उत्तर प्रदेश
बिहार में पोस्टर वॉर तेज, RJD ने नीतीश, मांझी और चिराग को मुसलमानों का विश्वासघाती करार दिया
25 Mar, 2025 01:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं. इसी के चलते राज्य में सियासत तेज हो गई है. सभी पार्टियों ने एक दूसरे पर निशाना साधना और जनाधार को अपने हित में करना शुरू कर दिया है. इसी बीच बिहार में इन दिनों पार्टियों के बीच जुबानी नहीं बल्कि पोस्टर वॉर दिखाई दे रही है. इन पोस्टरों में निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. हाल ही में आरजेडी ने राबड़ी आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर के माध्यम से वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर नीतीश कुमार की बड़ी घेराबंदी की जा रही है. पोस्टर वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर लगाया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडीए के दूसरे साथी जीतनराम मांझी और चिराग पासवान को मुसलमानों का धोखेबाज बताया गया है. पोस्टर में स्लोगन है, तुम तो धोखेबाज हो वादा करके… यह पोस्टर उस समय सामने आया है जब हाल ही में सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी को इमारत-ए-शरिया सहित कई धार्मिक मुस्लिम संगठन बायकॉट कर रहे हैं.
पोस्टर में क्या- क्या
इस पोस्टर में एनआरसी (नागरिकता संशोधन अधिनियम) और वक्फ बोर्ड को लेकर निशाना साधा गया है. पोस्टर में स्लोगन लिखा है- ‘तुम तो धोकेबाज हो, वादा करके… फिर इसी के बाद लिखा है, एनआरसी पर हम तुम्हारे साथ नहीं. वक्फ पर तो बिल्कुल भी साथ नहीं. वोट लेंगे तुम्हारा लेकिन साथ नहीं देंगे.’
लालू यादव के समर्थन में पोस्टर
ऐसा पहली बार नहीं है कि बिहार में पोस्टर वॉर देखी जा रही हो. इससे पहले भी बिहार में बीते दिनों पोस्टर लगाए गए थे. पिछले दिनों लालू यादव के आवास के बाहर अनोखा पोस्टर देखने को मिला था. इस पोस्टर में लिखा था, ‘ना झुका हूं, ना झुकूंगा, टाइगर अभी जिंदा है.’ पूर्व सीएम लालू यादव को पिछले दिनों ईडी ने लैंड फॉर जॉब मामले में नोटिस भेजा था. ईडी ने इस केस में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया था. ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए लालू यादव अपनी बेटी मीसा भारती के साथ ईडी के दफ्तर पहुंचे थे. उन्हीं दिनों यह पोस्टर लगाए गए थे.
RJD के निशाने पर नीतीश कुमार
यह बात तब सामने आई है जब पटना में एक समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजने के दौरान नीतीश कुमार के बात करने और इशारे करने का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसकी उनके राजनीतिक विरोधियों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने तीखी आलोचना की. इसी के बाद मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधने वाला एक पोस्टर दिखाई दिया था. जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) नेता पर निशाना साधते हुए पोस्टर में लिखा है, “जन गण मन अधिनायक जय हे नहीं, कुर्सी कुर्सी कुर्सी जय हे.
बिहार में सभी पार्टियां जनता को अपने हित में करने के लिए पूरा दम-खम लगा रही हैं. जहां एक तरफ बीजेपी और नीतीश कुमार अपनी ताकत लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस भी बिहार में अपने किले को फिर से हासिल करने के लिए कोशिश कर रही है. इसी दिशा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी मंगलवार को बिहार के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर मिशन-2025 को हासिल करने की रूपरेखा तैयार करेंगे.
शिक्षा मंत्री पटना में अभ्यर्थियों के गुस्से का शिकार, बचने के लिए दौड़ लगानी पड़ी
25 Mar, 2025 01:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को शिक्षक अभ्यर्थियों ने सोमवार को दौड़ा लिया. वह भाग कर गाड़ी में तो चढ़ गए, लेकिन अभ्यर्थी उनकी गाड़ी को घेर कर चारो ओर बैठ गए. उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने बड़ी मुश्किल से रास्ता खाली कराकर गाड़ी निकाल लिया. इसके बाद अभ्यर्थी उनके आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. TRE-3 के अभ्यार्थी सप्लिमेंट्री रिजल्ट की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं कर रही है.
इस बात से आक्रोशित अभ्यर्थी सोमवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का घेराव करने पहुंचे थे. इसी दौरान शिक्षा मंत्री बच बचाकर निकले, लेकिन अभ्यर्थियों ने उन्हें देख लिया और बीच सड़क पर दौड़ा दिया. बड़ी मुश्किल से पुलिस वालों ने उन्हें सुरक्षित गाड़ी में बैठाकर वहां से निकाला. बता दें कि बिहार में TRE- 3 शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. हजारों की तादात में शिक्षक अभ्यर्थी सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग कर रहे हैं.
अभ्यर्थियों से बचने के लिए दौड़ कर निकले मंत्री
इसी क्रम में शिक्षक अभ्यर्थियों ने सोमवार को पटना में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के आवास का घेराव किया था. उनके खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. इसी दौरान मंत्री सुनील कुमार कहीं जाने के लिए बाहर निकले तो अभ्यर्थियों ने उन्हें घेर लिया. इस दौरान शिक्षा मंत्री संतोषजनक जवाब दिए बिना निकलने लगे. ऐसे में अभ्यर्थियों ने हंगामा कर दिया. देखते ही देखते हालात ऐसे बन गए कि मंत्री को वहां से दौड़कर निकलना पड़ा.
गाड़ी के आगे लेट गए अभ्यर्थी
जैसे तैसे वह भागकर गाड़ी तक पहुंचे, लेकिन इतने में अभ्यर्थी भी उनका पीछा करते हुए और उनकी गाड़ी के आगे लेट गए. ऐसे हालात में पुलिस ने बड़ी मुश्किल से अभ्यर्थियों को हटाया और फिर गाड़ी आगे बढ़ाई. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी 6421 अनुकंपा वालों को नौकरी दी है. नियम के तहत ही इस मामले में भी निर्णय लिया जाएगा. कहा कि इस संबंध में बीपीएससी से बात कर रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी.
ऑस्ट्रेलिया से आया दूल्हा, शादी के बाद दगा देकर भागा; पुलिस ने दर्ज की शिकायत
25 Mar, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑनलाइन लव स्टोरी उत्तर प्रदेश की लड़की को भारी पड़ गई. बात है कोरोना महामारी के समय की. साल 2020 में जब लॉकडाउन लगा तो अयोध्या निवासी ज्योति शुक्ला समय बिताने के लिए लुडो खेलने लगी. ज्योति जो कि पेशे से संविदा स्वास्थ्य कर्मी है, ऑनलाइन लुडो खेलते उसकी दोस्ती सिम्मी नामक लड़की से हुई. दोनों के बीच अच्छी खासी दोस्ती हो गई. इसके कुछ समय बाद ज्योति को मैसेज आया कि सिम्मी की मौत हो गई है.
सिम्मी की आईडी चला रहे लड़के ने कहा कि मेरा नाम अनिकेत शर्मा है. सिम्मी की ID अब मैं ही चलाऊंगा. इसके बाद ज्योति की अनिकेत से दोस्ती हो गई. दोनों ने फोन नंबर एक्सचेंज किए. ज्योति का आरोप है कि अनिकेत ने एक दिन अचानक उसे प्रपोज कर दिया. कहा- मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं. ज्योति भी उसे पसंद करती ही थी. फिर उसने कहा कि मैं पहले तुम्हारे घर-परिवार के बारे में जानना चाहती हूं.
अनिकेत ने बताया- मैं पंजाब के नवांशहर स्थित मोहन नगर का रहने वाला हूं. अनिकेत ने ज्योति को भरोसे में लिया और वो भी शादी के लिए राजी हो गई. इसके बाद अनिकेत उससे मिलने आया. वहां 6 मई 2023 को दोनों ने पार्वती मैरिज लॉन में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली. ज्योति के परिवार वाले इस शादी में मौजूद रहे. लेकिन अनिकेत के परिवार वाले इस शादी में नहीं आई. अनिकेत ने कहा- मैं ऑस्ट्रेलिया में जॉब करता हूं. बाद में तुमको ससुराल लेकर चलूंगा.
