खेल
भारत को हॉकी गोल्ड के लिए दो जीत की जरूरत, जर्मनी से मुकाबला कब और कहां
5 Aug, 2024 02:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंपिक में 44 साल बाद स्वर्ण पदक जीतने की राह पर भारतीय हॉकी टीम के सामने मंगलवार को सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन जर्मनी की चुनौती होगी और इस बाधा को पार करके टीम ‘संकटमोचक’ पी आर श्रीजेश को शानदार विदाई देने के अपने मिशन की अगला कदम रखेगी। ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में दस खिलाड़ियों तक सिमटने के बावजूद भारतीय टीम ने जिस साहस और कौशल का प्रदर्शन करके मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक खिंचा, वह काबिले तारीफ है। तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक मैच में जर्मनी की पेनल्टी बचाकर भारत को 41 साल बाद पदक दिलाने वाले नायक श्रीजेश एक बार फिर जीत के सूत्रधार बने।
उन्होंने शूटआउट में ब्रिटेन के दो शॉट बचाये और इससे पहले निर्धारित समय के भीतर भी ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और दस पेनल्टी कॉर्नर बनाये लेकिन महज एक सफलता मिली। छत्तीस वर्ष के श्रीजेश का यह आखिरी टूर्नामेंट है और उन्हें स्वर्ण पदक के साथ विदा करने का मिशन भारतीय टीम के लिये अतिरिक्त प्रेरणा बना है। भारत ने आठ ओलंपिक स्वर्ण में से आखिरी 1980 में मॉस्को में जीता था और अब पेरिस में उसके पास 44 साल बाद इतिहास रचने का मौका है। सेमीफाइनल जीतने पर भारत का रजत तो पक्का हो जायेगा जो आखिरी बार उसने 1960 में रोम में जीता था।
ब्रिटेन के खिलाफ भारत ने करीब 40 मिनट दस खिलाड़ियों के साथ खेला क्योंकि अमित रोहिदास को रेडकार्ड दिखाया गया था। अब सेमीफाइनल में भी भारत को अपने नंबर एक फर्स्ट रशर के बिना ही खेलना होगा जिन पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया है। हॉकी इंडिया ने हालांकि इसके खिलाफ अपील की है। रोहिदास की गैर मौजूदगी भारत को पेनल्टी कॉर्नर में भी खलेगी क्योंकि कप्तान हरमनप्रीत सिंह के बाद वह भारत के ड्रैग फ्लिक विशेषज्ञ हैं। उनकी गैर मौजूदगी में अब हरमनप्रीत पर अतिरिक्त दबाव रहेगा जो शानदार फॉर्म में हैं और अब तक सात गोल कर चुके हैं।
भारत बनाम जर्मनी ओलंपिक हॉकी मैच लाइव कब और कहां देख सकते हैं?
भारत बनाम जर्मनी सेमीफाइनल मैच मंगलवार 6 अगस्त को रात 10:30 बजे पर होगा। फैंस इस मैच को स्पोर्ट्स 18 1 और स्पोर्ट्स 18 2 चैनलों पर लाइव देख सकते हैं।
Paris Olympics 2024: विनेश फोगाट और अंतिम पंघाल से ओलंपिक पदक की उम्मीद
5 Aug, 2024 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छह भारतीय पहलवान 5 अगस्त से 11 अगस्त तक पेरिस 2024 ओलंपिक में मैट पर उतरेंगे। पेरिस में चैंप डे मार्स एरिना ग्रीष्मकालीन खेलों में कुश्ती प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा। यह 21वां संस्करण होगा जहां भारतीय पहलवान ओलंपिक खेलों के कुश्ती इवेंट में प्रतिस्पर्धा करेंगे। टोक्यो 2020 में सात भारतीय पहलवानों ने भाग लिया था, जहां रवि कुमार दहिया (पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा) ने रजत और बजरंग पुनिया (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता था। फोगाट बहनों में से एक, दो बार की ओलंपियन विनेश फोगाट, पेरिस 2024 ओलंपिक में कुश्ती के लिए छह सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व करेंगी। वह ग्रीष्मकालीन खेलों में पहली बार महिलाओं की 50 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी, इससे पहले उन्होंने रियो 2016 में महिलाओं के 48 किग्रा और टोक्यो 2020 में महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में भाग लिया था।
मौजूदा एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता अंतिम पंघाल पेरिस में महिलाओं की 53 किग्रा स्पर्धा में अपना ओलंपिक डेब्यू करने के लिए तैयार हैं। 19 वर्षीय भारतीय पहलवान अंडर-20 कुश्ती विश्व चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। अंतिम ने 2023 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत को पेरिस 2024 के लिए ओलंपिक कोटा दिलाया था। राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता अंशु मलिक (महिला 57 किग्रा), अंडर-23 विश्व चैंपियन रीतिका हुड्डा (महिला 76 किग्रा) और एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता निशा दहिया (महिला 68 किग्रा) अन्य महिला भारतीय पहलवान हैं जो पेरिस में अपना ओलंपिक डेब्यू करेंगी।
इस बीच, अमन सहरावत पेरिस 2024 ओलंपिक बर्थ हासिल करने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष पहलवान हैं। एशियाई चैंपियन और एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता, 20 वर्षीय अमन ग्रीष्मकालीन खेलों में पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा स्पर्धा में मैट पर उतरेंगे। कोई भी भारतीय ग्रीको-रोमन पहलवान पेरिस 2024 में जगह बनाने में कामयाब नहीं हुआ है। भारत ने ओलंपिक में दो रजत और पांच कांस्य पदक समेत सात कुश्ती पदक जीते हैं। केडी जाधव ने हेलसिंकी 1952 में पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। सुशील कुमार ने बीजिंग 2008 में कांस्य पदक और लंदन 2012 में रजत पदक अपने नाम किया। योगेश्वर दत्त (पुरुषों की फ्रीस्टाइल 60 किग्रा) और साक्षी मलिक (महिलाओं की 58 किग्रा) ने भी क्रमशः लंदन 2012 और रियो 2016 में कांस्य पदक जीते।
