राजनीति
संसद में अमित शाह ने ओवैसी को लेकर कही बात अब सच साबित हुई
20 May, 2025 11:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद पर भारत का रुख बताने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारतीय डेलिगेशन का गठन सुर्खियों में है। इस टीम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी शामिल किया है। ओवैसी को विपक्ष लगातार बीजेपी की बी टीम बताकर घेरता रहा है, लेकिन अब जब मोदी सरकार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है, तो बहस छिड़ गई है।
इस बीच सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि सांसद ओवैसी ने अमित शाह से ही पूछ लिया कि ‘मैं किसकी टीम का हिस्सा हूं।’ उनके इस सवाल को सुनकर लोकसभा में मौजूद सभी लोग हंस पड़ते हैं, फिर अमित शाह इसका हल्के-फुल्के अंजाद में जवाब देते हुए कहते हैं, ऐसा है ओवैसी जी मैं तो चाहता हूं कि आप अपनी स्वयं टीम बनाओ…अरे वो (विपक्षी) परेशान हैं इसलिए मैं कहता हूं कि आप अपनी टीम बनाओ… आपके मुद्दे हमेशा ही अलग रहते हैं।
अमित शाह ने यह बात संसद में कब कही थी, इसकी तारीख तो नहीं बताई जा सकती है, लेकिन आज टीम मोदी में ओवैसी का नाम शामिल करने के बाद यह क्लिप एक बार फिर वायरल हो रही है। लोग कह रहे हैं कि शाह की बात सच हो गई। ओवैसी पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ बोल रहे हैं और लगातार उस पर हमले कर रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से कई देशों के दौरे पर भेजे जा रहे ऑल पार्टी डेलिगेशन में शामिल किए जाने पर औवैसी ने कहा कि एक के सदस्य के तौर पर यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उनके संदेश का सार होगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पाले आतंकवादियों के हाथों लंबे समय से निर्दोष लोगों की हत्या के बारे में दुनिया को बताना होगा। वहीं ओवैसी ने बीजेपी के ‘बी टीम’ कहे जाने के आरोपों को खारिज कर दिया है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की सत्ता में वापसी मेरी वजह से नहीं, बल्कि विपक्ष की नाकामी की वजह से हुई है। ओवैसी ने कहा कि अगर मैं सिर्फ पांच सीटों पर चुनाव लड़ूं और बीजेपी की सीटें घटकर 240 रह जाएं तो फिर मुझे कैसे ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है?
ओवैसी ने आरएसएस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि, आरएसएस की मंशा भारत को एक धार्मिक राज्य बनाने की है। वो बहुलवाद खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोर्ट में जो केस फाइल किए जा रहे हैं, उनके पीछे आरएसएस समर्थकों का हाथ है। अब जब ओवैसी को केंद्र सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है, तो विपक्ष के आरोपों को नया मुद्दा मिल गया है। हालांकि इसे एक संसदीय प्रक्रिया का हिस्सा भी कहा जा सकता है, जिसमें कई दलों के सांसदों को विदेश यात्राओं पर भेजा जाता है।
विधानसभाओं में कम हो रही हैं बैठकें
20 May, 2025 10:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य मे मात्र 16 बैठकें
नई दिल्ली। लेजिस्लेटिव रिसर्च संस्था की वार्षिक रिपोर्ट 2024 जारी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2024 में राज्य विधानसभा में बहुत कम बैठकों का आयोजन हुआ है। ओसतन 20 दिन ही विधानसभा की बैठक आयोजित हुई हैं। भारत की विभिन्न विधानसभाओं में औसतन 100 घंटे का ही कामकाज हुआ है।
उड़ीसा में 42 दिन, केरल में 30 दिन, पश्चिम बंगाल में 36 दिन विधानसभा की बैठक आयोजित हुई है। इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा बैठकें आयोजित हुई हैं। नागालैंड में मात्र 6 दिन, सिक्किम में 8 दिन, पंजाब, उत्तराखंड,अरुणाचल प्रदेश में केवल 10 दिन की बैठक हुई हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े हिंदी भाषी राज्यों में मात्र 16 दिन ही विधानसभा की बैठक की कार्रवाई हो पाई है।
विधानसभा का 6 महीने में काम से कम एक बार सत्र बुलाया जाना अनिवार्य होता है। इसका पालन करने के लिए 11 राज्यों ने मात्र एक या दो दिन का सत्र बुलाकर औपचारिकता पूरी की है। झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्य में भी 2023 की तुलना में 2024 में कम बैठक आयोजित की गई है।
पिछले कुछ वर्षों में विधानसभा की बैठकें निरंतर कम होती चली जा रही हैं। जिसके कारण विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौका विधानसभा में नहीं मिलता है। राज्य सरकारें विधानसभा के प्रति अपनी जवाब देही को कम करने के उद्देश्य से कम से कम बैठक बुलाना चाहते हैं। राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष भी सरकार को बैठक बुलाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप राज्य सरकारें कम दिन के सत्र का आयोजन कराती हैं।
पवार का बयान: संजय राउत पर तीखा हमला,
20 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की कहानी बताने और पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए केंद्र सरकार 32 देशों में अलग-अलग सर्वदलीय डेलिगेशन भेज रही है. इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, पूर्व मंत्री और राजदूत शामिल हैं. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और संजय राउत को निशाने पर लिया है, जिन्होंने फैसले की आलोचना करते हुए बीते दिन डेलिगेशन की तुलना 'बारात' से की थी.
