मध्य प्रदेश
28 साल का युवा सोया,अटैक आया चला गया
28 Feb, 2025 11:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । इन दोनों साइलेंट अटैक से युवाओं की बड़ी संख्या में मौत हो रही है। रोजाना कोई ना कोई समाचार इसी तरह का आता है। सोमवार की रात बैरागढ़ निवासी अमित मालवीय, उम्र 28 वर्ष जो पीएनबी में काम करता था। खाना खाकर बिस्तर पर सोया और सोता ही रह गया।
सुबह जब मां उसे उठाने के लिए पहुंची। आवाज देने पर जब वह नहीं उठा, तब मां कमरे के अंदर गई। हिलाया- डुलाया जब कोई हरकत नहीं हुई।परिवार के लोग उसे लेकर हमीदिया अस्पताल गए। जहां पर डॉक्टरों ने जांच करने के बाद साइलेंट अटैक से मौत होने की पुष्टि की।
हमीदिया अस्पताल के कार्डियक विभाग के एचओडी डॉ राजेश गुप्ता का कहना है। हार्ट की झिल्ली वायरस के कारण कमजोर हो रही है। जिसके कारण युवाओं में साइलेंट अटैक का खतरा बढ़ रहा है। झिल्ली फटने से रक्त के कलाट बनने लगते हैं। रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। एक झटके में मौत हो जाती है। कोरोना वायरस के बाद यह समस्या बढ़ गई है।
अफसरों को निवेश के लिए फॉलोअप करने का जिम्मा सौंप दिया गया
28 Feb, 2025 10:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। पूर्व सरकारों में हुई इन्वेस्टर्स समिटों से सबक लेते हुए इस बार मोहन सरकार चाहती है कि निवेश को लेकर जितने भी एमओयू हुए हैं, वे सभी धरातल पर उतरे, यही वजह है कि अब सरकार स्तर पर आयोजन होने के बाद बाकायदा अफसरों को निवेश के लिए फॉलोअप करने का जिम्मा सौंप दिया गया है। अहम बात यह है कि इस मामले में मुख्य सचिव अनुराग जैन भी मुख्यमंत्री डां मोहन यादव की ही तरह बेहद गंभीर बने हुए हैं। यही वजह है कि उन्होंने स्वयं भी इस मामले में मॉनिटरिंग करने का तय किया है। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर मानिटरिंग होने से अब अफसरशाही भी इस मामले में लापरवाही नहीं कर सकेगी। उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के उद्योगपतियों ने प्रदेश में निवेश में खासी रुचि दिखाते हुए दो दिन में कुल 26.61 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दिए हैं। यह राशि राज्य के कुल कर्ज और बजट से कई गुना ज्यादा है। सरकार का दावा है कि इससे 17.34 लाख नौकरियां पैदा होंगी। अगर ऐसा हुआ, तो प्रदेश की बेरोजगारी की समस्या आधी से अधिक समाप्त हो जाएगी। दरअसल प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 29 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं। समिट के दौरान उद्योगपतियों के साथ अलग- अलग सेक्टर्स के लिए 83 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। समिट में हुए एमओयू और प्राप्त निवेश प्रस्ताव सिर्फ कागजों में न रह जाएं, बल्कि वे जमीन उतरें, इसको लेकर सरकार गंभीर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभिन्न सेक्टर्स में हुए एमओयू का फॉलोअप करने के लिए अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाने के निर्देश दिए हैं। ये टीमें संबंधित विभाग के अधिकारियों और उद्योगपतियों के सतत संपर्क में रहेंगी। टीमें निवेशकों के सामने आ रही कठिनाइयों को दूर करेंगी। मुख्य सचिव अनुराग जैन अफसरों के साथ बैठक कर निवेश प्रस्तावों की हर महीने समीक्षा करेंगे। मुख्य सचिव ने मंगलवार को जीआईएस के समापन समारोह में भरोसा दिलाया कि सरकार निवेश के वादों को हकीकत में बदलने के लिए काम करेगी। निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। जीआईएस के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी समिट में मिले एमओयू को जमीन पर उतारने के लिए प्रयास करने करने की बात कही थी। दरअसल, प्रदेश में पिछले वर्षों में मप्र में हुई इन्वेस्टर्स समिट का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। इन इन्वेस्टर्स समिट में भी लाखों करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होने का दावा तत्कालीन सरकार करती आई है, लेकिन इनमें से जमीन पर उतरे निवेश और सृजित हुए रोजगार को लेकर सरकार अपने दावों पर खरा नहीं उतरी है। पूर्व की सरकारों के आंकड़ों पर नजर डालें तो आधा दर्जन समिट में मिले कुल निवेश प्रस्तावों में से सिर्फ 10 प्रतिशत ही मूर्त रूप ले सके हैं। यही वजह है कि सरकार का इस बात पर पूरा जोर है कि समिट में हुए एमओयू और प्राप्त निवेश प्रस्ताव हकीकत में जमीन पर आएं, न कि कागजों पर रहे।
जमीन आवंटन का काम शुरु
सरकार इस मामले में कितनी गंभीर है, इससे ही समझा जा सकता है कि समिट के समाप्त होते ही निवेशों को जमीन का आवंटन शुरु कर दिया गया है। कई निवेशकों को तो भोपाल से रवाना होने के पहले ही जमीन आवंटन के दस्तावेज प्रदान कर दिए गए। जिन्हें जमीन आंवटित कर दी गई है उनसे अब अगले छह माह में प्रगति की रिपोर्ट देने को भी कह दिया गया है। जिन कंपनियों को जमीन आवंटित कर दी गई है उसमें अरिहंत इंडस्ट्रीज को 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। कंपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के साथ औद्योगिक नियमों के अनुसार ऊर्जा-कुशल प्रक्रियाओं को शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। इसी तरह से डिटरमाइंड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नीमच में 75 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। यह आवंटन कंपनी को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में विस्तार करने में मदद करेगा। उधर, आनंदा बालाजी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को मालवा क्षेत्र में 30 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
आईटी सेक्टर में 64 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव
जीआईएस में मग्र को आईटी सेक्टर में 64 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे प्रदेश में 18 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इन रोजगारों में युवाओं की भागीदारी सर्वाधिक रहेगी। टेक कंपनियों जैसे डिजिटल कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज, थोलोन्स, एलसीना, श्रीटेक, केन्स टेक्नोलॉजी, बियोन्ना स्टूडियोज आदि ने राज्य में निवेश किया है। ग्लोबल टे
सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार, खोले गए कंटेनर, 1200 डिग्री रखा गया इंसीनरेटर का तापमान
28 Feb, 2025 09:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल/पीथमपुर। यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने का रास्ता साफ हो गया है। भोपाल से यह कचरा पीथमपुर लाया जा चुका है। सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने इस पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया। गुरुवार सुबह मामले को लेकर हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने शासन के उस जवाब को भी रिकॉर्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
