व्यापार
अब खुलकर करें मूल्य निर्धारण: मात्रा आधारित छूट पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णायक फैसला
14 May, 2025 10:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक अहम फैसले में कहा कि मात्रा आधारित छूट की पेशकश प्रतिस्पर्धा कानून 2022 के तहत भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण नहीं है बशर्ते ऐसी छूट को बराबर लेनदेन के लिए अलग तरीके से लागू न किया जाए।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति प्रसन्न भालचंद्र वराले के पीठ ने अब बंद हो चुके प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (कॉमपैट) के फैसले को बरकरार रखा। अदालत ने कहा, ‘कॉमपैट के आदेश को बरकरार रखा जाता है। लंबी मुकदमेबाजी के लिए कपूर ग्लास पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।’
मात्रा आधारित छूट को मात्रात्मक छूट अथवा थोक छूट के रूप में भी जाना जाता है। यह मूल्य निर्धारण की एक रणनीति है। इसके तहत कुल खरीद की मात्रा बढ़ने पर किसी उत्पाद या सेवा की प्रति इकाई कीमत कम हो जाती है। इस प्रकार यह बड़े ऑर्डर के लिए कम कीमत की पेशकश के जरिये ग्राहकों को अधिक खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा कानून और बाजार परिस्थितियों पर इसका काफी प्रभाव पड़ेगा।
पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन ने कहा, ‘इस निर्णय से कंपनियां ऐसा मूल्य निर्धारण मॉडल तैयार करने के लिए प्रेरित होंगे जो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच के जोखिम के बिना थोक खरीदारों को लाभ पहुंचाएगा। यह फार्मास्युटिकल्स, एफएमसीजी और औद्योगिक आपूर्ति जैसे उद्योगों के लिए काफी मायने रखता है जहां मात्रात्मक छूट आम बात है।’
सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला 2014 में दायर की गई अपील याचिका के संदर्भ में आया है। कांच की शीशियां बनाने वाली कंपनी कपूर ग्लास ने यह कहते हुए शिकायत की थी कि न्यूट्रल बोरोसिलिकेट ग्लास ट्यूबों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण में शामिल है। उसने आरोप लगाया था कि आपूर्तिकर्ता ने अपनी संयुक्त उद्यम इकाई को तरजीही छूट दी जो बाजार के अन्य खरीदारों के लिए नुकसानदेह है।
आयोग ने आपूर्तिकर्ता शॉट ग्लास को प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत बाजार में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने का दोषी पाया और उस पर 5.66 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए परिचालन बंद करने का आदेश दिया। शॉट ग्लास ने आयोग के इस फैसले के खिलाफ कॉमपैट में अपील दायर की। कॉमपैट ने आयोग के आदेश को यह कहते हुए पलट दिया कि अगर मात्रा आधारित छूट को लेनदेन में समान स्थिति वाले खरीदारों पर अलग तरीके से लागू न किया जाए तो उसे भेदभावपूर्ण नहीं माना जा सकता है।
कॉमपैट ने कपूर ग्लास पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था, जिसे अब सर्वोच्च न्यायालय ने बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।
लॉ फर्म एकॉर्ड ज्यूरिस के मैनेजिंग पार्टनर अलय रजवी ने कहा, ‘अब कंपनियां थोक छूट, स्तरीय मूल्य निर्धारण और लॉयल्टी योजना जैसे प्रोत्साह को पूरे आत्मविश्वास के साथ उपयोग कर सकती हैं, बशर्ते वे निष्पक्ष हों और समान स्थिति वाले खरीदारों के लिए सुलभ हों।’ जैन ने कहा कि यह फैसला प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच के दायरे को मजबूत करेगा जिससे उपभोक्ताओं को फायदा हो सकता है।
सेबी की निवेशकों को चेतावनी: इस रियल एस्टेट कंपनी से रहें सावधान, SM REIT मान्यता रद्द
14 May, 2025 10:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय बाज़ार नियामक SEBI ने मंगलवार को निवेशकों को Strata नाम की रियल एस्टेट कंपनी को लेकर सावधान किया है। Strata एक कॉमर्शियल रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म है जिसे सुदर्शन लोढ़ा और प्रियंका राठौर ने शुरू किया था। कंपनी ने SEBI के नए नियमों के तहत Small and Medium REIT (SM REIT) के तौर पर रजिस्ट्रेशन लिया था, लेकिन अब उसने खुद ही यह रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया है।
SEBI ने दी निवेशकों को चेतावनी
SEBI ने साफ कहा है कि Strata SM REIT अब कोई SEBI-रेगुलेटेड संस्था नहीं है और यह खुद को SM REIT या रेगुलेटेड इंटरमीडियरी के तौर पर पेश नहीं कर सकती। Strata ने जनवरी 2025 में SM REIT के रूप में मंज़ूरी पाई थी और वित्त वर्ष 2025-26 में 6 स्कीम लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन एक भी स्कीम शुरू नहीं की गई।
प्रमोटर्स पर केस और बातचीत के बाद हुआ फैसला
SEBI ने बताया कि Strata के प्रमोटर्स पर कानूनी कार्यवाही चल रही है। इस मामले में SEBI ने कंपनी के साथ-साथ उसके स्वतंत्र निदेशकों, कंप्लायंस अफसर और ट्रस्टी से चर्चा की। इसके बाद Strata ने अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वापस कर दिया।
2,000 करोड़ AUM वाली कंपनी, अब SEBI के दायरे से बाहर
Strata के पास ₹2,000 करोड़ से ज्यादा की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) हैं। SM REIT के तहत निवेश की न्यूनतम सीमा ₹10 लाख होती है। SM REIT नियम 2024 में लागू किए गए थे ताकि फ्रैक्शनल ओनरशिप प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट किया जा सके, रिस्क को कम किया जाए और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
