व्यापार
चीन पर ट्रंप का 104% टैरिफ, ग्लोबल बाजार में मची खलबली, भारी गिरावट!
9 Apr, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव अब और ज्यादा गहरा सकता है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका बुधवार (8 अप्रैल) को पूर्वी समयानुसार रात 12:01 बजे (0401 GMT) से चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लागू करेगा। यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार विवाद को और बढ़ा सकता है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीन जैसी कुछ देश अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार कर रहे हैं। हाल के हफ्तों में ट्रंप ने कई बार विदेशी देशों पर यह आरोप लगाया कि वे अमेरिकी सामान पर भारी टैक्स लगाते हैं और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अमेरिका चीन के बीच व्यापारिक वार्ताएं स्थगित
सोमवार (7 अप्रैल) को राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर चीन ने हाल ही में लगाए गए 34% के जवाबी टैरिफ वापस नहीं लिए, तो अमेरिका और भी ज्यादा टैरिफ लगा सकता है। बीजिंग पर पहले दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर चीन ने आगे कोई और कदम उठाया तो अमेरिका तुरंत और कहीं ज्यादा सख्त टैरिफ लगाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अमेरिका चीन के साथ सभी व्यापारिक वार्ताएं स्थगित कर रहा है और अब वह अन्य देशों के साथ समझौते करने को प्राथमिकता देगा।
व्हाइट हाउस ने AFP को बताया है कि बुधवार से लागू होने वाले पहले से घोषित 34% टैरिफ के साथ अब इस नई टैरिफ बढ़ोतरी को भी जोड़ा जाएगा, जिससे इस साल चीन से आयात पर कुल टैरिफ 104% तक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत से होने वाले आयात पर भी 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो उनकी व्यापक व्यापार नीति बदलाव का हिस्सा है।
चीन ने ट्रंप के टैरिफ धमकी करार दिया
इससे पहले चीन ने ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की धमकी को “ब्लैकमेल” बताया था और कहा था कि वह “आखिरी दम तक मुकाबला करेगा”। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की अमेरिका की धमकी एक के बाद एक गलती है, जो अमेरिका की ब्लैकमेलिंग की मानसिकता को एक बार फिर उजागर करता है।”
टैरिफ वॉर का ग्लोबल मार्केट पर असर
टैरिफ वॉर के चलते वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। S&P 500 फरवरी में अपने उच्चतम स्तर से अब तक 20% तक गिर चुका है। वहीं, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी अपने शिखर से 17% से ज्यादा टूट चुका है। पिछले हफ्ते नैस्डैक ‘बेयर मार्केट’ ज़ोन में प्रवेश कर गया है।
उधर चीन में, हैंग सेंग टेक इंडेक्स सिर्फ एक महीने में 27% तक गिर गया है। चीनी मुद्रा युआन जनवरी के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, चीनी सरकारी बॉन्ड में जोरदार तेजी देखी गई है।
Trump के टैरीफ्स के चलते iPhone 16 Pro हो सकता है 30% महंगा, Apple यूजर्स की जेब पर पड़ेगा असर!
9 Apr, 2025 10:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिका में Apple iPhone 16 Pro की कीमतों में औसतन 30% तक इजाफा हो सकता है। इसकी वजह चीन पर 54% और भारत पर 26% टैरिफ बढ़ोतरी को माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर अमेरिका चीन द्वारा जवाबी टैरिफ वापस न लेने की स्थिति में अतिरिक्त 50% ड्यूटी और लगाता है, तो कुल शुल्क 104% तक पहुंच सकता है। ऐसे में कीमतों में 50–60% तक बढ़ोतरी संभव है।
iPhone 16 Pro की कीमत $300 बढ़ेगी!
काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा, “कीमतों में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करेगी कि डिवाइस कहां असेंबल हो रहा है।” उन्होंने बताया, “उदाहरण के तौर पर ब्राजील में टैरिफ सिर्फ 10% है, लेकिन वहां अतिरिक्त उत्पादन संभालने की क्षमता नहीं है। मौजूदा हालात को देखते हुए, 30% कीमत बढ़ना एक वास्तविक अनुमान है। इससे एक $1,000 वाला iPhone 16 Pro करीब $1,300 का हो सकता है।” काउंटरपॉइंट अब भी यह आकलन कर रहा है कि चीन पर लगाए गए भारी टैरिफ का अंतिम कीमतों पर कितना असर पड़ेगा।
iPhone की कीमतों में बदलाव तुरंत नहीं होगा
इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार, अगर ड्यूटी 104% तक पहुंचती है, तो iPhone 16 Pro की कीमत $1,500 से $1,600 तक हो सकती है। हालांकि, पाठक का कहना है कि कीमत तय करना इतना सीधा नहीं होता। Apple लागत बढ़ने का कुछ हिस्सा खुद वहन कर सकता है और कीमतों में बदलाव तुरंत नहीं होगा, क्योंकि कंपनी ने अगले कुछ महीनों के लिए पहले से ही इनवेंट्री स्टॉक में रखी हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि Apple एक समान ग्लोबल बेस प्राइस (स्थानीय टैक्स और टैरिफ को छोड़कर) बनाए रख सकता है और अमेरिका में कीमत बढ़ने का असर बाकी बाजारों में फैलाकर दबाव को कम कर सकता है। कीमतों में तेज उछाल से अमेरिका में मांग प्रभावित हो सकती है, जिसे क्यूपर्टिनो स्थित यह कंपनी टालना चाहेगी।
टैरिफ से भारत को फायदा मिलने की संभावना
हालांकि भारत का iPhone एक्सपोर्ट में हिस्सा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन अब भी ज्यादातर यूनिट्स चीन में ही असेंबल होती हैं। इसकी वजह है वहां पिछले कई दशकों में तैयार हुई मज़बूत सप्लाई चेन।भारत में iPhone की कीमत पहले से ही चीन की तुलना में करीब 20% ज्यादा है, क्योंकि यहां उत्पादन लागत अधिक है। हालांकि प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत मिलने वाले प्रोत्साहनों की वजह से यह अंतर कुछ हद तक कम हुआ है। अगर टैरिफ का अंतर और बढ़ता है तो भारत, चीन के मुकाबले एक अधिक आकर्षक विकल्प बन सकता है—हालांकि यह बदलाव एकदम से नहीं होगा।
1.51 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में जाने की आशंका, बैंकों के लिए वित्त वर्ष 2026 हो सकता है चुनौतीपूर्ण!