कोर्ट के इस रुख के बाद पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे के निष्पादन का ट्रायल गुरूवार से शुरू हुआ। इस दौरान सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम रामकी एनवायरो कंपनी में मौजूद रही। फैक्ट्री में कचरा जलाने का दूसरा ट्रायल 4 मार्च और तीसरा 12 मार्च से शुरू होगा। इधर, कचरा जलाने के ट्रायल को लेकर प्रशासन सतर्क है। 3 जनवरी को हुए विरोध को देखते हुए प्रशासन कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है। लिहाजा, इंदौर देहात और धार जिले के 24 थानों से 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी पीथमपुर में रामकी एनवायरो फैक्ट्री के पास तैनात किए गए हैं।
आज से कचरा जलाने का काम होगा शुरू
पीथमपुर में रि-सस्टेनेबिलिटी कंपनी के परिसर में पिछले दो माह से रखे यूनियन कार्बाइड के 337 टन कचरे के 12 कंटेनर में कुछ कंटेनर को गुरुवार को खोला गया। कंटेनर से कचरे को निकालकर उसमें मौजूद हानिकारक तत्वों पर नियंत्रण के लिए सोडियम सल्फाइड जैसे रसायन मिलाए जाएंगे। गुरुवार से ही इंसीनरेटर में ड्राई रन शुरू हो गया है और 12 घंटे तक इंसीनरेटर को चालू कर इसके प्रथम चेम्बर में 850 से 900 डिग्री सेल्सियस व दूसरे चेम्बर में 1100 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचाया जाएगा।
पिछली सुनवाई में सरकार से मांगा था जवाब
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से पूछा था कि धार जिले के पीथमपुर में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का कचरा जलाने के दौरान कोई घटना होगी, तो उससे निपटने के लिए उसके पास क्या इंतजाम हैं। गुरुवार को सरकार ने जवाब दाखिल कर दिया। याचिका में आरोप था कि कचरा जलाने के दौरान अकस्मात आपदा होने की स्थिति में आपदा प्रबंधन के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
याचिकाकर्ता की आपत्तियां खारिज
याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि पर्यावरण और स्वास्थ्य नियमों का पालन किए बगैर यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने की तैयारी की गई है। याचिकाकर्ता का आरोप था कि जिस जगह कचरा जलाया जाना है, वहां से 250 मीटर दूर एक गांव है। एक किमी के दायरे में तीन अन्य गांव हैं, लेकिन स्थानीय नागरिकों को वैकल्पिक स्थान तक उपलब्ध नहीं करवाया गया। कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है तो पीथमपुर में अस्पताल भी नहीं है।
हाई कोर्ट के आदेश पर जलाया जा रहा कचरा
उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार यूनियन कार्बाइड के कचरे का निस्तारण करा रही है। इसके लिए जनवरी में 337 टन कचरे को भोपाल से धार जिले के पीथमपुर स्थित संयंत्र में लाकर उसे जलाने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने कचरे के जलने से उसकी जहरीले तत्वों का जलवायु पर दुष्प्रभाव होने की आशंका जताते हुए विरोध कर दिया था।
डबल बेंच ने पहले नंबर इस केस की सुनवाई की
गैस राहत विभाग के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने भास्कर को बताया कि यूका के रासायनिक कचरे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन लगी थी। जस्टिस गवई और जस्टिस मसीह की डबल बेंच ने पहले नंबर इस केस की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इस मामले को डिस्पोज ऑफ किया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पहले ही यह मामला विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 ट्रायल रन का भी संज्ञान लिया
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 और 2015 में हुए दो ट्रायल रन का भी संज्ञान लिया। सीपीसीबी के टेस्ट रिपोट्र्स का अवलोकन भी किया। उसके आधार पर डबल बेंच ने पिटिशन को डिस्पोज किया। अगर याचिकाकर्ता को किसी तरीके से कोई भी तथ्य या आपत्ति करना है तो एमपी हाईकोर्ट में दे सकते हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट चार लाख करोड़ से अधिक का होगा
28 Feb, 2025 08:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 12 मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत होगा। यह चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का रहेगा। इसमें फोकस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता वाली चार जातियों गरीब, किसान, महिला एवं युवा पर रहेगा। सिंहस्थ के लिए विशेष बजट प्रविधान किए जाएंगे तो सरकार पूंजीगत व्यय और बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर सकती है। विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च को राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से प्रारंभ होगा। 11 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा। नौ दिवसीय सत्र को देखते हुए राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर सरकार की ओर से प्रस्तुत होने पर कृतज्ञता ज्ञापन पर एक दिन चर्चा कराई जा सकती है।
डबल इंजन की सरकार का लाभ मध्य प्रदेश को लगातार मिल रहा है। आम बजट में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रविधान राज्य के लिए किए गए हैं। एक लाख 11 हजार 661 करोड़ रुपये केंद्रीय करों में हिस्सा मिलेगा तो सहायता अनुदान 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलने का अनुमान है। इस हिसाब से देखा जाए तो वर्ष 2024-25 की तुलना में वर्ष 2025-26 में 15, 908 करोड़ रुपये अधिक मिलने की संभावना है। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने बजट का खाका खींचा है।
गरीब, किसान, महिला, युवा बजट की प्राथमिकता
सूत्रों के अनुसार गरीब कल्याण, महिला सशक्तीकरण, युवा कल्याण और किसानों के हित में प्रविधान किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए बड़ा वित्तीय प्रविधान ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के बजट में रखा जाएगा। औद्योगिक विकास के लिए 18 नीतियों के अंतर्गत उद्यमियों को जो विशेष प्रोत्साहन देने का वादा किया गया है, उसकी पूर्ति के लिए प्रविधान होंगे तो भोपाल में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने की योजना प्रस्तावित की जाएगी। अधोसंरचना निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं को गति देने के लिए सरकार इस बार भी पूंजीगत व्यय बढ़ाएगी। यह 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
राज्य सकल घरेलू उत्पाद 15 लाख करोड़ संभावित
11 मार्च को सरकार आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करेगी। इसमें वर्ष 2024-25 में राज्य सकल घरेलू उत्पाद की स्थिति, राज्य की विकास दर, प्रति व्यक्ति आय से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद 15 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। यह वित्तीय वर्ष 2023-24 में 13 लाख 63 हजार करोड़ रुपये रहा है।