SM REIT नियम: अब छोटे प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट भी शामिल
SM REIT के नियमों के तहत अब ₹50 करोड़ या उससे अधिक की रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज को इसमें शामिल किया जा सकता है। पहले सिर्फ बड़ी कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज को REIT में लाया जा सकता था और मिनिमम इनवेस्टमेंट भी काफी ज्यादा था। नए नियमों के तहत अब स्पॉन्सर्स को खुद भी निवेश करना होगा (skin in the game) और ऋण (leverage) पर भी लिमिट तय की गई है।
शुरुआती कारोबार में उछाल: सेंसेक्स 81,300 के पार, निफ्टी 24,600 के ऊपर
14 May, 2025 10:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैश्विक बाजारों में मिलेजुले रूखे के बीच भारतीय शेयर बाजार बुधवार (14 मई) को मजबूती के साथ ओपन हुए। आईटी और स्टील स्टॉक्स में तेजी के चलते बाजार में आज बढ़त देखने को मिल रही है। साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल के शेयर में तेजी से भी बाजार को सपोर्ट मिल रहा है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज बढ़त के साथ 81,278.49 अंक पर खुला। मंगलवार को यह 81,148.22 अंक पर बंद हुआ था। सुबह 9:33 बजे सेंसेक्स
310.79 अंक या 0.38% चढ़कर 81,459.01 पर था।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 भी मजबूती के साथ 24,613.80 अंक पर ओपन हुआ। सुबह 9:34 बजे यह 109.70 अंक या 0.45% चढ़कर 24,688.05 पर था।
मेटल स्टॉक्स चढ़े
भारत ने मंगलवार को डब्ल्यूटीओ को सूचित किया था कि अमेरिका द्वारा सुरक्षा शुल्क लगाए जाने से भारत द्वारा अमेरिका को किया जाने वाला 7.6 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा, जिस पर अमेरिका का शुल्क संग्रह 1.91 अरब डॉलर होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि इसी के मुताबिक भारत की रियायतों के निलंबन के बाद अमेरिका के उत्पादों पर भी समान शुल्क वसूला जाएगा।
इसके चलते बुधवार को मेटल स्टॉक्स में बढ़त देखने को मिली। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) के शेयर करीब 2.5% चढ़ गए। इसके अलावा टाटा स्टील 4 फीसदी के करीब चढ़ गया। हिंदुस्तान कॉपर और हिंदुस्तान ज़िंक समेत वेदांत लिमिटेड में भी बढ़त देखने को मिली।
एशियाई बाजारों में क्या हाल
एशियाई बाजारों में बुधवार को मिलाजुला रुख रहा। जापान का निक्केई 225 0.57 प्रतिशत गिरा। जबकि टॉपिक्स में 1.05 प्रतिशत की गिरावट आई। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.67 प्रतिशत ऊपर रहा और कोसडैक 0.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ स्थिर रहा। ऑस्ट्रेलिया का बेंचमार्क एसएंडपी/एएसएक्स 200 0.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ स्थिर रहा। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.16 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मुख्य भूमि चीन का सीएसआई 300 0.21 प्रतिशत नीचे रहा।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?
वॉल स्ट्रीट इंडेक्स मंगलवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए। एसएंडपी 500 0.72 प्रतिशत बढ़कर 5,886.55 पर बंद हुआ। नैस्डैक कंपोजिट 1.61 प्रतिशत चढ़कर 19,010.08 पर बंद हुआ। जबकि डॉव जोन्स 0.64 प्रतिशत गिरकर 42,140.43 पर बंद हुआ। इस बीच, अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स नकारात्मक रुख के साथ स्थिर रहे।
आज के प्रमुख ट्रिगर्स
बाजार की दिशा आज कई अहम कारकों पर निर्भर करेगी। सबसे पहले तो भारत और अमेरिका के अप्रैल महीने के महंगाई के आंकड़े (CPI डेटा) जारी होने वाले हैं, जो सीधे ब्याज दरों के अनुमान पर असर डाल सकते हैं। इसके अलावा भारत का थोक महंगाई दर (WPI) का डेटा भी आएगा। साथ ही, कंपनियों के तिमाही नतीजों का सीज़न चल रहा है, और आज भी कई बड़ी कंपनियों के परिणाम आने वाले हैं। ग्लोबल फ्रंट पर अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता से जुड़े सकारात्मक संकेतों और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से भी बाज़ार की चाल तय होगी।
बदल गए टैक्स नियम! रिटर्न फाइल करने से पहले जानिए क्या हुआ नया
13 May, 2025 04:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Income Tax: अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (AY 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सोच रहे हैं तो आपको आईटीआर फॉर्म ITR1, ITR2, ITR3 और ITR 4 के लिए नियमों में हुए बदलाव के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. साथ ही जब आप रिटर्न फाइल करेंगे और इनकम टैक्स के पोर्टल पर जाएंगे तो आपको ITR दाखिल करने वाली ई-यूटिलिटीज के जारी होने का इंतजार करना होगा. वहीं आज हम आपको आईटीआर फॉर्म के लिए हुए बदलावों की जानकारी दे रहे हैं जो फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (AY 2025-26) के लिए रिटर्न फाइल करने में आपकी मदद करेंगे. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इनकम टैक्स रिटर्न को आसान करने के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए 5 फॉर्म दिए हुए हैं, जिसका यूज इनकम के हिसाब से किया जाता है. आपको हम जिन नए नियमों के बारे में बता रहे हैं वो सभी नियम इन्हीं फॉर्म से जुड़े हुए हैं.
