स्थिर
घरेलू गैस सिलेंडर यानी 14 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 1 अगस्त 2024 से कोई बदलाव नहीं हुआ है।
दिल्ली में इसकी कीमत 803 रुपये, कोलकाता में 829 रुपये, मुंबई में 802.50 रुपये और चेन्नई में 818.50 रुपये बनी हुई है।
2025 में ये दूसरी कटौती
बता दें कि 2025 में LPG सिलेंडर के दाम में यह दूसरी कटौती है। साल के पहले दिन एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में दिल्ली से मुंबई तक और कोलकाता से चेन्नई तक कटौती की गई थी। दिल्ली में 19 किलो का कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1804 रुपए कर दी गई थी। बीते 1 दिसंबर को इसकी कीमत 1818.50 रुपए थी।
वहीं मुंबई में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 15 रुपये की कटौती हुई थी। 19 किलो का कमर्शियल सिलेंडर 1771 रुपये की जगह 1756 रुपये हो गया था।
केंद्रीय बजट 2025 से पहले आर्थिक सर्वे में पेश किया गया 2047 तक का विकास रोडमैप
1 Feb, 2025 11:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Budget 2025 सरकार की दिशा विकसित भारत है और बजट से पूर्व शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने भी अपने संक्षिप्त संदेश में इस पर जोर दिया। लेकिन इसकी एक बड़ी शर्त है यह है कि कम से कम एक दशक तक आठ फीसद की ग्रोथ रेट बनी रहे। वित्त वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 में आर्थिक विकास दर के घटने की आशंकाओं के बीच इसपर ज्यादा ध्यान दिया जाना जरूरी हो गया है।
भारत में कारोबार की प्रक्रिया को आसान बनाना प्राथमिकता
सदन में शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में 2047 तक भारत को किस तरह से विकसित देश बनाया जाए, इसका एक संपूर्ण रोडमैप दिया गया है। रोडमैप में मौजूदा नियमों व कानूनों में बहुत ही व्यापक स्तर के संशोधन व बदलावों की जरूरत बताते हुए भारत में कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने को प्राथमिकता के तौर पर गिनाया है। लेकिन सुधारों की आगामी प्रक्रिया में केंद्र से ज्यादा राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण बताई गई है।
10 ऐसे सेक्टर, जहां राज्यों करना होंगे सुधार
वैसे सुधारों को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण पहले ही सरकार को सुझाव देता रहा है और उनमें से कई सुझावों पर कभी अमल नहीं हो पाता। इस बार देखना होगा कि एक दिन बाद पेश होने वाले आम बजट 2025-26 में वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन के सुझावों की बानगी दिखती है या नहीं। आर्थिक सर्वेक्षण में दस ऐसे सेक्टर बताये गये हैं जहां राज्यों को नियमों व प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
ये क्षेत्र हैं प्रशासन, भूमि, बिल्डिंग व कंस्ट्रक्शन, श्रम, बिजली-पानी जैसी सुविधाएं, ट्रांसपोर्ट, वेयरहाउस जैसे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र, कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री, पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्र। इन क्षेत्रों में राज्यों के पास इतने अधिकार हैं कि कारोबार की शुरुआत करने, उसे बंद करने की प्रक्रिया को दुरूह बनाते हैं और इससे आर्थिक गतिविधियों की राह में अड़चनें आती हैं।
सुधारवादी नीतियों को दोहराएं राज्य
