मध्य प्रदेश
ग्वालियर के मुरैना मार्ग स्थित नगर द्वारा का नाम "दाता बंदी छोड़" द्वार होगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
14 Feb, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर के मुरैना मार्ग स्थित "नगर द्वार" का नाम सिखों के छठवें गुरु, गुरु हरगोविंद सिंह जी के नाम पर "दाता बंदी छोड़ द्वार" रखने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिख समुदाय का गौरवशाली इतिहास रहा है, बड़ी संख्या में सिख परिवार इस क्षेत्र में निवासरत हैं। अतः ग्वालियर के मुरैना मार्ग पर पुराना छावनी क्षेत्र में बने "नगर द्वार" का नाम "दाता बंदी छोड़ द्वार" रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिखों के छठवें गुरु हरगोविंद सिंह जी को ग्वालियर के किले में मुगल बादशाह जहांगीर ने कई वर्षों तक बंदी बनाए रखा, अन्य 52 हिंदू राजा भी उनके साथ कैद में थे। मुगल बादशाह ने गुरू जी की आध्यात्मिक शक्ति-साधना से घबराकर उनको रिहा करने का निर्णय लिया। हरगोविंद सिंह जी ने अकेले रिहाई से मना कर दिया और 52 हिंदू राजाओं के साथ ही बाहर आने का संकल्प व्यक्त किया। मुगल बादशाह ने मजबूर होकर 52 हिंदू राजाओं को गुरु हरगोविंद सिंह जी के साथ रिहा किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि, इस परिप्रेक्ष्य में ग्वालियर में मुरैना मार्ग पर पुरानी छावनी में नव-निर्मित "नगर द्वार" का नाम गुरू हरगोविंद साहब के नाम पर "दाता बंदी छोड़ द्वार" रखा जाना अत्यंत उपयुक्त तथा प्रासंगिक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस गौरवशाली इतिहास को याद करने के लिए स्मार्ट सिटी और नगर निगम ग्वालियर को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस पहल से एक बार फिर देश-दुनिया इस महत्वपूर्ण पक्ष से परिचित होगी।
कृषकों को सोलर पम्प और गौपालन के लिए प्रोत्साहित करें जन अभियान परिषद: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
14 Feb, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जन-अभियान परिषद से जुड़े स्वयंसेवी संगठन, प्रस्फुटन समितियां और नवांकुर संस्थाएं कृषकों को ऊर्जा में आत्म-निर्भर बनाने के लिए सोलर पंप लगवाने के लिए प्रेरित करें। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से गौपालन को भी प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में दोनों गतिविधियों को अभियान के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र कैंसर जैसे घातक रोगों से निरंतर प्रभावित हो रहे हैं। अत: रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बल पर ली जा रही उपज के खतरों से किसानों को अवगत करवाना आवश्यक है। परिषद, किसानों को प्राकृतिक और अक्षय कृषि के लिए प्रोत्साहित करें। जन अभियान परिषद इन क्षेत्रों में कार्य कर ऊर्जा, जल और पर्यावरण संरक्षण, बेहतर स्वास्थ्य और कौशल विकास के क्षेत्र में योगदान दे सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में म.प्र. जन अभियान परिषद की कार्यकारिणी सभा की 15वीं बैठक मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में संपन्न हुई। बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल गंगा अभियान को जन-जन का अभियान बनाना जरूरी है। इसमें जन अभियान परिषद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर परिषद ग्राम स्तर तक वातावरण निर्माण में सक्रियता से योगदान दें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप श्रीअन्न की उपज लेने और तिलहन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित और प्रेरित करने की आवश्यकता बताई। बैठक में नवांकुर संस्थाओं के प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम तथा विकास गतिविधियों एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए संचालित गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। साथ ही परिषद के अन्य प्रशासनिक और प्रबंधकीय विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर जन अभियान परिषद द्वारा महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सहयोग से मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के लिए समाज कार्य स्नातक पाठ्यक्रम के अंतर्गत व्यक्तित्व विकास और चरित्र निर्माण पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा जन अभियान परिषद के संभागीय समीक्षा प्रतिवेदन 2024-25 तथा स्वैच्छिक संगठनों का संसार पुस्तिका का भी विमोचन किया। प्रदेश में सर्पदंश से हो रही मृत्यु की रोकथाम और बचाव की दृष्टि से सर्प पकड़ने और प्राथमिक उपचार के लिए होमगार्डस, युवाओं, इच्छुक व्यक्तियों के प्रशिक्षण के लिए सर्प अनुसंधान संगठन उज्जैन के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इससे प्रदेश के प्रत्येक थाने में एक प्रशिक्षित व्यक्ति की उपस्थिति सुनिश्चित हो सकेगी।
उद्योग फ्रेंडली नीतियों और नवाचार से मिलेगा निवेश को विस्तार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
