व्यापार
नया इनकम टैक्स कानून करदाताओं की जिंदगी आसाना बनाएगा : अग्रवाल
5 Feb, 2025 06:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नया इनकम टैक्स कानून लाने की बात कही थी। इस घोषणा के बाद से ही टैक्सपेयर्स के बीच यह कयास शुरू हुआ है कि आखिर नया इनकम टैक्स कानून कैसा होगा और इसका उन पर क्या असर होगा। टैक्सपेयर्स की दुविधा और शंका को शांत कर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि नया इनकम टैक्स कानून प्रत्यक्ष कर को काफी आसान करेगा और करदाता की जिंदगी भी आसान होगी।
रिपोर्ट के अनुसार सीबीडीटी चेयरमैन ने बताया कि यह बहुत संतोष की बात है कि इस बार बजट को इतनी सकारात्मकता से लिया गया है और इतना ही नहीं हमारे करोड़ करदाता खुश हैं। टैक्स में दिया गया पूरा लाभ करीब 1 लाख करोड़ रुपये का है और इस साल का बजट लक्ष्य 22.37 लाख करोड़ रुपये है, तब यह कुल करों का 5 प्रतिशत बनता है। लोगों के हाथ में यह 1 लाख करोड़ रुपये होने का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव दिखेगा। व्यापार विकसित होगा।
सीबीडीटी चेयरमैन अग्रवाल के मुताबिक, टैक्स छूट के रूप में हमारी ओर से दिया गया पैसा वापस लौटेगा। यह कंपनियों के माध्यम से आएगा, यह व्यापार आय के माध्यम से आएगा, यह वेतन के माध्यम से भी आ सकता है, क्योंकि अगर कंपनियां बढ़ती हैं, तब वेतन भी बढ़ेगा। इस 1 लाख करोड़ रुपये की राहत का सकारात्मक प्रभाव देश की इकानामी पर दिखाई देगा। हम इस साल 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं, क्योंकि इस राहत के कारण बजट लक्ष्य 12.46 प्रतिशत रखा गया है।
सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा कि इसका फायदा उठाने के लिए दो चीजें हैं। एक करदाता को रिटर्न फाइल करना होगा और फिर अगर रिफंड बनता है, तब वह व्यक्ति रिफंड ले सकता है। रिटर्न की संख्या लगभग वहीं रहेगी। यह लगभग 9 करोड़ होगी। पहले 7 लाख रुपये तक की आय पर छूट मिलती थी, अब यह 12 लाख रुपये तक हो गई है। इस बजट में डेढ़ करोड़ करदाताओं के लिए, जो इस श्रेणी (7 से 12 लाख रुपये) में थे, उनकी टैक्स देनदारी शून्य होगी। लाभ पाने वाले वास्तविक करदाताओं की संख्या करीब 3 करोड़ होगी।
मर्सिडीज की 1954 मॉडल रेसिंग कार ने बनाया रिकॉर्ड, नीलामी में 460 करोड़ में बिकी
5 Feb, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्लिन । मर्सिडीज की 1954 मॉडल रेसिंग कार ने नीलामी में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह ऐतिहासिक ग्रां प्री कार 460 करोड़ में नीलाम हुई, जिससे यह अब तक की सबसे महंगी बिकने वाली रेसिंग कार बनी है। क्यों खास है यह मर्सिडीज रेसिंग कार? नीलामी में बनाया रिकॉर्ड यह कार एक अज्ञात खरीदार ने खरीदी, जिसकी पहचान उजागर नहीं की गई है। इसके पहले 2013 में एफ1 कार मॅकलारेन एमपी 4/4 करीब 140 करोड़ में बिकी थी, लेकिन अब इस मर्सिडीज ने नया रिकॉर्ड बनाया है। मर्सिडीज-बेंज डब्ल्यू 196 को 1954-55 में ग्रां प्री रेसिंग के लिए बनाया गया था। इस कार ने जर्मनी, स्विट्जरलैंड और इटली जैसी प्रतिष्ठित रेसों में जीत दर्ज की थी। यह मर्सिडीज के लिए उस दौर में एक नई तकनीकी क्रांति लेकर आई थी। इस ऐतिहासिक नीलामी से साफ है कि विंटेज रेसिंग कारों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और ये ऑटोमोबाइल प्रेमियों के लिए बेहद कीमती धरोहर बनती जा रही हैं।
गिरते बाजार में भी बना सोना HERO, निवेशकों को दे रहा है जबरदस्त रिटर्न
5 Feb, 2025 04:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
GOLD सोने में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। शेयर बाजार और वैश्विक बाजार में जब अनिश्चितता का माहौल है, तब सोना सबसे बड़ी सुरक्षित संपत्ति बनकर उभरा है और इसकी तेजी से बढ़ती कीमतें सीधे तौर पर यह साबित कर रही हैं। घरेलू वायदा बाजार में ही नहीं, सर्राफा बाजार में भी सोने की खुदरा कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं।
सोने ने कितना रिटर्न दिया?
