छत्तीसगढ़
सफलता की कहानी
2 Jun, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर : एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से (RSETI) ग्रामीण क्षेत्रे के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिल रहे हैं। केन्द्र से विभिन्न विधाओं में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। प्रशिक्षण के पश्चात् बैंक लिंक के माध्यम से उन्हें ऋण की सुविधा भी दी जा रही है। विशेषकर बीपीएल कार्डधारी परिवारों के लिए यह संस्थान वरदान बनकर सामने आया है जहां उन्हें सभी सुविधाएं निःशुल्क मिल रही है। संस्थान में इन दिनों राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें 22 महिलाएं शामिल है, स्व सहायता समूह की ये महिलाएं न सिर्फ दीवारें बना रही हैं, बल्कि अपने भविष्य की नींव भी मजबूत कर रही हैं। महिलाओं ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि शासन की योजनाओं से अब ग्रामीण महिलाएं भी आगे बढ़ रही है।
कोनी स्थित प्रशिक्षण केंद्र में एक माह के राज मिस्त्री प्रशिक्षण के लिए आई ग्राम तुर्काडीह की श्रीमती ममता यादव और गायत्री खांडे ने बताया कि उन्हें यहां न सिर्फ व्यावसायिक ज्ञान मिल रहा है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम जैसे ग्रामीण महिलाएं भी तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती हैं और कुछ कर सकती हैं, ममता ने कहा। अब हम खुद भी काम कर सकेंगे और दूसरों को भी सिखा सकेंगे। ग्राम मानिकपुरी की श्रीमती शांता मरावी ने बताया कि वह स्वयं की आजीविका कमाना चाहती थीं, उन्हें जब स्व सहायता समूह से इस प्रशिक्षण की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत भाग लेने का निर्णय लिया। शांता कहती हैं, यहां रहने और खाने की बहुत अच्छी व्यवस्था है और वह भी पूरी तरह मुफ्त। इससे हम पूरे ध्यान से प्रशिक्षण ले पा रहे हैं,जिसके बाद हमें अपने गांव में ही प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बनने वाले आवास में काम मिल सकेगा।
एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक नरेंद्र साहू ने बताया कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बीपीएल परिवारों को व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यहां 18 वर्ष से ऊपर के बीपीएल परिवारों के ग्रामीण युवा और महिलाएं, जो बेरोजगार हैं, उन्हें विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें बैंकों से जोड़ा जाता है, जिससे वे स्वरोजगार के लिए ऋण ले सकें। साथ ही हम तकनीकी सहयोग प्रशिक्षण के बाद भी जारी रखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान हर साल 1000 से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षण देता है। यहां प्रशिक्षण लेने वाले युवक और महिलाएं दर्जी, ब्यूटी पार्लर, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, जैविक खेती, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, बेकिंग, कुकिंग, बागवानी, ज्वेलरी मेकिंग, मोबाइल रिपेयरिंग जैसे अनेक क्षेत्रों में दक्षता हासिल कर रहे हैं।
सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्य को सार्थक करता यह संस्थान ग्रामीण समुदायों को नई दिशा दे रहा है। महिलाएं, जो कभी घरेलू कामों तक सीमित थीं, अब ईंट-गारे से लेकर निर्माण योजनाओं में योगदान दे रही हैं। इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि गांवों में भी महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। संस्थान द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण से ग्रामीण महिलाएं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिल रहे है जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है साथ ही देश की आर्थिक तरक्की में भी वे अब अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सुदूर वनांचल की दीदियां बनीं मिसाल
2 Jun, 2025 09:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोरिया : कोरिया जिले के सोनहत जनपद के सुदूर वनांचल ग्राम पंचायत लटमा की महिलाएं अब प्लास्टिक कचरे से कमाई कर रही हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत स्थापित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई से अब तक 23 टन प्लास्टिक कचरे का संग्रहण किया गया है, जिसमें से 12 टन कचरे को प्रोसेस कर रीसाइक्लिंग के लिए बेच दिया गया है। इससे 80 हजार रुपए की आमदनी हो चुकी है।
इस योजना का संचालन ग्राम की स्व सहायता समूह की चार महिलाओं द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें स्थानीय लोग अब ‘स्वच्छता दीदी’ के नाम से जानते हैं। न केवल उन्होंने रोजगार पाया है, बल्कि ग्राम पंचायत को भी 5,000 रुपए की आमदनी हुई है।
कबाड़ से कमाई
जनपद पंचायत सोनहत की सभी 42 ग्राम पंचायतों से प्लास्टिक कचरे का संग्रहण किया जाता है। इसके लिए 6 रूट तैयार किए गए हैं। हाट-बाजार, ढाबा, होटल, दुकान और पर्यटन स्थलों से प्लास्टिक एकत्र कर लटमा स्थित केंद्र में लाया जाता है। यहां कचरे को प्रोसेस कर रीसाइक्लिंग के योग्य बनाया जाता है। प्रसंस्कृत प्लास्टिक को श्याम ट्रेडर्स (कोरबा) और जायसवाल ट्रेडर्स (चिरमिरी) जैसी कंपनियों को बेचा जा रहा है। इसके साथ ही स्थानीय कबाड़ियों को भी यूनिट से जोड़ा गया है, जिससे विक्रय प्रक्रिया को और गति मिली है।