14 Feb, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश और रणनीतिक नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में आगे बढ़ रहा है। इस बार की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट न सिर्फ अपनी भव्यता बल्कि गहरे रणनीतिक बदलावों और नए औद्योगिक विज़न से भी चर्चा में है। भोपाल, जो अब तक प्रशासनिक और सांस्कृतिक रूप से पहचाना जाता था, अब निवेश और व्यापार का नया ग्लोबल पॉइंट ऑफ इंटरेस्ट बनने जा रहा है। झीलों की नगरी भोपाल में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होने जा रही है। भोपाल का आकर्षण और राज्य सरकार की सहज एवं पारदर्शी उद्योग फ्रेंडली नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।
नवाचारों का केन्द्र बनेगा जीआईएस
इस वर्ष के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को ‘पॉलिसी-ड्रिवन इन्वेस्टमेंट समिट’ का नया मॉडल दिया गया है। पहली बार, सरकार 20 से अधिक नीतियों को एकसाथ प्रस्तुत कर रही है, जिससे निवेशकों को हर सेक्टर के लिए स्पष्ट रणनीति और अवसर मिलेंगे। अब इन्वेस्टर्स को केवल संभावनाएँ नहीं, बल्कि सरकार की ठोस योजनाओं और तत्काल प्रभावी पॉलिसी सपोर्ट का भरोसा मिलेगा।
इस बार का GIS पारंपरिक कॉन्फ्रेंस से आगे बढ़कर "फोकस्ड इन्वेस्टमेंट डिस्कशन" का मंच बनने जा रहा है। यानी, आईटी, टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटोमोबाइल, ईवी, अक्षय ऊर्जा जैसे हर सेक्टर के लिए अलग सत्र होंगे, जहां इंडस्ट्री लीडर्स और सरकार के बीच प्रत्यक्ष संवाद और सेक्टर-केंद्रित समझौते होंगे। समिट में पहली बार 'इंडस्ट्रियल एक्सपो' और 'मेक इन एमपी' का संयोजन किया गया है, जहां प्रदेश की औद्योगिक ताकत, विनिर्माण क्षमता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसकी स्थिति को प्रस्तुत किया जाएगा।
जीरो अपशिष्ट समिट
जीआईएस-2025 को 'जीरो अपशिष्ट' समिट बनाने की रणनीति तैयार हो चुकी है। समिट स्थल पर केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग होगा, आयोजन स्थल 100% अक्षय ऊर्जा से संचालित होगा और पूरे समिट में पेपरलेस ऑपरेशंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बेस्ड इंटरेक्शन और डिजिटल टेक्नोलॉजी का समावेश होगा।
औद्योगिक राजधानी के रूप में नई पहचान
भोपाल को पहली बार औद्योगिक राजधानी के रूप में नई पहचान मिलने जा रही है। यह आयोजन प्रदेश की नई इंडस्ट्रियल जर्नी की आधारशिला साबित होगा। समिट न केवल बड़े निवेशकों के लिए बल्कि माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) और स्टार्टअप्स के लिए भी एक बड़ा अवसर लेकर आ रही है। प्रदेश के स्थानीय उद्यमों को वैश्विक निवेशकों और तकनीकी साझेदारों के साथ जोड़ने की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिससे इनका विस्तार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक होगा।
राजधानी के चारों ओर फैले औद्योगिक क्षेत्रों—मंडीदीप, गोविंदपुरा, बागरोदा, पिलुखेड़ी और अन्य औद्योगिक हब को इस समिट से नए निवेश, नई टेक्नोलॉजी और ग्लोबल टाई-अप्स का फायदा मिलेगा। जीआईएस-2025 केवल निवेश ही नहीं, बल्कि युवाओं को रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के अवसर देने वाला मंच भी साबित होगा। इस समिट में आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में नई नौकरियों के अवसर पैदा करने वाले एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे।
औद्योगिक क्रांति का केन्द्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अब केवल 'संभावनाओं का प्रदेश' नहीं, बल्कि 'औद्योगिक क्रांति का अगला केंद्र' बन चुका है। GIS 2025 के मंच से प्रदेश की आर्थिक शक्ति, नीति-संवर्धित औद्योगिक मॉडल और वैश्विक निवेश के प्रति प्रतिबद्धता पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत होगी।
भोपाल अब सिर्फ मध्यप्रदेश की राजधानी नहीं, बल्कि भारत के नए औद्योगिक भविष्य का प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है। जीआईएस-2025 इसी परिवर्तन की मजबूत नींव रखने जा रहा है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान के संसाधनों का जनजातीय बाहुल्य जिलों में प्राथमिकता से उपयोग हो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
