उत्तर प्रदेश
कानपुर: साइबर हैकर ने नर्सिंग होम का डाटा हैक किया, खुद को ईमानदार बताया
24 Mar, 2025 11:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ईमानदारी की बात अगर कोई सज्जन व्यक्ति करे तो समझ में आता है, लेकिन क्या कभी एक अपराधी को ईमानदारी की बात करते हुए सुना है. अब अपराधी भी खुद को ईमानदार बताने लगे हैं. खुद को ईमानदार बताकर, ईमानदारी का दावा करने वाले एक साइबर हैकर का मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आया है, जहां एक नर्सिंग होम का डाटा हैक करके साइबर अपराधी खुद को ईमानदार बता रहे हैं. साइबर अपराधियों ने खुद के ईमानदार होने का दावा करते हुए बिटकॉइन लेने में मदद की पेशकश भी की. अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
कानपुर के काकादेव क्षेत्र में एक नर्सिंग होम स्थित है. इस नर्सिंग होम में पांच दिन पहले एक मेल आया. उस मेल में एक लिंक था. जब उस मेल को क्लिक किया गया तो नर्सिंग होम का पूरा डाटा साइबर अपराधियों के पास चला गया. इस पूरे काम में साइबर अपराधियों को मात्र 20 मिनट लगे. इसके अगले दिन एक और मेल आया, जिसके बारे में नर्सिंग होम ने प्रशासन को बताया कि उनका पूरा डाटा हैक करके चुरा लिया गया है.
“काम पूरी ईमानदारी से करते हैं”
हैकर्स ने मेल में कहा कि अगर डाटा वापस चाहिए है तो बिटकॉइन के जरिए रकम उनको देनी होगी. हैकर्स ने मेल में अपने को पूरा ईमानदार बताया. साइबर अपराधियों ने कहा कि वो अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं. इसलिए अगर उनको बिटकॉइन दे दिया तो वो पूरा डाटा वापस कर देंगे. इतना ही नहीं बल्कि पैसे से बिटकॉइन खरीदने में मदद भी करेंगे और वॉलेट भी बनवा देंगे.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
इसके साथ ही साइबर अपराधियों ने चेतावनी भी दी कि अगर उनको बिटकॉइन में रकम नहीं दी गई तो नर्सिंग होम का पूरा डाटा या तो सार्वजनिक कर दिया जाएगा या फिर उसको किसी और को बेच दिया जाएगा. पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. साइबर एक्सपर्ट की एक टीम को नर्सिंग होम भी भेजा गया था. टीम ने वहां के सिस्टम, ईमेल और बाकी चीजों की जांच की थी. साथ ही नर्सिंग होम के कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई.
सौरभ सिंह हत्याकांड: आरोपी मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट होगा
24 Mar, 2025 11:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मेरठ का सौरभ सिंह हत्याकांड अभी भी सुर्खियों में है. इस केस में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. फिलहाल, हत्याकांड के दोनों आरोपी मुस्कान और साहिल 14 दिन न्यायिक हिरासत में हैं. दोनों ने अपना पक्ष रखने के लिए सरकारी वकील की मांग की है. इसी के साथ मुस्कान का अब प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया जाएगा.
पुलिस की मानें तो साहिल और मुस्कान की ओर से सरकारी वकील की मां वाला पत्र आज आगे पेश किया जाएगा. पहले मुस्कान ने सरकारी वकील की मांग की थी, जिसके बाद साहिल ने भी सरकारी वकील की मांग की है. पुलिस ने बताया- जेल में जाने के बाद से मुस्कान और साहिल को नशे की आदत होने के कारण परेशानियां हो रही हैं. दोनों की नशे की लत छुड़वाने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही साथ दोनों की कई जांच भी की जा रही हैं.
मुस्कान की प्रेग्नेंसी की भी जांच कराई जाएगी. वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि कोई भी महिला कैदी जेल में आती है तो उसकी जांचे होती है. ऐसे ही मुस्कान की भी प्रेग्नेंसी की जांच करवाई जानी है जो कि 7 दिन बाद होगी.
हिमाचल लेकर जा सकती है पुलिस
वहीं, दूसरी तरफ पुलिस साहिल और मुस्कान को रिमांड पर लेने की भी तैयारी कर रही है. ऐसा बताया जा रहा है कि पुलिस को अभी मुस्कान और साहिल से कुछ और भी पूछताछ करनी है, साहिल की तंत्र क्रिया के बारे में भी अभी पुलिस पूछताछ करना चाहती है. इसके इलावा पुलिस दोनों को संभतः हिमाचल प्रदेश के शिमला, मनाली और कसोल भी लेकर जा सकती है.
17 मार्च को वापस लौटे मेरठ
सौरभ राजपूत का मर्चेंट नेवी का पूर्व अधिकारी था. उसकी पत्नी मुस्कान ने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर 4 मार्च को सौरभी की हत्या कर दी थी. हत्या करने के बाद दोनों ने उसके शव के टुकड़े करके उन्हें ड्रम में डाल दिया और ड्रम में सीमेंट भरकर उसे सील कर दिया. मर्डर करने के बाद दोनों हिमाचल प्रदेश चले गए और 17 मार्च को वापस मेरठ लौट आए. जब हत्याकांड का खुलासा हुआ को पूरे देश में यह खबर फैल गई. पुलिस ने जल्द ही मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में जांच जारी है.