गांधी जयंती पर हुई थी शुरुआत, अब बन रहा मॉडल
इस केंद्र की शुरुआत 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर की गई थी। इसका संचालन पीपीपी मॉडल के तहत किया जा रहा है। केंद्र की प्रोसेसिंग क्षमता 2 टन प्रतिदिन है। अब-तक यहां से 9 टन प्लास्टिक बेचा जा चुका है, जबकि 3 टन स्टॉक में रखा गया है, जिसे जल्द ही विक्रय किया जाएगा।
महिलाओं को मिला आत्मनिर्भरता का रास्ता
इस पहल से स्वच्छता दीदियों को 12,000 रुपए तक का सीधा लाभ मिला है। प्लास्टिक विक्रय से अन्य पंचायतों की महिलाओं को भी लाभ हो रहा है। यह पूरी प्रणाली एक सतत और लाभकारी मॉडल के रूप में उभर रही है, जिसे जिले के अन्य ग्राम पंचायतों में भी लागू करने की तैयारी है।
धरती आबा अभियान से बदलेगी कोरिया की तस्वीर‘
2 Jun, 2025 09:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोरिया : भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा कोरिया जिले को ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान‘ के अंतर्गत जिले के 154 आदिवासी बहुल ग्रामों का चयन किया गया है, जिन्हें समग्र विकास की मुख्यधारा में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह अभियान कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी के मार्गदर्शन में संचालित होगा, जिसके तहत ग्राम स्तर पर जागरूकता शिविर, सरकारी सेवाओं की उपलब्धता और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार को प्राथमिकता दी जाएगी। सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अंतराल की पहचान कर अभिसरण और संतृप्तिकरण के माध्यम से विकास सुनिश्चित करना है।
15 जून से 30 जून तक चलेगा विशेष शिविर अभियान
अभियान के अंतर्गत जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक ग्राम और क्लस्टर स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें दस्तावेज संबंधी सेवाएं, आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे। आजीविका एवं कृषि से सम्बंधित किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, मुद्रा ऋण, पीएम विश्वकर्मा, सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग पेंशन, बीमा कवरेज, जन-धन खाते का लाभ दिया जाएगा। महिला एवं बाल कल्याण द्वारा टीकाकरण, पीएम मातृत्व वंदना योजना, आईसीडीएस सेवाएं, बुनियादी सुविधाएं के तहत सड़क, बिजली, पानी, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, पक्के मकान और शिक्षा और कौशल विकास के तहत आवासीय विद्यालय, छात्रावास, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर आदि लाभ इन आदिवासी ग्रामीणों को मुहैया कराया जाएगा।
कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने बताया कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देश पर यह कार्य किया जा रहा है। ‘धरती आबा अभियान‘ जिले के लिए एक सुखद परिवर्तनकारी पहल साबित हो सकती है, जो आदिवासी गांवों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जिला प्रशासन ने जनजातीय समुदाय से विशेष अनुरोध किया है कि वे इन शिविरों में भाग लें और योजनाओं का लाभ उठाकर अपने गांव और जीवन को सशक्त बनाएं।
राज्यपाल डेका ने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले स्वर्गीय अग्रवाल के परिजनों को दी 2 लाख रूपये की सहायता राशि
2 Jun, 2025 09:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले रायपुर निवासी स्वर्गीय दिनेश अग्रवाल के परिजनों को आज यहां राजभवन में 2 लाख रूपए की सहायता राशि संबंधी चेक प्रदान किया।
इस अवसर पर विधायक सुनील सोनी एवं पुरंदर मिश्रा उपस्थित थे।
प्लास्टिक मुक्त रायपुर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी – अरुण साव
2 Jun, 2025 09:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज रायपुर के तेलीबांधा तालाब में ‘हरित स्वच्छता अभियान’ का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया। अभियान के तहत लोगों को प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जाएगा। पूरे प्रदेश में यह अभियान संचालित की जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्वच्छता जागरूकता के लिए आयोजित वॉकेथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को रायपुर को प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की शपथ दिलाई। साव एवं अन्य अतिथियों ने तेलीबांधा तालाब के किनारे झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया और दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता को शामिल करने के लिए प्रेरित किया। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, विधायकगण सर्वमोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा तथा महापौर मीनल चौबे भी शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुईं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित पांच दिवसीय "हरित भारत-स्वच्छ भारत" अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि पर्यावरण का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आज विश्व में पर्यावरण संरक्षण एक बड़ी चुनौती है। ‘हरित भारत-स्वच्छ भारत’ के संकल्प के तहत हम रायपुर और पूरे प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में संकल्पित होकर कार्य करेंगे। प्लास्टिक मुक्त रायपुर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है क्योंकि राजधानी से पूरे प्रदेश में जागरूकता का संदेश जाता है।