14 Feb, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिले, खनिज संपदा से सम्पन्न हैं। जिला खनिज प्रतिष्ठान के अंतर्गत विकास की गतिविधियों का संचालन इन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। जिलों की आवश्यकता और परिस्थितियों को देखते हुए अधोसंरचना विकास का निर्धारण किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आपदा व आकस्मिकता की स्थितियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में एक हेलीकॉप्टर पट्टी विकसित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जिन जिलों में स्टेडियम नहीं है, वहां खेल अधोसंरचना के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में जिला खनिज प्रतिष्ठान के संबंध में बैठक समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिला खनिज प्रतिष्ठान में स्वास्थ्य की देखभाल, पेयजल, शिक्षा, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जिलों के लिए सुनिश्चित विकास मॉडल बनाकर बेहतर पंचायत भवन, शिक्षण संस्थाओं के प्रांगण, मूलभूत सुविधाओं से युक्त अस्पताल परिसर विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। सभी विधानसभा क्षेत्रों के कॉन्सेप्ट प्लान तैयार करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कार्यों के निर्धारण में विधायकगण की भागीदारी को भी बढ़ाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जिला खनिज प्रतिष्ठान में उपलब्ध संसाधनों से सभी जिलों का संतुलित विकास हो।
प्रमुख सचिव खनिज उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उप राष्ट्रपति धनखड़ का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया स्वागत
14 Feb, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को पुराने हवाई अड्डे पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के आगमन पर उनकी अगवानी की। उन्होंने उप राष्ट्रपति को अंगवस्त्रम् ओढ़ाकर स्वागत अभिनंदन किया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी उप राष्ट्रपति का स्वागत किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, खेल एवं युवक कल्याण तथा सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, सांसद खजुराहो वी.डी. शर्मा, महापौर नगर निगम भोपाल श्रीमती मालती राय, मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
सेक्स रैकेट से जुड़े तीन और सप्लायर गिरफ्तार, एक बार में मिलता था हजारो रुपये कमीशन
14 Feb, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देह व्यापार गिरोह के 26 दलालो में से 18 गिरफ्तार, आधा दर्जन है रिमांड पर
दूसरे शहरों की लड़कियों को बुलाते थे भोपाल, फोटो वाट्सएप पर भेजकर करते थे डीलिंग
भोपाल। भोपाल की अशोका गार्डन पुलिस ने शहर में फैले देह व्यापार के धंधे में लिप्त 26 दलालों की पहचान की है। इनमें से पुलिस ने 18 को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। मामले में हाल ही में गिरफ्तार तीन आरोपी निधि अग्रवाल, मकबूल अली और अर्जुन पटेल को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर उनका नेटवर्क खंगालने के लिये 18 फरवरी तक रिमांड पर लिया है। इससे पहले मंगलवार को पुलिस ने पूजा ठाकुर उर्फ डिंपी, कुल्दीप उर्फ कुणाल और नवेद को कोर्ट में पश कर रिमांड पर लिया था। पुलिस सभी आरोपियों का आमना सामना कराते हुए उनके नेटवर्क के तार खंगालेगी।
गौरतलब है की अशोका गार्डन थाना इलाके से 2 साल पहले लापता हुई 15 साल की किशोरी को पुलिस ने अशोकनगर से 25 जनवरी को बरामद किया था। नाबालिग पीड़िता के बयानो से शहर में फैले देह व्यापार सहित हृयुमन ट्रैफिकिंग का खुलासा हुआ था। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि, आरोपी आशुतोष और महक के जरिए उसका सौदा हुआ था। इस मामले में पुलिस 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपियों में पति और पत्नी सहित शोभाराम, ऑटो चालक सलमान शामिल था।
पुलिस जॉच में सामने आया की सलमान स्टेशन के आस-पास भटकती नाबालिग को निशाना बनाकर उसके साथ होटल में दुष्कर्म किया और मदद के बहाने उन्हें महक और आशुतोष को सौंप दिया। पति और पत्नी ने उसे शोभाराम के जरिये अशोक नगर में दो लाख रुपए में बेच दिया था। आरोपी दंपती ने पूछताछ में सेक्स रैकेट संचालन करने की बात स्वीकार की थी। इसके बाद अशोका गार्डन पुलिस ने उनकी निशानदेही पर 26 दलालों के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में केस दर्ज किया। आरोपियों ने रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में खुलासा किया की वो दूसरे प्रदेशों से लड़कियों को भोपाल बुलाकर उनके रहने का इंतजाम करने सहित उनके लिये ग्राहक तलाशते थे। कॉल गर्ल उपलब्ध कराने और रेट की पूरी डीलिंग वॉट्सऐप पर होती थी। फोटो भेजकर लड़कियों के सिलेक्ट होने के बाद ग्राहक से प्रति रात 20-30 हजार रुपए तक रकम ली जाती और लड़कियों को 8 से 10 हजार रुपए तक कमीशन दिया जाता था। ग्राहकों के ठिकाने तक लड़कियों को लाने और वापस छोड़ने की जिम्मेदारी भी दलालों की होती थी, इसके ऐवज में उन्हें भी मोटा कमीशन मिलता था। आरोपियों के मोबाइल फोन से हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और मध्य प्रदेश के कई जिलों की ढाई सौ से ज्यादा युवतियों के फोटो मिले हैं। गिरोह का सरगना आशुतोष वाजपेयी और महक यादव को पुलिस ने 26 जनवरी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह दोनो मानव तस्करी के मामले में भोपाल जेल में बंद हैं। इससे पहले दोनों शाहपुरा इलाके में बाबड़िया कलां स्थित होटल के स्क्वायर में 17 अप्रैल 2024 को हुई एक कॉल गर्ल की हत्या के मामले में भी जेल जा चुके हैं। हरियाणा की रहने वाली 27 वर्षीय युवती होटल के स्क्वायर में ग्राहक रितुल उर्फ राहुल पांडेय के पास गई थी। यहां नशे में धुत आरोपी ने लड़की के साथ रिलेशन बनाते समय अनैतिक डिंमाड की लड़की ने जब इंकार किया तब आरोपी ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। आरोपी रितुल उर्फ राहुल पांडेय ने पुलिस को बताया था की युवती कॉल गर्ल थी। होटल के पूर्व कर्मचारी सागर के संपर्क में रहती थी। सागर के माध्यम से ही उसने युवती को होटल में बुलाया था। मृतका महक यादव के गिरोह से जुड़ी थी।
