मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाशिवरात्रि पर सपत्नीक भगवान महाकाल की पूजा कर अभिषेक किया
26 Feb, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सपत्नीक महाशिवरात्रि महापर्व पर महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान बाबा महाकाल का जल, दुग्ध अभिषेक भी किया।
विक्रम महोत्सव 2025 के पूर्व कलश यात्रा का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नव जागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव-2025 समारोह के शुभारंभ के पहले बुधवार सुबह कलश यात्रा का शुभारंभ किया। इस मौके पर श्रीराम तिवारी निदेशक-महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, डॉ. प्रशांत पुराणिक, डॉ. रमण सोलंकी, संजय यादव, संजय अग्रवाल सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया आशीर्वाद, कहा- संतों ने हमेशा समाज को सही राह दिखाई
26 Feb, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह में शामिल हुईं। जहां उन्होंने नव दंपतियों को आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं उन्होंने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को धन्यवाद भी दिया। इस दौरान महामहिम ने कहा कि संतों ने हमेशा समाज को सही राह दिखाई है। बुधवार महाशिवरात्रि पर मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम में सामूहिक विवाह महोत्सव का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर से किया गया। इस कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हुईं। जहां उन्होंने 251 जोड़ों को आशीर्वाद दिया, साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं उन्होंने दूल्हा और दुल्हनों को सूट और साडिय़ां भेंट की हैं।
धीरेंद्र शास्त्री का धन्यवाद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभी जोड़ों को बधाई देती हूं। सभी को सुखमय जीवन की शुभकामनाएं। आपको विवाह सूत्र में बांधने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को धन्यवाद देती हूं। विवाहित जोड़ों को गृहस्थी के सामान के साथ-साथ जीवनयापन के लिए आटा चक्की और सिलाई मशीन भी दी जा रही है।
संतों ने समाज को सही राह दिखाई
महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों अपने कर्म और वाणी से जन मानस को राह दिखाई है। सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई है। अंधविश्वास के बारे में लोगों को जागरूक किया है। चाहे गुरुनानक हों, रविदास हों या संत कबीर दास हों, मीराबाई हों या संत तुकाराम, सभी ने समाज को सही राह दिखाई है।
राज्यपाल ने भी वर वधु को दी बधाई
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने वर वधु को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गरीब और वंचित बेटियों के विवाह का समारोह किया ये अनुकरणीय है। सामूहिक विवाह समारोहों से भावी पीढिय़ों को अच्छे संस्कारों की सीख मिलती है।
मध्यप्रदेश के विकास में जीआईएस-भोपाल ने रचा स्वर्णिम इतिहास: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
26 Feb, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : बुधवार, फरवरी 26, 2025, 19:45 IST
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में मध्यप्रदेश पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में निरंतर अभूतपूर्व उपलब्धियों के कीर्तिमान रचे जा रहे हैं। जीआईएस-भोपाल ने दो दिन में रिकार्ड 26.61 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जीआईएस-भोपाल ने निवेशकों को रिझाने में कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। इन निवेश प्रस्तावों में विगत एक वर्ष में आयोजित 7 रीजनल कॉन्क्लेव, 6 रोड शो एवं इंटरैक्टिव सेशन्स में मध्यप्रदेश को कुल 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनसे युवाओं के लिए रोजगार के 21.40 लाख से अधिक अवसर सृजित होंगे। मध्यप्रदेश एक वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। जीआईएस-भोपाल के दो दिनों में अलग-अलग सेक्टर में 85 से अधिक एमओयू किए गए हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अच्छे परिणाम से उत्साहित राज्य सरकार अब सेक्टर्स और क्षेत्रीय औद्योगिक विशिष्टताओं को निवेश के लिये आधार बनाकर भविष्य में इंड्स्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किये जाने की रणनीति बना रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में मध्यप्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। जीआईएस-भोपाल में मध्यप्रदेश ने निवेशकों को आकर्षित करने में कई राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन और मजबूत औद्योगिक नीतियों के कारण मात्र 2 दिनों में 26.61 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
1 वर्ष में कुल 30.77 लाख करोड़ का निवेश
जीआईएस-भोपाल की अभूतपूर्व सफलता के साथ, बीते एक वर्ष में राज्य को कुल 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों में पिछले वर्ष आयोजित 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, 6 रोड शो और इंटरैक्टिव सेशन्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इन निवेश प्रस्तावों से मध्यप्रदेश में 21.40 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही, मध्यप्रदेश एक वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है।
जीआईएस-2025 में प्राप्त हुए निवेश प्रस्ताव आयोजन में
कार्यक्रम
प्रस्तावित निवेश राशि (लाख करोड़ रुपये में)
प्रस्तावित रोजगार
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
2.34
2.74 लाख
इंटरैक्टिव सेशन
1.82
1.32 लाख
जीआईएस-2025
26.61
17.34 लाख
कुल निवेश प्रस्ताव
30.77
21.40 लाख
प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन से मिली सफलता
जीआईएस-भोपाल का शुभारंभ 24 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने किया। उन्होंने मध्यप्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं और निवेश के अनुकूल माहौल की सराहना करते हुए कहा कि "मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है, सही समय है।" उनके उद्बोधन ने अतिथि उद्यमियों के मन में मध्यप्रदेश में निवेश के प्रति भरोसे को और अधिक मजबूत किया। जीआईएस के दूसरे दिन निवेशकों को प्रोत्साहित करने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय नागरिक विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू उपस्थित रहे। गृह मंत्री शाह के उद्बोधन ने भी निवेशकों में मध्यप्रदेश की क्षमताओं के प्रति विश्वास जगाया। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की 18 नई औद्योगिक नीतियों का शुभारंभ भी किया। इससे प्रदेश में व्यापार और निवेश को और अधिक गति मिलेगी।
