मध्य प्रदेश
सीएम मोहन यादव का सख्त एक्शन: कटनी और दतिया के SP हटाए गए
2 Jun, 2025 08:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
cm mohan yadav: मध्यप्रदेश में रविवार देर शाम सीएम मोहन यादव ने बड़ा एक्शन लिया। सीएम मोहन यादव के इस बड़े एक्शन से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। सीएम मोहन यादव ने रविवार देर शाम अपने सोशल मीडिया अकाउंड पर पोस्ट कर कटनी व दतिया जिले के एसपी को हटाने के निर्देश दिए साथ ही चंबल रेंज के आईजी और डीआईजी को भी हटाने की जानकारी दी।
सीएम मोहन यादव की बड़ी कार्रवाई
सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा- कटनी के पुलिस अधीक्षक और दतिया के पुलिस अधीक्षक तथा आईजी, डीआईजी चंबल रेंज द्वारा ऐसा व्यवहार किया गया जो लोकसेवा में खेदजनक है। इस कारण इन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिये हैं। सीएम के इस पोस्ट के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
जानिए आखिर क्यों हुई कार्रवाई ?
मध्य प्रदेश में कटनी सीएसपी ख्याति मिश्रा के तबादले के बाद शनिवार को वे और उनके तहसीलदार पति के परिजन उनके सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे थे । यहां परिजनों की आपस में बातचीत चल रही थी, इसी बीच हंगामा खड़ा हो गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को पकड़ लिया और पुलिस वाहन में बैठाकर महिला थाने ले आई। आरोप है कि थाने में तहसीलदार शैलेन्द्र बिहारी शर्मा और उनके परिवार के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की। तहसीलदार शैलेन्द्र शर्मा ने आरोप लगाया है कि ये सब कुछ कटनी एसपी अभिजीत रंजन के कहने पर हुआ है।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने लिया संकल्प
1 Jun, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त और हरित भारत के संकल्प को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक माह तक एसी और पेट्रोल-डीजल चलित वाहन का उपयोग नहीं करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि वह एक माह तक ग्वालियर में अपने निवास के सामने स्थित पार्क में तंबू लगाकर पंखे में रात्रि विश्राम करेंगे। मंत्री तोमर ग्वालियर शहर में ई-बाइक का उपयोग और बाइक चार्जिंग में सोलर एनर्जी का प्रयोग करेंगे। मंत्री तोमर का यह संकल्प प्रतीकात्मक संदेश है कि आदतों में थोड़ा बदलाव भी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों से अपील की है कि वे अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल आदतें अपनाकर प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग करें।
प्रदूषण: एक गंभीर समस्या
मंत्री तोमर ने कहा कि प्रदूषण का प्रभाव हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू—स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज—पर गहरा पड़ता है। वायु प्रदूषण से साँस संबंधी रोग, धूल और धुएँ से एलर्जी, जल प्रदूषण से डायरिया, हैजा जैसे रोग होते हैं। ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव और नींद की कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। प्रदूषण के कारण ओज़ोन परत को नुकसान होता है और ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ती है। इसका परिणाम है कि बर्फ के पहाड़ पिघलते हैं और समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण से जीवन स्तर की गुणवत्ता कम होती है, बीमारियाँ बढ़ती हैं और सामाजिक असंतुलन उत्पन्न होता है। साफ हवा, स्वच्छ पानी और सुरक्षित वातावरण का अभाव समाज में तनाव और असुरक्षा को जन्म देता है।
एक एसी से 1 माह में 432 यूनिट बिजली की खपत और 402 कि.ग्रा. से अधिक CO₂ उत्सर्जन
सामान्य घर में 1.5 टन का एसी प्रतिदिन 8 घंटे चलने पर प्रतिदिन लगभग 14.4 यूनिट बिजली की खपत होती है। इस तरह एक माह में यह खपत 432 यूनिट से अधिक होगी और इसमें 402 कि.ग्रा. कार्बन डाइआक्साइड (CO₂) उत्सर्जन होगा। माह में 402 किलोग्राम से अधिक CO₂ उत्सर्जन होगा। एक माह तक एसी का उपयोग नहीं करने पर 402 कि.ग्रा. (CO₂) का उत्सर्जन रोका जा सकता है।
कार से एक वर्ष में 3600 लीटर पेट्रोल औऱ 9360 किलोग्राम से अधिक CO₂ उत्सर्जन
प्रतिदिन 150 किमी कार चलाने पर 15 किमी/लीटर माइलेज से प्रतिनिदन 10 लीटर पेट्रोल की खपत होगी। इस तरह मासिक 300 लीटर और वार्षिक खपत 3600 लीटर होगी। औसतन 1 लीटर पेट्रोल से लगभग 2.6 किग्रा CO₂ निकलती है। इस तरह 780 किग्रा CO₂ मासिक और 9360 किग्रा CO₂ उत्सर्जन वार्षिक होगा।
बाइक से 1 माह में 112 लीटर पेट्रोल की खपत और 292 किग्रा CO₂ उत्सर्जन
सामान्य नागरिक प्रतिदिन 150 किमी बाइक चलाये तो 40 किमी/लीटर माइलेज से प्रतिदिन 3.75 लीटर पेट्रोल की आवश्यकता होगी। इस तरह पेट्रोल की मासिक खपत 112 लीटर और CO₂ उत्सर्जन 292 किग्रा से अधिक होगा।
जनसहयोग से होगा बड़ा परिवर्तन
ग्वालियर शहर के 15 लाख नागरिकों में से 1 लाख भी प्रतिदिन एक घंटा एसी का उपयोग बंद करने का संकल्प लें, तो प्रतिदिन लगभग 167 टन और मासिक 5022 टन CO₂ उत्सर्जन को रोका जा सकता है। इससे हवा की स्वच्छता में सुधार होगा।
घरेलू विद्युत उपभोक्ता विद्युत व्यवधानों से मुक्ति पाएं, स्वैच्छिक भार (लोड) वृद्धि स्वीकृत करवायें
1 Jun, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने परिसर के वास्तविक विद्युत भार के अनुरूप अपने कनेक्शन की भार वृद्धि स्वेच्छा से स्वीकृत कराना सुनिश्चित करा लें। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत भार की वृद्धि स्वेच्छा से कराने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करने का अभियान इन दिनों चलाया जा रहा है। कंपनी ने बताया है कि उपभोक्ता कंपनी के पोर्टल पर स्वेच्छिक ऑनलाइन आवेदन कर भार वृद्धि करा सकते हैं।