दो लाख की आबादी वाले सेंट लूसिया की जूलियन ने जीता स्वर्ण
4 Aug, 2024 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस । पेरिस ओलंपिक में दो लाख से कम आबादी वाले देश सेंट लूसिया की जूलियन अल्फ्रेड ने स्वर्ण पदक जीतकर सबको हैरान कर दिया। जूलियन ने महिलाओं की 100 मीटर रेस का फाइनल जीता। जूलियन ने ये रेस 10.72 सेकंड में ही पूरी कर ली। यह ओलंपिक में सेंट लूसिया का पहला ओलिंपिक पदक है। बारिश की वजह से गीले ट्रैक पर रेस के आयोजन पर भी कई सवाल उठे हैं। वहीं अमेरिका की शाकैरी रिचर्डसन ने 10.87 सेकंड के साथ रजत पदक जीता। अमेरिका की ही मेलिसा जेफरसन ने 10.92 सेकंड के साथ तीसरे स्थान पर रहने के साथ ही कांस्य पदक जीता।
जूलियन इससे पहले हीट राउंड में 10.95 सेकंड का समय निकालकर 5वें नंबर पर थीं। वह सेमीफाइनल में भी सबसे तेज धावक रहीं। जुलियन ने सेमीफाइनल में 10.84 सेकंड का समय निकाला था। फाइनल मुकाबले में वह छठे लेन में थीं।
इस स्पर्धा में अमेरिका एक बार फिर स्वर्ण पदक नहीं जीत पायी। अंतिम बार 1996 में गेल डेवर्स ने ओलंपिक में अमेरिका की ओर से इस वर्ग में जीत दर्ज की थी। जोन्स को डोपिंग के लिए उनके 2000 के ओलंपिक स्वर्ण से हटा दिया गया था।
एक दशक से अधिक समय बाद धोनी से मिले जोगिंदर
4 Aug, 2024 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। 2007 टी20 विश्वकप क्रिकेट की विजेता टीम में शामिल रहे ऑलराउंडर जोगिंदर शर्मा की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर आई है। इसमें वह भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी से मिलते दिख रहे हैं। मध्यम गति के गेंदबाज रहे जोगिंदर ने साल 2004-07 के बीच 4 एकदिवसीय और टी20ई खेले थे।
जोंगिदर को विश्वकप के बाद भारतीय टीम में जगह नहीं मिली और वह हरियाणा पुलिस में भर्ती को गये। आज पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) बन गये हैं। जोगिंदर ने 2023 में पेशेवर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था। उन्होंने 2017 के बाद से कोई पेशेवर क्रिकेट मैच नहीं खेला है।
जोगिंदर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बहुत लंबे समय के बाद कप्तान माही से मिलकर अच्छा लगा। लगभग 12 साल बाद मिलने का आनंद ही अलग था।
पाकिस्तान के खिलाफ 2007 टी20 विश्व कप फाइनल में जोगिंदर ने अंतिम ओवरों में शानदार प्रदर्शन करते हुए यूनिस खान को आउट कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। तब अंतिम ओवर में पाकिस्तान को 13 रन चाहिए थे और एक विकेट बचा हुआ था और मिस्बाह उल हक खेल रहे थे। इसके बाद भी जोगिंदर ने अपनी पहली 2 गेंदों पर सात रन दिए, जिसमें मिस्बाह का छक्का भी शामिल था पर तीसरी गेंद पर पाक खिलाड़ी का कैच श्रीसंत ने लिया।
जोगिंदर ने 4 टी-20 मैचों में 4 विकेट लिए, जबकि 4 एकदिवसीचय मैचों की तीन पारियों में 35 रन बनाए और एक विकेट लिया।।
विजेंदर ने पेरिस ओलंपिक में निशांत के साथ चीटिंग के आरोप लगाये
4 Aug, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस। ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा है कि पेरिस ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाज निशांत देव के साथ चीटिंग हुई है। निशांत को यहां क्वार्टर फाइनल में हार को सामना करना पड़ा था। इस भारतीय मुक्केबाज को 71 किग्रा भार वर्ग में मेक्सिको के मार्को वर्डे अल्वारेज ने करीबी मुकाबले में हरा दिया था। इस मुकाबले में निशांत ने पहले राउंड में जीत हासिल की। दूसरे राउंड में भी वह हावी दिखे। उन्होंने विरोधी मुक्केबाज पर कई जोरदार प्रहार किये पर इसके बाद भी जजों ने अल्वारेज को विजेता घोषित कर दिया। 3-1 से आगे हो गए।
अल्वारेज ने अंतिम राउंड में आक्रामक शुरुआत करते हुए जमकर प्रहार किये पर जैसे-जैसे मुकाबला आगे बढ़ा, वह धीमे होते गये। वहीं निशांत ने पंच लगाने के प्रयास किये पर वह धीमे रहे। अल्वारेज ने इसका फायदा उठाया और जीत हासिल की।
निशांत की हार पर लोग भड़क गये और उन्होंने सोशल मीडिया पर जजों पर भेदभाव के आरोप लगाये। विजेंदर सिंह ने कहा कि स्कोरिंग प्रणाली क्या है ये समझ से परे है। मुझे लगता है कि यह करीबी मुकाबला रहा। निशांत ने काफी अच्छा खेला। निशांत पेरिस ओलंपिक खेलों से बाहर होने वाले पांचवें भारतीय मुक्केबाज रहे।
मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में मेडल की हैट्रिक से चूकीं, एक पायदान से रह गया पदक
3 Aug, 2024 01:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मनु भाकर (Manu Bhaker) पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल की हैट्रिक से चूक गईं. पहले दो मेडल जीत चुकीं मनु भाकर इस बार वुमेंस 25 मीटर पिस्टल इवेंट के लिए मैदान पर थीं. मनु ने इवेंट के फाइनल में जगह बनाई थी. पहले दो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकीं मनु से इस बार गोल्ड मेडल की उम्मीद की जा रही थी. हालांकि वह 25 मीटर के पिस्टल इवेंट में मेडल लाने से सिर्फ एक पायदान दूर रह गईं.
