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8वें वेतन आयोग की घोषणा: कर्मचारियों को मिलेगी वेतन में बढ़ोतरी
21 Feb, 2025 03:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
8th Pay Commission Date: 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद से ही सरकारी कर्मचारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर ये लागू कब होगा. ऐसे में सरकार ने घोषणा की है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा. हालांकि, इसके गठन की सटीक समयसीमा अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन पिछले रुझानों को देखते हुए आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि घोषणा के कितने महीनों के भीतर समिति का गठन हो सकता है. आपको बता दें, 8वें वेतन आयोग को लागू करने का फैसला 17 जनवरी, 2025 को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक किया गया था.
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग
इतिहास पर नजर डालें तो वेतन आयोगों के गठन में अलग-अलग समय लगा है.
7वां वेतन आयोग: 25 सितंबर, 2013 को घोषित किया गया और 28 फरवरी, 2014 को औपचारिक रूप से गठित हुआ – यानी लगभग पांच महीने का अंतर.
6वां वेतन आयोग: जुलाई 2006 में घोषित किया गया और अक्टूबर 2006 में गठित हुआ, यानी लगभग तीन महीने का समय लगा.
5वां वेतन आयोग: अप्रैल 1994 में मंजूरी मिली और जून 1994 में औपचारिक रूप से गठित हुआ, यानी महज दो महीने के भीतर.
इसे देखकर ये तो साफ है कि घोषणा के बाद कुछ ही महीनों में समिति का गठन हो जाता है. हालांकि इसके लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं है, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर यह पिछले पैटर्न को फॉलो करता है तो 8वां वेतन आयोग मार्च से जुलाई 2025 के बीच गठित हो सकता है.
वेतन आयोगों की भूमिका क्या है
एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार आमतौर पर हर दशक में एक नया वेतन आयोग गठित करती है, ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन संरचना, पेंशन और भत्तों का पुनर्मूल्यांकन किया जा सके. इन सिफारिशों में आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति और अन्य वित्तीय पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है, ताकि कर्मचारियों को उचित मुआवजा मिल सके. आपको बता दें, 2026 में लागू होने वाले इस आयोग को लेकर अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार 8वें वेतन आयोग का औपचारिक गठन कब करती है. यह कदम केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को प्रभावित करेगा.
फिटमेंट फैक्टर कितना बढ़ सकता है
फिटमेंट फैक्टर वेतन बढ़ोतरी का निर्धारण करता है. 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे लेवल-1 कर्मचारियों का मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था. वहीं, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और परिवहन भत्ता जोड़ने के बाद कुल वेतन 36,020 रुपये हुआ था. लेकिन, 8वें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ा, जिसका अनुमान लगाया जा रहा है तो, लेवल-1 का मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है.
भारत से 1.5 गुना ज्यादा एग्री एक्सपोर्ट, झारखंड से आधे क्षेत्र में चीन से भी आगे
21 Feb, 2025 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत: कृषि प्रधान देश कहा जाता है लेकिन एग्री एक्सपोर्ट के मामले में उसे अभी लंबा रास्ता यह करना है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में भारत के कृषि निर्यात $48.15 अरब था जबकि 2022-23 में यह $52.50 अरब था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल से कई देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है। अगर उन्होंने भारत पर भी टैरिफ लगाया तो इसका सबसे ज्यादा असर भारत के एग्री एक्सपोर्ट पर होगा। इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के बीच एग्री प्रोडक्ट्स के टैरिफ में काफी अंतर है। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद हमारा एग्री एक्सपोर्ट बहुत कम है। यूरोप का छोटा सा देश नीदरलैंड भी इस मामले में हमसे कहीं आगे है।
अमेरिका को दुनिया में टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री के लिए जाना जाता है लेकिन एग्री एक्सपोर्ट में भी उसका डंका बजता है। 2023 में उसने $178.7 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर ब्राजील है। साल 2023 में इस दक्षिण अमेरिकी देश ने $166.5 अरब के एग्री प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए। चौथे नंबर पर यूरोप का छोटा सा देश नीदरलैंड है। 2023 में नीदरलैंड का एग्री एक्सपोर्ट $134.1 अरब रहा। इसके बाद चीन ($98.9 अरब) और जर्मनी ($81.1 अरब) का नंबर है।
हरियाणा से छोटा साइज
नीदरलैंड का एरिया महज 41,865 वर्ग किमी है। यह हमारे हरियाणा से भी छोटा है। हरियाणा का एरिया 44,212 वर्ग किमी है। वहीं झारखंड (79,714 वर्ग किमी) की तुलना में इसका एरिया करीब आधा है। नीदरलैंड को फूलों और लाइव प्लांट की सप्लाई के लिए जाना जाता है। लाइव प्लांट्स की टोटल ग्लोबल सप्लाई का करीब आधा हिस्सा नीदरलैंड से आता है। इस देश में हर साल 40 लाख गाय, 1.3 करोड़ सुअर और 10.4 करोड़ मुर्गियों का उत्पादन होता है और यह यूरोप का सबसे बड़ा मीट एक्सपोर्टर है। देश का करीब दो फीसदी वर्कफोर्स एग्रीकल्चर सेक्टर में लगा हुआ है।
गिरते बाजार में सरकारी कंपनी के शेयर में 10% की उछाल, निवेशकों के लिए शानदार मौका
21 Feb, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार: जारी गिरावट के बीच सरकारी कंपनी NHPC लिमिटेड के शेयरों में काफी तेजी आई है। दो दिनों में इसकी कीमत करीब 10% उछल चुका है। बीएसई पर इसका भाव आज 82.13 रुपये तक पहुंच गया। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA की एक रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयरों में उछाल आई है। ब्रोकरेज ने इस शेयर को 'आउटपरफॉर्म' से 'हाई कन्विक्शन आउटपरफॉर्म' में अपग्रेड कर दिया है। मतलब CLSA को पूरा भरोसा है कि ये शेयर अच्छा प्रदर्शन करेगा। हालांकि कंपनी के शेयर का टारगेट प्राइस 120 रुपये से थोड़ा कम करके 117 रुपये कर दिया गया है। CLSA का मानना है कि अगले चार साल में NHPC का शेयर दोगुना हो सकता है।
पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयर में 25% की गिरावट आई थी। CLSA इसे निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका मानती है। मतलब अभी शेयर सस्ता है और इसमें निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। CLSA ने बताया है कि परबती 2 हाइड्रो प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। इससे वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में NHPC की रेगुलेटेड इक्विटी 27% बढ़ गई है। साथ ही CLSA ने NHPC के पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट में एंट्री को भी पॉजिटिव बताया है। CLSA का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-2028 के दौरान NHPC की रेगुलेटेड इक्विटी दोगुनी हो जाएगी क्योंकि उसके कई बड़े प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं।
ईपीएस में बढ़ोतरी की उम्मीद
इससे कंपनी की कमाई प्रति शेयर (EPS) में अच्छी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पिछले एक साल में NHPC लिमिटेड के शेयरों में 12.68% की गिरावट आई है। साल की शुरुआत से अब तक शेयर में 1.22% की गिरावट आई है। पिछले छह महीनों में शेयर की कीमत 15.64% गिर गई है जबकि पिछले तीन महीनों में इसमें 1.99% की मामूली बढ़त देखी गई है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 118.45 रुपये और न्यूनतम स्तर 71.01 रुपये है।
कैश क्रंच के चलते RBI ने 26,000 करोड़ के ट्रेजरी बिल्स की बिक्री रद्द की!
20 Feb, 2025 06:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को 91 और 182 दिनों के ट्रेजरी बिल्स (T-bills) की नीलामी में कोई बोली स्वीकार नहीं की. यह कदम देश के बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी (कैश क्रंच) के बीच उठाया गया है. RBI ने एक बयान में कहा कि उसने 26,000 करोड़ करोड़ लगभग 3 बिलियन डॉलर की बिक्री के लिए आई बोलियों को खारिज कर दिया. हालांकि, उसने 7,000 करोड़ के 364-दिनों के ट्रेजरी बिल्स 6.5638 फीसदी की दर पर बेचे.
बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की कमी
भारत की बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी (नकदी) की स्थिति अभी भी गंभीर रूप से डेफिसिट में है, भले ही RBI ने हाल ही में कैश इंजेक्शन के कदम उठाए हों. लेकिन, ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के एक इंडेक्स के मुताबिक, बैंकों ने बुधवार तक केंद्रीय बैंक से लगभग 2 लाख करोड़ उधार लिए हैं.
RBI के लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय
पिछले महीने के अंत से, RBI ने तीन ओपन मार्केट ऑपरेशन्स (OMOs) के जरिए सिस्टम में 1 लाख करोड़ जोड़े हैं. इसके अलावा, उसने फॉरेक्स स्वैप के जरिए 5 बिलियन डॉलर के बराबर लिक्विडिटी इंजेक्ट की है और लॉन्ग टर्म के टी-बिल्स का वेरिएबल रेपो ऑक्शन्स भी कर रहा है. वहीं, गुरुवार को टी-बिल्स की बिक्री के नतीजों के बाद, 5-वर्षीय बॉन्ड 6.65 फीसदी पर स्थिर रहा.
RBI का पिछला कदम
मई में, RBI ने ट्रेजरी बिल्स के जरिए सरकार के लिए कम उधारी की घोषणा की थी. यह कदम सरकार को एक बड़ा डिविडेंड ट्रांसफर करने से कुछ दिन पहले उठाया गया था. सरकार को यह भुगतान आमतौर पर समय के साथ बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी को बेहतर बनाता है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे तेज ग्रोथ बना रहेगा
RBI के लेटेस्ट मंथली बुलेटिन के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में भी दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी. आरबीआई ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा है कि 2025-26 में भारत की GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी से 6.7 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है. ग्लोबल अनसर्टेन्टी के बावजूद, हाई-फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स दिखा रहे हैं कि 2024-25 की दूसरी छमाही में इकोनॉमिक एक्टिविटी में सुधार होगा, जो आगे भी जारी रहेगा.
चीन और अमेरिका के मुद्दों से बेअसर, भारतीय इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ेगी: RBI रिपोर्ट
20 Feb, 2025 06:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
RBI रिपोर्ट: डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टैरिफ (Tariffs) धमकियों के चलते पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर (Trade War) की स्थिति बन गई है. इसके अलावा, भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालकर विदेशी निवेशक चीन समेत दूसरे बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं. हालांकि, इसके बाद भी देश की बढ़ती इकोनॉमी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
दरअसल, RBI के लेटेस्ट मंथली बुलेटिन के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में भी दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी. इसमें सस्टेनेड ग्रोथ मोमेंटम और स्ट्रैटेजिक फिस्कल मेजर्स का अहम योगदान होगा
रिपोर्ट में क्या है?
आरबीआई ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा है कि 2025-26 में भारत की GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी से 6.7 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है. ग्लोबल अनसर्टेन्टी के बावजूद, हाई-फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स दिखा रहे हैं कि 2024-25 की दूसरी छमाही में इकोनॉमिक एक्टिविटी में सुधार होगा, जो आगे भी जारी रहेगा.