9 Apr, 2025 10:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के वाणिज्यिक बैंकों के इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में 1.51 लाख करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज को बट्टे खाते में डालने के आसार हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुमान के अनुसार बैंक अपने बहीखाते को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठा सकते हैं।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्त वर्ष 26 में बैंकों का ऋण करीब 10.8 से 10.9 फीसदी की दर से बढ़कर 20.2 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। एजेंसी ने पहले ऋण में 9.7 से 10.3 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान जताया था।
अनुमान है कि बैंकों की वृद्धिशील ऋण विस्तार करीब 19 लाख करोड़ रुपये से 20.5 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जबकि यह वित्त वर्ष 25 में 18 लाख करोड़ रुपये था। नीतिगत रीपो दर में कुल मिलाकर 75 आधार अंक कटौती की उम्मीद जताई जा रही है, जो फरवरी 2025 से शुरू हो चुकी है। हालांकि इक्रा को वित्त वर्ष 2026 में बैंकों का शुद्ध ब्याज मार्जिन 15 से 17 आधार अंक घटने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक नियमों के नियामकीय प्रावधानों में राहत देने से ऋण वृद्धि बढ़ी है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार घरेलू अर्थव्यवस्था में ब्याज में कटौती और शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) दबाव में रहने के कारण लाभप्रदता में कुछ आधार अंक की कटौती आ सकती है लेकिन यह सहज दायरे में रहेगी।
चीन-यूएस ट्रेड वॉर की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट, दिल्ली में तीसरे दिन ₹3000 से ज्यादा टूटे भाव!
8 Apr, 2025 09:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन और अमेरिकी के बीच चल रही ट्रेड वॉर की वजह से फैली मंदी की आशंका की वजह से देश की राजधानी दिल्ली में गोल्ड की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली है. इन तीन दिनों में सोने की कीमत 3000 रुपए से ज्यादा टूट गई है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में चीन दहशत या फिर ट्रंप के खौफ में रह सकता है और गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है.
वहीं दूसरी ओर देश के वायदा बाजार में सोने के दाम में 1100 रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है. जिसके बाद मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम एक बार फिर से 88,000 रुपए प्रति दस ग्राम के पार पहुंच गए हैं. जबकि चांदी की कीमत में करीब 1800 रुपए की बढ़ोतरी देखी जा रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश की राजधानी दिल्ली से लेकर वायदा बाजार तक में गोल्ड और सिल्वर की कीमत कितनी हो गई है.
दिल्ली में सस्ता हुआ गोल्ड
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार स्थानीय बाजारों में कमजोर मांग के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 200 रुपए की गिरावट के साथ 91,250 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गई. 99.9 प्योरिटी वाला गोल्ड सोमवार को 91,450 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. इसकाा मतलब है कि गोल्ड की कीमतों में लगातार तीन दिनों में 3,100 रुपए सस्ता हो चुका है. 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड 200 रुपए की गिरावट के साथ 90,800 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया. पिछले बाजार बंद में यह 91,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
दिल्ली में चांदी हुई महंगी
अगर बात चांदी की करें तो इसमें अच्छी तेजी देखने को मिली है. आंकड़ों को देखें तो देश की राजधानी दिनों में 5 दिनों की गिरावट के बाद चांदी के दाम में 200 रुपए का इजाफा देखने को मिला है और चांदी के दाम 92,700 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई. जबकि पिछले बंद भाव 92,500 रुपए प्रति किलोग्राम था. इस बीच, विदेशी बाजारों में हाजिर सोना 0.82 प्रतिशत बढ़कर 3,007.60 डॉलर प्रति औंस हो गया. एशियाई कारोबारी घंटों में हाजिर चांदी 0.69 प्रतिशत बढ़कर 30.29 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी.
वायदा बाजार में गोल्ड और चांदी हुई महंगी
वहीं दूसरी ओर देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिट एक्सचेंज पर सोने और चांदी के दाम में इजाफा देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार शाम 7 बजकर 20 मिनट पर गोल्ड 1137 रुपए की तेजी के साथ 88,065 रुपए प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड की कीमत में 1,516 रुपए का इजाफा देखने को मिला और दाम 88,444 रुपए के साथ दिन के हाई पर पहुंच गए थे. जबकि चांदी की कीमत में शाम 7 बजकर 20 मिनट पर चांदी 1707 रुपए की तेजी के साथ 89,955 रुपए पर कारोबार कर रही है. कारोबारी सत्र के दौरान चांदी 2,069 रुपए की तेजी के साथ 90,317 रुपए प्रति किलोग्राम के हाई पर पहुंच गया था.