85 से अधिक एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
जीआईएस-भोपाल में विभिन्न सेक्टर्स में 85 से अधिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इन समझौतों के माध्यम से राज्य में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और विभिन्न सेक्टर्स में विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मध्यप्रदेश सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश न केवल औद्योगिक दृष्टि से सशक्त हो रहा है, अपितु युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य निवेशकों की फेवरेट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है और देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
विदेशी प्रतिनिधियों ने की निवेश संभावनाओं पर चर्चा
जीआईएस-भोपाल में विभिन्न देशों के उच्चायुक्तों और व्यापारिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें राजेंद्र मोदी, उप मंत्री, उद्योग एवं वाणिज्य, जिम्बाब्वे, डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, राजदूत, नेपाल, मोहम्मद रलीकी, राजदूत, तुर्की, सुस्टेला न्केरा, राजदूत, जिम्बाब्वे, डॉ. निजायर निफेस, राजदूत, बुर्किना फासो, यागी काजी, वाणिज्य दूत, जापान और वाल्टर फेरारा, वाणिज्य दूत, इटली प्रमुख हैं। इन सभी ने मध्यप्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण की प्रशंसा की और भविष्य में सहयोग को लेकर सकारात्मक संकेत दिए। मध्यप्रदेश की औद्योगिक यात्रा में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-भोपाल) का आयोजन मील का पत्थर सिद्ध हुआ है। इसमें 60 से अधिक देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। साथ हीकनाडा, जर्मनी, इटली, जापान, तुर्की, पोलैंड, रूस, रवांडा और यूएई जैसे 9 देश कंट्री पार्टनर बने। इन देशों ने राज्य में निवेश और व्यापारिक सहयोग को लेकर विशेष रुचि दिखाई है।
25,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन और 600 से अधिक बी-टू-जी बैठकें
जीआईएस-भोपाल को निवेशकों से भारी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 25,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए और 600 से अधिक बी-टू-जी (बिजनेस-टू-गवर्नमेंट) तथा 5000 से अधिक बी-टू-बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों के दौरान मध्यप्रदेश सरकार और उद्यमियों के बीच निवेश प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई।
औद्योगिक दिग्गजों की भागीदारी
समिट में भारत और विश्व के300 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियोंने भाग लिया। इनमेंगौतम अडानी (अडानी ग्रुप), कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य बिड़ला ग्रुप), नुपुर खंडेलवाल (रसना प्राइवेट लिमिटेड) और बाबा कल्याणी (भारत फोर्ज लिमिटेड) और सागर उद्योग समूह के सुधीर अग्रवाल जैसे दिग्गज शामिल रहे।
30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले
जीआईएस-भोपाल में विभिन्न क्षेत्रों में26.61 लाख करोड़ रूपये, रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से 2.34 लाख करोड़ रूपये के निवेश और 2.74 लाख रोजगार, इंटरैक्टिव सेशन से 1.82 लाख करोड़ रूपये के निवेश और 1.32 लाख रोजगार, यूके रोड़-शो से 1.25 लाख करोड़ रूपये के निवेश और 1.10 लाख रोजगार, जर्मन टूर 1.50 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव और 1.20 लाख रोजगार, जापान टूर से 2 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव और 1.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है। इस तरह विगत वित्तीय वर्ष में कुल 30.77 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनसे लगभग 21.40 लाख रोजगार के अवसरसृजित होने की उम्मीद है। इस दौरान नेशनल अथॉरिटी ऑफ इंडियाऔर लोक निर्माण विभाग के बीच 1.30 लाख करोड़ के एमओयूपर भी हस्ताक्षर किए गए, जो राज्य में सड़क और बुनियादी ढांचे के विकास को नई गति देगा।
कार्यक्रम
निवेश राशि (लाख करोड़ में)
रोजगार अवसर (लाख में)
रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव
2.34
2.74
इंटरएक्टिव सेशंस
1.82
1.32
यूके रोड शो
1.25
1.10
जर्मनी टूर
1.50
1.20
जापान टूर
2.00
1.50
जीआईएस-भोपाल में प्राप्त प्रस्ताव
26.61
17.34
कुल निवेश प्रस्ताव
30.77
21.40
इस तरह बना मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद
जीआईएस-भोपाल ने यह साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश देश-विदेश के निवेशकों के लिए फेवरेट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन चुका है। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के विकास के लिये उठाए गए कदमों से राज्य में व्यापारिक सुगमता (ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस) को बढ़ावा मिला है। समिट में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, "हम निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेंगे, नई नीतियां लागू करेंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे।" जीआईएस-भोपाल का सफल आयोजन राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए संत समाज हरसंभव प्रयास करे : राष्ट्रपति मुर्मु
26 Feb, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल मंगुभाई पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की गरिमामय उपस्थिति में बागेश्वर धाम में 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह महोत्सव हुआ। भव्य समारोह में राष्ट्रपति मुर्मु ने महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित सामूहिक विवाह में दाम्पत्य सूत्र में बंध रहे जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि समकालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और समाज को जागरूक करने के लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पहल सराहनीय है। गुरूनानक देवजी, संत रविदास, कबीरदास, मीरा बाई जैसे कई संतों ने अपने उपदेशों से छुआछूत जैसी कुरीतियों को दूर करने और महिलाओं को समाज में उचित स्थान दिलाने का संदेश दिया है। समाज को सन्मार्ग दिखाने की संत परम्परा के इस उद्देश्य को बागेश्वर धाम प्रभावी रूप से आगे बढ़ा रहे है।
