मध्य प्रदेश
1994 बेच के IAS संजय शुक्ला, जो कि अभी मध्य प्रदेश शासन में प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत हैं, उनको ACS के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है।
28 Feb, 2025 09:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । 1994 बेच के IAS संजय शुक्ला, जो कि अभी मध्य प्रदेश शासन में प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत हैं, उनको ACS के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है।
चिकित्सकीय समुदाय के हितों के संरक्षण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
28 Feb, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने और स्वास्थ्य मानकों में मध्यप्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए कृत-संकल्पित है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश ने ऊर्जा, स्वच्छता, कृषि और सिंचाई जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि चिकित्सा शिक्षकों एवं चिकित्सकों के समर्पित प्रयासों से स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी यह लक्ष्य हम अवश्य प्राप्त करेंगे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल से भोपाल स्थित निवास कार्यालय पर चिकित्सा महासंघ के प्रतिनिधियों ने भेंट कर आभार व्यक्त किया।
चिकित्सकीय समुदाय के हितों के संरक्षण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि चिकित्सकीय समुदाय के हितों के संरक्षण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनकी सुविधाओं एवं हितों की रक्षा हेतु आवश्यक प्रावधान किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि चिकित्सा कार्मिकों की सेवा संबंधी विषयों और अन्य समस्याओं के समाधान के लिये उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति नियमित रूप से बैठक कर स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तीकरण और चिकित्सकीय कार्मिकों के हित संरक्षण से संबंधित विषयों पर चर्चा करेगी और आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करेगी, जिन पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने चिकित्सकीय स्टॉफ को करें प्रेरित
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने तथा कुशल चिकित्सकीय मैन पॉवर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने चिकित्सा महासंघ के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सभी चिकित्सा कार्मिकों को स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तीकरण के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा प्रदाय के लिए प्रेरित करें।
चिकित्सा महासंघ के प्रतिनिधियों ने चिकित्सा महाविद्यालयों एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों के शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सा शिक्षकों और दंत चिकित्सकों को पुनरीक्षित वेतनमान (सातवें वेतनमान) का वास्तविक लाभ 1 जनवरी 2016 से प्रदान करने तथा एनपीए (नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस) की गणना सातवें वेतनमान के अनुरूप करने के आदेश के लिए उप मुख्यमंत्री शुक्ल का आभार जताया।
इस अवसर पर चिकित्सा महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय, डॉ. गजेंद्र नाथ कौशल, डॉ. रितेश तंवर, डॉ. अशोक ठाकुर, डॉ. महेश कुमार खाचरिया, डॉ. शमिख रज़ा, डॉ. आदित्य सक्सेना, डॉ. राहुल रोकड़ें, डॉ. नीरज खरे, डॉ. राजेश टिक्कस, डॉ. अनुराधा चौधरी, डॉ. पुनीत कुमार आचार्य, डॉ. जी. पी. भनारिया, डॉ. विवेक चौकसे सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025: छोटे उद्योगों के लिए बड़े अवसर तैयार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
28 Feb, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जीआईएस भोपाल से एमएसएमई क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को और अधिक ऊचाईयाँ मिलेगी। इससे राज्य के युवाओं के उद्यमी बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए पीएम-मुद्रा, पीएम-विश्वकर्मा और एमएसएमई क्रेडिट गारंटी योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ पहले ही लांच की है। जीआईएस भोपाल में कई एमएसएमई कंपनियों से 21 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव आए। इनसे राज्य में 1.3 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे, साथ ऐसे युवाओं को उद्यमी बनने के अवसर मिलेंगे जो अब तक नौकरी की तलाश में थे।
व्यापक बैठकें और तकनीकी नवाचार
जीआईएस भोपाल में 600 से अधिक बी-2-जी बैठकें और 5 हजार से अधिक बी-2-बी बैठकें आयोजित की गईं। इनमें उद्योगपतियों, निवेशकों और एमएसएमई कंपनियों ने भाग लिया। पहली बार एआई-आधारित बिजनेस मैच-मेकिंग टूल का उपयोग किया गया, जिससे सही साझेदारों को जोड़ने में सहायता मिली। इन बैठकों ने मध्यप्रदेश को एक वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एमएसएमई क्षेत्र में राज्य सरकार की विशेष पहल
मध्यप्रदेश सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। हाल ही में कैबिनेट में नई एमएसएमई पॉलिसी मंजूर की गई। नई एमएसएमई नीति में अविकसित भूमि का लघु, मध्यम और सूक्ष्म इकाइयों को आवंटन, फ्लैट आधारित उद्योग लगाने की अनुमति, औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और रख-रखाव उद्योग संघों के माध्यम से, 53 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य, जिससे 86 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है। नई नीति में औद्योगिक भूमि आवंटन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ई-बिडिंग प्रणाली लागू की गई।
प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को आसान वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए नई योजनाएं शुरू की गई हैं। टैक्स इंसेंटिव, लैंड अलॉटमेंट और 'ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस' में सुधार को ध्यान में रखकर एमएसएमई उद्यमियों की मदद के लिए नीति बनाई गई है। सेक्टर में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा देने के लिए एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ऑटोमेशन को अपनाने की दिशा में पहल की जा रही है। नई पॉलिसी में राज्य सरकार एमएसएमई के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने के लिए विशेष योजनाओं पर कार्य कर रही है।
