मध्य प्रदेश
बांधवगढ़ में शावकों के साथ नजर आ रहीं बाघिन, आखिर बच्चों को कैसे सिखाते हैं शिकार के गुर
30 Mar, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उमरिया : जिले का बांधवगढ़ एक ऐसा टाइगर रिजर्व है, जहां ज्यादातर पर्यटक सिर्फ और सिर्फ इसलिए आते हैं, कि यहां पर सफारी के दौरान बड़ी आसानी से बाघों के दीदार हो जाते हैं, क्योंकि पूरे मध्य प्रदेश में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ही ऐसा है, जहां बाघों की संख्या बहुत ज्यादा है. पिछले कुछ महीने से देखने को मिल रहा है कि बांधवगढ़ में बाघिन के साथ शावक भी नजर आ रहे हैं. ऐसे कई वीडियो वायरल भी हुए हैं. पर्यटकों ने ही इस तरह के वीडियो बनाकर वायरल किए हैं. जिसमें बाघिन अपने शावकों के साथ जंगल में भ्रमण कर रही हैं. कहा जा रहा है कि बाघिन अपने बच्चों को शिकार के गुर सिख रही है, साथ ही जंगल के नियम कायदे बता रही है.
बाघिन के बच्चों के साथ वीडियो वायरल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अभी हाल ही में मार्च महीने में कई ऐसे वीडियो वायरल हुए, जिसमें बाघिन अपने शावकों के साथ नजर आई. कुछ दिन पहले बफर वाली बाघिन अपने शावकों के साथ नजर आई थी, तो इसके बाद सिद्ध बाबा बाघिन भी अपने शावकों के साथ दिखाई दी थी. यह सभी वीडियो जमकर वायरल भी हुए थे. जिसके बाद से ही इन वीडियो को देखने वालों का यही मानना है कि यह बाघिन अब अपने शावकों को जंगल के नियम कायदे और शिकार करने के तरीके सिखा रही है. इसीलिए आजकल ये बाघिन भी खूब अपने शावकों के साथ नजर आ रही है.
शिकार के लिए ऐसे देती है ट्रेनिंग
आखिर एक बाघिन अपने बच्चों को शिकार के लिए कैसे ट्रेंड करती है, तो आपको बता दें कि बाघिन भी बहुत नियम कायदों और अनुशासन के साथ अपने बच्चों को इसकी ट्रेनिंग देती है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा बताते हैं, "पैदा होने से 3 महीने तक तो एक बाघिन जो मां होती है, अपने बच्चों को बाहर ही नहीं लाती है. बहुत सुरक्षात्मक तरीके से उसकी केयर करती है और सुरक्षा में कोई भी ऐसी कमजोरी नहीं रहती है, जिससे ये बच्चे शिकारी के हाथ लग जाए. उस दौरान बाघिन बहुत खूंखार और अटैकिंग मोड में रहती है. बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है.
लगभग 3 महीने जब हो जाते हैं, उसके बाद वो अपने बच्चों को एक्टिविटी करना सिखाना शुरू करती है. 6 महीने तक तो वह खुद ही शिकार करके लाएगी और उसे छिपा कर रखेगी. बच्चों को बुलाकर उन्हें शिकार खिलाएगी या शिकार के पास वहां पर लेकर जाएगी. लगभग 6 महीने के बाद 1 साल तक शिकार करने के लिए शावकों को साथ में लेकर जाने लगती है. इस दौरान बाघिन उन्हें शिकार करने के जरूरी कौशल सिखाती है. जैसे शिकार का चतुरता और सतर्कता के साथ पीछा करना, झपट्टा मारना, फुर्ती से शिकार के ऊपर चढ़ना जैसे-जैसे शावक इस दौरान बड़े और तंदुरुस्त होते जाते हैं. वो इसका सतत अभ्यास करते रहते हैं. बाघिन उन्हें ले जाकर उनके सामने शिकार करती है.
शावक उस एक्टिविटी को साथ में करते हैं और शिकार करने की ट्रेनिंग लगातार लेते रहते हैं. इस 6 महीने से 1 साल की अवधि में बाघिन बच्चों के सामने ही अधिकतर शिकार करती है. जब बच्चे भी साथ होते हैं और जब लगभग एक साल के ऊपर का वक्त हो जाता है, शावक मजबूत हो जाते हैं. तो बाघिन शिकार के लिए बच्चों को आगे कर देती है. वो खुद पीछे रहती है, ज्यादातर केस में इस अवधि में शावकों को ही शिकार करना होता है. बाघिन सिर्फ सपोर्ट के तौर पर रहती है या फिर कहीं बैठ जाती है. इस तरह से शावक धीरे-धीरे प्रकृति के अनुरूप ढल जाते हैं. एक अच्छे शिकारी बाघ की तरह अपने भोजन के लिए शिकार करना सीख जाते हैं. धीरे-धीरे प्रैक्टिस कंटिन्यू प्रक्रिया में होता रहता है.
बाघिन को ही रखना होता है बच्चों का ख्याल
वन्य प्राणी विशेषज्ञों की माने तो बाघों की दुनिया भी बिल्कुल अलग होती है. बाघ के बच्चों के संपूर्ण परवरिश की जिम्मेदारी शिकार से लेकर जंगल के नियम कायदे तक सिखाने की जिम्मेदारी मां बाघिन पर ही होता है. बच्चों को किसी भी खतरे से बचाने की जिम्मेदारी, ये सब कुछ बाघिन पर होता है. एक तरह से कहें तो मां बाघिन ही इनकी लीडर होती है. बाघ शांतिप्रिय प्राणी होता है, वो अकेले ही अपनी टेरिटरी में इधर-उधर भटकने लगता है. मादा बाघिन को ही शावक पैदा होने इन बच्चों की देखभाल करनी होती है.
