राजनीति
"वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में छोटे-बड़े एक करोड़ सुझाव मिले :किरेन रिजिजू
3 Apr, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । लोकसभा से पारित होने के बाद ‘वक्फ संशोधन बिल’ को गुरुवार को दोपहर एक बजे राज्यसभा में पेश किया गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इसके जरिए धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में छोटे-बड़े एक करोड़ सुझाव मिले हैं। संयुक्त संसदीय समिति ने 10 शहरों में जाकर विधेयक को लेकर लोगों की राय जानी और 284 संगठनों से बातचीत की गई। आज की स्थिति में, 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। 2006 में, अगर सच्चर समिति ने 4.9 लाख वक्फ संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान लगाया था, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि ये संपत्तियां अब कितनी आय उत्पन्न कर रही होंगी। आज आप मार्केट रेट के हिसाब से अनुमान लगा सकते हैं।”
उन्होंने बताया कि सच्चर कमेटी ने कहा था कि बंद कमरे में जो होता है, उसे बाहर आना चाहिए। महिलाओं और बच्चों के लिए खास कदम उठाना चाहिए। मैं कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी दलों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील करता हूं।”
किरेन रिजिजू ने कहा, “देश की आजादी के बाद 1954 में वक्फ को लेकर राज्यों में बोर्ड का गठन हुआ। 1995 में इसे लेकर विस्तृत कानून आया। वक्फ को लेकर स्पष्ट कानून आए। साल 2013 में यूपीए सरकार ने चुनाव के वक्त वक्फ कानून में कुछ बदलाव किए। उस वक्त भी जेपीसी का गठन हुआ, जिसमें 13 सदस्य थे। इस बार 31 सदस्य थे। उस बार जेपीसी की 22 बैठकें हुई और इस बार 36 बैठकें। उस समय 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से चर्चा हुई और इस बार 25 राज्यों के साथ ही कई अन्य संगठनों और सांसदों से चर्चा की गई। साथ ही करोड़ों लोगों के सुझाव मिले। पहले समिति ने सिर्फ जम्मू, श्रीनगर और लेह का ही दौरा किया। लेकिन, इस बार 10 शहरों में समिति के सदस्यों ने दौरा किया।”
रिजिजू ने कहा, “ये सवाल ही नहीं उठता है कि मुसलमानों के धार्मिक मामलों या वक्फ के मामलों में गैर मुस्लिम का कोई दखल होगा। अगर कोई मुसलमान खुद ट्रस्ट बनाकर अपनी संपत्ति का प्रबंधन करना चाहता है तो उसे वक्फ बोर्ड में शामिल करने की जरूरत नहीं है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। अगर कोई अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को देता है तो उस संपत्ति का ही प्रबंधन वक्फ बोर्ड करता है और वक्फ बोर्ड सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन के लिए है, इसमें धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का कोई सवाल नहीं है। वक्फ संपत्ति की देखरेख करने वाले मुतवल्ली पर निगरानी करने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया है।”
मनसे प्रमुख राज ठाकरे के निर्देश के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मराठी भाषा के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया
3 Apr, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र में बैंकों के सारे कामकाज मराठी में किए जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने राज्य में आंदोलन शुरू कर दिया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे के निर्देश के बाद मराठी भाषा के मुद्दे पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आक्रामक रुख अपना लिया है। मुंबई, ठाणे, पुणे आदि जिलों में मनसे के नेता बैंकों में जाकर ज्ञापन सौंप रहे है। इस बीच ठाणे जिले के अंबरनाथ शहर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) की शाखा में एक गैर-मराठी ब्रांच मैनेजर द्वारा मराठी नहीं आने की बात कहने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने वहां जमकर हंगामा किया। साथ ही मनसे कार्यकर्ताओं ने ब्रांच मैनेजर को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बैंकिंग के कामकाज में मराठी का उपयोग नहीं किया तो वह मनसे-स्टाइल में इसका जवाब देंगे। इस दौरान मनसे कार्यकर्ताओं ने ब्रांच मैनेजर के साथ बदसलूकी भी की।
मनसे का कहना है कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की नई गाइडलाइंस के अनुसार, बैंकों को ग्राहकों से मराठी में संवाद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी को लेकर मनसे के अंबरनाथ शहराध्यक्ष कुणाल भोईर, शहर संघटक स्वप्निल बागुल और विद्यार्थी सेना जिलाध्यक्ष धनंजय गुरव पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैंक ऑफ महाराष्ट्र की अंबरनाथ शाखा पहुंचे, तो वहां के ब्रांच मैनेजर शर्मा ने कहा कि उन्हें मराठी नहीं आती। इस पर मनसे कार्यकर्ताओं ने उनसे कहा कि अगर मराठी नहीं आती तो वह अपने राज्य में चले जाए और वहां नौकरी करें। मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी में बात करने के लिए कहे जाने पर बैंक मैनेजर ने कहा कि अगर उन्हें कोई शिकायत है तो पुणे की मुख्य शाखा में जाकर कहें। इस जवाब से गुस्साए कार्यकर्ताओं ने बैंक मैनेजर की केबिन में हंगामा कर दिया और चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, “हम पब्लिक सर्वेंट हैं, हमें देश में कहीं भी काम करने का अधिकार है। किसी भी भाषा को सीखने में समय लगता है। अगर कल मुझे तमिलनाडु जाना पड़े तो मुझे तमिल सीखनी होगी। इसके लिए समय लगता है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सीएम ने कार्रवाई की बात कही
