मध्य प्रदेश
सम्राट विक्रमादित्य की यशोगाथा से परिचित होगी दिल्ली : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
10 Apr, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा ‘विक्रमोत्सव 2025’ के अंतर्गत देश और प्रदेश की सभी पीढ़ियों को सम्राट विक्रमादित्य के जीवन चरित्र, विशेषकर उनके पराक्रम, शौर्य, दानशीलता, न्यायप्रियता और सुशासन से अवगत कराया जा रहा है। इसी श्रृंखला में दिल्ली में 12 से 14 अप्रैल 2025 तक लाल किला मैदान के माधव दास पार्क में सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का भव्य मंचन किया जाएगा। इसके पहले शुक्रवार 11 अप्रैल को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में फतेहपुरी, चांदनी चौक से लाल किला तक सम्राट विक्रमादित्य की शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा आयोजित इस महानाट्य में प्रस्तुति उज्जैन की विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति द्वारा दी जाएगी। महानाट्य का लेखन पद्मडॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित और निर्दशन संजीव मालवीय का है। महानाट्य में विक्रमादित्य के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की गाथाएं लगभग 250 कलाकारों द्वारा प्रदर्शित की जाएंगी। महानाट्य के दृश्यों को सजीव बनाने के लिए पालकी, रथ, घोड़ों और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट का प्रयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार ‘विरासत से विकास’ के ध्येय वाक्य पर काम कर रही है। इसी क्रम में अतीत के गौरवशाली नायकों के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को जनता के सामने लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विक्रम संवत के प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य का शासन काल भारतीय साहित्य, ज्योतिष, आयुर्वेद, गणित और चिकित्सा विज्ञान का स्वर्णिम युग भी रहा है, जिसे सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य के माध्यम से जीवंत कर जनता के बीच प्रस्तुत किया जाएगा।
कार्यक्रम में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा ‘विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक’ की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केंद्रित ‘आर्ष भारत’ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें 100 से अधिक ऋषियों के जीवन और योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा। जनसंपर्क विभाग द्वारा ‘मध्यप्रदेश का विकास एवं उपलब्धियां’ विषय पर और पर्यटन एवं उद्योग विभाग द्वारा भी प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी।
मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा कार्यक्रम स्थल में फूडकोर्ट लगाया जाएगा। इसके माध्यम से दर्शक प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। फूडकोर्ट में प्रदेश के विभिन्न अंचलों के पकवान- बघेलखंडी निमोना, मालवा की कॉर्न पेटिस और भुट्टे की कीस, इंदौरी पोहा और विंध्य की इंद्रहार-कढ़ी-भात उपलब्ध होंगे। प्रदेश के विशिष्ट पेय जैसे सन्नाटा, नींबू पुदीना, आम पना, सब्जा शिकंजी, गुलाब लस्सी, कुल्हड़ चाय, प्रसिद्ध मिष्ठान जैसे मावा बाटी, जलेबी और श्रीअन्न व्यंजन जैसे कोदो भात, कुटकी गुड खीर और सवां खीर भी मेनू में शामिल किए गए हैं।
राज्यपाल पटेल ने राजभवन के प्रवेश द्वार क्रमांक- 1 एवं 2 के जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण कार्य का किया भूमि-पूजन
10 Apr, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गुरुवार को राजभवन के प्रवेश द्वार क्रमांक- 1 एवं 2 के जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण कार्य का भूमि-पूजन किया। उन्होंने विधि विधान से पूजन अर्चन किया और गेती चलाकर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। भूमि-पूजन कार्यक्रम राजभवन प्रवेश द्वार क्रमांक- 1 पर आयोजित हुआ।
राज्यपाल पटेल ने जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण कार्य परियोजना की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि निर्माण एजेंसी कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे। कार्य को समय सीमा में पूर्ण करें। राजभवन के प्रवेश द्वार क्रमांक 1 एवं 2 के जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की कुल लागत 66 लाख 32 हजार 900 रुपये है।
इस अवसर पर राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी अरविंद पुरोहित, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री अवनीन्द्र सिंह, कार्यपालन यंत्री राकेश निगम और एस.डी.ओ. एल. के. गुप्ता, नियंत्रक हाउस होल्ड राजभवन शिल्पी दिवाकर और राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
बर्फीली वादियों में दौड़ेगी वंदे भारत
10 Apr, 2025 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: अप्रैल की हल्की ठंडक और वसंत की खिलती बहार... हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, सेब के पेड़ों पर गुलाबी फूलों की चादर, और मैदानों की हरी घास — यह सब अब सिर्फ कल्पना नहीं रहेगा। क्योंकि अब जल्द ही, यह सब आप अपनी आंखों के सामने, जम्मू कश्मीर के लिए स्पेशल डिजाइंड वंदे भारत ट्रेन में बैठकर देख सकेंगे। जैसे ही ट्रेन पहलगाम की घाटियों से गुजरेगी, हरियाली से सजी वादियाँ, दूर तक फैले चीड़ के जंगल और चरवाहों की झलक आपको एक लम्हे में रोक देंगे। देवदार की खामोशी को चीरती वंदे भारत की रफ्तार — तकनीक और प्रकृति का अद्भुत संगम जल्द ही आपको देखने को मिलेगा।
इंजीनियरिंग का कमाल
"मेक इन इंडिया" के तहत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनी यह ट्रेन आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस है, जो बिजली सी चलती है। मगर सुरक्षित और आरामदायक सफर की मिसाल है। इसका सफर हर भारतीय को गर्व से भर देगा।
क्यों खास है कश्मीर वाली वंदे भारत?
