मध्य प्रदेश
मप्र में 22 अप्रैल से शुरू होंगे तबादले: नई नीति से क्या बदलेंगे हालात?
18 Apr, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Mp Govt Transfers : मध्य प्रदेश में इन दिनों ट्रांसफर्स को लेकर खूब चर्चा हो रही है. मोहन यादव सरकार लंबे समय से प्रदेश में तबादला नीति पर विचार कर रही है, जिसे अगले हफ्ते की शुरुआत में हरी झंडी मिल सकती है. हालांकि, मध्य प्रदेश में ट्रांसफर नीति किसी के लिए राहत तो किसी के लिए आफत ला सकती है. आइए जानते हैं सरकार की ये नीति क्यों कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.
मध्य प्रदेश की तबादला नीति कब होगी लागू?
सबसे पहले जान लेते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार की नई तबादला नीति यानी ट्रांसफर पॉलिसी कब लागू होगी? तो बता दें कि अगले हफ्ते की शुरुआत में यानी 22 अप्रैल को मंत्री परिषद की एक विशेष बैठक होने जा रही है. इस बैठक में लंबे समय बाद मध्य प्रदेश की तबादला नीति 2025 को मंजूरी मिल सकती है. मंजूरी मिलते ही तबादला नीति के आदेश जारी होंगे और यह तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी. इसके लागू होते ही लंबे समय से लगा ट्रांसफर बैन हट जाएगा.
मध्य प्रदेश की तबादला नीति से किसे मिलेगी राहत?
मध्य प्रदेश की तबादला नीति उन शासकीय कर्मचारियों के लिए राहत ला सकती है, जो 2 साल से भी ज्यादा वक्त से ट्रांसफर बैन हटने का इंतजार कर रहे हैं. ट्रांसफर पॉलिसी लागू होते ही कर्मचारी स्वेच्छा से ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे. विशेष परिस्थितियों में कर्मचारी को मांगी गई लोकेशन पर ट्रांसफर दे दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश की तबादला नीति किसके लिए बनेगी आफत?
मध्य प्रदेश की नई ट्रांसफर नीति उन शासकीय कर्मचारियों के लिए आफत बन सकती है जो 3 सालों से एक जगह पर टिके हुए हैं. सरकार ने साफ इशारा कर दिया है कि ऐसे अधिकारियों को हटाकर दूसरी जगह भेजा जाएगा. तबादला नीति में अंतिम मुहर लगनी बाकी है कि किस विभाग के कितने प्रतिशत कर्मचारियों को यहां से वहां किया जाना है. किसी भी विभाग में 10 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे.
ट्रांसफर होने पर मिलेगा भत्ता?
सरकार की तबादला नीति में भत्ते का भी जिक्र है. इसमें साफ कहा गया है कि जो कर्मचारी स्वैच्छिक आधार पर तबादले लेंगे, उन्हें सरकार किसी भी तरह के भत्ते का लाभ नहीं देगी. वहीं, जिनका तबादला प्रशासनिक आधार पर होगा, उन्हें भत्ते का लाभ दिया जाएगा.
बड़े और जरूरी ट्रांसफर्स पर रोक नहीं
पिछले दिनों महेश्वर में हुई कैबिनेट की बैठक में सीएम ने साफ कह दिय था कि बेहद जरूरी मामलों से जुड़े तबादलों पर रोक नहीं होगी. ऐसे में कई विभागीय अधिकारियों के ट्रांसफर भी इस दौरान होते रहे हैं. वहीं, अब जल्द ही पूरी तरह से ट्रांसफर पर लगा प्रतिबंध हटने वाला है.
सीएम ने दिए ट्रांसफर नीति के लिए सुझाव
मंत्रालय सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश की नई ट्रांसफर नीति का ड्राफ्ट पहले से ही तैयार है. हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इनमें कुछ सुझाव दिए हैं, जिनके आधार पर ड्राफ्ट अपडेट किया जा रहा है और 22 अप्रैल को फिर सरकार के सामने पेश किया जाएगा.
ट्रांसफर करने में मंत्रियों की रहेगी अहम भूमिका
जैसा कि शुरुआत से बताया जा रहा है मध्य प्रदेश की तबादला नीति 2025 में मंत्रियों की खास भूमिका रहेगी. मंत्रियों को अपने विभाग के कर्मचारियों के ट्रांसफर करने के अधिकार होंगे. हालांकि, गजेटेड अधिकारियों का तबादला करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव से चर्चा करनी होगी. वहीं, जिले के अंदर के ट्रांसफर का अधिकार उस जिले के प्रभारी मंत्री के पास भी होगा. अब देखान ये होगा कि मध्य प्रदेश सराकर की नई तबादला नीति लागू होने के बाद किसके लिए राहत लाती है और किसके लिए आफत.
मोहन सरकार का नया फरमान – अब शिक्षकों की मनमानी नहीं चलेगी
18 Apr, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। अब सरकारी स्कूल से शिक्षक गायब नहीं रह पाएंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। प्रदेश के करीब चार लाख शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज होगी। विभाग अब सार्थक एप के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज होगी।
ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलेंगे तो जुलाई से शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य कर दिया जाएगा। इस बार चेहरा दिखाकर उपस्थिति दर्ज होगी। इससे जो शिक्षक अपने स्थान पर दूसरों को पढ़ाने भेजते है, उस पर लगाम लग सकेगी।
हर जिले से दो प्रोग्रामरों की ट्रेनिंग
ऑनलाइन शिक्षकों की उपस्थिति को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उज्जैन और नरसिंहपुर जिले से लागू किया जाएगा। इसके लिए हर जिले से दो प्रोग्रामरों की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
विद्यार्थियों की ऑनलाइन हाजिरी
बता दें कि प्रदेश के 99145 स्कूलों में से केवल 8051 स्कूलों में ही विद्यार्थियों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज की गई, यानी 91094 स्कूलों में इस व्यवस्था का उपयोग ही नहीं हो रहा है, जबकि, यह व्यवस्था ऐच्छिक नहीं अनिवार्य की गई थी।
क्यों लागू नहीं हो सकी व्यवस्था?