ITR 1 और ITR 4 टैक्स एलिजिबिलिटी बढ़ाई
नए नियम इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़े हुए हैं, जिसमें टैक्स पेयर अगर लॉग टर्म इन्वेस्टमेंट में 1.25 लाख रुपए का प्रॉफिट कमाते हैं तो उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ITR 1 और ITR 4 फॉर्म यूज करना होगा. आपको बता दे पहले इसके लिए ITR 2 और ITR 3 का यूज किया जाता था और टैक्स बेनिफिट 1.25 लाख की जगह केवल 1 लाख रुपए था.
आधार एनरोलमेंट आईडी नहीं होगी मान्य
अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार कार्ड न होने पर आधार एनरोलमेंट आईडी को पैन कार्ड के साथ यूज कर लिया जाता था, लेकिन अब टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार संख्या होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए ITR 1, ITR 2, ITR 3 और ITR 5 में आधार एनरॉल्टमेंट आईडी का कॉलम हटा दिया गया है.
छोटे बिजनेस के लिए न्यू टैक्स रिजीम
सरकार ने छोटे बिजनेस को फायदा पहुचाने के लिए न्यू टैक्स रिजीम बीते साल बजट में पेश की थी. साथ ही बार-बार ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव नहीं किया जा सकता. आयकर नियमों के अनुसार, व्यावसायिक आय वाले करदाताओं के पास जीवन में एक बार पुरानी कर व्यवस्था से नई कर व्यवस्था में स्विच करने का विकल्प होता है. हालांकि, इस स्विचिंग के लिए कर विभाग को एक फॉर्म जमा करना होता है.
पिछले साल ITR-4 में बस इतना पूछा गया था कि क्या करदाता ने नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प चुना है. अगर हाँ, तो करदाता को लागू होने पर फॉर्म 10-IEA की तारीख और पावती संख्या प्रदान करनी होगी. हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए आईटीआर-4 में अधिक विस्तृत खुलासा किया गया है. अब यह फॉर्म 10-आईईए की पिछली फाइलिंग की पुष्टि मांगता है और पूछता है कि क्या करदाता चालू वर्ष में नई कर व्यवस्था से बाहर निकलना जारी रखना चाहता है.”
सेक्शन 206AB और 206CCA को हटाया गया
कंप्लायंस को आसान बनाने के लिए सेक्शन 206 AB और 206CCA को पूरी तरह से हटा दिया गया है. जिसके चलते टैक्स कटौती करने वालों और टैक्स कलेक्ट करने वालों को कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.
सेक्शन 87A के तहत छूट में बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने फरवरी में पेश किए गए बजट में 87A के तहत छूट (Increased exemption under section 87A) को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है. यह छूट सुनिश्चित करती है कि 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा.
TDS नियमों में बदलाव
1 अप्रैल 2025 से कई सेक्शन में TDS की लिमिट (TDS Limit Change) बढ़ा दी गई है, जिससे स्मॉल टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी. सीनियर सिटीजन के लिए इंटरेस्ट इनकम (interest income for senior citizens) पर TDS लिमिट बढ़कर 1 लाख रुपये हो जाएगी.
बाजार में भूचाल, सोने ने भरी उड़ान: 1 दिन में ₹1200 की जबरदस्त बढ़त
13 May, 2025 04:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold Silver Price 13 May: आज सोने-चांदी के भाव में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ घटाने को लेकर डील हुई है. जिसके अनुसार अमेरिका अगले 90 दिनों के लिए चीन के प्रोडक्ट्स पर टैक्स को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करेगा. वहीं चीन भी अमेरिकी समान पर टैक्स को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करेगा. इन फैसलों से डॉलर मजबूत हुआ है. जिसके कारण मार्केट में स्थिरता आई और गोल्ड की मांग फिर बढ़ी है.
कारोबारी सत्र में MCX गोल्ड 5 जून कॉन्ट्रैक्ट दोपहर 3 बजकर 30 मिनट के आसपास 1.27 प्रतिशत (1200.00 रुपए) की बढ़त के साथ 94080.00 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था. वहीं MCX चांदी 4 जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 2100.00 रुपए या 2.20 फीसदी उछलकर 97444.00 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था.
देश के प्रमुख शहरों में सोने का रेट
दिल्ली में आज सोने की कीमत 92,890 रुपए, मुंबई में 93,050 रुपए, कोलकाता में 92,920 रुपए और बेंगलुरु में 93,120 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है. बता दें, चेन्नई में रेट सबसे ऊपर 93,320 रुपए तक पहुंच गया है.
कल सोने की चमक घटी
कल सोमवार को दिल्ली में सोने की कीमत 3,400 रुपए की भारी गिरावट के साथ 96,550 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 3,400 रुपए गिरकर 96,100 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गया. यह 23 जुलाई 2024 को सोने की कीमतों में 3,350 रुपए की गिरावट के बाद से 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट थी. वहीं, शनिवार को 99.9 और 99.5 प्रतिशत सोना 99,950 रुपए और 99,500 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
सोमवार को क्यों गिरा था सोना
अमेरिका और चीन ने 3 महीने के लिए एक दूसरे पर लगे टैरिफ कम करने का फैसला लिया है. अमेरिका ने चीन के समान पर टैरिफ 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया. चीन ने भी अमेरिकी सामान पर टैरिफ 125 प्रतिशत से 10 प्रतिशत कर दिया.
कब सस्ता होगा सोना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोना अब 94 हजार से 95 हजार रुपए के बीच के रेजिस्टेंस लेवल को टच कर सकता है. अगर मार्केट थोड़ा स्थिर होता है तो गिरावट आ सकती है. अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं तो आपको थोड़ा रुकना चाहिए, लेकिन शॉर्ट टर्म में मुनाफा लेने का मौका है.