बाघिन अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत कुछ करती है. अगर उसे थोड़ा भी महसूस होता है कि वो क्षेत्र सुरक्षित नहीं है, तो वो सुरक्षित जगह पर अपने बच्चों को लेकर चली जाती है. अपनी नजरों से बहुत कम समय के लिए ही बच्चों को ओझल होने देती है और सुरक्षित स्थान पर रखती है. शावकों के बढ़ती उम्र के साथ ही बाघिन अपने बच्चों को जंगल के नियम कायदे सिखा देती है. लगभग डेढ़ से 2 साल की उम्र का होने के बाद वो जंगल में आजादी के साथ घूमने लगता है.
मोहन यादव का फैसला और खत्म हुए बेरोजगार, एक बैन से एमपी हुआ अन एम्प्लॉयमेंट मुक्त!
30 Mar, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश में बेरोजगारों के नए नामकरण आकांक्षी युवा पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. कांग्रेस सवाल उठा रही है कि क्या आकांक्षी युवा कह देने से बेरोगजार नौजवान का रोजगार का संकट हल हो जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि " अब मध्य प्रदेश में बेरोजगार नौजवानों को आकांक्षी युवा कहा जाएगा. सरकार के इस नामकरण के पीछे सकारात्मकता की सोच है." मुख्यमंत्री ने कहा, " अब प्रदेश में नौजवानों को उद्यम से और स्वावलम्बी बनाकर रोजगार से जोड़ा जाएगा. 21 लाख नौजवानों को रोजगार प्राप्त होगा."
बेरोजगार से आकांक्षी युवा, बदलेगा क्या क्या?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुताबिक मध्य प्रदेश में बेरोजगारी का हल केवल सरकारी नौकरियों से नहीं निकल सकता है. उनका कहना है कि "सरकारी नौकरियों में सीमित प्रतिशत है, जहां इन युवाओं के रोजगार का हल नहीं निकाला जा सकता. लेकिन उद्यम के जरिए और रोजगार सृजित करने वाला बनकर रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं." उन्होंने कहा कि "जो अभी ग्लोबल इन्स्टर्स समिट भोपाल में हुई और उसमें 30 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव पास हुए हैं. इन प्रस्तावों से ये अनुमान है कि मध्य प्रदेश में आ रही बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ 21 लाख से ज्यादा नए रोजगार खड़े होंगे. फार्मिंग अब नौजवानों के सामने नया मैदान है.
समस्या का नाम बदलने से समस्या हल कैसे होगी
कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा, " ये बात समझ से परे है कि किसी समस्या का नाम बदल देने से होगा क्या?, क्या ये समस्या हल हो जाएगी. मतलब सरकार सच्चाई से सामना करना ही नहीं चाहती है. दिसम्बर से अभी तक बेरोजगारों की संख्या में बढ़ी ही है. अब जीआईएस का झुनझुना हाथ में थमाया जा रहा है. आप बेरोजगार कहें या आकांक्षी युवा. नौजवान के हाथ में नौकरी होनी चाहिए थी, जिसमें नाकाम रही है बीजेपी की सरकार.
आकांक्षी युवाओं के सामने खुले संभावना के द्वार
भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल कहते हैं कि "आकांक्षी युवा एक सकारात्मक शब्द है. इसी सकारात्मक सोच से नौजवानों की बेहतरी के लिए आगे बढ़ रही है मोहन सरकार. सरकारी नौकरियों में जितनी संभावनाएं बनेंगी वह प्रयास तो है ही. सरकार का प्रयास ये है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बाद कैसे इन नौजवानों को देश की बड़ी कंपनियों में रोजगार मिले. ये नौजवान खुद अपना उद्यम खड़ा कर सकें. वे अपने कौशल से नए रोजगार सृजित कर सकें इतना सक्षम उन्हें बनाया जाएगा."
मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की आंकड़ा
अगर मध्य प्रदेश में बेरोजगारी के आंकड़े को देखें तो 2024 जुलाई में मध्य प्रदेश में 25 लाख 82 हजार नौजवानों के पास रोजगार नहीं था. दिसम्बर तक ये आंकड़ा बढ़कर 26 लाख 17 हजार पर पहुंच गया और अब 2025 में मध्य प्रदेश के बेरोजगारों की संख्या करीब 29 लाख 36 हजार से ज्यादा है.
व्यावसायिक शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ीं: लोक शिक्षण संचालनालय ने ने दिए छह हजार शिक्षकों को हटाने के आदेश
29 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ाने वाला एक आदेश लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी किया गया है। विभाग ने प्रदेश के करीब 6 हजार व्यावसायिक शिक्षकों को हटाने का आदेश दिया है। दरअसल, लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहे करीब 6 हजार व्यावसायिक शिक्षकों को हटाने के निर्देश दिए हैं। व्यावसायिक शिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल 2025 तक ही उपलब्ध रहेंगी।
आदेश जारी
भोपाल के गौतम नगर स्थित लोक शिक्षण संचालनालय ने माध्यमिक शिक्षा मध्य प्रदेश के सत्र 2024-25 में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवाओं के संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि, इस कार्यालय और सभी कार्यरत वीपीटी के बीच किए गए अनुबंध के आधार पर यह स्पष्ट किया जाता है कि आपके द्वारा विद्यालय में उपस्थित सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल 2025 तक बनी रहेंगी। शेष निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
आदेश में कही गई ये खास बात
इन शिक्षकों की नियुक्ति पिछले साल हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई थी। अब अचानक उनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। फिलहाल सिर्फ हटाने का आदेश है। आदेश में लिखा है कि बाकी निर्देश आगे जारी किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश में आबकारी विभाग के टूटे आंकड़े, 5 साल में सबसे ज्यादा सरकार को मिला राजस्व, बड़े जिलों में 22% से अधिक ग्रोथ हुई
29 Mar, 2025 07:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: साल 2024 - 25 की तुलना में मध्य प्रदेश आबकारी विभाग से ज्यादा रेवेन्यू मिला है. साल 2025 26 में 22 % से अधिक रिवेन्यू के साथ दुकानों की नीलामी हुई है. सबसे ज्यादा बड़े शहरों में सरकार को राजस्व मिलने की भी उम्मीद है. आबकारी विभाग के पिछले 5 साल के आंकड़े रेवेन्यू के मामले में टूट गए हैं. मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से नई दुकानों का आवंटन शुरू हो जाएगा.