शादी के बाद दोनों 7 मई 2023 को दोनों अयोध्या धाम रामायण होटल में रुके. फिर अगले दिन यानि 8 मई 2023 को दोनों को अयोध्या जनपद के ही रॉयल हेरीटेज होटल में रुके. फिर तीसरे दिन यानी 9 मई 2023 को अनिकेत ने ज्योति को बताया कि उसे ऑफिस के जरूरी काम से ऑस्ट्रेलिया जाना होगा. वो फिर उसी दिन ऑस्ट्रेलिया के लिए निकल गया. अनिकेत के ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद उसकी ज्योति से बातचीत होती रही. लेकिन कुछ दिन बाद ज्योति भी अनिकेत के पास आने की जिद करने लगी. लेकिन अनिकेत ज्योति कि इस बात को इग्नोर करता रहा, जिसको लेकर अक्सर ज्योति और अनिकेत में फोन पर ही बात विवाद चलता रहा.
पांच लाख मांगने लगा था अनिकेत
ज्योति ने पुलिस को बताया कि इस दौरान अनिकेत ने उससे 5 लाख रूपये की मांग भी की. पैसे ना देने पर अनिकेत ज्योति को साथ रखना को तैयार नहीं हुआ. ये सिलसिला 4 महीने तक चला. 19 सितंबर 2023 को ज्योति टूरिस्ट वीजा के लेकर अनिकेत के ऑस्ट्रेलिया के बताए गए पते पर पहुंच गई. फिर यहीं से अनिकेत के झूठ का भंडा फूट गया. ज्योति जब ऑस्ट्रेलिया पहुंची तो उसे पता चला अनिकेत पहले से ही शादीशुदा है और उसके मां-बाप पंजाब में रहते हैं.
पहली बीवी ने कहा- हमारा तलाक हो गया
यही नहीं, अनिकेत अपने परिवार और मां-बाप से मिलने अक्सर पंजाब आता जाता भी है. ज्योति का आरोप है कि जब उसने अनिकेत की शिकायत करने के लिए उसके मां-बाप को फोन किया तो वो उससे गाली-गलौज करने लगे. ज्योति ने फिर अनिकेत के घर पंजाब जाकर टूटते रिश्ते को आखरी सहारा देने की कोशिश की, जहां पर अनिकेत के घर वाले ने उसके साथ मारपीट और गाली गलौज कर उसे वहां से भगा दिया. ज्योति ने अनिकेत और उसके परिवार के विरुद्ध जब कानूनी कार्रवाई की बात की तब अनिकेत और उसकी पहली पत्नी किटी शर्मा ने आपसी सहमति से एक फर्जी तलाक नामा पेपर पंजाबी भाषा में लिखित रूप से दिखाया. बोली- हम दोनों का तलाक हो गया है. तुम कोई कानूनी कारवाही मत करो.
ऑस्ट्रेलिया में अनिकेत ने ज्योति को दिया टॉर्चर
किटी की बात पर विश्वास कर ज्योति, अनिकेत के साथ वापस ऑस्ट्रेलिया चली गई. आरोप है कि ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर अनिकेत ने ज्योति का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न शुरू कर दिया. अनिकेत ऑस्ट्रेलिया में हर रोज ज्योति को मारता पीटता था और उसे कमरे में कैद कर रखा था. ऑस्ट्रेलिया से लौटकर ज्योति ने अयोध्या पुलिस को बताई आपबीती. अयोध्या पुलिस ने अनिकेत के खिलाफ मारपीट, दहेज उत्पीड़न और 420 समेत अन्य कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
लखनऊ के इसरो कार्यालय जाने वाली सड़क को सुनीता विलियम्स के नाम पर किया जाएगा नामित
25 Mar, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए. कई प्रस्तावों पर सहमति बनी. तो कई पर सहमती न बनने पर उसे कमेटी में भेज दिया गया. बैठक में तय किया गया कि लखनऊ में अब सुनीता विलियम्स के नाम पर एक सड़क होगी. इसके अलावा बैठक नें पार्षदों की निधि 63 लाख रुपए बढ़ाई गई. अब निधि 1 करोड़ 47 लाख रुपए से बढ़कर 2 करोड़ 10 लाख रुपए हो गई है. पार्षद सहमति से दूसरे वार्डों में भी विकास कार्य करवा सकेंगे.
मेयर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में सोमवार को नगर निगम मुख्यालय में कार्यकारिणी की बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया गया. बजट में सफाई व्यवस्था, जल निकासी, स्कूलों की मरम्मत, पार्कों की देखरेख और डिजिटल प्रशासन को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं.
बैठक में नगर निगम का 2025- 26 का कुल बजट 3270.54 करोड़ निर्धारित किया गया है. ओपनिंग बैलेंस 966 करोड़ मिलाकर 4236.63 करोड़ का है. ई-ऑफिस के लिए 3 करोड़ से 4 करोड़ प्रावधान किया गया है.
नगर निगम की बैठक में कहा गया- जानकीपुरम वार्ड में टेढ़ी पुलिया चौराहे से स्पोर्ट्स कॉलेज और टेढ़ी पुलिया से विकास नगर तिराहा जाने वाली सड़क (इसरो कार्यालय) को सुनीता विलियम्स मार्ग नाम दिया जाएगा. इसका प्रस्ताव पार्षद अनुराग मिश्रा और रंजीत सिंह ने प्रस्ताव दिया था.
9 महीने बाद धरती पर वापसी
19 मार्च को नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में नौ महीने बिताने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटी थीं. 59 वर्षीय सुनीता विलियम्स और 62 वर्षीय बुच विल्मोर जून 2024 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर थे. उनके बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे लगभग एक हफ्ते का उनका छोटा परीक्षण मिशन नौ महीने तक खिंच गया था. सुनीता की सही सलामत वापसी पर पूरी दुनिया ने जश्म मनाया था.
NHAI के GM को CBI ने रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़ा, 15 लाख की घूस ली
24 Mar, 2025 07:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के महाप्रबंधक (GM) को 15 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. रामप्रीत पासवान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पटना रीजनल ऑफिस में GM हैं. सीबीआई की छापेमारी में 1.18 करोड़ रुपये कैश के रूप में बरामद की है.
सीबीआई की छापेमारी में महाप्रबंधक के पास से नकदी भी बरामद हुई है. एजेंसी को 1.18 करोड़ रुपये मिले हैं. सीबीआई पहले भी NHAI के अधिकारियों की रिश्वतखोरी के खिलाफ लगातार छापेमारी करती रही है.
पिछले साल भी CBI ने की थी छापेमारी
पिछले साल जून में भी सीबीआई ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में तैनात NHAI के महाप्रबंधक पुरुषोत्तम लाल चौधरी को गिरफ्तार किया था. पुरुषोत्तम लाल को 10 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में 6 अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए.
गिरफ्तार लोगों में NHAI के सलाहकार शरद वर्मा और उनके रेजिडेंट इंजीनियर प्रेम कुमार सिन्हा के अलावा आरोपी कंपनी पीएनसी इंफ्राटेक के चार कर्मचारी बृजेश मिश्रा, अनिल जैन, सत्यनारायण अंगुलुरी और शुभम जैन शामिल थे. इन आरोपियों को NHAI की ओर से कंपनी को दिए गए झांसी-खजुराहो प्रोजेक्ट के फाइनल बिल के प्रोसेसिंग और अनापत्ति प्रमाण पत्र (NoC) जारी करने के साथ ही अंतिम हस्तांतरण के लिए रिश्वत मिल रही थी.
MP के रिश्वतकांड में पकड़े गए थे GM
तब सीबीआई ने रिश्वतकांड में गिरफ्तार 7 आरोपियों समेत 10 संदिग्धों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. उन पर आरोप थे कि पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड के डायरेक्टर योगेश जैन और टीआर राव एनएचएआई के अधिकारियों को फायदा पहुंचाने के एवज में घूस दे रहे थे.
