राजनीति
राजीव गांधी पर निशिकांत दुबे की पोस्ट, सुप्रिया श्रीनेत ने पेश किए तथ्यों के साथ जवाब
23 May, 2025 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया पोस्ट पर जोरदार पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नसीहत देने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने दुबे पर उनकी अज्ञानता उजागर करने का आरोप लगाया।
मीडिया से बातचीत:
मीडिया एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "भाजपा सांसद के ज्ञान को दुरुस्त करने के लिए बता दूं कि राजीव गांधी ने 6 मार्च 1991 को चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। जिस समझौते का वह जिक्र कर रहे हैं, वह अप्रैल 1991 में हुआ था और शांति काल के लिए था। इसका उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य गतिविधियों को लेकर गलतफहमी से बचना था। भाजपा यह मान रही है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-पाक तनाव के बीच पाकिस्तान को जानकारी दी, जैसा कि राहुल गांधी ने कहा, जो सही है।" भाजपा कहानियां गढ़ रही हैः
उन्होंने आगे कहा, "जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और हमने युद्ध जैसी स्थिति में जवाबी कार्रवाई की, तब विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को इसकी जानकारी दी। भाजपा को कहानियां गढ़ना बंद कर देना चाहिए, तभी देश की सुरक्षा बेहतर हो सकती है। भाजपा सांसद हर दिन नई-नई बातें गढ़कर अपनी मूर्खता दिखा रहे हैं, लेकिन वे जनता को मूर्ख नहीं बना सकते।"
सरकार ने सेना के साथ गलत कियाः
कांग्रेस नेता अभय दुबे ने कहा, "कोई भी तर्क आपके गलत कामों को नहीं छिपा सकता। ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान को क्यों दी गई? सरकार ने देश के साथ ही नहीं, सेना के साथ भी गलत किया है।" दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा था, "राहुल गांधी, यह आपकी सरकार के समय हुआ समझौता है। 1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने तय किया था कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे को सैन्य गतिविधियों की जानकारी देंगे। क्या यह समझौता देशद्रोह है? कांग्रेस पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ मिली हुई है और विदेश मंत्री जयशंकर पर आपकी आपत्तिजनक टिप्पणी शोभा नहीं देती।"
सेना और नारी शक्ति पर बयानबाज़ी के विरोध में कांग्रेस की जय हिंद सभा, 31 मई से जबलपुर से होगी शुरुआत
23 May, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जबलपुर: सेना और नारी शक्ति को लेकर भाजपा नेताओं के आपत्तिजनक बयानों और मौजूदा हालात को लेकर कांग्रेस अब मैदान में उतरेगी। देशभर में जय हिंद सभा करने की योजना बनाई गई है। इसकी शुरुआत 31 मई को जबलपुर से होगी। यह आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। कांग्रेस इस सभा को संबोधित करने के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी या सांसद प्रियंका गांधी को बुलाएगी।
जबलपुर से शुरुआत करते हुए कांग्रेस करेगी जय हिंद सभा
तैयारियों के लिए जबलपुर आए केवलारी विधायक और सह प्रभारी रजनीश सिंह ने बताया कि इन दोनों नेताओं में से किसी एक का आना तय है। देश की पहली जय हिंद सभा को महाकौशल समेत पूरे प्रदेश में संदेश पहुंचाने वाला मेगा इवेंट बनाने के लिए कांग्रेस ने दो विधायकों आरके दोगने को प्रदेश प्रभारी और रजनीश सिंह को सह प्रभारी नियुक्त किया है।
31 मई को आ सकते हैं राहुल या प्रियंका