कानपुर में पिता की मौत के बाद बेटे की भी मौत, हैरान करने वाली घटना
24 Mar, 2025 11:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मौत कब, कैसे और कहां आ जाए, ये तो कोई भी नहीं बता सकता और न ही सोच सकता है. ठीक ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के कानपुर से, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. किसने सोचा था कि यहां पिता की मौत के बाद उनकी डेड बॉडी ले जा रहे बेटे की भी मौत हो जाएगी. जी हां, सुनने में यह बेशक अजीब लग रहा है, लेकिन ऐसा हकीकत में हुआ है.
कानपुर के रहने वाले लईक अहमद काफी समय से बीमार थे. उनकी 20 मार्च को बीमारी के कारण अस्पताल में मौत हो गई. बेटा अतीक अपने पापा से बेइंतहां मोहब्बत करता था. इसलिए उसे किसी ने नहीं बताया कि पिता की मौत हो गई है. शव को परिवार वाले गाड़ी से घर ले जाने लगे. अतीक बाइक से उस एंबुलेंस के पीछे-पीछे चल रहा रथा, जिसमें उसके पिता का शव था. रास्ते में जैसे ही उसे पता चला कि पापा की मौत हो गई है तो उसे धक्का लगा.
हार्ट अटैक से हुई मौत
अतीक रास्ते में ही गिर पड़ा. आनन-फानन में उसे अस्पताल में ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पता चला अतीक को हार्ट अटैक आया था. इसके बाद पिता और पुत्र का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया तथा परिवार और स्थानीय लोगों ने शोक व्यक्त किया.
पापा के करीब था अतीक
परिवार के सदस्यों ने बताया कि लईक अहमद के दो बेटों में से छोटा बेटा अतीक हमेशा से अपने पिता के करीब रहा था. पिता और पुत्र के शवों को स्थानीय कब्रिस्तान में दफनाया गया. परिवार ने बताया- अतीक अपने पिता के इतना करीब था कि उनके बिना एक पल भी नहीं रह पाता था. घर में दो-दो मौत से मातम छाया हुआ है.
सपा सांसद रामजी लाल सुमन के बयान पर मंत्री जयवीर सिंह का पलटवार,कहा-पूरी सपा ही सनातन विरोधी,इन्हें जनता माफ नहीं करेगी
23 Mar, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फिरोजाबाद समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने रामजी लाल सुमन को विकृत मानसिकता का व्यक्ति करार देते हुए कहा कि इनकी पार्टी के नेता ने सनातन धर्म के सबसे बड़े महापर्व महाकुंभ पर भी प्रतिदिन विरोध किया था। ऐसा कोई दिन नहीं गया जब इन लोगों ने कुछ न कुछ निगेटिविटी फैलाने का काम किया। ये लोग आक्रांताओं का गुड़गान करते हैं और ऐसे लोगों को देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
इसके साथ ही, लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर के साथ पुलिस द्वारा की गई अभद्रता पर भी मंत्री जयवीर सिंह ने बयान दिया। उन्होंने कहा, यह पूरा मामला मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाया गया है और जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
वहीं, शिकोहाबाद में जादौन क्षत्रिय समाज के एक कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री भी पहुंचे, जहां विभिन्न स्थानों के राजा-महाराजा भी मौजूद थे।
श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रद्धालु भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं- पं. राजेश पाण्डेय
23 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बस्ती । अवतार के तीन भेद किए गए हैं जन्म, समागम और प्राकट्य। शरीर का जन्म होता है, आत्मा और शरीर का समागम होता है, ईश्वर का केवल प्राकट्य होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। यह सद्विचार कथा व्यास पं. राजेश पाण्डेय सिंटू महाराज ने हर्रैया विकासखण्ड के समौड़ी गाँव में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन व्यक्त किया। महराज जी ने कहा कि भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर पाप, अनाचार बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा के दौरान कथा व्यास ने तमाम गीतों के माध्यम से श्रीकृष्ण जन्म का वर्णन किया और साथ ही निकाली गई झांकी ने दर्शकों का मन मोह लिया सभी श्रद्धालु झूम उठे। इस दौरान मुख्य यजमान राम सुमति मिश्र, सीता देवी, देवेंद्र नाथ मिश्र बाबू जी, धीरेन्द्र नाथ मिश्र, श्रीनाथ मिश्र, सुरेंद्र नाथ मिश्र, नन्द कुमार मिश्र, रामफूल मिश्र, उमेश मिश्र, चन्द्र प्रकाश मिश्र, पशुपतिनाथ शुक्ल, विश्व प्रकाश मिश्र, राम जियावन शुक्ल, राधा मोहन मिश्र, लालजी मिश्र, अशोक कुमार मिश्र, महेंद्र कुमार मिश्र, पवन शुक्ल, रामप्रसाद मिश्र, विजय मिश्र, चंद्रमणि मिश्र, भरत, संतोष मिश्र, रवीश कुमार मिश्र, वेद प्रकाश मिश्र, उत्तम मिश्र, सतीश शुक्ल लायक, हरीश, गोपाल, रत्नेश, प्रभात, अत्रय, बाबूलाल, लल्लू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे
अमर शहीदों को किया नमन्ः बस्ती में अम्बेडकर विश्वविद्यालय की मांग राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
