धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
Ganesh Chaturthi पर घर लाएं ये खास चीजें, बप्पा की बनी रहेगी मेहर
15 Sep, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है एक आता है तो दूसरा जाता है अभी भाद्रपद मास चल रहा है और इस माह में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते है जिसमे गणेश चतुर्थी भी शामिल है जो कि हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है जिसका समापन अनंत चतुदर्शी पर हो जाएगा।
यह पर्व पूरे दस दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त भगवान शिव के पुत्र गणेश की विधिवत पूजा करते है और व्रत आदि रखते हैं मान्यता है कि इस दौरान पूजा पाठ करने से प्रभु की कृपा बनी रहती है लेकिन इसी के साथ ही अगर गणेश चतुर्थी के दिन कुछ खास चीजों को घर लाया जाए तो बप्पा की मेहर सदा परिवार पर बनी रहती है तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
घर लाएं ये शुभ चीजें-
घर के वास्तुदोष को दूर करने के लिए शंख को बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि जिस घर में शंख रहता है वहां धन की देवी निवास करती है ऐसे में गणेश चतुर्थी के मौके पर आप अपने घर में शंख लाकर इसकी स्थापना करें। इसके अलावा घर में सकारात्मकता का संचार करने के लिए श्री गणेश की नृत्य मुद्रा वाली प्रतिमा को अपने घर में जरूर स्थापित करें। आप गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की ऐसी प्रतिमा ला सकते है। माना जाता है कि इससे घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है और नकारात्मकता दूर रहती है।
गणेश चतुर्थी के शुभ दिन पर आप अपने घर में भगवान कुबेर की प्रतिमा जरूर लाएं और इसे घर की उत्तर दिशा में स्थापित कर दें। ऐसा करने से धन लाभ के योग बनने लगते हैं वास्तु अनुसार एकाक्षी नारियल को भी चतुर्थी पर घर लाना शुभ माना जाता है ऐसा करने से नकारात्मकता दूर रहती है और धन लाभ की प्राप्ति होती है।
कब है दशहरा, जानें डेट और शुभ मुहूर्त
15 Sep, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी है लेकिन इनमें दशहरा बेहद खास माना जाता है जिसे विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता है इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।
दशहरा पर रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है इस दिन शस्त्र पूजा भी होती है।
धार्मिक पंचांग के अनुसार दशहरा का पावन पर्व हर साल शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन यानी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है ऐसे में इस बार दशहरा का त्योहार 24 अक्टूबर को देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस दिन लोग रावण दहन कर खुशियां मनाते है और पूजा पाठ भी करते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा दशहरा पर्व से जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते है।
दशहरा का उत्तम मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट पर हो जाएगी और इस तिथि का समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। दशहरा पर दहन दहन के लिए प्रदोष काल मुहूर्त को उत्तम माना गया है। ऐसे में 24 अक्टूबर को सूर्यासत के समय शाम 5 बजकर 43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक रावण दहन के लिए उत्तम समय प्राप्त हो रहा है।
वही दशहरा पूजन के लिए विजय मुहूर्त को श्रेष्ठ माना गया है जो कि इस दिन दोपहर 2 बजकर 4 मिनट से दोपहर 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शस्त्र पूजन के लिए 23 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक का समय शुभ माना जा रहा है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (15 सितम्बर 2023)
