व्यापार
टाटा स्टील ने की 2603 करोड़ की डील, शेयर खरीदने निवेशक हुए बेताब
23 Feb, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। टाटा स्टील के शेयर शुक्रवार को कारोबार के दौरान फोकस में हैं। कंपनी के शेयर 2 फीसदी से बढ़कर 140.40 रुपए के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए। शेयरों में इस उछाल के पीछे टाटा स्टील ने टी स्टील होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड के 191 करोड़ से ज्यादा इक्विटी शेयर 30 करोड़ डॉलर यानी 2,603.16 करोड़ रुपए में खरीदे हैं। टी स्टील होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड (टीएसएचपी) घरेलू इस्पात कंपनी टाटा स्टील की सिंगापुर स्थित इकाई है।
टाटा स्टील ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी ने 20 फरवरी को टी स्टील होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड (टीएसएचपी) में प्रत्येक 0.157 डॉलर फेस वैल्यू वाले 1,91,08,28,025 साधारण इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण किया है, जो कुल मिलाकर 30 करोड़ डॉलर का है। इस अधिग्रहण के बाद, टीएसएचपी, कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी बनी रहेगी।
टाटा स्टील के शेयरों का 52 वीक हाई प्राइस 184.60 रुपए और 52 वीक लो प्राइस 122.60 रुपए है। इसका मार्केट कैप 1,74,643 रुपए है। कंपनी के शेयर पिछले पांच कारोबारी दिन में 5 फीसदी और महीनेभर में 8 फीसदी चढ़ गए। इस साल अब तक इसमें केवल 1 फीसदी की तेजी आई है। छह महीने में यह शेयर 9 फीसदी और 1 साल में 4 फीसदी तक टूटा है। पांच साल में इसका 200 फीसदी से ज्यादा का है।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 36.37 फीसदी की गिरावट के साथ 326.64 करोड़ रुपए की गिरावट दर्ज की। एक साल पहले की समान अवधि में इसका शुद्ध लाभ 513.37 करोड़ रुपए रहा था। समेकित आधार पर कुल राजस्व चालू वित्त वर्ष में 3.01 फीसदी कम होकर 53,648.30 करोड़ रुपए रहा है।
त्योहारी मांग और आयात कम होने से तेल-तिलहन की कीमत में आई तेजी
23 Feb, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। अगले माह होली त्योहार को देखते हुए मांग बढ़ने और विदेशी तेलों के महंगा होने से आयात में गिरावट के बीच भारतीय बाजार में तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सभी तेल-तिलहनों के दाम मजबूत बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में आयातित पाम-पामोलीन के दाम में वृद्धि हुई है जिससे पाम-पामोलीन का आयात कम हुआ है। जनवरी में खाद्य तेलों का आयात 10 लाख सात हजार टन का हुआ था, जिसके फरवरी में घटकर 9.5 लाख टन रहने की संभावना है। आयातित तेल की कमी को पूरा करने की स्थिति में न तो सरसों है न ही बिनौला। ऐसे में त्योहारों के मद्देनजर सरकार को देखना होगा कि आयात की कमी को कैसे पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह से पहले आयात होने वाले जिस सोयाबीन डीगम तेल का दाम 1,175-1,180 डॉलर प्रति टन था वह बीते सप्ताह बढ़कर 1,195-1,200 डॉलर प्रति टन हो गया। इसी प्रकार पहले जिस सीपीओ का दाम 1,185-1,190 डॉलर प्रति टन था वह बढ़कर बीते सप्ताह 1,200-1,205 डॉलर प्रति टन हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 5-5 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 4,280-4,330 रुपये और 3,980-4,080 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 350 रुपये, 300 रुपये और 250 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 14,350 रुपये, 13,950 रुपये और 10,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। मूंगफली तिलहन का भाव 175 रुपये की तेजी के साथ 5,650-5,975 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 200 रुपये और 45 रुपये के सुधार के साथ 14,400 रुपये और 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 400 रुपये सुधरकर 13,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 250 रुपये मजबूत होकर 14,950 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 250 रुपये बढ़कर 13,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।मजबूती के आम रुख के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल 400 रुपये की तेजी के साथ 13,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
सरकार पांच सरकारी बिजली कंपनियों के आईपीओ लाएगी