प्रमुख निवेशक कंपनियां
जीआईएस-भोपाल में कई एमएसएमई कंपनियों ने राज्य में निवेश के लिए रुचि दिखाई, जिनमें प्रमुख रूप से वकी प्राइवेट लिमिटेड (इंदौर), भगवती तीरथ पॉलि कंटेनर्स इंडस्ट्री, इवेट लिमिटेड (भोपाल), आहाराम मिल्स प्राइवेट लिमिटेड (नीमच), डीटवी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (इंदौर) और ईजीटेक एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (भोपाल) शामिल हैं।
भविष्य की संभावनाएं
राज्य सरकार ने 2025 तक एमएसएमई क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं लागू करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, एमएसएमई सेक्टर के लिए समर्पित इनक्यूबेशन सेंटर्स और इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए 'मेड इन एमपी' अभियान को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल से मध्यप्रदेश को एमएसएमई के लिए एक प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनाने में मदद मिलेगी और राज्य की आर्थिक प्रगति को नई गति मिलेगी।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी से राज्य मंत्री गौर ने की सौजन्य भेंट
28 Feb, 2025 09:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी से पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कृष्णा गौर ने नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में सौजन्य भेंट की। राज्यमंत्री गौर ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्ध घुमन्तु विभाग में किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यक्रमों की जानकारी से केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को अवगत कराया।
भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में गढ़े हैं नए कीर्तिमान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
28 Feb, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विज्ञान के आधार पर व्यवस्थित कार्यप्रणाली, जिज्ञासु प्रवृत्ति को प्रोत्साहन और नवीनतम तकनीकों के उपयोग ने देश को विश्व के शीर्ष राष्ट्रों में गिने जाने का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन से ही यह उपलब्धि संभव हो पाई है। राज्य सरकार शिक्षा सहित शासकीय कार्य प्रणाली और सामान्य व्यवस्थाओं के संचालन में विज्ञान का अधिक से अधिक उपयोग कर आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर "विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व में भारतीय युवाओं को सशक्त बनाने" की थीम पर भोपाल में विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों और युवाओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पूर्व उन्होंने नोबल पुरूस्कार से सम्मानित महान वैज्ञानिक सीवी रमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर "सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्टेम एजुकेशन" का विज्ञान भवन में शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेंटर में प्रस्तुत मॉडल तथा विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न सिद्धांत, सरलता से समझाने में सहायक उपकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल और नवाचारों के संबंध में उनसे चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक पेड़ माँ के नाम के अंतर्गत वृक्षारोपण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टीकमगढ़ से आए प्रगतिशील कृषक पूरनलाल कुशवाहा से भेंट कर उनके द्वारा सिंचाई के लिए विकसित किए गए पवन और पानी से चलने वाले पंप का अवलोकन कर जानकारी भी प्राप्त की। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक अशोक कड़ेल, निदेशक विक्रमादित्य शोधपीठ तथा मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फसल बीमा के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम, 13वें मध्यप्रदेश कारीगर विज्ञान सम्मेलन, विज्ञान मंथन यात्रा, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, विक्रमोत्सव-2025 के अंतर्गत राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन और विज्ञान उत्सव तथा पेटेंट और प्रौद्योगिकी आधारित प्रशिक्षण व केंद्र स्थापना पर विकसित पोस्टरों का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद तथा वीआईटी भोपाल के मध्य अकादमिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी की पत्रिका "रचना" का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का स्वर्णिम काल चल रहा है। भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नए कीर्तिमान गढ़े हैं, जिसमें कोविड के दौर में टीकाकरण और डिजिटल पेमेंट्स जैसे अनेकों नवाचार और व्यवस्थाएं शामिल हैं। कोविड काल में अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में यही कार्य बड़ी ही निपुणता और प्रतिबद्धता से पूर्ण किया गया।
भारत में जिज्ञासा और विज्ञान के आधार पर व्यवस्थाओं के विकास की प्राचीन परंपरा रही है। पश्चिम में दूरबीन के अविष्कार के पहले से भारत में नवग्रह की पूजा की जाती रही है। भारत ने विश्व में सबसे पहले खगोल विज्ञान के अनेकों सिद्धांतों को प्रतिपादित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने 'यत पिंडे-तत् ब्रह्माण्डे' के माध्यम से सृष्टि और मानव शरीर की एकरूपता का संदेश दिया। इसी प्रकार चरैवेति-चरैवेति में समय की निरंतरता का बोध होता है। गुरुत्वाकर्षण का नियम भी प्राचीन भारतीय शास्त्रों में निहित है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ब्रह्माण्ड में कई रहस्य बिखरे हुए है, इन्हें खोजना और समस्याओं का हल करना ही विज्ञान है। महान भारतीय वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट (सीवी) रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी। इसीलिए इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय ज्ञान परंपरा और भारत में विकसित खगोल शास्त्र के विभिन्न सिद्धांतों पर विद्यार्थियों से संवाद किया।