23 Mar, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बस्ती । रविवार को अनेक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने युवा नेता मनमोहन तिवारी के नेतृत्व में शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू को उनके बलिदान दिवस पर नमन किया। इसी कड़ी में राष्ट्रपति को जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजकर डॉ. भीमराव अंबेडकर को राष्ट्रीय महापुरुष और उनके जयंती को राष्ट्रीय समरसता दिवस के रूप में घोषित करने के साथ-साथ बस्ती में बाबासाहेब के नाम पर एक विश्वविद्यालय बनवाने की मांग किया गया। मुख्य अतिथि संजय द्विवेदी ‘मनुवादी’ ने हिंदुओं में इतिहास बोध तथा संस्कृति पर गर्व करने के कारण के साथ उन विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला जिसके कारण भारतीय हिंदू समाज विघटित हो रहा है ।हिन्दू शिव सेना प्रमुख प्रमोद पाण्डेय ने हिंदू देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी, हिंदू त्योहारों पर विभिन्न प्रकार के हुड़दंग तथा सामाजिक सौहार्द बिगड़ने वालों को तुरंत सुधर जाने की नसीहत दी । स्नेह पाण्डेय ने कहा यदि प्रशासन इस पर त्वरित कार्यवाही नहीं करते। तो बजरंग दल इसे अपने स्तर पर निपटने के लिए बाध्य होगा। अजय मिश्रा ने अपने सभी सहयोगियों के साथ मिलकर उनके साथ देने का संकल्प ज्ञापित किया।इसके बाद मनमोहन तिवारी के नेतृत्व में राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से भेजा गया। कार्यक्रम में राहुल पाण्डेय , अनिल प्रजापति सोनू चौहान, कृष्णा चौधरी, राजकुमार, सदानन्द सैनी , गिरजेश कनौजिया, अमरदीप चौहान जी,राजू चौहान, अर्जुन गौतम जी, राजकुमार कनौजिया , सुजीत कुमार प्रजापति, राजन मिश्रा , सुशील प्रजापति ,अजय मिश्रा, दुर्गा चौरसिया, पृथ्वी चौधरी, राजन चौहान , मुकेश कनौजिया, रजनीश शुक्ला, अशोक यादव, रमेश कुमार वर्मा, रवि शर्मा जी, अनिल यादव,सूरज गौड़ जी , फूलचंद गुप्ता, संदीप यादव, अमरिंदर सिंह, भोला यादव, सत्यव्रत यादव, गोमती यादव, अमर पांडे, नितिन पांडे, राजमणि पांडे, श्रीकांत पांडे, सुरेश भट्ट, रामकुमार भट्ट, विनय कुमार भट्ट, आदि शामिल रहे।
बलिदान दिवस पर शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव को किया नमन्
23 Mar, 2025 07:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बस्ती। शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव के बलिदान दिवस पर रविवार को कायस्थ सेवा ट्रस्ट जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार श्रीवास्तव के संयोजन में पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने रोडवेज तिराहा स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण का उन्हें नमन् किया।
ट्रस्ट जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार श्रीवास्तव और उपाध्यक्ष अरूण श्रीवास्तव ने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव जैसे अमर बलिदानियों के प्रयास से देश को आजादी मिली। हम सबकी जिम्मेदारी है कि उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में जुटे रहे, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। ट्रस्ट संस्थापक अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि 1931 में अंग्रेजी हुकूमत में भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव को फांसी देने के बाद समूचा देश अन्याय के खिलाफ उठ खड़ा हुआ और अंग्रेजो को वापस जाना पड़ा। उनका योगदान युगों तक याद किया जायेगा।
भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों में दुर्गेश श्रीवास्तव, नितेश, आलोक, अनिल श्रीवास्तव, मनीष, राहुल श्रीवास्तव, नितेश, रणदीप माथुर, अविनाश, वृजेश श्रीवास्तव, दीपू श्रीवास्तव, प्रिन्स, राजेश श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।
आईएएस अभिषेक की बढ़ी मुसीबत, पुराने फैसलों की भी होगी जांच
23 Mar, 2025 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। विजिलेंस जांच के आदेश के बाद अब ईडी भी उनके मामले में जांच शुरू कर सकती है। ईडी की एक टीम ने अभिषेक प्रकाश और निकांत जैन की सम्पत्ति की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। उनके पुराने फैसलों की जांच भी हो सकती है।ईडी यह भी पता कर रही है कि अभिषेक प्रकाश के सम्पर्क में आने से पहले निकांत जैन की माली हालत क्या थी। कैसे अचानक उसके पास अकूत सम्पत्ति आ गई। अभिषेक प्रकाश को दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री के आदेश पर निलम्बित किया गया है। सोलर ऊर्जा से जुड़े एक प्रकरण में उद्योगपति से पांच प्रतिशत कमीशन मांगने में उसके करीबी और बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले गोमतीनगर निवासी निकांत जैन को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। इसकी जांच चल रही है।