23 Feb, 2025 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पांच सरकारी बिजली बनाने वाली और ट्रांसमिशन कंपनियों की पहचान की है, जिन्हें स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किया जाएगा ताकि वे अपनी क्षमता विस्तार कर सकें और उसे निवेश मिल सकें। एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकार ने बताया कि इन कंपनियों में आंध्र प्रदेश पावर जनरेशन कॉरपोरेशन और गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन इस समय मर्चेंट बैंकर नियुक्त करने की प्रक्रिया में हैं। इसके अलावा, सरकार राज्य सरकारों द्वारा संचालित बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण की संभावना भी तलाश रही है। ये डिस्कॉम्स बिजली खरीद लागत में बढ़ोतरी, हाई ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नुकसान और उपभोक्ताओं से भुगतान में देरी जैसी समस्याओं का सामना कर रही हैं। हाल ही में एक क्षेत्रीय बैठक में विभिन्न राज्यों ने बिजली वितरण सेवाओं की कार्यक्षमता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से डिस्कॉम्स के निजीकरण में सहायता करने का अनुरोध किया था। डिस्कॉम्स की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने मंत्रियों का एक समूह गठित किया है, लेकिन पावर सचिव ने वित्तीय राहत पैकेज की संभावना से इनकार किया है। सरकार कुछ डिस्कॉम्स को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड करने पर भी विचार कर रही है, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने संचयी घाटे को कम करना होगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 तक, देशभर के डिस्कॉम्स का कुल घाटा 6.92 लाख करोड़ रुपये था, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक उनका कुल बकाया कर्ज 7.53 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। हालांकि, राज्यों ने डिस्कॉम्स को सब्सिडी भुगतान में सुधार किया है और औसत आपूर्ति लागतऔर औसत राजस्व प्राप्ति के बीच का अंतर 2022-23 में 45 पैसे प्रति किलोवाट-घंटा से घटकर 2023-24 में 19 पैसे रह गया है। जनवरी 2025 तक, यह अंतर और कम होकर 0.10 पैसे प्रति किलोवाट-घंटा हो गया।
आखिरकार राहत: पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में होगी कमी, केंद्रीय मंत्री का बयान
22 Feb, 2025 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राहत:लंबे समय से आम लोग पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमत कम होने का इंतजर कर रहे हैं। अब उन सभी के लिए अच्छी खबर है। आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम कम हो सकते हैं। दरअसल, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अमेरिका सहित ग्लोबल मार्केट में तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी के कारण ईंधन की कीमतों में कमी आने की संभावना है, जिससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, “अमेरिका में, उन्होंने (ट्रंप ने) कहा, “ड्रिल, बेबी, ड्रिल।” जो अधिक ड्रिलिंग करने और अधिक तेल निकालने का संकेत है। उन्होंने आधिकारिक रूप से कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों को कम करना चाहते हैं।
इसलिए कीमतें कम होंगी
पुरी ने कहा, “इसलिए, मुझे लगता है कि वैश्विक ऊर्जा की स्थिति में सुधार होगा। बाजार में अधिक तेल और गैस आएगी और उम्मीद है कि इससे कीमतों में कमी लाने में मदद मिलेगी। जब ऊर्जा कम कीमतों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती है, तो इससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का प्राथमिक उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ‘कम कीमतों पर’ पर्याप्त तेल खरीदना है।
डॉलर में ही होगा ट्रेड
उन्होंने यह भी कहा कि तेल खरीद में डॉलर के इस्तेमाल को खत्म करने का कभी भी उद्देश्य नहीं था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘अधिकांश लेनदेन डॉलर में होते हैं और हमेशा से होते आए हैं।’ उन्होंने विश्वास जताया कि भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले नए प्रशासन के साथ संपर्क स्थापित कर लिया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के मोर्चे पर भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे। उनके अनुसार, भारत अर्जेंटीना सहित 40 देशों से तेल आयात करता है और चूंकि दुनिया में पर्याप्त तेल है, इसलिए तेल उत्पादक देश जो कटौती कर रहे हैं, उन्हें भी अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
भारत में चीनी स्टील के बढ़ते आयात पर कसेगी सरकार लगाम, एंटी-डंपिंग ड्यूटी प्रस्तावित
22 Feb, 2025 03:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Anti-Dumping Duty On Chinese Steel: चीन से भारत में आयात होने वाले सस्ते स्टील के चलते घरेलू स्टील कंपनियों की चुनौतियां बढ़ गई है. ऐसे में भारत सरकार घरेलू उत्पादन करने वाली स्टील कंपनियों को राहत देने पर विचार कर रही है. सरकार जल्द ही चीन से आयात होने वाले सस्ते स्टील पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है. टाटा समूह की देश की सबसे बड़ी स्टील कंपनी टाटा स्टील के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) टीवी नरेंद्रन ने कहा कि सरकार स्टील इंडस्ट्री के एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने के अनुरोध पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही है.