इस बीच, मनसे के मराठी भाषा को लेकर चल रहे आंदोलन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में मराठी भाषा के लिए आंदोलन करना गलत नहीं है। सरकार भी मानती है कि मराठी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। लेकिन अगर कोई कानून अपने हाथ में लेता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल को केंद्र सरकार ने जबरन पारित करवाया : सोनिया गांधी
3 Apr, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी (सीपीपी) की बैठक में कहा कि लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल को केंद्र सरकार ने जबरन पारित करवाया है। यह विधेयक संविधान पर हमला है और हमारे समाज को स्थायी रूप से तोड़ने की बीजेपी की सोची-समझी रणनीति का एक हिस्सा है।
इस अवसर पर सोनिया गांधी ने उपस्थित कांग्रेस सांसदों से कहा, कि मोदी सरकार देश को रसातल में ले जाने का काम कर रही है। वह संविधान पर हमला कर उसे ध्वस्त करना चाहती है। इस तरह से तो संविधान महज कागजों में रह जाएगा। वन नेशन-वन इलेक्शन बिल भी संविधान का उल्लंघन है, जिसका हम विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सांसद मोदी सरकार की भारत को निगरानी राज्य में बदलने की मंशा को उजागर करने का काम करें।
बहुचर्चित वक्फ संशोधन बिल सोमवार देर रात लोकसभा में पारित हो गया, जिससे भारतीय राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को इस बिल पर तीखा प्रहार करते हुए इसे समाज को बांटने वाला और संविधान को कमजोर करने वाला करार दिया। कांग्रेस संसदीय समिति को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए और कहा, भाजपा ने इस बिल को लोकसभा में बुलडोजर से पारित किया है। सोनिया गांधी ने लोकसभा में बहस के दौरान विपक्षी सांसदों को अपनी बात रखने का मौका न मिलने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, यह बेहद चिंताजनक है कि विपक्षी सांसदों को अपनी बात कहने नहीं दी जाती। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने सत्ता पक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप भी लगाया। सोनिया गांधी ने भाजपा के प्रस्तावित एक देश, एक चुनाव कानून का भी विरोध किया। उन्होंने इसे संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ बताते हुए कहा कि कांग्रेस इस कानून को स्वीकार नहीं करेगी और इसे निरस्त करने की मांग करेगी।
नए संसद भवन पर टिप्पणी
सोनिया गांधी ने नए संसद भवन को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, अतीत में हम सहकर्मियों से मिल सकते थे, अन्य दलों के नेताओं से बातचीत कर सकते थे और मीडिया के साथ जुड़ सकते थे। लेकिन अब यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रक्षा और विदेश मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा चाहती थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने चीन द्वारा भारत की सीमाओं पर पेश की जा रही चुनौतियों और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 19 जून 2020 को दिए गए बयान की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, चीन से आयात में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे हमारे एमएसएमई उद्योग नष्ट हो रहे हैं। यह अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक है।
यहां बताते चलें कि लोकसभा में बुधवार रात को वक्फ संशोधन बिल पास हो गया। रात 2 बजे की गई वोटिंग में 520 सांसदों ने भाग लिया, जिसमें 288 ने पक्ष में और 232 ने विपक्ष में वोट डाले।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी 7 अप्रैल को आने वाले हैं बिहार
3 Apr, 2025 11:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी 7 अप्रैल को बिहार आने वाले हैं। वे कन्हैया कुमार की पलायन रोको नौकरी दो यात्रा में शामिल होने आ रहे है। 7 अप्रैल को बेगूसराय जिले मे कन्हैया की यात्रा होगी। राहुल गांधी दिन में पहले बेगूसराय और बाद में पटना के कार्यक्रम में शामिल होने वाले है।
बेगूसराय में राहुल गांधी के स्वागत के लिए बड़े लेवल पर तैयारी चल रही है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी के चौपर को बेगूसराय में उतरने के लिए परमिशन के लिए आवेदन दिया जा चुका है। परमिशन मिलने के बाद कांग्रेस इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकती है।
