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SBI की आकर्षक स्कीम: ₹2,00,000 निवेश पर पाएं गारंटीड ₹19,859 का ब्याज
26 Mar, 2025 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
SBI Special Scheme: देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने ग्राहकों के लिए कई तरह की स्कीम चला रहा है। एसबीआई अपने ग्राहकों को सेविंग्स अकाउंट, करेंट अकाउंट, एफडी अकाउंट, आरडी अकाउंट जैसे तमाम बैंकिंग प्रोडक्ट्स मुहैया कराता है। आज हम यहां आपको एसबीआई की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर ग्राहकों को बंपर रिटर्न मिल रहा है। जी हां, हम यहां एसबीआई की स्पेशल एफडी स्कीम 'अमृत वृष्टि' की बात कर रहे हैं। 'अमृत वृष्टि' स्कीम के तहत, एसबीआई अपने ग्राहकों को एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज देता है।
444 दिनों में मैच्यॉर होती है 'अमृत वृष्टि' एफडी स्कीम
एसबीआई अपने ग्राहकों को 'अमृत वृष्टि' एफडी स्कीम के तहत सामान्य नागरिकों को 7.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। बताते चलें कि एसबीआई की किसी भी अन्य एफडी स्कीम पर ग्राहकों को इतना ब्याज नहीं मिलता है। एसबीआई की 'अमृत वृष्टि' एफडी स्कीम के तहत आप 3 करोड़ रुपये तक जमा करा सकते हैं। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक की ये एफडी स्कीम 444 दिनों में मैच्यॉर होती है। मैच्यॉरिटी के बाद एफडी खाते में जमा सारे पैसे आपके बचत खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
31 मार्च, 2025 को बंद होने जा रही है एसबीआई की ये स्पेशल स्कीम
इस स्कीम में अगर कोई वरिष्ठ नागरिक 2,00,000 रुपये जमा करता है तो उसे मैच्यॉरिटी पर कुल 2,19,859 रुपये मिलेंगे। इसमें 19,859 रुपये का शुद्ध और फिक्स ब्याज शामिल है। वहीं दूसरी ओर, अगर कोई सामान्य व्यक्ति (60 साल से कम उम्र वाले) इस स्कीम में 2,00,000 रुपये जमा करता है तो उसे मैच्यॉरिटी पर कुल 2,18,532 रुपये मिलेंगे। इसमें 18,532 रुपये का फिक्स ब्याज शामिल है। एसबीआई एक सरकारी बैंक है, जो केंद्र सरकार के कंट्रोल में काम करता है। लिहाजा, इस स्कीम में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। बताते चलें कि एसबीआई की ये स्पेशल एफडी स्कीम 'अमृत वृष्टि' 31 मार्च, 2025 को बंद होने जा रही है। ये स्कीम सोमवार, 31 मार्च को बैंक बंद होने के साथ ही बंद हो जाएंगी।
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम बंद होने के बाद क्या होगा आपके सोने का?
26 Mar, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार ने बेहतर होती बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (GMS) को बुधवार से बंद करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) व्यक्तियों या संस्थाओं को उनके घर में पड़े सोने से पैसे कमाने का अवसर प्रदान करती है। यह योजना जमा किए गए सोने के लिए मूलधन और ब्याज राशि प्रदान करती है और जमाकर्ताओं को सोने की कीमतों में वृद्धि से लाभ देती है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि बैंक एक से तीन साल वाली अपनी अल्पकालिक स्वर्ण जमा योजनाओं को जारी रख सकते हैं। सरकार स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत नवंबर, 2024 तक लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटा चुकी थी।
15 सितंबर, 2015 को शुरू हुई थी
सरकार ने इस योजना की घोषणा 15 सितंबर, 2015 को की थी। इसे लाने का उद्देश्य लंबी अवधि में सोने के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के साथ देश में परिवारों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को जुटाना था ताकि इसका उपयोग उत्पादक उद्देश्यों के लिए किया जा सके। जीएमएस में अल्पकालिक बैंक जमा (एक-तीन वर्ष), मध्यम अवधि सरकारी जमा (पांच-सात वर्ष) और दीर्घकालिक सरकारी जमा (12-15 वर्ष) के रूप में तीन घटक शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के प्रदर्शन की पड़ताल और बाजार की उभरती स्थितियों के आधार पर 26 मार्च, 2025 से जीएमएस के मध्यम अवधि और दीर्घकालिक सरकारी जमा वाले घटकों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।’’ हालांकि, जीएमएस के तहत बैंकों द्वारा पेश की जाने वाली अल्पकालिक बैंक जमा (एसटीबीडी) की सुविधा बैंकों के अपने विवेक पर जारी रहेगी। बैंक वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन कर एसटीबीडी को जारी रखने का फैसला कर सकते हैं। इस संबंध में रिजर्व बैंक के विस्तृत दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।
पहले से जमा है सोना तो क्या होगा?