इवेंट का फाइनल खेल रहीं मनु ने कुल 28 के स्कोर के साथ चौथे पायदान पर फिनिश किया. वह मेडल पर कब्ज़ा जमाने से सिर्फ एक पायदान दूर रहीं. अगर मनु तीसरा पायदान हासिल कर लेतीं, तो वह पेरिस ओलंपिक में पदकों की हैट्रिक लगाते हुए ब्रॉन्ज मेडल पर कब्ज़ा जमा लेतीं. हालांकि इस इस बार वह मेडल नहीं जीत सकीं.
इस इवेंट में दक्षिण कोरिया की जिन यांग (Jiin Yang) ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया. इसके अलावा फ्रांस की केमिली जेद्रजेजेव्स्की (Camille Jedrzejewski) ने दूसरे नंबर पर रहते हुए सिल्वर पर और हंगरी की वेरोनिका मेजर (Veronika Major) ने तीसरे नंबर पर रहते हुए ब्रॉन्ज पर कब्ज़ा जमाया. गोल्ड मेडल जीतने वाली जिन यांग का टोटल स्कोर 37 का रहा. इसके अलावा सिल्वर मेडल अपने नाम करने वाली केमिली जेद्रजेजेव्स्की ने भी 37 का स्कोर किया. हालांकि वह दूसरे नंबर पर रहीं. फिर तीसरे नंबर की वेरोनिका मेजर ने 31 का स्कोर किया.
पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने जीते 2 मेडल
बता दें कि मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में कुल 2 मेडल अपने नाम किए. मनु ने पहला मेडल वुमेंस सिंगल 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता था, जो ब्रॉन्ज था. इसके बाद 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में मनु ने ब्रॉन्ज पर कब्ज़ा किया था. मिक्स्ड टीम में मुन भाकर के साथ सरबजोत सिंह शामिल थे.
गौरतलब है कि वुमेंस सिंगल 10 मीटर एयर पिस्टल में मनु का ब्रॉन्ज मेडल पेरिस ओलंपिक में भारत का पहला पदक था. अब तक भारत के खाते में तीन मेडल आ चुके हैं और तीनों ही मेडल शूटिंग में आए हैं
"Paris Olympics 2024: Manu Bhaker का चौंकाने वाला खुलासा—पीवी सिंधू को बचाने के लिए बनाई फेक प्रोफाइल"
2 Aug, 2024 02:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक-2024 में दो मेडल अपने नाम किए हैं। इसी के साथ वह भारत के लिए दो ओलंपिक पदक जीतने वाली तीसरी खिलाड़ी बन गई हैं। उनसे पहले ये काम पुरुष पहलवान सुशील कुमार और महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने किया है। सिंधू वो खिलाड़ी हैं जिनको मनु आदर्श की तरह मानती हैं और एक बार तो मनु ने सिंधू को ऑनलाइन ट्रोलर्स से बचाने के लिए फेक प्रोफाइल तक बनाई थी। मनु ने पेरिस ओलंपिक-2024 में महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। इससे बाद मनु ने मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर ब्रॉन्ज पर कब्जा किया।
सिंधू, नीरज की हैं फैन
दूसरा मेडल जीतने के बाद सिंधू ने स्पोर्ट स्टार से बात करते हुए कहा कि वह सिंधू और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपडा की बड़ी फैन हैं। उन्होंने कहा, "मैं भारतीय इतिहास के कई बड़े नामों को जानती हैं। मेरे समय में पीवी सिंधु और नीरज चोपड़ा हैं। मैं उनको काफी मानती हूं और दोनों जो मेहनत करते हैं उसकी कायल हूं। एक बार तो मैंने सिंधू को ऑनलाइन हेटर्स से बचाने के लिए फेक प्रोफाइल बनाई थी।"
सिंधू ने जताई खुशी
मनु को ओलंपिक में मिली दोहरी सफलता से सिंधू भी खुश हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए मनु का अपने क्लब में स्वागत किया है। उन्होंने लिखा, " बेहतरीन स्वीटहार्ट!!! दो ओलंपिक मेडल वाले क्लब में आपका स्वागत है। अभी और आगे जाना है।"
Olympics 2024, Hockey: हरमनप्रीत का शानदार गोल: 58 मिनट की पिछड़ने के बाद भारत ने अर्जेंटीना के खिलाफ खेला ड्रॉ
2 Aug, 2024 02:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कप्तान हरमनप्रीत सिंह के आखिरी मिनटों में किए गए गोल के दम पर भारत ने सोमवार को पेरिस ओलंपिक में अर्जेंटीना के खिलाफ मुकाबला 1-1 से ड्रॉ कर लिया। 58वें मिनट तक टीम इंडिया एक गोल से पीछे चल रही थी। यहीं भारत को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले जिसमें से हरमनप्रीत ने तीसरे प्रयास में गोल कर मैच बराबरी पर ला दिया। इसके बाद गोल नहीं हो सका और मैच बराबरी पर खत्म हुआ।भारत ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराया था। अब उसे आयरलैंड, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है। अगले दौर में जाने के लिए भारत को आगे के मैचों में बेहतर खेल दिखाना होगा। ओलंपिक खेलों के इतिहास में ये भारत और अर्जेंटीना के बीच दूसरा ड्रॉ मैच है। इससे पहले दोनों टीमों ने 2004 में 2-2 से ड्रॉ खेला था। अर्जेंटीना को उम्मीद थी कि वह भारत को हराकर अपना खाता खोल लेगा लेकिन हरमनप्रीत के गोल ने उसके अरमानों पर पानी फेर दिया।