पिछले साल ही मार्च में भी सीबीआई ने मध्य प्रदेश के एक रिश्वतकांड में NHAI के 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें एक प्राइवेट कंपनी के 2 डायरेक्टर्स के अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के 2 वरिष्ठ अधिकारियों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद की गई शुरुआती तलाशी में 1.1 करोड़ रुपये भी जब्त किए गए थे.
इस घूसकांड में गिरफ्तार किए गए अधिकारियों की पहचान एनएचएआई के महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक अरविंद काले और मध्य प्रदेश के हरदा में प्राधिकरण के उप महाप्रबंधक (Deputy GM) बृजेश साहू के रूप में हुई थी.
नंदकिशोर गुर्जर के साथ खड़े होकर केशव प्रसाद मौर्य दे रहे हैं BJP को क्या संकेत?
24 Mar, 2025 04:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में हैं. पिछले दिनों कलश यात्रा निकालने के दौरान पुलिस के साथ टकराव होने के बाद विधायक ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. इसे लेकर बीजेपी ने नंदकिशोर गुर्जर को ‘कारण बताओ नोटिस’ देकर योगी सरकार की आलोचना करने पर जवाब मांगा है. पार्टी द्वारा नोटिस दिए जाने के दूसरे दिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नंद किशोर गुर्जर के साथ सिर्फ मंच ही शेयर नहीं किया बल्कि उनके साथ मजबूती से खड़े होने का ऐलान कर दिया है. इस तरह केशव मौर्य क्या सियासी संदेश देना चाहते हैं?
बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का गुरुवार को पुलिस प्रशासन के साथ टकराव हो गया था. नंदकिशोर गुर्जर की ओर से रामकथा के लिए कलश यात्रा निकाली जा रहीथी. बिना अनुमति के यात्रा निकालने को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई. इस दौरान विधायक के कपड़े भी फट गए थे, नंद किशोर गुर्जर ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और योगी सरकार की आलोचना की थी. गो-हत्याओं को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे.
योगी सरकार पर नंदकिशोर गुर्जर का हमला
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने शनिवार को यूपी सरकार के अधिकारियों पर हमला बोलते हुए कहा था कि किसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंत्र-मंत्र जादू टोना किया है, जिसके कारण योगी जी की बुद्धि बंद हो गई है. इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है. अधिकारी सीएम योगी को गुमराह कर सरकारी खजाने को लूट रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्य सचिव ने ‘महाराज जी’ पर तंत्र-मंत्र करके उनका दिमाग बांध दिया है. मुख्य सचिव दुनिया के सबसे भ्रष्ट अधिकारी हैं, यूपी के कई अधिकारियों ने अयोध्या में जमीन लूटी है. इस तरह नंदकिशोर गुर्जर लगातार अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते हुए कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.
विधायक पर एक्शन की तैयारी में बीजेपी
बीजेपी ने विधायक नंदकिशोर गुर्जर को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर सात दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने बताया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी किया. पिछले काफी समय से नंदकिशोर गुर्जर के द्वारा सार्वजनिक रूप से सरकार की आलोचना की जा रही है, जिससे पार्टी की प्रतिष्ठा को आघात पहुंच रहा है. ये अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशानुसार ही नंद किशोर गुर्जर को नोटिस देकर सात दिन के अंदर जवाब मांगा है और साथ ही पूछा है कि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.
गुर्जर को मिला केशव प्रसाद मौर्य का साथ
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को बीजेपी ने एक तरफ नोटिस देकर जवाब मांगा है कि वो बताएं कि उनके खिलाफ एक्शन क्यों ना लिया जाए, तो दूसरी तरफ यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य खुलकर उनके साथ खड़े नजर आ रहे हैं. रविवार को दादरी के बंबावड़ गांव स्थित एक निजी स्कूल के कार्यक्रम में केशव मौर्य और लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर एक साथ एक ही मंच पर नजर आए. इस दौरान भी नंद किशोर गुर्जर ने योगी सरकार को घेरते हुए नजर आए, तो केशव प्रसाद मौर्य उनके साथ मजबूती से खड़े होने का भी ऐलान कर दिया.
केशव मौर्य ने कहा कि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का फटा कुर्ता देखकर बहुत दुखी हूं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राम भक्त, कृष्ण भक्त, शिव भक्त और राष्ट्र भक्तों पर फूल बरसाए जाते हैं. यूपी सरकार में लाठियां और धक्का मुक्की नहीं की जाती है. नंदकिशोर गुर्जर को भरोसा दिलाते हुए डिप्टी सीएम केशव ने कहा कि विधायक के खिलाफ एक्शन लेने वाले दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. इस तरह केशव प्रसाद मौर्य ने नंदकिशोर गुर्जर के साथ मजबूती से खड़े होने का ऐलान कर दिया है.
केशव मौर्य क्या सियासी संदेश दे रहे हैं?
बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर को न ही पार्टी का साथ मिल रहा है और न ही गाजियाबाद के पार्टी विधायकों का. इतना ही नहीं योगी सरकार की तरफ से भी नंदकिशोर गुर्जर के मामले में कोई बयान जारी किया गया है. बीजेपी के द्वारा नोटिस जारी कर योगी सरकार की आलोचना करने के लिए जवाब मांगने के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नंद किशोर गुर्जर के साथ खड़े होने और कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने का भरोसा देकर क्या सियासी संदेश देना चाह रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नंदकिशोर गुर्जर के निशाने पर यूपी सरकार है और सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी अधिकारी हैं. योगी सरकार लगातार जिस बात को लेकर अपनी पीठ थपथपाती रही है, उसी पर नंदकिशोर गुर्जर सवाल खड़े कर रहे हैं. नंदकिशोर गुर्जर ने योगी सरकार को सपा-बसपा की सरकार से भी ज्यादा भ्रष्ट बता रहे हैं. ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य का नंदकिशोर गुर्जर के साथ खड़े होकर साफ उनके दावे पर अपनी मुहर लगाने जैसा है. सीएम योगी को कठघरे में खड़े करने वाले पहले नेता के साथ केशव मौर्य नहीं खड़े बल्कि बीजेपी से लेकर एनडीए के घटक दल के जिन नेताओं ने भी सवाल खड़े किए, उन सभी को केशव मौर्य का साथ मिलता रहा है.
केशव मौर्य को सीएम बनाने की उठी मांग
गोपामऊ के बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम कहा था कि उनके मन में एक बात आती है कि बाबा (योगी आदित्यनाथ) दिल्ली चलें जाएं और केशव प्रसाद मौर्य यूपी संभालें. बीजेपी विधायक ने कहा कि वह जो कह देते हैं वह होता जरूर है. ऐसे में एक दिन यह दिन जरूर आएगा और इतिहास गवाह बनेगा. उन्होंने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य केवल उत्तर प्रदेश के नेता नहीं देश के लाखों दिलों पर राज करने वाले नेता हैं.
बीजेपी विधायक की बात पर केशव मौर्य ने कहा कि हम पार्टी के सिपाही हैं. श्याम प्रकाश अपनी बेबाक बातों के लिए जाने जाते हैं, उन्हें जो कुछ भी कहना होता है, कह ही देते हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि हम लोग बचपन से एक गीत गाया करते हैं कि… ‘ये उथल-पुथल उत्ताल लहर पथ से न डिगाने पाएगी, पतवार चलाते जाएंगे मंजिल आएगी-आएगी’… ऐसा विश्वास रखते हुए हम लोग कार्य करते हैं. इस तरह केशव मौर्य ने श्याम प्रकाश की बात से न इंकार किया और न ही उन्हें रोका. इस तरह कहीं न कहीं उनके मन की बात को श्याम प्रकाश ने कही.
