उत्तर प्रदेश
झारखंड JSSC CGL पेपर लीक: IRB के 5 जवान समेत 8 गिरफ्तार, मास्टर माइंड अभी भी फरार
26 Mar, 2025 02:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा पिछले साल सितंबर में आयोजित हुई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक हो जाने के सिलसिले में राज्य आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने भारतीय रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के पांच जवानों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, सीआईडी ने कहा है कि मेन पेपर लीक होने का कोई प्रत्यक्ष या भौतिक सबूत अब तक नहीं मिला है.
सीआईडी के एक बयान के अनुसार, जांच के दौरान, यह पता लगा कि परीक्षा से पहले प्रतिभागियों को पेपर उपलब्ध कराने के नाम पर एक गिरोह के सदस्यों ने रुपये जमा करवाए थे, जिससे लोगों के बीच पेपर लीक होने की अफवाह और संदेह फैल गया. बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए आठ लोग इसी गिरोह से जुड़े हुए हैं.
पेपर लीक मामले की जांच
दरअसल झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के सीजीएल परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीआइडी ने आठ संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपितों में झारखंड पुलिस की इंडियन रिजर्व बटालियन-8 गोड्डा के पांच जवान, असम राइफल का एक जवान, गृह रक्षा वाहिनी का एक जवान और असम राइफल के जवान का भतीजा शामिल है. पेपर लीक मामले का कथित मास्टरमाइंड गोरखपुर का निवासी है, जिसकी तलाश की जा रही है.
धन उगाही का मामला
सीआइडी ने बताया कि 21 और 22 सितंबर 2024 को राज्य के सभी जिलों में जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की गई थी. सीजीएल परीक्षा के पेपर में कथित धोखाधड़ी और सीजीएल परीक्षा के उम्मीदवारों के साथ धोखाधड़ी और दिग्भ्रमित करके प्रश्नपत्र देने के नाम पर धन उगाही का मामला सामने आया.
सीआइडी ने एक जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी. अनुसंधान के क्रम में पता चला कि परीक्षा के पूर्व ही एक गिरोह के सदस्यों ने अभ्यर्थियों को सीजीएल के प्रश्नों को देने के नाम पर धन की उगाही की है. इसमें आमजन में सीजीएल पेपर लीक के संबंध में अफवाह और सुगबुगाहट शुरू हो गई थी.
CID ने इन्हें किया गिरफ्तार
कुंदन कुमार उर्फ मंटू: ये बिहार के औरंगाबाद जिले के ओबरा थाना क्षेत्र के गांव कदियाही का रहने वाला है. यह सिपाही नंबर 119 है, जो आइआरबी-8 मुख्यालय गोड्डा में पोस्टेड है.
रोबिन कुमार: ये झारखंड के गिरिडीह जिले के धनवार थानाक्षेत्र के गांव खेरवानी का रहने वाला है. यह सिपाही नंबर 105 है जो आइआरबी-8 गोड्डा का जवान है. वर्तमान में यह लातेहार के चंदवा स्थित बोद्दा पिकेट में प्रतिनियुक्त था.
अखिलेश कुमार: झारखंड के कोडरमा जिले के सतगावां थानाक्षेत्र के गांव सेहास का रहने वाला है. यह सिपाही नंबर 578 है जो आइआरबी-8 गोड्डा का जवान है. वर्तमान में यह लातेहार के चंदवा स्थित बोद्दा पिकेट में प्रतिनियुक्त था.
गौरव कुमार: झारखंड के चतरा जिले के हंटरगंज थानाक्षेत्र के ग्राम खुटीकेवाल खूर्द का रहने वाला है. यह सिपाही नंबर 138 है जो आइआरबी-8 गोड्डा का जवान है. वर्तमान में यह लातेहार के चंदवा स्थित बोद्दा पिकेट में प्रतिनियुक्त था.
अभिलाष कुमार: झारखंड के गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र के गांव पिहरा का रहने वाला है. यह सिपाही नंबर 530 है जो आइआरबी-8 गोड्डा का जवान है. वर्तमान में यह लातेहार के हेरेंज थाना क्षेत्र के हुंबू पिकेट में प्रतिनियुक्त था.
राम निवास राय: बिहार के औरंगाबाद जिले के जम्होर थाना क्षेत्र के गांम बेदाही का रहने वाला है. यह सिपाही नंबर 5012553 है, जो असम रायफल का जवान है. वर्तमान में वह पंजाब के लुधियाना में प्रतिनियुक्त था.
निवास कुमार राय: बिहार के औरंगाबाद जिले के जम्होर थाना क्षेत्र के गांव बेदाही का रहने वाला है. यह गृह रक्षक संख्या 3858 है जो रामगढ़ जिला में तैनात था.
कविराज उर्फ मोटू: बिहार के औरंगाबाद जिले के जम्होर थाना क्षेत्र के गांव बेदाही का रहने वाला है. यह असम राइफल के जवान राम निवास राय का भतीजा है.
IRCTC स्कैम पर लालू परिवार का बयान: CBI के आरोपों से किया इनकार, सुनवाई आज से शुरू
26 Mar, 2025 12:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में मंगलवार को सीबीआई द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों को खारिज कर दिया. तीनों ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के सामने मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के बारे में बहस के दौरान यह दलीलें दीं. आरोपों में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार शामिल है, जिसके लिए अधिकतम सात साल के जेल की सजा हो सकती है.
तीनों ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में दावा किया कि सीबीआई के पास मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सबूतों की कमी है. मामले की सुनवाई बुधवार को फिर से शुरू होगी और न्यायाधीश ने जांच अधिकारी (आईओ) को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.
सीबीआई से मिली मंजूरी की वैधता पर सवाल
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी संख्या एक से चार (लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी) की ओर से आरोप के पहलू पर आगे की दलीलें सुनी गई हैं. आईओ को अगली तारीख पर पेश होने दें. यूपीए-1 सरकार के दौरान रेल मंत्री रहे लालू यादव ने पहले मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई से मिली मंजूरी की वैधता पर सवाल उठाया था.
मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत
एजेंसी ने 28 फरवरी को कोर्ट को बताया कि मामले में आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन के ठेके एक निजी कंपनी को दिए जाने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई थी, जिसके तहत पुरी और रांची में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया. लेकिन बाद में उनके संचालन और रखरखाव का काम पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया.
टेंडर प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी
एजेंसी ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई तथा सुजाता होटल्स की मदद करने के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया. आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के तत्कालीन समूह महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल तथा विजय कोचर और विनय कोचर (दोनों सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक हैं) का भी नाम है. डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है.
शर्मनाक घटना: आरा में दबंगों ने महिला मजिस्ट्रेट को सड़क पर पटका।
26 Mar, 2025 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के आरा में बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचीं महिला मजिस्ट्रेट पर जानलेवा हमला हुआ. दबंगों ने बुलडोजर कार्रवाई से पहले सीओ पल्लवी गुप्ता से बदसलूकी की. उनके बाल खींचे और कपड़े तक फाड़ डाले. यहां तक कि उन्हें सड़क पर भी पटका. इधर जब महिला मजिस्ट्रेट के सुरक्षा कर्मी आगे बढे तो दबंगों ने उनके ऊपर भी हमला कर दिया. इससे मौके पर अफरातफरी मच गई.