अर्जेंटीना के गोलकीपर ने खड़ी की परेशानी
अर्जेंटीना इस मैच में भारत को लंबे समय तक गोल से महरूम रका और इसका कारण उसके गोलकीपर रहे, जिन्होंने कई शानदार बचाव करते हुए भारत के तमाम प्रयासों को नाकाम कर दिया। अर्जेंटीना ने इस मैच की तेज शुरुआत की और आक्रामक हॉकी खेली। हालांकि टीम इंडिया भी पीछे नहीं रही। दोनों ही टीमों की डिफेंस लाइन ने मुस्तैदी दिखाते हुए अटैकिंग लाइन को ज्यादा करीब नहीं आने दिया और नह ही फिनिश करने दिया।सातवें मिनट में भारत ने एक मौका बनाया था और बाएं छोर से अर्जेंटीना की डी में प्रवेश करने की कोशिश की थी। टीम इंडिया को हालांकि सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद अगले कुछ मिनटों तक भारत ने लगातार अर्जेंटीना की डी के पास अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और विपक्षी टीम को परेशानी में डाला। टीम इंडिया वन टच और शॉर्ट पास से अर्जेंटीना की डिफेंस लाइन पर दबाव बना रही थी। भात को इसका फायदा मिला और उसे नौवें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला था। इस समय हालांकि हरमनप्रीत मैदान पर मौजूद नहीं थे। भारत इस पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील नहीं कर सका।कुछ देर बाद अभिषेक ने राइट कॉर्नर से रिवर्स हिट पर गोल करने की कोशिश की लेकिन काफी करीब से चूक गए। 13वें मिनट में अर्जेंटीना को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला। यहां डर था कि कहीं अर्जेंटीना गोल न कर दे। लेकिन श्रीजेश नाम की दीवार ने उनके मंसूबो पर पानी फेर दिया। पहले क्वार्टर में दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं।
दूसरे क्वार्टर में दमदार शुरुआत
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिल गया। इस बार टीम इंडिया के कप्तान हरमनप्रीत ने पूरी कोशिश जो असफल रही। गेंद अर्जेंटीना के गोलकीपर के पैर से टकराकर बाहर चली गई। तुरंत ही भारत को तीसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार भी टीम का खाता नहीं खुल सका। लंबी कोशिश के बाद अर्जेटीना ने आखिरकार इस मैच का पहला गोल करते हुए अपना खाता खोल लिया। लुकास मार्टिनेस ने फील्ड गोल कर अर्जेंटीना को 1-0 से आगे कर दिया। ये उनके करियर में भारत के खिलाफ दूसरा गोल है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने भारत के खिलाफ अपना पहला गोल किया था। दूसरे क्वार्टर के आखिरी मिनटों में दोनों टीमों ने धैर्य दिखाया और कोई हड़बड़ी नहीं की क्योंकि दोनों ही टीमों की कोशिश काउंटर अटैक से बचने की थी। नतीजा ये रहा कि अर्जेंटीना ने इस क्वार्टर का अंत 1-0 की बढ़त के साथ किया। तीसरे क्वार्टर में भारत को गोल की सख्त जरूरत थी। उसने आते ही कोशिश करना शुरू किया। शुरुआत में एक करीबी मौका भारत के पास आया जो अर्जेंटीना के गोलकीपर की मुस्तैदी से चला गया। उन्होंने अपने पैर से गेंद को बाहर कर दिया। अर्जेंटीना भी अटैक करना शुरू किया और भारत की डी में प्रवेश किया। श्रीजेश के पास गेंद आई जिसे उन्होंने बाहर कर दिया। यहां हालांकि अर्जेंटीना को पेनल्टी कॉर्नर मिला। माइको कासेला का शॉट अर्जेंटीना के लिए दूसरा गोल नहीं ला सका। अर्जेटीना ने इस पर पेनल्टी स्ट्रोक की मांग की जो उसे मिल गया लेकिन माइको गेंद को को बाहर मार बैठे। अभिषेक ने 40 मिनट में एक बेहतरीन मौका बनाया। वह गेंद को लेकर गोलपोस्ट के सामने आए और घूमकर शॉट मारने की कोशिश की लेकिन गेंद बाहर चली गई। अर्जेंटीना को 42वें मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर मिल और दोनों ही मौकों पर वह फेल रहा। दो मिनट बाद भारत को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार भी भारत के पास से मौका चला गया। हरमनप्रीत सिंह गेंद को गोलपोस्ट में डाल नहीं पाए। दोनों टीमों आखिरी मिनट में पूरी कोशिश के बाद भी गोल नहीं कर पाईं और अर्जेंटीना ने इस क्वार्टर का अंत भी 1-0 की बढ़त के साथ किया।
आखिरी क्वार्टर में पलटा मैच
लग रहा था कि भारत इस मैच को हार जाएगा। लेकिन आखिरी दो मिनट में भारत को लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले और तीसरे मौके पर कप्तान हरमनप्रीत ने गेंद को नेट में डाल स्कोर बराबर कर दिया।
"कैसे Swapnil Kusale ने रेलवे नौकरी से शूटिंग में ओलंपिक मेडल तक का सफर तय किया"