केशव प्रसाद मौर्य बनाम सीएम योगी
उत्तर प्रदेश की सियासत में केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी के रिश्ते जगजाहिर हैं. 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनी थी तो उस समय पार्टी की कमान सूबे में केशव मोर्य के हाथों में थी और खुद को सीएम पद का प्रबल दावेदार समझ रहे थे, लेकिन सत्ता का ताज योगी आदित्यनाथ के सिर सजा और उन्हें डिप्टी सीएम पद से ही संतोष करना पड़ा. इसके बाद से लगातार खबरें आती रहीं कि केशव मौर्य और सीएम योगी के बीच पट नहीं रही. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले संघ को हस्तक्षेप करके केशव मौर्य और सीएम योगी के बीच बेहतर समन्वय बैठाना पड़ा था.
2024 के चुनाव के बाद फिर से केशव मौर्य और सीएम योगी आमने-सामने आ गए थे. 2024 में बीजेपी की सीटें कम पर सीएम योगी ने अति आत्मविश्वास को यूपी में खराब प्रदर्शन का कारण बताय था, तो केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन के सरकार से बड़े होने की बात कही थी. इसके बाद सीएम योगी की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों से केशव मौर्य ने दूरी बना ली थी. ऐसे में सीएम योगी के खिलाफ जब-जब बीजेपी या फिर किसी सहयोगी देने घेरा है तो केशव प्रसाद मौर्य या उसके साथ खड़े रहे या फिर उसके सुर में सुर मिलाते नजर आए हैं.
योगी पर सवाल उठाने वालों को केशव का साथ
सीएम योगी की कार्यशैली पर सवाल उठाने वालों में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद और सुभासपा के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी शामिल रहे थे. संजय निषाद ने कहा था कि बुलडोजर माफिया के खिलाफ इस्तेमाल होना चाहिए. अगर ये बेघर और गरीब लोगों के खिलाफ इस्तेमाल होगा तो एकजुट होकर ये लोग हमें चुनाव में हरवा देंगे. संजय निषाद ने केशव के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. जनता सुख चाहती है, सुख सरकार से मिलता है. सरकार संगठन की शक्ति से ही बनती है, इसलिए यह कहना गलत नहीं कि संगठन सर्वोपरि है. इससे पहले उन्होंने केशव के घर जाकर मुलाकात की थी.
जौनपुर जिले की बदलापुर सीट से भाजपा विधायक रमेश मिश्रा ने कहा था कि पार्टी मौजूदा समय में बहुत कमजोर स्थिति में है. अगर केंद्रीय नेतृत्व ने समय रहते बड़े निर्णय नहीं लिए तो 2027 में सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा. भाजपा एमएलसी और गोरखपुर निवासी देवेंद्र प्रताप सिंह ने अधिकारियों की मंशा पर उंगली उठाई थी. एमएलसी ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से ही सवाल पूछ लिया था कि आखिर दिन प्रतिदिन आपकी सरकार की छवि क्यों खराब हो रही है. मुख्यमंत्री योगी की छवि को खराब करने के पीछे उन्होंने प्रदेश के नौकरशाहों को जिम्मेदार ठहराया था.
बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) की नेता और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपनी शिकायत सार्वजनिक की थी. अनुप्रिया ने सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि सरकार दलित और पिछड़े लोगों को रोजगार देने के मामले में भेदभाव कर रही है.अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद और केशव प्रसाद मौर्य तीनों ओबीसी नेता हैं. दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ हैं, जिन पर ‘अगड़ी’ माने जाने वाली जातियों के नेता के तौर पर देखा जाता है.
केशव मौर्य ने नंदकिशोर गुर्जर के साथ भी खड़े होकर साफ संदेश दे दिया है कि वो उनके साथ हैं और जिन अधिकारियों ने कार्रवाई की है, उन पर सख्ता एक्शन होगा. इस तरह से केशव मौर्य भी अपनी सियासी लॉबी को मजबूत करने में लगे हैं और खासकर उन नेताओं को जिन योगी विरोधी माना जाता है. इस तरह केशव अपने सियासी समीकरण सेट कर रहे हैं ताकि यूपी की राजनीति में खुद को मजबूत कर सके, लेकिन सीएम योगी के साथ जब भी उनके रिश्ते पर सवाल पूछा जाता है तो साफ कहते हैं कि उनके बीच बेहतर तालमेल हैं.
फिल्मों जैसी लव स्टोरी’, एक साल पहले भागी लड़की अब इस हालत में मिली, कहानी में नया मोड़
24 Mar, 2025 04:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तारीख थी 3 फरवरी 2024 की. उत्तरी दिल्ली के नरेला इलाके से 16 साल की लड़की लापता हो गई थी. बाद में पता चला था कि वो अपने पड़ोसी के साथ ही भागी है, जो कि 19 साल का है. दोनों के बीच अफेयर था. अब पुलिस ने लड़की को आगरा से बरामद किया है. वो भी पूरे एक साल बाद. पुलिस ने लड़की को परिजनों के हवाले कर मामले में आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने बताया- 16 वर्षीय लड़की नरेला इलाके से लापता हो गई थी. परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने 20,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था. पुलिस ने जांच में पाया कि लड़की का पड़ोसी कभी उसका सहपाठी था, उसे अपने साथ भागने के लिए राजी कर लिया.
छापेमारे के बाद किया बरामद
लड़की को लगा कि उनकी प्रेम कहानी किसी फिल्म की तरह रोमांचक होगी. जांच के दौरान साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम ने कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले. इसमें सामने आया कि लड़की नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर जम्मू-कश्मीर चली गई थी. वहां से वह मुंबई और फिर आगरा पहुंची. 21 मार्च को पुलिस को सूचना मिली कि लड़की आगरा में ताजमहल के पास रह रही है. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर उसे बरामद कर लिया.
लड़की ने बताई कहानी?
लड़की ने बताया कि उसने अपने पड़ोसी के साथ भागने का फैसला किया था, लेकिन मुंबई पहुंचने के बाद उसकी उम्मीदें टूट गईं. इसके बाद वह आगरा चली गई और वहां छोटे-मोटे काम करके अपना गुजारा करने लगी. हालांकि, पुलिस ने उस युवक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी, जिसके साथ लड़की भागी थी. फिलहाल, मामले की जांच जारी है.
योगी सरकार के आठ साल की उपलब्धियों का जश्न, बीजेपी की 2027 में सत्ता की हैट्रिक की रणनीति तैयार
24 Mar, 2025 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बीजेपी सरकार ने आठ साल का सफर तय कर लिया है. बीजेपी 14 साल के वनवास को खत्म करके 2017 में सूबे की सत्ता में लौटी थी और योगी आदित्यनाथ के सिर सत्ता का ताज सजा था. सत्ता में आठ साल पूरे होने पर सीएम योगी ने सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति पर कायम रहते हुए अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड जारी किया. योगी सरकार की उपलब्धियों पर सवार होकर बीजेपी 2027 में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए सियासी आधार तैयार करेगी, जिसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है.
सीएम योगी के साथ ही दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सुरेश खन्ना और सूर्य प्रताप शाही के साथ ही सहयोगी दल के नेता सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर, निषाद पार्टी के संजय निषाद और अपना दल (एस) के आशीष पटेल मौजूद रहे. इस दौरान सीएम योगी ने अपनी सरकार की आठ साल की उपलब्धियों को जिक्र करते हुए सरकार के आठ साल के कामकाज को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया.
सीएम ने गिनाई आठ साल की उपलब्धियां
सीएम योगी ने सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में राज्य में 8 साल के दौरान आए व्यापक परिवर्तन का जिक्र करते हुए अन्नदाता किसानों से लेकर महिलाओं तक के लिए सरकार की तरफ से किए गए कार्य का उल्लेख किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर अपराधियों के खिलाफ चलाए गए अभियान तक का जिक्र किया. मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि 2017 में सत्ता में आने से पहले उत्तर प्रदेश की पहचान एक बीमारू राज्य के तौर पर होती थी. पिछले आठ वर्षों में सरकार ने प्रदेश की छवि को पूरी तरह बदल दिया है और आज उत्तर प्रदेश की पहचान देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर होती है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश की बेटियां असुरक्षित थीं, प्रदेश में अराजकता का तांडव हो रहा था, किसान आत्महत्या कर रहे थे. प्रदेश में दंगे हो रहे थे. जब हम सत्ता में आए तो किसानों के लिए काम किया. आज बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं. आज यूपी दंगा मुक्त प्रदेश बन गया है. वही अधिकारी हैं, वही सिस्टम है, लेकिन अब पहचान बदल गई है. यूपी की पिछली सरकारों में जो काम 22 साल में नहीं किया, वह हमारी सरकार ने आठ सालों में कर दिया.