वायदा बाजार की बात करें तो आज अप्रैल वायदा सोना 84,000 रुपये के पार पहुंच गया। सोने में लगातार रिकॉर्ड बन रहे हैं। MCX पर सोने ने 84,154 का नया रिकॉर्ड बनाया है। वैश्विक बाजार में भी सोने ने 2,884 डॉलर का रिकॉर्ड बनाया है। अगर रिटर्न की बात करें तो 7 दिनों में 4 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। 1 महीने में 8 फीसदी से ज्यादा की जोरदार तेजी देखने को मिली है और एक साल में सोना 33 फीसदी से ज्यादा उछला है। एमसीएक्स पर आज सुबह अप्रैल अनुबंध वाला सोना करीब 400 रुपये की तेजी के साथ 84,187 पर कारोबार कर रहा था। वहीं फरवरी अनुबंध वाला सोना 813 रुपये की जोरदार तेजी के साथ 84,400 के स्तर पर पहुंच गया था। मंगलवार को यह 83,586 पर बंद हुआ था। इस दौरान मार्च अनुबंध वाली चांदी 96 रुपये की तेजी के साथ 95,805 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी, जो कल 95,709 के स्तर पर बंद हुई थी।
सराफा बाजार में भी सोना नई ऊंचाई पर
ज्वैलर्स और रिटेलर्स की मजबूत मांग के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में लगातार पांचवें सत्र में तेजी जारी रही और यह 500 रुपये की तेजी के साथ 85,800 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। पिछले सत्र में 99.9 फीसदी शुद्धता वाला सोना 85,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इस साल सोना 1 जनवरी के 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम से 6,410 रुपये या 8.07 प्रतिशत बढ़कर 85,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने में भी लगातार पांचवें सत्र में तेजी रही और मंगलवार को यह 500 रुपये उछलकर 85,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। हालांकि, चांदी की कीमतों में पांच दिन की तेजी टूट गई और यह 500 रुपये गिरकर 95,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई, जबकि सोमवार को चांदी 96,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।
क्यों महंगा हो रहा है सोना?
अबंस होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी CEO चिंतन मेहता के अनुसार, वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच सोमवार को सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जिससे निवेशकों को सुरक्षित विकल्प माने जाने वाले इस धातु की ओर अधिक प्रीमियम पर रुख करना पड़ा। मेहता ने कहा, "भू-राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ती जा रही है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने सीमा पर सख्त कार्रवाई पर बातचीत के बाद कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ को एक महीने के लिए रोक दिया है।" उन्होंने कहा, "इस बीच, चीन के केंद्रीय बैंक ने दिसंबर में लगातार दूसरे महीने अपने स्वर्ण भंडार में वृद्धि की है।"
FMCG Stocks लुढ़के: लाल निशान में बंद हुए बाजार, मझोले शेयरों में खरीदारी
5 Feb, 2025 03:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार: बुधवार (5 फरवरी) को घरेलू शेयर बाजारों में सुस्ती देखने को मिली। पूरे दिन बाजार मामूली गिरावट के साथ कारोबार करते रहे और फिर गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी 42 अंक गिरकर 23,696 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 312 अंक फिसलकर 78,271 और बैंक निफ्टी 185 अंक उछलकर 50,343 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 458 अंकों की बढ़त के साथ 54,279 पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉल कैप 317 अंकों की बढ़त के साथ 17,115 पर बंद हुआ।
निफ्टी पर रियल्टी और एफएमसीजी इंडेक्स आज के लूजर रहे। वहीं, पीएसई, एनर्जी, सीपीएसई, मेटल इंडेक्स में तेजी रही। निफ्टी पर हिंडाल्को, आईटीसी होटल्स, ओएनजीसी, अपोलो हॉस्पिटल, बीपीसीएल में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली। वहीं, एशियन पेंट, टाइटन, नेस्ले, ब्रिटानिया, टाटा कंज्यूमर में गिरावट रही। एरिस लाइफसाइंसेज +13%, जुबिलेंट फार्मा +11%, ग्लोबल हेल्थ +10.5% और मोतीलाल ओसवाल फिन +9% बीएसई पर सबसे ज्यादा लाभ में रहे। थर्मैक्स -5.5%, फाइन ऑर्गेनिक्स -5%, सोभा लिमिटेड -4.5% और फीनिक्स मिल्स -4% सबसे ज्यादा नुकसान में रहे।
सुबह के कारोबार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई। सेंसेक्स 78,735 के उच्चतम स्तर पर गया। लेकिन इसके बाद थोड़ा मिलाजुला सत्र देखने को मिला। निफ्टी 23,807 के उच्चतम स्तर पर गया, लेकिन इसके बाद यह भी 23,771 के आसपास कारोबार करता नजर आया। बैंक निफ्टी में अच्छी तेजी देखने को मिली। और यह 50,410 के उच्चतम स्तर पर गया।
वैश्विक बाजारों से अपडेट