नेशनल लोक अदालत 8 मार्च को
27 Feb, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: आगामी 08 मार्च 2025 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को आपसी समझौतो से निराकृत किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत अधिनियम 2003 धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 135 के अंतर्गत अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रकरणों में ही छूट दी जाएगी।
प्रि-लिटिगेशन स्तर पर
कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
लिटिगेशन स्तर पर
कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
लोक अदालत में छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगी
आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि 10 लाख रूपये तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘ 8 मार्च 2025 को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।
किसानों को उपार्जित गेहूं का भुगतान समय पर करें
27 Feb, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरूण शमी ने गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सागर एवं शहडोल संभाग के कमिश्नर एवं कलेक्टर्स से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसानों से अच्छी गुणवत्ता का गेहूं उपार्जित करें। साथ ही उपार्जित गेहूं का भुगतान समय पर करें। गौरतलब है कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गत दिनों गेहूं उपार्जन की समीक्षा के दौरान जिलेवार उपार्जन तैयारियों की समीक्षा के निर्देश दिये थे।
शमी ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों में किसानों के लिये सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। किसानों को गेहूं उपार्जन के लिये पंजीयन कराने के लिये जागरूक करें। उन्होंने संभागायुक्त और जिलों के कलेक्टर्स से अलग-अलग बात कर गेहूं उपार्जन के लिये की गई तैयारियों की जानकारी ली। अभी तक 3 लाख से अधिक किसान गेहूं उपार्जन के लिये पंजीयन करा चुके हैं। शमी ने बताया कि वेयर हाउस के लंबित भुगतान भी जल्द किये जायेंगे। उन्होंने उचित मूल्य दुकानों से राशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों का ई-केवायसी कराने के निर्देश भी दिये। उन्होंने बताया कि गेहूं उपार्जन के लिये किसान 31 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं। इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूं का उपार्जन 1 मार्च से 18 अप्रैल तक होगा। शेष संभागों में 17 मार्च से 5 मई तक गेहूं का उपार्जन किया जायेगा।
संचालक खाद्य कर्मवीर शर्मा ने कहा कि उपार्जित गेहूं का परिवहन जल्द किया जाये। गेहूं के भंडारण की समुचित व्यवस्था करें। उपार्जन केन्द्रों की माइक्रो प्लानिंग करें। इस बात ध्यान रखें कि उपार्जन केन्द्रों में किसानों को कोई कठिनाई नहीं हो। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों का सत्यापन कराएं। उचित मूल्य दुकान के स्टॉक का भौतिक सत्यापन 7 दिन में करा लें। उपार्जन कार्यों की मॉनिटरिंग के लिये संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगाएं। उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त बारदानों की व्यवस्था करें।
एमडी नागरिक आपूर्ति निगम अनुराग वर्मा ने किसानों के रजिस्ट्रेशन पर जोर दिया। उन्होंने धान मिलिंग की समीक्षा की तथा मिलिंग का कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिये। वर्मा ने परिवहन संबंधी लंबित बिलों को जल्द भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भुगतान की कार्यवाही शीघ्र की जायेगी। जिला कलेक्टर्स ने गेहूं उपार्जन संबंधी तैयारियों की जानकारी दी।
मीडिया और सिनेमा की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका : राज्यमंत्री गौर
27 Feb, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मीडिया और सिनेमा की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका है। फिल्में समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है। हमारी फिल्में केवल कथा और कहानी नहीं होतीं, इनमें राष्ट्र और समाज को सशक्त करने का संदेश भी होता है। आज के डिजिटल युग में मीडिया और सिनेमा की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर सेज विश्वविद्यालय के सभागार में सतपुड़ा चलचित्र समिति के ग्वालियर शार्ट फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर विमोचन समारोह को संबोधित कर रही थी।
राज्य मंत्री गौर ने कहा कि ग्वालियर शार्ट फिल्म फेस्टिवल में युवा भाग लेगें और अपनी रचानात्मक और सृजनात्मक क्षमता से नवाचार करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें युवा पीढ़ी पर गर्व है। युवा वर्ग देश में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि युवाओं की समाज और देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है।
राज्यमंत्री गौर ने कहा कि फिल्मों के माध्यम से सामाजिक मूल्यों, परम्पराओं और संस्कृति को संरक्षित करने के साथ ही समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है। सतपुड़ा चलचित्र समिति इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा ने हमारे राष्ट्रवाद, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विविधता को सशक्त किया है। उन्होंने कहा कि सिनेमा को समाज से जोड़ने का माध्यम बनाने की दिशा में समिति का प्रयास सराहनीय है। मंत्री गौर ने कहा कि आज के युग में कुछ डिजिटल प्लेटफार्म पर असामाजिक व्यक्ति परिवारिक मूल्यों को नष्ट करने का दुष्प्रयास कर रहे है। ऐसे समय में सतपुड़ा चलचित्र समिति जैसी संस्थाओं की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर शार्ट फिल्म फेस्टिवल केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक विचारधारा का विस्तार है। यह नवोदित फिल्मकारों के लिये एक मंच है। इस फेस्टिवल के माध्यम से हम ऐसे सिनेमा को प्रोत्साहित करेगें जो भारतीय मूल्यों को संरक्षित रखते हुए समाज के समक्ष सार्थक विषय प्रस्तुत कर रहे हैं।
ग्वालियर शार्ट फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर विमोचन समारोह के प्रारंभ में सतपुडा़ चलचित्र समिति और विश्व संवाद केन्द्र मध्यप्रदेश के अध्यक्ष लाजपत आहूआ ने कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में सेज विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव नीरज उपमन्यु ने अध्यक्षयीय उद्बोधन दिया। उन्होंने अतिथियों का आभार भी व्यक्त किया। कार्यक्रय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।
मंत्री सारंग ने की जीआईएस में सहकारिता विभाग की फॉलो-अप समीक्षा