तीन बार व्यवस्था बनी, लेकिन फेल हो गई स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से 2017, 2020 और 2022 में ऑनलाइन उपस्थिति शिक्षा मित्र एप के जरिए शुरू की गई थी। लेकिन शिक्षकों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया। कभी स्मार्ट फोन तो कभी नेटवर्क का बहाना बनाकर ऑनलाइन उपस्थिति की प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं हो पाई।
नहीं होगी गड़बड़ी
ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या को देखते हुए एम शिक्षा मित्र एप से उपस्थिति लगाना शुरू किया था।इसके माध्यम से अगर हाजिरी लगाते समय नेटवर्क न मिलें तो भी हाजिरी भरी जाएगी। जैसे ही मोबाइल में नेटवर्क मिलेंगे हाजिरी अपडेट हो जाएगी। इस प्रक्रिया में बहुत ही गड़बड़झाला होता था।इस कारण अब सार्थक एप से चेहरा दिखाकर उपस्थिति लगेगी।
सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की सार्थक एप के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। इस बार इसे बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा। जुलाई से अनिवार्य किया जाएगा। (उदय प्रताप सिंह, मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग)
अवकाश के लिए भी कर सकेंगे आवेदन
सार्थक एप केवल शिक्षकों की लोकेशन के साथ-साथ और कई महत्वपूर्ण कार्य भी करेगा। विभाग की नई व्यवस्था में कर्मचारी व शिक्षक छुट्टी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे और शासन से किसी भी प्रकार का पत्राचार इस एप से हो जाएगा। सार्थक एप मध्य प्रदेश सरकार का पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन है।जिससे शिक्षकों को पत्राचार करने संबंधी परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
जुनून, जोश और जश्न के संग- सेज यूनिवर्सिटी में 'स्वर्णिम-सीजन 2' का अविस्मरणीय आगाज़।
18 Apr, 2025 06:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। हर आँख में उत्सुकता, चेहरे पर विश्वास की झलक, जीतने की चाह व जीवन में बेहतर करने की ललक हर प्रतिभागी स्टूडेंट की बॉडी लैंग्वेज में देखने को मिल रही थी , मौका था देश में तेज़ी से उभरती सेज यूनिवर्सिटी के नेशनल फेस्ट सेज स्वर्णिम -सीजन २ का। 14 से अधिक रोचक प्रतियोगिताओं में देश के कई राज्यों से आये स्टूडेंट्स ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। तीन दिवसीय इस नेशनल फेस्ट का शुभांरभ सेज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर करण खुराना , पदमश्री डॉ विजय दत्त श्रीधर , पदमश्री सुल्तान सिंह करनाल, श्री पंकज दुबे , जॉइंट डायरेक्टर एमएसएमई , डॉ आभा ऋषि , एग्जीक्यूटिव हेड , मध्य प्रदेश स्टार्टअप मिशन , सेज यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर जनरल डॉ आशीष दत्ता व आमंत्रित गणमान्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ हुआ।
स्वर्णिम का पहला दिन देश के प्रसिद्ध सेलेब्रिटी फैशन डिज़ाइनर रॉकी स्टार के फैशन शो के नाम रहा है। मॉडल्स ने लेटेस्ट स्टाइल, वेस्टर्न - इंडियन ऑउटफिट में बेहतरीन कलेक्शंस प्रेजेंट किया। रॉकी एस के रैंप पर आते ही सेज यूनिवर्सिटी का रॉयल सेज हॉल का ऑडिटोरियम ताली की गड़गड़हाट से गूंज उठा। फैशन शो ने सभी का मन मोह लिया। रोशिनी व ग्लैमर की चकाचौंध से भरे इस फैशन शो में रैंप पर प्रतिभागियों ने फैशन का जलवा बिखेरा। शो ने अंत में रॉकी स्टार व फैशन डिज़ाइनर देव ऋषि ने स्टूडेंट्स को फैशन इंडस्ट्री से जुडी कई बारीकियों पर टिप्स दिए। सेज ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर आर्किटेक्ट शिवानी अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहाँ कि सेज यूनिवर्सिटी भोपाल देश में तेज़ी से उभरती प्राइवेट यूनिवर्सिटी में अपना स्थान रखती है। यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री रेडी एजुकेशन के साथ स्टूडेंट्स के ओवरआल डेवलपमेंट , उनके टैलेंट को उचित प्लेटफार्म देने के लिए सदैव प्रयासरत रहती है। सेज यूनिवर्सिटी का सेज स्वर्णिम ऐसा ही एक मंच है। जहाँ देश भर के स्टूडेंट्स "स्वर्णिम" में भाग ले अपनी प्रतिभा का मंचन करते है , उनके सपनो को सही दिशा और उड़न देने का मंच है। पिछले वर्ष, स्वर्णिम में पूरे भारत से 7000+ से ज्यादा स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। देश के अलग-अलग राज्यों से आए 25+ कॉलेजों के टैलेंटेड युवाओं ने अपनी कला, ज्ञान और क्रिएटिव आइडियाज से सभी को हैरान कर दिया।
इस वर्ष स्वर्णिम 2025 में फैशन शो के अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस में शार्क टैंक , युथ पार्लियामेंट , किसान मेला , बैटलग्राउंड फुर्री, फोटग्राफी , फार्माथांन कम्पीटीशन का आयोजन हो रहा है। जिसमे देश भर से आये स्टूडेंटस ने अपनी प्रतिभा दिखा रहे है। काव्यांजलि में प्रसिद्ध कवि अमन अक्षर , वरुण आनंद व प्रतीक सिंह चौहान ने अपनी कविताओं से सबका का मन मोह लिया। शार्क टैंक में मध्य प्रदेश व दूसरे राज्यों से आये स्टूडेंट्स ने अपनी आइडियाज को बाखूबी प्रेजेंट किया। सेज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर कारन खुराना ने प्रतिभागियों का प्रोत्साहन किया। यूनिवर्सिटी के चांसलर इंजी संजीव अग्रवाल ने सेज स्वर्णिम के सफल शुभारंभ पर टीम को बधाई दी , उन्होंने मीडिया को बताया ऐसे आयोजन स्टूडेंट्स की प्रतिभा को निखारने में सहयोग सिद्ध होते है। सेज स्वर्णिम में 10 लाख तक की पुरुस्कार राशि दी जाएगी। स्वर्णिम में पधारे स्टूडेंट्स , स्पांसर व अतिथिगण ने आयोजन की प्रशंसा की।
मोहन यादव सरकार के डेढ़ वर्ष: नेताओं की नजरें मंत्रिमंडल विस्तार पर
18 Apr, 2025 12:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल.प्रदेश में मोहन यादव सरकार को डेढ़ वर्ष होने जा रहा है, लेकिन राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। उधर, मंत्रिमंडल विस्तार का भी नेताओं को इंतजार है। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, हरिशंकर खटीक, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह और संजय पाठक को अपना नंबर आने की संभावना दिख रही है।
दरअसल, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट है, तो मध्य प्रदेश में भी इस बात की चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव मंत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं।
क्षेत्रीय संतुलन साधने की होगी कोशिश
इसमें क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। उनके अलावा कांग्रेस से भाजपा में आए छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह भी प्रतीक्षारत हैं। रामनिवास रावत के मंत्रिमंडल से त्याग पत्र देने के बाद मोहन कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं।
कुछ मंत्रियों की पद से हो सकती है छुट्टी