गौरतलब है कि विद्युत उपभोक्ता सामान्यतः कंपनी द्वारा स्वीकृत विद्युत भार से अधिक भार का उपयोग करते हैं जिस कारण से कम्पनी की विद्युत अधोसंरचना अतिभारित (overloaded) हो जाती है और विद्युत कंपनी के साथ ही उपभोक्ताओं को भी अनावश्यक रूप से विद्युत व्यवधानों का सामना करना पड़ता है। सम्माननीय उपभोक्ता स्वेच्छा से अपने विद्युत भार की वृद्धि करा लें जिससे कम्पनी द्वारा भार अनुरूप उपयुक्त विद्युत अधोसंरचना का विकास कर बेहतर एवं निर्बाध विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया जा सके। कंपनी ने बताया है कि घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा स्वेच्छा से भार की वृद्धि कराने पर उनके मासिक देयक में कोई अंतर नहीं आएगा तथापि उन्हें संबद्ध भार के अनुरूप भार स्वीकृत कराना नियमानुसार आवश्यक है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि बिजली कंपनी में नवीन कनेक्शन के लिए जब कोई व्यक्ति अधिकृत आवेदन देता है तो उसके परिसर में भार (लोड) की गणना कर भार निर्धारित किया जाता है। इस प्रक्रिया में नया कनेक्शन देने के लिए बिजली कर्मचारी परिसर का लोड सर्वे करते हैं। यह भार (लोड) विद्युत प्रणाली में जोड़ा जाता है इसलिए इसे संयोजित भार या कनेक्टेड लोड कहा जाता है। कनेक्शन के दौरान उपभोक्ता को बिजली कंपनी के साथ सहयोग कर भार की सही गणना कराना चाहिए ताकि विद्युत प्रणाली सुचारू रूप से संचालित की जा सके। उपभोक्ता द्वारा परिसर में कनेक्शन लेने के कुछ अन्तराल बाद कुछ नये विद्युत उपकरणों को स्थापित कर भार बढ़ा लिया जाता है। यह बढ़ा भार बिजली कंपनी के कार्यालय में यदि स्वीकृत नहीं कराया जाता है तो कम्पनी की विद्युत अधोसंरचना अतिभारित हो जाती है जो कि अनावश्यक रूप से विद्युत व्यवधानों का कारण बनती है। संबद्ध भार के अनुरूप भार स्वीकृत कराना नियमानुसार आवश्यक है। उपभोक्ता लाईसेंसी ठेकेदार से गणना करा कर ऑनलाइन भार वृद्घि का आवेदन प्रस्तुत करेंl
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अपने सभी सम्माननीय उपभोक्ताओं से अपील करती है कि वे ऑनलाइन https://saralsanyojan.mpcz.in:8888/apply/other/services/2 सुविधा का लाभ लेकर अपने परिसर के वास्तविक भार के अनुसार अपना संयोजित भार स्वीकृत करवायें।
सरकारी स्कूलों में सीसीएलई गतिविधियों को दिया जायेगा बढ़ावा
1 Jun, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कन्टीन्यूअस एण्ड कॉम्प्रेंसिव ईवेल्युएशन (सीसीएलई) गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों के लिये 21वीं शताब्दी के कौशल अर्जित करने पर जोर दिया गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में सीसीएलई कार्यक्रम अर्थात सतत् एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन कार्यक्रम के रूप में संचालित कर रहा है।
सीसीएलई गतिविधियों के अंतर्गत प्रति सप्ताह होने वाले लेखन कौशल, वक्तव्य कौशल, प्रश्नोत्तरी कौशल, दृश्य और प्रदर्शन कला पर केन्द्रित गतिविधियां विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में मदद करती हैं। नये शैक्षणिक सत्र 2025-26 में ग्रीष्म अवकाश के बाद बाल सभा प्रत्येक शनिवार को पूर्वानुसार प्रथम 3 कालखण्ड में संचालित होगी। वर्ष 2024-25 में सीसीएलई गतिविधियों की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग के लिये विमर्श पोर्टल पर मॉड्यूल निर्माण किया गया था।
369 सांदीपनि विद्यालयों का संचालन
प्रदेश में वर्तमान में 369 सर्वसुविधा युक्त सांदीपनि विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। पूर्व में यह विद्यालय सीएम राइज स्कूल के नाम से जाने जाते थे। वर्ष 2025 में 150 नये सांदीपनि विद्यालय संचालित होंगे। प्रदेश में सरकारी स्कूलों को सर्वसुविधा सम्पन्न कर विद्यार्थियों को रोचक एवं आनंद दायक शिक्षा प्रदान करने और उनके सर्वांगीण विकास करने के उद्देश्य से पहले चरण में 276 सांदीपनि विद्यालय शुरू किये गये थे।
सांदीपनि विद्यालयों में उत्कृष्ट भवन एवं अधोसंरचना विकसित किये जाने का कार्य निरंतर प्रगतिशील है। इन विद्यालयों में निकटस्त 10 से 15 किलोमीटर की दूरी के विद्यार्थियों को स्कूल में लाने के लिये परिवहन व्यवस्था भी प्रारंभ की गई है।
विद्यालयों में ईको क्लब के माध्यम से व्यापक स्तर पर चलाया जायेगा पौध रोपण अभियान
1 Jun, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विद्यालयों में 5 जून से ईको क्लब के माध्यम से व्यापक स्तर पर पौध रोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान प्रदेश में एक पेड़ माँ के नाम 2.0 के नाम से चलाने का फैसला किया गया है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये हैं। प्रत्येक जिले में अभियान के दौरान एक लाख पौधों का रोपण करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में विद्यार्थियों की भागीदारी से 30 सितम्बर तक 50 लाख पौधे रोपे जायेंगे।
पौध रोपण का उद्देश्य
व्यापक स्तर पर पौध रोपण का उद्देश्य बच्चों और युवा पीढ़ी को सतत् विकास के प्रति संवेदनशील बनाने और प्रकृति को हरा-भरा बनाने में सक्रिय भागीदार बनाना है। यह अभियान मातृत्व की भावना का सम्मान करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना भी है। पौध रोपण में स्थानीय और क्षेत्रीय प्रजातियों के पौधे लगाने को प्राथमिकता दी जायेगी। अभियान के दौरान बच्चों को पौधों की किस्मों और उनके फायदे की जानकारी भी साझा की जायेगी।
क्रियान्वयन की रणनीति
जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी को विद्यालयों, ग्राम में उपलब्ध्भूमि एवं विद्यालय की छात्र संख्या के अनुसार कार्ययोजना बनाने के लिये कहा गया है। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठन करने को कहा गया है। समिति में वनमंडल अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, स्कूल प्राचार्य, समाज के प्रमुख नागरिकों को शामिल करने के लिये कहा गया है। समिति के नोडल अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र सहायक नोडल अधिकारी होंगे। पौध रोपण की तैयारी 4 जून तक करने के लिये कहा गया है। पौध रोपण मुख्य रूप से स्कूल परिसर, स्कूल तक जाने वाली सड़क, सार्वजनिक स्थल और अमृत सरोवर के आस-पास किया जायेगा। पौध रोपण के बाद उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी तय किये जाने के लिये कहा गया है।
ग्रीष्म अवकाश के बाद 15 जून से बच्चों को प्रात: सभा के समय पौधों के महत्व के बारे में बताने के लिये कहा गया है। लगाये गये पौधों के साथ एक पट्टिका होगी, जिसमें विद्यार्थी और उसकी माता का नाम भी अंकित किया जायेगा। प्रत्येक वृक्ष प्रजाति के लिये एक क्यू-आर कोड भी बनाया जा सकता है, जिससे बॉटनिकल जानकारी का डिजिटली प्रसार हो सकेगा। जिला स्तर पर कक्षा 9 से 12 के विद्यालयों में संपूर्ण कार्यक्रम के क्रियान्वयन का सुपरविजन का दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी को और कक्षा 6 से 8 तक के विद्यालयों में कार्यक्रम की निगरानी का कार्य जिला परियोजना समन्वय जिला शिक्षा केन्द्र को सौंपा गया है।
पारंपरिक जल स्त्रोतों के संरक्षण से भावी पीढ़ी को मिलेगी जल सुरक्षा
