खेल
Penalty shoot-out में पुर्तगाल फ्रांस से हारकर हुई बहार
6 Jul, 2024 03:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फ्रांस की टीम यूरो कप 2024 के सेमीफाइनल में पहुंच गई है। उसने शुक्रवार खेले गए मुकाबले में क्रिस्टियानो रोनाल्डो की पुर्तगाल की टीम को पेनल्टी शूटआउट में 5-3 से हरा दिया। इस हार के साथ पुर्तगाल की टीम क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गई, जबकि फ्रांस की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई। अब उसका सामना अंतिम-4 में स्पेन से होगा। फुल टाइम और फिर एक्स्ट्रा टाइम तक स्कोर 0-0 की बराबरी पर छूटा था।
120 मिनट तक दोनों में से कोई भी टीम गोल करने में नाकाम रही थी। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में मैच गया। इससे पहले पुर्तगाल और फ्रांस दोनों ने ही कुछ आसान मौके गंवाए थे। पुर्तगाल के लिए विटिन्हा और ब्रूनो फर्नांडीस ने मौके बनाए, लेकिन पुर्तगाल की टीम फायदा नहीं उठा सकी। फ्रांस के गोलकीपर मैगनन ने कुछ शानदार बचाव किए। फ्रांस की ओर से कोलो मुआनी ने गोल की कोशिश की, लेकिन पुर्तगाल के डिफेंडर रुबेन डियास ने गोल बचाने वाला ब्लॉक किया। एक्स्ट्रा टाइम में दोनों ही टीमें डिफेंसिव अप्रोच के साथ उतरी थीं। काउंटर अटैक करने की जगह दोनों टीमें गोल बचाने पर ध्यान दे रही थीं। पुर्तगाल के नूनो मेंडीज के पास एक्स्ट्रा टाइम में गोल करने का मौका था, लेकिन बॉक्स के कोने से उनके शॉट को रोक लिया गया।
इसके बाद पेनल्टी शूटआउट की शुरुआत हुई। फ्रांस की टीम ने पहले किक लिया।
उसमान डेम्बेले ने गोल दाग उन्हें 1-0 से आगे कर दिया। पुर्तगाल की ओर से रोनाल्डो ने पहला शॉट लिया और गोल दाग स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।
फ्रांस की ओर से दूसरा शॉट यूसुफ फोफाना ने लिया और स्कोर 2-1 कर दिया। पुर्तगाल की ओर से बर्नार्डो सिल्वा आए और स्कोर 2-2 कर दिया।
फ्रांस की ओर से तीसरा शॉट जूल्स कूंडे ने लिया और स्कोर 3-2 कर दिया। पुर्तगाल की ओर से जोआओ फेलिक्स शॉट लेने आए और चूक गए। स्कोर 3-2 ही रहा।
फ्रांस की ओर से चौथा शॉट ब्रैडली बार्कोला ने लिया और स्कोर 4-2 कर दिया। पुर्तगाल की ओर से नूनो शॉट लेने आए और स्कोर 4-3 कर दिया।
फ्रांस के थियो हर्नांडीज पांचवां शॉट लेने आए और उनके पास अपनी टीम को जिताने का मौका था और उन्होंने गोल दाग फ्रांस की टीम को 5-3 से जीत दिला दी।
Paris Olympics 2024 के लिए भारतीय टीम का हुआ ऐलान, हरमनप्रीत सिंह के हाथ में होगी इन 16 खिलाड़ियों की कमान
27 Jun, 2024 02:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Paris Olympics 2024: हॉकी इंडिया ने पेरिस में होने वाले आगामी ओलंपिक गेम्स के लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम का ऐलान कर दिया है। 16 सदस्यीय इस टीम में 5 ऐसे प्लेयर्स को टीम में जगह मिली है जो पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेंगे।
हॉकी इंडिया ने आखिरकार पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए 16 सदस्यीय भारतीय पुरुष टीम का ऐलान कर दिया है। आगामी ओलंपिक खेलों का आयोजन 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होगा। इस टीम की कप्तानी का जिम्मा अनुभवी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह संभालेंगे जो तीसरी बार ओलंपिक खेलों में खेलते हुए नजर आने वाले हैं। वहीं हार्दिक सिंह को टीम का उपकप्तान नियुक्त किया गया है। भारतीय टीम ने टोक्यो में हुए साल 2020 के ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक को अपने नाम किया था। वहीं इस टीम में शामिल अन्य खिलाड़ियों को लेकर बात की जाए तो उसमें 6 प्लेयर्स ऐसे हैं जिनको पहली बार ओलंपिक में खेलने का मौका मिलेगा।
पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए घोषित हुई भारतीय हॉकी टीम में गोलकीपर की जिम्मेदारी अनुभवी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश संभालेंगे, तो वहीं मिडफील्डर में मनप्रीत सिंह होंगे। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के अलावा डिफेंस में जिन खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया गया है उसमें जरमनप्रीन सिंह, अमित रोहिदास, सुमित और संजय का नाम शामिल है। वहीं फॉरवर्ड खिलाड़ियों में अभिषेक, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय और गुरजंत सिंह का नाम शामिल है। टीम इंडिया को आगामी ओलंपिक गेम्स में पूल बी में जगह मिली है जिसमें पिछली बार गोल्ड मेडल जीतने वाली बेल्जियम की टीम के अलावा ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और आयरलैंड की टीम शामिल है।
भारतीय टीम अपना अभियान 27 जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू करेगी। इसके बाद 29 जुलाई को टीम का सामना अर्जेंटीना से होगा। फिर भारत 30 जुलाई को आयरलैंड से, एक अगस्त को बेल्जियम से और 2 अगस्त को आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।
यहां पर देखिए पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए घोषित हुई भारतीय हॉकी टीम:
गोलकीपर- पीआर श्रीजेश।
डिफेंडर्स- जरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, हरमनप्रीत सिंह, सुमित, संजय।
मिडफील्डर्स - राजकुमार पाल, शमशेर सिंह, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद।
फॉरवर्ड - अभिषेक, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मंदीप सिंह, गुरजंत सिंह।
वैकल्पिक खिलाड़ी - नीलकांत शर्मा, जुगराज सिंह, कृष्ण बहादुर पाठक।
इंडिया के 100 साल पूरे हुआ ओलंपिक खेल में, JSW ग्रुप ने पेरिस में मनाया जश्न
27 Jun, 2024 01:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
JSW ग्रुप ने ओलंपिक दिवस के अवसर पर मेजबान शहर पेरिस में एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसमें ओलंपिक आंदोलन के संस्थापक पियरे डी कुबर्टिन के जीवन और विरासत का जश्न मनाया गया। साथ ही खेलों में भारत की उपस्थिति के 100 साल पूरे होने का जश्न भी मनाया गया। जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती संगीता जिंदल और इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट के संस्थापक पार्थ जिंदल के साथ आईओसी के अध्यक्ष श्री थॉमस बाक, संस्कृति मंत्री मैडम रचिदा दाती, फ्रांस गणराज्य में भारत के राजदूत महामहिम जावेद अशरफ और पियरे डी कुबेर्टिन फैमिली एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती एलेक्जेंड्रा डी नवसेले ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
पेरिस में आयोजित की गई प्रदर्शनी
यह प्रदर्शनी पेरिस के 7वें अरोन्डिसमेंट के टाउन हॉल में आयोजित की जाएगी और सितंबर में पेरिस 2024 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक खेलों के अंत तक जारी रहेगी। इस अवसर पर बोलते हुए, जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती संगीता जिंदल ने कहा कि जेएसडब्ल्यू समूह पेरिस में जीनियस ऑफ स्पोर्ट प्रदर्शनी में 'ओलंपिक में भारत के 100 वर्ष' के क्यूरेशन का समर्थन करके खुश हैं।
क्या कहा पार्थ जिंदल ने
इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट के संस्थापक श्री पार्थ जिंदल ने कहा कि पियरे डी कुबर्टिन परिवार के साथ साझेदारी करके हमें गर्व महसूस हो रहा है, क्योंकि हमारा मानना है कि यह ओलंपिक आंदोलन और इसमें भारत की भूमिका का एक विशेष प्रदर्शन है। हम दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन के मुहाने पर हैं और JSW में हमारी इच्छा पेरिस शहर में कुछ और करने की थी।
भारतीय राजदूत ने दी बधाई
फ्रांस गणराज्य में भारत के राजदूत महामहिम जावेद अशरफ ने प्रदर्शनी को एक साथ लाने के लिए JSW समूह को धन्यवाद दिया जो 10 सितंबर तक चलेगी और जनता के लिए खुली रहेगी।
रोनाल्डो के साथ 'सेल्फी' लेने की घटना के बाद एक्शन में UEFA