उप मुख्यमंत्री ने 'हरित स्वच्छता अभियान' का किया प्रदेशव्यापी शुभारंभ
उप मुख्यमंत्री ने 'हरित स्वच्छता अभियान' का किया प्रदेशव्यापी शुभारंभ
उप मुख्यमंत्री साव ने बताया कि भारत दुनिया में प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है। देश में हर दिन करीब 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इस प्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा ठीक से इकट्ठा नहीं किया जाता है, जिससे नदियां प्रदूषित होती हैं, नालियां बंद हो जाती हैं, मिट्टी दूषित हो जाती है तथा गलती से इसे खाने वाले जानवरों को नुकसान पहुंचता है। स्वच्छ भारत अभियान जैसे आंदोलनों ने नागरिकों को अपने आसपास की सफाई करने और कचरे का बेहतर प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत भी इस समस्या को हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। सरकार ने प्लास्टिक के स्ट्रॉ, कटलरी और पॉलीथीन बैग जैसी कई सिंगल-यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया है। देशभर में इस दिशा में नवाचार हो रहे हैं। पुणे, चेन्नई और इंदौर जैसे शहर पुनर्नवीनीकृत प्लास्टिक का उपयोग कर सड़कें बना रहे हैं, जिससे सड़कें मजबूत हो रही हैं और प्लास्टिक अपशिष्ट में कमी आ रही है।
उप मुख्यमंत्री ने 'हरित स्वच्छता अभियान' का किया प्रदेशव्यापी शुभारंभ
उप मुख्यमंत्री साव ने कार्यक्रम स्थल पर महिला स्वसहायता समूहों द्वारा कपड़े से बने थैलों के वितरण के लिए बनाए गए कियोस्क का शुभारंभ किया। पॉलिथीन के उपयोग को रोकने के लिए डे-एनयूएलएम के सहयोग और स्वसहायता समूहों की सहभागिता से तेलीबांधा तालाब परिसर में पांच फैब्रिक बैग वितरण कियोस्क स्थापित किए गए हैं। कियोस्क में महिलाओं ने उप मुख्यमंत्री तथा अन्य अतिथियों को कपड़े के थैले भेंट किए। 5 जून तक चलने वाले पांच दिवसीय "हरित भारत-स्वच्छ भारत" अभियान के अंतर्गत आर.आर.आर. (रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल) सेंटर्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। साव ने नागरिकों से अपील की कि वे कपड़े, किताबें और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इन आर.आर.आर. सेंटर्स में दान कर रायपुर को स्वच्छ और हरित बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
मानव संस्कृति में प्रकृति को विकृत नहीं, संरक्षित करने की परंपरा - वन मंत्री केदार कश्यप
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी मानव संस्कृति में प्रकृति को विकृत करने की नहीं, बल्कि उसे संरक्षित करने की परंपरा रही है। छत्तीसगढ़ देश के सबसे ज्यादा वन क्षेत्र वाले राज्यों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत इस वर्ष हमने 2.75 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा है। गत वर्षों में हमारे वन क्षेत्र में वृद्धि देखने को मिल रही है जो खुशी की बात है। शहरी क्षेत्रों में जन-जागरण के लिए यह महत्वपूर्ण आयोजन है क्योंकि स्वच्छ घर से स्वच्छ वार्ड और स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प पूरा होता है।
बहनें ठान लें तो कोई भी अभियान सफल हो सकता है – महापौर मीनल चौबे
महापौर मीनल चौबे ने कार्यक्रम में कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सभी का सहयोग और सहभागिता जरूरी है। हमारी बहनें ठान ले तो कोई भी अभियान सफल हो सकता है। हम कम से कम प्लास्टिक उपयोग करने का प्रण लें। प्लास्टिक की वजह से जो कचरा होता है उससे नाले-नालियां जाम होती हैं और बरसात में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। ठेलों और होटलों में प्लास्टिक डिस्पोजेबल्स के उपयोग को रोकने के लिए नगर निगम गंभीरता से प्रयास करेगा।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संचालक आर. एक्का, रायपुर नगर निगम के आयुक्त विश्वदीप, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय और अतिरिक्त सीईओ दुष्यंत कुमार रायस्त सहित नगर निगम के एमआईसी सदस्य, जोन अध्यक्ष, पार्षदगण, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं संगठनों के प्रतिनिधि भी 'हरित स्वच्छता अभियान' के शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद थे।
औषधि परीक्षण में 03 दवाएं अमानक, नशीली दवाओं के खिलाफ छापेमारी तेज
2 Jun, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ में आमजन को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे निरीक्षण अभियान के तहत राज्य के विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए औषधि नमूनों की जांच में पांच दवाएं अमानक पायी गई हैं।
विभागीय जानकारी के अनुसार, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सक्ति, राजनांदगांव, कोंडागांव, सूरजपुर सहित अन्य जिलों से कुल 34 औषधि नमूनों को एकत्र कर रायपुर स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था। मई 2025 में जांच उपरांत इनमें से 03 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।
अमानक घोषित दवाएं:
विल्डमेड टैबलेट (बैच नं. VGT 242068A) – निर्माता: वृंदावन ग्लोबल, सोलन (हि.प्र.)