टीवी नरेंद्रन ने कहा, सरकार स्टील इंडस्ट्री के एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने के अनुरोध पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही है. , क्योंकि सस्ते चीनी आयात भारतीय बाजार में बाढ़ की तरह आ रहे हैं और अमेरिका में टैरिफ में संभावित वृद्धि के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है. नरेंद्रन ने कहा, उन्हें विश्वास है कि इंडस्ट्री से विस्तृत स्पष्टीकरण लेने के बाद सरकार जल्द ही इस मुद्दे को लेकर अपडेट जारी करेगी. भारतीय स्टील एसोसिएशन (आईएसए) ने डंपिंग को लेकर पहले ही डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडी (डीजीटीआर) के पास एक आवेदन दिया हुआ है, जिसपर विचार किया जा रहा है. नरेंद्रन ने कहा कि भारत स्टील उत्पादन के लिए दुनिया की सबसे अच्छी जगहों में से एक है. भारतीय स्टील इंडस्ट्री ने सबसे आधुनिक और किफायती स्टील प्लांट बनाए हैं.
देश में लौह अयस्क का भी बहुत भंडार है, लेकिन समस्या यह है कि विदेशी संस्थाएं कम कीमत पर स्टील बेचने को तैयार हैं. उन्होंने आगे कहा कि चीनी स्टील इंडस्ट्री बड़े घाटे में है और वहां की ज्यादातर सरकारी स्टील कंपनियां घाटा दर्ज कर रही हैं. भारत की स्टील इंडस्ट्री को निजी कंपनियां संचालित करती हैं. अगर यहां कंपनियां मुनाफा नहीं कमाएंगी, तो नई क्षमता में निवेश कैसे करेंगी. नरेंद्रन ने कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति आयात पर शुल्क बढ़ाने के अपने प्रस्ताव पर आगे बढ़ते हैं तो इससे टाटा स्टील को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होगा.उन्होंने बताया कि टाटा स्टील अपनी मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं से अमेरिकी बाजार में भी स्टील का निर्यात करती है, जो टैरिफ में वृद्धि से सीधे प्रभावित होगी.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान भारत का स्टील निर्यात 28.9 प्रतिशत घटकर 3.99 मिलियन टन रह गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5.61 मिलियन टन था. भारत वर्तमान में स्टील का शुद्ध आयातक है और वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-जनवरी के दौरान 8.29 मिलियन टन स्टील का आयात किया है.
करेंसी एक्सचेंज में हो सकता है नुकसान, जानें कैसे बचें
22 Feb, 2025 03:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
करेंसी एक्सचेंज: आप विदेश जाने से पहले एक बार विदेश में करेंसी एक्सचेंज से संबंधित नियम और सेंटर के बारे में जानकारी जरूर प्राप्त कर लें. इसके अलावा आप फॉरेक्स कार्ड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आप एयरपोर्ट में करेंसी एक्सचेंज कराने से बचें क्योंकि यहां पर आपको अधिक शुल्क देना पड़ सकता है. हर देश की करेंसी अलग-अलग होती है. जैसे भारत की करेंसी रुपया है तो अमेरिका की करेंसी डॉलर है. ऐसे में अगर आप एक देश से दूसरे देश में जा रहे हैं तब आपको करेंसी एक्सचेंज कराना होता है. किसी भी देश में किसी ओर देश की करेंसी नहीं चलती है. जिसमें व्यक्ति को अपनी करेंसी के बदले में दूसरे देश की करेंसी मिलती है. ऐसे में क्या आप किसी दूसरे देश जाने का प्लान बना रहे हैं और करेंसी एक्सचेंज करा रहे हैं तो आपको एक्सचेंज कराने से पहले कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. आज हम आपको इस खबर के माध्यम से करेंसी एक्सचेंज से जुड़ी कुछ जरूरी बात बताएंगे… चलिए जानते हैं.
आपको करेंसी एक्सचेंज सेंटर जाना होगा
आपको अपने पैसों को दूसरे देश की करेंसी में बदलने के लिए सबसे पहले करेंसी सेंटर पर जाना होगा. इसके लिए आपको किसी RBI से मान्यता प्राप्त करेंसी एक्सचेंज सेंटर में ही जाना है. अवैध या अनधिकृत करेंसी एक्सचेंज सेंटर में जाने से बचें. आप इसके अलावा अलग-अलग जगह के एक्सचेंज रेट को जरूर चेक करें. जहां पर आपको एक अच्छा एक्सचेंज रेट मिलें. वहां से ही आप अपनी करेंसी एक्सचेंज करें.
