व्यापार
24% तक रिटर्न का अनुमान, 3 ब्रोकरेज ने Defence PSU Stock पर दी BUY की सलाह
27 Mar, 2025 02:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार (27 मार्च) को तेजी देखने को मिल रही है। इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाले एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, एसबीआई और इन्फोसिस जैसे शेयरों में खरीदारी से बाजार निशान में खुलने के बाद हरे निशान में लौट गया। इससे पहले बुधवार को मुनाफावसूली के चलते दोनों प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी50 और सेंसेक्स गिरावट में बंद हुए। इस बीच, मार्केट ने हालिया गिरावट के बाद रिकवरी के संकेत दिए हैं। अपने हाई से 16% तक करेक्ट होने के बाद निफ्टी और सेंसेक्स 5% से ज्यादा चढ़ गए हैं। बाजार में यह रिकवरी विदेशी निवेशकों की निचले स्तर पर खरीदारी की वजह से देखने को मिली है।
बाजार में इस मूड-माहौल को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म एंटिक ब्रोकिंग, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और मिराए एसेट शेयरखान ने डिफेन्स सेक्टर के दिग्गज स्टॉक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर लॉन्ग टर्म लिहाज से खरीदने की सलाह दी है।
Hindustan Aeronautics: मैक्सिमम टारगेट प्राइस ₹5100| रेटिंग BUY| अपसाइड 24%|
ब्रोकरेज फर्म एन्टिक ब्रोकिंग ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर अपनी BUY रेटिंग को बरकरार रखा है। इसी के साथ ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 4887 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह से स्टॉक आगे चलकर 18% का अपसाइड दिखा सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयर बुधवार को 4128 रुपये के भाव पर बंद हुए थे।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर अपनी रेटिंग को ‘ADD‘ से अपग्रेड कर ‘BUY‘ कर दिया है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को 4,065 रुपये से बढाकर 5000 रुपये कर दिया है। साथ ही स्टॉक को डिफेन्स पीएसयू में टॉप पिक बनाया है। इस तरह से स्टॉक आगे चलकर 21% का रिटर्न दे सकता है।
इसके अलावा मिराए एसेट शेयरखान ने भी अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पर पॉजिटिव आउटलुक दिया है। स्टॉक पर 5100 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह से शेयर 24% तक चढ़ सकता है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स पर ब्रोकरेज फर्मों की राय?
जीई एयरोस्पेस (GE Aerospace) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Tejas Light Combat Aircraft Mk 1A) के लिए 99 F404-IN20 इंजनों में से पहला इंजन सौंप दिया है।
एंटिक ब्रोकिंग के अनुसार, मीडियम से लॉन्ग टर्म आउटलुक में एचएएल की मजबूत ऑर्डर पाइपलाइन कंपनी को लॉन्ग टर्म बिजनेस क्षमता का आश्वासन देती है। हमारा मानना है कि स्टॉक का वैल्यूएशन आकर्षक है। इसलिए हम इसे 4,887 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ खरीदने की रेटिंग देते हैं।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा कि जीई एयरोस्पेस ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए के लिए एचएएल को 99 (संख्या) एफ404-आईएन20 इंजनों में से पहला इंजन सौप दिया है। हमारे नजरिए में यह घटनाक्रम एग्जीक्यूशन के मोर्चे पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को लेकर चिंताओं को दूर करता है।
वहीं, शेयरखान का मानना है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के पास दिसंबर तिमाही के अंत तक 1.33 लाख करोड़ रुपये की मजबूत आर्डर बुक है। साथ ही कंपनी की ऑर्डर पाइपलाइन 1.6 लाख करोड़ रुपये है। इससे अगले कुछ वर्षों में कम डबल अंकों की रेवेन्यू ग्रोथ की अच्छी संभावना बनती है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) शेयर हिस्ट्री
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का शेयर अपने हाई से अभी भी 27% नीचे कारोबार कर रहा है। पिछले एक महीने में शेयर में हलचल देखने को मिली है। इस दौरान यह 4.11% बढ़ा है। वहीं, बीते तीन और छह महीने में शेयर में क्रमश: 1.29% और 9.22% की गिरावट आई है। शेयर एक साल में 6% से ज्यादा चढ़ा है। स्टॉक का 52 वीक हाई 5,675 रुपये और लो 3,045.95 रुपये है। बीएसई पर कंपनी का मार्केट कैप (Mcap) 2,79,016 करोड़ रुपये है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज फर्म ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ी उम्मीदें, TikTok के बदले टैरिफ में छूट देने की योजना पर विचार
27 Mar, 2025 02:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने दुनियाभर में कई देशों की नींद उड़ा रखी है. अमेरिका की कमान संभालने के बाद उन्होंने साफ़ कर दिया था कि वो कई देशों पर टैरिफ लगाएंगे. अपने टैरिफ वॉर के जरिए ट्रंप ने सबसे पहले चीन को निशाना बनाया था. लेकिन अब उन्होंने इस मामले में यू-टर्न ले लिया है.
चीन पर मेहरबान हुए ट्रंप
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को संकेत दिया कि वे चीनी कंपनी बाइटडांस को शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक की बिक्री के लिए चीन पर लगाए गए टैरिफ में कटौती करने पर विचार कर सकते हैं. बाइटडांस को 5 अप्रैल तक एक गैर-चीनी खरीदार खोजने की समयसीमा दी गई है; अन्यथा, राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लग सकता है. ट्रंप पहले भी कई मौकों पर टैरिफ को अमेरिका के लिए अहम बता चुके हैं उनका मानना है कि ये टैरिफ न सिर्फ अमेरिका की इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर डालेगा बल्कि देश का कर्ज भी कम करेगा. उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद ही साफ़ कर दिया था कि उनकी रणनीति मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की है.
TikTok के बदले टैरिफ में छूट
ट्रंप ने कहा कि यदि इस समयसीमा तक कोई समझौता नहीं होता है, तो वे समयसीमा बढ़ाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “टिकटॉक के संबंध में, चीन को इसमें भूमिका निभानी होगी, संभवतः अनुमोदन के रूप में, और मुझे लगता है कि वे ऐसा करेंगे. शायद मैं इसे पूरा करने के लिए टैरिफ में थोड़ी कटौती दूं.”
