मध्य प्रदेश
पार्थ योजना 9 स्थानों से होगी शुरू : लगभग 450 बच्चे होंगे लाभान्वित
9 Apr, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने टी.टी. नगर खेल स्टेडियम में एक मई से शुरू होने वाली पार्थ योजना की समीक्षा की। पार्थ योजना पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, मुरैना, शहडोल, सागर, इंदौर और उज्जैन में शुरू की जा रही है। इस योजना के जरिये हर स्थान पर 50-50 बच्चों का चयन कर उन्हें लाभान्वित किया जायेगा।
मंत्री सारंग ने कहा कि योजना शुरू होने से पहले उन स्थानों के कलेक्टर्स के साथ चर्चा की जाये। साथ ही भोपाल से निर्धारित स्थानों पर आवश्यक तैयारियों का जायजा लेने के लिये अधिकारियों को भेजा जाये, जो स्ट्रक्चर और इन्फ्रा-स्ट्रक्चर का आकलन जिला खेल अधिकारी के साथ मिलकर करें। योजना में प्रशिक्षण पूर्व आकलन की एसओपी तैयार की जाये। इसके लिये कमेटी का भी गठन करें। हरेक प्रक्रिया की एसओपी हो। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो। सारंग ने बच्चों की सुविधा को देखते हुए समय निर्धारित करने को कहा। योजना के जरिये सप्ताह में 6 दिन प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये। उन्होंने रविवार के दिन प्रशिक्षणार्थी को स्वैच्छा से फिजिकल एक्टिविटी की छूट देने को कहा।
मंत्री सारंग ने योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन, प्रशिक्षणार्थी पात्रता, शैक्षणिक योग्यता, आयु, प्रशिक्षण की अवधि, शुल्क, शारीरिक प्रशिक्षण, प्रशिक्षण समय, मानव संसाधन, प्रशिक्षक का मानदेय, वित्तीय प्रबंधन, आवश्यक सामग्री, किट, विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार आदि पर विस्तार से चर्चा की।
मंत्री सारंग ने खेलो-बढ़ो अभियान के लिये स्कूलों का चयन कर कैलेण्डर बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने मास्टर ट्रेनर के रूप में गाइड की ट्रेनिंग कराने को भी कहा। साथ ही अभियान से संबंधित लिटरेचर और फिल्म प्राथमिकता से बनाने के निर्देश दिये, जिसके जरिये बच्चे खेलो-बढ़ो अभियान की जानकारी हासिल कर सकेंगे। उन्होंने इस दौरान बच्चों को नामी-गिरामी खिलाड़ियों से भी मिलवाने की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव और खेल संचालक राकेश गुप्ता सहित अन्य खेल अधिकारी उपस्थित थे।
केवल निर्माण कराना पंचायत का कार्य नहीं, हमें लोगों की विचार प्रणाली भी बदलना होगी : प्रभारी मंत्री पटेल
9 Apr, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम एवं भिंड जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि पंच, सरपंच वो कड़ी है जो हमें सामर्थ्य देगा और हमारे सामर्थ्य से राज्य और देश शक्तिशाली बनेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई व्यवस्था ही सबसे ऊपर होती है। त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में अधिकारों और कर्त्तव्यों का सामंजस्य आवश्यक है। पंचायत पदाधिकारी संवाद, समन्वय और संपर्क का उपयोग कर बेहतर कार्य करें। उन्होंने कहा कि केवल निर्माण कार्य करना ही पंचायत का काम नहीं है। हमें लोगों की विचार प्रणाली को भी बदलना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे आप सभी अपना परिवार चलाते हैं, अगर उसी प्रकार अपनी पंचायत को चलाएंगे तो विकास जरूर होगा।
मंत्री पटेल कम्युनिटी हॉल मेला ग्राउण्ड भिण्ड में आयोजित। पंच, सरपंच सम्मेलन उन्मुखीकरण कार्यक्रम इस अवसर पर विधायक भिण्ड नरेन्द्र सिंह कुशवाह, जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह भदौरिया सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं पंच, सरपंच उपस्थित रहे।
ग्लोबल स्किल पार्क की सभी सीटें भरी जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
9 Apr, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्लोबल स्किल पार्क की ब्रांड वैल्यू को स्थापित करते हुए यहाँ की सभी सीटें भरना सुनिश्चित किया जाएं। स्किल पार्क में संचालित सभी तकनीकी पाठ्यक्रमों, उनकी उपयोगिता और रोजगारपरक क्षमता पर केंद्रित प्रचार-प्रसार अभियान का संचालन व्यापक स्तर पर किया जाए। प्रदेश में विद्यमान उद्योगों की मांग के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के हर विकासखंड में आईटीआई की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय स्तर पर विद्यमान औद्योगिक इकाइयों के समन्वय से गतिविधियां संचालित की जाएं। इससे युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं रोजगार विभाग की समीक्षा में यह निर्देश दिए। समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में हुई बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार, उद्यमिता और रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विभाग में संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति के प्रति असंतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं के कौशल विकास और उनके लिए रोजगारपरक कार्यक्रमों के लक्ष्य और समय-सीमा निर्धारित कर परिणाममूलक गतिविधियां संचालित की जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जर्मन और जापानी भाषाओं में दक्ष व्यक्तियों के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन भी भाषाओं में रोजगार के अवसरों की अधिक संभावना है, उनके प्रशिक्षण की प्रदेश में उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने तकनीकी रूप से दक्ष विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र के औद्योगिक इकाइयों को जोड़ते हुए युवाओं को व्यवहारिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इससे प्रदेश के उद्योगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कुशल और दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध होंगे तथा युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकेगा। बैठक में कौशल विकास नीति, रोजगार कार्यालयों और कौशल विकास के विलय, स्थानीय एवं परम्परागत पद्धतियों की पहचान के लिए आरंभ श्रुति कार्यक्रम की भी समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान में जो कदम उठाये गये हैं, वह सराहनीय हैं : केन्द्रीय मंत्री सिंधिया
9 Apr, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान में जो कदम उठाये गये हैं, वह सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो। सभी वॉलेंटियर्स के रूप में आगे आयें और अपने-अपने स्तर पर प्रयास करें। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया शिवपुरी जिले के बदरवास में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत लाल तालाब के श्रमदान में शामिल हुए।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने पत्रिका समूह द्वारा किये जा रहे “अमृत जलम अभियान’’ की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ हमारा सदैव संबंध रहा है और जल है तो कल है। उन्होंने कहा कि हमें यह दृढ़ संकल्प करना होगा कि हम आने वाली पीढ़ी के लिये जल को सुरक्षित रखेंगे। उन्होंने इस अभियान में सभी की भागीदारी के लिये बधाई दी।