पिछले आठ सालों में साढ़े सात लाख से अधिक नौजवानों को बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार के सरकारी नौकरी देने की बात कही, तो साथ ही 222 बदमाशों को पुलिस एनकाउंटर में ढेर किए जाने का जिक्र किया. इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि 171 रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ा गया है. 130 आतंकी गिरफ्तार हुए. अब तक 20 हजार 221 अपराधी गिरफ्तार हुए हैं. एनकाउंटर में 20 हजार से ज्यादा इनामी बदमाश भी पकड़े गए. गैंगस्टर एक्ट में 142 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई. साथ ही महाकुंभ इसका ज्वलंत उदहारण है, जहां 45 दिनों में न लूटपाट, न छेड़खानी, न चोरी और न ही किसी प्रकार की आपराधिक घटना हुई. प्रदेश वही, तंत्र वही, केवल सरकार बदलने से व्यवस्था बदली.
सीएम ने कहा कि 2017 के पहले किसान आत्महत्या करता था. कृषि सेक्टर में एक वीरानी छाई हुई थी. अब व्यापक बदलाव हुए. कृषि विकास दर 13.5 फीसदी से अधिक हुई, इससे प्रदेश के जीडीपी में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. हमारी पहली कैबिनेट में 36 हजार करोड़ रुपए की किसान कर्जमाफी की गई. सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढ़ोतरी हुई. वर्षों से सिंचाई परियाजनाएं लंबित पड़ी थी, हमने इन्हें शुरू किया. 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा मिली. गन्ना किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया. 2017 से अब तक 2 लाख 80 हजार करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया. पिछली सरकारों के 22 वर्ष के कुल भुगतान से 60 हजार करोड़ से ज्यादा भुगतान हमने 8 वर्ष में किया.
बीजेपी गांव-गांव बनाएगी सियासी माहौल
योगी सरकार के 8 वर्ष की उपलब्धियों को लेकर बीजेपी गांव-गांव सियासी माहौल बनाएगी. उत्तर प्रदेश के हर जिले और गांव में बीजेपी ने उत्सव का जश्न मनाने का प्लान बनाया है. प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायक, जिलों के प्रभारी समेत सभी कार्यकर्ता ‘उत्तर प्रदेश का उत्कर्ष-भाजपा सरकार के 08 वर्ष’ का संदेश लेकर जिलों से गांवों तक पहुंचेंगे. बीजेपी का यह उत्सव कार्यकर्म 24 मार्च से 14 अप्रैल तक प्रदेश में बूथ से लेकर जिला मुख्यालयों में आयोजित होगा. जिला स्तर पर 24 मार्च से कार्यशालाएं भी आयोजित करने की रणनीति बनाई है. सीएम योगी 25 मार्च को गोरखपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. मुख्यमंत्री 26 अप्रैल को आगरा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे.
बीजेपी के इस अभियान के तहत जिला स्तर के लाभार्थी मेले आयोजित किए जाएंगे. घर-घर संपर्क के माध्यम से भी सरकार की योजनाओं और साहसिक व ऐतिहासिक निर्णयों को घर-घर व जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. विधानसभा स्तर पर विकास गोष्ठियां भी आयोजित की जाएंगी. युवा मोर्चा जिले में सरकार की प्रमुख परियोजनाओं पर बाइक रैलियों के माध्यम से पहुंचेगा. जिला स्तर पर प्रबुद्ध वर्ग के बीच सम्मेलनों के माध्यम से सरकार की 8 वर्ष की उपलब्धियों पर संवाद किया जाएगा. ग्राम सभा स्तर पर महिला मोर्चा महिलाओं के बीच पहुंचकर संवाद करेगी. 14 अप्रैल बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दलित समुदाय को सियासी संदेश देगी.
2027 में सत्ता की हैट्रिक लगाने का रखेगी आधार
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में भले ही दो साल हैं, लेकिन बीजेपी ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. पार्टी के सामने चुनौती विपक्ष इंडिया गठबंधन, खासकर सपा के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए पॉलिटिक्स के काउंटर करने की है. लोकसभा चुनाव 2024 में पीडीए पॉलिटिक्स की नैया पर सवार अखिलेश यादव ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया था. बीजेपी का सवर्ण-पिछड़ा-दलित वोट बैंक वाला समीकरण कमजोर हुआ, तो प्रदेश का राजनीतिक दृश्य ही बदल गया. हालांकि, विधानसभा उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने बाउंस बैक किया. ‘बंटोगे तो कटोगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों के जरिए पार्टी ने अपनी खोई ताकत फिर से हासिल की. अब योगी सरकार आठ साल की उपलब्धियों को लेकर सियासी आधार बनाने की कवायद में है ताकि 2027 में सत्ता की हैट्रिक लगा सके.
सीएम योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव 2027 के लिए अभी से ही एक्टिव हो गए हैं. योगी सरकार के रिपोर्ट को लेकर बीजेपी अब जमीन पर उतरने का फैसला किया है ताकि सियासी माहौल बनाया जा सके. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था. एक दशक बाद भाजपा का जनाधार प्रदेश में खिसकता दिखा था. 80 लोकसभा सीटों में से महज 33 पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए और सहयोगी दलों के पाले में केवल तीन सीटें आई थीं.
विपक्षी गठबंधन इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया और 43 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे. बीजेपी की तमाम रणनीति पर पानी फेरते हुए सपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था. अखिलेश यादव के नेतृत्व में उतरी सपा ने 80 में से 62 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जिसमें से 37 सीटों पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस 17 सीटों में से 6 सीटें जीती थीं. ऐसे में विधानसभा चुनाव 2027 अहम माना जा रहा है और अब आठ साल बाद क्या योगी सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी मानी जा रही. यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद ये सवाल गहरा गए हैं, जिसे खत्म कर एक मजबूत आधार तैयार करने की स्ट्रेटेजी बनाई गई है. योगी सरकार के रिपोर्ट कार्ड के दम पर सियासी माहौल बनाने की कवायद बीजेपी करेगी.
बरेली में गैस सिलेंडर धमाके, सिलेंडर आधे किलोमीटर दूर तक गिरे, गांववाले सहमे
24 Mar, 2025 04:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बरेली के बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के रजऊ परसपुर में सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया. यहां स्थित एक गैस एजेंसी के गोदाम में अचानक आग लग गई. बताया जा रहा है कि आग सिलेंडर फटने की वजह से लगी, जिससे पूरे इलाके में अफरा तफरी मच गई. धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग घबरा गए और घरों से बाहर निकल आए.
बताया जा रहा है कि सोमवार को एक ट्रक सिलेंडर लेकर गैस एजेंसी के गोदाम पर आया था. ट्रक से सिलेंडर उतारने का काम चल ही रहा था कि अचानक एक सिलेंडर फट गया. देखते ही देखते आग ने पूरे गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया और वहां रखे बाकी सिलेंडर भी फटने लगे. लगातार हो रहे धमाकों से पूरा इलाका दहल उठा. सिलेंडर के टुकड़े 500 मीटर दूर तक गिरे.
500 मीटर दूर तक गिरे सिलेंडर के टुकड़े
लोगों का कहना है कि आग इतनी भीषण थी कि गैस सिलेंडर के टुकड़े 500 मीटर दूर तक जाकर गिरे. धमाकों की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई. लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची. दमकल कर्मियों ने तुरंत आग बुझाने का काम शुरू किया, लेकिन आग इतनी विकराल थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था. दमकल की कई गाड़ियां आग बुझाने में जुटी रहीं.
हादसे के बाद लोगों में दहशत का माहौल
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया. आला अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. पुलिस ने आसपास के इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो. इस हादसे के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. लोग काफी डरे हुए हैं. कई घरों की खिड़कियां और दरवाजे धमाकों की वजह से हिल गए. कुछ जगहों पर मकानों में दरारें भी आ गई हैं.