रिफलीवे एम टैबलेट (बैच नं. HG 24080598) – निर्माता: आई हील फार्मास्युटिकल्स, बद्दी (हि.प्र.)
डोंलोकैर डी एस सस्पेंशन (बैच नं. DCN-002) – निर्माता: क्विक्सोटिक फार्मा, मोहाली (पंजाब)
इन दवाओं का उपयोग मधुमेह, बुखार व संक्रमण जैसे रोगों के उपचार में किया जाता है। विभाग द्वारा संबंधित उत्पादकों एवं वितरकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, "जनस्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमानक औषधियां बेचने या वितरित करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार राज्य में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। सभी औषधि विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे केवल मान्यता प्राप्त व प्रमाणित दवाएं ही विक्रय करें।"
नशीली दवाओं के विरुद्ध सख्ती:
राज्यभर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए औषधि निरीक्षकों की टीमों द्वारा मेडिकल स्टोर्स पर लगातार छापेमारी की जा रही है। शासन के निर्देश पर सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरे से युक्त किए जाने की दिशा में भी तेजी से कार्य जारी है।
तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष अभियान:
विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) के अवसर पर राज्य में विशेष अभियान चलाया गया। औषधि निरीक्षकों द्वारा कोटपा अधिनियम, 2003 की धारा 4 व 6 के तहत शिक्षण संस्थानों के समीप पान दुकानों और सार्वजनिक स्थलों पर 249 चालान जारी किए गए। प्रत्येक पर ₹100 की दर से जुर्माना लगाया गया।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे दवाओं की खरीद करते समय गुणवत्ता और वैधता की जांच अवश्य करें तथा संदिग्ध औषधियों की सूचना विभाग को दें।
"बुद्ध महोत्सव को मिलेगा बढ़ावा: CM साय ने की 25 लाख की घोषणा, 94 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन"
2 Jun, 2025 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
CG News: छत्तीसगढ़ ने बौद्ध धर्म से जुड़ी सुंदर स्मृतियों को अपनी अमूल्य विरासत के रूप में सहेज कर रखा है। हमारा सौभाग्य है कि भगवान बुद्ध की चेतना का प्रसार समकालीन छत्तीसगढ़ में व्यापक रूप से हुआ और बस्तर की पुण्य धरा इसके साक्ष्य मिले हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज कोण्डागांव जिले के भोंगापाल में भगवान बुद्ध की जयंती के अवसर पर आयोजित बुद्ध महोत्सव और लोकार्पण व भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर कोण्डागांव जिले में 94 करोड़ 18 लाख रूपए से अधिक की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास कर जिलेवासियों को बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री और अतिथियों ने भगवान बुद्ध के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
साय ने कहा कि भोंगापाल का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व इतना अधिक है कि आज यहां जनसैलाब उमड़ पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर में शांति स्थापना और विकास के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षाे में हमने जो विकास किया है इसे आप सभी जानते है और लाभान्वित भी हो रहे हैं। हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सभी गारंटियों को पूरा करने का काम किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पलेना एवं परोदा नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण, भोंगपाल बुद्ध महोत्सव के आयोजन के लिए 25 लाख रूपए, सांस्कृतिक दलों को बढ़वा देने के लिए उनके वेश भूषा पहनावा ढोल मांदर सांस्कृतिक गतिविधियों तथा भोंगपाल को सांस्कृतिक पर्यटन क्षेत्र के उन्नयन के लिए एक करोड़ रूपये स्वीकृत किए जाने की घोषणा की।
"सेल्फी का शौक बना जानलेवा: तीरथगढ़ जलप्रपात में गिरकर पर्यटक की मौत"
2 Jun, 2025 02:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Accident: झमाझम बारिश से बस्तर की वादियां एक बार फिर खुशनुमा हो गई है। ऐसे में इसका लुफ्त उठाने के लिए सैलानियों का बस्तर पहुंचना शुरू हो गया है। इस बीच हादसे की भी खबरें आ रही है। रविवार की सुबह बस्तर के विश्व प्रसिद्ध तीरथगढ़ जलप्रपात में एक नाबालिग की डूबकर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक अपने परिजनों के साथ विशाखापट्टनम से बस्तर घुमने आया था।
Accident: तीन घंटे की मशक्कत के बाद मिली लाश
युवक का शव एसडीआरएफ की टीम द्वारा तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। दरभा थाना से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह लगभग 9 बजे विशाखापत्तनम से आये 8 सदस्यीय परिवार के लोग जलप्रपात के सुंदर दृष्यों को फोटो और वीडियो के माध्यम से शूट कर रहे थे इसी बीच साई सात्विक 17 वर्ष पिता रवि शंकर तीरथगढ़ जलप्रपात में सेल्फी लेने के दौरान नीचे कुंड में जा गिरा।