धार्मिक स्थान पर शराबबंदी के बाद भी राजस्व नहीं घटा
आबकारी विभाग की नई पॉलिसी के मुताबिक मध्य प्रदेश में 17 धार्मिक स्थलों शराबबंदी के बाद भी राजस्व का आंकड़ा कम नहीं हुआ है. 1 अप्रैल से इन धार्मिक स्थान पर शराब न पहुंचे इसके लिए आबकारी विभाग ने क्या रणनीति तैयार की है यह तो समय के गर्भ में छुपा है लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आम जनता की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए धार्मिक नागरियों में की शराब बंद आबकारी कमिश्नर ने ठेकेदारों द्वारा शराब ब्लैक किए जाने की मनसा को समझ कर किए निर्देश जारी, नई ठेकेदारों को ही मिल सकेगी शराब सरकार के रेवेन्यू बढ़ाने के साथ-साथ ठेकेदारों पर भी सख्ती की गई है. आबकारी कमिश्नर ने ब्लैक में शराब बेचने की योजना बनाने वाले ठेकेदारों को स्टांप ड्यूटी भर के शराब लेने पर पाबंद लगा दिया. जिनकी पुरानी ड्यूटी जमा थी. माना जा रहा था कि धार जिले के आसपास के घर की शराब लेकर दूसरे राज्यों में सप्लाई करने की तैयारी कर रहे थे. इसी बीच नए आदेश दिए उनके कारनामे पर पानी फेर दिया. वहीं एक अप्रैल से लागू होने वाली नई आबकारी नीति में शराब दुकानों के लिए लाइसेंस लेने वाले ठेकेदारों को बैंक गारंटी सिर्फ ई-बैंक गारंटी के रूप में ही मिलेगी. इसके माध्यम से ही शराब दुकानों का आवंटन किया गया है. ई-बैंक गारंटी की वैधता अवधि कम से कम 30 अप्रैल 2026 तक होगी. इसके लिए एफडी स्वीकार नहीं की जाएगी और पहले से जमा एफडी का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा. जो ई-बैंक गारंटी दी जाएगी उसका कहीं और प्रयोग नहीं किया जा सकेगा.
दुकानों को कहीं शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा
नई आबकारी नीति में कहा है कि 13 नगरीय निकायों और 6 ग्राम पंचायतों में एक अप्रैल से शराब दुकानों का संचालन नहीं किया जाएगा. यहां किसी भी प्रकार के बार और वाइन आउटलेट के लाइसेंस एक अप्रैल 2025 से नहीं दिए जाएंगे. इनके संचालन की भी अनुमति नहीं होगी. यहां की दुकानों को कहीं शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा.
इन टॉप जिलों में सबसे ज्यादा रेवेन्यू वाली दुकानें
मध्य प्रदेश में 10 टॉप जिले हैं. जहां सबसे ज्यादा सरकार को रेवेन्यू मिला है. 22% से ज्यादा रेवेन्यू सरकार को मिला है. बुरहानपुर, भोपाल ,रायसेन टीकमगढ़ मुरैना,पन्ना, अनूपपुर सागर ,कटनी,अलीराजपुर ,बैतूल सहित अन्य जिले भी शामिल है. जहां सरकार को अधिक मात्रा में रेवेन्यू मिला है.
इस बार ईद पर भोपाल सेंट्रल जेल में बंद मुस्लिम कैदियों को अपने परिजनों से मिलने की इजाज़त नहीं, मुलाकात से रोक हटाने की मांग
29 Mar, 2025 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: भोपाल सेंट्रल जेल में इस बार ईद पर मुस्लिम कैदियों को अपने परिवार वालों से खुलकर मिलने का मौका नहीं मिलेगा। जेल प्रशासन ने जेल में चल रहे निर्माण कार्य को इसका कारण बताया है। इस फैसले से कैदियों और उनके परिवार वाले नाराज हैं। हर साल राखी, ईद और दीपावली जैसे त्योहारों पर कैदियों को अपने परिवार वालों से खुलकर मिलने दिया जाता था। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है और जेल डीजी को पत्र लिखा है। वहीं, भाजपा नेता अजय सिंह यादव ने जेल प्रशासन के फैसले को सही ठहराया है। उनका कहना है कि जेल में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
भाजपा नेता अजय सिंह यादव ने इस बारे में कहा कि भोपाल सेंट्रल जेल में कई गंभीर अपराधी बंद हैं। कैदियों की सुरक्षा के लिए और गंभीर कैदी स्थिति का फायदा उठाकर भाग न जाएं, इसके लिए जेल प्रबंधन ने यह नियम बनाया है।कांग्रेस पार्टी का रवैया गैरजिम्मेदाराना है और वह बेकार की राजनीति करती है। जब जेल में स्थिति सामान्य हो जाएगी तो पहले की तरह विशेष मुलाकात का प्रावधान होगा।
3500 से ज्यादा कैदी मौजूद
सेंट्रल जेल में अभी 3500 से ज्यादा कैदी हैं। जेल के अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया कि जेल में निर्माण कार्य चल रहा है। इसलिए इस बार ईद पर खुली मुलाकात नहीं हो पाएगी। हालांकि, सामान्य मुलाकात की व्यवस्था जारी रहेगी।
कांग्रेस विधायक की नाराजगी
इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जेल डीजी को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि पिछले 40-45 सालों से त्योहारों पर खुली मुलाकात की परंपरा रही है। इस दौरान कभी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। यह व्यवस्था न केवल मुस्लिम परिवारों, बल्कि दूसरे धर्मों के लोगों को भी अपने रिश्तेदारों से मिलने का मौका देती है।
जेल डीजी को लिखा मुस्लिम विधायक ने लेटर
इस फैसले के खिलाफ भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जेल डीजी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा, "पिछले 40-45 वर्षों से त्योहारों पर खुली मुलाकात की परंपरा रही है और इस दौरान कभी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. यह व्यवस्था न केवल मुस्लिम परिवारों, बल्कि बहुसंख्यक समुदाय के परिजनों को भी अपने रिश्तेदारों से मिलने का अवसर देती है. जेल प्रबंधन के इस फैसले से बंदियों और उनके परिवारों में रोष है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ईद पर खुली मुलाकात की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए."