मंत्री बनने के लिए पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, संजय पाठक, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य पूर्व मंत्री सत्ता और संगठन में अपने संपर्कों के माध्यम से प्रयासरत भी हैं। संभावना जताई जा रही है कि रिक्त स्थानों की पूर्ति हो सकती है। कुछ मंत्रियों को खराब प्रदर्शन के आधार पर विश्राम भी दिया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि अभी प्राथमिकता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति है, इसलिए यह काम इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले हो सकता है। उधर, राजनीतिक नियुक्तियां भी अब की जाएंगी। इसको लेकर संगठन स्तर पर कई बार चर्चा भी हो चुकी है। इसमें कुछ पूर्व विधायकों को समायोजित भी किया जाएगा। अभी इनके पास कोई काम नहीं है।
जयंत मलैया को बनाया जा सकता है वित्त आयोग का अध्यक्ष
सूत्रों के अनुसार पूर्व वित्त और वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया को छठवें राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पांचवें वित्त आयोग की अनुशंसाएं अप्रैल 2026 तक के लिए हैं। आयोग विभिन्न स्तरों पर चर्चा के बाद स्थानीय निकायों को दी जाने वाली राशि के संबंध में अनुशंसा करेगा।
ये विधायक कर रहे इंतजार
गोपाल भार्गवः नौ बार के विधायक। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में लगातार मंत्री रहे। बुंदेलखंड के कद्दावर नेता।
भूपेंद्र सिंहः एक बार के सांसद और पांच बार के विधायक। शिवराज सरकार में लगातार आठ वर्ष मंत्री रहे। बुंदेलखंड क्षेत्र में पकड़।
जयंत मलैयाः बुंदेलखंड क्षेत्र से आते हैं। आठ बार के विधायक। सुंदरलाल पटवा से लेकर शिवराज सरकार तक में मंत्री रहे। वित्त, वाणिज्यिक कर और जल संसाधन विभाग में काम करने का लंबा अनुभव।
ब्रजेंद्र प्रताप सिंहः पांच बार के विधायक। दो बार मंत्री रह चुके हैं।
हरिशंकर खटीकः भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रहने के साथ संगठन में काम कर चुके हैं। चार बार के विधायक। शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे।
मासूम से दरिंदगी के 6 महीने बाद सख्त कदम, स्कूल पर गिरी गाज
18 Apr, 2025 11:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल के जिस प्राइवेट स्कूल में 6 महीने पहले 3 साल की बच्ची से रेप हुआ था, उस स्कूल की सत्र 2025-26 के लिए मान्यता रिन्यू नहीं होगी। जिला शिक्षा केंद्र ने मान्यता रिन्यू के आवेदन को नामंजूर कर दिया है। इसके बाद गुरुवार रात में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्कूल का संचालन बंद करने के आदेश दिए हैं।आदेश में कहा गया है कि स्कूल सत्र 2025-26 से शाला का संचालन नहीं कर सकेगा। ऐसे में यहां पहले से पढ़ने वाले बच्चे सरकारी या अन्य प्राइवेट स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं। आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों को अन्य सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाया जा सकेगा, जबकि अन्य छात्र-छात्राएं स्वयं के व्यय पर दूसरे स्कूल में प्रवेश ले सकते हैं।
इस मामले में डीपीसी ओपी शर्मा ने बताया कि
जब यह मामला सामने आया था, तब बनी कमेटी ने स्कूल की मान्यता रिन्यू नहीं करने की बात कही थी। इसके बाद कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को रिपोर्ट गई थी। सरकार ने भी मान्यता रिन्यू नहीं करने के आदेश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए। स्कूल को अब तक शासकीय हाई स्कूल के प्राचार्य प्रशासक के तौर पर संभाल रहे थे। स्कूल कक्षा 1 से 8 तक संचालित रहा है।
324 बच्चों का भविष्य दूसरे स्कूलों में संवरेगा
बता दें कि इस स्कूल में कुल 324 बच्चे पढ़ते हैं। पिछले साल सितंबर में स्कूल के टीचर ने ही 3 साल की बच्ची से रेप किया था। इस मामले में हंगामे के बाद स्कूल को सील कर दिया गया था। 6 सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर सिंह ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि स्कूल का संचालन डीईओ करें।जांच के लिए दो टीमें बनाई गई थीं। पहली जांच रिपोर्ट में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। वहीं, दूसरी 7 सदस्यीय कमेटी ने स्कूल के संचालन को लेकर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को दी थी।इसके बाद भोपाल में पहली बार किसी प्राइवेट स्कूल की कमान सरकारी हाथ में ली गई थी। संकुल प्राचार्य को संचालन की व्यवस्था सौंपी गई थी। इसके बाद स्कूल खोल दिया गया था, लेकिन अब संचालन नहीं होगा। स्कूल को कक्षा पहली से 8वीं की मान्यता नहीं दी गई है।
79 बच्चों का दाखिला आरटीई से
स्कूल में कुल 324 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से 79 ऐसे हैं, जिनका आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के जरिए एडमिशन हुआ है। बीच सत्र में स्कूल बंद होने से सभी बच्चों को परेशानी हो सकती थी। उनका एक साल बिगड़ जाता। दूसरी ओर, जब बच्ची के साथ गलत हरकत हुई, तब स्कूल खुले पांच महीने हो चुके थे। यानी, आधा शिक्षा सत्र। ऐसे में बच्चों का कहीं एडमिशन भी नहीं हो सकता था। प्रशासन यदि स्कूल को बंद रखता तो बच्चों का एक साल खराब हो जाता। इसलिए स्कूल का संचालन सरकार ने खुद ही किया।
कांग्रेस विधायक का तंज: प्रहलाद-राजेंद्र की मुलाकात सिर्फ टाइम पास!
18 Apr, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रीवा: मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास व रीवा के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल एक दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे. गुरुवार की सुबह प्रभारी मंत्री मऊगंज पहुंचकर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत बिछिया नदी उद्गम स्थल पर पूजन करके जनचर्चा एवं ग्रामसभा कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके बाद रीवा कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर प्रभारी मंत्री योजना समिति की बैठक में शामिल हुए. लेकिन उनकी बैठक उस वक्त खटाई में पड़ गई जब कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे सेमरिया विधानसभा से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाते हुए योजना समिति की बैठक को पूरी तरह से असंवैधानिक करार दे दिया.
योजना समिति की बैठक में शामिल हुए प्रहलाद पटेल
योजना समिति की बैठक में शामिल होने रीवा आए प्रहलाद पटेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, ''23 हजार प्रधानमंत्री आवास आए हैं, साथ ही जो आवास प्लस की सूची में हैं, अब वो पूरी होने की स्थिति में हैं. 96 प्रतिशत आवास की जो वेटिंग की सूची थी वो पूरी हो चुकी है. जो नया सर्वे किया जा रहा है, उसमें 1 लाख 72 हजार लोगों का सर्वे हो चुका है.''