1 Jun, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : जल से ही जीवन का आरम्भ हुआ। जल ही जीवन का आधार है। मानव शरीर का 70 प्रतिशत भाग जल से निर्मित है। स्वास्थ्य और संतुलित विकास का मूल आधार भी जल ही है। जल हमें स्वच्छता, संपन्नता और समृद्धि की ओर ले जाता है। यह समुद्रों, नदियों, झीलों और तालाबों के रूप में प्रकृति में विद्यमान है, लेकिन इसके संरक्षण-संवर्धन की आवश्यकता है। आज जल का संरक्षण आने वाले पीढ़ियों की सुरक्षा का आधार बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार प्रदेश में जल गंगा सवंर्धन अभियान 30 मार्च से चलाया जा रहा है। अभियान का समापन गंगा दशहरा, 30 जून को होगा। जन-जन के जीवन से जुड़े इस अभियान में नये तालाब बनाये जा रहे हैं, पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है और नदियों को साफ-स्वच्छ किया जा रहा है।
अभियान में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले तालाबों, जल स्रोतों तथा देवालयों में भी जल संरक्षण के कार्य भी किये जा रहे हैं। अभियान के अंतर्गत एक माह में जन सहयोग से हुए काम के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। मानसून पूर्व प्रदेश में हुई पहली बारिश में ही अभियान में बने खेत तालाब वर्षा जल स्टोर हो रहा है।
150 साल पुरानी बावड़ी का किया गया जीर्णोद्धार
छतरपुर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत विभिन्न कार्य किए जा रहे है। साथ ही पारम्परिक जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार, मरम्मतीकरण, गहरीकरण एवं साफ सफाई आदि कार्य किए जा रहे है। इसी क्रम में बिजावर में जानकी निवास मंदिर परिसर में लगभग 150 वर्ष पुरानी एक बावड़ी का जीर्णोद्धार कार्य जनभागीदारी और प्रशासनिक समन्वय सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। डेढ़ सदी पुरानी यह बावड़ी अपने समय में बिजावर के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत थी। समय के साथ उपेक्षा और रख-रखाव की कमी के कारण यह जीर्ण-शीर्ण हो गई थी। जिसे अब नया जीवन दिया गया है।
शहडोल में किसान उत्साहपूर्वक बना रहे खेत तालाब
जल है प्रकृति का अमूल्य उपहार बचाओ इसे, यही है जीवन का आधार शहडोल जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतो में जल संरक्षण के कार्य कराए जा रहे हैं। जनपद पंचायत बुढार में ग्राम पंचायत घोघरी, गोरतरा, कदाहर में नवीन खेत तालाब के निर्माण का कार्य किया गया।
कुल 1673 तालाबों, चेकडेम, स्टाप डेम एवं अन्य जल संरचनाओं को चिन्हित कर, 918 जल संरचनाओं का जन सहयोग से गहरीकरण कर एक लाख 6319 ट्रेक्टर ट्राली मिटटी निकालकर किसानों ने अपने खेतों में डाली है। इस कार्य में कुल 6519 ग्रामीणों ने अपनी सहभागिता की है। इससे एक ओर जहां तालाबों एवं जल संरचनाओं का गहरीकरण होकर उनकी जल भराव क्षमता 43 लाख 23 हजार 299 घन मीटर से बढ़कर एक करोड़ 15 लाख 77 हजार से अधिक घन मीटर हो गई है। किसानों को अपने खेतों के लिये उपजाऊ मिटटी भी उपलब्ध हुई है।
जल संरचनाओं के निर्माण और सफाई से निकली मिट्टी बना रही खेतों को उपजाऊ
नीमच जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत 243 ग्राम पंचायतों में गहरीकरण के लिए 831 चिन्हित खेत तालाब के कार्यो में से वर्तमान में 721 खेत तालाबों का निर्माण कार्य जारी है। कलेक्टर ने शेष रहे खेत तालाबों का निर्माण कार्य भी तत्काल प्रारंभ करवाकर पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। कुँआ रिचार्ज के स्वीकृत कुल 1900 कार्यो में से वर्तमान में 1860 कुँआ रिचार्ज के कार्य प्रगति पर हैं। कलेक्टर ने कुँआ रिचार्ज के सभी कार्य एक सप्ताह में पूर्ण करने के निर्देश जनपद सीईओ और उपयंत्रियों को दिए।
जल संसाधन के 18 जलाशयों से निकाली गई 50 हजार ट्रेक्टर ट्राली मिट्टी
नीमच जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा 18 जलाशयों का जनसहयोग से गहरीकरण कार्य प्रारंभ कर, 50 हजार ट्रेक्टर ट्राली एक लाख घन मीटर मिट्टी किसानों ने निकाल कर अपने खेतों में डाली हैं इसमें 900 ग्रामीणों ने जनसहभागिता की हैं। कवई, नयापुराना, जीरन, केनपुरिया, जमुनिया, चमलेश्वर एवं बैसला के तालाबों का जनसहयोग से गहरीकरण कार्य किया जा रहा है। अब तक लगभग 50 हजार ट्रेक्टर ट्राली मिट्टी निकालकर, 900 किसानों ने अपने खेतों में डाली है। इससे किसानों के खेतों की उत्पादकता बढेगी, साथ ही तालाबों का गहरीकरण होने से जल भराव क्षमता भी बढी है। जल स्तर में भी वृद्धि होगी।
हिनौती हनुमान मंदिर स्थित बावड़ी का हुआ जीर्णोद्धार
दमोह जिले के गांव हिनौती के हनुमान मंदिर में स्थित प्राचीन बावड़ी का जीर्णोद्धार श्रमदान से किया गया। स्थानीय ग्रामीणों के श्रमदान से बावड़ी मे फैले कचरे तथा अनावश्यक झाड़-झंकर को साफ कर बावड़ी को स्वच्छ बनाया गया।
जल हमें स्वच्छता, संपन्नता और समृद्धि की ओर ले जाता है
जल गंगा संवर्धन अभियान में मैहर जिले में पारम्परिक जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार, मरम्मतीकरण, गहरीकरण एवं साफ सफाई की जा रही है। मैहर जिले की नगर परिषद अमरपाटन में भी प्राचीन बावड़ी की सफाई की गई।
डीजीएम विद्युत वितरण कंपनी की 2 वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश
1 Jun, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर गत रात्रि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गोविन्दपुरा स्थित काल सेंटर का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय पर निराकरण नहीं करने पर डीजीएम मुरैना अभिषक चौरसिया की 2 वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिये।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कॉल सेंटर से ही डीजीएम भोपाल सिटी ईस्ट जोन और डीजीएम रायसेन से भी बात कर समस्याओं के निराकरण में देरी पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। भिण्ड जिले के गोरमी गाँव के उपभोक्ता नरेन्द्र सिंह से भी बात कर उनकी समस्या के संबंध में जानकारी ली। तोमर ने निर्देशित किया कि कॉल सेंटर के हेल्पलाइन नम्बर 1912 में कॉल वेटिंग नहीं होना चाहिए।
कॉल सेंटर प्रभारी ने बताया कि सामान्यत: एक घंटे में 300 से 350 फोन काल आते हैं। उन्होंने स्काडा सेंटर और स्मार्ट मीटर मानीटरिंग सेंटर का भी निरीक्षण किया।
ऊर्जा मंत्री का सख्त रुख: लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
1 Jun, 2025 08:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मानसून का मौसम शुरू होने वाला है लेकिन इससे पहले हो रही बारिश और चल रही तेज हवाएं बिजली विभाग को नुकसान पहुंचा रही है, तेज आंधी से बिजली जाने, पोल उखड़ जाने, ट्रिपिंग होने जैसे समस्या बिजली कंपनी के पास पहुंच रही है, इससे निपटने के लिए ऊर्जा मंत्री ने कड़े निर्देश दिए हैं