राज्यों को सुझाव दिया गया है वो जिन क्षेत्रों में दूसरे राज्य बेहतर कर रहे हैं या दूसरे देशों में सुधार हो रहे हैं, उनसे सीखें और उन सुधारवादी नीतियों को दोहरायें। उदाहरण के तौर पर कुछ राज्यों ने आईटी सेक्टर में महिला कर्मचारियों को लेकर पारंपरिक नीतियों को बदला है, अन्य सभी राज्य इसका अनुसरण कर सकते हैं। जापान, दक्षिण कोरिया ने शहरी विकास व औद्योगिकीकरण को लेकर जो नीतियां लागू की हैं, राज्य उनसे भी सीख सकते हैं।
नियम आसान होंगे तभी होगा विकसित भारत के सपना साकर
विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए नियमों को आसान बनाने का काम में अब क्षणिक भी विलंब नहीं करना होगा। बिना इसके आर्थिक विकास को तेज करने के दूसरे उपायों का खास असर नहीं होगा। सर्वेक्षण ने यहां तक कहा है कि भारत विकास की जिस स्तर पर अभी है वहां पारंपरिक आर्थिक नीतियों को ही आगे बढ़ाना प्रासंगिक नहीं रहेगा।
निवेश के स्तर को बढ़ाना होगा
पूरी दुनिया में नीतियों को लेकर सोच बदला चुका है। खुले कारोबार, पूंजी व प्रौद्योगिकी के आसानी से एक देश से दूसरे देश में हस्तांतरण और वैश्विककरण वाली नीतियां अब पुराने दिनों की बात रह गई हैं। निवेश के स्तर को मौजूदा 31 फीसद (जीडीपी के अनुपात में) से बढ़ा कर 35 फीसद करने को ना सिर्फ विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बल्कि देशवासियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए भी जरूरी बताया गया है। सर्वेक्षण के मुताबिक दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान के संदर्भ में, चीन के संदर्भ में और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संदर्भ में यह साबित हो चुका है।
Rail Budget 2025: रेलवे में सुधार की दिशा में बड़े बदलाव, यात्रियों को मिल सकती है राहत
1 Feb, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बजट 2025 में भारतीय रेलवे के पूंजीगत व्यय आवंटन में 15-20% का इजाफा किया जा सकता है। यह उम्मीद इसलिए की जा रही है क्योंकि चालू वर्ष का आवंटन समय पर खर्च हो रहा है। देश के सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर के लिए बजट 2025-26 में कुल पूंजीगत व्यय आवंटन (कैपेक्स) का चालू वित्त वर्ष के ₹2.65 लाख करोड़ से बढ़ाकर ₹3 लाख करोड़ से अधिक किया जा सकता है। आने वाले बजट में सरकार का जोर आधुनिक रेलवे स्टेशन बनाने, नए दौर की ट्रेनें शुरू करने और ट्रैक नेटवर्क पर भार कम करने पर रह सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 01 फरवरी 2026 को लोकसभा में पेश करेंगी।
20% तक बढ़ाया जा सकता है रेलवे में कैपेक्स पर आवंटन
रेलवे से जुड़े एक सूत्र के अनुसार आने वाले बजट में रेलवे के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर आवंटन 20 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। रेलवे के अनुमानों के अनुसार पिछले बजट में इस मद में मिले 2.65 लाख करोड़ रुपये में से रेलवे ने अब तक करीब 80 फीसदी खर्च कर लिए हैं। एक वरीय अधिकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। उनके अनुसार वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले कैपेक्स का लक्ष्य पूरी तरह से हासिल कर लिया जाएगा।
रेल बजट में आम लोगों के खास अनुभव के लिए क्या होगा एलान?
