राजनीति
"चुनाव आयोग ला रहा है सुपर ऐप, एकीकृत प्लेटफॉर्म से 40 ऐप्स का होगा अंत"
5 May, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अब एक ही एप में मिलेंगी चुनाव से जुड़ी सभी सुविधाएं
नई दिल्ली । चुनाव आयोग की तरफ से जल्द ही एक नया प्लेटफॉर्म लाॉन्च होने जा रहा है। इसका नाम ईसीआईनेट होगा, जिसे ऐप और वेब के माध्यम से एक्सेस किया जा सकेगा। इस सर्विस का फायदा वोटर, पोल अधिकारी और राजनीतिक पार्टियों को भी मिलेगा। ईसीआईनेट एक सिंगल प्लेटफॉर्म पर होगा, जहां चुनाव और मतदाताओं संबंधित सभी कामों को किया जा सकेगा। ये जानकारी पोल पैनल ने रविवार को शेयर की है। इस एक प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग ऐप्स और वेब द्वारा मिलने वाली कुल 40 सर्विस को एक्सेस किया जा सकेगा।
ईसीआई एक सिंगल पॉइंट एप बनाएगा। इस एक एप में इलेक्शन कमीशन से जुड़े 40 एप्स की सुविधा एक ही जगह मिलेगी। ईसीआई के अनुसार इन 40 एप्स को 5.5 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। सिंगल पॉइंट एप आने के बाद यूजर्स को अगल-अलग एप डाउनलोड नहीं करने पड़ेंगे। इस एप में वोटर्स, चुनाव अधिकारियों, पॉलिटिकल पार्टियों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों को फायदा होगा। ईसीआईनेट नाम के इस एप में वोटर हेल्पलाइन एप, वोटर टर्नआउट एप, सीविजिल, सुविधा 2.0, ईएसएमएस, सक्षम और केवायसी ऐप जैसे एप होंगे।
वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की तैयारी
केंद्र सरकार वोटर आईडी और आधार को लिंक करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर मार्च में चुनाव आयोग और यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें दोनों को लिंक करने पर सहमति बनी। अब इस पर एक्सपर्ट की राय लेकर सरकार आगे की प्रक्रिया करेगी। आयोग का कहना है कि वोटर कार्ड को आधार से जोडऩे का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इससे पहले 2015 में भी ऐसी ही कोशिश हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था।
अलग-अलग ऐप इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं
ईसीआईनेट आने के बाद मोबाइल यूजर्स को चुनाव आयोग से संबंधित अलग-अलग काम के लिए ढेरों ऐप्स इंस्टॉल नहीं करना होगा और ना ही उनकी लॉगइन डिटेल्स को याद रखना होगा। इस प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में आयोजित हुए एक कॉन्फ्रेंस के दौरान दी थी।
करोड़ों लोगों को होगा फायदा
ईसीआईनेट से लगभग 100 करोड़ मतदाताओं और पूरे इलेक्शन सिस्टम को फायदा मिलने की उम्मीद है। इस प्लेटफॉर्म की मदद से बहुत से लोगों को फायदा मिलने जा रहा है, जिसमें बूथ स्तर के 10.5 लाख अधिकारी यानी बीएलओ, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त करीब 15 लाख बूथ स्तर के अभिकर्ता यानी बीएलए, लगभग 45 लाख मतदान कार्मिक, 15597 सहायक निर्वाचक नामांकन अधिकारी, 4,123 निर्वाचक नामांकन अधिकारी और 767 जिला निर्वाचन अधिकारी पूरे देश भर में मौजूद हैं।
प्रियंका गांधी: पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार की हर कार्रवाई के साथ कांग्रेस
5 May, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वायनाड, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने वायनाड में कहा कि कांग्रेस पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में केंद्र सरकार की किसी भी कार्रवाई का पूरा समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने पहले ही इस रुख की पुष्टि करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर दिया है।
वायनाड की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान बोलते हुए, एआईसीसी महासचिव ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार हमले के मद्देनजर तेजी से कार्रवाई करेगी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस पार्टी... सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई और हमने एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में हमने कहा है कि सरकार जो भी कार्रवाई करने का फैसला करती है, हम उसके साथ पूरी तरह से खड़े हैं। और हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही कार्रवाई करेंगे।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया ऐलान राहुल गांधी हिंदू धर्म से बहिष्कृत
4 May, 2025 09:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जोशीमठ। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी अब हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने उन्हें हिंदू धर्म से सार्वजनिक रूप से बहिष्कृत करने की घोषणा की है।