फिस्कल कंसॉलिडेशन और केपेक्स ग्रोथ
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनियन बजट 2025-26 ने फिस्कल कंसॉलिडेशन और ग्रोथ ऑब्जेक्टिव्स के बीच बैलेंस बनाया है. इसमें केपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस रखते हुए हाउसहोल्ड इनकम और कंजप्शन को बढ़ावा देने के उपाय किए गए हैं. 2025-26 में Capex-to-GDP अनुपात 4.3 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है, जो 2024-25 के रिवाइज्ड एस्टिमेट्स में 4.1 फीसदी था.
महंगाई में कमी, इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में सुधार
जनवरी में रिटेल महंगाई 4.3 फीसदी पर आ गई, जो पिछले पांच महीनों में सबसे कम है. यह गिरावट सर्दियों की फसलों के आने से सब्जियों के दामों में आई तेज कमी की वजह से हुई है. वहीं, इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में भी सुधार देखा गया है, जो जनवरी के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में दिखाई दिया.
ट्रैक्टर सेल्स में बढ़ोतरी, फ्यूल कंजप्शन में इजाफा और एयर पैसेंजर ट्रैफिक में लगातार ग्रोथ जैसे इंडिकेटर्स से पता चलता है कि इकोनॉमिक मोमेंटम रिकवर हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण मांग फार्म इनकम बढ़ने की वजह से मजबूत बनी हुई है. ग्रामीण इलाकों में FMCG सेल्स Q3 में 9.9 फीसदी बढ़ी, जो Q2 में 5.7 फीसदी थी. शहरी मांग में भी सुधार हुआ है, जहां सेल्स ग्रोथ पिछली तिमाही के 2.6 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी हो गई.
कॉर्पोरेट परफॉर्मेंस और इन्वेस्टमेंट आउटलुक
आरबीआई द्वारा किए गए एंटरप्राइज सर्वे से पता चला है कि कॉर्पोरेट परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है. लिस्टेड नॉन-गवर्नमेंट, नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों ने Q3 में सेल्स ग्रोथ में तेजी दिखाई है, जिसका असर ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन पर भी देखा जा सकता है. प्राइवेट सेक्टर की इन्वेस्टमेंट इंटेंशन स्थिर बनी हुई है, और बैंकों व फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने इस तिमाही में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को सैंक्शन दिया है. एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग्स (ECBs) और इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPOs) में भी इजाफा देखा गया है.
एक्सटर्नल चैलेंजेज और करेंसी डिप्रिसिएशन
ग्लोबल ट्रेड अनसर्टेन्टी और जियोपॉलिटिकल टेंशन ने घरेलू इक्विटी मार्केट्स को प्रभावित किया है. फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) की सेलिंग प्रेशर की वजह से बेंचमार्क और ब्रोडर मार्केट्स में गिरावट देखी गई है. भारतीय रुपया भी अन्य इमर्जिंग मार्केट करेंसीज की तरह डिप्रिसिएट हुआ है, जिसकी वजह यूएस डॉलर की मजबूती है.
हालांकि, आरबीआई का कहना है कि भारत के मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल्स और एक्सटर्नल सेक्टर इंडिकेटर्स में सुधार ने इसे ग्लोबल अनसर्टेन्टी से निपटने में मदद की है. लेकिन रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अमेरिका में ट्रेड पॉलिसी अनसर्टेन्टी बढ़ने से ग्लोबल ट्रेड पैटर्न में बदलाव आ सकता है और कंज्यूमर व बिजनेस कॉस्ट्स पर दबाव बढ़ सकता है.
ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक
ग्लोबल इकोनॉमी मॉडरेट गति से बढ़ रही है, हालांकि अलग-अलग देशों की ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट्स अलग-अलग हैं. फाइनेंशियल मार्केट्स डिसइन्फ्लेशन की धीमी गति और टैरिफ के प्रभाव को लेकर सतर्क हैं. इमर्जिंग मार्केट इकोनॉमीज, जिनमें भारत भी शामिल है, FPIs की सेलिंग प्रेशर और यूएस डॉलर की मजबूती की वजह से करेंसी डिप्रिसिएशन का सामना कर रही हैं.
AI के कारण बैंकिंग में बड़ा संकट, अन्य क्षेत्रों को भी नौकरी के संकट का सामना करना पड़ सकता है
20 Feb, 2025 05:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI को लेकर पहले से ही एक धारणा चली आ रही है कि भविष्य में इसकी वजह से कई लोगों की नौकरियां जाने वाली हैं. नौकरियों के साथ-साथ ऑफिसों में मौजूद कुछ पद तो पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे.अब इसी डर को और बल देने के लिए डॉयचे बैंक के चीफ टेक्नोलॉजी, डेटा और इनोवेशन ऑफिसर, बेरेंड ल्यूकर्ट का एक बयान सामने आया है. उन्होंने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि AI और जेनरेटिव AI (ZEN AI) की वजह से बैंकिंग सेक्टर में 30 से 40 फीसदी नौकरियां बदल जाएंगी, और कुछ तो पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी. यह बयान उन्होंने बेंगलुरु में आयोजित 'बैंक ऑन टेक' इवेंट के दौरान दिया.
बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए AI जरूरी
बेरेंड ल्यूकर्ट ने इस इवेंट में भारत के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि डॉयचे बैंक के टेक सप्लाई चेन में भारत एक अहम कड़ी है. उन्होंने कहा कि कोविड के बाद हमने फैसला किया कि हम उन जगहों पर जाएंगे जहां टैलेंट है. भारत टैलेंट का एक बड़ा स्रोत है. यही वजह है कि पिछले एक दशक में हमने टेक में 8,500 लोगों को हायर किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बैंकिंग एक हाईली रेगुलेटेड सेक्टर है और AI को लेकर अभी भी कई बहसें चल रही हैं. ल्यूकर्ट ने माना कि AI को अपनाने में कई चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, "AI के रिजल्ट्स हमेशा पूर्वानुमानित नहीं होते. वहीं, रेगुलेटर्स एक रूल-बेस्ड सिस्टम चाहते हैं ताकि वे आसानी से ऑडिट और ओवरसीट कर सकें." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए AI को अपनाना जरूरी है.
