व्यापार
शेयर बाजार में गिरावट के कारण निवेशकों को भारी घाटा, 6.40 लाख करोड़ रुपये की हानि
12 Feb, 2025 12:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते लगातार तीसरे दिन तेज गिरावट के साथ खुला है। एफएमसीजी, बैंकिंग और एनर्जी शेयरों में तेज गिरावट के चलते दोनों ही एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट है। आज लगातार तीसरे दिन मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में कोहराम देखा जा रहा है। केवल आईटी शेयरों में भी तेजी देखी जा रही है। निवेशकों की तेज बिकवाली के चलते बीएसई सेंसेक्स 481 अंकों की गिरावट के साथ 75813 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 141 अंकों की गिरावट के साथ 22925 अंकों पर कारोबार कर रहा है।सेंसेक्स 76000 के नीचे और निफ्टी 23000 अंकों के नीचे कारोबार कर रहा है। इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील एल्यूमिनियम के इंपोर्ट पर टैरिफ लगाने का फैसला लिया तभी से बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है।
नुकसान में कारोबार कर रहे हैं 24 स्टॉक्स
बाजार में भारी बिकवाली के चलते सेंसेक्स के 30 शेयरों में 24 स्टॉक्स गिरावट के साथ कारोबार कर रहे और केवल 6 स्टॉक्स में तेजी है। बीएसई पर लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन 402.12 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है जो पिछले सत्र में 408.52 लाख करोड़ रुपये पर रहा था। यानी आज के ट्रेड में निवेशकों को 6.40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
इन कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी
आज के सत्र में महिंद्रा एंड महिंद्रा 3.96 फीसदी, जोमैटो 3.37 फीसदी, रिलायंस 3.01 फीसदी, इंडसइंड बैंक 2.26 फीसदी, आईटीसी 2.02 फीसदी, एक्सिस बैंक 1.97 फीसदी, पावर ग्रिड 1.84 फीसदी, अडानी पोर्ट्स 1.76 फीसदी, एशियन पेंट्स 1.54 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। तेजी वाले शेयरों में टीसीएस 1.01 फीसदी, टेक महिंद्रा 0.92 फीसदी, इंफोसिस 0.49 फीसदी, सन फार्मा 0.10 फीसदी की तेजी के कारोबार कर रहा है।
हर सेक्टर का हाल
आज के ट्रेड में एक बार फिर निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स 1200 अंक या 2.37 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स ने बिकवाली में 50000 के लेवल को तोड़ते हुए 49582 के लेवल पर आ गया है। यही हाल स्मॉल कैप इंडेक्स का है। निफ्टी का स्मॉल कैप इंडेक्स 500 अंक या 3.20 फीसदी की गिरावट के साथ 15558 अंकों पर कारोबार कर रहा है।
निफ्टी के गिरने से निवेशकों में चिंता, रियल्टी सेक्टर सबसे प्रभावित
11 Feb, 2025 02:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सेंसेक्स आज यानी 11 फरवरी को 1150 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 76,150 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 360 अंक की गिरावट है, ये 23,010 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 30 में गिरावट और 5 में तेजी है। निफ्टी के 50 शेयरों में से 48 में गिरावट और 2 में तेजी है। NSE सेक्टोरल इंडेक्स में रियल्टी सेक्टर 3.85% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
मार्केट में गिरावट के तीन कारण
अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के स्टील और एल्युमीनियम आयात पर टैरिफ बढ़ाने के कदम के बाद बाजार में लगातार गिरावट आ रही है। ट्रम्प के इस कदम से दुनिया भर में ट्रेड वॉर की आशंका फिर से पैदा हो गई है। ट्रम्प ने एल्यूमीनियम टैरिफ को 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया है और स्टील आयात पर 25% टैरिफ को बहाल कर दिया, जो पहले अमेरिका में ड्यूटी फ्री था।
रुपए की कमजोरी रुपए की लगातार कमजोरी ने मार्केट सेंटीमेंट कमजोरी हो रहे हैं। सोमवार को इंट्राडे में रुपए रुपए 88 प्रति अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, आज यानी, मंगलवार को रुपया 21 पैसे मजबूत हुआ है। जब रुपया कमजोर होता है, तो विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बिकवाली तेज कर देते हैं क्योंकि उनका वास्तविक रिटर्न कम हो जाता है।
कमजोर तिमाही नतीजे कमजोर Q3 आय ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया है। रिजल्ट के बाद आज आयशर मोटर्स के शेयरों में 7% की गिरावट आई। कंपनी का Q3FY25 में नेट प्रॉफिट साल-दर-साल 17.5% बढ़कर 1,170.5 करोड़ रुपए हो गया, लेकिन ये अनुमान से कम है। उच्च लागत और उच्च-मार्जिन वाली मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट से प्रॉफिट कम हुआ है।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार
एशियाई बाजार में कोरिया के कोस्पी में 0.46% और ताइवान के ताइवान कैपिटलाइज़ेशन वेटेड स्टॉक इंडेक्स में 0.64% की तेजी है। चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 0.16% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।NSE के डेटा के अनुसार, 10 फरवरी को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 2,463.72 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस दौरान घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 1,515.52 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।10 फरवरी को अमेरिका का डाओ जोंस 0.38% की तेजी के साथ 44,470 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स 0.67% चढ़कर 6,066 पर बंद हुआ। नैस्डैक इंडेक्स में 0.98% की तेजी रही।
कल गिरावट के साथ बंद हुआ था बाजार
इससे पहले कल यानी 10 फरवरी को सेंसेक्स 548 अंक की गिरावट के साथ 77,311 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में भी 178 अंक की गिरावट थी, ये 23,381 के स्तर पर बंद हुआ था।सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 24 में गिरावट और 6 में तेजी थी। एनर्जी, IT और मेटल शेयर्स में ज्यादा गिरावट थी। टाटा स्टील और पावरग्रिड के शेयर में 3% से ज्यादा की गिरावट थी।
ट्विटर के मालिक मस्क ने OpenAI को खरीदने की पेशकश की
11 Feb, 2025 02:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टेस्ला: मालिक इलॉन मस्क ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी Open AI को 9.74 बिलियन डॉलर (करीब 84 हजार 600 करोड़ रुपए) में खरीदने का ऑफर दिया है। मस्क की AI कंपनी AI के साथ-साथ वेलोर इक्विटी पार्टनर्स, बैरन कैपिटल जैसे इन्वेस्टर्स ने ये ऑफर दिया है।मस्क के ऑफर को ठुकराते हुए Open AI CEO सैम ऑल्टमैन ने X पोस्ट में कहा- नो थैंक्यू, अगर आप (मस्क) चाहें तो हम ट्विटर (अब X) को 9.74 बिलियन डॉलर (करीब 84 हजार 600 करोड़ रुपए) में खरीद लेंगे। इसके जवाब में मस्क ने ऑल्टमैन को "स्कैम ऑल्टमैन" कहा।
ओपनएआई को नॉन-प्रॉफिट रिसर्च लैब बनाना चाहते हैं मस्क
मस्क ने कहा, ओपनएआई के लिए ओपन-सोर्स, सेफ्टी-फोकस्ड फोर्स पर लौटने का समय आ गया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा हो। मस्क इस अधिग्रहण के जरिए ओपनएआई को फिर से एक नॉन-प्रॉफिट रिसर्च लैब बनाना चाहते हैं।द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, ये ऑफर मस्क के वकील मार्क टोबेरॉफ के जरिए सोमवार को ओपनएआई के बोर्ड को दिया गया है।
ऑल्टमैन ने इलॉन मस्क के साथ मिलकर शुरू किया था Open AI
2015 में इलॉन मस्क और सैम ऑल्टमैन ने 9 अन्य लोगों के साथ मिलकर ओपनएआई की स्थापना की थी, लेकिन 2018 में मस्क इससे अलग हो गए। 2023 में मस्क ने ओपनएआई के कॉम्पिटिटर AI स्टार्टअप AI की शुरुआत की।2024 में, मस्क ने ओपनएआई और कुछ अधिकारियों पर अनुबंध उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया। कहा- Open AI ने अपने नॉन-प्रॉफिट सिद्धांतों को छोड़ दिया है और अब एक कॉमर्शियल वेंचर की तरह काम कर रही है।
ओपनएआई अब ‘कैप्ड प्रॉफिट’ मॉडल पर काम करता है, जिसमें निवेशक केवल सीमित मुनाफा ही कमा सकते हैं। सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार सॉफ्टबैंक 260 बिलियन डॉलर (करीब 22 लाख करोड़ रुपए) के वैल्यूएशन पर Open AI में 40 बिलियन डॉलर (करीब 3.4 लाख करोड़ रुपए) का निवेश कर रहा है।
Open AI पॉपुलर AI चैटबॉट Chat GPT की पेरेंट कंपनी Open AI ने नवंबर 2022 में दुनिया के लिए Chat GPT किया था। इस AI टूल ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। म्यूजिक और पोएट्री लिखने से लेकर निबंध लिखने तक, Chat GPT बहुत सारे काम कर सकता है। यह एक कन्वर्सेशनल AI है। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो आपको इंसानों की तरह जवाब देता है।
मस्क ने 44 बिलियन डॉलर में खरीदा था ट्विटर इलॉन मस्क ने 27 अक्टूबर 2022 को माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर खरीदा था। ये डील 44 बिलियन डॉलर में हुई थी। आज के हिसाब से ये रकम करीब 3.8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होती है। तब से लेकर अब तक प्लेटफॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। मस्क को 'एवरीथिंग ऐप' बनाना चाहते हैं।27 अक्टूबर 2022 को ट्विटर खरीदने के बाद मस्क ने सबसे पहले कंपनी के चार टॉप ऑफिशियल्स को निकाला था। इनमें CEO पराग अग्रवाल, फाइनेंस चीफ नेड सेगल, लीगल एग्जीक्यूटिव विजया गड्डे और सीन एडगेट शामिल थे। जब मस्क ने एक्स की कमान संभाली थी तो उसमे करीब 7500 एम्प्लॉई थे, लेकिन अब 2500 के करीब ही बचे हैं।