महानिदेशक मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद अनिल कोठारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में विज्ञान एवं नवाचार, अनुसंधान और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा राज्य में विज्ञान के प्रति जागरूकता तथा विज्ञान नवाचार में शोध को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन ने विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में स्वर्णिम अध्याय लिखा है।
ओंकारेश्वर अभयारण्य बनने से मप्र में पर्यटन को मिलेगी अलग पहचान
28 Feb, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में एक ऐसा अभयारण्य बनने जा रहा है, जहां आप 2 ज्योतिर्लिंग के साथ जंगल सफारी का भी आनंद उठा सकेंगे, जिसका नाम है ओंकारेश्वर अभयारण्य। इसकी खूबी ये रहेगी कि ये राजधानी भोपाल और इंदौर के पास है। इसके अलावा उज्जैन से करीब 180 किमी दूरी में 2 ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर का सफर कर जंगल सफारी घूम सकते हैं।ओंकारेश्वर अभयारण्य 61407.09 हेक्टेयर में प्रस्तावित है। इसमें खंडवा जिले का 34559.19 हेक्टेयर क्षेत्र और देवास का 26847.90 क्षेत्र शामिल होगा। इसको लेकर वनसमितियों और जनप्रतिनिधियों की सहमति वन विभाग खंडवा ने ले ली है। इसके बाद प्रस्ताव भोपाल भेजा गया है। देवास क्षेत्र में अभी काम प्रगति पर है। खंडवा के वनों में प्राकृतिक सुंदरता तो है ही, साथ ही जल, जंगल और टापू भी हैं। खंडवा के मूंदी क्षेत्र में 31 टापू और चांदगढ़ क्षेत्र में 21 टापू पर्यटकों के लिए विकसित किए जाएंगे। अभी बोरियामाल और जलचौकी धारीकोटला विकसित टापू हैं। सभी टापू पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे। अभयारण्य में जंगल के साथ इंदिरासागर बांध का क्षेत्र भी लगेगा।
110 तेंदुए अभी सक्रिय, बाघ का मूवमेंट भी
खंडवा में अभयारण्य क्षेत्र में अभी करीब 110 तेंदुए सक्रिय हैं। पहले से करीब 84 तेंदुए थे, 26 को यहां अभी छोड़ा गया है। यहां 2017 में बाघ भी देखे गए थे। रीछ, सियार, लकड़बग्गा, मोर, चीतल, सांबर, चिंकारा भी है। इसके अलावा लकड़ी में यहां सागौन, सालई, धावड़ा की प्रजातियां पाई जाती हैं। अभयारण्य के लिए अभी स्वीकृति का इंतजार है। लेकिन होटल और रिसोर्ट के लिए बड़े-बड़े होटल व्यापारी अभी से जमीन ढूंढने लगे हैं। साथ ही इसके बनने के बाद होम स्टे कल्चर भी बढ़ेगा।
विस्थापन नहीं होगा, लोगों को रोजगार मिल सकेगा
अभयारण्य क्षेत्र में एक भी राजस्व गांव और वन ग्राम नहीं है। इसलिए वन विभाग को विस्थापन नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही पर्यटकों के अभ्यारण्य में आने से क्षेत्र में रहने वालों के लिए रोजगार के बढ़ेगा। डीएफओ राकेश डामोर का कहना है कि हमने वन समितियों और जनप्रतिनिधियों की सहमति प्रदान कर ली है। इसके बाद प्रस्ताव शासन को भेजा है।
एनएचएम की नवीन संविदा नीति-2025 से चिकित्सा कार्मिकों को मिलेगा बेहतर कार्य वातावरण : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
28 Feb, 2025 07:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की नवीन संविदा कर्मचारी नीति-2025 का निर्धारण संविदा कर्मचारियों के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए किया गया है। नवीन नीति से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में स्थायित्व आएगा और कर्मचारियों को बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा। इस नीति का लाभ 32 हज़ार संविदा कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप से मिलेगा और उनके परिवारों सहित लगभग 1.5 लाख लोग इससे लाभान्वित होंगे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी और सुचारु बनाने में सहायक होगा। उन्होंने समस्त संविदा कर्मचारियों से अपील की है कि सभी समर्पित भाव से सेवा करें, जिससे प्रदेश के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें।
एनएचएम की नवीन नीति में संविदा कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण सुविधाएँ प्रदान की गई हैं। अब कर्मचारियों को हर वर्ष अनुबंध के नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए एक पारदर्शी और समयबद्ध वार्षिक सेवा आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली लागू की गई है। कर्मचारियों की शिकायतों के त्वरित और प्रभावी निवारण के लिए एक अपीलीय अनुक्रम स्थापित किया गया है। संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का अधिकार केवल मिशन संचालक एनएचएम के पास होगा और यह केवल प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने के बाद ही किया जा सकेगा।
नवीन नीति में वेतन वृद्धि को भी एक सुव्यवस्थित ढांचे में लाया गया है। अब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर नियमित वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। गर्भवती महिलाओं को नियुक्ति के समय प्रसव के छह सप्ताह बाद (सातवें सप्ताह से) कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी जाएगी, जिससे वे मातृत्व के शुरुआती दिनों में समुचित देखभाल प्राप्त कर सकेंगी। इसी तरह, मातृत्व अवकाश और पितृत्व अवकाश के प्रावधान भी संविदा कर्मचारियों के लिए लागू किए गए हैं।
आकस्मिक परिस्थितियों में सहायता के लिए अनुकंपा नियुक्ति और एक्स-ग्रेशिया के प्रावधान
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की सुचारु व्यवस्था के लिए संविदा कर्मचारियों को अंतर-जिला स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की गई है। जिला स्वास्थ्य समिति को जिले में स्थानांतरण का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा, कर्मचारियों की शिकायतों के समाधान के लिए एक स्पष्ट शिकायत निवारण अनुक्रम निर्धारित किया गया है। आकस्मिक परिस्थितियों में परिवार को सहायता प्रदान करने के लिए अनुकंपा नियुक्ति और एक्स-ग्रेशिया सहायता राशि के प्रावधान किए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार विशेष अवकाश की सुविधा भी संविदा कर्मचारियों को प्रदान की जाएगी।