24 Jun, 2024 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूरोपीय चैम्पियनशिप में खेल प्रेमियों को खिलाड़ियों तक पहुंचने से रोकने के लिए मैदान के बाहर किनारे पर सुरक्षा बढ़ायी जाएगी क्योंकि कम से कम छह प्रशंसकों ने स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के साथ सेल्फी लेने की कोशिश की थी। यूएफा (UEFA) ने रविवार को कहा कि जर्मनी के 10 स्टेडियमों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए जायेंगे। हालांकि इस योजना के संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई।
यूएफा ने कहा, 'पिच पर किसी भी तरह घुसने की कोशिश करना स्टेडियम के नियमों का उल्लंघन होगा जिसके कारण उसे स्टेडियम से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही उसे टूर्नामेंट के सभी मैचों से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा और मैदान में घुसने के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज की जाएगी।'
पुर्तगाल की तुर्की पर मिली 3-0 की जीत के दौरान शनिवार को चार प्रशंसक सेल्फी लेने के लिए रोनाल्डो का पीछा करते हुए मैदान पर आ गए थे। मैच खत्म होने के बाद और भी खेल प्रेमियों ने सेल्फी लेने की कोशिश की। हालांकि, वे सिर्फ सेल्फी लेना चाहते थे लेकिन टूर्नामेंट सुरक्षा योजना के अंतर्गत खिलाड़ियों को किसी भी नुकसान से बचाना भी शामिल है।
बजरंग पूनिया को एंटी डोपिंग नियम के उल्लंघन पर किया गया सस्पेंड
23 Jun, 2024 06:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया को एक फिर सस्पेंड कर दिया है। बजरंग पूनिया को डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के लिए निलंबित किया गया है। साथ ही बजरंग पूनिया को नोटिस भेजा गया है और जवाब मांगा गया है।दरअसल, सोनीपत में हुए नेशनल ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट में उन्होंने अपना डोप सैंपल देने से मना कर दिया था। इसके बाद नाडा ने ये बड़ा एक्शन लिया है। इससे पहले भी उन्हें सस्पेंड किया जा चुका है। डोप सैंपल ना देने पर बजरंग ने कहा कि टेस्ट के लिए जो उन्हें किट भेजी गई है वह एक्सपायर्ड किट भेजी गई थी।
पूनिया ने नहीं दिया था सैंपल
इसी वजह से बजरंग पूनिया ने सैंपल देने से मना कर दिया था। इसके चलते उन्हें 5 मई को सस्पेंड कर दिया गया था। उस वक्त बजरंग पुनिया को कोई नोटिस नहीं भेजा गया था, लेकिन इस बार नाडा ने सस्पेंड करते हुए 11 जुलाई तक नोटिस का जवाब देने को कहा है।गौरतलब हो कि बजरंग पूनिया उन पहलवानों में शामिल थे, जिन्होंने WFI के पूर्व चीफ बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इसमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने अगुआई की थी। महिला पहलवानों ने पूर्व WFI चीफ पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
यूरोपीय फुटबाल चैंपियनशिप के पहले ही मैच में जर्मनी ने स्कॉटलैंड को 5-1 से हराया
16 Jun, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
म्यूनिख । जर्मनी ने स्कॉटलैंड को यूरोपीय फुटबाल चैंपियनशिप में जीत से शुरुआत की है। मेजबान टीम जर्मनी ने अपने पहले ही मुकाबले में स्कॉटलैंड को 5-1 से हरा दिया। जर्मनी की ओर से विर्ट्ज़ और मुसियाला ने गोल किये। विर्ट्ज़ ने खेल की शुरुआत में ही दसवें मिनट में पहला गोल किया जबकि मुसियाला ने 19वें मिनट में गोल दागकर बढ़त 2-0 कर दी। वहीं काई हैवर्ट ने पहले हाफ के इंजरी टाइम में पेनल्टी पर गोल कर मध्यांतर तक जर्मनी की बढ़त को 3-0 कर दिया।
स्कॉटलैंड के डिफेंडर रयान पोर्टियस की गलती के कारण लाल कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया गया। इससे मेजबान टीम को एक पेनाल्टी भी मिल गयी। इसके बाद स्कॉटलैंड को दूसरे हाफ में 10 खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा था। हाफ टाइम के बाद सब्सटीट्यूट निकोलस फुलक्रग ने 68वें मिनट और एमरे कैन ने इंजरी टाइम में गोल करके जर्मनी की जीत पक्की कर दी। जर्मनी के एंटोनियो रोडिगर के 87वें मिनट में किए गए आत्मघाती गोल से स्कॉटलैंड को एक गोल मिल गया।