बद्रीनाथ स्थित शंकराचार्य आश्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में मनुस्मृति के संदर्भ में जो बयान दिया, उससे संपूर्ण सनातन धर्मावलंबी आहत हैं। शंकराचार्य ने कहा कि राहुल गांधी संसद में कहते हैं बलात्कारी को बचाने का फॉर्मूला संविधान में नहीं आपकी किताब यानी कि मनुस्मृति में लिखा है।
राहुल को भेजा था नोटिस
उन्होंने बताया कि राहुल गांधी को तीन माह पूर्व एक नोटिस भेजा गया था, जिसमें उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि उन्होंने मनुस्मृति में जो बात कही है, वह कहां लिखी हैं? लेकिन इतने समय के बाद भी न तो राहुल गांधी ने कोई जवाब दिया और न ही माफी मांगी। शंकराचार्य ने कहा कि जब कोई व्यक्ति लगातार हिंदू धर्मग्रंथों का अपमान करता है और स्पष्टीकरण देने से बचता है, तो उसे हिंदू धर्म में स्थान नहीं दिया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब राहुल गांधी का मंदिरों में विरोध होना चाहिए और पुजारियों से अपील की कि वे उनकी पूजा न करें क्योंकि वे अब स्वयं को हिंदू कहने के अधिकारी नहीं हैं। शंकराचार्य के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। राहुल गांधी पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्हें किसी धार्मिक संस्था द्वारा सार्वजनिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है।
देशवासी जो चाहते हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वह अवश्य होगा - राजनाथ सिंह
4 May, 2025 08:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब मिलेगा। साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि मेरा दायित्व है कि अपनी सेना के साथ मिलकर देश की ओर आंख उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दूं। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आप जो चाहते हैं, वह अवश्य होगा।
दिल्ली में आयोजित संस्कृति जागरण महोत्सव को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, एक राष्ट्र के रूप में हमारे वीर सैनिकों ने हमेशा भारत के भौतिक स्वरूप की रक्षा की है, वहीं दूसरी ओर हमारे ऋषियों और मनीषियों ने भारत के आध्यात्मिक स्वरूप की रक्षा की है। एक ओर जहां हमारे सैनिक रणभूमि पर लड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे संत जीवनभूमि पर लड़ते हैं। एक रक्षा मंत्री के रूप में मेरा दायित्व है कि मैं अपने सैनिकों के साथ मिलकर देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करूं और मेरा दायित्व है कि अपनी सेना के साथ मिलकर देश की ओर आंख उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दूं। आप सभी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली और दृढ़ता को जानते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ।।।राजनीति शब्द दो शब्दों राज और नीति को मिलाकर बना है। लेकिन विडंबना यह है कि राजनीति शब्द अपना अर्थ भी खो चुका है, अपना भाव भी खो चुका है। मुझे पूज्य संतों का आशीर्वाद चाहा हूं। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए ताकि हम इसे भारत की राजनीति में पुनः स्थापित कर सकें।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम तभी सच्चे अर्थों में ‘विकसित भारत बनेंगे जब हम आर्थिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनेंगे। साथ ही कहा कि भारत की ताकत केवल उसकी सेनाओं में ही नहीं, बल्कि उसकी संस्कृति, आध्यात्मिकता में भी है।
सपा प्रमुख कर रहे 2027 के चुनाव की तैयारी, पीडीए पर है फोकस
4 May, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। यूपी में समाजवादी पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जी-जान से जुट गई है। लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में कुछ दिनों से मीडियाकर्मियों और नेताओं की भीड़ लगी है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव रोज मीडिया से मुखाबित हो रहे हैं। इस दौरान वह बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अखिलेश ने बीजेपी पर हमले तेज कर दिए हैं।
अखिलेश का पूरा फोकस पीडीए पर है जिसमें पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक शामिल हैं। साथ ही कई जिलों में सरकारी नियुक्तियों के बारे में उनका दावा है कि ये जाति के आधार पर तय होती हैं। सपा नेताओं ने कहा कि पार्टी के सांसद, विधायक और कार्यकर्ता राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर पर मुसलमानों, ओबीसी और दलितों से संपर्क कर रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में अखिलेश ने कई प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, जिसमें पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन पर करणी सेना के सदस्यों द्वारा हमला, राजपूत आइकन महाराणा प्रताप पर कथित अपमानजनक टिप्पणी और पहलगाम आतंकी हमले जैसे मुद्दे उठाए गए हैं।