500 अरब डॉलर के स्टारगेट प्रोजेक्ट पर आमने-सामने हैं मस्क-ऑल्टमैन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रपोज्ड 500 अरब डॉलर के स्टारगेट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क और Open AI के सीईओ सैम ऑल्टमैन आमने-सामने आ गए हैं। इलॉन मस्क ने सॉफ्टबैंक की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। वहीं, सैम ऑल्टमैन ने मस्क के आकलन को गलत बताते हुए स्टारगेट का बचाव किया था। सैम ऑल्टमैन, इस प्रोजेक्ट में साझेदार हैं, जबकि इलॉन मस्क, ट्रम्प प्रशासन का अहम हिस्सा हैं।
भारतीय बाजार में सोने की चमत्कारी बढ़त, चांदी पर दबाव
11 Feb, 2025 02:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोना आज यानी 11 फरवरी को ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 238 रुपए बढ़कर 85,903 रुपए हो गया है। इससे पहले बीते दिन सोना 85,665 रुपए प्रति दस ग्राम के ऑलटाइम हाई पर था।वहीं, चांदी का दाम 1123 रुपए घटकर 94,410 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया। एक दिन पहले कल यानी 10 फरवरी को चांदी 95,533 रुपए पर थी। चांदी ने 23 अक्टूबर 2024 को अपना ऑल टाइम हाई बनाया था, तब ये 99,151 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई थी।
1 जनवरी से अब तक सोना ₹9,741 महंगा हुआ
इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 9,741 रुपए बढ़कर 85,903 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 9,516 रुपए बढ़कर 95,533 रुपए पर पहुंच गया है।
4 महानगरों और भोपाल में सोने की कीमत
दिल्ली : 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 80,750 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 88,080 रुपए है।
मुंबई : 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 80,600 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 87,930 रुपए है।
कोलकाता : 10 ग्राम 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 80,600 रुपए और 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 87,930 रुपए है।
चेन्नई : 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 80,600 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 87,930 रुपए है।
भोपाल : 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 80,600 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 88,080 रुपए है।
2024 में गोल्ड ने 20% और सिल्वर ने 17% का रिटर्न दिया
बीते साल सोने का भाव 20.22% बढ़ा। वहीं, चांदी की कीमत में 17.19% की बढ़ोतरी हुई। 1 जनवरी 2024 को सोना 63,352 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था, जो 31 दिसंबर 2024 को 76,162 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। वहीं इस दौरान, एक किलो चांदी की कीमत 73,395 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 86,017 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
इस साल 90 हजार रुपए तक जा सकता है सोना
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि एक बड़ी रैली के बाद सोने में गिरावट आनी थी, वह आ चुकी है। अमेरिका के बाद UK ने ब्याज दरों में कटौती और जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं गोल्ड ETF में निवेश भी बढ़ रहा है। इससे भी गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 90 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है
इस साल 90 हजार रुपए तक जा सकता है सोना
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि एक बड़ी रैली के बाद सोने में गिरावट आनी थी, वह आ चुकी है। अमेरिका के बाद UK ने ब्याज दरों में कटौती और जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं गोल्ड ETF में निवेश भी बढ़ रहा है। इससे भी गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 90 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।
बाइडेन प्रशासन पर जांच की मांग, सांसदों ने कहा – यह निर्णय था बेवकूफी भरा
11 Feb, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में 6 सांसदों ने सोमवार को बाइडेन सरकार के जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा अडाणी ग्रुप के खिलाफ की गई कार्रवाई की जांच की मांग की है। इसे लेकर नए अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को लेटर लिखा है। इन सांसदों ने भारत को अहम साझेदार बताते हुए कहा कि बाइडेन के जस्टिस डिपार्टमेंट की कार्रवाई से अमेरिका को नुकसान पहुंचा है।सांसद लांस गुडेन, पैट फॉलन, माइक हरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर टिम्मन्स और ब्रायन बेबिन ने कहा कि जस्टिस डिपार्टमेंट की कार्रवाई एक बेवकूफीभरा फैसला था, जिससे भारत जैसे अहम साझेदार से रिश्ते बिगड़ने का डर था। इन्होंने इस पूरी कार्रवाई को एक भटकाने करने वाला कैंपेन बताया था।दरअसल, पिछले साल अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप पत्र के मुताबिक अडाणी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई।इसके अलावा आरोपियों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया। यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था।