सीएम डॉ. यादव की सिख समाज को बड़ी सौगात
14 Feb, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर नगर द्वार का नाम रखा दाता बंदी छोड़ द्वार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिख समाज को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने ऐलान किया कि ग्वालियर के मुरैना मार्ग स्थित नगर द्वार का नाम पवित्र सिख धर्म के छठवें गुरु हरगोविंद सिंह जी महाराज के नाम पर ह्यदाता बंदी छोड़ द्वारह्ण किया जाएगा। सीएम ने कहा कि ग्वालियर और चंबल संभाग में सिक्ख समुदाय का बड़ा प्राचीन गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग निवास करते हैं। सीएम ने ग्वालियर के साथ जुड़े गुरु हरगोविंद सिंह जी महाराज के इतिहास को स्मरण करते हुए बताया कि मुगल शासक जहांगीर ने उन्हें धोखे से कैद कर लिया व ग्वालियर के किले में बंदी बनाकर रखा। गुरु हरगोविंद सिंह जी के साथ वहां 52 हिंदू राजा भी बंदी बनाकर रखे गए थे। जब जहांगीर को गुरु हरगोविंद जी के आध्यात्म, शौर्य, पराक्रम और सिख गुरुओं के बलिदान की जानकारी मिली तो उसे अपनी भूल का एहसास हुआ। इसके बाद जहांगीर ने गुरु साहिब को रिहा करने का आदेश दिया। लेकिन गुरु साहिब ने शर्त रखी कि वे तभी किले से बाहर आएंगे, जब वहां पहले से बंदी 52 हिंदू राजाओं को भी छोड़ा जाएगा। बंदी हिंदू राजाओं को मुक्त कराकर ही गुरु साहिब बाहर आये। इसे बंदीछोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इसी महान गाथा की स्मृति में ग्वालियर के नगर द्वार का नाम अब दाता बंदी छोड़ द्वार के रुप में पहचाना जाएगा।
देश-दुनिया तक ये गाथा पहुंचा रहे
साथ ही सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार और ग्वालियर स्मार्ट सिटी मिलकर इस गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए इस द्वार के माध्यम से देश-दुनिया तक ये गाथा पहुंचा रहे हैं।
फर्जी अस्पतालों की आड़ में प्रदेश में हुआ बड़ा नर्सिंग घोटाला, एनएसयूआई ने की सीबीआई जांच की मांग की
14 Feb, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीबीआई को सौंपी फर्जी अस्पतालों की लिस्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में फर्जी अस्पतालों की आड़ में चल रहे नर्सिंग महाघोटाले को लेकर एनएसयूआई लगातार हमलावर होते हुए निष्पक्ष जांच की मांग कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग कर रही है। इसी कड़ी में एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के क्षेत्रीय कार्यालय में शिकायत सौंपकर भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी समेत प्रदेश के अन्य जिलों के सीएमएचओ के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। रवि परमार ने बताया कि प्रदेश में कई नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए फर्जी अस्पतालों को आधार बनाया गया, जिनमें न तो पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं थीं, और न ही योग्य डॉक्टर। इसके बावजूद इन्हें सीएमएचओ की सहमति से मान्यता दी गई, जिससे प्रदेशभर में सैकड़ों फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
फर्जी अस्पतालों की लिस्ट उजागर
रवि परमार ने अपनी शिकायत में अब तक बंद किए गए फर्जी अस्पतालों और उनके नर्सिंग कॉलेजों की सूची और अन्य दस्तावेज भी सीबीआई कार्यालय मे सौंपे है। जिनमें वीसीएच (वीनस नर्सिंग कॉलेज), एलेक्सिस हॉस्पिटल, फ्लोरेंस नाइटऐजिंल नर्सिंग कॉलेज, न्यू पॉलिवॉल हॉस्पिटल, जीवन ज्योति नर्सिंग कॉलेज, कटारा हॉस्पिटल, अपेक्स नर्सिंग कॉलेज समेत कई नाम शामिल हैं। साथ ही, वर्तमान में संचालित संदिग्ध अस्पतालों की सूची भी दी गई है, जिनमें मैको हॉस्पिटल, गणपति, सॉई हॉस्पिटल, मल्टीकेयर हॉस्पिटल जीवन ज्योति हॉस्पिटल, आशा मेडिकल मल्टिकेयर हॉस्पिटल, श्रीजन जनरल हॉस्पिटल जैसे कई नाम शामिल हैं।
CBI जांच और कठोर कार्रवाई की मांग
शिकायत करते हएु रवि परमार ने सीबीआई से मांग की है कि भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी समेत सभी दोषियों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए। प्रदेश में संचालित सभी फर्जी अस्पतालों की गहन जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो। संदेहास्पद अस्पतालों की चिकित्सा मानकों के आधार पर पुनः जांच करवाई जाए।
