राजनीति
कश्मीर के हालात पर नजर: टीएमसी का पांच सदस्यीय दल करेगा सीमावर्ती इलाकों का निरीक्षण
21 May, 2025 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता । अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशन में, पार्टी का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 21 से 23 मई, 2025 तक जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में श्रीनगर, पुंछ और राजौरी का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल में एआईटीसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, मानस रंजन भूनिया, सागरिका घोष और ममता ठाकुर शामिल हैं।
पार्टी ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य सीमा पार हमलों से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता जाहिर करना और उन परिवारों के दुख को साझा करना है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। यह यात्रा क्षेत्र में हाल ही में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद हो रही है, जिससे देश भर में चिंता बढ़ गई है। बनर्जी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी को इस पहल के बारे में सूचित नहीं किया गया था, उन्होंने कहा कि एआईटीसी को समन्वय प्रक्रिया से बाहर रखा गया था।
इसके जवाब में, पार्टी ने प्रभावित आबादी तक पहुँचने के लिए एक स्वतंत्र पहल की है। एआईटीसी नेताओं से तीन दिवसीय यात्रा के दौरान स्थानीय निवासियों, पीड़ितों के परिवारों और क्षेत्रीय अधिकारियों से मिलने की उम्मीद है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी संसदीय प्रतिनिधिमंडल में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले है।
पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने लाएंगे थरुर: पायलट का बयान
21 May, 2025 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जयपुर । राजस्थान में कांगेस के नेता सचिन पायलट ने कहा है कि शशि थरूर पाकिस्तान में पनन रहे आतंकवाद को तथ्यों और सबूतों के साथ विश्व में उजागर करने वाले है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद दुनिया को बताएंगे कि पाकिस्तान ने किस प्रकार देश पर आतंकवाद के जरिए प्रहार किया है।
उन्होंने कहा कि अब तक विश्व में भारत-पाकिस्तान की बात हो रही है, आतंकवाद की बात नहीं हो रही है। वहीं कांग्रेस नेता पायलट ने कहा कि मोदी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि किन मापदंडों के आधार पर और किन आश्वासन को लेकर सीज फायर हुआ है।
पायलट ने कहा कि मुझे लगता है कि पूरी दुनिया में अगर कोई प्रोफेशनल आर्मी है। वह हमारे देश की आर्मी है। लेकिन जिस अंदाज में युद्ध विराम हुआ, इसकी घोषणा एक तीसरे मुल्क के राष्ट्रपति करते हैं। यह अप्रत्याशित है। लेकिन आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ है। पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा के बाद भी वायलेशन करता रहा, कश्मीर बॉर्डर पर लगातार मोटर बम, फायरिंग करके निर्दोष लोगों की जान ली। उस देश पर कैसे विश्वास कर सकते हैं। हमें इस बात की चिंता है कि आईएमएफ ने भी बड़ा लोन दिया है।
"पीएम मोदी की पहली जनसभा मध्यप्रदेश में: ऑपरेशन सिंदूर के बाद महत्वपूर्ण ऐलान संभव"
21 May, 2025 10:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्यप्रदेश वह पहला राज्य होगा जहां ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी जनसभा के लिए पहुंच रहे हैं. 31 मई को होने जा रहे इस आयोजन की प्रस्तावना तो देवी अहिल्या बाई होल्कर के जन्मशताब्दी वर्ष के रुप में तैयार की गई है. लेकिन माना जा रहा है कि महिलाओं को समर्पित इस आयोजन के जरिए पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थितियों में बड़ा सियासी संदेश दे सकते हैं.इस आयोजन में देश की सीमा पर सरहद की हिफाजत करते कुर्बान हुए देश के वीर सैनिकों की पत्नी-माताएं और बहनें भी सम्मानित की जाएंगी.
