मध्य प्रदेश
सत्र से पहले आ सकती है सूची, जीआईएस के चलते अटकी पड़ी
3 Mar, 2025 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश सरकार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की तबादला सूची कभी भी जारी कर सकती है। पुलिस की तबादला सूची को लेकर एक महीने पहले ही उच्च स्तर पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते पुलिस अधिकारियों की तबादला सूची को जारी नहीं किया गया। अब फिर से तबादलों की अटकलें शुरू हो गई हैं। बताया गया कि विधानसभा सत्र से पहले सूची जारी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार पुलिस अधिकारियों की सूची में ज्यादा नाम मैदानी अधिकारियों के हैं। जो पुलिस अधीक्षक पदोन्नत होकर उप पुलिस महानिरीक्षक बन चुके हैं, उनको हटाया जा सकता है। सूची को लेकर कुछ नामों को लेकर नए सिरे से चर्चा भी होना है। जिसमें नीमच पुलिस अधीक्षक का नाम भी शामिल होना बताया जा रहा है। पुलिस की संभावित सूची में दो दर्जन से ज्यादा अधिकारी बताए जा रहे हैं। सबसे बड़ा फेरबदल पुलिस आयुक्त प्रणाली वाले शहर भोपाल और इंदौर में होने की संभावना है। इसके अलावा कुछ रेंज आईजी एवं डीआईजी भी बदलेंगे। बताया गया कि गृह विभाग ने कार्यप्रणाली के आधार पर पुलिस अधीक्षकों की तबादला सूची तैयार की है। करीब डेढ़ दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षक बदलने की संभावना है।
एक महीने पहले आने थी तबादला सूची
बताया गया कि जनवरी के आखिरी में 27 जनवरी को जब मुख्यमंत्री जापान यात्रा के लिए रवाना हुए थे, उसी दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 42 अधिकारियों की तबादला सूची जारी की थी। जिसमें ज्यादातर अधिकारी मैदानी पदस्थापना वाले थे। आईएएस की सूची के बाद आईपीएस अधिकारियों की सूची जारी होना प्रस्तावित थी। इस बीच गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के सेवानिवृत्त होने की वजह से मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने के इंतजार में सूची को जारी नहीं किया गया। मुख्यमंत्री विदेश यात्रा से लौटते ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में जुट गए। चूंकि अब जीआईएस निपट चुकी है। ऐसे में एक बार फिर पुलिस अधिकारियों की सूची को लेकर गृह विभाग में तबादले की फाइलें चलना शुरू हो गई हैं।
4 साल का शास्त्री और 1 साल का होगा आचार्य कोर्स
3 Mar, 2025 09:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत बड़ा बदलाव होने जा रहा है। विश्वविद्यालय 2025-26 सत्र से चार वर्षीय शास्त्री (यूजी) और एक वर्षीय आचार्य (पीजी) पाठ्यक्रम शुरू करेगा। नई व्यवस्था में छात्रों को कई विकल्प मिलेंगे। दो सेमेस्टर पूरा करने पर सर्टिफिकेट, चार सेमेस्टर पर डिप्लोमा और छह सेमेस्टर पूरा करने पर शास्त्री की डिग्री मिलेगी। आठ सेमेस्टर पूरा करने वाले छात्रों को शास्त्री (शोध प्रतिष्ठा) की उपाधि दी जाएगी। दस सेमेस्टर पूरा करने वाले छात्र सीधे आचार्य या स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।
पाठ्यक्रम में मेजर-माइनर विषयों का संगम होगा। वेद, ज्योतिष, व्याकरण, साहित्य, दर्शन जैसे पारंपरिक विषयों के साथ राजनीति विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी और हिंदी जैसे आधुनिक विषय भी शामिल हैं। कौशल विकास के तहत योग, कंप्यूटर, संगीत, नाट्य कर्मकांड, ज्योतिष और वास्तु की शिक्षा दी जाएगी। हर सेमेस्टर में मुख्य विषय 100 अंकों का होगा। इसमें 60 अंक की लिखित परीक्षा और 40 अंक का सतत मूल्यांकन शामिल है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सभी छात्रों के लिए प्रशिक्षुता अनिवार्य की गई है। छात्रों को माइनर कोर्स के साथ ही इंटर डिसीप्लीनरी विषय और कौशल एवं दक्षता विकास, नैतिक मूल्य विषयों की पढ़ाई भी करनी होगी। दक्षता विकास में भाषाएं और कौशल विकास में योग, कंप्यूटर, संगीत, नाट्य कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तु आदि विषय होंगे।
कांग्रेस ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति, नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
3 Mar, 2025 08:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में बजट सत्र की तैयारियां शुरू कर दी गई है। सत्र 10 मार्च से शुरू होगा और 24 मार्च चलेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, 12 मार्च को सदन में बजट पेश करेंगे। वहीं कांग्रेस ने भी भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई है। कांग्रेस सौरभ शर्मा का मुद्दा विधानसभा में उठाएगी।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई में भ्रष्टाचार हुआ है, ऐसे में अहम विधानसभा में सौरभ शर्मा मामले को उठाएंगे। इसके साथ ही एक साल से अधिक का समय सरकार बने हो गया है, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए। वादे पूरे करने को लेकर भी सरकार को सदन में घेरेंगे। यूनियन कार्बाइड कचरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पीथमपुर की जमीन को सरकार भू माफिया को बेचना चाहती है। इसलिए वहां पर कचरा नष्ट किया जा रहा है, ताकि वहां के लोग अपनी जमीन बेचकर चले जाएं। इंदौर बीआरटीएस के हटाए जाने पर भी नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को आगामी हालातों को देखते हुए प्रोजेक्ट बनाना चाहिए। लेकिन सरकार हर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार करती है। उन्होंने कहा कि जब तक किसी प्रोजेक्ट को खत्म नहीं करेंगे तो, नए प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं मिलेगा, इसलिए इंदौर का बीआरटीएस तोड़ा जा रहा है।
प्रदेश के 10 नगरों में नक्शा कार्यक्रम लागू
2 Mar, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रदेश के 9 जिलों के 10 नगरों में नक्शा कार्यक्रम लागू किया है। इसे केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग ने 'डिजिटल इण्डिया लैण्ड रिकॉर्ड्स और मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम' के तहत शुरू किया है। नक्शा कार्यक्रम (नेशनल जियो स्पिेटियल नॉलेज बेस्ड लैण्ड सर्वे ऑफ अर्बन हेबिटेशन) सम्पत्ति लेन-देन और ऋण प्राप्ति को सरल बनायेगा।