उड़ान भरेगी बोइंग! चीन ने अमेरिका से व्यापारिक सहमति के बाद विमान डिलीवरी से प्रतिबंध हटाया
13 May, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन ने अमेरिका में बने बोइंग विमानों की डिलीवरी पर लगा बैन हटा लिया है। यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (trade war) को थामने के लिए हुई हालिया सहमति के बाद लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने सोमवार को भारी टैरिफ को कम करने और अगले 90 दिनों के लिए व्यापार युद्ध पर ब्रेक लगाने पर सहमति जताई है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बीजिंग के अधिकारियों ने इस हफ्ते देश की एयरलाइनों और सरकारी एजेंसियों को सूचित करना शुरू कर दिया है कि अब अमेरिका में बने विमानों की डिलीवरी फिर से शुरू की जा सकती है।
यह फैसला दो सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हालांकि, बोइंग ने इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है और चीन का नागरिक उड्डयन प्रशासन (CAAC) भी अभी तक इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया है।
गौरतलब है कि अप्रैल में बोइंग ने बताया था कि चीन के कई ग्राहकों ने टैरिफ के चलते नए विमानों की डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया था, और कंपनी इन विमानों को अन्य ग्राहकों को बेचने पर विचार कर रही थी।
अमेरिका-चीन में सहमति, 90 दिनों तक नहीं लगेगा 115% टैरिफ
अमेरिका और चीन ने व्यापारिक तनाव को कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों ने आगामी 90 दिनों तक एक-दूसरे पर कोई नया आयात शुल्क (टैरिफ) नहीं लगाने का फैसला किया है। साथ ही, पहले से लागू टैरिफ को भी कम करने की दिशा में काम करने पर सहमति बनी है।
इस बारे में जानकारी देते हुए अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने सोमवार को बताया, “चीन के साथ 90 दिनों के टैरिफ विराम पर सहमति हो गई है। इसके तहत मौजूदा टैरिफ को भी कम करने की योजना है।”
उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक बातचीत को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और आपसी संबंधों में सुधार का रास्ता खोलेगा।
फैसले के तहत अमेरिका, चीन से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ को 145% से घटाकर 30% करेगा, जबकि चीन, अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाला शुल्क 125% से घटाकर 10% करेगा। इसे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव में अस्थायी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
बेसेंट ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सकारात्मक रही और वार्ता के दौरान एक-दूसरे के प्रति सम्मानजनक रवैया देखने को मिला।
तनाव में कमी से उम्मीदें बढ़ीं, सरकारी बॉन्ड और रुपया हो सकता है मजबूत
13 May, 2025 12:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मंगलवार को सरकारी बॉन्ड और रुपये में मजबूती की उम्मीद है क्योंकि सप्ताहांत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनने से सीमा पर तनाव कम हो गया है। बॉन्ड डीलरों ने कहा कि 10 वर्षीय बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड का यील्ड मंगलवार को 3-4 आधार अंक तक कम होने की उम्मीद है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की ओपन मार्केट ऑपरेशन नीलामी के कारण बाजार की धारणा मजबूत बनी हुई है।
उन्होंने कहा, युद्ध विराम के कारण मंगलवार को बेंचमार्क बॉन्ड पर यील्ड 3 से 4 आधार अंक नीचे खुल सकता है। अब हम दरों में कटौती और ओएमओ के माध्यम से तरलता बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं जो बाजार के लिए सकारात्मक है। शुक्रवार को बेंचमार्क यील्ड 6.38 फीसदी रहा था जो सप्ताह के दौरान 6.40 फीसदी के मनोवैज्ञानिक स्तर से पार चला गया था।
सप्ताह के दौरान रुपये में 0.98 फीसदी की गिरावट आई। गुरुवार को घरेलू मुद्रा में दो साल से अधिक समय में सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट देखी गई जिससे मौजूदा कैलेंडर और वित्त वर्ष दोनों के लिए सारी बढ़त समाप्त हो गई। लेकिन डॉलर की बिक्री के माध्यम से केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप ने मुद्रा को स्थिर करने में मदद की जिससे शुक्रवार को सुधार हुआ। सप्ताह के अंत तक रुपये में कैलेंडर वर्ष में 0.27 फीसदी और वित्त वर्ष में 0.1 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, हमें उम्मीद है कि रुपया प्रति डॉलर 85 के स्तर के करीब खुलेगा, उससे आगे नहीं। डॉलर इंडेक्स पर ध्यान रहेगा क्योंकि (अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा) दर कटौती पर विराम के बाद वहां जोखिम है। अस्थिरता अब खत्म हो जानी चाहिए।
फ्यूजन फाइनैंस के शेयर में जोरदार उछाल, जानें राइट्स इश्यू का क्या रहा रिस्पॉन्स
13 May, 2025 12:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वारबर्ग पिनकस समर्थित कंपनी फ्यूजन फाइनैंस की 800 करोड़ रुपये की राइट्स इश्यू की पेशकश सफलता के साथ पूरी हो जाने से इसके शेयरों में 8 फीसदी से अधिक की उछाल दर्ज हुई। फ्यूजन फाइनैंस के पूर्ण चुकता शेयर 8.4 फीसदी बढ़कर 165.5 रुपये पर बंद हुए जबकि आंशिक भुगतान वाले शेयर 10 फीसदी बढ़कर 96 रुपये पर बंद हुए।
इस कैलेंडर वर्ष में अब तक के सबसे बड़े सफल राइट्स इश्यू को 1.5 गुना बोली मिली। इसमें हनी रोज इन्वेस्टमेंट (वारबर्ग पिनकस से संबद्ध) और क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स फ्यूजन सहित मौजूदा शेयरधारकों की मजबूत सहभागिता देखी गई।