27 Feb, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सहकारिता विभाग में निवेश विंग की स्थापना के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने विंध्याचल भवन स्थित सहकारिता विभाग में सहकारिता संबंधी निवेशकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिये एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा। साथ ही उन्होंने एक कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिये, जो आये प्रस्तावों पर विचार-विमर्श के बाद हायर लेवल पर प्रस्तुत करेगी। मंत्री सारंग मंत्रालय में जीआईएस के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे।
हितग्राहियों को परस्पर लाभ देने के लिये सीपीपीपी मॉडल
मंत्री सारंग ने कहा कि विभाग के को-ऑपरेटिव पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के हितग्राहियों को परस्पर लाभ प्रदान करने के साथ ही प्रदेश के दूसरे और तीसरे दर्जे के क्षेत्रों के विकास को तिगुनी गति प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इसीलिये निवेशकों का विशेष ख्याल रखा जाये। सिंगल विण्डो सिस्टम से किसी भी प्रकार की समस्या का निराकरण हो।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में को-ऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल के अंतर्गत कुल अनुमानित 2305 करोड़ रुपये के 19 एमओयू हुए हैं। इनमें प्रमुख रिलायंस द्वारा 1000 करोड़ और वैधनाथ ग्रुप द्वारा निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। मैजेस्टिक बासमती राइस प्राइवेट लिमिटेड रायसेन द्वारा 1000 करोड़ रुपये, आरएम ग्रुप द्वारा 100 करोड़ रुपये, मशरूम वर्ल्ड भोपाल द्वारा 100 करोड़ रुपये, वी विन लिमिटेड भोपाल द्वारा 40 करोड़ रुपये, न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति नोएडा यूपी द्वारा 30 करोड़ रुपये, एग्रीविस्टा एआई प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 25 करोड़ रुपये और सवीर बॉयो टेक लिमिटेड नोएडा यूपी द्वारा 10 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। साथ ही प्रतिभा सिंटेक्स इंदौर, पतंजलि, भारतीय बीज सहकारी समिति, न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति नोएडा आदि ने भी मध्यप्रदेश में निवेश में रुचि जाहिर की है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, प्रबंध संचालक मार्कफेड आलोक कुमार सिंह, सहकारिता आयुक्त मनोज पुष्प, अपेक्स बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक मनोज कुमार गुप्ता, राज्य सहकारी संघ के प्रबंध संचालक ऋतुराज रंजन, बीज संघ के प्रबंध संचालक महेन्द्र दीक्षित सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नई क्रांति की ओर अग्रसर :मुख्यमंत्री डॉ. यादव
27 Feb, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश में वर्ष 2070 तक कार्बन फुट-प्रिंट को शून्य तक लाने और समाप्त होते जीवाश्म ईंधन के विकल्प तलाशने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (अक्षय) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्यप्रदेश पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ योगदान दे रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 12 वर्षों में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 14 प्रतिशत अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे अब कुल ऊर्जा उत्पादन में सहभागिता 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा का व्यापक निवेश
जीआईएस-भोपाल में मध्यप्रदेश की टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी के कारण नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जीआईएस-भोपाल के उद्घाटन अवसर पर कहा कि विगत दशक में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 70 बिलियन डॉलर (5 ट्रिलियन रुपये से अधिक) का निवेश किया गया, जिससे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस विकास में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और बताया कि राज्य वर्तमान में लगभग 31,000 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता रखता है, जिसमें से 30% हरित ऊर्जा है।
रीवा और ओंकारेश्वर: हरित ऊर्जा के नए केंद्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन मे कहा जीआईएस के शुभारंभ पर मध्यप्रदेश का रीवा सोलर पार्क देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा पार्कों में से एक है। इसके साथ ही हाल ही में ओंकारेश्वर में देश के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट का शुभारंभ किया गया है, जिससे अक्षय ऊर्जा उत्पादन को नई दिशा मिली है।
मध्यप्रदेश: ऊर्जा सरप्लस राज्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य अपनी भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के कारण देश के अग्रणी ऊर्जा सरप्लस राज्यों में से एक है। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्म निर्भरता को प्राथमिकता देते हुए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर प्रयासरत है।
तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने वाली पहली नवकरणीय ऊर्जा नीति
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी लागू की है। इस नीति में सौर और पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को अनुकूल और लचीले अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नया आयाम जुड़ रहा है।
सांची बना मध्यप्रदेश का पहला सौर शहर
पर्यावरण संरक्षण और नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, सांची को राज्य का पहला सौर शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह "नेट ज़ीरो कार्बन" सिद्धांत पर आधारित होगा, जिसमें जितनी ऊर्जा का उपभोग होगा, उतनी ही हरित ऊर्जा का उत्पादन भी किया जाएगा। यह परियोजना देश-दुनिया के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगी।
नर्मदापुरम में नवकरणीय ऊर्जा उपकरणों के लिए समर्पित निर्माण क्षेत्र
राज्य सरकार नर्मदापुरम जिले में पॉवर और नवकरणीय ऊर्जा उपकरणों के लिए एक समर्पित निर्माण ज़ोन विकसित कर रही है, जिससे राज्य में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
वर्ष- 2030 तक 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शी नीतियों और राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से मध्यप्रदेश हरित ऊर्जा हब के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में राज्य में 5 बड़ी सौर परियोजनाएँ कार्यरत हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 2.75 गीगावाट (2,750 मेगावाट) है। सरकार की योजना वर्ष-2030 तक नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 20 गीगावाट (20,000 मेगावाट) करने की है।
