उत्तर प्रदेश
अंबेडकरनगर में जेल में बंद विधायक ने कोर्ट में गवाह को दी धमकी, प्रशासन में हड़कंप
5 Apr, 2025 06:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंबेडकरनगरः उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से आने वाले बाहुबली नेता पवन पांडे की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन्होंने भरी कोर्ट ने उनके खिलाफ गवाही देने वाले को ही धमका दिया. इतना नहीं बल्कि गवाही देने वाली महिला से कहा- तुम्हें तुम्हारी औकात दिखा देंगे, साथ ही जान मारने की धमकी तक दे डाली. इसस कोर्ट में हड़कंप मच गया. विधायक पहले से जेल में बंद हैं अब उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई.
बाहुबली नेता ने पेशी के दौरान ही कोर्ट में गवाह को धमकी दी है. पवन पांडे इस समय जिला कारागार में बंद हैं. अकबरपुर थाने में दी तहरीर में अयोध्या के रहने वाले किरन सिंह ने बताया कि वह उनके एक मुकदमा में गवाह है. जिसमें धाराएं-419, 420, 467, 468, 471, 120 बी आईपीसी पंजीकृत है. जिसकी सुनवाई 17 मार्च को अकबरपुर सीजीएम कोर्ट में चल रही थी. प्रार्थिनी पीछे खड़ी थी, उस समय 319/2022 मुख्य आरोपी पवन कुमार पाण्डेय पीछे खड़े थे और समझौते के लिए कह रहे थे.
कान में दी धमकी
इसी दौरान जब गवाह की माता ने गवाही देते समय पवन कुमार का नाम लिया वो तिलमिला उठे और प्रार्थिनी के कान में आकर धमकी देते हुये बोले कि तुम्ही ने मेरा नाम बुलवाया है. तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाएंगे साथ ही जान से मार डालने की धमकी भी दे डाली. जिसे कोर्ट में मौजूद लोगों ने देखा. पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने पूर्व विधायक पवन पाण्डेय पर धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया है.
कौन हैं पवन पांडेय
पूर्व विधायक पवन पांडेय बाहुबली नेता हैं. कई प्रदेशों में इनके खिलाफ कई दर्जन अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. पवन पांडे का नाम बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड में भी शामिल रहा है. पवन पांडे जलालपुर विधायक राकेश पांडे के भाई हैं. अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ चुके रितेश पांडे के चाचा हैं. पवन पांडे के पुत्र प्रतीक पांडे बसपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
अलीगढ़ में पति ने पत्नी को दी जान से मारने की धमकी, नीला ड्रम के बाद मामले में बढ़ी चिंता
5 Apr, 2025 06:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेरठ सौरभ हत्याकांड के बाद नीला ड्रम लगातार चर्चा में बना हुआ है. इसकी धमकी वाले मामले पति-पत्नियों के बीच लगातार आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला अब अलीगढ़ से सामने आया है. यहां एक महिला को उसके पति ने धमकी देते हुए कहा कि वह उसे मारकर ड्रम में नहीं बल्कि कहीं फेंक आएगा. महिला का आरोप है कि उसका पति उसकी अश्लील वीडियो बनाता है. पीड़ित महिला ने अपने ससुरालियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
पीड़िता अलीगढ़ के थाना ऊपरकोट कोतवाली की रहने वाली है. उसने बताया कि उसकी शादी 11 मार्च 2023 को अलीगढ़ के सिविल लाइंस इलाके के जाकिर नगर के रहने वाले फैजल अंसारी से हुई. आरोप है कि शादी के बाद महिला से पति और ससुरालीजन उत्पीड़न करते आ रहे हैं. न्याय के लिए एसपी ऑफिस पहुंची पीड़ित महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसका पति उसकी अश्लील वीडियो बनाता है और उसे जान से मारने की धमकी देता है.
पति भेजता है मुस्कान की वीडियो
पीड़िता ने बताया कि उसकी सास नंद और ससुर भी उसके साथ उत्पीड़न करते हैं. महिला का आरोप है कि उसका पति उससे कहता है कि “मुस्कान ने तो अपने पति को ड्रम में मारा है, हम तो तुम्हें कहीं फेंक आएंगे और कहेंगे कहीं गिर गई.” उसने बताया कि उससे पैसों की मांग की जाती है. उससे कहा जाता है कि “ससुराल के लोग मुझे परेशान करते हैं और मुझसे पैसा मांगते हैं. कहते हैं कि तेरे बाप को हमारे देने के लिए रुपये नहीं है. वह अपना मकान कैसे बनवा रहे हैं?”
“तेरी जैसी बहु को तो जान से मार देना चाहिए”
पीड़ित महिला का कहना है कि ‘उसके पिताजी एक मजदूर हैं. मेरे ससुराली मेरे साथ मारपीट करते हैं. मेरी अश्लील वीडियो बनाते हैं. मुझे गंदी-गंदी गालियां लगते हैं. यह चीज को देखते हुए मैंने अपनी सास को फोन किया तो वह कहती है, तेरी जैसी बहु को तो जान से मार देना चाहिए.” महिला ने बताया उसकी सास कहती है कि “तुझे मारने के बाद अपना मकान बेचकर अपने बेटे को छुडा लाऊंगी.”