भोपाल में मोदी दे सकते हैं बड़ा संदेश
भोपाल में होने जा रही जनसभा ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी की पहली जनसभा होगी. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया कि इस जनसभा में भोपाल में दो लाख बहनें आएंगी. ये वो बहनें होंगी, जो आत्मनिर्भर हैं. और प्रधानमंत्री मोदी की लखपति दीदी की संकल्पना के रूप में खड़ी हैं. उन्होंने कहा कि जैसा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 समिट में कहा था कि आगामी समय में दुनिया के अंदर वुमन लीड करेंगी.उन्होंने देवी अहिल्या बाई का उदाहरण देते हुए कहा कि तीन सौ वर्ष पूर्व देवी अहिल्या बाई महेश्वर साड़ी बुनवा रही थी. और ये काम समूह में ही महिलाएं किया करती थीं. उनकी उसी संकल्पना पर आज स्वसहायता समूह खड़े हुए हैं. वीडी शर्मा ने कहा कि 31 मई को होने जा रही देवी अहिल्या बाई जयंती के समापन अवसर पर प्रदेश भर से दो लाख महिलाएं पहुंचेगी.
आयोजन की अहम जवाबदारी महिलाओं के पास
प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में हो रहे महिला सम्मेलन के अंतर्गत मंच संचालन, क्रॉउड मैनेजमेंट, यातायात प्रबंधन, मीडिया प्रबंधन और सुरक्षा सहित सम्पूर्ण व्यवस्था की कमान महिलाओं को सौंपी जाएगी. यह पहल प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का प्रभावी उदाहरण प्रस्तुत करेगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्मेलन में पधार रहीं महिलाओं के सुगम आगमन-प्रस्थान, उचित बैठक व्यवस्था के साथ ही पेयजल और खान-पान की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर मनोज झा का हमला, कहा 'पाकिस्तान समर्थक'
21 May, 2025 10:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के बिहार दौरे पर हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाकर कहा कि राहुल गांधी के डीएनए में न दलितों के प्रति प्रेम है और न ही पिछड़ों के लिए कोई संवेदना है।
इस पर पलटवार कर राजद राज्यसभा सांसद मनोज झा ने केंद्रीय मंत्री सिंह को पाकिस्तानी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे बीच में अगर सबसे बड़ा कोई पाक परस्त है, तब गिरिराज सिंह हैं। राजद नेता झा ने कहा, क्योंकि पाकिस्तान एकांगी सोच है और गिरिराज की सोच भी एकांगी है। जिसकी सोच एकांकी है वहां पाकिस्तानी है।
राजद सांसद झा ने एनएमसीएच में चूहे के द्वारा मरीज के पैर कुतरने पर कहा कि बिहार के चूहों में अपार क्षमता विकसित हुई है। चूहें शराब पी जाते हैं, पहाड़ खोद डालते हैं। ये चूहे हैं या डायनसोर।
दरअसल, एनएमसीएच में मरीज कुमार के पैर की 5 उंगलियां चूहे ने कुतर दी। मरीज कुमार नालंदा के रहने वाले हैं। अवधेश हड्डी रोग विभाग में भर्ती हैं। पीड़ित मरीज ने बताया कि उनके दूसरे पैर की हड्डी टूट जाने के कारण वह इलाज कराने कुछ दिन पहले अस्पताल में आए थे। इलाज के बाद उनके पैर में प्लास्टर लग गया। शनिवार को उन्हें बुखार आया। इस कारण उन्हें नींद नहीं आ रही थी, लेकिन देर रात कब नींद लग गई पता नहीं चला। जब सुबह उनकी नींद खुली तब पैर की उंगलियों में जलन हो रही थी। उन्होंने देखा पैर की उंगलियों से खून बह रहा था। बेड खून के धब्बे से लाल हो गया था। पता चला कि उनके पैर की पांचों उंगलियों को चूहा ने कुतर डाला है।
बीजेपी में नई उम्मीद: महमूदाबाद विवाद से चर्चित प्रोफेसर की राजनीति में एंट्री
21 May, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सुर्खियों में है। पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़ी रेनू भाटिया का नाम सामने आया है। ये वहीं रेनू भाटिया जिन्हें बीजेपी की बेनजीर कहा जाता है।
भाटिया फिलहाल हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन हैं। वे भाजपा की तेज़तर्रार महिला नेताओं में शामिल हैं और वे दिवंगत नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेहद करीबी मानी जाती थीं।
दरअसल, ‘बीजेपी की बेनजीर’ की उपाधि उन्हें स्वराज ने ही दी थी, उनके आक्रामक राजनीतिक तेवर, बेबाक बयानबाज़ी और महिला अधिकारों के मुद्दों पर मुखर रवैये के चलते।