यह वंदे भारत एक्सप्रेस विश्वसनीयता, सुरक्षा और यात्रियों के आराम को सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक एवं उन्नत सुविधाओं से युक्त है। इस वंदे भारत ट्रेन को कश्मीर घाटी की कठिन जलवायु परिस्थितियों में सुगम यात्रा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। जिससे अब हर मौसम में कश्मीर घाटी तक पहुंचना आसान होगा और वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत, क्षेत्र में यात्री सेवाएँ एवं पर्यटन अनुभव बेहतर बनाएगी।
ज़ीरो से नीचे तापमान, फिर भी कनेक्टिविटी बरकरार
जम्मू-कश्मीर जैसे सर्द मौसम वाले क्षेत्र में सुचारू रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए इस वंदे भारत ट्रेन में विशेष तकनीकी सुविधाएँ प्रदान की गई हैं:
सिलिकॉन हीटिंग पैड: यह वॉटर और बायो-टॉयलेट टैंकों में पानी को जमने से रोकेंगे। साथ ही, इनमें ओवरहीट प्रोटेक्शन सेंसर लगे हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि शून्य या माइनस तापमान में भी रेल संचालन सुचारू रूप से हो।
हीटेड प्लंबिंग पाइपलाइन: जीरो डिग्री से भी कम तापमान में सेल्फ-रेगुलेटेड हीटिंग केबल्स पानी को जमने से रोकेंगे।
ऑटो-ड्रेनिंग मैकेनिज्म: प्लंबिंग लाइनों में पानी के जमने की समस्या को रोकेगा, जिससे संचालन में कोई बाधा नहीं आएगी।
यात्रा होगी सुगम और सुरक्षित
कश्मीर की कठिन परिस्थितियों में ड्राइवर की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए इस वंदे भारत ट्रेन में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे सुगम यात्रा संभव होगी:
एंबेडेड हीटिंग एलिमेंट: फ्रंट लुकआउट ग्लास में लगाए गए यह एलीमेंट सर्द मौसम में विंडशील्ड को डी-फ़्रॉस्ट कर ड्राइवर को क्लियर विज़न प्रदान करेंगे, जिससे सुरक्षित व सुगम ट्रेन संचालन हो सकेगा।
एंटी-स्पॉल लेयर: बर्फबारी या आंधी जैसे कठिन मौसम के दौरान यह लेयर ड्राइवर को सुरक्षित ट्रेन के संचालन में सहायता करेगा।
सुरक्षित और आरामदायक वर्क एनवायरनमेंट: ट्रेन को कठिन मौसम परिस्थितियों से निपटने के लिए स्पेशल रूप से डिज़ाइन किया गया है।
भारतीय रेल की न्यू-एज टेक्नोलॉजी
इस वंदे भारत ट्रेन के सुचारू संचालन और यात्रियों के आराम के लिए कई तकनीकी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं:
एयर ड्रायर सिस्टम हीटिंग: अत्याधिक ठंड में एयर ब्रेक सिस्टम की दक्षता बनाए रखेगा। साथ ही, हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (HVAC) डक्ट्स द्वारा यात्रियों की आरामदायक यात्रा सुनिश्चित की गई है ।
5 kVA ट्रांसफॉर्मर: ट्रेन के महत्वपूर्ण घटकों के सुचारू संचालन और ठंडे मौसम में उनकी दक्षता बनाए रखने के लिए इसे अंडरफ्रेम में विशेष रूप से स्थापित किया गया है।
पूर्ण वातानुकूलित कोच: सेमी-हाई-स्पीड क्षमताओं (160 किमी प्रति घंटे) से लैस होंगे, जिससे तीव्र और समयबद्ध यात्रा संभव होगी।
आधुनिक सुविधाएँ: चौड़े गैंगवे, स्वचालित प्लग डोर, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, इंफोटेनमेंट सिस्टम और सीसीटीवी जैसी सुविधाएँ यात्रियों के अनुभव को सुगम बनाएंगी।
यात्रा में विकास का अनुभव
कश्मीर घाटी में वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत रेल यात्रा में एक ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है। यह सेवा सभी मौसमों में निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी, जो बर्फबारी, कठोर ठंड और कठिन पर्वतीय चुनौतियों को पार कर सुगम यात्रा का भरोसा दिलाती है। आधुनिक सुविधाओं और जलवायु-विशिष्ट अनुकूलन के साथ, यह ट्रेन यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगी। कश्मीर घाटी को सम्पूर्ण देश से अभूतपूर्व रूप से जोड़ने के साथ वंदे भारत एक्सप्रेस भौगोलिक और आर्थिक अंतर को भी समाप्त करेगी।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए रेल प्रशासन का सख्त रुख — बीना स्टेशन पर रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा औचक जांच, अव्यवस्थाओं पर त्वरित कार्रवाई
10 Apr, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल, यात्रियों को स्वच्छ, सुरक्षित और नियमबद्ध यात्रा उपलब्ध कराने के लिए रेल प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में रेलवे मजिस्ट्रेट श्री अनुराग खरे द्वारा बीना स्टेशन पर तथा कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों में औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता का परीक्षण और रेलवे नियमों के पालन की स्थिति की समीक्षा करना था।
गाड़ी संख्या 12137, 12108, 12618 एवं 12138 की पैंट्री कारों का निरीक्षण करते समय कुछ वेंडर बिना निर्धारित यूनिफॉर्म और गंदे कपड़ों में खाद्य सामग्री बेचते पाए गए। इसके अतिरिक्त पैंट्री कारों में स्वच्छता की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। इस संबंध में तुरंत संबंधित कर्मचारियों पर रेल अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की गई तथा सुधार के निर्देश दिए गए।
स्लीपर एवं एसी कोचों में टिकट चेकिंग के दौरान 68 यात्री बिना वैध टिकट यात्रा करते पाए गए, जिनके विरुद्ध रेलवे अधिनियम की धारा 137 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए ₹33,590 का अर्थदंड वसूला गया। इसके अतिरिक्त कुछ यात्रियों को चलती ट्रेन में पायदान पर खड़े होकर यात्रा करते हुए पकड़ा गया, जिस पर धारा 156 के तहत कार्रवाई की गई। कुछ मामलों में अवैध चैन पुलिंग की घटनाएं भी सामने आईं, जिन पर धारा 141 के अंतर्गत दंडात्मक कदम उठाए गए।
बीना स्टेशन पर स्थित स्टालों का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कुछ स्टाल बिना वैध लाइसेंस के खाद्य सामग्री बेचते हुए पाए गए तथा कई स्थानों पर स्वच्छता का अभाव मिला। इन मामलों में धारा 144 और 145 के तहत कार्रवाई करते हुए संबंधित व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया गया। रिफ्रेशमेंट रूम के प्रबंधक और एक कर्मचारी पर गंदगी के लिए ₹2500-₹2500 का अर्थदंड लगाया गया।