अश्लील वीडियो बनाकर किया वायरल
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसकी अश्लील वीडियो बनाकर कई जगह वायरल कर दिया है. उसने बताया कि उसका पति मुस्कान की वीडियो और रील भेजता है, ऐसी वीडियो देखकर उसे डर लगता है. उसने बताया कि उसके ससुर धमकी देते हैं कि “मैं बीजेपी का आदमी हूं. मैंने हमेशा मुकदमे लड़े हैं. एक तेरा भी मुकदमा लड़ लूंगा. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
पीड़िता ने एएसपी मयंक पाठक से न्याय की गुहार लगायी है. एएसपी मयंक पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना कोतवाली में एक महिला ने अपने पति व ससुराल के द्वारा मारपीट का आरोप लगाया है. इसके अलावा दहेज उत्पीड़न का भी आरोप लगाया गया है, तहरीर के आधार पर जांच की जा रही है. इसके पश्चात विधिक कार्रवाई की जाएगी.
कानपुर में स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर किताब खरीदने का दबाव, प्रशासन ने गठित की कमेटी
5 Apr, 2025 06:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आजकल हर स्कूल में नया सत्र शुरू हो रहा है और नई क्लास में जाने वाले स्टूडेंट्स को कॉपी-किताब खरीदनी पड़ रही है. ऐसे में कुछ स्कूलों ने अवैध कमाई का नया जरिया निकाल लिया है और स्टूडेंट्स के अभिभावकों पर दबाव बनाकर स्कूल कैंपस से या किसी एक ही दुकान से कॉपी किताब खरीदने को बोला जाता है. इस मामले में प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया गया, जिसके बाद छठी क्लास की एक छात्रा ने डीएम के पास जाकर गुहार लगाई. डीएम ने मामले में तुरंत कार्यवाही के आदेश दिए तो स्कूल ने लिखित में जवाब देते हुए अपना आदेश वापस ले लिया.
कानपुर के रहने वाले अमित कुमार निरंजन की बेटी कानपुर के सेंट मैरी कॉन्वेंट हाई स्कूल में क्लास छठी की छात्रा है. छात्रा ने अपने पिता के साथ डीएम के पास जाकर एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने डीएम को बताया कि क्लास छठी के छात्रों पर फैशन डिजाइनिंग नामक एक अनावश्यक और गैर-अनिवार्य विषय को जबरन थोपा जा रहा है. अमित निरंजन ने अपनी शिकायत में कहा कि उक्त विषय, जो आईसीएसई बोर्ड की ओर से निर्धारित अनिवार्य पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है.
14 पेज की किताब
वह छात्रों पर जबरन थोपा दिया गया है और फैशन डिजाइनिंग नामक पुस्तक को अनिवार्य कर दिया गया है. इस पुस्तक में केवल 14 पेज हैं और इसे 210 रुपये की अत्यधिक कीमत पर बेचा जा रहा है. इसकी अत्यंत खराब गुणवत्ता और तथ्यात्मक तथा शैक्षणिक त्रुटियों से भरे होने के बावजूद, स्कूल ने इसे सभी छात्रों के लिए खरीदना अनिवार्य कर दिया है. अमित निरंजन का आरोप था कि यह पुस्तक उसी स्कूल के एक शिक्षक ने स्कूल प्रिंसिपल के निर्देशन और प्रेरणा से लिखी है.
एक ही डिस्ट्रीब्यूटर पर मिल रही किताब
इसे केवल एक डिस्ट्रीब्यूटर ही बेचा रहा है, जो स्कूल द्वारा अधिकृत है और सभी पुस्तकों की बिक्री पर एकाधिकार रखता है. यह माता-पिता का शोषण करने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास की ओर इशारा करता है. इस विशेष पुस्तक की कीमत में अनुमानित दो हजार प्रतिशत का मार्कअप दर्शाया गया है, जिसमें कमीशन और लाभ कथित तौर पर स्कूल और डिस्ट्रीब्यूटर के बीच शेयर किए जाते हैं. आरोप है कि इस मामले की शिकायत कई बार स्कूल प्रबंधन से की गई, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
डीएम से की स्कूल से शिकायत
इसके बाद परेशान होकर अमित निरंजन अपनी बेटी के साथ डीएम के सामने पहुंचे. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने तुरंत शिकायती पत्र के साथ स्टाफ को स्कूल भेजा जिसके बाद स्कूल प्रबंधन के हाथ पैर फूल गए. तुरंत ही स्कूल ने एक पत्र जारी करके कहा कि प्रिंसिपल हमेशा अभिभावकों से मिलने के लिए उपलब्ध रहते हैं और उनकी शिकायतें सुनने के लिए तैयार रहते हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी शिकायत दर्ज की गई है.
स्कूल ने फैसला लिया वापस
हम आपको आश्वस्त करते हैं कि भविष्य में ऐसी चीजें नहीं होंगी. इसके साथ ही स्कूल ने कहा कि उनके लिए यह विषय चुनना अनिवार्य नहीं है और वे कहीं से भी किताबें खरीद सकते हैं. छात्रों को किसी भी दुकान से किताबें खरीदने की अनुमति है. मामले में राहत मिलने के बाद छात्रा ने अपने पिता के साथ दोबारा डीएम से मुलाकात की और इस दौरान दोनों ने डीएम को धन्यवाद किया.
UP में निजी अस्पताल का काला धंधा: प्रसूता से HIV पॉजिटिव होने का झूठ बोलकर 80 हजार वसूले
5 Apr, 2025 06:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश में कानपुर के निजी अस्पताल ने तो हैवानियत की हद पार कर दी. अस्पताल के डॉक्टरों ने यहां डिलीवरी के लिए आई एक महिला को पहले एचआईवी पॉजिटिव बताया और फिर उसके इलाज के नाम पर 80 हजार रुपये ऐंठने की कोशिश की. वहीं जब प्रसूता के परिजन पूरी रकम नहीं दे पाए तो ना केवल इलाज रोक दिया, बल्कि परिजनों के साथ मारपीट भी की. आखिर में परिजनों ने पीड़िता की जांच अन्य अस्पताल में कराई तो मामले का खुलासा हुआ.
