मध्य प्रदेश
कोर्ट के आदेश के एक माह बाद भी नहीं जारी हुए वेतन के आदेश, लाखों श्रमिक परेशान
7 Feb, 2025 08:42 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नए वेतन आदेशों का इंतजार है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने इस मामले में श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल आदेश जारी करने की मांग की है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 को मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के वेतन में 2,225 रुपए की वृद्धि की घोषणा की थी और इसके आदेश भी जारी किए गए थे।
इंदौर हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बाद श्रम विभाग ने पुराने वेतन पर लौटने के निर्देश दे दिए थे। महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब इंदौर हाईकोर्ट ने 3 दिसंबर 2024 को वेतनवृद्धि के 1 अप्रैल 2024 को जारी किए गए आदेश को सही माना और पुन: उसी के अनुसार वेतन आदेश जारी करने के निर्देश दिए। लेकिन श्रम विभाग की ओर से अभी तक कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है।
कोर्ट के आदेश को दो महीना बीत जाने के बाद भी श्रमिकों को एरियर सहित बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिल रहा है। इससे प्रदेश के लाखों दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को पुरानी दर पर ही वेतन लेना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी मंच ने मांग की है कि श्रम विभाग जल्द से जल्द नए वेतन आदेश जारी करे ताकि श्रमिकों को उनका वाजिब हक मिल सके।
मेट्रो में रोजाना दो लाख लोग करेंगे सफर
6 Feb, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भोपाल की जनता को मेट्रो के सफर को लेकर इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। 2027 तक ऑरेंज और ब्लू लाइन पर मेट्रो की सेवाएं शुरू होगी। इन दोनों रूट पर 30 स्टेशन होंगे। मेट्रो का कमर्शियल रन जुलाई 2025 तक सुभाष नगर से एम्स तक आठ स्टेशनों तक शुरू करने की तैयारी है। हालांकि भविष्य में इसे विस्तार के साथ अलग-अलग स्टेशनों को जोड़ा जाएगा।
बता दें कि भोपाल मेट्रो के पहले चरण में 7 किलोमीटर लंबा रूट सुभाष नगर से एम्स तक खोला जाएगा, जिसमें कुल 8 स्टेशन होंगे। यह रूट एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में विकसित हो रहा है। इसमें रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (आरकेएमपी) पर स्काईवॉक बनेगा। 700 मीटर का स्काईवॉक का एक सिरा मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स और दूसरा सिरा रेलवे स्टेशन के कॉनकोर्स से जुड़ा होगा। इससे रेलवे स्टेशन के यात्री सीधे मेट्रो स्टेशन पर पहुंच जाएंगे। मेट्रो का ऑरेंज लाइन का रूट करोंद और एम्स वहीं दूसरा ब्लू लाइन का रूट भदभदा से रत्नागिरी को जोड़ेगा। इन दोनों रेलवे स्टेशन पर 30 स्टेशन बनाए जाएंगे। पहले रूट पर 16 स्टेशन और दूसरे रूट पर 14 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
मेट्रो परियोजना की लागत और यात्रियों की संख्या
भोपाल मेट्रो परियोजना पर लगभग सात हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। प्रतिदिन 2.2 लाख यात्रियों के मेट्रो के इस्तेमाल करने का अनुमान है। पहले चरण में ऑरेंज लाइन 16.74 किमी और दूसरी ब्लू लाइन भदभदा तिराहा से रत्नागिरी चौराह तक 14.21 किमी की बनाई जा रही है।
दोनों रूट के लिए कॉमन डिपो
ऑरेंज लाइन और ब्लू लाइन दोनों की मेट्रो के लिए कॉमन डिपो सुभाष नगर होगा। ऑरेंज लाइन पर 14 ट्रेन सेट और ब्लू लाइन पर 13 ट्रेन सेट रहेंगे। शुरुआत में तीन कार ट्रेन सेट के साथ संचालन होगा, जिसको बाद में छह कार ट्रेन सेट के साथ बढ़ाया जाएगा।
मेट्रो में यह सुविधाएं रहेगी
सार्वजनिक परिवहन के लिए समर्पित कॉरिडोर, विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों की सुविधा के लिए, रोलिग स्टॉक, सिग्नलिंग एवं टेलीकॉम के लिए अत्याधुनिक तकनीक, शुरुआत में ट्रेनों को ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) मोड पर चलाया जाएगा, जिसे भविष्य में ड्राइवरलेस ट्रेन मोड में बढ़ाया जाएगा। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन एवं लास्ट माइल कनेक्टिविटी, बिजली की खपत को कम करने के लिए स्टेशन और डिपो पर सौर ऊर्जा उत्पाद रहेंगे। भोपाल मेट्रो स्टेशन पर्यावरण-फ्रेंडली सुविधाओं से लैस होंगे, जिनमें सौर ऊर्जा, 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग, पानी और बिजली की बचत, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट, प्लास्टिक फ्री अभियान, और दिव्यांगजन मित्रवत सुविधाएं शामिल होंगी। इसके अलावा, प्रत्येक स्टेशन पर एटीएम, फूड कोर्ट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसें, ई-रिक्शा, पब्लिक बाइक शेयरिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
जनता को यह मिलेगा लाभ
शहरवासियों को एक सुरक्षित, आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा। साथ ही ट्रैफिक का दबाव कम होगा, स्वच्छ वातावरण, किफायती, सुरक्षित और आरामदायक परिवहन, ध्वनि प्रदूषण सहित यातायात, ट्रैफिक जाम से निजात, कार्बन उत्सर्जन एवं वायु प्रदूषण में कमी आएगी। सुगम यात्रा और समय की बचत होगी।
समीक्षा में जल्द काम करने के निर्देश
भोपाल मेट्रो के निर्माण कार्य की प्रगति को गति देने के उद्देश्य से प्रबंध संचालक एस. कृष्ण चैतन्य द्वारा हर सप्ताह निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक की जा रही है। बुधवार को भी इसकी समीक्षा की गई। निरीक्षण की शुरुआत एम्स स्टेशन से की गई जिसमे आंतरिक एवं बाहरी कार्यों की समीक्षा की एवं कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। अलकापुरी स्टेशन एवं डी.आर.एम ऑफिस स्टेशन के एंट्री-एक्सिट के कार्यों जल्द से जल्द पूर्ण करने का कहाद्य ताकि तय समय मेट्रो का संचालन शीघ्र और सुरक्षित रूप से शुरू किया जा सके।
आयुष मंत्री परमार की अध्यक्षता में हुई "पुरस्कार चयन समिति" की बैठक