यह कार्यक्रम प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन में सुधार और वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करेगा। प्रदेश में यह कार्यक्रम 9 जिलों के 10 नगरों में लागू किया जा रहा है। इनमें शाहगंज, छनेरा, अलीराजपुर, देपालपुर, धार कोठी, मेघनगर, माखन नगर (बाबई), विदिशा, साँची और उन्हेल शामिल हैं। नक्शा कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित नगरों में जियो स्पिेटियल मेपिंग करना और भूमि सर्वेक्षण में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना शामिल है।
ई-नगरपालिका 2.0
प्रदेश में ई-नगरपालिका के माध्यम से सभी नागरिक सेवाएँ ऑनलाइन प्रदाय की जा रही हैं। योजना के दूसरे चरण में पोर्टल के अंतर्गत 16 मॉड्यूल तथा 24 नागरिक सेवाएँ शामिल की जा रही हैं। इसी के साथ इनका डाटा प्रबंधन क्लाउड सेवाओं द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है। ई-नगरपालिका 2.0 में जीआईएस एकीकरण और ऑर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग किया जा रहा है। कॉमन सर्विस सेंटर, एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटर और भुगतान गेटवे के साथ ई-नगरपालिका 2.0 का एकीकरण किया जा रहा है।
स्व-चालित भवन योजना
प्रदेश के नगरीय निकायों में स्व-चालित भवन योजना अनुमोदन प्रणाली (एबीपीएएस 3.0) के माध्यम से पूर्व में आ रही कठिनाइयों को दूर किया जा रहा है। उन्नत परियोजना एबीपीएएस 3.0 में जीआईएस टेक्नोलॉजी, ओपन सोर्स प्लेटफार्म और कॉलोनी विकास अनुज्ञा से संबंधित समस्त प्रक्रियाओं से जुड़ी आधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।
महिलाओं ने अपनी लेखनी से समाज को दिशा दी - मंत्री भूरिया
2 Mar, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : लेखन समाज का दर्पण होता है। जब एक लेखिका अपनी रचनाओं के माध्यम से महिलाओं की स्थिति, उनके अधिकारों, उनके संघर्षों और उनके उत्थान की बात करती है, तो वह केवल अपनी ही कहानी नहीं बयां करती, बल्कि वह उन सभी महिलाओं की बात करती है जो मौन हैं, जो संघर्ष कर रही हैं और जो बदलाव की प्रतीक्षा कर रही हैं। यह बात महिला बाल विकास मंत्री सुनिर्मला भूरिया ने कहीं। वे हिंदी भवन के सभागार में हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित 30 वां वार्षिक कृति पुरस्कार एवं सम्मान समारोह 2024-25 में संबोधित कर रही थी।
सुभूरिया ने कहा कि लेखन समाज के हर वर्ग को संदेश देता है। महिला लेखिकाओं का योगदान अमूल्य है और हम सभी को इसे पहचानने और प्रोत्साहित करने की जरूरत है।उन्होने कहा कि हिन्दी साहित्य का इतिहास समृद्ध और विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमें नारी का योगदान एक अहम् और विशिष्ट स्थान रखता है। हमारे देश के साहित्य में अनेक महान लेखिकाओं का योगदान रहा है, जिन्होंने न केवल समाज में विद्यमान सामाजिक कुरीतियों और भेदभाव को उजागर किया, बल्कि उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से नारी के अधिकारों की लड़ाई भी लड़ी। यही कारण है कि हमें यह समझने की जरूरत है कि महिला लेखिकाओं ने केवल साहित्य में ही नहीं, बल्कि समाज में भी एक नई दिशा का संचार किया है।
मंत्री सुभूरिया ने कहा कि प्रारंभ में महिला लेखकों को पुरुष लेखकों के मुकाबले कम मान्यता मिलती थी। लेकिन समय के साथ हमारे समाज और साहित्य में बदलाव आया है। आज ऐसी अनेक महिला लेखिकाएं हैं, जिन्होंने अपने लेखन से साहित्यिक जगत को एक नया आयाम दिया है। महिला लेखिकाओं ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। चाहे वह कहानी हो, कविता हो, उपन्यास हो या निबंध हो, हर रूप में उनकी आवाज़ सुनाई दी है।
महिला-बाल विकास मंत्री सुभूरिया ने कहा कि यह सम्मान समारोह नई लेखिकाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हमें यह समझने की जरूरत है कि साहित्य में नया दृष्टिकोण, नयी सोच और नवाचार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। आज हम जिन लेखिकाओं को सम्मानित कर रहे हैं, उन्होंने न केवल साहित्य की दुनिया को समृद्ध किया है, बल्कि वे अपने लेखन के माध्यम से समाज के हर वर्ग, हर मुद्दे को जागरूकता और संवेदनशीलता से पेश कर रही हैं।उन्होंने कहा कि हिन्दी लेखिका संघ द्वारा आयोजित यह सम्मान समाराह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह महिला लेखन के प्रति हमारी न्यायसंगत समझ और समर्पण का प्रतीक है। हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाएं अपने लेखन के माध्यम से अपनी आवाज़ उठाएं और समाज में बदलाव लाने में सक्षम हों।
कार्यक्रम में हिंदी लेखिका संघ के प्रतिष्ठित सम्मान 2024-25, अमृत पर्व सम्मान वह वह हिंदी लेखिका संघ के कीर्ति पुरस्कार 2024-25 प्राप्त करने वाली लेखिकाओं को शॉल, श्रीफल, पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी दौरान वरिष्ठ पत्रकार सम्मान एवं युवा पत्रकार सम्मान भी प्रदान किया गया।
हिंदी लेखिका संघ की स्थापना 1975 में हुई थी आज इसको 30 वर्ष हो गए हैं। यह संस्था लेखिकाओं की सृजनात्मक क्षमता को समाज में अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करती है। इस अवसर पर डॉ. रामदरश मिश्र और हरिशंकर परसाई की जन्मशती पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित 'सर्जना' वार्षिक स्मारिका व सांझा कहानी संकलन "स्त्री मन की कहानियाँ " का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे, रामायण शोध केंद्र भोपाल के निदेशक डॉ राजेश श्रीवास्तव, शिक्षाविद एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर आरती दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में साहित्य जगत से जुड़े विकास दवे, ओपी श्रीवास्तव व लेखिकाएं उपस्थित थी।
ईव्हीएम के बाद अब पेपरलेस बूथ के माध्यम से चुनाव पर विचार