पैर फिसला और कुंड में गिरा
इस घटना के बाद उनके परिजनों में हड़कंप मच गया और युवक को पानी में तलाश करने की कोशिश करने लगे कोई पता नहीं चलने पर आसपास के सुरक्षा कर्मियों और पुलिस की मदद मांगी गई। मामले की जानकारी नगर सेना को दी गई जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत के बाद युवक का शव बरामद कर सका। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक युवक का पैर फिसलने से वह सीधे कुंड में जा गिरा और डूब गया। शव बरामद होते ही पुलिस ने पोस्टमार्टम के पश्चात युवक के शव परिजनों को सौप दिया है।
कोरोना के नए वेरियंट JN-1 को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, तैयारियां हुई तेज
2 Jun, 2025 12:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Covid 19: कोविड-19 के नए वेरियंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग अब अलर्ट हो गया है। लोगों को सतर्क रहने के साथ लक्षण दिखने पर जांच कराने की अपील की है। इसके अलावा जिला अस्पताल के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड की व्यवस्था की गई है। देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि को देखते हुए शासन ने सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
इसी क्रम में महासमुंद जिले में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। शासन द्वारा 28 मई 2025 को जारी निर्देशों के अनुपालन में विशेष कर इंलूएंजा लाइक इलनेस, सवर एक्युट रेसपिरेट्री इंफेक्शन प्रकरणों को सर्विलेंस किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कोविड-19 प्रबंधन के लिए आईसीयू, वेंटिलेटर की व्यवस्था और आईएचआईपी पोर्टल में नियमित रिपोटिंग करने सभी स्वास्थ्य कार्यकताओं को कहा गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी कुदेशिया ने बताया कि जिले में कोविड से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह जिला चिकित्सालय में 6 बेड आईसीयू विथ वेंटिलेटर आरक्षित है और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर 2-2 बेड आरक्षित रखे गए हैं।
इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, सर्दी-खांसी जैसे लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य में जाकर जांच व उपचार करवाएं। बार-बार हाथ धोने और स्वच्छता बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतें। वर्तमान में जिले में कोविड के कोई सक्रिय मामले नहीं है, लेकिन किसी भी संभावित लहर के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है।
हाथों को रेगुलर तौर पर साबुन एवं साफ पानी से हाथ धोएं, अस्पताल एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का उपयोग करें, बिना धुले हाथों से आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें, संक्रमित व्यक्तियों से दुरी बनाए रखें। छींकते और खांसते समय मुंह को रूमाल, कपड़े से अवश्य ढकें। श्वसन तंत्र संबंधी लक्षण बीमारी होने पर घर पर ही रहें, इयूनिटी मजबूत करने वाला भोजन करें। हाई रिस्क, आयु समूह, नवजात शिशुओं और छोटे बच्चे, कमजोर इयूनिटी वाले व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सावधानी बरतें।
"छत्तीसगढ़ की अविलोकिता ने लहराया परचम, ऑल इंडिया रैंक-2 हासिल कर एनएलयू बेंगलूरु में प्रवेश"
2 Jun, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
CG News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की अविलोकिता केशरवानी ने नेशनल लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट (एनएलएसएटी) में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल किया है। इसके कारण उसे देश के सर्वोच्च विधि संस्थान नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलयू) बेंगलूरु में प्रवेश मिला है।
अवलोकिता के डॉ. विवेक केशरवानी और डॉ. नंदिता केशरवानी की बेटी है। वे रायपुर के सुयश हॉस्पिटल में चिकित्सा सेवा दे रहे हैं। उन्होंने अपनी बेटी की उपलब्धि पर कहा कि यह सफलता उसके अनुशासन, मेहनत और संतुलित दृष्टिकोण का परिणाम है। अविलोकिता अपनी सफलता पर कहती है कि यह एक दिन की मेहनत नहीं, बल्कि वर्षों की तैयारी, धैर्य और आत्मविश्वास का फल है।
मैंने कभी केवल रैंक को लक्ष्य नहीं बनाया, बल्कि विषय को समझने और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश की। परिवार और शिक्षकों का मार्गदर्शन हमेशा साथ रहा। उसने कहा कि पढ़ाई के साथ मानसिक संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक होता है और इसके लिए उन्होंने नियमित व्यायाम, किताबें पढऩा और शांत समय बिताना अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाया।
कबीरधाम ज़िले के 52 हजार से अधिक ग्रामीणों ने पानी बचाने एक साथ लिया संकल्प