राष्ट्रपति मुर्मु के सम्मुख जोड़ों की वरमाला रस्म संपन्न हुई, उन्होंने प्रतीक स्वरूप 3 जोड़ों को उपहार भेंट किए। बागेश्वर धाम जन सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुईं 251 बेटियों में से 108 बेटियां जनजातीय समुदाय की हैं। राष्ट्रपति मुर्मु के बागेश्वर धाम पहुंचने पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अंगवस्त्रम और तुलसी की माला भेंट कर उनका अभिनंदन किया। राष्ट्रपति मुर्मु को पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान यंत्र, बालाजी सरकार का विग्रह, धाम से जुड़ा साहित्य और स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। इस अवसर पर धाम द्वारा आयोजित छठे सामूहिक विवाह महोत्सव पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन हुआ। समारोह में खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि देश वुमेन लेड डेवलपमेंट को लेकर अग्रसर है। ऐसे समय में बेटियों को सबल और सशक्त बनाने में सहयोग करना समाज और सरकार का कर्तव्य है। बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान देना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने के लिए जन-जन को प्रतिबद्ध होना होगा। बेटियों के सशक्त होने से परिवार, समाज और देश सशक्त होगा। मुर्मु ने कहा कि वर्ष 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ हम अग्रसर हैं। हम ऐसे भारत का निर्माण करें, जो न केवल आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर हो अपितु सामाजिक समरसता से भी परिपूर्ण हो। देश पर्यावरण की दृष्टि से समृद्ध हो और आध्यात्म से विश्व को राह दिखाने में सक्षम हो। ऐसे राष्ट्र निर्माण में संतों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने संत समाज से मानव कल्याण की भावना के साथ देश में सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बागेश्वर धाम सेवा समिति द्वारा कराए जा रहे सामूहिक कन्या विवाह समारोह की सराहना की। राष्ट्रपति मुर्मु ने नव दम्पतियों को उपहार दिए। मुर्मु ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि समारोह में नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी के लिए विभिन्न वस्तुओं के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई मशीन जैसी उपयोगी वस्तुएं भी उपहार में दी जा रही हैं। राष्ट्रपति ने सामूहिक कन्या विवाह समारोह को जन सहयोग से जनकल्याण का श्रेष्ठ उदाहरण बताया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा स्वयं उपस्थित होकर प्रदेश के वर-वधुओं को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को वर्ष-2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की सिद्धि के लिए सभी प्रतिबद्ध हैं। देश के विकास के लिए सामाजिक चेतना आवश्यक है। राज्यपाल पटेल ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज के लिए अनुकरणीय हैं। समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का मध्यप्रदेश पधारने पर अभिनंदन करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि बागेश्वर धाम में हनुमान जी के आशीर्वाद से सामाजिक बुराईयों को दूर करने का निरंतर कार्य किया जा रहा है। समाज में विद्यमान जातिगत दीवारों को तोड़ना आज के समय की आवश्यकता है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रयासों से जातिगत बाधाएं टूटी हैं और अलग-अलग जातियों के दूल्हे एक साथ घोड़ी पर बैठे हैं। जातिगत विषमताओं के खिलाफ लड़ते हुए समाज के सामने, शासन-सत्ता और संत की त्रिवेणी की मौजूदगी में सामूहिक विवाह आयोजित कर बागेश्वर धाम नए कीर्तिमान बना रहा है। समाज में प्रेम, सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र बढ़ाने के ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करने की बहुत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ऐसे संकल्पों के लिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बधाई दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वसुधैव कुटुबम्कम की भावना और 'सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामय:' के विचार को चरितार्थ करके दिखाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आशा व्यक्त की की इस प्रकार के संकल्प और समाज हित के कार्य निरंतर जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हम सबको गर्व है, उनके दूरदर्शी निर्णय सामाजिक हित और राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सामूहिक विवाह में आज परिणय सूत्र में बंध रही बेटियों को राज्य सरकार की ओर से 51-51 हजार रूपए की राशि उपहार स्वरूप दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी नव दंपतियों को दीर्घायु और सुखमय जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समाज से मंदिरों की दान पेटियों की राशि को गरीब परिवारों की बेटियों के उत्थान में लगाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि यदि सभी मठ, मंदिर, धाम और समाज के सभी लोग यह संकल्प ले लेते हैं, तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। समारोह में लगभग 20 देश के एन.आर.आई., देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे दिव्य संत, वर-वधु के परिजन और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक सम्मिलित हुए।
छतरपुर के ग्राम गढ़ा बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, छतरपुर विधायक ललिता यादव, राजनगर विधायक अरविंद पटेरिया, महाराजपुर विधायक कामाख्या प्रताप सिंह, बिजावर विधायक राजेश शुक्ला, अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर, कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, आईजी प्रमोद वर्मा सहित अन्य जन-प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
जीआईएस राज्य के डिजिटल भविष्य के लिए मील का पत्थर: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