यह पहली बार है जब जेल प्रशासन ने निर्माण कार्य का हवाला देकर त्योहार पर खुली मुलाकात को प्रतिबंधित किया है. इस निर्णय ने शहर में चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है और लोग इस परंपरा को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं. अब सबकी नजरें डीजीपी के जवाब और आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।
FSSAI ने किये लाइसेंसिंग नियमो में बदलाव, किसी भी संशोधन के लिए 'पेन कार्ड' अनिवार्य
29 Mar, 2025 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर: अभी तक खाद्य व्यापारी अपना टर्नओवर कम बताकर रजिस्ट्रेशन के दायरे से बच जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। इसे रोकने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने नियमों में बदलाव करते हुए पैन कार्ड को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है।
लाइसेंस के लिए करना होगा नया आवेदन
नए नियमों में खाद्य व्यापारियों के लिए अब लाइसेंस के नए आवेदन, नवीनीकरण या संशोधन के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। खाद्य व्यापारियों को इसे जमा करना होगा। पैन कार्ड से लिंक करने का नया नियम FSSAI ने 13 नवंबर 2024 को आदेश जारी कर जारी किया था, अब इसे लागू कर दिया गया है। वर्तमान में ग्वालियर शहर में करीब 16 हजार पंजीकृत खाद्य व्यापारी काम कर रहे हैं।
खाद्य व्यापारियों को अब यह करना होगा
FSSAI लाइसेंस के नए आवेदन, नवीनीकरण या संशोधन के लिए अब पैन अनिवार्य है।
मॉडीफिकेशन टैब के तहत नॉन-फॉर्म सी लाइसेंस मॉडिफिकेशन (निःशुल्क) के जरिए अपनी पैन जानकारी अपडेट करें।
FSSAI से नियमित अपडेट और अलर्ट प्राप्त करने के लिए, उपयोगकर्ता प्रोफ़ाइल अनुभाग के अंतर्गत अपने संपर्क विवरण रखें।
किसी भी समस्या के मामले में, व्यापारी हेल्पलाइन नंबर 1800112100 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
इस तरह से कर सकते हैं पैन कार्ड लिंक
इसके लिए खाद्य व्यापारियों को FSSAI के FOSCOSS.FSSAI.GOV.IN पोर्टल पर जाना होगा। होम पेज पर रजिस्ट्रेशन में जाकर KOB लिस्ट पर क्लिक करें। इसके बाद आपको एलिजिबल KOB पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपको चेकबॉक्स में पैन कार्ड की जानकारी सबमिट करनी होगी। इसके बाद आपको मोबाइल नंबर और आधार की जानकारी भी भरनी होगी।
अपने वाहन से सफर करना पड़ेगा अब महंगा, 1 अप्रैल से लागू होंगी नई टोल दरे, NHAI ने जारी की डिटेल
29 Mar, 2025 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: प्रदेश में अपने वाहन से सफर करना अब अगले महीने से महंगा हो जाएगा। जी हां, अब प्रदेश के चार शहरों के लिए टोल टैक्स महंगा होने जा रहा है। जी हां, इंदौर-अहमदाबाद, इंदौर-देवास और देवास-ब्यावरा के बीच सफर करना महंगा होने जा रहा है। आपको बता दें कि 1 अप्रैल से लागू होने वाली टोल दरें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI ने जारी कर दी हैं। 29 जनवरी तक कारों के लिए टोल दरें 65 रुपए थीं। अब इसमें 35 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह टैक्सी, मिनी बस और अन्य हल्के मालवाहक वाहनों के लिए जनवरी में 105 रुपए टोल देना पड़ता था, जो बढ़कर 160 रुपए हो गया है। इसके अलावा बसों और ट्रकों के लिए यह दर 225 रुपए थी, जो बढ़कर 340 रुपए हो गई है। इसमें भी दो बार बढ़ोतरी की गई है।
इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर एमपी में 3 जगहों पर टोल वसूला जा रहा है
इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर मध्य प्रदेश में तीन जगहों पर टोल वसूला जाता है। इसके बाद गुजरात बॉर्डर पर टोल वसूला जाता है। इन तीनों जगहों पर बेटमा के पास मेठवाड़ा, धार से आगे दत्तीगांव और नए बने माछलिया घाट पर टोल की दरें 5 से बढ़ाकर 10 रुपए कर दी गई हैं। वहीं, आगरा-मुंबई रोड के देवास-ब्यावरा सेक्शन पर दो टोल नाकों रोजवास और छपरा पर टोल की दरें 5 से बढ़ाकर 15 रुपए कर दी गई हैं। इस रूट पर एमपीआरडीसी का भी टोल है, जिसका नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं हुआ है। इसके अलावा खंडवा और मुंबई साइड पर हाईवे की टोल दरों में अक्टूबर में बदलाव होता है।
इन रूट पर कोई बदलाव नहीं
जानकारी के मुताबिक, हालांकि एनएचएआई की ओर से कुछ टोल पर टैक्स बढ़ाया गया है। लेकिन इंदौर-देवास रूट पर कार चलाने वालों को राहत मिलेगी। एबी रोड पर मांगलिया स्थित टोल से कौन गुजरेगा। आपको बता दें कि यह राहत सिर्फ कार या जीप से यात्रा करने वालों के लिए होगी। क्योंकि इन वाहनों पर लगने वाले टोल में एकतरफा यात्रा के लिए दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बल्कि बस या ट्रक के लिए टोल 5 रुपए बढ़ाकर 65 रुपए कर दिया गया है। आपको बता दें कि इस सूची के अनुसार इंदौर-देवास बायपास पर बने टोल पर कार चालकों को 65 रुपए चुकाने होंगे, जबकि बस या ट्रक चालकों को 220 रुपए चुकाने होंगे।