रवि परमार ने कहा कि यह घोटाला प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ धोखा है, बल्कि नर्सिंग छात्रों के भविष्य को भी अंधकार में धकेल रहा है। इस मामले एनएसयूआई की लड़ाई दोषियों को सजा दिलाने तक जारी रहेगी। इस दौरान एनएसयूआई प्रवक्ता विराज यादव प्रदेश सह सचिव अमन पठान लक्की चौबे रूपेश विश्वकर्मा रितिक शर्मा और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थें ।
आईओसी प्लांट कर्मचारी की लाश रेलवे ट्रैक पर मिली
14 Feb, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। खजूरी सड़क थाना पुलिस ने क्षेत्र में स्थित रेलवे ट्रैक से एक व्यक्ति की लाश बरामद की है। मृतक आईओसी प्लांट में काम करने वाला कर्मचारी है। पुलिस खुदकुशी मानते हुए आगे की जॉच कर रही है। थाना पुलिस के अनुसार ग्राम धामनियो में रहने वाला मुकेश मारन पिता फूलसिंह मारन (45) आईओसी प्लांट में नौकरी करता था। 12 फरवरी की शाम करीब 7 बजे वह घर से नौकरी पर जाने के लिए निकला था। लेकिन वह ऑफिस नहीं पहुंचा था। जब वह वापस घर नहीं लौटा तब परिवार वालो ने उसकी खोजबीन शुरु की। तलाश करते हुए भाई विमल मारण और बेटा मोहित मारण को उसका शरीर रेलवे ट्रैक पर मिला। वह उसे गंभीर हालत में हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहॉ डॉक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के बाद परिवार वालो को सोंप दिया है। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि मृतक शराब पीने का आदी था।
मायके गई पत्नि आने को नहीं थी तैयार, दुखी पति ने फांसी लगा ली
14 Feb, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। गोविंदपुरा इलाके में रहने वाले एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बताया गया है कि पारिवारिक विवाद से नाराज उसकी पत्नि मायके चली गई थी। पति ने उसे बुलाने का कइ बार प्रयास किया लेकिन इसके बाद भी पत्नी मायके से वापस नहीं आई थी। इस कारण वह मानसिक तनाव में रहने लगा था, इसी कारण उसने यह कदम उठाया है। पुलिस ने बताया कि मयंक सपकाले पिता मिलिंद्र सुखदेव सपकाले (25) बरखेड़ा पठानी में रहता था, और वेल्डिंग का काम करता था। उसके पिता भेल थ्रिफ्ट सोसायटी मे नौकरी करते थे। पिछले कुछ समय से मंयक का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था। आये दिन की कलह के कारण करीब दो महीने पहले उसकी पत्नी घर छोडकर मायके जाकर रहने लगी थी। मयंक ने बाद में कई बार पत्नी को समझाइश देते हुए वापस लाने की कोशिश की लेकिन पत्नि आने को तैयार नहीं हुई। इसी वजह से वह काफी परेशान रहने लगा था। परिवार वालो ने बताया की रात को मयंक खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चला गया था। अगली सुबह जब वह काफी देर तक सोकर नहीं उठा तब परिजन कमरे पर पहुंचे। कमरे का दरवाजा भीतर से बंद होने पर खिड़की से झांककर देखने पर मयंक का शरीर फांसी के फंदे पर लटका नजर आया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घटना की जॉच के बाद मामला दर्ज कर शव को पीएम के लिये भेज दिया। पुलिस ने बताया कि फिलहाल मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिसके कारण खुदकुशी का कारण साफ नहीं हो सका है। हालांकि शुरुआती जॉच में पता चला है कि मृतक को शराब पीने की लत थी, जिसके कारण उसका पत्नि से विवाद होता था, इसी विवाद के चलते पत्नि गुस्से में आकर चली गई थी। पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है।
भीख देने वाले ड्राइवर और अज्ञात भिखारी के खिलाफ कार्रवाई
14 Feb, 2025 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। राजधानी के पहली बार बोर्ड ऑफिस चौराहे सिग्नल पर भीख देने के मामले में पुलिस ने एक मिनी ट्रक ड्राइवर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। पूर्व में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर एडीएम सिद्धार्थ जैन ने आदेश जारी किए थे कि अब भीख मांगने और देने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी। इसी के तहत एमपी नगर पुलिस ने एक समाज सेवी की शिकायत पर भीख देने वाले ड्राइवर और अज्ञात भिखारी के खिलाफ कार्रवाई की है। थाना पुलिस ने बताया कि समाज सेवी मोहन सिंह सोनी ने थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि बोर्ड ऑफिस चौराहे पर रेड सिग्नल के दौरान एक भिखारी वाहन चालकों से भीख मांग रहा था, तभी वहां खड़े मिनी ट्रक नंबर चालक एमपी 04 जीबी 3813 के ड्राइवर ने उसे भीख दे दी। मोहन ने दोनों के वीडियो बनाकर पुलिस को पेश कर दिए है। एमपी नगर पुलिस ने ट्रक के नंबर के आधार पर ड्राइवर और अज्ञात भिखारी के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। मामले में दोनों व्यक्ति अज्ञात है, पुलिस सीसीटीवी कैमरों के जरिए उनकी तलाश कर रही है। गौरतलब है की कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर एडीएम सिद्धार्थ जैन ने 3 फरवरी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 163 (2) के तहत आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील किया था। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 में कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले 25 जनवरी को पुलिस ने योगेंद्र भलावी की शिकायत पर एक भिखारी युवक को हिरासत में लिया था। योगेंद्र ने भीख मांगने पर उससे कहा था की वह हट्टे-कट्टे होने के बाद भी भीख क्यो मांगता है। यह सुनकर भिखारी उनसे अभद्रता करने लगा था।