निकांत के घर शुक्रवार को ताला लगा मिला था। इसकी जानकारी पर पुलिस ने दस्तावेज न गायब हो, इसलिए अपना ताला भी लगा दिया है। निकांत जैन की गिरफ्तारी के दूसरे दिन उसके विराट खंड स्थित इस दफ्तर में ताला लगा मिला था।सोलर इनर्जी कंपनी से रिश्वत मांगने के मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के अब पुराने फैसलों की भी जांच होगी। वह ढाई साल से ज्यादा वक्त तक इन्वेस्ट यूपी के सीईओ रहे। इस दौरान निवेश संबंधी आए प्रस्तावों व उस पर मूल्यांकन समिति द्वारा लिए गए फैसलों संबंधीं पत्रावली तलब की गई है।
औद्योगिक विकास विभाग अब इस मामले की तह तक जाएगा। यह देखा जाएगा कि पूर्व में किन किन निवेश प्रस्तावों को निरस्त किया गया और किस आधार पर यह निर्णय हुआ। यह भी देखा जाएगा कि जो प्रस्ताव मंजूर हुए उसमें किसी निवेशक को अनुचित लाभ तो नहीं दिया गया। इन्वेस्ट यूपी में मूल्यांकन समिति की बैठक अमुमन हर महीने होती है। पूरे कार्यकाल में उनके फैसले अब जांच के दायरे में हैं। असल में निवेश प्रस्ताव पहले मूल्यांकन समिति में आते वहां पर उसका परीक्षण किया जाता है। इससे पहले कंसल्टिंग फर्म और विभागीय कर्मचारी निवेशकों से सभी जरूरी दस्तावेज देखते हैं। मूल्यांकन समिति की मंजूरी के बाद फाइल आईडीसी की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी में भेजी जाती है। सूत्र बताते हैं कि निजी कंसल्टिंग फर्म के कार्मिकों की भूमिका भी संदिग्ध है।
स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकराई, 4 की मौत, 5 जख्मी
23 Mar, 2025 12:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेगूसराय, बिहार के बेगूसराय में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। बेगूसराय में एनएच 31 पर रविवार की अहले सुबह भीषण सड़क हादसे में चार बारातियों की मौत हो गई जबकि पांच जख्मी हो गए। मृतकों में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पहाड़ चक निवासी मनोज सिन्हा के 19 वर्ष के पुत्र अंकित कुमार और 20 वर्षीय अभिषेक कुमार, रुदल पासवान का 18 वर्षीय पुत्र सौरभ कुमार और जगदीश पंडित का 18 वर्ष से पुत्र कृष्ण कुमार का नाम शामिल है। जबकि घायलों में बबलू महतो का 19 वर्षीय पुत्र निरंजन कुमार, बाबू साहेब महतो का 20 वर्ष से पुत्र गोलू कुमार, मंगल पासवान का 19 वर्षीय पुत्र सुजीत कुमार और 19 वर्षीय अंशु साह का नाम शामिल है।
घटना की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। स्थानीय लोगों ने जख्मी को उठाकर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जबकि लाखो थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया। घटना का कारण बारातियों से लदा स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकराना बताया गया है। हाइवे स्थित डिवाइडर से टकराने के बाद स्कॉर्पियो के परखच्चे उड़ गए। स्कॉर्पियो पर नौ बाराती सवार थे। डॉ फुलेना महतो ने बताया कि उनके भतीजे अभिषेक की शादी थी। नगरनिगम के पहाड़चक से साहेबपुर कमाल थाना अंतर्गत जाफर नगर गांव बाराती गयी थी।
शादी के बाद बाराती स्कार्पियो पर सवार होकर अपने घर पहाड़चक लौट रहे थे। तभी खातोपुर चौक पहुंचते ही स्कार्पियो डी वाईडर से टकरा गयी। is भीषण दुर्घटना में चार बारातियों को जान चली गयी। जबकि पांच व्यक्ति जीवन और मौत के बीच झूलने को बेबस बने हुए हैं। इस दर्दनाक घटना की खबर फैलते ही जदयू जिला अध्यक्ष रुदल राय, पूर्व मेयर संजय सिंह, पूर्व उपमेयर राजीव रंजन, भाजपा नेता सह अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर, डॉक्टर राम रेखा, जदयू नेता अरुण महतों ने गहरी दुःख जताया है। परिजनों को सांत्वना देते हुए ढाढस बंधाया।
फिलहाल सदर डीएसपी सुबोध कुमार, मुफस्सिल, लाखों, रतनपुर एवं लोहिया नगर थानाध्यक्ष सदर अस्पताल पहुंच गए। थाना की पुलिस पोस्टमार्टम के बाद संबंधित परिजनों को शव सौंप दिया और आगे की जांच पड़ताल में जुट गई है। पहाड़चक् में पसरा सन्नाटा एक ही गांव के चार छात्रों की मौत को लेकर ग्रामीणों में मातम छा गया है। बताया जाता है कि मृतकों में शामिल सभी बच्चे मैट्रिक की परीक्षा देकर आगे की पढ़ाई की तैयारी में थे।
लेकिन हाइवे की हादसा ने पढ़ने की तमन्ना को हमेशा हमेशा के लिए दफन कर दिया। दाह संस्कार के लिए दिया तीन तीन हजार महापौर पिंकी देवी ने घटना पर दुःख जताया। शोक संतप्त परिवार से मिल ढांढस बंधाया। साथ ही निगम की ओर से शव का दाह संस्कार के लिए तीन तीन हजार रुपये दिया। इसके अलावा दो ट्रैक्टर भी उपलब्ध कराया।
UP के बलिया में क्रूड ऑयल का विशाल भंडार, ONGC ने खुदाई शुरू की, ऊर्जा क्रांति का आगाज
22 Mar, 2025 07:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित गंगा बेसिन में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का बड़ा भंडार मिला है. यह तेल और गैस का भंडार बलिया के सागर पाली से लेकर प्रयागराज के फाफामऊ तक करीब 300 किमी से भी अधिक क्षेत्र में है. माना जा रहा है कि इस भंडार की बदौलत देश दशकों तक इंधन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा. इस भंडार की खोज ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने की है और संबंधित विभागों से एनओसी हासिल कर ओएनजीसी ने बलिया के सागरपाली में खुदाई भी शुरू कर दी है.