राहुल गांधी पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में पार्टी की ओर से आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने आ रहे है। राहुल गांधी का इस साल ये तीसरा दौरा है। इससे पहले 18 जनवरी और 5 फरवरी को पटना आए थे। चुनावी साल में राहुल के दौरे का काफी अहम माना जा रहा है। वहीं, 4 अप्रैल को राहुल गांधी बिहार के 40 कांग्रेस जिलाध्यक्षों के साथ दिल्ली में बैठक करने वाले है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्षों की घोषणा मंगलवार को हुई है। प्रदेशभर में संगठन को मजबूत करने के लिए बिहार के 40 कांग्रेस जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस सूची को मंजूरी दी है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इन नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है। नए अध्यक्षों को जिले स्तर पर पार्टी की मजबूती के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
दिल्ली विधानसभा ने सदन की तीन वित्तीय समितियों के सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की
3 Apr, 2025 10:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने सदन की तीन वित्तीय समितियों के सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की, जिसमें लोक लेखा समिति (पीएसी) भी शामिल है, जो सदन में हाल ही में प्रस्तुत सीएजी रिपोर्टों की जांच करेगी। अन्य दो समितियां सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति और अनुमान समिति हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि नौ सदस्यीय तीन समितियों में सत्तारूढ़ भाजपा के छह विधायक और विपक्षी आम आदमी पार्टी के तीन विधायक हैं। पीएसी के सदस्यों में भाजपा विधायक अजय महावर, अरविंदर सिंह लवली, कैलाश गहलोत, राज कुमार चौहान, सतीश उपाध्याय और शिखा राय होंगे, जबकि विपक्ष की ओर से आप नेता आतिशी, कुलदीप कुमार और वीरेंद्र सिंह कादियान पैनल के सदस्य होंगे। सरकारी उपक्रमों की समिति में भाजपा विधायक दीपक चौधरी, गजेंद्र द्राल, अनिल गोयल, कुलदीप सोलंकी, राज करण खत्री और तिलक राम खत्री सदस्य हैं, जबकि आम आदमी पार्टी की ओर से संजीव झा, प्रेम चौहान और अजय दत्त पैनल के सदस्य होंगे। यह समिति आप सरकार के दौरान दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के प्रदर्शन पर सीएजी की रिपोर्ट पर गौर करेगी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के सार्वजनिक परिवहनकर्ता को 14,000 करोड़ रुपए का परिचालन घाटा हुआ है। अनुमान समिति के सदस्यों में भाजपा से गजेंद्र सिंह यादव, हरीश खुराना, कुलवंत राणा, पूनम शर्मा, संजय गोयल और संदीप सहरावत हैं, जबकि अन्य सदस्यों में इमरान हुसैन, सोम दत्त और विशेष रवि हैं। फिलहाल जारी बजट सत्र के दौरान सदन में पेश की गई स्वास्थ्य, वायु प्रदूषण, उत्पाद शुल्क, वित्त और विनियोग खातों पर सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट को जांच और सिफारिशों के लिए पीएसी को भेज दिया गया है। पीएसी पिछली आप सरकार के वित्त और विनियोग खातों की भी जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें सैकड़ों करोड़ रुपए के बिल और उपयोग प्रमाण पत्र जमा न करने का खुलासा हुआ है।
वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास, JDU-TDP ने दिया साथ, केंद्र ने एक तीर से साधे 6 निशाने
3 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। लोकसभा में देर रात वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill LIVE Updates) पारित हो गया है। इस विधेयक पर पूरे दिन बहस हुई। कांग्रेस ने इस दौरान जमकर हंगामा किया। इस विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 232 सांसदों ने मतदान किया। आज वक्फ बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
देश का सत्ता पक्ष एनडीए हो या फिर विपक्षी इंडिया ब्लॉक, दोनों ही वक्फ के सहारे मुसलमानों के समर्थन की उम्मीद में है। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक-2025 पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में रात तक तीखी तकरार देखने को मिली। गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि हमने वक्फ से छेड़खानी नहीं की है। वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद के लिए संशोधन किया है। वक्फ बोर्ड को धार्मिक क्रियाकलाप नहीं करना है, बल्कि इसका कार्य प्रशासनिक है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इनको न पिछड़ों की चिंता है न मुसलमानों की। ये वर्षों से जातिवाद और तुष्टीकरण के आधार पर काम करते आए हैं।
टीडीपी और जेडीयू का दबाव का असर
वक्फ संपत्ति विवाद का सर्वे कराने का अधिकार पुराने विधेयक में जिला कलक्टर को दिया गया था, लेकिन टीडीपी और जेडीयू के दबाव में इसे बदलना पड़ा। संशोधित विधेयक में जिला कलक्टर के ऊपर के अधिकारी को यह शक्ति दी गई है। इसके अलावा यह विधेयक पुरानी वक्फ संपत्तियों पर लागू नहीं होगा। इसी तरह विधेयक में वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमियों पर कार्रवाई पर जोर दिया गया है।
कानून में संशोधन क्यों और क्या-क्या बदला
पहले: किसी भी धर्म का व्यक्ति वक्फ को संपत्ति दान कर सकता था।