बुधवार को इन दोनों विधायकों ने जबलपुर के कांग्रेस नेताओं और पदाधिकारियों से तैयारियों पर चर्चा की। सभा को कई वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे। बैठक के लिए स्थल की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसे शहीद स्मारक गोलबाजार में आयोजित करने पर विचार किया गया है। बैठक में विधायक लखन घनघोरिया, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, पूर्व विधायक संजय यादव, जिला ग्रामीण अध्यक्ष डॉ. नीलेश जैन ने बैठक की तैयारी और रणनीति पर बात की। संगठनात्मक समन्वय पर विस्तृत चर्चा: बैठक की अध्यक्षता जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा, दायित्वों का निर्धारण और संगठनात्मक समन्वय पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस दौरान कौशल्या गोटिया, कमलेश यादव, पूर्व विधायक नित्यांजन खम्परिया, संपत्ति सैनी, सतीश तिवारी, अमरीश मिश्रा, राजेश पटेल, इंदिरा पाठक तिवारी, विजय रजक, सचिन रजक, चमन राय, अनुराग जैन गढ़वाल, राजकिशोर पटेल, अयोध्या तिवारी, अतुल बाजपेयी, संतोष दुबे आदि मौजूद थे।
यूनुस को सीएम सरमा का जबाव, मौलानाओं ने ऐसा नक्शा बनवाया, हमारे पंडित बनवा सकते
23 May, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुवाहाटी । बांग्लादेश की पूर्वोत्तर क्षेत्र पर हमेशा नजर बनी रहती है। लेकिन प्रयास चाहे घुसपैठ का हो या विवाद खड़ा करने का, बांग्लादेश को हमेशा मुँह की खानी पड़ती है। इसी कड़ी में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने एक नक्शा डिजाइन कर शेयर किया है, इसमें असम के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश में दिखाया गया है। इस मुद्दे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मोहम्मद यूनुस आड़े हाथ लेकर बांग्लादेश को उसकी औकात दिखा दी है।
सरमा ने बांग्लादेश के कुछ व्यक्तियों द्वारा प्रकाशित उस कथित मानचित्र को खारिज किया है जिसमें पूर्वोत्तर राज्य के कई हिस्से पड़ोसी देश (बांग्लादेश) के भूभाग हैं। उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश एक ‘‘छोटा’’ देश है और ‘‘इतना ध्यान’’ दिए जाने का वह हकदार नहीं है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ताकत के लिहाज से भारत की बराबरी नहीं कर सकता। सरमा ने कहा, ‘‘लोग ऐसा नक्शा बना सकते हैं और प्रकाशित कर सकते हैं। हम भी बांग्लादेश को असम का हिस्सा दिखाने वाला नक्शा बना सकते हैं। यहां तक कि भारत और अमेरिका को भी एक नक्शे पर एक साथ रखा जा सकता है। सिर्फ नक्शा बनाने से यह असलियत नहीं बन जाएगा।’’
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि अगर बांग्लादेश के मौलानाओं ने असम को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताकर ऐसा नक्शा बनाया है, तब भारत के ‘पुरोहित, पंडित’ भी भारत में उनके चटगांव बंदरगाह को शामिल करते हुए नक्शा बना सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ऐसा (ऐसा नक्शा प्रकाशित करना) नहीं कर सकती, लेकिन लोग ऐसा कर सकते हैं। सरमा ने दावा किया कि यदि बांग्लादेश पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में ‘चिकन नेक’ गलियारे पर हमला करता है, तब भारत उसके दो संकरे भूभाग पर जवाबी हमला करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनके (बांग्लादेश के) पास दो ‘चिकन नेक’ हैं, भारत के पास एक है। उन्होंने कहा कि मेघालय से चटगांव बंदरगाह के पास उनका ‘चिकन नेक हमारे से बहुत छोटा है और एक अंगूठी फेंककर भी बंद किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम वहाँ पहुँचने से बस एक कॉल की दूरी पर हैं। सरमा ने हालांकि बांग्लादेश के दूसरे संकरे भूभाग के बारे में कुछ जिक्र नहीं किया, जिसे उन्होंने पड़ोसी देश का ‘चिकन नेक’ बताया।
जब तक नहीं होता 6 आतंकवादियों का खात्मा, तब तक ऑपरेशन सिंदूर पूरा नहीं माना जाएगा : संजय राउत
23 May, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । शिवसेना (यूबीटी) के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार आतंकियों का सफाया नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हमले के दोषियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर कई सवाल पूछे।
राउत ने पहलगाम में आतंकियों ने हमारी माताओं और बहनों का सिंदूर उजाड़ दिया। 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या हुई। हमारे मन में एक सवाल बना हुआ है कि जिन आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया, वे कहां गए। केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ क्या किया?