2 Aug, 2024 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है, जबकि ऐश्वर्या प्रता सिंह तोमर चूक गए। फाइनल में पहुंचने के साथ ही कुसाले ने इतिहास रच दिया और वह इस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले भारत के पहले निशानेबाज बन गए। कुसाले क्वालीफाइंग दौर में 590 का स्कोर करके सातवें स्थान पर रहे, जबकि तोमर 589 का स्कोर करके 11वें स्थान पर रहे। चीन के लियू युकून 594 स्कोर करके शीर्ष पर रहे जो ओलंपिक क्वालीफिकेशन का रिकॉर्ड है।
धोनी से मिली प्ररेणा
कुसाले जब गुरुवार को फाइनल में उतरेंगे तो उनकी नजरें भारत की झोली में तीसरा पदक डालने पर होंगी। स्वप्निल कुसाले महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरणा लेते हैं जो करियर की शुरुआत में उन्हीं की तरह रेलवे में टिकट कलेक्टर थे। महाराष्ट्र के कोल्हापुर के कंबलवाड़ी गांव के रहने वाले 29 वर्ष के कुसाले 2012 से अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेल रहे हैं लेकिन ओलंपिक पदार्पण के लिए उन्हें 12 साल इंतजार करना पड़ा। धोनी की ही तरह 'कूल' रहने वाले कुसाले ने विश्व कप विजेता क्रिकेट कप्तान पर बनी फिल्म कई बार देखी।
फाइनल में पहुंचने के बाद कुसाले ने कहा, "मैं निशानेबाजी में किसी खास खिलाड़ी से मार्गदर्शन नहीं लेता, लेकिन अन्य खेलों में धौनी मेरे पसंदीदा हैं। मेरे खेल में भी शांतचित रहने की जरूरत है और वह भी मैदान पर हमेशा शांत रहते थे। वह भी कभी टीसी थे और मैं भी हूं।"
स्कूल में टीचर हैं पिता
कुसाले 2015 से मध्य रेलवे में काम करते हैं। उनके पिता और भाई जिला स्कूल में शिक्षक हैं और मां गांव की सरपंच हैं। अपने प्रदर्शन पर स्वप्निल ने कहा, "मेरा अभी तक अनुभव बहुत अच्छा रहा है। मुझे निशानेबाजी पसंद है और मुझे खुशी है कि इतने लंबे समय से कर पा रहा हूं। मनु भाकर को देखकर आत्मविश्वास आया है। वह जीत सकती है तो हम भी जीत सकते हैं। कुसाले ने कोल्हापुर में पूर्व निशानेबाज तेजस्विनी सावंत से प्रशिक्षण लिया है।"
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले निशानेबाज स्वप्निल कुसाले को महाराष्ट्र सरकार देगी 1 करोड़ रुपये का इनाम
1 Aug, 2024 10:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले निशानेबाज स्वप्निल कुसाले को अब महाराष्ट्र सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पुरस्कार की घोषणा की है. स्वप्निल के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ उन्हें ट्वीट कर बधाई दी बल्कि व्यक्तिगत तौर पर फोन करके भी बधाई दी. इसके अलावा महाराष्ट्र के कोने-कोने से उन्हें बधाई दी जा रही हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी टिप्पणी की है कि उन्हें स्वप्निल कुसाले पर गर्व है।
72 साल बाद महाराष्ट्र में व्यक्तिगत पदक
स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी की 50 मीटर राइफल स्पर्धा में थ्री पोजीशन में कांस्य पदक जीता। यह पदक महाराष्ट्र के लिए खास है. क्योंकि 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में खाशाबा जाधव ने कुश्ती में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था. इसके बाद कोल्हापुर के स्वप्निल कुसाले ने अब पदक जीता है और वो भी 72 साल बाद. स्वप्निल के रोल मॉडल टीम इंडिया के वर्ल्ड चैंपियन कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी हैं। ठीक वैसे ही जैसे धोनी अपने जीवन में एक टिकट कलेक्टर थे. इसी तरह स्वप्निल भी मध्य रेलवे में टिकट कलेक्टर के पद पर काम करते हैं। मैदान पर धोनी के शांत स्वभाव का असर आज उनकी शूटिंग में भी देखने को मिला. जिसके चलते वह सफलता के शिखर पर पहुंचे और स्वप्नील के सपनों के प्रदर्शन का जश्न विश्व स्तर पर मनाया गया।
रेलवे से अधिकारी पद पर पदोन्नत हुए
72 साल बाद किसी मराठी लड़के ने ओलंपिक में मेडल जीता है. स्वप्निल वर्तमान में मध्य रेलवे के पुणे डिवीजन में टीसी के पद पर कार्यरत हैं। यह मध्य रेलवे के लिए गौरव की बात है. मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राम करण यादव ने घोषणा की कि स्वप्नील को भारतीय रेलवे द्वारा उचित सम्मान दिया जाएगा और पेरिस से भारत आने पर तुरंत एक अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया जाएगा। मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राम करण यादव ने घोषणा की है कि रेल मंत्री स्वप्नील के लिए नकद इनाम की भी घोषणा करेंगे, इसलिए अब स्वप्नील मध्य रेलवे के एक अधिकारी के रूप में काम करना जारी रखेंगे।
मनु भाकर शूटिंग में शानदार प्रदर्शन और शिक्षा का संतुलन