वहीं अली खान की गिरफ्तारी के बाद यूनिवर्सिटी के फैकल्टी मेंबर्स उनके समर्थन में सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दर्जनों शिक्षक राई थाने के बाहर मौजूद रहे। इन सभी का मकसद पुलिस कार्रवाई पारदर्शी हो, प्रोफेसर को मानसिक समर्थन मिले, और किसी तरह का अन्याय न हो।
वहीं प्रोफेसर अली खान जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविद की गिरफ्तारी ने शैक्षणिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की सीमा और राजनीतिक हस्तक्षेप पर बहस छेड़ दी है।
संघर्ष की सियासत: फडणवीस कैबिनेट में भुजबल की एंट्री
20 May, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और विधायक छगन भुजबल ने मंगलवार को राजभवन में राज्य के कैबिनेट मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद जब दोबारा महायुति सरकार का गठन हुआ था, तब नए मंत्रिमंडल में भुजबल को जगह नहीं दी गयी थी। हालांकि, अब छह महीने बाद एक बार फिर भुजबल की मंत्रिमंडल में वापसी हुई है। नाशिक जिले की येवला सीट से विधायक छगन भुजबल ओबीसी समुदाय के प्रमुख नेता माने जाते हैं। हाल ही में धनंजय मुंडे के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में एक स्थान खाली हुआ था। इसलिए भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग मिलने की उम्मीद है, उन्होंने इससे पहले इस विभाग की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे और फिर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों में उठाई थी।
मंत्री पद नहीं मिलने की वजह से भुजबल नाराज हो गए थे। आहत भुजबल ने पार्टी नेतृत्व के समक्ष अपनी नाराजगी खुले तौर पर जाहिर की थी और कहा था कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के ओबीसी मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने के बावजूद उन्हें दरकिनार कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने पार्टी के कई कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी, लेकिन पार्टी अध्यक्ष अजित पवार और कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने संगठनात्मक कार्यों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। इसके अलावा, दो बार राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में उनके नामांकन पर विचार न किए जाने से भी वे नाराज थे।
एनसीपी को मंत्रिमंडल में एक मजबूत और दमदार ओबीसी चेहरे की जरूरत थी, खासकर तब जब एक अन्य ओबीसी नेता धनंजय मुंडे को मार्च में राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बीड के सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या के सिलसिले में इस्तीफा देना पड़ा था। मुंडे के पास खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग था और उनके जाने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इसे संभाला।
भुजबल का फडणवीस कैबिनेट में शामिल होना एनसीपी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को चार महीने में स्थानीय और नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। मराठा आरक्षण समर्थक कार्यकर्ता मनोज जरांगे के खिलाफ एक बड़े संघर्ष में ओबीसी आरक्षण की सुरक्षा के लिए वे सबसे आगे रहे हैं। इसके अलावा, भुजबल जाति आधारित जनगणना के प्रबल समर्थक रहे हैं, जिसे केंद्र ने हाल ही में मंजूरी दी है।
दिलचस्प रहा है छगन भुजबल का सियासी सफर
शिवसेना की स्थापना से ही राजनीति में सक्रिय रहे छगन भुजबल मुंबई महानगरपालिका (BMC) में नगरसेवक के रूप में निर्वाचित हुए थे। वह मुंबई के मेयर भी रह चुके है। हालांकि, शिवसेना प्रमुख स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे से मतभेद होने के बाद वह 1991 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। फिर 1999 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का दामन थाम लिया। 2008 से 2010 के बीच कुछ महीनों के लिए वे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री भी रहे। महाराष्ट्र सदन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 मार्च 2016 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जेल से बाहर आने के बाद एनसीपी ने एक बार फिर उनका राजनीतिक पुनर्वास करते हुए 2019 में गठित महाविकास आघाड़ी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया। 2023 में एनसीपी में विभाजन के बाद छगन भुजबल शरद पवार का साथ छोड़कर अजित पवार के साथ आ गए।