नवकरणीय ऊर्जा में 5.72 लाख करोड़ से अधिक का निवेश एवं 1.4 लाख से अधिक रोजगार के अवसर
मध्यप्रदेश सरकार नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 5,21,279 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित कर रही है, जिससे 1,46,592 नौकरियाँ सृजित होंगी। जीआईएस-भोपाल में नवकरणीय ऊर्जा सेक्टर में अवाडा एनर्जी, एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, एक्सिस एनर्जी वेंचर, एनएसएल रिन्यूएबल पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, टोरेंट पॉवर और जिंदल इंडिया रिन्यूएबल एनर्जी जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों ने निवेश प्रस्ताव दिए हैं। इस निवेश से राज्य में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को गति मिलेगी और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मध्यप्रदेश: भारत के 'नेट ज़ीरो कार्बन' लक्ष्य में प्रमुख योगदानकर्ता
राज्य सरकार की यह पहल भारत के ‘नेट ज़ीरो कार्बन’ लक्ष्य वर्ष-2070 को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मध्यप्रदेश तेजी से नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में देश का नेतृत्वकर्ता बन रहा है और आत्मनिर्भर भारत व स्वच्छ ऊर्जा मिशन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने दंगवाड़ा में की बोरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना
27 Feb, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सपत्नीक चंबल नदी तट पर स्थित अति प्राचीन बोरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि व मंगल की कामना की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन की ग्राम पंचायत दंगवाड़ा स्थित 4000 हजार वर्ष से अधिक प्राचीन बोरेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। पूजन एवं जलाभिषेक पंडित जगदीश शर्मा, नमन शर्मा ने विधि विधान से संपन्न कराया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मन्दिर परिसर मे उपस्थित जन समूह को संबोधित किया और जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह को सभी मांगो को पूर्ण करने के लिये आवश्यक कार्रवाई सुनिशित करने के निर्देश दिया।
भारत रत्न नानाजी देशमुख राष्ट्रसेवी थे, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भारत रत्न देकर किया सच्चा सम्मान : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह
27 Feb, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रखर राष्ट्रवादी विचारक भारत रत्न नानाजी देशमुख अजातशत्रु थे। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल की अवधि में कई कष्ट सहे और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए तत्कालीन परिस्थतियों में राष्ट्रहित में जो कार्य किया उस वजह से उन्हें राष्ट्र ऋषि की उपाधि दी गई। वे वास्तविक अर्थों में राष्ट्रसेवी थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नानाजी देशमुख को भारत रत्न देकर उनके जीवन और कार्यों का सच्चा सम्मान किया।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह गुरूवार को सतना जिले के चित्रकूट में भारत रत्न नानाजी देशमुख की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह समारोह नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवीनीकृत राम दर्शन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का रिमोट का बटन दबाकर लोकार्पण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने मूर्तिकारों का सम्मान भी किया। नानाजी के श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। नानाजी की 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी कर्मस्थली रही चित्रकूट में तीन विशेष कार्यक्रम एक साथ आयोजित किए गए। इनमें नानाजी का श्रद्धांजलि समारोह, पंडित दीनदयाल जी की प्रतिमा और राम दर्शन का लोकार्पण शामिल है।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भगवान कामता नाथ को प्रणाम कर नानाजी के महान व्यक्तित्व को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि नानाजी का जन्म महाराष्ट्र में हुआ, वे संघ से जुड़े और उत्तर प्रदेश को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। नानाजी ने जनसंघ को खंड-प्रखंड स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। गृह मंत्री शाह ने कहा कि राजनीति में रहते हुए भी नानाजी अजातशत्रु थे। इस क्षेत्र में उनका कोई विरोधी नहीं था। एक राजनेता के जीवन में ऐसा अत्यंत दुर्लभ दिखाई देता है।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि नानाजी ने राजनीति के इतर समाज सेवा सहित कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए। नानाजी ने अपने जीवन में संकल्प लेते हुए एकात्म मानववाद को धरातल पर उतारने का निर्णय लिया। वे समाज से बुराई को दूर करते रहे, लेकिन कभी किसी बुराई को स्वयं तक नहीं आने दिया। उनके आदर्श एक सदी तक राजनीतिज्ञों के लिए आदर्श बनकर रहेंगे। केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख लगभग एक ही काल खंड में जन्मे थे। भारत के विकास को पं. दीनदयाल उपाध्याय ने अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के कल्याण से जोड़कर देखा था। एकात्म मानववाद का विचार कैसे जमीन पर उतरेगा एक समय में लोग इसे असंभव समझते थे, लेकिन नानाजी ने चित्रकूट से ग्रामोदय के उत्थान के विचार के साथ अंत्योदय की नींव रखी।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज तक देश के 60 करोड़ परिवारों को अपना पक्का मकान, स्वच्छ पेयजल, रसोई गैस और मुफ्त इलाज समेत जैसी अनेक सुविधाएं मिल रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विचार के संदर्भ में शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश में गांव-गांव को गोकुल बनाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीयता के साथ-साथ हमारी कृषि, शिक्षा और वसुधैव कुटुंबकम को कैसे विश्व में स्थापित किया जाए, नानाजी के विचारों के अनुकूल इन कार्यों को साकार किया गया है। उन्होंने कहा कि देश का विकास कितना भी हो जाए लेकिन विरासत को साथ लेकर चलना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि नानाजी कुशल संगठनकर्ता थे। जब देश में आपातकाल लगा तो बड़े पैमाने पर लोग लोकतंत्र को बचाना चाहते थे। इसी कालखंड में कई आंदोलन हुए और जनसंघ का उदय हुआ। नानाजी देशमुख ने राष्ट्र प्रथम की भावना को प्राथमिकता देते हुए दलों का विलय भी करवाया। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने नानाजी देशमुख को राष्ट्र ऋषि की उपाधि दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने नानाजी देशमुख को भारत रत्न देने का कार्य किया। नानाजी ने 60 वर्ष की आयु में सक्रिय राजनीति से स्वयं को दूर कर आदर्श प्रस्तुत किया।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि देशभर में सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना के लिए नानाजी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इसी तरह पं. दीनदयाल उपाध्याय ने राष्ट्र, समाज और व्यक्ति के विकास का एक पूर्ण दर्शन दिया। नानाजी देशमुख के साथ ही पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का लगाया राष्ट्र सेवा के भाव का पौधा आज विशाल वट वृक्ष बन चुका है।