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शनिवार को विद्युत वितरण कम्पनियों के एमडी और अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिजली ट्रिपिंग की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि विद्युत वितरण कम्पनी के एसई, ईई, एई और डीई लगातार क्षेत्र का भ्रमण कर विद्युत वितरण सिस्टम की समीक्षा करें।
आंधी बारिश में बिजली जाने पर तुरंत आपूर्ति बहाल करें
ऊर्जा मंत्री नाराजी भरे अंदाज में कहा कि शिकायतें मिल रही हैं कि इंजीनियर्स क्षेत्र में नहीं जाते, उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा क्षेत्र का दौरा नहीं करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। मंत्री तोमर ने कहा कि हर अधिकारी बिजली उपभोक्ताओं के फोन जरूर सुने। फोन नहीं उठाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि आंधी और वर्षा के दौरान बिजली गुल होने पर त्वरित कार्यवाही कर विद्युत आपूर्ति शुरू करवायें। तोमर ने कहा कि आवश्यकता अनुसार एफओसी की टीम बढ़ायें।
ट्रांसफार्मर के लोड का निर्धारण करें, कॉल-सेंटर की क्षमता में वृद्धि की जाये
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर में अधिक लोड के कारण बिजली गुल होने के साथ ही वह जल भी जाते हैं। इसके लिये जरूरी है कि सर्वे करवा कर उपयुक्त क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये जायें। उन्होंने कहा कि कॉल-सेंटर की क्षमता में वृद्धि की जाये, जिससे उपभोक्ताओं को समस्या दर्ज कराने के लिये ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े।
मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना की 25वीं किस्त का लाभार्थियों को बेसब्री से इंतजार
1 Jun, 2025 07:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Ladli Behna Yojana 2025 : मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की करोड़ों लाड़ली बहनों के लिए अच्छी खबर है। आज रविवार से जून का महीना लग गया है। इस महीने में योजना की 25वीं किस्त जारी की जाएगी। इसके तहत फिर 1.27 करोड़ बहनों के खाते में 1250 रुपए भेजे जाएंगे। इसके साथ ही 26 लाख से अधिक बहनों को सिलेंडर रिफिलिंग के लिए भी राशि दी जाएगी।
आमतौर पर योजना की किस्त हर महीने की 10 तारीख तक जारी कर दी जाती थी, लेकिन अप्रैल 2025 से तारीख में बदलाव किया गया है।इस दौरान कैबिनेट बैठक में मोहन सरकार ने फैसला किया था कि वह प्रतिमाह 15 तारीख के आसपास बहनों के खाते में राशि भेजेगी। यही कारण था कि अप्रैल में 16 तारीख को 23वीं किस्त और 15 मई को 24वीं किस्त जारी की गई है। अब 15 जून तक योजना की 25वीं किस्त आने का अनुमान है।हालांकि अभी फाइनल डेट सामने नहीं आई है।
हर माह बहनों को मिलेंगे 3000 रुपए?
हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सारणी में एक सभा के दौरान लाड़ली बहना की सहायता राशि तीन हजार रुपया प्रतिमाह करने का वादा फिर दोहराया है। उन्होंने ऐलान किया है कि लाड़ली बहना योजना की राशि 1250 से बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रतिमाह तक की जाएगी। आने वाले 5 वर्षों में लाड़ली बहनों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये तक की सहायता दी जाएगी। जब योजना शुरू की गई थी, तब सरकार ने वादा किया था कि 1000 रुपये का भुगतान धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा।
लाड़ली बहना योजना में मिलते है हर माह 1250
लाड़ली बहना योजना पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा मई 2023 में शुरू की गई थी।
लाड़ली बहना योजना का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।
इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को 1000 रुपए देने का फैसला किया गया था और फिर इसकी पहली किस्त 10 जून को जारी की गई थी।
इसके बाद रक्षाबंधन 2023 पर राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए कर दिया गया था।
अब इस योजना के तहत 1250 रुपए महीना के हिसाब से महिलाओं को सालाना 15,000 रुपये मिलते हैं।
लाड़ली बहनों को जून 2023 से मई 2025 तक मासिक आर्थिक सहायता राशि की कुल 24 किश्तों का अंतरण किया गया है।प्रदेश की लाड़ली बहनों को अब तक 28 हजार करोड़ से अधिक का लाभ मिल चुका है।
इसके अतिरिक्त माह अगस्त 2023 एवं 2024 में (कुल 2 बार) लाभार्थी महिलाओं को 250 रुपये की राशि की विशेष आर्थिक सहायता का भी अंतरण किया गया।
जानिए लाड़ली बहना योजना के लिए आयु/पात्रता/नियम
इस योजना में 1 जनवरी 1963 के बाद लेकिन 1 जनवरी 2000 तक जन्मी मध्यप्रदेश की स्थानीय निवासी समस्त विवाहित महिलाएं (विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता समेत) वर्ष 2023 में आवेदन के लिए पात्र मानी जाती है।
यदि कोई महिला 60 वर्ष से कम उम्र की है और किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पहले से ही प्रति माह 1250 रुपये से कम प्राप्त कर रही है, तो उस महिला को भी 1250 रुपये तक की राशि दी जाएगी।
विवाहित महिलाओं में विधवा, और तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं। जिस साल आवेदन किया जाए, उस साल 1 जनवरी को आवेदक की उम्र 21 वर्ष पूरी हो चुकी होनी चाहिए और अधिकतम उम्र 60 वर्ष से कम होनी चाहिए।
लाड़ली बहना योजना के ये अपात्र
महिलाएं, खुद या उनके परिवार में कोई टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए ।परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये होना चाहिए।
जिनके या उनके परिवार के कोई सदस्य इनकम टैक्स देते हैं।
जिनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में है (स्थायी, संविदा या पेंशन पाने वाला)।
अगर संयुक्त परिवार है तो 5 एकड़ से ज्यादा जमीन न हो, परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी न करता हो।घर पर ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो।
जो खुद किसी और सरकारी योजना से हर महीने 1250 रुपये या उससे ज्यादा की राशि पा रही हैं
जिनके परिवार में कोई वर्तमान या पूर्व सांसद या विधायक हो।
जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी बोर्ड, निगम, मण्डल आदि का अध्यक्ष, संचालक या सदस्य हो।
जिनके परिवार में कोई स्थानीय निकाय का चुना हुआ जनप्रतिनिधि हो (पंच और उपसरपंच को छोड़कर)।
जिनके परिवार के पास कुल 5 एकड़ से ज्यादा खेती की जमीन हो।
जिनके परिवार के नाम पर कोई चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर) रजिस्टर्ड हो।
लाभार्थी सूची में चेक करें नाम, पैसा मिलेगा या नहीं?