2 Mar, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ईव्हीएम के बाद अब पेपरलेस बूथ की कल्पना को मूर्त दिया जा रहा है। पंचायत उप निर्वाचन में चुनाव पेपरलेस बूथ के माध्यम से सफलतापूर्वक कराये जा चुके हैं। मध्यप्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव ने यह बात राज्य निर्वाचन आयोग की 31वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस में कही। कॉन्फ्रेंस पेंच जिला सिवनी में आयोजित की गई है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराये जाने वाले पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन लोकतंत्र की प्रयोगशाला और परीक्षण स्थली हैं। पूरी दुनिया के साथ भारत का यह अनुभव है कि जब भी निर्वाचन संबंधी कोई महत्वपूर्ण प्रयोग होते हैं, तो सबसे पहले स्थानीय निर्वाचनों में होते हैं। जब महिलाओं को प्रतिनिधि संस्थाओं में आरक्षण का विचार आया, तो सबसे पहले पंचायतों और स्थानीय निकायों में इसे लागू किया गया। मध्यप्रदेश में तो निकायों में पहले 33 प्रतिशत और बाद में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है। इसकी जितनी स्वीकार्यता पिछडे़ कहे जाने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में हुई, उतनी वरिष्ठ स्तरों पर अभी भी नही हो पाई।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन लोकतंत्र की नींव हैं। यह चुनाव पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता से कराना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस चुनाव के माध्यम से नागरिक सीधे शासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बनते हैं। उन्होंने ऑनलाइन वोटिंग पर चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रयोग पहली बार एस्टोनिया में किया जा चुका है। श्रीवास्तव ने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के मद्देनजर यह जरूरी है कि हम चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रक्रिया में बदलाव करते रहें।
ईव्हीएम शेयरिंग
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्रीवास्तव ने कहा कि चुनावी खर्च कम करने के उद्देश्य से राज्यों के बीच ईव्हीएम शेयरिंग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस में राज्य निर्वाचन आयुक्त उनके राज्य में किए गए नवाचारों को साझा करेंगे। इससे अन्य राज्यों में भी उसे लागू किया जा सकेगा। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता असम के राज्य निर्वाचन आयुक्त आलोक कुमार ने की। इस दौरान विभिन्न राज्य निर्वाचन आयोग के नवाचारों को समाहित कर लिखी गई पुस्तक एक्स-चेंज@एक्स-पीरियंस इनीशिएटिव-2025 का विमोचन किया गया।
इंटीग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने स्थानीय निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया में पेपरलेस बूथ प्रणाली तथा इंटरग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाने की कार्ययोजना पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि पेपरलेस बूथ प्रणाली में डिजिटल टूल्स अपनाने से स्थानीय निर्वाचन प्रक्रिया सरल होगी। सभी डॉक्यूमेंटेशन डिजिटल होंगे तथा मानवीय भूल की संभावना भी कम होगी। उन्होंने बताया कि डिजिटल टूल्स का उपयोग होने से चुनाव में लगने वाले अमले की संख्या में कमी आएगी तथा चुनाव खर्च भी कम होंगे।
आन्ध्रप्रदेश निर्वाचन आयोग की आयुक्त श्रीमती नीलम साहनी द्वारा स्वचलित लोकल बॉडी इलेक्शन प्रक्रिया पर प्रेजेंटेशन दिया गया। उन्होंने इलेक्ट्रोरल रोल मैनेजमेंट, पोल मैनेजमेंट के ऑटोमेशन प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए अन्य आयुक्तों के साथ समस्या एवं सुधार की संभावनाओं पर चर्चा की। विभिन्न राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्तों ने निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
लखनादौन एसडीएम रवि सिहाग तथा सहायक कलेक्टर पंकज वर्मा द्वारा "ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस" और सुविधाजनक निर्वाचन प्रक्रिया के लिए नवीन तकनीकों को अपनाने के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग त्रिपुरा द्वारा राज्य में स्थानीय निर्वाचन प्रक्रिया पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कलेक्टर सिवनी सुसंस्कृति जैन ने प्रथम सत्र के समापन पर आभार व्यक्त किया। कॉन्फ्रेंस में तीन और चार मार्च को भी विभिन्न विषयों पर विषय-विशेषज्ञ प्रेजेंटेशन देंगे।
भोपाल के बड़े तालाब पर 7 मार्च तक होगी 42वीं नेशनल सीनियर रोइंग चैंपियनशिप
2 Mar, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने रविवार को भोपाल के बड़े तालाब स्थित मध्यप्रदेश राज्य वाटर स्पोर्ट्स अकादमी, बोट क्लब पर 3 से 7 मार्च तक आयोजित होगी। मंत्री सारंग ने 42वीं नेशनल सीनियर रोइंग चैंपियनशिप के आयोजन स्थल का खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 3 मार्च को शाम 4 बजे पांच दिवसीय 42वीं नेशनल सीनियर रोइंग चैंपियनशिप का शुभारंभ करेंगे। मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए यह प्रतियोगिता महत्वपूर्ण है जिससे प्रदेश में वॉटर स्पोर्टस खेलों के प्रति उत्साह बढ़ेगा और युवा वर्ग को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने बताया कि वॉटर स्पोर्ट्स में भागीदारी के लिए मध्यप्रदेश देश के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित हो इस दिशा में हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
प्रतियोगिता में 14 इवेंट्स का होगा आयोजन
मंत्री सारंग ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 14 इवेंट्स का आयोजन किया जाएगा जिसमे 2 इवेंट्स पैरा सिंगल स्कल महिला एवं पुरुष वर्ग भी शामिल है। 14 इवेंट्स के सभी फाइनल्स 7 मार्च 2025 को संपन्न होंगे जिसमे 7 इवेंट्स सुबह एवं 7 की शाम होंगें। सभी स्पर्धाएं 2000 मीटर की दूरी पर आयोजित की जाएँगी।
भोपाल का बड़ा तालाब देश की सबसे बेहतर वॉटर बॉडी में से एक
मंत्री सारंग ने बताया कि भोपाल का बड़ा तालाब देश की सबसे बेहतरीन वॉटर बॉडी में से एक है, और यहाँ पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन प्रदेश के लिए गौरव की बात है। आगे उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में देशभर की कुल 27 टीमों में से 23 राज्यों की एवं इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी, इंडियन एयरफ़ोर्स, और सर्विस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड की टीमों के 500 प्रतिभागी शामिल होंगे। मंत्री सारंग ने बताया कि प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के खिलाड़ी रोइंग, क्याकिंग-केनोइंग, सेलिंग और स्लालम खेलों की विशेष प्रस्तुति देंगे।
मध्यप्रदेश में वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए यह प्रतियोगिता महत्वपूर्ण