क्या कह रहे हैं जानकार
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट – कमोडिटी एंड करेंसी, जतिन त्रिवेदी ने कहा कि रुपए की कमजोरी ने तेजी को और बढ़ाया, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आई. डॉलर इंडेक्स के 102 के आसपास रहने से ग्लोबल सेंटीमेंट सतर्क रहे, जिससे बुलियन कीमतों पर कोई खास असर नहीं पड़ा. त्रिवेदी ने कहा कि हालांकि, टैरिफ की टेंशन बनी रही अमेरिकी व्यापार उपायों के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख ने सुरक्षित निवेश की मांग को फिर से बढ़ा दिया.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी के अनुसार, बाजार प्रतिभागी इस सप्ताह के व्यापक आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नवीनतम नीति बैठक का परिणाम भी शामिल है. गांधी ने कहा कि इसके अलावा, गुरुवार को अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और शुक्रवार को उत्पादक मूल्य सूचकांक भी फेड नीति के भविष्य के मार्ग के बारे में संकेत देंगे.
टाइम से पहले होम लोन की EMI चुकाने से मिलती है बड़ी राहत, जानिए कैसे!
8 Apr, 2025 08:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बुधवार को मौद्रिक नीति का ऐलान करने वाला है.उम्मीद की जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है. इससे आपके होम लोन का ब्याज भी कम होगा और आने वाले महीनों में ईएमआई भी घटेगी. ऐसे में होम लोन से जुड़े इस ट्रिक को समझने में फायदा है. होम लोन की ईएमआई टाइम से पहले चुकाने पर आपका बहुत सारा पैसा बच सकता है.
ब्याज का बोझ होगा कम
होम लोन की ईएमआई टाइम से पहले पर चुकाना हमेशा एक स्मार्ट कदम माना जाता है. ये आपके होम लोन का ब्याज कम करने के साथ-साथ ईएमआई का बोझ भी कम करता है. होम लोन के प्री-पेमेंट से आपका प्रिंसिपल अमाउंट कम होता है, जो आपके लोन टेन्योर को भी कम करता है.
सुधरेगा सिबिल स्कोर
होम लोन का प्री-पेमेंट सिर्फ आपकी ईएमआई का बोझ और ब्याज ही कम नहीं करता. बल्कि आपके सिबिल स्कोर को भी बेहतर बनाता है. सिबिल स्कोर असल में आपकी लोन लेने की क्षमता का एक पैमाना है. ये आपकी साख तय करता है और इसी के आधार पर बैंक आपको लोन देने के बारे में फैसला लेते हैं. सिबिल स्कोर का 750 अंक से ऊपर होना हमेशा अच्छा माना जाता है.
कितना है होम लोन का ब्याज
अप्रैल 2025 तक देश के प्रमुख बैंक एसबीआई, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसी बैंक और अन्य बैंकों के होम लोन की ब्याज दरें 8.25 प्रतिशत से 10.25 प्रतिशत के बीच हैं. अब कल आरबीआई के रेपो रेट में बदलाव करने के इनमें बदलाव हो सकता है.
आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के एमडी और सीईओ ऋषि आनंद का कहना है कि होम लोन का प्री-पेमेंट फाइनेंशियल तौर पर अच्छा फैसला हो सकता है. अगर आपका होम लोन फ्लोटिंग ब्याज रेट पर है, तो इस तरह के होम लोन में प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं लगती.
फ्लोटिंग रेट असल में वो ब्याज दर होती है, जो समय के साथ बदलती रहती है. आम तौर पर फ्लोटिंग रेट भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट से कनेक्टेड होता है. ऐसे में अगर रेपो रेट बढ़ता है, तो होम लोन का ब्याज भी बढ़ता है और रेपो रेट घटने पर आपके लोन की ब्यात दर भी नीचे आती है.
वैसे लोन प्री-पेमेंट का मतलब सिर्फ ब्याज दर को कम करना नहीं है. ये आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को भी मजबूती देता है.
बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स 500 अंक ऊपर, निफ्टी 22,350 के पार!
8 Apr, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशियाई बाजारों में स्थिरता के संकेत मिलने के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार (8 अप्रैल) को जोरदार तेजी के साथ खुले। हालांकि, वीकली एक्सपायरी के चलते दमदार शुरुआत के बाद बाजार में कुछ नरमी देखी है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज के कारोबार में 900 से ज्यादा अंक चढ़कर 74,013.73 पर ओपन हुआ। शुरुआती कारोबार में यह 74,421.65 अंक तक चला गया था। सुबह 10:50 बजे सेंसेक्स 349.48 अंक या 0.48% की बढ़त लेकर 73,487.38 पर था।
इसी तरह एनएसई (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी आज मजबूती के साथ 22,446.75 अंक पर खुला। खुलते ही यह 22,577.55 अंक तक चला गया था। सुबह 10:50 बजे यह 127.15 अंक या 0.57% चढ़कर 22,288.75 पर था।
सोमवार को कैसी थी बाजार की चाल?
इससे पिछले ट्रेडिंग सेशन में घरेलू शेयर बाजार 4 जून, 2024 के बाद सबसे बड़ी गिरावट लेकर बंद हुआ। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 2226.79 अंक या 2.95% की बड़ी गिरावट लेकर 73,137.90 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी सोमवार को 742.85 अंक या 3.24% गिरकर 22,161.60 पर क्लोज हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने सोमवार को चीन पर दबाव बढ़ाते हुए ड्रैगन देश से रेसिप्रोकल टैरिफ वापस लेने के लिए कहा है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ट्रम्प की रणनीति के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा रहने की योजना बना रहा है।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?
अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स में सोमवार को कुछ उछाल आया। जबकि S&P 500 और डॉव में गिरावट देखने को मिली। S&P 500 से जुड़े फ्यूचर्स में 0.9 प्रतिशत का उछाल आया। Nasdaq-100 फ्यूचर्स में करीब 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई जबकि डॉव फ्यूचर्स में लगभग 1.2 प्रतिशत का उछल गया। इससे पहले डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.91 प्रतिशत गिरकर 37,965.60 पर बंद हुआ था, S&P 500 0.23 प्रतिशत घटकर 5,062.25 पर बंद हुआ था, जबकि नास्डैक कंपोजिट 0.10 प्रतिशत बढ़कर 15,603.26 पर बंद हुआ था।
एशिआई बाजारों में जापान का निक्केई 225 इंडेक्स में 6.31 प्रतिशत की बढ़त थी और टॉपिक्स 6.81 प्रतिशत चढ़ा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.35 प्रतिशत ऊपर था और स्मॉल-कैप कोसडैक 2.15 प्रतिशत बढ़ा। ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 1.3 प्रतिशत बढ़ा। हांगकांग का हैंग सेंग 2 प्रतिशत के लाभ के साथ कारोबार कर रहा था, जबकि चीन का CSI 300 0.35 प्रतिशत ऊपर था।
आरबीआई के ब्याज दरों पर फैसले का इंतजार
वैश्विक बाजारों की चाल के अलावा निवेशक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जो कल निर्धारित है। साथ ही भारतीय कंपनियों के चौथे तिमाही के नतीजे और इस सप्ताह आने वाले मैक्रोइकॉनॉमिक आंकड़ों पर भी निवेशकों का फोकस है।
Gold Silver Price Today: MCX पर सोना ₹87,500 तक पहुंचा, चांदी भी चमकी!
8 Apr, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold silver price today: सोने चांदी के भाव में आज तेजी देखने को मिल रही है। घरेलू बाजार में आज दोनों के वायदा भाव तेजी के साथ खुले।खबर लिखे जाने के समय सोने के वायदा भाव 87,400 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे, जबकि चांदी के भाव 89,000 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे।अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने चांदी के भाव आज तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।
सोने के भाव चढ़े
सोने के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट आज 631 रुपये की तेजी के साथ 87,559 रुपये के भाव पर खुला। पिछला बंद भाव 86,928 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 507 रुपये की तेजी के साथ 87,435 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 87,576 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 87,380 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने इस महीने 91,423 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
चांदी चमकी
चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेज रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क मई कॉन्ट्रैक्ट आज 650 रुपये की तेजी के साथ 88,898 रुपये पर खुला। पिछला बंद भाव 88,248 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 794 रुपये की तेजी के साथ 89,042 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 89,088 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 88,799 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। चांदी के वायदा भाव ने इस साल 1,01,999 रुपये किलो के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने चांदी के भाव चमके
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। Comex पर सोना 2,997.50 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 2,973.60 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 37.80 डॉलर की तेजी के साथ 3,011.40 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। पिछले सप्ताह सोने के वायदा भाव ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। Comex पर चांदी के वायदा भाव 30.09 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 29.60 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.42 डॉलर की तेजी के साथ 30.03 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।
MCX, Comes पर भाव
MCX
Open
Last Close
LTP
सोना
87559
86,928
87,435
चांदी
88,898
88,248
89,042
Comex
Open
Last Close
LTP
सोना
2,997.40
3,011.40
3046.30
चांदी
30.09
29.69
30.03
(नोट: mcx में सोने के वायदा भाव रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी रुपये प्रति किलो में हैं। कॉमेक्स में दोनों के वायदा भाव डॉलर प्रति ओंस में हैं। last trading price (LTP) खबर लिखे जाने के समय के हैं।)
भारत बना iPhone का नया सप्लाई हब, ₹1.5 लाख करोड़ के रिकॉर्ड शिपमेंट से दुनियाभर में धूम मचाई!