1 Jun, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कवर्धा : आगामी वर्षा ऋतु में जल संरक्षण कर भू-जल स्तर में वृद्धि करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक करने का कार्य कबीरधाम जिले में जोर-शोर से चल रहा है। इसी कड़ी में आज मोर गांव मोर पानी महा अभियान अंतर्गत जिले के ग्रामीण अंचलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत रोजगार करने वाले 52 हजार 8 सौ से अधिक ग्रामीणों ने एक साथ जल संरक्षण की शपथ लेकर सभी के लिए मिसाल पेश की। तालाब निर्माण कार्य, डबरी निर्माण कार्य, तालाब गहरीकरण कार्य, अमृत सरोवर निर्माण, पशु शेड निर्माण, नाला पुनरूद्धार कार्य एवं प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास निर्माण जैसे अनेक कार्यों में लगे सदस्यों ने यह शपथ ली। निर्माण कार्य में लगे ग्रामीणों को मैदानी कर्मचारियों तकनीकी सहायक एवं ग्राम रोजगार सहायक द्वारा भू-जल स्तर में वृद्धि करने के विषय में जानकारी दी गई, जल संरक्षण नहीं होने से गांव में इसके दुष्परिणाम पर विस्तार से बात की गई। ग्रामीणों को प्रेरित किया गया कि वह अपने घरों के साथ खेतो में वृक्षारोपण करें। परंपरागत स्रोतों के माध्यम से बरसात के पानी को रोक तथा समाज के सभी वर्गों को जागृत करने के लिए ग्रामीण आगे आकर अपना योगदान दे। ग्रामीणों ने शपथ लेकर संकल्प लिया कि वह मोर गांव मोर पानी महा अभियान का हिस्सा बनकर अपने पृथ्वी को हरा भरा रखने में पूरा योगदान करेंगे।
समायोजन के बाद भी जनपद प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला भर्रापारा अपने पुराने नाम से ही जाना जाएगा
1 Jun, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जनपद प्राथमिक शाला भर्रापारा पेण्ड्रा ब्रिटिश काल से संचालित एक ऐतिहासिक विद्यालय है। इसी परिसर में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भी संचालित है। राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के तहत इन दोनो विद्यालयों का एकीकरण किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इनके ऐतिहासिक स्थिति को बनाए रखने के निर्देशों का यथावत पालन करते हुए और इस स्कूल से जुड़ी सामान्यजन की आस्था को बरकरार रखा गया है। दोनों शालाओं के समायोजन के पश्चात यह शाला अपने पुरातन नाम से ही जाना जाएगा।
गौरतलब है कि शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने की पहल के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को इस तरह से सुधारना कि सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो और कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के नहीं रहे।
चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय महाधिवेशन में शामिल हुए मुख्यमंत्री साय
1 Jun, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज का अतीत गौरवशाली रहा है। समाज में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे प्रतापी शासक हुए, वहीं सरदार वल्लभभाई पटेल जैसी महान विभूतियाँ हुईं, जिन्होंने देशी रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज न केवल परिश्रम और स्वाभिमान का प्रतीक है, बल्कि यह समाज छत्तीसगढ़ के विकास का आधार स्तंभ भी है। छत्तीसगढ़ को नई दिशा और विकसित राज्य बनाने में इस समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री साय आज दुर्ग जिले के ग्राम कोलिहापुरी में आयोजित चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय महाधिवेशन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा तथा विधायक अजय चन्द्राकर, गजेन्द्र यादव एवं ललित चन्द्राकर विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के अधिकांश लोग मूल रूप से किसान हैं और व्यापक स्तर पर कृषि कार्य से जुड़े हैं। प्रदेश सरकार किसान भाइयों के चेहरों पर हमेशा खुशी देखना चाहती है। सरकार लगातार किसान भाइयों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। इस समय ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में 29 मई से 12 जून 2025 तक चल रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को किसानों से सीधे जोड़ना और नई कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं तथा सफल कृषि मॉडलों की जानकारी देना है। कृषि वैज्ञानिकों के 100 समूह छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में किसानों से संवाद कर रहे हैं। ये वैज्ञानिक किसानों को ऑर्गेनिक खेती, खाद और ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ के सही उपयोग के बारे में जागरूक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ का हर किसान तकनीकी रूप से सक्षम हो और उनकी आय में वृद्धि हो।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में खेती-किसानी तभी मजबूत होगी जब किसान भाइयों को उनकी उपज की सही कीमत मिलेगी। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने विधानसभा चुनाव के समय गारंटी दी थी कि प्रदेश में सरकार बनने पर किसानों को दो साल का बकाया बोनस दिया जाएगा। इसे पूरा करते हुए हमने किसानों के खातों में सरकार बनते ही राशि अंतरित की। मोदी जी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ में किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की जा रही है। बीते खरीफ सीजन में राज्य में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज की पूरी कीमत मिल रही है। धान खरीदी के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, जिससे प्रदेश में खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। प्रदेश में सिंचाई के संसाधनों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन को भी प्राथमिकता दी जा रही है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए गरीब परिवारों को दो-दो दुधारू पशु दिए जाएंगे, जिनकी देखभाल की जिम्मेदारी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को सौंपी गई है। किसानों को दूध बेचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए दुग्ध एकत्र करने के लिए भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में मिलेट्स (कोदो, कुटकी और रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोसेसिंग संयंत्र की स्थापना की जा रही है। यह अनाज पहले गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन अब यह पोषणयुक्त होने के कारण उच्च वर्ग में भी लोकप्रिय हो रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने नई औद्योगिक नीति बनाई है, जिसमें प्रदेश की जरूरत के हिसाब से उद्योग की स्थापना के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। हमारी सरकार का संकल्प है – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। इसी भावना से हम समाज के हर वर्ग के लिए योजनाएँ बना रहे हैं और उन्हें कार्यरूप में परिणत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ लागू की गई हैं। महतारी वंदना योजना के तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं और सिलाई, कढ़ाई, सब्ज़ी उत्पादन जैसे कार्यों से अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना को एक बार फिर शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलला दर्शन योजना के तहत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने अवगत कराया कि सुशासन तिहार में छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों का दौरा किया। योजनाओं की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग की और जनता जनार्दन से फीडबैक लिया। तीन चरणों में संपन्न सुशासन तिहार में 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता और डिजिटल व्यवस्था की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अधिकांश कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन और समाज को बेहतर बनाने का जरिया है। प्रदेश में आईआईटी, आईआईआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज जैसे प्रमुख संस्थान स्थापित किए गए हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उन्हें समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कुर्मी समाज की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज उन्नत कृषक और व्यापारी समाज है, जो छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह समाज न केवल खेती और व्यापार में अग्रणी है, बल्कि शिक्षित और संगठित भी है। उन्होंने आग्रह किया कि विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने में सभी सामाजिक संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई समाज मजबूत होता है तो उससे पूरा राष्ट्र मजबूत होता है। शिक्षा, सेवा और जागरूकता से ही समाज और राष्ट्र का सशक्त निर्माण संभव है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि समाज को जोड़कर सही मार्ग दिखाने वालों का समाज में हमेशा सम्मान होता है। आज समाज की नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को विधायक अजय चन्द्राकर, ललित चन्द्राकर और बीज विकास निगम के अध्यक्ष चन्द्रहास चन्द्राकर ने भी संबोधित किया। चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष विनोद चन्द्राकर ने स्वागत उद्बोधन में केन्द्रीय महाधिवेशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
छिंद-कांसा टोकरी से गढ़ रही हैं आत्मनिर्भरता की नई कहानी
1 Jun, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण को गति देते हुए ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान‘‘ के अंतर्गत महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इसी दिशा में जशपुर जिले के काँसाबेल विकासखंड के आदिवासी बहुल कोटानपानी ग्राम पंचायत की महिलाओं ने छिंद और कांसा घास से बनी टोकरी को पहचान दिलाकर एक अनोखी सफलता की कहानी रच दी है।