ट्रंप प्रशासन पहले भी टिकटॉक के स्वामित्व को लेकर वार्ता में टैरिफ का उपयोग एक वार्ताकर्ता उपकरण के रूप में कर चुका है. जनवरी में, ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि बीजिंग टिकटॉक के साथ अमेरिकी समझौते को मंजूरी नहीं देता है, तो वे चीन पर टैरिफ लगा सकते हैं.
उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने उम्मीद जताई है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के स्वामित्व को लेकर एक समझौते की सामान्य शर्तें 5 अप्रैल तक तय हो जाएंगी. टिकटॉक, जिसे लगभग 17 करोड़ अमेरिकी उपयोग करते हैं, का भविष्य इस बिक्री पर निर्भर करता है.
भारतीय शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 400 अंक बढ़ा, निफ्टी 23,550 के ऊपर
27 Mar, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के ऑटो आयात पर नए टैरिफ की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में कमजोरी के चलते घरेलू शेयर बाजार गुरुवार (27 मार्च) को गिरावट में खुले। हालांकि, खुलने के कुछ ही देर बाद बाजार हरे निशान में लौट गया। आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और और एलएंडटी जैसे शेयरों में तेजी से बाजार ने वापसी की है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 200 से ज्यादा अंक गिरकर 77,087.39 पर खुला। हालांकि, बाद में यह बढ़त में चला गया। सुबह 9:33 बजे सेंसेक्स 218.48 अंक या 0.28% चढ़कर 77,506.98 पर कारोबार कर रहा था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ़्टी50 भी 40 अंक या 0.17 फीसदी टूटकर 23,446.35 पर ओपन हुआ। सुबह 9:33 बजे यह 64.90 अंक या 0.28% की बढ़त लेकर 23,551.75 पर कारोबार कर रहा था।
निफ़्टी ऑटो फिसला
सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी का ऑटो इंडेक्स (Nifty Auto Index) आज शुरुआती कारोबार में 1 फीसदी से ज्यादा फिसल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अमेरिका में गाड़ियों के आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसकी वजह से ऑटो शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है।
निफ्टी का सपोर्ट लेवल
निफ्टी के आउटलुक पर बजाज ब्रोकिंग ने कहा, “आगे बढ़ते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि इंडेक्स 23,850-23,200 की सीमा में समेकित होगा, जिससे हाल ही में मात्र 15 सत्रों में 1,900 अंकों की तीव्र तेजी के बाद दैनिक स्टोकेस्टिक में विकसित ओवरबॉट स्थिति से निपटा जा सकेगा। निचले स्तर पर समर्थन 23,200 के स्तर पर है, जो हाल ही में ब्रेकआउट क्षेत्र रहा है।”
बुधवार को कैसी थी बाजार की चाल?
बेंचमार्क इंडेक्स ने बुधवार को अपने सात सत्रों की बढ़त का सिलसिला समाप्त कर दिया और मासिक समाप्ति सत्र से पहले बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर स्पष्टता की कमी के बीच दूसरे हाफ में मुनाफावसूली के कारण निफ्टी 181 अंक या 0.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,486.85 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 728.69 अंक या 0.93% गिरकर 77,288.50 पर बंद हुआ था।
वैश्विक बाजारों का क्या हाल?
एसएंडपी 500 1.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,712.20 पर बंद हुआ, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42,454.79 पर बंद हुआ और नैस्डैक कंपोजिट 2.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,899.01 पर बंद हुआ। एनवीडिया के शेयरों में लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मेटा प्लेटफॉर्म और अमेज़ॅन जैसे प्रमुख तकनीकी नामों में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और अल्फाबेट में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। टेस्ला में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।
एशियाई बाजारों में गुरुवार को मिलाजुला रुख रहा। चीनी बाजारों में बढ़त दर्ज की गई। निवेशकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटो आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने का आकलन किया। जापान के बेंचमार्क निक्केई 225 में 0.99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि व्यापक टॉपिक्स में 0.48 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 0.94 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि स्मॉल-कैप कोसडैक में 0.74 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
IndusInd Bank Share: SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग की जांच शुरू की, निवेशकों को स्टॉक मूवमेंट पर नजर रखने की सलाह
27 Mar, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) की मुश्किलें बढ़ सकती है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider trading) की जांच कर रहा है। बैंक ने इस महीने की शुरुआत में बड़े डेरिवेटिव घाटे की भी जानकारी दी थी।
सेबी ने प्राइवेट सेक्टर बैंक से उसके पांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए सौदों के बारे में जानकारी मांगी है। रेगुलेटर यह जांच कर रहा है कि क्या अधिकारियों के पास ऐसी गोपनीय जानकारियां थी, जो सार्वजानिक नहीं हुई।एक रिपोर्ट ने बताया सेबी बैंक की तरफ से डिस्क्लोजर नियमों के उल्लंघन को लेकर भी जांच कर रहा है।
इंडसइंड पर अकाउंटिंग संबंधी चूकों पर भी जांच जारी
प्राइवेट सेक्टर बैंक पर धोखाधड़ी या आंतरिक चूक को लेकर भी जांच चल रही है। मुंबई स्थित बैंक ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि उसने करेंसी डेरिवेटिव्स को बुक करने के तरीके में अकॉउंटिंग चूक पाई हैं। यह कम से कम छह साल पहले की हैं और इसका अनुमानित प्रभाव लगभग 17.5 करोड़ डॉलर है।
बैंक ने ग्रांट थॉर्नटन को पड़ताल करने के लिए नियुक्त किया है, ताकि इस महीने पकड़े गए लेखा संबंधी चूकों की जांच हो सके और यह पता लगाया जा सके कि इसमें कोई धोखाधड़ी या आंतरिक चूक का सबूत है या नहीं।
इंडसइंड बैंक मैनेजमेंट में हो सकता है बदलाव
इंडसइंड बैंक ने 7 मार्च को स्टॉक एक्सचेंजों को बताया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उनके प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है, जो 23 मार्च, 2026 तक रहेगा। हालांकि, इसके फौरन बात हैरान करने वाले वाकये होने लगे।
बैंक ने 10 मार्च को बाजार में कारोबार बंद होने के बाद एक्सचेंजों को बताया कि डेरिवेटिव्स की अकाउंटिंग में उसे कुछ गड़बड़ी मिली हैं। बैंक ने ‘विस्तृत आंतरिक समीक्षा’ की, जिसमें दिसंबर 2024 की उसकी नेट वर्थ में करीब 2.35 फीसदी चोट पड़ने का अनुमान लगाया गया। इसका मतलब है कि बैंक को 1,600 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग करनी पड़ी।
इंडसइंड बैंक ने स्वतंत्र समीक्षा करने और आंतरिक जांच को परखने के लिए एक प्रतिष्ठित बाहरी एजेंसी नियुक्त की है। उसकी रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि बैलेंस शीट पर कितनी चोट पड़ी है।
इंडसइंड बैंक के शेयर में गिरावट
इस बीच, इंडसइंड बैंक के शेयर सुबह 10 बजे एनएसई (NSE) पर 6.35 रुपये या 0.97% की गिरावट लेकर 648.95 रुपये प्रति शेयर पर चल रहे थे। पिछले एक महीने में बैंक के शेयरों 38% से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं, बीते छह महीने में शेयर 55% से ज्यादा टूट चुका है। स्टॉक का 52 वीक हाई 1,576 रुपये है।
इंडसइंड बैंक भारत का पांचवां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है, जिसका बैलेंस शीट 63 बिलियन डॉलर का है। 10 मार्च को पहली बार इसकी जानकारी दिए जाने के बाद से इंडसइंड बैंक के शेयरों में 27% से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?