फिलहाल यह खुदाई करीब 3 वर्ग कमी एरिया में हो रही है. इसके लिए इस एरिया को बाड़ लगाकर आम आदमी के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. ओएनजीसी के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लिए यह तेल और गैस का भंडार किसी तोहफे से कम नहीं है. बल्कि इस परियोजना के दम पर देश में चल रही विकास की दौड़ में उत्तर प्रदेश चौकड़ी भरने की तैयारी कर ली है. बता दें कि तीन साल पहले इस एरिया में तेल और गैस का भंडार मिलने की सूचना मिली थी.
तीन साल पहले मिले थे सबूत
इस सूचना के बाद ओएनजीसी ने तीन साल तक लगातार सेटेलाइट, भू-रासायनिक, गुरुत्वाकर्षण-चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (MT) सर्वेक्षण किए और इस सर्वे की रिपोर्ट के बाद केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से खुदाई के लिए अनुमति हासिल की है. रिपोर्ट के मुताबिक ओएनजीसी ने केंद्र और राज्य सरकार से एनओसी हासिल करते ही बलिया के सागर पाली में 8 एकड़ भूखंड को पट्टे पर लेकर खुदाई शुरू कर दी है. इसके लिए असम से क्रेन एवं अन्य अत्याधुनिक उपकरण व मशीनें मंगाई गई हैं.
8 एकड़ जमीन पर लगाई बाड़
खुदाई में किसी तरह की बाधा को रोकने के लिए ओएनजीसी ने पूरे एरिया को बाड़ लगाकर घेर दिया है. ओएनजीसी के अधिकारियों के मुताबिक यह खुदाई के बलिया के सागर पाली के पास वैना रत्तू चक में हो रही है. यह स्थान नेशनल हाईवे और सागरपाली गांव के बीच है. अधिकारियों के मुताबिक अभी केवल एक कुएं की खुदाई हो रही है. यह खुदाई करीब 3,001 मीटर की गहराई तक होगी. यहां से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद गंगा बेसिन में चिन्हित अन्य स्थानों पर कुएं खोदे जाएंगे.
ये होगा फायदा
आजादी की लड़ाई में बलिया ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. सागर पाली के ही रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया ने देश में सबसे पहले आजादी का स्वाद भी चखा. अब चूंकि दुनिया ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर बलिया इस क्रांति में शामिल होकर देश का नेतृत्व करने वाला है. ओएनजीसी के अधिकारियों का भी दावा है कि बलिया की मिट्टी में इतना तेल और गैस है, जिससे दशकों तक भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकता है. बस दिक्कत इतनी भर है कि यहां पर तेल और गैस काफी गहराई में है और वहां तक पहुंचने में अभी एक से डेढ़ महीने का वक्त लग सकता है.
BJP नेता योगेश रोहिला की पूरी कुंडली, पहले परिवार का नरसंहार, अब पत्नी-बच्चों की हत्या
22 Mar, 2025 06:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह में जघन्य हत्या कांड को अंजाम देने वाला भाजपा नेता योगेश रोहिला शातिर और अपराधी प्रवृत्ति का रहा है. योगेश के पिता पेशे से एक अध्यापक थे. चार बहनों और माता समेत परिवार में कुल सात सदस्य थे. योगेश अपने परिवार के लोगों को परेशान करता था. योगेश की प्रताड़ना से परेशान होकर 2007 में पिता-माता और चार बहनों समेत परिवार के 6 लोगों ने मौत को गले लगा लिया था.
जानकारी के अनुसार, 2007 में भाजपा नेता की प्रताड़ना से तंग आकर उसके पिता रमेश रोहिला, माता और चार बहनों समेत एक ही दिन में परिवार के 6 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. इस दौरान पुलिस ने 6 लोगों के शव गांव के श्मशान घाट से बरामद किए थे. जिन्हें जलती चिता से कब्जे में लिया गया था. इस पूरे प्रकरण में योगेश रोहिला और 60 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया था.