इंदौर-अहमदाबाद रूट
आपको बता दें कि नए रूट में इंदौर-अहमदाबाद रूट पर मेहतवाड़ा टोल पर भी टैक्स में बदलाव किया गया है। अगर आप कार से यहां जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 160 चुकाने होंगे, जबकि ट्रक और बस चालकों को 505 रुपए चुकाने होंगे। इसके अलावा दत्तीगांव टोल पर कार या जीप को 140 रुपए, जबकि ट्रक या बस को 445 रुपए चुकाने होंगे। बता दें कि अगर आप देवास होते हुए ब्यावरा जाना चाहते हैं तो अब आपको छपरा और रोजवास दोनों टोल पर मिलाकर कार के लिए 235 रुपए टैक्स देना होगा। 1 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें: बता दें कि इसके लिए जारी की गई नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। यानी नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2023-24 से आपको अपनी जेब खाली करनी पड़ेगी। गौरतलब है कि इंदौर-खलघाट टोल की दरें जुलाई में बढ़ाई जानी हैं, जबकि इसके साथ ही इंदौर-उज्जैन की दरें इसके तीन महीने बाद यानी अक्टूबर में ही बदल जाती हैं।
मोहन सरकार का बड़ा एक्शन एक बार फिर 32 आइएएस को मिलेगी नई जिम्मेदारी, कई पद से हटेंगे
29 Mar, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: आने वाले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश में एक बार फिर बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होने वाली है। इसमें सरकार करीब 32 आईएएस अफसरों को नई जिम्मेदारी देने की तैयारी में है, वहीं मंत्रालय के कई विभागों को स्वतंत्र अफसर भी मिलेंगे। इस फेरबदल में सरकार ने एसीएस, पीएस, सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टरों के पिछले एक साल के कामकाज को आधार बनाने की योजना बनाई है। इसमें जिन अफसरों के कामकाज के नतीजे अच्छे रहे हैं और सरकार को केंद्रीय स्तर, 16वें वित्त आयोग की प्रेजेंटेशन मीटिंग और अन्य स्तरों पर सराहना मिली है, उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, बदनामी कराने वालों से पद छिनना तय है।
12 बड़े विभागों का कार्यभार
सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही राज्य को स्वतंत्र कृषि उत्पादन आयुक्त और कर्मचारी चयन बोर्ड का अध्यक्ष देने की तैयारी में है। वर्तमान में कृषि उत्पादन आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार वन विभाग के एसीएस अशोक बरनवाल के पास है और कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष का अतिरिक्त दायित्व सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस संजय दुबे के पास है, जबकि पीडब्ल्यूडी जैसे 12 बड़े विभागों का काम भी प्रभार पर चल रहा है।
जिलों और संभागों में भी बदलाव संभव
प्रदेश के कुछ जिलों के कलेक्टर और संभागों के संभागायुक्त भी बदले जाने हैं। इस बदलाव के कई कारण होंगे। जिसमें जिलों में होने वाली बड़ी घटनाओं को न संभाल पाना, प्रशासनिक चूक के कारण घटनाएं होना, नेताओं की वास्तविक नाराजगी बार-बार सामने आना, खनिज माफिया और अपराधियों के कारनामे उजागर होना, विभिन्न स्तरों पर कमियों के कारण विपक्ष को मुद्दे मिलना जैसे बिंदु अहम हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार ने ऐसे ही कुछ बिंदुओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। सूत्रों के अनुसार सरकार जल्द ही इन बड़े पदों और विभागों में पोस्टिंग के लिए काम के आधार पर ग्रेडिंग सिस्टम अपनाएगी।
पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक अस्पताल बनेगी प्रदेश की पहली आधुनिक आयुर्वेदिक फार्मेसी, साल के अंत तक होगी शुरू
29 Mar, 2025 12:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: कलियासोत पहाड़ी स्थित पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक अस्पताल अपनी जरूरत की दवाइयां बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां प्रदेश की पहली आधुनिक आयुर्वेदिक फार्मेसी का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे इस साल के अंत तक शुरू करने की योजना है।यह फार्मेसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी और इसमें जड़ी-बूटियों के प्रसंस्करण, दवाओं की गुणवत्ता जांच, स्वच्छ भंडारण और सीधे वितरण की सुविधा होगी। इस तरह आम लोगों तक पहुंचेगी दवा यह आयुर्वेदिक फार्मेसी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को सीधे दवा उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा अस्पताल के जरिए प्रदेश भर के सरकारी आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों और दवा वितरण केंद्रों पर भी दवाएं भेजी जाएंगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इसका लाभ मिल सके।