व्यापार युद्ध की चिंताओं में कमी और अच्छे नतीजों के साथ ही अमेरिकी बाजारों में 2 दिनों के बाद अच्छी तेजी लौटी। डाउ करीब 150 अंक चढ़ा, जबकि नैस्डैक 250 अंक से ज्यादा उछलकर दिन के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। सुबह गिफ्ट निफ्टी 70 अंक की बढ़त के साथ 23850 के करीब था। डाउ वायदा सपाट रहा, जबकि निक्केई 75 अंक ऊपर रहा। कल की भारी तेजी में एफआईआई ने नकद, इंडेक्स और स्टॉक वायदा मिलाकर 13600 करोड़ रुपये से ज्यादा खरीदे। 2 जनवरी के बाद पहली बार एफआईआई ने नकद में खरीदारी की, जबकि घरेलू फंडों ने लगातार 35 कारोबारी सत्रों की खरीदारी के बाद कल 400 करोड़ रुपये की छोटी रकम बेची। कमोडिटी बाजार की बात करें तो अप्रैल वायदा अनुबंध में सोने ने घरेलू बाजार में 84000 रुपये से ऊपर और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2875 डॉलर से ऊपर नया लाइफ हाई बनाया। चांदी 1500 रुपये उछलकर 95750 पर बंद हुई। कच्चा तेल 76 डॉलर पर सपाट देखा गया।
दालों में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, 2029 तक आयात खत्म करने के लिए 1 हजार करोड़ होंगे खर्च
5 Feb, 2025 03:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारत को दालों की आपूर्ती के लिए किसी देश की तरफ नहीं देखना पड़ेगा। 2029 तक दालों के मामले में भारत आत्म निर्भर हो जाएगा। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक हजार करोड़ का प्रावधान किया है। निर्मला सीतारमण ने कहा, हमारी सरकार अब दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए छह साल का मिशन शुरू करेगी। जिसमें तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की दाल की पैदावार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भारत मुख्य रूप से कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, मोजाम्बिक, तंजानिया, सूडान और मलावी से दालों का आयात करता है। इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य यह है कि साल 2029 तक देश में दालों की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर भारत की निर्भरता को खत्म करना है। 2025-26 के केंद्रीय बजट में इस योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस पैसे से तीन दलहन फसलों के संबंध में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आधारित खरीद और भंडारण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पिछले साल 4 जनवरी को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य घोषित किया था कि भारत 2028-29 तक दालों का आयात बंद कर देगा। अमित शाह ने नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) द्वारा तुअर (अरहर) खरीदने के कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा था, “दिसंबर 2027 तक देश को दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करनी चाहिए। हम जनवरी 2028 से एक किलो दाल भी आयात नहीं करेंगे।” पिछले साल अल नीनो मौसमी पैटर्न के कारण दालों की कीमतें बढ़ गईं, जो अधिकांश भारतीयों के लिए प्रोटीन का एक सामान्य सोर्स है। जबकि 2015-16 के बाद से कुल घरेलू उत्पादन में 37 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिससे भारत को पहले ही आयात में कटौती करने में मदद मिली है। फिर भी, दालों में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया है, जिससे कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। प्रोटीन आधारित दालों की कीमतों में तेजी इंफ्लेशन और घरेलू खर्च बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है। पिछले साल दालों में इंफ्लेशन लगभग 17 फीसदी बढ़ी, जिसका मुख्य कारण लगातार दो सालों से खराब मौसम और खराब मानसून के कारण कम उत्पादन था।
अब एटीएम से बार-बार कैश निकालने वालों को देनी होगी ज्यादा फीस
5 Feb, 2025 02:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) एटीएम से कैश निकालने वाले लोगों के लिए बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। अब एटीएम से कैश निकालना महंगा हो सकता है क्योंकि आरबीआई एटीएम इंटरचेंज फीस और मुफ्त निकासी की सीमा के बाद लगने वाले चार्ज बढ़ाने पर विचार कर रहा है। रिजर्व बैंक मौजूदा समय में महीने में 5 कैश विथड्रावल फ्री देता था लेकिन अब आरबीआई इन 5 लेनदेन की लिमिट से ज्यादा पर लगने वाले चार्ज और एटीएम इंटरचेंज फीस को बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है।
एक रिपोर्ट में जानकारी रखने वाले लोगों का हवाला देते हुए बताया गया कि एनपीसीआई ने पांच बार फ्री लिमिट पूरी होने के बाद कैश निकालने के चार्ज को मौजूदा चार्ज 21 रुपए से बढ़ाकर 22 रुपए करने की सिफारिश की है। इसके अलावा एनपीसीआई ने कैश लेनदेन के लिए एटीएम इंटरचेंज फीस को 17 रुपए से बढ़ाकर 19 रुपए करने की भी सिफारिश की गई है। इंटरचेंज फीस दूसरे बैंक के एटीएम से एक लिमिट के बाद पैसे निकालने पर लगाई जाती है यानी कि यह एटीएम सर्विस इस्तेमाल करने के बदले एक बैंक की तरफ से दूसरे बैंक को दी जाने वाली फीस है।
रिपोर्ट के मुताबिक बैंक और व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में फीस बढ़ाने की एनपीसीआई की सिफारिश से सहमत हैं लेकिन अभी इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक और एनपीसीआई ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ती महंगाई और पिछले दो सालों में 1.5-2 फीसदी की दर से बढ़ते उधार लागत, ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा खर्च, कैश रीप्लेनिशमेंट और लागत के कारण नॉन-मेट्रो शहरों में एटीएम चलाने का खर्चा तेजी से बढ़ रहा है।