आने वाले साल के लिए पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री आम लोगों को खास अनुभव देने के लिए रेलवे के लिए बड़ा एलान कर सकती हैं। इस बजट में सरकार की ओर से नए ट्रैक बिछाने और पुराने ट्रैकों को अपग्रेड करने के लिए ज्यादा आवंटन का एलान हो सकता है। रोलिंग स्टॉक लोकोमोटिव, वैगन और कोचों की खरीद पर भी खर्च बढ़ाया जा सकता है। सरकार की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) पर सरकार अपना खर्च बढ़ाना जारी रख सकती है। परियोजना में गति तेज करने के लिए बुलेट ट्रेन के बजट आवंटन में इजाफा किया जा सकता है। इसके अलावे, कारोबार जगत ने भी सरकार से अपील की है कि वह बड़े पूंजीगत व्ययों पर खर्च बढ़ाना जारी रखे, जिससे निजी निवेश को प्रोत्साहन मिले और नरम पड़ी वृद्धि दर दोबारा ट्रैक पर लौट सके।
पीपीपी मोड के तहत रेलवे पर खर्च बढ़ाने की तैयारी
देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्तीय वर्ष में चार साल के निचले स्तर पर पहुंचकर 6.4% रहने का अनुमान है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 8.2% था। केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय के लिए 11.1 लाख रुपये मुहैया कराए हैं। यह राशि पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित राशि 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इस राशि का बड़ा हिस्सा रेलवे और सड़क जैसी बड़ी परियोजनाओं पर खर्च किया गया है। वित्तीय वर्ष 2026 में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) के तहत निवेश लक्ष्य बढ़ाने की उम्मीद है। रेलवे ने चालू वित्तीय वर्ष में पीपीपी के तहत पूंजीगत खर्चों पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है, इसका 90% मध्य जनवरी तक खर्च किया जा चुका है।
बुनियादी ढांचे के विकास और यात्री सुविधाओं पर रहेगा सरकार का जोर
चालू वित्त वर्ष में रोलिंग स्टॉक के लिए 50,903 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना थी। नई लाइनें, गेज परिवर्तन, ट्रैक दोहरीकरण, यातायात सुविधाएं, रेलवे विद्युतीकरण, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निवेश और महानगरीय परिवहन सहित क्षमता वृद्धि कार्य के लिए आवंटन 1.2 लाख करोड़ रुपये था। इस वर्ष सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए 34,412 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। वित्तीय वर्ष 2025 में रेलवे ने बुलेट ट्रेन परियोजना को क्रियान्वित करने वाली इकाई नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) पर 21,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई थी। इस बार के बजट में इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर के काम में तेजी लाने और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। रेलवे नए वित्तीय वर्ष में आधुनिक वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का परिचालन भी शुरू करने वाला है। इससे जुड़े एलान भी बजट में हो सकते हैं। इससे लंबी यात्राओं के दौरान यात्रियों का अनुभव बेहतर होने की उम्मीद है।
बजट 2025: पीएम मोदी ने दिया बड़ा संकेत, मिडिल क्लास को राहत की उम्मीद
31 Jan, 2025 04:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पीएम नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत में मीडिया को संबोधित किया। इसमें उन्होंने संकेत दिया कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिल सकती है। पीएम मोदी ने इसके लिए धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का आह्वान भी किया।मैं प्रार्थना करता हूं कि देवी लक्ष्मी गरीब और मध्यम वर्ग पर आशीर्वाद बरसाएं। यह मेरे तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तो भारत विकसित भारत के अपने लक्ष्य को पूरा करेगा। यह बजट देश को नई ऊर्जा और उम्मीद देगा।
क्या इनकम टैक्स में मिलेगी राहत?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। उनके बजट भाषण से ठीक एक दिन पहले पीएम मोदी ने खासतौर पर मिडिल क्लास का जिक्र करके अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या बजट 2025 आम आदमी को इनकम टैक्स में राहत देगा, जिसकी जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है।
वेतनभोगी करदाताओं को उम्मीद है कि बजट में इनकम टैक्स में कटौती, दरों में बदलाव और कर के बोझ को कम करने जैसी राहत मिल सकती है। टैक्स एक्सपर्ट और अर्थशास्त्री भी नई आयकर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब को और अधिक युक्तिसंगत बनाने और मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल आय देने के लिए मानक कटौती में बढ़ोतरी की वकालत कर रहे हैं।
किस टैक्स रिजीम में मिल सकती है छूट?
सरकार का पूरा फोकस अब न्यू टैक्स रिजीम पर है। इसलिए अगर कोई राहत मिलती है, तो वो नई टैक्स व्यवस्था में ही मिलेगी। वहीं, सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म करने पर भी विचार कर सकती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 72 फीसदी टैक्सपेयर्स ने नई आयकर व्यवस्था को अपना लिया है।
क्यों मिल सकती है टैक्स में राहत?