गर्मी से बढे़ जल संकट को लेकर प्रभारी मंत्री ने जताई चिंता
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि, वर्तमान में गर्मी और कम वर्षा के कारण जो भी पानी के संकट की संभावना है उसको लेकर मेरे आग्रह से सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी बैठक ली थी. पिछली बार 64 गांव जो चुनौती पूर्ण थे उसकी संख्या बढ़ कर इस बार 90 हो चुकी है. इससे निपटने के लिए और रास्ते खोजने के लिए जनप्रतिनिधियों से मिलकर इस गर्मी के फेस से कैसे बेहतर तरीके से निकलेगे उसका निर्णय लिया गया है.'' पीएम आवास पर हो रहे भ्रष्टाचार के सवाल पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा की आपके पास इसकी गलत जानकारी है.
कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा, असंवैधानिक थी बैठक
वहीं योजना समिति के बैठक के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे सेमरिया विधानसभा से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि, ''प्रहलाद पटेल बहुत वरिष्ठ नेता हैं उनके बारे में कहा जाता है कि, वो हमेशा नियम कानून और संवैधानिक बाते करते है. लेकिन आज हमारे समझ में गया की खाने के दांत कुछ और हैं और दिखाने के दांत कुछ और हैं. इस तरह की बैठक का कोई मतलब नहीं निकला, बैठक में सिर्फ टाइम पास हुआ है.'' उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल पर निशाना साधते हुए विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि, ''बैठक में शुक्ला जी आ गए यहां तो रीवा राज चल रहा है तो प्रभारी मंत्री का औचित्य ही क्या रह गया.''
अभय मिश्रा ने बैठक को बताया छू छू माई बैठक
अभय मिश्रा ने आगे कहा कि, ''मद देने का अधिकार केवल निर्वाचित सदस्य को है और जब निर्वाचित सदस्य ही नहीं है तो बैठक कहा से वैध हो गई. यह तो तानाशाही की बैठक थी, ये बैठक विधिसंवत नहीं है, पूरी तरह से असंवैधानिक है. यह बैठक एक तरह से छू छू माई बैठक है. 148 करोड़ के घोटाले का आरोपी संजय पाण्डेय जिसकी नौकरी ही फर्जी है. उसने पॉलिटेक्निक हंडिया जिला प्रयागराज से 1994 में पॉलिटेक्निक के डिप्लोमा की डिग्री है जो कि 100 प्रतिशत फर्जी है. संजय पाण्डेय ने वहां से नौकरी करके यहां पर किसी की कृपा प्राप्त करके ई का चार्ज लेकर 138 करोड़ का घोटाला किया.''
कोलकाता से विदिशा: एक माँ की प्रेम कहानी, बच्चे और जिंदगी के बीच
18 Apr, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदिशा: सोशल मीडिया आजकल रिश्तों को जोड़ने का एक नया जरिया बन चुका है. इसका ताजा उदाहरण तब सामने आया जब त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के गोमती जिले की रहने वाली महिला अपने दो बच्चों के साथ मध्य प्रदेश के विदिशा जिले पहुंची और यहां के रहने वाले युवक से शादी कर ली. खास बात ये रही कि महिला और युवक की जान-पहचान स्नैपचैट पर हुई थी, और धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा.
त्रिपुरा से फ्लाइट से पहुंची कोलकाता
महिला ने बताया कि, "वह पिछले डेढ़ साल से युवक प्रदीप से स्नैपचैट पर चैटिंग कर रही थी. चार दिन पहले उसने त्रिपुरा से एक लंबा सफर तय किया, पहले फ्लाइट से अगरतला से कोलकाता पहुंची. इस यात्रा के लिए उसने अपनी सोने की चेन 18,500 रुपये में बेच दी. कोलकाता से भोपाल तक वह मालगाड़ी से सफर कर विदिशा पहुंची. यहां आकर उसने बैरसिया के आर्य समाज मंदिर में प्रदीप से विवाह रचा लिया.'' महिला ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि, ''वह अपनी मर्जी से आई है और अब अपने पहले पति के साथ नहीं रहना चाहती.'' उसने बताया कि, ''अब वह प्रदीप के साथ नई जिंदगी शुरू करना चाहती है.'' त्रिपुरा से आई पुलिस ने जानकारी दी कि, ''महिला के पहले पति देवब्रत शाह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी को बहला-फुसलाकर ले जाया गया है. जब महिला से संपर्क किया गया तो उसने साफ कहा कि वह अपनी इच्छा से विदिशा आई है और प्रदीप से विवाह कर लिया है.''
प्यार की खातिर युवक ने बच्चों को किया स्वीकर
प्रदीप जाटव ने कहा कि, ''उनकी दोस्ती स्नैपचैट पर हुई थी जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई, और अब शादी में तब्दील हो गई.'' उन्होंने बताया कि महिला के बच्चों को भी उसने स्वीकार कर लिया है. हालांकि, महिला की बड़ी बेटी को उसका पूर्व पति अपने साथ त्रिपुरा वापस ले गया है, जबकि करीब दो साल का बेटा उसके साथ ही रहेगा.
महिला बोली, अपनी मर्जी से आई हूं
विदिशा महिला थाने के एएसआई संजय नामदेव ने पुष्टि की कि, ''महिला ने थाने आकर खुद को त्रिपुरा निवासी बताते हुए प्रदीप से शादी की बात कही थी. त्रिपुरा पुलिस के आने पर उसने फिर यही बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से आई है और यहीं रहना चाहती है.'' महिला थाना प्रभारी उर्मिला ने भी मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि, ''महिला की इच्छा और बयान को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने उसे रोका नहीं.''