कहीं भी रिश्वत देने की बात नहीं कही गई आरोप पत्र के मुताबिक यह अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) का उल्लंघन है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिकी न्याय विभाग के डॉक्यूमेंट में रिश्वत ऑफर करने और प्लानिंग की बात कही गई। रिश्वत दी गई, ऐसा नहीं कहा गया है।
20 नवंबर 2024 को कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और ये मामला सबसे सामने आया।
अमेरिका के हितों को चोट पहुंची है
उन्होंने कहा- हम आपसे (पाम बॉन्डी) बाइडेन सरकार के जस्टिस डिपार्टमेंट की जांच करने का अनुरोध करते हैं। इस विभाग ने सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही कार्रवाई को आगे बढ़ाया, जबकि कई को छोड़ दिया। इससे भारत से सहयोगी से हमारे रिश्ते खतरे में पड़ गए थे।
चीन को ग्लोबल सप्लाई चेन पर कंट्रोल करने का मौका मिलेगा सांसदों ने कहा कि अमेरिका और भारत एक दूसरे लिए सम्मान भरा नजरिया रखते हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने हमेशा अमेरिका और भारत जैसी दो आर्थिक और सैन्य शक्तियों के बीच मजबूत रिश्तों को तवज्जो दी है।इस तरह की कार्रवाई से न सिर्फ भारत से संबंध बिगड़ते हैं, बल्कि चीन जैसे देशों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था को खत्म करने और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए ग्लोबल सप्लाई चेन पर कंट्रोल करने का मौका मिलता है।
अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों आधारहीन बताया था अडाणी ग्रुप सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। 21 नवंबर को जारी बयान में ग्रुप ने कहा था- 'अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।'
अडाणी की नेटवर्थ में 1 लाख करोड़ की गिरावट आई थी इस खबर के आने के बाद अडाणी की नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपए की कमी आई थी। वहीं केन्या ने अडाणी ग्रुप के साथ बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द कर दी। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं।
भारत के लिए ऊर्जा के अगले दो दशक – पीएम मोदी ने बताया
11 Feb, 2025 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंडिया एनर्जी वीक को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगले दो दशक विकसित भारत के लिए बहुत जरूरी हैं। दुनिया का हर एक्सपर्ट कह रहा है कि 21वीं सदी भारत की होगी। भारत न केवल अपनी ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है बल्कि ग्लोबल ग्रोथ में भी अहम भूमिका निभा रहा है। इसमें हमारे एनर्जी सेक्टर की अहम भूमिका है। भारत के एनर्जी गोल पांच स्तंभों पर आधारित हैं। इनमें संसाधन, प्रतिभा, आर्थिक मजबूती, राजनीतिक स्थिरता, रणनीतिक लोकेशन और ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी के लिए प्रतिबद्धता शामिल है।
मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए अगले दो दशक बेहद अहम है और हम अगले पांच साल में काफी कुछ हासिल करने वाले हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए भारत को बैटरी और स्टोरेज फैसिलिटीज पर काम करने की जरूरत है। आने वाले वर्षों में नेचुलर गैस का यूज बढ़ने वाला है। भारत के पास हाइड्रोकार्बन का बड़ा भंडार है। इनमें से कई भंडार खोजे जा चुके हैं जबकि दूसरे भंडारों को अभी खोजा जाना बाकी है। भारत आज 19 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग के साथ काफी विदेशी मुद्रा बचा रहा है। साथ ही सोलर पावर में भारत आज दुनिया में तीसरा बड़ा प्रॉड्यूसर है।
मैसूर कैंपस से निकाले गए कर्मचारियों का कहना बाहर किया गया
11 Feb, 2025 11:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने अपने मैसूरु कैंपस से 300 से ज्यादा ट्रेनी कर्मचारियों को निकाल दिया है। ये कर्मचारी कंपनी के अंदरूनी आकलन में बार-बार फेल हो गए थे। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक निकाले गए इन ट्रेनी कर्मचारियों को उसी दिन कैंपस छोड़ने को कह दिया गया। यहां तक कि रात को रुकने की उनकी गुहार को भी कंपनी ने ठुकरा दिया। कंपनी से निकाले गए एक ट्रेनी ने बताया कि उनकी एक महिला सहकर्मी ने रात को कैंपस में रुकने की गुहार लगाई थी लेकिन कंपनी ने उसके अनुरोध को नहीं माना।
रिपोर्ट के मुताबिक निकाली गई महिला ट्रेन ने कंपनी मैनेजमेंट से रात को रुकने का अनुरोध किया था। 7 फरवरी को उसने कहा, 'कृपया मुझे रात में रुकने दें। मैं कल चली जाऊंगी। अभी मैं कहां जाऊंगी?' लेकिन इन्फोसिस के अधिकारियों ने कथित तौर पर जवाब दिया, 'हमें नहीं पता। अब आप कंपनी का हिस्सा नहीं हैं। शाम 6 बजे तक परिसर खाली कर दें।' PTI के मुताबिक निकाले गए ट्रेनी कर्मचारियों ने मैसूरु कैंपस में शुरुआती प्रशिक्षण लिया था, लेकिन तीन प्रयासों के बाद भी वे आंतरिक मूल्यांकन पास नहीं कर पाए। इन्फोसिस ने कहा कि सभी नए लोगों को कंपनी में बने रहने के लिए ये आकलन पास करने जरूरी हैं।