8वें वेतन आयोग लागू होते ही चपरासी से अधिकारी तक की होगी बल्ले-बल्ले
5 Feb, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होगी। इसके बाद देशभर के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हो जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक 8वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी में 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर बढ़ सकती है।
जैसे चपरासी और सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है। 2.86 फिटमेंट फैक्टर से इनकी सैलरी बढ़कर 51,480 रुपए हो जाएगी, जो कि 33,480 रुपए की बढ़ोतरी होगी। वहीं लोअर डिविजन क्लर्क की सैलरी 19,900 रुपए है। इनकी सैलरी 56,914 रुपए हो जाएगी, जिसमें 37,014 रुपए की बढ़ोतरी होगी। पुलिस कॉन्स्टेबल और स्किल स्टाफ की मौजूदा सैलरी 21,700 रुपए है। 8वें वेतन आयोग के बाद इनकी सैलरी 62,062 रुपए हो जाएगी, जो कि 40,362 रुपए बढ़ेगी। पुलिस स्टेनोग्राफर और जूनियर क्लर्क की सैलरी 25,500 रुपए है। इनकी सैलरी बढ़कर 72,930 रुपए हो जाएगी, जो कि 47,430 रुपए की वृद्धि होगी।
सीनियर क्लर्क और हाई लेवल टेक्निकल ऑफिसर की मौजूदा सैलरी 29,200 रुपए है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद इनकी सैलरी 83,512 रुपए हो जाएगी, जिसमें 54,312 रुपए की बढ़ोतरी होगी। इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर की सैलरी 35,400 रुपए है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर इनकी सैलरी 1,01,244 रुपए हो जाएगी, जो कि 65,844 रुपए बढ़ेगी।
वहीं सुपरिटेंडेंट, सेक्शन ऑफिसर और असिस्टेंट इंजीनियर की मौजूदा सैलरी 44,900 रुपए है। इनकी सैलरी 1,28,414 रुपए हो जाएगी, जिसमें 83,514 रुपए की बढ़ोतरी होगी। सेक्शन ऑफिसर और असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर की सैलरी 47,600 रुपए है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद इनकी सैलरी 1,36,136 रुपए हो जाएगी, जो कि 88,536 रुपए की बढ़ोतरी होगी। डिप्टी सुपरिटेंडेंट और अकाउंट ऑफिसर की सैलरी 53,100 रुपए है। इनकी सैलरी बढ़कर 1,51,866 रुपए हो जाएगी, जिसमें 98,766 रुपए की बढ़ोतरी हो जाएगी। सिविल सर्विस के अधिकारी और ग्रुप-ए के अधिकारियों की मौजूदा सैलरी 56,100 रुपए है। 8वें वेतन आयोग लागू होने पर इनकी सैलरी 1,60,446 रुपए हो जाएगी, जो कि 1,04,346 रुपए की बढ़ोतरी होगी। इस प्रकार, 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में भारी वृद्धि होगी, जिससे कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
DeepSeek से संकट बढ़ा: चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार का असर
4 Feb, 2025 01:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गद्दी संभालने के कुछ हफ्तों के भीतर ही एक्शन लेना शुरू कर दिया है. ट्रंप ने पिछले हफ्ते एक के बाद एक टैरिफ आदेशों पर हस्ताक्षर किए. अपने वादे के मुताबिक, ट्रंप ने मेक्सिको (Mexico) और कनाडा (Canada) से आयात पर 25 फीसदी, जबकि चीन से आयात पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया है. इस बीच कनाडा से एनर्जी रिसोर्सेज के आयात पर 10 फीसदी कम टैरिफ लगेगा. ट्रंप के इस कदम से ट्रेड वॉर की संभावनाएं बढ़ गई हैं क्योंकि इस अमेरिकी फैसले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उसी दिन 155 बिलियन डॉलर के अमेरिकी सामानों पर 25% का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है|
मार्केट में दिखा असर
डॉनाल्ड ट्रंप की अचानक टैरिफ घोषणाओं के चलते अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को गिरावट आई. इस दौरान एसएंडपी 500 में 0.50 फीसदी, डाउ जोन्स (Dow Jones) इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.75% और नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट में 0.28 फीसदी की गिरावट आई. हालांकि, जनवरी में तीनों इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए थे. इसके बावजूद सोमवार की सुबह शेयर फ्यूचर्स में गिरावट आई. हालांकि, पैन-यूरोपियन स्टॉक्स 600 इंडेक्स में 0.13% की बढ़ोतरी हुई. इसने जनवरी में 6% की बढ़त दर्ज की थी, जो एसएंडपी 500 की 3% की बढ़ोतरी से ज्यादा थी|
स्थिर थी महंगाई
वॉल स्ट्रीट ने 2024 को उच्च स्तर पर समाप्त किया, लेकिन अमेरिका में महंगाई की स्थिति भी कुछ ऐसी ही बनी रही. यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट के अनुसार, दिसंबर में पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर प्राइस इंडेक्स में एनुअल बेसिस पर 2.6% की बढ़ोतरी हुई. यह नवंबर से 0.2 परसेंटेज पॉइंट ऊपर है और डॉव जोन्स के अनुमान के अनुसार है. कोर पीसीई पिछले महीने से 2.8% पर स्थिर रहा, जो उम्मीदों के अनुसार है. इसमें फूड और एनर्जी की कीमतें शामिल नहीं हैं|
Gold Rate 2025: गोल्ड के दामों में बदलाव, निवेशकों के लिए क्या है जरूरी?