मंत्री सारंग ने बताया कि यह प्रतियोगिता वॉटर स्पोर्टस को बढ़ावा देने के साथ ही प्रदेश के युवाओं को अपनी प्रतिभा को दिखाने का एक बेहतर मंच प्रदान करेगा। आगे उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता के दौरान देशभर के रोइंग खिलाड़ी अपनी सर्वोत्तम तकनीक और कौशल का प्रदर्शन करेंगे, जिससे प्रदेश में वॉटर स्पोर्टस खेल के प्रति जागरूकता और उत्साह में वृद्धि होगी। मंत्री सारंग ने बताया कि मध्यप्रदेश में वॉटर स्पोर्टस को बढ़ावा और खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए बेहतर मंच उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
प्रतियोगिता का सीधा प्रसारण बनेगा आकर्षण का केंद्र
मंत्री सारंग ने बताया कि इस प्रतियोगिता का लाइव प्रसारण एलईडी स्क्रीन के माध्यम से बोट क्लब सहित शहर के प्रमुख चौराहों पर किया जाएगा, जिससे खेल प्रेमियों को एक शानदार जल क्रीड़ा का अद्भुत अनुभव मिलेगा। आगे उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता के लाइव प्रसारण से खेल के प्रति युवाओं में नई प्रेरणा मिलेगी और वे वॉटर स्पोर्ट्स की तरफ आकर्षित भी होंगे।
प्रकृति से प्रेम, संस्कृति का सम्मान और मित्रता का महत्व प्रतिपादित करते है भगवान श्रीकृष्ण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
2 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति से प्रेम और ग्राम संस्कृति को सम्मान देने की शिक्षा दी है। राज दरबार में सोने-चांदी और मोती माणिक्य के बीच मोर पंख को अपने शीश पर धारण कर सम्मान प्रदान करना प्रकृति से प्रेम का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण का यह भाव बताता है कि मनुष्य मात्र से प्रेम ही प्रभु प्राप्ति का सच्चा मार्ग है। भगवान श्रीकृष्ण का सुदामा को सम्मान देना, जीवन में मित्रता के महत्व और मित्र के सम्मान के लिए प्रतिबद्धता को प्रतिपादित करता है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के प्रसंगों से हमें कई व्यावहारिक शिक्षाएं प्राप्त होती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कोलार रोड क्षेत्र में मानसरोवर डेंटल कॉलेज के पास इस्कॉन द्वारा बनाए जा रहे श्री श्री राधा गोविंद मंदिर के भूमि पूजन के बाद उपस्थित जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे।इस अवसर पर विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, इस्कॉन के मध्यप्रदेश प्रमुख गुरु प्रसाद स्वामी महाराज तथा सचिव महामन प्रभु उपस्थित थे।कार्यक्रम में बताया गया कि यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्षेत्र में इस्कॉन मंदिर स्थापना की पहल की सराहना करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण, लोगों पर सुख-आनंद, वैभव और उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलार रोड से इस्कॉन मंदिर को जोड़ने वाले मार्ग का नाम प्रभुपाद मार्ग रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत की सभी दिशाओं में प्रभु श्री राम और भगवान श्रीकृष्ण की उपस्थिति की सहज ही अनुभूति होती है। विश्व में भी वर्षों से भारत, भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण की धरती के रूप में जाना जाता है, मंदिर निर्माण भगवद्भाव के साकार रूप लेने का माध्यम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा ऐसी कामना है कि भूमि-पूजन के बाद मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के प्रकटीकरण और मंदिर के लोकार्पण का अवसर शीघ्र ही आएगा, ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्व में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और सात्विक जीवन प्रणाली के प्रसार में प्रभु पाद के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन विचारों के अनुरूप ही राज्य सरकार, मद्यनिषेध की दिशा में कार्य कर रही है, इसीलिए प्रदेश के 17 स्थानों में शराबबंदी की व्यवस्था लागू की गई है। प्रदेश में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ सहयोग से दुग्ध उत्पादन 9% से 20% तक ले जाने की कार्य योजना का क्रियान्वयन जारी है। यह प्रयास हमारी मूल संस्कृति की ओर लौटने के लिए किया जा रहा है। इससे खेती और पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और दूध की पौष्टिकता से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने में सहयोग मिलेगा।
बच्चों को हम जैसा बनाएंगे, जैसा सिखाएंगे, वैसे बनकर वह आगे बढ़ेंगे : राज्यमंत्री गौर
2 Mar, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। इनकों हम जैसा बनाएंगे, जैसा सिखाएंगे वैसा बनकर वह आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह बात अवधपुरी में एक निजी स्कूल के शुभारंभ अवसर पर कहीं।
राज्यमंत्री गौर ने कहा कि यह पहला ऐसा स्कूल है, जिसमें वह सारी सुविधाएं हैं, जो सुविधाएं छोटे बच्चों को मिलनी चाहिए। स्कूल में बहुत छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखा गया है जो बच्चों की सुरक्षा का, बच्चों के मनोरंजन का, बच्चों के ज्ञान का, हर दृष्टि से यहां आने वाला बच्चा हर तरफ से समृद्ध होकर जाए। इस दृष्टि से हमारा यह प्री स्कूल निश्चित रूप से हमारी नई पीढ़ी को संस्कारित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
पार्षद मधु शिवनानी, जितेंद्र शुक्ला, मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र दुबे, गणेश राम नागर, पार्षद वी शक्ति राव, राजेश्वर सिंह, स्कूल की प्रिसिंपल रुचि विनोद सिंह, रामेश्वर भैया, विनोद सिंह, प्रसाद पटेल और सभी गणमान्य नागरिक बंधु मौजूद रहे।
नई फिल्म पर्यटन नीति से सिनेमा और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