कंपनी ने क्या कहा
कंपनी ने कहा, 'इन्फोसिस में हमारी भर्ती प्रक्रिया बहुत कड़ी है। हमारे मैसूरु कैंपस में व्यापक बुनियादी प्रशिक्षण के बाद सभी नए लोगों से आंतरिक मूल्यांकन पास करने की उम्मीद की जाती है। सभी नए लोगों को मूल्यांकन पास करने के लिए तीन मौके मिलते हैं, अगर वो इसमें असफल रहते हैं तो वे कंपनी के साथ नहीं रह पाएंगे। यह शर्त उनके अनुबंध में भी लिखी है।' निकाले गए कई ट्रेनी कर्मचारियों को इन्फोसिस जॉइन करने के लिए ऑफर लेटर मिलने के बाद दो साल से ज्यादा इंतजार करना पड़ा था। लेकिन नौकरी शुरू करने के कुछ महीनों के अंदर ही उन्हें निकाल दिया गया।
आईटी कर्मचारी संघ NITES ने दावा किया है कि इन्फोसिस से निकाले गएनए कर्मचारियों की संख्या बताई गई संख्या से कहीं ज्यादा है। संघ ने श्रम और रोजगार मंत्रालय में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी है। NITES ने सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ET.com ने इस बारे में इन्फोसिस से जवाब मांगा है।
दिसंबर तिमाही के नुकसान से ओला इलेक्ट्रिक के शेयर गिरे
10 Feb, 2025 01:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इलेक्ट्रिक: टू व्हीलर इंडस्ट्री में मजबूत पकड़ रखने वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी के शेयरों में सोमवार के दिन बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आज सुबह के कारोबारी सत्र में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर 3.4 फ़ीसदी की गिरावट के साथ 67.61 रुपए के लेवल पर पहुंच गए हैं. बता दे कि पिछले दो कारोबारी सत्र में शेयर का भाव 3.53 फ़ीसदी तक गिर चुका है. बीते शुक्रवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 69.97 रुपए के लेवल पर बंद हुए थे.ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी के शेयर में आज आई इस बड़ी गिरावट के पीछे का कारण कंपनी के वित्त वर्ष 2025 की दिसंबर तिमाही रिजल्ट को बताया जा रहा है|दरअसल वित्त वर्ष 2025 की दिसंबर तिमाही में कंपनी का साल दर साल के आधार पर लॉस बढ़कर 564 करोड़ रुपए के लेवल पर रिपोर्ट हुआ है. जो 1 वर्ष पहले वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही में 376 करोड़ रुपए के लेवल पर रिपोर्ट हुआ था.लॉस बढ़ने के साथ कंपनी के ऑपरेशन से आने वाला रेवेन्यू भी दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 19 फ़ीसदी से गिरकर के 1045 करोड़ रुपए के लेवल पर रिपोर्ट हुआ है. जो वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही में 1296 करोड़ रुपए के लेवल पर रिपोर्ट हुई थी. रेवेन्यू मे आई इस बड़ी गिरावट के पीछे का कारण कमजोर डिमांड और प्राइसिंग प्रेशर की वजह से माना जा रहा है.आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 की दिसंबर तिमाही के दौरान ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी ने कुल 84029 यूनिट सेल किया है. कंपनी ने पिछली तिमाही यानी वित्त वर्ष 2025 की सितंबर तिमाही में कुल 98619 यूनिट का सेल किया था|
ब्रोकरेज ने यह कहा
दिसंबर तिमाही रिजल्ट आ जाने के बाद वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी के शेयर पर 101 रुपए का टारगेट प्राइस देते हुए खरीदारी करने की रेटिंग को बरकरार रखा है.ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अपने नोट में कहा है कि ओला इलेक्ट्रिक कंपनी अपने आने वाली जनरेशन 3 पोर्टफोलियो वाली स्कूटर में इन–हाउस कंपोनेंट्स का अधिक इस्तेमाल करेगी इसके अतिरिक्त कंपनी का फोकस इस समय लोअर एवरेज सेलिंग प्राइस प्रोडक्ट पर है|
शेयर परफॉर्मेंस
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी के शेयर परफॉर्मेंस की बात करें तो पिछले 6 महीने में शेयर का भाव 25 फ़ीसदी से अधिक गिर चुका है वहीं पिछले 3 महीने में शेयर का भाव 6 फ़ीसदी तक टूट गया है.लगभग 29993 करोड़ रुपए का बाजार पूंजीकरण रखने वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी के शेयर का 52 का हाई लेवल 157 रुपए है और 52 वीक का लो लेवल 64 रुपए है अर्थात इस समय शेयर अपने 52 वीक के लो लेवल के पास ही कारोबार कर रहा है|
अजाक्स इंजीनियरिंग IPO: ₹1,269 करोड़ जुटाने का लक्ष्य, निवेश के लिए जरूरी जानकारी
10 Feb, 2025 12:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