लोगों की जगह ले रही टेक्नोलॉजी
डॉयचे बैंक के ग्लोबल CIO (कॉर्पोरेट फंक्शन्स) और डॉयचे इंडिया के CEO, दिलीपकुमार खंडेलवाल ने बताया कि क्लाउड, AI और ZEN AI जैसी टेक्नोलॉजी बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव ला रही हैं. उन्होंने कहा, "पहले रेवेन्यू और कस्टमर्स बढ़ाने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत होती थी. लेकिन अब हम टेक्नोलॉजी में निवेश करके बिना ज्यादा लोगों को हायर किए बिजनेस को आगे बढ़ा रहे हैं."
AI से किसे डरने की जरूरत
कई रिसर्च का हवाला देते हुए, इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 में AI के नौकरियों पर प्रभाव से जुड़ी कई बातें बताई गईं-
1. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर AI का कम असर
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर AI का असर कम होने की उम्मीद है. इसकी वजह यह है कि इंडस्ट्रियल रोबोट्स इंसानी मजदूरी की तुलना में उतने फ्लेक्सिबल और कॉस्ट-इफेक्टिव नहीं हैं. यानी, फैक्ट्रियों में अभी भी इंसानी मजदूरों की जरूरत बनी रहेगी.
2. इन्वेंटरी और सप्लाई चेन में AI इंसानों का साथ देगा
इन्वेंटरी और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में AI का इस्तेमाल इंसानी मजदूरी को रिप्लेस करने के बजाय उनकी मदद करने के लिए होगा. AI सिस्टम्स डेटा को एनालाइज करके प्रोसेस को और एफिशिएंट बना सकते हैं, लेकिन इंसानी फैसले और देखरेख की जरूरत अभी भी बनी रहेगी.
3. BPO सेक्टर को AI से सबसे ज्यादा खतरा
BPO (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) सेक्टर AI की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा. जेनरेटिव AI टूल्स, जैसे कि चैटबॉट्स, रूटीन कॉग्निटिव टास्क्स को आसानी से हैंडल कर सकते हैं. इसकी वजह से अगले एक दशक में BPO सेक्टर में नौकरियों में भारी गिरावट आ सकती है.
4. हेल्थकेयर, वेदर और एजुकेशन में AI का सकारात्मक असर
AI हेल्थकेयर, वेदर प्रिडिक्शन और एजुकेशन जैसे सेक्टर्स में डेवलपमेंट गैप्स को पाटने में मदद कर सकता है.
5. सर्विसेज सेक्टर में AI का बड़ा असर
सर्विसेज सेक्टर में AI का व्यापक इस्तेमाल नौकरियों को पूरी तरह से बदल सकता है, यहां तक कि कुछ नौकरियां पूरी तरह से खत्म भी हो सकती हैं. AI टूल्स कस्टमर सर्विस, डेटा एनालिसिस और अन्य रूटीन टास्क्स को ऑटोमेट कर सकते हैं, जिससे इंसानी कर्मचारियों की जरूरत कम हो जाएगी.
क्या Tata Motors को मिलेगा टेस्ला का साथ? शेयरों में भारी वृद्धि की उम्मीद
20 Feb, 2025 05:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टाटा मोटर्स के शेयर टेस्ला के साथ पार्टनरशिप के कारण फोकस में है. कैलिफोर्निया स्थित एलन मस्क कंपनी महाराष्ट्र में अपना विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है. बता दें, कि कंपनी कथित तौर पर साझेदारी के लिए टाटा मोटर्स के संपर्क में है. अभी 3:30 बजे के आस-पास BSE पर टाटा मोटर्स का शेयर 1.09% की बढ़ोतरी के साथ 688.40 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.
CLSA ने Tata Motors की रेटिंग को अपग्रेड किया
इसके अलावा, शेयर की कीमत पर ध्यान केंद्रित करने का दूसरा प्रमुख कारण सीएलएसए से अपग्रेड ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने टाटा मोटर्स को आउटपरफॉर्म से हाई-कॉन्विक्शन आउटपरफॉर्म में अपग्रेड किया है. इसका टारगेट प्राइस 930 रुपये है. इस रेटिंग अपग्रेड के बाद टाटा मोटर्स का शेयर मूल्य इंट्राडे में 1.3% बढ़कर 690.95 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. जेएलआर का मौजूदा शेयर प्राइस 320 रुपये प्रति इक्विटी शेयर 450 रुपये के टारगेट प्राइस से 29% दूर है। इसके अलावा, यह अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी और उम्मीद से कमजोर मांग और मार्जिन के प्रभाव के खिलाफ पर्याप्त राहत देता है।
तीसरी तिमाही में Tata Motors का प्रदर्शन
तीसरी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 22% गिरकर 5,451 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में पोस्ट किए गए 3,343 करोड़ रुपये से क्रमिक रूप से 63% अधिक था. परिचालन से राजस्व सालाना 3% बढ़कर 1.13 लाख करोड़ रुपये हो गया. Q3 FY25 में EBITDA या ऑपरेटिंग प्रॉफिट 15,500 करोड़ रुपये था.
Tata Motors Share Price History
बता दें, कि टाटा मोटर्स के शेयर पिछले 6 महीने में 36.43 प्रतिशत गिरा है. पिछले एक महीने में टाटा मोटर्स के शेयरों में करीब 10.77 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.वहीं, पिछले एक साल में टाटा मोटर्स के शेयर 25.43 प्रतिशत गिरा है. कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 1,179.05 रुपये है. वहीं, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का लो लेवल 667.00 रुपये है.