4 Feb, 2025 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
old Rate Today 4 February 2025: पिछले हफ्ते 24 कैरेट सोने की कीमत में -3.04 फीसदी गिरावट दर्ज किया गया है, जबकि पिछले महीने यह बदलाव -6.84 फीसदी रहा है. 4 फरवरी 2025 को देश में 24 Carat Gold की कीमत 8421.3 रुपए प्रति ग्राम और 22 Carat Gold की कीमत 7721.3 रुपए प्रति ग्राम है. MCX पर 4 अप्रैल 2025 की डिलीवरी वाला गोल्ड 0.18 फीसदी नीचे 83,134 रुपए प्रति 10 ग्राम और 5 मार्च की डिलीवरी वाली चांदी की कीमत 0.05 फीसदी गिरकर 94,210 रुपए प्रति किलो हो गई है.
BMC Budget 2025: मुंबई में पहली बार नए टैक्स का प्रस्ताव, नागरिकों को होगा क्या असर?
4 Feb, 2025 01:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महानगरपालिका (BMC): जिसे मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (Municipal Corporation of Greater Mumbai - MCGM) भी कहा जाता है, मुंबई शहर की स्थानीय सरकार है. यह भारत का सबसे अमीर नगर निगम है और मुंबई के प्रशासन व विकास की ज़िम्मेदारी संभालता है|
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने 4 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹74,366 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.19% अधिक है|
टाटा ग्रुप का एक अहम बिजनस विदेशी हाथों में, RBI ने दी डील को हरी झंडी
4 Feb, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप ने एटीएम बिजनस से पूरी तरह किनारा कर लिया है। ग्रुप ने अपना यह बिजनस एक विदेशी कंपनी को बेच दिया है। RBI ने टाटा कम्युनिकेशंस ने टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस (TCPSL) में 100% हिस्सेदारी ऑस्ट्रेलियाई फिनटेक कंपनी Findi की भारत में सहायक कंपनी ट्रांजेक्शन सॉल्यूशंस इंटरनेशनल (TSI) को बेचने की अनुमति दे दी है। नवंबर 2024 में घोषित इस सौदे का मूल्य 330 करोड़ रुपये है। इसमें इंटरचेंज रेट एडजस्टमेंट के आधार पर अतिरिक्त 75 करोड़ रुपये शामिल हैं।
इस अधिग्रहण से भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र में मौजूदगी बढ़ेगी। कंपनी का कहना है कि वह देश में उन लोगों को सर्विस देना चाहती है जो बैंकिंग सर्विसेज से दूर हैं। कंपनी अभी एटीएम ऑपरेशन और डिजिटल पेमेंट में है। उसकी योजना पूर्ण भुगतान बैंक में बदलने की है। टाटा के एटीएम बिजनस का अधिग्रहण उसकी इसी नीति के अनुरूप है। TSI भारत में 7,500 से अधिक 'ब्राउन लेबल' एटीएम ऑपरेट करती है। कंपनी की 12 बैंकों के साथ पार्टनरशिप है जिनमें SBI, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, PNB और HDFC शामिल हैं।
क्या होगा फायदा
साथ ही कंपनी 10,000 से अधिक 'व्हाइट लेबल' एटीएम के लिए बैक-एंड ऑपरेशन को मैनेज करती है। इतना ही नहीं कंपनी FindiPay ब्रांड के तहत 50,000 से अधिक मर्चेंट्स के जरिए डिजिटल भुगतान की सुविधा भी देती है। इस अधिग्रहण के साथ Findi 4,600 से अधिक एटीएम ऑपरेट करने वाले इंडिकैश एटीएम को इंटिग्रेट करेगा और लगभग 3,000 अतिरिक्त एटीएम तक एक्सेस हासिल करेगा। इससे कंपनी का कुल नेटवर्क विभिन्न श्रेणियों में 12,000 एटीएम से आगे निकल जाएगा और वह एशिया के सबसे बड़े एटीएम ऑपरेटरों में से एक बन जाएगा।
यह 2025 में Findi का दूसरा बड़ा अधिग्रहण है। इससे पहले जनवरी में TSI ने 129,000 से ज्यादा मर्चेंट टचपॉइंट्स के साथ डिजिटल भुगतान प्रदाता BankIT का अधिग्रहण किया था। इससे उसका कुल मर्चेंट बेस 180,000 से अधिक हो गया। साल 2008 में स्थापित TCPSL ने ATM पैठ बढ़ाने के RBI की नीतियों के मुताबिक 2013 में भारत का पहला व्हाइट-लेबल ATM नेटवर्क इंडिकैश लॉन्च किया था। TCPSL भारत में सबसे बड़े व्हाइट-लेबल ATM ऑपरेटरों में से एक है।
कंपनी की निवेश योजना: भविष्य की वृद्धि को लेकर कंपनी की रणनीति
इस अधिग्रहण से Findi को व्हाइट-लेबल ATM प्लेटफॉर्म, WLA लाइसेंस, पेमेंट स्विच और एक्सटेंडेड 3,000-ATM नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी। टीएसआई ने इन एटीएम को अपने 180,000 फाइंडीपे और बैंकआईटी मर्चेंट आउटलेट्स पर स्थापित करने की योजना बनाई है। साथ ही कंपनी की योजना इन्हें मौजूदा इंडिकैश फ्रेंचाइजी में इंटिग्रेट करके अपनी वित्तीय पहुंच को और मजबूत करने की है।
ट्रंप टैरिफ टलने से रुपये की स्थिरता बढ़ी, क्या रहेगा इसका असर आगे?