सपा के फ्रंटल बॉडी, समाजवादी लोहिया वाहिनी द्वारा लगाए गए एक पोस्टर पर विवाद के बाद जिसमें आधे हिस्से में अखिलेश के साथ बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर लगी थी, उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पार्टी कार्यकर्ताओं से सपा नेताओं की तुलना किसी भी प्रमुख व्यक्तित्व से नहीं करने की अपील की। बीजेपी और बसपा ने पोस्टर को लेकर सपा पर निशाना साधा और इसे अंबेडकर का अपमान बताया था। लोहिया वाहिनी के नेता लालचंद्र गौतम के साथ अखिलेश ने मीडिया से कहा कि गौतम भविष्य में ऐसे पोस्टर नहीं लगाएंगे।
अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि बीजेपी सरकार में गरीबों, पिछड़े, दलितों, अल्पसंख्यकों के साथ हर स्तर पर भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी और ‘इंडिया’ गठबंधन ने जब से बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति का अंत किया है तब से बीजेपी घबराई हुई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने कट्टर समर्थकों का समर्थन बनाए रखने के लिए नफरत की राजनीति कर रही है और इसके तहत बीजेपी सरकार मदरसों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और वक्फ संशोधन कानून लायी है।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का बयान, लोकल सपोर्ट के बगैर हमला नहीं हो सकता
4 May, 2025 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
श्रीनगर। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर में लगातार बयानबाजी जारी है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आतंकी हमले में लोकल सपोर्ट की बात कहकर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा, मैं नहीं समझता कि ये चीजें हो सकती है, जब तक कोई इनका साथ न दें। उधर अब्दुल्ला के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। महबूबा ने पोस्ट किया, फारूक जैसे वरिष्ठ कश्मीरी नेता का ऐसा बयान देश के बाकी हिस्सों में रह रहे कश्मीरी छात्रों, व्यापारियों और मजदूरों के लिए खतरा बन सकता है। इतना ही नहीं इस बयान से कुछ मीडिया चैनलों को कश्मीरियों और मुस्लिमों को बदनाम करने का मौका मिलेगा। दरअसल, पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 पर्यटकों की जान गई थी। फारूक पहलगाम हमले के मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह के घर पहुंचे। फारूक ने पहलगाम हमले को सुरक्षा में चूक का मामला बताया। उन्होंने कहा, जब भारत ने मौलाना मसूद अजहर को छोड़ा (1999) था, तब मैंने कहा था, मत छोड़िए, लेकिन किसी ने मेरी बात मानी नहीं। अजहर कश्मीर को जानता है। अजहर ने अपने रास्ते बना रखे हैं और क्या पता पहलगाम हमले में उसका हाथ भी होगा।
जातिगत गणना का राजनैतिक लाभ उठाने के द्रुमक के प्रयासों की निर्मला ने की आलोचना
4 May, 2025 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार के दावे को खारिज किया। साथ ही सीतारमण ने इस कदम का ‘‘राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास के लिए डीएमके की आलोचना की। सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जातिगत गणना को मंजूरी दे दी है। इस जाति जनगणना से जुटाए आंकड़ों से मोदी सरकार समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्गों की बेहतर मदद कर सकेगी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने द्रमुक शासन में राज्य के एक गांव में हुई घटना का भी हवाला दिया, जहां कथित तौर पर पेयजल में मानव मल-मूत्र मिला हुआ था। सीतारमण ने कहा, ‘‘उनका (द्रमुक) कहना है कि उत्तर भारत के कुछ राज्य पिछड़े हुए हैं लेकिन इसतरह के राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं नहीं हुई हैं। इसलिए, द्रमुक के इस तर्क में कोई दम नहीं है कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का केंद्र का फैसले उनकी जीत है। दरअसल दिसंबर 2022 में वेंगाइवायल गांव में अनुसूचित जाति के आवासीय इलाके में एक पानी की टंकी में कथित तौर पर मानव मल-मूत्र मिला था। स्टालिन ने कहा था कि आगामी जनगणना अभ्यास में जातिगत गणना को शामिल करने का केंद्र का फैसला उनकी पार्टी और द्रमुक सरकार के लिए ‘‘कड़े परिश्रम से हासिल जीत है। द्रमुक पर हमला कर सीतारमण ने कहा कि आज भी तमिलनाडु में दुकानों के बोर्ड पर मालिकों के समुदाय के नाम लिखे होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कोई राजनीतिक टिप्पणी