इसके बाद पीड़ित परिवार ने डीएम को शिकायत दी है. वहीं डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. मामला शहर के साउथ सिटी स्थित उत्कर्ष अस्पताल का है. हाल ही में एक महिला को उसके परिजन डिलीवरी के लिए ले आए थे. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे फर्जी HIV पॉजिटिव बता दिया. इससे पूरा परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हुआ. यही नहीं, डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर परिजनों से 80 हजार रुपये की डिमांड कर दी.
3 महीने पहले का है मामला
आरोप है कि पीड़ित परिवार ने जब इतनी बड़ी रकम दे पाने में असमर्थता जताई तो डॉक्टर एवं स्टॉफ ने उनके साथ अभद्रता और मारपीट की. पीड़ित परिवार ने इस संबंध में अस्पताल प्रशासन, तीन डॉक्टरों और स्टाफ पर आरोप लगाए हैं. सचेंडी में रहने वाले पीड़िता के पति मुलायम यादव ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को शिकायत दी है. बताया कि 24 दिसंबर 2024 को उन्होंने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए उत्कर्ष अस्पताल में भर्ती कराया था. जांच के दौरान अस्पताल वालों ने उनकी पत्नी को HIV पॉजिटिव बताया.
पैसा ना देने पर इलाज रोकने का आरोप
इससे उनके परिवार में हड़कंप मच गया. इस दौरान अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर 80 हजार रुपये की मांग की थी. चूंकि वह इतनी रकम की व्यवस्था नहीं कर पाए तो डॉक्टरों ने ना केवल इलाज रोक दिया, बल्कि उनके साथ मारपीट व अभद्रता भी की. बाद में उन्होंने अपने एक परिचित की सलाह पर पत्नी की जांच अन्य अस्पताल में कराई. वहां रिपोर्ट निगेटिव आई है. मुलायम यादव ने कहा कि अस्पताल की इस हरकत ने उन्हें मानसिक रूप से बुरी तरह झकझोर दिया है. वह बीते तीन महीने से न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे थे.
डीएम ने दिए जांच के आदेश
अंततः समाधान दिवस के दौरान उन्होंने डीएम से मिलकर शिकायत दी. बता दें कि किसी भी अस्पताल में किसी मरीज की HIV रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसकी सूचना प्रशासन को देना अनिवार्य होता है. बावजूद इसके उत्कर्ष अस्पताल ने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं दी. इस संबंध में उत्कर्ष अस्पताल के संचालक से बात करेन की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी है.
सामाजिक मान्यताओं को चुनौती: दो लड़कियों ने एक-दूसरे से किया विवाह, बने पति-पत्नी
5 Apr, 2025 04:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के बेतिया जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. जिले में दो युवतियों ने एक दूसरे से शादी कर ली. रेखा कुमारी और प्रियंका कुमारी ने साथ जीने-मरने की कसमें खाते हुए मंदिर में विवाह कर लिया.घटना योगापट्टी प्रखंड के डुमरी पंचायत के अहिरौली गांव की है. दोनों की शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में रेखा, प्रियंका की मांग में सिंदूर भरती नजर आ रही है और दोनों खुलेआम अपने रिश्ते को स्वीकार कर रही हैं. शादी के बाद रेखा प्रियंका को अहिरौली अपने घर लेकर गई, लेकिन परिजनों ने इस रिश्ते को मानने से इनकार कर दिया. दोनों को सभी लोग समझाने पर अड़े हुए हैं, लेकिन रेखा और प्रियंका साथ रहने की जिद पर अड़ी हैं.परिवार वालों से मिली जानकारी के मुताबिक, रेखा और प्रियंका आपस में रिश्तेदार हैं. प्रियंका, रेखा की भाभी की बहन है.
5 महीने से था रिलेशन
रेखा और प्रियंका के बीच पिछले पांच महीनों से नजदीकियां बढ़ीं और यह रिश्ता प्रेम में बदल गया. साथ आना-जाना, बातचीत और इसके बाद उन्होंने शादी कर ली. मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है. कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और प्रेम का समर्थन मान रहे हैं, वहीं कई लोग इसे सामाजिक परंपराओं के विरुद्ध बता रहे हैं.
दोनों हैं एक दूसरे के साथ खुश
दुल्हन प्रियंका कुमारी ने कहा कि वह इस शादी से बहुत खुश है लेकिन अगर घरवाले हमें स्वीकार कर लेते तो और भी अच्छा रहता. हर रोज मुझे दुख होता है कि हमारे रिश्ते को परिवार वालों ने स्वीकार नहीं किया. वहीं रेखा का कहना है कि हमारा रिलेशन पांच माह से है. ड्रामा नहीं है. हमने सच में शादी की है. वायरल होने के लिए नहीं कर रही हूं. जिंदगी भर साथ निभाऊंगी. मैं कुछ भी करूं लेकिन घर का खर्चा चलाऊंगी और इसे खुश रखूंगी.साथ ही आरोप लगाया कि उन्हें घर वाले परेशान कर रहे हैं.