अब: केवल प्रैक्टिसिंग मुस्लिम (कम से कम पांच साल से) ही अपनी संपत्ति वक्फ को दे सकता हैं, जो 2013 से पहले के प्रावधान को बहाल करता है।
पहले: वक्फ कानून के धारा- 40 के तहत बोर्ड मनमाने ढंग से संपत्ति पर दावा कर सकता था।
अब: यह संशोधिन विधेयक धारा- 40 को हटाता है, जिससे वक्फ बोर्ड की मनमानी पर रोक लगेगी।
पहले: वक्फ की संपत्तियों पर 58 हजार से अधिक अतिक्रमण के मामले चल रहे हैं।
अब: केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल वक्फ संपत्तियों को ट्रैक करेगा, जिससे बेहतर पहचान, निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित होगा। वक्फ बोर्डों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
पहले: वक्फ संपत्तियों का धार्मिक और सामाजिक कल्याण की जरूरतों को पूरा करने का प्रावधान, लेकिन कुप्रबंधन के चलते ऐसा नहीं होता था।
अब: ऑडिटिंग और अकाउंटिंग उपायों से वित्तीय कुप्रबंधन पर अंकुश लगेगा। इससे मिलने वाले फंड का इस्तेमाल वंचितों के स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास और आजीविका के लिए सहायता प्रदान करने में होगा।
यह लाभ भी होंगे
स्कूलों और मदरसों का निर्माण व रखरखाव
महिलाओं की भागीदारी, पारदर्शिता सुनिश्चित
मुस्लिम लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति
महिला उद्यमियों के लिए कौशल विकास और माइक्रोफाइनेंस सहायता
फैशन डिजाइन, स्वास्थ्य सेवा और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण
उत्तराधिकार विवादों और घरेलू हिंसा मामलों के लिए कानूनी सहायता केंद्रों की स्थापना
विधवाओं के लिए पेंशन योजनाएं
कांग्रेस ने बताया संघ परिवार को एजेंडा
दूसरी ओर कांग्रेस के संगठन महासचिव व सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज आप मुस्लिम समुदाय पर हमला कर रहे हो, कल आप ईसाई और परसों सिख के खिलाफ होंगे। संघ परिवार का स्पष्ट एजेंडा है कि अल्पसंख्यकों को खत्म कर दो। इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोपहर में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक रखते हुए इसका नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (उम्मीद) करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
वक्फ धार्मिक हुआ, वक्फ बोर्ड नहीं : अमित शाह
अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चली, वह चलती रहे। हम तो कह रहे हैं कि ‘वक्फ’ वही कर सकता है जो इस्लामिक प्रैक्टिसिंग वाला होगा। वक्फ धार्मिक हुआ, वक्फ बोर्ड नहीं। चैरिटी कमिश्नर को ट्रस्ट नहीं चलाना है, उसको केवल ये देखरेख करना होता है कि ट्रस्ट सही ढंग से चल रहा है कि नहीं। सारे ट्रस्ट के चैरिटी कमिश्नर अलग-अलग होंगे क्या? इससे तो देश टूट जाएगा। यूपीए की तत्कालीन सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 2013 में संशोधन किया, उसके चलते आज ये संशोधन लाने की नौबत आई। कांग्रेस सरकार ने दिल्ली लूटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दी। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। उन्होंने तमिलनाडु से कर्नाटक तक के उदाहरण दिए।
खरगे पर आरोपों को कार्यवाही से हटाया
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में वक्फ की जमीनों को लेकर घोटाले हुए हैं। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमें हमारे नेता पर गर्व है। ठाकुर ने आधारहीन आरोप लगाकर दलित खरगे का अपमान किया है। हंगामे के चलते ठाकुर के आरोपों को कार्यवाही से हटा दिया गया।
रिजिजू और गोगोई में नोकझोंक
विधेयक पेश करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने संसद भवन को भी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया था। यूपीए सरकार ने इसे डिनोटिफाई भी कर दिया था। अगर देश में मोदी सरकार नहीं होती तो आज जिस जगह हम बैठे हैं, वह भी वक्फ की होती। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि रिजिजू झूठ बोल रहे हैं, उनके अपनी बात का प्रमाण देना चाहिए। आज ये अल्पसंख्यकों के प्रति संवेदना जता रहे हैं, जबकि इनकी डबल इंजन सरकारों ने लोगों को नमाज तक नहीं पढ़ने दिया।
एनडीए दल बनाम इंडिया ब्लॉक
वक्फ में कोई गैर मुस्लिम नहीं आएगाः शाह
1) अमित शाहः गृहमंत्री ने कहा कि मुस्लिमों को विश्वास दिलाते हैं कि वक्फ में कोई गैर मुस्लिम नहीं आएगा, लेकिन वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है, वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का काम करेगा।
2) ललन सिंहः पंचायती राज मंत्री ने कहा कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी नहीं है। हम वक्फ की आमदनी सही मायने में मुसलमानों के लिए खर्च हो, इस पर नजर रखने के लिए बिल में संशोधन लेकर आए हैं। यह विधेयक पसमांदा मुसलमान, निचले तबके और निम्न वर्ग के मुसलमानों को अधिकार मिलेंगे।
3) कृष्णा प्रसाद तेन्नेटीः टीडीपी के सांसद ने कहा कि वक्फ संपत्ति को मुस्लिमों के हर वर्ग विशेषरूप से युवाओं और महिलाओं के कल्याण में लगाया जाना चाहिए। वक्फ के पास 1.2 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति और लाखों एकड़ जमीन है, जिससे सामाजिक और आर्थिक बदलाव में मदद मिल सकती है।