मंत्रालय ने कहा कि जीएमएस के मध्यम-अवधि वाले घटक के तहत कोई भी सोना जमा 26 मार्च, 2025 से स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेकिन इस घटक के तहत मौजूदा जमा GMSके मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप अवधि पूरी होने तक जारी रहेगा। नवंबर, 2024 तक जमा कुल 31,164 किलोग्राम सोने में से अल्पकालिक स्वर्ण जमा 7,509 किलोग्राम, मध्यम अवधि स्वर्ण जमा (9,728 किलोग्राम) और दीर्घकालिक स्वर्ण जमा (13,926 किलोग्राम) था। जीएमएस में लगभग 5,693 जमाकर्ताओं ने भाग लिया। सोने की कीमतें एक जनवरी, 2024 को 63,920 रुपये प्रति 10 ग्राम से 26,530 रुपये यानी 41.5 प्रतिशत बढ़कर 90,450 रुपये प्रति 10 ग्राम (25 मार्च 2025 तक) हो गई हैं।
IMF ने भारत की आर्थिक स्थिति पर दी सकारात्मक रिपोर्ट, पाकिस्तान को लेकर की आलोचना
25 Mar, 2025 06:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत की वित्तीय प्रणाली तीव्र आर्थिक वृद्धि और महामारी का अच्छी तरह सामना करने की वजह से अधिक जुझारू और विविधतापूर्ण हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। आईएमएफ और विश्व बैंक की संयुक्त पहल ‘वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन कार्यक्रम’ (एफएसएपी) के तहत किसी भी देश के वित्तीय क्षेत्र का व्यापक और गहन विश्लेषण किया जाता है। मुद्राकोष ने 2024 के दौरान किए गए मूल्यांकन के आधार पर नवीनतम भारत-एफएसएपी रिपोर्ट जारी की है जबकि पश्चिम बंगाल की वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन रिपोर्ट का अभी प्रकाशन होने वाला है। वहीं, दूसरी ओर आईएमएफ ने अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए एसआईएफसी को कर छूट देने से इनकार कर दिया है। आईएमएफ ने इससे पहले पाकिस्तान की विशेष निवेश सुविधा परिषद (एसआईएफसी) से दो अरब डॉलर की चघी-ग्वादर रेलवे ट्रैक परियोजना सहित अंतरराष्ट्रीय निवेश परियोजनाओं को कर छूट देने से परहेज करने का आग्रह किया था। आईएमएफ और पाकिस्तान अगले बजट को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसे जल्द ही संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है।
रिजर्व बैंक ने बयान जारी किया
रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘आईएमएफ-विश्व बैंक की संयुक्त टीम द्वारा उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भारतीय वित्तीय प्रणाली के मूल्यांकन का भारत स्वागत करता है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में पिछला एफएसएपी आने के बाद से भारत की वित्तीय प्रणाली अधिक जुझारू और विविधतापूर्ण हो गई है, जो तीव्र आर्थिक वृद्धि से प्रेरित है। इसके मुताबिक, भारतीय वित्तीय प्रणाली 2010 के दशक के संकटपूर्ण प्रकरणों से उबर गई और महामारी का भी अच्छी तरह सामना किया। एनबीएफआई और बाजार वित्तपोषण में वृद्धि हुई है, जिससे वित्तीय प्रणाली अधिक विविध और परस्पर जुड़ी हुई है। सरकारी स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दबाव परीक्षण से पता चलता है कि मुख्य ऋण देने वाले क्षेत्र कुछ कमजोरियों के बावजूद व्यापक रूप से वृहद वित्तीय झटकों को लेकर जुझारू बने हुए हैं।
भारत का बीमा क्षेत्र बढ़ रहा
बैंकों और एनबीएफसी के पास गंभीर वृहद वित्तीय परिदृश्यों में भी मध्यम ऋण देने के लिए पर्याप्त कुल पूंजी है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के विनियमन और पर्यवेक्षण पर मुद्राकोष ने नियामकीय ढांचे के साथ एनबीएफसी की विवेकपूर्ण जरूरतों के लिए भारत के व्यवस्थित दृष्टिकोण को स्वीकार किया। मुद्राकोष ने यह भी स्वीकार किया कि उभरते जोखिमों के प्रबंधन और उन पर लगाम के लिए प्रतिभूति बाजारों में नियामकीय ढांचे को अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के अनुरूप बढ़ाया गया है। रिपोर्ट कहती है कि भारत का बीमा क्षेत्र मजबूत होने के साथ बढ़ रहा है, जिसमें जीवन और साधारण बीमा दोनों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है। इस रिपोर्ट ने पाया कि भारतीय अधिकारियों ने खासकर बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा जोखिम निगरानी को उन्नत किया है।
PM मोदी ने ट्रंप कार्ड के जवाब में बड़ा ऐलान, अमेरिका को दो लाख करोड़ रुपये माफ किए जाएंगे
25 Mar, 2025 06:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत सरकार समझ चुकी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दुनिया के सभी देशों को जिस टैरिफ चक्रव्यू में फंसाना चाहते हैं, उससे बाहर निकलना ही होगा. फिर चाहे उसकी कितनी ही कीमत क्यों ना चुकानी पड़े. इसका कारण भी है. अगर भारत और बाकी देश थोड़ी बहुत कीमत नहीं चुकाते हैं, तो ट्रंप के टैरिफ से जो नुकसान होगा. उसे झेल पाना किसी देश के बस की बात नहीं है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार भी ये बात पूरी तरह से समझ चुकी है. शायद इसलिए ही सरकार अमेरिकी सामानों के टैरिफ को माफ करने में जुट गई है.
वास्तव में भारत या यूं कहें पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ‘ट्रंप कार्ड’ का तोड़ निकाल लिया है. इसके लिए सरकार अमेरिकी सामान के इंपोर्ट पर 23 बिलियन डॉलर यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपए माफ करने की तैयारी भी कर रही है. उसका कारण भी है. इस 23 बिलियन डॉलर के चक्कर में अमेरिका से आने वाले 66 बिलियन डॉलर को नहीं गंवाना चाहती है, जो भारत को अमेरिका में एक्सपोर्ट करके मिलते हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत ऐसी कौन सी प्लानिंग कर रहा है, जिसमें वो 23 बिलियन डॉलर कुर्बान करने को तैयार हो गया है.
23 बिलियन डॉलर का टैरिफ हटाने का प्लान
भारत दोनों देशों के बीच चल रही ट्रेड डील के पहले फेज में 23 बिलियन डॉलर के आधे से अधिक अमेरिकी इंपोर्ट पर टैरिफ में कटौती करने के लिए तैयार है, दो सरकारी सूत्रों ने कहा, यह बीते कई सालों में देखे जाने वाली सबसे बड़ी कटौती है. जिसका उद्देश्य पारस्परिक टैरिफ से बचना है. दक्षिण एशियाई राष्ट्र भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पारस्परिक टैरिफ के प्रभाव को कम करना चाहता है, जो 2 अप्रैल से प्रभावी होने वाले हैं. ये एक ऐसा बड़ा खतरा जिसने बाजारों को बाधित किया है और पॉलिसी मेकर्स को परेशान किया है.
दो सरकारी सूत्रों ने जानकारी देते कहा कि एक इंटरनल ऐनालिसिस में, नई दिल्ली ने अनुमान लगाया कि इस तरह के पारस्परिक टैरिफ संयुक्त राज्य अमेरिका को 66 बिलियन डॉलर के उसके कुल निर्यात का 87 फीसदी प्रभावित करेंगे. दोनों सूत्रों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि समझौते के तहत भारत अपने द्वारा इंपोर्ट किए गए 55 फीसदी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करने के लिए तैयार है, जिन पर अभी 5 से 30 फीसदी तक टैरिफ लगता है.