हालांकि इसके बाद भी महिला मजिस्ट्रेट ने अतिक्रमण को हटा कर ही दम लिया. जानकारी के मुताबिक, आरा के जिला मुख्यालय के पास सरदार पटेल बस स्टैंड के पास कायम नगर जीरो माइल मुख्य सड़क के किनारे दबंगों ने अतिक्रमण कर लिया था, जिसे हटाने के लिए महिला मजिस्ट्रेट सह सीओ पल्लवी गुप्ता गई हुई थीं.
महिला मजिस्ट्रेट जब वहां पहुंचीं तो स्थानीय दबंगों ने उनके उपर हमला कर दिया. उन्होंने महिला मजिस्ट्रेट के बाल खींचे और कपड़ों को फाड़ डाला. इसके बाद महिला मजिस्ट्रेट को सड़क पर भी पटक दिया गया.
पिछले कई दिनों से तनाव का माहौल
बताया जा रहा है कि, पूरी कहानी एक दो मंजिला मकान को लेकर थी. पिछले कई दिनों से वहां तनाव का माहौल बना हुआ था. शनिवार को भी इस जगह पर बवाल हुआ था. इसी मकान को हटाने को लेकर जब महिला मजिस्ट्रेट वहां पर गईं तो उनके हमला कर दिया गया. हालांकि, इसके बाद भी महिला सीओ ने हार नहीं मानी और अतिक्रमण करने वालों को वहां से खदेड़ दिया. फिर बुलडोजर से अतिक्रमण को हटा कर ही दम लिया.
जिलाधिकारी को दी जाएगी शिकायत
इधर महिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि पूरे मामले की एक-एक जानकारी जिलाधिकारी को दी जाएगी. फिर लिखित आवेदन देने के बाद उपद्रवियों पर मामला दर्ज किया जाएगा. उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
झारखंड सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 7 IPS अधिकारियों का हुआ ट्रांसफर
26 Mar, 2025 12:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बुधवार को प्रशासन अमले में बड़े बदलाव किए. राज्य सरकार ने सात आईपीएस अधिकारियों का मंगलवार को स्थानांतरण पदस्थापन किया. होमगार्ड डीजी रहे अनिल पालटा को रेल डीजी बनाया गया है. वहीं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद पोस्टिंग के लिए प्रतीक्षारत एमएस भाटिया को होमगार्ड का डीजी बनाया गया है.
पुलिस मुख्यालय में आईजी प्रोविजन पंकज कंबोज को झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड में प्रबंध निदेशक के पद पर पदस्थापित किया गया है. 2021 और 2022 बैच के प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों की भी तैनाती राज्य सरकार ने की है.
2021 बैच के शुभम कुमार खंडेलवाल को एसडीपीओ सिमरिया, गौरव गोस्वामी को एसडीपीओ पतरातू बनाया गया है. वहीं, 2022 बैच के आईपीएस वी शंकर को एसडीपीओ किस्को और शिवम प्रकाश को एसडीपीओ चक्रधरपुर बनाया गया है.
गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार वैसे पदाधिकारी जिनकी पोस्टिंग कहीं नहीं हुई, लेकिन इस पदस्थापना से उनकी पदस्थापना प्रभावित हुई है, तो उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान का आदेश दिया गया है.
4 दिन पहले भी हुआ था ट्रांसफर
इससे 4 दिन पहले झारखंड में प्रशासनिक सेवा के पांच अधिकारियों का तबादला किया गया था. इन अधिकारियों को अलग-अलग जगहों पर पदस्थापित किया गया है. सभी को प्रोन्नति समिति की बैठक के बाद अनुशंसा के आलोक में पदस्थापित किया गया.
39 प्रशिक्षु डीएसपी को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
पुलिस मुख्यालय ने राज्य के 39 प्रशिक्षु डीएसपी को अपने विशेष अभियान में लगाया. इनमें 29 डीएसपी को नक्सल विरोधी अभियान व 10 डीएसपी को साइबर अपराध की रोकथाम के लिए विभिन्न जिलों में तैनात किया.
7.79 करोड़ रुपये का आयकर नोटिस, जूस विक्रेता रईस की मुश्किलें बढ़ी
26 Mar, 2025 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जूस बेचने वाले को इनकम टैक्स की ओर से 7.79 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर नोटिस भेजा है. इतनी बड़ी रकम का नोटिस देख जूस विक्रेता के होश उड़े हुए हैं. घबराहट में उसका खाना-पीना छूट गया है. आयकर विभाग का कहना है कि जूस विक्रेता के पैन कार्ड से इतनी बड़ी रकम की खरीद-फरोख्त की गई है. पीड़ित ने मामले को लेकर अलीगढ़ एसपी से मदद की गुहार लगाई है.
जूस विक्रेता की पहचान रईस के रूप में हुई है. वह थाना बन्ना देवी क्षेत्र के सराय रहमान में रहता है. रईस दीवानी कचहरी के पास जूस की दुकान चलाता है. इनकम टैक्स ऑफिस की ओर से मिले नोटिस को रईस ने सीए को दिखाया है. उसका कहना है कि करोड़ो रुपये की खरीदारी की उसको कोई जानकारी नहीं है. नोटिस मिलने के बाद जूस विक्रेता रईस का परिवार सदमे में है.
रिटर्न फाइल न करने पर मिला नोटिस
पीड़ित रईस का कहना है कि आयकर विभाग ने उसको रकम जमा करने के लिए बोला है. उन्हें आयकर विभाग खंड तीन के आईटीओ नैन सिंह ने 7.79 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया है. बताया गया है कि विभाग के सर्वर में साल 2021-22 में रईस के पैन कार्ड के जरिए 7 करोड़ 79 लाख रुपये की खरीद-फरोख्त की गई है. रिटर्न फाइल न करने पर रईस को नोटिस भेजा गया है. नोटिस रईस को मिला तो उसने उसे अपने सीए के जरिए मामला पता किया. इसके बाद उसने दीपक शर्मा नाम के शख्स का नाम लिया.
मिलते थे हर महीने 15-20 हजार रुपये
आयकर विभाग के मुताबिक, रईस का पैन कार्ड पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया था. पंजाब के कई फर्म संचालकों से पूछताछ की गई है. रईस ने बताया कि उसे दीपक शर्मा नाम अक शख्स हर महीने 15-20 हजार रुपये देता था. वह उसी के कहने पर यह काम करता था. उसका कहना है कि वह जूस की छोटी सी दुकान चलाता है. उसे नहीं पता कि उसके पैन कार्ड का पंजाब में कैसे इस्तेमाल किया गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा में दरिया नाथ मंदिर में शंखाढाल कार्यक्रम में होंगे शामिल
26 Mar, 2025 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गोरक्ष पीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को आगरा के राजा मंडी स्थित 500 साल पुराने दरिया नाथ मंदिर में आयोजित शंखाढाल कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन ब्रह्मलीन महंत सिद्धनाथ जी की स्मृति में किया जा रहा है, जो वर्ष 2000 से 2013 तक दरिया नाथ पीठ के पीठाधीश्वर रहे थे.
क्या होता है शंखाढाल कार्यक्रम
नाथ संप्रदाय में जब किसी उपदेशी महंत या साधु का देहावसान होता है, तो उनकी स्मृति में शंखाढाल कार्यक्रम किया जाता है. इसे हिंदू समाज में होने वाली बरसी की तरह माना जाता है. इस अवसर पर देशभर से नाथ संप्रदाय के साधु-संत एकत्रित होते हैं, विशेष पूजा-अर्चना होती है और भंडारे का आयोजन किया जाता है.