योगेश रोहिला लगातार अपने माता- पिता और बहनों को परेशान करता था. वह उन्हें खर्च भी नहीं दे रहा था. जिसके चलते पिता को लगा कि वह अब अपनी बेटियों की शादी भी नहीं कर पाएंगे. इसी के चलते परिवार के ही छह लोगों ने जहर का सेवन कर लिया था.
पहली पत्नी की भी हुई थी मौत
2013-14 में शादी होने के बाद 2015 में योगेश रोहिला की पहली पत्नी की भी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी. जानकारी के अनुसार, उसे भी जहर दिया गया था, लेकिन राजनीतिक पकड़ के चलते पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया गया. अब 2025 में योगेश रोहिला ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को गोली मारी है जिनमें से तीनों की मौत हो चुकी है. पत्नी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. अगर पूरे प्रकरण पर आकलन किया जाए तो 2007 से लेकर 2025 तक आरोपी भाजपा नेता के परिवार में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है.
खुद को मानता है रसूखदार नेता
आरोपी भाजपा नेता स्वयं को बड़ा रसूखदार नेता मानता था. आसपास के क्षेत्र में भी इसका बड़ा खौफ था. भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं के साथ उसका उठना बैठना रहा है. मुकदमे दर्ज कराने, लोगों को लोन दिलाने समेत कई मामलों में वो शामिल रहता था. इतना ही नहीं, कई लोग इसके खौफ से तंग आकर क्षेत्र को भी छोड़कर भाग गए.
पत्नी को करता था प्रताड़ित
भाजपा नेता योगेश रोहिला ने हत्याकांड को अंजाम देने से एक दिन पहले यानी शुक्रवार को भी अपनी पत्नी की जमकर पिटाई की थी. ग्रामीणों ने अपना नाम छिपाने की शर्त पर बताया कि शुक्रवार को आरोपी ने अपनी पत्नी की चोटी पकड़ कर गांव में घुमाया और उसकी जमकर पिटाई भी की. पिछले दो महीने से लगातार पत्नी को टॉर्चर कर रहा था और उसके साथ मारपीट भी करता था. लगातार अपनी पत्नी के चरित्र पर शक कर रहा था. जिसके चलते पूरे परिवार को मानसिक और शारीरिक रूप से टॉर्चर कर रहा था.
आदिवासी संगठनों का रांची बंद , पुलिस ने किया कड़ा बंदोबस्त, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
22 Mar, 2025 06:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सावधान ! अगर आप झारखंड की राजधानी रांची में रहते हैं या आज आपका राजधानी रांची जाने का कोई कार्यक्रम निर्धारित है तो उसे तत्काल स्थगित कर दें. ऐसा इसलिए क्योंकि आज रांची के सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के सामने बन रहे फ्लाईओवर के रैंप हटाने की मांग को लेकर कई आदिवासी संगठनों के द्वारा आज रांची बंद बुलाया गया है.
आदिवासी संगठनों के बंद को ध्यान में रखते हुए रांची पुलिस ने ऐतिहातन सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं. राजधानी रांची में सुरक्षा की कमान 1000 से ज्यादा जवानों के द्वारा संभाली जाएगी. रांची में आदिवासी संगठनों के बंद को लेकर हाई अलर्ट है. किसी भी प्रकार के उपद्रव और हिंसा से निपटने के लिए रांची जिला प्रशासन के द्वारा ड्रोन कैमरा ,सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से बंद समर्थकों निगरानी की जाएगी.
सीसीटीवी से की जा रही है निगरानी
कंट्रोल रूम में विशेष तौर पर पुलिस कर्मियों के द्वारा राजधानी रांची के विभिन्न चौक चौराहा पर लगे सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से किसी भी प्रकार के उपद्रव करने वाले आरोपियों को चिन्हित कर उन पर, कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
राजधानी रांची के सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के सामने बन रहे सिरमटोली टोली फ्लाईओवर के रैंप जो केंद्रीय सरना स्थल के मुख्य द्वार के सामने पड़ता है. उस कारण वहां सरहुल सहित विभिन्न समारोह के दौरान लाखों की संख्या में पहुंचने वाले आदिवासी समाज के लोगों को कठिनाई होने वाली है. ऐसी आशंका जताते हुए अलग-अलग आदिवासी संगठनों के द्वारा लगातार रांची की सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा.
पूर्व में आदिवासी संगठनों के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ,विधायक कल्पना सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मराण्डी, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सहित 30 से ज्यादा आदिवासी विधायकों की शव यात्रा निकालकर अनोखे तरीके से विरोध जताया था.
रांची बंद का आह्वान किया गया है. इस वजह से यहां बहुत से स्कूलों को बंद रखा गया है. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से हाई अलर्ट करते हुए 1000 से अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.
इन सुविधाओं की दुकानें खुली रहेंगी
बंद का आह्वान करने वाले आदिवासी संगठनों के द्वारा यह कहा गया है कि आवश्यक सेवा जैसे अस्पताल, एंबुलेंस ,दवा दुकान और परीक्षार्थियों को बंद से मुक्त रखा जाएगा. वहीं दूसरी तरफ सरना समितियां के बंद को लेकर रांची जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है.
