राजनीति
जाति जनगणना को लेकर विपक्षी दलों में श्रेय लेने की जंग शुरू
2 May, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने की अचानक मंजूरी दिए जाने से देश में नई बहस छिड़ गई है और सरकार और विपक्ष के बीच श्रेय लेने की जंग शुरू हो गई है। भाजपा समेत एनडीए के सहयोगी दल इस फैसले को ऐतिहासिक बता रहे हैं। उनका तर्क है कि इस जनगणना को कराने के पीछे का लक्ष्य हर समुदाय को आंकड़ों से सशक्त बनाना है। लक्षित विकास और सच्चे सामाजिक न्याय के लिए यह ऐतिहासिक कदम है। पिछले 11 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का मुख्य एजेंडा सामाजिक न्याय रहा है। कांग्रेस शुरू से ही जाति जनगणना और यहां तक कि आरक्षण के पक्ष में नहीं रही है। वहीं, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, राजद और भारत ब्लॉक में उसके सहयोगी दल इसे अपनी जीत बता रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार का फैसला उनके दबाव के कारण हुआ है। भारत ब्लॉक की पार्टियां अब आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से आगे ले जाने की मांग कर रही हैं।
भाजपा: 11 साल से चल रहा काम, अचानक नहीं
1 जाति जनगणना का फैसला अचानक नहीं लिया गया है, पिछले 11 साल से इस पर काम चल रहा है।
2 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वंचितों को उनका हक दिलाने की प्रतिबद्धता। इससे हर वर्ग को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य हासिल होगा।
3 राजनीतिक रूप से कुछ राज्यों के सर्वेक्षण से समाज में भ्रम की स्थिति पैदा हुई है, जिसे इससे दूर किया जाएगा।
4 सामाजिक न्याय हमेशा नीति का केंद्र रहा है, इसलिए ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
कांग्रेस: राहुल के मिशन की जीत
1 राहुल गांधी के मिशन के कारण सरकार को जाति जनगणना की घोषणा करनी पड़ी।
2 भाजपा इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनगणना के लिए समय सीमा नहीं बताई।
2 जाति जनगणना तभी फायदेमंद होगी, जब 50 प्रतिशत आरक्षण की दीवार हटेगी।
3 दिसंबर 2019 में मोदी सरकार ने बताया था कि जनगणना पर 8,254 करोड़ रुपये खर्च हुए, फिर इस साल के बजट में 575 करोड़ रुपये ही क्यों?
अब अचानक वे 'अर्बन नक्सल' कैसे हो गए: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि एक साल पहले प्रधानमंत्री मोदी टीवी इंटरव्यू में जाति जनगणना की बात करने वालों को अर्बन नक्सल कहते थे। रमेश ने सवाल उठाया कि क्या पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अचानक अर्बन नक्सल हो गए। अब भाजपा के सभी नेता, मंत्री और प्रवक्ता जाति जनगणना का जश्न धूमधाम से मना रहे हैं। कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की मांग की, लेकिन मोदी ने 11 साल तक इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। जब मैं खुद मंत्री था, तब 2011 में ग्रामीण भारत में सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना हुई थी, लेकिन उसके आंकड़े आज तक सामने नहीं आए। जब हमने मांग की, तो हमारी और हमारे नेताओं की आलोचना की गई। जयराम ने कहा कि 1951 से हर 10 साल में होने वाली जनगणना में एससी-एसटी की आबादी तो गिनी जाती थी, लेकिन ओबीसी की आबादी सामने नहीं आती थी, जो अब कांग्रेस के दबाव में हो रही जनगणना में सामने आएगी।
राहुल को सर्वे और जनगणना में फर्क नहीं पता- प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आजादी के बाद यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार ने जाति जनगणना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। 50 फीसदी आरक्षण की सीमा खत्म करने के सवाल पर प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उन्हें सर्वे और जनगणना में फर्क भी नहीं पता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नेहरू और राजीव गांधी के पत्र और बयानों को पढ़कर देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेहरू जी जाति आरक्षण के खिलाफ थे, जिसके चलते उन्होंने राज्यों को पत्र भी लिखा था। मंडल कमीशन लागू करने के समय भाजपा सरकार का हिस्सा थी। कांग्रेस ने इसे रोक दिया। मंडल कमीशन पर राजीव गांधी का क्या स्टैंड था, यह सभी जानते हैं। उन्होंने जाति जनगणना को कुछ दलों के लिए राजनीतिक एटीएम करार दिया। प्रधान ने कहा कि जब बिहार में जाति सर्वे हुआ था, तब भाजपा ने उसका समर्थन किया था।
आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों को शहीद का दर्जा दिया जाए :राहुल गांधी
2 May, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देशभर में आक्रोश का माहौल है। इसी बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे पीडि़त परिवारों के दुख में साथ हैं और उनकी इस मांग का पूरा समर्थन करते हैं।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी से की अपील
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मैं पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के दुख और उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि इस त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिवारों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें यह सम्मान दें।
राहुल गांधी ने शुभम द्विवेदी से की मुलाकात
बता दें कि इससे पहले बीते बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कानपुर में हमले के एक पीडि़त शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि परिवार ने उनसे कहा कि उनके बेटे को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। इसके बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मैं कानपुर में एक पीडि़त परिवार से मिला। राहुल गांधी ने कहा कि पीडि़त परिवार ने मुझसे कहा कि प्रधानमंत्री तक उनका संदेश पहुंचाएं, कि हमारे बच्चे शहीद हुए हैं और उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष इस मामले को लेकर गंभीर है और पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है।
पहलगाम आतंकी हमला, एक नजर
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते मंगलवार 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।
आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान: अमित शाह
2 May, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने हर चीज का कड़ा जवाब दिया है, चाहे वह उत्तर पूर्व हो, वामपंथी उग्रवाद के क्षेत्र हो या कश्मीर में आतंकवाद का साया हो। अगर कोई सोचता है कि कायरतापूर्ण हमला करके उसने अपनी बड़ी जीत हासिल कर ली है, तो समझ लीजिए कि यह नरेंद्र मोदी सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इस देश के हर इंच से आतंकवाद को उखाड़ फेंकना हमारा संकल्प है और यह पूरा होगा।
अमित शाह ने आगे कहा कि इस लड़ाई में न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है, दुनिया के सभी देश एक साथ आए हैं और आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के लोगों के साथ खड़े हैं।
अमित शाह ने आगे कहा कि मैं यह संकल्प दोहराना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने इसे अंजाम दिया है, उन्हें उचित सजा जरूर मिलेगी। गुरुवार को दिल्ली के कैलाश कॉलोनी में बोडो नेता उपेंद्रनाथ ब्रह्मा के सम्मान में सड़क और प्रतिमा का इनॉगरेशन करते हुए अमित शाह ने आतंकवाद पर सीधी ललकार दी।
बोडो नेता उपेंद्रनाथ ब्रह्मा के सम्मान में बने सड़क और प्रतिमा के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे कैलाश कॉलोनी में बोडोफा के सम्मान में प्रतिमा का अनावरण और सड़क का उद्घाटन करने का अवसर मिला है। यह प्रतिमा न केवल बोडो समुदाय के लिए बल्कि उन सभी छोटी जनजातियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति और विकास के लिए संघर्ष किया। बोडोफा की मूर्ति न केवल बोडो समुदाय बल्कि ऐसी सभी छोटी जनजातियों का सम्मान बढ़ाती है।
प्रधानमंत्री मोदी तिरुवनंतपुरम में करेंगे 'विझिंजम सीपोर्ट' का उद्घाटन, नई ऊर्जा का संचार
2 May, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 मई को सुबह 11 बजे केरल के तिरुवनंतपुरम में 8,900 करोड़ रुपये की लागत से बने ‘विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट’ का उद्घाटन करेंगे। यह भारत का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है, जो भारत की वैश्विक व्यापार की भूमिका को मजबूत करेगा, लॉजिस्टिक क्षमता बढ़ाएगा और कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता को कम करेगा। लगभग 20 मीटर की प्राकृतिक गहराई और विश्व के व्यस्ततम समुद्री व्यापार मार्गों के पास स्थित यह पोर्ट रणनीतिक रूप से बेहद अहम है।
केरल के पोर्ट मंत्री वीएन वसावन ने बीते बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सरबानंद सोनोवाल, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और जॉर्ज कुरियन, राज्य मंत्री साजी चेरियन, वी शिवनकुट्टी, जीआर अनिल, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन, सांसद शशि थरूर और एए रहीम, तिरुवनंतपुरम की मेयर आर्या राजेन्द्रन और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी शामिल होंगे। मंत्री वसावन ने बताया कि बंदरगाह का ट्रायल रन जुलाई 2024 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2024 में इसे कमीशनिंग सर्टिफिकेट मिला। तब से अब तक यहां 285 जहाज आ चुके हैं और 5.93 लाख टीईयू कंटेनर का संचालन हो चुका है, जो उम्मीद से कहीं अधिक है। यहां तक कि एमएससी जैसे जहाज जो दुबई और कोलंबो नहीं जाते थे, वे विझिंजम पहुंच चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बंदरगाह की सालाना क्षमता 30 लाख टीईयू है, लेकिन वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर यह 45 लाख टीईयू तक संभव है। निर्माण कार्य तय समय से पहले पूरा हो जाएगा और राजस्व कमाने की प्रक्रिया जल्दी शुरू होगी। राजनीतिक टकराव की अटकलों पर उन्होंने कहा कि “केंद्र और राज्य के बीच कोई संघर्ष नहीं है। दोनों की तरफ से विज्ञापन अलग-अलग होंगे। यह कोई भाजपा या वाम मोर्चा की परियोजना नहीं है, बल्कि दोनों की साझी कोशिश है।”
जब कांग्रेस की सरकार थी तो जाति-जनगणना क्यों नहीं कराई गई? पिछड़ों का विरोध करना ही उनका काम- बोले शिवराज
1 May, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार द्वारा देश में जाति-जनगणना कराने के फैसले के बाद इंडी अलांयस अपनी पीठ थपथपा रहा है। क्रेडिट लेने की होड़ के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के डीएनए में पिछड़ों का विरोध करना ही रहा है। गुरुवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को पहले इस बारे में जनता को जवाब देना चाहिए कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो जाति-जनगणना क्यों नहीं कराई गई। पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक इनकी सरकार रही। लेकिन, जाति-जनगणना क्यों नहीं कराई गई। पूर्व पीएम पंडित नेहरू ने तो जाति के आधार पर आरक्षण को ही गलत बताया था। पिछड़ों का विरोध करना कांग्रेस के डीएनए में है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि पहले कांग्रेस जवाब दें कि जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने जाति-जनगणना क्यों नहीं की? सत्ता में थे तो जाति-जनगणना नहीं कराएंगे, लेकिन जब विपक्ष में हैं तो इसकी मांग करेंगे। कांग्रेस पर तो यह मुहावरा सटीक बैठता है- हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और।
जाति-जनगणना पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी जो दावा कर रहे हैं, पहले वह यह बताएं कि उनकी सरकार थी तो उन्होंने जाति-जनगणना क्यों नहीं करवाई। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जाति-जनगणना कराने के लिए मैं पीएम मोदी का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने सही समय पर देशहित में सभी जातियों के विकास और कल्याण के लिए पारदर्शी तरीके से जातिगत जनगणना का फैसला लिया है। कुछ राज्यों में इसे लेकर सर्वे हुआ था और कहीं-कहीं भ्रम भी फैलाया गया। इसे लेकर बवंडर भी मचा। समाज के हर वर्ग के कल्याण की योजनाओं को बनाने के लिए सही डेटा की जरूरत है। वैज्ञानिक ढंग से तैयार की जातिगत जनगणना के आंकड़े सटीक योजनाओं को बनाने में मदद करेंगे। जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय का आधार बनेगा।
जाति-जनगणना के प्रारूप के बारे में उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका प्रारूप भी आएगा। वहीं, पहलगाम आतंकी घटना के बाद केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो राष्ट्रहित में होगा वही निर्णय लिया जाएगा।
जाति जनगणना कराने के फैसले को विपक्ष अपनी जीत बता रहा जो की एक बड़ा झूट है- यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा
1 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ: केंद्र सरकार की ओर से जाति जनगणना कराने के फैसले को विपक्ष अपनी जीत बता रहा है। क्रेडिट की होड़ मची है। इस बीच यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विरोधियों के उत्साह की धार को कुंद करने की कोशिश की। उनके मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के ‘ऐतिहासिक फैसले’ ने सबको ‘चित’ कर दिया है।
गुरुवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “हैरानी वाली बात यह है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी कैसे इसका क्रेडिट ले सकती है? अगर किसी को इसका श्रेय मिलना चाहिए तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। वह पिछड़े वर्ग से आते हैं और देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे हैं।”
मौर्य ने विपक्ष पर पीएम मोदी के अपमान का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कई लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर सके और लगातार उनका विरोध किया, उन्होंने पोस्टरों से उनका चेहरा हटा दिया, उन्हें गालियां दीं और उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। मुझे लगता है कि पिछड़ों के जीवन में नई उम्मीद की किरण पीएम मोदी लेकर आए हैं। पीएम मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। जाति जनगणना से पिछड़ों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है। विपक्ष चारों खाने चित हो गया है।”
जातिगत जनगणना की घोषणा के बाद राहुल गांधी के बयान पर केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर विचार रखे थे। उन्होंने लिखा, “दशकों तक देश पर शासन करने वाली कांग्रेस के शाही परिवार के पास एक दशक पहले तक डॉ. मनमोहन सरकार का रिमोट कंट्रोल हाथ में था और वह जातिगत जनगणना कराकर उपेक्षित पिछड़ों के साथ न्याय कर सकता था। लेकिन तब बतौर सांसद श्री राहुल गांधी दुनिया भर में घूमने के अलावा और कोई काम नहीं करते थे। उनके घूमने का संसद के पास कोई रिकॉर्ड तक नहीं होता था। जबकि प्रोटोकॉल के तहत यह ज़रूरी था। प्रधानमंत्री बनने से पहले जब श्री नरेंद्र मोदी जी ने लोकसभा चुनाव 2014 के पहले हुंकार भरी कि उनका ताल्लुक पिछड़ा वर्ग से है और फिर प्रधानमंत्री बनकर उन्होंने राम और रोटी के बीच सेतु बनाकर देश की राजनीति के तमाम समीकरणों को बदल कर रख दिया, तब कांग्रेस की तंद्रा टूटी और रात-दिन पिछड़ा-पिछड़ा का राग अलापने लगी। जातिगत जनगणना जैसा महती काम भी मोदी जी के हाथों होना था। कांग्रेस और उसके साथी दलों की राजनीति जहां खत्म होती है, मोदी जी की राजनीति वहां से शुरू होती है। यह हुनर वह कई बार दिखा चुके हैं।“
महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने जाति जनगणना पर सवाल उठाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर साधा निशाना
1 May, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को जातिगत जनगणना पर सवाल उठाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को जातिगत जनगणना के संदर्भ में किसी भी प्रकार का सवाल करने का कोई नैतिक हक नहीं है।
केंद्र सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना कराए जाने के फैसले के बाद राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता आयोजित कर सवाल किया था कि आखिर कब तक सरकार जातिगत जनगणना कराएगी। हमें तारीख बताएं? इसी पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चंद्रशेखर बावनकुले ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी को इस संदर्भ में किसी भी प्रकार का सवाल करने का कोई नैतिक हक नहीं है।
उन्होंने राहुल गांधी को सुझाव देते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री का धन्यवाद करें या नहीं तो कांग्रेस की सभा बुलाएं, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को अभिनंदित करते हुए एक प्रस्ताव पारित करवाएं। इस तरह की उम्मीद न केवल मैं राहुल गांधी से करूंगा, बल्कि शरद पवार, नाना पटोले और विजय वडेट्टीवार से भी करूंगा। ये वही लोग हैं, जो जातिगत जनगणना की मांग किया करते थे।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के फैसले का स्वागत करते हुए हमारी पार्टी 1 लाख से अधिक बूथ पर प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करेगी और 27 हजार से अधिक सभाएं करेगी, जिसमें लोगों को जातिगत जनगणना के फायदों से अवगत कराएगी। साथ ही, उन्होंने जातिगत जनगणना का फायदा गिनाते हुए कहा कि इससे देश की आर्थिक स्थिति के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी। हमें लोगों की आर्थिक स्थिति के बारे में पता चल सकेगा, क्योंकि एक ही जाति में जहां कोई ऑफिसर है, तो वहीं कोई मजदूर भी है, तो ऐसी स्थिति में जातिगत जनगणना जरूरी हो जाती है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में सही जानकारी सामने आ सके।
जातिगत जनगणना से सामाजिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: फहाद अहमद
1 May, 2025 11:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई, 1 मई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) गुट के नेता फहाद अहमद ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले को विपक्ष की जीत बताया।
एनसीपी (एसपी) नेता फहाद अहमद ने कहा, “सरकार का जातीय जनगणना कराने वाला फैसला विपक्ष की बहुत बड़ी जीत है। इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के नाते हम शुरू से जातीय जनगणना के पक्ष में थे। लेकिन ये फैसला जिस समय लिया गया है उसकी टाइमिंग को लेकर सवाल है। इस समय देश आतंकवाद के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है। आने वाले समय मे समाज के दबे कुचले लोगों को इसका फायदा मिलेगा।”
पाकिस्तान की तरफ से न्यूक्लियर हमले की धमकी दिए जाने पर उन्होंने कहा, “पाकिस्तान इस प्रकार की धमकी देता रहेगा। पाकिस्तान की खुद की कोई औकात नहीं है। पाकिस्तान में डर का माहौल है। डर इतना है कि दो-दो बजे रात तक उनके लोग मीटिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे है। पाकिस्तान की सरकार को पहले सोचना चाहिए था। अब रोने से कोई फायदा नहीं, भारत सरकार जो फैसला लेगी हम उसके साथ हैं।”
पहलगांव में हुए आतंकवादी हमले पर उन्होंने कहा, यह बिल्कुल सच है कि आतंकवादियों ने लोगों को उनका धर्म पूछ कर मारा। इस बात की जितनी कड़े शब्दों में निंदा की जाए वो कम है। लेकिन सवाल यह है कि लोगों को उनका धर्म पूछ कर क्यों मारा गया। क्योंकि ये लोग चाहते हैं कि देश में अशांति फैले।
वक्फ ‘संशोधन’ अधिनियम पर फहाद अहमद ने कहा, “देश हमारा है। यहां सभी को विरोध दर्ज करवाने का अधिकार है। वफ्फ के संबंध में सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से टेंपररी रोक लगाई गई है। देश की एक बड़ी आबादी को लगता है कि सरकार की तरफ से उठाया गया यह कदम उनकी निजत पर हमला है। उसी का हिस्सा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी है। मैं उनके प्रदर्शन का स्वागत करता हूं।”
वफ्फ कानून को लेकर सरकार को मुस्लिम समुदाय से नए सिरे से बात करना चाहिए। सरकार जब कोई बिल लेकर आती है तो वह एक ही इल्जाम लगाती है कि विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है।
जातिगत जनगणना फैसले से सामाजिक न्याय में सुधार की उम्मीद: भृगु बक्शीपात्रा
1 May, 2025 10:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भुवनेश्वर । केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया गया है। केंद्र के इस फैसले पर बीजू जनता दल (बीजेडी) के वरिष्ठ नेता भृगु बक्शीपात्रा ने कहा कि यह कदम देश की सामाजिक संरचना को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। उन्होंने इसे विपक्षी दलों के लंबे समय से चल रहे दबाव का नतीजा बताया।
भृगु बक्शीपात्रा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, बीजू जनता दल समेत देश के लगभग सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार से लगातार जातिगत जनगणना कराने की मांग कर रहे थे। बीजेडी ने वर्ष 2011 में इस मुद्दे पर जोरदार तरीके से केंद्र सरकार पर दबाव बनाया था और तब से लेकर अब तक हमने पत्र लिखकर, विभिन्न मंचों पर आवाज उठाकर अपनी मांग को दोहराया है। ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार के कार्यकाल में राज्य स्तर पर जातिगत सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन उस वक्त केंद्र सरकार ने उस प्रयास को स्वीकार नहीं किया और कहा था कि सभी सर्वेक्षण केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार होने चाहिए।
केंद्र सरकार के फैसले को स्वागत योग्य करार देते हुए बक्शीपात्रा ने कहा कि यह खुशी की बात है कि केंद्र सरकार ने बीजेडी और अन्य राजनीतिक दलों के दबाव के आगे झुकते हुए आज की कैबिनेट बैठक में जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। हालांकि, हम अब इस प्रक्रिया की विस्तृत रूपरेखा और दिशा-निर्देशों की प्रतीक्षा करेंगे। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों को चर्चा के लिए बुलाए और इस जनगणना की प्रक्रिया, उसके उद्देश्यों और क्रियान्वयन की रणनीति को साझा करे।
भृगु बक्शीपात्रा ने आगे कहा कि यह कोई नई मांग नहीं है, बल्कि देवेगौड़ा सरकार के समय भी इसे कैबिनेट में मंजूरी दी गई थी, लेकिन बाद की सरकारें इसे लागू करने में विफल रहीं। हम आशा करते हैं कि इस बार सरकार अपने फैसले पर कायम रहेगी और जातिगत जनगणना को साकार करेगी। जातिगत जनगणना देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को स्पष्ट करने में मदद करेगी और विभिन्न जातियों तक विकास योजनाओं को प्रभावी रूप से पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी। यह एक सकारात्मक कदम है और हम इसका स्वागत करते हैं।
विकास के लिए ठोस नीति बनाने की आवश्यकता
1 May, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बरेली । केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने स्वागत किया है।
उन्होंने इसे सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मौलाना रजवी ने कहा कि भारत में जातिगत जनगणना का यह पहला बड़ा प्रयास है। इससे पहले 2011 में सामान्य जनगणना हुई थी, और अब जाति आधारित आंकड़े इकट्ठा करने का निर्णय लिया गया है। इस कदम से सरकार को विभिन्न समुदायों की स्थिति, उनकी आबादी और भौगोलिक वितरण की सटीक जानकारी मिलेगी।
मौलाना रजवी ने कहा कि जातिगत जनगणना से यह स्पष्ट होगा कि हिंदू और मुस्लिम समुदायों की कौन-कौन सी बिरादरियां देश के किन-किन इलाकों में रहती हैं और उनकी संख्या कितनी है। इस डेटा के आधार पर सरकार बेहतर योजनाएं बना सकेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जनगणना जमीनी हकीकत को सामने लाएगी, जिससे विकास और उत्थान के लिए नीतियां बनाना आसान होगा। खासकर पिछड़ी और वंचित बिरादरियों को उनके पैरों पर खड़ा करने के लिए यह डेटा महत्वपूर्ण साबित होगा। मौलाना ने कहा कि आंकड़े इकट्ठा होने के बाद सरकार को ऐसी योजनाएं लागू करनी चाहिए, जो इन समुदायों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाएं।
मुस्लिम समुदाय की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए मौलाना रजवी ने कहा कि मुस्लिम समाज की हालत ऐसी है कि वह सुबह कुआं खोदता है और शाम को पानी पीता है। उनकी स्थिति में सुधार के लिए केवल रजिस्टर में नाम दर्ज करना काफी नहीं है। सरकार को ऐसी नीतियां बनानी होंगी, जो मुस्लिम समुदाय को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करें।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार सही दिशा में योजनाएं लागू करे, तो वंचित समुदायों की किस्मत बदल सकती है। मौलाना ने इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह डेटा न केवल नीति निर्माण में मदद करेगा, बल्कि समाज के हर वर्ग के विकास को गति देगा। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि इस जनगणना के परिणामों का उपयोग समावेशी विकास के लिए किया जाए, ताकि सभी बिरादरियां प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकें।
राजनीतिक तूफान: निरुपम ने कांग्रेस पर लगाया पाकिस्तान परस्त सोच का आरोप
1 May, 2025 08:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पोस्ट करके उन्हें गायब दर्शाने पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने पलटवार किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का नाम बदलकर ‘पाकिस्तान नेशनल कांग्रेस’ कर देना चाहिए।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए निरुपम ने कहा, “मौजूदा संकट के समय विपक्ष, खासकर कांग्रेस को सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया है, और देश को एकजुट होकर जवाब देना चाहिए। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर को गलत तरीके से प्रसारित किया और बाद में हटा दिया, जिससे लगता है कि कांग्रेस को भारत की प्रतिष्ठा की चिंता नहीं है। कांग्रेस में पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने वाले लोग भरे पड़े हैं, और इसलिए कांग्रेस का नाम ‘पाकिस्तान नेशनल कांग्रेस’ कर देना चाहिए।”
आतंकवाद के पनाहगार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरफ से न्यूक्लियर हमले की धमकी दिए जाने पर निरुपम ने कहा, “पाकिस्तान बार-बार परमाणु हमले की धमकी देकर डराने की कोशिश कर रहा है, जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि उसके पास असली न्यूक्लियर बम है भी या नहीं। पहले ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान ने अपना न्यूक्लियर बम ईरान को बेच दिया। पाकिस्तान की ये धमकियां केवल नाटकीयता हैं और भारत को इससे डरने की जरूरत नहीं है। अगर पाकिस्तान हमला करता है, तो भारत के पास उससे कहीं ज्यादा घातक हथियार और मजबूत सेनाएं हैं, जो कुछ ही घंटों में पाकिस्तान को तबाह कर सकती हैं।”
वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वजह से पहलगाम में हुए आतंकी हमले की बात कहने जाने को शिवसेना प्रवक्ता ने नकारा। उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले को वक्फ बोर्ड कानूनों में सुधार से जोड़ना बेहद खतरनाक है। यदि कोई ऐसा कहता है कि मुसलमानों की नाराज़गी के चलते पाकिस्तानियों ने हमला किया, तो यह भारतीय मुसलमानों को आतंकवाद से जोड़ने जैसा है। देश के मुसलमान भारतीय हैं और आंतरिक मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है, पर इसके लिए पाकिस्तानी आतंकियों को बुलाना घातक सोच है। ऐसी सोच वालों से आम मुसलमान का कोई संबंध नहीं। जो आतंकियों से सहानुभूति रखते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पीएम मोदी से देश की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की की अपील
30 Apr, 2025 07:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देश की भावना को समझना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों से मिले समर्थन का इस्तेमाल करते हुए मौजूदा हालात में जरूरी कदम उठाने चाहिए। खड़गे ने यह मांग भी दोहराई कि इस स्थिति में संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए ताकि इस हमले पर विस्तार से चर्चा हो सके और देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट कर सके।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस सत्र में शामिल होकर सदन के नेताओं से सीधे बात करनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को हर रणनीतिक जानकारी सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है। लेकिन मौजूदा हालात और सरकार के विचारों पर सभी नेताओं से चर्चा करना जरूरी है। खड़गे ने यह भी कहा कि सभी दलों ने सरकार को देश की सुरक्षा के लिए जो भी कदम जरूरी हैं, उठाने की पूरी आजादी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के नागरिकों और सैनिकों को कोई नुकसान न पहुंचे और साथ ही पाकिस्तान को काबू में रखा जाए।
हाल ही में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उनका शव गायब दिखाया गया था और सिर्फ कपड़े थे। उस पर 'लापता' लिखा था और कैप्शन था 'जिम्मेदारी के समय लापता'। इससे विवाद खड़ा हो गया था। इस बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि उन्होंने वह पोस्ट नहीं देखी है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति की गरिमा या छवि को ठेस पहुंचाना गलत है, चाहे वह प्रधानमंत्री हो या कोई अन्य नेता। उन्होंने कहा कि न तो कांग्रेस और न ही भाजपा को ऐसी बातें कहनी चाहिए। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण माहौल के बीच जब उनसे कांग्रेस नेताओं के बयान के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी ने पहले ही अपने नेताओं को जरूरी निर्देश दे दिए हैं, ताकि कोई भी अनावश्यक या भड़काऊ बयान न दिया जाए।
पाकिस्तान ने भारत की एकता और अखंडता को दी चुनौती; पर हमारे सैनिको ने दुश्मन को निर्णायक रूप से पराजित किया- हिमंत बिस्वा सरमा
30 Apr, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भारतीय सेना के साहस और जज्बे की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जब भी पाकिस्तान ने भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने की हिम्मत की, भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से दुश्मन को हराया और देश का गौरव बनाए रखा। इसके अलावा उन्होंने बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए कांग्रेस को भी घेरा। सीएम ने एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही गोलीबारी का भारतीय सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई की तारीफ की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि भारत-पाकिस्तान युद्ध: वीरता और विजय की भारतीय विरासत। आजादी के बाद से भारत की बहादुर सशस्त्र सेनाएं बार-बार पाकिस्तानी आक्रमण के खिलाफ हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करते हुए मजबूती से खड़ी रही हैं। जब भी पाकिस्तान ने भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने की हिम्मत की, हमारे सैनिकों ने साहस के साथ मौके पर खड़े होकर दुश्मन को निर्णायक रूप से हराया और भारत का गौरव बनाए रखा। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच लड़े गए चार युद्धों- 1947-49 का भारत-पाक युद्ध, 1965 का युद्ध, 1971 का युद्ध और 1999 का कारगिल युद्ध के बारे में जानकारी दी। सरमा ने कहा कि हर भारत-पाक संघर्ष एक स्थायी सत्य को रेखांकित करता है। जब भी भारत को आक्रमण का सामना करना पड़ा, हमारे सैनिक निडर, अपराजित और अपने संकल्प में अडिग रहे। साहस और बलिदान की यह विरासत हर भारतीय नागरिक को प्रेरित करती रहेगी। सरमा ने कहा कि हमारे सशस्त्र बल हर परिस्थिति में भारत की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए सतर्क और प्रतिबद्ध हैं। जय हिंद।
1947-1949 के भारत-पाक युद्ध (प्रथम कश्मीर युद्ध) के बारे में उन्होंने कहा कि जब आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने धोखे से जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण किया, तो भारत ने त्वरित और बहादुरी से जवाब दिया। हमारे सैनिकों ने श्रीनगर में ऐतिहासिक एयरलिफ्ट ऑपरेशन को अंजाम दिया, घाटी को सुरक्षित किया और सुनिश्चित किया कि कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा बना रहे 1965 के भारत-पाक युद्ध में, पाकिस्तान ने कश्मीर में विश्वासघाती घुसपैठ करके ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया और बाद में एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध में बदल गया। यहां भी, भारतीय सेना ने बहादुरी से आक्रमण को विफल कर दिया और पाकिस्तानी क्षेत्र में अंदर तक साहसिक जवाबी हमले किए, जिसमें रणनीतिक हाजी पीर दर्रे सहित प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। भारत की दृढ़ सैन्य शक्ति के सामने दुश्मन के जीत के सपने चकनाचूर हो गए और संघर्ष एक रणनीतिक जीत और भारत के नैतिक उत्थान के साथ समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध (बांग्लादेश मुक्ति युद्ध) ने भारतीय सशस्त्र बलों के असाधारण साहस, रणनीति और मानवीय भावना को प्रदर्शित किया। पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए नरसंहार और पूर्वी पाकिस्तान से लाखों शरणार्थियों की आमद का जवाब देते हुए, भारतीय सेना ने आधुनिक इतिहास में सबसे तेज और निर्णायक सैन्य अभियानों में से एक शुरू किया। सिर्फ 13 दिनों के भीतर हमारे सशस्त्र बलों ने एक बड़ी जीत हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजाद कराया गया। इसके बाद हुए शिमला समझौते (1972) ने भारत की कूटनीतिक और सामरिक सर्वोच्चता की पुष्टि की।
1999 के कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए सरमा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने कारगिल में रणनीतिक चोटियों पर चुपके से और धोखे से कब्जा करके फायदा उठाने की कोशिश की। लेकिन भारतीय सेना ने त्वरित जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कठोर पहाड़ी इलाकों और ठंडे मौसम में लड़ते हुए, हमारे सैनिकों ने उल्लेखनीय वीरता के साथ जमीन के हर इंच पर कब्जा कर लिया और पाकिस्तान को अपमानजनक तरीके से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इस स्पष्ट जीत ने एक बार फिर भारत की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
कांग्रेस पर निशाना साधा
सीएम सरमा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि असम सरकार पर निराधार आरोप लगाने से पहले तथ्यों को ठीक से जानना जरूरी है। असम पुलिस ने सांसद प्रद्युत बोरदोलोई से जुड़ी घटना की गहन जांच की है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि हमलावर मोहम्मद इमदादुल इस्लाम था। वह कांग्रेस कार्यकर्ता था, जिसे पंचायत चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं दिया गया था। यह घटना पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी के भीतर गुटबाजी और अंदरूनी कलह का नतीजा थी। यह असम सरकार द्वारा प्रायोजित या प्रायोजित कृत्य नहीं था। मुझे उम्मीद है कि इन सत्यापित तथ्यों के मद्देनजर असम सरकार असम सरकार के खिलाफ अपनी निराधार और भ्रामक टिप्पणियों को वापस लेगी।
गौरव गोगोई पर हमला
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारे पास कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पाकिस्तान और नेपाल यात्रा के स्पष्ट सबूत हैं। उचित समय पर, सितंबर से पहले, हम इसे पेश करने जा रहे हैं। हमारे पास केवल एक महिला का सबूत है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह दुखद है कि ऐसे समय में जब पूरा देश एकजुट है और भारतीय नागरिकों पर आतंकवादी-प्रायोजित हमले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया चाहता है, असम सहित विभिन्न राज्यों में भाजपा नेता तुच्छ राजनीति में लिप्त हैं। मुझे लगता है कि असम के सीएम उन लोगों का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने पहलगाम में अपने प्राणों की आहुति दी। वह पहलगाम त्रासदी को कम करके आंक रहे हैं। उन्हें असम के लोगों को प्रभावित करने वाले वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जानी चाहिए।
'देश में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना अपमानजनक', मंगलुरु में हुई कथित घटना पर KA सीएम सिद्धारमैया ने कहा
30 Apr, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान के पक्ष में बोलता है या पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाता है तो यह पूरी तरह से गलत है और इसे देशद्रोह माना जाना चाहिए। उन्होंने यह बयान मंगलुरु में एक युवक की हत्या के संबंध में दिया, जिस पर कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने का आरोप था। जहां सिद्धारमैया ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और अभी कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि किसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्री ने भी दी जानकारी
राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि युवक की 'भीड़ द्वारा हत्या' की गई है और गिरफ्तार लोगों का दावा है कि मृतक ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। उन्होंने बताया कि अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सभी से पूछताछ की जा रही है। परमेश्वर ने कहा कि मृतक की पहचान केरल के वायनाड जिले के पुलपल्ली गांव निवासी अशरफ के रूप में हुई है। पुलिस उसके मूल और परिवार से भी संपर्क कर रही है।
सतर्कता से की जा रही जांच
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जांच बहुत गंभीरता से की जा रही है और अगर पुलिस की ओर से कोई चूक हुई है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस मामले को हल्के में नहीं ले रही है। चूंकि मामला संवेदनशील है, इसलिए राज्य सरकार और पुलिस हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है। बता दें कि यह घटना 27 अप्रैल को मंगलुरु के बाहरी इलाके कुडुपु गांव में एक मंदिर के पास क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी। जब अशरफ नाम के युवक ने कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे, जिसके बाद भीड़ ने उसकी हत्या कर दी थी। मामले में पुलिस ने बताया कि अशरफ पर लाठी-डंडों से हमला किया गया था, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
दिशा बैठक में राहुल गांधी का फटकार: युवाओं को रोजगार में भारी गड़बड़ी
30 Apr, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायबरेली। यूपी के रायबरेली में मंगलवार को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक हुई। इसमें शामिल होने के लिए सांसद एवं सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी पहुंचे। बैठक के दौरान सांसद ने युवाओं को रोजगार दिलाने में घालमेल पकड़ लिया। दरअसल, डीएम हर्षिता माथुर के स्तर से सांसद को 1107 युवाओं को प्रशिक्षण दिलाकर सेवायोजित करने की सूची भेजी गई थी। लेकिन, इसमें शामिल कई लोगों ने प्रशिक्षण मिलने से ही इन्कार कर दिया।बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि सूची में शामिल 25 युवाओं की रैंडम जांच कराई गई है। इसमें मात्र तीन युवाओं ने ही बताया कि रोजगार मिला है। 10 युवाओं को अब तक रोजगार नहीं मिला। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी भ्रामक सूची कतई न भेजी जाएं।
डीएम को जांच कराने के निर्देश दिए
विधान परिषद सदस्य अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की जांच कराई जाए। बैठक में उन्होंने सूची में शामिल 1107 युवाओं के सत्यता की भी जांच कराने को भी कहा। बोले कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। मामले में डीएम को जांच कराने के निर्देश दिए। इस दौरान मौजूद अमेठी से सांसद किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 182 परियोजनाओं के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट जल निगम ने उपलब्ध कराई। सूची में शामिल परियोजनाओं की रैंडम जांच कराई गई तो 90 प्रतिशत रिपोर्ट गलत मिली। ऐसा प्रतीत होता है कि भौतिक सत्यापन में औपचारिकताएं निभाई गई हैं। अमेठी सांसद ने कहा कि जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अधिकारियों की कमेटी बनाकर सत्यापन कराया जाए। ताकि, सच सामने आ सके। बैठक में लालगंज बाईपास का मामला भी उठा। बताया गया कि नवंबर 2024 में लालगंज बाईपास का काम पूरा होना था, लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो सका है। इस पर एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने जवाब दिया कि मई माह में बाईपास का काम पूरा हो जाएगा।
एम्स में दो माह में शुरू हो जाएगा क्षयरोग का इलाज
दिशा के नामित सदस्य गौरव अवस्थी ने कहा कि जिला अस्पताल की तरह एम्स में भी टीबी के इलाज के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं हैं। गंभीर मरीज एम्स इलाज के लिए आते हैं। एम्स में यह सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। इस पर एम्स के उप निदेशक ने स्पष्ट किया कि क्लीनिक और इलाज की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। दो माह में क्षयरोगियों का इलाज एम्स में शुरू करा दिया जाएगा।