4) अरुण भारतीः एलजेपी (रामविलास) सांसद ने कहा कि विधेयक पर विपक्ष केवल धार्मिक पक्ष को लेकर विरोध दर्ज कराता रहा है, जबकि इसके सामाजिक और आर्थिक पक्ष पर बहस नहीं हो पाती। ऐसा इसलिए क्योंकि धार्मिक पक्ष पर विपक्ष मुस्लिम समाज को भड़का कर अपना वोटबैंक बनाए रखना चाहता है।
धर्म के नाम पर भारत विभाजन का एजेंडाः केसी
1) केसी वेणुगोपालः कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार का केवल एक एजेंडा है, धर्म के नाम पर भारत माता का विभाजन करना। वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य लेकर आ रहे हैं। किसी भी मंदिर में मुस्लिम या ईसाई सदस्य को वोटिंग का अधिकार नहीं है। सरकार ने संसद में एंग्लो इंडियन के प्रतिनिधित्व खत्म किया।
2) अखिलेश यादवः समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि रेलवे की जमीन, डिफेंस की जमीन भी भारत की है। क्या डिफेंस और रेलवे की जमीन नहीं बेची जा रही है? वक्फ मुसलमानों का है और विधेयक पर उन्हीं की बात नहीं सुनी जा रही है। जब करोड़ों लोग इसके खिलाफ हैं तो इसे लाने की जरूरत क्या है।
3) कल्याण बनर्जीः टीएमसी संसदीय दल के नेता ने कहा कि ये संविधान के खिलाफ है, संवैधानिक ढांचे पर प्रहार है। वक्फ संपत्ति मुस्लिम समुदाय के लिए बैकबोन है।यह इस्लामिक परंपराओं को लेकर गंभीर चिंता का विषय हैं। किसी भी धर्म में दिए जाने वाले दान को कैसे नियंत्रण कर सकते हैं।
4) ए राजाः डीएमके सांसद ने कहा कि ये कहानी गढ़ रहे हैं कि संसद भवन वक्फ बोर्ड को दे दी गई होती। आज का दिन इस संसद के लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण है कि सेक्यूलर देश किस तरफ जाएगा। राजनीतिक बिल इस सदन के माध्यम से पूरे देश पर थोपा जा रहा है।
बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी :पोस्टर वार भी तेज हुआ
3 Apr, 2025 08:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। साथ ही पोस्टर वार भी तेज हुआ है। बुधवार को पटना के कई इलाकों में पोस्टर लगाए गए हैं, इसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना की गई है।
पोस्टरों में लालू के कार्यकाल को जंगल राज बताया गया है। जबकि, नीतीश के शासन को सुशासन के रूप में दिखाया गया है। पोस्टर में लालू की तस्वीर के साथ लिखा गया है, लालू राज में धार्मिक दंगा, दहशत और डर का राज- यही था लालू का अंदाज! पोस्टर में लालू के कार्यकाल में हुए कई दंगों का भी जिक्र किया है। वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पोस्टर को लेकर कहा है कि सच्चाई यही है। लालू राज में जो होता था। उस पोस्टर के द्वारा बताया गया है।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर वाले पोस्टर में उनके शासनकाल को शांति और सद्भाव का प्रतीक बताया गया है। इसमें लिखा गया है, एकता की रोशनी, नफरत की हार, शांति और सद्भाव का बिहार! अमन-चैन की चले बयार, जब नीतीश की है सरकार। बिहार में यह पोस्टर वार लगातार तेज होता जा रहा है।
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश
2 Apr, 2025 05:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रश्नकाल के बाद इसे सदन में चर्चा के लिए रखा। स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर 8 घंटे की चर्चा के लिए समय निर्धारित किया है, जिसमें एनडीए को 4 घंटे 40 मिनट और विपक्ष को शेष समय दिया गया है। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का टीडीपी और जेडीयू ने समर्थन करने की बात कही है, जबकि विपक्ष लगातार विरोध जता रहा है। चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने बिल को समर्थन देने की घोषणा की है। इन दोनों दलों ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थिति के लिए व्हिप भी जारी किया है।दूसरी ओर, विपक्ष इस बिल के खिलाफ एकजुट नजर आ रहा है। तमिलनाडु की एआईएडीएमके, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी) और के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) जैसी तटस्थ मानी जाने वाली पार्टियां भी विपक्ष के साथ खड़ी हैं।
विपक्ष ने की चर्चा का समय बढ़ाने की मांग
विपक्ष ने लोकसभा में चर्चा का समय 12 घंटे करने की मांग उठाई है। इस पर किरेन रिजिजू ने कहा कि चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है, ताकि देश को पता चले कि कौन सी पार्टी किस पक्ष में है।
शाह और वेणुगोपाल में तकरार
बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के बीच तीखी नोकझोंक हुई। वेणुगोपाल ने कहा, कि हमें बिल पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। इस पर अमित शाह ने जवाब दिया, कि आपने जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की मांग की थी, हमने सभी सुझावों को स्वीकार किया है।
यह सत्र 2027 के गुजरात विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक शुरुआती कदम