इनसाइडर ट्रेडिंग उसे कहा जाता है जब किसी कंपनी के बारे में गैर-सार्वजनिक या महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर शेयरों में ट्रेडिंग की जाती है। इस जानकारी तक पहुंच रखने वालों को अनुचित लाभ मिलता है। यह बाजार में अनुचित माहौल पैदा करता है, जहां कुछ निवेशकों को ऐसी जानकारी तक पहुंच मिल जाती है जो अन्य को नहीं मिल पाती।
टैरिफ विवाद: भारतीय उद्योग ने अमेरिकी सरकार से व्यापार समझौता करने की अपील की
27 Mar, 2025 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariffs) लागू किए जाने से पहले भारतीय उद्योग जगत (Indian industry) ने सरकार से अपील की है कि उसे ऐसे शुल्कों के प्रभाव से बचाया जाए। सूत्रों के अनुसार, उद्योग इस बात को लेकर चिंतित है कि इन टैरिफ का असर नौकरियों पर नकारात्मक रूप से पड़ेगा। इसी वजह से उद्योग जगत चाहता है कि इन टैरिफ के असर को कम करने के लिए भारत जल्द से जल्द अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करे।
भारत को कुछ छूट मिलने की संभावना
अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वह 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा ताकि अमेरिका से आयात पर लगाए गए टैरिफ और गैर-टैरिफ शुल्कों के बराबर शुल्क लगाया जा सके। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि भारत को उसके ऊंचे टैरिफ स्ट्रक्चर की वजह से कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उन्होंने अपना रुख कुछ नरम किया है। किसी देश का नाम लिए बिना ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल को कई देशों को कुछ छूट दी जाएगी।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा जारी
इस समय भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (bilateral trade agreement) को अंतिम रूप देने के लिए गहन चर्चा चल रही है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) के सहायक प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच (Brendan Lynch) अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम के साथ 25 मार्च से पांच दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जहां वे भारतीय पक्ष के साथ बैठकें कर रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता मंगलवार को शुरू हुई।
JSW Steel ने आर्सेलर मित्तल और न्यूकॉर को पीछे छोड़कर दुनियाभर में सबसे बड़ी स्टील कंपनी बनने का किया दावा
26 Mar, 2025 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील दुनिया की सबसे मूल्यवान स्टील उत्पादक कंपनी बन गई है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार कंपनी का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) बढ़कर करीब 30.31 अरब डॉलर पहुंच गया है। इस उपलब्धि के साथ भारत की जेएसडब्ल्यू स्टील उद्योग जगत की दिग्गज कंपनियों आर्सेलर मित्तल (27.14 अरब डॉलर) और अमेरिका की न्यूकॉर कॉर्प (29.4 अरब डॉलर) से आगे निकल गई है।
एमकैप में जेएसडब्ल्यू स्टील ने भले ही बढ़त बनाई हो मगर आय के लिहाज से आर्सेलरमित्तल उससे काफी आगे है। पिछले 12 महीनों में आर्सेलरमित्तल की आय 62.4 अरब डॉलर रही जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील ने 21.1 अरब डॉलर की आय दर्ज की। मूल्यांकन मापदंड में असमानता चौंकाने वाली है, जेएसडब्ल्यू स्टील 28.5 गुना प्राइस-टु-अर्निंग (पीई) पर कारोबार कर रहा है, जो आर्सेलरमित्तल के 20.3 गुना पीई से काफी अधिक है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार 1907 में स्थापित टाटा संस की इकाई टाटा स्टील 23 अरब डॉलर के साथ बाजार पूंजीकरण में पांचवें स्थान पर है।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि रैंकिंग में यह बदलाव वैश्विक इस्पात उद्योग की उभरती गतिशीलता को दर्शाता है, जहां भारतीय उत्पादक तेजी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
जेएसडब्ल्यू सीमेंट और जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने एक्स पर लिखा, ‘यह साझा करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि जेएसडब्ल्यू स्टील बाजार पूंजीकरण के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी बन गई है, पापा @sajjanjindal, मां @SangitaSJindal और @TheJSWGroup परिवार द्वारा की गई कड़ी मेहनत पर हमें गर्व है, हम बहुत आभारी हैं और यहीं नहीं रुकेंगे।’
पिछले तीन दशक में जेएसडब्ल्यू स्टील कर्नाटक में एक विनिर्माण इकाई से भारत की सबसे बड़ी एकीकृत स्टील उत्पादक कंपनी बन गई है। कंपनी की भारत और अमेरिका में कुल उत्पादन क्षमता 3.57 करोड़ टन सालाना है। कंपनी ने इस्पात इंडस्ट्रीज और भूषण पावर ऐंड स्टील सहित रणनीतिक अधिग्रहणों के माध्यम से अपना विस्तार किया है जिससे स्टील उद्योग में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। आर्सेलरमित्तल की कुल उत्पादन क्षमता सालाना 8.1 करोड़ टन और न्यूकॉर कॉर्प की क्षमता 2.7 करोड़ टन सालाना है। जेएसडब्ल्यू स्टील ने मार्च 2031 तक अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 5.15 करोड़ टन सालाना करने की योजना बनाई है, जिसमें से 5 करोड़ टन क्षमता भारत में होगी।