शाही रथ पर होगा स्वागत
शंखाढाल कार्यक्रम के तहत मंगलवार से ही संतों का समागम शुरू हो गया था. इस दौरान देश के प्रसिद्ध महंत शाही बग्गी में सवार होकर दरियानाथ मंदिर पहुचेंगे. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत भी भव्य तरीके से किया जाएगा. वे बुधवार दोपहर लागभग 12:00 बजे दरिया नाथ मंदिर पहुंचेंगे, जहां उनकी अगवानी शाही रथ पर सवार होकर की जाएगी. इस दौरान शंख, नगाड़ों और बैंड-बाजे के साथ पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया जाएगा.
नाथ संप्रदाय की विधि से करेंगे पूजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर में पहुंचकर नाथ संप्रदाय की रीति-नीति के अनुसार पूजा-पाठ करेंगे. इसके बाद वे जीआईसी मैदान में आयोजित कार्यक्रम “सुशासन मेरा संकल्प” में भी शामिल होंगे, जहां वे अपनी सरकार के 8 साल पूरे होने पर प्रदेश की विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे.
योगी आदित्यनाथ ने ANI को दिए इंटरव्यू में सपा, कांग्रेस और ओवैसी पर हमला बोला
26 Mar, 2025 11:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ ही AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर भी करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि न इस्लाम खतरे में है और न मुसलमान, अगर कुछ खतरे में है तो इनके वोट बैंक की राजनीति. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के मुसलमानों को एक बात समझनी होगी कि जब तक हिंदू सुरक्षित हैं तब तक वे भी सुरक्षित हैं. हिंदू ट्रेडिशन सुरक्षित है तो उनकी भी सुरक्षा निहित है.
ओवैसी कहते हैं कि आपके राज में इस्लाम खतरे में हैं. आप उनके ट्राडितों को ख़त्म कर रहे हैं, इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुसलमान खतरे में नहीं है, इनके वोट बैंक की राजनीति खतरे में हैं. जिस दिन अपने पूर्वजों को भारतीय मुस्लमान समझ जायेगा, इन सबके बोरिया बिस्तर बंध जाएंगे. इसलिए अपने बोरिया बिस्तर को दुरुस्त रखने के लिए इस प्रकार के भड़काऊ बातों को कहते हैं. भारत के मुसलमानों को याद रखना होगा वे तभी सुरक्षित हैं जब हिंदू सुरक्षित है.
पाकिस्तान-बंगलदेश की सच्चाई भूल सकते हैं क्या?
हिंदू कहां खतरे में हैं? इस सवाल के जवाब पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कश्मीर के अंदर क्या हुआ था? अभी बांग्लादेश में क्या हो रहा है. पाकिस्तान में क्या हुआ? इस जवाब पर उनसे पूछा गया कि आप बांग्लादेश पाकिस्तान जाएंगे ? आप कहां-कहां जाएंगे? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 में विभाजन से पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत का ही हिस्सा था. ये इतिहास है और इस सच्चाई को आप झुठला नहीं सकते. इस सचाई को पूरा भारत जनता है. हम इस सच्चाई को कैसे भूल सकते हैं. क्या पाकिस्तान में हमारी हिंगलाज माता का मंदिर नहीं है? बांग्लादेश में ढाकेश्वरी माता का मंदिर नहीं है? क्या हम इसको भूल जाएंगे। तमाम ऐसे धर्मस्थल हैं जो आज भी वहां पड़े हुए हैं. हिन्दुओं के साथ वहां किस तरह का व्यवहार हुआ.
भारत में ही हिंदुओं का कर रहे विरोध
CAA कानून पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो हिंदू आ चुके हैं, जो लोग इस्लाम खतरे की बात करते हैं उन लोगों ने यहां उन हिन्दुओं का भी विरोध किया. आप अनुमान करिए कि भारत में ही ये लोग हिन्दुओं का विरोध कर रहे हैं तो पाकिस्तान और बांग्लादेश के अंदर क्या हाल हो रहे होंगे? इनकी मानसिकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिन्दुओं के प्रति इनके दुराग्रह कितने खतरनाक हैं और कितने छोटे स्तर के हैं.
पुलिस की क्रूरता से 17 वर्षीय युवक की मौत, मां की आखिरी उम्मीद टूटी
26 Mar, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अभी बोल रहा था… अब बोल नहीं रहा, हम लखनऊ ले जाएंगे तो देखना बोलने लगेगा…’ यह एक अभागी मां की उम्मीद है, अपने सीने से बेजान बेटे को चिपकाए वो तड़प-तड़पकर बस यही आस लगा रही है. उसका बेटा अभी उठ जाएगा, उससे बात करेगा. लेकिन उसे नहीं मालूम उसके जिगर का टुकड़ा जिंदगी भर के लिए खामोश हो गया है. उत्तर प्रदेश के बस्ती में पुलिस की क्रूरता ने एक मां से उसके बेटे को छीन लिया. उसे इतना पीटा कि उसकी जान चली गई. शायद जान बच जाती! अगर उसके पास 5 हजार रुपये का इंतजाम होता. मां का कहना है कि उसके बेटे को छोड़ने के लिए पुलिसवालों ने उससे 5 हजार रुपये की डिमांड की थी.
मामला बस्ती जिले के दुबौलिया थाने के उभाई गांव का है. यहां के 17 वर्षीय आदर्श उपाध्याय को थाने ले जाकर पुलिस ने बेरहमी से इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. आदर्श कोई अपराधी नही था. गांव का सीधा-सादा लड़का. गाय चराता और परिवार के काम में हाथ बटाता था. उसका कुसूर सिर्फ इतना था कि उसने गांव के एक सेठ से तंबाकू मांग ली. यह उस सेठ को नागवार गुजरी. विवाद हुआ और सेठ ने पुलिस बुला ली. उसके बाद पुलिस ने जो किया उससे एक मां का बेटा उससे छीन लिया.
रात भर पीटा, फिर सुबह भी की पिटाई
घटना के मुताबिक, सोमवार को दुबौलिया थाने की पुलिस आदर्श को गांव से उठाकर ले गई. उसे रात भर पीटा. परिजनों के मुताबिक, पुलिस ने आदर्श को थर्ड डिग्री दी. पुलिसवालों का मन इससे नहीं भरा, उसे मंगलवार की सुबह फिर से पीटा गया. बिलखती मां ने रोते हुए बताया कि उसके बेटे को छोड़ने के लिए पुलिसवालों ने 5000 रुपये मांगे. गरीब परिवार पैसे नहीं दे पाया तो पुलिस ने आदर्श को जानवरों की तरह पीटा, उसे इतना मारा कि उसके मुंह से खून आने लगा. हालत बिगड़ते देख पुलिसवालों ने उसे उसके घर ले जाकर छोड़ दिया.
अस्पताल में तोड़ दिया दम
परिवारवालों ने जब आदर्श की बिगडती तबीयत देखी तो वह घबरा गए. वह उसे आनन-फानन में सीएचसी हरैया ले जाया गया. डॉक्टर ने आदर्श की गंभीर हालत देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन, वह उसे जिला अस्पताल ले जाते उससे पहले ही आदर्श ने रास्ते में दम तोड़ दिया. आदर्श की मौत से परिजनों में चीख-पुकार मच गई. गांव में मातम छा गया. आदर्श को बुरी तरह पीटने वाले पुलिसवालों की हैवानियत से परिजन और ग्रामीणों में गुस्सा पनप गया.