2025 दूसरे महीनें फरवरी में एक के बाद एक IPO आने का सिलसिला शुरू हो गया है. जनवरी में भी कई IPO आया और उसने मार्केट में जबरदस्त कमाई की.अजाक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड का IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर आ गया है. इसका सब्सक्रिप्शन आज यानी 10 फरवरी से ओपन हो गया है. बता दें कि यह IPO आज से दो दिन बाद 12 फरवरी को क्लोज हो जाएगा.अगर आप भी अजाक्स इंजीनियरिंग के IPO में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको यहां सारी डिटेल्स बता रहे है साथ ही आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं ये भी आपके बताएंगे|
₹1,269 करोड़ जुटाना चाहती है कंपनी
अजाक्स इंजीनियरिंग कंपनी पब्लिक इश्यू के जरिए 2.02 करोड़ शेयर्स बेचकर ₹1,269.35 करोड़ जुटाना चाहती है. यह IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है. बता दें कि कंपनी ने IPO का प्राइस बैंड ₹599-₹629 प्रति इक्विटी शेयर तय किया है. कंपनी के शेयरों का अलॉटमेंट 13 फरवरी को होगा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर 17 फरवरी को शेयर्स की लिस्टिंग की जाएंगी|
कितना पैसा लगा सकते हैं?
इस IPO के लिए रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 23 शेयर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹629 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो आपको ₹14,467 का इन्वेस्टमेंट करना होगा. वहीं रिटेल इन्वेस्टर्स IPO के मैक्सिमम 13 लॉट यानी 299 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं और इसके लिए इनवेस्टर्स को मैक्सिमम ₹1,88,071 का इन्वेस्टमेंट करना होगा|
इश्यू का करीब 50% हिस्सा रिजर्व
अजाक्स इंजीनियरिंग के इश्यू का करीब 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया है. इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स और लगभग 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है|
PM Kisan 19वीं किस्त की तारीख का हुआ ऐलान, लाभार्थी लिस्ट चेक करने का तरीका
10 Feb, 2025 12:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
PM Kisan Yojana 19th: पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जल्द किसानों के खाते में आने वाली है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही बताया था कि पीएम किसान की अगली किस्त फरवरी 2025 के आखिर तक किसानों के बैंक खाते में आ जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को बिहार के दौरे पर होंगे और वहीं से पीएम किसान की 19वीं किस्त डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए किसानों के खाते में भेजेंगे।
e-KYC वेरीफिकेशन जरूरी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को सरकार सालाना 6 हजार रुपये की मदद देती है। ये पैसे 2-2 हजार रुपये की किस्त में मिलते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ई-केवाईसी (e-KYC) कराना जरूरी है। इसका मकसद है कि पीएम किसान योजना का पैसा सही लाभार्थियों तक पहुंचे। इसमें कोई धांधली न हो। e-KYC न कराने वाले किसान 19वीं किस्त से वंचित हो सकते हैं। ऐसे में आपको फौरन e-KYC करा लेनी चाहिए।
e-KYC करने के तीन तरीके
पीएम किसान योजना के लिए तीन तरीकों से ई-केवाईसी की जा सकती है। किसान अपनी सुविधानुसार किसी भी माध्यम से ई-केवाईसी करा सकते हैं।
ओटीपी-बेस्ड ई-केवाईसी: यह तरीका पीएम किसान पोर्टल और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है।
फेस ऑथेंटिकेशन बेस्ड ई-केवाईसी: इसे किसान मोबाइल ऐप के जरिए घर बैठे कर सकते हैं।
बायोमेट्रिक बेस्ड ई-केवाईसी: यह कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) और स्टेट सेवा केंद्र पर उपलब्ध है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह के मुताबिक, पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त 24 फरवरी 2025 को किसानों की खाते में आएगी। उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के दौरे पर रहेंगे। वहां कई कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और राज्य की कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। वहीं से पीएम किसान की 19वीं किस्त भी ट्रांसफर करेंगे
बेनिफिशयरी लिस्ट में कैसे चेक करें नाम
सरकार पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की लिस्ट जारी करती है। इससे पता चलता है कि किन किसानों को योजना का लाभ मिलेगा। लाभार्थी लिस्ट में नाम चेक करने का स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस :
पीएम किसान की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं।
"Beneficiary Status" के ऑप्शन को सेलेक्ट करें।
आधार नंबर या फिर बैंक अकाउंट नंबर नंबर भरें।
अब "Get Data" को सेलेक्ट करें।
अब आपको स्क्रीन पर अपनी सभी डिटेल्स दिखेंगी। इसके जरिए आप चेक कर सकते हैं कि आपको योजना का लाभ मिलेगा या नहीं। अगर आपका नाम लाभार्थी किसानों की लिस्ट में नहीं है, तो तुरंत सक्षम अधिकारियों के पास शिकायत करें।
MTNL सरकार से राहत पैकेज का असर