खरगे का केंद्र पर हमला: 'ऑपरेशन सिंदूर छोटा सा युद्ध, सरकार बताए तैयारी क्यों नाकाम रही'
20 May, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को छोटा सा युद्ध बताया। कर्नाटक में कांग्रेस की समर्पण-संकल्प रैली को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पहलगाम में 26 लोग इसलिए मारे गए क्योंकि मोदी सरकार ने वहां पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। मोदी कश्मीर नहीं गए क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था। केंद्र सरकार ने पर्यटकों से पहलगाम न जाने के लिए क्यों नहीं कहा? अगर उन्हें बताया गया होता, तो 26 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। ऑपरेशन सिंदूर तो छोटा सा युद्ध है।इससे पहले विजयनगर हवाई अड्डे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का स्वागत किया। रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'मुझे यह जानकारी मिली कि कर्नाटक में बहुत से लोग जमीन के मालिक हैं, लेकिन उनके पास जमीन के मालिकाना हक नहीं हैं। इसमें सभी समुदायों के लोग शामिल थे।उन्होंने कहा कि उनके पास संपत्ति या मालिकाना हक नहीं था, और न ही उन्हें सरकार से कोई सुविधाएं मिल रही थीं। मैंने इस मुद्दे को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने उठाया और कहा कि जो भी कर्नाटक में जमीन के मालिक हैं, उन्हें मालिकाना हक मिलना चाहिए। आज, कर्नाटक सरकार 1 लाख परिवारों को मालिकाना हक देने जा रही है।'
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिनका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें एयर बेस, रडार साइट्स, और कमांड सेंटर शामिल हैं।
खान सर का बड़ा बयान: ‘पाकिस्तान में कोई अच्छा आदमी नहीं रहता’, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
20 May, 2025 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन वर्मिलियन पर पटना के मशहूर शिक्षक खान सर का एक बयान वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान सुधर जाएगा, लेकिन ऐसा संभव नहीं है। 500-100 आतंकियों को मारने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने पाकिस्तान की पूरी आबादी को आतंकी बताया। खान सर ने कहा कि पाकिस्तान में 24 करोड़ आतंकी रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, 'हमें गलतफहमी है कि हम पाकिस्तान से आतंकियों को खत्म कर देंगे। अगर एक भी पाकिस्तानी जिंदा है, तो वह आतंकी है। इस गलतफहमी से खुद को बाहर निकालिए कि पाकिस्तान में कुछ अच्छे लोग भी रहते हैं।'
खान सर पाकिस्तान के खिलाफ की गई जवाबी कार्रवाई से असंतुष्ट दिखे। उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान को और नुकसान पहुंचाना था। उसका एक भी एयरपोर्ट अच्छी हालत में नहीं रहने दिया। इससे वहां के लोगों को एहसास हो गया होगा कि पाकिस्तान ने जरूर गलती की है। उनके बयान का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
पाकिस्तान की तुलना कुत्ते से की
इससे पहले एक पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के नक्शे की तुलना कुत्ते से की थी। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारत का पड़ोसी कुत्ते से भी बदतर है। कुत्ता तो वफादार होता है, लेकिन पाकिस्तान नहीं। राज शमनी के साथ पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर भी बात की।
खान सर से उनके एक पुराने वीडियो के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के नक्शे की तुलना कुत्ते से की थी। खान सर ने कहा कि दोनों एक जैसे दिखते हैं। कुत्ता तो वफादार है, लेकिन पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। खान सर ने यह भी कहा कि यह कुत्ते का अपमान है, क्योंकि वह एक वफादार जानवर है। पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहां मलाला पर इसलिए हमला किया गया, क्योंकि उसने पढ़ाई करने के लिए कहा था।