डीएनए बयान पर गरमाई सियासत: डिप्टी सीएम और अखिलेश के बीच जुबानी जंग तेज
19 May, 2025 10:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग जारी है। विवाद की शुरुआत सपा के मीडिया सेल द्वारा ब्रजेश पाठक पर डीएनए वाले आपत्तिजनक कमेंट के बाद हुई। इसको लेकर पाठक ने आपत्ति जताते हुए अखिलेश पर निशाना साधा। जवाब में अखिलेश ने लंबा-चौड़ा पोस्ट कर अपनी सफाई दी, साथ ही डिप्टी सीएम को भी मर्यादा में रहने की हिदायत दी।
ऐसा लगा कि अब इस पोस्ट के बाद विवाद समाप्त हो जाएगा और दोनों नेता खामोश हो जाएंगे, लेकिन अखिलेश यादव के पोस्ट के बाद ब्रजेश पाठक ने फिर दो पोस्ट किए और सपाइयों को शिशुपाल की संज्ञा दे डाली। पाठक यहीं नहीं रुके उन्होंने इसके बाद सोमवार को एक और पोस्ट की और समाजवादी पार्टी की मानसिकता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अखिलेश जी आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है, जिसके बाद अखिलेश ने इशारों में जवाब देते हुए पोस्ट में लिखा- हुक्मरानों की बदज़ुबानी पर भी आज़ाद, और किसी की सच कहने पर गिरफ़्तारी।
इन सबके बीच बीजेपी के लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की शिकायत पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। द्विवेदी ने आरोप लगाया कि सपा के आधिकारिक हैंडल से ब्रजेश पाठक की दिवंगत माता को लेकर आपत्तिजनक शब्द लिखे गए थे, जो पार्टी की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरु कर दी है।
बता दें समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के एक्स हैंडल से 16 मई को एक पोस्ट किया गया था, जिसमें यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेकर बेहद ही आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस पोस्ट में पाठक के डीएनए पर सवाल उठाते हुए अमर्यादित भाषा इस्तेमाल किया गया था, जिसको लेकर ब्रजेश पाठक ने आपत्ति जताई और सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछा- ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है। किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति-आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी?