लाड़ली बहना की आधिकारिक वेबसाइट https://cmladlibahna.mp.gov.in/ पर जाएं।
वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर “आवेदन एवं भुगतान की स्थिति” वाले विकल्प पर
क्लिक करें।
दूसरे पृष्ठ पर पहुंचने के बाद, अपना आवेदन नंबर या सदस्य समग्र क्रमांक दर्ज करें।
कैप्चा कोड सबमिट करने के बाद, मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाएगा।
मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और वेरिफाई करें।
ओटीपी वेरिफाई करने के बाद “सर्च” विकल्प पर क्लिक करें और आपका भुगतान स्थिति खुल जाएगी।
चार राज्यों के 380 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द
1 Jun, 2025 06:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा चार राज्यों के 380 बीएड कॉलेज की मान्यता समाप्त की गई है। इसमें सबसे अधिक 296 बीएड कॉलेज महाराष्ट्र के हैं। मध्य प्रदेश के 11 राजस्थान और छत्तीसगढ़ के 74 बीएड कॉलेज शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के जिन बीएड कॉलेज की मान्यता समाप्त की गई है। उनमें मध्य प्रदेश सरकार का राजा भोज ओपन विश्वविद्यालय भी शामिल है। विश्वविद्यालय डिस्टेंस लर्निंग बीएड प्रोग्राम के तहत हर साल 1000 सीटों पर छात्रों को प्रवेश देता था।
इसके अलावा सांई नाथ महाविद्यालय, ग्वालियर का ऋषि कुल ग्रुप आफ बीएड कॉलेज, फरीदा एजुकेशन सोसाइटी, रीवा का अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, नीराचलम शिक्षा महाविद्यालय सतना, स्वामी नारायणदास शिक्षा कॉलेज सागर के पंडित बीडी मेमोरियल बीएड कॉलेज तथा द्रोणाचार्य अकैडमी की मान्यता भी समाप्त हो गई है।
LPG से UPI तक: पैसों के नियम आज से होंगे नए!
1 Jun, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
RULE CHANGES FROM 1 JUNE: जून महीने की शुरुआत हो गई है. हर महीना कुछ न कुछ बदलावों के साथ आता है. जून में भी कई नियम बदलने वाले हैं. जिससे आम जीवन का असर पड़ेगा. जिनके रूल्स चेंज होने वाले हैं उनमें क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड, एलपीजी गैस सिलेंडर, FD और एटीएम शामिल हैं. आईए जानते हैं क्या होंगे बदलाव.
क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव
एक जून से क्रेडिट कार्ड में बदलाव होने जा रहा है. अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको यह नियम जरूर पढ़ना चाहिए. अब आपको कुछ सर्विसेज के लिए नए चार्ज देने होंगे. उदाहरण के तौर पर अगर आपका बिल या ईएमआई का ऑटो डेबिट फेल होता है तो उस पर 2 प्रतिशत जुर्माना लगेगा. साथ ही क्रेडिट कार्ड से बिजली का बिल भरने और पेट्रोल-डीजल खरीदने पर भी एक्स्ट्रा पे करना पड़ेगा.
आधार कार्ड अपडेट की समय सीमा
आधार कार्ड को लेकर भी नए नियम आए हैं. अपने आधार कार्ड के विवरण को निःशुल्क ऑनलाइन अपडेट करने की समयसीमा 14 जून, 2025 है. इसके बाद अपडेट करवाने के लिए पैसा देना पड़ेगा. जो लोग इस तिथि तक अपने पहचान और पते के प्रमाण दस्तावेजों को अपडेट करने में विफल रहते हैं, उन्हें ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपडेट करने के लिए 25 रुपये या भौतिक आधार केंद्रों पर 50 रुपये का शुल्क देना होगा. आधार कार्ड होल्डर्स को आधार सेंटर पर जाकर ही अपनी जानकारी अपडेट करानी होगी.
एलपीजी सिलेंडर की कीमतें
हर महीने एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में बदलाव होते हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी 1 जून से सिलेंडर के दामों में उतार-चढ़ाव संभव हैं. जिससे जनता की जेब पर खासा असर होने वाला है. बता दें कि, मई में कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडरों की कीमतों में कटौती की गई थी. तेल विपणन कंपनियों ने 1 मई 2025 को 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 14.5 से 17 रुपये तक की कमी की थी, जो पहले 1762 रुपये थी.
FD की ब्याज दरें होंगी कम
बैंक और वित्तीय संस्थान पिछले कुछ हफ्तों में एफडी की ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं. एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत कई प्रमुख बैंकों ने ब्याज दरों में 20 आधार अंकों (बीपीएस) तक की कटौती की है. एफडी ब्याज दरों में बदलाव भी 1 जून से लागू होने की उम्मीद है. सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक ने हाल ही में अपनी संशोधित एफडी ब्याज दरों की घोषणा की है जो 1 जून, 2025 से लागू होंगी. बैंक ने 3 करोड़ रुपये से कम की एफडी के लिए कई अवधियों में दरों में 60 बीपीएस तक की कमी की है.