नानाजी ने ग्राम स्वावलंबन की कल्पना की, वे प्रेरणा पुंज थे - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चित्रकूट स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान में केंद्रीय गृहमंत्री शाह समेत यहां उपस्थित सभी अतिथियों का आभार माना। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सुखद संयोग रहा है कि उनकी नानाजी से भेंट हुई थी। नानाजी का होना हम सबके लिए एक प्रेरणा पुंज के समान था। जब पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया तो नानाजी ने बड़ी विनम्रता से मना कर दिया था। नानाजी ने गांवों में स्वावलंबन की कल्पना की थी। उन्होंने कहा कि नानाजी ने कलाकारों को जोड़कर तीर्थ धाम को जीवंत करने का कार्य किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नानाजी देशमुख जैसे महामानव को प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने भारत रत्न देकर उनका सच्चे अर्थों में सम्मान किया है।
कार्यक्रम में कथावाचक पूज्य मुरारी बापू ने नानाजी के साथ बिताए समय को याद किया। उन्होंने कहा कि नानाजी ने सबसे पहले चित्रकूट में रामदर्शन की थी और आज इसे नया रूप दिया जा रहा है। आज का दिन राष्ट्र ऋषि नानाजी को श्रद्धांजलि देने का दिन है। नानाजी ने रामकथा के साथ रामदर्शन तो कराया ही, लेकिन हम सबको ग्राम दर्शन भी कराया है। पं. दीनदयाल उपाध्याय एकात्म चेतना से आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने का मार्ग मिला है। नानाजी का जीवन एक साधु की तरह रहा। पूज्य बापू ने रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए राम राज्य की परिकल्पना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब भगवान श्रीराम ने अपने भाई भरत को राम राज्य के लिए 4 बातें बताई थीं। पहला साधु मत, दूसरा लोकमत, तीसरा राजनीतिक मत और चौथा सनातन वैदिक मत। उन्होंने कहा कि नानाजी के जीवन में यह चारों बातें समाहित थीं।
श्रद्धांजलि समारोह में पूज्य अचलानंद जी महाराज, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, खजुराहो सांसद वी.डी शर्मा, सतना सांसद गणेश सिंह, विधायक चित्रकूट सुरेन्द्र सिंह गहरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, कुलगुरू ग्रामोदय विश्वविद्यालय डॉ. भरत मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष डीआरआई निखल मुंडले सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में साधु-संत एवं नानाजी के अनुयायी उपस्थित थे।
जनजातियों का चल रहा स्वर्णिम युग : राज्यपाल पटेल
27 Feb, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि आज का युग जनजातियों के उत्थान के लिए स्वर्णिम युग है। जनजातियों के लिए केंद्र एवं राज्य शासन के द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी एवं कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है तथा जनजातियों को सीधे तौर पर इनका लाभ प्राप्त हो रहा है। इससे जनजातीय समुदाय सशक्त एवं आत्मनिर्भर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजातियों के रूप में चिन्हित हैं। इनके उत्थान एवं समाज के मुख्य धारा में जोड़ने के लिए सरकार द्वारा अनेकों प्रयास किए जा रहे है। राज्यपाल पटेल उमरिया जिले के ग्राम पंचायत लोढ़ा में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत लाभान्वित बैगा समुदाय के हितग्राहियों से संवाद कर रहे थे।
राज्यपाल पटेल ने जनजातियों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि जीवन में प्रगति के लिये शिक्षा सबसे जरूरी है। शिक्षा के बिना कोई भी व्यक्ति या समाज प्रगति नहीं कर सकता। जनजातीय समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में कार्य करना सबसे महत्वपूर्ण हैं, बेटे के साथ-साथ बेटी को भी शिक्षित करें, तभी हम प्रगति की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। उन्होंने जनजातीय छात्र-छात्राओं से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों कि जनजातीय विद्यार्थियों में से कौन-कौन स्कूल जा रहा है अथवा नहीं यह देखें तथा बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करें। बच्चों को विद्यालय में कैसी शिक्षा दी जा रही है इसकी भी जानकारी लें तथा बच्चों के अभिभावक स्वयं बच्चों को एक घंटा समय निकालकर अवश्य पढ़ाएं। जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके तथा बच्चों का बेहतर भविष्य का निर्माण हो सके।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश के जनजातीय महानायक टंट्या भील, रानी दुर्गावती सहित अन्य महानायकों की जीवनी को पढ़ाएं और बताएं कि उन्होंने देश के उत्थान में किस प्रकार योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सहरिया, भारिया एवं बैगा समुदाय के विकास के लिये केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पीएम जनमन योजना के लिये 24 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। पीएम-जनमन योजना से सहरिया, भारिया एवं बैगा समुदाय के लोगों को आवास के साथ-साथ अन्य मूलभूत सुविधायें भी मुहैया कराई जा रही हैं। उन्होंने सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से कहा कि जनजातीय लोग बहुत ही सीधे और सरल होते हैं, आप उनके यहां जाएंगे तो वह बिना खाना खिलाए आपको आने नहीं देंगे। वह अपनी थाली आपको परोस देंगे। आप जब भी अपने क्षेत्र के भ्रमण में निकलें तो जनजातीय परिवारों से अवश्य मिलें तथा उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है, अथवा नहीं इसकी जानकारी अवश्य लेकर उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाएं।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि उमरिया जिला भी जनजातीय बाहुल्य जिला है, जहां जनजातीय परिवारों के लिए प्रशासन की ओर से अनेक कार्य किए गए हैं। इन परिवारों को आधार-कार्ड, आयुष्मान-कार्ड, लाड़ली बहना, लाड़ली लक्ष्मी जैसी अनेक योजनाओं का लाभ दिया गया है। पीएम जनमन योजना के तहत चयनित हितग्राहियों को पक्के आवास की भी सुविधा मुहैया कराई गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी आवास प्रदान किए गए हैं। बच्चों की शिक्षा के लिये आंगनवाड़ी और प्राथमिक विद्यालय भी ग्राम पंचायत में संचालित है। राज्यपाल पटेल ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, आयुष्मान कार्ड के हितग्राहियों को प्रमाण-पत्र का वितरण किया।
