छत्तीसगढ़
अग्नि सुरक्षा जागरूकता के लिए शहर में निकाली गई रैली
14 Apr, 2025 08:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नगरसेना, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाऐं तथा एसडीआरएफ मुख्यालय छत्तीसगढ़ नवा रायपुर के निर्देशानुसार दिनांक 14अप्रैल से 20 अप्रैल 2025 तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। आज से 81 वर्ष पूर्व 14 अप्रैल 1944 को मुंबई के विक्टोरिया डॉक यार्ड पर एक आयुध से भरे पानी जहाज में अग्नि दुर्घटना हुई थी। इसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी। जिसमें लगभग 66 अग्निशमन के कर्मचारी भी शामिल थे। तब से प्रतिवर्ष अग्नि दुर्घटना में शहीद अग्निशमन के कर्मचारी को श्रद्धांजलि देने एवं आम जनता को अग्नि दुर्घटना के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 14 अप्रैल से अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। इस पूरे सप्ताह में अग्निशमन विभाग द्वारा रैली, बैनर, पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता, मॉक ड्रील आदि माध्यम से प्रचार-प्रसार कर आम जनता को अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है।
इसी अनुक्रम में आज जिला बिलासपुर में अग्नि सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन 14 अप्रैल को अग्नि सुरक्षा जागरूकता हेतु डी.आई.जी नगरसेना एसडीआरएफ एस. के. ठाकुर द्वारा सवेरे साढ़े 8 बजे हरि झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। जिला अग्निशमन अधिकारी दीपांकुर नाथ के नेतृत्व में फायर जागरूकता रैली निकाली गई। रैली बिलासपुर के मुख्य चौक चौराहे - मुंगेली नाका से प्रारंभ होकर नेहरू चौक-कम्पनी गार्डन-गोल बजार-श्याम टॉकिज-गांधी चौक-तारबहार चौक-श्रीकांत वर्मा मार्ग-व्यापार विहार चौक-रिंग रोड 2-मंगला चौक होते हुये वापस मुंगेली नाका के पास संपन्न हुई। इस फायर रैली कार्यक्रम के द्वारा बिलासपुर की जनता को अग्नि से सावधान रहने, अग्नि से बचाव एवं अग्नि दुर्घटना में क्या करें एवं क्या नहीं करें, इस संबंध में जानकारी दी गई।
रैली के दौरान एस. के. ठाकुर डी.आई.जी. एवं संचालक, एसडीआरएफ प्रशिक्षण केन्द्र परसदा बिलासपुर तथा प्रभारी डिवीजनल कमाण्डेन्ट एवं दीपांकुर सामुएल नाथ जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी नगर सेना बिलासपुर के अतिरिक्त नगरसेना, एसडीआरएफ (परसदा एवं बिलासपुर), फायर के कर्मचारी के अलावा नगरसेना के लगभग 2 सौ महिला/पुरूष नगर सैनिकों ने उत्साह के साथ रैली में भाग लिया।
छत्तीसगढ़ में मोदी की एक और गारंटी हुई पूरी
14 Apr, 2025 08:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में मोदी की एक और गारंटी पूरी होने जा रही है। प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में 24 अप्रैल, पंचायत दिवस से नगद भुगतान सहित अन्य डिजिटल सेवाएं शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड की 10-10 ग्राम पंचायतों में "अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र" के लिए एमओयू किया गया।
इन सुविधा केंद्रों में ग्रामीणों को अब बहुत सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकेंगी। वे अपने खाते से आसानी से पैसे निकाल सकेंगे, अपने खाते से किसी अन्य के खाते में पैसे भेज सकेंगे, बिजली-पानी बिल का भुगतान कर सकेंगे तथा पेंशन-बीमा जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ अपने पंचायतों में ही ले सकेंगे।
अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के सेवा प्रदाताओं और सरपंचों के बीच आज एमओयू हुआ। यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित किया गया। इन सुविधा केंद्रों के आरंभ होने से ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए विकासखंड और जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। गांव में ही उन्हें बहुत-सी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। मोदी की गारंटी की एक और गारंटी पूरी करने जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा शुरू करने का वादा किया था, जो अब पूरा होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने सवा साल में ही मोदी की गारंटी के अधिकांश वादों को पूरा किया है। चाहे किसानों के लिए 3100 रुपये में धान खरीदी हो या पिछले दो वर्षों का धान बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना, बुजुर्गों के लिए रामलला दर्शन, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का पुनः प्रारंभ, या 5 लाख 62 हजार कृषि मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये देने का वादा।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ग्राम पंचायतों में शुरू हो रहे इन सुविधा केंद्रों से किसान धान का भुगतान, महतारी वंदन योजना, पेंशन तथा अन्य योजनाओं की राशि का भुगतान ले सकेंगे, साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य सुविधाओं का भी लाभ ले सकेंगे।
आवास सर्वे की सूची में हर जरूरतमंद और पात्र व्यक्ति का नाम हो शामिल, योजना का मिले लाभ