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की विदेश यात्रा पार्टी नहीं, सरकार तय करती है: पवार
19 May, 2025 09:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुणे। केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर की कार्रवाई से दुनिया को अवगत कराने सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने का फैसला किया है। इस फैसले पर अब एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह पार्टी का फैसला नहीं है, सरकार का फैसला है। शरद पवार ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जब नरसिम्हा राव सत्ता में थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र से एक प्रतिनिधिमंडल नियुक्त किया गया था। मैं भी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में उस प्रतिनिधिमंडल का सदस्य था। जब अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की बात आती है, तो किसी को भी पक्षपातपूर्ण रुख नहीं अपनाना चाहिए। आज सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल बनाया है, जो यह बताएगा कि भारत की भूमिका क्या है।
बता दें ग्रुप-7 में एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मिस्र, कतर, इथियोपिया, दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगा। इसमें राजीव प्रताप रूडी (बीजेपी), विक्रमजीत सिंह साहनी (आप), मनीष तिवारी (कांग्रेस), अनुराग सिंह ठाकुर (बीजेपी), लावु श्रीकृष्ण देवरायलु (टीडीपी), आनंद शर्मा (कांग्रेस) के अलावा वी मुरलीधरन, सैयद अकबरुद्दीन (राजदूत) भी इसमें शामिल हैं।
ग्रुप-1 प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा करेंगे और यह प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, फंगनन कोन्याक और रेखा शर्मा के साथ एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, मनोनीत सांसद सतनाम सिंह संधू और वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद शामिल हैं। पूर्व विदेश सचिव और राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला भी इस समूह का हिस्सा हैं।
बीजेपी के रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में दूसरा प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क का दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में टीडीपी के दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी, मनोनीत सांसद गुलाम अली खटाना, कांग्रेस सांसद अमर सिंह, भाजपा के समिक भट्टाचार्य और पूर्व मंत्री एम जे अकबर के साथ-साथ पूर्व डिप्टी एनएसए पंकज सरन शामिल हैं।
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। प्रतिनिधिमंडल में एलजेपी (रामविलास) सांसद शांभवी, जेएमएम के डॉ. सरफराज अहमद, टीडीपी के जी एम हरीश बालयोगी, बीजेपी के शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर कलिता और शिवसेना के मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। अमेरिका में पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या भी शामिल हैं।
विजय शाह के बयान ने सरकार को बैकफुट पर किया, नेताओं को
19 May, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद सरकार और संगठन बैकफुट पर आ गया है। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि न्यायालय ने स्वत: इस पर संज्ञान लिया और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में भाजपा संगठन ने अब अपने नेताओं की वर्चुली क्लास लगानी शुरु कर दी है और समझाइश दे रही है कि जहां समझ न आए कुछ न बोलें बहुत बोलने की आवश्यकता हो तो सिर्फ जय हिंद बोल आगे बढ़ जाएं।
दरअसल राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने अपने एक बयान में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से रविवार को कहा कि शहर से लेकर गांव तक सम्मान में तिरंगा यात्रा निकालें और यदि बोलना ही है तो जय हिन्द कहें और आगे निकल जाएं। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि यदि इसके अलावा और भी कुछ बोलने का मन हो तो कम से कम जो बोलने जा रहे हो वह अर्थ का अनर्थ न हो, पहले इसका ध्यान कर लें। यह सब इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने 11 मई को कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दे दिया था, जिसके बाद एक तरफ जहां सत्ता और संगठन को लगातार जनभावनाओं और विपक्ष के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इस मामले में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सख्ती बरती है।
विवादित बयानों का मामला यहीं नहीं थमा बल्कि इसके बाद भी भाजपा नेताओं ने विवादित बयान दिए, जिससे सत्ता और संगठन बैकफुट पर आ गया। असल में इसके बाद मध्य प्रदेश के ही उप मुख्यमंत्री जगदीश देवडा, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और फिर मनगवा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने ऐसे बयान दे दिए जिससे चारों ओर सभी की किरकिरी हो रही है। यही कारण है कि रविवार को सत्ता व संगठन ने मंत्री, सासद, विधायक और प्रदेश भाजपा के टॉप जनप्रतिनिधियों की वर्चुअल पाठशाला बुलाई और आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए जय हिंद कहने का फार्मूला सुझाया है।
सूत्रों की मानें तो इस वर्चुअल पाठशाला से भी मंत्री विजय शाह नदारद रहे। अन्य वो नेता जरुर इसमें शामिल हुए जो विवादित बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर चुके थे। सूत्र तो यही कहते हैं कि सेना और सीजफायर को लेकर आपत्तिजनक बयान देने वाले ऐसे नेताओं से पूछताछ होगी, कार्रवाई के दायरे में भी लिया जाएगा। इस अहम बैठक के बाद यही संकेत निकल कर आए हैं। संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने स्पष्ट कर दिया है कि बोलने से पहले वरिष्ठ पदाधिकारियों से अनुमति लें और उसके बाद भी यदि मर्यादा लांघी तो कार्रवाई के दायरे में जरुर लिया जाएगा।
ऑल पार्टी डेलिगेशन को लेकर टकराव, ममता बोलीं– टीएमसी तय करेगी प्रतिनिधि, BJP नहीं
19 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान की करतूतों को उजागर करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न देशों में भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। सरकार ने इस दल में तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को भी शामिल किया था। हालांकि, इस बीच खबर आई कि टीएमसी उन्हें भेजने को तैयार नहीं है और इसी वजह से पठान ने भी इस दल के साथ जाने से इनकार कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस के इस कदम पर कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, अब पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है। ममता ने साफ किया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस मामले में पूरी तरह केंद्र सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह फैसला उनकी पार्टी करेगी, भाजपा नहीं...