राउत ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान को जवाब दिया। कुछ दिन दोनों देशों के बीच तनाव भी रहा। लेकिन, फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री से सीजफायर की घोषणा हुई। अब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार सांसदों को विदेश यात्रा पर भेज रही है। अच्छी बात है, भेजा जाना चाहिए। लेकिन, एक माह पहलगाम आतंकी हमले को चुके हैं। एक सवाल का जवाब केंद्र को देना चाहिए कि वे आतंकवादी कहां गए, जिन्होंने पहलगाम में हमारे निर्दोष लोगों की हत्या की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक 6 आतंकवादियों का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता।
सीबीआई चार्जशीट के बाद अस्पताल पहुंचे सत्यपाल मलिक, बोले- बातचीत में असमर्थ
22 May, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की कार्रवाई के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत भी बिगड़ गई है। गुरुवार को जहां सीबीआई ने मलिक समेत 6 लोगों के खिलाफ आधिकारिक रूप से चार्जशीट दाखिल की, वहीं मलिक ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि वह अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत बेहद खराब है। मलिक ने एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें वे अस्पताल के बेड पर नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा, "मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं। अभी मेरी हालत बहुत खराब है। मैं फिलहाल अस्पताल में भर्ती हूं और किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं।"
गौरतलब है कि सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एजेंसी ने तीन साल की जांच के बाद मलिक और पांच अन्य लोगों को आरोपी बनाते हुए विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया।
सीबीआई ने पिछले वर्ष फरवरी में मामले के सिलसिले में मलिक और अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने 2022 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह मामला 2019 में ‘किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर’ (एचईपी) परियोजना के सिविल कार्यों के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के ठेके को एक निजी कंपनी को देने में कथित गड़बड़ी से संबंधित है। मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे। मलिक ने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित एक फाइल सहित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
एजेंसी द्वारा पिछले वर्ष छापेमारी किये जाने के बाद मलिक ने उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया था। मलिक ने कहा था कि जिन लोगों के बारे में उन्होंने शिकायत की थी और जो भ्रष्टाचार में शामिल थे, उनकी जांच करने के बजाय सीबीआई ने उनके आवास पर छापा मारा। पूर्व राज्यपाल ने पोस्ट में कहा था, “उन्हें (सीबीआई अधिकारियों को) चार से पांच कुर्ते और पायजामा के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। तानाशाह सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर मुझे डराने की कोशिश कर रहा है। मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं न तो डरूंगा और न ही झुकूंगा।”
ईडी की छापेमारी पर डिप्टी सीएम का बयान- परमेश्वर ने तो बस शादी में दिया था गिफ्ट
22 May, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कर्नाटक के गृह मंत्री 'जी परमेश्वर' के ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव द्वारा सोने की तस्करी के मामले से जुड़ी है। ईडी इसी मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है और उसने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत राज्य भर में 16 जगहों पर छापेमारी की है। छापेमारी हवाला ऑपरेटरों और अन्य ऑपरेटरों को निशाना बनाकर की गई, जिन्होंने कथित तौर पर सोना तस्करी की आरोपी रान्या राव के खातों में फर्जी वित्तीय लेनदेन किया था। निदेशालय द्वारा जिन जगहों पर छापेमारी की गई, उनमें राज्य में परमेश्वर से जुड़े तीन शैक्षणिक संस्थान भी शामिल हैं।
इस बीच, राज्य के उपमुख्यमंत्री 'डीके शिवकुमार' ने यह कहकर मामले में नया मोड़ ला दिया है कि गृह मंत्री ने उन्हें बताया है कि उन्होंने अभिनेत्री को शादी में एक उपहार दिया था और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। छापेमारी के बीच शिवकुमार ने आज गृह मंत्री जी परमेश्वर से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने अभी परमेश्वर से बात की है, वहां एक शादी (समारोह) थी, हम सार्वजनिक जीवन में हैं, हम संस्थाएं चलाते हैं। हम अपने परिचितों को सम्मान के तौर पर बहुत सारे उपहार देते हैं, हम 1 रुपया, 10 रुपये, 10 लाख रुपये, यहां तक कि 5 लाख रुपये भी देते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने भी कोई उपहार दिया होगा। यह शादी का उपहार था, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।" कोई भी राजनेता रान्या का समर्थन नहीं करेगा: डीके शिवकुमार ने यह भी कहा कि रान्या राव पर जिस तरह की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, उसका कोई भी राजनेता समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "उस महिला ने जो भी गतिविधियां की हैं, वह उसका निजी मामला है, कानून अपना काम करेगा। जहां तक परमेश्वर का सवाल है, हम हजारों लोगों से मिलते हैं, हमें नहीं पता कि कौन क्या करता है। हम कानून और ईडी में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। मैंने उनसे अभी चर्चा की, मैंने उनसे पूछा कि वास्तविकता क्या है, उन्होंने कहा कि उन्होंने शादी के समय दिया है, उन्होंने उपहार दिया है, और यह बिल्कुल स्वाभाविक है।"
एचएम परमेश्वर ने सीएम से की मुलाकात:
दूसरी ओर, जी परमेश्वर ने उनसे जुड़े शिक्षण संस्थानों पर ईडी की छापेमारी के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की है। हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि परमेश्वर और सिद्धारमैया के बीच क्या चर्चा हुई। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि परमेश्वर ने मुख्यमंत्री को सोना तस्करी मामले में छापेमारी की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "उन्होंने मुख्यमंत्री को उन परिस्थितियों के बारे में भी बताया, जिनमें छापेमारी की गई।"
पैसे उपहार में दिए गए हो सकते हैं:
छापे के बाद डीके शिवकुमार, सतीश जरकीहोली और दिनेश गुंडू राव समेत कई मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक अपना समर्थन जताने के लिए सदाशिवनगर स्थित जी परमेश्वर के आवास पर पहुंचे। शिवकुमार ने कहा, "हम सभी सार्वजनिक जीवन में हैं। कई लोग ट्रस्ट चलाते हैं। हो सकता है कि उन्होंने शादी के लिए पैसे उपहार में दिए हों। क्या परमेश्वर जैसे प्रभावशाली नेता तस्करी में शामिल हो सकते हैं?"