इससे मैच समाप्त होने के समय स्कोर 5-1 हो गया।
पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी और कोच टी के चथुन्नी का हुआ निधन
12 Jun, 2024 04:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी और कोच टी के चथुन्नी का बुधवार सुबह केरल के निजी अस्पताल में निधन हो गया। 79 वर्षीय आयु में दिग्गज ने अंतिम सांस ली। वह कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। डिफेंडर के तौर पर प्रतिष्ठित संतोष ट्रॉफी में केरल और गोवा के लिए खेलने वाले चथुन्नी भारतीय फुटबॉल के बेहतरीन कोचों में से एक थे।अपने खेल करियर के बाद चथुन्नी ने कोचिंग की ओर रुख किया। 40 से अधिक वर्षों तक खेल पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। उन्होंने मोहन बागान, डेम्पो गोवा और एफसी कोचीन सहित कई प्रसिद्ध टीमों को कोचिंग दी।
1979 में वे केरल की संतोष ट्रॉफी टीम के कोच बने। चथुन्नी ने "फुटबॉल माई सोल" नामक एक आत्मकथा भी लिखी, जिसमें उन्होंने फुटबॉल से उनके जीवन और करियर पर होने वाले प्रभाव के विषय में लिखा। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने याद किया कि चथुन्नी चार दशकों तक खिलाड़ी और कोच के रूप में सक्रिय रहे।
वहीं, चथुन्नी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने कहा, "जब भारतीय फुटबॉल का इतिहास बताया जाएगा, तो चथुन्नी सबसे आगे रहेंगे।" चथुन्नी चार दशकों से अधिक समय तक खिलाड़ी और कोच के रूप में मैदान पर रहे। उन्होंने कहा कि कोच के रूप में उनकी उपलब्धियां बेजोड़ थीं। सतीसन ने आगे कहा, "कोच चथुन्नी ने आई एम विजयन और सी वी पप्पाचन की पीढ़ी को उत्कृष्टता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाई। चथुन्नी का निधन खेल जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।"
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का खेला आखिरी मुकाबला
7 Jun, 2024 04:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने गुरुवार को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मुकाबला खेला। फीफा क्वालिफायर के लिए खेले गए इस मुकाबले में वह अपनी टीम को कुवैत के खिलाफ जीत नहीं दिला सके। यह मुकाबला 0-0 से ड्रॉ पर खत्म हुआ। साल्ट लेक स्टेडियम में खेले गए इस मैच के बाद फैंस ने छेत्री को खड़े होकर सम्मानित किया और उन्होंने लैप ऑफ ऑनर लिया। छेत्री ने अपने संन्यास की घोषणा पिछले महीने ही कर दी थी। उन्होंने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर दी थी।
तेंदुलकर ने दी बधाई
छेत्री के आखिरी मुकाबले के बाद सचिन तेंदुलकर ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "कोई भी लक्ष्य (गोल) हासिल करना आसान नहीं है, 94 अंतरराष्ट्रीय की तो बात ही छोड़ दीजिए, सुनील छेत्री आपने भारत का झंडा ऊंचा रखा। शानदार करियर के लिए बधाई।"
समर्थकों को दिया धन्यवाद
छेत्री ने संन्यास के बाद अपने फैंस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "जिन्होंने मुझे वीडियो में देखा है, जिन्होंने मेरे ऑटोग्राफ लिए हैं और मेरे पुराने समर्थकों, मैं सभी का दिल से धन्यवाद देता हूं। ये 19 साल आप सभी के बिना संभव नहीं थे।" सुनील ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (94) करने वाले चौथे खिलाड़ी है। वहीं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेसी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
छेत्री ने अपने शानदार करियर में छह बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर छेत्री 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011 और 2015 में एसएएफएफ चैंपियनशिप, 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप के साथ-साथ 2017 में इंटरकांटिनेंटल कप में खिताब जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा रहे हैं।