वक्फ बिल पर बयान देने के बाद शाहनवाज हुसैन को मिली जान से मारने की धमकी, सोशल मीडिया पर गालियां
5 Apr, 2025 04:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने शनिवार को कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है. शाहनवाज हुसैन ने समस्तीपुर में संवाददाताओं से कहा कि वफ्फ बिल मुस्लिम भाइयों के हित में है. विपक्ष भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां मिल रही हैं. मेरे फेसबुक और ट्विटर पर धमकियां जरूर मिल रही है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं. सुरक्षा के पूरी व्यवस्था मेरे साथ है. उन्होंने कहा कि वफ्फ बिल मुस्लिम भाइयों के हित में है. विपक्ष भ्रम फैला रही है. इससे पहले भी शाहीन बाग जैसे कई जगहों पर देश में धरना-प्रदर्शन किया गया, जो विपक्ष की राजनीति थी. इससे किसी मुस्लिम भाई का नुकसान नहीं हुआ.
सोशल मीडिया पर लगातार मिल रही है धमकी
उन्होंने कहा कि उन्हें मोबाइल फोन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी मैसेज भेजकर धमकी दी जा रही है. हुसैन ने कहा कि पार्टी की ओर से वे लगातार वक्फ संशोधन विधेयक के फायदे को लेकर लोगों, खासकर मुसलमानों के बीच अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वे ऐसी धमकियों से नहीं डरते और अपना कदम जारी रखेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की तरह विपक्षी दल वक्फ संशोधन विधेयक पर भी मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. हुसैन ने कहा कि विपक्षी दलों के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है और वे फिर से वक्फ विधेयक पर पूरे देश में दुष्प्रचार कर रहे हैं, जैसा उन्होंने सीएए के मामले में किया था.
मुस्लिम बीजेपी के साथ, बिहार चुनाव में होगी जीत
उन्होंने विधेयक को गरीब मुसलमानों के हित में बताते हुए कहा कि इससे वक्फ की जमीन पर अवैध कब्जे खत्म हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में मुसलमानों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, जो सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं. भाजपा नेता ने दावा किया कि इस विधेयक के आने के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के वोटों में काफी बढ़ोतरी होगी क्योंकि मुस्लिम समुदाय के लोग भी एनडीए के पक्ष में मतदान करेंगे. उन्होंने कहा कि वक्फ बिल को पूरी तरह पढ़ने और समझने की जरूरत है. विपक्ष सियासत कर रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव में 200 से ऊपर सीट नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को मिलेगा. फिर से हम सरकार बनाएंगे. इसमें कोई शंका नहीं है.
अस्पताल का शर्मनाक कदम: 40 हजार की मांग, मां ने बेटे की लाश के लिए जमीन बेचकर अस्पताल को दिए पैसे
5 Apr, 2025 01:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के देवघर में शर्मनाक घटना सामने आई है. देवघर में आर्थिक स्थिति न ठीक होने के कारण एक मां अपने बेटे का अस्पताल से शव लेने के लिए जमीन बेचनी पड़ी. सड़क हादसे में जख्मी मोहनपुर के चकरमा गांव निवासी कन्हैया कापरी की इलाज के दौरान कुंडा के मेधा सेवा सदन में शुक्रवार को मौत हो गई. इस दौरान इलाज का 40 हजार का बिल बना. हालांकि परिजनों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, नतीजतन बिल नहीं दे पाए तो अस्पताल में लाश को बंधक बना लिया. ऐसे में परिवार वालों को जमीन बेचकर और चंदा कर अस्पताल में रुपये दिए और शव को लिया.
शव लेने के लिए बेच दी अपनी जमीन
कन्हैया को अस्पताल में 1 अप्रैल को भर्ती कराया गया था. जिले के मोहनपुर थाना अंतर्गत चकरमा गांव निवासी बीना देवी के मुताबिक उन्होंने अपने बेटे कन्हैया कुमार कापरी का शव लेने के लिए अपनी जमीन बेच दी. बीना ने कहा कि मंगलवार को सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी बेटे को इलाज के लिए कुंडा के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया था. हालांकि पूरी कोशिश के बावजूद इलाज सफल नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई.
अस्पताल ने महिला के आरोपों को बताया झूठा
बीना का अस्पताल पर आरोप लगाया है कि शव देने के पहले उनसे बिल के हिसाब के रुपए मांगे गए. ऐसे में उनके पास कोई रास्ता नहीं होने के कारण उन्होंने अपनी जमीन बेचने का निर्णय लिया, जिससे किसी तरह बेटे का शव लेकर उसका अंतिम संस्कार कर सके. वहीं इस मामले पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं, वो सारे सबूत देने के लिए तैयार हैं. अस्पताल के संचालक डॉ. संजय ने कहा कि शव को बंधक नहीं बनाया गया था. किशोर की मौत के बाद ही परिजन उसके शव को ले गए थे. इलाज में 44 हजार रुपए का बिल बना था, लेकिन परिजनों ने सिर्फ 10 हजार ही दिया. संजय ने कहा कि पैसे के लिए बंधक बनाया जाता तो पूरे पैसे लिए जाते। सीसीटीवी फुटेज देख सकते हैं.
नीतीश पर वक्फ मामले में विश्वासघात का आरोप, JDU के मुस्लिम नेताओं ने छोड़ा साथ
5 Apr, 2025 01:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ा दी है. संसद के दोनों सदनों से बिल के पारित होने के बाद उन्हें एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. JDU में इस्तीफों की झड़ी लगी है. पार्टी के कई पुराने नेता अब नीतीश का साथ छोड़ रहे हैं. अब तक पांच से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. पार्टी से नाराजगी के कारण नेताओं ने नेम प्लेट को उखाड़कर तोड़ दिया. उन्होंने सीएम नीतीश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने भरोसा तोड़ा है.