बेटे की छोड़ने के लिए मांगे 5000 रुपये
मृतक आदर्श की मां ने बताया कि पुलिसवाले उसके बेटे को उठाकर ले गए. उसे रात-दिन पीटा. पुलिसवालों ने गांव में फोन किया. प्रधान को फोन कर उन्हें बताया. पुलिसवालों ने उनसे कहा कि जल्दी थाने आओ. वह मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे अपने छोटे बेटे के साथ थाने पहुंची. वहां पुलिस ने उनसे कहा कि 5000 रुपये देकर अपने बेटे को ले जाओ, वरना पता नहीं लगेगा उसका.
पुलिसवालों ने कागज पर उसके छोटे बेटे से कुछ जबरन लिखवाया. मां ने बताया कि उसे थाने से आदर्श को दिया तो उसकी तबीयत खराब थी. वह गांव से पैदल थाने पहुंची थी. बेटे की तबीयत बिगड़ रही थी. उसके मुंह से खून आ रहा था. उसने पुलिसवालों से विनती की लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. वह खुद एंबुलेंस के जरिए बेटे को लेकर अस्पताल पहुंची.
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़ गए. उन्होंने आदर्श के शव के साथ प्रदर्शन किया. जानकरी मिलते ही पुलिस के अफसर मौके पर पहुंचे. सीओ सिटी ने परिजनों के मान मनव्वल किया. रात में कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद परिजन बेटे के शव के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए.
Bihar Board 12th Result 2025: लड़कियों ने साइंस, काॅर्मस और आर्ट्स में किया टॉप, चेक करें टॉपर्स लिस्ट
25 Mar, 2025 06:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा 2025 का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. 12वीं में कुल 86.5 फीसदी स्टूडेंट्स सफल हुए हैं. साइंस, आर्ट्स और काॅर्मस स्ट्रीम का रिजल्ट एक साथ जारी किया गया है. तीनों स्ट्रीम में लड़कियों ने टाॅप किया है. परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट interresult2025.com और interbiharboard.com पर जाकर रोल नंबर और रोल कोड दर्ज कर मार्कशीट चेक कर सकते हैं.
इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में कुल 12,80,211 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे, जिनमें 6,37,797 लड़कियां और 6,42,414 लड़के शामिल थे. परीक्षा 1 फरवरी से 15 फरवरी 2025 तक राज्य भर में निर्धारित 1677 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. साइंस स्ट्रीम में प्रिया जयसवाल, काॅमर्स स्ट्रीम में रौशनी कुमारी और आर्ट्स स्ट्रीम में अंकिता कुमारी और शाकिब शाह ने टाॅप किया है.
Bihar Board 12th Result 2025 Science toppers List: बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट साइंस टाॅपर्स लिस्ट
रैंक 1: प्रिया जायसवाल 484 अंक (96.8%)
रैंक 2: आकाश कुमार 480 अंक (96%)
रैंक 3: रवि कुमार 478 अंक (95.6%)
रैंक 4: अनुप्रिया 477 अंक (95.4%)
रैंक 4: प्रशांत कुमार 477 अंक (95.4%)
रैंक 5: अतुल कुमार मौर्य 476 अंक (95.2%)
रैंक 5: अंकित कुमार 476 अंक (95.2%)
रैंक 5: वर्षा रानी 476 अंक (95.2%)
Bihar Board 12th Result 2025 Commerce toppers List: बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025 काॅमर्स टाॅपर लिस्ट
रैंक 1: रौशनी कुमारी 475 अंक (95%)
रैंक 2: अंतरा खुशी 473 अंक (94.6%)
रैंक 3: श्रृष्टि कुमारी 471 अंक (94.2%)
रैंक 4: निशांत राज 470 अंक (94%)
रैंक 4: निधि शर्मा 470 अंक (94%)
रैंक 4: अदिति सोनकर 470 अंक (94%)
रैंक 5: अंशु कुमारी 469 अंक (93.8%)
Bihar Board 12th Result 2025 Arts toppers List: बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025 आर्ट्स टाॅपर लिस्ट
रैंक 1: अंकिता कुमारी 473 अंक (94.6%)
रैंक 1: शकिब शाह 473 अंक (94.6%)
रैंक 2: अनुश्का कुमारी 471 अंक (94.2%)
रैंक 3: रुकैया फातिमा 470 अंक (94%)
रैंक 3: आरती कुमारी 470 अंक (94%)
रैंक 3: सानिया कुमारी 470 अंक (94%)
रैंक 4: अंकित कुमार 469 अंक (93.8%)
रैंक 5: अंशु रानी 468 अंक (93.6%)
रैंक 5: चंद्रमणि लाल 468 अंक (93.6%)
रैंक 5: रिषु कुमार 468 अंक (93.6%)
रैंक 5: संजना कुमारी 468 अंक (93.6%)
रैंक 5: तनु कुमारी 468 अंक (93.6%)
रैंक 5: अर्चना मिश्रा 468 अंक (93.6%)
इस साल बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा का पास प्रतिशत कुल 86.50 प्रतिशत रहा. पिछले साल यह 87.21% और 2023 में 83.73% था. एग्जाम में सफल छात्र कुछ दिनों के बाद अपने संबंधित स्कूल से आपनी मार्कशीट प्राप्त कर सकते हैं.
पिता के ऑटो चलाने के बावजूद बेटी ने दिन-रात मेहनत कर 12वीं में हासिल की टॉप रैंक
25 Mar, 2025 06:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार बोर्ड यानी BSEB ने 25 मार्च 2025 को 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं. रिजल्ट्स के साथ बोर्ड की ओर से अलग-अलग स्ट्रीम के टॉपर्स की लिस्ट भी जारी की है. कॉमर्स स्ट्रीम के टॉपर्स की बात करें तो इसमें वैशाली की रहने वाली रौशनी कुमारी ने टॉप किया है. उन्होंने 475 नंबर्स के साथ 95% मार्क्स हासिल किए हैं. उनकी इस उपलब्धि पर न सिर्फ उनके घरवाले बल्कि शहर के दर्जनों लोग खुशियां मना रहे हैं.
रौशनी कुमारी बिहार में हाजीपुर के सदर प्रखंड के काशीपुर वार्ड 08 में रहती हैं. उनके पिता सुधीर कुमार ऑटो चालक हैं. रौशनी ने कड़ी मेहनत के बदौलत पूरे बिहार में अपना परचम लहराया है. रौशनी कुमारी ने गांव में ही शिक्षा ग्रहण की है. प्राथमिक विद्यालय काशीपुर चकबीबी, हाई स्कूल चांदपुरा से मैट्रिक (10वीं) और इंटर (12वीं) हाजीपुर जमुनीलाल कॉलेज से की है. रौशनी कुमारी एक भाई और दो बहन हैं. रौशनी कुमारी बड़ी हैं उनके छोटी एक बहन सोनाली कुमारी और भाई रौनक कुमार है.