8 Apr, 2025 11:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऐपल ने वित्त वर्ष 2025 में भारत से 1,50,000 करोड़ रुपये मूल्य (एफओबी) के आईफोन का निर्यात किया है। पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा न केवल 76 फीसदी अधिक है बल्कि यह उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत कंपनी के तय लक्ष्य का दोगुना भी है। ऐपल के वेंडरों द्वारा सरकार को दिए आंकड़ों से यह पता चला है।
ऐपल ने यह कारनामा ऐसे समय में किया है जब अमेरिका ने भारत सहित दुनिया के तमाम देशों पर ऊंचा शुल्क लगा दिए हैं। इन शुल्कों से भारत से होने वाले निर्यात पर अनिश्चितताओं के बादल छा गए हैं। वित्त वर्ष 2024 में 85,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी ने पीएलआई योजना के तहत 74,900 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन निर्यात का लक्ष्य रखा था।
आईसीईए के अनुमानों के अनुसार भारत से स्मार्टफोन के कुल निर्यात में ऐपल की हिस्सेदारी बढ़कर 75 फीसदी तक पहुंच जाएगी। आईसीईए ने कहा कि भारत से 2,00,000 करोड़ रुपये मूल्य के स्मार्टफोन के निर्यात होने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष प्रत्येक महीने औसतन 12,500 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 7,083 करोड़ रुपये रहा था। ऐपल के प्रवक्ता से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
आईसीईए के अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में स्मार्टफोन का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2024 (1,30,000 करोड़ रुपये) की तुलना में 53 प्रतिशत से अधिक रहा।
देश से स्मार्टफोन ने कुल निर्यात में आईफोन की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है। वित्त वर्ष 2024 में स्मार्टफोन के कुल निर्यात में आईफोन की हिस्सेदारी 66 फीसदी रही। अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में इसका हिस्सा बढ़कर 75 फीसदी तक पहुंच सकता है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही में एक और कीर्तिमान बना डाला। कंपनी ने जनवरी-मार्च तिमाही में 55,000 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के आईफोन का निर्यात किया। जनवरी में कंपनी ने 18,000 करोड़ और फरवरी में 17,500 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया था।
मगर मध्य फरवरी में अमेरिका की तरफ से शुल्क लगाने की धमकी के बाद से कंपनी अमेरिका के लिए अतिरिक्त भंडार तैयार करने के लिए अपनी क्षमता धीरे-धीरे बढ़ाती रही और मार्च में कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया।
आईसीईए के अनुसार उद्योग के स्तर पर मार्च में कुल 23,634 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ। मगर अब अमेरिका द्वारा शुल्कों की घोषणा के बाद भारत सहित दुनिया में खलबली मच गई है। अमेरिका ने भारत पर भी 26 फीसदी शुल्क लगा दिया है जिससे यहां से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं एवं आईफोन का निर्यात प्रभावित हो सकता है।
आईसीईए ने अनुमान जताया है कि भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 10 अरब डॉलर से अधिक हो गया है, जो वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 78 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया था जिसमें आईफोन की बड़ी हिस्सेदारी थी। साल की पहली तिमाही में ऐपल हमेशा कम निर्यात करती है मगर दूसरी तिमाही में अक्सर इसमें तेजी आती दिखी है।
सरकार ने वर्ष 2021 में जब से पीएलआई योजना की शुरुआत की है तब से भारत से स्मार्टफोन के निर्यात में शानदार इजाफा हुआ है। पीएलआई योजना पांचवें साल में पहुंच गई है और इसका आखिरी साल भी है। पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत से स्मार्टफोन का निर्यात लगभग 10 गुना बढ़ चुका है। वित्त वर्ष 2021 में भारत ने 22,686 करोड़ रुपये मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया था। भारत से स्मार्टफोन का निर्यात वित्त वर्ष 2015 में 167वें स्थान पर हुआ करता था मगर दिसंबर 2024 तक यह सुधरकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया। स्मार्टफोन के निर्यात से इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का निर्यात भी बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2021 में भारत से निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का स्थान सातवें स्थान पर था मगर वित्त वर्ष 2024 के अंत में यह बढ़कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया। इससे उत्साहित होकर सरकार ने 28 मार्च को 22,919 करोड़ रुपये मूल्य की इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जा विनिर्माण योजना की घोषणा की है।
RBI MPC बैठक में सस्ता कर्ज! एनॉलिस्ट्स ने की 25bps की Repo Rate कटौती की भविष्यवाणी!
8 Apr, 2025 11:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक सोमवार, 7 अप्रैल से शुरू हुई। यह बैठक चालू वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की पहली समीक्षा बैठक है। केंद्रीय बैंक बुधवार, 9 अप्रैल को MPC बैठक के नतीजों का ऐलान करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा लगाए गए ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ के बीच ऐसी उम्मीद है कि नीतिगत रीपो रेट (Repo Rate) में 25 आधार अंकों की और कटौती संभव है। हालांकि इससे ज्यादा कटौती की संभावना भी दिख रही है। इस बीच ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस नुवामा (Nuvama) ने भी रीपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती का अनुमान जताया है।
Repo Rate में 25 bps की कटौती संभव- नुवामा
ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में MPC रीपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकती है और मौद्रिक रुख को “तटस्थ” (neutral) से बदलकर “अनुकूल” (accommodative) कर सकती है।” नुवामा ने आगे कहा कि ग्लोबल ट्रेड वॉर के बीच दुनियाभर में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ने के जोखिम बढ़ रहे हैं, जिससे देश के भीतर पहले से ही कमजोर मांग की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
महंगाई दर काबू में
नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फरवरी 2025 में हेडलाइन महंगाई दर सालाना आधार पर 3.6% रही, जो कि लक्षित स्तर से नीचे है—इससे RBI को दरों में कटौती के लिए पर्याप्त गुंजाइश मिलती है। साथ ही, G7 देशों में बॉन्ड यील्ड्स में नरमी से भी नीति निर्माताओं को अतिरिक्त सहारा मिलेगा।
इस संदर्भ में, हाल ही में RBI द्वारा तरलता (liquidity) की सप्लाई और नियामकीय प्रतिबंधों में ढील जैसे कदम स्वागतयोग्य हैं, लेकिन इनका असर तभी पूर्ण होगा जब इन्हें दरों में कटौती के साथ जोड़कर लागू किया जाए, ताकि घरेलू अर्थव्यवस्था में गिरावट को सीमित किया जा सके। MPC की फॉरवर्ड गाइडेंस (भविष्य के संकेत) पर बाजार की बारीकी से निगाह रहेगी।