शशि थरूर के बाद आनंद शर्मा भी मोदी सरकार के फैसले से प्रभावित, कांग्रेस में मतभेद उजागर
22 May, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से शशि थरूर लगातार मोदी सरकार के पक्ष में बोल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी द्वारा इशारों-इशारों में समझाने की कोशिश के बाद भी थरूर सार्वजनिक तौर पर अपनी बात रखते रहे। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। शर्मा ने वैश्विक आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की राय रखने के लिए सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने के फैसले को अहम पहल बताया है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इसे ध्यान भटकाने वाली योजना करार दिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से दिए गए चार नामों में से सिर्फ आनंद शर्मा को ही केंद्र सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है। आने वाले दिनों में शर्मा अपनी टीम के साथ मिस्र, कतर और इथियोपिया की यात्रा करेंगे। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शर्मा ने कहा, "हमारा क्षेत्र दशकों से सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित है। ऐसे में वैश्विक जनमत को इसके बारे में संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई द्वारा पोषित आतंकवादी संगठनों ने भारत का बहुत खून बहाया है। हमने इस आतंकवाद की बड़ी कीमत चुकाई है।
लेकिन इसके बाद भी हमने अपनी प्रतिक्रियाओं में संयम बरता.. बहुत कम देश हैं जो आतंकवाद को लेकर संयमित हो सकते हैं.. लेकिन भारत ने ऐसा किया। पहलगाम के बाद हमने जवाबी कार्रवाई की लेकिन यह एक नपी-तुली कार्रवाई थी, जिसे हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था।" आपको बता दें कि शशि थरूर के बाद अब आनंद शर्मा ने भी ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की कार्रवाई पर सरकार के प्रति नरम रुख अपनाया है, जबकि कांग्रेस पार्टी इस मामले पर केंद्र पर हमलावर बनी हुई है।
बुधवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सर्वदलीय सांसदों को विदेश भेजने के फैसले को केंद्र सरकार द्वारा सवालों से बचने और ध्यान भटकाने का तरीका बताया। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए जयराम रमेश ने कहा कि 1950 के बाद हर अक्टूबर-नवंबर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र का दौरा करता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में इस परंपरा को समाप्त कर दिया। अब जब वह वैश्विक स्तर पर निराश हो चुके हैं और उनकी छवि को धक्का लगा है, तो वह फिर से सर्वदलीय सांसदों को विदेश भेजने का फैसला ले रहे हैं।
शर्मिंदगी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सीजेआई को नियमित आधिकारिक अतिथि का दर्जा दिया
22 May, 2025 10:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र सरकार ने भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) की यात्रा के दौरान राज्य में आधिकारिक शिष्टाचार का पालन तय करने के लिए प्रोटोकॉल गाइडलाइन जारी की हैं। गाइडलाइन के तहत, सीजेआई बी आर गवई को आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में नियमित आधिकारिक अतिथि का दर्जा दिया है।
दरअसल जस्टिस बीआर गवई 14 को सीजेआई बनने के बाद 18 मई को पहली बार महाराष्ट्र गए थे। हालांकि, मुंबई में उन्हें स्टेट चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी या मुंबई पुलिस कमिश्नर में से कोई भी रिसीव करने नहीं आए थे, जिसपर सीजेआई गवई ने नाराजगी जाहिर की थी। घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। इसके बाद राज्य के कैबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उन्होंने प्रोटोकॉल में चूक के लिए राज्य सरकार की ओर से सीजेआई गवई से फोन पर माफी मांगी है।
महाराष्ट्र स्टेट गेस्ट रूल्स, 2004 के अनुसार, स्टेट गेस्ट के तौर पर नामित या माने जाने वाले किसी पदाधिकारी को राज्य प्रोटोकॉल सब-डिवीजन की ओर से एयरपोर्ट पर स्वागत और विदाई की व्यवस्था की जाती है। जिलों में कलेक्टर ऑफिस नामित प्रोटोकॉल अधिकारियों को रिसीव करने या छोड़ने की व्यवस्था करता है।
अब महाराष्ट्र में परमानेंट स्टेट गेस्ट के तौर पर नामित होने के बाद सीजेआई सभी प्रोटोकॉल-संबंधी सुविधाओं के हकदार है। उन्हें राज्य के किसी भी हिस्से में अपनी यात्रा के दौरान आवास, गाड़ी की व्यवस्था और सुरक्षा दी जाएगी।
चीफ जस्टिस के मुंबई दौरे के दौरान चीफ सेक्रेटरी या उनके सीनियर प्रतिनिधि, डीजीपी या सीनियर प्रतिनिधि उनका स्वागत करने आएंगे। किसी जिले के दौरे पर वहां के जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर या एसपी या उनके सीनियर अफसरों को सीजेआई का स्वागत करने का आदेश है।
देशभर में कांग्रेस की "जय-हिंद सभा", सेना के योगदान को सलाम