10 Feb, 2025 11:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार से क्यों मिल रहे हैं पैसे
बताया जाता है कि ये पैसे BSNL के 4G नेटवर्क को फैलाने में मदद करेंगे। BSNL और उसकी सहयोगी कंपनी MTNL को पूंजीगत खर्चों के लिए ये अतिरिक्त राशि दी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, 7 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। BSNL, जो दिल्ली और मुंबई में MTNL का भी काम देखती है, 4G सेवाओं की कमी के कारण ग्राहकों को खो रही है। पिछले साल जुलाई में जब निजी कंपनियों ने अपने दाम बढ़ाए थे, तब BSNL ने कुछ महीनों के लिए नए ग्राहक जोड़े थे। लेकिन अब फिर से ग्राहक कम हो रहे हैं। कंपनी को उम्मीद है कि 4G सेवाएं शुरू होने के बाद ग्राहक फिर से जुड़ेंगे। अधिकारियों के अनुसार, BSNL कुछ जगहों पर 5G सेवाएं भी शुरू करने की योजना बना रही है।
बीएसएनएल ने दिया है आर्डर
BSNL ने साल 2023 में ही एक लाख 4G साइट्स के लिए ₹19,000 करोड़ का अग्रिम खरीद आदेश दिया था। लेकिन जब TCS और ITI को एक्चुअल ऑर्डर दिया गया, तो उसकी कीमत लगभग ₹13,000 करोड़ थी। अब मंजूर हुए ₹6,000 करोड़ से बाकी की रकम पूरी हो जाएगी। अभी तक कंपनी 65,000 4G साइट्स को ऑन कर चुकी है।
लाखों करोड़ का हो चुका है निवेश
सरकार ने 2019 से अब तक BSNL और MTNL के लिए तीन पुनरुद्धार पैकेज के तहत लगभग ₹3.22 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसमें 4G सेवाओं को शुरू करने के लिए भी पैसे शामिल हैं। सरकार के अनुसार, इन पैकेजों की वजह से BSNL-MTNL को वित्तीय वर्ष 2020-21 से लाभ होने लगा है।
स्वदेशी तकनीक वाली 4जी सेवा
सरकार ने BSNL को CDoT-TCS द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक पर आधारित 4G सेवाएं शुरू करने का आदेश दिया था। कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने इसका विरोध किया था। वे चाहते थे कि कंपनी दुनिया की बड़ी कंपनियों से पहले से परखे हुए उपकरण खरीदे। लेकिन सरकार ने अपनी बात पर अड़ी रही। स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
मेटा ने छंटनी की प्रक्रिया शुरू की, 3,000 कर्मचारियों को मिलेगा झटका
10 Feb, 2025 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोशल मीडिया: प्लेटफॉर्म फेसबुक और व्हाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा अपने 3600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है। मेटा ने परफॉरमेंस बेस्ड जॉब कट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया है।कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि इससे कंपनी ने लगभग 5% कर्मचारी प्रभावित होंगे। सितंबर 2024 के डेटा के मुताबिक मेटा में करीब 72,000 एम्प्लॉइज काम करते हैं।कंपनी इस फैसले की जानकारी अमेरिका में काम करने वाले कर्मचारियों को 10 फरवरी तक दे सकती है।अमेरिका से बाहर काम करने वाले कर्मचारियों को बाद में इन्फॉर्म किया जाएगा। इससे पहले 2023 में कंपनी ने करीब 10,000 लोगों को जॉब से निकाला था।
रिप्लेस करने का भी प्लान कर रही है कंपनी
कर्मचारियों को भेजे मेमो में बताया कि कंपनी परफॉर्मेंस मैनेजमेंट प्रोसेस में तेजी लाना चाहती है। इंटरनल मैसेज बोर्ड के साथ शेयर किए गए एक नोट में बताया 'मैंने परफॉर्मेंस मैनेजमेंट के बार को बढ़ाने और लो फरफॉर्मर को जल्द से जल्द बाहर निकालने का फैसला किया है। कंपनी पिछले एक साल से अंडरपरफॉर्मेंस का सामना कर रही है। लेकिन अब बड़ी कटौती का समय आ गया है। 'हम आम तौर पर ऐसे लोगों को बाहर निकाल देते हैं जो एक साल के दौरान उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते हैं।'छंटनी के साथ-साथ मेटा 2025 में लोगों के रोल भी रिप्लेस करने का प्लान कर रही है ताकि वह फ्यूचर के डेवलपमेंट और इनोवेशन के लिए खुद को तैयार कर सके। आने वाले साल में कंपनी का फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), स्मार्ट ग्लास और विकसित हो रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे सेक्टर्स पर होगा।
माइक्रोसॉफ्ट में हो रही छंटनी की तैयारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट भी अंडरपरफॉर्मर कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर रहा है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट कितने लोगों को निकालेगा इसकी जानकारी नहीं है।फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा के CEO के गोल्ड प्लेटेड नेकलेस की नीलामी हो रही है। यह चेन सोने के वर्मेल से बना 6.5mm का क्यूबन नेकलेस है। नीलामी में इसके लिए अब तक 40 हजार डॉलर (करीब 34 लाख रुपए) से ज्यादा की बोली लग चुकी है।चेन की नीलामी एक यूनिक फंड रेजिंग स्ट्रैटेजी के तहत किया जा रहा है। इस नीलामी से मिले फंड को इन्फ्लेक्शन ग्रांट्स के अकाउंट में भेजा जाएगा, जो एक परोपकारी पहल है। इस पहले के तहत संस्था मैजिकली वीयर्ड यानी जादुई रूप से अजीब प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले लोगों को 2000 डॉलर का अनुदान देती है। इन अनुदानों का उद्देश्य क्रिएटिविटी को बढ़ावा देना है।