राज्यपाल ने प्राथमिक शाला भवन टंगराटोला के तीसरी कक्षा के बच्चों से किया संवाद
राज्यपाल पटेल ने उमरिया जिले के ग्राम पंचायत लोढ़ा के प्राथमिक शाला भवन टंगराटोला के कक्षा तृतीय के विद्यार्थियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्व को बताया तथा उन्हें व्यायाम करने, मोटा अनाज/मिलेट्स का सेवन करने, ज्यादा से ज्यादा पानी पीने एवं भरपूर नींद लेने की बात कही। इस दौरान राज्यपाल ने बच्चों से देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा मध्यप्रदेश के राज्यपाल अर्थात स्वयं के नाम भी पूछा। राज्यपाल द्वारा पूछे गए प्रश्नों के बच्चों से सटीक जवाब सुनकर राज्यपाल ने खुशी जाहिर की।
राज्यपाल ने आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र टगराटोला में मनाया बच्चों का जन्म-दिवस
मध्यप्रदेश के राज्यपाल पटेल ने उमरिया जिले के ग्राम पंचायत लोढ़ा के आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र टगराटोला में बच्चों का जन्मदिन केक काटकर मनाया तथा बच्चों को शुभाशीष एवं उपहार दिए। राज्यपाल ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कुसुम यादव से बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र में मिलने वाली सुविधाओं एवं संदर्भ सेवाओं की जानकारी ली। इस दौरान राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पौष्टिक आहार किट्स प्रदान की।
कार्यक्रम में सांसद शहडोल हिमाद्री सिंह, विधायक सुमीना सिंह, विधायक बांधवगढ़ शिव नारायण सिंह, कमिश्नर शहडोल सुरभि गुप्ता, पुलिस महा निरीक्षक शहडोल अनुराग शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं जिले के समस्त विभागों के अधिकारी एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे।
पीएम जनमन योजना से बदल रहा जनजातीय समुदाय का जीवन : राज्यपाल पटेल
27 Feb, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों को प्राथमिकता के साथ लाभान्वित कर रही हैं। पीएम जन-मन योजना के द्वारा बैगा, सहरिया एवं भारिया विशेष पिछड़ी जनजातीय बसाहटों में पक्का आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। राज्यपाल पटेल ने यह बात कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के पीएम जनमन ग्राम कोठी में बैगा जनजाति के लोगों से संवाद के दौरान कही।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के रूप में जनमन ग्रामों के समग्र विकास के लिए दूरदर्शी और संवदेनशील नेतृत्व मिलना हम सब के लिए सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री जनजातीय समुदाय के प्रति विशेष संवेदनशील हैं। समाज के पिछड़े वर्ग और व्यक्तियों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी सतत् काम कर रहे हैं।
पीएम जनमन योजना के हितग्राहियों का गृह प्रवेश
राज्यपाल मंगुभाई पटेल जनमन ग्राम कोठी में बैगा हितग्राहियों के साथ संवाद कार्यक्रम के पहले, प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के हितग्राहियों के घर भी पहुचें। उन्होंने योजना से लाभ मिलने के बाद हितग्राही के जीवन में आए बदलाव को जाना।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सर्वप्रथम पीएम जनमन आवास हितग्राही चंदाबाई बैगा, भल्लू बैगा और सोनी बैगा को प्रधानमंत्री आवास योजना से बने पक्के आवास में विधि-विधान और पूजा-अनुष्ठान के साथ गृह प्रवेश कराया। राज्यपाल पटेल का बैगा समुदाय के लोगों ने तिलक लगाकर और शाल पहनाकर स्वागत किया। बैगा परिवारों ने उपहार स्वरूप उन्हें लोक कला पर आधारित पेन्टिंग भेंट की गई।
स्व-सहायता समूहों से जुड़कर महिलाओं का जीवन बदला
राज्यपाल पटेल ने कहा कि स्व-सहायता समूहों से जुड़कर महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक विकास हुआ है। महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। महिलाएं अब स्वयं का रोजगार शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही है। परिवार में भी महिलाओं का मान सम्मान बढ़ा है। राज्यपाल पटेल ने संवाद कार्यक्रम में लाभान्वित हितग्राहियों से चर्चा भी की। इस दौरान आजीविका मिशन के मुर्गी पालन समूह की दीदी राजकुमारी ने बताया कि स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद करीब 8 हजार रूपये प्रतिमाह की अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। पति खेती-किसानी का काम करते हैं, जिससे उनका अच्छे से जीविकोपार्जन हो रहा है।
पढ़ाई के बिना प्रगति नहीं...
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उपस्थित बैगा परिवारों को अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति शिक्षित होकर ही जीवन में आगे बढ़ सकता हैं। घर के बेटा-बेटी पढ़ेंगे तभी आगे बढ़ेंगे और उन्नति करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के विशेष प्रयासों से अब पैसों की कमी शिक्षा की राह में बाधा नहीं है। सरकार बेटियों के जन्म से लेकर विदेश में पढ़ाई कराने तक की जिम्मेदारी निभा रही है। । छात्र-छात्राओं की शिक्षा के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं जिनका लाभ लेकर कोई भी व्यक्ति बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकता हैं। राज्यपाल पटेल ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को आंगनवाड़ी जरूर भेजें। उन्होंने ग्रामीणों को नशे से दूर रहने की सलाह भी दी।
राज्यपाल ने की कटनी कलेक्टर की सराहना
राज्यपाल पटेल ने 3 बैगा परिवारों को पीएम जनमन आवास में गृह प्रवेश करवाने के बाद आवास का अवलोकन किया। राज्यपाल पटेल ने बैगा परिवारों के लिए बनाये गये नवीन आवास की गुणवत्ता को देखा। उन्होंने बैगा परिवार को प्रधानमंत्री जनमन आवास का गुणवत्तापूर्ण भवन उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर दिलीप कुमार यादव की सराहना की।
निर्माणाधीन भवनों का किया निरीक्षण
राज्यपाल पटेल ने ग्राम कोठी में 60 लाख रूपये की लागत से निर्माणाधीन बहुउद्देश्यीय केन्द्र के भवन निर्माण कार्य और यहां बैगा मोहल्ला में करीब 12 लाख रूपये की लागत से बन रहे आंगनबाड़ी भवन निर्माण के कार्य का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने अधिकारियों को गुणवत्ता भवन निर्माण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
टीबी मरीज को दिया पोषण आहार किट
राज्यपाल पटेल ने कोठी गांव में 100 दिवसीय टीबी मुक्त अभियान के तहत 15 वर्षीय क्षय रोगी बालिका को फूड बास्केट पोषण आहार किट प्रदान किया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय और मरीजों को नियमित तौर पर टीबी की दवा लेने और पौष्टिक भोजन की सलाह दी।
अब तक की सबसे सफल रही भोपाल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में महाकौशल को मिली निराशा