बंद समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा करने उपद्रव करने और रांची की कानून व्यवस्था को तोड़ते हुए राजा की स्थिति उत्पन्न करने पर प्रशासन के द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
रांची में झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही चल रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झारखंड के 81 विधानसभा सीटों से निर्वाचित विधायक अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं लेकर पहुंच रहे. वहीं दूसरी तरफ रांची में आदिवासी संगठनों के द्वारा चक्का जाम और बंद बुलाए जाने के कारण रांची जिला प्रशासन के लिए आज का दिन काफी मुश्किल होने जा रहा है. आम लोग स्वत ही बंद को ध्यान में रखते हुए आज अपने निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर रहे हैं.
खम्मन पीर बाबा का रहस्य, अंग्रेज भी डरते थे, पटरियां दिन में बिछती और रात को उखड़ जाती थीं
22 Mar, 2025 03:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Khamman Peer Baba: लखनऊ में स्थित खम्मन पीर बाबा की मजार काफी जानी मानी है. यह मजार लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के बीचों-बीच स्थित है और इसकी अपनी एक दिलचस्प कहानी है. कहा जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान जब रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी, तो खम्मन पीर बाबा की मजार के ऊपर से रेलवे लाइन बिछा दी गई. लेकिन जब रेलवे लाइन बिछाने का प्रयास हुआ, तो रातों-रात वह उखड़ी हुई पाई गई. इस प्रक्रिया को एक सप्ताह तक दोहराया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. दिन में लोग रेलवे लाइन बिछाते और रात में वह उखड़ जाती. इसके बाद खम्मन पीर बाबा तत्कालीन अधीक्षण अभियंता के सपने में आए और बताया कि यह उनकी आरामगाह है, यहां इस तरह का प्रयास न किया जाए. इसके बाद से वहां रेलवे लाइन नहीं बिछाई गई, जबकि मजार के दोनों तरफ लाइनें बिछी हुई हैं.
लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं
लखनऊ के लोग मानते हैं कि खम्मन पीर बाबा की मजार पर दर्शन और पूजा करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लोग अपनी इच्छाएं बाबा से मांगते हैं और पूरी होने पर खम्मन पीर बाबा को चादर चढ़ाते हैं. यहां हफ्ते के सातों दिन भीड़ लगी रहती है, लेकिन गुरुवार यानी जुमेरात के दिन यहां ज्यादा लोग आते हैं.
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल
खम्मन पीर बाबा की मजार पर हर रोज हजारों लोग दर्शन करने आते हैं, और यहां आने वालों में न केवल उत्तर प्रदेश के लोग, बल्कि अन्य प्रदेशों के लोग भी शामिल होते हैं. यहां मुस्लिमों के अलावा हिंदू भी बड़ी संख्या में आते हैं. हिंदू लोग यहां अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और पूरी होने पर बाबा को चादर चढ़ाने आते हैं. यहां ऐसा दृश्य देखने को मिलता है, जहां मुस्लिमों से ज्यादा हिंदू दर्शन करने के लिए आते हैं, जो गंगा-जमुनी तहजीब का अद्भुत उदाहरण है.
सांपनाथ और नागनाथ के बीच से कोई एक नहीं चुनना होगा, वैशाली में बोले प्रशांत किशोर
22 Mar, 2025 11:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिवसीय दौरे पर वैशाली पहुंचे. महुआ प्रखंड स्थित गांधी मैदान में मौजूद हजारों लोगों को संबोधित किया. जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वैशाली लोकतंत्र की जननी है. यह पाटलिपुत्र की धरती है, जहां से पूरे देश का शासन चलता था. नालंदा और विक्रमशिला में दुनिया भर से लोग ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे, लेकिन आज यहां 5 बच्चों को भी अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है.
उन्होंने कहा कि इसलिए इस बार बिहार की जनता को विकल्पहीनता के कारण सांपनाथ और नागनाथ (आरजेडी और बीजेपी) में से किसी एक को नहीं चुनना पड़ेगा. अब बिहार की जनता के पास जन सुराज का बेहतर विकल्प है. इस बार चुनाव में नेता का चेहरा देखकर वोट न दें, इस बार अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट दें. इस बार आप जाति, धर्म या अनाज के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें. प्रशांत किशोर का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया.
40 साल से समाज केवल आरक्षण के लिए लड़ रहा है
एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि 40 साल से समाज इसी में लड़ रहा है कि किसको कितना आरक्षण मिल जाए. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों के जीवन में सुधार का एकमात्र उपाय शिक्षा के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट है और लोगों के हाथ में कैपिटल को उपलब्ध कराना ताकि स्वरोजगार को बढ़ावा मिले. अगर हमें ग्रोथ चाहिए और समाज में बराबरी लानी है तो यहां शिक्षा पर इन्वेस्टमेंट करना होगा. 15 साल से कम उम्र के बच्चों को इस तरह से पढ़ाया जाए ताकि वो व्यवस्था पर बोझ न बने. उन पर इतना खर्च किया जाए ताकि वो प्रोडक्टिव हों.