हालात पर काबू पाने की कोशिश
हालांकि राहत की बात ये है कि इस हादसे में किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है. प्रशासन की ओर से भी किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन नुकसान का आकलन किया जा रहा है. मौके पर राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है. प्रशासन की टीमें भी मौके पर हैं और हालात पर काबू पाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
BJP नेता का दावा, बिहार में शराबबंदी के नाम पर पुलिस ही बेच रही शराब
24 Mar, 2025 03:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बिहार की शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने नीतीश सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही शराबबंदी के बाद भी राज्य में किस तरह नशे का व्यापार हो रहा है इसको लेकर बात की है. बीजेपी के सीनियर नेता ने सीधे-सीधे बिहार की पुलिस पर शराब बिकवाने का आरोप लगा दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा, बिहार में इन दिनों पुलिसकर्मी खुद से शराब बिकवा रहे हैं. बिहार के नौजवानों का नशे के चलते जीवन बर्बाद हो रहा है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून को ही हटा देना चाहिए.
पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने आरोप लगाया कि थाना अध्यक्ष समेत पुलिस वाले ही शराब बिकवा रहे हैं. शराबबंदी के बाद बिहार के नौजवान गांजा-अफीम का सेवन करने लगे हैं, यही नहीं शराब की तस्करी करने लगे हैं और थाना इंचार्ज-पुलिस वाले शराब बिकवाते हैं.
इसके बाद आर के सिंह ने खुले मंच से ही मोबाइल पर एक इंजीनियर को भी हड़का दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुनने में आ रहा है कि आप कुछ विधायकों के कहने पर टेंडर मैनेज कर रहे हैं.
कब दिया बयान
दरअसल, चुनाव हारने के बाद भी आरा में आरके सिंह लगातार ऐक्टिव रहते हैं. बड़हरा के सरैया बाजार में मौजूद भीखम दास मठिया में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसी दौरान उन से लोगों ने शराबबंदी को लेकर शिकायत की तभी आरके सिंह ने शराबबंदी को लेकर बयान दिया. आरके सिंह ने कहा कि शराबबंदी कानून को हटा देना चाहिए.
कौन हैं आरके सिंह?
आरके सिंह बिहार के सीनियर नेता हैं. वो आरा के पूर्व सांसद हैं. वो 4 दिनों के दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचे हैं. जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, जितना काम संसदीय क्षेत्र में उन्होंने किया है, किसी सांसद ने नहीं किया और आगे भी कोई नहीं कर पाएगा क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार को कभी पनपने नहीं दिया.
आरके सिंह भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं. उन्होंने साल 2014 से लेकर 2024 तक कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. वो मई 2014 से 4 जून 2024 तक आरा, बिहार से भारतीय संसद के सदस्य थे. सिंह 1975 बैच के बिहार कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी और भारत के पूर्व गृह सचिव हैं.
महिला ने थाने में तैनात अधिकारियों पर रेप का आरोप लगाया, जांच में सामने आया हैरान करने वाला सच
24 Mar, 2025 02:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के कटिहार में एक महिला ने फलका थाना प्रभारी पर 6 बार और थाने में ही तैनात एक और पुलिस अधिकारी पर 5 बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया. महिला ने पूर्णिया डीआईजी को एक आवेदन दिया. मामले की जांच की गई तो पता चला ये आरोप बेबुनियाद हैं और इससे पहले भी महिला और लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगा चुकी है. इसलिए महिला को कटिहार के लोग “श्रीमती 420” कहते हैं.
दरअसल फलका थाना क्षेत्र के मोरसंडा गांव की रहने वाली नाजिया बानो ने पूर्णिया डीआईजी के दरबार में पहुंचकर कटिहार के फलका थाना प्रभारी मुन्ना पटेल और फलका थाना के ही पुलिस अधिकारी विकास कुमार पर दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप लगाए. एक जमीन के मामले को लेकर झूठे कागज बनाकर एक व्यक्ति पर दबाव डालकर रुपये ऐंठने का जब उपाय नहीं हो पाया और थाना प्रभारी ने इस पर नाजिया की मदद नहीं की तो नाजिया बानो ने थाना प्रभारी और उनके सहयोगी पर ही संगीन आरोप लगा दिया.
थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारी पर आरोप
नाजिया बानो की मानें तो फलका थाना प्रभारी मुन्ना पटेल ने उनके साथ 6 बार जबकि फलका थाना के ही पुलिस अधिकारी विकास कुमार ने उनके साथ 5 बार दुष्कर्म किया है. इस आरोप के बाद जब डीआईजी के आदेश पर कटिहार एसपी ने महिला पुलिस अधिकारी और पुलिस टीम से इस मामले पर जांच कराई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. स्थानीय लोगों ने कहा कि नाजिया बानो पहले भी कई बार लोगों को इस तरह के आरोप में फंसा कर रुपया ऐंठ चुकी हैं.
नाजिया ने पैसे ऐंठने के लिए लगाया आरोप
इससे पहले उनके चंगुल में एक एलएंडटी (फाइनेंस) कंपनी के मैनेजर और उनके ही वार्ड के प्रतिनिधि फंस चुके हैं. हालांकि दोनों बार नाजिया ने उन दोनों से रुपया ऐंठ कर मामले को रफा दफा कर दिया था. अब भी कहा जा रहा है कि नाजिया ने पैसे ऐंठने के लिए आरोप लगाया है. कटिहार एसपी ने कहा कि पूरे मामले पर गंभीरता से महिला पुलिस पदाधिकारी की उपस्थिति में जांच कराई गई है. शुरुआती जांच के आधार पर सभी आरोप बेबुनियाद लग रहे हैं और थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारी को झूठे आरोप में फंसाने की साजिश लग रही है. महिला को उनके आरोपों के सबूत पेश करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है.
महिला को सबूत पेश करने के लिए दिया समय
एसपी वैभव शर्मा ने कहा कि जिस दिन और जिस समय नाजिया थाना प्रभारी पर दुष्कर्म का आरोप लगा रही हैं. उस समय फलका थाना प्रभारी मुन्ना पटेल कटिहार एसपी कार्यालय के कक्ष में डीआईजी के मीटिंग में मौजूद थे. ऐसे में यह आरोप पूरी तरह निराधार लग रहा है, लेकिन फिर भी नाजिया को 7 दिन अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने के लिए समय दिया गया है. दुष्कर्म जैसी संगीन वारदात में अगर कोई भी आरोपी है तो उस शख्स पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अगर कोई ऐसे संगीन वारदात को पैसा ऐंठने का जरिया बना रहा है तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
सीएम नीतीश के समीकरण बदलते, इफ्तार में जेडीयू को मिले मुस्लिमों का समर्थन
24 Mar, 2025 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की सियासत के धुरी माने जाने वाले सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ रहते हुए भी मुस्लिम समुदाय का विश्वास भरोसा बनाए रखा था. नीतीश के चलते एक समय तक मुस्लिम समुदाय बीजेपी के पक्ष में भी वोट करते रहे हैं, लेकिन फिलहाल जेडीयू का मुस्लिम समीकरण गड़बड़ाया हुआ है. सूबे की सबसे अहम मिल्ली तंजीम इमारत-ए-शरिया भी अब नीतीश कुमार की पकड़ से पूरी तरह बाहर निकल गई है. वक्फ संशोधन बिल का जेडीयू के समर्थन करने के चलते ही इमारत-ए-शरिया सहित सात मुस्लिम संगठनों ने सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बायकॉट तक कर दिया, जो बिहार की चुनावी हलचल के बीच जेडीयू के लिए किसी झटके से कम नहीं है.
इमारत-ए-शरिया, AIMPB जमात-ए-इस्लाम और जमाते उलमाएं हिंद जैसे अहम मुस्लिम तंजीमों ने भले नीतीश कुमार की रोजा इफ्तार से दूरी बनाए रखा, लेकिन बिहार के मितन घाट के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी ने शिरकत कर नीतीश सरकार की लाज बचाने का काम किया. इसके अलावा बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जेडीयू से जुड़े हुए मुस्लिम नेता रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल हुए. नीतीश ने रोजा इफ्तार के बायकाट के प्लान को भले ही बेअसर कर दिया हो, लेकिन इमारत-ए-शरिया पर पकड़ कमजोर होने से जेडीयू का 2025 में सियासी गेम बिगड़ न जाए?