2 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश लंबे समय से फिल्म निर्माताओं के लिए कल्पनालोक बना रहा है। राज्य सरकार की नई फिल्म एवं पर्यटन नीति-2025 ने यहां शूटिंग को व्यापारिक दृष्टिकोण से भी आकर्षक बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस नीति से प्रदेश की छवि बड़े पर्दे पर और भी प्रभावशाली बनकर वैश्विक पटल पर उभरेगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन को भी नई ऊंचाइंया मिलेंगीं। मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा कि जीआईएस भोपाल से फिल्म निर्माण एवं पर्यटन उद्योग के गोल्डन ग्लोबल गेट की ओपनिंग हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जीआईएस-भोपाल का शुभारंभ करते हुए हमें बताया कि भारत के विकास में टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल और टूरिज्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वर्ष 2047 तक भारत की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 10 प्रतिशत से अधिक होगा।
जीआईएस-भोपाल में नई नीति बनी करोड़ों के निवेश का आधार
जीआईएस-भोपाल में पर्यटन विभाग ने राज्य सरकार की नई फिल्म एवं पर्यटन नीति पर प्रेजेंटेशन से फिल्म निर्माता और पर्यटन उद्योग के पुरोधा अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने माना कि इससे प्रदेश में और अधिक अनुकूल वातावरण बनेगा, साथ ही इस क्षेत्र में दीर्घकालिक निवेश होंगे। जीआईएस-भोपाल से पर्यटन, फिल्म-पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में 68,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इससे पर्यटन क्षेत्र में 1.2 लाख नए रोजगार सृजित होंगे।
नई नीति में फिल्म निर्माताओं को वित्तीय प्रोत्साहन
नई फिल्म-पर्यटन नीति में फिल्मों और वेब-सीरीज के निर्माण के लिए अनुदान राशि बढ़ाई गई है। नई नीति में फीचर फिल्म निर्माण के लिये 5 करोड़ रुपये, वेब सीरीज निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये, टीवी सीरियल निर्माण के लिए 1.5 करोड़ रुपये, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण के लिए 50 लाख रुपये, अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के निर्माण पर, 12 करोड़ रुपये और शॉर्ट फिल्म निर्माण पर 20 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। योजना में लाभ प्राप्ति के लिये फिल्म निर्माण की 75 प्रतिशत शूटिंग मध्यप्रदेश में करना होगा। नई नीति में प्रदेश में सिनेमाघरों के नवीनीकरण के लिए निवेश जुटाने पर भी ध्यान दिया गया है। फिल्म शूटिंग संबंधी अनुमतियों के लिए एकल मंजूरी की व्यवस्था की गई है। इसे लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है।
स्थानीय भाषाओं और विषयों पर फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन
राज्य सरकार ने स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय भाषाओं-बोलियों में फिल्म बनाने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान देने का नई नीति में प्रावधान किया है। इसमें मालवी, बुंदेली, निमाड़ी, बघेली और भीली भाषाओं की फिल्मों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, महिला और बच्चों पर केंद्रित फिल्मों के निर्माण पर भी 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।
मध्यप्रदेश में फिल्म-शूटिंग बढ़ता क्रेज
वर्तमान में मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माता आगे आ रहे हैं। मध्यप्रदेश को वर्ष-2022 में ‘द मोस्ट फिल्म-फ्रैंडली’ राज्य का पुरस्कार मिल चुका है। अब तक 15 हिंदी फिल्मों, 2 तेलुगु फिल्मों और 6 वेब सीरीज को 30 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय अनुदान दिया जा चुका है। प्रमुख फिल्म और वेब सीरीज परियोजनाओं में स्त्री-1 एवं स्त्री-2, भूल-भुलैया-3, सुई-धागा, लापता लेडीज, द रेलवे मैन, पैडमैन, धड़क-2, स्त्री, पंचायत, कोटा फैक्ट्री, गुल्लक और सिटाडेल आदि शामिल हैं। प्रदेश में मौजूद प्राकृतिक सौंदर्य और अन्य संसाधनों से फिल्म-शूटिंग का क्रेज बढ़ रहा है।
मध्यप्रदेश में पर्यटन है ग्लोबल-अट्रेक्शन
मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन का अनुभव कराने के साथ साथ यहां पर्यावरण संरक्षण और सह अस्तित्व की अवधारणा पर कार्य किया जाता है। वन्य जीव बिना डर के गांव में विचरण करते हुए नजर आते है। श्योपुर में चीते आस-पास के गांव में तो बाघ भोपाल में शहरी इलाकों में विचरण करते हुए दिखते है। पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्यटन ऐसा सिर्फ मध्यप्रदेश में संभव है। मध्यप्रदेश चीता, बाघ, घड़ियाल, तेंदुआ के साथ वल्चर स्टेट भी है। टाइगर रिजर्व की संख्या में भी वृद्धि हो रही हैं। प्रदेश में डायवर्सिफाइड टूरिज्म रिसोर्सेज के कारण मध्यप्रदेश को देश के साथ ही विश्व की टॉप टूरिज्म डेस्टिनेशन माना जा रहा है।
नई नीति से पर्यटक स्थलों में होंगे विश्वस्तरीय अधोसंरचनात्मक विकास
मध्यप्रदेश में खजुराहो, कान्हा, सांची, ओरछा, ग्वालियर, बांधवगढ़, पंचमढ़ी, अमरकंटक, उज्जैन और ओंकारेश्वर जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। पर्यटन विकास को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन नीति-2025 में विश्वस्तरीय अधोसंरचना के विकास की योजना बनाई है, जिसमें गोल्फ कोर्स, क्रूज टूरिज्म, वेलनेस रिसॉर्ट, रोपवे, म्यूजियम और लाइट एंड साउंड शो शामिल हैं।
पर्यटन में निवेश के मिले आकर्षक प्रस्ताव
राज्य सरकार को पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनमें अमेज़न प्राइम, जी-5, आईएचएसओएल, ट्रेजर ग्रुप, आईटीसी होटल्स, हिल्टन समूह आदि के 300 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं। आकर्षक निवेश से निसंदेह मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। इमेजिका वर्ल्ड एंटरटेनमेंट लिमिटेड ने इंदौर में वॉटर पार्क के लिए 200 क़रोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। नीमराना समूह ने चंदेरी के राजा-रानी महल को विकसित करने के लिए 20 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इवॉल्व बैक रिसॉर्ट्स ने पन्ना टाइगर नेशनल पार्क के पास नए वेलनेस रिसोर्ट के लिए 150 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इंडिगो ने ग्वालियर किले में पर्यटन सुविधाओं में विस्तार का प्रस्ताव दिया। जीआईएस-भोपाल में चंबल में ‘बागी म्यूज़ियम’ बनाने का सुझाव भी आया। बताया गया कि यह इंग्लैंड के रॉबिन हुड म्यूज़ियम की तरह विकसित किया जा सकता है। यहाँ चंबल-बैंडिट्स के हथियारों को प्रदर्शित किया जाए, जिससे यह एक अनूठा पर्यटन आकर्षण बने।
जीआईएस-भोपाल से बढ़ेगा क्रूज पर्यटन