6 Feb, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में आयुष विभाग अंतर्गत "पुरस्कार चयन समिति" की बैठक हुई। बैठक में पंडित उद्धवदास मेहता वैद्यशास्त्री आयुर्वेद सेवा सम्मान पुरस्कार वर्ष-2023 के लिए "पुरस्कार चयन समिति" ने व्यापक विचार मंथन किया। बैठक में सर्वसम्मति से वर्ष-2023 के उक्त पुरस्कार के लिए नाम का चयन किया गया।
आयुष मंत्री परमार ने वर्ष-2022 एवं वर्ष-2023 के पंडित उद्धवदास मेहता वैद्यशास्त्री आयुर्वेद सेवा सम्मान पुरस्कार, समारोहपूर्वक शीघ्र प्रदान किए जाने के निर्देश दिए। मंत्री परमार ने पुरस्कार वर्ष-2024 के लिए शीघ्र विज्ञापन जारी करने के निर्देश भी दिए। ज्ञातव्य है कि पूर्व बैठक में सर्वसम्मति से वर्ष-2022 के उक्त पुरस्कार के लिए नाम का चयन किया जा चुका है।
बैठक में प्रमुख सचिव आयुष डीपी आहूजा एवं आयुक्त आयुष आर उमा माहेश्वरी सहित समिति के सदस्य डॉ. एसएन पांडे (उज्जैन) एवं वैद्य प्रभाकर चतुर्वेदी (रीवा) सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बावड़िया चौराहे से आशिमा मॉल तक बनने वाले आरओबी का निर्माण जल्द शुरू होगा
6 Feb, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : बावड़िया चौराहे से आशिमा मॉल तक नया आरओबी (रेलवे ओव्हर ब्रिज) का निर्माण जल्द शुरू होगा। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने बुधवार को निवास कार्यालय पर आरओबी निर्माण से जुड़े विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आरओबी निर्माण के लिये भू-अर्जन की कार्रवाई तुरंत शुरू की जाये।
राज्यमंत्री गौर ने इस आरओबी निर्माण से नर्मदापुरम रोड पर यातायात बेहतर होगा। इस क्षेत्र से गुजरने वाले यात्रियों को सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि भोपाल विकास प्राधिकरण, नगर निगम, टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग और लोक निर्माण विभाग सहित निर्माण कार्यों से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर आरओबी निर्माण की जिम्मेदारी से अवगत कराये जाये।
बैठक में एडीएम सिद्धात जैन, एसडीएम रवि शंकर राय और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। आरओबी के संबंध दी गई जानकारी में बताया गया कि 733 मीटर लंबे आरओबी और 310 मीटर के एप्रोच रोड का निर्माण होगा। आरओबी के निर्माण हो जाने से नर्मदापुरम रोड पर ट्रैफिक का दबाब कम होगा और यातायात सुगम होगा।
वीडी शर्मा, हेमंत खंडेलवाल, नरोत्तम मिश्रा, कुलस्ते और अरविंद भदौरिया मजबूत दावेदार
6 Feb, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र भाजपा के सभी 62 जिला अध्यक्षों का चुनाव हो गया है। अब सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव ही बाकी है। पार्टी ने पहले ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है और उम्मीद जताई जा रही है कि वे जल्द ही मप्र का दौरा करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में हैं। इनमें वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, हेमंत खंडेलवाल, नरोत्तम मिश्रा, फग्गन सिंह कुलस्ते और अरविंद भदौरिया मजबूत दावेदार हैं। सूत्रों का कहना है कि रेस में अब सबसे आगे बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम तेजी से आगे आया है। खंडेलवाल को संघ, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पार्टी के अन्य नेताओं का समर्थन मिल रहा है। हेमंत खंडेलवाल के पिता स्व. विजय खंडेलवाल भी भाजपा के नेता थे, जिससे उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत और पार्टी से बहुत गहरा जुड़ाव है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार हेमंत खंडेलवाल के संघ से जुडे होने और विवादों से दूर रहने के चलते पार्टी अब धीरे धीरे उनके नाम पर सहमति बना रही है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पांच साल का हो चुका है और उन्हें फिर से मौका मिलने की संभावना कम है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष के चुनाव के लिए भी जातिगत समीकरणों को साधना चाहेगी। ऐसे में संभावना है कि नया अध्यक्ष सामान्य, आदिवासी या महिला वर्ग से हो सकता है, क्योंकि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के बाद डिप्टी सीएम और मंत्रियों के लिए भी जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा था। अभी अध्यक्ष पद की रेस में कई सीनियर नेता भी दावेदार हैं। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा सीनियर नेता को कमान सौंपती है या फिर किसी नए चहेरे पर दांव लगाती है।
नए अध्यक्ष की तलाश
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के कार्यकाल को पांच वर्ष पूरे हो रहे हैं। उनको पार्टी ने 2019 में हुए संगठन चुनाव के बाद फरवरी 2020 में राकेश सिंह के स्थान पर प्रदेश की कमान सौंपी थी। उनके कार्यकाल में ही विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 हुए। दोनों चुनाव में ही पार्टी को बेहतर परिणाम मिले, इसलिए पार्टी अब उनका उत्तराधिकारी ऐसा चाहती है, जो अगले तीन वर्ष में संगठन को और मजबूत कर सके। दरअसल, लगभग दो वर्ष पूर्व भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया था, यही वजह है कि वीडी का कार्यकाल भी बढ़ गया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार थमने के बाद चार फरवरी से दिल्ली में इसकी कवायद तेज हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो चुकी है लेकिन मध्य प्रदेश में बड़े नेताओं की सहमति न बनने से मामला अटका हुआ है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पिछले संगठन चुनाव के दौरान भाजपा ने पीढ़ी परिवर्तन का संकल्प लिया था। इस कारण मंडल स्तर पर 35 वर्ष और जिलाध्यक्ष पद पर 55 से साठ वर्ष तक के ही अध्यक्ष बनाए गए थे। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी वीडी शर्मा को लाकर पार्टी ने नई पीढ़ी के हाथों में संगठन को सौंपा था। उनकी टीम में भी 30 साल बाद नई पीढ़ी परिवर्तन की झलक दिखाई दी थी। इससे पहले स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा भाजपा में नई पीढ़ी को लाए थे, जो अब तक सत्ता-संगठन में शीर्ष पदों पर है। इसके परिणाम भी अच्छे आए और विधानसभा, लोकसभा चुनाव से लेकर स्थानीय चुनाव में भी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया। अब तक वीडी शर्मा ही ऐसे अध्यक्ष हैं, जो पांच वर्ष तक लगातार प्रदेश अध्यक्ष बने रहे। वैसे, वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर भी दो बार प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहे। पहली बार तोमर के नेतृत्व में ही भाजपा वर्ष 2008 में सत्ता में लौटी थी और दूसरी बार 2013 में फिर तोमर को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी, तब भी भाजपा ने सरकार में वापसी की थी। भाजपा की नई पीढ़ी में तोमर की नेतृत्व और संगठन क्षमता का केंद्रीय नेतृत्व भी कायल रहा है। उन्हें कई राज्यों का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया। भाजपा ने में मप्र के 2023 के विधानसभा चुनाव भी तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति का प्रभारी बनाया गया था।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा में पेसमेकर क्लीनिक का उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने किया शुभारंभ
6 Feb, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीवा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में प्रारंभ की जा रही पेसमेकर क्लीनिक हृदय रोगियों के लिए वरदान होगी। जटिल ऑपरेशन के उपरांत लगाए जाने वाले पेसमेकर की जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इस क्लीनिक में मरीजों को नि:शुल्क जांच की सुविधा मिलेगी। यह स्पेशल क्लीनिक हर माह के प्रथम गुरुवार को संचालित होगा, जिसमें प्रातः 9 बजे से दोपहर एक बजे तक मरीज अपनी जांच करा सकेंगे। भविष्य में इस सुविधा के विस्तार के भी कार्य होंगे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पेसमेकर क्लीनिक का शुभारंभ किया।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल विंध्य क्षेत्र में असाध्य रोगों के उपचार का केन्द्र बन गया है। यहाँ कुशल चिकित्सकों द्वारा मरीजों का कुशलता पूर्वक उपचार किया जा रहा है और उन्हें जटिल आपरेशन व अन्य उपचार के लिए बाहर जाने से मुक्ति मिल गई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा को मेडिकल हब बनाने तथा चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लगातार प्रयास जारी हैं।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एमआरआई मशीन के लिए बनाए जा रहे स्थल का निरीक्षण किया तथा कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. सुनील अग्रवाल, अधीक्षक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल डॉ. अक्षय श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी विभाग डॉ. व्हीडी त्रिपाठी, डॉ. एस.के. त्रिपाठी सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।
मंत्री भूरिया से मिली सोलो महिला साइक्लिस्ट आशा मालवीय
6 Feb, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : महिला-बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया से गुरुवार को भोपाल में उनके निवास पर राष्ट्रीय खिलाड़ी और सोलो साइक्लिस्ट जिला राजगढ़ की कु. आशा मालवीय ने सौजन्य भेंट की।
कु. आशा ने बताया कि वे सम्पूर्ण भारत में 26 हजार किलोमीटर की यात्रा करने वाली एकल महिला साइक्लिस्ट हैं। उनका उद्देश्य महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण है। उन्होंने बताया कि कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर उन्होंने कन्याकुमारी-कारगिल-सियाचिन-दिल्ली यात्रा कर शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। कु. आशा ने बताया कि वे दुनिया के सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित मोटरेबल रोड से होकर भोपाल पहुँची हैं। अब तक उन्होंने इस यात्रा में 17 हजार 200 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है। पिछले 2 वर्षों में कु. आशा मालवीय ने लगभग 43 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा की है।
मंत्री भूरिया ने कु. आशा को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि महिलाएँ हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम करने में कामयाब हो रही हैं। उन्होंने कहा कि कु. आशा के हौसले ने उन्हें इस मुकाम पर पहुँचाया है और वे अन्य बच्चियों के लिये एक प्रेरणा हैं।
वन्य-जीवों और घरेलू जानवरों में संक्रामक रोग की मॉनीटरिंग एवं टीकाकरण के लिये
6 Feb, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : वन विभाग, वाइल्ड-लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट और पशुपालन, डेयरी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वन्य-जीवों और घरेलू जानवरों के बीच संक्रामक रोग फैलने के जोखिम को कम करने के लिये सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मड़ई में संक्रामक बीमारियों की मॉनीटरिंग और टीकाकरण के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में वन्य-जीव-पशुधन इंटरफेस पर रोग निगरानी और टीकाकरण प्रयासों को मजबूत करने के लिये वन अधिकारी-कर्मचारियों, पशु चिकित्सकों, पैरावेटरिनेरियन और पशुधन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और गौ-सेवकों को एक साथ लाया गया है। सहयोगी कार्यशालाएँ रोग निगरानी, पशुधन टीकाकरण, वन्य-जीव और पशुधन के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिये एक समन्वित अंतर्विभागीय ढाँचा स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यशाला में क्षेत्र संचालक राखी नंदा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएँ छिंदवाड़ा एन.के. मौर्य, पशु चिकित्सक गुरुदत्त शर्मा, वाइल्ड-लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट के चिकित्सक प्रशांत देशमुख, हिमांशु जोशी और विनय पाण्डे, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के समस्त सहायक संचालक, परिक्षेत्र अधिकारी, जिला नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, बैतूल के पशु चिकित्सक, पैरावेटरिनेरियल और पशुधन स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