27 Feb, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे सफल इन्वेस्टर्स समिट साबित हुई है। प्रदेश के इतिहास में 2023 तक हुई 7 समिट में कुल 33.19 लाख निवेश के प्रस्ताव मिले थे, जबकि अकेले भोपाल में 24 और 25 फरवरी को 2025 में सरकार को कुल 30.77 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हंै। लेकिन विडंबना यह रही की खनिज संपदा से परिपूर्ण महाकौशल के हाथ निराशा लगी।जबलपुर सहित महाकौशल क्षेत्र को लॉजिस्टिक पार्क को लेकर जो उम्मीदें थीं, वे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में धराशायी हो गईं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार के द्वारा उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिए उठाए गए कदम भारत के विकास को भी गति देने का कार्य कर रहे हैं। मप्र निश्चित ही प्रमुख उद्योग राज्य बनेगा। मप्र में निवेशकों में निवेश करने के प्रति विश्वास बढ़ा है। स्थायी और सशक्त सरकार, पारदर्शी प्रशासन, उपयोगी नीतियां, सहयोगी सामाजिक वातावरण, आर्थिक प्रगति के लिये ऐसे आधार हैं, जो मप्र में मौजूद हैं। मप्र देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने जनविश्वास अधिनियम, ईज ऑफ डूइंग के माध्यम से पहल की है। सरकार ने इंदौर के बाद भोपाल में लॉजिस्टिक पार्क की घोषणा कर दी, लेकिन जबलपुर को इसमें शामिल नहीं किया। इससे महाकौशल, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र की औद्योगिक संभावनाओं को बड़ा झटका लगा है।
भोपाल को मिला, जबलपुर रह गया पीछे
धार और पीथमपुर में करीब 255 एकड़ में मध्य भारत के सबसे बड़े और प्रदेश के पहले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के बाद अब राजधानी भोपाल को भी लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए 2200 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। वहीं, जबलपुर के लिए ऐसी कोई योजना घोषित नहीं की गई, जबकि यह भौगोलिक रूप से एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। सरकार लगातार औद्योगिक विकास की बात कर रही है, लेकिन महाकौशल को अब तक कोई बड़ा औद्योगिक प्रोजेक्ट नहीं दिया गया। इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों को लॉजिस्टिक पार्क की सौगात मिल रही है, लेकिन जबलपुर को इससे वंचित रखा गया। इससे स्थानीय व्यापारियों, उद्योगपतियों और युवाओं में निराशा है।
महाकौशल और विंध्य को होता सीधा लाभ
अगर जबलपुर में लॉजिस्टिक पार्क स्थापित किया जाता, तो इससे महाकौशल, बुंदेलखंड और विंध्य के जिलों को सीधा लाभ मिलता। खासतौर पर जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, बैतूल, डिंडोरी, कटनी, दमोह, टीकमगढ़, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, सतना, रीवा और सीधी जैसे जिलों के व्यापार और उद्योग को गति मिलती। जबलपुर में लॉजिस्टिक पार्क बनने से प्रदेश के कई क्षेत्रों को उसका लाभ मिलता। जबलपुर मप्र के केंद्र में स्थित है, जिससे पूरे राज्य में समान रूप से आपूर्ति संभव होती। जबलपुर रेलवे और सडक़ परिवहन का बड़ा केंद्र है, जिससे लॉजिस्टिक्स संचालन में तेजी आती। जबलपुर में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण उद्योग नहीं बढ़ पा रहे। महाकौशल में कृषि और खनिज संसाधनों की भरमार है, जिसे सही लॉजिस्टिक्स सपोर्ट से बड़े बाजारों तक पहुंचाया जा सकता था।
जबलपुर में रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस
भोपाल में दो दिन तक चली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सबसे ज्यादा 5.82 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव भोपाल संभाग को मिले हैं। निवेश के मामले में इंडस्ट्रियलिस्ट की पहली पसंद रहने वाला इंदौर इस बार उज्जैन से भी पिछड़ता दिख रहा है। उज्जैन में 4.77 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं, जबकि इंदौर में 4.76 लाख करोड़ के प्रस्ताव हैं। नर्मदापुरम में 2.93 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। जबलपुर संभाग के लिए 1.06 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा फोकस रिन्यूएबल एनर्जी पर है। अवाडा ग्रुप भी यहां बड़ा निवेश करने की घोषणा कर चुका है।
स्मार्ट मीटर योजना की सफलताएं जबलपुर, भोपाल को बताई जाएंगी
27 Feb, 2025 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : स्मार्ट मीटर योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर ने इस क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया हैं, पश्चिम क्षेत्र में स्मार्ट मीटर की सफलता की जानकारी जबलपुर, भोपाल बिजली कंपनी को दी जाएगी। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पदेन चेयरमैन एवं पॉवर मैंनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक अविनाश लवानिया ने बताया कि जल्द ही शासकीय कार्यालयों, परिसरों में प्राथमिकता से स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, ताकि शासकीय कार्यालयों की बिजली वितरण व्यवस्था प्रीपेड की जा सके।
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सभागार में गुरुवार को हुई मीटिंग में लवानिया ने कहा कि इंदौर क्षेत्र हर कार्य में आगे रहता हैं, हर बार सफलता प्राप्त करता हैं, इंदौर के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने उपभोक्ता सेवाओं, मीटरीकरण, बिजली आपूर्ति, राजस्व संग्रहण, मानव संसाधन, आरडीएसएस समेत अन्य कार्यों, सेवाओं की जानकारी ली। एमडी लवानिया ने कहा कि स्मार्ट मीटर के एबलेशन की वरिष्ठ अधिकारियों से की जाने वाली प्रति परीक्षण की सूची मुख्यालय से रेंडम आधार पर दी जाए। लवानिया ने स्मार्ट मीटर की खासियतें उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रचार माध्यमों से बताए जाने एवं स्मार्ट मीटर की टीम द्वारा चोरी एवं अनियमितताओं के विरूद्ध त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की। लवानिया ने पश्चिम क्षेत्र कंपनी के निदेशक मंडल की मिटिंग में भाग लिया, विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
पश्चिम कंपनी के प्रबंध निदेशक अनूप कुमार सिंह ने किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस दौरान निदेशक मंडल सदस्य व इंदौर के संभागाय़ुक्त दीपक सिंह, वित्त विभाग के उपसचिव राजीव रंजन मीणा, आईआईएम इंदौर के डॉ. प्रशांत सालवान सभी ने ऑन लाइन और निदेशक तकनीकी सचिन तालेवार, मुख्य महाप्रबंधक प्रकाश सिंह चौहान, निदेशक गजरा मेहता, मुख्य अभियंता रवि मिश्रा, एसएल करवाड़िया, मुख्य वित अधिकारी नरेन्द्र बिवलकर, कंपनी सचिव आराधना कुलकर्णी ने विचार रखे। चेयरमैन अविनाश लवानिया ने पोलोग्राउंड स्थित स्मार्ट मीटर के मास्टर कंट्रोल सेंटर का अवलोकन किया और स्मार्ट मीटर टीम द्वारा उपभोक्ता सेवाओं के संचालन, चोरी-अनियमितता रोकने के लिए किए जा रहे उच्च तकनीकी स्तर से प्रयासों की प्रशंसा की।