करने के बजाय मैं ईमानदारी से चाहती हूं कि हमें इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि हम उन लोगों की कैसे मदद कर सकते हैं जो गरीब और दलित हैं। उन्होंने कहा, केंद्र किसी भी कॉर्पोरेट का पक्ष नहीं ले रहा है। दूसरी बात प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने विड़िण्गम बंदरगाह का उद्घाटन किया। लेकिन, इस ओमन चांडी (दिवंगत) नीत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने औपचारिक रूप से अदाणी समूह को सौंप दिया था। द्रमुक के दावे कि केंद्र राज्य को धन नहीं दे रहा है, सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं जब भी यहां आती हूं, तब तमिलनाडु को कितना धन आवंटित किया गया है इसका आंकड़ा साझा करती हूं। लेकिन वे (तमिलनाडु सरकार) इस तरह की टिप्पणी (कि केंद्र ने कोई धन जारी नहीं किया) करते रहे हैं।
कांग्रेस नेता चन्नी ने फिर मांगे पाकिस्तानी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत
4 May, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने मोदी सरकार की पूर्व में की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सुरक्षाबलों द्वारा पाकिस्तानी क्षेत्र में की गई कार्रवाई के सबूत मांगे हैं। उन्होंने हमलों पर शक जताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा इसका सबूत मांगा है।
चन्नी ने कहा कि आज तक मुझे पता नहीं चल पाया कि सर्जिकल स्ट्राइक कहां हुई, उस समय कहां लोग मारे गए और पाकिस्तान में यह कहां हुआ। क्या हमें पता नहीं चलेगा कि हमारे देश में बम गिरा है? वे कहते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की। कुछ नहीं हुआ कहीं भी सर्जिकल स्ट्राइक नहीं देखी गई। किसी को पता नहीं चला। मैंने हमेशा सबूत मांगे हैं, लेकिन आज लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की जरूरत है।
हम मांग करते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार कुछ करे। लोगों को बताएं कि वे पहलगाम आतंकवादी हमले के अपराधी कौन हैं और उन्हें सजा दें। वहीं, जब सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दिए गए बयान पर उनसे पूछा गया तो उन्होंने यूटर्न ले लिया। उन्होंने कहा कि आज सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कुछ नहीं है। इसका सबूत नहीं मांगा जाता है और मैं भी नहीं मांग रहा हूं। मैं जो कह रहा हूं वो ये है कि इसे पहलगाम आतंकी घटना को भटकाने की कोशिश मत करो। ये बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। इधर-उधर की बात मत कर, बता की काफिला क्यों लूटा...जिन निर्दोष पर्यटकों मार दिया गया, वो परिवार आज न्याय चाहते हैं। सरकार को उन्हें न्याय दिलाना चाहिए। हम हर तरह से सरकार के साथ हैं।
वहीं चन्नी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता की टिप्पणी गांधी परिवार की गंदी मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने फिर भारतीय वायुसेना पर सवाल उठाए हैं। चन्नी ने एक बार फिर कहा है कि उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक पर भरोसा नहीं है और उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत चाहिए। कांग्रेस पार्टी, गांधी परिवार, राहुल गांधी की यह कैसी मानसिकता है कि वे सेना, भारतीय वायुसेना पर सवाल उठाते रहते हैं? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद कह रहा है कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करके बहुत नुकसान पहुंचाया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान परस्त पार्टी बन गई है। इससे पहले कांग्रेस ने अपनी सीडब्ल्यूसी बैठक में सरकार से पहलगाम हमले में आतंक फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान करते हुए कहा कि पार्टी देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कर्नाटक के कांग्रेस मंत्री जमीर खान ने कही ये बात
3 May, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। इस बीच कर्नाटक के मंत्री ज़मीर अहमद खान का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। कर्नाटक के आवास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ज़मीर अहमद खान ने कहा कि वह आत्मघाती बम पहनकर पाकिस्तान जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की जरूरत पड़ी तो वह लड़ने के लिए तैयार हैं।
'हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई रिश्ता नहीं'
मंत्री ज़मीर अहमद खान ने कहा कि हम भारतीय हैं, हम हिंदुस्तानी हैं, हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई रिश्ता नहीं है। अगर हमें उनके खिलाफ युद्ध छेड़ने की जरूरत पड़ी तो मैं लड़ने के लिए तैयार हूं। उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह से अपील की कि उन्हें एक आत्मघाती बम दिया जाए, जिसे वह अपने शरीर से बांधकर पाकिस्तान जाकर उन पर हमला करेंगे।