वक्फ बिल के विरोध में पार्टी छोड़ने वालों में राजू नैयर, तबरेज सिद्दीकी अलीग, नदीम अख्तर, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी शामिल हैं. साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू) के नेताओं के इस्तीफे से पार्टी की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है.
राजू नैयर ने अपने इस्तीफे में कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक के लिए जेडीयू) के समर्थन से बहुत आहत हैं, उन्होंने इसे काला कानून बताया जो मुसलमानों पर अत्याचार करता है. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने और समर्थन मिलने के बाद मैं जेडीयू) से इस्तीफा दे रहा हूं और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होने की बात कही है.
मुख्यमंत्री ने भरोसा तोड़ा- तबरेज हसन
तबरेज हसन ने शुक्रवार को जेडीयू) प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित अपने इस्तीफे में कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के लिए पार्टी के समर्थन ने मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है, जो मानते हैं कि यह धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए है. तबरेज ने एक पत्र में लिखा कि मुझे उम्मीद थी कि आप अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखेंगे, लेकिन इसके बजाय, आपने उन लोगों का साथ दिया, जिन्होंने लगातार मुसलमानों के हितों के खिलाफ काम किया है.
संसद में पास हुआ विधेयक
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, 2024 को लोकसभा के बाद राज्यसभा ने पास कर दिया है. करीब 12 घंटे की मैराथन चर्चा के बाद वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हुआ. लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े तो वहीं इसके खिलाफ 232 वोट पड़े. वहीं राज्यसभा में वक्फ बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े. राज्यसभा में कांग्रेस को बोलने के लिए 45 मिनट का वक्त दिया गया था. लोकसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला था.
बांका में घर के विवाद ने लिया गंभीर मोड़, पत्नी ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की
5 Apr, 2025 01:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के बांका जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पति और पत्नी के बीच चने की चटनी बनाने को लेकर विवाद हुआ. विवाद के बाद पत्नी ने गुस्से में आकर जहर खा लिया. उसकी हालत गंभीर होने पर उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया. जहां उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालांकि महिला की हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी.
जानकारी के अनुसार, बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के बलुआ गांव निवासी कृष्ण कुमार ने अपनी पत्नी रूचि कुमारी को चने की चटनी बनाने के लिए कहा. जिसके बाद रूचि की तरफ से कुछ कहा गया. इसके बाद दोनों ही पति पत्नी के बीच विवाद बढ़ने लगा. महज चने की चटनी बनाने को लेकर मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि पत्नी ने गुस्से में आकर कीटनाशक दवा खा ली. पूरी घटना शुक्रवार की बताई जा रही है.
महिला ने खाया कीटनाशक
कीटनाशक दवा खाने के बाद रूचि की तबियत खराब होने लगी. जिसके बाद परिवार के लोग आनन-फानन में उसे अस्पताल ले गए. अमरपुर रेफलर अस्पताल में डॉ. अमित कुमार शर्मा ने प्राथमिक उपचार किया और हालत गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे भागलपुर रेफर कर दिया. बताया जा रहा है कि कीटनाशक घर में ही रखा हुआ था. घटना के बाद से ही परिवार में तनाव का माहौल बना हुआ है. परिवार के लोगों का कहना है कि वो अक्सर नाराज और परेशान रहती थी.
अस्पताल में चल रहा इलाज
इधर घटना की जानकारी पुलिस को मिली. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि एक छोटे सा विवाद इतना कैसे बढ गया कि महिला ने इतना घातककदमउठालिया. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बलुआ गांव में रहने वाली एक महिला का उसके पति से विवाद हो गया था. पति-पत्नी का विवाद होने पर पत्नी ने आत्महत्या करने की कोशिश की.
आधी रात को बॉयफ्रेंड को बुलाया, फिर खेत में मिली लाश: क्या है हत्या का सच?
5 Apr, 2025 01:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के पूर्णिया जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रेमिका ने अपने प्रेमी को मिलने के बहाने बुलाया और हत्या करा दी. वहीं युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने पर इलाके में सनसनी फैल गई. सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई. पुलिस इसे हत्या का मामला मानते हुए जांच कर रही है. आधी रात को प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने गया था.
जानकारी के मुताबिक, पूर्णिया में 31 मार्च को 18 साल के युवक अंकित की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने से सनसनी फैल गई. युवक की हत्या कर शव को खुटहरी चौके से पिपरा रोड स्थित लहसुन के खेत में फेंक दिया गया था. वहीं लहूलुहान हालत में युवक का शव पुलिस ने लहसुन के खेत से बरामद किया है. वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है.
युवक का खेत में मिला शव
पुलिस ने शव के आधार पर मृतक युवक अंकित की प्रेमिका और उसके भाई और एक पड़ोस के युवक से कई घंटे पूछताछ करने के बाद तीनों के जेल भेज दिया है. पुलिस को आशंका है कि युवक की हत्या प्रेमिका के घर पर की गई है और शव को खेत में फेंका गया है. पुलिस हत्या के मामले में जांच कर गुत्थी को सुलझाने में जुटी है. वहीं प्रेमिका निशा के कहने पर ही युवक की हत्या किए जाने के बात सामने आ रही है.
पुलिस जांच में जुटी
वहीं एसडीपीओ ने बताया कि मृतक की प्रेमिका ने पूछताछ में बताया कि 31 मार्च की रात को 11 बजे अंकित हमारे घर आया था. प्रेमिका ने कहा कि उसने खिड़की से फांसी लटकाई थी. पुलिस के मुताबिक, खिड़की जमीन से करीब 8 फीट ऊंची है, और मृतक की लंबाई 4 फिट 5 इंट है. जिससे ये साफ होता है कि मृतक किसी भी तरह खुद से फांसी नहीं लगा सकता है. उन्होंने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत युवक की हत्या की गई है.