2 मई तक हनी रोज़ के पास कंपनी की 35.2 फीसदी हिस्सेदारी थी जबकि क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स के पास 16.83 फीसदी हिस्सेदारी थी। दोनों को प्रवर्तक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। सार्वजनिक शेयरधारकों में एचडीएफसी म्युचुअल फंड और निप्पॉन एमएफ के पास क्रमश: 4.21 फीसदी और 3.97 फीसदी हिस्सेदारी थी।
माइक्रोफाइनैंस ऋणदाता ने 131 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 6.11 करोड़ आंशिक चुकता इक्विटी शेयर जारी किए। पात्र शेयरधारक हर 91 शेयर के लिए 55 शेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं और 50 फीसदी (65.5 रुपये प्रति शेयर) भुगतान पहले और बाकी राशि बाद में दे सकते हैं। आय से फ्यूजन फाइनैंस की बैलेंस शीट मजबूत होगी, जिससे वृद्धि के मौके बढ़ेंगे।
फ्यूजन फाइनैंस के प्रबंध निदेशक देवेश सचदेव ने कहा, अतिरिक्त पूंजी से हमारी बैलेंस शीट को मजबूत होगी जिससे हम उभरते अवसरों का लाभ उठा सकेंगे और सभी हितधारकों को स्थायी मूल्य प्रदान करते रहेंगे।
करीब 37 लाख ग्राहकों के साथ फ्यूजन फाइनैंस ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित और कम वंचित महिला उद्यमियों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है। उसके पास 10,600 करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) हैं और 22 राज्यों में 1,506 शाखाओं का नेटवर्क है।
इन्वेस्टेक ने अप्रैल में एक नोट में कहा था कि भारतीय माइक्रोफाइनैंस उद्योग के लिए सबसे बुरा समय समाप्त हो गया है और इस क्षेत्र में धीरे-धीरे सुधार और मजबूती की उम्मीद की जा सकती है।
तनाव कम होते ही लौटी विदेशी पूंजी: भारत में एफपीआई निवेश बहाल
13 May, 2025 12:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सोमवार को भारतीय इक्विटी में भारी खरीदारी फिर से शुरू कर दी। सप्ताहांत में संघर्ष विराम और भारत-पाकिस्तान का सीमा पर तनाव कम होने के बाद उन्होंने 1,246.5 करोड़ रुपये का निवेश किया।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि 15 अप्रैल से पिछले गुरुवार तक लगातार 16 सत्रों में एफपीआई शुद्ध खरीदार रहे थे और भारतीय शेयरों में 49,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इससे निफ्टी में करीब 10 फीसदी की उछाल आई थी। यह जून-जुलाई 2023 के बाद से उनकी सबसे लंबी खरीद का सिलसिला है।
यह निवेश अमेरिकी टैरिफ और मंदी की आशंकाओं के कारण डॉलर इंडेक्स में गिरावट के कारण आया जो 2025 के शिखर से 10 फीसदी तक लुढ़क गया। इसी कारण भारतीय रुपये में भी मजबूती आई और यह फरवरी के 88 के निचले स्तर से उबरकर इस महीने 84 रुपये के नीचे आ गया।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के सह-प्रमुख संजीव प्रसाद ने एक नोट में लिखा है, हाल के हफ्तों में एफपीआई निवेश में तेज वृद्धि सक्रिय और निष्क्रिय निवेशकों के बीच भारत के प्रति सकारात्मक भावना को दर्शाती है। हम एफपीआई की स्थिति में तेज बदलाव का श्रेय पिछले एक महीने में डॉलर इंडेक्स में 2.5 फीसदी की गिरावट को देते हैं और साथ ही निवेशकों के इस विश्वास को भी वैश्विक वृद्धि की चुनौतियों के मद्देनजर भारत अपेक्षाकृत बेहतर बाजार है।
इलारा कैपिटल के ग्लोबल लिक्विडिटी ट्रैकर ने बताया कि ताइवान, ब्राजील, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे उभरते बाजारों में भी मजबूत निवेश देखा जा रहा है। भारत में पिछले सप्ताह 32.6 करोड़ डॉलर निवेश आया जबकि इससे पहले के सप्ताह में 72.4 करोड़ डॉलर आया था। यह जुलाई 2024 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। हालांकि विशेषज्ञों ने चेताया है कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर की मजबूती से चलने वाले एफपीआई निवेश में उतारचढ़ाव रह सकता है। एक विदेशी ब्रोकरेज के रणनीतिकार ने कहा, विदेशी निवेश अक्सर टॉप डाउन एप्रोच से चलता है। इसमें अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर अक्सर मुख्य चालक होते हैं। वे मूल्यांकन को ज्यादा महत्त्व नहीं देते। जोखिम से बचने की घटनाओं के दौरान वे आकर्षक मूल्यांकन पर भी बेच देते हैं और जब स्टॉक महंगा हो जाता है तो फिर से खरीद भी लेते हैं।
भारतीय निवेशकों का भरोसा जेप्टो पर! ओसवाल और अग्रवाल ने खरीदी बड़ी हिस्सेदारी
13 May, 2025 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Motilal Oswal Financial Services Limited के संस्थापक मोतीलाल ओसवाल और रामदेव अग्रवाल ने क्विक कॉमर्स फर्म जेप्टो के 10 करोड़ डॉलर के शेयर खरीदे हैं। एक सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। दोनों ने अपनी निजी हैसियत से 5-5 करोड़ डॉलर के शेयर खरीदे हैं। यह खरीद ऐसे समय में हुई है जब क्विक कॉमर्स यूनिकॉर्न घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने की राह पर है। सूत्र ने बताया कि कंपनी की योजना अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम से पहले 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा घरेलू स्वामित्व से हासिल करने की है। कंपनी 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने की योजना बना रही है।
सूत्रों ने कहा कि ओसवाल और अग्रवाल ने जेप्टो के शेयर कंपनी के शुरुआती निवेशकों से अधिग्रहीत किए हैं, जो मुख्य रूप से विदेशी हैं। ये लेनदेन अगस्त 2024 के 5 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर हुए हैं ताकि देसी निवेशकों के लिए इसे आकर्षक बनाया जा सके।