भारत का टैरिफ 6 गुना ज्यादा
एक सूत्र ने बताया कि इस कैटेगिरी के सामानों में भारत, अमेरिका से आयातित 23 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के सामानों पर टैरिफ को “काफी हद तक” कम करने या कुछ को पूरी तरह से खत्म करने के लिए तैयार है. अभी तक संबंधित मंत्रालय, पीएमओ और संबंधित डिपार्टमेंट की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल मिलाकर अमेरिका का औसत टैरिफ लगभग 2.2 फीसदी रहा है, जबकि भारत का 12 फीसदी रहा है. भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 45.6 बिलियन डॉलर है. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने एक प्रारंभिक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने और टैरिफ पर अपने गतिरोध को हल करने की दिशा में बातचीत शुरू करने पर सहमति व्यक्त की.
टैरिफ पहले समझौता चाहता है भारत
भारत पारस्परिक टैरिफ की घोषणा से पहले एक समझौता करना चाहता है और दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच मंगलवार से व्यापार वार्ता के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. भारत सरकार के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के आधे से अधिक आयातों पर शुल्क में कटौती पारस्परिक कर से राहत प्राप्त करने पर निर्भर करती है. अधिकारियों में से एक ने कहा कि शुल्क में कटौती का फैसला आखिरी नहीं था, टैरिफ में व्यापक कटौती के बजाय सेक्टोरल एडजस्टमेंट और उत्पाद-दर-उत्पाद वार्ता जैसे अन्य विकल्पों पर चर्चा की जा रही थी. अधिकारियों में से एक ने कहा ने कि भारत समान रूप से बाधाओं को कम करने के लिए व्यापक टैरिफ सुधार पर भी विचार कर रहा है, लेकिन ऐसी चर्चाएं शुरुआती फेज में हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत में तुरंत शामिल नहीं हो सकती हैं.
टैरिफ पर अड़े ट्रंप
भले ही मोदी नवंबर में ट्रंप को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देने वाले पहले नेताओं में से थे, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को “टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला” और “टैरिफ किंग” कहना जारी रखा हुआ है, और किसी भी देश को टैरिफ से नहीं बख्शने की कसम खाई है. दोनों सोर्सेस ने कहा कि नई दिल्ली ने पारस्परिक कर के कारण मोती, खनिज ईंधन, मशीनरी, बॉयलर और बिजली के उपकरणों जैसी वस्तुओं पर टैरिफ में 6 फीसदी से 10 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को उसके निर्यात का आधा हिस्सा बनाते हैं.
दूसरे अधिकारी ने कहा कि पारस्परिक शुल्क के कारण 11 बिलियन डॉलर के फार्मास्यूटिकल और ऑटोमोटिव निर्यात पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि वे अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं. अधिकारी ने कहा कि नए टैरिफ इंडोनेशिया, इज़राइल और वियतनाम जैसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं को लाभ पहुंचा सकते हैं. मोदी के सहयोगियों और विपक्ष द्वारा राजनीतिक स्वीकृति सुनिश्चित करने के लिए, भारत ने वार्ता के लिए स्पष्ट सीमा रेखाएं निर्धारित की हैं.
ये भी है प्लान
तीसरे सरकारी अधिकारी ने कहा कि मांस, मक्का, गेहूं और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ जो अब 30 फीसदी से 60 फीसदी तक है, बंद कर दिया गया है. लेकिन बादाम, पिस्ता, दलिया और क्विनोआ पर टैरिफ में ढील दी जा सकती है. चौथे अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली ऑटोमोबाइल टैरिफ में चरणबद्ध कटौती के लिए भी दबाव बनाएगी, जो अब प्रभावी रूप से 100 फीसदी से अधिक है. इस मामले में देश के व्यापार सचिव ने 10 मार्च को संसदीय स्थायी समिति के सामने भारत की कड़ी चाल पर की गई गई टिप्पणियों और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक की टिप्पणियों को रखा.
बंद कमरे में हुई बैठक में शामिल दो लोगों के अनुसार, सुनील बर्थवाल ने समिति को बताया कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका को एक व्यापारिक भागीदार के रूप में खोना नहीं चाहता, लेकिन साथ ही उन्होंने कसम भी खाई कि “हम अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे. लुटनिक ने भारत से इस साल हाई-एंड मोटरसाइकिल और बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ में कटौती करने के बाद “बड़ा सोचने” के लिए कहा है.
लोकसभा में फाइनेंस बिल पास, गूगल टैक्स और ऑनलाइन विज्ञापनों पर पड़ेगा असर
25 Mar, 2025 05:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संशोधित वित्तीय बिल 2025 को पेश किया था, जिसे पास कर दिया गया है. इन संशोधनों में ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट पर 6 प्रतिशत डिजिटल टैक्स या गूगल टैक्स को खत्म करने सहित 25 संशोधन शामिल है. इसी के साथ लोकसभा से इस बिल को प्रक्रिया पूरी हो गई है.
वित्तीय बिल 2025
इसके बाद, अगर राज्यसभा से भी संशोधित वित्तीय बिल 2025 को मंजूरी मिल जाती है तो यह विधेयक पूरा हो जाएगा. केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपए का व्यय भी प्रस्तावित किया गया है, जो मौजूदा वित्त साल के मुकाबले 7.4 प्रतिशत ज्यादा है.
ऑनलाइन विज्ञापन
वित्त मंत्री ने संसद में इस प्रस्ताव को पेश करने के दौरान कहा कि, मैंने विज्ञापनों के लिए 6 प्रतिशत समीकरण शुल्क रद्द करने का प्रस्ताव रखा है. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक स्थिति में अनिश्चितता को दूर करने के लिए ऑनलाइन विज्ञापनों पर समीकरण शुल्क खत्म कर दिया जाएगा.
वित्त साल 26 के लिए इतना प्रस्तावित बजट
वित्त साल 2025-26 के लिए प्रस्तावित बजट में 5,41,850.21 करोड़ रुपए का आवंटन केंद्र सरकार से समर्थित योजनाओं के लिए किया गया है, जबकि मौजूदा वित्त साल में यह अमाउंट 4,15,356.25 करोड़ रुपए थी. कुछ कारणों से वित्त साल 2025-26 के लिए बजट में खर्च को बढ़ा दिया गया है.