जेएसडब्ल्यू का शेयर इस साल अभी तक 17 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। सरकार द्वारा स्टील आयात पर अंकुश लगाने के प्रस्ताव से कंपनी के शेयरों में तेजी आई है। व्यापार उपचार महानिदेशालय ने कुछ गैर-मिश्र धातु और मिश्र धातु स्टील फ्लैट उत्पादों पर 200 दिनों के लिए 12 फीसदी सेफगार्ड शुल्क लगाने की सिफारिश की है। यदि वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग इसे मंजूरी देता है तो इससे जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील जैसे घरेलू उत्पादकों को लाभ मिल सकता है।
एक अलग घटनाक्रम में जेएसडब्ल्यू स्टील ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि वह इटली की अपनी सहायक इकाई पियोम्बिनो स्टील (पीएसएल) में 1,676.45 करोड़ रुपये के प्रस्तावित पुनर्खरीद के तहत 22 करोड़ से अधिक शेयर खरीदेगी। पीएसएल में जेएसडब्ल्यू की 83.28 फीसदी हिस्सेदारी है।
Samsung पर भारत में 60.1 करोड़ डॉलर की टैक्स चोरी, आरोपों का किया विरोध
26 Mar, 2025 01:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत ने सैमसंग और उसके अधिकारियों को प्रमुख दूरसंचार उपकरणों के आयात पर शुल्क से बचने के मामले में 60.1 करोड़ डॉलर का पुराना कर और जुर्माना भरने का आदेश दिया है। यह हाल के वर्षों में इस तरह की सबसे बड़ी मांगों में से एक है। एक सरकारी आदेश से यह जानकारी मिली है। यह मांग भारत में सैमसंग के पिछले साल के 95.5 करोड़ डॉलर के शुद्ध लाभ का बड़ा हिस्सा है। भारत में वह उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिकी और स्मार्टफोन बाजार की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। इसे कर न्यायाधिकरण या अदालतों में चुनौती दी जा सकती है।
गलत तरीके से वर्गीकरण
कंपनी अपने नेटवर्क अनुभाग के जरिये दूरसंचार उपकरणों का भी आयात करती है। उसे मोबाइल टावरों में इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रांसमिशन के एक महत्त्वपूर्ण पुर्जे पर 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत के शुल्क से बचने के मामले में साल 2023 में चेतावनी मिली थी क्योंकि उसने आयात को गलत तरीके से वर्गीकृत किया था। उसने इन वस्तुओं का आयात किया और उन्हें अरबपति मुकेश अंबानी की दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो को बेचा।
सैमसंग ने जांच हटाने के लिए भारत के कर अधिकारियों पर दबाव डाला और कहा कि इस पुर्जे पर शुल्क नहीं लगता और अधिकारियों को वर्षों से इसके वर्गीकरण की कवायद के बारे में पता था। लेकिन सीमा शुल्क अधिकारियों ने 8 जनवरी के गोपनीय आदेश में इससे असहमति जताई। यह आदेश सार्वजनिक नहीं है।
सीमा शुल्क आयुक्त सोनल बजाज ने आदेश में कहा कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का ‘उल्लंघन’ किया तथा ‘जानबूझकर और इरादतन सीमा शुल्क अधिकारियों के समक्ष मंजूरी के लिए झूठे दस्तावेज पेश किए।’ बजाज ने कहा कि जांचकर्ताओं ने पाया कि सैमसंग ने ‘सरकारी खजाने को धोखा देकर अपना लाभ अधिकतम करने का अपना एकमात्र उद्देश्य हासिल करने के लिए कारोबार की सभी नैतिकता और उद्योग की कार्यप्रणाली या मानकों का उल्लंघन किया।’
भारत के सात अधिकारियों पर जुर्माना
सैमसंग को 44.6 अरब रुपये (52 करोड़ डॉलर) चुकाने का आदेश दिया गया, जिसमें बकाया कर और 100 प्रतिशत जुर्माना शामिल है। आदेश से पता चलता है कि भारत के सात अधिकारियों पर 8.1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। इनमें नेटवर्क अनुभाग के उपाध्यक्ष सुंग बीम होंग, मुख्य वित्तीय अधिकारी डोंग वोन चु और महाप्रबंधक (वित्त) शीतल जैन के साथ-साथ सैमसंग के अप्रत्यक्ष करों के महाप्रबंधक निखिल अग्रवाल शामिल हैं।
एयर इंडिया का अगला बड़ा सौदा: Tata Group बोइंग और एयरबस से करेगी अरबों डॉलर का समझौता
26 Mar, 2025 01:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया बोइंग और एयरबस से दर्जनों वाइडबॉडी विमान खरीदने के लिए कई अरब डॉलर के नए ऑर्डर की संभावनाएं तलाश रही है। उद्योग सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे टाटा समूह के तहत एयर इंडिया में बदलाव को रफ्तार देने में मदद मिलेगी।
एयरबस ए350 और बोइंग 777एक्स
सूत्रों ने बताया कि नए ऑर्डर में एयरबस ए350 और बोइंग 777एक्स जैसे मॉडलों के 30 से 40 विमान शामिल हो सकते हैं। एक सूत्र ने तो यह भी कहा कि सौदा 50 से अधिक विमानों का हो सकता है। ऑर्डर के विवरण को फिलहाल अंतिम रूप नहीं दिया गया है। नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा, ‘पेरिस एयर शो (जून में) के आसपास चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।’ इस बाबत जानकारी के लिए एयर इंडिया को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया। बोइंग और एयरबस ने इस मुद्दे पर टिप्पणी से इनकार किया।’
एयर इंडिया ने 2023 में दोनों विमान आपूर्तिकर्ताओं से 470 विमान खरीदने के लिए भारी-भरकम ऑर्डर दिया था। पिछले साल 100 अन्य एयरबस विमानों का ऑर्डर दिया गया था। मगर उनमें अधिकतर विमान नैरोबॉडी वाले थे।
वैश्विक बाजार में अपनी खोई हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी
वाइडबॉडी विमानों के इस ऑर्डर से एयर इंडिया को वैश्विक बाजार में अपनी खोई हिस्सेदारी वापस हासिल करने के लिए आधुनिकीकरण योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