कलियासोत को प्लास्टिक मुक्त बनाने की पहल
भोपाल जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में पर्यावरण संरक्षण के लिये एक महत्वपूर्ण पहल की गयी है। इसमें वन विभाग, तिंसा फाउण्डेशन और नगर निगम ने मिलकर अभियान शुरू किया है। इस अभियान में कलियासोत को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया। शहर के विभिन्न कॉलेजों के छात्र स्वैच्छा से इस अभियान में जुटे हैं। नगर निगम के कर्मचारी और वन विभाग का फ्रंटलाइन स्टॉफ भी इस अभियान में सक्रिय है। शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार और भोपाल की सुंदरता को बनाये रखने के लिये अभियान चलाया जा रहा है। उप वन मण्डलाधिकारी धीरज सिंह चौहान ने बताया कि कलियासोत डेम क्षेत्र बाघ भ्रमण क्षेत्र, जहाँ का इलाका प्राकृतिक सम्पदा से समृद्ध है, इसे भोपाल का आक्सीजन बेल्ट कहा जाता है। यह अभियान क्षेत्र के ईको सिस्टम और शहर के पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करेगा।
जन-जागरूकता बढ़ाने के लिये दीवारों पर लिखे जा रहे हैं संदेश
शहडोल जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के प्रचार-प्रसार एवं जन-जागरूकता के लिये दीवारों पर संदेश लिखे जा रहे हैं, जिससे लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में व्यापारी, गणमान्य नागरिक, जन-अभियान परिषद, स्वयंसेवी और समाजसेवी संस्थाएँ जिले में जल संरक्षण के लिये कार्य कर रही हैं। जिले में जल की महत्ता के बारे में ग्रामीणों को समझाइश भी दी जा रही है। पूरे जिले में अभियान के अंतर्गत अनेक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।
अमरकंटक में जल-स्रोतों की साफ-सफाई का किया जा रहा है कार्य
अमरकंटक में जल गंगा संवर्धन अभियान में जल संरक्षण की नई पहल की गयी है। अनूपपुर जिले के डूमरकछार एवं अमरकंटक में जल-स्रोतों की साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है, जिसमें प्रशासन और जन-सहयोग मिलकर अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।
धार के सरदारपुर में माही नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास
जल संकट की बढ़ती आशंका के बीच धार जिले के सरदारपुर नगर में सकारात्मक और प्रेरणादायी पहल की शुरूआत हुई है। अभियान में नगर के पुराने, उपेक्षित और विलुप्त हो चुके जल-स्रोतों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। इसमें माही नदी सहित पुराने जल-स्रोतों का जन-सहयोग से पुनरुद्धार किया जा रहा है। सरदारपुर नगर एसडीएम सुआशा परमार ने बताया कि माही नदी की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। इसका गहरीकरण का कार्य जन-सहयोग से निरंतर किया जा रहा है। साथ ही नगर में वर्षों पुराने कुएँ और बावड़ियों को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। यह अभियान 30 जून तक निरंतर जारी रहेगा।
जन-अभियान परिषद द्वारा किया गया श्रमदान
डिण्डोरी जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में जनपद पंचायत समनापुर की ग्राम पंचायत झांकी माल में जन-अभियान परिषद विकासखण्ड समनापुर डिण्डोरी एवं नवांकुर संस्था, सामाजिक समरसता सेवा समिति झांकी रेयत अभियान के तत्वावधान में अभियान अंतर्गत कोसा टोला में हैण्डपम्प के आसपास की साफ-सफाई का कार्य किया गया और दूषित जल को हैण्डपम्प से दूर करने के लिये नाली एवं गड्ढा तैयार किया गया, जिससे वन्य-प्राणी, पशु-पक्षियों को आसानी से जल मिल सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कला के संरक्षण में ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को सराहा
9 Apr, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मांडू प्रवास के दौरान दीनदयाल अंत्योदय योजना शहरी आजीविका मिशन के तहत स्थानीय महिलाओं को दिए जा रहे बाग प्रिंट प्रशिक्षण को देखा। उन्होंने कला के संरक्षण में ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को सराहा और प्रशिक्षण प्राप्त कर रही समस्त महिलाओं को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माण्डू के प्रसिद्ध चतुर्भुज श्रीराम मंदिर पहुंचकर भगवान श्रीराम की प्रतिमा के भी दर्शन किए। उन्होंने मंदिर के महाराज एवं अन्य संतों से भेंट की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
मांडू के चतुर्भुज श्रीराम मंदिर में किये दर्शन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि इस मंदिर में दर्शन का अवसर मिला। यहां भगवान श्रीराम की अद्भुत, अद्वितीय और ऐतिहासिक मूर्ति है। भगवान श्रीराम चतुर्भुज रूप में है। इसमें श्रीराम के साथ विष्णु भगवान की झलक भी दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश विरासत से विकास की ओर बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में पर्यटन केन्द्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मांडू पहुँचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वागत किया गया। केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, पूर्व मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, विधायक कालूसिंह ठाकुर, विधायक नीना वर्मा सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को मांडू की पहचान प्रसिद्ध ऐतिहासिक खुरासानी इमली भेंट की गई।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया के आयोजन में आग लगने से हड़कंप
9 Apr, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Jyotiraditya Scindia- एमपी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के कार्यक्रम में आग भड़क उठी। सिंधिया के संसदीय क्षेत्र शिवपुरी (Shivpuri) में यह हादसा हुआ। आग की लपटें देख मौके पर अफरातफरी मच गई। बताया जा रहा है कि सिंधिया के स्वागत में की गई आतिशबाजी से पास के कचरे के ढेर में चिंगारी से आग भड़क गई। अचानक आग की लपटें उठीं और देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। तुरंत दमकलेें बुलाकर आग बुझाई गई जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हो सका। शिवपुरी को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने व अन्य सौगातों के उपलक्ष्य में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए धन्यवाद सभा का आयोजन किया गया था। इस मौके पर शिवपुरी में मंगलवार की रात को रोड शो रखा गया था। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत करने आतिशबाजी की गई जिससे आग लग गई। कचरे के ढेर में आग की लपटें उठने लगी। देखते ही देखते आग भीषण हो गई। तुरंत दो दमकलों को बुलाया गया जिससे आग पर काबू पाया गया।