हाल ही में हुए सेकंडरी लेनदेन के अलावा मोतीलाल ओसवाल (फर्म) जेप्टो में 25 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य की फंडिंग के एक अलग सेकंडरी राउंड की अगुआई कर रही है। इस दौर में एडलवाइस और हीरो फिनकॉर्प की भी भागीदारी होगी। सूत्र के अनुसार बाध्यकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर लिए गए हैं और जून में ड्यू डिलिजेंस पूरी होने के बाद जेप्टो औपचारिक घोषणा करेगी। जेप्टो के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी मांगे जाने पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
इससे पहले नवंबर 2024 में जेप्टो ने 5 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 35 करोड़ डॉलर जुटाए थे। इस दौर का नेतृत्व मोतीलाल ओसवाल के प्राइवेट वेल्थ डिवीजन ने किया था।
तेजी के बाद ठंडा पड़ा बाजार! सेंसेक्स में गिरावट, निफ्टी भी लुढ़का
13 May, 2025 11:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैश्विक बाजारों से मजबूत संकेतो के बावजूद भारतीय शेयर बाजार मंगलवार (13 मई) को गिरावट में खुले। इससे एक दिन पहले बाजार चार साल की सबसे अच्छी एक दिवसीय बढ़त लेकर बंद हुआ था। बाजार के जानकारों का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार आज कंसोलिडेशन के फेस में जा सकता है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 180 अंक गिरकर 82,249.60 पर ओपन हुआ। सोमवार को यह 82,429.90 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। सुबह 9:30 बजे 471.58 अंक या 0.57% की गिरावट लेकर 81,958.32 पर था।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 भी गिरावट के साथ 24,864.05 अंक पर ओपन हुआ। सोमवार को यह 24,924.7 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। सुबह 9:30 बजे यह 121.75 अंक या 0.49% की गिरावट लेकर 24,802.95 पर था।
आज बाजार के लिए मुख्य ट्रिगर पॉइंट्स
वैश्विक बाजार से संकेत और विदेशी निवेशकों (FIIs) की ओर से नए सिरे से खरीदारी जैसे पहलू आज बाजार की चाल पर अपना प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अलावा निवेशकों की नजर अप्रैल के रिटेल इन्फ्लेशन के आंकड़ों पर रहेगी, जो आज बाजार बंद होने के बाद बाद में जारी होने वाले हैं।
वैश्विक बाजारों का क्या हाल?
इस बीच, अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के बाद वॉल स्ट्रीट में तेजी आने के बाद मंगलवार को एशियाई बाजारों में तेजी आई। जापान के निक्केई में 2.17 प्रतिशत की उछाल आई और टॉपिक्स में 1.77 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.13 प्रतिशत बढ़ा। ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 0.71 प्रतिशत बढ़ा।
सोमवार को कैसी थी बाजार की चाल?
सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,429.90 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी50… 916.7 अंक या 3.8 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,924.7 के स्तर पर बंद हुआ। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने तथा चीन और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते जैसी वैश्विक और घरेलू सकारात्मक घटनाओं के मेल से सोमवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में तेज़ उछाल देखने को मिला।
आज इन कंपनियों के आएंगे Q4 नतीजे
भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, गेल, सिप्ला, सीमेंस, भारती हेक्साकॉम, हीरो मोटोकॉर्प, आदित्य बिड़ला कैपिटल, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स, मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज, हनीवेल ऑटोमेशन, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, साई लाइफ साइंसेज, जुबिलेंट इंग्रेविया, सिरमा एसजीएस टेक्नोलॉजी, आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर, एएसके ऑटोमोटिव, शैली इंजीनियरिंग प्लास्टिक, ऑरियनप्रो सॉल्यूशंस, द अनूप इंजीनियरिंग, वीआईपी इंडस्ट्रीज, पटेल इंजीनियरिंग कंपनी, सुवेन लाइफ साइंसेज, एडवांस्ड एंजाइम टेक्नोलॉजीज, डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज, वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स, अर्केड डेवलपर्स, एलेम्बिक, ताज जीवीके होटल्स एंड रिसॉर्ट्स, और स्टर्लिंग टूल्स समेत 84 कंपनियां मंगलवार (13 मई) को जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजे जारी करेंगी।
मिठास भरी खबर! आगरा का पेठा भी हुआ ODOP योजना में शामिल, मिलेगा राष्ट्रीय मंच
12 May, 2025 04:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प व खास उत्पादों का बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई योगी सरकार की एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में बलिया का सत्तू, आगरा का पेठा सहित 12 और नए उत्पाद शामिल किए गए हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओडीओपी योजना जहां देश के कई राज्य अपना रहे हैं, वहीं दुनिया में भी ओडीओपी उत्पादों की सराहना हो रही है। इसे और सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार ने 12 और नए उत्पादों को ओडीओपी में शामिल किया है, जो देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाएंगे। योगी सरकार पहले ही प्रदेश के विभिन्न जिलों के 62 उत्पादों को ओडीओपी में शामिल कर चुकी है, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 74 हो गई है।
सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सचिव प्रांजल यादव ने बताया कि ओडीओपी , प्रदेश के हर जिले की पारंपरिक विशेषताओं और उद्योगों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली है। इससे न सिर्फ स्थानीय शिल्पियों और उद्यमियों को रोज़गार मिला है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। नए उत्पादों में बागपत के एग्रीकल्चरल इम्पलीमेंटस ऐंड रिलेटेड एसेसिरीज, सहारनपुर के होजरी उत्पाद, फिरोजाबाद का खाद्य प्रसंस्करण, गाजियाबाद के मैटल, टेक्सटाइल ऐंड अपेरल उत्पाद, अमरोहा के मेटल एवं वुडन हैंडीक्राफ्ट, आगरा का पेठा उद्योग एवं सभी प्रकार के फुटवीयर, हमीरपुर के मैटल उत्पाद, बरेली के लकड़ी के उत्पाद, एटा के चिकोरी उत्पाद, प्रतापगढ़ का खाद्य प्रसंस्करण, बिजनौर का ब्रश एवं उससे जुड़े उत्पाद और बलिया का सत्तू उत्पाद आदि शामिल हैं।
ओडीओपी योजना के तहत बनारस की साड़ी, भदोही का कालीन, कन्नौज का इत्र, आगरा का जूता, अलीगढ़ का ताला, सहारनपुर का वुड कर्विंग, आगरा का चमड़ा उत्पाद व संगमरमर पर जड़ाऊ कार्य, बरेली का जरी-जरदोजी, स्वर्णकारी, बांस बेत, बिजनौर का काष्ठ कला आदि उत्पादों ने विश्व पटल पर अपनी नई पहचान बनाई है।
केंद्र सरकार का बड़ा कदम, SECI चेयरमैन आर पी गुप्ता को हटाया गया
12 May, 2025 03:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
SECI Chairman RP Gupta: केंद्र सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के सीएमडी आरपी गुप्ता (SECI Chairman R P Gupta) की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। शनिवार को जारी आदेश में उनकी बर्खास्तगी का कोई कारण नहीं बताया गया। गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में गुप्ता की आखिरी पोस्टिंग पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव के रूप में थी।
गुप्ता जून 2023 से SECI के प्रमुख थे, और उनका कार्यकाल अगले महीने समाप्त होने वाला था। यह अचानक समाप्ति SECI और विभिन्न सेक्टर की बड़ी कंपनियों से जुड़े कई विवादों के बाद हुई है। इसके साथ ही, SECI का मूल कार्य – नवीकरणीय ऊर्जा (RE) खरीदने और बेचने- की भारी आलोचना हुई है, क्योंकि एजेंसी को भारी बैकलॉग का सामना करना पड़ रहा है।
इस पत्र ने इस साल की शुरुआत में बताया था कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की ओर से नॉमिनेट चार नवीकरणीय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसियों (REIAs) द्वारा जारी लगभग 40 गीगावाट (GW) RE प्रोजेक्ट्स को अपनी हरित ऊर्जा के लिए खरीदार नहीं मिल पाए हैं।
SECI 2011 में MNRE की ओर से सौर, पवन, हाइब्रिड, FDRE और बैटरी स्टोरेज सहित RE परियोजनाओं के लिए निविदा जारी करने के लिए नियुक्त पहली REIA थी। 40 GW में से, SECI के पास लगभग 12 GW परियोजनाएं हैं जहां पावर सेल एग्रीमेंट्स (PSA) या पावर पर्चेज समझौते (PPA) लंबित हैं।
PSA और PPA की कमी संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी, ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क द्वारा अदाणी ग्रुप और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज-लिस्टेड Azure Power के खिलाफ दायर विवादास्पद भ्रष्टाचार मामले के मूल में भी है। यह मामला 2019-2020 का है, जब SECI ने 30 GW के रिकॉर्ड-हाई टेंडर जारी की थीं।
कई परियोजनाओं के बिजली के नहीं मिले खरीदार
इनमें से अधिकांश परियोजनाओं को उत्पन्न बिजली के लिए खरीदार नहीं मिल पाए। इस लिस्ट में अदाणी ग्रीन एनर्जी, रीन्यू पावर, सॉफ्टबैंक एनर्जी, Azure Power और ACME सोलर जैसे प्रमुख खिलाड़ियों की मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाएं शामिल थीं। इसमें जनवरी 2020 में SECI द्वारा जारी 7 GW विनिर्माण-लिंक्ड सौर निविदा भी शामिल थी। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की जांच के अनुसार, अदाणी और Azure ने तब “अनुकूल PSA प्राप्त करने के लिए राज्य सरकारों को रिश्वत देने का एक साइकल शुरू किया।”
SECI के आंतरिक कामकाज पर भी उठे सवाल
SECI के आंतरिक कामकाज पर भी सवाल उठे हैं। पिछले अक्टूबर में,आधिकारिक दस्तावेजों और ईमेल ट्रेल्स का हवाला देते हुए बताया कि कैसे अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस पावर ने SECI निविदा के लिए अमान्य बैंक दस्तावेज जमा किए, लेकिन फिर भी उसे बोली में भाग लेने की अनुमति दी गई।
रिलायंस पावर ने यहां तक कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को अपनी बैंक गारंटी के लिए गारंटर बताया, जिसे SBI ने बाद में इनकार कर दिया। बैंक ने रिलायंस पावर द्वारा संचार में उपयोग किए गए SBI ईमेल आईडी को नकली बताया, जिसके बाद SECI ने प्रक्रिया को रद्द कर दिया और कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया।
एक अन्य घटनाक्रम में, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC), अर्ध-न्यायिक शीर्ष सेक्टर नियामक, ने जनवरी में SECI की पहली ग्रिड-स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) में खोजी गई टैरिफ को खारिज कर दिया, जिसे 2022 में सम्मानित किया गया था।
CERC ने टैरिफ को खारिज करने के कारणों के रूप में “बिजली आपूर्ति और खरीद समझौतों (PSA और PPA) पर हस्ताक्षर करने में देरी” और पिछले दो वर्षों में BESS की कीमतों में गिरावट का हवाला दिया। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के लिए मानक बोली दिशानिर्देश प्रकाशित करने के बाद यह पहला BESS निविदा जारी किया गया था। विजेता बोलीदाता, जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने जनवरी में एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि उसने फैसले को चुनौती देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
बड़ी खबर! अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध थमा, 90 दिनों तक टैरिफ में नहीं होगी बढ़ोतरी