समस्त राजस्व सीमा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति पूर्ण रूप से प्रतिबंधित
14 Feb, 2025 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 अंतर्गत धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए भोपाल जिले के समस्त राजस्व सीमा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया है। भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान को खरीदना प्रतिबंधित किया गया है। जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई चीज प्रदान करता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता हैं तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन के लिए कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
शीघ्र बनेगी ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी और प्रारंभ होगा ड्रोन स्कूल
14 Feb, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने के लिए समग्र कार्य योजना तैयार की गई है। राज्य सरकार ने ड्रोन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को स्वीकृति दे दी है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित और कुशलतम उपयोग के माध्यम से नवाचार, आर्थिक समृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने वाले विषयों एवं तथ्यों को शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी भी बनाई जायेगी। प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल से प्रेरित होकर ड्रोन नीति सरकार के ड्रोन डेटा और इमेजरी के लिए एक केन्द्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म होगा।
ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी विभिन्न विभागों के मध्य परस्पर डेटा साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देगी। यह नीति जीआईएस आधारित योजना और विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके बेहतर निगरानी तंत्र विकसित करेगी। यह रिपॉजिटरी तत्काल अद्यतन निगरानी सुविधा प्रदान करेगी, जिससे संसाधनों का त्रुटिरहित आवंटन होगा और अधोसंरचनात्मक विकास में सहयोग मिलेगा। इससे बेहतर समन्वय, निर्णय-प्रक्रिया में मदद मिलने के साथ लागत-समय का सदुपयोग होगा और परियोजनाओं की समीक्षा में सुधार भी होगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि डेटा प्रबंधन सुरक्षित रूप से किया जाए और सहयोगी भागीदारों के साथ रिपॉजिटरी की प्रबंधन व्यवस्था पुख्ता रखी जाए। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य की एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सभी ड्रोन डेटा को राष्ट्रीय भौगोलिक नीति-2022 या उसके बाद के किसी संशोधन या नीति के अनुसार डेटा सुरक्षा कानूनों और विनियमों के अंतर्गत संग्रहित किया जाए। संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षित डेटा भंडारण और प्रसारण प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जायेगा।
भविष्य में ड्रोन का उपयोग तेज़ी से बढ़ेगा। यह बिना पायलट वाला यंत्र है जो विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह कई प्रकार से अभिनव समाधान प्रस्तुत करता है और मानव श्रम की बचत करता है। इस तकनीकी से समय पर डेटा संधारित हो जाता है। सटीक और दक्षता के साथ कठिन स्थानों से डेटा संग्रह हो जाता है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से कई क्षेत्रों के लिए यह अमूल्य उपकरण साबित हो रहा है।
कृषि क्षेत्र में उपयोग
ड्रोन से फसल की सेहत की निगरानी, रोगों का पता लगाने और फसल की पैदावार का मूल्यांकन करने में सहायता मिल रही है। ड्रोन उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव सटीकता से कर सकते हैं, जिससे अपशिष्ट और नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा। वे उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जिन्हें अधिक या कम पानी की आवश्यकता है। सिंचाई के तरीकों का बेहतर उपयोग करने में ड्रोन मदद करता है।
आपदा प्रबंधन में उपयोग
ड्रोन, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में थर्मल इमेजिंग और हाई-रिजोल्यूशन कैमरों का उपयोग कर प्रभावित लोगों का पता लगा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत तस्वीरें देख बचाव के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। पुनर्निर्माण के प्रयासों और बीमा दावों की प्रामाणिकता में मदद मिल रही है। आपातकालीन स्थितियों में ड्रोन चिकित्सा आपूर्ति और खाद्य सामग्री को दुर्गम इलाको में पहुंचा रहे हैं।
निरीक्षण में उपयोग
ड्रोन पुलों, भवनों और अन्य बुनियादी ढांचे का निरीक्षण कर रहे हैं, जिसमें रखरखाव और सुरक्षा मूल्यांकन शामिल हैं। ड्रोन से निर्माण की प्रगति के बारे में वास्तविक समय में अपडेट प्राप्त किया जा रहा है। ड्रोन वन्य जीवों की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं और उन्हें परेशान किए बिना उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। जंगलों की सेहत की निगरानी, अवैध लकड़ी कटाई का पता लगाने और जंगल की आग के प्रभाव का मूल्यांकन भी ड्रोन से किया जा रहा है।
ड्रोन स्कूलों की स्थापना
मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और संचालन के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए नई ड्रोन नीति के अंतर्गत ड्रोन स्कूल स्थापित करेगा। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निवेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी में व्यापक प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना है, जिससे विद्यार्थी और पेशेवर दोनों उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों।
पॉलिटेक्निक, आईटीआई और इंजीनियरिंग कॉलेजों को ड्रोन/पार्ट्स डिजाइन, ड्रोन इमेज एनालिटिक्स, एआई टूल्स आदि के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उद्योग के साझेदारों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इससे युवाओं को ड्रोन उद्योग में रोजगार पाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान किया जा सकेगा। विशेष रूप से ड्रोन निर्माण, मरम्मत, असेंबलिंग और डेटा प्रोसेसिंग में रोजगार प्रदान करने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं।
पॉलिसी से लाभ
आगामी 5 वर्षों में लगभग 370 करोड़ रूपये का निवेश अपेक्षित है। लगभग 8,000 (2,200 प्रत्यक्ष एवं 6,600 अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित होंगे। इस क्षेत्र में प्रति करोड़ वित्तीय प्रोत्साहन के आधार पर लगभग 25-30 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।
नीति के प्रमुख स्तंभ
ड्रोन इको सिस्टम, कौशल विकास, सेक्टर प्रमोशन और वित्तीय प्रोत्साहन ड्रोन नीति के प्रमुख स्तंभ हैं। इनसे तकनीकी संस्थानों में ड्रोन संबंधी पाठयक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। ड्रोन इको सिस्टम एआई और नवीनतम प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन मिलेगा।
वित्तीय प्रोत्साहन
ड्रोन नीति की घोषणा के बाद डीएसडीएम/डीईएस इकाइयों द्वारा किए गए नए निवेश के लिये 40 प्रतिशत पूंजी निवेश (अधिकतम 30 करोड़ रूपये तक) की सब्सिडी और लीज रेंटल पर 3 वर्ष तक 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति या प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये तक, जो भी कम हो मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा पहचाने गये क्षेत्रों में आर एंड डी परियोजना शुरू करने के लिये 2 करोड़ रूपये तक का अनुदान मिलेगा। प्रतिभाओं के कौशल उन्नयन के लिये प्रमुख क्षेत्रों में इंटर्न को मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 6 महिने तक के लिये 8 हजार रूपये प्रतिमाह दिये जायेंगे। प्रदर्शनियों/कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये किए गए खर्च पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी। यह सब्सिडी घरेलू कार्यक्रमों के लिये एक लाख रूपये और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिये 2 लाख रूपये तक होगी।
भूमि पर निष्पादित पट्टे पर 100 प्रतिशत स्टॉम्प शुल्क और पंजीकरण शुलक की प्रतिपूर्ति की जायेगी। परीक्षण, अंशांकन और प्रमाणन के लिये पॉलिसी अवधि के दौरान 20 लाख रूपये की कैपिंग के साथ प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की सहायता मिलेगी। घरेलू पेटेंट के लिए प्रति पेटेंट 5 लाख रूपए और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख रूपए अथवा वास्तविक लागत वहन की जायेगी। 50 करोड़ रूपये से अधिक निवेश करने वाली मेगा स्केल इकाइयों के लिए बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ड्रोन से संबंधित पाठयक्रम जोड़ने वाले कॉलेज/विश्वविद्यालय/संस्थान 50 प्रतिशत (25 लाख रूपये तक) की कैपेक्स सब्सिडी के लिये पात्र होंगे।
डिजिटलीकरण अभियान की शुरुआत के साथ, ड्रोन क्षेत्र ने सरकारी नीतियों, प्रौद्योगिकी में प्रगति और बढ़ते वित्त पोषण के कारण क्रांतिकारी विकास किया है। इसका वैश्विक बाजार वर्ष-2022 में 71 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष-2030 तक 144 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय ड्रोन बाजार 2030 तक 13 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्वयं को स्थापित कर सकता है। इसके लिए नवाचार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए ड्रोन के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित किया जायेगा। इससे राज्य को तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बनाने में भी सहयोग मिलेगा।
भारत का “फ़ूड बास्केट“ बन रहा मध्यप्रदेश