26 Feb, 2025 09:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) भोपाल में कहा है कि देश के विकास में 3टी- टैक्सटाइल, टूरिज्म, टेक्नोलॉजी की विशेष भूमिका रहेगी। मध्यप्रदेश अब पारंपरिक औद्योगिक राज्य नहीं, बल्कि भारत में टैक्नोलॉजी और इनोवेशन का हब बनने की ओर अग्रसर है। जीआईएस में पहली बार आईटी एवं टैक्नोलॉजी समिट का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह आयोजन राज्य के डिजिटल भविष्य के लिये मील का पत्थर साबित होगा। इस समिट में राज्य को टेक्नोलॉजी के नये केन्द्र के रूप में स्थापित किया। समिट में दुनिया के टेक लीडर्स, उद्योग विशेषज्ञों, निवेशको, इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप्स आदि ने भाग लिया।
राज्य को आईटी क्षेत्र में 64 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये। इससे प्रदेश में 1.8 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इन रोजगारों में युवाओं की भागीदारी सर्वाधिक रहेगी। टेक कंपनियों जैसे डिजिटल कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज, थोलोन्स, एलसीना, श्रीटेक, केन्स टेक्नोलॉजी और बियॉन्ड स्टूडियोज आदि ने राज्य में निवेश किया है। ग्लोबल टेक कंपनियों ने भी मध्यप्रदेश में निवेश की रूचि दिखाई, जिनमें आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट, बारक्लेज जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। राज्य के तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिये इन कंपनियों से एमओयू भी किये गये। इससे टेक्नोलॉजी, स्किल डेवलपमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
जीआईएस भोपाल को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये पहली बार 6 विभागीय समिट का आयोजन किया गया। आईटी एवं टेक्नोलॉजी समिट में उद्यमियों एवं स्टार्ट-अप के लिये 4 विशेष सत्र आयोजित किये गये। इस समिट में सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग के साथ उद्योगों के विशेषज्ञों ने सीधे संवाद किया, राज्य की नीतियों पर चर्चा की और निवेश के नये अवसरों की रूपरेखा तय की। समिट में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिलाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, इनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी, सेमीकंडक्टर और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे उभरते विषयों पर राज्य की सम्भावित रणनीतियों पर चर्चा की गई। राज्य सरकार ने सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने और ड्रोन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष कदम उठाये हैं।
जीआईएस- भोपाल में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की नवीन पॉलिसी को भी लॉन्च किया। प्रदेश को आईटी क्षेत्र निवेश अनुकूल बनाने के लिये मध्यप्रदेश एनीमेशन, वीआर, गेमिंग कामिक्स और विस्तारित रियलिटि नीति- 2025, जीसीसी नीति- 2025, सेमी कंडक्टर नीति- 2025 और ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति- 2025 को लॉन्च किया गया। इन नीतियों में आईटी एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र निवेश आकर्षित करने के लिये वित्तीय एवं गैर वित्तीय प्रावधान किये गये हैं। भविष्य की संभावनाओं का ध्यान रखते हुये इन नीतियों को व्यापक और दूरदर्शी बनाया गया। आईटी उद्योगों के विशेषज्ञों द्वारा राज्य की नीतियों की सराहना विभागीय समिट के दौरान की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए नए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की। इनमें एआई, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉक चेन और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी अत्याधिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। जीआईएस- भोपाल ने निवेश आकर्षित करने साथ ही विचार मंथन, नीति निर्माण और भविष्य की दिशा तय करने का अवसर प्रदान किया। विकसित भारत के साथ विकसित मध्यप्रदेश के संकल्प को साकार करने के लिये आईटी क्षेत्र मध्यप्रदेश को निवेश, नवाचार और अवसरों की नई ऊंचाईयों तक ले जायेगा।
51 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा पथरिया बायपास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
26 Feb, 2025 09:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखण्ड अंचल की तस्वीर और तकदीर बदलने वाली केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना मंजूर की है। इसके क्रियान्वयन से दमोह सहित प्रदेश के 10 जिले लाभान्वित होंगे। बुंदेलखण्ड अंचल के 8 लाख हेक्टेयर से अधिक इलाके को सिंचाई के लिए जल और पेयजल सहित उद्योगों के लिए भी पानी की आपूर्ति का कार्य हो सकेगा। मध्यप्रदेश का यह क्षेत्र कृषि उत्पादन में पंजाब को भी पीछे छोड़ देगा। यहां पानी का सूखा खत्म होगा और किसान खुशहाल होंगे। स्थानीय निवासियों द्वारा अपने स्वामित्व की भूमि का विक्रय नहीं किया जाना चाहिए। यह भूमि बहुमूल्य सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर 51 करोड़ रुपए की लागत से पथरिया बायपास निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में हायर सेकेंड्री स्कूल का नाम राष्ट्रवादी विचारक के.सी. सुदर्शन जी के नाम से करने और मटकोलेश्वर सीतानगर बांध में पर्यटन की दृष्टि से “नौकायन’’ प्रारंभ करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार की शाम दमोह जिले के पथरिया के निकट अजबधाम में पूज्य जै-जै सरकार के वार्षिक उत्सव को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। मध्यप्रदेश की धरती पर नदी जोड़ो जैसी परियोजनाएं क्रियान्वित करने की पहल हुई है, वहीं राज्य सरकार ने कृषि के साथ पशुपालन को बढ़ावा देते हुए दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी होने का संकल्प लिया है। इसके लिए 10 गायों के पालन पर सब्सिडी प्रदान करने और दुग्ध उत्पादन पर बोनस देने की रणनीति बनाई गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विवाह समारोहों में फिजूलखर्ची रोकने का आव्हान भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आज महाशिवरात्रि के अवसर पर दमोह जिले के इस पावन स्थल पर आने का अवसर मिला है। यहां निकट ही मड़मोलेश्वर धाम है, जहां सुनार,कोपरा और जूड़ी नदियों का संगम है। भगवान भोले नाथ की विशाल पिंडी श्रद्धा का केंद्र है। बुंदेलखण्ड में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के विकास के प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज उज्जैन में विक्रमोत्सव का शुभारंभ हो रहा है। महाराजा विक्रमादित्य से विक्रम संवत प्रारंभ हुआ था।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अजब धाम मंदिर परिसर में अनेक साधु-संत जन से भी भेंट की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने मंच से रिमोट का बटन दबाकर फतेहपुर गांव का नाम बदलकर अजब धाम किया।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने सभा को संबोधित करते हुये कहा मेरे छोटे से आग्रह पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव अजब धाम कार्यक्रम में पधारे और पर्याप्त समय दिया। उन्होंने 20 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजन यज्ञ और 27 कुंडीय यज्ञ में पधारे सभी धर्म प्रेमियों का अभिनन्दन किया। राज्यमंत्री पटेल ने कहा मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आशीर्वाद और प्रेम हम सब पर है, हमारी छोटी सी मांग को स्वीकार करते हैं।