नीतीश की इफ्तार में कौन-कौन शामिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार का इमारत-ए-शरिया सहित सात मुस्लिम संगठनों ने बॉयकाट करते हुए कहा था कि रोजा इफ्तार पार्टी में कोई मुस्लिम भाई वहां नहीं जाएंगे. इसके बावजूद इफ्तार पार्टी में बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान के अलावा मुस्लिम समुदाय के कई बड़े दिग्गज नेता और सैकड़ों की संख्या में रोजेदार शामिल हुए. इफ्तार के पहले मितन घाट के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी ने रोजे के महत्व पर प्रकाश डाला और सामूहिक दुआ की. बिहार के तरक्की, प्रगति, आपसी भाईचारे एवं मोहब्बत के लिए खुदा-ए-ताला से दुआएं की. नीतीश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान और जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर इफ्तार की अगुवाई करते दिखे.
नीतीश की इफ्तार पार्टी में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, एलजेपी से अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान,विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, मंत्री विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, महेश्वर हजारी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा, सांसद कौशलेंद्र कुमार सहित कई सांसद, विधायक, विधान पार्षद भी शामिल हुए.बीजेपी की तरफ से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के अलावा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर भी शामिल हुए.
मुस्लिम तंजीमों में सिर्फ मितन घाट के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी ने ही नीतीश कुमार के रोजा इफ्तार में शिरकत किए थे. इसके अलावा कोई दूसरी मुस्लिम तंजीम नहीं शामिल हुई. इनके अलावा जो भी मुस्लिम नजर आ रहे थे, वो जेडीयू से जुड़े हुए लोग थे. इससे पहले तक नीतीश कुमार के हर एक दावत में तमाम मुस्लिम संगठन से जुड़े नेता शिरकत करते रहे हैं, लेकिन पहली बार है कि जेडीयू की मुस्लिम समुदाय और मुस्लिम संगठनों पर पकड़ ढीली हुई है.
सीएम नीतीश से मुस्लिम संगठन नाराज
वक्फ संशोधन बिल पर जेडीयू के रवैए से मुस्लिम संगठन नाराज है. मुस्लिम संगठनों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया, जमीयत उलेमा हिंद (अरशद मदनी, महमूद मदनी), जमीयत अहले हदीस, जमात-ए-इस्लामी हिंद, खानकाह मुजीबिया और खानकाह रहमानी जैसे अहम मुस्लिम संगठन ने नीतीश कुमार की दावत में शामिल नहीं हुए. इन संगठनों ने नीतीश कुमार से कहा है कि उन्होंने धर्मनिरपेक्ष शासन और अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा के वादे पर सत्ता हासिल की थी लेकिन फिर ‘अतार्किक व असंवैधानिक’ वक्फ संशोधन बिल को उनकी पार्टी ने समर्थन दे दिया जो उन्हीं वादों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है.
जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने वक्फ बिल का लोकसभा में समर्थन करते हुए वक्फ बोर्डों को निरंकुश तक बताया था. उन्होंने दावा किया था कि इससे मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा. इसके बाद जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनसे मुलाकात की तब भी उनका रवैया बेहद रूखा था और उन्होंने इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के समर्थन का कोई वादा नहीं किया. यही नहीं प्रमुख मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने नीतीश कुमार से भी इस बारे में मुलाकात की लेकिन उनकी बात का कोई फायदा नहीं हुआ. वक्फ संशोधन बिल के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में जब मुस्लिम समुदाय की सभी बातों को दरकिनार कर दिया तो एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की कोशिश की गई लेकिन उन संगठनों के लोगों का कहना है कि उन्हें मिलने नहीं दिया गया.
मुस्लिम संगठनों की तरफ से नीतीश कुमार को लिखे गए पत्र में कहा कि आपकी इफ्तार की दावत का मकसद सद्भावना और भरोसा को बढ़ावा देना होता है, लेकिन भरोसा केवल औपचारिक दावतों से नहीं बल्कि ठोस नीति और उपायों से होता है. आपकी सरकार का मुस्लिम समाज की जायज मांगों को नजरअंदाज करना, एक तरह की औपचारिक दावतों को निरर्थक बना देता है. इस तरह नीतीश कुमार की रोजा इफ्तार में कोई भी अहम मुस्लिम संगठन शामिल नहीं हुए, जिसमें बिहार की इमारत-ए-शरिया और खानकाह रहमानी जैसे संगठन भी हैं.
नीतीश की पकड़ निकली इमारत-ए-शरिया
इमारत-ए-शरिया बिहार की सबसे बड़ी मुस्लिम तंजीम है, जिस तरह यूपी में जमियत उलेमाएं हिंद की पकड़ है, उसी तरह बिहार में इमारत-ए-शरिया का अपना सियासी आधार है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी के जरिए नीतीश कुमार ने इमारत-ए-शरिया पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने में भी सफल रहे, जिसके जरिए मुस्लिम समुदाय का विश्वास भी हासिल करने में कामयाब रहे. इमारत ए शरिया फुलवारी शरीफ के मौलाना अनिसुर रहमान कासमी का भी भरोसा नीतीश कुमार जीतने में सफल रहे. मौलाना वली रहमानी के कहने पर नीतीश कुमार ने खालिद अनवर को एमएलसी बना दिया था और मौलाना गुलाम रसूल बलियावी को भी विधान परिषद भेजा था.
मौलाना वाली रहमानी, अनिसुर रहमान कासमी और मौलाना गुलाम रसूल बलियावी को साधकर नीतीश ने बिहार के मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ा था. 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समाज का अच्छा-खासा वोट जेडीयू को मिला था. 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी मुस्लिम वोट जेडीयू को बीजेपी के साथ रहने के बाद भी वोट दिया था, जिसके चलते ही आरजेडी का गेम बिगड़ गया था. 2015 के चुनाव में मुस्लिमों ने एकमुश्त वोट जेडीयू के महागठबंधन के साथ होने का लाभ मिला था, 2017 में नीतीश के महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ जाने से मुस्लिमों का जेडीयू से मोहभंग हुआ. वक्फ संशोधन बिल पर जेडीयू के समर्थन करने से नीतीश कुमार की पकड़ से इमारत-ए-शरिया बाहर निकल गई है तो साथ ही खानकाह फुलवारी शरीफ सहित मुस्लिम तंजीमों पर भी पकड़ कमजोर हुए है.
JDU का गड़बड़ा ना जाए मुस्लिम वोट बैंक
इमारत-ए-शरिया पर नीतीश कुमार की पकड़ कमजोर होने का लाभ आरजेडी को मिलता दिख रहा है. तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों इमारत-ए-शरिया के आफिस जाकर मौलाना वली रहमानी के बेटे से मुलाकात की थी. इसके बाद ही संकेत मिल गए थे कि इमारत ए शरिया पर आरजेडी की पकड़ मुस्लिम वोटों की गारंटी बन सकता है. नीतीश कुमार की रोजा इफ्तार से जिस तरह मुस्लिम संगठनों ने किनारा किया है, उसके चलते साफ माना जा रहा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम तंजीमें जेडीयू के खिलाफ सख्त कदम उठा सकती हैं.
बिहार में करीब 17.7 फीसदी मुस्लिम आबादी है, जो सियासी रूप से किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते है. बिहार में विधानसभा सीटों की संख्या 243 है. इसमें से 47 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक स्थिति में हैं. इन इलाकों में मुस्लिम आबादी 20 से 40 प्रतिशत या उससे भी अधिक है. बिहार की 11 सीटें ऐसी हैं, जहां 40 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता है और 7 सीटों पर 30 फीसदी से ज्यादा हैं. इसके अलावा 29 विधानसभा सीटों पर 20 से 30 फीसदी के बीच मुस्लिम मतदाता हैं. इस लिहाज से मुस्लिम वोटर काफी अहम माना जा रहे हैं.