प्रेमिका ने सुनाई झूठी कहानी
वहीं प्रेमिका ने जिस तरह से पुलिस को बताया है उसे पुलिस मनगढंत कहानी मान रही है. प्रेमिका ने पुलिस को बताया कि जब रात में अंकित उसके घर आया तो साथ भागने की बात करने लगा. और उसने कहा था कि अगर नहीं भागोगी तो फांसी लगा लूंगा. उसके बाद मैं बाथरूम चली और वापस आई तो देखा की फांसी के फंदे से लटका हुआ था. उसके दोस्तों को फोन कर अपने घर बुलाया. उसका एक दोस्त घर पर आया और इसके बाद भाई को जगाया. दोनों भाई और सुमन की मदद से शव को कुछ दूर खेत में फेंक दिया.
सलमान खान की फिल्म 'सिकंदर' के दौरान बुलंदशहर में लड़कियों के गुटों के बीच झगड़ा
5 Apr, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से ईद के दिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लड़कियों के दो गुटों के बीच संग्राम देखने को मिल रहा है. वीडियो में कुछ लड़कियां एक-दूसरे से लड़ती हुए नजर आ रही हैं. दोनों ग्रुप की लड़कियां ईद के लिए पूरी तरह से तैयार भी दिख रही हैं. वीडियो में दो लड़कियां एक दूसरे के बाल पकड़कर खींच रही हैं. इस दौरान लड़कियों के आसपास खूब भीड़ भी इकट्ठा हुई है. वहां मौजूद लोगों ने मारपीट कर रही लड़कियों का बीच बचाव कराया.
दरअसल ये लड़कियां ईद के मौके पर बुलंदशहर में मौजूद MMR मॉल गई थीं, जहां सलमान खान की फिल्म सिकंदर लगी थी. बताया जा रहा है कि दोनों ग्रुप की लड़कियां ईद के दिन फिल्म देखने के लिए ही मॉल गई हुई थीं, जहां दोनों के ग्रुप के बीच लड़ाई हो गई, जिसमें जबरदस्त मारपीट हुई. वीडियो में कई लड़कियां नजर आ रही हैं, इनमें से कुछ बीच-बचाव करती हुई भी दिख रही हैं.
MMR मॉल में लड़कियों की लड़ाई
लड़कियों के लड़ने का किसी ने वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लड़कियां वीडियो रिकॉर्ड करने वाले को भी धमकाती नजर आ रही हैं. इसके बाद दोनों लड़कियों के ग्रुप को मॉल के सिक्योरिटी गार्ड ने वहां से हटाया और झगड़ा भी खत्म कराया. ये वायरल वीडियो ईद के दिन का है, जब लोग तैयार होकर घूमने के लिए निकलते हैं और एक-दूसरे के घर ईद मिलने जाते हैं. उसी दिन बुलंदशहर कोतवाली देहात क्षेत्र स्थित एमएमआर मॉल में लड़कियों के बीच ये झगड़ा हुआ.
मामले में किसी ने नहीं की कोई शिकायत
इस मामले को लेकर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रेमचंद शर्मा ने बताया कि अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से पुलिस को कोई शिकायत नहीं की गई है. अगर किसी की ओर से शिकायत की जाती है तो कार्रवाई की जाएगी. अभी तक इस बात का पता नहीं लग पाया है कि लड़कियों के बीच किस बात को लेकर लड़ाई हुई, जिसमें मारपीट तक बात जा पहुंची.
बरेली में वक्फ संपत्ति पर बड़ा संकट, 2000 से अधिक जमीनें हो सकती हैं कब्जे से बाहर!
4 Apr, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दोनों सदनों से वक्फ संशोधन विधेयक पास होने के बाद बरेली जिले में करीब दो हजार वक्फ संपत्तियों पर संकट मंडरा रहा है. प्रशासन इन संपत्तियों की पैमाइश कराकर अवैध कब्जे हटाने की तैयारी में है. जांच में पता चला है कि इनमें से कई संपत्तियां सरकारी हैं, लेकिन उन्हें वक्फ बोर्ड ने अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है. अब शासन इन संपत्तियों की जांच कर यह तय करेगा कि कौन सी जमीनें वक्फ के दायरे में आएंगी और कौन सी सरकारी संपत्ति घोषित की जाएंगी.
दरअसल, बरेली जिले में कुल 3,385 वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं. इनमें से करीब 2,000 संपत्तियां सरकारी बताई जा रही हैं. जिनका कुल क्षेत्रफल 330.518 हेक्टेयर है. इन संपत्तियों का विवरण वर्ष 1986 के सरकारी गजट और रजिस्टर संख्या 37 में दर्ज है. इनमें से 700 संपत्तियां नगर निगम क्षेत्र में स्थित हैं. इनमें से कई पर अवैध निर्माण भी हो चुका है. खास बात यह है कि इस सूची में कई नामचीन धार्मिक स्थल भी शामिल हैं, जिनका स्वामित्व अब विवादों में आ गया है.
कैसे हुआ खुलासा?