नवीन नीति में कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ जांच चल रही हो, तो उसे 50% वेतन प्रदान किया जाएगा। स्थानांतरण प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। साथ ही, वेतन असमानता की समस्या को दूर करते हुए सभी संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन समानता सुनिश्चित की गई है।
मध्य क्षेत्र में अब तक 6 लाख 73 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ताओं ने कराई ई-केवायसी
28 Feb, 2025 07:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्य की लाभकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बिजली उपभोक्ताओं को ईकेवायसी कराना अनिवार्य है। उपभोक्ता मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपाय ऐप से भी ईकेवायसी करा सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध "उपाय" ऐप डाउनलोड कर बिजली उपभोक्ता समग्र केवायसी में अपना उपभोक्ता क्रमांक एवं समग्र क्रमांक दर्ज करने के बाद लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को दर्ज कर केवायसी प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते हैं। केवायसी प्रक्रिया में अब तक 06 लाख 73 हजार 534 उपभोक्ताओं ने सफलतापूर्वक केवायसी करा ली है।
कंपनी ने बताया है कि नर्मदापुरम ग्रामीण क्षेत्र में 71 हजार 940, बैतूल ग्रामीण में 91 हजार 012, राजगढ़ ग्रामीण में 51 हजार 223, शहर वृत्त भोपाल में 61 हजार 271, भोपाल ग्रामीण में 38 हजार 656, गुना ग्रामीण में 32 हजार 353, विदिशा ग्रामीण में 49 हजार 230, सीहोर ग्रामीण में 24 हजार 130, ग्वालियर ग्रामीण में 21 हजार 086, शहर वृत्त ग्वालियर में 46 हजार 642, अशोकनगर ग्रामीण में 25 हजार 737, दतिया ग्रामीण में 25 हजार 233, रायसेन ग्रामीण में 44 हजार 009, शिवपुरी ग्रामीण में 25 हजार 791, हरदा ग्रामीण में 20 हजार 964, श्योपुर ग्रामीण में 09 हजार 652, मुरैना ग्रामीण में 23 हजार 730 एवं भिण्ड ग्रामीण में 10 हजार 875 बिजली उपभोक्ताओं की केवायसी की गई है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्य क्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली संबंधी व्यक्तिगत विवरण को कंपनी के रिकार्ड में अपडेट करने के लिए नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी द्वारा नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया के तहत बिजली उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे समग्र आईडी, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता इत्यादि की जानकारी को अपडेट किया जा रहा है। नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया से बिजली उपभोक्ताओं को जहां राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर प्रणाली में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। साथ ही केवायसी से वास्तविक उपभोक्ताओं के विद्युत संयोजन एवं उनके भार की स्थिति का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे कंपनी कार्य क्षेत्र में विद्युत संरचनाओं के भविष्य में विस्तार की योजना बनाने में आसानी होगी। केवायसी होने से कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सही पहचान और मोबाइल नंबर को सटीक रूप से टैग करने में मदद मिलेगी, जिससे कंपनी की सेवाओं का सुचारू संचालन
42वीं नेशनल रोइंग चैंपियनशिप : भोपाल के बड़े तालाब पर होगा 25 राज्यों की रोइंग टीमों का महामुकाबला
28 Feb, 2025 07:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शुक्रवार को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर 42वीं नेशनल रोइंग चैंपियनशिप की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि खिलाड़ियों और कोच के ठहरने, भोजन, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, प्रतियोगिता का सजीव प्रसारण एलईडी स्क्रीन के माध्यम से बोट क्लब सहित शहर के प्रमुख चौराहों पर किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक खेल प्रेमी इस रोमांचक मुकाबले का आनंद ले सकें। बैठक में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक रवि कुमार गुप्ता, संयुक्त संचालक बी.एल. यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
3 से 7 मार्च तक 25 राज्यों के 500 खिलाड़ी होंगे शामिल
मंत्री सारंग ने बताया कि बड़े तालाब स्थित मध्यप्रदेश राज्य वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी, बोट क्लब पर 3 मार्च से 7 मार्च तक 42वीं नेशनल रोइंग चैंपियनशिप का आयोजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 3 मार्च को प्रतियोगिता का शुभारंभ करेंगे। प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी के खिलाड़ी रोइंग, क्याकिंग-केनोइंग, सेलिंग और स्लालम खेलों की विशेष प्रस्तुति देंगे। इस अवसर पर खेल प्रेमियों को जल क्रीड़ा का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलेगा। मंत्री सारंग ने कहा कि चैंपियनशिप में 25 राज्यों से लगभग 500 प्रतिभागी भाग लेंगे। जिसमें रोइंग के कुल 14 इवेंट होंगे। यह चैंपियनशिप देश के शीर्ष रोवर्स को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करेगी।
इन कैटेगरी में होगी प्रतियोगिताएं
42वीं नेशनल रोइंग चैंपियनशिप में सीनियर पुरूष, सीनियर महिला और पैरा रोइंग स्पर्धाओं के अंतर्गत विभिन्न प्रतिस्पर्धाएँ आयोजित की जाएँगी। सभी स्पर्धाएं 2000 मीटर की दूरी पर आयोजित की जाएँगी। सीनियर मेन्स वर्ग में सिंगल स्कल्स (M1X), डबल स्कल्स (M2X), कॉक्सलेस पेयर्स (M2-), कॉक्सलेस फोर्स (M4-), लाइटवेट मेन डबल स्कल्स (LM2X), ओपन डबल स्कल्स (M2X - सिविलियन), कॉक्सलेस फोर्स (M4- - सिविलियन), क्वाड्रपल स्कल्स (M4X) और कॉक्स्ड ईट्स (M8+) शामिल हैं।
सीनियर महिला वर्ग में सिंगल स्कल्स (W1X), डबल स्कल्स (W2X), कॉक्सलेस पेयर्स (W2-), कॉक्सलेस फोर्स (W4-), लाइटवेट वुमन डबल स्कल्स (LW2X), क्वाड्रपल स्कल्स (W4X) और कॉक्स्ड ईट्स (W8+) की स्पर्धाएं होंगी। पैरा रोइंग स्पर्धाओं में पैरा मेन सिंगल स्कल (PR3M1X) और पैरा वुमन सिंगल स्कल (PR3W1X) प्रतियोगिताएँ होंगी।
मप्र भाजपा अध्यक्ष की दौड़ में कैलाश भी!