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधायक मुड़वारा जायसवाल की माताजी के निधन पर जताया शोक
17 Apr, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को यहां मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल के कटनी स्थित आवास पहुंचकर, उनकी माताजी श्रीमती सरोज जायसवाल के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक व्यक्त किया। श्रीमती जायसवाल का 5 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद देहावसान हो गया था।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर सांत्वना दी और ढाँढस बंधाया। उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए बाबा महाकाल से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने तथा दुःख की इस घड़ी में शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की। उन्होंने स्व. श्रीमती सरोज जायसवाल के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। विधायक बहोरीबंद प्रणय प्रभात पांडेय,विधायक बड़वारा धीरेन्द्र बहादुर सिंह, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन, डीएफओ गौरव शर्मा और जिला पंचायत सीईओ शिशिर गेमावत एवं जिला भाजपा अध्यक्ष दीपक टंडन सोनी मौजूद रहे।
प्रदेश के 10 जिलों में औद्योगिक एवं रासायनिक आपदा प्रबंधन के लिये मॉक ड्रिल का सफल आयोजन
17 Apr, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रदेश के औद्योगिक व रासायनिक इकाइयों में आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी राहत एवं बचाव कार्य की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से भोपाल, धार, रायसेन, उज्जैन, देवास, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, जबलपुर, इंदौर एवं सीहोर जिलों में औद्योगिक एवं रासायनिक आपदा मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस अभ्यास का आयोजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एमपीएसडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों में आपदा की वास्तविक परिस्थिति उत्पन्न होने पर संबंधित विभागों, औद्योगिक इकाइयों तथा स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया एवं संसाधनों के दक्ष उपयोग की कार्यप्रणाली का परीक्षण करना था। मॉक ड्रिल से औद्योगिक व रासायनिक दुर्घटना, गैस रिसाव, आगजनी एवं घायलों के त्वरित उपचार, आपदा प्रभावित क्षेत्र की घेराबंदी और नियंत्रण की तैयारी को परखा गया।
इस अवसर पर होम गार्ड, सिविल डिफेंस एवं आपदा प्रबंधन विभाग के महानिदेशक अरविंद कुमार, एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रविंदर गुरंग एनडीआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एम.के. शर्मा, एसडीईआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मनीष कुमार अग्रवाल, एमपीएसडीएमए के उपसंचालक सौरभ सिंह, वरिष्ठ सलाहकार बृजेश जायसवाल एवं राज्य कमांड सेंटर के कमलेन्द्र सिंह परिहार डिविजनल कमांडेंट, कमांडेंट कमलनाथ धुर्वे विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मॉक ड्रिल में संबंधित जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, होम गार्ड, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन, सिविल डिफेंस, औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय नागरिकों ने सक्रिय रूप से भागीदारी की। अभ्यास के दौरान औद्योगिक इकाई में गैस रिसाव की काल्पनिक स्थिति निर्मित कर तत्काल राहत एवं बचाव दलों की तैनाती, अग्निशमन कार्य, घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद निकटतम अस्पताल पहुंचाने तथा क्षेत्र की सुरक्षित घेराबंदी का प्रदर्शन किया गया।
महानिदेशक अरविंद कुमार ने मॉक ड्रिल के सफल आयोजन के लिए सभी विभागों एवं जिलों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के अभ्यास से हमारी आपदा प्रतिक्रिया क्षमता सशक्त होती है तथा वास्तविक आपदा की स्थिति में जनहानि एवं वित्तीय नुकसान को न्यूनतम करने में सहायता मिलती है।
रविंदर गुरंग ने आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक एवं त्वरित समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया। डीआईजी एनडीआरएफ एम.के. शर्मा एवं डीआईजी एसडीईआरएफ मनीष कुमार अग्रवाल ने भी मॉक ड्रिल की महत्ता पर प्रकाश डाला एमपीएसडीएमए के उपसंचालक सौरभ सिंह ने प्रदेश स्तर पर आपदा प्रबंधन ढांचे की मजबूती के लिए ऐसे नियमित अभ्यास की आवश्यकता बताई।
प्रदेश आपदा प्रबंधन तंत्र आमजन की सुरक्षा एवं आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिये सदैव तत्पर एवं सजग है। आगामी समय में भी प्रदेश के अन्य जिलों में इस प्रकार की मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिससे हर स्तर पर आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और अधिक दक्ष बनाया जा सके।
ताप विद्युत गृहों की ऊर्जा कुशलता से आयी ट्रिपिंग में कमी और घटी विद्युत उत्पादन लागत
17 Apr, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के 4 ताप विद्युत गृहों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऑपरेशन (संचालन) क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पूर्व की तुलना में अधिक उत्पादन किया। साथ ही विद्युत गृहों की ट्रिपिंग दर पूर्व की तुलना में कम हो गई। विद्युत गृहों के ऑपरेशन में ट्रिपिंग, विशिष्ट तेल की खपत में कमी, ऑक्जलरी कंजम्पशन महत्वपूर्ण मापदंड हैं। पॉवर जनरेटिंग कंपनी के चारों ताप विद्युत गृहों की 12 विद्युत यूनिट ने इन मापदंडों में महत्वपूर्ण उपलब्धिहासिल की है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ताप विद्युत गृहों की इस उपलब्धि पर इंजीनियरों, तकनीशियनों और संचालन टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रभावी प्रबंधन नीति, तकनीकी उन्नयन व कड़ाई से ऑपरेशन नियमों का पालन करने से यह लक्ष्य हासिल किया गया।
विद्युत गृहों की ट्रिपिंग में निरंतर कमी
पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों की यूनिट में किए गए सुधार कार्य व बेहतर मेंटेनेंस के कारण ट्रिपिंग में उल्लेखनीय कमी आई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में विद्युत गृहों में मात्र 85 ट्रिपिंग दर्ज की गईं। इससे पूर्व वर्ष 2019-20 में 150 ट्रिपिंग दर्ज होती रही हैं।
विशिष्ट तेल खपत की कमी से परिचालन लागत में आई कमी
पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा विद्युत उत्पादन लागत में कमी के लगातार प्रयास किए गए। इससे ताप विद्युत यूनिट की विशिष्ट तेल खपत वर्ष 2024-25 में 0.51 मिलीलीटर प्रति यूनिट रही। यह अब तक की न्यूनतम विशिष्ट तेल खपत है। न्यूनतम विशिष्ट तेल खपत से परिचालन लागत में जहां कमी आई वहीं यह पर्यावरण संरक्षण में सहायक हुई।
ऑक्जलरी कंजम्पशन में कमी
मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों ने वर्ष 2024-25 में अब तक का सबसे कम ऑक्जलरी कंजम्पशन (सहायक संयंत्र खपत) 6.91 प्रतिशत हासिल किया। विद्युत गृहों के संचालन के दौरान खपत हो रही ऊर्जा जितनी कम होगी उतनी ही अधिक विक्रय बिजली (नेट जनरेशन) होगी और इसका सीधा प्रभाव उत्पादन लागत पर पड़ता है।