राहुल गांधी नए युग के मीर जाफर, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने साधा राहुल गाँधी पर निशाना
20 May, 2025 01:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। एक तरफ सरकार इस ऑपरेशन की सफलता को लेकर देश-विदेश में अभियान चला रही है। वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी इस ऑपरेशन का हिसाब मांगने में जुटे हैं। ऐसे में अब बीजेपी नेता ने राहुल गांधी की तुलना मीर जाफर से की है।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री को बधाई भी नहीं दी। इसके बजाय वे बार-बार पूछ रहे हैं कि हमने कितने विमान खो दिए, जबकि इस सवाल का जवाब डीजीएमओ की ब्रीफिंग में पहले ही दिया जा चुका है।
मालवीय ने कहा कि राहुल ने हालांकि एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि इस संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए या नष्ट किए गए। राहुल गांधी को अब क्या मिलेगा? निशान-ए-पाकिस्तान?
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि इस पोस्ट के साथ ही अमित मालवीय ने एक तस्वीर भी पोस्ट की है, जिसमें आधा चेहरा पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर का और आधा चेहरा राहुल गांधी का दिखाई दे रहा है। उन्होंने एक और पोस्ट करते हुए कहा है कि राहुल गांधी नए दौर के मीर जाफर हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इस पूरे ऑपरेशन को लेकर राहुल गांधी बार-बार पूछ रहे हैं कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान भारत के कितने विमान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री जयशंकर से सवाल करते हुए कहा था कि विदेश मंत्री जयशंकर चुप हैं। उनकी चुप्पी बहुत कुछ कहती है। यह निंदनीय है। इसलिए मैं फिर पूछूंगा कि हमने कितने विमान खो दिए, क्योंकि पाकिस्तान को हमले के बारे में पता था? यह सिर्फ एक गलती नहीं थी। यह एक अपराध था और देश को सच जानने का हक है।
इससे पहले भी राहुल गांधी ने जयशंकर पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमला करने से पहले पाकिस्तान को बताना अपराध है। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार किया है। इसकी मंजूरी किसने दी? हमने कितने विमान खो दिए? इससे पहले 11 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल एके भारती ने कहा था कि हम युद्ध की स्थिति में हैं और नुकसान इसका एक हिस्सा है। सवाल यह है कि क्या हमने अपना उद्देश्य हासिल कर लिया है? इसका जवाब हां है। उन्होंने कहा कि वह इससे जुड़े विवरण पर फिलहाल टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि हम अभी भी युद्ध की स्थिति में हैं और ऐसी किसी भी जानकारी का दुश्मनों के हाथ लगना ठीक नहीं है। एयर मार्शल ने कहा कि भारत के सभी पायलट सुरक्षित वापस लौट आए हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि हमने ऑपरेशन की शुरुआत में ही पाकिस्तान सरकार को संदेश भेज दिया था कि हम आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहे हैं लेकिन हम सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएंगे। ऐसे में सेना के पास पीछे हटने और हस्तक्षेप न करने का विकल्प है। पाकिस्तान ने इस सलाह को न सुनना ही बेहतर समझा। आपको बता दें कि मीर जाफर बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला का कमांडर था, जिसने प्लासी की लड़ाई में उसके खिलाफ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का साथ देकर सिराजुद्दौला को धोखा दिया था।
हरियाणा में जासूसी कनेक्शन से हड़कंप, तावडू से दूसरी गिरफ्तारी, 20 मई को सीएम ने बुलाई आपात बैठक, ट्यूबरों के लिए भी बनेंगे नियम