दोनों विमान आपूर्तिकर्ताओं के लिए एयर इंडिया के इस ऑर्डर में 50 एयरबस ए350, 10 बोइंग 777एक्स और 787 ड्रीमलाइनर के 20 विमान शामिल हैं। एयर इंडिया ऐसे समय यह ऑर्डर देने जा रही है जब भारत से अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर यात्रियों की आवाजाही बढ़ रही है। मूडीज की स्थानीय रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसमें 15-20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है। यह घरेलू हवाई यात्रा में दर्ज 7-10 फीसदी की वृद्धि से अधिक है।
पोस्ट ऑफिस की नई योजना: ₹2,00,000 पर ₹29,776 का सालाना ब्याज
26 Mar, 2025 11:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Post Office Schemes: पोस्ट ऑफिस यानी डाकघर अपने ग्राहकों को डाक सेवाओं के साथ-साथ तमाम बैंकिंग सेवाएं भी मुहैया कराता है। डाकघर में निवेश योजनाओं के साथ-साथ बचत खाते, आरडी और एफडी जैसी बचत योजनाओं में भी खाता खुलवाया जा सकता है। पोस्ट ऑफिस में बचत योजनाओं के तहत खाता खुलवाने पर आपको न सिर्फ बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है बल्कि यहां आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित भी रहता है। पोस्ट ऑफिस की एक स्कीम ऐसी भी है, जिसमें आप 2 लाख रुपये जमा कर 29,776 रुपये का फिक्स ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस में 2 साल की टीडी पर मिल रहा है 7% का ब्याज
जिस तरह देश के तमाम बैंक अपने ग्राहकों के लिए एफडी (फिक्स्ड डिपोजिट) खाते खोलते हैं, उसी तरह, पोस्ट ऑफिस भी अपने ग्राहकों के लिए टीडी (टाइम डिपोजिट) खाते खोलता है। पोस्ट ऑफिस का टीडी , बिल्कुल बैंकों के एफडी खाते की तरह ही होता है। पोस्ट ऑफिस अपने ग्राहकों को 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल की अवधि के लिए टीडी खाते खोलने की सुविधा प्रदान करता है। केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाला पोस्ट ऑफिस टीडी खातों पर 6.9 प्रतिशत से लेकर 7.5 प्रतिशत तक का ब्याज दे रहा है। पोस्ट ऑफिस में 2 साल की टीडी पर 7.0 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है।
2 लाख रुपये जमा करें तो मैच्यॉरिटी पर मिलेंगे कुल 2,29,776 रुपये
पोस्ट ऑफिस की टीडी स्कीम में देश का कोई भी नागरिक खाता खुलवा सकता है। टीडी खाते में आप कम से कम 1000 रुपये जमा कर सकते हैं, जबकि इसमें अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है। ग्राहक अपनी मर्जी के हिसाब से इसमें जितना मर्जी, उतना पैसा जमा करा सकता है। पोस्ट ऑफिस में 2 साल की टीडी में अगर 2 लाख रुपये जमा किए जाएं तो मैच्यॉरिटी पर आपको कुल 2,29,776 रुपये मिलेंगे, जिसमें 29,776 रुपये का शुद्ध और फिक्स शामिल है। टीडी खाता खुलवाने के साथ ही आपको ये मालूम चल जाता है कि मैच्यॉरिटी पर आपको कुल कितने रुपये मिलेंगे। डाकघर में टीडी खाता खुलवाने के लिए आपके पास डाकघर का ही बचत खाता होना जरूरी है।
SBI की आकर्षक स्कीम: ₹2,00,000 निवेश पर पाएं गारंटीड ₹19,859 का ब्याज
26 Mar, 2025 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
SBI Special Scheme: देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने ग्राहकों के लिए कई तरह की स्कीम चला रहा है। एसबीआई अपने ग्राहकों को सेविंग्स अकाउंट, करेंट अकाउंट, एफडी अकाउंट, आरडी अकाउंट जैसे तमाम बैंकिंग प्रोडक्ट्स मुहैया कराता है। आज हम यहां आपको एसबीआई की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर ग्राहकों को बंपर रिटर्न मिल रहा है। जी हां, हम यहां एसबीआई की स्पेशल एफडी स्कीम 'अमृत वृष्टि' की बात कर रहे हैं। 'अमृत वृष्टि' स्कीम के तहत, एसबीआई अपने ग्राहकों को एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज देता है।
444 दिनों में मैच्यॉर होती है 'अमृत वृष्टि' एफडी स्कीम
एसबीआई अपने ग्राहकों को 'अमृत वृष्टि' एफडी स्कीम के तहत सामान्य नागरिकों को 7.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। बताते चलें कि एसबीआई की किसी भी अन्य एफडी स्कीम पर ग्राहकों को इतना ब्याज नहीं मिलता है। एसबीआई की 'अमृत वृष्टि' एफडी स्कीम के तहत आप 3 करोड़ रुपये तक जमा करा सकते हैं। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक की ये एफडी स्कीम 444 दिनों में मैच्यॉर होती है। मैच्यॉरिटी के बाद एफडी खाते में जमा सारे पैसे आपके बचत खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
31 मार्च, 2025 को बंद होने जा रही है एसबीआई की ये स्पेशल स्कीम
इस स्कीम में अगर कोई वरिष्ठ नागरिक 2,00,000 रुपये जमा करता है तो उसे मैच्यॉरिटी पर कुल 2,19,859 रुपये मिलेंगे। इसमें 19,859 रुपये का शुद्ध और फिक्स ब्याज शामिल है। वहीं दूसरी ओर, अगर कोई सामान्य व्यक्ति (60 साल से कम उम्र वाले) इस स्कीम में 2,00,000 रुपये जमा करता है तो उसे मैच्यॉरिटी पर कुल 2,18,532 रुपये मिलेंगे। इसमें 18,532 रुपये का फिक्स ब्याज शामिल है। एसबीआई एक सरकारी बैंक है, जो केंद्र सरकार के कंट्रोल में काम करता है। लिहाजा, इस स्कीम में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। बताते चलें कि एसबीआई की ये स्पेशल एफडी स्कीम 'अमृत वृष्टि' 31 मार्च, 2025 को बंद होने जा रही है। ये स्कीम सोमवार, 31 मार्च को बैंक बंद होने के साथ ही बंद हो जाएंगी।
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम बंद होने के बाद क्या होगा आपके सोने का?