अयोध्या क्रूज़ लाइन्स ने 70 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव मध्यप्रदेश में क्रूज पर्यटन परियोजनाओं के लिए दिया है। नॉलेज माइनिंग एंड इंजीनरिंग वर्क्स लिमिटेड ने भी क्रूज पर्यटन परियोजनाओं के साथ ही हाउस बोट और वाटर-स्पोर्ट्स के लिए 100 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। अल्केमी क्रूज़ लाइंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नर्मदा नदी पर धार जिले के कुक्षी (मध्यप्रदेश) से गुजरात स्थित स्टेचू-ऑफ-यूनिटी तक क्रूज संचालन की योजना बना रही है।
जीआईएस-भोपाल से बढ़ेगा होटल पर्यटन उद्योग
जहांनुमा ग्रुप ऑफ होटल्स ने मांडू में नए प्रीमियम होटल की स्थापना के लिए 18 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया है। ट्रेज़र ग्रुप ने खंडवा में नजरपुरा आईलैण्ड में लग्जरी रिसॉर्ट, दतला पहाड़ खजुराहो के समीप मिनी गोल्फ कोर्ट एवं रिसोर्ट और सांची के पास गोल्फ कोर्ट एवं लग्जरी रिसॉर्ट 600 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दिये हैं। आईएचसीएल ने विभिन्न नेशनल पार्क, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, एवं पेंच में 5 नई इकाइयों की स्थापना के लिए 1960 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव दिये हैं। आईटीसी होटल प्राइवेट लिमिटेड ने लुनेरा कासेल, धार और भोपाल में आईटीसी हेरिटेज होटल के विकास के लिए 250 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। एमआरएस ग्रुप ने महेंद्र भवन पन्ना, क्योटी किला रीवा, एवं सिंहपुर महल, चंदेरी में लग्जरी बुटीक के लिये 200 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। ओबेरॉय होटेल समूह ने राजगढ़ पैलेस, खजुराहो में नई इकाई के लिए 450 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। हिल्टन समूह जबलपुर एवं भोपाल में 254 कमरों की 2 इकाइयों की स्थापना के लिये 200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बताया है कि प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचनाओं और सुविधाओं के विकास, कनेक्टिविटी बढ़ाने और पर्यटकों को अविस्मरणीय पर्यटन अनुभव प्रदान करने के सतत प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश की नई फिल्म एवं पर्यटन नीति-2025 राज्य को एक प्रमुख पर्यटन एवं फिल्म-निर्माण हब के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी। इससे प्रदेश में आर्थिक निवेश, रोजगार, पर्यटन और फिल्म निर्माण को एक नई दिशा मिलेगी। यह नीति राज्य के स्थानीय कलाकारों, भाषाओं और सांस्कृतिक धरोहरों को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिनर्जी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का शुभारंभ किया
2 Mar, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साकेत नगर भोपाल में सिनर्जी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का गणेश पूजन और दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर, अस्पताल के संस्थापक डॉ. निवेश सेहरा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अस्पताल के विशेषज्ञता विभागों, उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं और सुविधाओं का अवलोकन किया।
किसानों को अब पांच रुपये में मिलेगा बिजली का स्थाई कनेक्शन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
2 Mar, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों को अब 5 रुपये में बिजली का स्थाई कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। मध्य क्षेत्र को यह व्यवस्था तत्काल आरंभ करने के निर्देश देते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में किसानों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह किसानों की सरकार है। उनका जीवन बेहतर बनाने के लिए हर संभव कार्य किए जाएंगे। राज्य सरकार सोलर पंप के माध्यम से किसानों को बिजली उत्पादन में भी आत्म-निर्भर बनाएगी। अगले तीन वर्ष में किसानों को 30 लाख सोलर पंप उपलब्ध कराकर, किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाएगी। प्रतिवर्ष 10-10 लाख कनेक्शन दिए जाएंगे। किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही किसानों द्वारा सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली खरीद कर उन्हें नगद भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव किसान आभार सम्मेलन में मुख्यमंत्री निवास पहुंचे किसानों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के प्रत्येक अंचल से आए किसानों का पुष्प-वर्षा कर स्वागत अभिवादन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कृषकों ने साफा, गज माला, शॉल-श्रीफल और प्रतीक-चिन्ह के रूप में बैलगाड़ी एवं हल की प्रतिकृति भेंट कर अभिनंदन किया। कृषकों की ओर से होशंगाबाद सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने समस्त अतिथिगण को स्मृति चिन्ह के रूप में राम दरबार भेंट किये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार सदैव किसानों के साथ है और उनके हित में निरंतर कार्य कर रही है। हम 2 हजार 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीद रहे हैं, इसमें 175 रुपये बोनस राशि है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2003-04 में प्रदेश में गेहूँ खरीदी का सरकारी दाम मात्र 447 रुपए था जो राज्य सरकार ने बढ़ा कर 2 हजार 600 प्रति क्विंटल किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार वर्ष 2024 के लिये धान उपार्जन पर 4 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सोलर पंप के माध्यम से किसानों को स्थाई कनेक्शन भी दिए जाएंगे। हाल ही में अस्थाई कनेक्शन वाले डेढ़ लाख किसानों को स्थाई कनेक्शन दिलवाए गए हैं और इसकी राशि भी कम की गई है। तीन हॉर्स पॉवर वालों को सोलर पंप की 5% राशि, 5 से 7.50 हॉर्स पॉवर के लिए 10% राशि देना होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार का किसानों के प्रति प्रेम है। प्रधानमंत्री मोदी ने हर गरीब, जरूरतमंद के लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की है। दो लाख करोड़ रुपए के व्यय से 100 करोड़ से अधिक लोगों को वर्ष 2028 तक अन्न देने की व्यवस्था की गई है। यह प्रधानमंत्री मोदी के प्रत्येक गरीब का जीवन बेहतर बनाने के भाव का प्रकटीकरण और राम राज्य की अवधारणा को साकार करने का