राजकोषीय घाटा इतना फीसदी रहने की उम्मीद
इसके अलावा, इस फाइनेंशियल ईयर 2026 में राजकोषीय घाटा 4.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है, जबकि मौजूदा कारोबारी साल में यह 4.4 प्रतिशत है. वहीं आने वाले वित्त साल के लिए ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स 3,56,97,923 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है वहीं मौजूदा वित्त साल के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है.
शेयर बाजार ने की जोरदार शुरुआत, सेंसेक्स 360 अंक चढ़ा, निफ्टी 23,750 के पार
25 Mar, 2025 12:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर मार्केट मंगलवार को लगातार सातवें सत्र में भी उछाल के साथ खुला। सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 361.93 अंक उछलकर 78346.31 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। एनएसई का निफ्टी 96.1 अंक उछलकर 23754.45 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी बैंक भी 201.75 अंक की तेजी के साथ 51906.70 पर ट्रेडिंग कर रहा था। कारोबार के शुरुआती सत्र में निफ्टी पर एलएंडटी, टीसीएस, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा प्रमुख लाभ में रहे, जबकि डॉ रेड्डीज लैब्स, ब्रिटानिया, हिंडाल्को, टाटा स्टील, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस नुकसान में रहे।
इन शेयरों पर निवेशकों की है नजर
एचसीएल टेक्नोलॉजीज, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, विप्रो, टीटीके प्रेस्टीज, स्टर्लिंग एंड विल्सन रिन्यूएबल एनर्जी, हुंडई मोटर इंडिया, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज स्टॉक्स पर निवेशकों की आज खास नजर रहेगी।
एशियाई शेयर बाजारों में आज
एशियाई शेयर बाजारों में मंगलवार को वॉल स्ट्रीट से संकेत मिलते हुए तेजी आई, क्योंकि अमेरिका में टैरिफ की आशंका कम होने की संभावना ने जोखिम उठाने की इच्छा को बढ़ा दिया, जबकि सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों से कुछ राहत मिलने के बाद डॉलर तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर के आसपास मंडरा रहा था। ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ऑटोमोबाइल टैरिफ जल्द ही आने वाले हैं, जबकि उन्होंने संकेत दिया कि उनके द्वारा लगाए गए सभी टैरिफ 2 अप्रैल को लागू नहीं होंगे और कुछ देशों को छूट मिल सकती है। निवेशकों के लिए यह अमेरिकी शेयरों को ऊपर भेजने के लिए पर्याप्त था। एसएंडपी 500 दो सप्ताह से अधिक समय में अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ, जबकि टेक शेयरों में तेजी के कारण नैस्डैक 2 प्रतिशत से अधिक ऊपर चला गया।
क्रूड ऑयल कीमतों में मामूली बदलाव
मंगलवार को एशियाई बाजारों में तेल की कीमतों में मामूली बदलाव हुआ, जबकि पिछले सत्र में इसमें 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ब्रेंट क्रूड वायदा 3 सेंट बढ़कर 73.03 डॉलर पर पहुंच गया। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 1 सेंट बढ़कर 69.12 डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिकी टैरिफ पर चिंता कम होने और फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी द्वारा इस साल ब्याज दरों में कटौती पर सतर्क रुख अपनाने के संकेत के बाद सोना 3,013.75 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा।
ATM ट्रांजैक्शन पर अब ज्यादा शुल्क, RBI की मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से लागू होंगे नए नियम
25 Mar, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ATM से पैसा निकासी के लिए आपको 1 मई से ज्यादा शुल्क देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम इंटरचेंज फीस में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जो अब 1 मई, 2025 से लागू होगी। इस फैसले से बैंक ग्राहकों के लिए वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों तरह के लेन-देन प्रभावित होंगे। आरबीआई ने वित्तीय लेन-देन के लिए शुल्क में 2 रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी है, जो 17 रुपये से बढ़कर 19 रुपये हो गया है। बैलेंस पूछताछ जैसे अन्य गैर-वित्तीय लेन-देन में भी 1 रुपये की वृद्धि होगी, जिससे 6 के बजाय 7 रुपये हो जाएंगे।
5 बार मुफ्त में पैसा निकालने की अनुमति
अलग-अलग बैंकों के एटीएम पर ग्राहकों को हर महीने सीमित संख्या में मुफ़्त लेनदेन की अनुमति होती है। मेट्रो क्षेत्रों में, ग्राहकों को 5 लेनदेन दिए जाते हैं जबकि गैर-मेट्रो क्षेत्रों में 3 बार यह सुविधा मिलती है। अगर मुफ्त लेनदेन की संख्या पार हो जाती है, तो ग्राहकों को जो अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है, उसे पहले से ही उच्च इंटरचेंज शुल्क के कारण बढ़ाया जा सकता है।
इंटरचेंज शुल्क क्या होता है?