31 Jul, 2024 07:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल यानी कांस्य पदक जीता और इसी के साथ इस आयोजन में भारत के पदकों का खाता खुला। तीन साल पहले टोक्यो में अपने ओलंपिक डेब्यू में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आंसू बहाने वाली भाकर ने अब अपनी पहले से ही शानदार उपलब्धियों की सूची में दो ओलंपिक कांस्य पदक और जोड़ लिया है। उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर मिक्स्ड टीम में भी कांस्य पदक हासिल किया है। 16 साल की उम्र में मनु भाकर ने कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। वर्तमान में वह पंजाब यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री कर रही हैं। यहां जानिए ओलंपिक मेडल विजेता भारतीय खिलाड़ी मनु भाकर ने कहां से और कितनी पढ़ाई की है।
ओलंपिक मेडल विजेता मनु भाकर कौन हैं?
मनु भाकर, एक मशहूर भारतीय खेल निशानेबाज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पिस्टल शूटिंग में अपने असाधारण कौशल से अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। हरियाणा के झज्जर की रहने वाली, मनु का जन्म 18 फरवरी, 2002 को हुआ था, और वह शूटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे होनहार युवा एथलीटों में से एक बन गई हैं।
14 साल की उम्र में शुरु की निशानेबाजी
चैंपियन मनु हमेशा से ही टेनिस, स्केटिंग और बॉक्सिंग जैसे खेल खेलना पसंद करती थीं। 14 साल की उम्र में उन्होंने निशानेबाजी में हाथ आजमाने का फैसला किया।
इस समय भी जारी है पढ़ाई
मनु भाकर ने अपनी स्कूली शिक्षा यूनिवर्सल पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। भाकर ने 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ऑनर्स डिग्री हासिल की। मनु भाकर इस समय पंजाब यूनिवर्सिटी से लोक प्रशासन में डिग्री हासिल कर रही हैं।
Paris Olympics 2024: स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल 3P इवेंट के फाइनल में पहुंचकर भारत का मान बढ़ाया
31 Jul, 2024 06:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शूटर स्वप्निल कुसाले ने पेरिस 2024 ओलंपिक शूटिंग के 50 मीटर राइफल 3P इवेंट के क्वालीफाइंग राउंड में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली। आपको बता दें, 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन क्वालीफाइंग इवेंट में कुल 40 निशानेबाजों ने प्रतिस्पर्धा की, जिसमें शीर्ष 8 शूटर फाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं। स्वप्निल ने नीलिंग पोजीशन (बैठकर निशाना लगाना) की दोनों सीरीज में 99 प्वाइंट हासिल करते हुए कुल 198 अंक बनाए और छठे स्थान पर रहे। वहीं, एशियन गेम्स रजत पदक विजेता ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने पहली सीरीज में 98 और दूसरी सीरीज मे 99 अंक हासिल करते हुए कुल 197 अंक के साथ 9वें स्थान पर रहे।
प्रोन पोजीशन (झुककर निशाना लगाना) के पहले राउंड में एश्वर्य ने परफेक्ट 100 पर निशाना साधते हुए स्वप्निल को पीछे छोड़ दिया। दूसरे राउंड में ऐश्वर्य और स्वप्निल दोनों ने 99 पर निशाना साधा और फाइनल की दौर में बने रहे। प्रोन सीरीज के बाद एश्वर्य कुल 396 अंकों के साथ छठे स्थान पर थे, तो वहीं स्वप्निल 395 अंकों के साथ 10वें स्थान पर काबिज़ थे। इसके बाद स्वप्निल ने स्टैंडिंग पोजीशन (खड़े होकर निशाना लगाना) के पहले राउंड में 98 अंक के साथ शुरुआत की लेकिन दूसरी ओर ऐश्वर्य ने पहले 95 अंक हासिल किया और वह 15वें स्थान पर पहुंच गए। इसके बाद स्वप्निल ने 97 तो वहीं ऐश्वर्य ने 98 अंक जुटाए। तीनों राउंड के बाद भारतीय शूटर स्वप्निनल कुसाले 590 अंकों के साथ 7वें स्थान पर रहे और प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाई। हालांकि, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने कुल 589 अंक हासिल किए और वह 11वें स्थान पर रहे और फाइनल की दौर से बाहर हो गए। पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन का फाइनल गुरुवार को होगा। भारत ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन स्पर्धा में ओलंपिक में कभी भी शूटिंग का पदक नहीं जीता है। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय ट्रैप निशानेबाज श्रेयसी सिंह और एशियाई खेल 2023 महिला टीम की रजत पदक विजेता राजेश्वरी कुमारी महिला फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं।
Paris Olympics 2024: अमित पंघल, जैस्मिन लेम्बोरिया और प्रीति पवार पेरिस ओलंपिक से हुए बाहर....