रेलवे की इस विशेष जांच के दौरान कुल 317 व्यक्तियों के विरुद्ध रेलवे अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की गई तथा कुल ₹3,16,320 का अर्थदंड वसूला गया।
रेलवे मजिस्ट्रेट श्री अनुराग खरे ने कहा कि यह औचक जांच रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। रेल प्रशासन सभी यात्रियों से अपील करता है कि वे नियमों का पालन करें, स्वच्छता बनाए रखें और सुरक्षित यात्रा में सहयोग करें।
मेट्रो के पिलर निर्माण से बढ़ती समस्या, समयसा सुलझाने पहुंचे मंत्री विश्वास सारंग, दिए निर्देश
10 Apr, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: नरेला विधानसभा क्षेत्र में मेट्रो के पियर्स निर्माण के लिए लगाए गए बैरिकेड्स से यातायात की समस्या के समाधान के लिए मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार 10 अप्रैल को करोंद क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने रेहड़ी-पटरी वालों को हटाने और रेहड़ी-पटरी वालों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं।
दोनों तरफ होता यातायात प्रभावित
दरअसल, नरेला विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा मेट्रो से जुड़ा हुआ है। ऐसे में मेट्रो ट्रैक के निर्माण के लिए जगह-जगह पियर्स बनाए जा रहे हैं। जिसके लिए मेट्रो परियोजना की ओर से बैरिकेडिंग की गई है। जिसके कारण दोनों तरफ का यातायात प्रभावित हो रहा है। इससे व्यापारियों और रहवासियों में नाराजगी है।
शिकायत मिलने पर निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री
करौंद के व्यापारियों और रहवासियों की यह समस्या मंत्री विश्वास सारंग तक पहुंची। जिसके बाद गुरुवार को मंत्री सारंग ने मेट्रो, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, पुलिस अधिकारियों के साथ यातायात प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। समस्या जानने के बाद मंत्री सारंग ने कहा कि समस्या का जल्द ही समाधान किया जाएगा।
डक्ट हटाने से करोंद चौराहा पर दबाव होगा कम
मंत्री सारंग ने अफसरों से कहा कि पियर्स का काम जल्दी पूरा करें। बैरिकेड्स में भी सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। पीडब्ल्यूडी अफसरों को डक्ट तोड़ने के निर्देश दिए। मंत्री सारंग ने कहा कि डक्ट हटाने से करोंद चौराहा पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
मेट्रो अफसरों का कहना- चार महीने में निर्माण पूरा हो जाएगा
मंत्री सारंग ने कहा है कि पूरी टाइमलाइन के साथ कैलेंडर तैयार कर लिया गया है। मेट्रो अफसरों ने भरोसा दिलाया है कि चार महीने के अंदर ये बैरिकेड्स हटा दिए जाएंगे। जिससे ट्रैफिक सुचारू हो जाएगा।
डिमांड और गर्मी के चलते बड़ी दूध की कीमतें, जानिए अब कितने का पड़ेगा?
10 Apr, 2025 02:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर: भीषण गर्मी के साथ ही महंगाई ने भी रोजमर्रा की चीजों पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। लश्कर क्षेत्र में दूध डेयरियों पर दूध के दाम 11 अप्रैल से तीन रुपए प्रति लीटर बढ़ाए जा रहे हैं। 55 रुपए प्रति लीटर बिकने वाला दूध अब 58 रुपए प्रति लीटर मिलेगा। बता दें कि इससे पहले एक अप्रैल से उपनगर ग्वालियर में भी दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाकर 60 रुपए प्रति लीटर कर दिए गए हैं। दूध के दाम में बढ़ोतरी को लेकर मंगलवार को शहर के मध्य स्थित एक निजी होटल में दूध डेयरी व्यवसायी संघ की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें सभी दूध व्यापारियों ने दूध के दाम तीन रुपए प्रति लीटर बढ़ाने का निर्णय लिया।
दूध उत्पादकों की मांग के बाद बढ़ाए दाम
बैठक में व्यापारियों ने बताया कि पिछले दो साल से दूध के दाम नहीं बढ़ाए गए थे। दूध उत्पादक पिछले कई दिनों से दाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसी आधार पर दूध के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। बैठक में भारतीय दूध डेयरी व्यवसायी संघ के महासचिव नरेंद्र मंडल, हरमीत सिंह सेठी, ग्वालियर अध्यक्ष राहुल पाल, सचिव स्पर्श जैन आदि मौजूद थे।
आवक अभी भी भरपूर
ग्वालियर शहर की दूध डेयरियों पर रोजाना करीब साढ़े चार से पांच लाख लीटर दूध की खपत होती है। गर्मी बढ़ने के बावजूद दूध की आवक अभी भी भरपूर है। 14 अप्रैल से शुरू हो रहे शादियों के सीजन के चलते दूध और दूध से बने उत्पादों की मांग और बढ़ेगी।
बायो सीएनजी प्लांट यूनिट के जरिए 500 टन प्रतिदिन क्षमता का अत्याधुनिक प्लांट संचालित किया जा रहा
10 Apr, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: प्रदेश में नगरीय निकायों में कचरा संग्रहण, परिवहन और प्रसंस्करण सुविधाओं के विकास के लिए नगरीय निकायों को अनुदान दिया जा रहा है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने प्रदेश के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए 5,914 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
360 मटेरियल रिकवरी सुविधाएं
प्रदेश के 405 नगरीय निकायों में गीले कचरे का प्रसंस्करण कम्पोस्टिंग इकाइयों के माध्यम से तथा सूखे कचरे का प्रसंस्करण 360 मटेरियल रिकवरी सुविधाओं के माध्यम से किया जा रहा है। इंदौर में गोबरधन बायो सीएनजी प्लांट इकाई के माध्यम से 500 टन प्रतिदिन क्षमता का अत्याधुनिक प्लांट संचालित किया जा रहा है। इंदौर प्लांट से कचरे से संपदा और सर्कुलर इकॉनमी की अवधारणा साकार हुई है। सीएनजी के अलावा इंदौर प्लांट से प्रतिदिन 100 टन उच्च गुणवत्ता वाली खाद भी तैयार की जा रही है। इसका उपयोग इंदौर शहर के आसपास के स्थानीय खेतों में किया जा रहा है। इससे खेतों में रासायनिक खाद की जरूरत कम हुई है।
नगरीय विकास विभाग ने नगरीय निकायों में स्थित विरासती कचरे के निपटान के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इस कार्य को आगामी 3 वर्षों में शत-प्रतिशत पूर्ण करने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। अब तक प्रदेश में 50 स्थानीय निकायों के विरासती अपशिष्ट प्रसंस्करण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। दूसरे चरण में 108 नगरीय निकायों में विरासती अपशिष्ट प्रसंस्करण का कार्य विभिन्न चरणों में प्रक्रियाधीन है।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0