28 Feb, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव और फिर भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के कारण अटके भजापा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया अब फिर से शुरू होगी। बूथ, मंडल और जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होगी। माना जा रहा है कि मार्च के पहले सप्ताह में अर्थात 10 मार्च से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। फिलहाल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए आधा दर्जन नाम चर्चा में बने हुए हैं। इसमें मौजूदा प्रदेशध्यक्ष वीडी शर्मा, हेमंत खंडेलवाल, सुमेर सिंह सोलंकी, , हिमाद्री सिंह, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, अर्चना चिटनिस, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला का नाम सामने आ रहा है। वहीं अब इस दौड़ में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी शामिल हो गया है।
उल्लेखनीय है कि मप्र में सभी 62 भाजपा जिलाध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिलाध्यक्षों के निर्वाचन के बाद माना जा रहा थ कि 15 फरवरी तक प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन भी हो जाएंगे, लेकिन राजधानी भोपाल में सम्पन्न हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते यह प्रक्रिया एक बार फिर टल गई थी। लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया एक बार फिर से गति पकड़ेगी।
दावेदार अनेक, केन्द्र करेगा फैसला
मप्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के कई दावेदार हैं। इन दावेदारों के नामों पर संगठन के चुनाव अधिकारियों के अलावा केन्द्रीय नेतृत्व विचार कर रहा है। अब देखना है कि संगठन वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को फिर से अवसर देता है अथवा उनका दायित्व परिवर्तन कर मध्यप्रदेश में किसी और को यह जिम्मेदारी सौंपता है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की चर्चा है उनमें, हेमंत खंडेलवाल का नाम है जो वैश्य समाज से आते हैं। एससी वर्ग को अपने पाले में करने के लिए किसी एससी वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो लाल सिंह आर्य के नाम पर मुहर लग सकती है। इसी तरह से अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रभाव को देखते हुए सुमेर सिंह सोलंकी, दुर्गादास उइके और गजेंद्र पटेल का नाम भी चर्चा में है। फिलहाल प्रदेश में ओबीसी सीएम वाली सरकार और सामान्य वर्ग वाला प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जातीय समीकरण साधने की जो शुरुआत की गई थी, उसी को आगे बढ़ाए जाने की संभावना अधिक है। इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी इसी फॉर्मूले पर इस बार भी आगे बए़ सकती है। भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में ब्राह्मण वर्ग से जो नाम रेस में हैं उनमें पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला का नाम सामने आ रहा है। जातिगत समीकरणों की बात करें तो फिलहाल मोहन कैबिनेट में सबसे कम भागीदारी ब्राह्मण वर्ग की है, जिसमें सिर्फ दो मंत्री शामिल हैं। ऐसे में एक बार फिर से इस वर्ग को प्रदेश भाजपा की कमान मिल सकती है।
विजयवर्गीय का नाम भी उछला
प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी उछला है। दरअसल, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन पर राजधानी आए देश के गृह मंत्री अमित शाह की एयरपोर्ट पर प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से हुई मंत्रणा ने भाजपा का सिवासी पारा गर्मा दिया है। इस मंत्रणा को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से जोडक़र देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि शाह ने उनके साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य नेताओं से भी बात की। अमित शाह 25 फरवरी की शाम चार बजे समिट का समापन करने भोपाल आए थे। मानव संग्रहालय से वे करीब पौने छह बजे वापस राजकीय विमानतल के लिए रवाना हुए। सूत्रों की माने तो उन्होंने निकलते ही कैलाश विजयवर्गीय को स्टेट हैंगर पहुंचने का संदेश भिजवाया। बताया जाता है कि विजयवर्गीय अब तक समिट में आयोजित कार्यक्रम से निकलकर इंदौर के लिए रवाना हो चुके थे। रास्ते में उन्हें शाह का संदेश मिला तो वे सीधे स्टेट हैंगर पहुंच गए। यहां दोनों नेताओं के बीच कुछ देर चचर्चा हुई। इस चर्चा को प्रदेश अध्यक्ष चुनाव से जोडक़र देखा जा रहा है। गौरतलब है कि बिजयवर्गीय लंबे समय तक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके है। इस दौरान वे हरियाणा पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में प्रभारी समेत अन्य भूमिकाओं में भी रहे है। इन राज्यों में भाजपा को बेहतर सफलता भी मिली है। सूत्रों की माने तो शाह को जब कार्यक्रम समापन पर विजयवर्गीय नहीं दिखे तो उन्होंने उनके बारे में पूछा। इसके बाद उन्हें स्टेट हैगर बुलाने को कहा। इस बीच पता चला कि शाह इंदौर के लिए निकले थे पर जाम में उनका वाहन फंस गया है। तब पुलिस को उन्हें जल्दी से स्टेट हैंगर पहुंचाने को कहा गया। यह मैसेज वायरलैस सेंट पर चल गया और यह सूचना बाहर आ गई। वहीं केन्द्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद के मुख्यमंत्री बनने का श्रेय कैलाश विजयवर्गीय को दिया है। इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने आए खट्टर ने कल कहा कि 2014 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव थे तब किसी ने कल्पना नहीं की थी कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बन सकती है। तब कैलाश विजयवर्गीय वहां के प्रभारी थे। उन्होंने वहां इतनी अच्छी व्यवस्था संभाली कि वहां भाजपा की सरकार बन गई और मैं मुख्यमंत्री बना। गौरतलब है कि खट्टर दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे है और अब केन्द्र सरकार में शहरी विकास मंत्री है।