12 May, 2025 03:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका और चीन ने आपसी व्यापार तनाव को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों ने अगले 90 दिनों तक किसी भी नए टैरिफ (आयात शुल्क) को लागू नहीं करने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही मौजूदा टैरिफ को भी घटाने की दिशा में काम करने का फैसला लिया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने सोमवार को कहा, “चीन के साथ 90 दिनों के टैरिफ विराम पर सहमति बन गई है। इसके साथ ही मौजूदा टैरिफ को काफी हद तक कम करने की दिशा में भी कदम बढ़ाया जाएगा।”
बेसेंट ने यह भी कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक बातचीत को आगे बढ़ाने और द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार लाने का रास्ता खोलेगा।
दोनों देशों ने आगामी 90 दिनों के लिए एक-दूसरे पर लगाए गए भारी टैरिफ (शुल्क) को घटाने पर सहमति जताई है। इस अस्थायी राहत के तहत अमेरिका चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ को 145% से घटाकर 30% करेगा, जबकि चीन अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क को 125% से घटाकर 10% करेगा।
अमेरिकी अधिकारी बेसेंट ने इसे “90 दिनों के लिए ठहराव” बताते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने शुल्क दरों में उल्लेखनीय कमी करने पर सहमति जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के अधिकारियों के साथ हुई बातचीत काफी सकारात्मक रही और दोनों देशों ने एक-दूसरे के प्रति सम्मानपूर्ण रवैया अपनाया।
एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिका 14 मई 2025 तक निम्नलिखित कदम उठाएगा:
कार्यकारी आदेश 14257 (2 अप्रैल 2025) के तहत चीन (हांगकांग और मकाओ सहित) से आयात होने वाले उत्पादों पर लगने वाले अतिरिक्त 34% शुल्क में से 24% को 90 दिनों के लिए निलंबित किया जाएगा। इस अवधि में सिर्फ 10% शुल्क प्रभावी रहेगा।
कार्यकारी आदेश 14259 (8 अप्रैल 2025) और 14266 (9 अप्रैल 2025) के तहत लगाए गए अतिरिक्त शुल्क को पूरी तरह हटा दिया जाएगा।
चीन ने अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चीन 2025 की कस्टम टैरिफ कमीशन की अधिसूचना संख्या 4 के तहत अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क में 24 प्रतिशत अंक की कटौती करेगा। यह कटौती शुरू में 90 दिनों के लिए प्रभावी होगी। हालांकि, शेष 10 प्रतिशत शुल्क लागू रहेगा।
इसके साथ ही चीन ने अधिसूचना संख्या 5 और 6 के तहत पहले लगाए गए संशोधित अतिरिक्त शुल्क को पूरी तरह से हटाने का फैसला भी किया है।
चीन ने यह भी कहा है कि वह 2 अप्रैल 2025 से अमेरिका पर लगाए गए गैर-शुल्क (non-tariff) प्रतिकारात्मक उपायों को भी या तो हटा देगा या निलंबित कर देगा। इसके लिए सभी जरूरी प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में कुछ नरमी के संकेत मिल रहे हैं।
बड़ी खबर! यूपी सरकार ने दिया अडानी पावर को बड़ा ठेका, शेयर बना निवेशकों का पसंदीदा
12 May, 2025 12:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अदाणी पावर के शेयरों में सोमवार सुबह जोरदार तेजी देखी गई। कंपनी के शेयर 7% बढ़कर ₹549.65 तक पहुंच गए, जो दिन का हाई रहा। सुबह 10:12 बजे तक ये शेयर ₹545.45 पर ट्रेड कर रहे थे, जो 6.22% की बढ़त थी। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स भी 2.33% ऊपर 81,309.34 पर था। अदाणी पावर का कुल मार्केट कैप ₹2,09,933.19 करोड़ रुपये है। इसका 52-हफ्तों का हाई ₹896.75 और लो ₹430.85 रहा है। हालांकि, पिछले एक साल में इस शेयर ने करीब 14% की गिरावट देखी है, जबकि सेंसेक्स 9% ऊपर गया है।
यूपी से मिला 1500 मेगावाट का ऑर्डर
शेयरों में आई इस तेजी की वजह उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) से मिला नया ऑर्डर है। कंपनी को 1,500 मेगावाट बिजली सप्लाई करने के लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड (LOA) मिला है। यह बिजली एक नई 1600 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना से दी जाएगी, जिसे यूपी में ही लगाया जाएगा।
कंपनी ने बताया कि यह ऑर्डर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया (competitive bidding) के जरिए मिला है। इस परियोजना को “डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन और ऑपरेट” यानी DBFOO मॉडल के तहत बनाया जाएगा। इस एग्रीमेंट की अवधि 25 साल होगी। अदाणी पावर यूपी को ₹5.383 प्रति यूनिट की दर से बिजली सप्लाई करेगा। अब कंपनी जल्द ही UPPCL के साथ पावर सप्लाई एग्रीमेंट (PSA) पर साइन करेगी।
अदाणी पावर के सीईओ एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “हम यूपी को 1500 मेगावाट बिजली सप्लाई के लिए बोली जीतकर बेहद खुश हैं। राज्य की बढ़ती बिजली जरूरतों को पूरा करने में हम गर्व से भागीदारी करेंगे। हमारी योजना है कि साल 2030 तक एक आधुनिक और कम प्रदूषण वाले अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल पावर प्लांट शुरू कर दिया जाए।”
कंपनी के बारे में जानकारी
अदाणी पावर, अदाणी समूह की कंपनी है और भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट थर्मल पावर बनाने वाली कंपनी है। इसके पास 17,510 मेगावाट की थर्मल पावर क्षमता है, जो देशभर के 11 पावर प्लांट्स में फैली हुई है। ये प्लांट गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में हैं। इसके अलावा कंपनी का गुजरात में 40 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट भी है।