20 May, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़: भारत के ऑपरेशन वर्मिलियन के बाद हरियाणा में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों की गिरफ्तारियां हो रही हैं। अब तक हरियाणा से जासूसी के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई लोग संदेह के घेरे में हैं। पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में राज्य के नूंह जिले के तावडू से एक और गिरफ्तारी से हड़कंप मच गया। दो दिन के अंदर यह दूसरी गिरफ्तारी है। अब 20 मई को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें जासूसी मामले पर चर्चा होगी। सरकार खुफिया विभाग और पुलिस से भी जवाब मांगेगी कि जासूसी करने वाले लोगों की जानकारी समय रहते क्यों नहीं मिल पाई। अन्य मीडिया कर्मियों की तरह यूट्यूबर्स के लिए भी नियम तय किए जा सकते हैं। पंचायत एवं खनन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने इस बैठक की पुष्टि की है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पाकिस्तान के पक्ष में कथित जासूसी गतिविधियों के लिए राज्य से कुछ लोगों की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। सीएम सैनी ने कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम में हमारे पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने मार डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद की इस घटना को लेकर कहा था कि आतंकवाद की जो भी जमीन बची है, उसे मिट्टी में मिला दिया जाएगा। हमारे वीर जवानों ने महज 3 घंटे में आतंकवाद की उस जमीन को मिट्टी में मिलाने का काम किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सक्रिय हुए पाकिस्तानी जासूस
हरियाणा में लगातार पाकिस्तानी जासूसों के मिलने के सवाल पर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि ये जासूस पहले से ही वहां थे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये अचानक सक्रिय हो गए। इसके बाद ये सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में आ गए। हरियाणा पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने सूचना तंत्र को बेहतर बनाया है। इसी के चलते कई जासूस हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में आए।
संसद में अमित शाह ने ओवैसी को लेकर कही बात अब सच साबित हुई
20 May, 2025 11:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद पर भारत का रुख बताने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारतीय डेलिगेशन का गठन सुर्खियों में है। इस टीम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी शामिल किया है। ओवैसी को विपक्ष लगातार बीजेपी की बी टीम बताकर घेरता रहा है, लेकिन अब जब मोदी सरकार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है, तो बहस छिड़ गई है।
इस बीच सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि सांसद ओवैसी ने अमित शाह से ही पूछ लिया कि ‘मैं किसकी टीम का हिस्सा हूं।’ उनके इस सवाल को सुनकर लोकसभा में मौजूद सभी लोग हंस पड़ते हैं, फिर अमित शाह इसका हल्के-फुल्के अंजाद में जवाब देते हुए कहते हैं, ऐसा है ओवैसी जी मैं तो चाहता हूं कि आप अपनी स्वयं टीम बनाओ…अरे वो (विपक्षी) परेशान हैं इसलिए मैं कहता हूं कि आप अपनी टीम बनाओ… आपके मुद्दे हमेशा ही अलग रहते हैं।
अमित शाह ने यह बात संसद में कब कही थी, इसकी तारीख तो नहीं बताई जा सकती है, लेकिन आज टीम मोदी में ओवैसी का नाम शामिल करने के बाद यह क्लिप एक बार फिर वायरल हो रही है। लोग कह रहे हैं कि शाह की बात सच हो गई। ओवैसी पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ बोल रहे हैं और लगातार उस पर हमले कर रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से कई देशों के दौरे पर भेजे जा रहे ऑल पार्टी डेलिगेशन में शामिल किए जाने पर औवैसी ने कहा कि एक के सदस्य के तौर पर यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उनके संदेश का सार होगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पाले आतंकवादियों के हाथों लंबे समय से निर्दोष लोगों की हत्या के बारे में दुनिया को बताना होगा। वहीं ओवैसी ने बीजेपी के ‘बी टीम’ कहे जाने के आरोपों को खारिज कर दिया है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की सत्ता में वापसी मेरी वजह से नहीं, बल्कि विपक्ष की नाकामी की वजह से हुई है। ओवैसी ने कहा कि अगर मैं सिर्फ पांच सीटों पर चुनाव लड़ूं और बीजेपी की सीटें घटकर 240 रह जाएं तो फिर मुझे कैसे ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है?