पर्यवेक्षक धर्मेन्द्र प्रधान करेंगे रायशुमारी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में हो जाना था पर राजनीतिक कारणों से यह लगातार टलता जा रहा है। इन्वेस्टर्स समिट के चलते यह और आगे बढ़ गया था। अब माना जा रहा है कि मार्च के पहले हफ्ते में नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के एक मार्च को भोपाल आने की संभावना सूत्र जता रहे हैं। वे यहां नेताओं से रायशुमारी करेंगे। इसके बाद अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। भाजपा में बूथ से लेकर जिलाध्यक्ष के चयन की चुनाव प्रक्रिया करीब एक माह पहले ही पूरी हो चुकी है। इसके बाद प्रदेश प्रतिनिधियों के नामों का भी चयन सर्वसम्मति से कर लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चुनाव होंगे, इसकी संभावना कम ही है। धर्मेन्द्र प्रधान नेताओं से रायशुमारी कर एक नाम सर्वसम्मति से तय कर लेंगे और फिर उसका ऐलान दिल्ली से कर दिया जाएगा।
देश की पहली मालवी प्रेम कहानी का आज भोपाल में ऑडिशन और प्रेस वार्ता संपन्न
28 Feb, 2025 04:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। राठौर फिल्म एंड एंटर टेनमेंट के बैनर तले मालवा की पहली रोमांटिक फिल्म थारो म्हारो प्रेम का ऑडिशन भोपाल क्षेत्र के रंगकर्मियों के लिए 28 फरवरी को नाइन मसाला रेस्टोरेंट में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ सु श्री मालती राय जी महापौर भोपाल ने किया,इस अवसर पर कई कलाकार अजय पॉल नंदू, राजेंद्र कानूनगो आदि कलाकार उपस्थित रहे ,इस अवसर पर मध्य प्रदेश प्रेस क्लब के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार डॉ.नवीन आनंद जोशी,परमेश्वर राव, निशा गर्ग, आलोक गर्ग तथा कई गणमान्य पत्रकारों प्रेस वार्ता में चर्चा की, निर्माता निर्देशक राजेंद्र राठौर द्वारा फिल्म की संपूर्ण जानकारी दी। इस फिल्म के मंदसौर उज्जैन में ऑडिशन हो चुके हैं भोपाल के बाद रतलाम में होगा, फिर झाबुआ होगा।
इस फिल्म में मालवा के स्थानीय कलाकारों को प्रमुखता से लिया जा रहा है साथ ही साथ बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकार फिल्म में रहेंगे। पिछले सप्ताह फिल्म का प्रोमो मंदसौर लदुना पशुपतिनाथ देव डूंगरी माताजी पर फर्स्ट शेड्यूल के संपन्न किया गया, राजेंद्र राठौड़ द्वारा पूर्व में फिल्म कुंवारापुर बनाई गई थी फिल्म को टैक्स फ्री करने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन किया है कि क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय सिनेमा को विशेष अनुदान दिया जाए ।
मध्य प्रदेश शासन द्वारा इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूर कर लिया गया है, राजेंद्र राठौड़ द्वारा मुख्यमंत्री मोहन जी यादव और मध्य शासन को पूरे प्रदेश के कलाकारों की ओर से बहुत-बहुत धन्यवाद किया गया है,सरकार की इस पहल से क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा मिलेगा और लोकल फिल्मों का निर्माण होगा जिससे हमारे स्थानीय कलाकारों को घर बैठे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे ।
थारो म्हारो प्रेम एक सामाजिक मुद्दों पर मालवा की संस्कृति रीति रिवाज को प्रदर्शित करते हुए कई सामाजिक मुद्दों पर संदेश देती हुई, पारिवारिक महिला प्रधान फिल्म है। भोपाल और आसपास के क्षेत्र में जो भी कलाकार मालवी बोली को जानते हैं या मालवी जानने वाले कलाकारों ने ऑडिशन दिया ,निर्देशक राजेंद्र राठौर द्वारा इस अवसर पूरी फ़िल्म की जानकारी दी, और कहा कि प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पशुपति नाथ, धर्म राजेश्वर , गांधी सागर आदि को दिखाया जाएगा,प्रोडक्शन टीम में प्रकाश त्रिपाठी, करुणा साही, पंडित लोकेश, वैष्णवी, सुहानी दूरदर्शन के पूर्व तकनीकी निदेशक एवं कलाकार प्रदीप शिवम शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
28 साल का युवा सोया,अटैक आया चला गया
28 Feb, 2025 11:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । इन दोनों साइलेंट अटैक से युवाओं की बड़ी संख्या में मौत हो रही है। रोजाना कोई ना कोई समाचार इसी तरह का आता है। सोमवार की रात बैरागढ़ निवासी अमित मालवीय, उम्र 28 वर्ष जो पीएनबी में काम करता था। खाना खाकर बिस्तर पर सोया और सोता ही रह गया।
सुबह जब मां उसे उठाने के लिए पहुंची। आवाज देने पर जब वह नहीं उठा, तब मां कमरे के अंदर गई। हिलाया- डुलाया जब कोई हरकत नहीं हुई।परिवार के लोग उसे लेकर हमीदिया अस्पताल गए। जहां पर डॉक्टरों ने जांच करने के बाद साइलेंट अटैक से मौत होने की पुष्टि की।
हमीदिया अस्पताल के कार्डियक विभाग के एचओडी डॉ राजेश गुप्ता का कहना है। हार्ट की झिल्ली वायरस के कारण कमजोर हो रही है। जिसके कारण युवाओं में साइलेंट अटैक का खतरा बढ़ रहा है। झिल्ली फटने से रक्त के कलाट बनने लगते हैं। रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। एक झटके में मौत हो जाती है। कोरोना वायरस के बाद यह समस्या बढ़ गई है।
अफसरों को निवेश के लिए फॉलोअप करने का जिम्मा सौंप दिया गया