मुकेश अंबानी की संपत्ति में हुआ बड़ा इजाफा, शेयरों में 8% की बढ़ोतरी
20 Feb, 2025 05:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार: मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी जस्ट डायल के शेयरों में 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़त आई है. जस्ट डायल के शेयर गुरुवार को 911.90 रुपए तक पहुंच गए..
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी जस्ट डायल के शेयरों में 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़त आई है. जस्ट डायल के शेयर गुरुवार को 911.90 रुपए तक पहुंच गए. BSE पर 8.32 फीसदी की उछाल है. पिछले तीन सत्रों में जस्ट डायल के शेयरों में 17 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है.
ये है कारण
यह बढ़ोतरी तब हुई जब ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने जस्ट डायल के शेयरों को ‘होल्ड’ से ‘बाय’ में अपग्रेड किया. नुवामा का मानना है कि जस्ट डायल का बिजनेस बहुत शानदार कीमत पर मौजूद है. जस्ट डायल के पास दिसंबर 2024 तक 5,060 करोड़ रुपए का कैश है. यह इसके कुल मार्केट कैप का 72 फीसदी है.
जस्ट डायल के शेयरों में उछाल
नुवामा का मानना है कि अगर जस्ट डायल FY 26 से डिविडेंड देना शुरू करता है तो उसका डिविडेंड यील्ड लगभग 7.3 फीसदी हो सकता है. हालांकि जस्ट डायल के शेयरों ने पिछले एक साल में कमजोरी दिखाई है. वर्तमान में भी इसने 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की है. फिर भी लंबी अवधि में जस्ट डायल के शेयरों में 42 फीसदी की बढ़त और 5 सालों में 80 फीसदी की तेजी आई है.
शेयर बाजार का हाल
20 फरवरी को बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान में बंद हुए. हालांकि मिड, स्मॉल और माइक्रो कैप कंपनियों में खूब पैसा लगाया गया. इसके चलते मार्केट कैप में 2.33 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. भारतीय कंपनियों का मार्केट कैप 40,251,018.95 करोड़ रुपये रहा. वहीं, गुरुवार को यह 4,04,90,750.72 करोड़ रुपये रहा. NIFTY गुरुवार को 0.09 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ. श्रीराम फाइनेंस 4 फीसदी तेजी के साथ टॉप गेनर, वहीं HDFC 2.39 फीसदी गिरावट के साथ टॉप लूजर रहा.
ऑप्शन चेन एनालिसिस के साथ जानें, निफ्टी के 23000 लेवल के बाद अपसाइड मूव का ट्रेडिंग सेटअप
19 Feb, 2025 01:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर मार्केट: मंगलवार को मामूली गिरावट के साथ क्लोज़िंग हुई निफ्टी 14 अंकों की कमज़ोरी के साथ 22945 के लेवल पर बंद हुआ. हालांकि दिन के ट्रेडिंग सेशन के दौरान निफ्टी ने 22800 के लेवल से सपोर्ट लिया और कल का प्राइस लगभग होल्ड किया और डेली चार्ट पर निफ्टी ने हैमर कैंडल बनाया. निफ्टी में निचला सपोर्ट लेवल फिर टेस्ट हुआ और अच्छी बात यह है कि इसी सपोर्ट लेवल से बाइंग भी आई, लेकिन ऊपर की ओर सेलिंग प्रेशर बना हुआ है और निफ्टी में 23000 के करीब कई रजिस्टेंस लेवल बन गए हैं, जिन्हें तोड़ने के लिए बायर्स को दम लगाना पड़ेगा|
मार्केट की इस वोलिटिलिटी में निफ्टी के लिए 22780-22800 का ज़ोन सपोर्ट की तरह काम करेगा. अगर फरवरी सीरीज़ में यह लेवल डाउन साइड ब्रीच नहीं होता है तो निफ्टी फरवरी वीकली एक्सपायरी से पहले एक छोटी शॉर्ट कवरिंग रैली आ सकती है. लेकिन ऐसा तब भी संभव होगा जब निफ्टी 23000 के ऊपर बना रहे|
निफ्टी में 20 फरवरी 2025, गुरुवार की एक्सपायरी को ध्यान में रखें तो 23000 के ऊपर निफ्टी में कुछ मोमेंटम आ सकता है, जो उसे 23150-23200 के लेवल तक ले जाए. ऐसा उस स्थिति में संभव है, जबकि कुछ स्ट्रेंथ दिखाने के बाद कुछ देर निफ्टी 23000 के लेवल से कुछ ऊपर टिका रहे. उस स्थिति में कुछ कॉल राइटर्स 23000 के स्ट्राइक प्राइस से वाइंड अप कर सकते हैं और साथ ही कुछ फ्रेश शॉर्ट टर्म मोमेंटम को कैप्चर करने के लिए बाइंग पोज़ीशन भी बन सकती हैं, जो निफ्टी को 23150 तक ले जा सकती हैं|
ऑप्शन चेन एनालिसिस
निफ्टी में 20 फरवरी, गुरुवार की एक्सपायरी की ऑप्शन चेन देखें तो सबसे अधिक कॉल राइटर्स 23200 के स्ट्राइक प्राइस पर हैं. सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट 23200 के स्ट्राइक प्राइस पर है. इसके बाद 23000 के स्ट्राइक प्राइस पर कॉल राइटिंग हुई है. अगर कल निफ्टी 23000 के लेवल के आसपास ओपन हुआ तो फिर बायर्स यहां ज़ोर लगा सकते हैं और कुछ हद तक कॉल राइटर्स इस स्ट्राइक प्राइस से वाइंड अप कर सकते हैं. लेकिन यह कंडिशनल फोर्मेशन पर निर्भर करेगा. पुट साइड में ओपन इंटेरेस्ट देखें तो 22700 पर हाईएस्ट ओआई देखा जा रहा है. इसके बाद 22800 और 22900 के स्ट्राइक प्राइस पर भी अच्छी पुट राइटिंग हुई|
अगली वीकली एक्सपायरी के लिए कॉल राइटर्स 23000 के स्ट्राइक प्राइस को अपने कब्ज़े में लेने की कोशिश करेंगे. दूसरी ओर पुट राइटर्स 22800 के स्ट्राइक प्राइस पर लगातार आ रहे हैं और वे इस लेवल पर मार्केट को सपोर्ट दे सकते हैं|
ब्रोकरेज ने किया इस डिविडेंड स्टॉक पर निवेश, 60% रिटर्न की उम्मीद