औद्योगिक विकास के नये युग की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
6 Feb, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अपने रणनीतिक प्रयासों से औद्योगिक विकास के नए युग की ओर अग्रसर है। निवेशकों को अधिक प्रभावी अवसर देने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य के प्रमुख 6 सेक्टर्स पर केंद्रित समिट के आयोजन की महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। यह पहली बार होगा जब हर सेक्टर के विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और निवेशक एक मंच पर आकर विशेषज्ञ चर्चाओं, अवसरों और नीतिगत सुधारों पर संवाद करेंगे। इससे निवेश प्रक्रिया को अधिक सुगम, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी बनाया जा सकेगा।
देश का आकर्षक डेस्टिनेशन बनता मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की अद्वितीय भौगोलिक स्थिति, समृद्ध प्राकृतिक संसाधन, विकसित बुनियादी ढांचा और उद्योग-अनुकूल नीतियां इसे निवेश के लिए देश का सबसे आकर्षक डेस्टिनेशन बनाती हैं। शहरी विकास, पर्यटन, माइनिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, आईटी और एमएसएमई, ये सभी क्षेत्र अपनी असीमित संभावनाओं और अनुकूल वातावरण से निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। मध्यप्रदेश न केवल देश का पहला डायमंड प्रोड्यूसिंग स्टेट है, बल्कि ग्रीन एनर्जी हब, विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र और उभरते हुए टेक्नोलॉजी हब के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। इन विभागीय समिट से सरकार निवेशकों को नीतिगत प्रोत्साहन, संसाधनों की उपलब्धता और औद्योगिक ईको सिस्टम की मजबूती से अवगत कराएगी। इससे जीआईएस में होने वाली चर्चाएं वास्तविक निवेश प्रस्तावों में तब्दील हो सकेंगी।
शहरी विकास समिट
मध्यप्रदेश का शहरी बुनियादी ढांचा तेजी से सुदृढ़ हो रहा है। राज्य की स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट और लॉजिस्टिक्स हब इसे एक आदर्श रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश डेस्टिनेशन बना रहे हैं। जीआईएस में शहरी विकास समिट के माध्यम से स्मार्ट और सतत् शहरों के निर्माण पर केंद्रित चर्चा होगी, जिससे नवाचार और आधुनिक शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन समिट
मध्यप्रदेश को 'भारत का दिल' कहा जाता है और इसके धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौन्दर्य से पूर्ण पर्यटन क्षेत्र पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। खजुराहो, उज्जैन, साँची, पचमढ़ी, कान्हा और बांधवगढ़ जैसे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर उपलब्ध कराने के लिये तैयार हैं। पर्यटन समिट में हॉस्पिटैलिटी, थीम-बेस्ड डेस्टिनेशन और एडवेंचर टूरिज्म में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गहन चर्चा होगी।
माइनिंग समिट
मध्यप्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। यह देश में डायमंड, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, कोयला, मैंगनीज और तांबे का प्रमुख उत्पादक है। पन्ना स्थित एशिया की एकमात्र डायमंड माइंस और विशाल कोयला भंडार राज्य को माइनिंग इंडस्ट्री के लिए एक आदर्श डेस्टिनेशन बनाते हैं। जीआईएस में माइनिंग समिट से खनन आधारित उद्योगों, मूल्यवर्धित प्र-संस्करण और नीतिगत प्रोत्साहनों पर चर्चा होगी।
रिन्यूएबल एनर्जी समिट
मध्यप्रदेश ग्रीन एनर्जी हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। रीवा सोलर प्लांट, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और ग्रीन हाइड्रोजन में हो रहे विकास इसे नवकरणीय ऊर्जा निवेशकों के लिए एक प्रमुख केंद्र बना रहे हैं। जीआईएस में आयोजित रिन्यूएबल एनर्जी समिट में सौर, पवन और हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए ठोस रणनीतियां प्रस्तुत की जाएंगी।
आईटी एंड टेक्नोलॉजी समिट
मध्यप्रदेश अब टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन का केंद्र बन रहा है। इंदौर आईटी हब, डेटा सेंटर पॉलिसी, स्टार्ट-अप ईको सिस्टम और उभरते एआई और साइबर सिक्योरिटी क्षेत्रों में तेजी से निवेश आ रहा है। जीआईएस में आईटी समिट के माध्यम से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आईटी पार्क और नई टेक्नोलॉजीज पर निवेश की संभावनाओं को रेखांकित किया जाएगा।
एमएसएमई समिट
मध्यप्रदेश का एमएसएमई सेक्टर राज्य की आर्थिक रीढ़ है, जहां लाखों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम कार्यरत हैं। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना, नए क्लस्टर और निर्यात प्रोत्साहन नीतियां इसे निवेश के लिए एक डेस्टिनेशन बना रही हैं। एमएसएमई समिट में उद्योगों को वित्तीय सहयोग, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और नए बाजारों तक पहुंच को लेकर चर्चा होगी।
प्रवासी समिट
मध्यप्रदेश प्रवासी भारतीयों को प्रदेश के उद्योग, स्टार्ट-अप, पर्यटन, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया गया है। यह समिट न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा, बल्कि मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश प्रवासी भारतीय समिट का उद्देश्य विश्वभर में बसे मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीयों को एक मंच पर लाना और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने के साथ ही मध्यप्रदेश के विकास में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। साथ ही समिट मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जुड़ने का महत्वपूर्ण अवसर भी मिलेगा।
इन विभागीय समिट से सरकार मध्यप्रदेश में निवेशकों को सुरक्षित, पारदर्शी और उद्योग-अनुकूल वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है। जीआईएस के इस नए स्वरूप से न केवल उद्योग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी सृजित होंगे। मध्यप्रदेश अब सिर्फ निवेश का केंद्र नहीं, बल्कि भारत के औद्योगिक भविष्य का निर्माण करने वाला प्रमुख राज्य बन रहा है।
जीआईसी के लिए कई सहूलियत और रियायतों का ऐलान