'हर भारतीय को एकजुट होना चाहिए'
मंत्री ज़मीर अहमद खान ने कहा कि मैं यह मजाक या मज़ाक में नहीं कह रहा हूं, मैं इस बारे में बहुत गंभीर हूं। उन्होंने कहा कि हर भारतीय को आतंकवाद का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए।
कर्नाटक सीएम के बयान की हुई थी आलोचना
आपको बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर प्रतिक्रिया दी थी। सीएम ने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। इसके बाद सीएम की इस प्रतिक्रिया की काफी आलोचना हुई थी। इसे लेकर बीजेपी ने सीएम सिद्धारमैया पर निशाना साधा था।
26 लोगों की मौत
आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर उन्हें गोली मार दी थी। इस हमले को पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अंजाम दिया था। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं।
RJD प्रमुख तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र
3 May, 2025 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जाति जनगणना कराने के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम बताते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा, "आपकी सरकार द्वारा हाल ही में पूरे देश में जाति जनगणना कराने की घोषणा के बाद, मैं आज आपको बहुत उम्मीदों के साथ पत्र लिख रहा हूं। वर्षों से आपकी सरकार और एनडीए गठबंधन जाति जनगणना के आह्वान को विभाजनकारी और अनावश्यक बताकर खारिज करते रहे हैं। जब बिहार ने अपना जाति सर्वेक्षण कराने की पहल की, तो आपकी पार्टी के शीर्ष विधि अधिकारी सहित सरकार और केंद्रीय अधिकारियों ने हर कदम पर बाधाएं खड़ी कीं। आपकी पार्टी के सहयोगियों ने इस तरह के डेटा संग्रह की आवश्यकता पर ही सवाल उठाए। आपके विलंबित निर्णय से उन नागरिकों की मांगों की व्यापकता को स्वीकार किया गया है, जिन्हें लंबे समय से हमारे समाज के हाशिए पर धकेल दिया गया है।"
तेजस्वी ने कहा कि इस सर्वेक्षण ने कई मिथकों को तोड़ा है। सर्वेक्षण से पता चला है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) बिहार की आबादी का लगभग 63 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। उन्होंने अनुमान लगाया कि राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मुझे यकीन है कि वंचित समुदाय हमारी आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा हैं, जबकि सत्ता के पदों पर उनका प्रतिनिधित्व कम है, इससे राजनीतिक सीमाओं से परे लोकतांत्रिक जागृति आएगी। हालांकि, जाति जनगणना कराना सामाजिक न्याय की दिशा में एक लंबी यात्रा का पहला कदम मात्र है।
जनगणना के आंकड़ों से सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए। आरक्षण पर मनमाने ढंग से लगाई गई सीमाओं पर भी पुनर्विचार करना होगा। एक देश के रूप में, हमारे पास आगामी परिसीमन अभ्यास में स्थायी अन्याय को ठीक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण जनगणना के आंकड़ों के प्रति संवेदनशील और प्रतिबिंबित होना चाहिए। ओबीसी और ईबीसी के पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए, जिन्हें व्यवस्थित रूप से निर्णय लेने वाले मंचों से बाहर रखा गया है। इसलिए, उन्हें आनुपातिक प्रतिनिधित्व सिद्धांत के आधार पर राज्य विधानसभाओं और भारत की संसद तक विस्तारित करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारा संविधान अपने नीति निर्देशक सिद्धांतों के माध्यम से राज्य को आर्थिक असमानताओं को कम करने और संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित करने का आदेश देता है। एक बार जब हम जान जाते हैं कि हमारे कितने नागरिक वंचित समूहों से संबंधित हैं और उनकी आर्थिक स्थिति क्या है, तो लक्षित हस्तक्षेपों को अधिक सटीकता के साथ डिजाइन किया जाना चाहिए।
तेजस्वी ने आगे कहा कि निजी क्षेत्र जो सार्वजनिक संसाधनों का प्रमुख लाभार्थी रहा है, वह सामाजिक न्याय की अनिवार्यताओं से अछूता नहीं रह सकता। कंपनियों को काफी लाभ मिला है, रियायती दरों पर भूमि, बिजली सब्सिडी, कर छूट, बुनियादी ढांचे का समर्थन और विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन सभी करदाताओं के पैसे से वित्त पोषित हैं। बदले में उनसे हमारे देश की सामाजिक संरचना को प्रतिबिंबित करने की उम्मीद करना पूरी तरह से उचित है। जाति जनगणना द्वारा बनाए गए संदर्भ का उपयोग संगठनात्मक पदानुक्रमों में निजी क्षेत्र में समावेशिता और विविधता के बारे में खुली बातचीत करने के लिए किया जाना चाहिए।