4 Feb, 2025 12:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रुपया सोमवार को पहली बार डॉलर के मुकाबले 87 के पार चला गया था। लेकिन आज इसमें मजबूती आई है। रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 13 पैसे की बढ़त के साथ 86.98 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ बढ़ोतरी को लागू करने की प्रक्रिया को एक महीने टालने के बाद भारतीय मुद्रा पर कुछ दबाव कम हुआ है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी डॉलर सूचकांक जो 109.88 के स्तर को पार कर गया था, ट्रंप की शुल्क पर अस्थायी रोक की घोषणा के बाद 108.74 पर आ गया।अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 86.98 पर खुला, जो पिछले बंद भाव से 13 पैसे की बढ़त दर्शाता है। रुपया सोमवार को 49 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.11 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 108.74 पर रहा।
शेयर बाजार का हाल
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.54 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। इस बीच, घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 716.50 अंक की बढ़त के साथ 77,903.24 अंक पर, जबकि निफ्टी 199.15 अंक चढ़कर 23,560.20 अंक पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,958.37 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
कैसे ब्रोकरेज की अपसाइड प्रेडिक्शन निवेशकों को आकर्षित कर रही है?
4 Feb, 2025 12:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर मार्केट: मंगलवार को खरीदारी देखी जा रही है. ट्रेड टैरिफ को 30 दिन के लिए स्थगित करने की खबर ने एशियाई बाज़ारों को मंगलवार को बूस्ट दिया. भारतीय बाज़ारों में भी बड़ी गैप अप ओपनिंग हुई. इस बीच कुछ स्टॉक भी फोकस में रहे.
ऑइल एंड गैस सेक्टर के लार्जकैप पीएसयू स्टॉक Oil and Natural Gas Corporation Ltd के शेयर प्राइस में उछाल देखने को मिल रहा है. ब्रोकरेज हाउस के बड़े टारगेट के बाद मंगलवार को ओएनजीसी के शेयरों में 3% तक के तेज़ी देखी गई और यह 257 रुपए के लेवल पर ट्रेड करने लगा. कंपनी का मार्केट कैप 253.75 लाख करोड़ रुपए है|
क्या जेफरीज का 50% अपसाइड टारगेट इन स्टॉक्स को बना सकता है लार्ज-कैप विजेता?
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन याने ONGC पर ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अच्छा रिस्क-रिवॉर्ड रेशो बताया है और स्टॉक पर अपनी बाय रेटिंग दोहराई है. ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक पर 375 रुपये का टारगेट प्राइस निर्धारित किया है, जो कि मौजूदा स्टॉक प्राइस से 50.5% का अपसाइड टारगेट है. ब्रोकरेज के इस व्यू के बाद ONGC के शेयर BSE पर 3.2% बढ़कर 257.15 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंच गए. ब्रोकरेज फर्म ने अगले कुछ वित्तीय वर्षों (वित्त वर्ष 25-28) में मजबूत प्रोडक्शन ग्रोथ का भी हवाला दिया. जेफरीज ने वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 के लिए अपने स्टैंडअलोन अर्निंग अनुमानों को क्रमशः 2% और 4% तक संशोधित किया है, जो कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है. ब्रोकरेज ने नोट किया कि हाल की रेगुलेटरी एक्शन से ओएनजीसी की लाभप्रदता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
ओएनजीसी पर जेफरीज के पॉज़िटिव व्यू को रिस्क-रिवॉर्ड परिदृश्य द्वारा और मजबूत किया गया है, जो यह सुझाव देता है कि मौजूदा शेयर मूल्य कथित नेगेटिव रिस्क के सापेक्ष आकर्षक अपसाइड क्षमता प्रदान करता है|
ओएनजीसी के शेयर की कीमतों में ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव
पिछले एक साल में ONGC के शेयरों में 1.67% की मामूली गिरावट देखी गई है. हालांकि, इसने 6.73% का सकारात्मक वर्ष-दर-वर्ष (YTD) रिटर्न दिखाया है. छोटे टाइम फ्रेम को देखते हुए एसेट क्लास ने पिछले महीने में 2.24% की गिरावट, पिछले तीन महीनों में 6.95% की कमी और पिछले छह महीनों में 23.38% की पर्याप्त गिरावट के साथ नकारात्मक प्रदर्शन देखा है.यह एक हाई डिविडेंड यील्ड पीएसयू स्टॉक है, जिसकी डिविडेंड यील्ड 4.93 है|
डेली चार्ट पर ओएनजीसी ने 50डी ईएमए से सपोर्ट लिया है जो 244 रुपए के लेवल पर है. मोमेंटम इंडिकेटर आरएसआई भी 50 की ओर जा रहा है, जो बता रहा है कि स्टॉक ओवर सोल्ड ज़ोन से बाहर निकल रहा है.