रौशनी की मां आरती देवी ने बताया कि बेटी रौशनी ने कड़ी मेहनत के बाद सफलता हासिल की है. वह दिन में 8/9 घंटा पढ़ाई करती थी और रात में भी पढ़ाई करती थी. बेटी रौशनी कुमारी कहती थी कि मुझे टॉप करना है और इसी जुनून के साथ उन्होंने रात दिन मन लगाकर पढ़ाई की और टॉप किया. दूसरी छात्राओं के लिए रौशनी की मां ने संदेश दिया है कि उन्हें भी कड़ी मेहनत के साथ पढ़ई करनी चाहिए ऐसे में सफलता उन्हें जरूर मिलेगी.
आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार
बिहार टॉपर रौशनी कुमारी का कहना है कि वह CA बनना चाहती हैं. रौशनी कुमारी भावुक होकर बताती हैं कि उनके पापा ऑटो चलाते हैं. दिनभर में एक बार खाना खा कर चले जाते हैं फिर कोई ठिकाना नहीं रहता. उनकी मम्मी पढ़ाई लिखाई में काफी सपोर्ट करती हैं और एक दोस्त की तरह साथ देती हैं. रौशनी ने बताया कि उनकी फैमिली में फाइनेंशियल प्रोब्लम्स हैं इसके बावजूद उनके माता-पिता ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया है.
जिले का नाम किया रौशन
रौशनी के पिता सुधीर कुमार का कहना है कि वह ऑटो चला कर अपने बच्चों को शिक्षा दिला रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब रौशनी सिर्फ 3 साल की थी तभी उन्हें अहसास हो गया था कि वह एक न एक दिन जरूर नाम रोशन करेगी. उन्होंने बताया कि रौशनी पहले क्लास से ही पढ़ाई लिखाई में तेज हैं. उनके पिता भी इंटर पास हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि रौशनी आगे बढ़कर जरूर कामयाब होंगी. रौशनी कुमारी के बिहार टॉप होने पर माता-पिता के साथ ग्रामीणों में खुशी की लहर है. रौशनी कुमारी को मिठाई खिलाकर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. रौशनी कुमारी कॉमर्स में टॉप करके जिले के साथ गांव का नाम रोशन की है.
नीतीश ने राबड़ी देवी पर साधा निशाना, बोले- 'इन्हें कुछ नहीं आता, बस सीएम बना दिया'
25 Mar, 2025 06:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में भारी हंगामा किया गया. राजद के सदस्यों ने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाले फैसले को लागू किए जाने की मांग की है. राजद के एमएलसी सदन में हंगामा कर रहे थे तभी मुख्यमंत्री सदन में उठ खड़े हुए.
नीतीश कुमार ने सदन में राजद के सदस्यों के हरे रंग की टीशर्ट पहनकर आने पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री राजद के सदस्यों को खड़ा कर कर उसे पर लिखा स्लोगन पढ़ने लगे.
तेजस्वी सरकार और बीजेपी और एनडीए आरक्षण खोर वाला स्लोगन नीतीश कुमार ने सदन में पढ़ा. सदन में राबड़ी देवी उठ खड़ी हुई तो नीतीश कुमार बोले कि ई बेचारी को कुछ आता है, इसको तो ऐसे ही मुख्यमंत्री बना दिया. जब रिप्लेस (लालू) हो रहे थे तो इसे ऐसे ही बना दिया. हंगामे के बाद राजद के सदस्यों ने विधान परिषद् से वॉक आउट कर दिया गया.
इसके बाद एक डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि आरक्षण का दायरा बढ़ाने का फैसला नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिल कर लिया था. इस पर किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? मामला कोर्ट में है, न्यायालय का फैसला आने दीजिए.
आपके पास तो कोई चेहरा नहीं पिछलग्गू बने रहिएगा
सदन में तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा की बिहार में नियति ही है कि वह जदयू की पिछलग्गू, उसके लटकन बनकर ही लटके रह जाएंगे. कभी अकेले लड़ने की हिम्मत तो दिखा नहीं पाएंगे. सत्ता के लिए केवल नीतीश कुमार और जदयू के इर्द-गिर्द ही मंडराएंगे.
नीतीश कुमार के खिलाफ लगाया पोस्टर
सदन से पहले बिहार की राजनीति में पोस्टर वार भी दिखाई दिया. आरजेडी का एक पोस्टर नीतीश कुमार पर वार करता हुआ लगाया गया. उसमें लिखा था तुम तो धोकेबाज हो, वादा करके फिर इसी के बाद लिखा है, एनआरसी पर हम तुम्हारे साथ नहीं. वक्फ पर तो बिल्कुल भी साथ नहीं. वोट लेंगे तुम्हारा लेकिन साथ नहीं देंगे.
कातिल दुल्हनिया ने बताया सच, अपने ही दूल्हे को मरवाने के लिए 2 लाख में सौदा किया
25 Mar, 2025 01:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश में सौरभ सिंह हत्याकांड के बाद एक और ऐसी ही मिलती जुलती खबर औरैया से सामने आई है. यहां आशिक की संग जिंदगी बिताने के लिए नई नवेली दुल्हन ने शादी के महज 15 दिन में ही अपने दूल्हे को मरवा दिया. मुंह दिखाई में जो उसे पैसे मिले थे, उन्हीं से दूल्हे की जान का सौदा कर दिया. हत्याकांड के सभी आरोपी पुलिस गिरफ्त में हैं. कातिल दुल्हनिया ने पुलिस पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
दरअसल, 19 मार्च को मैनपुरी के भोगांव निवासी कारोबारी दिलीप कुमार (24) पर कन्नौज के उमर्दा में शूटरों ने हमला किया था. शूटरों ने उसके साथ मारपीट भी की. इसके बाद सिर के पिछले हिस्से में गोली मार दी. बाद में उसे खेत में फेंक दिया. पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया. 21 मार्च को इलाज के दौरान दिलीप की मौत हो गई.
पुलिस ने बताया- हत्याकांड की साजिश पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर रची. नई नवेली दुल्हन बनी प्रगति को मुंह दिखाई में काफी रुपए मिले थे. उन्हीं रुपयों से प्रगति ने भाड़े के शूटर हायर किए. सौदा दो लाख रुपये में तय हुआ. हत्या के मामले में पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही थी. इसी दौरान सुपारी के रुपयों के लेनदेन की सूचना पर शनिवार को पुलिस ने हरपुरा के पास छापा मारा.
बहन के देवर से करवाई थी शादी
यहां से सहार थानाध्यक्ष पंकज मिश्रा व स्वाट प्रभारी राजीव कुमार ने प्रगति को गिरफ्तार किया. वहां से फफूंद निवासी प्रेमी अनुराग यादव और अछल्दा निवासी शूटर रामजी नागर को भी गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से तमंचे, बाइक सहित अन्य सामान बरामद हुआ है. पूछताछ में प्रगति ने बताया- प्रेम प्रसंग की जानकारी होने पर परिजन ने उसकी शादी बड़ी बहन के देवर दिलीप से करा दी थी. वह इस शादी से वह नाखुश थी. इसलिए उसने प्रेमी के साथ पति को रास्ते से हटाने की ठानी. उसने दो लाख रुपये में भाड़े के शूटर बुक किए थे. मुंह दिखाई में मिले एक लाख रुपये शूटरों को बतौर एडवांस दिया. फिर हत्याकांड को अंजाम दिया गया. बाकी के पैसे हत्या के बाद दिए जाने थे. लेकिन उससे पहले ही वो पकड़ी गई.