सेंसेक्स की कमजोरी: प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी नुकसान
10 Feb, 2025 11:09 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर: बाजार में आज यानी 10 फरवरी को गिरावट। सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 77,200 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी में भी करीब 200 अंक की गिरावट है, ये 23,350 पर कारोबार कर रहा है।शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 26 शेयरों में गिरावट और 4 में तेजी देखने को मिल रही है। आज एनर्जी, IT और मेटल शेयर्स में ज्यादा गिरावट है। टाटा स्टील के शेयर में करीब 4% की गिरावट है।
आज से ओपन होगा अजाक्स इंजीनियरिंग का IPO अजाक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आज से ओपन हो गया है। निवेशक इस इश्यू के लिए 13 फरवरी तक बिडिंग कर सकेंगे। 17 फरवरी को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे|
शुक्रवार को बाजार में रही थी गिरावट इससे पहले शुक्रवार यानी 7 फरवरी को शेयर बाजार में गिरावट रही थी। सेंसेक्स 197 अंक की गिरावट के साथ 77,860 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी 43 अंक लुढ़ककर 23,559 के स्तर पर बंद हुआ था।
कोल इंडिया का सीएसआर पर खर्च अप्रैल-जनवरी में 36.5 फीसदी बढ़ा
9 Feb, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च 36.5 प्रतिशत बढ़कर 497 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी ने सीएसआर पर 364 करोड़ रुपये खर्च किए थे। अधिकारी ने बताया कि घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी सीआईएल अपने सीएसआर कोष का 70 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य सेवा, पोषण एवं स्वच्छता तथा शिक्षा एवं आजीविका पर खर्च करती है। कंपनी ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) में वह सीएसआर पर सबसे अधिक खर्च करने वाली कंपनी रही है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में ही सीएसआर पर 572 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बयान में कहा गया है कि कंपनी की सीएसआर गतिविधियों से 3.5 करोड़ लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पिछले दशक के दौरान कोल इंडिया ने सीएसआर गतिविधियों पर 5,570 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
एफपीआई ने फरवरी के पहले सप्ताह में बाजार से 7,342 करोड़ निकाले
9 Feb, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने चालू महीने के पहले सप्ताह में स्थानीय शेयर बाजारों से 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इससे पहले जनवरी में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 78,027 करोड़ रुपये की निकासी की थी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2024 में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि आगे चलकर बाजार की धारणा वैश्विक वृहद आर्थिक घटनाक्रमों, घरेलू नीतिगत उपायों और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से तय होगी। आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने सात फरवरी तक भारतीय शेयरों से 7,342 करोड़ रुपये निकाले हैं। बाजार के जानकारों ने कहा कि एफपीआई की निकासी का एक प्रमुख कारण वैश्विक व्यापार तनाव था, क्योंकि अमेरिका ने कनाडा, मेक्सिको और चीन जैसे देशों पर शुल्क लगाया है, जिससे व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इस अनिश्चितता की वजह से वैश्विक निवेशकों ने जोखिम न उठाने का विकल्प चुना है। इसके चलते वे भारत जैसे उभरते बाजारों से निकासी कर रहे हैं। भारतीय रुपया भी कमजोर होकर पहली बार 87 प्रति डॉलर से नीचे आ गया है। कमजोर रुपये से विदेशी निवेशकों का प्रतिफल घटता है और उनके लिए भारतीय संपत्तियां कम आकर्षक रह जाती हैं। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ऋण या बॉन्ड बाजार में शुद्ध लिवाल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बॉन्ड में साधारण सीमा के तहत 1,215 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 277 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उल्लेखनीय है कि एफपीआई ने 2024 में भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। इससे पहले 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश किया था। इसकी तुलना में, 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में आक्रामक वृद्धि के बीच एफपीआई ने 1.21 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी।