मध्य प्रदेश
दादाजी धाम मंदिर में आज महाशिवरात्रि पर्व पर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
26 Feb, 2025 09:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। दादाजी धाम मंदिर में मंगलवार को महिलाओं द्वारा माता पार्वती को हल्दी, मेहंदी एवं भगवान शिव को मेहंदी लगाई गई। इसके पश्चात सभी महिलाओं ने एक दूसरे को हल्दी एवं मेहंदी लगाई एवं बधाई गीत व भजन गाये। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव एवं माता पार्वती को विशेष श्रंगार किया जाऐगा। मंदिर में आकर्षक लाइटिंग की गई है। श्री श्री 1008 श्री दादाजी गुरुदेव चैरिटेबल ट्रस्ट एवं हॉस्पिटल के सहयोग से प्रातः 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक निशुल्क स्वास्थ्य शिविर सहयोगी हॉस्पिटल टीम मारुति हॉस्पिटल द्वारा जनरल चेक अप, प्रकाश नेत्रालय द्वारा आंखों की जांच एवं तथास्तु डेंटल द्वारा दांत चेकअप किया जाएगा। सांय 5:00 बजे भव्य शिव बारात निकाली जाऐगी। जिसमें वर्धमान सिटी, पटेल नगर एवं आसपास के लोग बारात में शामिल होंगे एवं चारों प्रहर में अभिषेक होंगे। आप सभी भक्तजन शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें तथा प्रसाद ग्रहण करें।
शराब दुकान और छेड़छाड़ के मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
26 Feb, 2025 08:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के अशोका गार्डन स्थित राजीव नगर सेमराकलां मुख्य मार्ग पर धार्मिक स्थल एवं स्कूल के पास ही शराब की दुकान संचालित होने के मामले में संज्ञान लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी को जांच के निर्देश देते हुए जॉच प्रतिवेदन मांगा हैं। बताया गया है कि रहवासी क्षेत्र में शराब की दुकान संचालित होने से आये दिन शराबियों की हरकतों से स्थानीय रहवासी, महिलाएं और स्कूली बच्चों को परेशानियो का सामना करना पड़ता है। इसके विरोध में बीते दिनो बढ़ी संख्या में स्कूली बच्चों एवं महिलाओं ने शराब दुकान संचालित होने का विरोध करते हएु दुकान हटाने की मांग की थी। वहीं शहर के कोलार इलाके में स्कूल से आते-जाते समय एक मनचले द्वारा छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने की घटना में भी आयोग ने संज्ञान लिया है। मनचले युवक की प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने युवक की मां से जब उसकी शिकायत की तो आरोपी और उसकी मॉ छात्रा के साथ ही अभद्रता करने लगी। इसके बाद पीडिता छात्रा ने महिला पुलिस थाने में जाकर आरोपी युवक के खिलाफ छेड़छाड़ करने की शिकायत दर्ज कराई। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है।
30 लाख करोड़ से ज्यादा के मिले निवेश प्रस्ताव, 21 लाख से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार
26 Feb, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जीआईएस-2025 का समापन
भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की एक ऐतिहासिक पहल है। इस वर्ष की समिट अपनी अभूतपूर्व विशिष्टताओं और थीम अनंत संभावनाएं के कारण विशेष रही। पहली बार, यह समिट एक मल्टी-समिट प्रारूप में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रीय और सेक्टोरल विषयों पर केंद्रित चर्चाएं हुईं। यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहीं। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 के समापन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस वैश्विक सम्मेलन में 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। इनसे 21 लाख 40 हजार से ज्यादा रोजगार पैदा होंगे।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को किया था। उनके उद्घाटन भाषण ने प्रदेश और देश के उद्योग जगत को नई ऊर्जा और दृष्टिकोण प्रदान किया। उनके द्वारा प्रदेश की निवेश अनुकूल नई 18 नीतियां भी लॉन्च की गईं। उदघाटन सत्र के दौरान एक विशेष वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से मध्यप्रदेश की औद्योगिक और निवेश क्षमताओं को दर्शाया गया। इसे निवेशकों ने काफी सराहा। आज समापन अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय मंत्री के. राम मोहन नायडू शामिल हुए। हम सभी को उनका मार्गदर्शन भी मिला।
- कार्यक्रम में शामिल हुईं ये हस्तियां
सीएम डॉ. यादव ने मीडिया को बताया कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में 25 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए। 60 से ज्यादा देशों से आए 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश में निवेश और व्यापारिक सहयोग की संभावनाएं देखीं। 9 देशों ने पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागिता की। इनमें कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान, मोरक्को, पोलैंड, रूस, रवांडा, यूनाइटेड किंगडम शामिल रहे। जीआईएस में राज मोदी (उप मंत्री, उद्योग और वाणिज्य, जिम्बाब्वे सरकार), डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा (राजदूत, नेपाल), मोहम्मद मलीकी (राजदूत, मोरक्को), स्टेला न्कोमो (राजदूत, जिम्बाब्वे), डॉ. डिजायर बोनिफेस सोम (राजदूत, बुर्किना फासो), फेलिक्स डायलो (राजदूत, माली), अना तबान (राजदूत, मोल्दोवा), जगन्नाथ सामी (उच्चायुक्त, फिजी), जैकलीन मुकांगीरा (उच्चायुक्त, रवांडा), लेबोहांग वेलेंटाइन मोचाबा (उच्चायुक्त, लेसोथो), यागी कोजी (महावाणिज्यदूत, जापान), मार्टिन मेयर (महावाणिज्यदूत, स्विट्जरलैंड), इवान वाई. फेटिसोव (महावाणिज्यदूत, रूस), वाल्टर फेरारा (महावाणिज्यदूत, इटली), डोनाविट पूल्सावत पूल्सावत (महावाणिज्यदूत, थाईलैंड), जेंस-माइकल शाल (सीईओ, कनाडा), हिरोयुकी कितामुरा (महानिदेशक, जापान) और एरिक गुडब्रांड (पूर्व मंत्री, नॉर्वे) शामिल हुए।
- इन उद्योगपतियों ने एमपी को सराहा
उन्होंने कहा कि जीआईएस में 300 से ज्यादा इकाइयों के चेयरमैन, सी.ई.ओ. और मैनेजिंग डायरेक्टर्स शामिल हुए. कार्यक्रम में उद्योग जगत के दिग्गज गौतम अडानी (चेयरमैन, अडानी ग्रुप), नादिर गोदरेज (चेयरमैन और एमडी, गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड), पिरुज खंबाटा (ग्रुप चेयरमैन, रसना प्राइवेट लिमिटेड), बाबा एन. कल्याणी (चेयरमैन और एमडी, भारत फोर्ज लिमिटेड), राहुल अवस्थी (ग्लोबल हेड ऑफ ऑपरेशंस, सन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड),नीरज अखौरी (मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, एसीसी लिमिटेड) सहित कई शीर्ष उद्योगपति शामिल हुए। इनकी भागीदारी ने यह सिद्ध किया कि मध्यप्रदेश अब वैश्विक निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बन रहा है।
- उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि समिट के दौरान 70 से अधिक प्रमुख उद्योगों के उद्योगपतियों, संगठनों के साथ वन-टू-वन मीटिंग की गई। इनमें गोदरेज ग्रुप, पतंजलि, अरविंद ग्रुप, आदित्य बिड़ला ग्रुप, टॉरेंट ग्रुप, डोनीयर, इनोक्स, जेटरों, गोल्डक्रेस्ट सीमेंट, ईज माय ट्रिप, कॉन्सुलर सीजीए (इटली), जापान पैन प्रतिनिधिमंडल यूनिक्लो, ब्रिजस्टोन, हेटिच, पूजा एंटरटेनमेंट, एक्सिस एनर्जी, एक्सिस बैंक, आईएफसी, पेप्सिको, डाटा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, सेंटर फॉर एंटरटेनमेंट आर्ट्स और मोल्दोवा एंबेसडर, सहित विभिन्न कंपनियों और प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चा हुई।
- कितनी हुईं बीटूबी मीटिंग
उन्होंने बताया कि जीआईएस में 600 से अधिक ज्यादा बीटूजी, 5 हजार से ज्यादा बीटूबी बैठकें हुईं। इनमें उद्योगपतियों, निवेशकों और एमएसएमई ने भाग लिया। पहली बार एआई-बेस्ड बिजनेस मैचमेकिंग टूल का उपयोग किया गया। इसमें सही साझेदारों को जोड़ने में मदद मिली। इन बैठकों ने मध्यप्रदेश को वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- एमपी को होगा इतना फायदा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस वैश्विक सम्मेलन में 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले. इनसे 21 लाख 40 हजार से ज्यादा रोजगार पैदा होंगे। पहली बार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए पहली बार 6 विभागीय समिट की गईं। इनमें आईटी-टेक्नोलॉजी समिट, रिन्यूएबल एनर्जी समिट, एमएसएमई-स्टार्टअप समिट, टूरिज्म समिट, माइनिंग समिट, अर्बन डेवलपमेंट समिट शामिल हैं।
घर में फंदे से लटका मिला हेड कांस्टेबल का शव, मौत का कारण जानने जुटी पुलिस
25 Feb, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के खकनार थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल नर्मदा प्रसाद ने अज्ञात कारणों के चलते अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। अपने ही साथी की अचानक हुई मौत से पूरा महकमा सदमे में है। पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है, और जांच कर रही है। फिलहाल पुलिसकर्मी ने ऐसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है।
गेहूँ खरीदी केन्द्र में किसानों के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित करें : खाद्य मंत्री राजपूत
25 Feb, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने निर्देश दिये हैं कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 के गेहूँ उपार्जन की अवधि के दौरान उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के लिए सभी पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाद्य मंत्री राजपूत ने यह निर्देश मंत्रालय में रबी उपार्जन नीति की समीक्षा के दौरान दिये।
श्री राजपूत ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के लिए छाया की सुविधा के लिए शेड लगवाएं जाएं तथा पीने के पानी, प्रतीक्षा कक्ष, दरियां, टेबल, कुर्सी तथा शौचालय आदि का पर्याप्त प्रबंध करें। उन्होंने निर्देश दिये कि समिति स्तर पर पर्याप्त बिजली की सुविधा, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक उपार्जन उपकरण तथा किसानों की जानकारी के लिए सूचना पटल पर उपार्जन संबंधी जानकारी प्रदर्शित करें। राजपूत ने निर्देश दिये कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लाएं ताकि गेहूँ खरीदी केन्द्रों तक अधिकतम पंजीकृत किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को गेहूं उपार्जन के बाद जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करें।
खाद्य मंत्री राजपूत ने बताया कि इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूँ खरीदी का कार्य 1 मार्च से प्रारंभ किया जाएगा जो 18 अप्रैल तक चलेगा। वहीं शेष संभागों में 17 मार्च से 5 मई 2025 तक गेहूँ खरीदी का कार्य उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा।
80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उत्पादन का अनुमान
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने बताया कि अभी तक 2 लाख 91 हजार से अधिक किसानों ने गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। उन्होंने बताया कि इस बार मध्यप्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। बैठक में आयुक्त खाद्य कर्मवीर शर्मा ने बताया कि गेहूँ उपार्जन में स्लाट बुकिंग के लिए लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि खरीदी के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी उपयोग किया जाएगा। इस दौरान विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले राज्यों में है शामिल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
25 Feb, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीयों का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश तेज गति से आगे बढ़ता हुआ राज्य है। विकास के सभी क्षेत्रों में निवेश की नई संभावनाएँ उभरकर सामने आई हैं। प्रदेश के प्रत्येक भू-भाग में विकास और निवेश संभावनाओं को तलाशने के लिये रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया। भोपाल में हो रही जीआईएस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, का 8वाँ संस्करण है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास के विभिन्न क्षेत्रों में नई संभावनाओं से प्रवासी भारतीय परिचित हो रहे हैं। प्रदेश में सभी क्षेत्रों – आईटी, फार्मा, बॉयोटेक समेत विभिन्न सेक्टर्स में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 18 नई नीतियाँ लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि अब सेक्टर-वाइज समिट का आयोजन किया जाएगा। इसकी शुरुआत कृषि क्षेत्र से होगी। निवेशकों के लिए सरलीकृत प्रक्रिया और उद्योग-अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीयों और निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि सभी क्षेत्र निवेश के लिए खुले हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रवासी भारतीयों के प्रति अपने गहरे जुड़ाव को व्यक्त करते हुए कहा कि जब लंदन में मध्यप्रदेश के निवासी मेयर बनते हैं, तो यहाँ भी खुशी से आतिशबाजी की जाती हैं। जब जिम्बाब्वे में मध्यप्रदेश का रहने वाले या यहां की जड़ों से जुड़ा हुआ व्यक्ति मुख्यमंत्री के पद को सुशोभित करते हैं, तो यहाँ भी खुशियाँ मनाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि यह आंतरिक लगाव और मध्यप्रदेश की सामूहिक शक्ति का प्रतीक है, जो दुनिया के किसी भी कोने में अपने लोगों की सफलता पर गर्व महसूस करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में "प्रवासी मध्यप्रदेश समिट" में मध्यप्रदेश के प्रवासी नागरिकों, फ्रेंड्स ऑफ़ एमपी, इंडिया कनेक्ट के सदस्यों का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में रोजगार के नये अवसरों के सृजन में प्रदेश के प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से अपील करते हुए कहा कि वे मध्यप्रदेश में निवेश कर यहाँ के विकास में भागीदार बनें। उन्होंने आश्वस्त किया कि मध्यप्रदेश सरकार निवेशकों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी और प्रदेश को एक वैश्विक निवेश गंतव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बाबा महाकाल की भस्म आरती जीवन को सार्थक करने का सिखाती है सिद्धांत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल की भस्म आरती का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि बाबा महाकाल की भस्म आरती में पंचामृत से शरीर को निर्मल किया जाता है इसके बाद विधिवत पूजा कर अंत में भस्म से शरीर को ढंका जाता है। भस्म आरती जीवन को सार्थक करने का लघु सिद्धांत भी सिखाती है। उन्होंने महाकाल की भस्म आरती का महत्व समझाते हुए कहा कि भस्म आरती जन्म से मृत्यु तक के दर्शन का लघु रूप है। यह हर क्षण स्मरण कराती है कि जीवन में सर्वश्रेष्ठ कार्य करते जायें और समय पर हर कार्य पूरा करें। उन्होंने कहा कि उज्जैन आध्यात्मिक नगरी के साथ ही समय (काल) की नगरी भी है। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा करते हुए कहा कि यह आध्यात्मिक कुंभ है और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सांसारिक और आर्थिक महाकुंभ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाकाल भस्म आरती के दुर्लभ दर्शन की वीआर (वर्चुअल रियलिटी) हेडसेट सेवा भी लॉन्च की। (वीआर) वीथि संकुल में उपलब्ध रहेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समय के सदुपयोग और कर्म पर बल देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीता में यही उपदेश दिया है कि सभी को अपने कर्मों के माध्यम से समाज के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो प्रवासी भारतीय सफलता की ऊंचाइयों पर पहुँचे हैं, उन्हें मध्यप्रदेश में निवेश करना चाहिए। इससे वे न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे, बल्कि हजारों लोगों के जीवन में सुधार लाने का पुण्य भी अर्जित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फ्रेंड्स ऑफ एमपी (यूके चैप्टर) के आबिद फारूकी और टीम के द्वारा मध्यप्रदेश के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए पर्यटन प्रमोशन फ्रेम का अनावरण किया।
मध्यप्रदेश सरकार करेगी पूर्ण सहयोग
प्रमुख सचिव, प्रवासी भारतीय विभाग संदीप यादव ने कहा कि नीति-निर्माण से विषयों पर केंद्र सरकार निर्णय लेती है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार स्थानीय स्तर की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक, सुविध शाह ने विदेश व्यापार से जुड़े विभिन्न प्रावधानों और मध्यप्रदेश में व्यापारिक सहयोग की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी।
प्रवासी भारतीयों और उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश की प्रगति को सराहा
फ्रेंड्स ऑफ एमपी (यूएई चैप्टर) के अध्यक्ष जितेंद्र वैद्य ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सशक्त और विकासपरक सोच के कारण मध्यप्रदेश आज हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हांगकांग के लीडिंग इन्वेस्टर और इंडिया कनेक्ट के ग्लोबल प्रेसिडेंट संजय नागरकर ने मध्यप्रदेश की औद्योगिक प्रगति की सराहना की। नागरकर ने कहा कि मध्यप्रदेश ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में लगातार प्रगति कर रहा है और लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से यहाँ असीम संभावनाएँ हैं। उन्होंने बताया कि "इंडिया कनेक्ट" ग्रुप ने निकट भविष्य में 65 हजार करोड़ रुपये के निवेश का संकल्प लिया है। हाल ही में 6 हजार 500 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू भी साइन किया गया है। उन्होंने बताया कि इंडिया कनेक्ट समूह अब बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के साथ बॉयो केमिस्ट्री में एमओयू करने जा रहा है और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी कार्य करेगा।
बंकिंघमशायर (लंदन) की मेयर सुप्रेरणा भारद्वाज, फ्रेंड्स ऑफ एमपी (बॉस्टन चैप्टर) के अध्यक्ष रोहित दीक्षित, कार्यक्रम में फ़िजी के हाई कमिश्नर जगन्नाथ साई, जिम्बाब्वे के राज मोदी, फ्रेंड्स ऑफ एमपी चैप्टर के कई सदस्य और मध्यप्रदेश से जुड़े प्रवासी भारतीयों ने समिट में सहभागिता की। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर केंद्रित लघु फ़िल्मों का प्रदर्शन किया गया।
मध्यप्रदेश 2047 तक 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए तैयार: सीआईआई रिपोर्ट
25 Feb, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था संभावित रूप से अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को 2047-48 तक 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (248.6 लाख करोड़ रुपये) तक बढ़ा सकती है, जो मौजूदा 164.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (13.6 लाख करोड़ रुपये) से 8.6% की सीएजीआर से बढ़ सकती है। "एन विज़निंग मध्यप्रदेश इकोनॉमी@2047" शीर्षक वाली रिपोर्ट, आर्थिक विकास के लिए एक दृष्टिकोण, प्रमुख क्षेत्रों की पहचान, नीतिगत हस्तक्षेप और निवेश के अवसरों की रूपरेखा तैयार करती है जो राज्य के परिवर्तन को आगे बढ़ाएंगे।
रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, सीआईआई के महानिदेशक,चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने और विकास को गति देने के लिए समर्पित एक सक्रिय राज्य सरकार के साथ, मध्य प्रदेश 2047-48 तक भारत की जीडीपी में अपना योगदान मौजूदा 4.6% से बढ़ाकर 6.0% करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
रिपोर्ट व्यापक डेटा विश्लेषण और हितधारक परामर्श पर आधारित है, जिसमें उद्योग के नेताओं, नीति निर्माताओं और अकादमिक विशेषज्ञों के इनपुट शामिल हैं। यह मध्य प्रदेश की पूर्ण आर्थिक क्षमता को उजागर करने, सतत विकास, रोजगार सृजन और बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करने के लिए एक ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करता है।
इसके अलावा, रिपोर्ट इस बात पर ज़ोर देती है कि मध्य प्रदेश (एमपी) को अपने महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विनिर्माण और औद्योगिक विस्तार को केंद्र में रखना होगा। जबकि कृषि क्षेत्र वर्तमान में मप्र की अर्थव्यवस्था में 43% योगदान देता है, दीर्घकालिक विकास को बनाए रखने के लिए विनिर्माण की हिस्सेदारी 2047 तक 7.2% से बढ़कर 22.2% होनी चाहिए।
इसे प्राप्त करने के लिए, रिपोर्ट क्षैतिज (क्रॉस-सेक्टोरल) और ऊर्ध्वाधर (सेक्टर-विशिष्ट) दृष्टिकोणों में वर्गीकृत रणनीतिक हस्तक्षेपों की रूपरेखा तैयार करती है। क्षैतिज हस्तक्षेप इस प्रकार हैं:
सबसे पहले, राज्य सरकार को परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर, अधिक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करके, एयर कार्गो हब का विस्तार करके और हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करके बुनियादी ढांचे के विकास को आगे बढ़ाना जारी रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त, राज्य को क्षेत्र-विशिष्ट औद्योगिक पार्क और स्मार्ट सिटी बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को एकीकृत करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक पार्क बनाने पर भी ध्यान देना चाहिए।
दूसरे, विशेष रूप से कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे रोजगार लोचदार क्षेत्रों के लिए कुशल कार्यबल की उपलब्धता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके लिए, राज्य सरकार को और अधिक कौशल पार्क स्थापित करने चाहिए और कौशल अंतराल को दूर करने के लिए कौशल विकास में उद्योग की भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए।
तीसरा व्यवसाय करने में आसानी में सुधार से संबंधित है जो व्यवसाय के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। निर्बाध अनुमोदन और मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम (एसडब्ल्यूएस) की दक्षता बढ़ाने से महत्वपूर्ण लाभ मिल सकते हैं। भूमि अधिग्रहण और पंजीकरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, निरीक्षणों को एकीकृत करना और समय पर मंजूरी प्रदान करना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। चौथा एमएसएमई को बढ़ाने से संबंधित है। यह सर्वविदित है कि एमपी एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए एक संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र का दावा करता है और जहां तक छोटे पैमाने के उद्यमों की संख्या का सवाल है, दस शीर्ष राज्यों में से सातवें स्थान पर है। आगे का कार्य रियायती ऋण व्यवस्था के माध्यम से ऋण तक पहुंच में सुधार, प्रदर्शनियों और व्यापार मेलों में भाग लेकर बाजार पहुंच में सुधार के लिए समर्थन, एमएसएमई को बढ़ाने के लिए निर्यात सहायता की सुविधा, कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करना, डिजिटलीकरण और तकनीकी उन्नयन की सुविधा जैसे उपायों के माध्यम से एमएसएमई को बढ़ाना है।
उपरोक्त के अलावा, चार गेम-चेंजिंग हस्तक्षेप हैं जो राज्य को वैश्विक मानचित्र पर लाएंगे। इनमें निर्यात को बढ़ावा देने, गहन तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने, हरित संक्रमण को सुविधाजनक बनाने और संस्थागत तंत्र को मजबूत करने से संबंधित उपाय शामिल हैं। बाद को आर्थिक सुधारों के व्यापक स्पेक्ट्रम को संबोधित करने के लिए एक आर्थिक सलाहकार परिषद बनाकर लागू किया जा सकता है। क्षैतिज हस्तक्षेपों के अलावा, रिपोर्ट ऊर्ध्वाधर हस्तक्षेपों को भी कवर करती है जिसमें कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्युटिकल, चिकित्सा उपकरण और स्वास्थ्य देखभाल, पेट्रोकेमिकल्स और प्राकृतिक गैस, पर्यटन, आईटी और आईटीईएस, रक्षा और एयरोस्पेस, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उच्च प्रभाव और उभरते क्षेत्रों के लिए क्षेत्र विशिष्ट रणनीतियां शामिल हैं।
बनर्जी के अनुसार, राज्य की अर्थव्यवस्था एक मोड़ पर है और औद्योगिक क्षमताओं को विकसित करने के लिए संरचनात्मक सुधार को आगे बढ़ाना राज्य में निवेशक आकर्षण में सुधार की कुंजी होगी। मध्यप्रदेश ने तकनीकी नवाचार, उन्नत कृषि पद्धतियों और व्यापक फसल विविधीकरण के आधार पर कृषि उत्कृष्टता के निर्माण के लिए नई कसौटी तैयार की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कृषि में देखी गई सफल रणनीतियों के आधार पर, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में पहल की आवश्यकता है जो राज्य को प्रगति की दिशा में नए रास्ते खोलने में मदद करेगी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह का भोपाल आगमन पर हुआ आत्मीय स्वागत
25 Feb, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का मंगलवार को भोपाल आगमन पर आत्मीय स्वागत किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री शाह शाम 4 बजे विशेष विमान से के राजकीय विमानतल पर पहुंचे।
राजकीय विमानतल पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधयों ने उनका पुष्प-गुच्छ भेंट कर हार्दिक अभिनंदन किया।
डीजीपी कैलाश मकवाना, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा ने भी उनका स्वागत किया।
व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
25 Feb, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में एमओयू की जानकारी मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल के अंतर्गत कुल राशि 2305 करोड़ रुपये की राशि के 19 एमओयू हुए हैं।
रिलायंस द्वारा राशि 1,000 करोड़ रुपये
वैद्यनाथ ग्रुप द्वारा निवेश का प्रस्ताव भी प्राप्त हुआ है।
मैजेस्टिक बासमती राइस प्राइवेट लिमिटेड रायसेन द्वारा राशि 1000 करोड़ रुपये
आरएम ग्रुप द्वारा राशि 100 करोड़ रुपये
मशरूम वर्ल्ड भोपाल द्वारा राशि 100 करोड़ रुपये
वी विन लिमिटेड भोपाल द्वारा राशि 40 करोड़ रुपये
न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति नोएडा यूपी द्वारा राशि 30 करोड़ रुपये
एग्रीविस्टा एआई प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राशि 25 करोड़ रुपये
सवीर बायोटेक लिमिटेड नोएडा यूपी द्वारा राशि 10 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। दुग्ध क्षेत्र, पर्यटन, एमएसएमई सहित हर क्षेत्र में सहकारिता का अलग ही महत्व है। सहकारिता के बिना कुछ भी संभव नहीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जीआईएस के दूसरे दिन थीमेटिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि जिस क्षेत्र में भी इन्वेस्टर काम करना चाहते हैं, म.प्र. सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मौजूदगी में 19 एमओयू होना क्रांतिकारी पहल है। यह सहकारिता और अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने के लिये उपयोगी साबित होंगे।
सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने को-ऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट-पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल की घोषणा कर सहकारिता क्षेत्र में सीपीपीपी के तहत कुल राशि 2305 करोड़ रूपये की राशि में 19 एमओयू किये गये। मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश का सीपीपीपी मॉडल देश की सहकारिता को बदलने का काम करेगा। बिना सहकार के रोजमर्रा की जिंदगी नहीं जी सकते। सहकारिता क्षेत्र में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को भी जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र का नेटवर्क बहुत बड़ा है। हर व्यक्ति तक पहुंच बनाने के लिए सहकारिता बड़ा माध्यम है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहकारिता क्षेत्र में 2305 करोड़ से अधिक के एमओयू
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्री विश्वास सारंग की उपस्थिति में निवेशकों ने किये 19 एमओयू
मध्यप्रदेश में सीपीपीपी- कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर होगा कार्य
मंत्री विश्वास सारंग ने की है सीपीपीपी मॉडल की शुरुआत
समिट में पहली बार किया गया है सहकारिता क्षेत्र का विशेष सत्र
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने निवेशकों को दी शुभकामनाएं
मंत्री सारंग ने की घोषणा, सहकारिता विभाग में निवेश विंग की होगी स्थापना
रिलायंस, वैधनाथ जैसी बड़ी कम्पनियां करेंगी सहकारिता क्षेत्र में निवेश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के सपने को पूरा करने के लिये सहकारिता को मूल बनाया तो उस ध्येय तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकार से ही समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
मंत्री सारंग ने सहकारिता विभाग में निवेश विंग की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि निवेश विंग डे-टू-डे काम करेगी। वो स्वयं इसकी मॉनीटरिंग करेंगे। उन्होंने जुड रहे निवेशकों का धन्यवाद दिया और नये इन्वेस्टर से जुडने का आग्रह किया कि सभी देश और प्रदेश की इकॉनॉमी ग्रोथ में अपना योगदान दें।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ ने कहा कि सहकारिता हमारा संस्कार है। पुराने समय से ही सहकारिता का अपना अलग महत्व है। उन्होंने बताया कि एक लाख पैक्स देशभर में है और 30 करोड़ की आबादी सहकारिता से जुड़ी हुई हैं। इस अमृतकाल में यही वह क्षेत्र है जो बहुत ज्यादा आगे बढ़ सकता है। सहकारिता में पैक्स को कम्प्यूटराईजेशन का काम चल रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं विश्वास करें अगले दो वर्ष में यह समृद्धि के नये कीर्तिमान रचेगी। म.प्र. का नया सीपीपीपी मॉडल को भारत सरकार की ओर से पूरा सहयोग कर आगे बढ़ाया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल ने कहा कि जीआईएस में पहली बार सहकारिता क्षेत्र को जोड़ा गया है। हर क्षेत्र में सहकारिता की समितियां है। उन्होंने बातया कि मध्यप्रदेश में एक करोड़ 9 लाख सदस्य है और 16 हजार आउटलेट का नेटवर्क है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि म.प्र. में पैक्स हर जरूरत पूरी करेगी। यह किसानों के लिये भी लाभदायक होगा।
कार्यक्रम में बुलढाणा अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के संस्थापक एवं अध्यक्ष राधेश्याम चांडक, रिलायंस के कुमार अभिषेक, प्रतिभा सिन्टेक्स के श्रेयसकर चौधरी, एग्रीविस्टा के राजीव सिंह, वैधनाथ के अनिरूद्ध गौर, भारतीय बीज के जे.पी. सिंह, मेजेस्टिक बासमती के विज्ञान लोधा, आरएम ग्रुप के अनिमेष जैन, मशरूम वर्ल्ड के समीर सागर, वी विन के अभिषेक गुप्ता, न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति के प्रदीप द्विवेदी, सावीर बॉयोटेक के संदीप सुदन आदि ने अपने विचार साझा किये।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मध्य प्रदेश के भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित किया
25 Feb, 2025 09:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज मध्य प्रदेश के भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने कहा कि इस दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कुल 30 लाख 77 हज़ार करोड़ रूपए के MOUs किए गए। उन्होंने कहा कि इनमें से कई MOUs ज़मीन पर उतरेंगे और एक बड़ी इंडस्ट्री के साथ-साथ सहायक उद्योगों को भी मध्य प्रदेश में स्थापित करने में राज्य सरकार को मदद करेंगे। श्री शाह ने कहा कि दो दिवसीय समिट में 200 से अधिक भारतीय कंपनियां, 200 से अधिक वैश्विक सीईओ, 20 से अधिक यूनिकॉर्न संस्थापक और 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि मध्य प्रदेश में निवेश करने और यहां के माहौल को देखने आए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार मध्य प्रदेश ने एक नए प्रयोग के तहत हर क्षेत्र का अलग-अलग इन्वेस्टमेंट समिट कर पूरे मध्य प्रदेश का समविकास करने का प्रयास किया है, जो आने वाले दिनों में कई राज्यों को दिशा दिखाएगा। अमित शाह ने कहा कि इस समिट में मध्य प्रदेश ने विकास के लिए अपने industrial potential, sectoral potential और global potential को भी एक्सप्लोर करने के सारे रास्ते खोलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इस समिट ने मध्य प्रदेश के विकास को नया आयाम देने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश हमारे देश की भव्य सांस्कृतिक विरासत से भरपूर है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिए गए ‘विकास भी विरासत भी’ के सूत्र को चरितार्थ करने के लिए राज्य कई प्रयास कर रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के युवाओं और 130 करोड़ की जनता के सामने 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने और 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की ये इन्वेस्टमेंट समिट इन दोनों लक्ष्यों को सिद्ध करने में न सिर्फ सहायक होगी बल्कि इनमें बहुत बड़ा योगदान भी देगी। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की टीम इंडिया की कल्पना में भारत सरकार और सभी राज्यों की टीमों को साथ मिलकर पूरे देश का विकास करने की दिशा में जान का लक्ष्य रखा गया था जिसे इस कार्यक्रम ने आगे बढ़ाया है। अमित शाह ने कहा कि इस समिट में लोकल और ग्लोबल दोनों प्रकार के निवेश में वृद्धि करने के कई आयाम हासिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये समिट भारत की अमृत पीढ़ी के लिए कौशल विकास के कई द्वार भी खोलेगी। श्री शाह ने कहा कि ऑटोमेशन और जॉब क्रिएशन के बीच समन्वय बनाकर मध्य प्रदेश सरकार ने अलग अलग सेक्टर्स के लिए जो नीतियां बनाई हैं वो आगे बढ़ेंगी और ये समिट भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में भी बहुत सहायता करेगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में एक स्थायी औऱ मज़बूत सरकार काम कर रही है, जिससे विकास के द्वार खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के दिल जैसे मध्य प्रदेश की एक स्ट्रैटेजिक लोकेशन है और यहां बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बन चुका है। इसी प्रकार, स्किल्ड वर्कफोर्स की एक बड़ी फौज यहां उपलब्ध है और प्रशासन ने बेहतरीन इकोसिस्टम भी उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश से अधिक मार्केट का एक्सेस भी किसी को उपलब्ध नहीं है और डिमांड ओरिएंटेड इकोनॉमी भी अब यहां काफी तेज़ी से बढ़ रही है। श्री शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के पारदर्शी शासन ने निवेश के लिए काफी लोगों को आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि यहां land भी है, labour force भी है, mines भी हैं minerals भी हैं, उद्योगों के लिए संभावनाएं और अवसर भी हैं, शिक्षित युवा भी हैं और स्किल्ड वर्कफोर्स भी है। गृह मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश आज पूरे भारत में हर प्रकार से निवेश के लिए एक बड़ा आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। अमित शाह ने कहा कि एक जमाने में मध्य प्रदेश की गिनती बीमारू राज्यों में होती थी लेकिन हमारी सरकार के 20 साल के सतत शासन के बाद यहां 5 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क बना है, आज यहां 6 हवाईअड्डे हैं, 31 गीगावॉट की ऊर्जा क्षमता है जिसमें से 30 प्रतिशत क्लीन एनर्जी है। उन्होंने कहा कि IIM, IIT, AIIMS, IITM, NIFT और NIFD जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थान मध्य प्रदेश के युवाओं को इन मौकों के दोहन के लिए योग्य बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देशभर में सबसे अधिक खनिज संपदा वाले राज्यें में से एक है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश एक प्रकार से देश का कॉटन कैपिटल भी बन गया है और देश के 25 प्रतिशत ऑर्गेनिक कॉटन की सप्लाई यहां से होती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को फूड प्रोसेसिंग के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। गृह मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के लिए जनविश्वास विधेयक पारित करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 10 साल के शासन में देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो गुना हुआ है, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2 गुना हो चुका है औऱ प्रति व्यक्ति आय भी दस साल में दो गुना हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दस साल में देश में एक बहुत बड़ी और बुलंद इमारत की नींव डालने का काम किया है और इस पर आने वाले दस साल में भारत के विकास के कई नए आयाम गढ़े जाएंगे।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 साल में देश के 54 करोड़ लोगों को बैंकिंग नेट में लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास आज़ादी के 75 साल तक बैंक अकाउंट ही नहीं था, लेकिन आज इन्हें बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने का काम मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि Insolvency & Bankruptcy और NPA को 2.5 प्रतिशत से नीचे लाने, जीएसटी का सफल इम्प्लीमेंटेशन, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और इन्फ्रास्ट्रक्चर के कई काम पिछले 10 साल में मोदी जी के शासनकाल में हुए हैं। श्री शाह ने कहा कि देश में 60 हज़ार किलोमीटर राजमार्ग की वृद्धि, 8 लाख किलोमीटर गावों के रास्ते बने हैं, हवाईअड्डे 74 से बढ़कर 157 हुए हैं, रेलवे काविस्तार डबल हुआ है और कार्गो की हैंडलिंग में भी दो गुनी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भारत कई नई पहल कर आने वाले 25 साल तक विश्व की आर्थिक दिशा तय करने वाले सेक्टर्स का संस्थापक बना है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज मध्य प्रदेश की इन्वेस्टमेंट समिट ने न सिर्फ राज्य बल्कि भारत के विकास को भी गति देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश आने वाले दिनों में भारत के प्रमुख उद्योगों को स्थापित करने वाले राज्यों में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एक पारदर्शी शासन, स्थायी नीतियां और दो कदम आगे बढ़कर हाथ मिलाने वाला प्रशासन भी मिलेगा।
उद्योगों के विकास से ही बढ़ेंगे रोजगार के अवसर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
25 Feb, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : दो दिवसीय ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के दूसरे दिन सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम तथा स्टार्ट-अप समिट सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी का अभिवादन करते हुए संबोधन में कहा कि यह दो दिवसीय समिट सकारात्मक भावना और योजनाबद्ध तरीके से आयोजित की गई है। संभागवार रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर हमने प्रदेश में एक सकारात्मक औद्योगिक वातावरण तैयार करने का प्रयास किया है। जिससे व्यापक संवाद हुआ है, और इसके उत्साहजनक परिणाम एमएसएमई क्षेत्र में देखने को मिले है। उन्होंने कहा कि उद्योग और निवेश को प्रोत्साहित किए बिना आर्थिक आधार मजबूत नहीं हो सकता। उद्योगों के विकास से ही रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और प्रदेश समृद्ध होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र बहुत विस्तृत है और इससे नई संभावनाओं के द्वार खुले है। उन्होंने प्रदेश के मंत्री चैतन्य काश्यप की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में लागू की गई नई एमएसएमई नीति में सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को समाहित किया गया है, जिससे यह क्षेत्र और अधिक सशक्त बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास व्यक्त किया कि समिट के अंत में जब आंकड़े आएंगे तब तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि एमएसएमई सेक्टर को अभूतपूर्व उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी कमिटमेंट कर रही है और जिस पारदर्शिता के साथ नीतियों को लागू कर रही है, वह प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने एमएसएमई विभाग की सराहना की और कहा कि सरकार की नीतियां स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमारी सरकार और उद्यमी मिलकर सफलता के नए आयाम स्थापित करेंगे।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उद्योग जगत के सभी साथियों का अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने उद्यमियों के प्री-प्रोडक्शन से पोस्ट-प्रोडक्शन तक की हर प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए नई 18 नीतियां लागू की हैं। भूमि आवंटन प्रक्रिया को भी सरल किया गया है ताकि उद्यमियों को सरकारी सुविधाओं का लाभ आसानी से और निश्चित समय में मिले। मंत्री काश्यप ने कहा कि सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के दो मुख्य लक्ष्यों पर कार्य कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि नई नीतियों की आवश्यकता हुई तो सरकार उद्यमियों के साथ पूरी पारदर्शिता से काम कर उसे भी लागू करेगी। उन्होंने समिट से प्रदेश के सुनहरे भविष्य की कल्पना करते हुए कहा कि नवाचारों और निवेश से लाखों रोजगार सृजित होंगे, इससे देश विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर होगा।
सत्र के आरंभ अवसर पर एमएसएमई सचिव श्रीमती प्रियंका दास द्वारा एमएसएमई और स्टार्ट-अप इको सिस्टम के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी।
एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार की अपर विकास आयुक्त सुअश्विनी लाल ने बताया कि एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से ग्रामीण, शहरी और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के जरिए युवाओं को आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए तैयार किया जा रहा है।
उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने की मध्यप्रदेश सरकार की नीतियों की सराहना
एसएवी, दुबई की फाउंडर सुपूर्वी मुनोट ने कहा कि एमपी सरकार ने उद्योगों और युवाओं के लिए सकारात्मक परिवेश तैयार किया है। राज्य एआई, ग्रीन एनर्जी और लॉजिस्टिक सप्लाई चेन के माध्यम से ग्लोबल हब बन रहा है।
इन एंड ब्रेडस्ट्रीट, मुंबई के एमडी व सीईओ अविनाश गुप्ता ने कहा कि नवाचारों से भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। एशियाई विकास बैंक की डिप्टी कंट्री डायरेक्टर सुआरती मेहरा ने कृषि, ऑर्गेनिक फार्मिंग और उद्यमियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की प्रशंसा की।
नेशनल एमएसएमई बोर्ड के चेयरमैन सुनील ने एमपी सरकार की 18 नई नीतियों को सराहा और कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होंगी।
सत्र के अंत में स्टार्ट-अप और इको सिस्टम पर आधारित शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश सरकार की उपलब्धियों और आसान नीतियों को दर्शाया गया। सत्र में अन्य उद्योगपति एवं विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
बेटे भाग्य से और बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
25 Feb, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे लिए यह सुखद अहसास है कि आज आष्टा की पावन धरा पर मुख्यमंत्री कन्या विवाहा और निकाह योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक साथ 990 बेटियां दुल्हन बनी हैं। इनमें 792 जोड़े हिंदू और 198 जोड़े मुस्लिम रीति-रिवाज से परिणय सूत्र में बंधे हैं, यह सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण है। शादी के बंधन में बंधने वाले 2 जोड़े कल्याणी विवाह योजना एवं 2 जोड़े निशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आष्टा सीहोर में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री निवास, भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने को आष्टा में हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजकों को बधाई एवं विवाहित दंपतियों को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश निरंतर प्रगति कर रहा है। राज्य सरकार भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र के साथ प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए नीतियों का क्रियान्वयन कर रही है। प्रदेश में योजना के अंतर्गत 19 हजार से अधिक कन्याओं के विवाह संपन्न कराए गए, जिस पर लगभग 115 करोड़ रुपए का व्यय किया गया। प्रदेश में गरीब, बुजुर्ग, कल्याणी एवं दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। सामाजिक पेंशन योजना के अंतर्गत प्रति माह 337 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरित किए गए हैं। प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार सभी पात्र हितग्राहियों को लाडली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय सनातन परंपरा में विवाह जन्म -जन्मान्तर तक चलने वाला पवित्र बंधन है। उन्होंने सामूहिक विवाह कार्यक्रम के माध्यम से गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाले सभी दंपतियों को सुखमय जीवन की मंगलकामनाएं दीं। आष्टा में हुए कार्यक्रम में विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर, रचना मेवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष सीहोर दीक्षा गुणवान जनपद पंचायत अध्यक्ष आष्टा तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
"भारतीय रेलवे नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर" - अश्विनी वैष्णव
25 Feb, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रेलवे और मध्य प्रदेश सरकार के बीच सबसे सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर
भोपाल: भारतीय रेलवे अब तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए 4,260 मेगावाट (MW) स्थापित सौर ऊर्जा और 3,427 मेगावाट (MW) स्थापित पवन ऊर्जा की व्यवस्था कर चुका है। रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव को इस परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराने हेतु धन्यवाद दिया। इस वर्ष, मध्य प्रदेश में 272 किलोमीटर नए रेल मार्ग बिछाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु:
• रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला की उपस्थिति में 400 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए समझौता पत्र (PPA) पर हस्ताक्षर किए गए।
• यह भारत की सबसे सस्ती सौर ऊर्जा होगी, जिसकी कीमत ₹2.15 प्रति किलोवाट घंटा (kWh) तय की गई है।
• मध्य प्रदेश सरकार की Rewa Ultra Mega Solar Power Limited (RUMSL) भारतीय रेलवे को अपनी सबसे बड़ी सौर परियोजना से ऊर्जा उपलब्ध करा रही है।
• भारतीय रेलवे नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने और सड़क से रेल परिवहन की ओर बदलाव के प्रयास में है, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने, तेल आयात में कमी और लॉजिस्टिक्स लागत घटाने में मदद मिलेगी।
भारतीय रेलवे की ऊर्जा योजना:
• रेलवे अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को गैर-जीवाश्म स्रोतों (सौर, पवन, परमाणु) से पूरा करने के लिए कार्य कर रहा है।
• रेलवे अपने खुद के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के अलावा PPA मॉडल के माध्यम से निजी डेवलपर्स के साथ भी साझेदारी कर रहा है।
• 2030 तक रेलवे की विद्युत ऊर्जा आवश्यकता 10,000 मेगावाट होगी, जिसमें से:
o 1,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का समझौता किया गया है।
o 500 मेगावाट रूफटॉप सौर एवं पवन ऊर्जा।
o 500 मेगावाट IRCON संयंत्र (कर्नाटक)।
o 400 मेगावाट PPA (आज का समझौता)।
o 100 मेगावाट अन्य स्थानों पर।
RUMSL परियोजना का अवलोकन
• कुल क्षमता: 1,500 मेगावाट
• सौर पार्क के स्थान: अगर, शाजापुर और नीमच (मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी जिले)
• रेलवे को आपूर्ति:
o कुल 400 मेगावाट स्थापित क्षमता में से 195 मेगावाट रेलवे के लिए।
o 757 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष सौर ऊर्जा।
• टैरिफ: ₹2.15 प्रति किलोवाट घंटा (नीमच यूनिट - भारत में सबसे कम)
• संयुक्त उद्यम: Solar Energy Corporation of India (SECI) एवं मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVNL)
• PPA की अवधि: 25 वर्ष
• नोडल रेलवे: पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) – छह राज्यों में ग्रिड के माध्यम से आपूर्ति।
• लक्ष्य तिथि: दिसंबर 2025।
RUMSL परियोजना की प्रमुख बातें
• MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) द्वारा RUMSL को सौर ऊर्जा पार्क विकासकर्ता (SPPD) के रूप में नामित किया गया।
• इसे भारत सरकार की Ultra Mega Renewable Energy Power Projects (UMREPP) योजना के तहत विकसित किया जा रहा है।
• यह परियोजना DBFOO मॉडल (डिज़ाइन, बिल्ड, फ़ाइनेंस, ओन और ऑपरेट) पर आधारित है।
• इस संयंत्र से भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 2.50% की वृद्धि हुई।
• यह भारत की अब तक की सबसे कम लागत वाली सौर ऊर्जा PPP (Public-Private Partnership) परियोजना है।
• इस परियोजना को प्रधानमंत्री की "Book of Innovation" में स्थान मिला है और इसे विश्व बैंक द्वारा "President Award" भी दिया गया है।
मध्य प्रदेश के लिए रेलवे मंत्री ने कहा:
• रेलवे बजट आवंटन: 2025-26 में मध्य प्रदेश के लिए 14,745 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, जो 2009-14 के औसत वार्षिक आवंटन (632 करोड़ रुपये) से 23 गुना अधिक है।
• 2014 से अब तक मध्य प्रदेश में 2,456 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए, जो पूरे डेनमार्क के रेलवे नेटवर्क से भी अधिक है।
• 2014 से अब तक 2,808 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया। अब मध्य प्रदेश 100% विद्युतीकृत राज्य बन गया है।
• 80 अमृत रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जिन पर 2,708 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
मध्य प्रदेश में हाल ही में स्वीकृत रेलवे परियोजनाएं:
1. मनमाड़ - इंदौर नई रेल लाइन (309 किमी; ₹18,036 करोड़)
2. भुसावल – खंडवा तीसरी एवं चौथी लाइन (131 किमी; ₹3,514 करोड़)
3. प्रयागराज (इरादतनगर) - माणिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी; ₹1,640 करोड़)
मध्य प्रदेश में अप्रैल 2024 के बाद चालू हुई रेलवे परियोजनाएं:
• रामगंजमंडी-भोपाल नई रेल लाइन में घटोली-नयागांव सेक्शन का 2.5 किमी कार्य पूरा हुआ।
• कटनी-सिंगरौली डबलिंग परियोजना में विजयसोता - बेओहारी सेक्शन का 30.1 किमी कार्य पूरा हुआ।
• बीना - कटनी तीसरी लाइन के हारदुआ - नई मझगांव फाटक सेक्शन का 12 किमी कार्य पूरा हुआ।
• बीना - कटनी तीसरी लाइन के गणेशगंज - पथरिया सेक्शन का 13 किमी कार्य पूरा हुआ।
• इंदौर - खंडवा गेज कन्वर्शन परियोजना के राऊ - डॉ. अंबेडकर नगर सेक्शन का 11.4 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रतलाम-महू-खंडवा-अकोला परियोजना में दादरनगर - पातालपानी सेक्शन का 5.5 किमी कार्य पूरा हुआ।
• अनूपपुर-कटनी तीसरी लाइन में बढ़वाबारा - घुंघुटी सेक्शन का 13 किमी कार्य पूरा हुआ।
• कोटा-बीना डबलिंग परियोजना के मालखेड़ी-महादेवखेड़ी सेक्शन का 6.9 किमी कार्य पूरा हुआ।
• महू-खंडवा-अकोला गेज कन्वर्शन में सनावद-ओंकारेश्वर सेक्शन का 5 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रतलाम-नीमच डबलिंग परियोजना में नामली-बड़याला-चौरासी सेक्शन का 11.2 किमी कार्य पूरा हुआ।
• कटनी-सिंगरौली डबलिंग परियोजना में जोबा - मरवासग्राम सेक्शन का 7.6 किमी कार्य पूरा हुआ।
• ललितपुर-सिंगरौली नई रेल लाइन में सतना-बरेठिया सेक्शन का 19 किमी कार्य पूरा हुआ।
• बीना - कटनी तीसरी लाइन के दमोह - असलाना सेक्शन का 14 किमी कार्य पूरा हुआ।
• अनूपपुर-कटनी तीसरी लाइन के घुंघुटी-मुदरिया-बीसिंगपुर सेक्शन का 16.3 किमी कार्य पूरा हुआ।
• निगाही ROR परियोजना का 0.77 किमी कार्य पूरा हुआ।
• जयंत फेज-2 साइडिंग परियोजना का 1.3 किमी कार्य पूरा हुआ।
• तीसरा सिलो (Dudhichua Siding) परियोजना का 1.14 किमी कार्य पूरा हुआ।
• मथुरा-झांसी तीसरी लाइन के अंतरी-संदलपुर सेक्शन का 6.56 किमी कार्य पूरा हुआ।
• मथुरा-झांसी तीसरी लाइन के ग्वालियर-संदलपुर सेक्शन का 16.03 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रतलाम-नीमच डबलिंग परियोजना के हर्कियाखाल-मल्हारगढ़ सेक्शन का 13 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रामगंजमंडी-भोपाल नई रेल लाइन में नयागांव-खिलचीपुर सेक्शन का 22.328 किमी कार्य पूरा हुआ।
• अनूपपुर-कटनी तीसरी लाइन में उमरिया-लोहरा सेक्शन का 10 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रामगंजमंडी-भोपाल नई रेल लाइन के संत हिरदाराम नगर-झारखेड़ा सेक्शन का 20.5 किमी कार्य पूरा हुआ।
कुल 272.1 किमी रेलवे लाइन चालू की गई
भारतीय रेलवे और मध्य प्रदेश सरकार के बीच यह ऐतिहासिक समझौता देश में नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को दर्शाता है और रेलवे को आत्मनिर्भर एवं पर्यावरण-अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 🚆⚡
10 लाख आवासीय मकानों के प्रस्ताव मंजूर...GIS में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल बोले
25 Feb, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन (मंगलवार) शिरकत की। उन्होंने 'अनलॉकिंग लैंड वैल्यू एंड सिटीज' विषय पर आयोजित सत्र में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की 18 नीतियों से निवेशकों को लाभ मिलेगा और सरकार स्लम क्षेत्रों के विकास के लिए भी प्रयास कर रही है।
भोपाल मेट्रो और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर जोर
केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहा कि भोपाल मेट्रो से जुड़ी कुछ और मांगें सामने आई हैं, जिन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार किफायती आवास उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास कर रही है। सरकार निवेशकों की जरूरत के हिसाब से मदद करेगी और निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम का लाभ भी मिलेगा।
2047 तक शहरी आबादी का लक्ष्य
खट्टर ने कहा कि 2047 तक देश की शहरी आबादी कुल आबादी का 50% हो जाएगी। इसके लिए शहरी विकास और शहरी गतिशीलता को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) नीति का जिक्र करते हुए कहा कि किफायती आवास की जरूरत को पूरा करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
पीएम आवास योजना के तहत 10 लाख मकान स्वीकृत
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में जिनके पास मकान नहीं थे, उनमें से 9 लाख लोगों को मकान उपलब्ध करा दिए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा 10 लाख और मकानों की मांग की गई थी, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकृत कर दिया है। इससे राज्य के गरीब और बेघर लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
इलेक्ट्रिक वाहन नीति और स्लम विकास
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मध्य प्रदेश द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार स्लम क्षेत्रों के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन की तारीफ की और कहा कि सभी को उनके अनुभव का लाभ उठाना चाहिए।
नीति में निवेशकों के सुझावों को शामिल करने का आश्वासन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निवेशकों द्वारा दिए गए सुझावों को सरकारी नीतियों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के लिए जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, केंद्र सरकार उन पर गंभीरता से काम करेगी। इससे निवेशकों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और राज्य का तेजी से विकास होगा।
खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में मप्र में निवेश की अपार संभावनाएं
25 Feb, 2025 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में केन्द्रीय कृषि मंत्री बोले
प्रदेश में उद्यानिकी फसलों का रकबा 5 साल में 27 लाख से बढक़र होगा 32 लाख हैक्टेयर
प्रदेश में 8 फूड पार्क, 5 एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, 2 मेगा फूड पार्क और 2 मसाला पार्क उपलब्ध
भोपाल । कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग द्वारा इनवेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में आयोजित सीड टू सेल्फ इन लांचिंग इन्वेस्टमेंट अपार्चुनिटी इन एमपी एग्री फूड एण्ड डेयरी सेक्टर पर आयोजित सत्र में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएँ हैं। मध्यप्रदेश निवेश के लिये आवश्यक अधोसंरचना के साथ एक लाख हैक्टेयर का लैण्ड बैंक रखने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों के अंतर्गत टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन, मिर्च, गेहूँ और चावल उत्पादन में देश अग्रणी है। उन्होंने कहा कि कृषि-उद्यानिकी उत्पादन की प्रचुर मात्रा में उत्पादन से किसान को फसल का भरपूर दाम नहीं मिल पाता है। इसलिये आवश्यक है कि प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जाये। इससे फसलों का वैल्यू एडीशन होगा। किसान और उत्पादक इकाई, दोनों लाभान्वित होंगे। इसी तरह भारत पूरी दुनिया में फूड प्रोसेसिंग के लिये वर्ल्ड लीडर बन सकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय फसलों का उत्पादन ब?ाने के लिये बीज और पौध की नवीन किस्म विकसित करवा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के कृषि उत्पादन को विदेशों में बेहतर मांग मिल सके, इसके लिये भारत सरकार द्वारा चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य कर दी है। साथ ही ऑइल पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दी है। इसका लाभ देश की फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को मिलेगा। उन्होंने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये भरपूर सहयोग का आश्वासन भी दिया।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने इनवेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 में आये सभी निवेशकों ओर विषय-विशेषज्ञों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, अपनी समृद्ध कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण क्षमताओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। प्रदेश के उद्यानिकी उत्पादों ने देश में अलग पहचान बनायी है। प्रदेश के 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। इसे आगामी 5 वर्षों में बढ़ाकर 32 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 400 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 500 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। देश के कुल जैविक उत्पादन में मध्यप्रदेश की भागीदारी 40 प्रतिशत है। प्रदेश का रियावन लहसुन और सुंदरजा आम विश्व बाजार में अपनी अलग पहचान रखता है। हमारी सरकार ने कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विशेष निवेश योजनाओं को लागू करते हुए ‘एक जिला-एक उत्पाद’ पहल के तहत 52 जिलों की विशिष्ट फसलें चिन्हित की हैं। राज्य सरकार द्वारा बनायी गयी नवीन निवेश नीतियों को निवेशकों के अनुकूल बनाया गया है। साथ ही इन नीतियों के निर्धारण के लिये निवेशकों के सुझाव भी राज्य सरकार द्वारा खुले मन से आमंत्रित किये गये हैं। निवेश प्रोत्साहन के लिये सिंगल विण्डो प्रणाली रखी गयी है, जिसमें भूमि का आवंटन एवं सभी प्रकार की अनुमतियां कम से कम समय में मिल सकेंगी। किसानों की आय, रोजगार, निवेश तथा निर्यात में वृद्धि राज्य सरकार का संकल्प है।