इंटरचेंज शुल्क वह शुल्क है जो एक बैंक दूसरे बैंक को तब देता है जब ग्राहक अपने होम बैंक से जुड़े हुए एटीएम का उपयोग नहीं करता है। इसमें अलग-अलग बैंकों के लिए विशिष्ट कार्डधारक को सेवा प्रदान करने के लिए एटीएम रखने वाले बैंक से जुड़ी लागत शामिल है। इन एटीएम शुल्क परिवर्तनों को अंतिम बार जून 2021 में अपडेट किया गया था।
इस तरह ज्यादा चार्ज देने से बचें
निःशुल्क लेनदेन सीमा का लाभ उठाने के लिए अपने बैंक के एटीएम से लेनदेन करें।
निःशुल्क लेनदेन सीमा के भीतर रहने के लिए अपने एटीएम निकासी पर नजर रखें।
नकद निकासी पर निर्भरता कम करने के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवाओं और ऑनलाइन भुगतान विधियों का उपयोग करें।
सीनियर आईएएस अधिकारी अजय सेठ की वित्त सचिव के रूप में नियुक्ति का ऐलान
25 Mar, 2025 12:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीनियर ब्यूरोक्रेट अजय सेठ को सोमवार को नया वित्त सचिव नियुक्त किया गया। एक आधिकारिक आदेश में ये जानकारी दी गई। कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अजय सेठ वर्तमान में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव हैं। कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अजय सेठ को वित्त सचिव नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। बताते चलें कि अजय सेठ को तुहिन कांत पांडेय की जगह ये पद दिया जा रहा है। अभी हाल ही में तुहिन कांत पांडेय को माधबी पुरी बुच के स्थान पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। सेबी का नया चेयरमैन नियुक्त किए जाने के बाद से ही वित्त सचिव का पद खाली हो गया था।
कौन बनता है भारत का वित्त सचिव
तुहिन कांत पांडेय ने सितंबर, 2024 में देश के वित्त सचिव के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। वित्त सचिव के रूप में सेवाएं देने के बाद उन्होंने 1 मार्च, 2025 से सेबी प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। स्थापित परंपरा के मुताबिक, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अलग-अलग विभागों में तैनात सचिवों में से सबसे सीनियर सचिव को ही वित्त सचिव के पद पर नियुक्त किया जाता है। बताते चलें कि अजय सेठ को इससे पहले मार्च में राजस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
2013 में प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं अजय सेठ
अजय सेठ ने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने एटेनियो डी मनीला यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया हुआ है। देश के नए वित्त सचिव के पास प्रशासनिक सेवाओं में 3 दशक से भी ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर में पब्लिक फाइनेंस, टैक्सेशन और सोशल सेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, कर्नाटक के कमर्शियल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को बदलने के लिए अजय सेठ को विशेष पहचान मिली थी। साल 2013 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए उन्हें प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अडानी की संपत्ति में आई बड़ी गिरावट, एक साल में 3.4 लाख करोड़ का नुकसान किससे हुआ?
24 Mar, 2025 04:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त वर्ष 2025 अडानी ग्रुप के लिए काफी उतार चढ़ाव वाला रहा. ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली. इस गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिका में लगे आरोप हैं. जिसे अडानी ग्रुप ने कभी स्वीकार नहीं किया. उसके बाद भी निवेशक अडानी ग्रुप के शेयरों के प्रति सतर्क रहे. शेयर बाजार के आंकड़ों को देखें तो अडानी ग्रुप के मार्केट को वित्त वर्ष 2025 में 21 फीसदी या 3.4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है, इस साल उनके बाजार पूंजीकरण का लगभग आधा हिस्सा खत्म हो गया है, इसके बाद अडानी एंटरप्राइजेज का स्थान है. आइए आपको भी बताते हैं अडानी ग्रुप की किस कंपनी को कितना नुकसान हुआ है.
इस कंपनी को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
शुक्रवार, 21 मार्च तक, अडानी ग्रीन एनर्जी का कुल बाजार मार्केट कैप 1.46 लाख करोड़ रुपये था, जबकि वित्त वर्ष 2024 के आखिरी कारोबारी दिन 28 मार्च, 2024 को कंपनी का मार्केट कैप 2.90 लाख करोड़ रुपए देखने को मिला था. इसका मतलब है कि कंपनी के मार्केट कैप में करीब 50 फीसदी का नुकसान हो चुका है. जानकारी के अनुसार यह शेयर कथित तौर पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी योजना के कारण चर्चा में रहा है, जिसमें गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य आरोपी हैं, और कंपनी को प्रत्यक्ष लाभार्थी के रूप में देखा जा रहा है.
अडानी ग्रुप कंपनियों के मार्केट कैप कितनी गिरावट
ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज, जिसके शेयर की कीमत इस साल 27 फीसदी कम हुई है, के मार्केट कैप में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट 94,096 करोड़ रुपए देखने को मिली है.
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन (APSEZ) में भी गिरावट देखी गई है, जिसका बाजार पूंजीकरण इसी अवधि के दौरान 33,029 करोड़ रुपये या 11.40 फीसदी घट गया है.
अडानी टोटल गैस के मार्केट कैप में 31.84 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली. इसका मतलब है कि कंपनी के मार्केट कैप में 32,411.40 करोड़ रुपए की कमी आइै है.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के मार्केट कैप में 18.95 फीसदी 14,546.59 करोड़ रुपए की गिरावट देखने को मिली है.
अडानी के स्वामित्व वाले सीमेंट शेयरों में भी गिरावट देखी गई, जिसमें एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में क्रमशः 23.10% और 15.92% की गिरावट आई.
अडानी विल्मर (AWL एग्री बिजनेस) में 17.35% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि सांघी इंडस्ट्रीज में 36.84% की गिरावट आई.
अडानी पावर ने क्षेत्रीय अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद बाजार पूंजीकरण में 2.11% की मामूली गिरावट देखी.
अडानी ग्रुप की मीडिया कंपनी NDTV की वैल्यूएशन में 41.58 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
सुर्खियों में रहे अडानी ग्रुप के शेयर
वित्त वर्ष 2025 में अडानी स्टॉक में गिरावट के लिए कई फैक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें व्यापक शेयर बाजार की कमजोरी भी शामिल है. 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारतीय इक्विटी बाजार को व्यापक आर्थिक चुनौतियों, कमजोर शहरी खपत और ट्रम्प टैरिफ के आसपास अनिश्चितता सहित जियो पॉलिटिकज रिस्क का सामना करना पड़ रहा है. नीतिगत अनिश्चितताओं और बढ़ती वैश्विक ब्याज दरों के कारण रिन्युएबल और गैस जैसे सेक्टर्स में वैल्यूएशन में सुधार देखा गया है, जिसने कैपिटल इंटेंसिव बिजनेस को प्रभावित किया है. शेयरों पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भी असर पड़ा है, जिन्होंने भारतीय इक्विटी बेचने पर दोगुना जोर दिया है. उन्होंने 30 सितंबर, 2024 को समाप्त होने वाली तीन तिमाहियों में अडानी समूह के छह शेयरों में अपनी हिस्सेदारी कम की.
अडानी ग्रुप के शेयर रेगुलेटरी इश्यूज की वजह से भी सुर्खियों में रहे. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पूर्व सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच को अडानी परिवार से संबंधित ऑफशोर कंपनियों से जोड़ा गया, जिसने इस वित्त वर्ष में काफी सुर्खियां बटोरीं. अरबपति गौतम अडानी पर “कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला” चलाने का आरोप लगाने के डेढ़ साल बाद, हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और बड़ा दावा किया, जिसमें कहा गया कि बुच के पास ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी. वहीं दूसरी ओर कंपनी पर अमेरिकी कोर्ट में रिश्वत के भी आरोप लगे. वैसे अडानी ग्रुप ने इन तमाम आरोपों से किया किया और नकार दिया.