प्रचार-प्रसार की रणनीति
अस्पताल प्रशासन आयुर्वेदिक दवाओं के लाभ और उपयोगिता को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाएगा। इसमें निशुल्क स्वास्थ्य शिविर, सामाजिक संगठनों की मदद से जनसभाएं और इंटरनेट मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक कार्यशालाएं और सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे।
दवाओं की कीमत और सुलभता
अस्पताल प्रशासन के अनुसार यहां बनने वाली आयुर्वेदिक दवाएं बाजार दर से काफी सस्ती होंगी। चूंकि दवाएं अस्पताल में ही बनेंगी, इसलिए बिचौलियों का शुल्क बचेगा, जिससे मरीजों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिलेंगी। दवा निर्माण में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की देखरेख में उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए विदेशी उपकरण खरीदे जाएंगे।
इनका कहना है
फार्मेसी भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके बाद उपकरणों की स्थापना और अन्य जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। हमारा लक्ष्य इस साल के अंत तक फार्मेसी शुरू करना है। इस पहल से प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्सा को नई ताकत मिलेगी, जिससे मरीजों को न सिर्फ शुद्ध और कारगर दवाएं मिलेंगी, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा के शोध और विकास में भी तेजी आएगी। डॉ. उमेश शुक्ला, डीन, शासकीय पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज।
महिला कॉन्स्टेबल का आरोप: कर्नल ने शादी का झांसा देकर बनाए शारीरिक संबंध, FIR कराई दर्ज
29 Mar, 2025 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: भोपाल में शादी का झांसा देकर महिला पुलिस कांस्टेबल के साथ संबध बनाने के आरोप में एक लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पुलिस ने शुक्रवार को मामले की जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण प्रताप सिंह के खिलाफ 42 वर्षीय पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. FIR के मुताबिक आरोपी ने पीड़िता को धमकी दी थी कि अगर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो वह उसे नुकसान पहुंचाएगा. भोपाल पुलिस की महिला सुरक्षा सहायक आयुक्त निधि सक्सेना ने संपर्क करने पर कहा कि आरोपी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल है और हमने उसकी यूनिट को मामले के बारे में जानकारी दे दी है.
2012 में पहली बार मुलाकात हुई
निधि सक्सेना ने कहा कि अगर वह पूछताछ के लिए आते हैं तो ठीक है. वरना गिरफ्तारी करनी होगी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि शादी का झांसा देकर महिला से शारीरिक संबंध बनाने और फिर अपने वादे से मुकर जाना रेप की कैटेगरी में आता है. भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल पद पर तैनात शिकायतकर्ता के मुताबिक उसकी पहली मुलाकात लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण प्रताप सिंह से 2012 में हुई थी. तब उसने दावा किया था कि वह कुंवारा है और सेना की कैंटीन में तैनात है.
शादी टालनी शुरू कर दी
महिला ने दावा किया कि सैन्य अधिकारी ने 25 दिसंबर 2012 को उसे भोपाल में मौजूद अपने घर बुलाया और शादी का वादा कर उसके साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए. पीड़िता ने बताया कि 2013 में उसे पता चला कि सैन्य अधिकारी पहले से ही शादीशुदा है. जब उसने वरुण प्रताप सिंह से उसकी शादी के बारे पूछा तो उसने कहा कि वह अपनी पत्नी को तलाक देने वाला है. इसके बाद उसने किसी न किसी बहाने से पीड़िता के साथ शादी टालनी शुरू कर दी और अपने माता-पिता के बीमार होने जैसी कहानियां गढ़ने लगा.
मारने की देता था धमकी
तहरीर के मुताबिक पिछले महीने उसे पता चला कि वरुण प्रताप सिंह और महिलाओं के साथ भी संबंध में है और उनसे भी उसने शादी का वादा किया था. जब महिला पुलिस कांस्टेबल ने वर्तमान में आर्मी सर्विस कोर (मैकेनाइज्ड ट्रांसपोर्ट) बटालियन में तैनात वरुण प्रताप सिंह से कॉन्टेक्ट किया और उसके संबंधों के बारे में पूछा, तो उसने बहस करनी शुरू कर दी और कहा कि वह अभी उससे शादी नहीं करेगा. महिला ने बताया कि वरुण ने मुझसे कहा कि अगर मैंने शिकायत दर्ज कराई तो वह मुझे मार देगा.