OpenAI का 'Deep Research' टूल लॉन्च, ChatGPT के साथ अब गहरी रिसर्च पर मिलेगा ध्यान
3 Feb, 2025 02:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
AI के सेक्टर में बड़ी हलचल मच गई है। अमेरिका की टेक कंपनी Open AI ने सोमवार को अपना नया Chat GPT टूल “Deep Research” लॉन्च किया। यह लॉन्च टोक्यो में होने वाली हाई-लेवल मीटिंग्स से पहले किया गया है। इस बीच, चीन का नया AI चैटबॉट Deep Seek भी जबरदस्त चर्चा में है और सिलिकॉन वैली में तेज़ी लाने के दबाव बढ़ा रहा है।
Deep Seek ने मचाया हड़कंप, कम लागत में हाई परफॉर्मेंस
चीन के Deep Seek ने अपनी तेज़ स्पीड और किफायती मॉडल से अमेरिकी AI डेवलपर्स को चिंतित कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई AI तकनीक ने Open AI जैसे बड़े खिलाड़ियों को और तेज़ी से इनोवेशन करने के लिए प्रेरित किया है।
Open AI का दावा: घंटों का काम मिनटों में
Open AI, जिसने 2022 में अपने Chat GPT के जरिए जनरेटिव AI को ग्लोबल लेवल पर पॉपुलर बनाया था, अब “Deep Research” के साथ एक कदम आगे बढ़ चुका है। कंपनी के मुताबिक, ये टूल वो काम मिनटों में कर सकता है, जिसे करने में इंसानों को घंटों लग जाते हैं।
Open AI ने अपने बयान में कहा, “Deep Research Open AI का अगला बड़ा एजेंट है, जो आपके दिए गए प्रॉम्प्ट पर काम करते हुए वेब से सैकड़ों सोर्सेस की जानकारी जुटाएगा, उन्हें एनालाइज करेगा और एक रिसर्च एनालिस्ट के लेवल की रिपोर्ट तैयार करेगा।”
Open AI का नया AI एजेंट ‘Deep Research’: क्या है इसकी खासियत?
Open AI ने हाल ही में एक नया AI एजेंट Deep Research लॉन्च किया है, जो इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न सोर्सेज से जानकारी जुटाकर एक डीटेल रिपोर्ट तैयार कर सकता है। ये AI एजेंट किसी भी विषय पर यूजर द्वारा दिए गए इनपुट को लेकर गहराई से रिसर्च करता है और सटीक नतीजे देता है।
AI एजेंट्स को ऐसे एडवांस सिस्टम्स माना जाता है, जो बिना ज्यादा मैन्युअल गाइडेंस के मल्टी-स्टेप टास्क पूरे कर सकते हैं। Deep Research सिर्फ टेक्स्ट ही नहीं, बल्कि इमेज, ऑडियो और अन्य फॉर्मेट्स से भी डेटा कलेक्ट करता है, ताकि हर एंगल से पूरी और भरोसेमंद जानकारी दी जा सके। इसका उपयोग यूजर्स के लिए उन जटिल विषयों पर भी आसान रिपोर्ट बनाने में मदद करेगा, जिनके लिए आमतौर पर गहराई से अध्ययन की जरूरत होती है।
हालांकि, ये Open AI का पहला AI एजेंट नहीं है। इससे पहले कंपनी ने Operator एजेंट लॉन्च किया था, जो फ्लाइट टिकट बुकिंग, ग्रॉसरी ऑर्डर जैसी वेब-बेस्ड टास्क्स को हैंडल करता है। वहीं, Google भी अपने AI चैटबॉट Gemini के लिए एक “Deep Research” टूल ऑफर करता है, जो यूजर्स की ओर से वेब पर जानकारी को एनालाइज करता है।
कैसे काम करता है Deep Research?
