मध्य प्रदेश
लोकोमोटिव उत्पादन में बना नया कीर्तिमान, 1681 लोकोमोटिव का उत्पादन कर भारत ने अमेरिका और यूरोप को पीछे छोड़ा
2 Apr, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल| देश में रेलवे लोकोमोटिव का उत्पादन बढ़कर 1681 हो गया है जो संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के कुल लोको उत्पादन से भी अधिक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में देश के सभी लोकोमोटिव इकाइयों की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल भारत में 1472 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ था। इस तरह इस वर्ष पिछले साल की तुलना में 19% अधिक लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ है।
मेड इन इंडिया की अवधारणा को मजबूत करने के उद्देश्य से लिए गए निर्णयों के आलोक में देश में लोकोमोटिव का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। 2004 से 2014 तक की अवधि में देश में कुल 4695 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ था जिसका राष्ट्रीय वार्षिक औसत 469.5 रहा जबकि 2014 से 2024 के बीच देश में 9168 रेलवे लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ और वार्षिक औसत करीब 917 रहा। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1681 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ है। इस वर्ष चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में 700, बनारस लोकोमोटिव वर्क्स में 477, पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स में 304, मधेपुरा में 100 और मरहौरा में 100 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ है। देश में सबसे अधिक लोकोमोटिव मालगाड़ियों को चलाने के लिए उत्पादित किए गए। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बनाए गए 1681 लोकोमोटिव में WAG 9/9H लोकोमोटिव 1047, WAG 9HH लोकोमोटिव 7, WAG 9 Twin 148, WAP 5 लोकोमोटिव 2, WAP 7 लोकोमोटिव 272, NRC लोकोमोटिव 5, WAP 12 B लोकोमोटिव 100, WDG 4G/6G लोकोमोटिव 100 शामिल रहे।
दूर की हमने सारी बाधाएं... आप उद्योग लगाएं सरकार करेगी मदद, प्रदेश में उद्योग बढ़ाने को लेकर बोले CM डॉ. मोहन
2 Apr, 2025 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दूर कर दी हैं, हमने सारी बाधाएं आप उद्योग लगाएं, सरकार करेगी मदद: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास पर खरी उतरी प्रदेश सरकार जीआईएस में मिले 30 लाख करोड़ के निवेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की 2500 छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों को अंतरित की 1778 करोड़ रुपए की उद्योग प्रोत्साहन राशि
जीआईएस के बाद निवेशकों को प्रोत्साहित करने की अगली कड़ी औद्योगिक ईकाइयों का भूमि-पूजन और उन्हें प्रोत्साहन राशि भेजना,
अब जिला स्तर पर सेक्टर आधारित इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की होगी शुरुआत, 27 अप्रैल को इंदौर में पहली आईटी सेक्टर कॉन्क्लेव
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आज मध्यप्रदेश एक नई उड़ान पर है। सरकार की रीति-नीति से निवेशकों में विश्वास का माहौल बना है। प्रदेश में उद्यमी, उद्योगपति, व्यापारी, व्यवसायी सब उत्साहित हैं। हम उद्यमशीलता को बढ़ाने के लिए एक नई धारा, एक नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश में बिजनेस को सहज बनाने के लिए हमने सारी बाधाएं, सारी रूकावटें दूर कर दी हैं। आप बस उद्योग लगाएं, हमारी सरकार उद्योग लगाने से लेकर इसे संचालित करने तक आपकी हर जरूरी मदद करेगी, प्रोत्साहन इन्सेटिव देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ओर से एक निजी होटल में आयोजित उद्योग निवेश सब्सिडी के वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में स्थापित करीब 2500 सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को 1075 करोड़ और छोटे-बड़े (वृहद श्रेणी के) उद्योगों को करीब 703 करोड़ रूपए, इस प्रकार कुल 1778 करोड़ रुपए की उद्योग निवेश सब्सिडी हस्तांतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रिमोट दबाकर सिंगल क्लिक से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सब्सिड़ी राशि उद्यमियों (निवेशकों) के बैंक खाते में ट्रांसफर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्यमियों का बढ़ता हौसला ही हमारी पूंजी है। जीआईएस से हमें बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला है। मध्यप्रदेश में हर निवेशक का स्वागत है, सम्मान है। हमने छोटे-बड़े सभी उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है, नए वित्त वर्ष के सालाना राज्य बजट में भी हमने सबका ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि बीते साल हमने 5 हजार 260 करोड़ की उद्योग निवेश सब्सिडी राशि पूरी पारदर्शिता के साथ डीबीटी के जरिए ही निवेशकों के खातों में हस्तांतरित की। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने नवीन औद्योगिक नीति बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का सफल आयोजन हुआ, जिसमें 30 लाख 77 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। सरकार ने संभागीय स्तर पर औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन और लोकार्पण प्रारंभ कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन और उन्हें प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर करना, जीआईएस के बाद निवेशकों को प्रोत्साहित करने की अगली कड़ी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में पहली बार निवेश की संभावनाओं को तलाशा और संभागीय स्तर पर आयोजित की गई 7 रीजनल इन्वेस्टर्स समिट ने नई ऊंचाइयां प्राप्त कीं। प्रदेश में निवेश एवं उद्योगों के विकास में देश-दुनिया के उद्योगपतियों ने उत्साह दिखाया। प्रधानमंत्री मोदी ने जीआईएस के उद्घाटन-सत्र में उद्योगपतियों और व्यापारियों को निवेश के मंत्र दिए। उन्होंने कहा था कि अपार संभावनाओं वाले मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय सही है। जीआईएस के सफल आयोजन पर उद्योग विभाग और निवेशकों का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस में प्राप्त निवेश का आंकड़ा देखा जाए तो राज्य सरकार और निवेशक दोनों ही प्रधानमंत्री मोदी के विश्वास पर खरे उतरे हैं। उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए डीबीटी से राशि भेजी जा रही है। सरकार छोटे-बड़े निवेशक और उद्योगपतियों में भेदभाव नहीं करती है। सरकार हर एक को उद्योग प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत@2047 के संकल्प के अनुरूप मध्यप्रदेश सरकार ने भी 5 साल में राज्य का बजट दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। इसमें औद्योगिक विकास के लिए बजट राशि में डेढ़ गुना की वृद्धि की गई है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में घोषित किया है। पूरे साल औद्योगिक विकास की गतिविधियां प्रदेशभर में संचालित की जाएंगी।
27 अप्रैल को इंदौर में होगी आईटी सेक्टर की कॉन्क्लेव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस और आरआईसी के सफल आयोजन के बाद अब प्रदेशभर में जिला स्तर पर सेक्टर आधारित इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की जा रही है। ऐसी पहली आईटी सेक्टर की कॉन्क्लेव आगामी 27 अप्रैल को इंदौर में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार प्रदेश के अंदर औद्योगिक गतिविधियां संचालित करेगी, साथ ही रोड-शो के माध्यम से प्रदेश के बाहर से भी निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा। मध्यप्रदेश के सभी 10 संभागों में उद्योगों के लोकार्पण और भूमि-पूजन की शुरुआत चंबल के भिंड से हो चुकी है। इसके बाद उज्जैन में 27 इकाइयों का दूसरा भूमि-पूजन कार्यक्रम किया गया है। हमारी सरकार उद्योग-व्यापार को नई दिशा प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बिजनेस कंसल्टेंट समेत क्षेत्र के विशेषज्ञों से सलाह ले रही है। प्रदेश में औद्योगिक विकास का यह सिलसिला निरंतर जारी रहेगा।
सबका साथ सबका विकास ही डबल इंजन सरकार की परिकल्पना: मंत्री सारंग
खेल एवं युवा कल्याण तथा सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई है। प्रदेश हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम को छूने की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं। राष्ट्र के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है। सबका साथ-सबका विकास और राष्ट्र निर्माण का संकल्प यही डबल इंजन सरकार की परिकल्पना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन से मध्यप्रदेश के विकास का एक नया मार्ग प्रशस्त हुआ है। उद्योग स्थापित करने और उन्हें बेहतर ढंग से चलाने के लिए हमारी सरकार पूरी मदद दे रही है।
31 मार्च 2025 तक की सभी अदायगी का एक साथ उद्यमियों को भुगतान देश का अकेला उदाहरण : मंत्री काश्यप
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने प्रदेश में विश्वास जताने के लिए उद्योगपतियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से 1778 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की प्रदायगी उद्योगों के विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा घोषित की गई योजनाओं की 31 मार्च 2025 तक की सभी अदायगी का एक साथ भुगतान किया जा रहा है।
मंत्री काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में उद्योगों के विकास की नई योजनाएं बनाई गई और उन्हें तेजी से क्रियान्वित भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उद्योगपतियों का मध्यप्रदेश के प्रति भरोसा बढ़ा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश धरातल पर नजर आने लगा है। उन्होंने राज्य सरकार की युवाओं को रोजगार सम्पन्न बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्यमशीलता का माहौल बना है और 20 नए औद्योगिक केंद्र बनाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने विरासत से विकास की मुख्यमंत्री जी की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए सीएम राइज़ स्कूलों का नाम संदीपनि विद्यालय करने पर मुख्यमंत्री का आभार माना।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर खोलने की योजना: बी. श्रीनिवासन