RBI से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने आगामी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक को लेकर अपनी राय रखते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि RBI रीपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करेगा और इसे घटाकर 6% तक ला सकता है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है और घरेलू खपत की रफ्तार भी धीमी हो रही है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की पूरी संभावना बनती है।
बैजल ने यह भी कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में हालिया मजबूती से RBI को दरों में कटौती का अतिरिक्त लचीलापन मिलता है, जिससे बिना बड़े पैमाने पर विदेशी पूंजी के आउटफ्लो के दरों में राहत दी जा सकती है।
बॉन्ड मार्केट में जारी रखें निवेश
PGIM इंडिया म्युचुअल फंड में फिक्स्ड इनकम के हेड पुनीत पाल ने कहा, “RBI का वर्तमान रुख विकास को समर्थन देने वाला है और उसने तरलता प्रबंधन (liquidity management) को लेकर एक सक्रिय रुख अपनाया है। बॉन्ड बाजारों में उम्मीद है कि आगामी MPC बैठक में केवल दरों में कटौती ही नहीं, बल्कि मौद्रिक नीति रुख में बदलाव कर उसे “अनुकूल” (accommodative) बनाए जाने की संभावना भी है।”
निवेशक शॉर्ट टर्म और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में निवेश जारी रख सकते हैं, जिनका पोर्टफोलियो ड्यूरेशन अधिकतम 4 वर्षों तक हो। साथ ही, डायनामिक बॉन्ड फंड्स में शॉर्ट टर्म स्ट्रैटेजी के साथ निवेश किया जा सकता है। निवेश करते समय निवेश का समय 12-18 महीनों का होना चाहिए। 1 वर्ष तक की अवधि वाले मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का रिटर्न जोखिम और रिवार्ड के दृष्टिकोण से आकर्षक लग रहा है, निवेशक इस सेगमेंट पर भी ध्यान दे सकते हैं। अगले एक महीने के दौरान 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 6.25% से 6.50% के दायरे में रह सकती है।
अप्रैल में खाड़ी कच्चे तेल की कीमतों में 14% की गिरावट! 3-5 रुपये सस्ते हो सकते है पेट्रोल-डीजल
7 Apr, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहले सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी, फिर घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी। इन दोनों खबरों ने आम लोगों को परेशान कर रखा है। चलिए अब आपको कुछ राहत भरी खबर देते हैं। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की जा सकती है। इससे पहले उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का ऐलान किया है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया है कि इसका आम लोगों की जेब पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आइए आपको भी बताते हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर किस तरह की भविष्यवाणी की गई है।
पेट्रोलियम मंत्री की भविष्यवाणी
देश के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक कच्चे तेल की कीमत करीब 60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। अगर जनवरी में वापस जाएं तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में गिरकर 75 डॉलर हो गई, इसलिए उनके पास कच्चे तेल का औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल स्टॉक है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर सकते हैं कि तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कीमतों के अनुरूप पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।
कितना सस्ता हुआ कच्चा तेल
अप्रैल के महीने में खाड़ी और अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। सबसे पहले अगर 7 अप्रैल की बात करें तो खाड़ी देशों का कच्चा तेल 2.12 फीसदी की गिरावट के साथ 64.15 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। जबकि 31 मार्च को कच्चे तेल की कीमत 74.74 डॉलर प्रति बैरल पर थी। इसका मतलब है कि इस दौरान कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल यानी 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। आंकड़ों पर गौर करें तो 7 अप्रैल को अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत में 2.19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद कीमत 60.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। जबकि 31 मार्च को अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत 71.48 डॉलर प्रति बैरल पर थी। तब से अब तक अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत में 9 डॉलर प्रति बैरल यानी 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि चालू वर्ष में कच्चे तेल की कीमत में 20 डॉलर से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। अगर चालू महीने की बात करें तो ब्रेंट में 14 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। भारत में महंगाई का स्तर भी ज्यादा नहीं है। मार्च में महंगाई का स्तर 4 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है और आरबीआई भी 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 से 5 रुपए तक की कमी आ सकती है।
विजय माल्या का सनसनीखेज बयान: ‘बैंक ने मेरे कर्ज से ज्यादा वसूला’!
7 Apr, 2025 07:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि भारतीय बैंकों के पास उनकी 14,131.6 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां है जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बकाया कर्ज से दोगुना से भी अधिक है. माल्या ने वित्त मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 में जानबूझकर चूक करने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की वसूली के विवरण का कथित संदर्भ देते हुए कहा कि बैंकों ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण के दिए गए 6,203 करोड़ रुपये के मुकाबले 14,131.8 करोड़ रुपये पहले ही वसूल लिए हैं.
माल्या ने एक्स पर किया पोस्ट
माल्या ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ऋण वसूली न्यायाधिकरण के निर्णय के अनुसार, 6,203 करोड़ रुपये के कर्ज के खिलाफ 14,131.8 करोड़ रुपये की वसूली की गई. इसका सबूत मेरे यूके (यूनाइटेड किंगडम) दिवाला निरस्त करने के आवेदन में है. मुझे आश्चर्य है कि बैंक ब्रिटेन की अदालत में क्या कहेंगे.
रिपोर्ट में माल्या और 10 अन्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों का विवरण साझा करते हुए कहा गया है कि 36 व्यक्तियों के संबंध में विभिन्न देशों को कुल 44 प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे गए हैं. मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, माल्या के मामले में कुर्क की गई 14,131.6 करोड़ रुपये की संपत्तियां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के हवाले कर दी गई हैं.