शासन ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को जिले में वक्फ संपत्तियों की जांच करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद विभाग ने यह जानकारी राजस्व विभाग को सौंपी. राजस्व कर्मियों ने स्थलीय जांच कर रिपोर्ट तैयार की. हालांकि यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है. जांच में सामने आया कि कई सरकारी संपत्तियां वक्फ बोर्ड द्वारा अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर ली गई थीं. अब प्रशासन इनकी विस्तृत जांचकर वैध और अवैध रूप से दर्ज संपत्तियों की पहचान करेगा.
किन तहसीलों में कितनी संपत्तियां सरकारी
शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, बरेली जिले की तहसीलों में सरकारी स्वामित्व वाली वक्फ संपत्तियों की संख्या अलग-अलग है. बहेड़ी तहसील में सबसे अधिक 554 संपत्तियां सरकारी पाई गईं. फरीदपुर तहसील में सबसे कम 146 संपत्तियां सरकारी हैं. सदर तहसील में कुल 80.827 हेक्टेयर भूमि सरकारी है. पूरे जिले में 1,385 संपत्तियां वक्फ की वास्तविक संपत्तियां हैं, जबकि 1,290 संपत्तियों का राजस्व रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. राजस्व विभाग भी इन संपत्तियों की पहचान करने में असमर्थ है.
जानें आगे क्या होगा?
सरकार अब इस मामले की विस्तृत जांच कराएगी. जिन सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को गलत तरीके से वक्फ बोर्ड में दर्ज किया गया है, उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके लिए जिलाधिकारी स्तर पर सुनवाई होगी. यदि किसी संपत्ति का स्वामित्व अवैध रूप से वक्फ बोर्ड को दिया गया है तो कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे वक्फ के दायरे से बाहर किया जाएगा.
इस कार्रवाई से जिले में कई संपत्तियों को लेकर विवाद बढ़ सकता है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि पूरी प्रक्रिया कानूनी दायरे में रहकर पूरी की जाएगी. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कितनी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के पास बनी रहती हैं और कितनी सरकार के नियंत्रण में वापस आती हैं.
राहुल गांधी का बिहार दौरा: 4 महीने में तीसरी बार क्यों गए बिहार, क्या है इसकी सियासी वजह?
4 Apr, 2025 05:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में कांग्रेस पार्टी में नई ऊर्जा है. पार्टी की तरफ से हर रोज कोई न कोई निर्णय लिया जा रहा है. वे निर्णय सुर्खियां बन रही हैं. इसमें राहुल गांधी की विशेष सक्रियता दिख रही है. ऐसे में बिहार की राजनीति में यह सवाल मौजूं हो गया है कि आखिर राहुल गांधी के मन में क्या चल रहा है? क्या राहुल गांधी बिहार में कुछ अलग करने की सोच रहे हैं?
दरअसल राहुल गांधी आगामी सात अप्रैल को बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. पिछले चार माह में यह तीसरा मौका होगा, जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आएंगे. इससे पहले वह 18 जनवरी तथा चार फरवरी को पटना में आ चुके हैं. इस बार राहुल गांधी सात अप्रैल को फिर पटना आ रहे हैं. राहुल का इस बार का पटना दौरे को भी पार्टी की तरफ से संविधान सुरक्षा दिवस का नाम दिया गया है.
सभी जिला अध्यक्षों से मुलाकात
राहुल गांधी द्वारा पार्टी स्तर पर किए जाने वाले कार्यों और उठाये गए कदमों में सबसे अहम कदम कांग्रेस पार्टी के बिहार राज्य के सभी जिला अध्यक्षों के साथ राजधानी नयी दिल्ली में हुई मुलाकात है. दरअसल हाल के कुछ सालों में यह पहला मौका है, जब राहुल गांधी ने पार्टी के जिला अध्यक्षों से दिल्ली में मुलाकात करने की योजना बनायी. राहुल गांधी के इस कदम से पार्टी के अंदर काफी जोश भी है. सबसे अहम यह कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से राज्य के सभी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा चंद रोज पहले ही की गयी थी.
नहीं बनी थी कांग्रेस की कार्यसमिति
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह के बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में किसी भी प्रकार की समिति का गठन नहीं हो सका था. विधायक राजेश कुमार के नये प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद जिले के अध्यक्षों की भी नियुक्ति की गयी. इसके अलावा स्क्रीनिंग कमेटी का भी गठन किया गया.
कांग्रेस की दलितों और पिछड़ों पर नजर
राहुल गांधी के आगामी प्रस्तावित बिहार दौरे में जिन बिंदुओं को केंद्र में रखा गया है, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार में दलितों के साथ महादलित और अति पिछडों पर है. कांग्रेस पार्टी महादलित वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित कर के जीतन राम मांझी, चिराग पासवान तथा पशुपति पारस को संदेश देना चाहती है, जबकि अति पिछडों पर ध्यान केंद्रित कर के वह सीएम नीतीश कुमार को संदेश देने की कोशिश कर रही है.
एक आंकलन के अनुसार बिहार में दलित और महादलित की आबादी लगभग 14 प्रतिशत के करीब है. वहीं अगर अति पिछड़ों की बात करें तो हाल ही में बिहार सरकार की तरफ से कराये गये जातीय सर्वे के अनुसार राज्य में अति पिछडों की आबादी लगभग 36 प्रतिशत है.
2025 में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का टारगेट
कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन कहते हैं कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक फैसला लिया था कि 2025 में कांग्रेस संगठन सृजन का काम करेगी. इस फैसले के तहत देश के हर राज्य के जिला अध्यक्ष से मीटिंग हो रही है. इसी सिलसिले में आज बिहार के जिला अध्यक्षों के साथ राहुल गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस पार्टी के अन्य सीनियर लीडर के साथ मीटिंग होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि संगठन को कैसे मजबूत करना है? कैसे बूथ स्तर तक संगठन को लेकर के जाना है और किस तरीके से सामाजिक समीकरणों, स्थानीय मुद्दों को देखते हुए उन मुद्दे पर काम करके संगठन को मजबूत बनाना है.