इन बातों का ध्यान रखें करेंसी एक्सचेंज कराते समय
बता दें, कि कई बार बैंक, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और फॉरेक्स एजेंट्स आपसे करेंसी एक्सचेंज करने के लिए कई चार्ज भी लेते हैं. इसलिए आप पहले ही इन हिडन चार्जिस के बारे में जान लें. इतना ही नहीं आप एयरपोर्ट में करेंसी एक्सचेंज कराने से बचें क्योंकि यहां पर आपको अधिक शुल्क देना पड़ सकता है.
शेयर बाजार में कमाल: 4 रुपये का शेयर बना निवेशकों के लिए सोने का अंडा
22 Feb, 2025 03:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Multibagger penny stock: शेयर बाजार ने कई मल्टीबैगर स्टॉक बनाए हैं, जिसके कारण खुदरा निवेशकों की संपत्ति में काफी बढ़ोतरी हुई है, जो लंबी अवधि में निवेश को दमदार रिटर्न दिलाने में मदद करते हैं. आज हम आपको एक ऐसे मल्टीबैगर शेयर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. इस शेयर का नाम Lloyds Metals And Energy Ltd है.
Lloyds Metals And Energy Ltd की कीमत वर्तमान के समय में 1,194.00 है, जो पांच साल में 4.60 रुपए से शेयर 7,864.86 प्रतिशत बढ़ी है , जो इस अवधि के दौरान 256 गुना से अधिक रिटर्न में तब्दील हो गई है। अगर किसी निवेशक ने पांच साल पहले 1 लाख रुपए से अधिक का निवेश किया होता और उस पर कायम भी रहा होता तो उसकी कीमत 2.56 करोड़ रुपए तक बढ़ गई होती.
Lloyds Metals And Energy Ltd के शेयर में उतार-चढ़ाव
62,673.92 करोड़ रुपये के मार्केट कैपेटलाइजेशन वाली लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी के शेयरों में गुरुवार के कारोबारी सत्र के दौरान लगभग 4 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,219 रुपये प्रति शेयर का इंट्राडे उच्चतम स्तर दर्ज किया गया । वहीं, शुक्रवार को शेयर BSE पर 0.075 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,194.00 रुपए पर बंद हुआ था. 19 फरवरी को कंपनी के प्रमोटरों में से एक रवि अग्रवाल ने कंपनी के प्रबंध निदेशक और साथी प्रमोटर राजेश गुप्ता से ब्लॉक डील के जरिए 1,165 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 1,77,240 इक्विटी शेयर हासिल किए।
Lloyds Metals And Energy Ltd Share Price History
Lloyds Metals And Energy Ltd के शेयर में पिछले 6 महीने में 57.93 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है. पिछले एक महीने में Lloyds Metals And Energy Ltd के शेयरों में करीब 15.59 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. वहीं, पिछले एक साल में Lloyds Metals And Energy Ltd का शेयर 107.92 प्रतिशत गिरा है. कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 1,477.50 रुपये है. वहीं, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का लो लेवल 530.00 रुपये है.