ओवैसी ने आरएसएस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि, आरएसएस की मंशा भारत को एक धार्मिक राज्य बनाने की है। वो बहुलवाद खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोर्ट में जो केस फाइल किए जा रहे हैं, उनके पीछे आरएसएस समर्थकों का हाथ है। अब जब ओवैसी को केंद्र सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है, तो विपक्ष के आरोपों को नया मुद्दा मिल गया है। हालांकि इसे एक संसदीय प्रक्रिया का हिस्सा भी कहा जा सकता है, जिसमें कई दलों के सांसदों को विदेश यात्राओं पर भेजा जाता है।
विधानसभाओं में कम हो रही हैं बैठकें
20 May, 2025 10:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य मे मात्र 16 बैठकें
नई दिल्ली। लेजिस्लेटिव रिसर्च संस्था की वार्षिक रिपोर्ट 2024 जारी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2024 में राज्य विधानसभा में बहुत कम बैठकों का आयोजन हुआ है। ओसतन 20 दिन ही विधानसभा की बैठक आयोजित हुई हैं। भारत की विभिन्न विधानसभाओं में औसतन 100 घंटे का ही कामकाज हुआ है।
उड़ीसा में 42 दिन, केरल में 30 दिन, पश्चिम बंगाल में 36 दिन विधानसभा की बैठक आयोजित हुई है। इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा बैठकें आयोजित हुई हैं। नागालैंड में मात्र 6 दिन, सिक्किम में 8 दिन, पंजाब, उत्तराखंड,अरुणाचल प्रदेश में केवल 10 दिन की बैठक हुई हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े हिंदी भाषी राज्यों में मात्र 16 दिन ही विधानसभा की बैठक की कार्रवाई हो पाई है।
विधानसभा का 6 महीने में काम से कम एक बार सत्र बुलाया जाना अनिवार्य होता है। इसका पालन करने के लिए 11 राज्यों ने मात्र एक या दो दिन का सत्र बुलाकर औपचारिकता पूरी की है। झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्य में भी 2023 की तुलना में 2024 में कम बैठक आयोजित की गई है।
पिछले कुछ वर्षों में विधानसभा की बैठकें निरंतर कम होती चली जा रही हैं। जिसके कारण विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौका विधानसभा में नहीं मिलता है। राज्य सरकारें विधानसभा के प्रति अपनी जवाब देही को कम करने के उद्देश्य से कम से कम बैठक बुलाना चाहते हैं। राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष भी सरकार को बैठक बुलाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप राज्य सरकारें कम दिन के सत्र का आयोजन कराती हैं।
पवार का बयान: संजय राउत पर तीखा हमला,
20 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की कहानी बताने और पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए केंद्र सरकार 32 देशों में अलग-अलग सर्वदलीय डेलिगेशन भेज रही है. इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, पूर्व मंत्री और राजदूत शामिल हैं. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और संजय राउत को निशाने पर लिया है, जिन्होंने फैसले की आलोचना करते हुए बीते दिन डेलिगेशन की तुलना 'बारात' से की थी.