केंद्र सरकार के साथ टीएमसी
ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारी पार्टी केंद्र सरकार के साथ है। अगर कोई प्रतिनिधिमंडल जा रहा है तो यह अच्छा कदम है, लेकिन इसमें हमारी पार्टी से कौन जाएगा, यह हम तय करेंगे। यह भाजपा तय नहीं कर सकती।' वहीं, ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का बहिष्कार नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'मैं यह बात रिकॉर्ड पर रखना चाहता हूं कि हमने किसी भी चीज का बहिष्कार नहीं किया है। हम एकमात्र पार्टी हैं, जिसने इस मुद्दे को राजनीतिक नहीं बनाया है। जब देश की बात आती है, अगर कोई राजनीति कर रहा है तो हम इसकी निंदा करते हैं।' इसके साथ ही उन्होंने केंद्र को याद दिलाया कि विदेश मामलों जैसे मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देती है और सरकार का समर्थन करती रही है। सरकार ने पहले घोषणा की थी कि वह पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान को बेनकाब करने और भारत के लिए राजनयिक समर्थन जुटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों सहित प्रमुख देशों में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। इन 7 प्रतिनिधिमंडलों में शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा (भाजपा), संजय कुमार झा (जेडीयू), कनिमोझी (डीएमके), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) शामिल हैं।
दिल्ली से होगा MP कांग्रेस जिलाध्यक्षों का फैसला, नेताओं को दी जाएगी प्रशिक्षण
19 May, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष अब दिल्ली से तय होंगे। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी इस बारे में फैसला लेगी। इसके लिए AICC और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मिलकर जिलों में ऑब्जर्वर भेजेंगे। ये ऑब्जर्वर जिला अध्यक्ष पद के लिए नामों का पैनल बनाएंगे। दिल्ली में हर दावेदार से बात करके नाम फाइनल किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो महीने का समय लगेगा। ऑब्जर्वर की टीम जिलों में जाएगी मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति अब दिल्ली से होगी।
राजनाथसिंह और अमित शाह के बाद अब पीएम मोदी महीने के अंतिम सप्ताह गुजरात आएंगे
19 May, 2025 09:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद | रक्षा मंत्री राजनाथसिंह और केन्द्रीय गृह मंत्री के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात दौरे की तैयारियां शुरू हो गई हैं| ऐसी जानकारी है कि पीएम मोदी मई के आखिरी सप्ताह में गुजरात का दौरा करेंगे। अगर प्रधानमंत्री मोदी गुजरात आते हैं तो ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनका पहला गुजरात दौरा होगा। खबर है कि पीएम मोदी के दौरे को लेकर भुज एयरबेस, दाहोद और अहमदाबाद में कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात का दौरा कर सकते हैं। अपने गुजरात दौरे के दौरान पीएम मोदी कच्छ में माता का मढ़ के दर्शन भी कर सकते हैं| इसके अतिरिक्त, कच्छ दौरे के दौरान एक सार्वजनिक सभा के आयोजन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। जानकारी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मई को दाहोद आ सकते हैं। जिसे लेकर दाहोद में मंत्री कुबेर डिंडोर की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें पीएम मोदी के दौरे की तैयारियों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी 9000 एचपी इलेक्ट्रिक इंजन विनिर्माण परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, वह विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।
मायावती ने भतीजे को बनाया चीफ नेशनल को-ऑर्डिनेटर
19 May, 2025 08:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर भतीजे आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दी है। आकाश को चीफ नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया है। यह नंबर-2 की पोजिशन है। यानी, मायावती के बाद अब पार्टी में आकाश होंगे।
आकाश का अब तक का सबसे बड़ा पद दिया है। इससे पहले वह नेशनल को-ऑडिनेटर थे। मायावती के पार्टी में 3 नेशनल को-ऑर्डिनेटर हैं, जो अब आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे। 16 महीने में मायावती ने आकाश को दो बार पार्टी से निकाला। लंबे समय बाद रविवार को राजधानी दिल्ली में पार्टी की ऑल इंडिया मीटिंग हुई। इसमें मायावती के साथ आकाश आनंद पहली बार बैठक में शामिल हुए। वह मायावती के पीछे-पीछे मीटिंग हॉल तक पहुंचे। मायावती के कुर्सी पर बैठने तक आकाश साइड में खड़े रहे।