एटीएम से पैसे निकालने के शुल्क में बढ़ोतरी
1 जून से एटीएम से पैसे निकालना महंगा हो सकता है. एटीएम ट्रांजेक्शन शुल्क में बदलाव की उम्मीद है. 1 जून से नए नियमों के तहत मौजूदा फ्री-लिमिट ट्रांजेक्शन से ज़्यादा पैसे निकालने पर शुल्क में वृद्धि हो सकती है, जिसका असर एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर पड़ सकता है. इसके अलावा जीएसटी में भी कुछ बदलाव हो सकते हैं.
UPI होगा और फास्ट
यूपीआई से पेमेंट तो भारत सहित पूरी दुनिया में किया जाता है. यह डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म लेन-देन को आसान बनाता है. अगर आप पेमेंट करने में यूपीआई का उपयोग करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. 1 जून से यूपीआई और फास्ट होने जा रहा है. अब पेमेंट करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. खास बात यह है कि अब जिसे पेमेंट किया जाएगा उसका असली नाम दिखेगा. अभी तक यूपीआई आईडी में कोई भी नाम लिख देते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इसका मकसद ऑनलाइन पेमेंट को सुरक्षित बनाना और ठगी की घटनाओं से बचाना है.
मध्यप्रदेश में GST विभाग की बड़ी कार्रवाई, 7 व्यापारियों पर छापेमारी
1 Jun, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
mp news: मध्यप्रदेश में शनिवार को सेंट्रल GST ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सतना जिले के सात कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। सेंट्रल जीएसटी की सात अलग अलग टीमों ने सातों कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर छापे मारे हैं। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान सभी सातों कारोबारियों के यहां से कुल मिलाकर करीब पांच करोड़ से ज्यादा की कर चोरी मिलने की संभावना जताई जा रही है। सेंट्रल जीएसटी की टीमें इन सभी व्यापारियों के फेक आईटीसी पास ऑन करने के संबंध में जांच करने पहुंची थीं।
सेंट्रल GST का ताबड़तोड़ एक्शन
सेंट्रल जीएसटी की सात अलग-अलग टीमों ने शनिवार को जिले के अलग-अलग विकासखण्डों के सात प्रतिष्ठानों में दबिश दी है। इनमें चार फर्मे सतना शहर, दो उचेहरा व एक चित्रकूट में स्थित है। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सतना की जेएलसी इंफ्रा इंस्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने तो तुरंत ही 20 लाख रुपए जमा भी कर दिए हैं और दूसरी फर्म स्ट्रील फेब्रिकेटेड ने 30 लाख रुपए जमा कराने की बात कहते हुए कुछ वक्त मांगा है। बताया जा रहा है कि सातों कारोबारियों के यहां से कुल मिलाकर 5 करोड़ से ज्यादा की कर चोरी के खुलासे की संभावना है।
इन 7 फर्मों पर पड़े छापे
1- अमन इंटरप्राइजेज पतेरी
2- जेएलसी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नई बस्ती
3- आरआर स्टील फैब्रिकेटर नई बस्ती
4- होलकर कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर्स सतना
5- रज्जू पाण्डेय चित्रकूट
6- संदीप इंटरप्राइजेज अमरपाटन
7- पुष्पा कुशवाहा अमरपाटन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 864 करोड़ रुपए की लागत से 29 किमी के शिप्रा घाट निर्माण तथा 21 बैराजों के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया
31 May, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को अंगारेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में आगामी सिंहस्थ महापर्व 2028 के अंतर्गत 864 करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के द्वारा 779 करोड़ रुपए की लागत से शिप्रा नदी पर निर्मित होने वाले 29 किमी के नवीन घाट और शिप्रा नदी पर लगभग 85 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले 21 बैराजों का भूमिपूजन किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ . यादव ने कहा कि आज का कार्यक्रम सच्चे अर्थों में एक धर्म सभा है। सभी संतों की गरिमामय उपस्थिति में यह आयोजन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन के द्वारा देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती वर्ष मनाया जा रहा है। हमारा प्राचीन समय देश की संस्कृति के लिए स्वर्णिम काल रहा है। श्रीमंत महादजी सिंधिया और मल्हार राव होलकर ने विदेशी आक्रमण कारियों के द्वारा ध्वस्त किए गए सभी देवस्थानों का जीर्णोद्धार कराया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि देवी अहिल्याबाई के सास ससुर के लिए वे उनकी बहू नहीं बल्कि बेटी के समान थीं । देवी अहिल्याबाई के जीवन में गंगा सी पवित्रता और नर्मदा सी सादगी है। उनके ससुर ने हमेशा उन्हें प्रेरणा दी, उनकी योग्यताओं को पहचाना। देवी अहिल्याबाई ने सनातन संस्कृति की रक्षा की। अहिल्याबाई ने पूरा शासन महादेव को समर्पित कर किया। उनके लिए सभी लोग समान थे। उन्होंने राज्य में सुशासन के नए कीर्तिमान स्थापित किये। उन्होंने सभी देवस्थानों और मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज शिप्रा नदी पर बनने वाले नवीन घाटों का भूमि-पूजन किया गया है। शिप्रा नदी में दूषित पानी न मिले इसके लिए सरकार द्वारा गंभीर नदी के डैम के नीचे दूषित पानी को भेजा जाएगा तथा वहां उसे फिल्टर किया जाएगा। साथ ही सिलारखेड़ी परियोजना के अंतर्गत बारिश के जल को सिलारखेड़ी के तालाब में एकत्रित किया जाएगा तथा वर्षा ऋतु के पश्चात उसे शिप्रा नदी में प्रवाहित किया जाएगा। जिससे शिप्रा के शुद्ध जल से पूरे वर्ष भर श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।
आगामी सिंहस्थ के अंतर्गत बनने वाले 29 किलोमीटर के लंबे घाटों पर सिंहस्थ के दौरान 24 घंटे में लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वाल्मिकी धाम से सिद्धनाथ तक, शनि मंदिर से गऊघाट तक और लालपुल से रामघाट तक श्रद्धालुओं के लिए शिप्रा नदी में नौकाएं भी संचालित की जाएंगी।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा निरंतर विकास के कार्य किये जा रहे हैं। इंदौर से उज्जैन के लिए मेट्रो ट्रेन भी प्रारंभ की जाएगी। साथ ही एलिवेटेड सड़कें भी बनाई जाएंगी। मध्यप्रदेश शासन उचित प्रबंधन के साथ विकास के कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला सिंहस्थ सबसे अच्छा कुंभ का मेला होगा। उन्होंने कहा कि अंगारेश्वर महादेव मंदिर में आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यहां पर मंगल ग्रह की उत्पत्ति हुई थी। मंगल दोष की शांति के लिए यहां पर दूर-दूर से लोग पूजन- अर्चन के लिए आते हैं। घाटों के नवनिर्माण के पश्चात शिप्रा नदी की कीर्ति और दूर-दूर तक पहुंचेगी।
सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने इस अवसर पर कहा कि पहले उज्जैन नगरी में सिंहस्थ के दौरान ही निर्माण कार्य किए जाते थे तथा शहर का विकास होता था, लेकिन जब से डॉ. यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तब से निरंतर उज्जैन शहर को सौगातें मिल रही हैं। इसमें केंद्र शासन के द्वारा भी पूरा सहयोग किया जा रहा है। सांसद श्री फिरोजिया ने कहा कि 1018 करोड़ रुपए की लागत से रतलाम नागदा रेलवे लाइन को भी फोरलेन करने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। जिससे आगामी सिंहस्थ महापर्व में अधिक संख्या में ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा तथा अधिक से अधिक श्रद्धालु उज्जैन की सुगम यात्रा कर सकेंगे।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए पवित्र और ऐतिहासिक दिन है। अब मध्यप्रदेश जल शक्ति के रूप में उभर रहा है। यह हम सबके लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना, सेवरखेड़ी सिलारखेड़ी परियोजनाओं का शुभारंभ मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया है, जिन पर भी तेज गति से कार्य किया जा रहा है। नदियों को जोड़ने का कार्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है, जिससे सिंचाई का रकबा निश्चित रूप से बढ़ेगा तथा उत्पादन में वृद्धि होगी। मंत्री श्री सिलावट ने मुख्यमंत्री को योजनाओं के संचालन के लिए धन्यवाद दिया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत श्री हरी गिरीजी महाराज ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति का महान इतिहास अपने आप को फिर से दोहरा रहा है। हमारी संस्कृति अत्यंत समृद्ध थी। हम पुनः इस ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विशेष प्रयासों से शिप्रा नदी और उसके आसपास के घाटों का कायाकल्प होगा। यह हम सबके लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। घाटों के क्षेत्रफल को बढ़ाए जाने का सुझाव अखाड़ा परिषद द्वारा पहले भी दिया गया था ताकि श्रद्धालुओं को स्नान में किसी भी तरह की सुविधा न हो। मध्यप्रदेश शासन द्वारा इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत आज 29 किलोमीटर के नए घाट निर्माण का भूमि-पूजन किया गया है। महंत श्री हरी गिरीजी महाराज ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर सर्वप्रथम अंगारेश्वर महादेव के दर्शन किए और पूजन अर्चन किया। कार्यक्रम में भरतनाट्यम, कथक और डमरू नाद की आकर्षक प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भूमि पूजन के पश्चात माता शिप्रा का पूजन भी किया। इस दौरान स्वस्तिवाचन और शंखनाद किया गया। कार्यक्रम में शिप्रा नदी पर आधारित आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति भी दी गई।
इस दौरान सांसद श्री अनिल फिरोजिया , राज्यसभा सांसद बाल योगी उमेश नाथ जी महाराज, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री सतीश मालवीय, श्री जितेंद्र पंड्या, डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, श्री राजेश धाकड़, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री महंत हरी गिरी जी महाराज, स्थानीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर दास, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्री महंत मोहन भारती महाराज, अंतर्राष्ट्रीय सचिव श्री महंत रामेश्वर गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी भगवतानंद पुरी महाराज, पूज्य श्याम गिरी जी महाराज (राधे राधे बाबा), निरंजनी अखाड़े के महंत सुरेशानंदपुरी, दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्रदास, महंत विशाल दास महाराज, महंत मुकुंदपुरी, महंत देवगिरी जी, निर्वाणी अणि अखाड़े के दिग्विजय दास जी एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
अतिथियों द्वारा मां सरस्वती और देवी अहिल्याबाई के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री डॉ. यादव के द्वारा कन्या पूजन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी संतों का शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम में देवी अहिल्याबाई पर केंद्रित शॉर्ट फिल्म और 29 किलोमीटर के घाट निर्माण कार्य पर आधारित शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री ज्वलंत शर्मा ने किया और आभार प्रदर्शन श्री संजय अग्रवाल ने किया।
इंदौर मेट्रो रेल का ऐतिहासिक शुभारंभ
31 May, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर ने आज आधुनिकता की नई पटरी पर कदम रखा। मध्यप्रदेश की आर्थिक और सांस्कृतिक राजधानी अब मेट्रो ट्रेन प्रणाली से जुड़ चुकी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल से वर्चुअल माध्यम से इंदौर मेट्रो परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया। इस मौके पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी विशेष रूप से मौजूद थे। लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 300 वीं जन्म जयंती के पावन अवसर पर इंदौर में शुरू हुए मेट्रो रेल परियोजना के शुभारंभ के इस ऐतिहासिक अवसर पर इंदौर में उत्सव जैसा माहौल रहा, जिसमें नागरिकों विशेष कर महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। यह समारोह महिलाओं पर विशेष रूप से केंद्रित था।
इंदौर में आयोजित समारोह में केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री श्री तोखन साहू, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री रमेश मेंदोला, श्री मधु वर्मा, श्री गोलू शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष श्री जयदीप विशेष रूप से मौजूद थे। विशेष बात यह रही कि यह परियोजना देवी लोक माता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के पावन अवसर पर शुरू की गई और पूरी तरह से महिलाओं को समर्पित रही। इससे न केवल इंदौर शहर के विकास को एक नई दिशा मिली है, बल्कि यह पहल महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण है।
आधुनिक नगरों की सूची में शामिल इंदौर
मेट्रो परियोजना के शुभारंभ ने इंदौर को देश के उन आधुनिक नगरों की सूची में शामिल कर दिया है, जहां भविष्य की परिवहन प्रणाली अब हकीकत बन चुकी है। यह परियोजना न केवल यातायात की भीड़ को कम करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी।
तांगे से मेट्रो तक: एक ऐतिहासिक सफर
इंदौर का सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का इतिहास तांगे, टेम्पो, वेन और मिनी बसों से शुरू होकर अब अत्याधुनिक मेट्रो तक पहुंचा है। यह केवल तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि शहर की समग्र प्रगति का प्रतीक है।
महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं
इस परियोजना को महिलाओं को समर्पित किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से प्रत्येक स्टेशन पर महिला सुरक्षा बल (महिला गार्ड्स) की तैनाती रहेगी। मेट्रो डिब्बों में आरक्षित कोच रहेगा और सीसीटीवी से निगरानी रहेगी। टिकट वितरण और स्टेशन प्रबंधन में महिला कर्मचारियों की विशेष भागीदारी होगी। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग महिलाओं के लिए विशेष सीट आरक्षण और सहायता सुविधा उपलब्ध रहेगी।
नागरिकों की प्रतिक्रिया: उत्साह और उम्मीदों से भरी