19 Feb, 2025 12:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्रोकरेज| हाउस कुछ स्टॉक पर बुलिश नज़रिया दे रहे हैं, टूर ट्रैवल संबंधी सर्विस कंपनी बीएलएस इंटरनेशनल सर्विसेज पर ब्रोकरेज नुवामा बुलिश है.ब्रोकरेज ने इसे बाय की रेटिंग मिली है. यह बहुराष्ट्रीय निगम सरकारों के लिए एक विश्वसनीय ग्लोबल टेक्निकल-एनेबल सर्विस पार्टनर है|
BLS International Services के शेयर खरीदने की सलाह देते हुए कंपनी का परिचालन प्रदर्शन उसके अनुमानों के अनुरूप है. इसने रिकॉर्ड हाई तिमाही राजस्व दर्ज किया. ग्लोबल वीज़ा वर्ज़न और जी2सी सर्विस के आउटसोर्सिंग में एकमात्र लिस्टेड भारतीय कंपनी के रूप में बीएलएसआईएन एक कैपिटल और कैश-प्रोड्यूस मॉडल संचालित करती है,जिसमें मजबूत विकास क्षमता है.BLS International Services के शेयर मंगलवार को 1.80% की तेज़ी के साथ 376.80 रुपए के लेवल पर बंद हुआ. इस कंपनी का मार्केट कैप 15.57 हज़ार करोड़ रुपए है|
पिछले दो वर्षों में इस स्टॉक ने 123 प्रतिशत रिटर्न दिया है, जबकि पिछले 3 वर्षों में इसमें 570 प्रतिशत की तेजी आई है. पिछले 5 वर्षों में बी.एल.एस. इंटरनेशनल सर्विसेज के शेयर में 2128 प्रतिशत की तेजी आई है.नुवामा को कंपनी के शेयरों में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है|
क्या घरेलू EV कंपनियां Tesla के सामने टिक पाएंगी? आनंद महिंद्रा ने जताया विश्वास
19 Feb, 2025 12:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टेस्ला| भारत में एंट्री हो सकती है कंपनी ने भारत में हायरिंग शुरू कर दी है. कंपनी ने अपने लिंक्डन पोस्ट से 13 पोजिशन पर हायरिंग की डीटेल्स दी है और ये नौकरियां दिल्ली और मुंबई लोकेशन के लिए निकाली गई हैं. Tesla की इंडिया में हायरिंग के मायने निकाले जा रहे हैं कि बहुत जल्द इंडिया में टेस्ला की एंट्री हो जाएगी. लेकिन टेस्ला की एंट्री होती है तो इंडियन मार्केट में दूसरी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों को तगड़ा कंपिटिशन मिलेगा. भारत में टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एमजी मोटर समेत कई कंपनियां हैं, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs) पर काम कर रही हैं. लेकिन अगर भारत में टेस्ला आती है तो इन कंपनियों को तगड़ा कंपिटिशन मिलेगा. हालांकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक यूजर ने यही सवाल महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा से पूछ लिया. उन्होंने इस सवाल पर बेहतरीन जवाब दिया है और अपना पुराना ट्वीट भी रिशेयर किया. इस खबर में जानें कि टेस्ला के साथ कंपिटिशन में महिंद्रा के मालिक आनंद महिंद्रा ने क्या जवाब दिया है?
यूजर ने पूछा ये सवाल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक यूजर ने आनंद महिंद्रा से सवाल पूछा कि अगर एलन मस्क अपनी दमदार कार कंपनी टेस्ला को भारत में ले आते हैं तो आप इसे कैसे हैंडल करेंगे. कंपनी के साथ कैसे कंपिटिशन करेंगे. क्या आप तैयार हैं? इस सवाल पर आनंद महिंद्रा ने जवाब देते हुए कहा कि 1991 में भारतीय इकोनॉमी ग्रोथ करने के बाद से हमसे यही सवाल लगातार किया जा रहा है. आप टाटा, मारुति और दूसरी मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ कैसे मुकाबला करेंगे? लेकिन हमने किया और लगातार काम कर रहे हैं और अगले 100 साल तक प्रासंगिक भी बने रहे, इसके लिए लगाताक काम कर रहे हैं|
Tesla ने शुरू की हायरिंग
सोशल मीडिया पोस्ट LinkedIn के मुताबिक, Tesla में 13 ओपनिंग्स निकाली गई हैं. इन 13 नौकरियों में से 5 नौकरी ऐसी हैं, जो ऑन-साइट रोल के लिए निकाली गई हैं. ये नौकरियां दिल्ली और मुंबई दोनों ही शहरों के लिए है लेकिन बाकी की जॉब मुंबई के लिए निकाली गई हैं|
Mahindra का ईवी कार का सफर
कंपनी ने Reva EV कार कंपनी का अधिग्रहण किया था. इस कंपनी ने भारत की पहली ईवी कार Reva (2001) को लॉन्च किया था. इसके बाद कंपनी ने e20 (2013), eVerito (2016) और XUV400 (2022) जैसे मॉडल को लॉन्च किया. अब कंपनी ने बीते साल (2024) में Mahindra BE 6 और XEV 9e को पेश किया है, जिसने सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं|
Honda Hornet 2.0 में नए फीचर्स और 4 कलर ऑप्शन, कीमत में भी हुआ बदलाव
19 Feb, 2025 12:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Honda India ने नई बाइक को इंडियन मार्केट में पेश कर दिया है. होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने अपडेटेड OBD2B-कंम्पलायंट Hornet 2.0 को लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने अपडेटेड स्टायलिंग, मॉडर्न टेक्नोलॉजी और बेहतरीन सेफ्टी फीचर्स के साथ इस बाइक को लॉन्च किया है. कंपनी ने 2025 Honda Hornet 2.0 को 1.56 लाख रुपए की (एक्स-शोरूम) कीमत के साथ पेश किया है. ये बाइक अब सभी HMSI रेड विंग और बिगविंग डीलरशिप में उपलब्ध हो जाएगी.होंडा की ओर से लगातार अपने सभी पुराने मॉडल्स को OBD2B-कंम्पलायंट के साथ पेश किया जा रहा है.