केंद्रीय बजट 2025 ऐसे समय में पेश हो रहा है, जब जीडीपी ग्रोथ दो साल के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई है। यही वजह है कि सरकार अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स रेट में कटौती कर सकती है। इससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा, जिसके खर्च से खपत को बढ़ावा मिलेगा। आर्थिक जानकार भी सरकार को यही रास्ता सुझा रहे हैं।
भारत को 2030 तक हर साल 78.5 लाख जॉब्स की जरूरत, इकोनॉमिक सर्वे में अहम सुझाव
31 Jan, 2025 04:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के इकोनॉमिक सर्वे में कई तरह के सुझाव दिए गए हैं. जो देश इकोनॉमी को बढ़ाने में काफी कारगर साजबित हो सकते हैं. जिसमे सबसे अहम सुझाव नौकरी जेनरेट करने को लेकर है. इकोनॉमिक सर्वे में सुझाव दिया गया है कि भारत को 2030 तक सालाना 78.5 लाख नए नॉन फार्म जॉब क्रिएट करने की जरूरत है. साथ ही 100 फीसदी हासिल करने, हमारे शिक्षा संस्थानों की क्वालिटी में सुधार करने और भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचे का तैयार करने की जरूरत है. वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, वर्कफोर्स की महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं देश के डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाने और एग्री से नॉन एग्री जॉब्स तक संरचनात्मक परिवर्तन में तेजी लाने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता है.
युवाओं को प्रोडक्टिव बनाना जरूरी
सर्वे के अनुसार विकास और समृद्धि के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में, किसी भी इकोनॉमी में रोजगार की मात्रा और गुणवत्ता यह निर्धारित करती है कि आर्थिक विकास जनता तक कैसे पहुंचता है. 10-24 वर्ष की आयु वर्ग की लगभग 26 फीसदी आबादी के साथ, भारत टॉप पर है. सर्वे में कहा गया है कि भारत ग्लोबल लेवल पर सबसे . युवा देशों में से एक है. भारत की आर्थिक सफलता इस बात निर्भर करेगी कि वह अपने युवा वर्क फोर्स को कितना प्रोडक्टिव बन पाती है. इको सर्वे में कहा गया है कि डेमोग्राफिक डिविडेंड का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए क्वालिटी वाली नौकरियां पैदा करना महत्वपूर्ण है.
इसके अलावा, रीस्किलिंग, अपस्किलिंग और नई-स्किलिंग को प्राथमिकता देकर, सरकार का लक्ष्य वर्कफोर्स को ग्लोबल डिमांड के साथ जोड़ना है, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी. सर्वे के अनुसार, कंप्लायंस को सरल बनाना, लेबर फ्लेक्सीबिलिटी को बढ़ावा देना और श्रमिकों के कल्याण को मजबूत करना स्थायी नौकरी वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है. सर्वे में कहा गया है कि रेगुलेशन के माध्यम से व्यवसाय करने की निश्चित लागत कम करने से उद्यमों के लिए अधिक नियुक्तियां करने की गुंजाइश बनेगी.
डेमोग्राफिक डिविडेंड ना बन जाए डिजास्टर
बेरोजगारी की संभावित चिंता एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी पर भारी पड़ रही है. देश की इकोनॉमिक ग्रोथ चार साल में सबसे कम देखने को मिल सकती है. जिसकी वजह से देश की आर्थिक गति में दरारें उजागर हो सकती हैं. अर्थशास्त्रियों के अनुसार, बेरोजगारी से निपटने के लिए सरकार दीर्घकालिक रणनीतियां ही बनानी होंगी. उसके बिना भारत का ये डेमोग्राफिक डिविडेंड डेमोग्राफिक डिजास्टर में बदल सकता है. यह बजट न केवल 2025 के लिए दिशा तय करेगा बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के अगले चार वर्षों के लिए इकोनॉमिक ट्रैजेक्ट्री भी निर्धारित करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट में नौकरियों पर ज्यादा फोकस देखने को मिलेगा.