2 Apr, 2025 04:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 64 साल के लंबे अंतराल के बाद गुजरात में अपने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अधिवेशन की मेजबानी करने जा रही है। यह ऐतिहासिक सत्र 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में होगा। इससे पहले गुजरात में आखिरी एआईसीसी सत्र 1961 में भावनगर में हुआ था। गुजरात में अपने अस्तित्व के संकट और राष्ट्रीय स्तर पर मिल रही चुनावी हार के बीच पार्टी इस सत्र के जरिए नई ऊर्जा प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा।
यह एआईसीसी सत्र कई ऐतिहासिक संयोगों के कारण खास है। यह साल महात्मा गांधी की एकमात्र कांग्रेस अध्यक्षीय कार्यकाल की शताब्दी और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का भी प्रतीक है। कांग्रेस 8 अप्रैल को शाहिबाग स्थित सरदार पटेल मेमोरियल में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक करेगी, जबकि 9 अप्रैल को साबरमती नदी के किनारे मुख्य एआईसीसी सत्र आयोजित होगा। सरदार पटेल की विरासत पर फिर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति?
बीते एक दशक में बीजेपी ने सरदार पटेल की विरासत को बड़े स्तर पर अपनाया है और कांग्रेस को इससे दूर करने का प्रयास किया है। ऐसे में सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर कांग्रेस द्वारा गुजरात में यह आयोजन महज संयोग नहीं माना जा रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी पटेल समुदाय के समर्थन को फिर से पाने की कोशिश कर रही है, जो माधवसिंह सोलंकी की क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग के बाद कांग्रेस से दूर होता गया था।
हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने इस आयोजन के राजनीतिक मायनों से इनकार किया है। गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि आप सरदार पटेल को किसी एक समुदाय के नजरिए से नहीं देख सकते। वे पूरे राष्ट्र के नेता थे। गुजरात में कांग्रेस पिछले कई दशकों से लगातार कमजोर हो रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 77 सीटें जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन 2022 में यह घटकर 17 सीटों पर आ गई। अब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और पार्टी इस सत्र के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश करेगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह सत्र 2027 के गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए भी एक शुरुआती कदम है। कांग्रेस पिछले कई चुनावों में गुजरात में खराब प्रदर्शन से जूझ रही है। हाल के नगर निगम चुनावों में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में यह सत्र पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने और संगठन को मजबूत करने का प्रयास होगा। इस सत्र में देशभर से करीब तीन हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस इस सत्र के जरिए अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस हासिल कर पाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को हरियाणा के दौरे पर जाएंगे
2 Apr, 2025 03:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को हरियाणा के दौरे पर जाएंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी हिसार और यमुनानगर का भी दौरा करेंगे। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री पहले हिसार पहुंचेंगे और उसके बाद दोपहर 2 बजे यमुनानगर में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि हिसार और यमुनानगर दोनों स्थानों पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी में बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री जनता को संबोधित करेंगे और राज्य की विकास योजनाओं पर बात करेंगे।उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर राज्य सरकार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। श्याम सिंह राणा ने इस दौरान फसलों की खरीद को लेकर भी अहम जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि आज से शुरू हुई फसलों की खरीद प्रक्रिया में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि हरियाणा के सभी मंडियों में फसलों की खरीदारी सुचारू रूप से की जाएगी।कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने फसल खरीद को लेकर सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। मंडियों में बारदाने की उपलब्धता समेत अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
इस विधेयक का मकसद वक्फ के धार्मिक कार्यों में हस्तक्षेप करना नहीं, बल्कि उसका प्रबंधन में लाना है- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा
2 Apr, 2025 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आज दोपहर लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक के पक्ष में मजबूत तर्क प्रस्तुत किए।
सांसद रविशंकर ने संसद में शाहबानो मामले को उठाते बोले