प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के अंतर्गत आगामी 5 वर्षों में सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए 4,914 करोड़ रुपए की योजनाओं को भी स्वीकृति मिल गई है। इस कार्य के लिए नगरीय विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 473 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना की लागत का 50 प्रतिशत, 1 से 10 लाख की जनसंख्या वाले शहरों के लिए 66 प्रतिशत तथा 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों के लिए 90 प्रतिशत अनुदान के रूप में उपलब्ध करा रहा है। शेष राशि निकाय एवं सार्वजनिक निजी भागीदारी का अंशदान है। निकायों में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट का निपटान निर्धारित प्रक्रियाओं एवं मानदंडों के आधार पर किया जाता है।
ब्लू लाइन के लिए 531 संपत्तियों को हटाने का काम शुरू होगा, इतने गैर-शीर्षक धारक लाइन की जमीन में आते हैं
10 Apr, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मेट्रो की ब्ल्यू लाइन यानि रत्नागिरी से भदभदा तक प्रस्तावित लाइन में 531 संपत्तियों को हटाने के लिए चिन्हित किया गया है। इन लाइन में 6725 वर्गमीटर की जमीन नॉन टाइटल होल्डर की है। टाइटल होल्डर यानि जिनके पास संपत्ति को लेकर कोई दस्तावेज है, उनके पास 4218 वर्गमीटर जमीन है। इनके अलावा 1249 वर्गमीटर की अतिरिक्त संपत्ति भी प्रभावित होगी।
मेट्रो ब्ल्यू लाइन में ये क्षेत्र होंगे प्रभावित
मेट्रो की ब्ल्यू लाइन के लिए सबसे ज्यादा प्रभावित मिंटोहॉल, प्रभात चौराहा व रोशनपुरा चौराहा होगा। मिंटो हॉल के पास तो रोड का आधा हिस्सा बंद कर यहां सर्वे व पीलर के लिए काम चल रहा है। इसी तरह पुल बोगदा के पास की करीब आधी संपत्तियों- निर्माण प्रभावित होंगे।
लाइन के किनारे जमीन की कीमत तय
भोपाल में मेट्रो लाइन के किनारे जमीन की दरें प्रस्तावित गाइडलाइन में 13 हजार रुपए वर्गमीटर से 40 हजार रुपए वर्गमीटर तक तय की है। आपको मेट्रो लाइन के किनारे रहना है तो अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार तय करें कि कहां जमीन आपको सस्ती मिलेगी। मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट में सबसे महंगी जमीन करोद क्षेत्र में है। गौरतलब है कि मेट्रो की पहली ओरेंज लाइन एम्स से करोद तक बिछाई जा रही है। करीब 14 किमी लंबाई के ट्रैक पर मेट्रो का ट्रायल हो चुका है। गाइडलाइन की दरों पर 19 मार्च तक कलेक्ट्रेट कार्यालय या पंजीयन भवन या फिर ऑनलाइन आपत्ति कर सकते हैं।
गाइडलाइन में क्या खास
हाउसिंग बोर्ड के सबसे महत्वाकांक्षी और वीवीआइपी प्रोजेक्ट तुलसी ग्रीन के निर्मित क्षेत्र की रजिस्ट्री के 71 हजार वर्गमीटर के दर से होगी। इसमें करीब 20 हजार रुपए वर्गमीटर की बढ़ोतरी की गई है। जिला प्रशासन ने मेट्रो के लिए रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर छह की ओर इरानी डेरे को लगभग हटा दिया है। पूरा बाजार हटाया जा चुका है, लेकिन गाइडलाइन में इसकी दर तय है। इरानी डेरा मार्केट के पीछे वाले हिस्से में आवासीय प्लॉट के लिए 10 हजार रुपए वर्गमीटर तो बने हुए आवासीय मकान के लिए 23 हजार वर्गमीटर की कीमत तय की है। यहां एक हेक्टेयर जमीन की दर 7.60 करोड रुपए तय की।
प्रदेश की पहली सीसी सिक्सलेन कोलार मुख्यमार्ग पर अब प्लॉट 50 हजार रुपए वर्गमीटर तो आवासीय निर्मित मकान 63 हजार वर्गमीटर कीमत का है। टीटी नगर के स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में प्लॉट की दर यथावत 72 हजार वर्गमीटर रखी है, जबकि निर्मित भवन की कीमत 1.08 लाख रुपए है। व्यवसायिक प्लॉट 85 हजार रुपए वर्गमीटर ही रखा गया। लैंड पुलिंग विवाद में उलझे बीडीए के मिसरोद बर्रई में आवासीय प्लॉट के लिए 25 हजार रुपए जबकि निर्मित आवासीय भवन की कीमत 38 हजार रुपए प्रतिवर्गमीटर है। बता दें कि ऑरेंज लाइन के साथ भदभदा-रत्नागिरी के बीच मेट्रो की ब्लू लाइन का काम भी शुरू हो गया है। ये पूरा प्रोजेक्ट 1006 करोड़ रुपए का है। कुल 13 किमी लंबे इस रूट पर 14 स्टेशन भी बनेंगे।
दो तरह से परीक्षण मिट्टी की टेस्टिंग दो तरह से हो रही है। पहला परीक्षण उन जगहों पर हो रहा है, जहां पिलर बनाए जाएंगे। वहीं, दूसरा परीक्षण मेट्रो स्टेशन के नीचे हो रहा है। रायसेन रोड स्थित आईटीआई के सामने और जेके रोड पर पिलर के लिए टेस्टिंग हो चुकी है। वहीं, मिंटो हॉल के सामने स्टेशन के लिए टेस्टिंग शुक्रवार को की गई। इन जगहों पर बनेंगे 14 स्टेशन ब्लू लाइन के लिए कुल 14 स्टेशन बनेंगे। इनमें भदभदा चौराहा, डिपो चौराहा, जवाहर चौक, रोशनपुरा चौराहा, कुशाभाऊ ठाकरे हॉल, परेड ग्राउंड, प्रभात चौराहा, गोविंदपुरा, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, जेके रोड, इंद्रपुरी, पिपलानी और रत्नागिरी तिराहा शामिल हैं।
कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर पर भी स्टेशन एक स्टेशन कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर पर भी बनेगा। 14वें स्टेशन के तौर पर बोगदा पुल (इंटरचेंज) सेक्शन बनाया जाएगा। जहां करोंद चौराहा से एम्स के बीच बनने वाली ऑरेंज लाइन और भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा के बीच चलने वाली ब्लू लाइन का इंटरचेंज होगा। यह एक ऐसा सेक्शन होगा, जहां यात्री एक मेट्रो से उतरकर दूसरी में सवार हो सकेंगे। पुल बोगदा के पास का हिस्सा सुभाष नगर से एम्स (प्रायोरिटी ट्रैक) के पास ही है। इसलिए इंटरचेंज सेक्शन पर भी जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि इंटरचेंज सेक्शन को अभी से डिजाइन करना पड़ेगा।
50 मी. की दर सिर्फ पुराने शहर में
मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत एम्स से करोद तक 14 किमी में लाइन तय है, लेकिन लाइन से 50 मीटर दायरे में जमीन की कीमत सिर्फ शहर के पुराने हिस्से वाली लाइन पर ही तय की गई। सुभाष ब्रिज, केंद्रीय विद्यालय, एमपी नगर, रानी कमलापति से लेकर अल्कापुरी, एम्स तक अलग से कोई दर तय नहीं की। रोड किनारे वाली दर ही इसमें लागू करना तय किया है।
आपत्ति की प्रक्रिया पूरी करने के बाद केंद्रीय मूल्यांकन समिति ही अंतिम मंजूरी देगी। – कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की 23वीं किस्त जल्द, इस दिन होगी जारी
10 Apr, 2025 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश की लाडली बहनों को 23वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, यह इंतजार अब खत्म होने वाला है, क्योंकि मुख्यमंत्री मोहन यादव 1.27 करोड़ लाडली बहनों के खातों में 23वीं किस्त जारी करेंगे। वहीं, सतना और मैहर जिले की 11 हजार महिलाओं के खातों में लाडली बहना की 23वीं किस्त की राशि नहीं आएगी। अप्रैल का महीना चल रहा है। ऐसे में मध्य प्रदेश की लाडली बहनों को लाडली बहना योजना की 23वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है। दरअसल, योजना की किस्त हर महीने की 10 तारीख को जारी की जाती है। वहीं, त्योहारों के मौके पर तय तारीख से पहले किस्त जारी कर दी जाती है। ऐसे में यहां जानते हैं कि इस महीने लाडली बहना की 23वीं किस्त की राशि कब जारी होगी? संभावना यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को अशोकनगर जिले की ईसागढ़ तहसील स्थित श्री आनंदपुर धाम आएंगे, ऐसे में योजना की किस्त 10 की जगह 11 अप्रैल को जारी हो सकती है। इससे पहले जनवरी में 10 की जगह 12 जनवरी (स्वामी विवेकानंद जयंती) को किस्त जारी हुई थी। उम्मीद है कि आज शाम तक 23वीं किस्त की तारीख को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी, फिर बहनों को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
इस बार 11 हजार बहनों को नहीं मिलेगा पैसा
जानकारी के मुताबिक इस बार 11 हजार महिलाओं को लाभ नहीं मिलेगा। 1. 27 करोड़ लाभार्थियों में से सतना और मैहर की 11 हजार महिलाओं को अधिक उम्र होने के कारण लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि नियमानुसार योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं की उम्र 23 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
वर्तमान में सतना और मैहर जिले में करीब 3 लाख 78 हजार महिलाओं को योजना का लाभ मिलता है, लेकिन 9 हजार महिलाओं की उम्र 60 साल पूरी हो चुकी है, ऐसे में उनका नाम एमपी सरकार के पोर्टल से अपने आप हट गया है। इसके अलावा करीब 2 हजार महिलाओं ने इस योजना का लाभ लेना अपने आप बंद कर दिया है।
लाडली बहना योजना: हर महीने पाएं 1250 रुपए
लाडली बहना योजना की शुरुआत पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मई 2023 में की थी।
लाडली बहना योजना का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।
इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को 1000 रुपये देने का निर्णय लिया गया था और फिर इसकी पहली किस्त 10 जून को जारी की गई थी। इसके बाद रक्षाबंधन 2023 पर यह राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई। अब इस योजना के तहत महिलाओं को 1250 रुपये प्रति माह की दर से सालाना 15,000 रुपये मिलते हैं। जून 2023 से मार्च 2025 तक कुल 22 किस्तों में मासिक आर्थिक सहायता राशि लाडली बहनों को हस्तांतरित की गई है। इसके अलावा अगस्त 2023 और 2024 (कुल 2 बार) के महीनों में लाभार्थी महिलाओं को 250 रुपये की विशेष आर्थिक सहायता भी हस्तांतरित की गई।
लाडली बहना योजना: आयु/पात्रता/नियम
इस योजना के अंतर्गत 1 जनवरी 1963 के बाद लेकिन 1 जनवरी 2000 तक जन्मी मध्य प्रदेश की स्थानीय निवासी सभी विवाहित महिलाएं (विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता सहित) वर्ष 2023 में आवेदन करने के लिए पात्र मानी जाएंगी।
महिलाओं में स्वयं या उनके परिवार में कोई करदाता नहीं होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये होनी चाहिए।
यदि संयुक्त परिवार है तो 5 एकड़ से अधिक भूमि नहीं होनी चाहिए, परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। घर में ट्रैक्टर या चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए।
यदि कोई महिला 60 वर्ष से कम आयु की है और उसे पहले से ही किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 1250 रुपये प्रति माह से कम राशि मिल रही है, तो उस महिला को भी 1250 रुपये तक की राशि दी जाएगी।
विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी विवाहित महिलाओं में शामिल किया गया है।
आवेदक की आयु आवेदन करने वाले वर्ष की 1 जनवरी को 21 वर्ष पूरी होनी चाहिए तथा अधिकतम आयु 60 वर्ष से कम होनी चाहिए।
जिन परिवारों के सदस्य वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक हैं या किसी सरकारी पद का लाभ ले रहे हैं, उनकी महिलाएं भी लाडली बहना योजना के लिए पात्र नहीं होंगी।
यदि महिला का पति सरकारी योजना के तहत लाभ पाने की पात्रता नहीं रखता है, तो वह भी इस योजना का लाभ नहीं ले पाएगी।
इस तरह लिस्ट में अपना नाम चेक करें, पैसा मिलेगा या नहीं
लाडली बहना की आधिकारिक वेबसाइट:
https://cmladlibahna.mp.gov.in/ पर जाएं।
वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर “आवेदन एवं भुगतान स्थिति” विकल्प पर क्लिक करें।
दूसरे पेज पर पहुंचकर अपना आवेदन क्रमांक या सदस्य समग्र क्रमांक दर्ज करें।
कैप्चा कोड सबमिट करने के बाद मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा।
मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और उसे सत्यापित करें।
ओटीपी सत्यापित करने के बाद “खोज” विकल्प पर क्लिक करें और आपका भुगतान स्टेटस खुल जाएगा।
लाडली बहनों को 23वीं किस्त की बेसब्री से इंतजार
लाडली बहना योजना के अंतर्गत 22 किस्तें महिलाओं के खाते में जारी कर दिए गए हैं. बता दें कि पिछले महीने 8 मार्च, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश सरकार की ओर से लाडली बहना योजना की 22वीं किस्त जारी की गई थी.