6 Feb, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई सहूलियत और रियायतों का ऐलान किया है। इसके तहत मोहन सरकार ने ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति और सेमीकंडक्टर पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। गत दिवस कैबिनेट की बैठक में इन दोनों पॉलिसियों पर मुहर लगाई गई। पॉलिसी के मुताबिक ड्रोन इंडस्ट्री के लिए 30 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं मार्केटिंग का खर्च भी एक निश्चित समय सीमा तक सरकार उठाएगी। इसी तरह सेमीकंडक्टर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए 10 साल तक दो रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया कराई जाएगी।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि अगले पांच साल में इस क्षेत्र में 3982 करोड़ की इंडस्ट्री स्थापित होगी और 2700 करोड़ का निवेश होगा। जिससे 14,400 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जिससे हर साल 1702 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। बता दें कि अमेरिका और यूरोप की कई सेमीकंडक्टर कंपनियों ने गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अपनी यूनिट स्थापित की है।
8 हजार लोगों को रोजगार
ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति से ड्रोन इंडस्ट्री में 8 हजार लोगों को नौकरी मिलने की संभावना है। पॉलिसी के मुताबिक ड्रोन इंडस्ट्री के लिए 30 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं मार्केटिंग का खर्च भी एक निश्चित समय सीमा तक सरकार उठाएगी। इसी तरह सेमीकंडक्टर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए 10 साल तक दो रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया कराई जाएगी। कृषि सुधार में ड्रोन का अहम रोल होगा। इसका आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा इसका लोगों और पब्लिक प्रॉपर्टी की सुरक्षा, निगरानी करना, भीड़ को कंट्रोल और क्रिमिनल केसों की जांच में किया जाएगा। बुनियादी ढांचों, पुलों, सडक़ों और अन्य बुनियादी ढांचे के निरीक्षण में भी इसका इस्तेमाल होगा। की योजना है। जिससे प्रदेश में मेंटेनेंस और सुरक्षा में सुधार होगा। इस पॉलिसी में ड्रोन स्कूल, ड्रोन इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑपरेशंस, मार्केटिंग सपोर्ट, पेटेंट, ड्रोन कौशल, ईको सिस्टम को लेकर भी प्रोविजन किए गए हैं। सरकार को उम्मीद है कि ड्रोन पॉलिसी लागू होने के बाद प्रदेश में 370 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
40 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी
पॉलिसी के तहत वित्तीय प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। ड्रोन बनाने के लिए निवेश पर 40 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी (अधिकतम 30 करोड़ रुपए)दी जाएगी। लीज रेंटल सब्सिडी के तहत 25 प्रतिशत किराया सब्सिडी (अधिकतम 5 लाख रुपए)का 3 साल तक का प्रावधान है। 2 करोड़ रुपए तक अनुसंधान एवं विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) सहायता दी जाएगी। 8 हजार रुपए प्रति माह तक की इंटर्नशिप में मदद (6 महीने तक)दी जाएगी। मार्केटिंग सहायता के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी (अधिकतम 1 लाख रुपए घरेलू और 2 लाख रुपए अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए)दी जाएगी। 100 प्रतिश्ता स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। पेटेंट फाइलिंग सब्सिडी के तहत घरेलू पेटेंट के लिए 5 लाख और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख दिए जाएंगे। मेगा इन्वेस्टमेंट यूनिट्स के लिए 50 करोड़ से अधिक निवेश पर कस्टमाइज्ड प्रोत्साहन दिया जाएगा। शिक्षा संस्थानों को सहायता के तहत ड्रोन पाठ्यक्रम जोडऩे पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 25 लाख रुपए) सब्सिडी दी जाएगी।
पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी
कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर पॉलिसी को भी मंजूरी दी है। कई राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन करने के बाद यह नीति बनाई गई है।सरकार का अनुमान है कि इस सेक्टर में दो हजार करोड़ तक का निवेश हो सकता है। सेमीकंडक्टर पॉलिसी के तहत सरकार ने निवेश करने वाले उद्योगों को 25 फीसदी सब्सिडी का ऐलान किया है। इसके अलावा उद्योगों के लिए 10 सालों तक 2 रुपए प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने इस क्षेत्र में अगले पांच साल में 1009.46 करोड़ रुपए का बजट रखा है। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में स्किल्ड वर्क फोर्स को तैयार करने और पहले से इस क्षेत्र में काम कर रहे प्रोफेशनल्स की ट्रेनिंग के लिए भी सरकार पैसा खर्च करने वाली है। सेमीकंडक्टर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: इसके संचालन के लिए सरकार 5 साल में 25 करोड़ रुपए की सहायता देगी। ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए सहायता: इलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई डिजाइन में ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए संस्थान को 10 लाख का एकमुश्त अनुदान। संस्थान का चयन नोडल एजेंसी करेगी। स्कूल कॉलेज में सेमीकंडक्टर सब्जेक्ट पढ़ाने वाले टीचर्स की ट्रेनिंग पर 50 लाख रु. सालाना खर्च किए जाएंगे। इसका फायदा एमपी के मूल निवासियों को मिलेगा। सेमीकंडक्टर कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए 50 हजार रु. प्रति पाठ्यक्रम शुल्क दिया जाएगा। 3 साल के लिए हर यूनिट के 50 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
भोपाल में बनेगा संत शिरोमणि विद्यासागर जी का स्मृति स्थल- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