वॉल्वो-आयशर (वीई) कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के सीईओ बी. श्रीनिवासन ने मध्यप्रदेश सरकार की उद्योग अनुकूल नीतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार प्रोत्साहन राशि देकर उद्योगपतियों की मदद कर रही है। प्रदेश में हमारे आठ प्लांट है और हमारी कंपनी उज्जैन में एक नया प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और एमपीआईडीसी का पूरा सपोर्ट हमें मिल रहा है। सरकार की उद्योग मित्र नीतियों से हर निवेशक प्रभावित हुआ है। हमारी कंपनी ने भोपाल में एक इलेक्ट्रिक ट्रक निर्माण इकाई शुरू की है, जहां सभी वर्कर सिर्फ लड़कियां हैं। इसके अलावा ऑटो सेक्टर के लिए एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर खोलने की योजना पर भी हमारी कंपनी ठोस कार्यवाही कर रही है।
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के राघवेंद्र कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश में राज्य सरकार के प्रयासों से औद्योगिक क्षेत्र में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य सरकार ने 290 करोड़ की लागत से प्रदेश में पहली बार महिला कामगारों के लिए उसी उद्योग परिसर में हॉस्टल निर्माण का निर्णय लिया है। यह हॉस्टल उज्जैन, पीथमपुर, मालनपुर, झाबुआ, देवास के औद्योगिक क्षेत्रों में विकसित किए जाएंगे। उद्योगों को पर्याप्त सहायता प्रदान करने के लिए सरकार तत्पर है, जहां से भी निवेश प्रस्ताव प्राप्त होते हैं, उसे अमलीजामा पहनाने के लिए हमारा सपोर्ट सिस्टम तत्काल एक्टिव हो जाता है।
उद्योग प्रोत्साहन राशि अंतरण समारोह में वर्धमान ग्रुप के डायरेक्टर टी.सी. गुप्ता ने आभार प्रदर्शन करते हुए उनके ग्रुप द्वारा प्रदेश में 3 हजार करोड़ के निवेश से नई औद्योगिक इकाई स्थापित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी निवेशकों का विश्वास जीतने में सफल रही है। समारोह में क्षेत्रीय विधायक भगवानदास सबनानी, सागर ग्रुप के एमडी सिद्धार्थ अग्रवाल, एमपीआईडीसी के प्रबंध संचालक चंद्रमौली शुक्ला समेत प्रदेश के प्रतिष्ठित उद्योगपति, कारोबारी, उद्योग संघों के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में निवेशक उपस्थित थे।
बनासकांठा पटाखा फैक्ट्री हादसे में मृतकों के परिजनों को दी जाएगी आर्थिक सहायता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
2 Apr, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि गुजरात के बनासकांठा में पटाखा फैक्ट्री दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायल श्रमिकों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समन्वय के लिए राज्य के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान सहित पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को दुर्घटना स्थल (बनासकांठा) भेजा गया है। उन्होंने कहा है कि संकट की इस दुखद घड़ी में हमारी सरकार सभी प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है तथा उनकी हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है। पीड़ितों को हर आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
नर्मदापुरम से हरदा तक चौड़ीकरण का काम जल्द, निर्माण कार्य को मिली मंजूरी
2 Apr, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नर्मदापुरम: मप्र में नर्मदापुरम-हरदा मार्ग का निर्माण 405 करोड़ की लागत से किया जाएगा। स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक प्रेमशंकर वर्मा ने बताया कि नर्मदापुरम से हरदा तक 10 मीटर चौड़ी सड़क निर्माण की स्वीकृति मिल गई है। इसकी लागत 405 करोड़ रुपए आएगी। सड़क निर्माण से क्षेत्र में आवागमन सुगम होगा। लोगों का समय बचेगा और सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए तीन महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम किया जा रहा है। किसानों को पर्याप्त वोल्टेज और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नए विद्युत सबस्टेशन बनाए गए हैं। जिन गांवों में सड़कें नहीं थीं, उन्हें भी बजट में शामिल कर स्वीकृत किया गया है।
डोलरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन किया गया है। प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पीएम श्री महाविद्यालय और पीएम श्री स्कूलों की स्थापना की गई है। इसके साथ ही नए स्कूलों का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। इन सभी विकास कार्यों से क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
सड़क व पुल निर्माण के लिए मिली स्वीकृति
विधायक विजयपाल सिंह को सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई है। लोक निर्माण विभाग की वित्त एवं समिति की बैठक में यह स्वीकृति ली गई। भाजपा मंडल अध्यक्ष अश्वनी सरोज ने बताया कि विधायक विजयपाल सिंह को लोक निर्माण विभाग की वित्तीय व्यय समिति की 108वीं बैठक में विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य के लिए प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई है। जिसमें सोहागपुर से निभौरा, पंचवटी, रैनीपानी, पाठई, उरदौन, मगरिया, कामठी-घोघरी और घोघरी से सारंगपुर मार्ग को स्वीकृति मिली है। इसकी लंबाई 24.30 किलोमीटर और लागत 33 करोड़ 14 लाख 91 हजार रुपए है।
इसी तरह बाबई-नसीराबाद मार्ग में बाकुड़ नदी पर पुल का निर्माण होगा। इसकी लागत छह करोड़ छह लाख 82 हजार रुपए है। सुकरी से मनकवाड़ा मार्ग को भी स्वीकृति मिली है, जिसकी लंबाई एक किलोमीटर और लागत 3 करोड़ 5 लाख रुपए है।
करोड़ों रुपए की लागत से बन रहा रीवा में कैंसर अस्पताल, आधुनिक मशीनों व उपकरणों से होगा इलाज
2 Apr, 2025 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रीवा: मध्य प्रदेश को जल्द ही एक और कैंसर अस्पताल की सौगात मिलने जा रही है, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कैंसर अस्पताल के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं, एक से डेढ़ साल के अंदर अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा, वहीं अस्पताल के लिए मशीनों के ऑर्डर भी एडवांस में दे दिए गए हैं. यह कैंसर अस्पताल विंध्य क्षेत्र में खुलेगा, इसलिए अब यहां के मरीजों को भोपाल या इंदौर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि उन्हें अपने घर में ही कैंसर का इलाज मिलने लगेगा. कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. यह जिसे भी हो जाती है, उसके परिवार को तबाह कर देती है। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाकर उसकी जान भी ले सकती है. कैंसर का नाम सुनते ही लोग सहम जाते हैं।
कैंसर का इलाज भी काफी महंगा है, लेकिन कुछ संस्थान ऐसे भी हैं जहां इसका इलाज मुफ्त या बेहद कम पैसों में किया जाता है। कैंसर से पीड़ित लोगों को जीवन भर डॉक्टर की निगरानी में रहना पड़ता है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के रीवा के लोगों के लिए अच्छी खबर है. बता दें कि जिले में कैंसर अस्पताल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. उम्मीद है कि आने वाले 1 से 1.5 साल में यहां कैंसर अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा।
स्थानीय लोगों को फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, यहां निर्माणाधीन कैंसर अस्पताल के लिए मशीनों के एडवांस ऑर्डर भी दिए जा चुके हैं। जिसकी जानकारी खुद मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने दी है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर काफी समय से विचार किया जा रहा था, इसी को ध्यान में रखते हुए इस अस्पताल को बनाने का फैसला लिया गया। जिसमें पहले 200 बेड की व्यवस्था की जाएगी। इस अस्पताल के बनने से स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी।
बेहतर इलाज मिलेगा
रीवा के लोगों को इलाज के लिए टाटा मेमोरियल या भोपाल एम्स जाना पड़ता था, लेकिन रीवा में ही कैंसर अस्पताल बनने के बाद उनकी समस्या दूर हो जाएगी। यहां उन्हें बेहतर इलाज मिल सकेगा। करोड़ों की लागत से बन रहे इस अस्पताल में मरीज को कई सुविधाएं दी जाएंगी। कैंसर अस्पताल में 20 से 25 करोड़ की कई मशीनें लगाई जाएंगी। जिनकी मदद से कैंसर का पहले चरण में ही पता चल जाएगा। इसके साथ ही इसका इलाज भी शुरू हो जाएगा।
एक से डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा
अस्पताल के बन जाने से रीवा के लोगों को अब इलाज के लिए टाटा मेमोरियल और भोपाल एम्स नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें रीवा में ही बेहतर इलाज मिल सकेगा, कैंसर अस्पताल अगले एक से डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
करोड़ों रुपए की मशीनों से होगा इलाज
बता दें कि, कैंसर के इलाज के लिए कुछ महत्वपूर्ण मशीनों की जरूरत होती है। इनमें लीनियर एक्सीलेटर, कोबाल्ट मशीन, पीईटी स्कैन के साथ ही ब्रेकीथेरेपी मशीन भी शामिल है। अकेले लीनियर एक्सीलेटर मशीन की कीमत 50 से 60 करोड़ रुपए है।
लोकायुक्त के कोर्ट में तय समय में चालान पेश नहीं कर पाने से परिवहन विभाग घोटाले से जुड़े सौरभ शर्मा को साथियों समेत मिली जमानत
2 Apr, 2025 10:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित परिवहन घोटाले में लोकायुक्त ने 60 दिन बाद भी चालान पेश नहीं कर पाई है, जिसके चलते सौरभ शर्मा और उसके साथियों को भोपाल सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत मिलने के बाद भी सभी जेल में ही रहेंगे.