पति से लोकेशन पूछ प्रेमी को बताई
पुलिस के मुताबिक- प्रगति, अनुराग और शूटरों के बीच व्हाट्सएप कॉल पर बात होती थी. प्रगति ने दिलीप की लोकेशन पूछकर प्रेमी को बताई. इसके बाद प्रेमी ने शूटरों को यह जानकारी दी. पीछा करने के दौरान अनुराग पुलिस के लगाए गए कैमरे में कैद हो गया. वहीं, ढाबा के पास ठहरे दिलीप को नहर में गिरी कार को निकलवाने के बहाने साथ ले जाने के दौरान शूटर सीसीटीवी कैमरे में आ गए. कैमरों से मिली फुटेज से गुत्थी सुलझी.
आरोपियों ने कबूली साजिश
एसपी ने बताया- पकड़े गए तीन आरोपियों को जेल भेजा गया है. बाकी के आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. मामला लव ट्रिएंगल का है. प्रेमी की खातिर दुल्हन ने दूल्हे को मरवा डाला. आरोपियों ने साजिश की बात पूछताछ में कबूल कर ली है.
मेरठ: मासूम की दर्दनाक कहानी, मां ने 1.5 लाख में अपने 3 महीने के बेटे को बेच दिया
25 Mar, 2025 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बुरा वक्त इंसान को कमजोर बना देता है और इस मुश्किल वक्त में इंसान को कुछ ऐसे फैसले न चाहते हुए भी करने पड़ते हैं. ऐसा ही एक फैसला उत्तर प्रदेश के मेरठ की महिला ने लिया, जहां एक तरफ उसका सुहाग था और दूसरी तरफ उसका जिगर का टुकड़ा. महिला का पति बीमार था, जिसके इलाज के लिए उसे पैसों की जरूरत थी. ऐसे में उसने अपने तीन महीने के बेटे का ही सौदा कर दिया और बच्चे को बेच दिया.
ये मामला मेरठ के हापुड़ के बाबूगढ़ से सामने आया है, जहां रहने वाली नीलम ने अपने बेटे का सौदा किया. नीलम के पति का नाम सुभाष है. दोनों के तीन बच्चे हैं. इनमें से सबसे छोटा बच्चा 3 महीने का है. महिला आर्थिक रूप से परेशान थी और पति बीमार रहता है. नीलम पति का इलाज नहीं कर पा रही थी तो उसकी पड़ोसन कुसुम ने नीलम को उसके तीन महीने के बच्चे को डेढ़ लाख रुपए में बेचने का लालच दिया.
बच्चे को डेढ़ लाख में बेच दिया
कुसुम ने नीलम को मेरठ के रहने वाले एक एजेंट अमित से मिलवाया, जो गांव जाहिदपुर का रहने वाला है. अमित ने ही नीलम के 3 महीने के बच्चे का सौदा किया और सोनिया नाम की महिला को 1.50 लाख रुपए में बेच दिया. सोमवार को देर शाम मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र के बिजली बंबा बाईपास पर सोनिया बच्चे को लेने आई थी. उधर से नीलम अपने 3 महीने के बच्चे को गोद में लेकर रोती रोती पहुंची.
पुलिस मामले की जांच में जुटी
इसी दौरान ट्रैफिक पुलिस के एक सिपाही ने दोनों की बात सुन ली और थाना प्रभारी को सूचना दे दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने नीलम, कुसुम, अमित को हिरासत में ले लिया. हिरासत में पुलिस पूछताछ के दौरान नीलम ने बताया कि उसके पति को कैंसर है और इलाज के लिए पैसे की जरूरत है. इसके लिए ही बच्चे का सौदा करने आई थी. हालांकि पुलिस इस मामले की सभी पहलू से जांच कर रही है. साथ ही इस मामले की जांच बच्चा तस्करी से भी जोड़कर भी की जा रही है. पुलिस मामले की सच्चाई का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है.
बसपा को फिर से मजबूत करने के लिए मायावती का मास्टर प्लान, अखिलेश के PDA और BJP दोनों को चुनौती देने की तैयारी
25 Mar, 2025 01:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की सत्ता से बहुजन समाज पार्टी 13 साल से दूर है और सियासी आधार चुनाव दर चुनाव खिसकता जा रहा है. बसपा प्रमुख मायावती 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में अपनी पुरानी ताकत में लौटने की कवायद में है. मिशन-2027 के लिए मायावती बहुत की खामोशी के साथ अपने संगठन को मजबूती और धार देने में जुटी हैं. बसपा संगठन में बदलाव कर नए सिरे से खड़ा करने की एक्सरसाइज चल रही है तो 13 साल के बाद भाईचारा कमेटी को बहाल किया गया है और अब नए तरीके से ओबीसी को जोड़ने की रणनीति है.
मायावती मंगलवार को प्रदेश नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें पहली बार ओबीसी नेताओं को भी बुलाया गया है. इस तरह मायावती नए समीकरण के साथ सपा के वोटबैंक में भी सेंधमारी का प्लान बना रही है तो बीजेपी के गेम को बिगाड़ने की तैयारी कर ली है. मायावती ओबीसी समाज को बसपा से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश पार्टी के राज्य कार्यालय में बैठक करेंगी. इस बैठक में मायावती पार्टी के खिसके जनाधार को दोबारा से वापस लाने और 2027 में सत्ता की वापसी का ताना-बाना बुनेंगी. इसीलिए मायावती की लखनऊ में होने वाली बैठक काफी अहम मानी जा रही है.
सपा के ‘पीडीए’ में सेंधमारी का प्लान
बसपा के सियासी जनाधार को बढ़ाने के लिए मायावती एक नया समीकरण साधने की कोशिश में हैं. सूबे में दलित समाज के साथ ओबीसी वर्ग को जोड़कर फिर से एक बार सत्ता में लौटने की रणनीति पर मायावती काम कर रही है. बसपा के द्वारा मंगलवार को बैठक हुई इस में साफ कहा गया है कि मायावती बीएसपी यूपी अन्य पिछड़ा वर्ग की विशेष बैठक लेंगी, जिसमें ‘बहुजन समाज’ के विभिन्न अहम अंगों में आपसी भाईचारा से जुड़े संगठन की संबंधित और जनाधार को बढ़ाने के लिए दिए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा आगे के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी देंगी.
मायावती बैठक में ओबीसी को कैसे बसपा के साथ लाया जाए, उसकी रूपरेखा ही नहीं बनाएंगी बल्कि उसे अमलीजामा पहनाने की कवायद करेंगी. बसपा की सूबे में नजर सपा के पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वोटबैंक पर है. अखिलेश यादव का पीडीए फार्मूला 2024 के लोकसभा चुनाव में हिट रहा. यूपी की 80 में से 37 सीटें सपा जीतने में कामयाब रही थी और छह सीटें कांग्रेस ने जीती थी. बीजेपी 33 सीट पर सिमट गई थी. अखिलेश यादव इसी पीडीए फॉर्मूले पर 2027 का चुनाव लड़ने की तैयारी में है तो बसपा की नजर उसी वोटबैंक में सेंधमारी करने की है.
बसपा प्रमुख मायावती बखूबी समझ रही हैं कि सिर्फ दलित वोटों के सहारे सत्ता नहीं हासिल की जा सकती है. बसपा का वोट शेयर घटकर 9.39 फीसदी पर पहुंच गया है. ऐसे में मायावती ने भी अब कांशीराम के बहुजन फॉर्मूले पर ही लौटने की रणनीति बनाई है, जिसके लिए दलित के साथ ओबीसी जातियों को जोड़ा था. बसपा अब इसी फार्मूले से अपने खोए हुए सियासी जनाधार को पाने की कोशिश में है.