कुछ ही क्षणों में आग ने भीषण रूप ले लिया
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत के लिए की जा रही आतिशबाजी कचरे के ढेर में जा पहुंची जिससे अचानक आग की लपटें उठने लगी। कुछ ही क्षणों में आग ने भीषण रूप ले लिया। बाद में दो दमकलें आईं जिन्हों आग बुझा दी।
बड़ा हादसा टल गया
बताया जा रहा है कि नपा कर्मचारियों ने कचरा एकत्रित कर दिया था और इसे उठाकर ले जाने की बजाए बाउंड्री के पीछे डंप कर दिया था। कचरे के इसी ढेर में आग लगी हालांकि सतर्कता के कारण बड़ा हादसा टल गया।
जहां आग लगी वहां कई वाहन खड़े
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रोड शो के समापन के समय यह घटना घटी। कस्टम गेट पर की गई आतिशबाजी से आग लग गई। बताया जा रहा है कि जहां आग लगी वहां कई वाहन खड़े थे। हालांकि आग फैलने के पहले ही दमकल की दो गाड़ियों ने उसे बुझा दिया।
स्व-सहायता समूह से बहनों के जीवन में नए सूर्य का हुआ उदय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
9 Apr, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व-सहायता समूह महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने का एक सशक्त माध्यम है। इससे न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध भी हो रही है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने की पहल में स्व-सहायता समूह की महिलाओं की प्रमुख भूमिका है। सशक्त नारी ही समृद्ध प्रदेश का आधार हैl मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को धार जिले के कुक्षी में आयोजित स्व-सहायता समूह सम्मेलन सह-पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की बहनों को निकाय चुनाव में 50% आरक्षण दिया जा रहा है। साथ ही 2029 तक लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 33% आरक्षण के प्रयास भी किये जा रहे हैं। जमीन या मकान की रजिस्ट्री महिला के नाम पर करने पर पंजीयन शुल्क में छूट दी जा रही है। लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। महिला स्व-सहायता समूह की बहनों ने हर क्षेत्र में बेहतर कार्य कर अपना सामर्थ्य दिखाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देशभर की महिलाएं सशक्त हो रही हैं। आज जनजातीय वर्ग की महिला देश की राष्ट्रपति हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में हजारों सालों से देवियों की पूजा होती रही है। नवरात्रि में 9 दिन देवी की आराधना की जाती है। दुनिया में भारत ही एकमात्र देश है, जो राष्ट्र को माता मानता है। राज्य सरकार हर माह लाड़ली बहनों के खाते में 1250 रुपए डालकर रक्षाबंधन मना रही है। सभी पात्र लाड़ली बहनों को 1250 रुपए की राशि मिलती रहेगी। अगर बहनों के हाथों में पैसे आएंगे तो परिवार में कुछ बचत होगी। सरकार बहन-बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। यह परिवार और समाज को सशक्त बनाने का एक प्रयास है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौमाता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। प्रदेश के हर घर को गोकुल बनाएंगे। राज्य सरकार द्वारा दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम से नई गौपालन योजना बनाई गई है। भविष्य में गौशालाओं के माध्यम से प्रदेश की बहनों के जीवन में भी बड़ा बदलाव आ सकता है। राज्य सरकार उन्हें नए व्यवसाय से जोड़ने के कार्य कर रही है। अब स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गौशालाओं से जोड़ेगे और समूह की महिलाएं दूध से बने उत्पाद जैसे- मिठाई, रबड़ी, कलाकंद तैयार करेंगी। बहन-बेटियों की मिठाई की दुकान खुलेगी, उनकी आय बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध हमारी सरकार ने कपड़ा कारखानों में काम करने वाली बहनों को 5000 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में अलग से देगी। कंपनी मालिक भी 8000 रुपए मेहनताना देंगे। इस प्रकार उनकी मासिक आय 14 हजार 250 रुपए सुनिश्चित हो जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए 24 घंटे काम कर रही है। राज्य सरकार ने 1 लाख शासकीय पदों पर भर्ती का अभियान शुरू किया है। आने वाले कुछ दिनों में प्रमोशन के लिए स्वीकृति देकर राज्य सरकार 4 लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को सौगात देगी। सरकार अगले 5 साल में ढाई लाख नौकरी के अवसर प्रदान करेगी। गरीब हो या अमीर, सरकार का काम सभी की भलाई के लिए काम करना है। मध्यप्रदेश के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाई के लिए किताब-कॉपियां दी जा रही हैं। मेधावी विद्यार्थियों के लिए साइकिल, स्कूटी और लैपटॉप प्रदान करने की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। हमारी सरकार में हर बेरोजगार के हाथ में रोजगार होगा। राज्य सरकार गरीब, किसान, युवा और महिला कल्याण के लिए कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश को देश में नंबर-1 राज्य बनाकर छोड़ेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि धार के बदनावर में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 10 अप्रैल को धार को देवास से जोड़ने वाली 4 लेन का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की नई सौगातें मिलेंगी। 30 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लोकार्पण की सौगात भी मिलेगी। शुक्रवार 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी आनंदपुर धाम आ रहे हैं। इसके बाद रविवार 13 अप्रैल को केन्द्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह सहकारी सम्मेलन में भोपाल आएंगे। सहकारिता कार्यों को गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ अनुबंध करेंगे।
मुख्यमंत्री ने किया पोषण प्रदर्शनी का अवलोकन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व-सहायता समूह की सदस्यों द्वारा पोषण पखवाड़े में श्रीअन्न से निर्मित खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने व्यंजनों की प्रशंसा की।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने साझा किये अपने अनुभव
समारोह में ग्राम पिपलिया सरपंच अनीता लोकेश पांचाल ने मंच से जल गंगा संवर्धन अभियान में किए गए बावड़ी जीर्णोद्धार कार्य के अनुभव साझा कर बताया कि पहले बावड़ी बहुत गंदी थी। जनसहयोग एवं जन भागीदारी से बावड़ी का पानी पीने योग्य हो गया है। भविष्य में पंचायत को मॉडल पंचायत के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