जांच ऐजेंसियों के हाथ खाली!
इस मामले की जांच तीन-तीन ऐजेंसियां कर रही हैं लेकिन अभी तक सभी एजेंसियों के हाथ लगभग खाली हैं. सौरभ शर्मा, चेतन सिंह और शरद जायसवाल के मामले में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी राजधानी भोपाल में मिली एक इनोवा गाड़ी थी. इसमें 52 किलो सोना और करोड़ों रुपए कैश बरामद हुआ था. जांच एजेंसियों की लगातार पूछताछ के बाद भी अब तक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि यह सोना और कैश किसका था.
60 दिन में लोकायुक्त पेश नहीं कर पाई चालान
परिवहन घोटाले के आरोप में जेल में बंद सौरभ शर्मा, चेतन सिंह और शरद जायसवाल को भोपाल सेशन कोर्ट ने जमानत दे दी है. इस जमानत को देने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि भोपाल लोकायुक्त पुलिस जो कि इस पूरे मामले की पहली जांच एजेंसी थी, जिसने सबसे पहले सौरभ शर्मा के ठिकाने पर कार्रवाई की थी. लोकायुक्त को 60 दिनों में कोर्ट में चालान पेश करना था लेकिन वह अब तक चालान पेश नहीं कर सकी और सेशन कोर्ट ने जमानत दे दी.
'लोकायुक्त ने अपना पक्ष नहीं रखा'
भोपाल लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश राम प्रकाश मिश्रा ने हैरानी जताई है क्योंकि इस मामले में दिया गया समय पर्याप्त था. लोकायुक्त समय पर अपना पक्ष रख सकता था और लोकायुक्त द्वारा जब इस पूरे मामले में अपना पक्ष समय पर नहीं रखा. सौरभ शर्मा, चेतन सिंह और शरद जायसवाल के वकीलों ने इसका लाभ लेते हुए भोपाल सेशन कोर्ट में अप्लाई किया. जिसकी सुनवाई के दौरान लोकायुक्त के द्वारा समय पर चालान प्रस्तुत न करने के कारण इन तीनों को जमानत दे दी गई.
जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे
सेशन कोर्ट द्वारा दी गई जमानत के बाद भी अभी यह तीनों जेल में ही रहेंगे क्योंकि इस पूरे मामले में ईडी स्पेशल कोर्ट भोपाल ने भी तीनों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है. जिसकी अलग से प्रक्रिया प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा स्पेशल कोर्ट में सबूत प्रस्तुत किए जाएंगे. भोपाल सेंट्रल जेल में रहते हुए भी प्रवर्तन निदेशालय की टीम में इन तीनों से और आयकर विभाग की टीम ने इनसे लगातार पूछताछ की थी.
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष ने उठाए थे सवाल
मध्य प्रदेश विधानसभा में सौरभ शर्मा और उसके साथियों चेतन सिंह और शरद जायसवाल के केस को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. विपक्ष ने इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों को घेरा वहीं मध्य प्रदेश सरकार का कहना था की जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं. इस बीच कांग्रेस की तरफ से इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले ही जमानत मिल गई.
राज्य स्थापना दिवस हमारी मूल पहचान और सम्मान को बढ़ाने के संकल्प का दिन: राज्यपाल पटेल
2 Apr, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि राज्यों का स्थापना दिवस पर हमारे देश की मूल पहचान और सम्मान को बढ़ाने का संकल्प दिवस है। इसे अपनी विरासत को विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाने के संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे सभी राज्यों ने हमेशा अपनी धरोहर, संस्कृति और परंपराओं के सम्मान के द्वारा राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाया है। इस गौरवपूर्ण धरोहर को सहेजने और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का कार्य करना हम सभी का परम दायित्व है। उन्होंने कहा कि राज्यों के स्थापना दिवस देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के उत्सव है। भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता की धरोहरों के संरक्षण, संकल्प "एक भारत-श्रेष्ठ भारत" का शानदार प्रदर्शन है। राज्य का स्थापना दिवस को मनाना प्रगति और विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने का प्रसंग है।
राज्यपाल श्री पटेल राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित बिहार, राजस्थान और ओडिशा के स्थापना दिवसों के संयुक्त समारोह में राज्यों के मूल निवासी मध्यप्रदेश में निवासरत नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री के. सी. गुप्ता, पोस्ट मास्टर जनरल इंदौर परिक्षेंत्र सुश्री प्रीति अग्रवाल, निदेशक डाक सेवाएं श्री भरत कुमार डालमिया और राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव मंचासीन थे।
राज्यपाल ने सिकल सेल पर डाक विभाग के विशेष आवरण का किया अनावरण
इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने सिकल सेल एनीमिया रोग जन जागृति पर डाक विभाग द्वारा जारी विशेष आवरण एवं विरूपण मोहर का अनावरण किया। पोस्ट मास्टर जनरल इंदौर परिक्षेंत्र सुश्री प्रीति अग्रवाल ने बताया कि डाक टिकट देश विदेश में जन जागृति के प्रभावी माध्यम होते हैं। डाक विभाग द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर सिकल सेल एनीमिया रोग पर डाक टिकट जारी किया गया था। इसी क्रम में जारी विशेष आवरण के अनावरण के लिए राज्यपाल के प्रति आभार ज्ञापित किया। राज्यपाल श्री पटेल को देवी अहिल्या पर डाक विभाग द्वारा जारी टिकट की पेंटिंग भेंट की। राज्यपाल ने विशेष आवरण के रूपांकन में सहयोगी एम्स भोपाल के चिकित्सक डॉ. रजनीश जोशी और डॉ. अनन्य सम्पत का सम्मान किया गया।
बिहार भारतीय सभ्यता और संस्कृति का उत्पत्ति स्थल:
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने बिहार, ओडिशा और राजस्थान राज्यों की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य हमारी अनेकता में एकता के गुलदस्ते का वह मोती है, जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति के उत्पत्ति स्थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ की भूमि ने हमेशा ज्ञान, शिक्षा और धर्म के क्षेंत्र में योगदान दिया है। पाटलिपुत्र, वर्तमान पटना ही वह स्थान है, जहाँ से भारत के सम्राटों और महान विचारकों ने इतिहास रचा था। बिहार के लोगों ने चाहें वह कृषि क्षेंत्र हो, उद्योग हो या फिर सेवा क्षेंत्र, हर जगह अपनी कड़ी मेहनत से पहचान बनाई है।
राजस्थान ने मानवता के उत्थान में दिया योगदान
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि वीरों की भूमि राजस्थान ने हमेशा मानवता के उत्थान में योगदान दिया है। हमेशा देश और दुनिया को अपनी कला, साहित्य, इतिहास और भव्यता से मंत्रमुग्ध किया है। राजस्थान राज्य का गठन केवल प्रशासनिक घटना नहीं, राज्य की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान मिलने का प्रसंग था। राजस्थान की विविधता और उसकी संपूर्णता की पहचान उसकी संस्कृति, रीति-रिवाज, लोककला, संगीत, नृत्य और वस्त्रों में बसी हुई है। यहाँ की लोक कला, संगीत और नृत्य ने विश्वभर में राजस्थान का नाम रोशन किया है। यहां का थार रेगिस्तान, अरावली की पहाड़ियाँ, ऐतिहासिक किले और मंदिर राज्य की अद्वितीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। राज्यपाल ने समारोह में विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के कलाकारों को उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए बधाई दी।
ओडिशा देश का सांस्कृतिक केंद्र
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि देवस्थली ओडिशा की भूमि ने हमेशा देश और दुनिया को अपनी अद्वितीय सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहर और उत्कृष्ट कला से प्रभावित किया है। यह देश का सांस्कृतिक केंद्र है, जिसकी भूमि पर प्राचीन सभ्यताएँ फली-फूलीं है। विश्व में उड़ीसा के मंदिरों, किलों और ऐतिहासिक स्थलों से देश की पहचान बनी है। विशेषकर कटक, भुवनेश्वर, पुरी और जगन्नाथ मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल उड़ीसा की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को प्रमुखता से प्रस्तुत करते हैं।