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, "प्रधानमंत्री जी, आपकी सरकार अब एक ऐतिहासिक चौराहे पर खड़ी है। जाति जनगणना कराने का निर्णय हमारे देश की समानता की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण हो सकता है। सवाल यह है कि क्या डेटा का उपयोग प्रणालीगत सुधारों के लिए उत्प्रेरक के रूप में किया जाएगा, या यह पिछली कई आयोग रिपोर्टों की तरह धूल भरे अभिलेखागार तक ही सीमित रहेगा? बिहार के प्रतिनिधि के रूप में, जहाँ जाति सर्वेक्षण ने जमीनी हकीकत से कई लोगों की आँखें खोली हैं, मैं आपको वास्तविक सामाजिक परिवर्तन के लिए जनगणना के निष्कर्षों का उपयोग करने में रचनात्मक सहयोग का आश्वासन देता हूँ। इस जनगणना के लिए लड़ने वाले लाखों लोग न केवल डेटा बल्कि सम्मान, न केवल गणना बल्कि सशक्तिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"
जाति जनगणना कराने को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाते AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी
3 May, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना कराने को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि देश में जाति जनगणना कब होगी और इसकी प्रक्रिया कब तक पूरी होगी? ओवैसी ने पसमांदा और गैर-पसमांदा मुसलमानों की अलग-अलग जनगणना की भी मांग की। उन्होंने कहा कि हम देश भर में जाति जनगणना की मांग उठाते रहे हैं। आखिरी जाति जनगणना 1931 में हुई थी, ऐसे में अगर जाति सर्वेक्षण कराया जाए तो पता चल जाएगा कि किसे कितना लाभ मिल रहा है और किसे नहीं, इसलिए यह जरूरी है।
'बीजेपी-एनडीए बताए समय सीमा'
जाति जनगणना पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मेरी पार्टी ने 2021 से मांग की थी कि देशभर में जाति सर्वेक्षण कराया जाए। आखिरी जाति सर्वेक्षण 1931 में हुआ था, अगर जाति सर्वेक्षण होगा तो पता चलेगा कि किसे कितना लाभ मिल रहा है और किसे नहीं, किसकी आय कितनी है और किस जाति ने ज्यादा तरक्की की है, कौन पीछे रह गया, इसीलिए यह जरूरी है। हम बीजेपी और एनडीए से सिर्फ एक बात कहना चाहेंगे कि हमें समय सीमा बताएं, यह कब शुरू होगा, कब खत्म होगा और कब लागू होगा? क्या यह 2029 के संसदीय चुनाव से पहले होगा या नहीं?"
पसमांदा मुसलमानों की जमीनी हकीकत सामने आएगी
दूसरी ओर, पसमांदा मुसलमानों के जातिगत सर्वेक्षण को लेकर ओवैसी ने आगे कहा, "पसमांदा मुसलमानों की स्थिति की जमीनी हकीकत सभी को पता चल जाएगी, उन्हें पता चल जाएगा कि गैर-पसमांदा मुसलमानों की स्थिति कितनी खराब है, यह सब जरूरी है। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसका लाभ हाशिए पर पड़े लोगों को मिले। जब अमेरिका ने सकारात्मक कार्रवाई की बात की, तो अफ्रीकी-अमेरिकी, यहूदी और चीनी इससे लाभान्वित हुए। अमेरिका शक्तिशाली हो गया। इसलिए भारत के लिए ऐसी जनगणना होना जरूरी है। इसके बाद उन्हें जरूरी कदम उठाने होंगे।" एक अन्य बयान में उन्होंने कहा कि जातिगत आंकड़ों की कमी के कारण निष्पक्ष नीतिगत फैसले नहीं हो पा रहे हैं, जिसके कारण देश को 1931 की पुरानी जातिगत जनगणना पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
चन्नी के बयान भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने किया पलटवार, बोले- 'अपमान करना इनकी आदत'
3 May, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगकर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। चन्नी के बयान के बाद भाजपा उन पर आक्रामक हो गई है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि लगातार सेना का अपमान करना कांग्रेस की आदत बन गई है। शनिवार को मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी का नाम बदलकर एंटी नेशनल कांग्रेस कर देना चाहिए।
कांग्रेस की आज एक ही पहचान है कि वह लगातार सेना का अपमान कर रही है और पाकिस्तान के समर्थन में बयान दे रही है। कांग्रेस को पाकिस्तान को अपना भाईजान कहना अच्छा लगता है। भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद कांग्रेस सर्वदलीय बैठक में दावा करती है कि वह देश और सेना के साथ मजबूती से खड़ी है और सख्त कार्रवाई की मांग की जाती है। लेकिन जैसे ही कांग्रेस के नेता बैठक से बाहर आते हैं, वे वोट बैंक की राजनीति को राष्ट्रहित से ऊपर उठा देते हैं।