ग्राम झड़दा निवासी सुखली बाई ने स्व-सहायता समूह के अनुभव साझा करते हुए बताया कि पूर्व में उनके घर की स्थिति खराब थी लेकिन सांई स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद ऋण प्राप्त किया। उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया और स्वयं का भी एक छोटा व्यवसाय शुरू किया। अब वह लेखा जोखा करना भी सीख गई हैं। बच्चे भी शिक्षित होकर बड़े पदों पर कार्यरत है।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने बताया कि बाल्यावस्था में बच्चों को भरपूर पोषण मिले तो वह सशक्त बनेंगे और राष्ट्र को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में समर्थ होंगे। हमारा दायित्व है कि हम भारत के भविष्य को पोषण दें। वर्तमान सरकार महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है
महिला एवं बाल विकास विभाग के 8 से 22 अप्रैल तक चल रहे 7वें पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम को लेकर संवाद एवं समीक्षा की। पोषण पखवाड़े में मुख्य रूप से 4 विषयों पर जोर दिया जा रहा है। ये विषय हैं जीवन के पहले एक हजार दिनों पर ध्यान केंद्रित करना, पोषण ट्रैकर के लाभार्थी मॉड्यूल को लोकप्रिय बनाना, कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में मोटापे को दूर करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री रंजना बघेल, पूर्व सांसद छतर सिंह दरबार, रेलम चौहान, जगदीप पटेल, चंचल पाटीदार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
हमें आने वाली पीढ़ी के उज्जवल, सुगम भविष्य के लिए आज चिंतन करने की आवश्यकता है : प्रभारी मंत्री पटेल
9 Apr, 2025 09:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री एवं भिंड जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को जिला योजना समिति की बैठक जिला पंचायत सभागार भिण्ड में की गई। विधायक भिण्ड नरेन्द्र सिंह कुशवाह, विधायक गोहद केशव देसाई, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कामना सिंह भदौरिया, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत सुनील दुबे, सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक का शुभारंभ राष्ट्रगान के साथ हुआ।
मंत्री पटेल ने बैठक में जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा कर कहा कि यह अभियान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का महत्वाकांक्षी अभियान है। इससे पानी का भण्डारण कर आम जन मानस को पर्याप्त पेयजल की सुविधा प्रदान की जा सके। अभियान को जन प्रतिनिधियों सहित जन भागीदारी के सहयोग से वृहद रूप से संचालित करें। उन्होंने कहा कि जल स्त्रोत लगातार सूख रहे हैं, हमें आने वाली पीढ़ी के उज्जवल सुगम भविष्य के लिए आज चिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा पौध-रोपण के लिए युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये कहा कि पौधे लगाना ही नहीं बल्कि पौधे को वृक्ष बनाना भी जरूरी है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से आने वाले बेहतर भविष्य के लिए जल संरक्षण एवं पौध-रोपण का आहवान किया।
मंत्री पटेल ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रीष्म काल में पेयजल की समस्या निदान के लिए जिले में वृहद स्तर पर जल गंगा संवर्धन अभियान को संचालित करना है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए अधिक से अधिक खेत, तालाब, नदी तालाबों का निर्माण कराया जाये। साथ ही सम्मानित जन प्रतिनिधिगण भी अपने-अपने क्षेत्रों के ऐसे स्थानों को चयनित कर कार्य प्रारंभ कराएं।
मंत्री पटेल ने निर्देश दिए कि ऐसे हैंडपंप जो खराब हो चुके हैं, पेयजल योग्य नहीं हैं, उन्हें हटाकर वर्षा का जल संरक्षण के योग्य बनाया जाए, जिससे जितना जल उस हैंडपंप के माध्यम से निकाल चुके हैं कम से कम उतना जल वर्षा जल के माध्यम से भूमि को वापस किया जा सके।
मंत्री पटेल ने क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता की समीक्षा कर कहा कि पिछले वर्ष जिले में जिन स्थानों पर पेयजल की समस्या थी और वर्तमान में पेयजल समस्या की क्या स्थिति है। उन्होंने पेयजल संकट के निदान के लिये किए गए प्रयास एवं कार्य योजना के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित कर कहा कि ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए पेयजल व्यवस्था हर हाल में सुचारू बनायी रखी जाये। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये जिससे कि किसी भी नागरिक को पेयजल की समस्या नहीं रहे और ईधर-उधर भटकना नहीं पड़े।
मंत्री पटेल ने उपार्जन की समीक्षा के दौरान पिछले वर्ष गेहूं एवं सरसों उपार्जन के लिए बनाए गए केन्द्र एवं इस वर्ष बनाए गए केन्द्रों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित कर कहा कि उपार्जन केन्द्रों पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या विवाद की स्थिति नहीं बने, इसके लिए समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री सड़क योजना के तीसरे एवं चौथे चरण अंतर्गत जिले में वर्तमान में प्रगतिरत सड़कों के संबंध में जानकारी ली एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व महाअभियान में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, आधार सीडिंग की प्रगति के संबंध में जानकारी ली।
मंत्री पटेल ने जिले में अतिक्रमण मुक्त मुक्तिधाम, अतिक्रमण मुक्त मंदिर और भूमिहीन मुक्तिधाम के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित कर कहा कि जिन मुक्तिधाम और मंदिरों पर अतिक्रमण है उन्हें मुक्त कराया जाना सुनिश्चित करें। सभी जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन मिलकर देखें और चिन्हित करें कि भूमिहीन मुक्तिधाम कितने हैं और मुक्तिधाम कहां बनाए जाना हैं। उन्होंने म.प्र. विद्युत मंडल की समीक्षा कर लहार, भिण्ड, मेहगांव और गोहद में प्रगतिरत सब स्टेशन के कार्य प्रारंभ और पूरा होने की टाईम लाईन के संबंध में जानकारी ली एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री पटेल ने विभागों के माध्यम से किये जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए प्रगति समय सीमा में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मैदानी स्तर पर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन संबंधित आवश्यक निर्देश भी दिए।
रेडक्रॉस इकाइयों के निर्वाचन की हो नियमित व्यवस्था : पटेल
9 Apr, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने प्रदेश की जिला रेडक्रॉस समितियों के निर्वाचन कार्य की राजभवन में समीक्षा की। उन्होंने जिला इकाइयों जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है अथवा हो गया है। उनके निवार्चन की प्रक्रिया को शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिए है।
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त तरुण राठी, राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर भोपाल कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, राज्य रेडक्रॉस समिति के जनरल सेक्रेटरी सहित राजभवन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि रेडक्रॉस की सभी स्तर की इकाइयों के निर्वाचन की नियमित व्यवस्था हो। निर्वाचन कार्य समय पर हो। इस व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाए। प्रदेश की जिला इकाइयों का कार्यकाल अंतिम चरण में है अथवा पूरा हो गया है। उनके निर्वाचन का कैलेंडर जारी किया जाए। राज्यपाल पटेल ने रेडक्रॉस से संबंद्ध समितियों के निर्वाचन प्रक्रिया को भी शुरू करने के लिए कहा है। उन्होंने अधिकारियों से राजभवन द्वारा रेडक्रॉस इकाइयों को दिए गए अनुदान के उपयोग की समीक्षा करने की अपेक्षा की है। सिकल सेल एनीमिया के रोगियों को उचित औषधियों की उपलब्धता में बाधा नहीं आए। उन्होंने इस की सतत मॉनिटरिंग के लिए भी निर्देशित किया है।
जैन मूर्तियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने और रील बनाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
9 Apr, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर: ग्वालियर में सोशल मीडिया पर एक रील वायरल हुई थी, जिसमें एक महिला ग्वालियर किले पर स्थित जैन तीर्थंकरों की प्राचीन प्रतिमाओं के सामने खड़ी होकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रही थी।
सोशल मीडिया पर इस रील की जमकर आलोचना हुई और हर तरफ से विरोध के स्वर उठे। दो दिन पहले इस रील को इंस्टाग्राम पर अपलोड करने वाली प्रीति कुशवाह और उसके साथी लखन कुशवाह ने माफी मांगते हुए एक और वीडियो अपलोड किया था। हालांकि, इस मामले में डबरा निवासी जैन समाज के सदस्य नरेन्द्र जैन की शिकायत पर मंगलवार रात 12 बजे प्रीति कुशवाह और लखन कुशवाह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जैन समाज ने एएसपी से की थी शिकायत
ग्वालियर किले की तलहटी में स्थित प्राचीन जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाएं मुगल शासनकाल के दौरान औरंगजेब द्वारा खंडित की गई थीं। इन्हीं प्रतिमाओं के सामने शिवपुरी के नरवर की रहने वाली प्रीति कुशवाह अपने साथियों के साथ घूमने आई थीं। इस दौरान प्रीति ने रील बनाते समय जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। यही नहीं, वह और उसके साथी जूते-चप्पल पहनकर प्रतिमाओं की गोद में बैठे नजर आए। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो जैन समाज में भारी आक्रोश फैल गया। समाज के लोगों ने एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपकर रील बनाने वालों पर एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी की मांग की थी।
बवाल मचने पर मांगी माफी
वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ता देख प्रीति ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी से विवादित वीडियो हटा दिया। इसके बाद एक नया वीडियो अपलोड कर माफी मांगी। इसमें प्रीति और उसके सहयोगी ने कहा- 'उन्हें नहीं पता था कि ये जैन धर्म की प्रतिमाएं हैं। दोनों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए जैन समाज से क्षमा याचना की है।'
जैन मुनिश्री विलोक सागर बोले- कड़ी सजा मिले
इस वीडियो को लेकर जैन मुनिश्री विलोक सागर ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस प्रकार की हरकतें बिल्कुल गलत हैं क्योंकि यह आस्था का विषय है। दिगंबर जैन प्रतिमाओं को लोग पूजते हैं और यदि वे खंडित भी हो गई हों, तो इसका अर्थ यह नहीं कि उनका अपमान किया जाए। यह हमारे पूर्वजों की धरोहर है और उसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
नौ संकल्प नई ऊर्जा का बनेंगे स्त्रोत : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
9 Apr, 2025 06:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विश्व नवकार महामंत्र दिवस पर नौ संकल्प लेने का किया आहवान
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से नौ संकल्पों के पालन का किया आहवान
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए नौ संकल्पों से निश्चित ही नई ऊर्जा के स्त्रोत बनेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों से नौ संकल्पों के पालन का आहवान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नवकार महामंत्र दिवस पर समारोह का शुभारंभ करते हुए नवकार मंत्र के महत्व को रेखांकित किया और मंत्र को एकीकृत ऊर्जा का प्रवाह बताया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि नवकार महामंत्र नई पीढ़ी के लिए ज्ञान और दिशा के स्त्रोत के रूप में कार्य कर सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सामूहिक नवकार मंत्र के जाप के बाद सभी से नौ संकल्प लेने का आग्रह किया।
ये है नौ संकल्प
पहला संकल्प - जल संरक्षण, दूसरा संकल्प - एक पेड़ मां के नाम, तीसरा संकल्प - स्वच्छता का मिशन, चौथा संकल्प - वोकल फॉर लोकल, पांचवाँ संकल्प - देश दर्शन, छठा संकल्प - नैचुरल फार्मिंग को अपनाना, सातवाँ संकल्प - हेल्दी लाइफ स्टाइल को अपनाना, आठवाँ संकल्प - योग और खेल को जीवन में लाना और नौवाँ संकल्प - गरीबों की सहायता का संकल्प है।
विवेकानंद नीडम आरओबी आज जनता को समर्पित, सीएम मोहन ने वर्चुअली किया उद्घाटन
9 Apr, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्वालियर में तेजी से अनेक विकास कार्य मूर्तरूप ले रहे हैं। ग्वालियर से आगरा तक सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से ग्वालियर और दिल्ली में कोई अंतर नहीं रहेगा। साथ ही वेस्टर्न बायपास सहित अन्य बड़े-बड़े विकास कार्य होने जा रहे हैं, जिससे अधोसंरचनागत विकास के साथ आर्थिक दृष्टि से भी ग्वालियर विकसित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्वालियर में आयोजित हुए विवेकानंद नीडम रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के लोकार्पण समारोह को भोपाल से वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्वालियरवासियों को इस सौगात के लिये बधाई देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा ग्वालियरवासियों को वेस्टर्न बायपास के रूप में एक और बड़ी सौगात दी है। केन्द्र सरकार द्वारा 4 हजार करोड से अधिक लागत से प्रदेश में मंजूर की गईं 4 महत्वपूर्ण सड़कों में ग्वालियर की वेस्टर्न बायपास भी शामिल है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर को रेलवे ओवरब्रिज के साथ 2 छात्रावासों की सौगात भी मिली है। 50-50 सीटर कन्या छात्रावासों से ग्वालियर की अनुसूचित जाति की बालिकाओं को पढ़ाई के लिये आवासीय सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर विकास कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी 11 अप्रैल को अशोकनगर जिले के आनंदपुर धाम भी पधार रहे हैं।
ग्वालियर-चंबल अंचल में भी उद्योगों के लिए बना है अनुकूल वातावरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योगों के लिए प्रदेश में काफी अनुकूल वातावरण बना है। ग्वालियर-चंबल अंचल में भी तेजी के साथ औद्योगिक विकास हो रहा है। गत मार्च माह में ग्वालियर-चंबल अंचल में नई औद्योगिक इकाइयों की आधारशिला रखी गई है। साथ ही आगे चलकर बड़ी-बड़ी इकाईयां यहां मूर्तरूप लेंगी। उन्होंने कहा बड़े उद्योग हों या लघु अथवा सूक्ष्म उद्योग सभी के लिये प्रदेश में काफी अनुकूल वातावरण बना है। राज्य शासन द्वारा 5200 करोड रुपए की समस्त देनदारी चुका दी गई है। ऊर्जा विभाग ने भी कोयले से संबंधित भुगतान का कार्य पूर्ण कर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में सभी का सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों को आगामी 10 अप्रैल को महावीर जयंती और 14 अप्रैल की अंबेडकर जयंती की अग्रिम बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 1 लाख 52 हजार रुपए वार्षिक से अधिक हो गई है। प्रदेश का बजट 5 वर्ष में दोगना हो जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में किसानों से 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं का उपार्जन किया जा रहा है। नदी लिंक परियोजनाओं का लाभ भी ग्वालियर-चंबल को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी जोड़ो परियोजना से भी ग्वालियर चंबल क्षेत्र लाभान्वित होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना और केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना दोनों से यह संभाग लाभान्वित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में श्योपुर और अन्य जिलों की विशेष पहचान है।
अद्भुत है यह लोकार्पण कार्यक्रम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खुशनुमा अंदाज में कहा कि यह लोकार्पण कार्यक्रम अद्भुत है। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रेल में सफर करते हुए कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़े हैं। वहीं विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर नई दिल्ली से, जबलपुर से लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह एवं प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट नर्मदापुरम से इस कार्यक्रम में वर्चुअल जुडे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा भोपाल में मेरे साथ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सहित तोमर मौजूद है। सांसद भारत सिंह कुशवाह ग्वालियर में मौके पर मौजूद हैं। इसलिए यह अद्भुत लोकार्पण कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ग्वालियर के बहादुरा के लड्डू पसंद हैं। आज जो सौगात ग्वालियर को मिली है सहज ही परस्पर मिठाई खिलाने का भी एक सुअवसर है।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि ग्वालियर के विकास में नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं। इस श्रृंखला में शामिल हुए नए आरओबी से शिवपुरी – दतिया हाईवे तक जाने के लिये एक और वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनौतियों को अवसर में बदला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सम्पूर्ण प्रदेश में विकसित राज्य बनाने का काम कर रहे हैं। इससे ग्वालियर के विकास को भी नई ऊँचाईयां मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने आज नए आरओबी के साथ-साथ ग्वालियर को दो छात्रावासों का लोकार्पण भी किया है। सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर को 1300 करोड रूपए लागत के वेस्टर्न बायपास की सौगात मिली है, जिससे ग्वालियर के विकास को और गति मिलेगी। उन्होंने पिछले वर्षों में ग्वालियर में स्थापित हुए विकास के विभिन्न आयामों का उल्लेख भी इस अवसर पर किया।
विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी वर्चुअल उदबोधन दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार से ग्वालियर के सुनियोजित विकास के लिये भरपूर मदद कर रहीं हैं। प्रसन्नता की बात है कि ग्वालियर में एक साथ 5 रेलवे ओवरब्रिज सरकार ने मंजूर किए थे। ये सभी पूर्ण हो चुके हैं, इससे ग्वालियरवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा मिली है। साथ ही शहर की तस्वीर बदली है। उन्होंने विवेकानंद नीडम आरओबी की शहरवासियों को बधाई दी। विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने ग्वालियर के सुनियोजित विकास में योगदान के लिये प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति भी आभार जताया।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने भी इस अवसर पर वर्चुअल संबोधन दिया और विवेकानंद नीडम आरओबी के लोकार्पण पर सभी को बधाई दी।
जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में विकसित ग्वालियर का संकल्प तेजी से मूर्तरूप ले रहा है। सांसद भारत सिंह कुशवाह ने आरओबी व दो छात्रावासों की सौगात देने के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार जताया। साथ ही कहा कि ग्वालियर में विकास कार्यों की श्रृंखला चल रही है। निर्माणाधीन बड़े-बड़े कार्यों के पूर्ण होने पर आगे चलकर निश्चित ही ग्वालियर एक विकसित शहर का रूप लेगा।
पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि विवेकानंद नीडम रेलवे ओवरब्रिज से होकर गुजर रही सड़क शहर की सबसे प्रमुख सड़क के रूप में स्थापित होगी।
कार्यक्रम में महापौर डॉ. शोभा सिकरवार और विधायक डॉ. सतीश सिकरवार ने भी संबोधित किया। ग्वालियर में आयोजित हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता सामाजिक सुरक्षा व कल्याणी पेंशन एवं मुख्यमंत्री कामकाजी महिला कल्याण योजना सहित सरकार की विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के तहत हितलाभ भी वितरित किए गए।
आरओबी बनने से शहरवासी चंद्रबदनी नाका से हाईवे तक सीधे जा सकेंगे
लगभग 937 मीटर लम्बाई और 76 मीटर स्पान में केन्द्रीय सड़क निधि से 42 करोड़ 80 लाख रूपए की लागत से लोक निर्माण विभाग के सेतु निर्माण संभाग और रेलवे द्वारा इस आरओबी का निर्माण किया गया है। रेलवे द्वारा आरओबी के 37 मीटर भाग का निर्माण किया गया है। यह आरओबी बनने से एजी ऑफिस ब्रिज पर यातायात का दबाव कम होगा। साथ ही लश्कर कम्पू से लेकर अन्य बस्तियों के निवासियों को कलेक्ट्रेट व न्यू सिटी सेंटर की बस्तियों एवं हाईवे तक जाने में कम दूरी तय करनी पड़ेगी। साथ ही जाम से मुक्ति मिलेगी। चंद्रबदनी नाका से अब हाईवे (शिवपुरी व दतिया राष्ट्रीय राजमार्ग) तक एक और सीधी सड़क शहरवासियों को मिल गई है।
इन छात्रावासों का हुआ लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आरओबी के साथ-साथ लगभग 7 करोड 87 लाख रूपए की लागत से नवनिर्मित अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास भवन ठाठीपुर व अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास भवन सिरोल का भी वर्चुअल रूप से लोकार्पण किया। ये दोनों छात्रावास 50 – 50 सीटर हैं। प्रत्येक छात्रावास का निर्माण 3 करोड 93 लाख 38 हजार रूपए की लागत से किया गया है।
उल्लास- राज्य में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए नव साक्षरता कार्यक्रम
9 Apr, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रदेश में साक्षरता कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। साक्षरता कार्यक्रम वर्ष 2022 से 2027 तक की अवधि के लिए तैयार किया गया है। प्रदेश में निरक्षरता उन्मूलन के लिए उल्लास-नव साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 5 व्यापक उद्देश्यों को लेकर संचालित किया जा रहा है। इनमें मुख्य रूप से बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा एवं सतत शिक्षा प्रदान करना शामिल है। यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए है।
पाठन
प्रदेश के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा अक्षर पोथी नामक प्राइमर बनाया गया है। यह प्राइमर सीखने की परिष्कृत गति एवं विषय वस्तु पर आधारित है। इस प्राइमर में बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान के साथ-साथ वित्तीय, कानूनी, डिजिटल साक्षरता एवं आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया है।
कार्यक्रम का क्रियान्वयन
प्रदेश में निरक्षरों के पठन-पाठन के लिए विद्यार्थियों, शासकीय-अशासकीय संगठनों एवं स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है। सहायता प्रदान करने वाले व्यक्ति का नाम अक्षर साथी है।
बुनियादी साक्षरता परीक्षा
राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष में दो बार नवसाक्षरों के लिए बुनियादी साक्षरता परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान है। सितंबर 2024 में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में आयोजित परीक्षा में 16 लाख 49 हजार से अधिक नवसाक्षरों ने भाग लिया। इसमें शामिल नवसाक्षरों में से 90 प्रतिशत नवसाक्षरों ने परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है।
53 1.84 करोड़ रुपए की लागत से हाईवे-34 का होगा अपग्रेड, केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दी सौगात
9 Apr, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश को सड़क कनेक्टिविटी सुधारने के लिए एक और बड़ी सौगात मिली है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-34 के हिस्से को अपग्रेड करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी एक्स पर शेयर की है।
531.84 करोड़ रुपये की मंजूरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए जानकारी शेयर करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश के शाहगढ़-बक्सवाहा-नरसिंहगढ़-दमोह से नेशनल हाईवे-34 के 63.50 किलोमीटर लंबे हिस्से को पेव्ड शोल्डर के साथ 2-लेन में अपग्रेड करने के लिए 531.84 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी मिल गई है।
4 बाईपास बनेंगे
आगे की जानकारी देते हुए लिखा है कि नेशनल हाईवे-34 उत्तराखंड के गंगोत्री धाम को मध्य प्रदेश के नेशनल हाईवे-44 (नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर) पर लखनादौन से जोड़ता है। शाहगढ़-दमोह खंड के उन्नयन में 5 प्रमुख पुल, बक्सवाहा, भटेरा, नरसिंहगढ़ और पिपरिया चंपत में 4 बाईपास और दमोह के निर्मित क्षेत्रों में सर्विस/स्लिप रोड (दोनों तरफ 1.3 किमी) शामिल हैं। इस राजमार्ग के जुड़ने से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
लंबे समय से चल रही थी मांग
राष्ट्रीय राजमार्ग 34 प्रदेश के नरसिंहपुर, सागर, दमोह और राजगढ़ से होकर गुजरता है। इस मार्ग के उन्नयन की मांग लंबे समय से की जा रही थी। आपको बता दें कि, 63.50 किमी हिस्सा एमपी से होकर गुजरता है। इस मार्ग के उन्नयन से कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी।
राजधानी में जल्द ही वक्फ की जमीनों से हटेगा अतिक्रमण, नए वक्फ बिल पास होने के बाद MP सरकार का एक्शन
9 Apr, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: नए वक्फ बिल के बाद राजधानी में वक्फ की जमीनों पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। वक्फ रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे ज्यादा अतिक्रमण कब्रिस्तानों पर है। करीब 100 कब्रिस्तानों को तोड़ा जा चुका है। इनमें से कुछ बस्तियां हैं, कुछ कॉम्प्लेक्स हैं और कुछ पर सरकारी दफ्तर भी हैं। बोर्ड के रिकॉर्ड के मुताबिक राजधानी में 7700 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से 135 कब्रिस्तान हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ 30 ही बचे हैं। कब्रिस्तानों के संरक्षण के लिए काम कर रहे जमीयत सचिव इमरान हारून के मुताबिक फिलहाल भोपाल टॉकीज चौराहा, पुराना आरटीओ ऑफिस, नरेला संकरी, कोलार, जहांगीराबाद समेत कई इलाकों में कब्रिस्तानों का नामोनिशान नहीं बचा है। पीएचक्यू के पास सरकारी दफ्तर के पीछे अभी भी कब्रों के निशान दिख रहे हैं। वक्फ बोर्ड ने जिला प्रशासन को 7700 संपत्तियों की जानकारी दे दी है। राजस्व रिकॉर्ड अपडेट किए जा रहे हैं। इस आधार पर बोर्ड के रिकॉर्ड भी अपडेट किए जाएंगे।
वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सनवर पटेल के मुताबिक प्रशासन को इस बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है। इमरान हारून ने बताया कि शहर में करीब 70 फीसदी कब्रिस्तान गायब हो गए हैं। कब्रिस्तानों पर बस्तियां बस गई हैं, जबकि लोगों ने अतिक्रमण कर उन पर कब्जा कर लिया है। नए बिल में निजी अतिक्रमण पर कार्रवाई हो सकती है, लेकिन सरकार का क्या होगा, यह पता नहीं है। क्या बोर्ड इसके बदले में सरकार से जमीन लेगा? मुस्लिम महासभा के मुन्नवर अली ने कहा कि यह भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। पिछले साल शहर के कब्रिस्तानों में दफनाने के लिए जगह की कमी का मुद्दा सामने आया था। निजी अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई की गई, लेकिन जिन जमीनों पर सरकार ने कब्जा कर रखा है, उसके बदले में क्या होगा? कब्रिस्तानों के बदले जमीन दी जानी चाहिए। जानिए क्या है नए वक्फ कानून में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को नए वक्फ कानून बनने के बाद होने वाले बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसमें लोगों के बीच बनी धारणा और कानून के प्रावधानों की सच्चाई को सामने रखते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि नया कानून बनने के बाद न तो वक्फ संपत्तियां वापस ली जाएंगी और न ही निजी जमीन पर कब्जा किया जाएगा।
सवाल: क्या वक्फ संपत्तियां वापस ली जाएंगी?
तथ्य: वक्फ अधिनियम 1995 के तहत पंजीकृत कोई भी संपत्ति वक्फ के रूप में वापस नहीं ली जाएगी। क्योंकि एक बार संपत्ति वक्फ घोषित हो जाने के बाद वह स्थायी रूप से वैसी ही रहती है। विधेयक जिला कलेक्टर को उन संपत्तियों की समीक्षा करने की अनुमति देता है जिन्हें गलत तरीके से वक्फ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, खासकर अगर वह सरकारी संपत्ति हो। वैध वक्फ संपत्तियां सुरक्षित रहती हैं।
सवाल: क्या वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण नहीं होगा?
तथ्य: सर्वेक्षण होगा। कानून सर्वेक्षण आयुक्त की पुरानी भूमिका के स्थान पर जिला कलेक्टर को नियुक्त करता है। जिला कलेक्टर मौजूदा राजस्व प्रक्रियाओं का उपयोग करके सर्वेक्षण करेगा। इसका उद्देश्य सर्वेक्षण प्रक्रिया को रोके बिना रिकॉर्ड की सटीकता में सुधार करना है।
सवाल: क्या मुसलमानों की निजी जमीन अधिग्रहित की जाएगी?
तथ्य: कोई निजी भूमि अधिग्रहित नहीं की जाएगी। यह केवल उन संपत्तियों पर लागू होता है जिन्हें वक्फ घोषित किया गया है। यह निजी या व्यक्तिगत संपत्ति को प्रभावित नहीं करता है जिसे वक्फ के रूप में दान नहीं किया गया है। केवल स्वैच्छिक और कानूनी रूप से वक्फ के रूप में समर्पित संपत्तियां ही नए नियमों के अंतर्गत आती हैं।
प्रश्न: क्या वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम बहुसंख्यक हो जाएंगे?
तथ्य: बोर्ड में गैर-मुस्लिम शामिल होंगे, लेकिन वे बहुसंख्यक नहीं होंगे। केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड को पदेन सदस्यों को छोड़कर, दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को सदस्य के रूप में शामिल करना होगा, परिषद में अधिकतम चार गैर-मुस्लिम सदस्य और वक्फ बोर्ड में अधिकतम तीन सदस्य हो सकते हैं। केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्ड में कम से कम दो सदस्य गैर-मुस्लिम होने चाहिए। इसका उद्देश्य समुदाय के प्रतिनिधित्व को कम किए बिना विशेषज्ञता को जोड़ना है।
प्रश्न: क्या सरकार इस विधेयक का उपयोग वक्फ संपत्तियों को अपने अधीन करने के लिए करेगी?
तथ्य: कानून जिला कलेक्टर के पद से नीचे के अधिकारी को यह समीक्षा करने और सत्यापित करने का अधिकार देता है कि सरकारी संपत्ति को गलत तरीके से वक्फ के रूप में वर्गीकृत किया गया है या नहीं। लेकिन यह वैध रूप से घोषित वक्फ संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार नहीं देता है।
क्या कानून गैर-मुस्लिमों को मुस्लिम समुदाय से संबंधित संपत्ति को नियंत्रित या प्रबंधित करने की अनुमति देता है?
तथ्य: संशोधन में प्रावधान है कि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्ड में केवल कुछ गैर-मुस्लिमों को नियुक्त किया जाएगा। चूंकि अधिकांश सदस्य मुस्लिम समुदाय से होंगे, इसलिए समुदाय धार्मिक मामलों पर नियंत्रण बनाए रखेगा।
धारणा: क्या उपयोगकर्ता वक्फ के प्रावधान को हटाने से लंबे समय से चली आ रही परंपराएं खत्म हो जाएंगी?
तथ्य: इस प्रावधान को हटाने का उद्देश्य संपत्ति पर अनधिकृत या गलत दावों को रोकना है। उपयोगकर्ता संपत्तियों (जैसे मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान) द्वारा ऐसे वक्फ को संरक्षण प्रदान किया गया है जो वक्फ संपत्तियां बनी रहेंगी, सिवाय इसके कि संपत्ति पूरी तरह या आंशिक रूप से विवाद में है या सरकारी संपत्ति है। उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ का अर्थ ऐसी स्थिति से है जहां किसी संपत्ति को सिर्फ इसलिए वक्फ माना जाता है क्योंकि उसका उपयोग धार्मिक उद्देश्य से किया गया है।
प्रश्न: क्या मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों की पारंपरिक स्थिति प्रभावित होगी?
तथ्य: वक्फ संपत्तियों के धार्मिक या ऐतिहासिक चरित्र में हस्तक्षेप नहीं करता है। इसका उद्देश्य इन स्थलों की पवित्र प्रकृति को बदलना नहीं है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाना है।