कैसे कम हुई ट्रिपिंग और घटी विद्युत उत्पादन लागत-मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के 4 ताप विद्युत गृहों में विभिन्न क्षमताओं की कुल 12 ताप विद्युत इकाइयों का समन्वित प्रबंधन अत्यंत प्रभावी ढंग से किया जा रहा है। इन विद्युत इकाइयों में सुधारात्मक प्रयास कर यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक इकाई से क्षमता अनुसार अधिकतम उपयोग किया जा सके। तकनीकी उन्नयन, सख्त संधारण नियम व प्रभावी प्रबंधन नीतियों के द्वारा ट्रिपिंग की संख्या में कमी आई और उत्पादन कुशलता में वृद्धि संभव हो पाई है।
बिछिया नदी के उद्गम स्थल को जीवंत बनाये रखने में ग्रामवासी सहभागी बनें - ग्रामीण विकास मंत्री पटेल
17 Apr, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मऊगंज जिले के खैरा ग्राम में बिछिया नदी के उद्गम स्थल में पूजा-अर्चना की। उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान में आयोजित कार्यक्रम में नदी के उद्गम स्थल पर पुष्प अर्पित कर दुग्ध अभिषेक किया।
जन भागीदारी से जल संचयन के संकल्प के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम में मंत्री पटेल ने ग्रामीणजनों से संवाद करते हुए ग्रामसभा का शुभारंभ किया। मंत्री पटेल ने कहा कि बिछिया नदी के उद्गम स्थल में फेंसिंग कराकर वर्षाकाल में पौध-रोपण करें। उन्होंने कहा कि खैरा की पुण्य भूमि नदी का उद्गम स्थल है। यहाँ के निवासियों को भू-जल स्तर बनाये रखने के लिए इसे हरा-भरा बनाना होगा। पौध-रोपण से आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवरेगा। भू-जल स्तर में आ रही कमी व जल संकट को चुनौती के तौर पर स्वीकार करते हुए इससे निपटने के लिए समवेत होने का उन्होंने आहवान किया।
मंत्री पटेल ने कहा कि इस वर्ष तीन माह तक जल गंगा संवर्धन अभियान संचालित किया जा रहा है। जल संरक्षण व संवर्धन के कार्य प्राथमिकता से कराए जाकर पौध-रोपण की तैयारी व पुराने जल स्त्रोतों के संरक्षण व पुनर्रुद्धार के कार्य इस दौरान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में भवन बनाने, सामुदायिक भवन निर्माण व जनपद पंचायतों के भवन निर्माण के कार्य कराए जाएंगे। पटेल ने कहा कि पंचायतों के कार्य की प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। विभिन्न मदों से प्राप्त होने वाली राशि से पंचायतों में आवश्यकतानुसार कार्य कराए जाएं तथा आवास प्लस की सूची में पात्र हितग्राहियों के नाम शामिल कराएं।
कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक देवतालाब गिरीश गौतम, जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल, डीआईजी राजेश सिंह चंदेल, कलेक्टर मऊगंज संजय कुमार जैन, एसपी दिलीप सोनी सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
प्रदेश में शत-प्रतिशत बच्चों का स्कूल में हो नामांकन
17 Apr, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रयास होना चाहिये कि प्रदेश के शत-प्रतिशत बच्चों का स्कूल में नामांकन हो। इसके लिये उन्होंने टीम वर्क के साथ काम करने के निर्देश दिये। उन्होंने अनेक जिलों में अब तक कराये गये नामांकन की जानकारी प्राप्त की। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग के जो अधिकारी-कर्मचारी श्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे, उनका सार्वजनिक रूप से सम्मान किया जायेगा। कार्य के प्रति गैर-जिम्मेदार रहने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह गुरुवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस से विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। मंत्री सिंह ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर शिक्षा को नई दिशा दें। बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. संजय गोयल, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र हरजिंदर सिंह और विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
नामांकन दर बढ़ाने के दिये निर्देश
मंत्री सिंह ने एक अप्रैल, 2025 से शुरू हुए प्रदेशव्यापी प्रवेश उत्सव की जिलेवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अप्रैल अंत तक स्कूल जाने योग्य बच्चों का नामांकन हो जाये, यह सुनिश्चित किया जाये। मंत्री सिंह ने स्कूलों में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था की जानकारी भी ली। मंत्री सिंह ने अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना के लिये जल्द पोर्टल शुरू किये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता की मैपिंग का कार्य जल्द पूरा किया जाये।
टाइम टेबल बनाकर करें हॉस्टल्स का निरीक्षण
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने विभाग के हॉस्टल्स का निर्धारित टाइम टेबल बनाकर निरीक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में सुरक्षा के इंतजामों की समीक्षा की जाये। मंत्री सिंह ने कहा कि स्कूलों के विभिन्न कार्यों में विधायक और सांसद निधि का उपयोग किया जाये।
जिम्मेदार कड़ी के रूप में काम करें अधिकारी
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि जिला और राज्य स्तर के अधिकारियों के बीच संभागीय अधिकारी कड़ी के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र का निरंतर दौरा करें। कार्यालयों में लंबित पेंशन और अनुकम्पा नियुक्ति संबंधी प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के साथ किया जाये। उन्होंने कहा कि जून माह में संभाग और जिला स्तर पर पदस्थ अधिकारियों के साथ पुन: समीक्षा की जायेगी। स्कूल सचिव डॉ. गोयल ने बताया कि शिक्षकों के उपस्थिति पोर्टल पर अटेंडेंस का कार्य शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया जायेगा।
पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की स्थानांतरण नीति शीघ्र होगी घोषित: मंत्री पटेल
17 Apr, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल :पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम एवं रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में गुरूवार को जिला योजना समिति की बैठक हुई। बैठक में शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज का नाम कल्पना चावला पॉलिटेक्निक कालेज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मेसर्स गोकुलदास एक्सपोर्ट लिमिटेड बैंगलोर के सहयोग से शासकीय कन्या महाविद्यालय के छात्रावास में सिलाई एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। मंत्री पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिवों तथा ग्राम रोजगार सहायकों के स्थानांतरण की नीति शीघ्र घोषित होगी। इसके अनुसार ही स्थानांतरण किए जाएंगे।