लाडली बहाना योजना की 23वीं किस्त कब आएगी?
मुख्यमंत्री लाडली बहाना योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं के खातों में हर महीने 1250 रुपये की राशि ट्रांसफर की जाती है। लाडली बहाना योजना की किस्त ज्यादातर महीने की 10 तारीख को दी जाती है। हालांकि नवरात्रि जैसे त्योहारों पर तारीख बदल जाती है और यह किस्त पहले भी आ जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि 23वीं किस्त 10 अप्रैल 2025 को ही खाते में आ जाएगी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
शिवराज सिंह ने शुरू की थी लाडली बहना योजना
बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 28 जनवरी 2023 को लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी। शुरुआती महीनों में लाडली बहन के खाते में सिर्फ 1000 रुपये ट्रांसफर किए जाते थे, लेकिन बाद में मोहन सरकार ने इस योजना की राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी।
कौन उठा सकता है लाडली बहन योजना का लाभ?
1. विवाहित महिलाएं लाडली बहन योजना का लाभ ले सकती हैं।
2. 60 साल से कम उम्र की महिलाएं ही लाडली बहन योजना का लाभ ले सकती हैं।
3. जिनके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख से कम है, वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
5. जिन महिलाओं के परिवार में कोई सदस्य सरकारी पद का लाभ ले रहा है, वे महिलाएं इस योजना से वंचित रहेंगी।
क्या लाडली बहन योजना के लिए ये दस्तावेज जरूरी हैं?
लाडली बहन योजना के लिए महिला आवेदकों के पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज, समग्र पोर्टल द्वारा जारी परिवार आईडी या सदस्य आईडी, मोबाइल नंबर बैंक खाता (आधार से लिंक) होना आवश्यक है।
लाडली बहना योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
1. मध्य प्रदेश की महिलाएं पोर्टल या मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भर सकती हैं।
2. ऑनलाइन आवेदन करते समय आवेदकों को सबसे पहले सारी जानकारी देनी होगी।
3. उक्त फॉर्म शिविर/ग्राम पंचायत/आंगनवाड़ी केंद्र/वार्ड कार्यालय पर उपलब्ध है।
4. भरे हुए फॉर्म को प्रवेश शिविर/वार्ड/ग्राम पंचायत वार्ड कार्यालय पर नियुक्त शिविर प्रभारी द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।
5. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदन की प्रिंटेड रसीद दी जाएगी।
6. महिलाओं को यह रसीद एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से भी प्राप्त होगी।
यातायात व्यवस्था में होंगे ऐतिहासिक बदलाव, झांसी खजुराहो फोरलेन पर चंद्रपुरा से जुड़ेगा कानपुर-सागर फोरलेन
10 Apr, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छतरपुर: आने वाले समय में शहर की यातायात व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। झांसी-खजुराहो फोरलेन और कानपुर-सागर सिक्सलेन अब चंद्रपुरा में एक दूसरे से जुड़ने जा रहे हैं। इस परियोजना के तहत चंद्रपुरा में एक विशेष अर्धचंद्राकार फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिससे चारों दिशाओं से लेन आसानी से अलग-अलग मार्गों पर मुड़ सकेंगी। इस निर्माण कार्य से न केवल यातायात सुचारू होगा, बल्कि छतरपुर शहर को दुर्घटनाओं और जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
क्या है योजना?
कानपुर-सागर सिक्सलेन सड़क सागर रोड पर चौका गांव से चंद्रपुरा तक लाई जाएगी। चंद्रपुरा में एक विशेष चंद्राकार जंक्शन बनाया जाएगा, जो ग्वालियर जैसे मॉडल पर आधारित होगा। इससे एक लेन से झांसी, दूसरी से सतना-रीवा (पन्ना रोड से), तीसरी से कानपुर और चौथी से छतरपुर शहर में वाहन प्रवेश कर सकेंगे।
रिंग रोड का बदला प्रस्ताव
पहले छतरपुर शहर में दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने के लिए रिंग रोड बनाने की योजना थी, लेकिन व्यावहारिक दिक्कतों और भारी लागत को देखते हुए अब बाईपास का विकल्प चुना गया है। कानपुर-सागर सिक्सलेन को झांसी-खजुराहो फोरलेन से जोड़कर सीधा जोड़ने वाला बाईपास मार्ग विकसित किया जाएगा।
43 किलोमीटर लंबा होगा बाईपास
छतरपुर से गुजरने वाला प्रस्तावित छह लेन वाला बाईपास 43.44 किलोमीटर लंबा होगा। यह चौका, चंद्रपुरा, निवारी, गढ़ीमलहरा, उजरा होते हुए कैमाहा तक जाएगा। परियोजना की कुल लागत 982 करोड़ रुपए होगी। इसके अलावा सागर रोड से साठिया घाट तक 55 किलोमीटर का फोरलेन बनाया जाएगा, जिसकी लागत 1671 करोड़ रुपए तय की गई है।
शहर को हादसों और जाम से मिलेगी राहत
छतरपुर शहर दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के चौराहे पर स्थित है। बाईपास न होने के कारण यहां आए दिन भारी जाम और सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अब यह छह लेन का बाईपास शहर के बाहर दोनों हाईवे को जोड़ेगा, जिससे भारी वाहनों का शहर में प्रवेश बंद हो जाएगा और ट्रैफिक का लोड भी कम होगा।
6 लेन का तैयार होगा रोड स्ट्रक्चर
प्रस्तावित चार लेन के हाईवे को भविष्य में छह लेन में बदला जा सके, इसके लिए डीपीआर इस तरह तैयार की जा रही है कि अंडरपास और फ्लाईओवर पहले से ही छह लेन के मानकों पर बने हों। छतरपुर से गुजरने वाला यह रूट भोपाल-लखनऊ इकॉनोमिक कॉरिडोर का भी हिस्सा बनेगा।
केंद्रीय कनेक्टिविटी हब बनेगा छतरपुर
यह हाईवे बुंदेलखंड के प्रमुख इलाकों जैसे झांसी, महोबा, हमीरपुर, छतरपुर और सागर को भोपाल और कानपुर से जोड़ेगा। छतरपुर जो अब तक सिर्फ पर्यटन के लिए जाना जाता था, अब लॉजिस्टिक और ट्रैफिक नेटवर्क का केंद्रीय हब बनने की ओर अग्रसर है।
गठेवारा के पास जुड़ेगा सिक्सलेन और फोरलेन बायपास
पहले शहर में दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव था। लेकिन इससे होने वाली परेशानियों को देखते हुए अब कानपुर सागर सिक्सलेन को झांसी खजुराहो फोरलेन से जोड़कर बायपास बनाया जाएगा। सिक्सलेन के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो चुकी है। अब इस जमीन पर बायपास बनाया जाएगा। सिक्सलेन बायपास बनने से अलग-अलग लेन के वाहन अलग-अलग आ-जा सकेंगे।
चंद्रपुरा से अलग होंगी सभी लेन
सागर कानपुर सिक्सलेन सागर रोड पर चौका गांव से पन्ना रोड पर चंद्रपुरा तक सिक्सलेन बायपास बनाया जाएगा। चंद्रपुरा में ग्वालियर की तरह चंद्राकर कनेक्शन देकर सभी लेन को अलग-अलग जोड़ा जाएगा। सागर से आने वाले सिक्सलेन के एक लेन के वाहन झांसी-खजुराहो रोड होते हुए झांसी की ओर जा सकेंगे। वहीं दूसरी लेन के वाहन पन्ना रोड पर सतना-रीवा की ओर जाएंगे। जबकि तीसरी लेन के वाहन कानपुर जा सकेंगे। दूसरी लेन से वाहन छतरपुर शहर में आ सकेंगे।
छतरपुर शहर का बाईपास 43 किमी लंबा होगा
कानपुर-सागर फोरलेन परियोजना में छतरपुर शहर से गुजरने वाला बाईपास 43.44 किमी लंबा होगा। यह चौका से चंद्रपुरा, निवारी, गढ़ी मलहरा, उजरा और फिर कैमाहा तक बनेगा। इस पर 982 करोड़ रुपए खर्च होंगे। चुनाव के बाद इसके लिए टेंडर भी जारी किए जाएंगे। इसके अलावा सागर रोड पर छतरपुर जिले की सीमा में चौका से सठिया घाट तक 55 किमी फोरलेन का निर्माण होगा। इस पर 1671 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
छतरपुर से गुजरेगा भोपाल-लखनऊ इकॉनोमिक कॉरिडोर
बुंदेलखंड के झांसी, महोबा, हमीरपुर, छतरपुर, सागर राष्ट्रीय राजमार्ग के मार्गों से सड़क मार्ग से भोपाल और कानपुर महानगर से जुड़े हुए हैं। अब इन दोनों महानगरों को फोरलेन सड़क से जोड़ा जा रहा है। डीपीआर इस तरह से तैयार की गई है कि भविष्य में इसे छह लेन का बनाया जा सके। यह चार लेन का हाईवे छतरपुर से होकर गुजरेगा। भोपाल-कानपुर हाईवे की डीपीआर कबरई से भोपाल के बीच अलग-अलग सेक्टरों में तैयार की गई है। प्रस्तावित चार लेन हाईवे में अंडरपास और एलिवेटेड ब्रिज 6 लेन के हिसाब से बनाए जाएंगे, ताकि भविष्य में विस्तार की स्थिति में हाईवे को 6 लेन का बनाया जा सके।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में वक्फ बिल विरोधी धरना
10 Apr, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वक्फ बिल के विरोध में गुरुवार को भोपाल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रदर्शन करेगा। दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड पर यह प्रदर्शन होगा। इसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग जुटेंगे।यह धरना सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड पर होगा। बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ बिल को पास करने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इसके बाद इसे लागू कर दिया गया। इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। भोपाल में शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन किए जाने की बात कही जा रही है।
दो घंटे का धरना, रैली नहीं निकालेंगे
मेम्बर आमला, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य आरिफ मसूद ने बताया, भोपाल में 2 घंटे का प्रदर्शन होगा। इसमें कोई झंडा, बैनर लगाने की मनाही है। न ही कोई रैली निकाली जाएगी।
भोपाल में काली पट्टी बांधकर पढ़ चुके नमाज
इससे पहले वक्फ संशोधन बिल के विरोध में मुस्लिम समाज के सदस्यों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी थी। रमजान के आखिरी शुक्रवार को नमाज में समाजजन शामिल हुए थे।
भोपाल की गोशाला में लापरवाही: पानी-भूसे के बिना तड़पते रहे गोवंश
10 Apr, 2025 10:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल की अरवलिया गोशाला में कुछ गोवंश मृत मिलने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। वे बुधवार को गोशाला में अचानक पहुंच गए थे। ताकि, व्यवस्थाओं के बारे में पता चल सके, लेकिन यहां गोवंश के लिए न तो पानी की व्यवस्था नजर आई और न भूसे की। इसे लेकर जिला प्रशासन से शिकायत भी की गई है। अरवलिया में नगर निगम गोशाला संचालित करता है, लेकिन यही पर ढेरों अव्यवस्थाएं मिलने पर बजरंग दल के कार्यकर्ता नाराज हो गए। अरवलिया के ही कार्यकर्ता शुभम ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिए। वीडियो में अव्यवस्थाएं नजर आ रही है।
10 से 15 गोवंश के मृत होने की आशंका
शुभम ने बताया कि गोशाला में पानी के ड्रम खाली मिले। खाने के लिए भूसा भी नहीं था। जब यहां जिम्मेदारों से बात की तो वे कुछ नहीं बता पाए। 10 से 15 गोवंश मृत अवस्था में मिले हैं। कलेक्टर से इसकी शिकायत की जाएगी।
चार शिशुओं का जन्म, दो की हालत नाजुक: महिला कैलाश नाथ काटजू अस्पताल में भर्ती
10 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कैलाशनाथ काटजू अस्पताल में एक चौंकाने वाला और दुर्लभ मामला सामने आया, जब एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया। इनमें दो बेटियां और दो बेटे शामिल हैं। यह अस्पताल के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब किसी महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया हो। इससे पहले, पिछले साल एक महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया था।डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों का जन्म समय से पहले, यानी गर्भावस्था के सातवें महीने में ऑपरेशन के जरिए कराया गया। चारों नवजातों का वजन 800 ग्राम से 1 किलो के बीच है, जो सामान्य से काफी कम माना जाता है। फिलहाल सभी बच्चों को अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है, जिनमें से दो की हालत गंभीर है और उन्हें वॉर्मर पर रखा गया है।डॉक्टर के अनुसार एक साथ तीन बच्चों का जन्म अब आम होता जा रहा है, लेकिन चार बच्चों का जन्म एक दुर्लभ घटना है। महिला जब पहली बार जांच के लिए अस्पताल आई थी, तब सोनोग्राफी में चार भ्रूणों की पुष्टि हो चुकी थी। सातवें महीने में प्रसव पीड़ा शुरू होने पर महिला को तत्काल इमरजेंसी में भर्ती किया गया। इस प्रकार के मामलों में महिला और बच्चों दोनों की विशेष देखभाल जरूरी होती है। अस्पताल की टीम लगातार नवजातों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
एक साथ 11 बच्चों के जन्म का है रिकॉर्ड
गौरतलब है कि दुनिया में एक साथ सबसे ज्यादा बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड 11 बच्चों का है, जो अमेरिका के इंडियाना की एक महिला ने एक साथ जन्म दिए थे। वहीं, पश्चिमी अफ्रीका की एक महिला ने एक साथ 9 बच्चों को जन्म दिया था, जिन्हें नोनुप्लेट्स कहा जाता है।
ब्लैकलिस्टेड दवा का इस्तेमाल: रीवा में कई गर्भवती महिलाएं हुईं शिकार, स्टोर कीपर सस्पेंड
10 Apr, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रीवा: बीते फरवरी माह में रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल से एक बड़ा मामला सामने आया था. जिसमें अस्पताल में डिलेवरी कराने आई 5 प्रसूताओं के परिजनों ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे. परिजनों का आरोप था की डॉक्टरों के द्वारा प्रसूताओं का गलत तारीके से इलाज किया गया. जिसके चलते उनकी याददाश्त चली गई.