26 Mar, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार ने बेहतर होती बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (GMS) को बुधवार से बंद करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) व्यक्तियों या संस्थाओं को उनके घर में पड़े सोने से पैसे कमाने का अवसर प्रदान करती है। यह योजना जमा किए गए सोने के लिए मूलधन और ब्याज राशि प्रदान करती है और जमाकर्ताओं को सोने की कीमतों में वृद्धि से लाभ देती है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि बैंक एक से तीन साल वाली अपनी अल्पकालिक स्वर्ण जमा योजनाओं को जारी रख सकते हैं। सरकार स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत नवंबर, 2024 तक लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटा चुकी थी।
15 सितंबर, 2015 को शुरू हुई थी
सरकार ने इस योजना की घोषणा 15 सितंबर, 2015 को की थी। इसे लाने का उद्देश्य लंबी अवधि में सोने के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के साथ देश में परिवारों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को जुटाना था ताकि इसका उपयोग उत्पादक उद्देश्यों के लिए किया जा सके। जीएमएस में अल्पकालिक बैंक जमा (एक-तीन वर्ष), मध्यम अवधि सरकारी जमा (पांच-सात वर्ष) और दीर्घकालिक सरकारी जमा (12-15 वर्ष) के रूप में तीन घटक शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के प्रदर्शन की पड़ताल और बाजार की उभरती स्थितियों के आधार पर 26 मार्च, 2025 से जीएमएस के मध्यम अवधि और दीर्घकालिक सरकारी जमा वाले घटकों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।’’ हालांकि, जीएमएस के तहत बैंकों द्वारा पेश की जाने वाली अल्पकालिक बैंक जमा (एसटीबीडी) की सुविधा बैंकों के अपने विवेक पर जारी रहेगी। बैंक वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन कर एसटीबीडी को जारी रखने का फैसला कर सकते हैं। इस संबंध में रिजर्व बैंक के विस्तृत दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।
पहले से जमा है सोना तो क्या होगा?
मंत्रालय ने कहा कि जीएमएस के मध्यम-अवधि वाले घटक के तहत कोई भी सोना जमा 26 मार्च, 2025 से स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेकिन इस घटक के तहत मौजूदा जमा GMSके मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप अवधि पूरी होने तक जारी रहेगा। नवंबर, 2024 तक जमा कुल 31,164 किलोग्राम सोने में से अल्पकालिक स्वर्ण जमा 7,509 किलोग्राम, मध्यम अवधि स्वर्ण जमा (9,728 किलोग्राम) और दीर्घकालिक स्वर्ण जमा (13,926 किलोग्राम) था। जीएमएस में लगभग 5,693 जमाकर्ताओं ने भाग लिया। सोने की कीमतें एक जनवरी, 2024 को 63,920 रुपये प्रति 10 ग्राम से 26,530 रुपये यानी 41.5 प्रतिशत बढ़कर 90,450 रुपये प्रति 10 ग्राम (25 मार्च 2025 तक) हो गई हैं।
IMF ने भारत की आर्थिक स्थिति पर दी सकारात्मक रिपोर्ट, पाकिस्तान को लेकर की आलोचना
25 Mar, 2025 06:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत की वित्तीय प्रणाली तीव्र आर्थिक वृद्धि और महामारी का अच्छी तरह सामना करने की वजह से अधिक जुझारू और विविधतापूर्ण हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। आईएमएफ और विश्व बैंक की संयुक्त पहल ‘वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन कार्यक्रम’ (एफएसएपी) के तहत किसी भी देश के वित्तीय क्षेत्र का व्यापक और गहन विश्लेषण किया जाता है। मुद्राकोष ने 2024 के दौरान किए गए मूल्यांकन के आधार पर नवीनतम भारत-एफएसएपी रिपोर्ट जारी की है जबकि पश्चिम बंगाल की वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन रिपोर्ट का अभी प्रकाशन होने वाला है। वहीं, दूसरी ओर आईएमएफ ने अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए एसआईएफसी को कर छूट देने से इनकार कर दिया है। आईएमएफ ने इससे पहले पाकिस्तान की विशेष निवेश सुविधा परिषद (एसआईएफसी) से दो अरब डॉलर की चघी-ग्वादर रेलवे ट्रैक परियोजना सहित अंतरराष्ट्रीय निवेश परियोजनाओं को कर छूट देने से परहेज करने का आग्रह किया था। आईएमएफ और पाकिस्तान अगले बजट को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसे जल्द ही संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है।
रिजर्व बैंक ने बयान जारी किया
रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘आईएमएफ-विश्व बैंक की संयुक्त टीम द्वारा उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भारतीय वित्तीय प्रणाली के मूल्यांकन का भारत स्वागत करता है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में पिछला एफएसएपी आने के बाद से भारत की वित्तीय प्रणाली अधिक जुझारू और विविधतापूर्ण हो गई है, जो तीव्र आर्थिक वृद्धि से प्रेरित है। इसके मुताबिक, भारतीय वित्तीय प्रणाली 2010 के दशक के संकटपूर्ण प्रकरणों से उबर गई और महामारी का भी अच्छी तरह सामना किया। एनबीएफआई और बाजार वित्तपोषण में वृद्धि हुई है, जिससे वित्तीय प्रणाली अधिक विविध और परस्पर जुड़ी हुई है। सरकारी स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दबाव परीक्षण से पता चलता है कि मुख्य ऋण देने वाले क्षेत्र कुछ कमजोरियों के बावजूद व्यापक रूप से वृहद वित्तीय झटकों को लेकर जुझारू बने हुए हैं।
भारत का बीमा क्षेत्र बढ़ रहा
बैंकों और एनबीएफसी के पास गंभीर वृहद वित्तीय परिदृश्यों में भी मध्यम ऋण देने के लिए पर्याप्त कुल पूंजी है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के विनियमन और पर्यवेक्षण पर मुद्राकोष ने नियामकीय ढांचे के साथ एनबीएफसी की विवेकपूर्ण जरूरतों के लिए भारत के व्यवस्थित दृष्टिकोण को स्वीकार किया। मुद्राकोष ने यह भी स्वीकार किया कि उभरते जोखिमों के प्रबंधन और उन पर लगाम के लिए प्रतिभूति बाजारों में नियामकीय ढांचे को अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के अनुरूप बढ़ाया गया है। रिपोर्ट कहती है कि भारत का बीमा क्षेत्र मजबूत होने के साथ बढ़ रहा है, जिसमें जीवन और साधारण बीमा दोनों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है। इस रिपोर्ट ने पाया कि भारतीय अधिकारियों ने खासकर बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा जोखिम निगरानी को उन्नत किया है।
PM मोदी ने ट्रंप कार्ड के जवाब में बड़ा ऐलान, अमेरिका को दो लाख करोड़ रुपये माफ किए जाएंगे
25 Mar, 2025 06:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत सरकार समझ चुकी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दुनिया के सभी देशों को जिस टैरिफ चक्रव्यू में फंसाना चाहते हैं, उससे बाहर निकलना ही होगा. फिर चाहे उसकी कितनी ही कीमत क्यों ना चुकानी पड़े. इसका कारण भी है. अगर भारत और बाकी देश थोड़ी बहुत कीमत नहीं चुकाते हैं, तो ट्रंप के टैरिफ से जो नुकसान होगा. उसे झेल पाना किसी देश के बस की बात नहीं है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार भी ये बात पूरी तरह से समझ चुकी है. शायद इसलिए ही सरकार अमेरिकी सामानों के टैरिफ को माफ करने में जुट गई है.