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर किसी का पक्का मकान हो। पिछली सरकार के कार्यकाल में 18 लाख हितग्राही आवास से वंचित रह गए थे। शपथ लेने के दूसरे दिन हमने कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी। अभी तक हमें केंद्र से 14 लाख आवास मिले हैं। दो दिन पूर्व केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए साढ़े तीन लाख आवास स्वीकृत करने जा रहे हैं। सभी को आवास मिले, इसके लिए हमने "आवास प्लस प्लस" सर्वे में पात्रता के दायरे को बढ़ाया है, जिससे हर किसी के घर का सपना पूरा हो सके।
उन्होंने कार्यक्रम से जुड़े सभी जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस प्लस का सर्वे 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक हो रहा है। इस सर्वे की सूची में सभी जरूरतमंद और पात्र हितग्राहियों का नाम शामिल हो, ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके।
गांव-गांव में वाटर हार्वेस्टिंग की अपील
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने गांव-गांव में जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग अपनाने की अपील की।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पंचायतों में वित्तीय सुविधा को बढ़ावा देने के लिए अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र एक मील का पत्थर साबित होगा। इनसे निश्चित ही एक ही स्थान पर रेलवे टिकट बुकिंग हो या छात्रवृत्ति, पेंशन राशि का आहरण की सुविधा ग्राम पंचायतों में ही उपलब्ध होगी। इससे हम ग्राम पंचायतों को स्वावलंबी बनाने के संकल्प को पूरा कर सकते हैं। शर्मा ने कहा कि प्रदेश में भू-जल का गिरता स्तर बहुत ही चिंताजनक है। इसके लिए गांव-गांव में भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु विभाग से अलग से एसओपी जारी किया जा रहा है। हम जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करेंगे। उन्होंने उपस्थित लोगों से भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्य करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री साय प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के सर्वे अभियान का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान जिला मुख्यालयों में सांसद, विधायक, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सरपंच सहित नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कार्यक्रम में जिन पंचायतों में पहले से PMAY-G पंचायत एंबेसडर हैं, उन्हें विशेष रूप से कार्यक्रम में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। जिन पंचायतों में अब तक कोई PMAY-G पंचायत एंबेसडर नियुक्त नहीं हुआ है, वहाँ उपयुक्त व्यक्ति को चयनित कर एंबेसडर नियुक्त किया जाएगा।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) अंतर्गत चल रहे सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा "मोर दुवार साय सरकार" महाभियान (15 अप्रैल से 30 अप्रैल) की जानकारी हितग्राहियों को दी गई। साथ ही ग्राम पंचायतों के भू-जल स्तर के संबंध में जानकारी दी गई तथा वॉटर हार्वेस्टिंग बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों को संकल्प दिलाया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस., पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह, विशेष सचिव तारण प्रकाश सिन्हा, आयुक्त मनरेगा एवं संचालक पीएमएवाई ग्रामीण रजत बंसल, संचालक पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उन्हें किया नमन
14 Apr, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा साहेब का संपूर्ण जीवन संघर्ष की अनुपम मिसाल है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने हमें एक ऐसा संविधान दिया जो भारत को लोकतंत्र, समानता और न्याय की मजबूत नींव प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री साय ने बाबा साहब के विचारों को युगप्रेरक बताते हुए कहा कि आज का दिन हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम उनके आदर्शों पर चलें, और एक समावेशी, समतामूलक और न्यायप्रिय समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
सीएम साय ने बच्चे के परिजनों को दिलवाई तत्काल आर्थिक सहयता, अधिकारियो को 4 लाख रुपये की राशि देने के दिए निर्देश
14 Apr, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के गुढ़ियारी में हुई मासूम बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों को 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है. वहीं अन्य दो घायल बच्चों के बेहतर उपचार को लेकर भी उन्होंने निर्देश दिए है. सीएम साय के निर्देश पर रायपुर जिला प्रशासन और रायपुर नगर पालिक निगम के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों के साथ सतत संपर्क बनाए हुए हैं और स्वास्थ्य स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं. दोनों घायल बच्चों के स्वास्थ्य में लगातार सुधार होने की खबर है.
3 बच्चे खेलते-खेलते गड्ढे में गिरे, 1 की मौत
बता दें, रामनगर चौकी इलाके में स्थित गुलमोहर पार्क कॉलोनी में नगर निगम द्वारा सीवरेज टैंक निर्माण के लिए गहरा गड्ढा खोदा गया था, जिसे खुला ही छोड़ दिया गया था. बारिश या पाइपलाइन लीकेज के चलते इसमें पानी भर गया था. वहीं कल 13 अप्रैल को में 3 मासूम बच्चे खेलते-खेलते गिर गए. हादसे में एक 6 वर्षीय बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो बच्चों को स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
डिप्टी सीएम अरुण साव ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
डिप्टी सीएम अरुण साव ने मासूम की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने घटना को बताया दुर्भाग्य जनक बताते हुए मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. साथ ही घटना की पुनरावृत्ति से बचने दिशा निर्देश जारी करने की बात कही है.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
रायपुर निगम कमिश्नर विश्वदीप ने इस मामले को लेकर कहा कि दुखद घटना हुई है, एक बच्चों की मौत हो गई है. कॉलोनी में सोक पिट बनाया गया है था क्योंकि सीवेज वाटर के लिए एग्जिट नहीं है, सेप्टिक टैंक ओवरफ़्लो होता था इसलिए वो पिट बनाया गया था. उन्होंने आगे कहा कि पीएम आवास के ठेकेदार ने सोक पिट खोदा लेकिन सुरक्षा के इंतज़ाम नहीं किए. एक जाँच कमिटी बनाई जाएगी , जाँच के आधार पर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
राज्यपाल ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
14 Apr, 2025 08:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने आज राजभवन में भारत रत्न एवं भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए ।
राज्यपाल डेका ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्षाे से भरा हुआ था। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, छूआछूत, असमानता के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम माना और स्वयं इसके उदाहरण बने। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अनेक उपाधियाँ प्राप्त कीं और देश के पहले विधि मंत्री के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया।
राज्यपाल डेका ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न्याय व समतामूलक समाज के निर्माण के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। उन्होंने समाज के शोषित, पीड़ित एवं कमजोर तबके के लोगों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज जब हम बाबा साहेब को याद कर रहे हैं, तब यह आवश्यक है कि हम केवल औपचारिकताएं न करें, बल्कि उनके विचारों को व्यवहार में उतारें। समता, बंधुत्व और न्याय के सिद्धांत को हमें समाज के प्रत्येक स्तर पर स्थापित करना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों से की चर्चा, राज्य योजनाओं का लाभ दिलाने दिया आश्वासन
14 Apr, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा एक दिवसीय दौरे पर सुकमा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नक्सल पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों से मुलाकात कर उनकी वर्तमान स्थिति, सरकार की पुनर्वास नीति तथा उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शांति एवं सामाजिक समावेशन स्थापित करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।
उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों से बातचीत की तथा उनके पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार एवं समावेशन योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार उनके समुचित पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेज-राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र एवं राजस्व संबंधी प्रमाण पत्र बनवाए जाएंगे। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को लघु वनोपज आधारित प्रसंस्करण एवं कृषि से संबंधित रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। उन्होंने कलेक्टर को पुनर्वास केंद्र में नियमित प्रशिक्षक नियुक्त करने तथा कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने केंद्र में देवस्थल स्थापित करने तथा नियमित पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने को भी कहा। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पुनर्वास और विकास के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। आत्मसमर्पित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव मदद की जाएगी। इस अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप, महिला आयोग की सदस्य सुदीपिका सोरी, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., पंचायत विभाग के विशेष सचिव तारण प्रकाश सिन्हा, डीआईजी कमलोचन कश्यप, सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधि धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य हूंगाराम मरकाम सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम साय ने भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि, बोले- एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे अंबेडकर...
14 Apr, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर को उनकी जयंती (14 अप्रैल) के अवसर पर नमन किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। वे बहुभाषाविद्, प्रखर विधिवेत्ता, कुशल अर्थशास्त्री, सामाजिक न्याय के पक्षधर, और दूरदर्शी राजनेता थे। उन्होंने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण सामाजिक विषमताओं के उन्मूलन और समानता, स्वतंत्रता तथा बंधुत्व के मूल्यों को प्रतिष्ठित करने हेतु समर्पित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में भारत को वह मजबूत नींव प्रदान की, जिस पर आज हमारा देश विविधताओं में एकता की मिसाल बनकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विशेष रूप से दलितों, वंचितों, श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कई ऐतिहासिक संवैधानिक प्रावधानों को स्थापित किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा साहेब का राष्ट्र निर्माण में योगदान न केवल अतुलनीय है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी है। मुख्यमंत्री साय ने सभी नागरिकों से संविधान की मूल भावना, लोकतांत्रिक आदर्शों और सामाजिक न्याय के मूल्यों को आत्मसात करने और उन्हें और अधिक सशक्त बनाने के लिए सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया।
हुनरबाज बन नई जिंदगी की और प्रेरणा लेते नक्सली, पहले चरण का प्रशिक्षण शुरू
14 Apr, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजापुर: कभी हाथों में बंदूक लेकर बस्तर संभाग के जंगलों में उत्पात मचाने वाले पूर्व नक्सली अब हुनरमंद बनकर नई जिंदगी जी रहे हैं। सरेंडर करने के बाद ये लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष प्रशिक्षण शिविरों में 90-90 लोगों के बैच में पूर्व नक्सलियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन शिविरों में प्रशिक्षण ले रहे लोग अपने अतीत पर पछता रहे हैं और वर्तमान से संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
पूर्व पीएलजीए सदस्य सुकाराम कहते हैं, "मैं पहले दूसरे राज्य में मजदूरी करता था। नक्सलियों ने मेरे परिवार को परेशान किया, जिससे मजबूरी और जोश में मैं संगठन में शामिल हो गया। मैंने खून-खराबा भी किया, लेकिन बाद में मुझे एहसास हुआ कि यह गलत था। मैंने सरेंडर कर दिया और अब राजमिस्त्री का प्रशिक्षण ले रहा हूं।" सुकाराम जैसे कई युवा परिवार की सुरक्षा और अन्य मजबूरियों के चलते नक्सलवाद में शामिल हुए थे, जो अब इन शिविरों में नई राह तलाश रहे हैं। कौशल विकास और रोजगार पर जोर:
सरकार इन पूर्व नक्सलियों को उनकी रुचि के अनुसार काम सिखा रही है, ताकि भविष्य में उन्हें आसानी से रोजगार मिल सके। आईटीआई और आजीविका मिशन के तहत राजमिस्त्री, खेती, पशुपालन, मछली पालन जैसे हुनर सिखाए जा रहे हैं। प्रशिक्षण के साथ-साथ एक्सपोजर विजिट भी कराए जा रहे हैं, जहां ये लोग अलग-अलग जिलों में संस्थानों में जाकर कारोबार को बारीकी से समझ रहे हैं।
नक्सलवाद से हुनर की ओर
बस्तर, खासकर बीजापुर को कभी नक्सलवाद का गढ़ माना जाता था। अब सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए विशेष प्रयास कर रही है, ताकि वे बेरोजगारी के कारण फिर से उसी दलदल में न फंस जाएं। प्रशिक्षण शिविरों में 90 लोगों के बैच में प्रशिक्षण का पहला चरण शुरू किया गया है। यहां सुबह 5 बजे योग से दिन की शुरुआत होती है, फिर पूरे दिन विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत शाम को पढ़ाई, टीवी देखने का समय और खेलकूद का भी आयोजन किया जाता है।
पछतावे से नई शुरुआत तक
इन शिविरों में पूर्व नक्सली भी शामिल हैं जो कभी बम बनाने और हथियार चलाने जैसी गतिविधियों में शामिल थे। अब वे खेती, पशुपालन और अन्य रोजगार कौशल सीख रहे हैं। सरकार का उद्देश्य उन्हें जिम्मेदार और आत्मनिर्भर नागरिक बनाना है। प्रशिक्षण ले रहे पूर्व नक्सलियों का कहना है कि बंदूक छोड़ने के बाद उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
महिला कर्मचारियों को राहत, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
14 Apr, 2025 01:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर: हाई कोर्ट में अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि संविदा कर्मचारियों के रूप में काम करने वाली महिलाओं को भी मातृत्व अवकाश स्वीकृत करने से इन्कार नहीं किया जा सकता। मातृत्व अवकाश का वेतन उन्हें मिलना चाहिए।
कोर्ट के अनुसार, मातृत्व अवकाश का उद्देश्य मातृत्व की गरिमा की रक्षा करना है। संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन के अधिकार में मातृत्व का अधिकार और प्रत्येक बच्चे का पूर्ण विकास का अधिकार भी सम्मिलित है।
संवैधानिक अधिकार, किसी की इच्छा पर निर्भर नहीं
कोर्ट ने कहा कि मातृत्व और शिशु की गरिमा के अधिकार को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है। इसे प्रशासनिक अधिकारियों की इच्छा पर निर्भर नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा मातृत्व अवकाश वेतन की मांग पर नियमानुसार तीन माह के माह के भीतर निर्णय लिया जाए।
याचिकाकर्ता राखी वर्मा, जिला अस्पताल कबीरधाम में स्टाफ नर्स के रूप में संविदा पर कार्यरत है। उन्होंने 16 जनवरी 2024 से 16 जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था। 21 जनवरी 2024 को एक कन्या को जन्म दिया और 14 जुलाई 2024 को पुन: ड्यूटी ज्वाइन की।
इसके बावजूद उन्हें मातृत्व अवधि का वेतन नहीं दिया गया। अब राज्य सरकार को दिए निर्देश हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अवकाश नियम 2010 के नियम 38 एवं अन्य लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार शासन को विचार करने और आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से तीन माह के भीतर इस संबंध में उपयुक्त निर्णय पारित करने निर्देश भी दिए हैं।
इस बीच, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हाल ही में कोर्ट ने सरकारी जमीनों को बचाने को लेकर राजस्व के खराब प्रदर्शन होने की टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा- सरकारी जमीनों से लेकर माफी की जमीनों के केसों को लेकर शासन का कमजोर पक्ष या फाइलें गुम होने का मामला नया नहीं है। यह खेल लगातार चलता रहता है।
वर्तमान में यहां हालात यह है कि सरकारी जमीनों और माफी की बेशकीमती जमीनों की फाइलें ही सरकारी अधिवक्ताओं तक नहीं पहुंच रहीं हैं। इसको लेकर अधिकारियो के दखल के बाद भी फर्क नहीं पड़ रहा है।
फूलबाग के रामजानकी मंदिर की जमीन के मामले में उपायुक्त राजस्व से लेकर अपर कलेक्टर तक ने फाइल की खोजबीन शुरू कराई है लेकिन फाइल अभी तक संबंधित शासकीय अधिवक्ता को नहीं मिली है।
दहेज की डिमांड पूरी न होने पर पहले की पिटाई फिर दिया तीन तलाक, इसके बाद कर ली दूसरी शादी, आरोपी पति के खिलाफ केस दर्ज
14 Apr, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भिलाई: दहेज की मांग पूरी न होने पर तीन तलाक देने का एक मामला सामने आया है। आरोपी ने अपनी पत्नी को तीन तलाक देकर तुरंत बाद दूसरी औरत से शादी भी कर ली। पीड़िता ने पद्मनाभपुर थाना में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ मारपीट और मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम 2019 की धारा के तहत प्राथमिकी की है। आरोपी पति फरार है, जिसकी पतासाजी की जा रही है।
बुलेट बाइक के लिए की मारपीट
पुलिस ने बताया कि पीड़िता रेशमा फातेमा की शिकायत पर उसके पति रजा फायर वर्क्स के पास कसारीडीह दुर्ग निवासी आरोपी मोहम्मद रईस खोखर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसके पिता की 7 साल पहले मौत हो चुकी है। पिता की मौत के बाद मां ने उसे और उसके चार अन्य भाई बहनों को पाल पोसकर बड़ा किया। 16 नवंबर 2023 को पीड़िता की शादी मोहम्मद रईस खोखर से हुई थी। शादी के समय पीड़िता की मां ने आरोपी को सलामी के रूप में 1 लाख 7 हजार 786 रुपये दिए थे। शादी के कुछ दिन तक ही आरोपी पति और ससुराल वालों का व्यवहार ठीक रहा। उसके बाद पति के व्यवहार में बदलाव आ गया। वो बुलेट बाइक और रुपयों को लिए उससे मारपीट करने लगा। उसकी छोटी बहन मदीना फातेमा की शादी उसके देवर बशीर खोखर से हुई थी। दोनों एक ही परिवार में रहते थे। वो अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ आवाज उठाती, तो उसकी बहन के जीवन पर भी असर पड़ सकता था। पीड़िता दो साल तक सब कुछ सहन करती रही।
मारपीट कर दे दिया तीन तलाक
पीड़िता रेशमा फातेमा ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने रुपयों की मांग को लेकर उससे मारपीट की। 18 दिसंबर 2024 को उसे तीन तलाक दे दिया। तलाक देने के बाद उसने रूबीना नाम की लड़की से दूसरी शादी कर ली। आरोपी अपनी दूसरी बीवी के साथ भोपाल में जाकर रह रहा है। पीड़िता ने इन सभी में अपनी सास ताराबी और ससुर अकरम खोखर की भी संलिप्तता होने का दावा किया है। पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
जय भीम पदयात्रा: युवाओं के जोश में शामिल हुए सीएम विष्णु देव साय
14 Apr, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत का संविधान हर नागरिक के लिए पवित्र ग्रंथ है, जो हमें गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार देता है। हमारा विशाल लोकतंत्र संविधान की मजबूत नींव पर खड़ा है और बाबा साहब इस ग्रंथ के शिल्पकार थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब से ‘जय भीम पदयात्रा’ का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री युवाओं के साथ हुए पदयात्रा में शामिल
मुख्यमंत्री स्वयं इस पदयात्रा में युवाओं के साथ शामिल हुए और पदयात्रा के अंतिम पड़ाव में अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और संविधान की मूल भावना के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रिएम्बल वाल पर अपने हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग और नेहरू युवा केंद्र संगठन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
बाबा साहब की दूरदर्शिता को बताया लोकतंत्र की नींव
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मध्यप्रदेश के मऊ में जन्म लेकर कठिन संघर्षों के बाद बाबा साहब ने उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत जैसे विशाल लोकतंत्र को एक समावेशी और शक्तिशाली संविधान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को ‘पंचतीर्थ’ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिससे नई पीढ़ी उनके विचारों से प्रेरणा ले सके। साथ ही संविधान दिवस की घोषणा कर देशवासियों को संविधान के प्रति समर्पण का संदेश दिया है।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण
साय ने कहा कि बाबा साहब की दूरदर्शिता की वजह से आज भारत जैसा विशाल देश अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को लगातार समृद्ध कर रहा है, वहीं भारत के साथ आज़ाद हुए अन्य देश लोकतंत्र को साथ लेकर नहीं चल पाए। उन्होंने युवाओं से भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी है। उनके अगुवाई में ही देश के संविधान का निर्माण किया गया। उनके आदर्शों एवं बताए गए रास्तों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
युवाओं को किया गया सम्मानित
इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले युवाओं को मुख्य मंच से सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, नगर निगम आयुक्त विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में युवा, स्कूली बच्चे और आमजन उपस्थित थे।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना से जिले के किसानों को किया जा रहा लाभान्वित
13 Apr, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिले के किसानों को मौसमी खेती के साथ साथ अन्य फसल ओर सब्जी उत्पादन के लिए उद्यान विभाग द्वारा निरन्तर प्रयास किया जा रहा है और विभाग योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। इसी कड़ी में पत्थलगांव विकासखण्ड के ग्राम मकरचुंआ के किसान राहुल भगत को राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना से लाभान्वित किया गया है।
कृषक राहुल भगत 0.500 हेक्टर में उन्नत तकनिक को अपनाते हुऐ ड्रिप सिंचाई सुविधा के साथ मल्चिंग लगाकर ग्राफ्टेड़ टमाटर फसल से खेती किए हैं। इस दौरान उन्होने टमाटर के फसल को ही अपना पूरा समय दिया कृषक को 0.500 हेक्टर में लगे ग्राफ्टेड़ टमाटर फसल से इस वर्ष 40 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुई। जो स्वयं के उपयोग करने के बाद 5000.00 प्रति क्विंटल की दर से 200000.00 रुपये की आर्थिक लाभ प्राप्त हुई ।