प्रयास है। प्रधानमंत्री मोदी किसानों को उनका हक दिला रहे हैं। यह हमारी सरकार की उदात्त भावना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषकों से फसल चक्र में बदलाव का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि धान के बदले में मूंगफली और प्राकृतिक फसलों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि जैविक खेती से मध्यप्रदेश अपनी अलग पहचान स्थापित करें। उन्होंने कहा कि जीआईएस भोपाल में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश में उत्पादित कपास से क्रांति आने वाली है। किसान परिवार के व्यक्ति को रोजगार देने वाली टेक्सटाइल मिलों को 5 हजार रुपये का बोनस दिया जाएगा। कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। गेहूँ और धान पर दिए जा रहे प्रोत्साहन के समान ही दुग्ध उत्पादन पर भी प्रोत्साहन स्वरूप बोनस प्रदान किया जाएगा। दस से अधिक गाय पालने वालों को अनुदान दिया जाएगा। गांव-गांव में गोपालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। गौ-शाला चलाने वालों को प्रति गाय 20 रुपये के स्थान पर 40 रुपये का अनुदान देकर गौ-शालाओं को सक्षम बनाया जाएगा। गौ-माता परमात्मा की हम पर असीम कृपा है। गौ-माता प्रकृति और परमात्मा के बीच संबंध का सूत्र है। बेसहारा, अशक्त और वृद्ध गौ-माताओं के आश्रय के लिए भोपाल सहित सभी बड़ी नगर निगमों में 10 हजार क्षमता की गौ-शालाएं बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले समय में उन्नत कृषि यंत्र, उन्नत बीज और कृषि व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिला स्तर पर कृषि मेले लगाए जाएंगे। वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुसार वैश्विक स्तर पर उपलब्ध श्रेष्ठतम बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश में सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत एक लाख करोड़ की केन-बेतवा लिंक परियोजना और 70 हजार करोड़ से चंबल-काली सिंध-पार्वती लिंक परियोजना का क्रियान्वयन जारी है। इसी के साथ ही महाराष्ट्र के सहयोग से ताप्ती नदी पर तीसरी नदी जोड़ो परियोजना आरंभ होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वाधिक महत्व कृषकों को दिया है। कृषक अन्नदाता ही नहीं, अपितु जीवन दाता है। प्रधानमंत्री मोदी और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने ग्रामीण भारत के विकास को गति प्रदान की। महात्मा गांधी कहते थे कि भारत को समझना है तो गांव को समझना होगा। भारत में विकास को गति देने के लिए किसानों के जीवन को समृद्ध और सशक्त बनाना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए ही किसान, गरीब, महिला और युवा पर ध्यान केंद्रित किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह किसानों की सरकार है। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर आभार व्यक्त करने के लिए किसानों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खेती की व्यवस्था बेहतर करने, नवीन तकनीक अपनाने, शासकीय योजनाओं का लाभ उठाने और अपने बच्चों का भविष्य बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास करने का किसानों को संकल्प दिलाया।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि किसान भारतीय अर्थ व्यवस्था की बैकबोन हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में किसानों को मिल रही सुविधाओं से राज्य पुन: कृषि में देश में सिरमोर बनेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गेहूँ और धान के बारे में घोषणा कर किसानों की मेहनत को सम्मान दिया है। खजुराहो सांसद वी.डी .शर्मा ने कहा कि किसान मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव आभार व्यक्त करने का निर्णय़ सराहनीय है। इस ऐतिहासिक फैसले से किसान परिवारों में प्रसन्नता का संचार हुआ। किसान मोर्चा के अध्यक्ष तथा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा किसान हित में लिए गए निर्णयों के लिए प्रदेश के किसानों की ओर से आभार माना।
मुख्यमंत्री निवास में किसान आभार सम्मेलन के अवसर पर ऊर्जा, उद्यानिकी, खाद्य नागरिक आपूर्ति, किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों पर केंद्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई।
कार्यक्रम में खेल, युवा कल्याण एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, नगर निगम भोपाल अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
अब बिजली मारेगी दोहरा ‘करंट’
2 Mar, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में नए वित्तीय वर्ष में बिजली अपभोक्ताओं पर दोहरी मार पडऩे वाली है। एक तरफ जहां बिजली की दरे बढऩे जा रही है, वहीं स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम से बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगने वाला है। मप्र विद्युत नियामक आयोग को नई बिजली दर के लिए दिए गए प्रस्ताव में दो ऐसे प्रावधान हैं, अगर इन्हें मंजूरी मिल जाती है तो स्मार्ट मीटर से बिजली लेने वाले उपभोक्ताओं का बिजली खर्च बढ़ जाएगा। हैरानी की बात यह है कि यह एकदम से तो नहीं दिखेगा, लेकिन इसका असर दर पर दिखेगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जो बिजली की दर बढ़ेगी, उसमें स्मार्ट मीटर की राशि भी जुड़ सकती है। यह राशि बिल के किसी कॉलम में अलग से नहीं दिखेगी। महाराष्ट्र में इन शर्तों पर स्मार्ट मीटर लगाने का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। वहां इसके विरोध में बाकायदा एक संगठन तक बना लिया गया है। वहीं 4 साल पहले तक हर माह मीटर का किराया सिंगल फेस के हर 10 रुपए, थ्री फेस के 25 रुपए, फैक्ट्री वगैरह के 125 रुपए लिए जाते थे। अब नए कनेक्शन के साथ कीमत ले ली जाती है। इसके तहत सिंगल फेस के 801 रु., थ्री फेस के 2192 रु. और बड़े कनेक्शन 20 किलोवॉट से ऊपर के लिए 20,393 रूपए लिए जा रहे हैं।
बिल में इस कारण होगी बढ़ोतरी