टाटा ग्रुप की 5 प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट
22 Feb, 2025 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर मार्केट में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। इस गिरावट के कारण देश की कई बड़ी-बड़ी कंपनियों को नुकसान हो रहा है। इनमें रिलायंस भी शामिल है। वहीं टाटा ग्रुप की कई कंपनियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। इनमें 5 कंपनियां तो ऐसी हैं जिनका शेयर 52 हफ्ते के निम्नतम स्तर के करीब आ गया है।
टाटा स्टील
टाटा ग्रुप की यह एक अहम कंपनी है। इस कंपनी के शेयर की भी चाल एक साल में सही नहीं रही है। शुक्रवार को यह 1.88% की तेजी के साथ 140.60 रुपये पर बंद हुआ। लेकिन पिछले 52 हफ्ते में इसने नुकसान ही दिया है। इसका 52 हफ्ते का निम्नतम स्तर 122.60 रुपये है। मौजूदा कीमत निम्नतम स्तर से कुछ ही ज्यादा है।
टाटा मोटर्स
टाटा मोटर्स के शेयर शुक्रवार को 2.46% की गिरावट के साथ 672.90 रुपये पर बंद हुए। ऑटोमोबाइल सेक्टर की लीडिंग इस कंपनी के शेयर में पिछले एक महीने में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इसका 52 हफ्ते का निम्नतम स्तर 667 रुपये है जो मौजूदा कीमत से कुछ ही कम है।
Tata Chemical
यह शेयर भी गिरावट का सामना कर रहा है। शुक्रवार को यह एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 845.20 रुपये पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में इस शेयर में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इसका 52 हफ्ते का निम्नतम स्तर 833 रुपये है। ऐसे में इस शेयर की मौजूदा कीमत 52 हफ्ते के निम्नतम स्तर से कुछ रुपये ही ज्यादा है।
टाटा केमिकल
टाटा ग्रुप का यह शेयर 52 हफ्ते के निम्नतम स्तर के बिल्कुल करीब है। शुक्रवार को यह 2.42% की गिरावट के साथ 1451.20 रुपये पर बंद हुआ था। एक महीने में यह निवेशकों का 14 फीसदी से ज्यादा नुकसान कर चुका है। इसका 52 हफ्ते का निम्नतम स्तर 1441 रुपये है। यानी यह अभी निम्नतम स्तर से 10 रुपये ही ज्यादा है।
टाटा टेक्नोलॉजीज
यह शेयर भी 52 हफ्ते के निम्नतम स्तर के करीब है। शुक्रवार को यह 0.76% की गिरावट के साथ 742.40 रुपये पर बंद हुआ था। पिछले एक महीने में इसने निवेशकों को 7 फीसदी से ज्यादा का नुकसान दिया है। वहीं इसका 52 हफ्ते का निम्नतम स्तर 710.60 रुपये है। यानी इसकी भी मौजूदा कीमत निम्नतम स्तर से कुछ ही ज्यादा है।
विज्ञापन में बढ़ी गर्मी, 10 सेकंड के विज्ञापन की कीमत ने सबको चौंकाया
22 Feb, 2025 01:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टीवी या स्मार्टफोन पर आने वाले विज्ञापन के स्लॉट को खरीदने के लिए कंपनियों के बीच होड़ मची रहती है। 10 सेकंड के विज्ञापन की कीमत 50 लाख रुपये तक पहुंच गई है। भारत और पाकिस्तान के बीच विज्ञापन की कीमत अन्य मैचों के मुकाबले दोगुनी है। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस मैच में कंपनियां अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन दिखाने के लिए कितनी आतुर हैं। हाई-प्रोफाइल मैच के दौरान कोका-कोला, मदर डेयरी और रेडबेरील जैसे नियमित विज्ञापनदाता भी नए अभियानों के साथ बड़ा दांव लगाना चाह रहे हैं। मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक के अनुसार यह मैच पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचने वाला है।
वीकेंड भी बड़ा कारण
विज्ञापन की ज्यादा कीमत के पीछे वीकेंड भी सबसे बड़ा कारण है। एक बड़ी मीडिया बाइंग कंपनी के एक कार्यकारी ने बताया कि विज्ञापन दरें बाकी चैंपियंस ट्रॉफी मैचों की तुलना में 100% अधिक हैं। मीडियम लेवल के ब्रांड भी हैं जो लाइव स्पोर्ट्स विज्ञापन में नए हैं। ICC के ग्लोबल स्पॉन्सर कोका-कोला ने कहा कि वह मैच के दिन एक नए अभियान की शुरुआत कर रहा है।
पहले भी ज्यादा रही है कीमत
यह पहली बार नहीं है जब भारत और पाकिस्तान के बीच मैच में विज्ञापन की कीमत इतनी ज्यादा है। पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के मैच में विज्ञापन की कीमत आसमान पर थी। इसमें 10 सेकंड के विज्ञापन की कीमत 40 लाख रुपये तक थी। इससे पहले साल 2023 में आईसीसी वर्ल्ड कप में भी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हुआ था। इस मैच में विज्ञापन की कीमत सबसे ज्यादा रही थी। दोनों टीमों के बीच हुए इस हाई वोल्टेज मैच में 10 सेकंड के विज्ञापन की कीमत 60 लाख रुपये तक पहुंच गई थी।
मेटल स्टॉक्स ने दिखाया दम, ऑटो और फार्मा शेयरों में भारी गिरावट के बाद बाजार लाल निशान पर
21 Feb, 2025 05:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स आज 0.56 फीसदी या 424 अंक की गिरावट के साथ 75,311 पर बंद हुआ। बाजार बंद होते समय सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 8 शेयर हरे निशान पर और 22 शेयर लाल निशान पर थे। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी भी गिरावट के साथ बंद हुआ है। यह 0.51 फीसदी या 117 अंक की गिरावट के साथ 22,795 पर बंद हुआ। बाजार बंद होते समय निफ्टी के 50 शेयरों में से 13 शेयर हरे निशान पर और 37 शेयर लाल निशान पर थे।