रसोई गैस हुई महंगी, कीमत ₹50 बढ़कर ₹853 हुई, इन शहरों में भी बड़े दाम
7 Apr, 2025 06:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर आम जनता को एक और झटका लगा है. एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. घरेलू गैस सिलेंडर और उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले सिलेंडर पर 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को वितरण कंपनियों द्वारा रसोई गैस या एलपीजी की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला और सामान्य श्रेणी के ग्राहकों दोनों के लिए गैस की कीमत में बढ़ोतरी की गई है. नई कीमतें आज आधी रात से लागू होंगी। आम उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो जाएगी और उज्ज्वला योजना के तहत उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमत 503 रुपये से बढ़कर 553 रुपये हो जाएगी।
मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "एलपीजी के प्रति सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी होगी। 500 से यह 550 रुपये (पीएमयूवाई लाभार्थियों के लिए) हो जाएगा और अन्य के लिए यह 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो जाएगा। यह एक ऐसा कदम है जिसकी हम आगे समीक्षा करेंगे। हम हर 2-3 सप्ताह में इसकी समीक्षा करते हैं। इसलिए, आपने जो उत्पाद शुल्क में वृद्धि देखी है, उसका बोझ पेट्रोल और डीजल पर उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। उस उत्पाद शुल्क वृद्धि का उद्देश्य तेल विपणन कंपनियों को गैस पर हुए 43,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई करना है" पुरी ने कहा, "आपने वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि की गई है। 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मैं पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा।
कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। अगर आप जनवरी को देखें तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में गिरकर 75 डॉलर हो गई। इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, उसकी कीमत औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कीमत के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।"
ब्लैक मंडे: शेयर बाजार में तबाही, सेंसेक्स में 2500 अंक की गिरावट, IT-मेटल इंडेक्स में 7% तक की गिरावट!
7 Apr, 2025 10:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Sensex Crash: वैश्विक बाजारों में कमजोरी के बीच सोमवार (7 अप्रैल) भारतीय शेयर बाजार के लिए 'ब्लैक मंडे' साबित हुआ। अमेरिका ने 180 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगा दिया है। जवाब में चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 34 फीसदी का जवाबी टैरिफ लगा दिया है। इससे दुनिया में ग्लोबल ट्रेड वॉर की चिंता गहरा गई है। इसके अलावा विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इसके चलते बाजार में चारों तरफ बिकवाली देखने को मिल रही है। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स आज करीब 4000 अंकों की गिरावट के साथ 71,449.94 पर खुला। जबकि शुक्रवार को यह 75,364.69 अंकों पर बंद हुआ था। सुबह 9:20 बजे सेंसेक्स 3153.86 अंकों यानी 4.18 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 72,210.83 पर था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी-50 भी 1000 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ 21,758.40 पर खुला। शुक्रवार को यह 22,904 पर बंद हुआ था। सुबह 9:24 बजे निफ्टी 996.15 अंकों यानी 4.35% की भारी गिरावट के साथ 21,908.30 अंकों पर था।
10 मिनट में निवेशकों को ₹18 लाख करोड़ का नुकसान
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। बाजार खुलते ही बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप गिरकर 3,86,01,961 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। शुक्रवार को यह 404,09,600 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह बाजार खुलने के 10 मिनट के अंदर ही निवेशकों की दौलत 18,07,639 करोड़ रुपये घट गई।
शुक्रवार को कैसी रही बाजार की चाल?
इससे पहले शुक्रवार के कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 930.67 अंक यानी 1.22% की गिरावट के साथ 75,364.69 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 50 में 345.65 अंकों की गिरावट आई और यह 1.49% की गिरावट के साथ 22,904.45 पर बंद हुआ।
वैश्विक बाजार में गिरावट जारी, एशियाई बाजारों में बड़ी गिरावट
सोमवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका ने निवेशकों में घबराहट बढ़ा दी है। जापान का निक्केई इंडेक्स 8 फीसदी से ज्यादा गिरा, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स 8.6 फीसदी गिरा। सर्किट ब्रेकर लगने से बाजार में भारी गिरावट के कारण जापानी वायदा कारोबार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। दक्षिण कोरिया के बाजारों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में कोस्पी इंडेक्स 4.3 फीसदी गिरा, जबकि कोसडैक 3.4 फीसदी गिरा। ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स 6 फीसदी फिसला और अब अपने फरवरी के शिखर से 11 फीसदी नीचे है, यानी यह सुधार क्षेत्र में पहुंच गया है। अमेरिका में निवेशकों का भरोसा भी डगमगाता हुआ दिखाई दिया। डॉव जोन्स फ्यूचर्स में 979 अंक या 2.5 फीसदी की गिरावट आई। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स में 2.9 फीसदी की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक-100 फ्यूचर्स में 3.9 फीसदी की गिरावट आई।