22 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सेना के सम्मान में 25 मई से देश भर में जय हिंद सभा करने जा रही है। इस दौरान सैनिकों पूर्व सैनिक को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही एनडीए सरकार से कुछ सवालों के जवाब भी मांगे जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सभी विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार का हर फैसले में समर्थन किया है। हमने सरकार से कहा था कि हम आपके साथ हैं। आतंकियों के आका जहां कहीं भी बैठे हों और चाहे वे कोई भी हों, उन्हें सबक सिखाइए। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की तीन बैठके हुईं और तीनों में फैसला हुआ कि सरकार जो भी कार्रवाई करेगी। हम उसका समर्थन करेंगे और हमने वैसा ही किया।
सुरक्षा एजेंसियों के पास आतंकी हमले का इनपुट था
उन्होंने आगे कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने आतंकियों के 9 ठिकानों को ही तबाह नहीं किया, बल्कि सरहद पार से हुए हर हमले का मुंहतोड़ जवाब भी दिया। जम्मू-काश्मीर से लेकर भुज तक हर हमले को नाकाम किया। लेकिन, इसी बीच थर्ड पार्टी के जरिए सीजफायर हुआ। इसीलिए विपक्ष होने के नाते हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम सरकार से इस मामले में सवाल पूछें कि ऐसा क्यों हुआ। पहलगाम आतंकी हमला सिक्योरिटी फेल्योर का नतीजा था। वह कैसे हुआ, जबकि उससे पहले 17 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर जाने वाले थे। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद उनका दौरान रद्द कर दिया गया था। अगर सुरक्षा एजेंसियों का आतंकी हमला होने जैसा कोई इनपुट था तो जमीनी स्तर तक इसे क्यों नहीं पहुंचाया गया?
डीजीएमओ सीजफायर पर फैसला नहीं करता
सीजफायर के मुद्दे पर कर्नल रोहित चौधरी ने सवाल किया कि सीजफायर पर सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ से फोन आया था। जबकि सीजफायर का फैसला डीजीएमओ नहीं, बल्कि सरकार को करना होता है। इसलिए आप सेना का राजनीतिकरण न करें। देश को बताएं कि यह फैसला सरकार का था या अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप क दवाब था।
मां करणी के धरती से प्रधानमंत्री मोदी का अभूतपूर्व संदेश
22 May, 2025 08:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को पहली बार सार्वजनिक सभा में आम जनता से रूबरू होंगे। प्रधानमंत्री यहां देशनोक में करणी माता मंदिर के दर्शन कर अमृत भारत योजना के तहत निर्मित देशनोक रेलवे स्टेशन के साथ देश के 103 अमृत स्टेशनों का भी लोकार्पण करेंगे। साथ ही पास में पलाना गांव में जनसभा को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का गुरुवार को बीकानेर में 3 घंटे 25 मिनट का प्रवास रहेगा। इससे पहले पुलवामा हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक की सुबह पीएम मोदी ने चूरू में ही पहली सभा की थी और दुनिया को यहां से एक बड़ा संदेश दिया था। माना जा रहा है कि बीकानेर की धरती से पीएम मोदी एक बार फिर पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को कोई ना कोई बड़ा संदेश जरूर देंगे। गुरुवार को ही पहलगाम हमले को एक माह भी पूरा होने जा रहा है।
विशेष विमान से आएंगे पीएम मोदी
जानकारी के अनुसार पीएम नरेन्द्र माेदी विशेष विमान से प्रधानमंत्री गुरुवार सुबह 9.50 बजे नाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से हैलीकॉप्टर से देशनोक जाएंगे। करणी माता मंदिर के पास ही बने हैलीपेड पर उतरने के बाद सुबह 10.30 बजे प्रधानमंत्री सबसे पहले करणी माता मंदिर जाएंगे।
करीब 15 मिनट मंदिर में बिताने के बाद पास ही देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। साथ ही बीकानेर-मुम्बई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद रहेंगे।
राघव चड्ढा का पाकिस्तान पर सख्त संदेश: भारत देता है सटीक और निर्णायक जवाब
21 May, 2025 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सियोल में आयोजित प्रतिष्ठित एशियाई नेतृत्व सम्मेलन 2025 में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर अभियान पर भी अपने विचार व्यक्त किए। आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भारत अब केवल आतंकवादी हमलों पर दुख ही नहीं जताता बल्कि अब वह सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के जरिए जवाब भी देता है, जैसा उसने ऑपरेशन सिंदूर में किया था। राघव चड्ढा चोसुन मीडिया और सेंटर फॉर एशिया लीडरशिप के सहयोग से आयोजित एशियाई नेतृत्व सम्मेलन (एएलसी 2025) में बतौर वक्ता हिस्सा लेने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल आए थे। यह पूरब के दावोस के नाम से मशहूर है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनिया को संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे देश की शांति से छेड़छाड़ की गई तो हम आतंक के ढांचे को नष्ट कर देंगे, चाहे वह देश के अंदर हो या बाहर।
पाकिस्तान को सख्त चेतावनी
सांसद राघव चड्ढा ने दुनिया के सामने भारत की नई रणनीति पर बोलते हुए कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता ने दिखा दिया है कि भारत अब नई सैन्य और कूटनीतिक नीति के तहत काम कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम सिर्फ आतंकी हमलों पर प्रतिक्रिया नहीं करते, बल्कि अब हम आतंक के मूल ढांचे को जड़ से खत्म कर देते हैं। सांसद राघव चड्ढा ने आगे कहा कि भारत अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की धरती से आता है, लेकिन साथ ही इस धरती ने भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों को भी जन्म दिया। उन्होंने कहा, "हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन आतंकवाद का समर्थन करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