सपा के साथ बीजेपी का गड़बड़ाएगा गेम
यूपी में सबसे बड़ा वोटबैंक ओबीसी समुदाय के हाथों में है, जो सत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है. यूपी में ओबीसी की सियासत मुलायम सिंह यादव ने शुरू की तो अतिपिछड़ों की राजनीतिक ताकत को सबसे पहले कांशीराम ने समझा था. मुलायम सिंह ने ओबीसी की ताकतवर जातियों जैसे यादव-कुर्मी के साथ मुस्लिम का गठजोड़ बनाया तो कांशीराम ने अतिपिछड़ों में मौर्य, कुशवाहा, नई, पाल, राजभर, नोनिया, बिंद, मल्लाह, साहू जैसे समुदाय के नेताओं को बसपा संगठन से लेकर सरकार तक में प्रतिनिधित्व दिया था.
दलित के साथ अतिपिछड़ी जातियां ही बसपा की बड़ी ताकत बनी थी, लेकिन 2014 से यह बीजेपी का कोर वोटबैंक बन गया. बीजेपी ने गैर-यादव ओबीसी जातियों को साधकर उत्तर प्रदेश में अपना सत्ता का सूखा खत्म किया था. वहीं ये जातियां हाथों से खिसक जाने के चलते बसपा को 13 सालों से सियासी वनवास झेलना पड़ रहा है और सपा भी 2017 से सत्ता से बाहर है. ऐसे में अखिलेश यादव की रणनीति पीडीए फॉर्मूले के जरिए मजबूत पकड़ बनाए रखते हुए ओबीसी के साथ-साथ दलित को भी एकजुट करना है तो मायावती की रणनीति अतिपिछड़ी जातियों और दलित फॉर्मूले को फिर से अमलीजामा पहनाने की है. बसपा के ओबीसी पॉलिटिक्स पर लौटने से सिर्फ सपा ही नहीं बल्कि बीजेपी का गेम गड़बड़ा सकता है.
भाईचारा कमेटी पर लौटी बसपा
मायावती ने सूबे में अपनी सोशल इंजीनियरिंग को मजबूत करने के लिए 13 साल बाद भाईचारा कमेटी बनाने का फैसला किया. बीएसपी ने भाईचारा कमेटियां फिर से गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले चरण में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और मुस्लिमों को इन कमेटियों में शामिल किया गया तो भविष्य में ब्राह्मण और अन्य जातियों को भी इन कमेटियों से जोड़ने का प्लान बनाया है.
2007 में बसपा ने इस फॉर्मूले से दलित समाज के साथ ओबीसी और ब्राह्मण समाज को जोड़कर एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग बनाने की कवायद की थी, जिसके सहारे मायावती पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल रही थी. हालांकि, 2012 के चुनावों में खराब परिणाम के बाद मायावती ने भाईचारा भंग कर दिया था. अब 13 साल बाद इनका गठन दोबारा शुरू किया गया है.
बसपा इस बार जिला स्तर की बजाय विधानसभावार भाईचारा कमेटियां बनाने का काम कर रही है. जिलाध्यक्षों से जिलेवार नाम मांगे गए थे, जिनके आधार पर कमेटी गठन का काम शुरू किया गया है. इसके अलावा इस बार अलग-अलग जातियों के बजाय सिर्फ एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें सभी जातियों के लोगों को शामिल किया जा रहा है. इसके अलावा मायावती पहली बार भाईचारा कमेटी में शामिल ओबीसी नेताओं के साथ बैठक करेंगी, जिसको दलित-ओबीसी की सियासी केमिस्ट्री बनाने की स्ट्रैटेजी मानी जा रही है.
यूपी में जिला अध्यक्ष की नियुक्ति
मायावती ने संगठन को नई धार देने के लिए पार्टी के प्रत्येक मंडल में जहां चार प्रभारी होंगे वहीं जिले व विधानसभा क्षेत्र में एक के बजाय दो-दो प्रभारी बनाए हैं. यही नहीं जिला अध्यक्ष की नियुक्ति भी लगातार की जा रही है. इस बार कई जिले में नए जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं. बसपा में इस बार नए जिला अध्यक्ष की नियुक्ति में युवा नेताओं को अहमियत दी जा रही है. बसपा के 20 जिला अध्यक्ष की उम्र 40 साल से कम है. जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद बसपा बूथ और सेक्टर कमेटियों का गठन करने में जुटी है. मंडल स्तर पर प्रभारी जिला स्तर पर बैठक करके बूथ कमेटी और सेक्टर कमेटी को अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं.
बसपा कैडर कैंप में चंदा लेने पर रोक
बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी कैडर बैठक में समर्थकों से आर्थिक योगदान के तौर पर चंदा लेने की परंपरा खत्म कर दी है. पार्टी की लगातार गिरती चुनावी स्थिति को देखते हुए बसपा नेता आर्थिक योगदान मांगने को लेकर असहज महसूस कर रहे थे. बसपा नेता के अनुसार हमारे अधिकांश समर्थक आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आते हैं, पार्टी अध्यक्ष ने इस प्रथा को समाप्त करने का निर्णय लिया है. हालांकि, अगर कोई स्वेच्छा से पार्टी में योगदान देना चाहता है, उसके लिए मनाही नहीं है. बसपा के कैडर कैंप में कार्यकर्ताओं को चंदा नहीं देना होगा. मायावती ने इस बार कांशीराम की जयंती के मौके पर पार्टी नेताओं को इस प्रथा को रोकने का फरमान दिया है.
बसपा ने मार्च में उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में कैडर बैठकें फिर से शुरू हुईं और अक्टूबर से इन्हें पूरे देश में व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने की योजना बनाई गई है. वर्तमान में चल रहे छह महीने के सदस्यता अभियान के पूरा होने के बाद इन बैठकों का विस्तार किया जाएगा. इसके बाद मायावती विभिन्न राज्यों में जनसभाओं को संबोधित कर बसपा को दोबारा से खड़े होने के अभियान को धार देंगी.
200 सीटों पर प्रभारी बनाने का प्लान
उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से लिए मायावती जल्द से जल्द अपने सिपहसलारों को उतारने की तैयारी में है. सूबे की 403 विधानसभा सीटों में से करीब 200 सीट पर बसपा प्रभारी नियुक्त कर देना चाहती है. यही प्रभारी चुनाव में पार्टी के अधिकारिक कैंडिडेट भी होते हैं. इस तरह मायावती अभी से सूबे की विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया शुरू कर रही है. ये 200 सीटें वो हैं, जहां पर बसपा बहुत कमजोर स्थिति में है. इसीलिए मायावती उन सीटों पर समय रहते कैंडिडेट का सेलेक्शन करके उन्हें चुनावी तैयारी का पूरा मौका देना चाहती है. इसके अलावा मजबूत सीटों पर भी उम्मीदवारों की तलाश बसपा ने शुरू कर दी है, लेकिन उन सीटों पर मजबूत प्रत्याशी देखे जा रहे हैं. इस तरह मायावती की समय से पहले अपने उम्मीदवारों को उतारकर अपना एजेंडा साफ कर देने की रणनीति है.