कृषक राहुल भगत का कहना हैं कि, यह सब उद्यान विभाग से प्राप्त सहयोग और अधिकारी कर्मचारियों से समय- समय पर मिलते रहने वाले मार्गदर्शन से संभव हो पाया हैं। हालाकी इस बात से भी इनकार नही किया जा सकता की किसान की सफलता में उनकी स्वयं की मेहनत एवं लगन भी शामिल हैं।
अन्य किसानों पर कृषक की सफलता का प्रभाव
कृषक राहुल भगत एक मेहनती किसान हैं। उन्होने खेती की उन्नत तकनिकी को अपनाया जिससे उन्हें पहले से अधिक उत्पादन प्राप्त होन लगा, उनके इस सफलता को देखते हुए जिले के किसान भी खेती की उन्नत तकनिक का उपयोग कर खेती करना चाह रहें हैं। तथा उद्यान विभाग से जुडकर योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं।
बस्तर को माओवाद से मुक्त करने के संकल्प के साथ सुकमा पहुँचे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
13 Apr, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने शनिवार को अपने एक दिवसीय सुकमा प्रवास के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय में नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों के सरपंचों, जनपद सदस्यों और जिला पंचायत प्रतिनिधियों के साथ माओवाद मुक्त बस्तर के निर्माण को लेकर व्यापक चर्चा की।
बैठक की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से परिचय प्राप्त किया और उनके क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति एवं मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास की अपार संभावनाएँ हैं और यहाँ के बच्चे अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। माओवाद के कारण विकास की प्रक्रिया बाधित होती है, जिसे समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि जो माओवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आना चाहें, उनका पुनर्वास राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। आत्मसमर्पित नक्सलियों को तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी तथा उन्हें 4-5 महीने के आवासीय कौशल प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा, जिसमें रहने-खाने की सुविधा के साथ-साथ 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि माओवाद मुक्त पंचायत घोषित होते ही संबंधित ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये की विकास निधि स्वीकृत की जाएगी। जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों को भी पृथक से विकास कार्यों के लिए राशि दी जाएगी। साथ ही संबंधित गाँवों को बस सेवा, मोबाइल नेटवर्क और बिजली कनेक्टिविटी से भी जोड़ा जाएगा।
उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों से प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों के पंजीयन हेतु जागरूक करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है – जनता के मन की बात को समझते हुए बस्तर को माओवाद से पूर्णतः मुक्त करना।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हम सभी मिलकर जल्द ही माओवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना साकार करेंगे।
इस अवसर पर महिला आयोग की सदस्य सुदीपिका सोरी, आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधिगण धनीराम बारसे, जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्यगण, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सरपंचगण एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सुकमा में आत्मसमर्पित नक्सलियों से की चर्चा: राज्य शासन की समस्त योजनाओं के लाभ दिलाने के दिए निर्देश