6 Feb, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल ;मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संत शिरोमणि आचार्य 108 विद्यासागर जी महामुनिराज की स्मृति में भोपाल में स्मृति स्थल विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति दिवस पर विधानसभा परिसर में आयोजित गुरु गुणानुवाद सभा में गुरु वंदना कर अतिशय पुण्य अर्जित करने पधारे समर्पित भक्तों का राज्य शासन की ओर से अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने अपने जीवन में सभी आवश्यक नियमों का पालन किया। संत परंपरा का अनुसरण करते हुए उनके प्रकृति के साथ संबंध, जीवन शैली, मानव सेवा और समाज को मार्गदर्शन के माध्यम से वे अपने जीवन काल में ही देवता के रूप में स्वीकारे जाने लगे। व्यक्तिगत जीवन में तप, संयम, त्याग, सेवा, समर्पण जैसे शब्द उनके व्यक्तित्व के सम्मुख छोटे पड़ जाते हैं।
कार्यक्रम में सांसद भोपाल आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक भगवानदास सबनानी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी. सिंह, जनप्रतिनिधि राहुल कोठारी तथा जैन समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री का मुकुट और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया स्वागत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दिगम्बर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट द्वारा कार्यक्रम में आयोजनकर्ताओं ने मुकुट तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिवादन किया। उनको शॉल भी सम्मानपूर्वक भेंट की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संत शिरोमणि 108 विद्यासागर जी महाराज जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित किया तथा मुनि108 प्रमाण सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के जीवन और कृतित्व पर आधारित 25 पुस्तकों का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उन्हें नेमावर में संत-के सानिध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। साक्षात देवता के दर्शन के समान प्रतीत होता संत-का अलौकिक व्यक्तित्व जीवन को धन्य करने वाला था। जैन और सनातन दर्शन में आत्मा की भूमिका आवागमन की बताई गई है। यह माना जाता है कि वस्त्र बदलने के समान ही पवित्र आत्मा शरीर बदलती है। इस दृष्टि से यह मानना कि महाराज जी हमारे बीच नहीं है, व्यर्थ है। वास्तविकता यह है कि उन्हें स्मरण करने और मन की आंखों से देखने के क्षणिक प्रयास मात्र से ही आचार्य विद्यासागर जी के आस-पास होने की सहज अनुभूति होती है। उनके व्यवहार, स्वरूप और विचार के प्रभाव के परिणाम स्वरूप सभी व्यक्ति उन्हें अपना मानते थे। प्रदेशवासियों में संत-के प्रति इतने अपनत्व और आदर का भाव था कि यह किसी को अनुभूति ही नहीं होती थी कि वे कर्नाटक से हैं।
संत-ने जीवन के कई क्षेत्रों में समाज को दिशा दी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने अपनी इच्छा शक्ति से जीवन के कई क्षेत्रों में समाज को दिशा दी। स्वरोजगार के क्षेत्र में जेल से लेकर समाज में महिलाओं को रोजगार देने का मार्ग प्रशस्त किया। गौ-माता की भी उन्होंने चिंता की तथा गौ-माता के माध्यम से लोगों के जीवन और प्रकृति में बदलाव के लिए गतिविधियों को प्रोत्साहित किया। इसी प्रकार किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में की गई उनकी पहल अनुकरणीय है। आचार्यने अपने विचार, भाव और कर्म से समाज को प्रकृति व परमात्मा के समान पुष्पित-पल्लवित, प्रेरित करने का कार्य किया।
भारतीय जनतंत्र की सांस्कृतिक जड़ें, नई शिक्षा नीति का आधार है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संत-का विचार था कि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा सभी के लिए सुलभ होना चाहिए। वे भाषाओं की समृद्धि पर विशेष ध्यान देते थे, उनका विचार था कि भाषाओं की विविधता की जानकारी से भारत की आंतरिक शक्ति में भी वृद्धि होती है और ज्ञान के लिए भाषाओं की समृद्धि आवश्यक है। गुणवत्ता शिक्षा के लिए प्रदेश में निरंतर प्रयास जारी हैं, इस क्रम में 55 एक्सीलेंस कॉलेज आरंभ किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार भारतीय जनतंत्र की सांस्कृतिक जड़ें, नई शिक्षा नीति का आधार है। इसी का परिणाम है की नई शिक्षा नीति में जैन दर्शन सहित भारतीय ज्ञान परंपरा के सभी विचारों को शामिल किया गया है। प्रदेश में खुले में मांस की दुकानों को भी बंद किया गया। तेज ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार संवदेनशील है। प्रदेश में शराब बंदी की दिशा में कदम बढ़ाते हुए 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू की गई। समाज में इस दिशा में सुधार की आवश्यकता है।
देश और समाज के प्रमुख आयोजन तिथियों के आधार पर हों
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय संस्कृति में तिथियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय काल गणना देश के प्राचीन ज्ञान, कौशल के बल पर स्थानीय ऋतुओं और परिस्थितियों के अनुसार विकसित हुई, जिस पर सभी को गर्व है। देश और समाज के प्रमुख आयोजन तिथियों के आधार पर होना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संत शिरोमणि आचार्य 108 विद्यासागर जी महामुनिराज संत नहीं जीवित देवता हैं, उनका स्नेह, प्रेम, दुलार और आशीर्वाद सब पर बना रहे यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्मृति दिवस पर पधारे मुनि-के विचारों का श्रवण भी किया।
समाज सेवा ही राष्ट्र की सेवा है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