पहलगाम की घटना के बाद कांग्रेस नेताओं के बयानों से पता चलता है कि उनके नेता सेना पर सवाल उठाकर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं। उनके नेता कहते हैं कि पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए। कांग्रेस इस्लामिक जिहाद का समर्थन करके अप्रत्यक्ष रूप से हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल कमजोर कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी के करीबी नेताओं में से एक पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगते हैं। उनके बयान से साबित होता है कि कांग्रेस की मानसिकता क्या है। वे आतंकवादी देशों पर भरोसा करते हैं।
उनके नेता पाकिस्तान के पक्ष में बयान देते हैं, उन्हें अपनी सेना पर भरोसा नहीं है। कांग्रेस ने मोदी के खिलाफ देश विरोधी बयान देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि वह चन्नी के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है। आपको बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान के बाद चन्नी ने सफाई दी थी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह के उद्घाटन समारोह में शशि थरूर की मौजूदगी से मची हलचल
2 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तिरुवनंतपुरम की एक सुहावनी सुबह में केरल के विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के उद्घाटन समारोह ने न केवल एक नए युग की शुरुआत की, बल्कि राजनीतिक मंच पर एक दिलचस्प नजारा भी पेश किया। मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उद्योगपति गौतम अडानी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर की मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को सुर्खियों में ला दिया। लेकिन, असली रंग तब दिखा जब पीएम मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में विपक्ष पर कटाक्ष कर माहौल को हल्का और गरम दोनों बना दिया।
शशि थरूर की मौजूदगी ने मचाई हलचल
भारत के समुद्री व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करने वाला विझिनजाम बंदरगाह दिन के केंद्र में रहा। लेकिन मंच पर बैठे शशि थरूर की मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। पीएम मोदी ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और कहा, "मैं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से कहना चाहता हूं कि आप इंडिया ब्लॉक के मजबूत स्तंभ हैं। लेकिन शशि थरूर भी यहां बैठे हैं। आज का कार्यक्रम कई लोगों की रातों की नींद हराम कर देगा।" उनकी यह टिप्पणी मंच पर मौजूद सभी लोगों के लिए एक सूक्ष्म व्यंग्य थी, जिसे सुनकर दर्शकों में हंसी और तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई। मोदी ने अपने अंदाज में कहा, "शशि थरूर को यहां देखकर मुझे यकीन है कि खबर वहां पहुंच गई होगी जहां पहुंचनी थी।" यह विपक्षी नेताओं की ओर इशारा था, जो शायद थरूर और अडानी की एक साथ इस मंच पर मौजूदगी से असहज हो सकते थे। मंच पर मौजूद तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने इस टिप्पणी का जवाब मुस्कुराते हुए दिया।
वेणुगोपाल ने कहा- उनके लिए सोना मुश्किल हो जाएगा
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल कहते हैं, "मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री ऐसा क्यों कह रहे हैं... प्रधानमंत्री ही वह व्यक्ति होंगे जिनकी रातों की नींद उड़ जाएगी, न कि भारत गठबंधन, राहुल गांधी या कांग्रेस। हम जाति जनगणना के मुद्दे पर उन पर अधिकतम दबाव बनाने जा रहे हैं। उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक की तरह इसकी घोषणा की है... हम चैन की नींद सो लेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री के लिए सोना मुश्किल होने वाला है।"
शशि थरूर ने पोस्ट किया
इससे पहले, शशि थरूर ने केरल पहुंचने पर पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। थरूर ने अपने ट्वीट में लिखा, "दिल्ली में उड़ान में देरी के बावजूद, मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में पीएम का स्वागत करने के लिए समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंच गया।" यह छोटा सा क्षण इस बात का भी प्रतीक था कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद लोकतांत्रिक मर्यादा और औपचारिकताएं बरकरार हैं। विझिनजाम बंदरगाह का उद्घाटन केरल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। यह बंदरगाह न केवल भारत के समुद्री व्यापार को गति देगा बल्कि केरल को वैश्विक शिपिंग मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान भी दिलाएगा। अडानी समूह द्वारा विकसित इस परियोजना के बारे में पीएम मोदी ने कहा, "यह बंदरगाह भारत के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।" इस आयोजन ने न केवल बंदरगाह के महत्व को रेखांकित किया बल्कि भारतीय राजनीति के रंगीन पहलुओं को भी उजागर किया। एक तरफ विकास की गूंज थी, तो दूसरी तरफ राजनीतिक ताने और हल्के-फुल्के व्यंग्य ने माहौल में उत्साह भर दिया। यह दिन निश्चित रूप से केरल के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो जाएगा और शायद कुछ लोगों की रातों की नींद भी उड़ा देगा, जैसा कि पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा।