Open AI का Deep Research एजेंट अपकमिंग Open AI o3 मॉडल पर बेस्ड है, जिसे खासतौर पर वेब ब्राउजिंग और डेटा एनालिसिस के लिए ऑप्टिमाइज़ किया गया है। ये एजेंट टेक्स्ट, इमेजेस और PDFs को इंटरनेट से खोजने, समझने और एनालाइज करने की क्षमता रखता है।
यूजर्स Chat GPT के मैसेज कंपोजर में ‘deep research’ ऑप्शन को सिलेक्ट करके अपनी क्वेरी डाल सकते हैं। वे जरूरत के अनुसार फाइल्स या स्प्रेडशीट भी अटैच कर सकते हैं ताकि एजेंट को बैकग्राउंड जानकारी मिल सके। जैसे ही रिसर्च प्रोसेस शुरू होता है, स्क्रीन पर एक साइडबार खुलता है जिसमें स्टेप्स और सोर्सेज की समरी दिखाई देती है। Open AI का कहना है कि रिसर्च की जटिलता के आधार पर ये प्रोसेस 5 से 30 मिनट तक का समय ले सकता है।
मैन्युफैक्चरिंग PMI 6 महीने के टॉप पर, जनवरी में एक्सपोर्ट और नए ऑर्डर का प्रभाव
3 Feb, 2025 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
PMI: जनवरी में भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने दमदार शुरुआत की है। दिसंबर में थोड़ी सुस्ती के बाद अब एक्सपोर्ट्स में करीब 14 साल की सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है। नए ऑर्डर्स भी जुलाई के बाद सबसे तेज रफ्तार से बढ़े हैं। इस वजह से जनवरी का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) छह महीने के टॉप लेवल पर पहुंच गया है।
HSBC और S&P Global द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार, जनवरी में PMI 57.7 रहा, जबकि दिसंबर में यह 56.4 था। बता दें कि PMI का 50 से ऊपर होना सेक्टर में ग्रोथ को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दिखाता है।
जबरदस्त एक्सपोर्ट्स और ऑर्डर्स की इस तेजी से भारतीय प्रोड्यूसर्स ने नए साल की मजबूत शुरुआत की है, जो आगे भी इकोनॉमी के लिए पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है।
सर्वे के मुताबिक, कॉस्ट प्रेशर 11 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, लेकिन मांग में तेजी के चलते कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए। इसके साथ ही बिजनेस कॉन्फिडेंस भी मजबूत हुआ है। खरीदारी में बढ़ोतरी और रिकॉर्ड लेवल पर रोजगार सृजन देखने को मिला है। नए ऑर्डर्स में उछाल की वजह बेहतर घरेलू मांग और इंटरनेशनल सेल्स में बढ़ोतरी रही। खास बात यह रही कि भारतीय प्रोडक्ट्स की अंतरराष्ट्रीय मांग में 14 साल की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई।
HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट डिमांड दोनों मजबूत बनी हुई हैं, जिससे नए ऑर्डर्स में ग्रोथ देखने को मिल रही है।” उन्होंने आगे बताया कि एम्प्लॉयमेंट PMI ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत जॉब क्रिएशन का संकेत दिया है। यह इंडेक्स अपने लॉन्च के बाद से अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
सर्वे में यह भी बताया गया कि इनपुट कॉस्ट में दूसरी बार गिरावट दर्ज हुई है, जिससे कंपनियों पर फाइनल प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने का दबाव कम हुआ है।
इसके साथ ही कंपनियां भविष्य को लेकर भी ज्यादा आशावादी हो गई हैं। लगभग 32% कंपनियों ने कहा कि वे ग्रोथ की उम्मीद कर रही हैं, जबकि सिर्फ 1% कंपनियों ने प्रोडक्शन में कमी की आशंका जताई है।
नए सर्वे के मुताबिक, भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ के संकेत बेहद मजबूत हैं। पैनल मेंबर्स का कहना है कि डिमांड में तेजी, ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध, अनुकूल आर्थिक परिस्थितियां और मार्केटिंग के प्रयास इस ग्रोथ को और बढ़ावा देंगे।
सर्वे के अनुसार, मजबूत बिक्री और सकारात्मक भविष्यवाणी के चलते कंपनियों ने वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही की शुरुआत में नए कर्मचारियों की भारी संख्या में भर्तियां कीं। रोजगार में यह बढ़त पिछले 20 वर्षों में सबसे तेज रही, जिससे यह संकेत मिलता है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एक्टिविटी अपने चरम पर है।
जनवरी में भारतीय कंपनियों ने इनपुट्स की खरीदारी में तेजी दिखाई, जो पिछले तीन महीनों में सबसे तेज रही। इन्वेंटरी बढ़ाने की कोशिशों में कंपनियां कामयाब रहीं क्योंकि सप्लायर्स ने समय पर डिलीवरी की। सर्वे के मुताबिक, वेंडर परफॉर्मेंस बीते आठ महीनों में सबसे बेहतर रही, जबकि इनपुट स्टॉक्स का जमाव अक्टूबर 2024 के बाद सबसे तेज स्तर पर पहुंच गया।