झारखंड: 7 दिनों में ही 5 बच्चों की हो गई मौत, 12 अभी भी बीमार… सहमे लोग; क्या है वजह?
24 Mar, 2025 02:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के साहेबगंज जिला में एक अज्ञात बीमार के कहर से हड़कंप मच गया है. अज्ञात बीमारी के संक्रमण के कारण पिछले महज 7 दिनों के अंदर ही साहेबगंज जिला के नगरभिट्ठा गाँव मे आदिम जनजातीय पहाड़िया समुदाय के 5 बच्चों की एक के बाद एक हुई मौत है. अज्ञात बीमारी से पांच बच्चों की मौत से पूरे गांव में दहशत है वहीं स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. ग्रामीणों के मुताबिक लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांव के बच्चे बीमार भी हैं.
पांच बच्चों की मौत की सूचना के बाद साहिबगंज जिला के सिविल सर्जन के द्वारा एक टीम गठित की गई है. स्वास्थ्य जांच के लिए टीम को उक्त गांव में भेजा गया है , संक्रमित बच्चों के खून की जांच इकट्ठा कर बीमारी के चिन्हितीकरण के साथ-साथ जरूरी दवा भी दी गई है. ग्रामीणों के मुताबिक गांव के बच्चों के अंदर अज्ञात बीमारी से पीड़ित होने के कारण पहले उनकी आंखें पीली पड़ी. इसके बाद उन्हें तेज बुखार हुआ सर्दी खांसी सिर दर्द की शिकायत हुई. वहीं कुछ घंटे के अंदर बच्चों की हालत इतनी तेजी से बिगड़ी कि उन्हें बचाया न जा सका. इस बीमारी से 12 अभी भी बीमार हैं.
ब्रेन मलेरिया से पीड़ित होने की जताई जा रही आशंका
साहिबगंज जिला के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रवीण कुमार संथाली ने भी पांच बच्चों के मौत की पुष्टि की है. वहीं ग्रामीणों के मुताबिक एक नाबालिक बच्चों की मौत रविवार को हुई है जबकि दो की मौत शनिवार को वहीं दो बच्चों की मौत कुछ दिन पूर्व हुई थी. शुरुआती जांच के क्रम में कुछ नाबालिक बच्चों के ब्रेन मलेरिया से पीड़ित होने की बात कही जा रही है.
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1.एतवारी पहाड़ीन ( 2 वर्ष) -पिता बीजू पहाड़िया 2. बेफरे पहाड़िया ,4 वर्ष – पिता गोले पहाड़िया 3. जीता पहाड़ीन – पिता चांदू पहाड़िया 4. सजनी पहाड़ीन – पिता सोमरा पहाड़िया 5. विकास पहाड़िया – पिता आसना पहाड़िया
हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों की मौत किस बीमारी से हुई है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम साहिबगंज जिला अंतर्गत मंडरो प्रखंड के बसहा पंचायत के नगरर्भिठा गांव में कैंप करने के साथ बच्चों के अज्ञात बीमारी से संक्रमित होने को लेकर निगरानी कर रही है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि गंदे पानी पीने के कारण और गांव में गंदगी का अंबार होने से ऐसी बीमारी की चपेट में आकर बच्चों का असमय निधन हुआ है. हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों की मौत के लिए कौन सी बीमारी जिम्मेदार है.
झारखंड में IED ब्लास्ट में CRPF के एसआई शहीद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक जताया
24 Mar, 2025 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नक्सली मुक्त झारखंड बनने के उद्देश्य से लगातार नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने जंग छेड़ी हुई है. संयुक्त कार्रवाई की जरिए इसी क्रम में आज शनिवार को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के तहत आने वाले सारंडा जंगल में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च अभियान के दौरान एकाएक नक्सलियों की ओर से बिछाए गए आईईडी बम में ब्लास्ट हो गया. जिसकी चपेट में आने से सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया है. वहीं, एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया है.
घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट का रांची के अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान सीआरपीएफ 193 बटालियन के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल की मौत हो गई. नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च अभियान के क्रम में आईईडी बम ब्लास्ट की यह घटना पश्चिमी सिंहभूम के छोटानागरा थाना क्षेत्र के मरांगपोंगा इलाके में हुई थी. सुरक्षाबल इलाके में सर्च अभियान चल रहे थे. तभी जवानों के संपर्क में आने से जमीन के नीचे बिछे आईईडी बम में जोरदार विस्फोट हो गया.
एक CRPF जवान की मौत
इस विस्फोट की चपेट में आने से सीआरपीएफ 193 बटालियन सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल और हेड कांस्टेबल पार्थ प्रीतम गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दोनों घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर सेना के हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया, जहां अस्पताल में इलाज के दौरान घायल सीआरपीएफ के जवान SI सुनील कुमार को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया गया. वहीं, दूसरे घायल जवान पार्थ प्रीतम डे का गंभीर हालत में इलाज जारी है.
नक्सली कमांडरों के छिपे होने की मिली थी सूचना
आपको बता दें कि झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के सारंडा जंगल में कई बड़े इनामी नक्सली कमांडरों के अपने दस्ते के साथ के छिपे होने की सूचना के बाद लगातार सुरक्षा बल पूरे क्षेत्र में व्यापक तौर पर सर्च अभियान चला रहे थे. जवान सुनील कुमार मंडल की मौत पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने वीर शहीद की दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और शोकाकुल परिवारजनों को दुख की यह घड़ी सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है. इसके अलावा ब्लास्ट में घायल एक अन्य जवान के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना किया है.
त्योहारों के मद्देनजर CM योगी का निर्देश, अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह
24 Mar, 2025 11:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्योहारों के मद्देनजर अधिकारियों को सतर्कता बनाए रखने के लिए रविवार को कानून – व्यवस्था की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, ईद-उल-फितर, बैशाखी समेत अन्य महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार के मद्देनजर अधिकारियों से चौकसी बनाए रखने को कहा है. उन्होंने अराजकता फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा, ‘‘पर्व-त्योहारों के दौरान अनेक स्थानों पर शोभायात्राएं निकलेंगी और मेले लगेंगे। उल्लास और उमंग के पर्व पर कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है, इसलिए हमें सतत सतर्क-सावधान रहना होगा. शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं.’’
अलविदा के नमाज पर रहे सतर्क
उन्होंने पर्व-त्योहार में शासन द्वारा सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा सभी पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अलविदा की नमाज़ के मौके पर विशेष सतर्कता रखें. उन्होंने ईद के अवसर पर साफ-सफाई, स्वच्छता व पेयजल की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को भी कहा.
संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ाई जाए गश्त
उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि धार्मिक कृत्यों से सड़क मार्ग बाधित न हो. संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करने और पुलिस की गश्ती बढ़ाने को भी कहा. अफवाहों पर अंकुश लगाने की सख्त हिदायत के साथ उन्होंने अधिकारियों से सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं को लेकर अलर्ट रहने को कहा है. योगी ने थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाने को कहा है. उन्होंने कहा, ‘‘छोटी सी अफवाह माहौल को बिगाड़ सकती है. ऐसे में पुलिस प्रशासन को अलर्ट रहना होगा. गोतस्करी और अन्य संबंधित अपराध से जुड़े संदिग्ध लोगों पर नजर रखें.’’
क्राउड मैनेजमेंट की हो व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनवमी पर अयोध्या और चैत्र नवरात्रि के मौके पर मां विंध्यवासिनी धाम, देवीपाटन धाम, सहारनपुर में मां शाकुम्भरी धाम व सीतापुर में भी बड़ी संख्या में लोग आएंगे. उन्होंने कहा कि आस्था और उल्लास के इन महत्वपूर्ण पर्वों के आयोजन को सुशासन, सुव्यवस्था का उदाहरण बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए. आदित्यनाथ ने कहा कि पर्व-त्योहार के मौके पर स्वास्थ्य सहित सभी तरह की आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट मोड में रखा जाए.