डीएनए बयान पर गरमाई सियासत: डिप्टी सीएम और अखिलेश के बीच जुबानी जंग तेज
19 May, 2025 10:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग जारी है। विवाद की शुरुआत सपा के मीडिया सेल द्वारा ब्रजेश पाठक पर डीएनए वाले आपत्तिजनक कमेंट के बाद हुई। इसको लेकर पाठक ने आपत्ति जताते हुए अखिलेश पर निशाना साधा। जवाब में अखिलेश ने लंबा-चौड़ा पोस्ट कर अपनी सफाई दी, साथ ही डिप्टी सीएम को भी मर्यादा में रहने की हिदायत दी।
ऐसा लगा कि अब इस पोस्ट के बाद विवाद समाप्त हो जाएगा और दोनों नेता खामोश हो जाएंगे, लेकिन अखिलेश यादव के पोस्ट के बाद ब्रजेश पाठक ने फिर दो पोस्ट किए और सपाइयों को शिशुपाल की संज्ञा दे डाली। पाठक यहीं नहीं रुके उन्होंने इसके बाद सोमवार को एक और पोस्ट की और समाजवादी पार्टी की मानसिकता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अखिलेश जी आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है, जिसके बाद अखिलेश ने इशारों में जवाब देते हुए पोस्ट में लिखा- हुक्मरानों की बदज़ुबानी पर भी आज़ाद, और किसी की सच कहने पर गिरफ़्तारी।
इन सबके बीच बीजेपी के लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की शिकायत पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। द्विवेदी ने आरोप लगाया कि सपा के आधिकारिक हैंडल से ब्रजेश पाठक की दिवंगत माता को लेकर आपत्तिजनक शब्द लिखे गए थे, जो पार्टी की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरु कर दी है।
बता दें समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के एक्स हैंडल से 16 मई को एक पोस्ट किया गया था, जिसमें यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेकर बेहद ही आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस पोस्ट में पाठक के डीएनए पर सवाल उठाते हुए अमर्यादित भाषा इस्तेमाल किया गया था, जिसको लेकर ब्रजेश पाठक ने आपत्ति जताई और सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछा- ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है। किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति-आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी?
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की विदेश यात्रा पार्टी नहीं, सरकार तय करती है: पवार
19 May, 2025 09:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुणे। केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर की कार्रवाई से दुनिया को अवगत कराने सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने का फैसला किया है। इस फैसले पर अब एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह पार्टी का फैसला नहीं है, सरकार का फैसला है। शरद पवार ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जब नरसिम्हा राव सत्ता में थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र से एक प्रतिनिधिमंडल नियुक्त किया गया था। मैं भी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में उस प्रतिनिधिमंडल का सदस्य था। जब अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की बात आती है, तो किसी को भी पक्षपातपूर्ण रुख नहीं अपनाना चाहिए। आज सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल बनाया है, जो यह बताएगा कि भारत की भूमिका क्या है।
बता दें ग्रुप-7 में एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मिस्र, कतर, इथियोपिया, दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगा। इसमें राजीव प्रताप रूडी (बीजेपी), विक्रमजीत सिंह साहनी (आप), मनीष तिवारी (कांग्रेस), अनुराग सिंह ठाकुर (बीजेपी), लावु श्रीकृष्ण देवरायलु (टीडीपी), आनंद शर्मा (कांग्रेस) के अलावा वी मुरलीधरन, सैयद अकबरुद्दीन (राजदूत) भी इसमें शामिल हैं।
ग्रुप-1 प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा करेंगे और यह प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, फंगनन कोन्याक और रेखा शर्मा के साथ एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, मनोनीत सांसद सतनाम सिंह संधू और वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद शामिल हैं। पूर्व विदेश सचिव और राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला भी इस समूह का हिस्सा हैं।
बीजेपी के रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में दूसरा प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क का दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में टीडीपी के दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी, मनोनीत सांसद गुलाम अली खटाना, कांग्रेस सांसद अमर सिंह, भाजपा के समिक भट्टाचार्य और पूर्व मंत्री एम जे अकबर के साथ-साथ पूर्व डिप्टी एनएसए पंकज सरन शामिल हैं।
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। प्रतिनिधिमंडल में एलजेपी (रामविलास) सांसद शांभवी, जेएमएम के डॉ. सरफराज अहमद, टीडीपी के जी एम हरीश बालयोगी, बीजेपी के शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर कलिता और शिवसेना के मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। अमेरिका में पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या भी शामिल हैं।