सांसद रविशंकर ने कहा- इन दिनों संविधान की लाल किताब दिखाई जाती है। मैं संसद में रखी हरी किताब लेकर आया हूं। संविधान के अनुच्छेद 15 में महिलाओं और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए प्रावधान करने का उल्लेख है। मैं बिहार से आता हूं। वहां और उत्तर प्रदेश में बहुत से पिछड़े मुसलमान हैं। उन्हें भी वक्फ विधेयक में जगह दी जा रही है, तो समस्या क्या है? यह वक्फ विधेयक जिसमें संशोधन किया जा रहा है, अनुच्छेद 15 के तहत है। अब जब अनुच्छेद 25 की बात हो रही है, तो इसका दूसरा पैराग्राफ भी पढ़ लें। वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं है, बल्कि यह एक कानूनी संस्था है।
मुतवल्ली की भूमिका पर सवाल उठाए गए। एक किताब का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मुतवल्ली का वक्फ संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है, बल्कि वह संपत्ति का प्रबंधक है। अगर 8 लाख रुपये की संपत्ति लूटी जा रही है, तो सरकार को चुप रहना चाहिए। हमें बताएं, वक्फ की संपत्ति पर कितने स्कूल, अस्पताल और उद्योग स्थापित किए गए। अगर आज इस संपत्ति की कीमत बढ़ाने की बात हो रही है, तो क्या समस्या है। वे अपने दिल से कहते हैं कि संशोधन होना चाहिए लेकिन उनके अंदर कुछ और है। शाहबानो के मामले में अदालत का फैसला आया। उसे कुछ सौ रुपये मिले। हमने देखा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का क्या हुआ। उस समय राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे।
AIMPLB ने ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, हम निकाहनामा में कहेंगे कि, ट्रिपल तलाक न दें। जब बिल पास हुआ, तो उन्होंने पूरे देश में ट्रिपल तलाक का विरोध किया। अनुच्छेद 370 के बारे में भी ऐसा ही भ्रम पैदा किया गया था लेकिन आज वहां एक लोकतांत्रिक सरकार है। वोट बैंक के लिए देश कहां तक जाएगा। इस देश में मुसलमानों को उतना ही अधिकार है जितना महिलाओं को है। मुस्लिम समाज के आदर्श डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जैसे लोग हैं तीसरी बार गड़बड़ हुई लेकिन जनता ने सच्चाई समझी और बाद में उन्हें दिल्ली जिताया।
2013 के बारे में जो कहा गया वो पूरी तरह से गलत है- कांग्रेस सांसद गोगोई
कांग्रेस सांसद गोगोई ने कहा- 2013 के बारे में मंत्री किरेन रिजिजू ने जो कहा वो पूरी तरह से गलत है। मैंने राम मंदिर पर भी बोला था और अब वक्फ पर बोल रहा हूं। मैं सिर्फ संविधान के बारे में बोलूंगा। ये बिल संविधान की मूल भावना पर हमला है। ये हमारे संघीय ढांचे पर हमला है। इनका मकसद संविधान को कमजोर करना है, दूसरा मकसद अल्पसंख्यकों के खिलाफ भ्रम फैलाना है, तीसरा मकसद लोगों को आपस में लड़ाना है। ईद के मौके पर इनकी डबल इंजन वाली सरकारों ने लोगों को सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ने दी। उन्हें बताना चाहिए कि उनकी पार्टी के कितने सांसद मुस्लिम हैं। 2023 में अल्पसंख्यक मामलों की चार बार मीटिंग हुई। किसी भी मीटिंग में वक्फ बिल की मांग का जिक्र नहीं हुआ। किसी मीटिंग के मिनट्स में इसका जिक्र नहीं है। मैं पूछूंगा कि ये बिल कहां से आया। क्या यह विधेयक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने बनाया या किसी और ने?
किरन रिजिजू ने वक्फ के मुख्य प्रावधानों के बारे में बताया
आदिवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अनुसूची 5 और 6 में वक्फ संपत्ति नहीं बनाई जाएगी। वक्फ ट्रिब्यूनल में 3 सदस्य होंगे। इनका कार्यकाल 6 महीने का होगा। अगर कोई वक्फ ट्रिब्यूनल के आदेश से खुश नहीं है तो वह कोर्ट जा सकता है। मुतवल्ली का अंशदान 7 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। लिमिटेशन एक्ट जो पहले इसमें से हटा दिया गया था, उसे भी अब इसमें शामिल कर दिया गया है। धारा 40 के तहत वक्फ किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति में बदल देता था। इसे अब हटा दिया गया है। यह सबसे खतरनाक प्रावधान था। देश का ईसाई समुदाय भी वक्फ का समर्थन कर रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि इसका कितना दुरुपयोग हुआ है।
अखिलेश ने वक्फ बिल को लेकर भाजपा अध्यक्ष पर कसा तंज, उसपर गृह मंत्री शाह ने क्या दिया जवाब
2 Apr, 2025 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा? यह सवाल अब लोकसभा में पहुंच गया है। 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह सवाल उठाकर भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। अखिलेश यादव के इस सवाल का जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने दिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाली पार्टी (भाजपा) अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई है।"