कितनी रह सकती है 2025 की जीडीपी
इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार मजबूत बुनियाद, सूझ-बूझ वाली राजकोषीय मजबूती का खाका और निजी खपत बने रहने के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. वैसे भारत की इकोनॉमी दुनिया के कई देशों से आगे है, लेकिन धीमी गति के हालिया संकेतों ने इसकी ट्रैजेक्ट्री को लेकर काफी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास दर घटकर 5.4 प्रतिशत रह गई, जो सात तिमाहियों में सबसे कम है, जिससे देश की बेरोजगारी चुनौतियों के समाधान के बारे में संदेह गहरा गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को 7.2 प्रतिशत से संशोधित कर 6.6 प्रतिशत कर दिया. वहीं फ्रेश आंकड़े चिंता में और ज्यादा इजाफा कर रहे हैं. सरकार द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है – जो चार साल का निचला स्तर है, जबकि वित्त वर्ष 24 में देश की ग्रोथ 8.2 फीसदी देखने को मिली थी.
UPI ट्रांजेक्शन्स के लिए NPCI ने नया नियम लागू किया, 1 फरवरी से होगी रोक
31 Jan, 2025 01:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप भी UPI से पेमेंट करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूपीआई ट्रांजेक्शन को लेकर नया नियम लागू किया है. इस नियम के तहत अब स्पेशल कैरेक्टर्स (@, #, $, %, & आदि) वाली यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी (UPI Transaction Id) को मान्य नहीं माना जाएगा. केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स (अक्षरों और अंकों) के जरिये बनी UPI Transaction Id से ही पेमेंट स्वीकार किया जा सकेगा. इसका पालन नहीं करने वाले लोगों की आईडी को ब्लॉक कर दिया जाएगा. नया नियम 1 फरवरी 2025 से लागू होगा.
NPCI ने क्यों लिया यह फैसला?
यूपीआई अब भारत से लेकर विदेशों तक डिजिटल पेमेंट का अहम जरिया बन चुका है. ई-रिक्शा, किराना दुकान, मेट्रो स्टेशन से लेकर श्रीलंका, भूटान, यूएई, मॉरीशस और फ्रांस जैसे देशों में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में यह नया नियम यूपीआई ट्रांजेक्शन को ज्यादा सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए लागू किया जा रहा है.
क्या होगा अगर UPI Transaction ID में स्पेशल कैरेक्टर्स हैं?
अगर आपकी UPI Transaction ID में स्पेशल कैरेक्टर्स शामिल हैं, तो 1 फरवरी के बाद आपका ट्रांजेक्शन ब्लॉक हो सकता है. NPCI ने सभी पेमेंट ऐप्स को निर्देश दिया है कि वे अपनी सेवाओं को नए नियम के अनुसार अपडेट करें. NPCI ने पहले भी UPI यूजर्स से कहा था कि वे अल्फान्यूमेरिक आईडी का उपयोग करें. हालांकि, अब इसे जरूरी कर दिया गया है और नियमों का पालन नहीं करने पर UPI Transaction ID ब्लॉक हो सकती है.
यूपीआई यूजर्स को क्या करना चाहिए?
अगर आपकी UPI Transaction ID में कोई स्पेशल कैरेक्टर है, तो जल्द से जल्द इसे बदल लें. अपने बैंक या पेमेंट ऐप से संपर्क करके नई अल्फान्यूमेरिक आईडी बनवाएं, ताकि 1 फरवरी के बाद भी आपके यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी बिना किसी रुकावट के चलते रहें.
भारत के डिजिटल पेमेंट्स में UPI की हिस्सेदारी 83 प्रतिशत
भारत के डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की हिस्सेदारी 2024 में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2019 में 34 प्रतिशत थी. इस दौरान यूपीआई 74 प्रतिशत के चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट में बताया गया कि समीक्षा अवधि में अन्य पेमेंट सिस्टम्स जैसे आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से गिरकर 17 प्रतिशत रह गई है. रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई देश के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है. इसकी वजह यूपीआई का उपयोग में आसान होना है.