कंपनी के सेल्स एंड डायरेक्टर ने इस मौके पर कहा कि Hornet 2.0 के नए एडिशन को लॉन्च करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है. कंपनी ने इस बाइक में नए फीचर्स को जोड़कर इसे लॉन्च किया है. मोटरसाइकिल में एग्रेसिव न्यू ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा ए़डवांस TFT डिस्प्ले और साथ में ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और सेफ्टी फीचर्स भी दिए हैं.
मॉडर्न फीचर्स और अपडेटेड डिजाइन
कंपनी ने जानकारी दी कि बाइक के बॉडी पैनल्स पर स्पोर्ट्स स्ट्राइकिंग न्यू ग्राफिक्स दिए हैं. इसी वजह से बाइक का स्पोर्टी लुक अलग ही दिखाई दे रहा है. बाइक में ऑल न्यू LED लाइटिंग सेट-अप दिया गया है. ताकि कंज्यूमर को अच्छी विजिबिलिटी मिले और रोड प्रेजेंस भी बढ़िया हो. कंपनी ने इस बाइक को 4 नए कलर ऑप्शन में पेश किया है. इसमें Igneous Black, Radiant Red Metallic, Athletic Blue Metallic और Mat Axis Gray Metallic शामिल है.
Honda Hornet 2.0 की परफॉर्मेंस
कंपनी ने इस बाइक को अब OBD2B-compliant के साथ पेश किया है. इसमें 184.40 सीसी सिंगल सिलेंडर 4 स्ट्रॉक इंजन के साथ लॉन्च किया है. इस बाइक में 12.50 किलोवॉट की मैक्सिमम पावर और 15.7 न्यूटन मीटर का मैक्सिमम टॉर्क जनरेट होता है. इसके अलावा बाइक में 5 स्पीड गियरबॉक्स का भी सपोर्ट मिलता है. फीचर्स की बात करें तो इस बाइक में 4.2 इंच के TFT डिस्प्ले मिलता है. इसमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी का भी सपोर्ट मिलता है. साथ में Honda RoadSync ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें नेविगेशन सपोर्ट, इनकमिंग कॉल्स अलर्ट्स और एसएमएस नोटिफिकेशन का भी सपोर्ट मिलता है.
बाइक में USB C-type चार्जिंग मिलता है. इसके अलावा बाइक में कई सारे सेफ्टी फीचर्स को भी दिया जा रहा है. इसमें होंडा सेलेक्टेबल टॉर्क कंट्रोल (HSTC) और डुअल चैनल ABS (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) दिया है. इससे सुपीरियर ब्रेकिंग परफॉर्मेंस और स्टेबिलिटी बनी रहती है.
Honda Hornet 2.0 की कीमत
कीमत की बात करें तो इस बाइक की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 1.56 लाख रुपए है. इस बाइक को सिंगल वेरिएंट में पेश किया गया है लेकिन 4 कलर ऑप्शन मिलते हैं. ये बाइक होंडा के सभी रेड विंग और बिगविंग में उपलब्ध है.