13 Feb, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्यप्रदेश की उपजाऊ भूमि केवल भरपूर फसल ही नहीं, बल्कि नवाचार, सतत विकास और वैश्विक निवेश के नए द्वार भी खोल रही है। सरकार के इस रूपांतरणकारी प्रयास में दुनिया भर के निवेशकों को शामिल होने का आमंत्रण दिया जा रहा है। प्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत कृषि तकनीकों के बल पर खुद को देश की “फ़ूड बास्केट” के रूप में स्थापित किया है। राज्य को अब तक सात कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो इसकी कृषि क्षेत्र में मजबूती को दर्शाते हैं।
मध्यप्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ का विस्तार
मध्यप्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ तेजी से अपने पैर पसार रही है। राज्य में 2012 से 2023 के बीच दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। इस विस्तार को डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं से मजबूती मिली है, जो निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर डेयरी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। मध्यप्रदेश दूध उत्पादन और उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता (591 ग्राम प्रति दिन) में मध्यप्रदेश छठवें स्थान पर है। राष्ट्रीय सीएजीआर 6.18% की तुलना में मध्यप्रदेश की वृद्धि दर 8.60% है। देश के कुल दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान वर्ष 2023 में 8.73% था।
खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में MSMEs को बढ़ावा
राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में आगे बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है, जिनमें औद्योगिक विकास सब्सिडी, पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए वित्तीय सहायता और बिजली शुल्क में छूट शामिल है ।
पीएमएफएमई योजना से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लाभ
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे इस क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा मिल रहा है।
बड़े निवेशकों के लिए आकर्षक सुविधाएं
राज्य सरकार 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाले बड़े उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसमें निर्यात इकाइयों को लाभ, हरित औद्योगिकीकरण (ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन) को बढ़ावा और कोल्ड चेन और वेयरहाउस जैसे खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार के इन प्रयासों से राज्य का खाद्य और डेयरी उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि पूरे देश के डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
मध्यप्रदेश में निवेश की बयार: ‘सीड टू शेल्फ’ में वैश्विक निवेशकों का स्वागत
मध्यप्रदेश खाद्य प्र-संस्करण और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। राज्य अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, रणनीतिक नीतियों और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ‘भारत की खाद्य टोकरी’ की उपाधि का वास्तविक हकदार बना है। अब, यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के जरिए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है।
खाद्य प्र-संस्करण में निवेश का हब बना मध्यप्रदेश
राज्य सरकार की निवेश नीति को उद्योग जगत के सकारात्मक रुझान से बल मिल रहा है। पेप्सी -को, कोका कोला और अमूल जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां पहले ही राज्य में निवेश कर चुकी हैं, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन गया है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025: “सीड टू शेल्फ” सत्र पर फोकस
25 फरवरी 2025 को ‘इंवेस्ट मध्यप्रदेश - ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के तहत “सीड टू शेल्फ” थीम पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य कृषि, खाद्य प्र-संस्करण और बागवानी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना होगा। इस सत्र में अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज और निवेशक एक मंच पर आएंगे, जिससे नई साझेदारियों और व्यापारिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा। यह पहल मध्यप्रदेश को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने प्रयागराज में संत जनों का प्राप्त किया आशीर्वाद
13 Feb, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने महाकुंभ मेला क्षेत्र प्रयागराज में संतजनों से सौजन्य भेंट की और शुभाशीष प्राप्त किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कार्ष्णि आश्रम (रमणरेती धाम) में कार्ष्णिपीठाधीश्वर गुरुशरणानंद जी महाराज एवं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने शिविर में विभिन्न संतों का सान्निध्य भी प्राप्त किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज एवं स्वामी राघवाचार्य जी से भेंट कर उनका शुभाशीष प्राप्त किया।