रियल एस्टेट बाजार में मंदी, घरों की बिक्री 23% घटने के कारण जानें
24 Mar, 2025 11:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्या रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी खत्म हो गई है? क्या रियल एस्टेट सेक्टर फिर से मंदी की चपेट में आ गया है? ऐसा इसलिए कि घरों की बिक्री तिमाही दर तिमाही लगातार गिरती जा रही है। आपको बता दें कि घरों की आसामान छूती कीमत और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता की वजह से चालू कैलेंडर साल की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही में देश के नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 23 प्रतिशत घटकर 1.06 लाख इकाई रहने का अनुमान है। रियल एस्टेट डेटा विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार, चालू कैलेंडर साल की पहली तिमाही में घरों की बिक्री पिछले साल की इसी अवधि के 1,36,702 इकाई से घटकर 1,05,791 इकाई रहने का अनुमान है।
क्यों लोग घर नहीं खरीद रहें?
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और सीईओ समीर जसूजा ने कहा कि घरों की कीमतों में वृद्धि और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ कमजोरी के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं जिससे बिक्री में गिरावट आई है। हालांकि, चेन्नई में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 4,962 इकाई से दो प्रतिशत घटकर 4,858 इकाई रहने का अनुमान है। हैदराबाद में बिक्री में 47 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। हैदराबाद में बिक्री 20,835 इकाई से घटकर 11,114 इकाई रहने का अनुमान है। इसी तरह कोलकाता में भी घरों की बिक्री 5,882 इकाई की तुलना में 28 प्रतिशत घटकर 4,219 इकाई रहने का अनुमान है। मुंबई में घरों की बिक्री 16,204 इकाई से 36 प्रतिशत घटकर 10,432 इकाई पर आने का अनुमान है। नवी मुंबई में भी इसके 9,218 इकाई से सात प्रतिशत घटकर 8,551 इकाई रहने की संभावना है। पुणे में घरों की बिक्री 26,364 इकाई से 33 प्रतिशत घटकर 17,634 इकाई रहने का अनुमान है। ठाणे में घरों की बिक्री में 27 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। इसके 19,254 इकाई रहने का अनुमान है। पिछले साल यह आंकड़ा 26,234 इकाई का रहा था।
इन दो शहरों में तेजी की उम्मीद
नौ प्रमुख शहरों में केवल दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में इस तिमाही में बिक्री में वृद्धि देखने को मिल सकती है। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च, 2025 में बेंगलुरु में घरों की बिक्री 10 प्रतिशत बढ़कर 18,508 इकाई रहने की संभावना है, जो एक साल पहले समान तिमाही में 16,768 इकाई थी। दिल्ली एनसीआर में भी बिक्री में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10,235 इकाई से 11,221 इकाई होने की उम्मीद है। प्रॉपइक्विटी के अनुसार, 3 साल की रिकॉर्ड मांग के बाद अब कुछ ‘करेक्शन’ देखने को मिल रहा है, जिसके कारण बिक्री में भी गिरावट का रुख है। चालू तिमाही में आवासीय संपत्तियों की नई आपूर्ति 34 प्रतिशत घटकर 80,774 इकाई रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1,22,365 इकाई थी।
भारत ने चीनी आयातों पर बढ़ाई ड्यूटी, घरेलू बाजार को सुरक्षित करने की दिशा में कदम
24 Mar, 2025 11:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत ने एल्युमीनियम फॉयल सहित पांच चीनी वस्तुओं पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाया है। यह पहल घरेलू उद्योगों को चीन से सस्ते आयात के निगेटिव असर से बचाने के लिए की गई है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर (व्यापार उपचार महानिदेशालय) की सिफारिश के आधार पर व्यापार कार्रवाई की गई है। आखिर क्या है ये एंटी डंपिंग ड्यूटी या डंपिंग रोधी शुल्क? कभी आपने गौर किया है? दरअसल, एंटी-डंपिंग ड्यूटी आयातित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले टैक्स हैं, जो उनके निर्यात मूल्य और उनके सामान्य मूल्य के बीच के अंतर की भरपाई के लिए लगाए जाते हैं, अगर डंपिंग के कारण आयात करने वाले देश में प्रतिस्पर्धी उत्पादों के उत्पादकों को नुकसान होता है।
क्या है एंटी डंपिंग ड्यूटी
जहां कोई वस्तु किसी निर्यातक या उत्पादक द्वारा किसी देश या क्षेत्र से भारत को उसके सामान्य मूल्य से कम मूल्य पर निर्यात की जाती है, तो भारत में ऐसे सामान के आयात पर, केंद्र सरकार, आधिकारिक राजपत्र में नोटिफिकेशन द्वारा, ऐसे सामान के संबंध में एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है। इसे ऐसे समझें कि एंटी-डंपिंग जांच विभिन्न देशों द्वारा यह पता लगाने के लिए की जाती है कि सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान तो नहीं पहुंचा है। इस शुल्क का मकसद निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर बनाना है।
इन 5 चीनी सामानों पर भारत ने लगाया है एंटी डंपिंग ड्यूटी
एल्युमीनियम फॉयल पर छह महीने के लिए 873 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का अनंतिम एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाया गया।
वॉटर ट्रीटमेंट में प्रयोग होने होने वाले ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड पर 276 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से 986 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक शुल्क लगाया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों, चार्जरों और दूरसंचार उपकरणों में उपयोग किया जाने वाले सॉफ्ट फेराइट कोर सीआईएफ (लागत, बीमा भाड़ा) मूल्य पर 35 प्रतिशत तक शुल्क लगाया गया
वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क पर 1,732 अमेरिकी डॉलर प्रति टन एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाया गया।
चीन, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, नॉर्वे, ताइवान और थाईलैंड से पॉली विनाइल क्लोराइड पेस्ट रेजिन के आयात पर 89 से 707 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का शुल्क लगाया गया है।
IPO बाजार में धमाका, इस हफ्ते इन कंपनियों के इश्यू होंगे लॉन्च, रखें पैसे तैयार
24 Mar, 2025 11:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार में सोमवार से शुरू होने वाले हफ्ते में आईपीओ मार्केट में काफी हलचल देखने को मिलेंगी। कुछ आईपीओ बोली के लिए ओपन होंगे तो कुछ की लिस्टिंग भी होनी है। अगर आप भी आईपीओ में हाथ आजमाना चाहते हैं तो अकाउंट में पैसे तैयार रख लें। कमाई करने के लिए यह हफ्ता आपके लिए शानदार साबित हो सकता है। अलग-अलग सेक्टर की लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) खंड में इस हफ्ते चार नए सार्वजनिक निर्गम खुलेंगे और पांच नए आईपीओ सूचीबद्ध होंगे।
सब्सक्रिप्शन के लिए ये आईपीओ खुलेंगे
डेस्को इंफ्राटेक आईपीओ
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के लिए इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और ऑपरेशनल सेवाएं देने वाली इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी डेस्को इंफ्राटेक लिमिटेड का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 24 मार्च से खुल रहा है और यह 26 मार्च 2025 को बंद हो जाएगा। आईपीओ का आकार 30.75 करोड़ रुपये का है। आईपीओ का प्राइस बैंड ₹147-₹150 प्रति शेयर तय किया गया है। 1000 शेयर के एक लॉट वाले इस आईपीओ में कम से कम ₹1,47,000 निवेश करने होंगे।
श्री अहिम्सा नेचुरल्स आईपीओ
श्री अहिम्सा नेचुरल्स का आईपीओ 25 मार्च को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 27 मार्च को बंद होगा। यह भी एक एसएमई आईपीओ है जिसका बुक बिल्ट इश्यू ₹73.81 करोड़ का है और इसमें 42.04 लाख नए शेयरों का कुल ₹50.02 करोड़ का इश्यू और 19.99 लाख शेयरों की बिक्री का ऑफर शामिल है, जो कुल ₹23.79 करोड़ का है। आईपीओ का प्राइस बैंड ₹113 से ₹119 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है।
एटीसी एनर्जीज आईपीओ
एडवांस्ड लिथियम-आयन बैटरी सॉल्यूशन निर्माता और असेंबलर एटीसी एनर्जीज सिस्टम का आईपीओ 25 मार्च को लॉन्च होगा। यह आईपीओ 27 मार्च को बंद होगा। कंपनी का लक्ष्य 63.76 करोड़ रुपये तक जुटाना है, जिसके शेयरों को एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड करने का प्रस्ताव है। आईपीओ में 10 रुपये अंकित मूल्य के 54,03,600 इक्विटी शेयर शामिल हैं, जिसमें 43,23,600 इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और 10,80,000 इक्विटी शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव शामिल है। एटीसी एनर्जीज आईपीओ का मूल्य बैंड ₹112 से ₹118 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है।
आइडेंटिक्सवेब का आईपीओ
शॉपिफाई ऐप डेवलपर आइडेंटिक्सवेब का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए इस सप्ताह 26 मार्च को खुलेगा और 28 मार्च को बंद हो जाएगा। यह 16.63 करोड़ रुपये का आईपीओ है। यह पूरी तरह से 30.80 लाख शेयरों का एक नया इश्यू है। आइडेंटिक्सवेब आईपीओ का प्राइस बैंड ₹51 से ₹54 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है। बीलाइन कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड आइडेंटिक्सवेब आईपीओ का बुक-रनिंग लीड मैनेजर है, जबकि स्काईलाइन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड इस इश्यू का रजिस्ट्रार है।
इन आईपीओ की होगी लिस्टिंग
इस हफ्ते पारादीप परिवहन आईपीओ की लिस्टिंग 24 मार्च को होगी।, डिवाइन हीरा ज्वैलर्स आईपीओ भी आज सूचीबद्ध होगा। ग्रैंड कॉन्टिनेंट होटल्स आईपीओ 27 मार्च को लिस्टेड होगा।, रैपिड फ्लीट आईपीओ आगामी 28 मार्च को लिस्टेड होगा और एक्टिव इन्फ्रास्ट्रक्चर आईपीओ भी 28 मार्च को बाजार में शामिल होगा। लाइवमिंट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में आईपीओ को लेकर गतिविधियां जोरों पर रहेंगी। इस साल कई आईपीओ लिस्टिंग और धन जुटाने की गतिविधियां होंगी। वित्त वर्ष 2025 में धन तीन गुना बढ़कर 1,53,987 करोड़ रुपये हो जाएगा। साथ ही निवेशकों की संख्या वित्त वर्ष 2020 में 4.9 करोड़ से बढ़कर 31 दिसंबर 2024 तक 13.2 करोड़ हो जाएगी।
शेयर बाजार में जोरदार उछाल, सेंसेक्स 550 अंक चढ़ा, निफ्टी 23,500 के पार
24 Mar, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला सोमवार को भी जारी है। 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 17 मिनट पर एनएसई का निफ्टी 157.95 अंक उछलकर 23,508.35 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। इसी तरहस बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 551.96 अंक चढ़कर 77457.47 के लेवल पर था। बैंक निफ्टी भी 370.25 अंक की तेजी के साथ 50,963.80 पर ट्रेडिंग कर रहा था। सत्र की शुरुआत में निफ्टी पर एलएंडटी, पावर ग्रिड कॉर्प, एनटीपीसी, ओएनजीसी, हीरो मोटोकॉर्प प्रमुख लाभ वाले शेयरों में शामिल हैं, जबकि टाइटन कंपनी, ट्रेंट, एचडीएफसी लाइफ, अल्ट्राटेक सीमेंट, एमएंडएम नुकसान में हैं।
प्री-ओपनिंग में भी मजबूत रहा मार्केट