मायावती ने उन्हें 16 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन दोनों ही बार हटा दिया था। आकाश को 3 मार्च को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। 40 दिन बाद, सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के बाद मायावती ने उन्हें पार्टी में वापस ले लिया था। इसके बाद से ही उन्हें पार्टी में बड़ा पद मिलने की संभावना जताई जा रही थी।
"बीजेपी के जीत के मंत्र का खुलासा, असदुद्दीन ओवैसी ने बताया असली कारण"
18 May, 2025 05:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लगातार चुनावी जीत के पीछे का राज खोलते हुए बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की जीत का मंत्र विपक्ष की नाकामी और हिंदू वोटों का एकीकरण है। 17 मई 2025 को हैदराबाद में मीडिया एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा, “बीजेपी लगातार चुनाव जीत रही है क्योंकि विपक्ष पूरी तरह नाकाम रहा है और बीजेपी ने हिंदू वोटों को अपने पक्ष में एकजुट कर लिया है।” ओवैसी ने सवाल उठाया, “अगर मैं हैदराबाद, औरंगाबाद, किशनगंज और कुछ अन्य सीटों पर चुनाव लड़ता हूं और बीजेपी 240 सीटें जीतती है, तो क्या मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं?”
विपक्ष पर निशाना, मुस्लिम नेतृत्व की वकालत
ओवैसी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नाकामी के कारण बीजेपी को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, “विपक्ष को मेरे साथ बैठकर आंकड़े दिखाने चाहिए। बीजेपी मेरी वजह से नहीं, बल्कि विपक्ष की विफलता की वजह से सत्ता में है।” उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए मजबूत नेतृत्व की वकालत की और कहा, “यादव नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। ऊंची जाति के लोग नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। यह कहां का न्याय है?”
AIMIM का विस्तार और रणनीति
AIMIM ने हाल के वर्षों में बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में, अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। हालांकि, ओवैसी ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी पार्टी को अभी लंबा सफर तय करना है। उन्होंने कहा, “हम नागरिक बनना चाहते हैं।” उनकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन बीजेपी की जीत को रोकने में विपक्ष की तरह ही सीमित रही।
BJP की ‘B-टीम’ का आरोप खारिज
कई विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, AIMIM पर बीजेपी की ‘B-टीम’ होने का आरोप लगाते रहे हैं। इस पर ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “यह सरासर झूठ है।” उन्होंने विपक्ष से आंकड़ों के साथ बहस करने की चुनौती दी।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की रणनीति, जिसमें हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दों को केंद्र में रखा गया, ने उसे व्यापक समर्थन दिलाया है। वहीं, विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कमी और रणनीतिक कमजोरियां उनकी हार का बड़ा कारण रही हैं। ओवैसी का यह बयान न केवल बीजेपी की रणनीति पर प्रकाश डालता है, बल्कि विपक्ष को आत्ममंथन के लिए भी मजबूर करता है।
AIMIM क्षेत्र में सक्रियता
ओवैसी का यह बयान भारतीय राजनीति में नई बहस छेड़ सकता है। जहां एक ओर बीजेपी अपनी जीत के मंत्र को और मजबूत करने में जुटी है, वहीं विपक्ष के सामने एकजुट होकर प्रभावी रणनीति बनाने की चुनौती है। AIMIM भी अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों में सक्रिय हो रही है, लेकिन उसका प्रभाव अभी भी सीमित है।
आरसीपी सिंह ने जॉइन किया प्रशांत किशोर का जनसुराज, ASA का हुआ विलय
18 May, 2025 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Bihar Election 2025: इस साल के अंतम में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह रविवार को जन सुराज में शामिल हो गए। इसके साथ ही उनकी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ (आशा) का भी जन सुराज में विलय हो गया। पटना में जन सुराज पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने प्रशांत किशोर की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
प्रशांत किशोर ने किया आरसीपी सिंह को स्वागत
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह के जन सुराज में आने का स्वागत किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि आरसीपी सिंह जैसे लोग अगर जन सुराज में आते हैं तो उनका स्वागत है। रोज कोई न कोई जन सुराज से जुड़ रहा है। जो भी इस पार्टी में आ रहा है, वह बड़े चेहरे ही हैं। उन्होंने कहा कि बड़ा चेहरा छोटे चेहरे को ही फॉलो करता है, जहां समाज रहेगा नेता अपने आप आएगा।
प्रशांत किशोर ने बताया कि आरसीपी सिंह नई व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए जुड़े हैं। प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह को अनुभवी नेता बताते हुए बिहार की सियासत में नया विकल्प बनाने का आह्वान किया।
जानिए क्या बोले आरसीपी सिंह
आरसीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी पार्टी का विलय होगा, लेकिन ऐसा हो गया। उन्होंने कहा कि हमने एनडीए और इंडिया में भी काम किया। हमने उनके लिए मजदूरी की है। अब पहली बार अपने लिए घर बना रहे हैं। हमारे लिए घर बिहार है। 2047 में विकसित भारत की चर्चा हो रही है लेकिन बिहार के विकसित बनने की चर्चा नहीं हो रही है।
2024 में की थी पार्टी की घोषणा
आपको बता दें कि आरसीपी सिंह ने अक्टूबर 2024 को दीपावली के दिन अपनी पार्टी की घोषणा की थी। उस समय उन्होंने बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। आरसीपी सिंह मई, 2023 में भाजपा में शामिल हुए थे, क्योंकि उससे पहले नीतीश कुमार एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जा चुके थे। सिंह को 2022 में जदयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। प्रशांत किशोर भी जदयू में रह चुके हैं।
बिहार में 200 से अधिक सीटें जीतेंगे: बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह द्वारा अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ का ‘जन सुराज’ में विलय करने पर भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए मजबूत है। कोई किसी से भी हाथ मिला ले, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और बिहार में 200 से अधिक सीटें जीतेंगे। हम दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं।
आप का आरोप, अपने चहेते अधिकारियों को जेल में जाने से बचाने उन्हें दिल्ली से दूर भेज रही रेखा सरकार
18 May, 2025 10:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले हुए हैं, रेखा गुप्ता सरकार में अलग-अलग विभागों में वरिष्ठ पदों पर तैनात अधिकारियों को अब दिल्ली से दूर भेजने का आदेश गृह मंत्रालय ने दिया। इस पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। आप के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीते दो साल से आप कह रही थी कि ये अधिकारी भाजपा की मदद करने के लिए षड्यंत्र के तहत कामों को रोक रहे थे। वित्त सचिव एसी वर्मा ने दिल्ली जल बोर्ड के प्रोजेक्ट का हजारों करोड़ का पैसा रोका, बुजुर्गों की पेंशन, मोहल्ला क्लीनिक के स्टाफ सहित कई विभागों के कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन रोकी। स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार ने भी यही काम किया।
आप नेता भारद्वाज ने कहा कि अब भाजपा की सरकार है, तब वर्मा को तकलीफ है कि वे कैसे इन कामों को अनुमति दें। अगर वे पैसा देते हैं तब जेल में जाएंगे। उन्हें जेल जाने से बचाने के लिए लाड़ले इन अधिकारियों का तबादला करके दिल्ली से बाहर भेजा जा रहा है। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई पिछली आप सरकार बीते दो साल से कह रही थी कि कुछ आईएएस अधिकारी दिल्ली की जनता के तमाम कामों को रोक रहे हैं।
आप नेता भारद्वाज का कहना है कि आप सरकार ने फाइनेंस सेक्रेटरी आशीष चंद्र वर्मा और हेल्थ सेक्रेटरी एसबी दीपक कुमार के खिलाफ लगातार शिकायतें की थीं। तत्कालीन सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने कहा कि वर्मा ने दिल्ली की कई योजनाओं को जानबूझकर रोका। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के हजारों करोड़ रुपये के बजट को रोक दिया। उन्होंने जल बोर्ड के सभी प्रोजेक्ट्स को पैसा देना बंद किया था। इसके चलते डीजेबी सीवर मशीनें नहीं खरीद सका और चल रहे प्रोजेक्ट्स रूक गए। बकाया भुगतान न होने की वजह से डीजेबी का ट्यूबवेल और पानी की लाइन डालने के काम रूक गए। बकाया भुगतान नहीं मिलने के कारण ठेकेदारों ने काम लेना बंद कर दिया।
ओवैसी का तंज, हम पाकिस्तान के दूल्हा भाई, इतना हैंडसम वहां कोई नहीं
18 May, 2025 09:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद । ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद करने के बाद भारत में बॉयकॉट तुर्की ट्रेंड में है। एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाक को मदद करने के लिए तुर्की को भारत के साथ उनके रिश्ते को याद दिलाया। साथ ही ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान मानवता के लिए खतरा बन गया है, पाकिस्तान का इस्लाम से कोई-लेना देना नहीं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन प्रमुख ओवैसी ने कहा कि तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन करने अपने रुख का विचार करना चाहिए। तुर्की और भारत के बीच ऐतिहासिक रिश्ता है, इस नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि हमें तुर्की को याद दिलाने के चाहिए कि वहां एक बैक है जिसकी शुरुआती जमाकर्ता भारतीय हैं। भारत में 20 करोड़ से अधिक मुसलमान रहते हैं, जो संख्या में पाकिस्तान से कई गुना अधिक है। पाकिस्तान ने अब तक जिस तरह का व्यवहार किया, उसका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं। हमें तुर्की को ये बार-बार याद दिलाने की जरूरत है कि भारत के मुसलमान खुदमुख्तार हैं और दुनिया में उनका सम्मान होना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि हम पाकिस्तान के दूल्हा भाई, इतना हैंडसम वहां कोई नहीं। सब पाकिस्तानी मुझे सुनते रहें ज्ञान बढ़ेगा और उनकी अज्ञानता खत्म होगी।
तुर्की द्वारा पाकिस्तान को मदद करने के बाद देश में रोष है, जिसके चलते कई भारतीय पर्यटन कंपनियों ने तुर्की की बुकिंग बंद कर दी है। इस बहिष्कार से तुर्की को भारतीय पर्यटकों से होने वाली करीब 3000 करोड़ रुपये की वार्षिक आय का नुकसान हो सकता है, जबकि भारत ने भूकंप के समय तुर्की की मदद की थी।
भारतीय सांसदों का डेलिगेशन पाक को दुनिया में करेगा बेनकाब
18 May, 2025 09:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में शशि थरूर, मुस्लिम देशों में रविशंकर...
नई दिल्ली। विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ एनडीए के सात नेताओं वाला एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का भारत का कड़ा संदेश देने के लिए कई देशों का दौरा करेगा। संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेगा। वे दुनिया के सामने आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता के देश के मजबूत संदेश को आगे बढ़ाएंगे। विभिन्न दलों के सांसद, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को ये करेंगे लीड
जो सांसद विदेशी दौरों पर सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे उनमें चार सत्तारूढ़ एनडीए से हैं, जबकि तीन विपक्षी दलों से हैं। इन सांसदों के नाम हैं- कांग्रेस के शशि थरूर, बीजेपी के रवि शंकर प्रसाद, जेडीयू के संजय कुमार झा, बीजेपी के बैजयंत पांडा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपीएसपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा कर सकता है। यह दौरा 23 मई से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा। सूत्रों ने बताया कि रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जाने की उम्मीद है, जबकि सुप्रिया सुले की सांसदों की टीम ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र की यात्रा करेगी।
ये नेता प्रतिनिधिमंडल का होंगे हिस्सा
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया (सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश) का दौरा करने की संभावना है। अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृज लाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा और भुवनेश्वर कलिता सहित विभिन्न दलों के सांसद इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे। संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी शामिल किया गया है, जो सांसद नहीं हैं। सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को भी इस दौरे में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से मना कर दिया। शशि थरूर अमेरिका में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकते हैं। यह पहली बार है कि केंद्र सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए कई दलों के सांसदों को डिप्लॉय कर रही है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस अंतरराष्ट्रीय दौरे का इंतजाम देख रहे हैं।