मायावती का हमला: कांग्रेस-भाजपा की ओबीसी नीति पर उठाए सवाल
2 May, 2025 05:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम मायावती जातीय जनगणना को लेकर हमलावर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एवं भाजपा की नीयत व नीति बहुजन समाज के प्रति सही होती तब ओबीसी समाज देश के विकास में उचित भागीदार बना होगा। बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा कि काफी लंबे समय तक ना-ना करने के बाद अब केंद्र द्वारा जातीय जनगणना कराने के निर्णय का भाजपा व कांग्रेस आदि द्वारा श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़, जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित व वंचित रहा है।
उन्होंने लिखा कि कांग्रेस एवं भाजपा की नीयत व नीति बहुजन समाज के प्रति पाक-साफ होती, तब ओबीसी समाज देश के विकास में उचित भागीदार बन गया होता, जिससे इनके मसीहा बाबासाहेब डा. भीमराव अंबेडकर का आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मिशन सफल होता हुआ जरूर दिखता। मायावती ने लिखा कि बाबासाहेब एवं बीएसपी के लगातार संघर्ष के कारण ओबीसी समाज आज जब काफी हद तक जागरूक है, तब दलितों की तरह ओबीसी वोटों के लिए लालायित इन पार्टियों में इनका हितैषी दिखने का स्वार्थ व मजबूरी है, अर्थात् स्पष्ट है कि ओबीसी का हित बीएसपी में ही निहित है, अन्यत्र नहीं। उन्होंने कहा कि वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा के मानवतावादी संघर्ष को सही व सार्थक बनाकर अपने पैरों पर खड़े होने का समय करीब है, जिसके लिए कोताही व लापरवाही घातक तथा भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों पर दलित, ओबीसी समेत बहुजन-हित, कल्याण व उत्थान हेतु भरोसा करना ठीक नहीं है।
इसके पहले मायावती ने कहा कि देश में मूल जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना करने का केंद्र द्वारा आज लिया गया फैसला काफी देर से उठाया गया सही दिशा में कदम है। इसका स्वागत है। बीएसपी इसकी मांग काफी लंबे समय से करती रही है।
राहुल गांधी के संदेश का ही असर है कि भाजपा भी जाति जनगणना कराना चाहती है- कमल नाथ
2 May, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने जाति जनगणना को मुद्दा बनाया था, लेकिन कांग्रेस सत्ता में नहीं आ सकी। अब केंद्र की मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है। इसको लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शुक्रवार को एक बार फिर ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि पहले भाजपा जाति जनगणना का विरोध कर रही थी, लेकिन राहुल गांधी पर हमले भी हो रहे थे। राहुल गांधी के संदेश का ही असर है कि भाजपा भी जाति जनगणना कराने के पक्ष में आ गई है।
दो साल से उठ रही मांग
कमल नाथ ने आगे लिखा कि जाति जनगणना भारत में सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पिछले दो साल से इस मांग को जोरदार तरीके से उठा रहे हैं।
पूर्व सीएम ने लिखा है कि राहुल गांधी ने जाति जनगणना के महत्व और समाज के नए ढांचे में इसके उपयोग को लोगों तक पहुंचाया है। उनके संदेश का ही असर है कि अब भाजपा भी जाति जनगणना कराने के पक्ष में आ गई है।
पहले विरोध, फिर पक्ष में
कमलनाथ ने कहा कि यह सर्वविदित है कि भाजपा न केवल जाति जनगणना का विरोध कर रही थी, बल्कि इस मांग को उठाने पर राहुल गांधी पर राजनीतिक हमले भी किए जा रहे थे।
समय सीमा का भी खुलासा करें
कमलनाथ ने कहा कि अब जरूरत है कि सरकार बताए कि वह किस समय सीमा के भीतर जाति जनगणना पूरी करेगी, ताकि देश में सामाजिक न्याय की प्रक्रिया का अगला चरण शुरू हो सके। कमल नाथ ने कहा कि सामाजिक न्याय की इस लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए देश की जनता राहुल गांधी के आभारी हैं और हमें उनकी दूरदर्शिता पर गर्व है।
राहुल गांधी के आगे झुकी सरकार
इससे दो दिन पहले बुधवार को कमल नाथ ने कहा था कि देश में जाति जनगणना की मांग सबसे पहले राहुल गांधी ने उठाई थी और आखिरकार भाजपा की केंद्र सरकार को राहुल गांधी की मांग के आगे झुकना पड़ा और जाति जनगणना पर सहमति जतानी पड़ी। नाथ ने कहा था कि राहुल गांधी ने सदन में कहा था कि हम इसी सदन में जाति जनगणना कराएंगे और आज उनकी बात सच साबित हुई है। कमल नाथ ने राहुल गांधी को सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा योद्धा भी बताया था।