31 Jul, 2024 02:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के अमित पंघल मंगलवार को नॉर्थ पेरिस एरिना में जाम्बिया के पैट्रिक चिनयेम्बा से हारकर पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों के 51 किग्रा मुक्केबाजी स्पर्धा से हारकर बाहर हो गए। यह भारतीय मुक्केबाज के लिए मुश्किल मुकाबला था। इसके बाद में जैस्मीन लेम्बोरिया और प्रीति पवार को भी अपने-अपने मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा और टूर्नामेंट से बाहर हो गईं।
अमित पंघल को पुरुषों के 51 किग्रा राउंड ऑफ 16 में हार मिली। एशियन गेम्स के चैंपियन, पंघल एक करीबी मुकाबले के बाद जाम्बिया के तीसरी वरीयता प्राप्त पैट्रिक चिनयेम्बा से 4:1 से हार गए। आपको बता दें कि भारतीय बॉक्सर ने बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल 2022 के सेमीफाइनल में चिनयेम्बा को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। दो बार के अफ्रीकी चैंपियन चिनयेम्बा ने पहले दो राउंड में 3:2 के स्प्लिट डिसीजन से बढ़त बनाई और उत्तरी पेरिस एरिना में अंतिम राउंड सर्वसम्मत निर्णय से जीतने के लिए आगे बढ़े। तीन बार के एशियन चैंपियनशिप पदक विजेता अमित अपने दूसरे ओलंपिक में एक्शन में थे। 28 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज टोक्यो 2020 में भी राउंड ऑफ 16 में हार गए थे।
वहीं, भारतीय मुक्केबाज जैस्मीन लेम्बोरिया को महिलाओं के 57 किग्रा राउंड ऑफ 32 मैच में फिलीपींस की नेस्टी पेटेसियो से सर्वसम्मत निर्णय से हार मिली। कॉमनवेल्थ गेम्स की कांस्य पदक विजेता लेम्बोरिया ने आक्रामक अंदाज में मुकाबले की शुरुआत की। हालांकि, टोक्यो 2020 की रजत पदक विजेता पेटेसियो लचीला तीनों राउंड में प्रभावशाली पंच मारने में सफल रहीं।
जैस्मिन आमतौर पर 60 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करती हैं और इस डिवीजन में राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता हैं। हालांकि, जब परवीन हुडा के निलंबन के बाद भारत ने महिलाओं का 57 किग्रा बॉक्सिंग पेरिस 2024 कोटा गंवा दिया, तो जैस्मीन ने कोटा हासिल करने की कोशिश करने के लिए अपने भार वर्ग को छोड़कर 57 किग्रा में प्रतिस्पर्धा की। वह जून में बैंकॉक में विश्व ओलंपिक बॉक्सिंग क्वालीफायर में कोटा हासिल करने में सफल रहीं। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें मौजूदा ग्रीष्मकालीन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।
महिलाओं के 54 किग्रा में प्रीति पवार का अभियान भी पहले दिन समाप्त हो गया। 20 वर्षीय भारतीय ने अपने शुरुआती मुकाबले में वियतनाम की वो थी किम अन्ह को हराया था। वह प्री-क्वार्टरफाइनल में कोलंबियाई येनी एरियास से हार गईं। विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता और पूर्व पैन अमेरिकन गेम्स चैंपियन एरियस के खिलाफ करीबी मुकाबले में भारतीय युवा खिलाड़ी को 3-2 के स्प्लिट डिसीजन से हार का सामना करना पड़ा। कोलंबियाई मुक्केबाज ने टोक्यो 2020 में 57 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा की और पेटेसियो से हारने से पहले क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाई थी। दरअसल, यह वही मुक्केबाज है जिसने पहले दिन जैस्मिन को नॉकआउट किया था।
मंगलवार को इन तीनों मुक्केबाजों के बाहर होने के बाद भारत को पेरिस 2024 में बॉक्सिंग में तीन चुनौतियों का सामना करना होगा। निकहत जरीन ने महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में अपना राउंड ऑफ 32 का मुकाबला पहले ही जीत लिया है, जबकि टोक्यो 2020 की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (महिला 75 किग्रा) और निशांत देव (पुरुष 71 किग्रा) प्री-क्वार्टरफाइनल से अपने-अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।
लवलीना बोरगोहेन, पीवी सिंधु और निशानेबाजों पर टिकी हैं सभी की नजरें