सुनील ने शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलने की शुरुआत साल 2002 में की थी। 17 की उम्र में वह मोहन बागान क्लब से जुड़े। उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल 20 की उम्र में भेजा। एफसी चैलेंज कप फाइनल 2008 में ताजिकिस्तान के खिलाफ सुनील ने तीन गोल किए थे। उनके इन्हीं गोल के दम पर भारतीय टीम ने 27 सालों बाद एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई किया था। 2010-11 में सुनील को कंसास सिटी विजार्ड फुटबॉल लीग ने अपनी टीम के लिए साइन किया था। भारत की आजादी के बाद विदेश में प्रोफेशनल लीग ज्वाइन करने वाले वह दूसरे खिलाड़ी बने।
2013 में पुर्तगाली क्लब से हटने के बाद छेत्री बेंगलुरु फुटबॉल क्लब से जुड़े। इस दौरान उन्होंने 23 मुकाबलों में 14 गोल और सात एसिस्ट किए। 2015 में सुनील ने 50 अंतरराष्ट्रीय गोल पूरे किए थे। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने थे।
2017 में किर्गिस्तान के खिलाफ सुनील ने 69वें मिनट में गोल दागकर इतिहास रचा था। उनके इस गोल की बदौलत 2019 एशिया कप के लिए भारत ने क्वालिफाई किया था। इस गोल के साथ वह फीफा की शीर्ष 100 रैंकिंग में शुमार हो गए थे।
साल 2018 में इंटरकॉन्टिनेंटल कप के दौरान सुनील, डेविड विला के साथ दुनिया के तीसरे सबसे एक्टिव अंतरराष्ट्रीय गोल स्कोरर बने थे। हाल ही में चार जून को सुनील ने अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। केनिया के खिलाफ इस मुकाबले में उन्होंने दो गोल दागे। वह 100 वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले दूसरे भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं।
छेत्री फाइनल में हैट्रिक लगाने वाले एकमात्र भारतीय हैं। उन्होंने ताजकिस्तान के खिलाफ एएफसी चैलेंज कप के फाइनल में हैट्रिक लगाई थी। उन्हें छह बार फुटबाल महासंघ की ओर वर्ष का फुटबालर चुना गया। मेजर सॉकर लीग (एमएलएस) में 2010 में कैंसास सिटी विजाड्र्स ने छेत्री को अनुबंधित किया था। वह पुर्तगाली क्लब स्पोर्टिंग सीबी बी के लिए भी खेले।
फीफा विश्व कप क्वॉलिफायर में भारत-कुवैत आमने-सामने
6 Jun, 2024 01:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय फुटबॉल टीम बृहस्पतिवार को फीफा विश्वकप क्वालिफायर में कुवैत के खिलाफ साल्ट लेक स्टेडियम पर उतरेगी तो उस पर दोहरी भावनाओं का सैलाब उमड़ रहा होगा। एक तो यह दिग्गज स्ट्राइकर सुनील छेत्री का अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच होगा, दूसरा टीम को विदाई के तोहफे में हर हाल में जीत चाहिए होगी। हालांकि यह आसान नहीं होगा। दोनों की फीफा रैंकिंग में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है। भारत 121वें और कुवैत 139वें स्थान पर है। यहां मिली जीत भारतीय फुटबॉल की दिशा और दशा दोनों बदल सकती है। भारत जीतने पर पहली बार विश्वकप क्वालिफायर के तीसरे दौर में पहुंच सकता है और 150 अंतरराष्ट्रीय मैच में 94 गोल करने वाले छेत्री के लिए इससे बड़ा तोहफा और कोई नहीं हो सकता है।छेत्री इस मैच को अपना अंतिम मैच मानकर दबाव नहीं बढ़ाना चाहते हैं। छेत्री कहते हैं कि वह संन्यास की घोषणा पहले कर चुके हैं और अब उनका ध्यान सिर्फ कुवैत के मैच पर है। संन्यास की बात खत्म हो चुकी है। संन्यास के बाद साथी खिलाडिय़ों से मिले हुए उन्हें 20 दिन हो चुके हैं। डे्रसिंग रूम में इस बारे में कोई बात नहीं होती है। छेत्री बीते वर्ष सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में कुवैत को पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 से और विश्वकप क्वालिफायर के पहले मैच में इस टीम को हराने में उल्लेखनीय भूमिका निभा चुके हैं। एक लाख दर्शकों के बीच वह यहां भी ऐसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने की संन्यास की घोषणा, जानिए कब खेलेंगे आखिरी मैच