28 Feb, 2025 10:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। पूर्व सरकारों में हुई इन्वेस्टर्स समिटों से सबक लेते हुए इस बार मोहन सरकार चाहती है कि निवेश को लेकर जितने भी एमओयू हुए हैं, वे सभी धरातल पर उतरे, यही वजह है कि अब सरकार स्तर पर आयोजन होने के बाद बाकायदा अफसरों को निवेश के लिए फॉलोअप करने का जिम्मा सौंप दिया गया है। अहम बात यह है कि इस मामले में मुख्य सचिव अनुराग जैन भी मुख्यमंत्री डां मोहन यादव की ही तरह बेहद गंभीर बने हुए हैं। यही वजह है कि उन्होंने स्वयं भी इस मामले में मॉनिटरिंग करने का तय किया है। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर मानिटरिंग होने से अब अफसरशाही भी इस मामले में लापरवाही नहीं कर सकेगी। उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के उद्योगपतियों ने प्रदेश में निवेश में खासी रुचि दिखाते हुए दो दिन में कुल 26.61 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दिए हैं। यह राशि राज्य के कुल कर्ज और बजट से कई गुना ज्यादा है। सरकार का दावा है कि इससे 17.34 लाख नौकरियां पैदा होंगी। अगर ऐसा हुआ, तो प्रदेश की बेरोजगारी की समस्या आधी से अधिक समाप्त हो जाएगी। दरअसल प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 29 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं। समिट के दौरान उद्योगपतियों के साथ अलग- अलग सेक्टर्स के लिए 83 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। समिट में हुए एमओयू और प्राप्त निवेश प्रस्ताव सिर्फ कागजों में न रह जाएं, बल्कि वे जमीन उतरें, इसको लेकर सरकार गंभीर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभिन्न सेक्टर्स में हुए एमओयू का फॉलोअप करने के लिए अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाने के निर्देश दिए हैं। ये टीमें संबंधित विभाग के अधिकारियों और उद्योगपतियों के सतत संपर्क में रहेंगी। टीमें निवेशकों के सामने आ रही कठिनाइयों को दूर करेंगी। मुख्य सचिव अनुराग जैन अफसरों के साथ बैठक कर निवेश प्रस्तावों की हर महीने समीक्षा करेंगे। मुख्य सचिव ने मंगलवार को जीआईएस के समापन समारोह में भरोसा दिलाया कि सरकार निवेश के वादों को हकीकत में बदलने के लिए काम करेगी। निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। जीआईएस के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी समिट में मिले एमओयू को जमीन पर उतारने के लिए प्रयास करने करने की बात कही थी। दरअसल, प्रदेश में पिछले वर्षों में मप्र में हुई इन्वेस्टर्स समिट का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। इन इन्वेस्टर्स समिट में भी लाखों करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होने का दावा तत्कालीन सरकार करती आई है, लेकिन इनमें से जमीन पर उतरे निवेश और सृजित हुए रोजगार को लेकर सरकार अपने दावों पर खरा नहीं उतरी है। पूर्व की सरकारों के आंकड़ों पर नजर डालें तो आधा दर्जन समिट में मिले कुल निवेश प्रस्तावों में से सिर्फ 10 प्रतिशत ही मूर्त रूप ले सके हैं। यही वजह है कि सरकार का इस बात पर पूरा जोर है कि समिट में हुए एमओयू और प्राप्त निवेश प्रस्ताव हकीकत में जमीन पर आएं, न कि कागजों पर रहे।
जमीन आवंटन का काम शुरु
सरकार इस मामले में कितनी गंभीर है, इससे ही समझा जा सकता है कि समिट के समाप्त होते ही निवेशों को जमीन का आवंटन शुरु कर दिया गया है। कई निवेशकों को तो भोपाल से रवाना होने के पहले ही जमीन आवंटन के दस्तावेज प्रदान कर दिए गए। जिन्हें जमीन आंवटित कर दी गई है उनसे अब अगले छह माह में प्रगति की रिपोर्ट देने को भी कह दिया गया है। जिन कंपनियों को जमीन आवंटित कर दी गई है उसमें अरिहंत इंडस्ट्रीज को 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। कंपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के साथ औद्योगिक नियमों के अनुसार ऊर्जा-कुशल प्रक्रियाओं को शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। इसी तरह से डिटरमाइंड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नीमच में 75 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। यह आवंटन कंपनी को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में विस्तार करने में मदद करेगा। उधर, आनंदा बालाजी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को मालवा क्षेत्र में 30 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
आईटी सेक्टर में 64 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव
जीआईएस में मग्र को आईटी सेक्टर में 64 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे प्रदेश में 18 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इन रोजगारों में युवाओं की भागीदारी सर्वाधिक रहेगी। टेक कंपनियों जैसे डिजिटल कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज, थोलोन्स, एलसीना, श्रीटेक, केन्स टेक्नोलॉजी, बियोन्ना स्टूडियोज आदि ने राज्य में निवेश किया है। ग्लोबल टे
सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार, खोले गए कंटेनर, 1200 डिग्री रखा गया इंसीनरेटर का तापमान
28 Feb, 2025 09:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल/पीथमपुर। यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने का रास्ता साफ हो गया है। भोपाल से यह कचरा पीथमपुर लाया जा चुका है। सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने इस पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया। गुरुवार सुबह मामले को लेकर हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने शासन के उस जवाब को भी रिकॉर्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
कोर्ट के इस रुख के बाद पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे के निष्पादन का ट्रायल गुरूवार से शुरू हुआ। इस दौरान सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम रामकी एनवायरो कंपनी में मौजूद रही। फैक्ट्री में कचरा जलाने का दूसरा ट्रायल 4 मार्च और तीसरा 12 मार्च से शुरू होगा। इधर, कचरा जलाने के ट्रायल को लेकर प्रशासन सतर्क है। 3 जनवरी को हुए विरोध को देखते हुए प्रशासन कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है। लिहाजा, इंदौर देहात और धार जिले के 24 थानों से 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी पीथमपुर में रामकी एनवायरो फैक्ट्री के पास तैनात किए गए हैं।
आज से कचरा जलाने का काम होगा शुरू