बिहार सरकार के फरमान से बच्चों की शिक्षा पर संकट, 2 दिन से 1 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे!
4 Apr, 2025 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के पूर्णिया के एक लाख बच्चे 2 दिनों से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. इसकी वजह सरकार की ओर से आया एक फरमान है, जिसके बाद से ऑटो चालकों ने हड़ताल कर दी है. यहां जिले के सभी ऑटो और टोटो चालक हड़ताल पर चले गए हैं. दरअसल, बिहार सरकार का फरमान है कि बिहार में स्कूली बच्चों को स्कूल ले जाने में ऑटो और टोटो का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, जिसके बाद से स्कूली बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाले ऑटो और टोटो की धरपकड़ शुरू हो गई है. इसी के विरोध में ऑटो और टोटो चालक हड़ताल पर हैं.
वहीं ऑटो चालक के हड़ताल पर चले जाने से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों के परिजनों को हो रही है. अभिभावकों का कहना है कि वह लोग मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं और कमाई भी सीमित है. परिजनों का कहना है कि एक तरफ 500 या 600 रुपये महीने में उनके बच्चे स्कूल आते-जाते थे. वहीं स्कूल बस वाले 1800 रुपये हर महीने चार्ज कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें ज्यादा पैसे लगाने पड़ रहे हैं.
ऑटो-टोटो ड्राइवर की हड़ताल का समर्थन
ऑटो और टोटो ड्राइवर की हड़ताल का समर्थन प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रेन एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने भी किया है. प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है कि स्कूल के पास भी सीमित संसाधन हैं. उतनी बस स्कूलों के पास भी नहीं है, जो इतनी बड़ी संख्या के बच्चों को रोजाना ला सकें. वे लोग बच्चों के भविष्य के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी चिंतित हैं.
दो दिन से स्कूल नहीं जा पा रहे 1 लाख बच्चे
ऐसे में ऑटो और टोटो चालकों की हड़ताल का खामियाजा मिडिल क्लास फैमिली के बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. करीब एक लाख बच्चे जो ऑटो और टोटो से रोजाना स्कूल आते-जाते हैं. वह दो दिन से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. परिजनों का कहना है कि अगर पढ़ाई पर बोझ पड़ेगा तो गरीब बच्चें प्राइवेट स्कूलों में नहीं पढ़ पाएंगे. सरकार को इन ऑटो और टोटो को बंद करने से अच्छा है, नियम कानून बनाकर ऑटो और टोटो चालक को परमिट दे.
आरजेडी का नीतीश कुमार पर हमला: वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने को लेकर धर्मनिरपेक्ष छवि पर उठाए सवाल!
4 Apr, 2025 05:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. शुक्रवार को संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन विधेयक के लिए उनके समर्थन पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में चित्रित किया. राजद ने यह हमला तब किया, जब जेडी (यू) को इस विधेयक के लिए अपने समर्थन के बाद चुनावी वर्ष में पार्टी के पांच नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है.
राजद द्वारा सोशल साइट एक्स पर शेयर की गई फोटोशॉप की गई तस्वीर में नीतीश कुमार को आरएसएस की ट्रेडमार्क सफेद शर्ट और खाकी शॉर्ट्स पहने हुए दिखाया गया है. बिहार की विपक्षी पार्टी ने तस्वीर को कैप्शन दिया: ‘आरएसएस-प्रमाणित मुख्यमंत्री चीटीश कुमार’ लिखा है.
पोस्ट के माध्यम से, राजद नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष साख पर कटाक्ष करते हुए यह दिखाने का प्रयास कर रहा है कि विधेयक पर भाजपा का साथ देकर, जेडी(यू) प्रमुख आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित थे.
आरजेडी ने नीतीश कुमार पर कसा तंज
वक्फ बिल के पारित होने से जेडी(यू) के मुस्लिम नेताओं में असंतोष फैल गया है. यह बिल वक्फ संपत्तियों के नियमन और उनसे जुड़े विवादों के निपटारे में सरकार की भूमिका को बढ़ाने पर जोर दिया है.
लोकसभा में जेडी(यू) और टीडीपी के क्रमश: 12 और 16 सांसदों का समर्थन वक्फ बिल के पारित होने में अहम रहा. अब तक पांच नेताओं ने विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इनमें मोहम्मद कासिम अंसारी, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी शामिल हैं.
हालांकि, जेडी(यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि न तो कासिम अंसारी और न ही शाहनवाज मलिक “हमारे कार्यकर्ताओं” का हिस्सा हैं.
मुस्लिम नेताओं ने वक्फ बिल पर जताया विरोध
कई मुस्लिम नेताओं ने भी बिल के लिए नीतीश के समर्थन पर सार्वजनिक रूप से असंतोष व्यक्त किया है. उनके रुख की आलोचना करने वालों में वरिष्ठ नेता गुलाम गौस और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम रसूल बलियावी शामिल हैं.
बिहार के कुछ मुस्लिम नेताओं ने भी संकेत दिया है कि वे वक्फ बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. बिहार की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी करीब 17% है और जेडी(यू) को पारंपरिक रूप से इस समुदाय का समर्थन हासिल है. बिहार में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में आरजेडी ने भाजपा और नीतीश कुमार पर वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर जोरदार हमला बोलना शुरू कर दिया है.