आज के सबसे लाभकारी स्टॉक्स: जानें कौन से शेयर करेंगे आपकी दमदार कमाई
19 Feb, 2025 12:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्टॉक्स| आज भारतीय बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई निफ्टी 22,850 के नीचे खुला. बुधवार को सेंसेक्स 385.14 अंक यानी 0.51% की गिरावट के साथ 75,582.25 के स्तर पर खुला. निफ्टी 121.20 अंक यानी 0.53% गिरकर 22,824.10 के स्तर पर खुला. वहीं, निफ्टी बैंक 249.50 अंक यानी 0.51% गिरकर 48,837.80 के स्तर पर खुला| बुधवार को शुरुआती कामकाज के दौरान निफ्टी के सबसे तेजी वाले स्टॉक्स की लिस्ट में टॉप पर BEL, NTPC, Tata Steel, Hero MotoCorp और SBI का नाम रहा. इनमें आधे से लेकर एक फीसदी तक की तेजी दिखी.वहीं निफ्टी के कमजोरी वाले स्टॉक्स की लिस्ट में टॉप पर Dr Reddy's Labs, Adani Enterprises, Sun Pharma, Cipla और Adani Ports के स्टॉक्स रहे. शुरुआती कामकाज के दौरान इन स्टॉक्स में 1.6% से लेकर 3.6% तक की कमजोरी दिखी|
ट्रंप के बयान ने शेयर बाजार को हिला दिया, 2 लाख करोड़ रुपये डूबे
19 Feb, 2025 12:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ट्रंप: नए फैसले से भारतीय दवा कंपनियों के शेयर फिर से गिर गए हैं. ट्रंप ने ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और दवाओं के आयात पर 25% तक टैरिफ लगाने की योजना बनाई है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है कि यह टैरिफ किन देशों पर लागू होगा. इससे पहले ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो मार्च से लागू हो जाएगा.ट्रंप के टैरिफ की धमकी से इस साल दवा कंपनियों के शेयरों का इंडेक्स निफ्टी फार्मा 13% से ज्यादा गिर चुका है. पिछले हफ्ते जब ट्रंप ने अपने पारस्परिक (Reciprocal) टैरिफ योजनाओं का प्रस्ताव रखा था, तो यह इंडेक्स लगभग 6% फिसला था|
2 लाख करोड़ रुपये डूबे! - इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारत, जापान और यूरोपीय यूनियन पर पड़ेगा. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, ट्रंप की टैरिफ की धमकी के कारण इस साल निफ्टी फार्मा में निवेशकों का 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है|
ट्रंप ने टैरिफ पर क्या कहा?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने दवाओं और सेमीकंडक्टर चिप्स पर कहा, "यह 25% और उससे ज्यादा होगा, और यह एक साल के दौरान काफी बढ़ जाएगा." उन्होंने कहा कि वह नए इंपोर्ट ड्यूटी की घोषणा करने से पहले कंपनियों को अमेरिका आने का समय देना चाहते हैं. हालांकि, अमेरिकी टैरिफ की संभावित चिंताओं के बावजूद, एनालिस्ट दवा कंपनियों को लेकर आशावादी बने हुए हैं|
US के भारतीय दवा कंपनियां क्यों अहम?
HSBC के अनुसार, अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा सिस्टम में जेनेरिक दवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, ऐसे टैरिफ का प्रभाव कम से कम होगा. भारतीय दवा कंपनियां अमेरिका को 60% जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करती हैं. यहां स्वास्थ्य सेवा लागत को कम करने में भारतीय दवा कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. HSBC का अनुमान है कि बाजार इस क्षेत्र की लंबी अवधि विकास संभावनाओं पर केंद्रित रहेगा|
किन स्टॉक्स में सबसे ज्यादा गिरावट?
बुधवार को निफ्टी फार्मा 3.19% तक गिरकर कामकाज करते दिखा. Abbott, Lupin और Ajanta Pharma में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है|
Aurobindo Pharma में इंट्राडे के दौरान 9.5% तक की गिरावट देखने को मिली. हालांकि, बाजार में रिकवरी के साथ ही इस स्टॉक में भी निचले स्तरों से रिकवरी दिखी. कंपनी की सब्सिडियरी को US FDA ने जांच के बाद आपत्तियां जारी की है|
Zydus Life Sciences शेयर शुरुआती कारोबार में 6.45% तक फिसलते दिखा. जबकि Lupin में 6% की गिरावट दिखी. Dr Reddy's Labs और Ajanta Pharma में शुरुआती कामकाज के दौरान 2% से ज्यादा की गिरावट दिखी|
LuLu Group का बड़ा निवेश, इस शहर में बन रहा है सबसे बड़ा मॉल
18 Feb, 2025 04:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लुलु ग्रुप|शॉपिंग मॉल, हाइपरमार्केट और रिटेल कंपनी चलाने वाला देश का दिग्गज लुलु ग्रुप इंटरनेशनल जल्द ही अपने बिजनेस का विस्तार करने जा रहा है। इस विस्तार के तहत, लुलु ग्रुप महाराष्ट्र के नागपुर में एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। लुलु ग्रुप चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि वे आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और गुजरात के अहमदाबाद समेत कई शहरों में अपने एक्सपेंशन की योजना के शुरुआती चरण में है। उन्होंने कहा, ''हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की इकोनॉमी बनने की दिशा में भारत की यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं।''
अहमदाबाद के सबसे बड़े मॉल्स में से होगा लुलु का नया मॉल
उन्होंने आगे कहा, ''हम अब अहमदाबाद में एक शॉपिंग मॉल बना रहे हैं जो इस शहर के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में से एक होगा। इसके अलावा, विशाखापत्तनम में एक और मॉल के लिए बातचीत शुरू हो गई है। इसके अलावा, हम नागपुर में एक नए प्रोजेक्ट के लिए आर्किटेक्चरल प्लानिंग के शुरुआती स्टेज पर हैं।" दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन में से एक लुलु ग्रुप भारत में अपनी उपस्थिति में लगातार इजाफा कर रहा है।
लुलु ग्रुप की प्राथमिकताओं में शामिल है महाराष्ट्र का नागपुर
महाराष्ट्र का नागपुर शहर लुलु ग्रुप के लिए एक खास फोकस एरिया के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा, "नागपुर हमारी प्राथमिकताओं में से एक है और हम वर्तमान में वहां अपने विस्तार के लिए प्रारंभिक योजना चरण में हैं।" यूसुफ अली ने एएनआई के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत और कतर के बीच भाईचारे वाले संबंध हैं। हमने देखा कि हमारे प्रधानमंत्री ने खुद एयरपोर्ट पर कतर के अमीर का स्वागत किया, जो इस बंधन की मजबूती को दिखाता है। भारत तेजी से विकास कर रहा है और कतर इसके प्रमुख भागीदारों में से एक है। कतर एआई, डिजिटलाइजेशन, आईटी, फूड प्रोसेसिंग और फूड सिक्यॉरिटी समेत अलग-अलग सेक्टरों में निवेश करना चाहता है।