शहरवासियों ने इस ऐतिहासिक पल पर अपनी भावनाएं खुलकर व्यक्त कीं। सुश्री ज्योति शर्मा का कहना है कि अब हमें कॉलेज आने-जाने में बहुत सहूलियत होगी, ट्रैफिक और ऑटो वालों की मनमानी से मुक्ति मिलेगी। निजी कंपनी में काम करने वाले श्री सुनील चौहान ने बताया कि मेट्रो से समय की बचत होगी और ऑफिस पहुंचना अब ज्यादा भरोसेमंद रहेगा। इंदौर का भविष्य बहुत उज्ज्वल लग रहा है। आम गृहिणी उमा बाई ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर जैसी महान महिला की जयंती पर यह मेट्रो शुरू हुई, यह हम महिलाओं के लिए गर्व की बात है। कॉलेज छात्रा सुश्री यामिनी गौड़ ने कहा कि मैने कभी नहीं सोचा था कि इंदौर में मेट्रो चलेगी। लेकिन राज्य सरकार ने इसे साकार कर दिखाया। यह सौगात मिलने से में बहुत खुश हूं। गृहिणी किरण दुबे ने बताया कि आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। कि अब मेरे शहर इंदौर की गिनती भी मेट्रो शहर के रूप में हो गई है। इंदौर की पहचान अभी तक स्वच्छता में थी। अब मेट्रो के रूप में एक और मुकुट जुड़ेगा। इंजीनियर सुश्री नताशा बिल्लोरे ने कहा कि अब तक इंदौर में आईआईएम, आईआईटी जैसे देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान थे, अब उसमें एक और राष्ट्रीय स्तर की परिवहन सुविधा जुड़ गई है। बेशक इससे इंदौर का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमकेगा। दिव्यांग युवती सुश्री पूजा शर्मा मेट्रो ट्रेन शुरू होने से बेहद उत्साहित है। लगभग 10 किलो मीटर का सफर अपने भाई के साथ तय कर इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने के लिये कार्यक्रम में पहुंची। उसका कहना था कि हम दिव्यांगों को परिवहन के लिये इससे बड़ी और कोई सौगात नहीं होगी।
हरित भविष्य की ओर कदम
मेट्रो परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल है। इससे डीज़ल और पेट्रोल वाहनों की निर्भरता कम होगी और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय गिरावट आएगी। इंदौर, जो पहले से ही स्वच्छता में नंबर एक है, अब हरित परिवहन की दिशा में भी अग्रणी बन रहा है। इंदौर मेट्रो न केवल एक शहरी सुविधा है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक विरासत, तकनीकी उन्नति और सामाजिक समानता का प्रतीक बनकर उभरी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की "नारी शक्ति" और "नए भारत" की कल्पना को अर्थ देने वाली यह परियोजना आने वाले वर्षों में इंदौर को वैश्विक स्मार्ट सिटी की सूची में मजबूती से स्थापित करेगी।
उत्सवी वातावरण
कार्यक्रम का शुभारंभ उत्सवी वातावरण में हुआ। अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उन्होंने सर्वप्रथम लोकमाता देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विधि विधान से गणेश पूजन और अन्य वास्तु पूजन भी किया गया। इस अवसर पर शंखध्वनि से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। कार्यक्रम में पारम्परिक वस्त्र पहने महिलाओं ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर भारत माता की जय उदघोष से पूरा वातावरण राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत कर दिया। कार्यक्रम में भोपाल से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन का प्रसारण भी सीधा दिखाया गया।
महिलाओं ने किया सफर
मेट्रो रेल का प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा उद्घाटन करने के साथ ही इंदौर में मेट्रो रेल का सफर प्रारंभ हो गया। पहले सफर में महिलाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। भारत माता की जय के नारों के साथ मेट्रो रेल में बैठी और उन्होंने सफर किया। महिलाओं ने मेट्रो रेल के साथ सेल्फी भी ली। भजन गाते हुए उन्होंने सफर पूरा किया।
मध्य प्रदेश में चार दिन आफत भरे, आंधी और बारिश का अलर्ट, बदला मानसून शेड्यूल
31 May, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर एरिया के कारण मानसून डीप डिप्रेशन में चला गया है. जिसकी वजह से मध्य प्रदेश में मानसून के पहुंचने की संभावित तारीख भी बढ़ गई है. लेकिन बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया के साथ 3 साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव हैं. जिसके कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में आंधी-तूफान के साथ रुक-रुककर बारिश हो रही है. हालांकि, कुछ जिलों में अब भी गर्मी बनी हुई है और बारिश की मात्रा बहुत अधिक नहीं है. आज भी मौसम विभाग ने प्रदेश के भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है.
'3 से 4 डिग्री तक बढ़ेगा तापमान'
मौसम वैज्ञानिक दिव्या ई सुरेंद्रन ने बताया कि "बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर का एरिया अब डीप डिप्रेशन में चला गया है, जो मेघालय की ओर बढ़ रहा है. इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान, मध्य उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर हवा के ऊपरी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है. जिससे मध्य प्रदेश में आंधी-तूफान के साथ हल्की बारिश हो रही है. हालांकि अभी अरब सागर में कोई नया सिस्टम नहीं बना है, इसलिए प्रदेश में अभी तेज बारिश की संभावना कम है. अभी अगले 3 से 4 दिनों तक मौसम में ज्यादा बदलाव नहीं होगा. हालांकि इस दौरान तापमान में 3 से 4 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है."
'स्पीड कम होने से एक सप्ताह की देरी'
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि महाराष्ट्र में मानसून 25-26 मई तक पहुंच गया था, यहां से मध्य प्रदेश तक पहुंचने में एक सप्ताह का समय लगता है. यदि मानसून अपनी रफ्तार में रहता तो एक जून तक इसके मध्य प्रदेश में पहुंचने की संभावना थी. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि मानसून कभी एक स्पीड से नहीं चलता. जैसे पहले मानसून तेजी से केरल, कर्नाटक होते हुए महाराष्ट्र तक गया. लेकिन बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बनने से यह डीप डिप्रेशन में चला गया और अब यह पूरी तरह कमजोर हो गया है. ऐसे में मध्य प्रदेश तक मानसून के पहुंचने में अभी एक सप्ताह का समय और लग सकता है.
इन शहरों का पारा अब भी 40 के पार
प्रदेश में शुक्रवार को भी मौसम का मिजाज बदला रहा. कई जिलों में आंधी के साथ बारिश हुई. खजुराहो, रीवा, रायसेन, अशोक नगर और गुना समेत अन्य जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश हुई. वहीं भोपाल समेत कुछ जिलों में बादल भी छाए रहे. इधर शुक्रवार को गर्मी के साथ तेज उमस भी देखने को मिली. शुक्रवार को प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ग्वालियर में 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि खजुराहो, रीवा, सीधी, सतना और टीकमगढ़ का तापमान भी 40 डिग्री सेल्सियस के पार रहा. जबकि प्रदेश में सबसे न्यूनतम तापमान पचमढ़ी में 20.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.