मंत्री पटेल ने कहा कि "जल गंगा संवर्धन" अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन करें। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में इस अभियान में जल संरक्षण के कार्य कराएं। गत वर्षों में जिन गांवों में पानी का संकट रहा, वहाँ हैण्डपंप तथा कुओं में रिचार्ज पिट प्राथमिकता से बनाएं। अभियान में शामिल जल संरक्षण कार्यों की तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति तत्काल जारी करके निर्माण कार्य तेजी से पूरा कराएं। अभियान के तहत मनरेगा से मंजूर सभी अधूरे कार्य 15 मई तक पूरे कराएं। प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान से 50 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा करते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि इस योजना से रीवा जिले ही नहीं पूरे विन्ध्य में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। नए पात्र परिवारों को योजना का लाभ देने के लिए एक लाख 72 हजार परिवार चिन्हित किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना से प्रदेश में 27 लाख गरीब परिवारों को आवास मंजूर किए गए हैं। इसके शेष 6 लाख 50 हजार आवास शीघ्र स्वीकृत किए जा रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्र में गरीब परिवारों को पक्के आवास के लिए सभी एसडीएम प्राथमिकता से जमीन उपलब्ध कराएं। इस योजना से मल्टी स्टोरी आवास भी बनाए जा सकते हैं। पेयजल की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष जिले में औसत से कम वर्षा हुई है। जिले की सभी बसाहटों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें। जिन क्षेत्रों में पेयजल संकट की आशंका हो वहाँ वैकल्पिक स्त्रोत से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें। ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से स्पॉट सोर्स पर पानी की टंकी रखकर भी पेयजल की आपूर्ति कराएं। जहाँ जरूरत हो वहाँ तत्काल हैण्डपंपों में सिंगल फेज मोटर लगाकर पानी की आपूर्ति करें। जल जीवन मिशन की समूह नल जल योजना से जिन गांवों में पानी दिया जा रहा है, उनमें पाइप की मरम्मत तथा अन्य कमियाँ दूर कर नियमित रूप से पानी की सप्लाई करें। बैठक में पिछली बैठक के पालन प्रतिवेदन को भी मंजूरी दी गई।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीवा विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में ग्राम पंचायतें नल जल योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रही हैं। जल संवर्धन और संरक्षण के कार्य में सामाजिक संगठनों तथा आम जनता की भी भागीदारी आवश्यक है। विधायक गुढ़ नागेन्द्र सिंह ने ग्रामीण क्षेत्र में पानी का संकट दूर करने के लिए बाणसागर बांध की नहरों से तालाबों और नदियों में पानी छोड़ने का सुझाव दिया। विधायक देवतालाब गिरीश गौतम ने जिला योजना समिति के पुनर्गठन तथा जब तक मऊगंज जिले में जिला पंचायत का गठन नहीं हो जाता तब तक वहाँ के जिला पंचायत सदस्यों को रीवा की योजना समिति की बैठक में सदस्य के रूप में शामिल करने का सुझाव दिया। विधायक गौतम ने नल जल योजना तथा पेयजल व्यवस्था के भी मुद्दे उठाए। विधायक सेमरिया अभय मिश्रा ने पेयजल व्यवस्था, बसामन मामा में तीन करोड़ 21 लाख रुपए की लागत से एनिकट निर्माण, कौआढान में सड़क निर्माण तथा जिला योजना समिति के पुनर्गठन की बात कही।
बैठक में महापौर रीवा नगर निगम अजय मिश्रा ने बाणसागर बांध की नहरों की साफ-सफाई तथा गाद निकालने का सुझाव दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल ने ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण, समिति सदस्य डॉ. अजय सिंह ने मतदाता सूची संबंधित बातें कही। कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन एवं "जल गंगा संवर्धन" अभियान की प्रगति की विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह, विधायक मनगवां नरेन्द्र प्रजापति तथा समिति के सदस्यगण सहित अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रभारी मंत्री ने आमजनों की समस्यायें सुनीं
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री व श्रम एवं जिले के प्रभारी मंत्री सिंह पटेल ने रीवा में स्थानीय लोगों से भेंट कर आमजनों की समस्यायें सुनीं। उन्होंने प्राप्त आवेदनों में संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिये। प्रभारी मंत्री ने डॉ. योगानंद गिरी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
पंचायतें विकसित होंगी तभी विकसित रीवा का सपना साकार होगा : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
17 Apr, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा में पंच-सरपंच सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे अंतराल के बाद पंच-सरपंचों से संवाद का स्वागत योग्य अवसर आया है। रीवा जिले के प्रभारी मंत्री पटेल की पहल से ग्राम पंचायतों के विकास को गति मिलेगी। ग्राम पंचायतों का विकास होगा तभी रीवा का विकास संभव है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गांव के विकास के लिए पर्याप्त राशि प्रदान कर रहे हैं। रीवा जिले में केवल जल जीवन मिशन से ही तीन हजार करोड़ रुपए के निर्माण कार्य मंजूर किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना तथा आवास प्लस का 98 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो गया है। रीवा में लाखों गरीब परिवारों को इनसे पक्के आवास मिले हैं। बेसहारा गायों के लिए गौशालाओं का निर्माण कराया गया है। गौशाला में प्रत्येक गाय के लिए प्रतिदिन 20 रुपए की राशि बढ़ाकर 40 रुपए कर दी गई है। स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए 3500 डॉक्टरों और 10 हजार चिकित्सा कर्मियों की भर्ती इस माह अक्टूबर माह तक पूरी कर ली जाएगी। उप स्वास्थ्य केन्द्र तक टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध हो गई है। पंचायत पदाधिकारियों की जो कठिनाईयाँ हैं उन्हें हल करके पंचायतों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम एवं रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर पंच परमेश्वर की कल्पना की थी। राष्ट्रपिता की परिकल्पना में पंचायतों का कर्तव्य महत्पूर्ण था। पंचायत राज अधिनियम में कर्तव्यों के स्थान पर ग्राम पंचायतों के अधिकारों को बल दिया गया। पंचायत पदाधिकारी अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों पर भी ध्यान दें। विवाद से विकास के कार्य संभव नहीं हैं। ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर और प्रशासनिक व्यवस्था से समन्वय बनाकर ही पंचायतों का विकास होगा। ग्राम पंचायतों को गांव की साफ-सफाई, सड़कों के निर्माण, कचरा प्रबंधन, गंदे पानी की निकासी, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था, शिक्षा के विकास, जल संरक्षण के कार्य तथा सामाजिक विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। पंचायत पदाधिकारियों से मैं लगातार संवाद कर रहा हूँ। ग्राम पंचायत की वास्तविकताओं का मुझे पूरा एहसास है।
प्रभारी मंत्री पटेल ने कहा कि पंचायतों को सशक्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरपंचों की 15 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है। 15वें वित्त आयोग में हर पंचायत को पर्याप्त राशि दी जा रही है। राज्य वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों को 1400 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस वर्ष मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। पंचायतों में अब राशि की कोई कमी नहीं है। हम जिस तरह अपने परिवार का वित्तीय प्रबंधन करते हैं उसी तरह ग्राम पंचायत का भी वित्तीय प्रबंधन करना होगा। ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी पंचायतों के विकास की मंशा से कार्य कर रहे हैं। इनमें यदि कोई लापरवाही बरतेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरपंच और जनपद सदस्य अपनी कठिनाईयों से अवश्य अवगत कराएं। इन कठिनाईयों को दूर करके ही पंचायतों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। विकास के कार्य में राशि की कोई कमी नहीं है। भवन विहीन सभी ग्राम पंचायतों को बिना मांगे पंचायत भवन तथा सामुदायिक भवन दिया जा रहा है। पंचायत भवन जो 30 से 40 साल पुराने हो गए हैं उन्हें भी समिति से परीक्षण कराकर उसकी रिपोर्ट के अनुसार नया भवन दिया जाएगा। प्रभारी मंत्री पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में प्रत्येक पंचायत पदाधिकारी और आमजन सक्रिय भूमिका निभाएं। नदियों के उद्गम स्थल को स्वच्छ बनाएं। अपने गांव के नदी और तालाबों की भी साफ-सफाई अवश्य करें। हैण्डपंपों में रिचार्ज पिट बनवाएं जिससे उनके स्रोत में पानी की कमी न रहे।
अध्यक्ष जिला पंचायत नीता कोल ने कहा कि विवादों और नकारात्मक बातों को छोड़कर हम सब मिलकर पंचायतों और जिले के विकास के लिए प्रयास करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार तथा रीवा में कोल मंगल भवन देकर अनुसूचित जनजाति का मान बढ़ाया है। पंच-सरपंच सम्मेलन में सरपंच भमरा ने पंचायतों की कठिनाईयों तथा सरपंच अजगरहा भूपेन्द्र सिंह ने नल जल योजना की सफलता की बात रखी। सम्मेलन में विधायक सेमरिया अभय मिश्रा, विधायक मनगवां नरेन्द्र प्रजापति, कलेक्टर प्रतिभा पाल, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मेहताब सिंह गुर्जर, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, सरपंच एवं बड़ी संख्या में पंचगण उपस्थित रहे।
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए खुश कर देने वाली खबर, 4 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा डबल प्रमोशन
17 Apr, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश में 9 साल बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू की है. अभी इसके लिए नियम बनाए जा रहे हैं. इससे मध्य प्रदेश शासन के 4 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लाभान्वित होंगे. हालांकि सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन मिले 8 साल से अधिक समय बीत चुका है. ऐसे में वो डबल प्रमोशन के हकदार हैं. इस पर भी सरकार ने विचार किया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से प्रमोशन के साथ आरक्षित वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों पर डिमोशन का खतरा भी मंडरा रहा है. अब देखना ये है कि सरकार इस मामले का किस प्रकार पटाक्षेप करती है.
एक साथ नहीं मिलेगा डबल प्रमोशन
जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को पदोन्नति मिले 8 साल से अधिक का समय बीत चुका है, या फिर जिन्होंने साल 2014-15 के बाद ज्वाइन किया और उनकी समयावधि 8 साल पूरी हो चुकी है. ऐसे कर्मचारियों-अधिकारियों को डबल प्रमोशन का लाभ सरकार देगी. हालांकि मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है, कि कर्मचारियों को डबल प्रमोशन का लाभ तो मिलेगा, लेकिन एक साथ नहीं. बल्कि सरकार की मंशा है कि इस वर्ष एक प्रमोशन देने के बाद दूसरा प्रमोशन उनको अगले वर्ष दिया जाए. जिससे कर्मचारियों की कमी न हो.
इन कर्मचारियों पर लटकी डिमोशन की तलवार
सपाक्स संगठन के प्रदेश अध्यक्ष केएस तोमर ने बताया कि "साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने का नियम बनाया था. इस नियम के तहत साल 2016 तक प्रदेश में आरक्षित वर्ग के कई अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रमोशन हुए. इससे आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को काफी फायदा हुआ, लेकिन ओबीसी समेत वो कर्मचारी-अधिकारी जो अनारक्षित वर्ग में थे, वो प्रमोशन में पीछे छूटते गए और उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.जिसमें कोर्ट ने तथ्यों पर विचार करने के बाद इस पदोन्नति प्रक्रिया को रद्द कर दिया. लेकिन इस बीच आरक्षित वर्ग के जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति मिली है, ऐसे लोगों को डिमोशन का खतरा भी बना हुआ है."
हाई कोर्ट भी सुना चुका है फैसला
केएस तोमर ने बताया कि "पदोन्नति में आरक्षण नियम 2002 लागू होने के बाद से अब तक प्रदेश के 60 हजार से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ मिल चुका है, लेकिन जब इसे हाईकोर्ट 2016 में रद्द कर चुका है, तो ऐसे में इसकी वैधता कितनी है. तोमर ने बताया कि अभी मध्य प्रदेश में प्रमोशन का कोई नियम नहीं है, इसलिए ठीक है, लेकिन जैसे ही सरकार नए नियम बनाएगी, जो कर्मचारी गलत तरीके से प्रमोशन का लाभ ले रहे हैं. उनको डिमोशन करना होगा.हाईकोर्ट ने भी 31 मार्च 2024 के आदेश में कहा है कि 2002 के नियम के आधार पर जिन एससी-एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ मिला है. उन सभी का डिमोशन किया जाएग. हालांकि सरकार ऐसा करने से बचना चाहती है, इसलिए नए नियमों को ऐसा बना रही है. जिससे सबको समान रुप से पदोन्नति का लाभ मिल सके.
यूपी-उत्तराखंड में डिमोट, पंजाब-हरियाणा में क्रीमीलेयर बाहर
उच्च न्यायालय ने पदोन्नति को लेकर अपने आदेश में कहा है कि जब तक स्टेटस की यथा स्थिति है, तब तक ना डिमोट होंगे और ना ही प्रमोट किया जाएगा, लेकिन जिस दिन स्टेटस बैकेंड हो जाएगा, यथा स्थिति खत्म हो जाएगी. उसी दिन डिमोट करना पड़ेगा. यूपी और उत्तराखंड में भी बाद में गलत पदोन्नति नियम के कारण आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को डिमोट किया गया.केएस तोमर ने बताया कि सपाक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि पदोन्नति में आरक्षण के नियम में क्रीमीलेयर को शामिल नहीं करना चाहिए. ऐसे ही मामले में पंजाब और हरियाणा में पदोन्नति के दौरान क्रीमीलेयर को आरक्षण का लाभ देने से वंचित किया गया है.
पदोन्नति में आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट गई सरकार
अजाक्स के प्रदेश प्रवक्ता ने विजय शंकर श्रवण ने मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की जा रही प्रमोशन प्रकिया को लेकर साधुवाद जताया है. साथ ही कहा है कि राज्य सरकार वंचित समूह के अधिकारियों और कर्मचारियों के पक्ष में है. इसीलिए हाईकोर्ट में पदोन्नत में आरक्षण नियम रद्द होने के बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है. शंकर श्रवण ने बताया कि गोरकेला कमेटी ने पदोन्नति को लेकर साल 2017 में प्रस्ताव तैयार किया था.वह अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग सभी के हितों को समाहित करके तैयार किया गया था. गोरकेला कमेटी द्वारा बनाया गया नियम, स्थाई राहत देने वाला दस्तावेज है. इसे वैधानिक चेतावनी नहीं दी जा सकती है.