16 May, 2024 11:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने बताया कि वह अपना आखिरी मुकाबला छह जून को कुवैत के खिलाफ खेलेंगे। छेत्री ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर दी। सुनील छेत्री के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास के फैसले पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने ट्वीट किया है। बोर्ड ने लिखा, "आपका करियर असाधारण से कम नहीं रहा है और आप भारतीय फुटबॉल और भारतीय खेलों के लिए एक अभूतपूर्व प्रतीक रहे हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ की थी अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत
सुनील छेत्री ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (94) करने वाले चौथे खिलाड़ी है। वहीं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेस्सी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरुस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने बताया कि वह अपना आखिरी मुकाबला छह जून को कुवैत के खिलाफ खेलेंगे। छेत्री ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर दी। छेत्री ने अपने शानदार करियर में छह बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर छेत्री 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011 और 2015 में एसएएफएफ चैंपियनशिप, 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप के साथ-साथ 2017 में इंटरकांटिनेंटल कप में खिताब जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा रहे हैं।
सुनील ने शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलने की शुरुआत साल 2002 में की थी। 17 की उम्र में वह मोहन बागान क्लब से जुड़े। उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल 20 की उम्र में भेजा। एफसी चैलेंज कप फाइनल 2008 में ताजिकिस्तान के खिलाफ सुनील ने तीन गोल किए थे। उनके इन्हीं गोल के दम पर भारतीय टीम ने 27 सालों बाद एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई किया था। 2010-11 में सुनील को कंसास सिटी विजार्ड फुटबॉल लीग ने अपनी टीम के लिए साइन किया था। भारत की आजादी के बाद विदेश में प्रोफेशनल लीग ज्वाइन करने वाले वह दूसरे खिलाड़ी बने। 2013 में पुर्तगाली क्लब से हटने के बाद छेत्री बेंगलुरु फुटबॉल क्लब से जुड़े। इस दौरान उन्होंने 23 मुकाबलों में 14 गोल और सात एसिस्ट किए। 2015 में सुनील ने 50 अंतरराष्ट्रीय गोल पूरे किए थे। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने थे।
सुनील छेत्री के अंतर्राष्ट्रीय गोल
प्रतिस्पर्धा
गोल
मैच
SAFF चैंपियनशिप
23
27
फीफा विश्व कप क्वालीफायर
10
23
नेहरू कप
9
14
एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर
8
12
एएफसी चैलेंज कप
4
8
इंटरकांटिनेंटल कप
13
11
एएफसी चैलेंज कप क्वालीफायर
3
6
एएफसी एशियन कप
4
8
किंग्स कप
1
1
मर्डेका कप
1
1
अंतरराष्ट्रीय
18
39
सुनील छेत्री के क्लब गोल
क्लब
वर्ष
गोल
मैच
मोहन बागान
2002-2005
8
18
जेसीटी
2005-2008
22
48
पूर्वी बंगाल
2008-2009
9
17
डेम्पो
2009-2010
8
13
कैनसस सिटी विजार्ड्स
2010
0
1
चिराग यूनाइटेड
2011
7
7
मोहन बागान
2011-2012
8
14
स्पोर्टिंग सीपी बी टीम
2012-2013
0
3
*चर्चिल ब्रदर्स
2013
4
8
बेंगलुरु एफसी
2013-2015
16
43
मुंबई सिटी
2015-2016
7
17
बेंगलुरु एफसी
2016
5
14
बेंगलुरु एफसी
2016-वर्तमान
64
161
चीन के ओलंपिक पदक विजेताओं के 'प्रतिबंधित ड्रग्स' मामले में वाडा ने अपनी जांच के रुख का किया बचाव