छात्रों ने विश्वविद्यालय से मांगी न्याय की मांग, परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप
29 Mar, 2025 09:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय हमेशा ही चर्चाओं में बना रहता है। ताजा मामला भैरुंदा शासकीय महाविद्यालय के 48 में से 42 विद्यार्थियों को एक ही पेपर में फेल किए जाने को लेकर सामने आया है। हैरानी की बात तो यह है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने एक ऐसी छात्रा को इस विषय में पास कर दिया है, जो पेपर देने के लिए महाविद्यालय पहुंची ही नहीं थी। महाविद्यालय के रिकॉर्ड में भी छात्रा उस दिन गैरहाजिर है।
विद्यार्थियों को इसकी जानकारी परीक्षा परिणाम आने के बाद लगी तो उन्होंने तत्काल इस मामले में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलसचिव के नाम एक ज्ञापन एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी और महाविद्यालय के प्राचार्य भारत सिंह हरियाले को सौंपा। एक सप्ताह का समय बीतने के बावजूद इस मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस संबंध में एमएससी जूलॉजी तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी क्षमा राजपूत, स्वाति पंवार, नेहा कुशवाह, सत्यम ठाकुर, ललित यादव, विपुल कुशवाह ने बताया कि एमएससी जूलॉजी तृतीय सेमेस्टर के एक विषय कशेरुकी प्राणियों की तुलनात्मक शरीर रचना विज्ञान की परीक्षा बीते 10 दिसंबर 2024 को प्रथम पाली में संपन्न हुई थी। परीक्षा में 48 में से 47 छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए थे। एक छात्रा निरिशा पंवार महाविद्यालय पेपर देने नहीं आई थी। बीते 13 मार्च को आए परीक्षा परिणाम में 42 विद्यार्थियों को बरकतउल्लाह विश्वाविद्यालय के द्वारा कशेरुकी प्राणियों की तुलनात्मक शरीर रचना विज्ञान विषय में फेल कर दिया गया, लेकिन अनुपस्थित छात्रा इस विषय में पास हो गई। इस मामले में सभी विद्यार्थियों ने एकत्रित होकर परीक्षा परिणाम फिर से चेक करने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के द्वारा की गई गलती का खामियाजा हमें भुगतना पड़ेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुल सचिव से पेपर की कॉपी जांच कराने की मांग की है।
एक ही विषय में 48 में से 42 फेल, अनुपस्थित छात्रा कैसे हुई पास
महाविद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के बाद मामला उभरकर सामने आया है। बीती 20 मार्च को ज्ञापन दिए जाने के बावजूद अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के द्वारा दिए गए रिजल्ट के बाद शक और अधिक गहरा गया है। विद्यार्थियों की माने तो 48 में सें 42 विद्यार्थी फेल हुए हैं। मात्र 6 विद्यार्थियों को पास किया गया है। फेल हुए सभी विद्यार्थियों के अंक लगभग समान हैं, जबकि पेपर में अनुपस्थित रहने वाली छात्रा को उक्त विषय में पास कर दिया गया है। सवाल यह उठता है कि जब महाविद्यालय के रिकॉर्ड में छात्रा अनुपस्थित है और उसकी संबंधित विषय की कॉपी भी मौजूद नहीं है तो फिर छात्रा को प्रोफेसर के द्वारा किस आधार पर पास किया गया। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के द्वारा किए गए इस कारनामे के बाद स्वयं विश्वविद्यालय घिरता हुआ नजर आ रहा है।
विश्वविद्यालय ने निर्णय नहीं लिया तो खराब होगा हमारा भविष्य
विद्यार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के द्वारा इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। यदि एक बार मार्कशीट की प्रति विद्यार्थियों तक पहुंच गई तो उसके बाद इस मामले में कोई भी हल नहीं निकल पाएगा। इसलिए विद्यार्थी महाविद्यालय जाकर लगातार इस मामले में प्राचार्य से तर्क वितर्क कर रहे हैं। विद्यार्थियों के द्वारा सभी वरिष्ठ अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा दी गई है। विद्यार्थियों का कहना है कि यदि आज या कल में इस मामले का समाधान नहीं होता है तो विद्यार्थियों का दल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय पहुंचकर धरना देगा।
विद्यार्थियों की बातों को विश्वविद्यालय पहुंचा दिया गया है
इस संबंध में महाविद्यालय के प्राचार्य भारत सिंह हरियाले ने बताया कि विद्यार्थियों को पास या फेल किया जाने का मामला विश्वाविद्यालय से संबंधित है। विद्यार्थियों के द्वारा दिए गए आवेदन को विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है। अनुपस्थित छात्र को पास किए जाने का मामला भी सामने आया है। यह सही है कि कशेरुकी प्राणियों की तुलनात्मक शरीर रचना विज्ञान विषय में पास की गई छात्रा अनुपस्थित थी। इसकी सूचना भी विश्वाविद्यालय पहुंचा दी गई है। इस मामले में निर्णय विश्वविद्यालय को करना है।
सहज़ योग न्यूज चैनल एमपी छत्तीसगढ द्वारा होली मिलन समारोह एमपी नगर में सम्पन हुआ
29 Mar, 2025 09:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सहज़ योग न्यूज चैनल एमपी छत्तीसगढ द्वारा होली मिलन समारोह एमपी नगर में सम्पन हुआ। हिस्मे मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कानूनगो, राकेश ठाकुर, आशीष गोस्वामी,परमेश्वर राव, रामेन्द्र तिवारी, गौरव तिवारी,[ महेंद्र तिवारी, रामकृष्ण गौर एवं सलमान खान आदि वरिष्ठ पत्रकार उपस्तिथ थे। सहज़ योग न्यूज चैनल पिछले 2 वर्षो से निरंतर आपनी सेवा दे रहा है एमपी छत्तीसगढ़ और न्यू दिल्ली मे सहज़ योग न्यूज के रिपोर्टर अपनी पत्रकारिता मे गहरी छप छोड़ी है। सहज़ योग न्यूज द्वारा धर्म अध्यातम मैडिटेशन और जनता से जुड़े मुद्दे उठाए जाते हैं।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर: मध्य प्रदेश में ठंडी हवाओं ने बढ़ाया सर्दी का एहसास
29 Mar, 2025 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से आ रही तेज हवाओं से प्रदेश के तापमान में गिरावट हुई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार को भी तापमान में कुछ गिरावट हो सकती है। इससे पहले शुक्रवार की शाम को थोड़ी ठंडक देखने को मिली। इससे पारा लुढ़क गया। मौसम विभाग ने एक अप्रैल को भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 13 जिलों में मौसम के बदलने का अनुमान जताया है। इस दौरान हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार अभी अफगानिस्तान के ऊपर सिस्टम एक्टिव है, जो आगे बढ़ रहा है। पश्चिमी भारत में सिस्टम असर दिखा सकता है। हालांकि, इससे पहले प्रदेश में गर्मी का असर देखने को मिलेगा।
साढ़े चार डिग्री तक तापमान में गिरावट
प्रदेश के कई शहरों में साढ़े चार डिग्री तक तापमान में गिरावट आई है। सबसे ज्यादा गिरावट ग्वालियर में देखी गई यहां का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि एक दिन पहले यहां 39. 5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। इसी प्रकार गुना में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री दर्ज किया गया जबकि एक दिन पहले यहां का अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री दर्ज किया गया था। राजधानी भोपाल में भी 3.8 डिग्री तापमान में गिरावट आई है, यहां का अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश में सबसे गर्म नर्मदा पुरम रहा यहां का अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में भी 3.9 डिग्री की गिरावट आई है, यहां का अधिकतम तापमान 33.7 डिग्री दर्ज किया गया। जबलपुर में 1.2 डिग्री की गिरावट हुई, यहां का अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री दर्ज किया गया।
इन शहरों में सबसे ज्यादा तापमान
शुक्रवार को नर्मदापुरम में 40.7 डिग्री, टीकमगढ़ में 40 डिग्री, सिवनी में 39.4 डिग्री, मंडला में 39 डिग्री, खरगोन में 38.6 डिग्री, दमोह में 38.5 डिग्री, खंडवा में 38.5 डिग्री, मलाजखंड (बालाघाट) में 38.5 डिग्री, खजुराहो (छतरपुर) में 38.4 डिग्री, नरसिंहपुर-उमरिया में तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबलपुर में 38.3 डिग्री दर्ज किया गया। पूरे प्रदेश में पारा लुढ़का। मौसम विभाग के मुताबिक, हवा की रफ्तार बढ़ने की वजह से पारे में गिरावट दर्ज की गई है।
अप्रैल में चलेगी लू
अप्रैल में लू का असर रह सकता है। मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में लू का असर रहने की संभावना ज्यादा है। जिनमें रतलाम, उज्जैन, खरगोन, खंडवा, धार आदि शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार, सामान्यतः दिन का तापमान 40 डिग्री से अधिक या सामान्य से 4.6 डिग्री तक अधिक हो तो हीट वेव यानी लू की स्थिति मानी जाती है।
2 दिन ऐसा रहेगा मौसम
29 मार्च: दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है।
30 मार्च: इस दिन भी पारे में गिरावट रहेगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में पारा 38 डिग्री के आसपास रह सकता है।
राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान 1 अप्रैल को मंत्रालय स्थित पटेल पार्क में होगा
28 Mar, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मंत्रालय स्थित वल्लभ भाई पटेल पार्क में राष्ट्र -गीत "वन्देमातरम" एवं राष्ट्र -गान "जन-गण-मन" का गायन 1 अप्रैल को प्रात: 10 बजे किया जाएगा। इसमें मंत्रालय सहित सतपुड़ा एवं विंध्याचल भवन के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक माह के प्रथम कार्य दिवस पर राष्ट्र गीत एवं राष्ट्र गान का आयोजन पटेल पार्क में किया जाता है।
1230 मेगावॉट विद्युत पारेषण के लिये मध्यप्रदेश में बनेंगे दो 400 के.व्ही. के सबस्टेशन
28 Mar, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्यप्रदेश को आगामी दो से तीन वर्षों में दो चरणों में 1230 मेगावॉट विद्युत की अतिरिक्त उपलब्धता रहेगी, इस हेतु बिजली कंपनी के मुख्यालय जबलपुर में आर.ई.सी. ने अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड को ट्रांसमिशन एस.पी.व्ही. सौंपा। इस परियोजना के तहत मेसर्स महान एनर्जेन लिमिटेड के बंधौरा (सिंगरौली) पावर जनरेटिंग प्लांट से मध्यप्रदेश के हिस्से की 1230 मेगावॉट विद्युत निकासी के लिये ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार किया जाना है।
पारेषण अद्योसंरचना होगी विस्तारित
एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता देवाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 1230 मेगावॉट विद्युत प्रदाय हेतु मेसर्स महान एनर्जेन लिमिटेड से पॉवर परचेस अनुबंध किया था, उक्त हेतु मेसर्स महान एनर्जेन लिमिटेड द्वारा 2X800 मेगावॉट क्षमता के पावर जनरेटिंग प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है। उक्त पावर प्लांट से मध्यप्रदेश के हिस्से की 1230 मेगावॉट विद्युत निकासी के लिये नियामक आयोग के विनियमानुसार टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धा बोली प्रक्रिया के अंतर्गत पारेषण अद्योसंरचना के विस्तार हेतु मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी/एस.टी.यू. से अनुरोध किया गया था। इसके तहत शासन ने निविदा प्रक्रिया समन्वयक (बी.पी.सी.) के लिये आर.ई.सी.पी.डी.सी.एल. (आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसलटेंसी लिमिटेड) को नियुक्त किया।
टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धा बोली (टी.बी.सी.बी) में मेसर्स अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने 2000 करोड़ रूपये की इस परियोजना को अन्य बिडर्स के मध्य न्यूनतम दर के आधार पर हासिल करने में सफलता प्राप्त की।
पारेषण सेवा अनुबंध हस्ताक्षरित
चक्रवर्ती ने जानकारी दी कि तमाम वैधानिक औपचारिकताओं को पूर्ण करने के बाद मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी एवं मेसर्स अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड के मध्य पारेषण सेवा अनुबंध (ट्रांसमिशन सर्विस एग्रीमेंट) हस्ताक्षरित हुये। इसके तहत टी.बी.सी.बी. में 400 के.व्ही., 220 के.व्ही. एवं 132 के.व्ही. की विभिन्न ट्रांसमिशन लाइनों सहित दो 400 के.व्ही. के सबस्टेशन रीवा (सगरा) एवं अमरपाटन में स्थापित किये जाने हैं।