पीथमपुर में रि-सस्टेनेबिलिटी कंपनी के परिसर में पिछले दो माह से रखे यूनियन कार्बाइड के 337 टन कचरे के 12 कंटेनर में कुछ कंटेनर को गुरुवार को खोला गया। कंटेनर से कचरे को निकालकर उसमें मौजूद हानिकारक तत्वों पर नियंत्रण के लिए सोडियम सल्फाइड जैसे रसायन मिलाए जाएंगे। गुरुवार से ही इंसीनरेटर में ड्राई रन शुरू हो गया है और 12 घंटे तक इंसीनरेटर को चालू कर इसके प्रथम चेम्बर में 850 से 900 डिग्री सेल्सियस व दूसरे चेम्बर में 1100 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचाया जाएगा।
पिछली सुनवाई में सरकार से मांगा था जवाब
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से पूछा था कि धार जिले के पीथमपुर में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का कचरा जलाने के दौरान कोई घटना होगी, तो उससे निपटने के लिए उसके पास क्या इंतजाम हैं। गुरुवार को सरकार ने जवाब दाखिल कर दिया। याचिका में आरोप था कि कचरा जलाने के दौरान अकस्मात आपदा होने की स्थिति में आपदा प्रबंधन के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
याचिकाकर्ता की आपत्तियां खारिज
याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि पर्यावरण और स्वास्थ्य नियमों का पालन किए बगैर यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने की तैयारी की गई है। याचिकाकर्ता का आरोप था कि जिस जगह कचरा जलाया जाना है, वहां से 250 मीटर दूर एक गांव है। एक किमी के दायरे में तीन अन्य गांव हैं, लेकिन स्थानीय नागरिकों को वैकल्पिक स्थान तक उपलब्ध नहीं करवाया गया। कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है तो पीथमपुर में अस्पताल भी नहीं है।
हाई कोर्ट के आदेश पर जलाया जा रहा कचरा
उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार यूनियन कार्बाइड के कचरे का निस्तारण करा रही है। इसके लिए जनवरी में 337 टन कचरे को भोपाल से धार जिले के पीथमपुर स्थित संयंत्र में लाकर उसे जलाने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने कचरे के जलने से उसकी जहरीले तत्वों का जलवायु पर दुष्प्रभाव होने की आशंका जताते हुए विरोध कर दिया था।
डबल बेंच ने पहले नंबर इस केस की सुनवाई की
गैस राहत विभाग के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने भास्कर को बताया कि यूका के रासायनिक कचरे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन लगी थी। जस्टिस गवई और जस्टिस मसीह की डबल बेंच ने पहले नंबर इस केस की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इस मामले को डिस्पोज ऑफ किया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पहले ही यह मामला विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 ट्रायल रन का भी संज्ञान लिया
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 और 2015 में हुए दो ट्रायल रन का भी संज्ञान लिया। सीपीसीबी के टेस्ट रिपोट्र्स का अवलोकन भी किया। उसके आधार पर डबल बेंच ने पिटिशन को डिस्पोज किया। अगर याचिकाकर्ता को किसी तरीके से कोई भी तथ्य या आपत्ति करना है तो एमपी हाईकोर्ट में दे सकते हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट चार लाख करोड़ से अधिक का होगा
28 Feb, 2025 08:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 12 मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत होगा। यह चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का रहेगा। इसमें फोकस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता वाली चार जातियों गरीब, किसान, महिला एवं युवा पर रहेगा। सिंहस्थ के लिए विशेष बजट प्रविधान किए जाएंगे तो सरकार पूंजीगत व्यय और बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर सकती है। विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च को राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से प्रारंभ होगा। 11 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा। नौ दिवसीय सत्र को देखते हुए राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर सरकार की ओर से प्रस्तुत होने पर कृतज्ञता ज्ञापन पर एक दिन चर्चा कराई जा सकती है।
डबल इंजन की सरकार का लाभ मध्य प्रदेश को लगातार मिल रहा है। आम बजट में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रविधान राज्य के लिए किए गए हैं। एक लाख 11 हजार 661 करोड़ रुपये केंद्रीय करों में हिस्सा मिलेगा तो सहायता अनुदान 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलने का अनुमान है। इस हिसाब से देखा जाए तो वर्ष 2024-25 की तुलना में वर्ष 2025-26 में 15, 908 करोड़ रुपये अधिक मिलने की संभावना है। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने बजट का खाका खींचा है।
गरीब, किसान, महिला, युवा बजट की प्राथमिकता
सूत्रों के अनुसार गरीब कल्याण, महिला सशक्तीकरण, युवा कल्याण और किसानों के हित में प्रविधान किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए बड़ा वित्तीय प्रविधान ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के बजट में रखा जाएगा। औद्योगिक विकास के लिए 18 नीतियों के अंतर्गत उद्यमियों को जो विशेष प्रोत्साहन देने का वादा किया गया है, उसकी पूर्ति के लिए प्रविधान होंगे तो भोपाल में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने की योजना प्रस्तावित की जाएगी। अधोसंरचना निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं को गति देने के लिए सरकार इस बार भी पूंजीगत व्यय बढ़ाएगी। यह 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
राज्य सकल घरेलू उत्पाद 15 लाख करोड़ संभावित
11 मार्च को सरकार आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करेगी। इसमें वर्ष 2024-25 में राज्य सकल घरेलू उत्पाद की स्थिति, राज्य की विकास दर, प्रति व्यक्ति आय से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद 15 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। यह वित्तीय वर्ष 2023-24 में 13 लाख 63 हजार करोड़ रुपये रहा है।