इन शेयरों में रही गिरावट
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट महिंद्रा एंड महिंद्रा में 6.20 फीसदी, अडानी पोर्ट्स में 2.67 फीसदी, बीपीसीएल में 2.67 फीसदी, टाटा मोटर्स में 2.52 फीसदी और अडानी एंटरप्राइजेज में 2.48 फीसदी दर्ज हुई। वहीं, सबसे अधिक तेजी हिंडाल्को में 2.09 फीसदी, टाटा स्टील में 1.85 फीसदी, आयशर मोटर्स में 1.63 फीसदी, लार्सन एंड टुब्रो में 1.21 फीसदी और एसबीआई लाइफ में 0.73 फीसदी दर्ज हुई।
सेक्टोरल सूचकांकों का हाल
सेक्टोरल सूचकांकों की बात करें, तो सबसे अधिक गिरावट निफ्टी ऑटो में 2.58 फीसदी, निफ्टी मिडस्मॉल आईटी एंड टेलीकॉम में 2.21 फीसदी, निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेज में 1.02 फीसदी, निफ्टी ऑयल एंड गैस में 1.05 फीसदी, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.41 फीसदी, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 1.93 फीसदी, निफ्टी रियल्टी में 1.27 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.74 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक में 1.34 फीसदी, निफ्टी फार्मा में 1.92 फीसदी, निफ्टी मीडिया में 1.17 फीसदी, निफ्टी आईटी में 0.79 फीसदी, निफ्टी एफएमसीजी में 0.46 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.46 फीसदी और निफ्टी बैंक में 0.672 फीसदी दर्ज हुई। इससे इतर निफ्टी मेटल में 1.02 फीसदी की तेजी दर्ज हुई।
खुशखबरी! PM Kisan Scheme की 19वीं किस्त 9.8 करोड़ किसानों के खाते में 24 फरवरी को
21 Feb, 2025 04:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
PM Kisan Scheme: देश के 9.8 करोड़ किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 24 फरवरी को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत किसानों को 19वीं किस्त जारी करेंगे। इसके तहत करीब 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे, जो किसानों के खाते में सीधे क्रेडिट हो जाएंगे। पीएम-किसान योजना के तहत हर लाभार्थी किसान को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में 6,000 रुपये का सालाना लाभ दिया जाता है।
भागलपुर से करेंगे ₹22,000 करोड़ जारी
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री 24 फरवरी को बिहार के भागलपुर में एक समारोह में पीएम-किसान की 19वीं किस्त जारी करेंगे। यह राशि पात्र किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चौहान ने कहा कि 18वीं किस्त में लाभार्थियों की संख्या 9.6 करोड़ से बढ़ गई है। फरवरी 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) योजना है। इस स्कीम ने किसानों को बीज और उर्वरकों की खरीद के लिए अपने खर्चों को पूरा करने में मदद की है।
साल में कुल ₹6000 दिए जाते हैं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम को सरकार द्वारा कृषक समुदाय की आय बढ़ाने के प्रयास के तहत शुरू किया गया है। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में 6,000 रुपये का वार्षिक लाभ मिलता है। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत अब तक कुल 3.46 लाख करोड़ रुपये वितरित किए हैं और 19वीं किस्त जारी होने के बाद यह संख्या बढ़कर 3.68 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।
आय बढ़ाने और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध
चौहान ने कहा कि सरकार उत्पादन बढ़ाने, इनपुट लागत कम करने, किसानों की उपज से उनकी आय बढ़ाने और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भागलपुर में कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए चौहान ने कहा कि लगभग 2.5 करोड़ किसानों के शारीरिक और आभासी रूप से भाग लेने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्य से संबंधित केंद्रीय मंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री बरौनी में स्थापित की जा रही डेयरी प्रसंस्करण इकाई और गोकुल मिशन के तहत उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वे राज्य में कुछ रेल परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।
अडाणी ग्रुप का बड़ा कदम: राज्य में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश, नए विकास क्षेत्रों पर फोकस
21 Feb, 2025 04:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Invest Kerala Global Summit: भारत के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति और दिग्गज उद्योगपति गौतम अडाणी का अडाणी ग्रुप 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहा है। ये सारा निवेश अगले 5 साल में दक्षिण भारतीय राज्य केरल में किया जाएगा। अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अडाणी ने Invest Kerala Global Summit में कहा,‘‘ हम 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने की प्रतिबद्धता जता रहे हैं।’’ बताते चलें कि अडाणी ग्रुप केरल में पहले से ही विझिंजम पोर्ट का डेवलपमेंट कर रहा है। इसके साथ ही, ये केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एयरपोर्ट को ऑपरेट कर रहा है। अडाणी ग्रुप राज्य में अपनी सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी का विस्तार करने के साथ-साथ एक लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स सेंटर भी विकसित करेगा।
तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट की कैपेसिटी में किया जाएगा इजाफा
गौतम अडाणी का ग्रुप विझिंजम पोर्ट का विकास कर रहा है और उसने पहले ही 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया है। करण अडाणी ने कहा कि ग्रुप 5,500 करोड़ रुपये के निवेश से तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट की क्षमता को सालाना 45 लाख यात्री से बढ़ाकर 1.2 करोड़ यात्री करेगा। उन्होंने कहा कि कोच्चि में लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, कोच्चि में सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाई जाएगी। कुल मिलाकर, ग्रुप अगले पांच साल में यहां 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में दिख रही बड़ी गिरावट
शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के शेयर आज दोपहर 01.43 बजे तक बीएसई पर 29.50 रुपये (2.65%) के नुकसान के साथ 1082.05 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को 1111.55 रुपये के भाव पर बंद हुए कंपनी के शेयर आज 1113.55 रुपये के भाव पर खुले थे। खबर लिखे जाने कंपनी के शेयर 1118.90 रुपये के इंट्राडे हाई से लेकर 1081.00 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंच चुके थे। बताते चलें कि कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 2,33,791.84 करोड़ रुपये है।
8वें वेतन आयोग की घोषणा: कर्मचारियों को मिलेगी वेतन में बढ़ोतरी
21 Feb, 2025 03:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
8th Pay Commission Date: 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद से ही सरकारी कर्मचारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर ये लागू कब होगा. ऐसे में सरकार ने घोषणा की है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा. हालांकि, इसके गठन की सटीक समयसीमा अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन पिछले रुझानों को देखते हुए आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि घोषणा के कितने महीनों के भीतर समिति का गठन हो सकता है. आपको बता दें, 8वें वेतन आयोग को लागू करने का फैसला 17 जनवरी, 2025 को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक किया गया था.
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग
इतिहास पर नजर डालें तो वेतन आयोगों के गठन में अलग-अलग समय लगा है.
7वां वेतन आयोग: 25 सितंबर, 2013 को घोषित किया गया और 28 फरवरी, 2014 को औपचारिक रूप से गठित हुआ – यानी लगभग पांच महीने का अंतर.
6वां वेतन आयोग: जुलाई 2006 में घोषित किया गया और अक्टूबर 2006 में गठित हुआ, यानी लगभग तीन महीने का समय लगा.
5वां वेतन आयोग: अप्रैल 1994 में मंजूरी मिली और जून 1994 में औपचारिक रूप से गठित हुआ, यानी महज दो महीने के भीतर.
इसे देखकर ये तो साफ है कि घोषणा के बाद कुछ ही महीनों में समिति का गठन हो जाता है. हालांकि इसके लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं है, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर यह पिछले पैटर्न को फॉलो करता है तो 8वां वेतन आयोग मार्च से जुलाई 2025 के बीच गठित हो सकता है.
वेतन आयोगों की भूमिका क्या है
एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार आमतौर पर हर दशक में एक नया वेतन आयोग गठित करती है, ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन संरचना, पेंशन और भत्तों का पुनर्मूल्यांकन किया जा सके. इन सिफारिशों में आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति और अन्य वित्तीय पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है, ताकि कर्मचारियों को उचित मुआवजा मिल सके. आपको बता दें, 2026 में लागू होने वाले इस आयोग को लेकर अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार 8वें वेतन आयोग का औपचारिक गठन कब करती है. यह कदम केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को प्रभावित करेगा.
फिटमेंट फैक्टर कितना बढ़ सकता है
फिटमेंट फैक्टर वेतन बढ़ोतरी का निर्धारण करता है. 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे लेवल-1 कर्मचारियों का मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था. वहीं, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और परिवहन भत्ता जोड़ने के बाद कुल वेतन 36,020 रुपये हुआ था. लेकिन, 8वें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ा, जिसका अनुमान लगाया जा रहा है तो, लेवल-1 का मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है.