13 Apr, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा शनिवार को सुकमा के एकदिवसीय दौरे पर पहुँचे। इस दौरान उन्होंने नक्सल पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया और आत्मसमर्पित नक्सलियों से मुलाकात कर उनके वर्तमान हालात, सरकार की पुनर्वास नीति तथा उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शांति स्थापना और सामाजिक समावेश की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों से संवाद करते हुए उनके पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और समावेशन की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार उनके समुचित पुनर्वास हेतु प्रतिबद्ध है। शासन की ओर से सभी ज़रूरी दस्तावेज – राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर आईडी और राजस्व संबंधी प्रमाणपत्र – बनाए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को लघुवनोपज आधारित प्रसंस्करण एवं कृषि संबंधित रोजगारमूलक प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। उन्होंने पुनर्वास केंद्र में एक नियमित प्रशिक्षक (रेगुलर इंस्ट्रक्टर) की नियुक्ति तथा कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। साथ ही केंद्र में एक देवस्थली की स्थापना कर नियमित पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने को भी कहा।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पुनर्वास और विकास को लेकर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। आत्मसमर्पण करने वालों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
इस अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप, महिला आयोग की सदस्य सुदीपिका सोरी, बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी., पंचायत विभाग के विशेष सचिव तारण प्रकाश सिन्हा, डीआईजी कमलोचन कश्यप, सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधि धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय युवाओं के साथ ‘जय भीम पदयात्रा’ में हुए शामिल
13 Apr, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : भारत का संविधान हर नागरिक के लिए पवित्र ग्रंथ है, जो हमें गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार देता है। हमारा विशाल लोकतंत्र संविधान की मजबूत नींव पर खड़ा है और बाबा साहब इस ग्रंथ के शिल्पकार थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब से ‘जय भीम पदयात्रा’ का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री युवाओं के साथ हुए पदयात्रा में शामिल
मुख्यमंत्री स्वयं इस पदयात्रा में युवाओं के साथ शामिल हुए और पदयात्रा के अंतिम पड़ाव में अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और संविधान की मूल भावना के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रिएम्बल वाल पर अपने हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग और नेहरू युवा केंद्र संगठन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
बाबा साहब की दूरदर्शिता को बताया लोकतंत्र की नींव
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मध्यप्रदेश के मऊ में जन्म लेकर कठिन संघर्षों के बाद बाबा साहब ने उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत जैसे विशाल लोकतंत्र को एक समावेशी और शक्तिशाली संविधान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को 'पंचतीर्थ' के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिससे नई पीढ़ी उनके विचारों से प्रेरणा ले सके। साथ ही संविधान दिवस की घोषणा कर देशवासियों को संविधान के प्रति समर्पण का संदेश दिया है।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण
साय ने कहा कि बाबा साहब की दूरदर्शिता की वजह से आज भारत जैसा विशाल देश अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को लगातार समृद्ध कर रहा है, वहीं भारत के साथ आज़ाद हुए अन्य देश लोकतंत्र को साथ लेकर नहीं चल पाए। उन्होंने युवाओं से भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी है। उनके अगुवाई में ही देश के संविधान का निर्माण किया गया। उनके आदर्शों एवं बताए गए रास्तों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
युवाओं को किया गया सम्मानित
इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले युवाओं को मुख्य मंच से सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, नगर निगम आयुक्त विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में युवा, स्कूली बच्चे और आमजन उपस्थित थे।