राज्यों के राज्यपालों के संदेश का हुआ प्रसारण
कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, ओडिशा के राज्यपाल श्री हरि बाबू कंभमपति का वीडियो संदेश का प्रसारण किया गया और राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे के संदेश का वाचन किया गया।
राज्यों के सांस्कृतिक वैभव का हुआ प्रदर्शन
समारोह में बिहार, राजस्थान और ओडिशा के राज्यों की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई। बिहार सांस्कृतिक परिषद भोपाल के कलाकार सुश्री नीतू सक्सेना एवं साथियों ने बिहारी के लोक नृत्य ‘अब हम चलते हैं बिहार की ओर और देखते हैं बिहार सांस्कृतिक परिषद भोपाल के द्वारा तैयार बिहारी लोक नृत्य झिझिया, चैती, चैतावर गीत, कज़री, छठपूजा की झलक और बिहारगान की संयुक्त प्रस्तुति दी। राजस्थान सांस्कृतिक परिषद के कलाकारों सुश्री ऋचा सैनी, रूचि एवं साथियों ने कालबेलिया, सुश्री नेहा एवं साथियों ने 13 ताली नृत्य की प्रस्तुति दी।
मोहन यादव का फैसला, मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम फिर से करेगा सड़कों पर राज
2 Apr, 2025 09:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्यप्रदेश में 22 साल बाद सड़कों पर नए स्वरूप में राज्य परिवहन की बसें दौड़ेंगी. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा शुरू करने का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई परिवहन सेवा शुरू करने के निर्णय को हरी झंडी दे दी गई. इसके तहत प्रदेश के सभी शहरों में पीपीपी मोड पर बसों का संचालन किया जाएगा. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा "नई परिवहन सेवा के तहत यात्रियों को मौजूदा बस किराए से सस्ते में सरकार सफर कराएगी."
सरकार नहीं खरीदेगी बसें, कंपनियां बनाएगी
राज्य मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर निर्णय लिया गया. बैठक में प्रदेश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट में हुए इस निर्णयों को लेकर बताया "सरकार ने तय किया है कि इसके तहत सरकार खुद बसें खरीदकर उसका संचालन नहीं कराएगी, बल्कि बस ऑपरेटर कंपनियां बनाकर प्रदेश भर में बसों का संचालन कराया जाएगा. यानी पीपीपी मॉडल पर बसें चलाई जाएंगी."
निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनेगा
मध्यप्रदेश में चलने वाली बसों की निगरानी के लिए प्रदेश स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. इसमें बसों की जीपीएस के माध्यम से लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी. बसों में टिकट वसूली के नाम पर होने वाली चोरी को रोकने के लिए टिकट काटने के लिए एक अलग एजेंसी बनाई जाएगी. इससे टिकट चोरी के नाम पर होने वाले नुकसान को खत्म किया जाएगा. नई व्यवस्था में बसों को कार्गो सिस्टम के आधार पर चलाया जाएगा. इसके लिए परिवहन नीति में संशोधन किया जाएगा. नए सिस्टम में बसों पर पार्सल और सामान को एक शहर से दूसरे शहर तक भेजा जा सकेगा. इससे बसों को संभावित आर्थिक नुकसान से बचाया जाएगा.
बसों का किराया भी होगा कम
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया "सुगम परिवहन सेवा की शुरूआत भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर जैसे बड़े शहरों से की जा रही है, जहां पहले से नगर बस सेवा चल रही हैं. इसके बाद सेवा को धीरे-धीरे सभी शहरों तक चलाया जाएगा. इन बसों में मौजूदा बसों से किराया कम होगा. इस नई व्यवस्था से ग्रामीण इलाकों तक आवागमन सुलभ होगा."
प्रदेश में बनाई जाएंगी 7 होल्डिंग कंपनियां
मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के लिए प्रदेश में 7 होल्डिंग कंपनियां बनाई जाएंगी. कैबिनेट ने इसके लिए पहली कंपनी के गठन के लिए 101 करोड़ की राशि का प्रावधान भी कर दिया है. इस सेवा की 3 स्तरीय मॉनिटरिंग की जाएगी. प्रदेश स्तर पर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और रीवा में 7 क्षेत्रीय सहायक कंपनियां भी गठित की जाएंगी. इसके अलावा सभी जिलों में जिला स्तरीय परिवहन समिति गठित की जाएंगी, जिसमें प्रभारी मंत्री या फिर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा. ये समितियां यात्री परिवहन को बेहतर बनाने के लिए सलाह और रूट चार्ज तैयान करने में समन्वय करेंगी.
नो प्रॉफिट, नो लॉस के आधार पर बस सेवा
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया "सरकार की योजना इस यात्री परिवहन सेवा से फायदा कमाना नहीं है, बल्कि सेवा देना है. सरकार इसे नो प्रॉफिट, नो लॉस पर चलाएगी. सरकार की कोशिश रहेगी कि बसें बेहतर चलें और कंपनियां घाटे में न जाएं." कैबिनेट की बैठक में इसका प्रजेंटेशन दिया गया. इसमें कई मंत्रियों ने सुझाव दिए हैं, नियम बनाते समय इसमें नियमों को जोड़ा जाएगा.
बागेश्वर धाम के सरकार पं. धीरेंद्र शास्त्री ने जातीगत जनगणना का पुरजोर समर्थन किया
2 Apr, 2025 08:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आजादी के बाद से ही देश में जातीय जनगणना की मांग उठती रही है. लेकिन पिछले कुछ सालों से ये मांग तेज हो गई. जातीय जनगणना की मांग खासकर विपक्षी पार्टियां उठा रही हैं. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार पूरे देश में जातीय जनगणना कराए और 'जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी' के फार्मूले पर योजनाएं बनाई और चलाई जाएं. इस मांग को तब और बल मिला जब साल 2023 में बिहार सरकार ने अपने राज्य में जातीय गणना करा ली. अभी हाल ही में तेलंगाना सरकार ने भी प्रदेश में जातीय गणना कराकर उसके आंकड़े सार्वजनिक कर दिए. बता दें कि देश में आखिरी जातीय जनगणना बरतानिया हुकूमत के दौरान साल 1931 में हुई थी.
बीते लोकसभा चुनाव में जातीय जनगणना था प्रमुख मुद्दा
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का जातीय जनगणना एक प्रमुख मुद्दा था. विपक्षी दलों ने इसको अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था और कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो पूरे देश में जातीय जनगणना कराई जाएगी. हालांकि विपक्ष को चुनाव में जीत नहीं मिली. जातीय गणना की मांग लगातार उठती रहती है. वहीं, इसका विरोध करने वाले कहते हैं जातीय गणना से समाज में फूट आ जाएगी, आपसी मतभेद पैदा हो जाएगा. बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि जातिगत जनगणना देश को बांटने वाला विषय है. उन्होंने इसके बजाय अमीरी गरीबी की गणना पर जोर दिया.
'देश में अमीर गरीब की गणना होनी चाहिए'
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "जनगणना का मूल उद्देश्य यह देखना होना चाहिए कि देश में कितने अस्पताल, स्कूल और पुलिस थाने की जरूरत है, न कि समाज को जातियों के आधार पर बांटना." उन्होंने कहा, "हम किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन या विरोध में नहीं हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि जातिगत जनगणना देश के लिए जरूरी है. इसके बजाय, हमें अपनी ऊर्जा देश के समग्र विकास में लगानी चाहिए."उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, "देश में अमीर और गरीब की गणना होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कितने लोग संपन्न हैं और कितने लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. यदि इस आधार पर योजनाएं बनाई जाएं, तो गरीबी कम करने, बेरोजगारी दूर करने और युवाओं का विदेशों में पलायन रोकने में मदद मिलेगी." बाबा बागेश्वर ने ये भी कहा, "वह जातियों को मिटाने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि जातीय भेदभाव को कम करने और एकजुटता बढ़ाने की बात कर रहे हैं."