22 Apr, 2024 12:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने 2021 के एक मामले को गलत तरीके से संभालने के "अपमानजनक" और "पूरी तरह से झूठे" आरोपों को खारिज कर दिया। इस जांच में वाडा ने 20 शीर्ष चीनी तैराकों पर प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवा इस्तेमाल करने के आरोपों का सकारात्मक परीक्षण किया था, हालांकि इसके बावजूद चीनी तैराकों ने उस साल टोक्यो ओलंपिक की तैराकी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।वाडा का ये बयान उस वक्त आया जब अमेरिकी एंटी-डोपिंग एजेंसी चीफ ट्रेविस टाइगर्ट ने वाडा और चीनी अधिकारियों पर इन पॉजिटिव परीक्षणों को दबाने का आरोप लगाया था। सीएनएन के मुताबिक टाइगर्ट ने ये भी आरोप लगाया कि एजेंसी खेलों में ड्रग्स के इस्तेमाल के खिलाफ असरदार नियम बनाने में नाकाम रही है।
डी गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीता
22 Apr, 2024 12:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के 17 वर्षीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने टोरंटो में चल रहे कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही वह 40 साल पहले महान गैरी कास्पारोव द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ते हुए विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के चैलेंजर बन गए। गुकेश कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने।वह विश्वनाथन आनंद के बाद कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय भी हैं। गुकेश ने 14वें और अंतिम राउंड में अमेरिकी हिकारू नाकामुरा के साथ आसान ड्रॉ खेला और टूर्नामेंट को 14 में से नौ अंकों के साथ समाप्त किया। कैंडिडेट्स शतंरज टूर्नामेंट विश्व चैंपियन के लिए चुनौती तय करने के लिए आयोजित किया जाता है।
इस जीत के साथ ही गुकेश मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को इस साल के आखिर में होने वाले मुकाबले में चुनौती दे सकेंगे। चेन्नई के इस युवा चेस खिलाड़ी ने कास्पारोव के रिकॉर्ड को काफी हद तक बेहतर कर दिया। रूस के पूर्व महान कास्पारोव 22 साल के थे जब उन्होंने 1984 में हमवतन अनातोली कारपोव के साथ भिड़ने के लिए क्वालिफाई किया था।गुकेश ने जीत के बाद कहा, 'बहुत राहत मिली और बहुत खुशी हुई। मैं फैबियो कारुआना और इयान नेपोमनियाच्ची के खेल को भी फॉलो कर रहा था (ये दोनों भी दावेदार थे और एक अलग मैच में एक दूसरे से भिड़ रहे थे)। इसके बाद मैंने एक और खिलाड़ी ग्रेगोरज गाजेव्स्की से बातचीत की, मुझे लगता है कि इससे मदद मिली।'
गुकेश ने टूर्नामेंट जीतने के साथ 88,500 यूरो (लगभग 78.5 लाख रुपये) का नकद पुरस्कार भी जीता। उम्मीदवारों की कुल पुरस्कार राशि 5,00,000 यूरो थी। गुकेश महान विश्वनाथन आनंद के बाद यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय बने। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद की जीत 2014 में हुई थी।
भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर हैं गुकेश, विश्व खिताब से बस कुछ कदम दूर
22 Apr, 2024 12:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चेन्नई के 17 वर्षीय डी गुकेश ने प्रतिष्ठित कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में हिस्सा लिया था। हालांकि, अब कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट के अंतिम दौर में हिकारू नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद वह इस टूर्नामेंट के सबसे कम उम्र के विजेता बन गए हैं। इतना ही नहीं, वह विश्व शतरंज चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी भी बन गए हैं। वह कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए और विश्वनाथन आनंद के बाद यह टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए। नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद उनका टूर्नामेंट जीतना तय नहीं था। सबकुछ बियो कारुआना और इयान नेपोमनियाच्ची के बीच चल रहे अन्य मैच पर टिका था। इन दोनों में से जीतने वाला खिलाड़ी गुकेश के साथ टाई ब्रेकर खेलता। हालांकि, भाग्य गुकेश पर महरबान था, क्योंकि कारुआना और नेपोमनियाच्ची ने ड्रॉ खेला और गुकेश सबसे ज्यादा नौ अंक लेकर शीर्ष पर आ गए और टूर्नामेंट अपने नाम किया।