31 Jul, 2024 01:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लवलीना ने टोक्यो 2020 में 69 किग्रा में कांस्य पदक जीता था, लेकिन अब वह पेरिस 2024 में महिलाओं के 75 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी। आपको बता दें कि 69 किग्रा अब ओलंपिक भार वर्ग का हिस्सा नहीं है। लवलीना एकमात्र वरीयता प्राप्त भारतीय मुक्केबाज के रूप में पेरिस 2024 में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं और दोपहर 3:50 बजे राउंड ऑफ 32 मुकाबले में नॉर्वे की सुन्नीवा हॉफस्टेड का सामना करेंगी। निशांत देव (पुरुष 71 किग्रा) अपने शुरुआती मुकाबले में इक्वाडोर के जोस गेब्रियल रोड्रिग्ज टेनोरियो से मुकाबला करेंगे। पेरिस 2024 में पीवी सिंधु के लिए यह आखिरी आसान मुकाबला हो सकता है। राउंड ऑफ 16 में उनका सामना पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की 9वीं रैंक पर काबिज़ हे बिंग जिओ से होगा और इसके बाद उनकी चुनौती और मुश्किल हो जाएगी। पुरुष एकल की बैडमिंटन रैंकिंग में 18वें स्थान पर मौजूद लक्ष्य सेन का भी दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी से कड़ा मुकाबला होगा। 13वीं वरीयता प्राप्त एचएस प्रणॉय के लिए पुरुष एकल ग्रुप K में दुनिया के 70वें नंबर के ले डुक फाट के खिलाफ आसान मुकाबला होगा, लेकिन नॉकआउट में आगे बढ़ने के लिए उन्हें भी जीत की जरूरत है।
पिछले साल एशियाई खेलों में सबसे सफल भारतीय निशानेबाज ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर हमवतन स्वप्निल कुसाले के साथ पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन के क्वालीफाइंग दौर में हिस्सा लेंगे। चार बार की ओलंपियन दीपिका कुमारी और तरुणदीप राय राउंड ऑफ 64 में प्रतिस्पर्धा करेंगे और तीरंदाजी में भारत के लिए पहला ओलंपिक पदक जीतने की कोशिश करेंगे। महिलाओं की प्रतियोगिता में दीपिका का मुकाबला दोपहर 3:56 बजे एस्टोनिया की रीना परनाट से होगा, जबकि पुरुषों की प्रतियोगिता में तरुणदीप का मुकाबला रात 9:28 बजे ग्रेट ब्रिटेन के टॉम हॉल से होगा। मनिका बत्रा, जो सोमवार को ओलंपिक में राउंड ऑफ 16 में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं, वह महिला एकल में क्वार्टरफाइनल में जगह बनाने के लिए मुकाबला करेंगी। उनके प्रतिद्वंद्वी की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
"चाय की केतली से मिली प्रेरणा: Tokyo से Paris तक मनु की सफलता की कहानी"
30 Jul, 2024 12:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक-2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज हैं। मनु के लिए ये पदक अहम है क्योंकि तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक में वह इससे महरूम रह गई थीं। टोक्यो में मुन की बंदूक खराब हो गई थी और इसी कारण वह मेडल की रेस से बाहर हो गईं थीं। मनु इसके बाद बेहद निराश, हताश हो गई थीं। वह इतनी उदास थीं कि कुछ समय के लिए उनके मन में निशानेबाजी को छोड़ने का ख्याल तक आया था। लेकिन फिर केरल के चेरई में छुट्टियां बिताते हुए मनु को चाय की केतली से प्रेरणा मिली और वह शूटिंग रेंज में दोबारा उतरने को तैयार थीं। तब से मनु ने अपना पूरा दम लगा दिया और नतीजा ये रहा कि तीन साल बाद मनु के गले में ओलंपिक मेडल है।
वापसी की मची तलब
चेरई के अपने होटल के कमरे में मनु अकेली थीं। तभी उन्होंने चाय की केतली उठाई और फिर जो हुआ उसने मनु को अगली फ्लाइट से वापस दिल्ली आने और अपनी तैयारी को अंजाम देने को मजबूर कर दिया। मनु ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया, "अचानक से मैं सफेद दीवार के सामने केतली लेकर खड़ी थी जो पानी से भरी थी। उस समय मैं रेस्टलेस हो रही थी। मुझे वापसी की जरूरत थी।" भरी हुई केतली उठाना निशानेबाजों के अभ्यास का हिस्सा है। टोक्यो में मनु ने डेब्यू किया था लेकिन जो अच्छा नहीं रहा था। इस पर मनु ने कहा, "वो मेरे जीवन की सबसे खट्टी यादों में से है।" मनु मान चुकी थीं कि खत्म हो चुकी हैं। लेकिन जब उनको चाय की केतली पकड़ते समय परेशानी हुई तो उन्होंने तुरंद अगली फ्लाइट दिल्ली की ली और रैंज पर वापसी की।
जूनियर कॉम्पटीशन से की शुरुआत
वह इस खेल को कितना पसंद करती हैं इस बात को जानने के लिए मनु को पहले इस खेल से दूर रहना पड़ा। लेकिन जब उन्हें पता चला कि वह निशानेबाजी को अब भी चाहती हैं तो उन्होंने शून्य से शुरुआत की। मनु ने कहा, "इससे पहले सभी कॉम्पटीशन में मैं एक तरह का दबाव लेती थी। लेकिन फिर मैंने ध्यान देना छोड़ दिया कि मैं कैसा खेल दिखा रही हूं। मैं बस निशाना लगाना चाहती थी। चाहे अच्छा हो या बुरा। ये बहुत रिफ्रेशिंग है।"