6 Feb, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल; मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय सेवा योजना व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र प्रेम की सीख देने की जीवंत इकाई है। इसके नाम से ही सेवा का भाव उत्पन्न होता है। यह संगठन विद्यार्थियों के गुणों का संवर्धन कर उन्हें समुदाय विकास की मूल भावना से ओत-प्रोत कर देश के विकास में सहयोग देता है। यह बेहद प्रशंसनीय है कि आज हमारे विद्यार्थी एनएसएस को एक विषय के रूप में पढ़ रहे हैं। युवा ही देश का भविष्य हैं और इनमें सेवा भावना के विकास से देश का विकास और अधिक तीव्र गति से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में गणतंत्र दिवस परेड-2025 नई दिल्ली में मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के विद्यार्थियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एनएसएस के समर्पण और सेवा भावना की सराहना करते हुए परेड में शामिल हुए विद्यार्थियों और उनके समन्वयकों को मैडल देकर सम्मानित किया और शुभाशीष भी दिया। इन एनएसएस विद्यार्थियों ने कर्तव्यपथ, नई दिल्ली में 26 जनवरी 2025 को हुई गणतंत्र दिवस परेड में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर मध्यप्रदेश का नाम रौशन किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं में समाजसेवा, राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और साहचर्य की भावना विकसित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों ने इस परेड में बेहतरीन प्रदर्शन कर पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को आगे भी समाजसेवा में हरसंभव सहयोग देने और राष्ट्रीय जागरूकता से जुड़े कार्यों में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। युवा ऊर्जा को सही दिशा देकर हम सभी युवाओं की प्रतिभाओं को तराशकर प्रदेश के विकास में उनका सहयोग ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा देश और प्रदेश के विकास की धुरी हैं। सभी को अपना कॅरियर बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। देश के विकास के लिए युवाओं को राजनीति में भी आना चाहिए। राजनैतिक विकास से ही देश के सामाजिक विकास को बल मिलेगा। युवा सिर्फ रोजगार के पीछे न रहें। वे रोजगार मांगने वाले नहीं, वरन् रोजगार देने वाले बनें। हमारा राष्ट्र वसुधैव कुटुम्बकम की वैश्विक भावना से दुनिया में अच्छाईयां बांटने के लिए जाना जाता है। अच्छाईयां बांटना हमारी संस्कृति है, हमारी जीवनशैली है। इसलिए युवा अपने जीवन के बाकी गुणों के विकास के साथ-साथ सेवा भावना को भी अपनाएं और जीवन में आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एनएसएस द्वारा स्वच्छता, शुचिता, रक्तदान, जनजागरूकता कार्यक्रमों में सहभागिता की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन हमें सह अस्तित्व भाव से जीवन पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
एनएसएस से जुड़े हैं 1.60 लाख से अधिक विद्यार्थी
अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग अनुपम राजन ने कहा कि एनएसएस शिक्षा द्वारा समाज सेवा और समाज सेवा द्वारा शिक्षा की मूल भावना से कार्य करने वाला राष्ट्रीय संगठन है। प्रदेश के सभी महाविद्यालयों के करीब एक लाख 60 हजार से अधिक विद्यार्थी इस संगठन से जुड़े हैं। जिन महाविद्यालयों में एनएसएस नहीं है, वहां भी एनएसएस यूनिट तैयार करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस परेड-2025 में शामिल हुए मध्यप्रदेश के एनएसएस दल के सभी स्वयंसेवकों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्र सेवा से जुड़कर सभी विद्यार्थी एक जिम्मेदार नागरिक बनें।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का एनएसएस बैच लगाकर स्वागत किया तथा प्रतीक चिन्ह देकर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं विधायक ओमप्रकाश सखलेचा, उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक और भोपाल के विभिन्न महाविद्यालयों के एनएसएस स्वयंसेवक भी उपस्थित थे। आभार आयुक्त उच्च शिक्षा निशांत वरवड़े ने माना।
मध्यप्रदेश एनएसएस दल ने दिखाया अनुशासन और सेवा भावना
मध्यप्रदेश से चयनित एनएसएस विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस परेड में अनुशासन और समर्पण का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया। मध्यप्रदेश का दल पूरे देश से चुने गए एनएसएस के विद्यार्थियों के बीच अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहा। कार्यक्रम में सम्मानित विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किए और इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने पर हर्ष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एनएसएस के विद्यार्थियों के साथ समूह चित्र खिंचवाकर उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी।
प्रायवेट परीक्षार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा 25 फरवरी से 25 मार्च तक
6 Feb, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं में प्रायोगिक परीक्षाएं 10 फरवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगी। इस परीक्षा में नियमित परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षाएं स्कूल में ही आयोजित होगी। वहीं प्रायवेट परीक्षार्थियों की प्रायोगिक परीक्षाएं उन्हें आवंटित परीक्षा केंद्रों पर 25 फरवरी से 25 मार्च के बीच आयोजित होगी।
प्रायोगिक परीक्षा के लिए परीक्षकों की नियुक्ति जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी के अनुमोदन से होगी। हाई स्कूल में विज्ञान विषय की प्रायोगिक परीक्षा 25 अंकों की होगी। शेष पांच विषयों का आंतरिक मूल्यांकन के लिए 20 अंक निर्धारित है। विद्यालय स्तर से परीक्षार्थियों को उनकी वर्षभर की उपलब्धियों के आधार पर 20 में से अंक मंडल को भिजवाएं जाएंगे। शेष 80 अंक सैद्धांतिक परीक्षा के लिये निर्धारित है। प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न कराने वाले परीक्षक को 10वीं के लिए 8 रुपये और 12वीं के लिए प्रति छात्र 10 रुपये मानदेय दिया जाएगा।
बागेश्वर धाम में पीएम मोदी का आगमन, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दिया निमंत्रण
6 Feb, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी को पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट GIS का आयोजन किया जा रहा है। जीआईएस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छतरपुर के बागेश्वर धाम आ सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का शिलान्यास कर सकते हैं। बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पीएम मोदी को न्योता भेजा है। यह जानकारी खुद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दी है। हालांकि पीएमओ की तरफ से बागेश्वर धाम जाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।
दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का निर्माण करवा रहे हैं। पहले चरण में सभी सुविधाओं से लैस 100 बेड का अस्पताल बनकर तैयार होगा। इसके बाद इसका विस्तार किया जाएगा। अस्पताल का शिलान्यास 23 फरवरी को होने जा रहा है। इसमें कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी। माना जा रहा है कि अगर प्रधानमंत्री बागेश्वर धाम जाते हैं तो अस्पताल के शिलान्यास के बाद भोपाल आएंगे। जहां वे रात्रि विश्राम राजभवन में करेंगे। अगले दिन 24 फरवरी को सुबह 10 बजे जीआईएस का उद्घाटन करेंगे।
30 देशों के राजदूत और काउंसलर आएंगे
राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित हो रहे जीआईएस में शामिल होने के लिए 30 देशों के राजदूत और काउंसलर ने सहमति दे दी है। इसमें कई देशों के निवेशक और उद्योगपति भी शामिल होंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार में मंत्री अविस्वनी वैष्णव, पीयूष गोयल, नितिन गडकरी, जी किशन रेड्डी को भी निमंत्रण भेजा गया है। कई मंत्री और उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री 12 बजे भोपाल से रवाना होंगे।
जल जीवन मिशन को पूरा करने नई डेडलाइन
6 Feb, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों के घरों तक शुद्ध जल पहुंचाना था। इसमें करोड़ों रुपये तो खर्च किए गए, लेकिन आज भी कई क्षेत्र है जहां ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसकी डेडलाइन मार्च, 2024 रखी गई थी। इसको देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान जल जीवन मिशन की अवधि 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। सरकार ने सभी घरों तक नल से जल पहुंचाने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन की अवधि बढ़ाई है। केंद्र सरकार के इस फैसले से अन्य राज्यों के साथ मप्र को भी फायदा होगा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीणों के घरों में नल के जरिए पानी पहुंचाना है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में टंकियों का निर्माण कार्य शुरू किया गया। लोगों के घरों तक पाइपलाइन बिछाए भी गए, लेकिन कई गांवों में आज तक पानी की टंकी ही पूरी नहीं बन पाई है। जो बनी है, वह भी आधी अधूरी है। लेकिन अब जल जीवन मिशन को पूरा करने नई डेडलाइन दी गई है। इसके तहत 2028 तक जल जीव मिशन को पूरा करना है।
42 लाख घरों तक पहुंचा है पानी
गौरतलब है कि मप्र में जल जीवन मिशन का काम अधूरा पड़ा है। मिशन में प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के एक करोड़ 11 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाए जाने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन की शुरुआत से अब तक इनमें से 5 साल में करीब 69 लाख घरों में नल से पानी की सप्लाई शुरू हो गई है। यह लक्ष्य का लगभग 63 प्रतिशत है। मप्र को शेष 42 लाख घरों तक नल से पानी पहुंचाने के लिए अब चार साल का समय और मिल गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में कोरोना काल में दो साल तक जल जीवन मिशन का काम प्रभावित रहा, इस कारण तय समय सीमा में मिशन का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। वर्तमान में जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट में कोई बाधा नहीं है। वर्ष 2028 से पूर्व जल जीवन मिशन का काम पूरा होने के आसार हैं। जुलाई, 2022 में मप्र का बुरहानपुर देश का पहला हर घर जल प्रमाणित जिला बना था। जून, 2023 में निवाड़ी प्रदेश का दूसरा हर घर जल प्रमाणित जिला घोषित हुआ था। यानी इन दोनों जिलों के हर घर में नल से पानी की सप्लाई की जा रही है। इंदौर में भी लगभग जल जीवन मिशन का काम पूरा हो गया है। जल्द ही इसे हर घर जल प्रमाणित जिला घोषित किया का सकता है।
मिशन में अनियमतता के आरोप
मप्र में जल जीवन मिशन सवालों के घेरे में रहा है। मप्र विधानसभा के जुलाई के मानसून सत्र और दिसंबर में आयोजित शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने मिशन में अनियमतता के आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा था। विधायकों की सबसे ज्यादा शिकायतें मिशन में व्याप्त भ्रष्टाचार, पाइप लाइन बिछाने के बाद सडक़ों का रेस्टोरेशन नहीं किए जाने और ठेकेदारों द्वारा काम पूरा नहीं किए जाने को लेकर थीं। मानसून सत्र में विधायकों ने जल जीवन मिशन के मुद्दे पर 100 से ज्यादा सवाल पूछे थे। मप्र में जल जीवन मिशन योजना में 51 हजार से ज्यादा गांव शामिल किए गए हैं। इन गावों में एक करोड़ 11 लाख घर हैं। अब तक 69 लाख घरों में पानी की सप्लाई की जा चुकी है। शेष 42 लाख गांव बचे हैं, जहां 2028 तक पानी की सप्लाई करनी है। पीएचई मंत्री संपतिया उईके का कहना है कि जल जीवन मिशन की अवधि बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार। प्रदेश में जल जीवन मिशन का काम सुचारू रूप से चल रहा है। करीब 40 लाख घरों में नल कनेक्शन होना बाकी है। मिशन की अवधि 2028 तक बढ़ा दी गई है। इस अवधि में काम पूरा कर लिया जाएगा।
अभी अधूरा है मिशन
बता दें कि देश के प्रत्येक गांव के हर घर में नल से पानी की सप्लाई के लिए केंद्र सरकार ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन लॉन्च किया था। इसकी डेडलाइन मार्च, 2024 रखी गई थी। यानी इस तारीख तक देश के ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में नल से पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जानी थी, लेकिन सरकार का यह मिशन पूरा नहीं हो सका। इस कारण जल जीवन मिशन की अवधि 2028 तक बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार का दावा है कि देश में वर्ष 2019 से लेकर अब तक 15 करोड़ से ज्यादा परिवारों को इस जल जीवन मिशन का लाभ दिया गया है। यानी लगभग 80 फीसदी ग्रामीण आबादी के घरों में नल से पेयजल की सुविधा पहुंच चुकी है। जब यह मिशन लॉन्च हुआ था, तब तक केवल 3.23 करोड ग्रामीण परिवारों के घरों में ही पेयजल के कनेक्शन थे, लेकिन अक्टूबर, 2024 में यह संख्या बढक़र 15.20 करोड़ हो गई। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत 67,000 करोड़ रुपए पर प्रावधान किया है।