वैश्विक मंच पर भारत की नई छवि
सियोल में आयोजित एशियाई नेतृत्व सम्मेलन में राघव चड्ढा ने दुनिया के सामने भारत की एक निर्णायक, आत्मनिर्भर और रणनीतिक रूप से मजबूत राष्ट्र की छवि पेश की। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच से एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत एक निर्णायक और दृढ़ राष्ट्र के रूप में उभरा है और दिखाया है कि हम आतंकवाद, आतंकवादी ढांचे और दुष्ट राष्ट्रों से कैसे निपटते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के रूप में भारत सरकार और हमारी भारतीय सेना ने यह स्पष्ट कर दिया कि हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन अगर कोई हमारे देश की शांति को भंग करता है और हमारे लोगों को नुकसान पहुंचाता है, तो हम आतंकवादी ढांचे को नहीं छोड़ेंगे, चाहे वह कहीं भी हो। परिणामस्वरूप, सीमा पार आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के लिए सटीक सैन्य कार्रवाई की गई।
आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस नीति
राघव चड्ढा ने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद के प्रति "जीरो टॉलरेंस" की नीति पर काम करता है। उन्होंने कहा, "आज का भारत अब वह नहीं जो चुपचाप हमले बर्दाश्त करता था। अब हम हमले बर्दाश्त नहीं करते, बल्कि सीमा पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करते हैं। राघव चड्ढा ने कहा, "भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ कूटनीतिक बयान नहीं देता, बल्कि जमीन पर कार्रवाई करता है। ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा सबूत है। भारत अब न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा कर रहा है, बल्कि दुनिया को आतंक मुक्त बनाने में भी अपना योगदान देने को तैयार है।"
जाने-माने नेताओं के साथ मंच साझा किया
इस साल के एशियाई नेतृत्व सम्मेलन में राघव चड्ढा ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स, ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन और हार्वर्ड सेंटर फॉर पब्लिक लीडरशिप के डीन विलियम्स जैसे वैश्विक नेताओं के साथ मंच साझा किया।
एशियाई नेतृत्व सम्मेलन एशिया का एक प्रमुख मंच है, जहां राजनीति, व्यापार, शिक्षा और समाज के वैश्विक नेता चर्चा के लिए एकत्र होते हैं। इस सम्मेलन के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और डेविड कैमरन, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स और ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन जैसे दिग्गज इस मंच को संबोधित कर चुके हैं।
राष्ट्रों का उदय: अधिक प्रगति का मार्ग:
इस साल सम्मेलन का विषय "राष्ट्रों का उदय: अधिक प्रगति का मार्ग" रखा गया है। ग्रेटर प्रोग्रेस" नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जो दक्षिण कोरिया की स्वतंत्रता पर आधारित है। इसका आयोजन कोरियाई युद्ध की 80वीं वर्षगांठ और 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया जा रहा है। इस मंच पर स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की जा रही है, ताकि इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जा सके।
युवा वैश्विक नेता सम्मान प्राप्त:
सांसद राघव चड्ढा को हाल ही में ग्लोबल इकोनॉमिक फोरम (WEF) द्वारा युवा वैश्विक नेता (YGL) के रूप में चुना गया है। यह सम्मान 40 वर्ष से कम आयु के विश्व के उन नेताओं को दिया जाता है, जो बेहतर भविष्य के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सांसद राघव चड्ढा अपने नीति ज्ञान, युवा नेतृत्व और शासन में नवाचार के लिए जाने जाते हैं। दिल्ली सरकार में रहते हुए उन्होंने स्वास्थ्य, जल और वित्त जैसे क्षेत्रों में भी बड़े सुधार किए हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सियासी हलचल तेज, पार्टियां जुटीं डिजिटल रणभूमि में
21 May, 2025 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बिहार में अधिकांश दल जातियों के अंकगणित और समीकरणों पर काम कर रहे हैं और नई तकनीक पर आधारित आभासी दुनिया में इस राजनीतिक कुरुक्षेत्र में युद्ध शुरू हो चुका है। सभी महारथी यहां न केवल अपने हथियारों बल्कि शास्त्रों के ज्ञान के साथ महाभारत लड़ रहे हैं।
राज्य में चुनाव प्रचार और रैलियों का दौर भले ही अभी शुरू न हुआ हो, लेकिन फिलहाल सोशल मीडिया बिहार चुनाव का कुरुक्षेत्र बन गया है। एक के बाद एक कार्टून बनाए जा रहे हैं, नई शब्दावली गढ़ी जा रही है। विरोधियों के लिए नए विशेषण खोजे जा रहे हैं। कार्टूनिस्टों को काम पर रखा गया है। शब्दावली गढ़ने के लिए विद्वानों को लगाया गया है। बयानबाजी भी शुरू हो गई है, आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जा रहे हैं।
'लालू की पार्टी आईटी का इस्तेमाल कर रही है'
राजनीतिक दल एक-दूसरे को सलाह दे रहे हैं। इस आभासी राजनीतिक महाभारत में हर महारथी के बाणों का जवाब देने के लिए बयानों के बाण चलाए जा रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि तीर के जवाब में तीर, गदा के जवाब में गदा, कार्टून के जवाब में कार्टून, वीडियो के जवाब में वीडियो और बयान के जवाब में बयान चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कभी लालू यादव कहते थे कि ये आईटी, वाईटी क्या है, जबकि आज उनकी पार्टी आईटी युद्ध में सबसे ज्यादा शामिल है।
'सोशल मीडिया पर सक्रिय है जेडीयू'
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि जब जनवरी 2009 में नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर अपना अकाउंट खोला था, तो उस समय उनके विरोधी रहे नीतीश कुमार ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा था कि ये चहचहाहट क्या है? नीतीश को जल्द ही समझ आ गया और उन्होंने भी मई 2010 में अपना अकाउंट खोल लिया। आज उनकी पार्टी इस चुनाव में सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। नीतीश की पार्टी जेडीयू ने हाल ही में बिहार के राजगीर में अपने कार्यकर्ताओं को इस तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल पर प्रशिक्षण दिया है। बिहार में इंटरनेट की स्थिति चाहे जो भी हो, इंटरनेट आधारित राजनीति खूब हो रही है। बिहार में अभी भी डिजिटल डिवाइड है, इसके बावजूद ऐसा लग रहा है कि चुनाव के दौरान यह डिवाइड भरती जा रही है।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी सख्त, पुलिस को दी विस्तृत जांच की निर्देश
21 May, 2025 07:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुर्शिदाबाद में अराजकता फैलाने के लिए बाहर से लोग आए थे। पुलिस को मामले की विस्तृत जांच करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ फर्जी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि यह घटना बंगाल में हुई है। लेकिन ऐसा नहीं है। हमें असली स्रोत की पहचान करनी होगी। ममता ने कहा कि अगर हम स्रोत की पहचान नहीं करेंगे और ऐसी चीजों पर ध्यान नहीं देंगे, तो इससे सिर्फ उकसावे की स्थिति बनेगी और सीमा पर शांति भंग होगी। इससे सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों को हो रहा है, इसलिए हम सभी को शांति बनाए रखने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है कि सिर्फ प्रशासन ही काम करेगा। हमें भी अपनी भूमिका निभानी होगी। डीएम और एसपी अपने इलाके में सोशल मीडिया को लेकर सतर्क रहें, क्योंकि किसी भी तरह का उकसावा पैदा हो सकता है।
सीमावर्ती इलाका बेहद संवेदनशील:
ममता ने कहा कि सीमावर्ती इलाका बेहद संवेदनशील है। कुछ दिन पहले सीतलकुची से एक व्यक्ति को पकड़ा गया था। वह किसान था और अपनी जमीन पर खेती कर रहा था। उसकी कोई गलती नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब मुझे खबर मिली तो हमने तुरंत कार्रवाई की, उसे जमानत दिलवाई और वापस लाया। सीमावर्ती इलाकों में ऐसी चीजें चल रही हैं। सभी को सतर्क रहना चाहिए। बीएसएफ सीमा पर है, इसका मतलब यह नहीं है कि आईसी और ओसी आंखें मूंद लेंगे।
रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे:
मुर्शिदाबाद हिंसा पर जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुओं को निशाना बनाया गया। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पुलिस ने हिंसा नहीं रोकी, बल्कि तृणमूल कांग्रेस को संरक्षण दिया। पानी की आपूर्ति रोक दी गई ताकि वे आग न बुझा सकें। वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी।
पश्चिम बंगाल सरकार हिंदू विरोधी है- भाजपा:
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा ने टीएमसी पर हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को निशाना बनाया गया। उनके घर जला दिए गए। जांच में टीएमसी पार्षद महबूब आलम का नाम सामने आया है। हिंसा में टीएमसी नेता और विधायक का भी नाम आया है। भाजपा ने कहा कि स्थानीय पार्षद महबूब आलम के उकसावे पर हिंसा हुई। हिंसा के दौरान पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। भाजपा ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार हिंदू विरोधी है। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर विपक्ष चुप रहा।
"तुर्किए में कांग्रेस कार्यालय पर भाजपा नेता और पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज"
21 May, 2025 04:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा नेता अमित मालवीय और एक वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी के नेता और आईटी सेल के हेड अमित मालवीय और सीनियर पत्रकार अर्णब गोस्वामी ने जानबूझकर कांग्रेस की छवि खराब करने के लिए गलत सूचना फैलाई है कि तुर्किए में कांग्रेस पार्टी का एक दफ्तर है। यूथ कांग्रेस लीगल सेल ने एफआईआर की कॉपी को सार्वजनिक रूप से शेयर करते हुए जानकारी दी कि इन दोनों ने मिलकर लोकसभा प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब करने की कोशिश की है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे। केस दर्ज कराने वाले यूथ कांग्रेस लीगल सेल के हेड श्रीकांत स्वरूप ने कहा, इन दोनों के द्वारा किया गया यह दावा पूरी तरह से गलत है, कांग्रेस पार्टी का कोई भी ऑफिस इस्तांबुल में नहीं है।
कांग्रेस पार्टी की तरफ से दर्ज कराए गए केस को लेकर अमित मालवीय ने भी अपना पक्ष रखा। मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक क्लिप साझा करते हुए लिखा, देखिए! इस बात के लिए केस दर्ज किया गया है। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किए और अजरबैजान खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में आ गए थे। इसके बाद भारतीय जनता के बीच में तुर्किए और अजरबैजान का बहिष्कार करने की मांग जोर पकड़ रही थी। कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओं से जब इस बहिष्कार के ऊपर राय पूछी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इसके बाद भाजपा हमलावर हो गई।
कांग्रेस की लीगल सेल ने इस केस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी गलत सूचना फैलाने का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब करने, अशांति फैलाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करना है, यह लोकतंत्र पर सीधा हमला करने का प्रयास था।श्रीकांत ने कहा, इन दोनों द्वारा किया गया यह काम भारतीय जनता को धोखा देने के लिए था। इस तरीके से बयान देकर इन्होंने देश की एक प्रमुख राजनैतिक पार्टी को बदनाम करने और राष्ट्रवादी भावनाओं से छेड़छाड़ करने की कोशिश की है।बकौल स्वरूप मालवीय और गोस्वामी की हरकतें भारत के लोकतांत्रिक नींव पर एक भयानक हमला हैं। यह हरकत आपराधिक इरादे से की गई है। इन दोनों ने अपनी पहुंच का दुरुपयोग किया है। इसलिए इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। स्वरूप ने भारतीय प्रेस परिषद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, सीबीआई और अन्य एजेंसियों से इस केस को प्राथमिकता से देखने की अपील की है।
कांग्रेस पार्टी की तरफ से दर्ज कराए गए केस को लेकर अमित मालवीय ने भी अपना पक्ष रखा। मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक क्लिप साझा करते हुए लिखा, देखिए! इस बात के लिए केस दर्ज किया गया है। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किए और अजरबैजान खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में आ गए थे। इसके बाद भारतीय जनता के बीच में तुर्किए और अजरबैजान का बहिष्कार करने की मांग जोर पकड़ रही थी। कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओं से जब इस बहिष्कार के ऊपर राय पूछी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इसके बाद भाजपा हमलावर हो गई।
राहुल गांधी ने पिता राजीव गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किया एक अहम वादा
21 May, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Rajiv Gandhi Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उनके पुत्र और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने पिता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल ने सोशल मीडिया पर अपने बचपन की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पिता के सपनों को पूरा करने का वादा दोहराया। राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, “पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं। आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है – और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने अपने पिता राजीव गांधी के साथ बचपन की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें उनकी आत्मीयता और पारिवारिक रिश्तों की गर्माहट साफ झलक रही है।
देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री
21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। वह भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्रियों में से एक थे, जिन्होंने 40 साल की उम्र में देश की बागडोर संभाली थी। उनकी पुण्यतिथि पर राहुल गांधी ने न केवल अपने पिता को याद किया, बल्कि उनके द्वारा शुरू किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प भी व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।”
राजीव गांधी को श्रद्धांजलि
इन तस्वीरों में राहुल अपने पिता राजीव गांधी के साथ नजर आ रहे हैं, जो उनके बचपन की स्मृतियों को ताजा करती हैं। राहुल और उनकी बहन प्रियंका गांधी अक्सर अपने पिता और दादी के साथ बिताए पलों को सोशल मीडिया पर साझा करते रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भी राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया। पार्टी नेताओं ने उनके योगदान, खासकर सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार के क्षेत्र में उनके दूरदर्शी कदमों को सराहा। राहुल की इस भावुक पोस्ट को सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिला, जिसमें कई यूजर्स ने उनके इस संदेश को रीपोस्ट कर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वीर भूमि पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी 34वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।