प्री-ओपनिंग सत्र में बीएसई और एनएसई सूचकांक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे, सेंसेक्स 500 अंक से अधिक बढ़कर 77,456.27 पर और निफ्टी 23,500 को पार कर गया था। 24 मार्च को एलएंडटी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, एनसीसी, पावर मेक प्रोजेक्ट्स, एमएसटीसी, इरकॉन इंटरनेशनल, एनएमडीसी, टीवीएस होल्डिंग्स, आईडीबीआई बैंक, वेलस्पन कॉर्प शेयरों पर विशेष फोकस है। बीते सप्ताह में भी घरेलू शेयर बाजार में लगातार तेजी दर्ज की गई थी।
एशियाई मार्केट में आज का रुझान
एशियाई बाजारों ने इस सप्ताह सतर्कता के साथ शुरुआत की है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा निर्धारित आगामी टैरिफ समयसीमा को लेकर चिंताओं के बीच अधिकांश सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। जबकि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी गई, जापान ने लचीलापन दिखाया, जिसके बेंचमार्क सूचकांकों ने बढ़त हासिल करने में कामयाबी हासिल की।
चीनी बाजारों में गिरावट जारी रही। हांगकांग का हैंग सेंग 0.3% गिरकर 23,613.50 पर आ गया, और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.3% गिरकर 3,356.50 पर आ गया। टोक्यो में, निक्केई 225 लगभग अपरिवर्तित 37,676.97 पर रहा। AP की खबर के मुताबिक, ताइवान के ताइएक्स में 0.1% की वृद्धि हुई। शुक्रवार को, एसएंडपी 500 0.1% बढ़कर 5,667.56 पर पहुंच गया, जो 0.5% साप्ताहिक लाभ के साथ समाप्त हुआ। यह इस महीने अब तक 4.8% नीचे है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.1% बढ़कर 41,985.35 पर पहुंच गया, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 0.5% बढ़कर 17,784.05 पर पहुंच गया।
"Amazon ने ₹300 से कम के उत्पादों पर शुल्क को समाप्त किया, छोटे व्यापारियों को मिलेगा फायदा"
24 Mar, 2025 11:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन पर विक्रेता हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है। अमेजन इंडिया ने अपने प्लेटफॉर्म पर 300 रुपये से कम कीमत वाले 1.2 करोड़ से अधिक प्रोडक्ट्स पर रेफरल फीस शून्य करने की घोषणा कर दी है। यानी आपको अब यह शुल्क नहीं देना है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, रेफरल फीस एक कमीशन है जो विक्रेता हर बेचे गए उत्पाद के लिए अमेजन को देते हैं। कंपनी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि इस कदम का मकसद छोटे व्यवसायों का समर्थन करना और अमेजन पर विक्रेताओं की ग्रोथ को बढ़ावा देना है।
बिक्री को और अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश
खबर के मुताबिक, अमेजन इंडिया के सेलिंग पार्टनर सर्विसेज के निदेशक अमित नंदा ने कहा कि करोड़ों उत्पादों पर रेफरल फीस को खत्म करके और शिपिंग लागत को कम करके, हम विक्रेताओं के लिए अमेजन पर बिक्री को और अधिक आकर्षक बना रहे हैं। यह पहल अमेजन पर विक्रेताओं की वृद्धि का समर्थन करती है, जिससे उन्हें व्यापक चयन की पेशकश करने और ग्राहकों को अधिक प्रतिस्पर्धी ऑफर देने में सक्षम बनाया जाता है, खासकर रोजमर्रा की कम कीमत वाली वस्तुओं पर।
135 उत्पाद कैटेगरी में लागू होगा शून्य रेफरल शुल्क
अमेजन की इस पहल के तहत शून्य रेफरल शुल्क परिधान, जूते, फैशन आभूषण, किराना, घर की सजावट और साज-सज्जा, सौंदर्य, खिलौने, रसोई उत्पाद, मोटर वाहन और पालतू पशु उत्पादों जैसी 135 उत्पाद कैटेगरी में लागू होगा। इसके अलावा, अमेजन ने Easy Ship और Seller Flex जैसी बाहरी पूर्ति सेवाओं का उपयोग करने वाले विक्रेताओं के लिए एक नई फ्लैट दर भी पेश की है। राष्ट्रीय शिपिंग दरें अब 77 रुपये से घटकर 65 रुपये से शुरू होती हैं। फ्लैट रेट शिपिंग एक मूल्य निर्धारण मॉडल है, जिसमें शिपिंग पैकेजों के लिए एक निश्चित लागत ली जाती है, भले ही उनका वजन, आकार या दूरी निर्धारित सीमाओं के भीतर हो।
हैंडलिंग शुल्क 17 रुपये तक कम
Easy Ship एक पूर्ति चैनल है, जहां अमेजन विक्रेताओं के स्थान से पैकेज एकत्र करता है और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाता है, Seller Flex के हिस्से के रूप में, Amazon विक्रेताओं के गोदाम के एक हिस्से को Amazon पूर्ति केंद्र के रूप में प्रबंधित करता है। इसके अलावा, अमेजन ने 1 किलोग्राम से कम वजन वाले हल्के सामानों के लिए हैंडलिंग शुल्क को 17 रुपये तक कम कर दिया है, जिससे विक्रेताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली फीस कम हो जाती है।
अमेजन का कहना है कि एक बार में एक से ज्यादा उत्पाद यूनिट शिप करने वाले विक्रेताओं को दूसरी यूनिट पर बिक्री शुल्क में 90 प्रतिशत से ज़्यादा की बचत होगी। ये बदलाव विक्रेताओं को ज्यादा विकल्प, प्रतिस्पर्धी ऑफर देने और अपना कारोबार बढ़ाने में सक्षम बनाएंगे।
एनपीसीआई ने लागू किए नए नियम
23 Mar, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने नए नियम लागू किए हैं, जिसके अनुसार अगर आप यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अपना बैंक से लिंक्ड मोबाइल नंबर 1 अप्रैल से पहले अपडेट कर लेना होगा। यह कदम डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है। एनपीसीआई ने इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने डेटाबेस को 31 मार्च तक अपडेट करने की निर्देश दी है। यदि आपका मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होगा, तो आपके यूपीआई ट्रांजैक्शन संभव नहीं होंगे। इसलिए, बैंक ग्राहकों से अनुरोध है कि वे जल्दी से जल्दी अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा लें और यूनिफाइड पेमेंट्स सेवाओं का निरंतर लाभ उठा सकें। इससे न केवल आपकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि फर्जीवाड़े से भी बचाव होगा। इसलिए, आज ही अपना मोबाइल नंबर अपडेट करें और अपनी डिजिटल सुरक्षा बढ़ाएं।