शतरंज की दुनिया की नई सनसनी 17 वर्षीय गुकेश ने अपने करियर में कई बार दुनिया को चौंकाया है। वह इस छोटी सी उम्र में कई रिकॉर्ड बना चुके हैं। वह 12 साल, सात महीने, 17 दिन की उम्र में भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए थे और दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर का टैग केवल 17 दिनों से चूक गए थे। उन्होंने पिछले साल पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को पछाड़कर 36 साल बाद पहली बार देश के शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ी के रूप में प्रवेश किया। अब उन्होंने उस प्रभावशाली सूची में एक और उपलब्धि जोड़ दी है। कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने के साथ ही गुकेश 40 साल पहले महान गैरी कास्पारोव द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ते हुए विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के चैलेंजर बन गए। रूस के पूर्व महान कास्पारोव 22 साल के थे जब उन्होंने 1984 में हमवतन अनातोली कारपोव के साथ भिड़ने के लिए क्वालिफाई किया था। अब गुकेश इस साल के आखिर में विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को चुनौती पेश करेंगे।
कारूआना से ड्रॉ के बाद गुकेश दूसरे स्थान पर, प्रगनानंदा और गुजराती हारे
19 Apr, 2024 01:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्रैंडमास्टर डी गुकेश कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट के 11वें दौर में शीर्ष वरीयता प्राप्त फेबियानो कारूआना से ड्रॅा के बाद संयुक्त दूसरे स्थान पर खिसक गए जबकि भारत के ही आर प्रगनानंदा और विदित गुजराती को पराजय का सामना करना पड़ा।प्रगनानंदा को अमेरिका के हिकारू नकामूरा और गुजराती को रूस के इयान नेपोम्नियाश्चि ने हराया। अन्य मुकाबलों में फ्रांस के फिरोजा अलीरजा ने अजरबैजान के निजात अबासोव को हराया। टूर्नामेंट में अब तीन दौर ही बचे हैं और नेपोमनियाच्ची लगातार तीसरी बार खिताब के प्रबल दावेदार लग रहे हैं।रूस पर प्रतिबंध लगा होने से वह फिडे के ध्वज तले खेल रहे हैं। उन्होंने 11 में से सात अंक लेकर एकल बढ़त बना ली। कारूआना, नाकामूरा और गुकेश उनसे आधा अंक पीछे हैं। प्रगनानंदा के 5.5 और गुजराती के पांच अंक हैं।महिला वर्ग में चीन की झोंग्यी तान को एकल बढ़त मिल गई है जबकि उनकी हमवतन टी लेइ दूसरे स्थान पर है। भारत की आर वैशाली ने शीर्ष वरीयता प्राप्त रूस की अलेक्जेंड्रा गोरियाश्किना को हराया जबकि कोनेरू हंपी ने बुल्गारिया की नूरगुल सलीमोवा को मात दी।
घुटने की चोट के कारण श्रीशंकर ओलंपिक से हुए बाहर
19 Apr, 2024 12:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंबी कूद के दिग्गज खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर ट्रेनिंग के दौरान घुटने की चोट के कारण पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गए हैं और उन्हें सर्जरी करानी पड़ेगी जिसके कारण वह पूरे 2024 सत्र में नहीं खेल पाएंगे। एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता श्रीशंकर ने 2023 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 8.37 मीटर के प्रयास से रजत पदक जीतते हुए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था।इस 25 वर्षीय खिलाड़ी को शंघाई/सुझोउ और दोहा में क्रमश: 27 अप्रैल और 10 मई को लगातार दो डायमंड लीग प्रतियोगिता के साथ अपने सत्र की शुरुआत करनी थी, लेकिन मंगलवार को ट्रेनिंग के दौरान उन्हें चोट लगी और उनका ओलंपिक में हिस्सा लेने का सपना टूट गया।श्रीशंकर के पिता एस. मुरली ही उनके कोच हैं। श्रीशंकर का कहना है कि उनके शरीर को उनके पिता उनसे बेहतर समझते हैं। श्रीशंकर के पिता पूर्व ट्रिपल जंप एथलीट थे और दक्षिण एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता रहे हैं। 1992 एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उनकी मां के.एस. बिजिमोल 800 मीटर रेस में रजत पदक जीती थीं।