पीके बोले- हम लोग झूठे वादे नहीं कर सकते
उन्होंने कहा कि अभी सुन रहे हैं कि सारी महिलाओं को 2500 रुपए महीने देने की बात है, लेकिन वो लोग ये बताएंगे कि इतना पैसा आएगा कहा से. हम लोग झूठे वादे नहीं कर सकते हैं. जो लोग इस तरह के वादे कर रहे हैं वो पहले ही दिन से झूठ बोल रहे हैं. बिहार सरकार का इतना बजट ही नहीं है तो फिर सभी महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए कैसे दे देंगे.
बिहार के बाढ़ में सुपर पॉवर थर्मल प्लांट की तीसरी इकाई सिंक्रोनाइज, ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि
22 Mar, 2025 11:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर स्थापित बिहार के बाढ़ में मौजूद राज्य का पहला सुपर पॉवर थर्मल प्लांट के स्टेज-1 की तीसरी इकाई को शुक्रवार को सिंक्रोनाइज कर दिया है. इसे 26.3.25 से 72 घंटे के लिए पूरी क्षमता पर चलाया जाएगा. ताकि इस नई इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया जा सके. बाढ़ सुपर पॉवर थर्मल प्लांट के स्टेज-1 के तीन और स्टेज-2 की दो इकाई पूरी तरह से बिजली का उत्पादन करना शुरू हो जाएगा.
इस थर्मल पॉवर प्लांट के स्टेज-1 में बनी तीन इकाईयों में प्रत्येक से 660 मेगावाट क्षमता की हैं. जबकि स्टेज-2 की दो इकाईयों की भी क्षमता 660 मेगावाट की है. इस तरह स्टेज-1 की तीनों इकाईयों से कुल 1980 मेगावाट हो जाएगा और दूसरे स्टेज की दो इकाईयों से 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है . इसमें बिहार को स्टेज-1 की तीनों इकाईयों से 61 फीसदी यानी 1202 मेगावाट मिलेगी तथा स्टेज-2 की दो इकाईयों से 87 फीसदी यानी 1153 मेगावाट बिजली मिल रही है.
बिहार की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ी
इस अवसर पर माननीय ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बाढ़ थर्मल पावर प्लांट बिहार की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के बेहतर नेतृत्व और राज्य में सुशासन की वजह से संभव हो पाया है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य को निर्बाध एवं सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि, व्यापार और घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. बाढ़ विद्युत ताप परियोजना का सफल क्रियान्वयन बिहार को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
नीतीश कुमार के केंद्रीय मंत्री रहते रखी गई आधारशिला
बाढ़ थर्मल पॉवर स्टेशन की इसकी आधारशिला 1999 में रखी गई थी. उस समय मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार में मंत्री थे. पहले इसमें 660 मेगावाट की सिर्फ तीन यूनिटें बनाने की योजना थीं. परंतु बाद में इसके दूसरे चरण को मंजूर करते हुए 660 मेगावाट की दो अतिरिक्त यूनिटों को बढ़ाया गया. इस तरह इस संयंत्र के स्टेज-1 में तीन तथा स्टेज-2 में दो यूनिटें बनाने की योजना को मूर्तरूप दिया गया, जो अब जाकर पूरा हो गया है.
जमीन अधिग्रहण में आई थी की चुनौती
राज्य सरकार ने इस बाढ़ थर्मल पॉवर प्लांट की जमीन के अधिग्रहण में एनटीपीसी को काफी सहयोग किया. जमीन अधिग्रहण में कई बार स्थानीय स्तर पर कई विवाद भी हुए, लेकिन राज्य सरकार ने विशेषतौर पर पहल करते हुए इसका समाधान कराया और जरूरत के मुताबिक जमीन इस पॉवर प्लांट को मुहैया कराई. राज्य सरकार ने इसमें आने वाली विधि-व्यवस्था की समस्या का भी विशेष पहल करते हुए समाधान कराया. तब जाकर इसका सपना साकार हो पाया.
स्टेज-1 की स्थापना में आई थी कई चुनौती
बाढ़ थर्मल पॉवर स्टेशन के स्टेज-1 की तीन यूनिटों को बनाने का जिम्मा एक रशियन कंपनी को दिया गया था. कंपनी को कार्य शुरू करने का वर्क ऑर्डर 2005 में दिया गया था. इसके बाद एनटीपीसी के साथ इस रसियन कंपनी का विवाद हो गया. 2005 से 2014 तक यह विवाद चला और इसका खामियाजा बाढ़ थर्मल प्लांट को उठाना पड़ा और इसका निर्माण कार्य विलंब हो गया. फिर इसे पूरा करने की जिम्मेदारी दूसरी कंपनी को सौंपी गई, जिसने इसे चरणवद्ध तरीके से पूरा किया. स्टेज-1 की पहली इकाई नवंबर 2021, दूसरी इकाई अगस्त 2023 तथा तीसरी इकाई का निर्माण कार्य मार्च 2025 में पूर्ण हुआ.
दूसरी तरफ इस प्लांट के स्टेज-2 के निर्माण का कार्य भारतीय हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड को सौंपा गया. इसने 2016 में ही इसका कार्य पूरा कर दिया और दोनों इकाईयां समय पर चालू हो गईं. इनसे 660-660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है.