इस अवसर पर प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धर्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी, सांसद राहुल सिंह, पूर्व वित्त मंत्री एवं दमोह विधायक जयंत कुमार मलैया, हटा विधायक उमादेवी खटीक, मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल, पूर्व सांसद चंद्रभान सिंह, श्याम शिवहरे सहित कार्यक्रम के आयोजक देव राम कुमार, मन्दिर के महंत रामनुग्रह दास छोटे सरकार सहित श्रद्धालुजन मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव खजुराहो से इंदौर आकर उज्जैन हुए रवाना
26 Feb, 2025 09:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बुधवार शाम इंदौर एयरपोर्ट पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया। मंत्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अगुवाई में भोपाल में जीआईएस का सफल आयोजन हुआ। इस आयोजन के बेहतरीन परिणाम प्राप्त होंगे। मंत्री सिलावट ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव खजुराहो से इंदौर एयरपोर्ट पहुँच कर उज्जैन के लिए रवाना हुए।
वनों की स्थिति को सुधारने पीपीपी मॉडल अपनाएगी सरकार
26 Feb, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में अब जंगलों का भी प्राइवेटाइजेशन होगा। मोहन यादव सरकार राज्य के 40 फीसदी जंगलों को निजी हाथों में देने की तैयारी में है। दरअसल, वनों की स्थिति को सुधारने के नाम पर सरकार बिगड़े वन क्षेत्र को पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप मॉडल के तहत निजी कंपनियों को देने की तैयारी में है। मप्र में वन क्षेत्र लगभग 95 लाख हेक्टेयर है। इसमें बिगड़े वनों का क्षेत्रफल लगभग 37 लाख हेक्टेयर है। यानि वन का करीब 40 फीसदी भूभाग बिगड़े वन क्षेत्र की श्रेणी में है। प्रदेश के इन वनों का सुधार अब पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) माध्यम से होगा। इसके लिए कई जंगल अब निजी हाथों में सौंपे जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा छोटे निवेशकों को 10 हेक्टेयर और बड़े निवेशकों को 1000 हेक्टेयर तक की जमीन पर जंगल विकसित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। निजी कंपनियों को यह जमीन 60 साल की लीज पर दी जा रही है। राज्य सरकार का दावा है कि जो बिगड़े हुए वन हैं जिन्हें निजी निवेश से सुधारने की कोशिश की जाएगी।
37 लाख हेक्टेयर बिगड़े वन
मप्र सरकार ने वन विभाग की वेबसाइट पर सीएसआर, सीईआर और अशासकीय निधियों के उपयोग से वनों की पुनस्र्थापना की नीति जारी की है। इसमें बताया गया है कि मप्र में लगभग 95 लाख हेक्टेयर में जंगल हैं। इनमें से 37 लाख हेक्टेयर जंगल बिगड़े हुए वनों की स्थिति में है। इन जंगलों को राज्य सरकार अपने संसाधनों से पुनस्र्थापित नहीं कर पा रही है। राज्य सरकार ने अपनी नीति में लिखा है कि वह इन जंगलों को निजी हाथों में देने जा रहे हैं। इन जंगलों को फिर से हरा भरा करने के लिए बड़ी कंपनियों के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी और कॉर्पोरेट एनवायरमेंटल रिस्पांसिबिलिटी के फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों को इन दोनों मदों में अपनी कुल कमाई का 3 प्रतिशत देना होता है।
60 सालों तक निजी हाथों में रहेगा जंगल
राज्य सरकार ने अपनी नीति में बताया है कि एक कंपनी, संस्था, व्यक्ति या स्वयंसेवी संस्था को 10 हेक्टेयर तक का बिगड़ा जंगल दिया जाएगा। ये जंगल का हिस्सा अगले 60 सालों तक निजी हाथों में रहेगा। राज्य सरकार के वन विभाग और जिसे जंगल दिया जा रहा है उसके बीच में एक अनुबंध होगा। इस अनुबंध के तहत अनुबंध के पहले ही साल में जंगल सुधारने की गतिविधि शुरू करनी होगी। वन भूमि का इस्तेमाल दूसरे किसी काम में नहीं किया जाएगा। वन विभाग की सहमति से इस पूरे इलाके में पौधे लगाने होंगे। और यदि 2 साल के भीतर पौधे नजर नहीं आएंगे तो अनुबंध रद्द भी किया जा सकता है। वन उपज वन विभाग के माध्यम से बेची जाएगी हालांकि इसका आधा फायदा उस संस्था को भी दिया जाएगा, जिसने इस जंगल को विकसित किया है। वहीं दूसरी तरफ निजी कंपनी या संस्था को कार्बन क्रेडिट का मुनाफा मिलेगा। पर्यावरण खराब करने वाली कंपनियों को कार्बन क्रेडिट बढ़ाने की जिम्मेदारी है। इसी नीति में एक प्रस्ताव यह भी है कि, 1000 हेक्टेयर तक के जंगल को यदि कोई निजी कंपनी विकसित करना चाहेगी तो निजी निवेश के माध्यम से वनों की पुनस्र्थापना का भी प्रस्ताव है। इस जंगल से जो भी वन उपज प्राप्त होगी उसका 20 प्रतिशत भाग वन समिति को 80 प्रतिशत वन विकास निगम और निजी कंपनी को मिलेगा। इस प्रस्ताव में भी फल वनोपज का 50 प्रतिशत हिस्सा निजी कंपनी को मिलेगा। बता दें कि बिगड़ा वन क्षेत्र उसे माना जाता है, जिसमें पेड़ कम हों और झाडिय़ां या खाली जमीन अधिक हो। हालांकि, इस निर्णय का विरोध भी हो रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस योजना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि सुधार के नाम पर वनों को बेचने की तैयारी है। जंगल की ज़मीन पर आदिवासियों का पहला हक है। लेकिन भाजपा सरकार आदिवासियों से जंगल छीन अपने उद्योगपति मित्रों को देना चाहती है।
नीति में कई खामियां