लापरवाही के आरोप लगते ही अस्पताल प्रबंधन के बीच हड़कंप की स्थिति निर्मित हुई थी. जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने मामले की जांच करते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया था. घटना की जांच के एक माह से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने स्टोर कीपर की लापरवाही मानते हुए उसे निलंबित कर दिया.
महिलाओं को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन
फरवरी माह में रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में प्रसव पीड़ा से कराहती सात महिलाओं को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया गया था. जिसे दो महीने पहले ही 'अमानक' घोषित कर ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था. प्रसूताओं की ऑपरेशन से डिलेवरी हुई. जिसके बाद चार प्रसूताओं की याददाश्त चली गई थी. जिसमें से एक प्रसुता की हालत नाजुक बनी हुई थी. हालांकि इलाज के बाद अब सभी प्रसूताएं स्वास्थ्य हैं. लेकिन घटना की जांच करते हुए लापरवाह स्टोर कीपर को सस्पेंड भी कर दिया गया है.
दिसंबर में अमानक घोषित हुआ था इंजेक्शन
इस घटना के बाद एक टीम बना कर पूरे घटनाक्रम की जांच कराई गई. जांच में पता चला की दिसंबर में इस जानलेवा इंजेक्शन को अमानक घोषित कर दिया गया था. उसी दौरान इस इंजेक्शन को सरकारी पोर्टल में भी ब्लॉक कर दिया गया था. 25 फरवरी को अस्पताल के स्टोर से इस बैच के 100 वायल निकाल लिए गए थे जिसके बाद पांच डिलीवरी में इस्तेमाल भी हो गए, जिसके बाद महिलाओं की हालत बिगड़ी थी. अस्पताल के स्टोर कीपर प्रवीण उपाध्याय ने 'भूलवश' इसी प्रतिबंधित बैच के इंजेक्शन को जारी कर दिया था, जिसके बाद अब उन्हें निलंबित कर दिया गया.
डिलेवरी के लिए भर्ती हुई थी महिलाएं
दरअसल फरवरी माह में अलग-अलग घरों से 7 गर्भवती महिलाओ को रीवा के शासकीय SGMH में स्थित गायनी विभाग में भर्ती करवाया गया था. प्रसूताओं की डिलीवरीकी बाद जब परिजन प्रसूताओं से मिलने के लिऐ उनके पास वार्ड में गए तो प्रसूताओं ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया. घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही सीनियर डॉक्टरों के साथ ही स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की लाइन लग गई और तत्काल प्रसूताओं का इलाज शूरु किया गया था.
परिजन ने लगाया था आरोप
डभौरा निवासी विकास केशरवानी ने बताया "27 फरवरी की शाम को अपनी गर्भवती पत्नी को जीएमएच हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन करना होगा. शुक्रवार की सुबह ऑपरेशन से डिलीवरी हुई. ऑपरेशन से हुई डिलीवरी के बाद उनकी पत्नी और नवजात बच्चा दोनों ही स्वास्थ्य थे. उसके बाद पता नहीं कौन सी दवा या इंजेक्शन दिया गया जिससे पत्नी की हालत अचानक से बिगड़ गई. उसके हाथ और पैर जकड़ गए. तब डॉक्टरों ने उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया था."'
डॉक्टरों ने जताई थी इंजेक्शन के रिएक्शन की आशंका
गायनी विभाग की महिला गायनोलॉजिस्ट डॉ. बीनू सिंह ने बताया था कि, ''जिन महिलाओं को 27 फरवरी की रात डिलीवरी के लिए भर्ती किया गया था. ऐसी 7 महिलाएं थी जिन्हें वोमिटिंग होने के साथ सिर ने दर्द होने की समस्या उत्पन्न हुई थी. इसके बाद डॉक्टर ने तत्काल उनका उपचार शुरू किया गया था. सातों गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन पिछली रात हुआ था. प्रसूताओं को जो समस्या हुई थी उसका संबंध ऑपरेशन से नहीं है. प्राथमिक जांच में पता चला है की ऑपरेशन से पहले एनेस्थीसिया का जो इंजेक्शन दिया जाता है, हो सकता है की उस दवा का रिएक्शन हो या फिर दवाई का जो बैच हो उसमे मेन्यूफैक्चरिंग के दौरान कुछ डिफेक्ट रहा हो.
केन्द्रीय मंत्री शाह 13 अप्रैल को करेंगे राज्य स्तरीय सहकारिता सम्मेलन में शिरकत
9 Apr, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह 13 अप्रैल को रवीन्द्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारिता सम्मेलन में शामिल होंगे। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री शाह सहकारिता विभाग की समीक्षा भी करेंगे।
सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इस परिप्रेक्ष्य में कार्यक्रम स्थल रवीन्द्र भवन में आयोजित होने वाले सम्मेलन की रूपरेखा तय की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल का मुआयना कर वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
मंत्री सारंग ने निर्देश दिये कि कार्यक्रम स्थल पर विभागीय नवाचार संबंधी प्रदर्शनी लगाई जाये। उन्होंने बैठक के लिये बोर्ड रूम सहित हॉल और अन्य व्यवस्थाओं को भी देखा।