दो प्रावधानों से बिजली के बिल में वृद्धि होगी। पहला टाइम ऑफ दि डे टैरिफ और दूसरा टोटैक्स मॉडल से स्मार्ट मीटर। बिजली के नए टैरिफ के लिए दायर याचिका में स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए टाइम ऑफ दि डे टैरिफ (टीओडी) लागू करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में यह व्यवस्था केवल दस किलोवॉट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं पर लागू होती है। सुबह छह से दस बजे और शाम छह से रात दस बजे के बीच पीक अवर्स में बिजली की दर सामान्य टैरिफ से 20 प्रतिशत अधिक होगी, जिससे बिल में वृद्धि होगी। वहीं स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम के लिए टोटैक्स मॉडल को स्वीकृति देने का प्रस्ताव है, जिसमें मीटर की खरीद, स्थापना और आईटी संचार नेटवर्क की लागत शामिल है। इस मॉडल में रखरखाव, डेटा ट्रांसमिशन, साइबर सुरक्षा, बिलिंग, ग्राहक सेवा, सॉफ्टवेयर अपग्रेड और लाइसेंस शुल्क को भी ध्यान में रखा गया है। खरीदी और रखरखाव की लागत को एक साथ वसूलने के लिए लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी, जिसे उपभोक्ताओं के टैरिफ में समाहित किया जाएगा, जिससे बिलों में नई लागत जुडऩे से टैरिफ महंगा हो जाएगा।
स्मार्ट मीटर के नाम पर 754.32 करोड़ मांगे
दरअसल, बिजली कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने वित्तीय वर्ष के लिए जो टैरिफ पिटीशन दायर की है, उसमें स्मार्ट मीटर के नाम पर 754.32 करोड़ रुपए मांगे गए हैं। कंपनी ने 235 पेज की टैरिफ पिटीशन की कंडिका 8.11.4 में स्मार्ट मीटर के रखरखाव, सुधार, निगरानी व डेटा भेजने के वार्षिक शुल्क का जिक्र किया है। याचिका की कंडिका 9.5.7 में स्मार्ट मीटर लगाने वाली निजी एजेंसी को दी जाने वाली प्रारंभिक किस्त व 8 से 10 साल तक दी जाने वाली लीज शुल्क का जिक्र किया है। यह राशि कम से कम साढ़े 7 साल और अधिकतम 10 साल तक किस्तों के रूप में महीने के बिलों में जुडकऱ आती रहेगी। आयोग द्वारा बिजली कंपनी की इस पिटीशन पर जनवरी में की गई सुनवाई में कई लोगों ने इस पर आपत्ति भी जताई है। एक्सपर्ट भी कहते हैं कि यह न्यायोचित नहीं है।
18 प्रतिशत जीएसटी सहित वसूली जाएगी किश्त
आयोग में स्मार्ट मीटर के इस खर्च पर आपत्ति दर्ज कराने वाले बिजली कंपनी के रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि एक स्मार्ट मीटर की किस्त 18 प्रतिशत जीएसटी सहित वसूली जाएगी। इसमें पहली किस्त के तौर पर 1500 और जीएसटी 270 रुपए जुड़ेगा। बाद की किश्तों में साढ़े 7 साल में कुल लगभग 14,310 रु. वसूले जाएंगे। इस पर रखरखाव, निगरानी और डेटा भेजने का शुल्क 1200 रुपए हर साल लिया जाएगा। ये सब मिलाकर एक मीटर पर कुल राशि 25 हजार 80 रुपए होती है। यह राशि उपभोक्ताओं से टैरिफ में जोडकऱ वसूलने का प्रस्ताव है। बिजली कंपनी के रिटायर्ड कमर्शियल डायरेक्टर एसके श्रीवास्तव बताते हैं कि मीटर किराया लेना 4 साल पहले ही बंद किया जा चुका है। अब नया कनेक्शन देने के साथ ही मीटर का खर्च ले लिया जाता है। स्मार्ट मीटर हो या अन्य मीटर इसकी राशि टैरिफ में जोडकऱ नहीं ली जानी चाहिए। यदि उपभोक्ताओं से यह लेनी ही तो उसे अलग से बताना भी चाहिए। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि मीटर का किराया पहले भी लिया जाता रहा है। उपभोक्ताओं को यह मालूम भी है। अब डिजिटल मीटर लगाने पर कनेक्शन के साथ राशि ली जा रही है। स्मार्ट मीटर की राशि भी लीज शुल्क के रूप लिए जाने का प्रस्ताव है।
सरकारी खजाने में जमा होगा 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश
2 Mar, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आयकर विभाग के सामने सौरभ ने नहीं खोला राज
भोपाल । मध्य प्रदेश आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने गिरफ्तारी के इतने दिन बाद भी 52 किलो सोने और कैशकांड का राज नहीं खोला है। आयकर विभाग की टीम ने लगातार पांचवे दिन उससे जेल में पूछताछ की। लेकिन वे आरोपी से ऐसा कोई बयान नहीं उगलवा सके, जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके।
सौरभ शर्मा ने 52 किलो गोल्ड और 10 करोड़ रुपए कैश अपने होने की बात अब तक कबूल नहीं की है। न ही उसने यह बताया है कि इसका असली मालिक कौन है। ऐसे में अब सारा सोना और करोड़ों रुपए कैश सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा।
आईटी ने बरामद किया था सोना और कैश
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में सौरभ शर्मा के घर छापामार कार्रवाई की थी। वहीं ,19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को खाली प्लॉट पर खड़ी एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी के होने की सूचना दी थी, जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए थे। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था, जिसके बाद आईटी की टीम ने कांच तोडक़र अंदर से बैग बाहर निकला। जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था। जिसके बाद से लोकायुक्त के बाद ईडी और आईटी भी सक्रिय हो गई। 27 दिसंबर को जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित आवास में जांच एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अलग-अलग ठिकानों पर सर्चिंग के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए।
6 करोड़ से ज्यादा की एफडी बरामद
सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी मिली थी। परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस भी मिला। 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया।
नवीन आबकारी नीति में शराब के शौकीनों को झटका
2 Mar, 2025 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। इस साल शराब शौकीनों को शराब का शौक पूरा करने के लिए जेब और अधिक ढीली करनी पड़ेगी। इस साल लाइसेंस फीस पिछले साल की अपेक्षा 20 प्रतिशत बढऩे से शराब के भाव बढऩे से इंकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल, नवीन आबकारी नीति वर्ष 2025-26 के अनुसार कम्पोजिट मदिरा दुकानों के समूहों के वर्ष 2024-25 की लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
नई शराब नीति के अनुसार दुकान पर शराब बिक्री का समय सुबह 9.30 बजे से रात 11.30 बजे तक रहेगा। रेस्टोरेंट, पर्यटन, होटल, रिसॉर्ट, बार और क्लब में सुबह दसे बजे से शराब की बिक्री शुरू होगी और रात साढ़े 11 बजे तक चालू रहेगी। वहीं, बार-रेस्टोरेंट और क्लब में 12 बजे तक शराब पी सकते हैं। लाइसेंस धारक बार-क्लब या रेस्टोरेंट अतिरिक्त शुल्क देकर शराब बेचने और पीने की समयावधि बढ़वा सकते हैं।