वास्तव में भारत या यूं कहें पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ‘ट्रंप कार्ड’ का तोड़ निकाल लिया है. इसके लिए सरकार अमेरिकी सामान के इंपोर्ट पर 23 बिलियन डॉलर यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपए माफ करने की तैयारी भी कर रही है. उसका कारण भी है. इस 23 बिलियन डॉलर के चक्कर में अमेरिका से आने वाले 66 बिलियन डॉलर को नहीं गंवाना चाहती है, जो भारत को अमेरिका में एक्सपोर्ट करके मिलते हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत ऐसी कौन सी प्लानिंग कर रहा है, जिसमें वो 23 बिलियन डॉलर कुर्बान करने को तैयार हो गया है.
23 बिलियन डॉलर का टैरिफ हटाने का प्लान
भारत दोनों देशों के बीच चल रही ट्रेड डील के पहले फेज में 23 बिलियन डॉलर के आधे से अधिक अमेरिकी इंपोर्ट पर टैरिफ में कटौती करने के लिए तैयार है, दो सरकारी सूत्रों ने कहा, यह बीते कई सालों में देखे जाने वाली सबसे बड़ी कटौती है. जिसका उद्देश्य पारस्परिक टैरिफ से बचना है. दक्षिण एशियाई राष्ट्र भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पारस्परिक टैरिफ के प्रभाव को कम करना चाहता है, जो 2 अप्रैल से प्रभावी होने वाले हैं. ये एक ऐसा बड़ा खतरा जिसने बाजारों को बाधित किया है और पॉलिसी मेकर्स को परेशान किया है.
दो सरकारी सूत्रों ने जानकारी देते कहा कि एक इंटरनल ऐनालिसिस में, नई दिल्ली ने अनुमान लगाया कि इस तरह के पारस्परिक टैरिफ संयुक्त राज्य अमेरिका को 66 बिलियन डॉलर के उसके कुल निर्यात का 87 फीसदी प्रभावित करेंगे. दोनों सूत्रों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि समझौते के तहत भारत अपने द्वारा इंपोर्ट किए गए 55 फीसदी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करने के लिए तैयार है, जिन पर अभी 5 से 30 फीसदी तक टैरिफ लगता है.
भारत का टैरिफ 6 गुना ज्यादा
एक सूत्र ने बताया कि इस कैटेगिरी के सामानों में भारत, अमेरिका से आयातित 23 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के सामानों पर टैरिफ को “काफी हद तक” कम करने या कुछ को पूरी तरह से खत्म करने के लिए तैयार है. अभी तक संबंधित मंत्रालय, पीएमओ और संबंधित डिपार्टमेंट की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल मिलाकर अमेरिका का औसत टैरिफ लगभग 2.2 फीसदी रहा है, जबकि भारत का 12 फीसदी रहा है. भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 45.6 बिलियन डॉलर है. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने एक प्रारंभिक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने और टैरिफ पर अपने गतिरोध को हल करने की दिशा में बातचीत शुरू करने पर सहमति व्यक्त की.
टैरिफ पहले समझौता चाहता है भारत
भारत पारस्परिक टैरिफ की घोषणा से पहले एक समझौता करना चाहता है और दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच मंगलवार से व्यापार वार्ता के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. भारत सरकार के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के आधे से अधिक आयातों पर शुल्क में कटौती पारस्परिक कर से राहत प्राप्त करने पर निर्भर करती है. अधिकारियों में से एक ने कहा कि शुल्क में कटौती का फैसला आखिरी नहीं था, टैरिफ में व्यापक कटौती के बजाय सेक्टोरल एडजस्टमेंट और उत्पाद-दर-उत्पाद वार्ता जैसे अन्य विकल्पों पर चर्चा की जा रही थी. अधिकारियों में से एक ने कहा ने कि भारत समान रूप से बाधाओं को कम करने के लिए व्यापक टैरिफ सुधार पर भी विचार कर रहा है, लेकिन ऐसी चर्चाएं शुरुआती फेज में हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत में तुरंत शामिल नहीं हो सकती हैं.
टैरिफ पर अड़े ट्रंप
भले ही मोदी नवंबर में ट्रंप को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देने वाले पहले नेताओं में से थे, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को “टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला” और “टैरिफ किंग” कहना जारी रखा हुआ है, और किसी भी देश को टैरिफ से नहीं बख्शने की कसम खाई है. दोनों सोर्सेस ने कहा कि नई दिल्ली ने पारस्परिक कर के कारण मोती, खनिज ईंधन, मशीनरी, बॉयलर और बिजली के उपकरणों जैसी वस्तुओं पर टैरिफ में 6 फीसदी से 10 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को उसके निर्यात का आधा हिस्सा बनाते हैं.
दूसरे अधिकारी ने कहा कि पारस्परिक शुल्क के कारण 11 बिलियन डॉलर के फार्मास्यूटिकल और ऑटोमोटिव निर्यात पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि वे अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं. अधिकारी ने कहा कि नए टैरिफ इंडोनेशिया, इज़राइल और वियतनाम जैसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं को लाभ पहुंचा सकते हैं. मोदी के सहयोगियों और विपक्ष द्वारा राजनीतिक स्वीकृति सुनिश्चित करने के लिए, भारत ने वार्ता के लिए स्पष्ट सीमा रेखाएं निर्धारित की हैं.