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भी किया था विरोध
भारत में जातीय गणना की मांग कोई नई बात नहीं है. देश की आजादी के बाद पहली बार 1951 में हुई जनगणना में भी जातीय गणना की मांग उठी थी. तब भी इसका विरोध हुआ था. तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने ये कहते हुए इस मांग का विरोध किया था कि जातीय जनगणना कराने से देश का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ सकता है. इसके बाद साल 2011 की जनगणना में सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना हुई, लेकिन सरकार ने जातिगत आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया. 1931 में हुई जातीय गणना के आधार पर 1990 में लागू हुए मंडल कमीशन में ओबीसी को 27 फीसदी का आरक्षण दिया गया. हालांकि सरकार एससी-एसटी की गणना कराती है, लेकिन 1931 के बाद से ओबीसी की गणना नहीं हुई है.
आजादी के बाद बदल गया जनगणना का पैटर्न
साल 1872 से 1931 तक जितनी बार जनगणना हुई, उसमें जातिवार आंकड़े भी दर्ज किए गए. 1901 में जातीय जनगणना हुई तो 1,646 अलग-अलग जातियों की पहचान की गई. उसके बाद 1931 में यह संख्या बढ़कर 4,147 हो गई. 1941 में भी जाति जनगणना हुई, लेकिन आंकड़े सार्वजनिक नहीं हुए. आजादी के बाद 1951 में जब पहली जनगणना हुई तो ब्रिटिश शासन वाली जनगणना के तरीके में बदलाव कर दिया गया और जातिगत आंकड़ों को सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तक सीमित कर दिया गया. यानी OBC और दूसरी जातियों का डेटा नहीं दिया जा रहा है. जनगणना का ये ही स्वरूप कमोबेश अभी तक चला आ रहा है.
जातीय जनगणना क्यों उठ रही है मांग?
जातीय जनगणना की मांग उठने के कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं: सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन, आरक्षण की सही गणना और वंचित वर्गों के लिए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन. जातिगत जनगणना से समाज के विभिन्न वर्गों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का सटीक आकलन करने में मदद मिलती है, जिससे सरकार को उचित नीतियां बनाने में मदद मिलती है.जातिगत जनगणना से विभिन्न जातियों की जनसंख्या का पता चलता है, जिससे आरक्षण के कोटा को सही ढंग से निर्धारित करने में मदद मिलती है. जातीय गणना से वंचित वर्गों की पहचान करने में मदद मिलती है, जिससे सरकार को उनके लिए विशेष योजनाएं बनाने और लागू करने में मदद मिलती है. इसलिए पिछड़ी जातियों के हिमायती दल जातीय जनगणना की मांग तेजी से उठा रहे हैं.
जातिगत जनगणना क्या है?
जातिगत जनगणना का अर्थ है जनगणना की कवायद में भारत की जनसंख्या का जातिवार सारणीकरण शामिल करना. भारत ने केवल अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के 1951 से 2011 तक जातिगत आंकड़ों को गिना और प्रकाशित किया है. यह धर्मों, भाषाओं और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से संबंधित डेटा भी प्रकाशित करता है. हालांकि, जातीय जनगणना की मांग के राजनीतिक निहितार्थ से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखकर ही करेंगे पर्यटन विकास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
1 Apr, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पर्यटन विकास के प्रयासों में पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है। प्रकृति और पर्यावरण को क्षति पहुंचाए बिना ही पर्यटनविकास के सभी प्रकल्प क्रियान्वित किए जाएंगे। इस संबंध में समुचित परीक्षण के बाद आवश्यक निर्णय लिए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की पांचवीं बैठक मंगलवार को मंत्रालय में संपन्न हुई। बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में प्रदेश में वेटलैण्ड्स के भौतिक सत्यापन और सीमांकन कार्य की जानकारी प्राप्त कर सभी कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि इसरो-एसएसी-2021 (इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र) एटलस के अनुसार प्रदेश में भौतिक सत्यापन और सीमांकन का कार्य पर्यावरण विभाग के राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। यह वेटलैण्ड्स 2.25 हैक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक के हैं। यह कार्य राजस्व विभाग और वन विभाग के सहयोग और संबंधित जिला प्रशासन के नेतृत्व में सम्पन्न करवाया जा रहा है। प्रदेश में 31 मार्च 2025 को समाप्त वित्त वर्ष में 13 हजार 454 वेटलैण्ड्स का जमीनी सत्यापन और 12 हजार 741 वेटलैण्ड्स के सीमांकन का कार्य पूरा हो चुका है। प्रदेश में कुछ ही वेटलैण्ड्स शेष हैं, जहां यह कार्य अभी चल रहा है। एक नया मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। इस कार्य के लिए प्रदेश के 55 जिलों में लगभग 5 हजार कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। मॉनीटरिंग के लिए डैशबोर्ड विकसित किया गया है।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि पर्यावरण विभाग के स्तर पर वेटलैण्ड के भौतिक सत्यापन और सीमांकन कार्य की नियमित समीक्षा की जाए। बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा अपर मुख्य सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के संजय कुमार शुक्ला, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एमएसएमई में निवेश और टर्न ओवर की सीमा ढ़ाई गुना हुई
1 Apr, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयों का निवेश और टर्न ओवर (कारोबार) का दायरा बढ़ाकर ढ़ाई गुना कर दिया गया है। राज्य शासन ने एक अप्रैल 2025 से नए नियम प्रभावी कर दिए हैं। एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने कहा है कि इस नए बदलाव से मध्यप्रदेश में नवीन उद्योग धंधों का विकास होगा और सू्क्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की दक्षता में वृद्धि, तकनीकी उन्नयन और बेहतर वित्तीय पहुंच हो सकेगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना अनुसार 1 अप्रैल 2025 से सूक्ष्म उद्यम के निवेश की सीमा एक करोड़ से बढ़ा कर 2 करोड़ 50 लाख और कारोबार की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रूपये की गई है। पूर्व में निवेश की सीमा एक करोड़ तथा टर्न ओवर (कारोबार) की सीमा 5 करोड़ रूपये थी। इसी तरह लघु उद्यम श्रेणी में निवेश की सीमा 10 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ और करोबार की सीमा को 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया गया है। मध्यम उद्यमों में निवेश की सीमा अब 125 करोड़ होगी तथा टर्न ओवर 500 करोड़ का होगा। पहले यह सीमा निवेश के लिये 50 और कारोबार के लिये 250 करोड़ नियत थी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने भी 21 मार्च 2025 को तत्संबंध में अधिसूचना जारी की है।
वन क्षेत्र भोजपुर से 2 टाइगर्स को रेस्क्यू कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा गया
1 Apr, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्य वन संरक्षक भोपाल वृत्त के मार्गदर्शन एवं वन मण्डल अधिकारी ओबेदुल्लागंज के नेतृत्व में परिक्षेत्र चिकलोद के स्टॉफ द्वारा सोमवार को ग्रामवासियों की माँग पर टाइगर्स को पकड़ने के लिये पिंजरे लगाये गये। वन विहार भोपाल एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम, पशु चिकित्सकों एवं स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सहयोग से दोनों टाइगर्स का सफल रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू के उपरांत दोनों टाइगर्स का स्वास्थ्य परीक्षण कर सुरक्षित ढंग से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा गया।
भोजपुर से लगे हुए वन क्षेत्र बीट भोजपुर में भोजपुर-ईमलिया मार्ग पर दो टाइगर्स का लगातार विचरण विगत एक माह से बना हुआ था। इन टाइगर्स द्वारा 5 मवेशियों का शिकार किया गया था। टाइगर के विचरण के कारण ग्रामीण असुरक्षित महसूस कर रहे थे। टाइगर्स का खेतों में विचरण होने से ग्रामीण फसलें नहीं काट पा रहे थे। खेतों एवं वन क्षेत्र के मध्य से जो रास्ता निकलता है, वह ग्रामीणों का मुख्य मार्ग है, जिससे ग्रामीणों का भोजपुर, मण्डीदीप और बंगरसिया आना-जाना लगा रहता है। कुछ ग्रामीण मण्डीदीप फैक्ट्रियों में नौकरी करने भी जाते हैं। वन विभाग से ग्रामवासी लगातार टाइगर्स के रेस्क्यू की माँग कर रहे थे। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर भी टाइगर के मूवमेंट के संबंध में लिखा था। ग्रामीणों की माँग को दृष्टिगत रखते हुए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने दोनों टाइगर्स को रेस्क्यू करने का निर्णय लिया।
"मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" प्रारम्भ करने की स्वीकृति
1 Apr, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश में नगरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के साधारण और ग्रामीण मार्गों में संगठित, सुविधाजनक एवं सुरक्षित यात्री परिवहन बस सेवायें उपलब्ध कराने के लिए "मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" प्रारम्भ करने की स्वीकृति दी गई। प्रदेश में ग्रामीण एवं साधारण मार्गों का ट्रैफिक एवं मार्ग सर्व तथा बसों की फ्रीक्वेन्सी निर्धारित करते हुये एक व्यवस्थित प्लानिंग अनुसार यात्री बसों को चलाया जायेगा। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश राज्य में सुगम सुरक्षित एवं विनियमित यात्री परिवहन सुविधा, निजी क्षेत्र के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
यात्री परिवहन सेवा की प्रारम्भ करने के लिए 101 करोड 20 लाख रुपये की अशंपूजी के रूप में स्वीकृति प्रदान की गई। इसके लिए राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी के गठन की स्वीकृति भी दी गई है। वर्तमान में मध्यप्रदेश के 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन हेतु कंपनी एक्ट के तहत SPVs गठित हैं, जिसमें से 16 कार्यरत हैं। उक्त समस्त कंपनियों को 7 संभागीय कंपनियों के रूप में मर्ज किया जावेगा। उक्त सात कंपनियों के एकीकृत नियंत्रण के लिए राज्य स्तर पर कंपनीज एक्ट 2013 के तहत एक होल्डिंग कंपनी का गठन जायेगा। साथ ही त्रि-स्तरीय संरचना के तहत दायित्व निर्वहन और सात क्षेत्रीय सहायक कंपनियों में राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी के 51 प्रतिशत शेयर बहुसंख्यक आधार पर निवेश करने एवं सात सहायक कंपनियों के बोर्ड और उसके आर्टीकल ऑफ एसोसिएशन में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति, रीवा एवं ग्वालियर के लिए वर्तमान प्रचलित कंपनी को बंद करते हुए नवीन क्षेत्रीय कंपनी गठित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इन क्षेत्रीय सहायक कंपनियों का गठन, संबंधित संभागीय मुख्यालयों में स्थित सिटी बस ट्रांसपोर्ट की वर्तमान कंपनी में संशोधन कर, निर्मित करने की स्वीकृति दी गई। जिला स्तरीय यात्री परिवहन समिति के गठन की स्वीकृति भी प्रदान की गई।
म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियमों में आवश्यक संशोधन एवं वांछित प्रावधान करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। इसके लिए प्रशासकीय विभाग द्वारा पृथक से विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। सात सहायक कंपनियों की सुसंगत पूर्ववर्ती सिटी ट्रान्सपोर्ट कंपनियों द्वारा परिवहन संबंधी दायित्व के निर्वहन के लिए, जो चल-अचल संपति उपयोग में आ रही है, वे यथावत इन कपंनियों के आधिपत्य में रहेंगी। इसी प्रकार नगर-निगम, प्राधिकरण आदि द्वारा स्वयं की निधि से तैयार किये गये बस टर्मिनल, बस स्टैण्ड, बस स्टॉप आदि, होल्डिंग कंपनी के सामंजस्य से उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं यात्री सुविधा के लिए विकसित किए जाऐंगे।
वर्तमान सिटी बस कंपनियों के कार्यालय भवन का उपयोग नवीन सहायक कंपनियां यथावत करती रहेंगी। कार्यालय की ऐसी अचल सपंतियां, जो नगरीय निकाय निधि से अर्जित या निर्मित हैं, उनका मूल्यांकन पृथक से किया जाकर, राशि की प्रतिपूर्ति परिवहन विभाग द्वारा की जायेगी। नवीन गठित होने वाली राज्य स्तरीय कंपनी को नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पुर्नघनत्वीकरण नीति 2022 के तहत पर्यवेक्षण एजेंसी के रूप में शामिल किया जायेगा।
"मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" संचालन के लिए बस परिवहन अधोसंरचना के तहत पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) प्रक्रिया से उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं मापदण्डों का यात्री एवं बस ऑपरेटर के लिए सुविधाओं का निर्माण किया जायेगा। बस संचालन एवं संधारण के लिए पीपीपी मोड़ प्रक्रिया से, निजी बस ऑपरेटर्स को, संगठित रूप से एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत, दक्ष आई.टी. प्लेटफार्म के माध्यम से विनियमित किया जायेगा। आई.टी. टेक्नालॉजी साल्यूशन की स्थापना करते हुए समस्त बस ऑपरेशन्स पर प्रभावी निगरानी रखी जायेगी। इसके तहत सेवा स्तर समझौता (सर्विस लेवल अग्रीमेंट) और प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर) पर प्रभावी नियंत्रण रखा जायेगा, जिससे बस ऑपरेशन यात्रियों के लिए सुविधाजनक एवं सुरक्षित हो सके।
होल्डिंग कंपनी द्वारा एक कुशल आई.टी. प्लेटफार्म स्थापित करते हुये उस पर नोटीफाइड रुट अनुसार निजी बस ऑपरेटर्स को अनुबंधित किया जायेगा। होल्डिंग कंपनी मुख्यतः आई.टी. प्लेटफार्म के माध्यम से यात्रियों एवं अनुबंधित ऑपरेटर्स के लिए सुविधाजनक एप एवं एमआईएस/डैशबोर्ड आदि का संचालन करेगी तथा साथ ही राज्य एवं क्षेत्रीय सहायक कंपनी की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल एवं कमांड सेन्टर का संचालन सुनिश्चित करेगी। यात्रियों की लास्ट माईल कनेक्टिविटी के लिए मल्टी मोडल ट्रान्सपोर्ट उपलब्ध कराना, उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं मापदण्डों की अधोसंरचना का निर्माण कराना एवं दैनिंदिनी बस संचालन पर प्रभावी नियंत्रण भी इस नवगठित कंपनी के प्रमुख दायित्वों में रहेगा।
होल्डिंग कंपनी के दायित्व निम्नानुसार रहेंगे
(1) संभागवार सम्पूर्ण प्रदेश में साधारण मार्ग एवं ग्रामीण मार्ग में ओरिजिन एंड डेस्टिनेशन (ओ-डी) सर्वे एवं बस मार्ग का चिन्हांकन, ताकि अधिक से अधिक मार्ग ऑपरेटर्स के लिए वित्तीय रूप से साध्य हो सकें। साथ ही ऐसे मार्ग का चिन्हांकन जो वित्तीय रुप से ऑपरेटर के लिए साध्य न हों।
(2) मार्ग सर्वे के बाद बसों की फ्रिक्विंसी का निर्धारण करते हुये मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के तहत यात्री परिवहन सेवा के लिए संभागवार स्कीम तैयार करने के लिए शासन को आवश्यक सहयोग करना।
(3) शासन द्वारा मार्गों पर निविदा प्रक्रिया से चयनित अनुबंधित ऑपरेटर्स को परमिट उपलब्ध करवाना ।
(4) एक कुशल आई.टी. प्लेटफार्म, राज्य स्तरीय उपक्रम के कार्यालय एवं क्षेत्रीय कंपनी के कार्यालयों में, कंट्रोल एवं कमांड सेंटर की स्थापना करते हुये एक कुशल आई. टी. प्लेटफार्म को संचालित करना।
(5) आई.टी. टेक्नोलॉजी सॉल्युशन के माध्यम से यात्रियों के लिए ई-टिकिट, मोबाईल एप जिससे बसों की ट्रेकिंग, आक्युपेंसी तथा यात्रा प्लानिंग हो सकेगी। साथ ही यात्रियों के लिए कैशलेस, टेपऑन-टेपऑफ सुविधा, एप के माध्यम से पैसेंजर इंन्फोर्मेशन सिस्टम आदि उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही अनुबंधित ऑपरेटर्स के लिए ऑपरेटर एप, वीडियो ऑडिट साफ्टवेयर (किसी भी समय बसों में यात्रियों की संख्या हेतु) फील्ड ऑडिट एप, एम.आई.एस./ डैशबोर्ड की सुविधा (रिर्पोट सहित), ऑपरेटर स्टॉफ का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके साथ ही राज्य एवं क्षेत्रीय सहायक कंपनी के लिए कंट्रोल एवं कमांड सेंटर सॉफ्टवेयर, बस/ऑटो/टैक्सी/मेट्रो के लिए एक बुकिंग प्लेटफार्म की सुविधा (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स प्लेटफार्म), ऑनलाइन यात्री बुकिंग सुविधा, यात्री हेल्प डेस्क, राज्य / संभाग के कार्यालयों में ऑपरेशन डेशबोर्ड, स्टाफ की ट्रेनिंग आदि उपलब्ध करायी जायेगी। इसके अलावा यात्रियों की लास्ट माईल कनेक्टिविटी एवं मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए ट्रेवल एप तैयार किया जाना, जिसमें बस, ऑटो, टेक्सी, ई-स्कूटर, मेट्रो आदि संकलित हो। पैसेंजर इन्फोर्मेशन सिस्टम की स्थापना भी बस स्टैण्ड, यात्री बसों पर रीयल टाइम बेसिस पर की जा सकती है। यह जानकारी मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से सीधे यात्रीगणों को मोबाईल पर मुहैया कराई जायेगी ।
(6) क्षेत्रीय सहायक कंपनी के लिए विभिन्न गतिविधियों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) एवं पॉलिसी तैयार करना तथा दिन-प्रतिदिन के आपरेशन में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना आदि।
(7) अनुबंधित बस ऑपरेटर्स को आवश्यक अधोसंरचना जैसे डिपो, बस स्टैण्ड, बस स्टॉप, बुकिंग सेंटर्स आदि की सुविधा मुहैया करायी जायेगी। नगरीय क्षेत्रों में बस डिपो, बस स्टैण्ड, बस स्टाप का विकास/निर्माण कार्य नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा कराया जाकर संधारण एवं संचालन के लिए होल्डिंग कंपनी को अंतरित किया जायेगा। कंपनी पुनर्घनत्वीकरण योजना में भी प्रदेश में परिवहन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने का कार्य कर सकेगीं।
(8) आपरेटर्स को, बसों का सुचारु संचालन के लिए आवश्यक सहयोग एवं सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी।
(9) क्षेत्रीय स्तर पर कैपिसिटी बिल्डिंग एवं ट्रेनिंग सेंटर्स का गठन किया जायेगा। जिसमें निजी, शासकीय, अर्ध शासकीय स्टाफ की ट्रेनिंग शामिल होगी।
(10) पर्यावरण हितैषी कार्य जैसे ई-बस, इलेक्ट्रिक चार्जिंग आदि का सेटअप साथ-साथ प्रमोट किया जायेगा।
(11) विभिन्न स्टेक होल्डर्स जैसे बस ऑपरेटर, आमजन आदि से संपर्क रखते हुये इस आई.टी. प्लेटफार्म पर एग्रीगेटर रोल के तहत अन्य इन्टरमिडिएट पैरा ट्रांजिस्ट (IPT) ऑपरेटर्स एवं अन्य गैर अनुबंधित प्रायवेट बस ऑपरेटर्स को भी इस सिंगल आई.टी. प्लेटफार्म पर लाने की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी ।
(12) ग्रीन फंडिंग एवं केन्द्र शासन / राज्य शासन की योजना का लाभ लेते हुये बस ऑपरेशन सिस्टम को सुदृढ़ किया जायेगा।
(13) कंपनी के राज्य में उपलब्ध अचल संपत्तियों का संधारण एवं आवश्यकतानुसार नवीन संपत्तियों का अधिग्रहण तथा इनका उपयोग परिवहन सेवाओं तथा राजस्व आय के रुप में किया जायेगा।
होल्डिंग कंपनी के गठन उपरांत उक्त सात संभागीय मुख्यालयों की कंपनी में इस होल्डिंग कंपनी के शेयर बहुसंख्यक आधार पर लिये जाने पर यह सातों कंपनी इस राज्य स्तरीय कम्पनी की सहायक कम्पनी की श्रेणी में आ जायेगी। भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, रीवा संभागीय मुख्यालयों पर मौजूद इन कंपनियों के माध्यम से, उनके कार्यक्षेत्र में यात्री बस परिवहन सेवा को संचालित किया जायेगा। क्षेत्रीय सहायक कंपनियों के दायित्व मूल रुप से राज्य स्तरीय कंपनी के अनुरुप रहेंगे तथा यह सहायक कंपनी दैनिंदिनी बस ऑपरेशन, राजस्व आय एवं होल्डिंग कंपनी के निर्देशों के अधीन काम करेंगी।
जिला स्तरीय समिति के समन्वयक जिला कलेक्टर रहेंगे तथा इस समिति में जिले के सांसद, समस्त विधायकगण, महापौर / अध्यक्ष नगर पालिका, जिला पंचायत अध्यक्ष, आयुक्त नगर निगम, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका/नगर परिषद, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, जिला परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण तथा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रह सकेंगे। समिति के दायित्व में संभाग स्तरीय यात्री परिवहन कंपनी द्वारा साधारण एवं ग्रामीण मार्गों पर किये जा रहे बसों के संचालन की प्रभावी मॉनिटरिंग, रूट की लंबाई अथवा रुट में संशोधन, स्टापेज, बस फ्रीक्वेंसी, आई.टी. प्लेट फार्म का सुचारु रुप से संचालन, साधारण एवं ग्रामीण मार्गों पर बस स्टॉप, चार्जिंग स्टेशन के निर्माण संबंधी सुझाव, के साथ जिले के बस ऑपरेटर्स के मध्य आवश्यक समन्वय का कार्य किया जायेगा।
शासकीय सेवकों को देय विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षण का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य शासन के शासकीय सेवकों को वर्तमान में देय विभिन्न भत्तों का पुनरीक्षण की स्वीकृति दी गई। शासकीय सेवकों को वर्तमान में देय विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षण के फलस्वरूप राज्य शासन पर अतिरिक्त वार्षिक व्ययभार लगभग 1500 करोड़ रूपये आयेगा। शासकीय सेवकों के लिये सातवें वेतनमान में देय मूल वेतन के आधार पर A श्रेणी के नगरों के लिए 10%, B श्रेणी के नगरों के लिए 7%, C एवं D श्रेणी के नगरों के लिए 5% के आधार पर गृह भाडा भत्ता प्रदान किया जायेगा।
दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता, मील भत्ता, ठहरने की पात्रता, प्रदेश के बाहर यात्रा के दौरान स्थानीय परिवहन, स्थानांतरण पर घरेलू समान का परिवहन एवं स्थानांतरण अनुदान, स्थायी यात्रा भत्ता में मूल्य सूचकांक के आधार पर वृद्धि, की जायेगी। इसके साथ ही अतिरिक्त कार्य के लिए दोहरा भत्ता, राज्य शासन के पात्र चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों को दिये जाने वाला अव्यवसायिक भत्ता, सचिवालयीन भत्ता एवं मंत्रालयीन अधिकारियों के लिए विशेष भत्ता की स्वीकृति दी गयी है। इसके साथ ही शासकीय सेवकों की मृत्यु पर परिवार को देय अनुग्रह अनुदान वर्तमान में निर्धारित पात्रता का 2.57 गुणक के आधार पर अधिकतम 1 लाख 25 हजार रूपये तक दिया जाएगा।
मंत्रालय भवन में संचालित वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली संचालनालय एवं राज्य सत्कार अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शासकीय सेवकों को भी मंत्रालय के समकक्ष अधिकारियों के समतुल्य मंत्रालय भत्ता दिया जायेगा।
छतरपुर में माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर स्थल पवित्र क्षेत्र घोषित
मंत्रि-परिषद द्वारा छतरपुर जिले के ग्राम लवकुशनगर में माता बम्बरबैनी प्राचीन स्थल मंदिर खसरा नं. 2157 रकवा 0.012 हेक्टेयर एवं खसरा नं 2158 रकवा 30.375 हेक्टेयर पहाड़ क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया गया।
सीएम राइज स्कूल कहलाएंगे अब सांदीपनि विद्यालय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
1 Apr, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार विद्यार्थियों को गणवेश, लैपटॉप, ई-स्कूटी, साइकिल, कोचिंग के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवा कर सही अर्थ में रामराज की कल्पना को साकार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास कर रहा है। प्रदेश के समस्त निर्मित और निर्माणाधीन सीएम राइज स्कूलों का नाम अब सांदीपनि विद्यालय होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज भोपाल की अरेरा कॉलोनी स्थित शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (ओल्ड कैम्पियन) में आयोजित "स्कूल चलें हम" राज्य स्तरीय प्रवेश उत्सव कार्यक्रम-2025 को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवीन विद्यालय परिसर पहुंचने ही विद्यार्थियों से संवाद किया और इस अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी देखी। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्रों का अवलोकन कर सराहना की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में के.जी.-2 में प्रवेश लेने वाली नन्ही बालिकाओं को माला पहनाकर उनके विद्यालय में प्रवेश की औपचारिकता पूर्ण करवाई। उन्होंने नव प्रवेशी बालिकाओं को उपहार दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और अन्य अतिथियों ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मान प्रदान किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समस्त शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश की कार्यवाही स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर स्टूडेंट डायरेक्ट्री मैनेजमेंट सिस्टम से किए जाने और इस पोर्टल में स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित सभी कार्यों को शामिल किए जाने की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पोर्टल 3.0 का शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन विशेष है। अद्भुत संयोग है, जो मध्यप्रदेश की धरती पर हम देख रहे हैं। हमें अतीत में जाकर देखना होगा और अतीत के घटनाक्रम का शोध भी करना होगा। इसके अनुरूप आवश्यक सुधार भी हम करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने कंस को मारा तो उस समय की परिस्थितियों में उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा। वह प्रथम स्कूल चलें हम अभियान था। भगवान श्रीकृष्ण ने ही यह अभियान प्रारंभ किया। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के कुशासन का अंत कर शिक्षा का महत्व प्रतिपादित किया। उस युग के ऋषि मुनियों ने निर्णय लिया कि श्रीकृष्ण को शिक्षा के लिए गोकुल भेजा जाए जो सांदीपनि आश्रम था। यहीं पर श्रीकृष्ण और सुदामा की अनुकरणीय मित्रता का उदाहरण भी पूरे विश्व ने देखा कि मित्रता का निर्वाह और आत्मीयता को किस तरह जीवन भर बनाए रखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं शासकीय विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर यहां तक पहुंचे हैं। अनेक महान लोगों, जिनमें डॉ. एपीजे कलाम भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी लगन और परिश्रम से मिसाइल मैन और भारत के राष्ट्रपति बने। इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी अभाव और निर्धनता में रहकर कष्ट सहते हुए शिक्षा ग्रहण की, लेकिन अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का भी उल्लेख किया जिन्होंने कठिन बाल्य काल और चाय की दुकान पर कार्य करते हुए आगे बढ़ते हुए परिश्रम से सम्मान प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में संभाग स्तर पर सफलतापूर्वक इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुए। उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में उद्योगों की स्थापना में कदम बढ़ाए हैं। ऐसे उद्योगपतियों की संख्या 60% है। राज्य शासन उद्योगों को समय-सीमा में भूमि के साथ अन्य सुविधाएं दे रहा है। लक्ष्य यही है कि विद्यार्थियों को और युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार दिलवाया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भोपाल में रात्रि विश्राम भी किया। भोपाल को राजधानी के अनुरूप इस समिट के आयोजन का सौभाग्य मिला। समिट के लिए स्थान की समस्या बताई गई थी लेकिन राज्य सरकार ने जो व्यवस्था की, उससे सभी संतुष्ट हुए और उद्योगपतियों ने टेंट में रूकने में भी संकोच नहीं किया। संपूर्ण आयोजन अभूतपूर्व हो गया। यही बदलते दौर का मध्यप्रदेश है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष कार्य हो रहा है। जहां संभाग स्तर पर बच्चों को शिक्षण-सत्र शरू होते ही अप्रैल महीने में पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। कक्षा-एक से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए 5 करोड़ 60 लाख पुस्तकें, एक करोड़ से अधिक फाउंडेशन टिरेसी एण्ड न्यूमरेसी अभ्यास पुस्तिकाएं और 26 लाख से अधिक ब्रिज कोर्स की पुस्तकें नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सभी जिलों में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम हो रहे हैं। शाला त्यागी विद्यार्थियों को पुन: विद्यालय में प्रवेश के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कक्षा-एक से आठ तक सभी शालाओं में बाल सभाएं की गईं। सुपर-100 के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए ऐसी कोचिंग की व्यवस्था की गई है, जो उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य पदों पर चयन में मदद करेगी। प्रदेश के विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स और नीट में अच्छा प्रदर्शन करते हुए सफलता प्राप्त की है। गत वर्ष 4.75 लाख ऐसे विद्यार्थियों को साईकिल की सुविधा दी गई, जिनका निवास स्कूल से अधिक दूर है। गत वर्ष विद्यार्थियों को 7 हजार 832 ई-स्कूटी प्रदान की गईं। इसी तरह गणवेश के लिए 360 करोड़ की राशि व्यय की गई। कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को 224 करोड़ रूपए की लागत से लैपटॉप प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय नववर्ष विक्रम संवत् - 2082 से प्रारंभ हुआ है। विक्रम संवत का यह सिद्धार्थ संवत्वसर है। बसंत ऋतु का मौसम है। पूरे प्रदेश में उत्सव के साथ नववर्ष प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को जानकारी दी कि सम्राट विक्रमादित्य ने शासन करते हुए भूभाग के समस्त नागरिकों को ऋण मुक्ति दिलवाकर ऐतिहासिक कार्य किया। हमारे राष्ट्र में किसी के जन्म या मृत्यु से संवत् प्रारंभ नहीं होता बल्कि लोककल्याण के अभूतपूर्व कार्य और पुरूषार्थ से संवत् व्यवस्था प्रारंभ हुई। सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्र के गौरव हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को दिए ये टिप्स
विद्यार्थी समय का पूर्ण सदुपयोग करें।
विद्यार्थी खूब पढ़े भी और खेलें भी।
विद्यार्थी मित्रता का भी सम्मान करें। श्रीकृष्ण और सुदामा की मैत्री से सीखें।
विद्यार्थी शासन द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं का लाभ लें।
सभी विद्यार्थी अपनी बहुमुंखी प्रतिभा से राष्ट्र और प्रदेश का नाम रोशन करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि भारत को उन्नत बनाने में शिक्षा का विशेष महत्व है। मध्यप्रदेश में बच्चों के भविष्य को लिखने के लिए ऐसे प्रयास हो रहे हैं, जो पहले कभी नहीं हुए। जब 1 अप्रैल से बच्चे स्कूल पहुंचेंगे तो शासन द्वारा दी गई किताब बच्चों के बैग में होगी। इसी महीने यह कार्य पूरा किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि साइकिल सहित अन्य सुविधाएं भी विद्यार्थियों को समय पर मिलेंगी। समय पर अधिकांश परीक्षाओं के परिणाम घोषित हुए हैं। जो शेष परिणाम हैं वे भी शीघ्र घोषित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन करवाकर इस नीति को धरातल पर उतारने में योगदान दिया है। विद्यार्थियों को बेहतर से बेहतर शिक्षा, आवश्यक संसाधन और परिवेश उपलब्ध करवाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग संकल्प बद्ध है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने कहा कि प्रदेश में जो उद्योग हितैषी वातावरण बना है, वह विद्यार्थियों के भविष्य के लिए है। मध्यप्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में सांस्कृतिक परंपराओं के निर्वहन, पर्व त्यौहार मनाने और शिक्षा में गुणात्मक सुधार के प्रयास किए हैं।
विद्या समीक्षा केन्द्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को शिक्षा विभाग द्वारा बताया गया कि प्रदेश में विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से शैक्षणिक आँकड़ों को एकत्र करने और विश्लेषण करने से योजनाओं के क्रियान्वयन में सफलता मिल रही है। शिक्षा प्रणाली की सम्पूर्ण निगरानी को मजबूत बनाकर प्रशासकों और शिक्षकों को डेटा आधारित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने में सहयोग मिल रहा है। राज्य और जिला स्तर पर डैशबोर्ड के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों पर वास्तविक तथ्य जानने का कार्य संभव हुआ है।
कार्यक्रम में विधायक भगवान दास सबनानी, भोपाल की महापौर मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, शिक्षक-शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने अतिथियों का स्वागत किया। आयुक्त जनजातीय कार्य श्रीमन शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता और अन्य अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
मंत्रालय में हुआ राष्ट्र-गीत एवं राष्ट्र-गान का सामूहिक गायन
1 Apr, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अप्रैल माह के प्रथम शासकीय कार्य दिवस पर मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में राष्ट्र-गीत "वंदे-मातरम" एवं राष्ट्र-गान "जन-गण-मन" का सामूहिक गायन हुआ। इस अवसर पर पुलिस बैंड ने मधुर धुनें प्रस्तुत की। वंदेमातरम गायन में खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता, मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव श्री अशोक बर्णवाल, श्री संजय दुबे, सहित सतपुड़ा-विंध्याचल भवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।