बिहार में गठबंधन की नई चुनौती, राहुल-खरगे का बार्गेनिंग पावर बढ़ाने का प्रयोग कहीं संकट न बन जाए
25 Mar, 2025 01:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में कांग्रेस का आरजेडी के साथ गठबंधन है. लोकसभा चुनाव में बिहार की तीन सीटें जीतने के बाद कांग्रेस को एक उम्मीद की किरण नजर आई. इसके चलते ही कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी स्तर पर अपनी मौजूदगी के साथ-साथ संगठन को धार देना शुरू कर दिया है. बिहार अध्यक्ष-प्रभारी बदलकर कांग्रेस ने अपनी पुरानी सियासी जमीन को तलाशने की पहल शुरू कर दी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी मंगलवार को बिहार के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर मिशन-2025 को फतह करने की रूपरेखा तैयार करेंगे.
कांग्रेस सियासत बदलने के भरोसे और नए तेवरों के साथ राज्यों के चुनावी मैदान में उतरने के प्लान के तहत कसरत करती दिख रही है. कांग्रेस अपने संगठनात्मक ढांचे को दुरुस्त करने की पहल शुरू कर चुकी है और इसे आगे बढ़ाने के लिए पार्टी हाईकमान ने खुद चुनावी राज्यों के कांग्रेस नेताओं के साथ चुनाव की तैयारियों और रणनीति पर मंत्रणाओं का सिलसिला शुरू कर दिया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बीते एक महीने के दौरान पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल से लेकर मणिपुर जैसे राज्यों के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर शीर्ष नेतृत्व ने चुनावी चर्चा करने के बाद अब बिहार नेताओं के साथ सियासी मंथन करने का फैसला किया है.
बिहार नेताओं के साथ राहुल-खरगे की बैठक
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी सियासी एक्सरसाइज शुरू कर दी है. मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में मंगलवार को दिल्ली के इंदिरा भवन में बिहार कांग्रेस नेताओं के साथ दोपहर में बैठक होनी है. इस बैठक में 2025 के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी बदलने के बाद बैठक होने जा रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक में बिहार में किन मुद्दों को जोर से उठाने की जरूरत है और महागठबंधन का आकार और संरचना बिहार में कैसी होगी ? इन सारी बातों पर कांग्रेस की बैठक में चर्चा हो सकती है.
पटना में जब कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा से आरजेडी के साथ गठबंधन पर सवाल पूछा गया तो दोनों ने कहा कि समय आने पर इस सवाल का जवाब मिल जाएगा, जबकि बिहार में फिलहाल कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन है. यही नहीं सोमवार को लालू प्रसाद यादव की रोजा इफ्तार पार्टी में किसी बड़े कांग्रेसी नेता ने शिरकत नहीं की, जिसके बाद आरजेडी के साथ रिश्ते को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
बिहार में कांग्रेस की नई रणनीति
बिहार में कांग्रेस अपने दम पर खड़े होने की कवायद में है. इसी कड़ी में भूमिहार समाज से आने वाले अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाकर दलित समाज से आने वाले राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है. इससे ही बिहार पर राहुल गांधी के फोकस को समझा जा सकता है. इसका महत्व इससे भी समझा जा सकता है कि युवा नेता कृष्णा अलावरू को प्रभारी बनाया गया है, जो राहुल गांधी के भरोसेमंद माने जाते हैं.
राहुल गांधी जिस तरह से देश में जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं, उस दिशा में एक दलित के हाथ में बिहार जैसे अहम प्रदेश की कमान देना एक बेहतर रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि राजेश कुमार के सहारे कांग्रेस दलित समाज को साधने की कवायद में है.
दिल्ली के प्रयोग पर चलने का संयोग
पश्चिम बंगाल के नेताओं के साथ पिछले दिनों राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक की थी. इस दौरान शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश नेताओं को मजबूती से लड़ने और अपने सियासी आधार को मजबूत करने की दिशा में काम करने का दिशा-निर्देश दिया था. खरगे ने साफ कहा था कि बेशक राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी मुख्य प्रतिद्वंदी है मगर बंगाल में टीएमसी की सरकार है और राज्य इकाई को उसकी गलत नीतियों-फैसलों के खिलाफ आवाज उठाने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए. बंगाल कांग्रेस के नेताओं को यह स्पष्ट कर दिया गया कि संसद में आपसी सहयोग-समन्वय का मसला राज्य के चुनाव से बिल्कुल अलग है.
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद राज्यों के चुनाव को लेकर कांग्रेस के दृष्टिकोण में बदलाव आया है. दिल्ली चुनाव में पहली झलक देखने को मिली थी, जब कांग्रेस ने विपक्षी खेमे के तमाम दबावों को नकारते हुए आम आदमी पार्टी के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस को भले ही एक सीट पर जीत नहीं मिली, लेकिन उसका वोट प्रतिशत बढ़ा और 14 सीट पर आम आदमी पार्टी की हार का कारण बना. दिल्ली के सियासी प्रयोग का संयोग कांग्रेस के लिए बंगाल से लेकर बिहार तक बन रहा है. इसीलिए कांग्रेस बिहार में आरजेडी की परवाह किए बगैर खुद को मजबूत करने में जुट गई है.
कन्हैया-पप्पू यादव बिहार में एक्टिव
राहुल गांधी ने अपने भरोसेमंद लोगों को जमीन पर उतारा है. युवा नेता कन्हैया कुमार बिहार से आते हैं. राहुल गांधी ने बाकायदा रणनीति के तहत कन्हैया कुमार को बिहार की सियासी पिच पर उतारा है, वो इन दिनों युवाओं से जुड़े मुद्दे रोजगार को लेकर पदयात्रा कर रहे हैं. बिहार में ‘पलायन रोको, रोजगार दो’ नाम से पदयात्रा कर सियासी माहौल बनाने की कवायद कर रहे हैं. अखिलेश प्रसाद सिंह नहीं चाहते थे कि कन्हैया कुमार को बिहार में एक्टिव किया जाए, क्योंकि आरजेडी के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं. इसके बाद भी कांग्रेस ने कन्हैया को एक्टिव किया और लालू यादव के करीबी माने जाने वाले अखिलेश प्रसाद की प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी.
माना जा रहा है कि कांग्रेस पुर्णिया से सांसद पप्पू यादव को भी अहम जिम्मेदारी दे सकती है. इसके पीछे कांग्रेस की राज्य में अपने बल पर मजबूत होने की रणनीति मानी जा रही है. पप्पू यादव को भी लालू यादव फूंटी आंख नहीं देखना चाहते हैं. लालू की परवाह किए बगैर कांग्रेस में जिस तरह से कन्हैया कुमार के बाद पप्पू यादव को एक्टिव करने की रूपरेखा बनाई जा रही है, उससे साफ है कि कांग्रेस अब आरजेडी की पिछलग्गू बनकर बिहार में नहीं चलेगी.
दिल्ली के बाद कांग्रेस बिहार में भी आत्मनिर्भर बनने का प्रयोग करने की दिशा में कदम बढ़ा रही. कांग्रेस मान रही है कि बिहार में आरजेडी के साथ वो गठबंधन में है, ऐसे में वो अपनी बार्गेनिंग पावर बढ़ाने के स्ट्रैटेजी है. इसीलिए जमीन पर अपनी मजबूत मौजूदगी के भरोसे आने वाले वक्त में आरजेडी के साथ सम्मानजनक सीटों का बंटवारा चाहती है.