इस बीच, अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें भी 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गईं। डब्ल्यूटीआई क्रूड फ्यूचर्स 3 फीसदी से ज्यादा गिरकर 59.74 डॉलर पर आ गया, जो अप्रैल 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है। हालांकि, इतनी गिरावट के बावजूद ट्रंप प्रशासन के आर्थिक सलाहकारों ने महंगाई या मंदी को लेकर चिंता नहीं जताई है। उनका कहना है कि टैरिफ पर बाजार की प्रतिक्रिया मायने नहीं रखेगी और वे लागू रहेंगे। शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखी गई। इसका मुख्य कारण चीन द्वारा अमेरिकी सामानों पर 34 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा थी। इससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका और गहरा गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा सकती है।
इस खबर के बाद, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 5.5% की गिरावट आई, जो जून 2020 (कोविड महामारी के दौरान) के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। एसएंडपी 500 इंडेक्स में भी 5.97% की गिरावट आई, जिसे मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट माना जा रहा है। वहीं, टेक कंपनियों से भरे नैस्डैक इंडेक्स में भी 5.8% की गिरावट दर्ज की गई। खास बात यह है कि दिसंबर के शीर्ष स्तर से लेकर अब तक नैस्डैक में कुल 22% की गिरावट आ चुकी है, जिसके चलते यह बियर मार्केट में प्रवेश कर चुका है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू
भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार को बैठक होगी। यह चालू वित्त वर्ष की पहली बैठक होगी। उम्मीद है कि आरबीआई पॉलिसी रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। हालांकि, इसमें और अधिक कटौती की भी संभावना है। बैठक में लिक्विडिटी यानी नकदी प्रवाह से जुड़े उपायों पर भी नजर रहेगी, ताकि रेपो रेट में बदलाव का असर बैंकों की लोन और डिपॉजिट दरों पर आसानी से पहुंच सके। बैठक से पहले आरबीआई ने लिक्विडिटी फ्रेमवर्क को लेकर बैंकों की राय लेने के लिए उनके साथ कई बैठकें की हैं।
स्टैंड-अप इंडिया योजना में स्वीकृत की गई लोन राशि बढ़कर 61,020.41 करोड़ रुपये हुई
6 Apr, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । स्टैंड-अप इंडिया योजना ने बीते कुछ वर्षों में शानदार वृद्धि दर्ज की है, इसके तहत स्वीकृत की गई कुल लोन राशि 31 मार्च, 2019 को 16,085.07 करोड़ रुपये से बढ़कर 17 मार्च, 2025 तक 61,020.41 करोड़ रुपये हो गई है। इसकी जानकारी केंद्र की ओर से दी गई।
इस अवधि में एससी खाते 9,399 से बढ़कर 46,248 हो गए, जबकि लोन राशि 1,826.21 करोड़ से बढ़कर 9,747.11 करोड़ रुपये हो गई। एसटी खाते 2,841 से बढ़कर 15,228 हो गए, जबकि स्वीकृत किए गए लोन 574.65 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,244.07 करोड़ रुपये हो गए। वित्त मंत्रालय ने कहा, 2018 से 2024 तक महिला उद्यमियों के खाते 55,644 से बढ़कर 1,90,844 हो गए, जबकि स्वीकृत की गई राशि 12,452.37 करोड़ रुपये से बढ़कर 43,984.10 करोड़ रुपये हो गई।
स्टैंड-अप इंडिया योजना परिवर्तनकारी पहल रही है, जो एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को उनके व्यावसायिक विचारों को वास्तविकता में बदलने का मौका देती है। मंत्रालय ने बताया, लोन स्वीकृति और वितरण में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ योजना समावेशी विकास को बढ़ावा देना जारी रखती है। योजना केवल लोन को लेकर नहीं है, बल्कि यह अवसर पैदा करने, बदलाव लाने और आकांक्षाओं को उपलब्धियों में बदलने को लेकर भी है।
5 अप्रैल, 2016 को अपनी शुरुआत के बाद से, स्टैंड-अप इंडिया योजना एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को सशक्त बना रही है। योजना का मकसद नए व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक लोन प्रदान कर बाधाओं को दूर करना है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, बीते 7 वर्षों में, योजना ने न केवल व्यवसायों को फंड उपलब्ध करवाया बल्कि लाखों लोगों के सपनों को भी पूरा किया। इसके साथ ही आजीविका का सृजन करते हुए पूरे भारत में समावेशी विकास को बढ़ावा दिया है।
स्टैंड-अप इंडिया योजना ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए प्रत्येक बैंक शाखा कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच बैंक लोन की सुविधा प्रदान करती है।
एक लीटर पेट्रोल में 73 किमी का माइलेज देती है हीरो बाइक
6 Apr, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नईदिल्ली। अगर आप ऑफिस आने-जाने के लिए फ्यूल एफिशिएंट बाइक की तलाश में हैं, तो हीरो स्प्लेंडर प्लस एक्सटेक 2.0 आपके लिए एक बेहतरीन चॉइस हो सकती है। हीरो मोटोकॉर्प की इस बाइक की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 83,571 रुपए है। आरटीओ, इंश्योरेंस और अन्य चार्ज जोड़ने पर इसकी ऑन-रोड कीमत राज्य अनुसार अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह फिर भी 84,000 रुपए से कम में आ सकती है।
हीरो स्प्लेंडर प्लस एक्सटेक 2.0 में 9.8 लीटर का फ्यूल टैंक है और कंपनी का दावा है कि यह बाइक अराई सर्टिफिकेशन के अनुसार एक लीटर पेट्रोल में 73 किलोमीटर का माइलेज देती है। यानी फुल टैंक पर यह बाइक लगभग 715 किलोमीटर तक चल सकती है। हालांकि, असली माइलेज सड़क की स्थिति और राइडिंग स्टाइल पर निर्भर करता है।
इस बाइक में 97.2 सीसी का 4-स्ट्रोक, एयर-कूल्ड सिंगल सिलेंडर इंजन दिया गया है जो पावरफुल परफॉर्मेंस के साथ अच्छी ईंधन दक्षता भी देता है। ब्रेकिंग के लिए फ्रंट और रियर दोनों में ड्रम ब्रेक्स दिए गए हैं। बाइक के फीचर्स भी काफी आधुनिक हैं। इसमें फुल डिजिटल मीटर, रियल टाइम माइलेज इंडिकेटर, इको इंडिकेटर, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ कॉल और एसएमएस अलर्ट, और हजार्ड लाइट जैसी सुविधाएं शामिल हैं।