पर्यावरणविद् और वन प्रबंधन के जानकार जयंत वर्मा का कहना है कि इस नीति में कई लूप पोल हैं। सरकार जिस जमीन को निजी हाथों में देने जा रही है उसके निजीकरण के पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी क्योंकि वन भूमि केंद्र का मामला है। इसमें राज्य सरकार अपने मन से कुछ नहीं कर सकती। निजी कंपनियों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि पर्यावरण सुधरे या वनों की स्थिति सुधरे या फिर उसे क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों का भला हो। निजी कंपनियां तो अपना भला देखेंगी और वह ऐसे पेड़ पौधों का उत्पादन करेंगी, जिनसे ज्यादा मुनाफा होगा। इससे हो सकता है कि वन उपज बढ़ जाए लेकिन पर्यावरण सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। पर्यावरणविद् जयंत वर्मा का कहना है कि इस नीति में जिन बिगड़े वनों की बात की जा रही है, यदि वे किसी गांव के आसपास हैं तो ग्राम सभा की अनुमति लेनी होगी लेकिन यह दिखावा होगा। वहीं बिगड़े वनों की परिभाषा भी स्पष्ट नहीं है। शासन के नजरिए से जिस जमीन पर कीमती इमारती लकड़ी नहीं है वह बिगड़ा जंगल मान लिया जाता है। भले ही उसमें आदिवासियों के उपयोग की या पर्यावरण के लिए जरूरी पेड़ पौधे ही क्यों ना लगे हो। पर्यावरणविद् जयंत वर्मा का कहना है कि इससे जंगलों की स्थिति तो नहीं सुधरेगी पर यह जरूर है कि कंपनियां जंगलों में ईको टूरिज्म जरूर शुरू कर देंगी। भारत में वन अधिनियम अंग्रेजों के जमाने में बना था और अंग्रेजों ने इसे जंगलों को विकसित करने के लिए नहीं बल्कि वन उपज कैसे निकली जाए उसके लिए कानून बनाया था।
कॉलेजों में अधिकारियों, कर्मचारियों और अतिथि विद्वानों की उपस्थिति सार्थक एप से दर्ज होगी
26 Feb, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के सरकारी कालेजों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और अतिथि विद्वानों की सार्थक एप से उपस्थिति पिछले साल जुलाई से ही अनिवार्य की गई है। इसके बावजूद उपस्थिति आनलाइन दर्ज नहीं हो रही है। हालांकि उच्च शिक्षा विभाग आनलाइन उपस्थिति के लिए लगातार कवायद कर रहा है। अभी भी सिर्फ 60 फीसदी उपस्थिति एप के माध्यम से लगाई जा रही है। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने फिर से सभी क्षेत्रीय संचालकों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि एक मार्च से सबकी उपस्थिति सार्थक एप से ही मान्य की जाएगी।
वेतन का भुगतान रोक दिया जाएगा
इसमें गैरहाजिर होने पर वेतन का भुगतान रोक दिया जाएगा। साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी। आदेशित में यह भी कहा गया है कि कालेजों के सभी अधिकारी/कर्मचारी/अतिथि विद्वान/आउटसोर्स एवं अन्य सभी की एक सूची बनाएं। सूची के अनुसार अधिकारी व कर्मचारी के लिए लागिन उनका ट्रेजरी एम्प्लाय कोड ही होना चाहिए। वहीं अतिथि विद्वानों के लिए लागिन आइडी उनका मोबाइल नंबर ही होना चाहिए। प्रदेश के सभी अतिरिक्त संचालकों को इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया गया है। एक मार्च से सभी की उपस्थिति सार्थक एप के माध्यम से की जाएगी।
राजधानी भोपाल में इस साल 100 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी
26 Feb, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी भोपाल में इस साल 100 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए शहर की सडक़ों पर जल्द ही इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। केंद्र सरकार यह बसें उपलब्ध करा रही है। पीथमपुर में आयशर कंपनी इन बसों का निर्माण कर रही है। इनका संचालन ग्रीनसेल मोबिलिटी लिमिटेड करेगी। बीसीएलएल नोडल एजेंसी होगी। इन बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन सहित डिपो बनाने का काम ग्रीनसेल कंपनी ही करेगी।डिपो के लिए कस्तूरबा नगर और बैरागढ़ में जगह भी तय हो गई है। 6 महीने में यह डिपो तैयार हो जाएंगे, तब तक बसों की पहली खेप भी आ जाएगी। बताया जा रहा है कि इन बसों के संचालन का खर्च 45 रुपए प्रति किमी आएगा। इसमें से केंद्र सरकार 22 रुपए प्रति किमी के हिसाब से सब्सिडी दे रही है। संचालन का बाकी खर्च बस के किराए और विज्ञापन आदि से निकाला जाएगा। पूरी तरह से एयर कंडीशंड इन बसों का रूट भी जल्द ही फाइनल हो जाएगा।
कम हो रहीं लो-फ्लोर बसें, कमांड सेंटर बंद
ई-बसें आने के बाद बीसीएलएल की मौजूदा डीजल लो फ्लोर बसें संचालित होती रहेंगी। वर्तमान में शहर में लो-फ्लोर बसों के कुल 25 रूट हैं। इन पर चार ऑपरेटर करीब 350 बसों का संचालन करते थे। एक ऑपरेटर के बाहर हो जाने और शेष बसों के कंडम हो जाने से मौजूदा स्थिति में सिर्फ 125 बसें ऑन रोड हैं। लो-फ्लोर बसों का लाइव लोकेशन देखने के लिए कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया गया था। यह भी बीते कई महीनों से बंद है। बसों के एक जैसे पास बनना बंद हो गए हैं, ज्यादातर बस स्टॉप टूट और उखड़ चुके हैं। इनमें न तो डिस्प्ले बोर्ड हैं और न ही ठीक से बैठने की जगह हैं।
सभी बसें एसी, अधिक आरामदायक
केंद्र से मिलने वाली यह बसें आरामदायक और एसी रहेंगी। केंद्र ने ही इनका टेंडर जारी किया। टेंडर देने से लेकर ऑपरेटर तक केंद्र से तय हुआ है। बीसीएलएल सिर्फ नोडल एजेंसी होगी। यह लो-फ्लोर बस से अलग होंगी।
बागेश्वर धाम में पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, दूल्हा-दुल्हन को दिया आशीर्वाद, पंडित धीरेंद्र शास्त्री से कहा- धन्यवाद
26 Feb, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छतरपुर: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह महोत्सव में शामिल हुईं। यहां उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस दौरान उन्होंने वर-वधू को उपहार स्वरूप सूट और साड़ी भेंट की। इसके बाद महामहिम ने अपने संबोधन में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को ऐसे कल्याणकारी कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही महामहिम ने कहा- 'संतों ने हमेशा समाज को सही राह दिखाई है।' महाशिवरात्रि पर बागेश्वर धाम में सामूहिक विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के आयोजक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं. इसमें देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हुईं। जहां उन्होंने 251 जोड़ों को आशीर्वाद दिया, साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही उन्होंने वर-वधू को सूट और साड़ी भेंट की।
धीरेंद्र शास्त्री का जताया आभार