ये भी है प्लान
तीसरे सरकारी अधिकारी ने कहा कि मांस, मक्का, गेहूं और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ जो अब 30 फीसदी से 60 फीसदी तक है, बंद कर दिया गया है. लेकिन बादाम, पिस्ता, दलिया और क्विनोआ पर टैरिफ में ढील दी जा सकती है. चौथे अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली ऑटोमोबाइल टैरिफ में चरणबद्ध कटौती के लिए भी दबाव बनाएगी, जो अब प्रभावी रूप से 100 फीसदी से अधिक है. इस मामले में देश के व्यापार सचिव ने 10 मार्च को संसदीय स्थायी समिति के सामने भारत की कड़ी चाल पर की गई गई टिप्पणियों और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक की टिप्पणियों को रखा.
बंद कमरे में हुई बैठक में शामिल दो लोगों के अनुसार, सुनील बर्थवाल ने समिति को बताया कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका को एक व्यापारिक भागीदार के रूप में खोना नहीं चाहता, लेकिन साथ ही उन्होंने कसम भी खाई कि “हम अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे. लुटनिक ने भारत से इस साल हाई-एंड मोटरसाइकिल और बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ में कटौती करने के बाद “बड़ा सोचने” के लिए कहा है.
लोकसभा में फाइनेंस बिल पास, गूगल टैक्स और ऑनलाइन विज्ञापनों पर पड़ेगा असर
25 Mar, 2025 05:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संशोधित वित्तीय बिल 2025 को पेश किया था, जिसे पास कर दिया गया है. इन संशोधनों में ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट पर 6 प्रतिशत डिजिटल टैक्स या गूगल टैक्स को खत्म करने सहित 25 संशोधन शामिल है. इसी के साथ लोकसभा से इस बिल को प्रक्रिया पूरी हो गई है.
वित्तीय बिल 2025
इसके बाद, अगर राज्यसभा से भी संशोधित वित्तीय बिल 2025 को मंजूरी मिल जाती है तो यह विधेयक पूरा हो जाएगा. केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपए का व्यय भी प्रस्तावित किया गया है, जो मौजूदा वित्त साल के मुकाबले 7.4 प्रतिशत ज्यादा है.
ऑनलाइन विज्ञापन
वित्त मंत्री ने संसद में इस प्रस्ताव को पेश करने के दौरान कहा कि, मैंने विज्ञापनों के लिए 6 प्रतिशत समीकरण शुल्क रद्द करने का प्रस्ताव रखा है. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक स्थिति में अनिश्चितता को दूर करने के लिए ऑनलाइन विज्ञापनों पर समीकरण शुल्क खत्म कर दिया जाएगा.
वित्त साल 26 के लिए इतना प्रस्तावित बजट
वित्त साल 2025-26 के लिए प्रस्तावित बजट में 5,41,850.21 करोड़ रुपए का आवंटन केंद्र सरकार से समर्थित योजनाओं के लिए किया गया है, जबकि मौजूदा वित्त साल में यह अमाउंट 4,15,356.25 करोड़ रुपए थी. कुछ कारणों से वित्त साल 2025-26 के लिए बजट में खर्च को बढ़ा दिया गया है.
राजकोषीय घाटा इतना फीसदी रहने की उम्मीद
इसके अलावा, इस फाइनेंशियल ईयर 2026 में राजकोषीय घाटा 4.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है, जबकि मौजूदा कारोबारी साल में यह 4.4 प्रतिशत है. वहीं आने वाले वित्त साल के लिए ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स 3,56,97,923 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है वहीं मौजूदा वित्त साल के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है.
शेयर बाजार ने की जोरदार शुरुआत, सेंसेक्स 360 अंक चढ़ा, निफ्टी 23,750 के पार
25 Mar, 2025 12:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर मार्केट मंगलवार को लगातार सातवें सत्र में भी उछाल के साथ खुला। सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 361.93 अंक उछलकर 78346.31 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। एनएसई का निफ्टी 96.1 अंक उछलकर 23754.45 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी बैंक भी 201.75 अंक की तेजी के साथ 51906.70 पर ट्रेडिंग कर रहा था। कारोबार के शुरुआती सत्र में निफ्टी पर एलएंडटी, टीसीएस, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा प्रमुख लाभ में रहे, जबकि डॉ रेड्डीज लैब्स, ब्रिटानिया, हिंडाल्को, टाटा स्टील, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस नुकसान में रहे।
इन शेयरों पर निवेशकों की है नजर
एचसीएल टेक्नोलॉजीज, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, विप्रो, टीटीके प्रेस्टीज, स्टर्लिंग एंड विल्सन रिन्यूएबल एनर्जी, हुंडई मोटर इंडिया, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज स्टॉक्स पर निवेशकों की आज खास नजर रहेगी।
एशियाई शेयर बाजारों में आज
एशियाई शेयर बाजारों में मंगलवार को वॉल स्ट्रीट से संकेत मिलते हुए तेजी आई, क्योंकि अमेरिका में टैरिफ की आशंका कम होने की संभावना ने जोखिम उठाने की इच्छा को बढ़ा दिया, जबकि सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों से कुछ राहत मिलने के बाद डॉलर तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर के आसपास मंडरा रहा था। ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ऑटोमोबाइल टैरिफ जल्द ही आने वाले हैं, जबकि उन्होंने संकेत दिया कि उनके द्वारा लगाए गए सभी टैरिफ 2 अप्रैल को लागू नहीं होंगे और कुछ देशों को छूट मिल सकती है। निवेशकों के लिए यह अमेरिकी शेयरों को ऊपर भेजने के लिए पर्याप्त था। एसएंडपी 500 दो सप्ताह से अधिक समय में अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ, जबकि टेक शेयरों में तेजी के कारण नैस्डैक 2 प्रतिशत से अधिक ऊपर चला गया।
क्रूड ऑयल कीमतों में मामूली बदलाव
मंगलवार को एशियाई बाजारों में तेल की कीमतों में मामूली बदलाव हुआ, जबकि पिछले सत्र में इसमें 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ब्रेंट क्रूड वायदा 3 सेंट बढ़कर 73.03 डॉलर पर पहुंच गया। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 1 सेंट बढ़कर 69.12 डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिकी टैरिफ पर चिंता कम होने और फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी द्वारा इस साल ब्याज दरों में कटौती पर सतर्क रुख अपनाने के संकेत के बाद सोना 3,013.75 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा।