राजनीति
बिहार विधानसभा चुनाव: चिराग पासवान ने कहा-मैं मौसम वैज्ञानिक का सुपुत्र हूं सही.....
15 Mar, 2025 05:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं और इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। आरोप-प्रत्यारोप, वार-पलटवार का दौर जारी है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि वह “मौसम वैज्ञानिक” के सुपुत्र हैं और उनके पास सही कैलकुलेशन रहता है। उन्होंने कहा, “मैं गठबंधन में हूं और पूरी निष्ठा से हूं।”
चिराग पासवान से सवाल पूछा गया कि वे किस पार्टी का मुख्यमंत्री देखना चाहेंगे—बीजेपी का या जेडीयू का? इस पर चिराग पासवान ने कहा, “हम लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मेरी कुछ नीतियों को लेकर उनसे असहमति थी और इसी कारण 2020 में हम अलग हो गए थे लेकिन फिलहाल बिहार में एनडीए पांच पार्टियों के गठबंधन में पूरी ईमानदारी से शामिल हैं।”
सीट बंटवारे पर क्या बोले चिराग पासवान?
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि बिहार के लोगों को जातिवाद से ऊपर उठने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “मैंने इस दिशा में काम किया, जिसका असर पिछले चुनाव में भी देखने को मिला था।” सीटों से जुड़े सवाल पर चिराग पासवान से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी का सिर्फ एक सांसद था, फिर भी हमें पांच सीटें दी गई थीं। हम उस विश्वास पर खरे उतरे और पांचों सीटें जीतकर पीएम मोदी को सौंप दी थीं। ऐसे में मुझे भरोसा है कि जितनी मेरी इच्छा है उतनी सीटें मुझे जरूर मिलेंगी।”
एक अन्य सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा, “मैं तो ‘मौसम वैज्ञानिक’ (पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान) का सुपुत्र हूं, कैलकुलेशन करना मेरी रगों में है। यह सब मैंने बचपन से ही देखा और सीखा है। किसी राजनीतिक दल का नेतृत्व करना एक बड़ी जिम्मेदारी है।”
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के “हिंदू राष्ट्र” वाले बयान पर चिराग पासवान ने कहा, “अगर कोई धर्मगुरु ऐसी बातें कह रहा है तो कहने दीजिए। हमारी सरकार, हमारे प्रधानमंत्री और हमारे मुख्यमंत्री ऐसी बातें नहीं कर रहे हैं।”
असम में पुलिस अकादमी उद्घाटन में बोले अमित शाह, मोदी सरकार ने असम को शांत किया
15 Mar, 2025 05:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम के डेरगांव में लचित बरफुकन पुलिस अकादमी का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा. शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने अशांत असम को शांत किया. यहां बुनियादी ढांचे का विकास किया और पूर्वोत्तर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित किया.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम में पुलिस पहले आतंकवादियों से लड़ने के लिए थी, लेकिन अब यह लोगों की मदद के लिए है. इसके कारण पिछले तीन साल में दोषसिद्धि दर 5 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी हो गई है. यह जल्द ही राष्ट्रीय औसत को पार कर जाएगी.
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान असम में 10,000 से अधिक युवा हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं और राज्य में शांति लौट आई है. शाह ने कहा कि मोदी सरकार असम में हाल ही में आयोजित व्यावसायिक सम्मेलन में प्रस्तावित पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश के अलावा तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं लाएगी. लचित बरफुकन पुलिस अकादमी अगले पांच वर्ष में शीर्ष अकादमी बन जाएगी, जिसमें विभिन्न चरणों में कुल 1050 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
कांग्रेस के डंडे भी खाए और जेल की रोटी भी
डेरगांव में लाचित बरफुकन पुलिस अकादमी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मैंने असम में कांग्रेस सरकार के डंडे भी खाए और जेल की रोटी भी खाई. मैं विद्यार्थी काल में असम आया था. हितेश्वर सैकिया असम के मुख्यमंत्री थे. 7 दिनों तक मैंने असम के जेल की रोटी भी खाई है. पूरे देश से लोग असम को बचाने आए. आज मैं असम सरकार को बधाई देना चाहता हूं. आज असम विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है.
हिंदी भाषा थोपे जाने का विरोध जताते हुए जनसेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण ने साधा DMK पर निशाना
15 Mar, 2025 02:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने तमिलनाडु पर भाषा नीति को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के नेता हिंदी भाषा का विरोध करते हैं, लेकिन तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करके मुनाफा कमाने से नहीं कतराते। उनके इस बयान पर डीएमके ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
पवन कल्याण ने क्या कहा?
दरअसल, पवन कल्याण ने अपनी पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर भाषण देते हुए कहा कि तमिलनाडु में हिंदी भाषा को थोपने का विरोध किया जाता है। लेकिन वहां के फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करके मुनाफा कमाते हैं। अगर उन्हें हिंदी नहीं चाहिए तो वे बॉलीवुड से पैसे लेने से क्यों नहीं कतराते? यह कैसा तर्क है? उन्होंने यह भी कहा कि भारत की एकता के लिए तमिल समेत सभी भाषाओं की जरूरत है।
उन्होंने आगे सवाल उठाया कि तमिलनाडु हिंदी भाषी राज्यों से आए कामगारों का स्वागत करता है। लेकिन हिंदी भाषा को खारिज करता है। तमिलनाडु में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लाखों लोग काम कर रहे हैं। राज्य को हिंदी भाषी राज्यों से राजस्व भी मिलता है, लेकिन वे हिंदी अपनाने को तैयार नहीं हैं। यह विरोधाभास क्यों? क्या इस मानसिकता में बदलाव नहीं आना चाहिए?
डीएमके ने किया पलटवार
डीएमके प्रवक्ता डॉ. सैयद हफीजुल्लाह ने पवन कल्याण की टिप्पणियों को 'तथ्यों से परे' बताया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने कभी किसी को हिंदी सीखने से नहीं रोका। हमारा विरोध केवल जबरन थोपे जाने के खिलाफ है। भाषा नीति और व्यावसायिक निर्णय अलग-अलग चीजें हैं। डीएमके नेताओं ने यह भी कहा कि पवन कल्याण तमिलनाडु की भाषा नीति को ठीक से नहीं समझते हैं।
भाजपा का समर्थन
इस बीच, भाजपा ने पवन कल्याण के बयान का समर्थन किया है। भाजपा नेता विक्रम रंधावा ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और सरकार इसे पूरे देश में बढ़ावा देना चाहती है। इसे दक्षिण भारत में भी मजबूती से लागू किया जाना चाहिए।
भाषा विवाद और राष्ट्रीय शिक्षा नीति
पवन कल्याण का बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार और डीएमके के बीच 'तीन भाषा फार्मूले' को लेकर विवाद चल रहा है। केंद्र सरकार ने हाल ही में तमिलनाडु की समग्र शिक्षा योजना के तहत 2,152 करोड़ रुपये की राशि रोक दी थी क्योंकि राज्य ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने से इनकार कर दिया था। तमिलनाडु हमेशा से 'तीन भाषा नीति' का विरोध करता रहा है और इसे हिंदी थोपने की कोशिश मानता है। वहीं, केंद्र सरकार का तर्क है कि इस नीति से युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार पाने में मदद मिलेगी।
हरियाणा निकाय चुनाव में बीजेपी की जीत को पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक
14 Mar, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा नगर निकाय चुनावों में बीजेपी की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये परिणाम सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के विकास कार्यों में लोगों के अटूट विश्वास की अभिव्यक्ति है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के छह महीने से भी कम समय में सत्तारूढ़ बीजेपी ने बुधवार को राज्य में हुए नगर निगम चुनावों में भारी जीत दर्ज करते हुए महापौर की दस में से नौ सीटों पर कब्जा कर लिया है।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि हरियाणा निकाय चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के लिए हरियाणा के मेरे परिवारजनों का बहुत-बहुत आभार। उन्होंने कहा कि यह जीत नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही सरकार के विकास कार्यों के प्रति जनता-जनार्दन के अटूट विश्वास की अभिव्यक्ति है। मैं प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि हम उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मोदी ने कहा कि इस विजय में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की तारीफ भी की।
स्टालिन के कदम के बाद उठे सवाल, क्या राज्य सरकारें रुपये के चिह्न में बदलाव कर सकती
14 Mar, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । देश में भाषा को लेकर चल रही बहस में तमिलनाडु ने आग में घी डालने का काम कर दिया है। तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने अपने राज्य बजट के लोगो के रूप में आधिकारिक भारतीय रुपये के प्रतीक रुपया को तमिल अक्षर ரூ से बदल दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में किसी राज्य ने रुपये के चिह्न को बदल दिया हो। यह बात सीएम स्टालिन द्वारा राज्य का बजट पेश करने से पहले सामने आई है।
खास बात है कि स्टालिन के कदम को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। यह उस समय में हुआ है जब आधिकारिक संचार और दस्तावेजीकरण में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग विवाद का विषय रहा है। अब सवाल है कि क्या राज्य के पास इस तरह रुपये के चिह्न में बदलाव करने का अधिकार है।
रुपये के चिह्न में बदलाव का यह देश में अपनी तरह का पहला मामला है। इससे पहले किसी भी राज्य की ओर से इस तरह का कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि, केंद्र की तरफ से रुपये के चिह्न में बदलाव को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। इसके बाद साफतौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि तमिलनाडु सरकार की तरफ से यह कदम कानून का उल्लंघन है।
यदि रुपये को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में मान्यता मिली होती, तब इसमें किसी तरह का बदलाव करने का अधिकार सिर्फ केंद्र के पास रहता। राष्ट्रीय चिह्न की सूची में रुपये का चिह्न नहीं है। राष्ट्रीय चिह्न में बदलाव के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट 2005 बना हुआ है। बाद में इस कानून को 2007 में अपडेट किया जा चुका है। एक्ट के सेक्शन 6(2)(एफ) में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सरकार राष्ट्रीय प्रतीकों की डिजाइन में बदलाव कर सकती है।
कानून के जानकारों के अनुसार जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय चिह्न में हर वहां बदलाव करने की शक्ति है जिसे वे आवश्यक समझती है। एक्ट के तहत सिर्फ राष्ट्रीय चिह्न के सिर्फ डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है पूरा डिजाइन नहीं बदला जा सकता है। हालांकि, कई जानकार का मानना है कि केंद्र सरकार के पास सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीक के डिजाइन में बदलाव करने की ताकत नहीं है बल्कि वहां पूरा राष्ट्रीय प्रतीक भी बदल सकती है। इसके पीछे कारण है कि भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट 2005 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सरकार को इसतरह बदलाव करने से रोकता है।
लोकसभा में गूंजी औरंगजेब की कब्र को नष्ट करने की मांग, शिवसेना सांसद ने उठाया मुद्दा
13 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र लोकसभा: महाराष्ट्र की राजनीति में औरंगजेब को लेकर हंगामा जारी है। औरंगजेब की तारीफ करने पर सपा नेता और विधायक अबू आजमी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अब औरंगजेब विवाद की गूंज लोकसभा में भी सुनाई देने लगी है। शिवसेना पार्टी के सांसद नरेश म्हास्के ने बुधवार को लोकसभा में मांग की कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को नष्ट कर दिया जाना चाहिए।
25 फीसदी स्मारक और कब्र मुगल-अंग्रेजों की- सांसद
लोकसभा के शून्यकाल के दौरान शिवसेना के नरेश म्हास्के ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित 3,691 स्मारकों और कब्रों में से 25 फीसदी मुगल और ब्रिटिश अधिकारियों की हैं। इन सभी ने भारत की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ काम किया। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी की हत्या की और हिंदू मंदिरों को लूटा और नष्ट किया।
औरंगजेब की कब्र को संरक्षित करने की क्या जरूरत है? - सांसद
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने लोकसभा में कहा कि औरंगजेब, जिसने नौवें और दसवें सिख गुरुओं की भी हत्या की थी, की महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में एक कब्र है जिसे एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है। सांसद ने कहा- "औरंगजेब जैसे क्रूर व्यक्ति की कब्र को संरक्षित करने की क्या जरूरत है? औरंगजेब और भारत के खिलाफ काम करने वाले सभी लोगों के स्मारकों को नष्ट कर दिया जाना चाहिए।"
सीएम फडणवीस ने क्या कहा?
इससे पहले महाराष्ट्र की सतारा सीट से भाजपा सांसद और मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। इस बारे में बात करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "हम सभी ऐसा चाहते हैं, लेकिन आपको इसे कानून के दायरे में करना होगा, क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है। इस स्थल को कुछ साल पहले कांग्रेस के शासन के दौरान एएसआई के संरक्षण में दिया गया था।"
सीएम सिद्धारमैया ने डिलिमिटेशन की प्रक्रिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का समर्थन किया
13 Mar, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन द्वारा जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन की प्रक्रिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का समर्थन किया। उन्होंने इस मुद्दे पर ऐक्शन की जरुरत पर जोर दिया। वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पार्टी आलाकमान की सलाह पर सावधानीपूर्वक कदम उठाने की बात कही है। बेंगलुरु में सिद्धारमैया से एक प्रतिनिधिमंडल मिला और जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन के खिलाफ एकजुट होने पर चर्चा की। इस दौरान स्टालिन ने फोन पर सिद्धरामैया से बात की और कर्नाटक से एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता को नामांकित करने की अपील की। कर्नाटक सरकार ने बयान जारी कर कहा कि कर्नाटक तमिलनाडु के साथ है और यह प्रक्रिया गैर-लोकतांत्रिक है क्योंकि इसे सभी राज्यों की सहमति के बिना किया जा रहा है।
सीएमओ के बयान के मुताबिक सिद्धारमैया ने कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा कि वे केंद्र सरकार के ऐसे सभी कदमों की निंदा करते हैं जो कर्नाटक के हितों के खिलाफ हों, लोकतंत्र को कमजोर करे और संविधान के संघीय सिद्धांतों के खिलाफ हो। सीएम स्टालिन के मुताबिक प्रस्तावित संयुक्त कार्रवाई समिति में केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। इस समिति की पहली बैठक 22 मार्च को चेन्नई में होनी वाली है।
लोकसभा में बुधवार को डीएमके सदस्य डी एम काथीर आनंद ने कहा कि प्रस्तावित डिलिमिटेशन प्रक्रिया उन प्रगतिशील राज्यों जैसे तमिलनाडु को नुकसान पहुंचाएगी, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह केवल जनसंख्या के बजाय राज्यों की आर्थिक प्रदर्शन, प्रति व्यक्ति आय, बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मानकों को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया करे।
वहीं, बीजेपी के सदस्य निशिकांत दुबे ने भी इस मुद्दे को उठाया और पश्चिम बंगाल की सीमाओं से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले बांगलादेशी नागरिकों के संदर्भ में चिंता जताई। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार जब डिलिमिटेशन करे तो इन घुसपैठियों को बाहर रखा जाए।
विनेश फोगाट ने विधानसभा में कहा- मैं यहां पर दुख और गर्व दोनों से भरी हूं
13 Mar, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कुश्ती संघ से प्रतिबंध हट गया जिससे खेल मंत्रालय के फैसले पर अब राजनीति होने लगी है। कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने इस फैसले को षड्यंत्रों के खत्म होने से जोड़ा है तो वहीं आंदोलन करने वालीं विनेश फोगाट फिर हमलावर हो गई हैं। फोगाट का कहना है कि हमने खेल को बचाने के लिए संघर्ष किया था, लेकिन सरकार ने फिर से खेल को बृजभूषण जैसे इंसान के हवाले कर दिया।
पहलवान से नेता बनीं विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा में कहा कि मैं यहां पर दुख और गर्व दोनों से भरी हुई हूं। कई विधायकों और मंत्रियों का कहना है कि उनकी सरकार ने खेल के लिए बहुत कुछ किया। मैं दुख के साथ कहती हूं कि हमने दो साल तक सड़कों पर संघर्ष किया। हम कुश्ती के खेल को बचाने के लिए लड़े, लेकिन अब दो साल पहले आपकी पार्टी ने खेल को फिर से उन्हीं के हाथों में सौंप दिया।
जुलाना सीट से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने सीधे तौर पर बृजभूषण शरण सिंह का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारा उनकी ओर ही था। दरअसल कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह हैं, जो बृजभूषण के करीबी हैं। फोगाट ने विधानसभा से निकलकर भी इस पर बात की। उन्होंने कहा कि संजय सिंह तो कुश्ती महासंघ में एक डमी है। असली कमान तो अब भी बृजभूषण के पास ही है। करीब दो साल से कुश्ती महासंघ पर बैन लगा था, जिसे इसी सप्ताह हटा दिया गया है। मंत्रालय ने गवर्नेंस का मसला बताते हुए महासंघ को 24 दिसंबर, 2023 को निलंबित कर दिया था। इसके बाद चुनाव हुए तो बृजभूषण पर रोक लगा दी गई। यह भी कहा गया है कि बृजभूषण और उनका कोई करीबी फेडरेशन के इलेक्शन से दूर रहेगा। बृजभूषण और उनके परिवार के लोग इस इलेक्शन से दूर रहे, लेकिन उनके करीबी संजय सिंह उतरे। उन्हें कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया।
बता दें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए दिल्ली में धरना दिया था। इस मामले में बीजेपी के पूर्व सांसद के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज है और ट्रायल चल रहा है। हालांकि बृजभूषण अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते रहे हैं। उनका कहना है कि खेल में उनकी ताकत और ईमानदारी को देखते हुए कुछ लोगों ने उनके खिलाफ साजिश रची है।
संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा ने विनेश फोगाट से कहा कि हम आपका किसी पार्टी की नेता के तौर पर सम्मान नहीं करते। आपके सम्मान की वजह है कि देश का मान आपने बढ़ाया है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप कुछ भी कहें। इस पर विनेश फोगाट ने कहा कि हमने किसी पार्टी के चलते बृजभूषण के खिलाफ संघर्ष नहीं किया। हमारी कोशिश थी कि खिलाड़ियों की आवाज उठाएं और खेल की रक्षा की जाए, लेकिन आज उस खेल को उन्हीं के हाथों में सौंप दिया गया है, जिनसे खेल को खतरा है। इस दौरान विनेश फोगाट ने हरियाणा सरकार से अपील की कि वे खिलाड़ियों के लिए कदम उठाएं।
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने होली के मौके पर बड़ा बयान, कहा- जिन लोगों को होली के रंगों से परेशानी है, वे वे देश छोड़कर चले जाएं
13 Mar, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने होली के मौके पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिन्हें होली के रंगों से दिक्कत है, उन्हें देश छोड़ देना चाहिए. संजय निषाद ने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी निषाद समाज को एकजुट करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और निषाद पार्टी बीजेपी में रहते हुए भी अपनी पहचान बनाए रखेगी. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी समाज के हित में काम करती रहेगी. इसके अलावा उन्होंने आगामी चुनाव को लेकर दावा किया कि उनकी पार्टी निषाद समाज का समर्थन कर बीजेपी को मजबूत करने की इच्छा के साथ आगे बढ़ेगी, वहीं अस्थिरता फैलाने वाली किसी भी रणनीति को नाकाम किया जाएगा।
होली और जुमे की नमाज पर बयान
होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ रही है, इस पर उन्होंने कहा, "जुमे की नमाज पढ़ने वाले गले मिलते हैं और होली मनाने वाले भी गले मिलते हैं. दोनों ही गले मिलने और खुशियां बांटने के त्योहार हैं. कुछ राजनेता हैं जो हमें गले नहीं लगने देना चाहते, वे इसमें जहर घोलते हैं, यह उन लोगों के लिए एक संदेश है." उन्होंने कहा, "आज एक खास वर्ग इतने सारे रंगों का इस्तेमाल करता है, रंग-बिरंगे कपड़े पहनता है, घरों को इतने सारे रंगों से रंगता है। वह वर्ग कभी रंगों से परहेज नहीं करता, लेकिन ये नेता हैं जो अलग तरह के रंग का जहर घोलकर काम करना चाहते हैं।"
"खुशियां बांटने का है त्योहार"
होली की खुशी पर उन्होंने कहा, "जब किसी देश की अर्थव्यवस्था सुधरती है, तो खुशियां अपने आप आ जाती हैं। वैसे भी भारतीय संस्कृति में त्योहार खुशियां बांटने का होता है। त्योहार लोगों के जीवन में खुशियां लाने और एक-दूसरे को गले लगाने का होता है। त्योहार ऐसा अवसर होता है जब हम एक-दूसरे को गले लगाकर छोटी-छोटी कड़वाहटों को दूर करते हैं। यह सौभाग्य है कि हमारे जैसे लोग भारत में पैदा हुए, हम हर त्योहार पर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं।"
नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस देखने को मिली
13 Mar, 2025 11:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार विधान परिषद में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस दौरान राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को महिला विरोधी करार दिया और उनके बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई।
पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने सदन में कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की महिलाओं का अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार भांग पीकर सदन में आते हैं और अनाप-शनाप बयान देते हैं। राबड़ी ने यह भी कहा कि 2005 से पहले बिहार में महिलाओं के कपड़े पहनने को लेकर नीतीश का बयान अपमानजनक है। राबड़ी ने कहा, कि नीतीश कुमार कहते हैं कि 2005 में जब उनकी सरकार आई तो महिलाओं ने कपड़े पहनने शुरू किए, तो क्या इससे पहले उनके घर की महिलाएं निर्वस्त्र रहती थीं?
इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 2005 से अब तक बिहार में काफी विकास कार्य किए हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद शासन में बिहार में कुछ भी काम नहीं हुआ था। नीतीश ने कहा, कि हमने बिहार में विकास किया, पहले की सरकारों ने सिर्फ वोट की राजनीति की। हमने हिंदू-मुसलमान के झगड़े को खत्म किया और लोगों के लिए काम किया।
राबड़ी देवी के समर्थन में राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का अब समय पूरा हो चुका है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश सदन में महिलाओं पर अनावश्यक इशारे करते हैं। तेजस्वी ने कहा, राबड़ी देवी जब बिंदी लगाती हैं, तो नीतीश कुमार इशारा करके पूछते हैं कि बिंदी क्यों लगाई? ऐसे वीडियो भी बाहर आने चाहिए। बिहार की जनता देख रही है कि सरकार किस तरह चल रही है।
राजद ने किया वॉकआउट
राबड़ी देवी के बयान के बाद राजद विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया और बाहर नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष ने नीतीश कुमार से माफी की मांग की और कहा कि उनका बयान महिलाओं का अपमान है। बिहार की राजनीति में यह विवाद तूल पकड़ता नजर आ रहा है।
हरियाणा के स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बढ़त मिली
13 Mar, 2025 10:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। हरियाणा के स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को काफी बढ़त मिली है, जबकि कांग्रेस करारी हार का सामना करती नजर आई है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बड़ा बयान दिया और कहा कि इस हार से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
निकाय चुनाव में हार-जीत से ज्यादा महत्व होता है या नहीं पर भूपेंद्र हुड्डा का कहना है कि हार से कोई फर्क नहीं पड़ता। जहां चुनाव हो रहे हैं, वहां कांग्रेस पहले भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर हम पहले से मौजूद कोई मेयर सीट हार जाते हैं तो झटका लग सकता है, लेकिन सीटें तो पहले से ही हमारे पास नहीं थीं। ऐसे में इस चुनाव में पार्टी को कहीं न कहीं फायदा जरूर होगा। हो सकता है कि हमारे पार्षदों की संख्या बढ़े और वोट प्रतिशत भी बढ़ जाए। हुड्डा ने कहा कि इन चुनावों में हमने ज्यादा जोर नहीं लगाया। मैं खुद प्रचार के लिए कहीं नहीं गया।
यहां बताते चलें कि हरियाणा में आमतौर पर शहरी निकाय चुनावों में बीजेपी का ही दबदबा रहता आया है। हालांकि, कांग्रेस ने इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई थी, लेकिन कमजोर रणनीति और प्रचार की कमी के कारण पार्टी पिछड़ती दिखी है। हरियाणा में 10 नगर निगम और 32 नगर निकायों के चुनाव हुए हैं।
धर्म को आधार बनाकर विधायकों को निशाना बनाना संविधान के खिलाफ: घोष
13 Mar, 2025 09:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर अभी से राजनीतिक दलों में बयानबाजी शुरु हो गई है। बंगाल में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक शुवेंदु अधिकारी की विवादित टिप्पणी से बवाल मच गया है उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता में आने के बाद ‘मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक देगी।’ उनके इस बयान को तृणमूल कांग्रेस ने ‘नफरत फैलाने वाला’ बताते हुए उनकी ‘ओछी मानसिक स्थिति’ पर सवाल उठाए हैं।
शुवेंदु अधिकारी के इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। खासतौर पर जब सोमवार को बीजेपी की हल्दिया से विधायक तपसी मोंडल टीएमसी में शामिल हो गई थीं। इसके अगले ही दिन शुवेंदु ने ममता सरकार को ‘सांप्रदायिक प्रशासन’ बातया और कहा कि यह ‘मुस्लिम लीग का दूसरा संस्करण’ बन चुका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि ‘इस बार बंगाल की जनता टीएमसी को उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने कहा कि 2026 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले किसी भी मुस्लिम विधायक को सड़क पर फेंक दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने शुवेंदु के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ‘एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के लिए इस तरह की भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करना ओझी मानसिकता दर्शाता है। संसद और विधानसभाओं में बहस और तर्क-वितर्क हो सकते हैं, लेकिन धर्म को आधार बनाकर विधायकों को निशाना बनाना संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह खतरनाक, उत्तेजक और आपराधिक कृत्य है।
उधर बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने शुवेंदु के बयान पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। यह पहली बार नहीं है जब अधिकारी की बयानबाजी से उनकी ही पार्टी में असहजता पैदा हो गई है। इससे पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाने के बाद शुवेंदु ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे पर सवाल उठाते हुए कहा था, ‘हम सिर्फ उन्हीं के साथ हैं जो हमारे साथ हैं। हमें किसी माइनॉरिटी की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान से पार्टी में ही असहमति देखने को मिली थी और कई बीजेपी नेताओं ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया था।
रान्या राव केस को लेकर कांग्रेस सरकार मामले की सही जांच कराए :भाजपा
13 Mar, 2025 08:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु । कर्नाटक के भाजपा नेता सीटी रवि ने अभिनेत्री रान्या राव केस को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा नेता ने कहा कि मामले की सही से जांच होनी चाहिए, क्योंकि इसमें रोज नए-नए नाम सामने आ रहे हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि रान्या राव केस में कर्नाटक सरकार के कई मंत्रियों के नाम सामने आए हैं। आखिर इसके पीछे किसका हाथ है, इसका खुलासा होना चाहिए। भाजपा विधायक ने कहा कि बिना जांच के किसी का भी नाम नहीं लेना चाहिए कि कौन आरोपी है या कौन इसके पीछे है। यह सब जांच होने पर सामने आ जाएगा।
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष और विधायक बीवाई विजयेंद्र ने भी रान्या राव से जुड़े तस्करी मामले पर कुछ सवाल उठा दिए है। उन्होंने पूछा कि दुबई से बेंगलुरु की अपनी 30 से 40 यात्राओं के दौरान उन्होंने भारत में कितना सोना तस्करी किया। विजयेंद्र ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी के बारे में कभी नहीं सुना है। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बेटी ने 30 से 40 बार दुबई की यात्रा की और जब भी वह बेंगलुरु में उतरी, तब कर्नाटक सरकार की ओर से शाही ट्रीटमेंट दिया गया।
भाजपा नेता ने कहा कि जब अभिनेत्री को गिरफ्तार किया गया, तब उसके पास से 14 करोड़ रुपये का सोना बरामद हुआ। बेंगलुरु और दुबई के बीच उसकी लगातार यात्राओं को देखते हुए, वह हमारे देश में कितना सोना ला सकती थी? कितना हवाला पैसा शामिल हो सकता है? इसके पीछे कौन से प्रभावशाली व्यक्ति हैं? मंत्रियों की संलिप्तता के आरोप हैं, और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की व्यापक जांच कर रहा है।
RJD नेता राबड़ी देवी ने बिहार CM नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए बोला- 'महिलाओं का अपमान मतलब मेरा भी अपमान'
12 Mar, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में काफी हलचल देखने को मिल रही है. इसी बीच बुधवार को बिहार विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान सीएम नीतीश कुमार और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के बीच बहस देखने को मिली. सीएम के बयान से नाराज राबड़ी देवी और आरजेडी के सभी सदस्य विरोध में सदन से बाहर चले गए। सदन के बाहर आरजेडी ने किया प्रदर्शन: सदन से बाहर आने के बाद आरजेडी सदस्यों ने हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाजी की और बिहार सरकार पर कई आरोप लगाए। सदन में राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार में कोई काम नहीं हुआ है. राबड़ी के इस बयान के बाद सीएम नीतीश कुमार भड़क गए और आरजेडी के कार्यकाल की कहानी सुनाई।
नीतीश कुमार महिलाओं का अपमान करते हैं
आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार भांग पीकर विधानसभा आते हैं. वो महिलाओं का अपमान करते हैं, जिसमें मैं भी शामिल हूं, वो हमारा अपमान करते हैं. उन्हें देखना चाहिए कि जब हम सत्ता में थे तो हमने किस तरह का काम किया। वो वही कहते हैं जो उनके आसपास के लोग कहते हैं. उनकी अपनी पार्टी के लोग और कुछ भाजपा नेता उनसे ऐसी बातें कहने को कह रहे हैं।
नीतीश कुमार ने क्या कहा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजद के शासन में कोई काम नहीं हुआ। जब उनके पति को हटाया गया तो उन्हें सीएम बनाया गया। उनके शासन में कोई भी व्यक्ति पांचवीं कक्षा से ज्यादा नहीं पढ़ सकता था। हमने महिलाओं के लिए ज्यादा काम किया है। हमने महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण किया।
अब स्थिति गंभीर हो गई है- तेजस्वी यादव
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अब स्थिति गंभीर हो गई है। बिहार में हर कोई हैरान है कि बिहार में सरकार कैसे चल रही है? बागडोर एक ऐसे आदमी के हाथ में है जो बेहोशी की हालत में है, जिसकी हालत ठीक नहीं है। इस तरह का बयान कि हमने उनके पति को बनाया, हमने उनके पति को बनाया, यह ठीक नहीं है, लालू ने कितने लोगों को बनाया।
'तेजस्वी ने नीतीश को दो बार सीएम बनाया'
राजद नेता ने आगे कहा कि नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव ने दो बार सीएम बनाया। लालू और नीतीश कुमार के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। नीतीश कुमार के पास कोई नीति नहीं है, कोई सिद्धांत नहीं है, कोई विचारधारा नहीं है। सब कुछ भाड़ में जाए, हम तो सिर्फ कुर्सी के पीछे हैं, ये हैं नीतीश कुमार।
बीजेपी बोली- सरकारी खजाने का पैसा मौज-मस्ती पर किया जा रहा खर्च
12 Mar, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पांच गारंटी योजनाओं के लिए 52,000 करोड़ रुपए आवंटित करने को लेकर आलोचना का सामना कर रही थी। अब नया विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए 4000 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया है। इन कार्यकर्ताओं के लिए सालाना 60 करोड़ का बजट तय किया है। हालांकि, सरकार ने इस खर्च को सार्वजनिक नहीं किया है।
सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में गारंटी योजना कार्यान्वयन पैनल के वेतन और बैठक शुल्क के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। विपक्ष ने इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को करदाताओं के पैसों से इनाम देने का की कोशिश बताया। कर्नाटक सरकार ने गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए 38 पैनल बनाए हैं, जिनमें प्रत्येक पैनल में एक अध्यक्ष, 5 उपाध्यक्ष, 31 सदस्य और एक सदस्य-सचिव बनाए हैं। इन पैनल के अध्यक्ष को कैबिनेट रैंक मिलेगी, जबकि उपाध्यक्षों को जूनियर मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इन पैनल को राज्य, जिला और तालुक स्तरों पर कार्यालय प्रदान किए जाएंगे।
इन पैनल के अध्यक्षों को महीने में 40 हजार रुपए, उपाध्यक्षों को 10 हजार और तालुक स्तर पर अध्यक्षों को 25 हजार रुपए वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा बैठक के लिए भी सदस्य को शुल्क दिया जाएगा। जिला और बीबीएमपी स्तर पर सदस्यों को 1,200 रुपए प्रति बैठक, जबकि तालुक स्तर पर 1,100 रुपए प्रति बैठक मिलेंगे। विपक्ष ने किया सरकार पर हमला इस फैसले का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बचाव किया और कहा कि गारंटी योजनाओं की निगरानी के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई थी।
भाजपा व जेडी(एस) के विधायक सदन में पहुंचे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जन कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन पर अत्यधिक नियंत्रण दिया जा रहा है। विपक्ष के नेता आर अशोक ने सवाल पूछा कि क्या हम 224 विधायक और नौकरशाही इन योजनाओं को लागू करने के लिए सक्षम नहीं हैं? क्यों राज्य के खजाने का पैसा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मौज-मस्ती पर खर्च किया जा रहा है? कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इन पैनलों में नियुक्ति देने के विरोध पर शिवकुमार ने कहा कि यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत है जिसने 2023 विधानसभा चुनावों में पार्टी को सत्ता में वापस लाया और हम उन्हें इन पदों से सम्मानित करना चाहते हैं।
स्पीकर उटी खादर के प्रयासों के बावजूद विरोध जारी रहा। शिवकुमार ने आश्वासन दिया कि वह विपक्ष की मांग को कैबिनेट में ले जाएंगे और पैनल प्रमुख के रूप में स्थानीय विधायकों को नियुक्त करने पर विचार करेंगे, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता सदस्य के रूप में बने रहेंगे।