राष्ट्रपति द्रौपदी ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं सभी जोड़ों को बधाई देती हूं। सभी के सुखमय जीवन की कामना करती हूं। मैं बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने आपको विवाह बंधन में बांधा। विवाहित जोड़ों को घरेलू सामान के साथ-साथ आजीविका के लिए आटा चक्की और सिलाई मशीन भी दी जा रही है।'
'संतों ने हमेशा समाज को सही राह दिखाई है'
इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि 'भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों से अपने कर्म और वचनों से लोगों को राह दिखाई है। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने लोगों को अंधविश्वासों के प्रति जागरूक किया है। चाहे गुरु नानक हों, रविदास हों या संत कबीर दास, मीराबाई हों या संत तुकाराम, सभी ने समाज को सही राह दिखाई है।'
शिवरात्रि के अवसर पर आज केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे बड़वाले महादेव मंदिर, देश के सुख-समृद्धि की कामना
26 Feb, 2025 01:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज शिवरात्रि के पावन अवसर पर भोपाल के बड़वाले महादेव मंदिर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर आशीर्वाद लिया. इसके साथ ही वे भगवान भोलेनाथ की शोभा यात्रा में भी शामिल हुए।आपको बता दें कि, बड़वाले महादेव मंदिर से शोभा यात्रा निकाली जा रही है, जिसमें धार्मिक झांकियां भी शामिल हैं। इसके साथ ही डमरू दल द्वारा प्रदर्शन भी दिया जा रहा है।
बड़वाले महादेव मंदिर में अभिषेक करने के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आज शिव और शक्ति के मिलन का दिन है। आज भगवान शिव बारात लेकर माता पार्वती के द्वार जाएंगे। शिव का मतलब होता है कल्याणकारी। जो सबके प्रति दयालु हो, सबको स्वीकार करे और थोड़े में खुश हो जाए। भोले शंकर वो हैं जो संसार का उद्धार करने के लिए विष को अपने कंठ में धारण कर लेते हैं।
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने आगे कहा कि, भगवान भोले शंकर अद्भुत हैं, भगवान भोले शंकर उन्हें भी स्वीकार कर लेते हैं जिन्हें संसार में सभी ठुकरा देते हैं. चाहे भूत हो, आत्मा हो, पिशाच हो, देवता हो, मनुष्य हो या कोई साधारण व्यक्ति हो - उनकी कृपा और आशीर्वाद सभी पर बरसता है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, सांसद आलोक शर्मा और महापौर मालती राय भी मौजूद हैं।
बोर्ड परीक्षा से 20 मिनट पहले लीक हुआ पेपर, वायरल हुआ ऑनलाइन.... पेपर रद्द
26 Feb, 2025 12:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले में बोर्ड परीक्षा से पहले सभी सुरक्षा उपाय करने का दावा करने वाले शिक्षा विभाग की कल पोल खुल गई। शिक्षा विभाग के प्राइमरी शिक्षक पुरुषोत्तम पटेल ने परीक्षा शुरू होने से पहले 5वीं और 8वीं कक्षा का गणित का पेपर व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल कर दिया, हालांकि परीक्षा से 20 मिनट पहले पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द नहीं की गई। विभाग ने शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
शिक्षकों के ग्रुप पर आया पेपर
दरअसल, जिले के 412 केंद्रों पर मंगलवार को 5वीं और 8वीं की परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 4.30 बजे तक होनी थी, उससे पहले ही दोपहर 1.36 बजे विभाग के शिक्षकों के ग्रुप पर पेपर आ गया। शिक्षक पुरुषोत्तम पटेल ने जैसे ही पेपर लीक किया, जिले के सभी शिक्षकों के ग्रुप पर पेपर आने लगा।
फोन बंद कर चुपचाप
पेपर लीक करने के कुछ देर बाद ही शिक्षक ने अपना फोन भी बंद कर दिया। शिक्षक संवाद जैसे कई शिक्षक ग्रुप पर पेपर वायरल कर दिया गया। तब तक छात्र परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके थे। आरोपी शिक्षक पुरुषोत्तम शासकीय प्राथमिक शाला बेरसला में पदस्थ है। परीक्षा की गोपनीयता भंग करने के आरोप में उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी राहतगढ़ कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
वृद्व पर शराब के लिये अड़ीबाजी कर बदमाश ने चाकू से किया हमला
26 Feb, 2025 11:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। श्यामला हिल्स थाना इलाके में बदमाश ने वृद्व पर शराब के लिये अड़ीबाजी की। वृद्व ने जब पैसे देने से इंकार किया तब करते हुए बद बदमाश ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट कर चाकू से वार कर घायल कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार प्रताप नगर श्यामला हिल्स में रहने वाले नरेन्द्र सिंह (60) छत्तीसगढ़ के रायपुर में नौकरी करते हैं। बीती 22 फरवरी की रात करीब 8 बजे वह गांधी भवन के पास अपने घर जा रहे थे। मोहल्ले में ही गली में प्रताप नगर के रहने वाले मोहसिन उर्फ पलीत ने अपने दोस्तों के साथ उन्हें रोकते हुए शराब पीने के लिए पैसे देने को कहा। जब फरियादी ने रकम देने से मना किया तब आरोपी मोहसिन ने नरेन्द्र पर चाकू से हमला कर दिया। चाकू का वार चेहरे पर लगने से वह घयल हो गए। आरोपी के साथ मौजूद उसके दोस्त ने भी उनके साथ मारपीट की। हंगामे की आवाज सुनकर वहॉ पहंचे रहवासी वहॉ पहुंचे जिन्हें देख आरोपी वृद्व को धमकाते हुए वहां से फरार हो गए। घायल नरेन्द्र सिंह को इलाज के लिये हमीदिया अस्पताल पहुंचाया गया। शिकायत मिलने पर आरोपियो के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
प्रदेश को सबसे बड़ी ताकत माइनिंग सेक्टर से मिलेगी
26 Feb, 2025 10:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खनिज राजस्व में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य
मध्यप्रदेश में व्यापार और रोजगार की असीम संभावनाएँ
भोपाल के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश का बनेगा रिकॉर्ड