भारत से 1.5 गुना ज्यादा एग्री एक्सपोर्ट, झारखंड से आधे क्षेत्र में चीन से भी आगे
21 Feb, 2025 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत: कृषि प्रधान देश कहा जाता है लेकिन एग्री एक्सपोर्ट के मामले में उसे अभी लंबा रास्ता यह करना है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में भारत के कृषि निर्यात $48.15 अरब था जबकि 2022-23 में यह $52.50 अरब था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल से कई देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है। अगर उन्होंने भारत पर भी टैरिफ लगाया तो इसका सबसे ज्यादा असर भारत के एग्री एक्सपोर्ट पर होगा। इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के बीच एग्री प्रोडक्ट्स के टैरिफ में काफी अंतर है। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद हमारा एग्री एक्सपोर्ट बहुत कम है। यूरोप का छोटा सा देश नीदरलैंड भी इस मामले में हमसे कहीं आगे है।
अमेरिका को दुनिया में टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री के लिए जाना जाता है लेकिन एग्री एक्सपोर्ट में भी उसका डंका बजता है। 2023 में उसने $178.7 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर ब्राजील है। साल 2023 में इस दक्षिण अमेरिकी देश ने $166.5 अरब के एग्री प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए। चौथे नंबर पर यूरोप का छोटा सा देश नीदरलैंड है। 2023 में नीदरलैंड का एग्री एक्सपोर्ट $134.1 अरब रहा। इसके बाद चीन ($98.9 अरब) और जर्मनी ($81.1 अरब) का नंबर है।
हरियाणा से छोटा साइज
नीदरलैंड का एरिया महज 41,865 वर्ग किमी है। यह हमारे हरियाणा से भी छोटा है। हरियाणा का एरिया 44,212 वर्ग किमी है। वहीं झारखंड (79,714 वर्ग किमी) की तुलना में इसका एरिया करीब आधा है। नीदरलैंड को फूलों और लाइव प्लांट की सप्लाई के लिए जाना जाता है। लाइव प्लांट्स की टोटल ग्लोबल सप्लाई का करीब आधा हिस्सा नीदरलैंड से आता है। इस देश में हर साल 40 लाख गाय, 1.3 करोड़ सुअर और 10.4 करोड़ मुर्गियों का उत्पादन होता है और यह यूरोप का सबसे बड़ा मीट एक्सपोर्टर है। देश का करीब दो फीसदी वर्कफोर्स एग्रीकल्चर सेक्टर में लगा हुआ है।
गिरते बाजार में सरकारी कंपनी के शेयर में 10% की उछाल, निवेशकों के लिए शानदार मौका
21 Feb, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार: जारी गिरावट के बीच सरकारी कंपनी NHPC लिमिटेड के शेयरों में काफी तेजी आई है। दो दिनों में इसकी कीमत करीब 10% उछल चुका है। बीएसई पर इसका भाव आज 82.13 रुपये तक पहुंच गया। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA की एक रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयरों में उछाल आई है। ब्रोकरेज ने इस शेयर को 'आउटपरफॉर्म' से 'हाई कन्विक्शन आउटपरफॉर्म' में अपग्रेड कर दिया है। मतलब CLSA को पूरा भरोसा है कि ये शेयर अच्छा प्रदर्शन करेगा। हालांकि कंपनी के शेयर का टारगेट प्राइस 120 रुपये से थोड़ा कम करके 117 रुपये कर दिया गया है। CLSA का मानना है कि अगले चार साल में NHPC का शेयर दोगुना हो सकता है।
पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयर में 25% की गिरावट आई थी। CLSA इसे निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका मानती है। मतलब अभी शेयर सस्ता है और इसमें निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। CLSA ने बताया है कि परबती 2 हाइड्रो प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। इससे वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में NHPC की रेगुलेटेड इक्विटी 27% बढ़ गई है। साथ ही CLSA ने NHPC के पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट में एंट्री को भी पॉजिटिव बताया है। CLSA का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-2028 के दौरान NHPC की रेगुलेटेड इक्विटी दोगुनी हो जाएगी क्योंकि उसके कई बड़े प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं।
ईपीएस में बढ़ोतरी की उम्मीद
इससे कंपनी की कमाई प्रति शेयर (EPS) में अच्छी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पिछले एक साल में NHPC लिमिटेड के शेयरों में 12.68% की गिरावट आई है। साल की शुरुआत से अब तक शेयर में 1.22% की गिरावट आई है। पिछले छह महीनों में शेयर की कीमत 15.64% गिर गई है जबकि पिछले तीन महीनों में इसमें 1.99% की मामूली बढ़त देखी गई है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 118.45 रुपये और न्यूनतम स्तर 71.01 रुपये है।