उत्तर प्रदेश
भागलपुर में राशन दुकानदार ने छात्र की पिटाई, परिवार ने थाने में की शिकायत
14 Jan, 2025 01:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भागलपुर: भागलपुर में एक राशन दुकानदार ने एक बच्चे के साथ दरिंदगी की इंतहा कर दी. उसके कपड़े उतरवाकर उसे ठंडे पानी से नहलाया. फिर हाथ-पैर बांधकर पाइप और डंडे से उसकी जमकर पिटाई कर दी. यह सब महज बिस्किट चोरी करने के आरोप में किया गया. इतना ही नहीं, जब पीड़ित बच्चे के परिजन दुकानदार के पास पहुंचे तो दुकानदार ने उन लोगों की भी पिटाई कर दी. बच्चे के शरीर के अनेकों हिस्सों पर चोट के गहरे निशान नजर आ रहे हैं, मामले में परिजन ने थाने में केस दर्ज करवाया है.
दरअसल, 12 साल के बच्चे को दुकान पर राशन का सामान खरीदने पहुंचा था. इसी बीच बिस्किट चोरी का आरोप लगाकार दुकानदार ने उस बच्चे को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया और किसी को न बताने की धमकी दी. बच्चे ने रोते हुए आरोप लगाया कि दुकानदार ने कहा कि तुमको काटकर पटरी पर फेंक देंगे.
बच्चे ने अपनी चाची को बताई आपबीती
तातारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत शहादत अली लेन की घटना है. घर पहुंचकर बच्चे ने अपनी चाची को घटना के बारे में बताया. वहीं जब बच्चे के परिजन दुकान पर पहुंचे और दुकानदार से कहा कि अगर चोरी की भी तो दो थप्पड़ मार लेते, इतनी बेरहमी से क्यों पीटा. तो दुकानदार फिर गुस्से में आ गया. इस दौरान परिजन के साथ भी मारपीट की और फरार हो गया.
घरवालों ने थाने में की शिकायत
इधर परिजन ने तातारपुर थाने में दुकानदार समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. बच्चे का सदर अस्पताल में इलाज करवाया गया. उसके शरीर पर डंडे से चोट के कई निशान कई निशान है. एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी दुकानदार की तलाश की जा रही है. घरवालों से शिकायत मिली है,. बच्चे को बेरहमी से पीटा किया है.
सोलापुर के पूर्व मेयर महेश कोठे की प्रयागराज कुंभ में डुबकी लगाने के बाद दिल का दौरा पड़ने से मौत, महाराष्ट्र सदमे में
14 Jan, 2025 12:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोलापुर: शरद पवार की एनसीपी को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र में एनसीपी सपा के नेता और सोलापुर नगर निगम के पूर्व मेयर महेश कोठे का निधन हो गया है. खबर है कि उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है. महेश कोठे की मौत की खबर सुनने के बाद सोलापुर का माहौल गमगीन हो गया है. बताया जा रहा है कि ठंड में खून जमने की वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ा. महेश कोठे अपने कुछ दोस्तों के साथ कुंभ मेले में हिस्सा लेने गए थे. इसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. महेश कोठे कुंभ मेले के लिए प्रयागराज गए थे. उन्होंने गंगा नदी में शाही स्नान किया, जिसके बाद ठंड की वजह से उनका खून जम गया और उसी समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. सोलापुर नगर निगम में कांग्रेस को सत्ता में लाने में अहम भूमिका: महेश कोठे विष्णुपंत कोठे के मित्र थे. विष्णुपंत कोठे और महेश कोठे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे के कट्टर विश्वासपात्र माने जाते थे. सोलापुर में कांग्रेस को मजबूत करने और सोलापुर नगर निगम में कांग्रेस को सत्ता में लाने में कोठे परिवार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी।
अचानक निधन से लोग स्तब्ध
महेश कोठे ने कांग्रेस पार्टी से शिवसेना और एनसीपी से शरद पवार की पार्टी में सफर तय किया। महेश कोठे की असामयिक मौत ने सोलापुर के राजनीतिक क्षेत्र में एक बड़ा शून्य ला दिया है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महेश कोठे ने एनसीपी से सोलापुर शहर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।
विमान से लाया गया पार्थिव शरीर
महेश कोठे ने भाजपा के विजयकुमार देशमुख को कड़ी टक्कर दी थी। वे सोलापुर नगर निगम में महापौर के पद पर थे। वे पूरे महाराष्ट्र में नगर निगम के दिग्गज नेता के रूप में जाने जाते थे। नगर निगम में व्यापक अनुभव रखने वाले नेता की अचानक मौत से सोलापुर में मातम छा गया है। उनके पार्थिव शरीर को विमान से सोलापुर लाया गया है। उनके घर पर लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है।
महाकुंभ 2025 का आयोजन, रेलवे ने 20 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाई
14 Jan, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन सोमवार से शुरू हो गया है। आस्था के इस पावन पर्व में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा और उनके आवागमन को सुविधाजनक बनाने के मकसद से भारतीय रेलवे ने हजारों ट्रेनों के संचालन का ऐलान किया है। इसी कड़ी में महाकुंभ के पहले दिन 20 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। इसमें बनारस-प्रयागराज, गोरखपुर-झूंसी से लेकर छपरा-प्रयागराज तक शामिल हैं।
महाकुंभ 2025 की शुरुआत प्रयागराज में जोर-शोर से हो चुकी है। योगी सरकार ने जहां कुम्भ स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं, वहीं भारतीय रेलवे भी पूरे दम-खम के साथ महाआयोजन में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाने के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है।
40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
प्रयागराज में शुरु हुआ महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। बात करें, प्रमुख स्नानों की तब 15 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का शाही स्नान होगा, जबकि 3 फरवरी को बसंत पंचमी स्नान और 12 फरवरी माघी पूर्णिमा स्नान आयोजित होगा। इसके बाद 26 फरवरी को महा शिवरात्रि स्नान के साथ इस इस महाआयोजन का समापन होगा।
महाकुंभ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब...हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए, जय श्री राम के जयघोष से गूंजा आसमान, 44 घाटों पर स्नान
14 Jan, 2025 10:13 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज। भव्य महाकुंभ 2025 आस्था, भक्ति और आध्यात्मिक एकता के जबरदस्त प्रदर्शन के साथ सोमवार को शुरू हुआ है। जिसने आज 144 वर्षों में एक बार देखी गई आध्यात्मिक भव्यता की याद ताजा कर दी। यहां देश और दुनिया भर से भक्तों का एक समूह न केवल जप, ध्यान और आध्यात्मिक तृप्ति के लिए एकत्र हुआ, बल्कि महाकुंभ की बेजोड़ सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने के लिए भी एकत्र हुआ। पौष पूर्णिमा पर सोमवार को पहला स्नान हुआ। दोपहर 4 बजे तक 44 घाटों पर डेढ़ करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। भक्तों पर हेलिकॉटर से 20 क्विंटल फूलों की वर्षा की गई। महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है।
देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। भीड़ इतनी है कि 3700 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र से अनाउंसमेंट कर ज्यादातर लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया। हेलिकॉप्टर और एनएसजी कमांडो महाकुंभ में आए लोगों पर नजर रख रहे हैं। 60 हजार जवान सुरक्षा और व्यवस्था संभालने में लगे हैं। पुलिसकर्मी स्पीकर से लाखों की संख्या में आई भीड़ को मैनेज कर रहे हैं। जगह-जगह कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात हैं। विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी तादाद में कुंभ में स्नान करने पहुंचे। प्रशासन के मुताबिक, जर्मनी, ब्राजील, रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे हैं। सोमवार से ही श्रद्धालु 45 दिन का कल्पवास शुरू करेंगे।
स्थायी और अस्थायी घाटों पर भारी भीड़
पवित्र नगरी प्रयागराज में संगम नोज समेत स्थायी और अस्थायी घाटों पर भारी भीड़ है। कई भक्तों को दिव्य वातावरण से अभिभूत, नम आंखों के साथ देखा गया। वहीं कई लोग प्रार्थना, अनुष्ठान और एकता की भावना में डूबे रहे। दो दिन पहले ही लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान करना शुरू कर दिया था, जो दर्शाता है कि 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए भीड़ के अनुमान को पार कर सकता है।
इस साल का समागम पहले से कहीं ज्यादा बड़ा
शुरुआती दिनों में भारी भीड़ से पता चलता है कि इस साल का समागम पहले से कहीं ज्यादा बड़ा होगा। पौष पूर्णिमा पर, अपने गहन आध्यात्मिक अनुशासन के लिए जाने जाने वाले कल्पवासियों ने मोक्षदायिनी संगम में पवित्र डुबकी लगाई और 45 दिनों तक चलने वाले अपने आध्यात्मिक एकांतवास की शुरुआत की। कल्पवासी महाकुंभ अवधि के दौरान ब्रह्मचर्य, साधारण जीवन और नियमित प्रार्थना के सख्त व्रत का पालन करते हैं। उन्होंने न केवल अपने व्यक्तिगत आध्यात्मिक उत्थान के लिए बल्कि मानवता के कल्याण के लिए भी प्रार्थना की। इस वर्ष, महादेव की पूजा के लिए शुभ दिन सोमवार को पडऩे वाले पौष पूर्णिमा के संयोग ने इस अवसर को आध्यात्मिक रूप से और भी महत्वपूर्ण बना दिया। संगम नोज समेत सभी प्रमुख घाटों पर डुबकी लगाते समय श्रद्धालु हर-हर महादेव, जय श्री राम और जय बजरंग बली के जयकारे लगाते नजर आए। बिहार, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए।
भव्यता देख पर्यटक मंत्रमुग्ध
महाकुंभ की भव्यता ने न केवल भारतीय श्रद्धालुओं, बल्कि दुनिया भर से आए पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। संगम घाट पर अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक साधकों का तांता उत्सव में शामिल हुआ। दक्षिण कोरिया के कई यूट्यूबर इस दिव्य अनुभव को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए, जबकि जापान के पर्यटकों ने स्थानीय गाइडों से इस आयोजन के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को समझने की कोशिश की। सोमवार को रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु आस्था और एकता के इस महापर्व के साक्षी बने और डुबकी भी लगाई। कई अंतरराष्ट्रीय मेहमानों में स्पेन की क्रिस्टीना भी शामिल थीं, जिन्होंने महाकुंभ की भव्यता के लिए अपनी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त की और इसे जीवन में एक बार होने वाला अनुभव बताया। उल्लेखनीय रूप से, इस वर्ष के महाकुंभ में अपेक्षित भीड़ कई देशों की आबादी को पार करने की उम्मीद है, जो इसे वास्तव में एक वैश्विक आयोजन बनाती है। विदेशी भक्त न केवल इस आयोजन को देखने के लिए आकर्षित हुए, बल्कि अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हुए भी देखे गए, जिसमें अन्य देशों के कई साधु और संन्यासी सनातन धर्म को अपनाते हुए और आध्यात्मिक आशीर्वाद के रूप में पवित्र डुबकी लगाते दिखाई दिए।
वैराग्य वृत्ति से ही वेदांत की यात्रा प्रारम्भ होती है : आनंदमूर्ति गुरू माँ
14 Jan, 2025 09:12 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज । प्रयागराज महाकुम्भ में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, मध्यप्रदेश द्वारा एकात्म धाम में दूसरे दिन सोमवार को ऋषि चैतन्य आश्रम की प्रमुख आनंदमूर्ति गुरू माँ ने आचार्य शंकर विरचित ‘दृग्-दृश्य विवेक’ पर प्रवचन दिए, इस अवसर पर साधु संतो सहित हजारों की संख्या में देश-विदेश से श्रोतागण उपस्थित रहे। उन्होंने ‘दृग्-दृश्य विवेक’ पर वक्तव्य देते हुए कहा कि वेदांत से सरल कुछ नहीं है, यह किसी ओर की नहीं, बल्कि जो तुम हो उसी की बात करता है। आत्मा का प्रतिबिम्ब जब मन रूपी जल में पड़ता है तब यह ज्ञान होता है कि आत्मस्वरूप एक है, केवल प्रतिबिम्ब अनेक है। अद्वैत वहीं है जहाँ कोई दूसरा नहीं। आत्मा का ज्ञान मन की स्थिरता में है।
दृष्टा और दृश्य के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि इन्द्रियों के माध्यम से मन जानता है और जो मन के जानने को जान रहा है वह दृष्टा है। चेतन का स्वरुप ही ज्ञान है। स्वयं को मन, बुद्धि मानना अज्ञान है, अज्ञान बोध के कारण ही मनुष्य भ्रम में जीता है, जबकि हम सच्चिदानंद स्वरुप है। आचार्य शंकर ने अद्वैत दर्शन जगत के कल्याण के लिए स्थापित किया और सभी को एकता के सूत्र में जोड़ा, आज महाकुम्भ का यह विराट आयोजन आचार्य शंकर की देशना का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि हमें शरीर के साथ तादात्मय अध्यास नहीं बनाना है। स्वामी रामतीर्थ से किसी ने पूछा कि यह संसार किसके लिए है, तो उन्होंने उत्तर देते हुए कहा कि यह संसार हमारे लिए है। आचार्य शंकर कहते है कि तुम चैतन्य स्वरूप है, दृष्टा वह है जिसका कभी उदय एवं अस्त नहीं होता। दुनिया में शंकर एक ऐसे आदर्श जो 8 वर्ष की उम्र में अपनी माँ से जगत के कल्याण के लिए संन्यास की आज्ञा लेते है, और कालडी से चलते-चलते ओंकारेवर नर्मदा के तट पर गुरू के पास आ जाते है । वें साक्षत शिव के अनंशावतार है। जब वैराग्य वृत्ति पूरी हो जाती है तो साधुता या संन्यास का भाव आता है। वैराग्य वृत्ति से ही वेदांत की यात्रा प्रारम्भ होती है, संन्यास मन की श्रेष्ठतम् या उच्चतम स्थिति है। मनुष्य जब तक वासना के चंगुल में फसा रहता है तब वेदांत कठिन लगता है। आचार्य शंकर ने विचार एवं वैराग्य से लोक-कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया । मप्र शासन के एकात्म धाम प्रकल्प की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल अद्भुत और अविस्मरणीय है।
यह शिविर महाकुम्भ क्षेत्र के सेक्टर-18, हरिश्चन्द्र मार्ग, झूंसी में किया जा रहा है। एकात्म धाम शिविर में प्रतिदिन अद्वैत वेदान्त पर केन्द्रित संवाद, श्रवण, मनन, निधिध्यासन द्वारा ध्यान, शास्त्रार्थ सभा, संत समागम, शंकर संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, वैदिक अनुष्ठान एवं भाष्य पारायण, एकात्म धाम प्रकल्प पर केन्द्रित प्रदर्शनी, अद्वैतामृतम्, विमर्श सभा, पुस्तक प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र है। ज्ञात हो कि यह महाकुम्भ पूर्व से पश्चिम एवं उत्तर से दक्षिण तक आचार्य शंकर द्वारा स्थापित सांस्कृतिक एकता का साक्षी बने इसी भाव के साथ संन्यास परम्परा के विराट उत्सव के रूप में युग-युगीन सनातन ज्ञान-परम्परा के इस प्रकट-प्रभावी उत्सव में एकात्म धाम शिविर आयोजित है।
उल्लेखनीय है कि आचार्य शंकर ने भारतवर्ष का भ्रमण कर सम्पूर्ण राष्ट्र को सार्वभौमिक एकात्मता से आलोकित किया। अद्वैत वेदान्त दर्शन के शिरोमणि, सनातन वैदिक धर्म के पुनरुद्धारक एवं सांस्कृतिक एकता के देवदूत श्री शंकर भगवत्पाद का जीवन-दर्शन अनंत वर्षों तक संपूर्ण विश्व का पाथेय बने, इस संकल्प के साथ आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग आचार्य शंकर की संन्यास एवं ज्ञान भूमि ओंकारेश्वर में भव्य एवं दिव्य एकात्म धाम के निर्माण के लिए संकल्पित है।
एकात्मधाम प्रकल्प के अंतर्गत आचार्य शंकर की 108 फीट ऊँची बहुधातु एकात्मता की मूर्ति (Statue of Oneness), आचार्य शंकर के जीवन तथा दर्शन पर आधारित संग्रहालय अद्वैत लोक एवं अद्वैत वेदान्त दर्शन के अध्ययन, शोध एवं विस्तार हेतु आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापना करते हुए एकात्मता के वैश्विक केन्द्र (A Global Centre of Oneness) के रूप में विकसित किया जा रहा है।
महाकुंभ की व्यवस्था देख अभिभूत हुईं उमा भारती, सीएम योगी को दी बधाई
14 Jan, 2025 08:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज । मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती मकर संक्रांति पर संगम स्नान करेंगी। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ की परंपरा सनातन संस्कृति का वैभव और भारत का दिग्दर्शन है। यहां पर मानव कल्याण के लिए संत तपस्या करते हैं। यह कुम्भनगरी मानव एवं राष्ट्र कल्याण की तपोभूमि है।
उन्होंने कहा कि धर्म-कर्म का काम आस्था से होता है इसलिए बिना प्रोटोकॉल के एक साधारण संत के रूप में मां गंगा की गोद में डुबकी लगाऊंगी। भाजपा महानगर प्रवक्ता राजेश केसरवानी ने बताया कि उमा भारती मंगलवार सुबह सरस्वती घाट से चलकर त्रिवेणी संगम के वीआईपी घाट पर मानवता एवं राष्ट्र कल्याण का संकल्प लेते हुए डुबकी लगाएंगी। स्नान के बाद आगे का कार्यक्रम जारी होगा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल (एक्स) पर व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन की जमकर तारीफ की। लिखा कि 1977 से मैंने प्रयागराज के महाकुम्भ में स्नान शुरू किया है। तब से लेकर इस महाकुम्भ तक यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए इतनी अच्छी व्यवस्था, सुरक्षा, सुविधा, प्रशासन एवं पुलिस का अतिविनम्र व्यवहार पहले कभी नहीं देखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करोड़ों भारतवासियों की ओर से मेरा अभिनंदन।
पुलिस के कब्जे से बाबा साहब की प्रतिमा लेकर स्थापित कराने की मांगः सौंपा ज्ञापन
13 Jan, 2025 07:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बस्ती । सोमवार को भारत मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन के नेतृत्व में कलवारी थाना क्षेत्र के देवरिया गांव के नागरिकों ने जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग किया कि पुलिस बाबा साहब की जो मूर्ति देवरिया गांव से उठाकर ले गयी है उसे सम्मान के साथ स्थापित किये जाने के साथ ही ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमें वापस लिये जांय और सरकारी जमीन, चारागाह पर अवैध कब्जा करने वालों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करते हुये उसे खाली कराया जाय।
ज्ञापन देने के बाद भारत मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन ने बताया कि कलवारी थाना क्षेत्र के देवरिया गांव में पिछले 6 वर्षो से ग्रामीण बाबा साहब की प्रतिमा लगाने के लिये भूमि की मांग कर रहे थे किन्तु उसे उपलब्ध नहीं कराया गया। 11 जनवरी को खाली पड़ी चारागाह की जमीन पर बाबा साहब की प्रतिमा रखवा दिया गया। 12 जनवरी को कलवारी पुलिस उक्त प्रतिमा को उठा ले गई, इससे नागरिकोें में रोष है। पूर्व लोकसभा प्रत्याशी ठाकुर प्रेम नन्दबंशी और बहुजन मुक्ति पार्टी जिलाध्यक्ष बुद्धेश राना ने कहा कि चारागाह की जमीन से अतिक्रमण हटवाकर बाबा साहब की प्रतिमा को स्थापित कराया जाय और दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई कराया जाय।
जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से राम सुमेर यादव, अंजू देवी, कृपाशंकर चौधरी, सुभावती, शशिकला, शिवपाली, शान्ती, किरन, तेरसा, लक्ष्मी, रतना, राधा, विन्दू आदि शामिल रहे।
महाकुंभ में लगी पूर्व सीएम मुलायम सिंह की प्रतिमा, अखाड़ा परिषद ने की निंदा
13 Jan, 2025 05:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज में महाकुम्भ आज शुरु हो गया है जिसमें देश विदेश के लाखों लोग शामिल हो रहे हैं। इस महाकुंभ मेले में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व सीएम दिवंगत मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा लगाए जाने की अखाड़ा परिषद ने निंदा की।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि मुलायम सिंह की प्रतिमा हमें यह दिखाने के लिए लगाई गई है कि उन्होंने हमें मार रखा है, हमें लहूलुहान कर रखा है। उन्होंने कहा कि हमें मुलायम सिंह से कोई विरोध नहीं है, वह हमारे सीएम रहे हैं लेकिन इस समय प्रतिमा लगाकर सपा पार्टी हमें क्या संदेश देना चाहती हैं। सभी जानते हैं कि उनका राम मंदिर में क्या योगदान रहा है। वह हमेशा हिंदू विरोधी, सनातन विरोधी रहे हैं।
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने रविवार को इस विषय पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अखाड़ा परिषद का इस मामले में निंदा करना उचित है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने महाकुम्भ नगर के सेक्टर-16 में मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान के शिविर में स्थापित करीब तीन फुट ऊंची मुलायम सिंह की प्रतिमा का शनिवार को अनावरण किया था।
महाकुंभ का पहला स्नान, 60 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
13 Jan, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज। महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। पौष पूर्णिमा पर आज पहला स्नान है। सुबह 8 बजे तक 60 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा ली है। यह आंकड़ा 1 करोड़ तक पहुंच सकता है। 12 किमी एरिया में बना स्नान घाट श्रद्धालुओं से भरा है। संगम में हर घंटे में 2 लाख लोग स्नान कर रहे हैं। आज से ही श्रद्धालु 45 दिन का कल्पवास शुरू करेंगे। शहरी विकास मंत्री एके शर्मा ने महाकुंभ में आने वाले भक्तों को माला पहनाकर स्वागत किया। उनसे शहर और संगम क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने की अपील की। इससे पहले प्रयागराज नगर निगम की ओर से फायर ब्रिगेड चौराहे से स्वच्छता रैली निकाली गई। संगम पर एंट्री के सभी रास्तों में भक्तों की भीड़ है। महाकुंभ में वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। इसके चलते श्रद्धालु 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं। 60 हजार जवान सुरक्षा और व्यवस्था संभालने में लगे हैं। पुलिस कर्मी स्पीकर से लाखों की संख्या में आई भीड़ को मैनेज कर रहे हैं। जगह-जगह कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात हैं। भीषण ठंड में विदेशी भक्त भी डुबकी लगा रहे हैं। ब्राजील के आए श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा- मैं योग का अभ्यास करता हूं। मोक्ष की खोज कर रहा हूं। भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। जय श्रीराम। एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी महाकुंभ पहुंच चुकी हैं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े में अनुष्ठान किया। वह कल्पवास भी करेंगी। महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है। महाकुंभ को लेकर गूगल ने भी खास फीचर शुरू किया। महाकुंभ टाइप करते ही पेज पर वर्चुअल फूलों की बारिश हो रही है। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा- महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज सुबह के स्नान से हो गया है। करीब 60 लाख लोग इसमें डुबकी लगा चुके हैं। इस बार का कुंभ आस्था और आधुनिकता का संगम है। हम लोगों ने पारंपरिक पुलिस व्यवस्था से हटकर तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था दी है। इस बार कुंभ भव्य, दिव्य, डिजिटल और सुरक्षित हो, इसके लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।
8 से 10 लाख श्रद्धालु कल्पवास करेंगे
पूरी दुनिया में सबसे बड़ा धार्मिक समागम इस महाकुंभ को माना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार 8 से 10 लाख श्रद्धालु कल्पवास करेंगे। वैसे तो महा कुंभ प्रत्येक बरस साल के अंतराल में आयोजित होता है। प्रयागराज में इस बार महाकुंभ आज यानी 13 जनवरी से प्रारंभ हुआ है। पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के दिन होगा। इस स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है। आज तड़के 3 बजे से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर पूजा पाठ करना शुरू कर दिए। आज पूर्णिमा है इसलिए इसे पास पूर्णिमा स्नान कहा जाता है।
5 सेक्टर में बांटा गया मेला क्षेत्र
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महाकुंभ को लेकर बड़ा इंतजाम किया है। प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र को अलग जिला का दर्जा दिया गया है। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल लगाए गए हैं। मेला क्षेत्र को 5 सेक्टर में बांटा गया है। वॉलिंटियर्स भी बड़ी संख्या में लगे हैं। अलग-अलग संगठनों के लोग भी मेला में व्यवस्था बनाने में सहयोग दे रहे हैं। मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन पहले शाही स्नान होगा। महाकुंभ में 13 अखाड़े का जुटान हुआ है। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा के साधु संत स्नान करेंगे। औसत रूप में सभी अखाड़ों को 40 मिनट का समय दिया गया है। सबसे बड़ा अखाड़ा जूना अखाड़ा है। उसे शाही स्नान के लिए अधिक समय मिलता है।
पटना में ठंड का असर, 8वीं क्लास तक के स्कूल 15 जनवरी तक बंद
13 Jan, 2025 02:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: पटना में मौसम ने एकाएक करवट बदल ली है। यहां हल्की हल्की बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार इससे ठंड में फिर से बढ़ोतरी होगी। कड़ाके की सर्दी और मौसम में बदलाव के चलते पटना जिले के आठवीं क्लास तक के सभी स्कूल 15 जनवरी तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।
इस संबंध में पटना के डीएम ने सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के लिए आदेश जारी कर दिया है। जिलाधिकारी के आदेश के मुताबिक आठवीं कक्षा से ऊपर तक के क्लास सुबह 9 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक संचालित होंगे।
पशुपालन मंत्री रेणु देवी के भाई पर मजदूर से जबरन जमीन रजिस्ट्री कराने का आरोप
13 Jan, 2025 02:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेतिया। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महनागनी स्थित एक राइस मिल से शनिवार की दोपहर में पिस्टल के बल पर मजदूर शिवपूजन महतो का अपहरण कर जमीन लिखवा लेने और शाम में मारपीट कर छोड़ देने के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इसका CCTV फुटेज प्रसारित होने के बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने अभियुक्त नगर के पावर हाउस चौक वार्ड 17 निवासी रवि कुमार उर्फ पिन्नू के घर पर छापेमारी भी की, लेकिन अभियुक्त फरार मिला।
तीन लोगों के खिलाफ FIR
मामले में महनागनी निवासी मजदूर शिवपूजन महतो ने नगर के पावर हाउस चौक वार्ड 17 निवासी रवि कुमार उर्फ पिन्नू, महनागनी के सोमनाथ महतो, दिवाकर ठाकुर के खिलाफ मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। शिवपूजन महतो ने पुलिस को बताया है कि वह भोला साह के राइस मिल में मजदूरी करता हैं। 11 जनवरी को राइस मिल में वह काम कर रहे था। दोपहर करीब 2 बजे रवि कुमार उर्फ पिन्नू अपनी गाड़ी से राइस मिल के समीप पहुंचे। सामनाथ महतो और दिवाकर ठाकुर को भेजकर उसे बुलवाया। जब वह गाड़ी के पास पहुंचा तो गाड़ी में बैठे पिन्नू ने गंदी-गंदी गाली दी और मारपीट करने लगे। सिर पर पिस्तौल सटाकर जबरन गाड़ी में बैठा लिया।
होटल में लिया पांचों उंगली का निशान
इसके बाद बेतिया स्थित एक होटल में ले गए, वहां 18 नवंबर 2024 को निर्गत स्टांप पेपर पर पांचों उंगली का निशान लिया। दो सादे कागज पर भी हस्ताक्षर करा लिया और बोले तुम अपना महनागनी रोड पर खाता संख्या 18, खेसरा 2915 रकबा 10 धूर जमीन भूल जाओ।
मजदूर को धमकी दी
आरोपितों ने धमकी दी कि वहां जाओगे तो जान से मार दूंगा, आज से वह जमीन मेरी है। स्टांप पेपर पर निशान लेने के बाद जीडी गोयनका स्कूल के पास लाकर छोड़ दिया। इस बावत SDPO ने बताया कि घटना का फुटेज पुलिस को मिला है। अभियुक्त के घर पर पुलिस गई थी, लेकिन वह नहीं मिला। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
रेणु देवी का भाई है आरोपित
बता दें कि नगर के पावर हाउस चौक वार्ड 17 निवासी रवि कुमार उर्फ पिन्नू बिहार सरकार की मंत्री सह बेतिया की विधायक रेणु देवी का भाई हैं।
बिहार के बेगूसराय में बुजुर्ग महिला की गोली मारकर हत्या
13 Jan, 2025 01:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय से डराने वाला मामला सामने आया है. यहां बेखौफ अपराधियों ने एक बार फिर बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए एक बुजुर्ग महिला की गोली मारकर हत्या कर दी. बदमाशों ने बुजुर्ग को सोते समय गोली मारी थी. इस हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है. घटना साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के सनहा गांव की है. इस घटना के संबंध में परिजनों ने बताया है कि बीती रात सभी लोग खाना-पीना खाकर अपने रूम में सोने के लिए चला गया थे.
परिजनों ने बताया है कि सुरेश महतो भी अपने रूम में सोने के लिए चले गए थे. अपराधियों ने सोते समय खिड़की से सुरेश महतो को गोली मार दिया. गोली की आवाज सुनकर जब हम लोग उनके रुम तरफ झांक कर दिखे तो खून से लथपत पड़ा हुआ था और अपराधी मौके से फरार थे. आनन-फानन में उन्हें उस जगह से उठाकर इलाज के लिए बेगूसराय ला रहे थे, तभी रास्ते में उनकी मौत हो गई. उन्होंने बताया है कि जमीनी विवाद में अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है.
परिजनों का यह भी कहना है कि गांव के ही रहने वाले एक दबंग व्यक्ति के साथ कई वर्षों से जमीन को लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा है. जिसके कारण से उन लोगों के द्वारा ही इस घटना को अंजाम दिया गया है. फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.
झारखंड में मौसम का उतार-चढ़ाव जारी, 14 से 16 जनवरी तक कड़ाके की ठंड
13 Jan, 2025 01:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। रांची समेत पूरे राज्य में सर्दी का सितम जारी है। रांची व आसपास के जिलों में सुबह में कोहरा या धुंध का असर देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश में ठंड और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24 घंटे में तापमान में इजाफा होगा, वहीं इसके बाद ठंड बढ़ने के आसार हैं।
इन जिलों में छाया रहेगा घना कोहरा
मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य के निकटवर्ती मध्य हिस्से यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो और खूंटी के अलावा उत्तर पश्चिमी हिस्से पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा में हल्के दर्जे का कोहरा छाया रहेगा। साथ ही इन जिलों में आंशिक बादल भी छाए रहेंगे।
मकर संक्रांति पर ठंड का सितम
बादल छाए रहने से इन जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान तापमान में 2-3'C की वृद्धि तो होगी। इसके बाद 14, 15 और 16 जनवरी को दोबारा ठंड का प्रकोप बढ़ जाएगा। इन 3 दिन में तापमान में 2-3'C की गिरावट होगी। केंद्र के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि मौसम में उतार चढ़ाव का दौर इस माह के अंत तक जारी रहेगा। बादल छाने के बाद तापमान बढ़ेगा और बादल छंटते ही तापमान में गिरावट होगी। तीन दिनों बाद यानी 16 जनवरी के बाद बादल छंटने के आसार हैं। हालांकि, तापमान में ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिलेगा।
पिछले 24 घंटे में कैसा रहा मौसम
रविवार को दिनभर तेज धूप का असर नहीं होने से कनकनी बनी रही। रांची में शाम ढलते ही कनकनी का असर बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो राज्य में मौसम शुष्क बना रहा। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 27.2'C सरायकेला का जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 7.3'C जगन्नाथपुर का रिकॉर्ड किया गया। वहीं राजधानी रांची का अधिकतम 24.5'C जबकि न्यूनतम 9.6'C रिकॉर्ड किया गया।
जमशेदपुर में बढ़ रही मरीजों की संख्या
ठंड में बच्चों के लिए काफी सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों बच्चों में निमोनिया व कोल्ड डायरिया के मामले बढ़ गए हैं।
17 साल की युवती गर्भवती: 16 साल के प्रेमी के घर से जाने को तैयार, ससुराल में स्वागत
13 Jan, 2025 12:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जिले से प्यार का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. 17 साल की युवती एक 16 साल के युवक को दिल दे बैठी. दोनों ने घर से भागकर शादी कर ली. वहीं अब नाबालिग युवती मां बनने वाली है. लेकिन जब परिजनों को इस बारे में जानकारी हुई तो विवाद हो गया. दोनों परिवारों के बीच जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. वहीं इस मामले में पुलिस भी उलझी हुई है.
लड़के के घर पर किया हंगामा
मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र में एक प्रेम कहानी ने कानूनी पेंच फंसा दिया है. 17 साल की युवती गर्भवती है और अपने 16 साल के प्रेमी के घर से जाने को तैयार है. लड़की की मां इस रिश्ते को कबूल नहीं कर रही है. जबकि लड़के की मां लड़की को रखने को तैयार है. जिसे लेकर लड़के के घर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. दो नाबालिग युवक-युवती की साथ रहने की जिद को लेकर जमकर हंगामा हुआ. लड़की के परिजनों ने लड़के के घर पर हंगामा किया. वहीं मौके पर लोगों की काफी भीड़ जुट गई. लड़की अपने परिजन से चोरी छिपे पिछले एक माह से प्रेमी के घर पर रह रही थी. जब उसकी मां को जानकारी हुई तो वो महिला आयोग की टीम के साथ उसके प्रेमी के घर पर पहुंची और घंटो हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ.
घर से भागकर की थी शादी
सिकंदरपुर में एक दुकान में काम करने वाले 16 साल के लड़के और स्कूल जाने वाली 17 साल की लड़की के बीच प्यार हो गया. युवती दसवीं कक्षा की छात्रा है. स्कूल जाते और लौटते वक्त रोज कुछ न कुछ सामान उस दुकान से खरीदती थी. इसी बीच दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे. बात इतनी बढ़ी कि दोनों ने घर छोड़ने का फैसला किया. दोनों घर छोड़कर समस्तीपुर भाग गए. वहीं पर एक मंदिर में शादी की. जानकारी के मुताबिक, प्रेमी प्रेमिका दोनों नाबालिग है.
लड़के के घर पर हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा
लड़की के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर लड़की को ट्रेस करना शुरू कर दिया. पुलिस ने लड़की को समस्तीपुर से बरामद कर उसके परिवार को सौंप दिया. कोर्ट में पेशी के दौरान लड़की ने कहा कि वह घर से झगड़ा करके अपनी मौसी के घर गई थी. लेकिन असल में उसने अपने प्रेमी से चुपके से शादी कर ली थी. कुछ दिन घर में रहने के बाद लड़की फिर से अपने प्रेमी के घर चली गई. लड़की की मां लड़के के घर गई और जमकर हंगामा हुआ. हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहंची. पुलिस को देखकर लड़का मौके से फरार हो गया. दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई. बाद में दोनों पक्षों को समझा बुझा कर शांत कराया गया.
महाकुंभ 2025: पौष पूर्णिमा के साथ संगम नगरी में शुरु हुआ दिव्य मेला
13 Jan, 2025 11:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज: यूपी की संगम नगरी में महाकुंभ मेले का दिव्य और भव्य आगाज हो गया है। पौष पूर्णिमा के साथ ही 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ की शुरुआत हो गई है। इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। महाकुंभ के पहले दिन से प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है। हजारों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। अभी तक 60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगा ली है। यह गंगा, यमुना और 'रहस्यमय' सरस्वती नदियों का पवित्र संगम है।
144 साल बाद दुर्लभ संयोग में रविवार की आधी रात संगम पर पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ महाकुंभ का शुभारंभ हुआ। विपरीत विचारों, मतों, संस्कृतियों, परंपराओं स्वरूपों का गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर महामिलन 45 दिन तक चलेगा। इस अमृतमयी महाकुंभ में देश-दुनिया से 45 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों-भक्तों, कल्पवासियों और अतिथियों के डुबकी लगाने का अनुमान है।
घना कोहरा, थरथरा देने वाली कंपकंपी आस्था के आगे मीलों पीछे छूट गई। संगम पर आधी रात लाखों श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। कहीं तिल रखने की जगह नहीं बची। आधी रात से ही पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी का शुभारंभ हो गया। इसी के साथ संगम की रेती पर जप, तप और ध्यान की वेदियां सजाकर मास पर्यंत यज्ञ-अनुष्ठानों के साथ कल्पवास भी आरंभ हो गया। समुद्र मंथन के दौरान निकले कलश से छलकीं अमृत की चंद बूंदों से युगों पहले शुरू हुई कुंभ स्नान की परंपरा का आज से आगाज हो गया। इस बार महाकुंभ में 183 देशों के लोगों के आने की उम्मीद है। इन विदेशी मेहमानों के स्वागत और आतिथ्य के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से भव्य तैयारियां की गई हैं।
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में दर्ज महाकुंभ को केंद्र और प्रदेश की सरकारें विश्व समुदाय के समक्ष अद्भुत रूप में प्रस्तुत करना चाह रही हैं। मेला क्षेत्र में रोजाना 800 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। पहली बार 10 लाख वर्ग फीट में दीवारें पेंट की गईं हैं। जानकारी के मुताबिक, कुंभनगरी में सबसे ज्यादा फोकस सेक्टर-18 पर रखा गया है। यहां वीआईपी गेट भी बनाया गया है। इस पॉइंट पर 72 देशों के ध्वज लगे हुए हैं, जिनके नुमाइंदे भी मेले में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उनकी आगवानी करने की तैयारी कर रखी है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के मकसद से कुंभनगरी के हर सेक्टर में पुलिस थाने बनाए गए हैं। साथ ही, फायर ब्रिगेड की टीमें भी तैनात की गई हैं। कुंभनगरी में कुल 56 अस्थायी थाने बने हैं। 37 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिन्हें हर तरह की आपात स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी गई है। कुंभ मेले में भारी भीड़ के बीच किसी के खोने जैसी बातें आम हैं, लेकिन इसके लिए भी खास तैयारी की गई है। इस बार श्रद्धालुओं की मदद के लिए 15 लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर बनाए गए हैं। बता दें कि 12 वर्ष बाद प्रयागराज में महाकुंभ लगा है। 2013 कुंभ मेले के लिए 1214 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया थाा। उस दौरान 160 किमी लंबी सड़कों का निर्माण कराया गया था। स्वच्छता के लिए 35 हजार शौचालयों का निर्माण कराया गया था। आंकड़ों के मुताबिक, 2013 के कुंभ मेले के दौरान शहर में करीब 70 लाख श्रद्धालु आए थे, लेकिन इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
कुंभ का पौराणिक महत्व
ज्योतिषियों की मानें तो जब बृहस्पति कुंभ राशि और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, तब कुंभ लगता है। त्रिवेणी संगम के कारण प्रयाग का महाकुंभ सभी मेलों में ज्यादा महत्व रखता है। कहा जाता है कि देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन के दौरान 14वें रत्न के रूप में अमृत कलश निकला था, जिसे हासिल करने के लिए उनमें संघर्ष हुआ। असुरों से अमृत बचाने के लिए भगवान विष्णु ने विश्व मोहिनी रूप धारण कर वह अमृत कलश अपने वाहन गरुड़ को दे दिया। असुरों ने गरुड़ से वह कलश छीनने का प्रयास किया तो अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में गिर गईं। कहा जाता है कि तब से हर 12 साल बाद इन स्थानों पर कुंभा मेला आयोजित किया जाता है।
संगम पर महाकुंभ की सदियों पुरानी परंपरा
महाकुंभ कब से शुरू हुआ, इस संबंध में कुछ भी लिखित प्रमाण नहीं है। हालांकि, इस मेले का सबसे पहला लिखित प्रमाण बौद्ध तीर्थयात्री ह्वेनसांग के लेख में मिलता है। उन्होंने छठवीं शताब्दी में सम्राट हर्षवर्धन के शासनकाल में होने वाले कुंभ मेले का वर्णन किया है। वहीं, ईसा से 400 वर्ष पूर्व सम्राट चंद्रगुप्त के दरबार में आए एक यूनानी दूत ने भी ऐसे ही मेले का जिक्र अपने लेख में किया है।