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में निवेश के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को माइनिंग के क्षेत्र में सबसे बड़ी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर में निवेश की असीमित संभावनाएँ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के माइनिंग सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ पत्थर उठाओ तो हीरा मिलता है। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश का रिकॉर्ड बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में खनिज के अकूत भण्डार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हीरे के साथ लाइम स्टोन, डोलोमाइट, सीमेंट, कॉपर, मैग्नीज और रॉक फास्फेट जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी विभागों के समन्वय से खनन की सरल एवं लचीली नीति बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि इन नीतियों से निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश करने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेशकों को नीति से हटकर भी कोई सहयोग की आवश्यकता होगी, तो उसे भी पूरा किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिये नीतियों के बलबूते माइनिंग सेक्टर में बड़ी बढ़त देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम रॉ-मटेरियल देने के साथ प्रदेश को निर्माण का केन्द्र भी बनायेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश है। यहाँ बसने वाले लोग बहुत ही सरल है। खनन के क्षेत्र में कार्य करने वाले निवेशकों को पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार के माध्यम से भी खनन के क्षेत्र में पॉलिसी बनाकर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश में खनिज के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे प्रदेश के भू-गर्भ में छिपे खजाने को बाहर लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जीआईएस के बाद माइनिंग के लिये पृथक से भी समिट आयोजित की जायेगी।
सचिव, खान मंत्रालय बी.एल. कांताराव ने कहा कि भोपाल का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अभी तक का सबसे बेहतरीन आयोजन है। उन्होंने कहा कि इस बार की समिट में माइनिंग में बड़े उद्योगपतियों ने सहभागिता की है। इससे मध्यप्रदेश में खनिज में निवेश की संभावनाएँ बढ़ी हैं। केन्द्रीय सचिव, कांताराव ने कहा कि केन्द्र सरकार के खनिज में 4 विभाग हैं, जिनमें कोल, एटॉमिक, पेट्रोलियम, नेचुरल रिसोर्स और मिनिस्ट्री ऑफ माइंस हैं। इन सभी मिनरल्स की मध्यप्रदेश में बहुतायत है। कांताराव ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा माइन्स मध्यप्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि हर 4 माइन्स में से एक माइन्स प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि खनिज का सबसे ज्यादा ऑक्शन करने वाला राज्य मध्यप्रदेश है। उन्होंने कहा कि देश की जियो लॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया कम्पनी 175 वर्ष पुरानी है, जिसने माइनिंग सेक्टर में अपार डेटा इकट्ठा किया है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि डेटा स्टडी कर खनिज के क्षेत्र में कार्य करें। केन्द्रीय सचिव कांताराव ने कहा कि माइनिंग के क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन के लिये सरकार 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता देगी। इसके साथ ही सरकार नई नीति के अंतर्गत एक्सप्लोरेशन कम्पनी को लागत का 50 प्रतिशत रिस्क कवर करेगी। केन्द्रीय सचिव कांताराव ने कहा कि ओवर डम्प और रिसाइकिलिंग के लिये विशेष प्रावधान किये जा रहे हैं। इससे कम्पनियों को सहायता मिलेगी और निवेश मिलेगा।
प्रमुख सचिव, खनिज उमाकांत उमराव ने कहा कि मध्यप्रदेश में खनिज क्षेत्र में असीमित संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे खनिज हैं, जो मध्यप्रदेश में ही पाये जाते हैं। सभी क्षेत्रों में खनिजों के अपार भण्डार हैं। इसके समुचित उपयोग के लिये प्रदेश में एक बेहतरीन ईको सिस्टम भी है। प्रमुख सचिव उमराव ने निवेशकों से कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी, हवाई कनेक्टिविटी बहुत बेहतर है और यहाँ पर क्रिटिकल मिनरल्स भी बड़ी मात्रा में पाये जाते हैं। प्रमुख सचिव उमराव ने कहा कि मध्यप्रदेश खनिज सम्पदा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। खनन एवं खनिज आधारित उद्योगों के लिये अत्यधिक संभावनाएँ प्रदान करता है। मध्यप्रदेश में विविधतापूर्ण खनिज पूरे राज्य में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य का देश में कॉपर, मैंग्नीज और हीरा उत्पादन में पहला, रॉक फास्फेट के उत्पादन में दूसरा, लाइम स्टोन के उत्पादन में तीसरा और कोयला उत्पादन में चौथा स्थान है। उन्होंने कहा कि राज्य में देश के कुल भण्डारण का 36 प्रतिशत कोल बेण्ड मीथेन के उत्पादन में राज्य का देश में दूसरा स्थान है। उन्होंने कहा कि खनिजों का पता लगाने का कार्य लगातार जारी है। वर्ष 2024-25 में अब तक 73 में से 62 ब्लॉक की नीलामी की जा चुकी है। प्रमुख सचिव श्री उमराव ने कहा कि राज्य में खनिज उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कई नीतिगत पहल की हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश करने का उचित समय है। उन्होंने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये प्रेरित किया।
ज्वाइंट सेक्रेटरी कोल्स श्री भवानी प्रसाद पाटी ने कहा पॉवर सेक्टर में कोल बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। ऊर्जा के नवीन स्रोतों के बावजूद भी लगभग 20 वर्षों तक कोयले के जरिये ऊर्जा की आवश्यकता होगी। उन्होंने निवेशकों से कोल सेक्टर में निवेश बढ़ाने का आग्रह किया। श्री पाटी ने कहा कि मध्यप्रदेश में शहडोल और छिंदवाड़ा में कोल सेक्टर में अनंत संभावनाएँ हैं।
एमओयू हुए हस्ताक्षरित
मध्यप्रदेश सरकार, एमपीएसएमसीएल और हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ। मध्यप्रदेश सरकार, एमपीएसएमसीएल और हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड एनएमईटी फण्ड का उपयोग कर मध्यप्रदेश में तांबा और रणनीतिक खनिजों की खोज के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इसमें एचसीएल प्रमुख होगा। अयस्क व्यवहार्यता की पुष्टि होने पर शुरूआती 5 साल की अवधि में सतत विकास के लिये 51:49 संयुक्त उद्यम का गठन किया जायेगा।
जीआईसी भोपाल में पार्टनर डेलोइट राजीव मैत्रा ने मध्यप्रदेश में खनिज क्षमता को अनलॉक करने पर प्रेजेन्टेशन दिया। मनीष माहेश्वरी चेयरमेन इनवेनेरे पेट्रोडाइन ने मध्यप्रदेश में हाइड्रोकार्बन मे अवसर होने विषय पर चर्चा की। सीएमडी एमईसीएल इंद्र देव नारायण ने भविष्य की खनिज मांग से निपटने के लिये उन्नत अन्वेषण तकनीक के बारे में बताया। एसबीआई कैप्स द्वारा एमपी में नीलामी प्रक्रिया का अवलोकन और भारत में महत्वपूर्ण खनिजों का परिदृश्य विषय पर जानकारी दी। समिट में मध्यप्रदेश में अनंत क्षेत्र में अवसरों पर वीडियो का प्रेजेंटेशन दिया गया।