कोटानपानी की महिलाएं अब पारंपरिक ज्ञान और हस्तशिल्प को आजीविका का आधार बनाकर अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। लगभग 100 महिलाएं छिंद और कांसा से टिकाऊ, सुंदर और आकर्षक टोकरियां बना रही हैं, जिनकी मांग न केवल जशपुर जिले में बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से भी बनी हुई है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड और बिहान मिशन के सहयोग से इस पारंपरिक उत्पाद को राष्ट्रीय पहचान मिली है, और महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं।
30 वर्षों पुरानी परंपरा को मिली नई दिशा
यह कला कोई नई नहीं, बल्कि लगभग 30 वर्ष पुरानी है। इसकी नींव रखी थी कोटानपानी की मन्मति नामक किशोरी ने, जिन्होंने 25 वर्ष पूर्व अपनी ननिहाल पगुराबहार (फरसाबहार विकासखंड) में यह कला सीखी और वापस अपने गांव में टोकरियों का निर्माण शुरू किया। शुरुआत में व्यक्तिगत उपयोग तक सीमित यह कला धीरे-धीरे अन्य महिलाओं तक पहुंची और स्थानीय बाजारों में इसकी बिक्री शुरू हुई। 2017 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व-सहायता समूहों के गठन के बाद इस पारंपरिक हुनर को संस्थागत रूप मिला।
शुरुआत में हरियाली, ज्ञान गंगा और गीता नामक तीन समूह इस कार्य से जुड़े। फिर 2019 में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के आगमन से महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण मिला। समूह की महिलाओं ने बिहान मेलों में भाग लेकर अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई, जिससे इस उत्पाद को पहचान मिली। जशप्योर ब्रांड के तहत बिक्री होने से देशभर से मांग आने लगी और महिलाओं की आय में जबरदस्त वृद्धि हुई।
प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहचान वाला उत्पाद
छिंद (खजूर के पेड़ की सूखी पत्तियां) और कांसा (एक प्रकार की घास) से बनी यह टोकरी न केवल पर्यावरण अनुकूल है, बल्कि जशपुर के आदिवासी समाज में इसका सांस्कृतिक महत्व भी है। विवाह, देवपूजन और छठ पूजा जैसे अवसरों पर इसका उपयोग किया जाता है। छिंद की पत्तियां सालभर उपलब्ध रहती हैं जबकि कांसा घास विशेष रूप से सावन-भादों में एकत्र कर सुरक्षित रखी जाती है। टोकरी निर्माण में छिंद को कांसा पर लपेटकर मजबूती और आकर्षक आकार दिया जाता है। ये टोकरियां पूजा सामग्री, फल अथवा उपहार स्वरूप उपयोग की जाती हैं।
आजीविका का सशक्त माध्यम बनी टोकरी
आज कोटानपानी की महिलाएं न केवल कच्चे माल का संग्रहण स्वयं करती हैं बल्कि प्रति किलोग्राम 150 रुपये की दर से कच्चा माल भी बेचती हैं। जिले के 15 से अधिक समूह इस कार्य से जुड़ चुके हैं, जिससे 100 से अधिक महिलाओं को सतत आजीविका मिली है। सरकारी सहयोग और महिलाओं के सामूहिक प्रयास से यह परंपरा अब पहचान बन चुकी है।
लखपति दीदी बनने की राह पर अग्रसर सरिता बाई
1 Jun, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ‘‘बिहान‘‘ योजना के तहत उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जशपुर जिले की महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त होकर अपने और अपने परिवार के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
इसी क्रम में जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड के ग्राम चड़िया की सरिता बाई आज लखपति दीदी बनने की राह पर हैं। उन्होंने ‘‘बिहान‘‘ योजना से जुड़कर पहले सीएलएफ के माध्यम से सीएफ राशि प्राप्त की, और बाद में प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत जशपुर की बड़ौदा बैंक से एक लाख रुपये का ऋण लेकर ईंट निर्माण का कार्य शुरू किया।
सरिता बाई बताती हैं कि समूह में शामिल होने के पहले वे आर्थिक रूप से बेहद कमजोर थीं। घर की चारदीवारी तक सीमित जीवन में बदलाव तब आया, जब उन्होंने स्व-सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया। समूह से उन्हें न केवल शासन की योजनाओं की जानकारी मिली, बल्कि आर्थिक सहयोग भी प्राप्त हुआ।
ईंट निर्माण कार्य की शुरुआत उन्होंने समूह से 60 हजार रुपये जोड़कर की। वर्तमान में वे कुल 1.6 लाख रुपये के निवेश से 70 हजार ईंटों का निर्माण कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य निर्माण कार्यों के चलते ईंट की बढ़ती मांग का लाभ उन्हें मिल रहा है। वे बताती हैं कि इस कार्य से उन्हें सालाना दो लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है। सरिता ने यह भी बताया कि मुद्रा लोन लेने से पूर्व उन्हें साधन संस्था द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया था, जिससे कार्य संचालन में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुई। वे पिछले तीन वर्षों से यह व्यवसाय सफलता पूर्वक कर रही हैं और अब अपने व्यवसाय को और विस्तार देने की योजना बना रही हैं। सरिता बाई की यह सफलता न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह शासन की योजनाओं की सही दिशा में क्रियान्वयन और महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी है।