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव को जवाब देते हुए कहा, "अखिलेश जी ने मुस्कुराते हुए अपनी बात कही थी, इसलिए मैं भी उसी अंदाज में जवाब दूंगा। इस सदन में हमारे सामने बैठे सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल पांच परिवारों के सदस्यों में से चुने जाते हैं, लेकिन हमारी पार्टी में हमें 12-13 करोड़ सदस्यों की प्रक्रिया चलानी है, इसलिए स्वाभाविक रूप से समय लगता है। आपकी पार्टी में बिल्कुल भी देरी नहीं होती है।" गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा, "आप (अखिलेश यादव) अगले 25 साल के लिए अध्यक्ष बन जाइए. आपको कोई नहीं बदल सकता." अमित शाह का जवाब सुनकर अखिलेश यादव भी मुस्कुरा दिए।
बता दें कि मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म होने वाला है. नए बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. बीजेपी अध्यक्ष की रेस में कई वरिष्ठ नेता आगे हैं, लेकिन अब तक यह सामने नहीं आया है कि किसी एक नाम पर सहमति बनी है या नहीं।
पीएम पद की दावेदारी पर बोले सीएम योगी, कहा-राजनीति मेरी फुलटाइम जॉब नहीं
2 Apr, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनके और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं है बल्कि वह पार्टी की वजह से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय नेताओं के साथ मतभेद करके क्या मैं यहां पर बैठा रह सकता हूं?’’ वहीं भावी प्रधानमंत्री के तौर पर उनके नाम की चर्चा पर उन्होंने कहा कि राजनीति उनके लिए ‘फुल टाइम जॉब’ नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी ने यहां एक मीडिया हाउस से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जो भारत के प्रति निष्ठावान होगा, आरएसएस उसको पसंद करेगा, जो भारत के लिए निष्ठावान नहीं होगा, आरएसएस उसको रास्ते पर लाने के लिए, सन्मार्ग पर लाने के लिए प्रेरणा ही दे सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका प्राथमिक काम उत्तर प्रदेश के लोगों की सेवा करना है जो उनकी पार्टी ने उन्हें सौंपा है। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं और पार्टी ने मुझे राज्य के लोगों की सेवा करने के लिए यहां रखा है। अन्य राज्यों में भाजपा प्रचारक के रूप में सीएम योगी की लोकप्रियता के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंत्री पार्टी के चुनाव प्रचार का हिस्सा हैं। यह पूछे जाने पर कि उनकी राजनीति में कब तक बने रहने की योजना है, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसकी भी एक समयसीमा होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति अगर स्वार्थ के लिए है तो वह समस्या पैदा करेगी। राजनीति अगर परमार्थ के लिए है तो वह समाधान देगी। हमें तय करना होगा कि हमें समाधान का रास्ता अपनाना है या समस्या का रास्ता अपनाना है और मुझे लगता है कि धर्म भी यही है।’’
हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि देश में हजारों मंदिरों को ध्वस्त करके मस्जिदें बनाई गई
2 Apr, 2025 08:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के दावे लंबे समय से होते रहे हैं। इस तरह के दावे संभल, अजमेर से लेकर कुतुब मीनार तक में मंदिर के दावे किए जा रहे हैं। कई हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि देश में हजारों मंदिरों को ध्वस्त करके मस्जिदें बनाई गई हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबाले ने अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मस्जिदों और ऐसे अन्य ढांचों पर सवाल उठ रहे हैं, वह भी सही नहीं है। सवाल है क्या हमें हर जगह खुदाई करनी चाहिए। इतिहास को बदलने के लिए हम 30 हजार मस्जिदों की खुदाई तो नहीं कर सकते। क्या इससे समाज में वैमनस्य नहीं बढ़ेगा। क्या हमें एक समाज के तौर पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए या फिर इतिहास में ही उलझे रहना चाहिए। आखिर हम इतिहास कितना दूर तक जा सकते हैं।
बिहार राजनीति में तनाव: सांसद पप्पू यादव और विधायक ऋषि के बीच विवाद
1 Apr, 2025 06:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्णिया। बिहार के संगर्म स्थान बनमनखी में हाल ही में पप्पू यादव, बीजेपी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ गया है। विधायक ऋषि ने यादव और उनके समर्थकों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है, समय ही विधायक ऋषि ने यादव के खिलाफ झूठे आरोपों का मुकाबला किया है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब प्रशासन ने सरकारी जमीन से महादलित का अतिक्रमण खाली करवाया। यादव ने इसके खिलाफ विरोध प्रकट किया और विधायक ऋषि ने उसे झूठ बोलने का आरोप लगाया। प्रशासन ने कोर्ट के आदेश के अनुसार अतिक्रमण हटाया था, जिसके बाद ये आरोप उभरने लगे। एसडीपीओ सुबोध कुमार और एसडीओ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर सरकारी गैरमजरूआ जमीन पर बसे महादलित के घर को खाली करवाया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ महिलाओं ने अपने घर में खुद आग लगाई थी, जिसके साक्ष्य उनके पास हैं। सांसद यादव और विधायक ऋषि के बीच आरोप-प्रत्यारोप और राजनीतिक खींचतान तेज हो गई है, जिससे मामला और खरमा गया है। इस पूरे प्रकरण ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।