15 Sep, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - इष्ट मित्र सार्थक बने रहेगें, सुख क साधन बनेगें किन्तु गुप्त चिन्ता बनी ही रहेगी।
वृष राशि - अधिक भावुकता से हानि, दूर की योजना तथा व्यवसाय यात्रा सतर्कता से अवश्य करें।
मिथुन राशि - आर्थिक योजना सफल होगी, मित्र सहायक होगें तथा रुके कार्य बन ही जायेगें, ध्यान दें।
कर्क राशि - योजनाए फलीभूत होगी किन्तु तनाव से बचें, बेचैनी बने तथा कार्य अवरोध होगा।
सिंह राशि -चिन्ताए कम होंगी, धन का लाभ होगा, आशानुकूल सफलता का हर्ष रुके कार्य बन जायेगें।
कन्या राशि - कार्य योजना में बाधा से मन उद्विघ्न रहेगा तथा विभ्रम होने से बचिये ध्यान दें।
तुला राशि - किसी के धोखे व विवाद ग्रस्त होने की संभावना है, समय का ध्यान अवश्य रखें।
वृश्चिक राशि - कार्य गति में बाधा होते हुए भी कुछ सफलता मिलेगी, धैर्य से कार्य करें, ध्यान दें।
धनु राशि - अधिकारी वर्ग से तनाव, मित्र की उपेक्षा से तनाव, अशांति तथा कार्य बाधा अवश्य होगी।
मकर - स्त्री वर्ग से भोग-एश्वर्य प्राप्ति, व्यावसायिक क्षमता अनुकूल बनी ही रहेगी, ध्यान दें।
कुंभ राशि - कार्य विफलता, प्रयत्न करने पर भी सफलता दिखायी न देवे, कार्य अवरोध होगा।
मीन राशि - तनाव कुछ कम हो, उदण्डता बनी ही रहेगी, सतर्कता से रुके कार्य बना ही लेवेगा।
सबसे ज्यादा प्रभाव वाला ग्रह है चंद्रमा
14 Sep, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंद्रमा पृथ्वी पर सबसे ज्यादा असर डालने वाला ग्रह है। इसका सीधा असर व्यक्ति के मन और संस्कारों पर पड़ता है। इसलिए चंद्रमा से बनने वाले एक-एक योग इतने ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।
चंद्रमा से तीन प्रकार के शुभ योग बनते हैं- अनफा, सुनफा और दुरधरा इन तीनों में से एक योग भी अगर कुंडली में हो तो व्यक्ति को विशेष शक्ति मिलती है। अगर तीनों ही योग कुंडली में हों तो व्यक्ति जीवन में अद्भुत सफलता पाता है।
क्या है अनफा योग और इसका प्रभाव क्या होता है?
जब चंद्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह हो तो अनफा योग बनता है।
अगर चंद्रमा से पिछले भाव में सूर्य हो तो यह योग भंग हो जाता है।
इस योग के होने से व्यक्ति को जीवन में खूब सारी सुख सुविधा मिलती हैं।
व्यक्ति खूब सारी यात्राएं करता है और अत्यंत व्यवहार कुशल होता है.
अनफा योग के होने से व्यक्ति राजनीति में भी सफलता पा जाता है।
अगर कुंडली में अनफा योग हो तो किस प्रकार इसका लाभ उठाना चाहिए?
एक चांदी का कड़ा जरूर धारण करें।
घर को ख़ास तौर से शयन कक्ष को साफ़ सुथरा रखें।
घर में फूल और फूलों की सुगंध का प्रयोग करें।
सुनफा योग क्या है और क्या है इसका प्रभाव?
जब चंद्रमा से दूसरे भाव में कोई ग्रह हो तो सुनफा योग बनता है।
अगर यह ग्रह सूर्य होगा तो यह योग नहीं बनेगा।
सुनफा योग होने से व्यक्ति को शिक्षा में खूब सफलता मिलती है।
व्यक्ति अत्यंत धनवान होता है और वाणी से सफलता प्राप्त करता है।
सुनफा योग होने से व्यक्ति को प्रशासन के क्षेत्र में खूब सफलता मिलती है।
सुनफा योग होने पर किस प्रकार लाभ उठाना चाहिए?
नशे, झूठ बोलने और कर्ज लेने से बचना चाहिए।
प्रातः काल सौंफ और मिसरी का सेवन करना चाहिए।
नियमित रूप से भगवद्गीता या रामचरितमानस का पाठ करें।
क्या है दुरधरा योग और इसका प्रभाव?
दुरधरा योग से दूसरे और द्वादश भाव में ग्रह हों तो दुरधरा योग बनता है.
इन ग्रहों में सूर्य नहीं होना चाहिए।
दुरधरा योग होने पर व्यक्ति जन्म से ही संपन्न और समृद्ध होता है।
जीवन में किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
ऐसा योग कभी-कभी व्यक्ति को वैराग्य की ओर भी ले जाता है और व्यक्ति धर्मात्मा होता है।
दुरधरा योग होने पर किस प्रकार इससे लाभ उठाना चाहिए?
धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और आचरण शुद्ध रखना चाहिए।
नियमित रूप से हल्की सुगंध का प्रयोग करना चाहिए।
चांदी के पात्र से दूध और जल का सेवन करना चाहिए।
रंग भी बताता है व्यक्तित्व
14 Sep, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रंगों का भी हमारे जीवन में अहम स्थान है। रंगों को लेकर सबकी अपनी अलग-अलग पसंद होती है। ऐसा माना जाता है कि लोगों के पसंदीदा रंग केवल उनकी खुशी ही नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व के बारे में भी जानकारी देते हैं। आप किसी भी इंसान के पसंदीदा रंग के आधार पर उसकी पूरी शख्सियत का अंदाजा लगा सकते हैं। आइए जानते हैं कि कौनसा रंग क्या कहता है।
लाल रंग को पसंद करने वाले लोग जीवन को भरपूर आनंद के साथ जीना पसंद करते हैं और उन्हें प्रकृति से बेहद प्यार होता है। बड़े कदम उठाने या फैसले लेने में वे हिचकिचाते नहीं है और हर पल ऊर्जा तथा रोमांच से भरे रहते हैं।
नीला रंग को पसंद करने वाले लोग शांत स्वभाव के होते हैं और अपनी मंजिल को पाने के लिए वह बड़े रास्ते तय करना भी जानते हैं।
गुलाबी रंग विशेषकर लड़कियों को बहुत अधिक भांता है। यह मासूमियत और प्रकृति से लगाव को दर्शाता है। इस रंग को पसंद करने वाले लोग दान आदि कार्यों में रुचि रखते हैं। पीला रंग को पसंद करने वाले लोग तर्कसंगत होते हैं और जीवन के प्रति अपनी सोच के साथ बने रहते हैं। ये लोग कल्पनाशील भी होते हैं।
वहीं काला रंग मजबूत इरादों वाले और अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध बच्चों का पसंदीदा रंग काला होता है। इस रंग को पसंद करने वाले लोग अपनी सोच को लेकर सख्त मिजाज होते हैं और किसी भी रेस को जीतने के लिए बड़ा कदम उठाने से शर्माते नहीं हैं। वे सुंदरता और कभी न खत्म होने वाली शैली पर अधिक भरोसा रखते हैं।
हरा रंग को पसंद करने वाले लोग आत्मविश्वास से भरे और आकर्षक व्यक्तित्व केहोते हैं। वे किसी भी प्रम में आगे रहने के लिए अवसरों की तलाश करते हैं और किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने से नहीं घबराते। वे प्रकृति प्रेमी भी होते हैं।
नारंगी रंग को पसंद करने वाले लोग मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखने वाले और किसी भी माहौल में घुल-मिल जाने वाले लोगों का पसंदीदा रंग नारंगी होता है। ऐसे लोगों के प्रति हर किसी को लगाव होता है।
विष योग के नकारात्मक प्रभाव से बचने करें ये उपाय
14 Sep, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कुछ योग जीवन में कष्टकारी रहते हैं और ऐसे समय में संयम और सावधानी की जरुरत होती है। चन्द्रमा और शनि साथ आ जाएं तो विष योग बन जाता है। यह विष योग 2 मार्च शनिवार दोपहर 12 बजे तक रहेगा। अभी शनि धनु राशि में हैं। चंद्रमा धनु राशि में आ गया है। चन्द्रमा और शनि साथ आ जाएं तो विष योग बन जाता है। यह विष योग 36 घंटे तक भारी रहता है। विष योग जीवन में सब कुछ विपरीत कर सकता है। पढ़ाई, परीक्षा, नौकरी-व्यापार और सेहत में इंसान की चाल बिगाड़ सकता है।
इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।
एक सूखा नारियल गोले में शक्कर भर कर पीपल के नीचे रखें।
शनिवार को शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं।
सरसों तेल का दीपक जलाएं।
आठ राशियों पर विष योग का असर होगा।
आठ राशियों पर ख़तरा है। पढ़ाई, नौकरी-व्यापार पर ख़तरा आ सकता है। शत्रु या विरोधी परेशान कर सकते हैं। पैसे की तंगी होगी, क़र्ज़ में डूब सकते हैं। वृषभ राशि पर शनि की ढैया है। कन्या राशि पर शनि की चतुर्थ ढैया है। वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। मकर और कुम्भ राशि पर तो शनि ही हैं।
ये उपाय करें-
विष योग के बाद शनिवार से चने दान करे।
शनिवार काले तिल डालकर नहाएं।
किसी गरीब को भोजन कराएं।
दवाई खरीदकर गरीब को दें।
शनि चंद्र का विष योग, सेहत हो सकती है खराब।
बदलते मौसम में सेहत ख़राब हो सकती है। वायरल बुखार, सर्दी जुकाम से बचें, फोड़े-फुंसी, रोग से बचने के के लिए नीम या तुलसी या सहजन का सेवन करें। पांच दिनों तक इनकी ख़ास सब्ज़ी का सेवन करें। नीम की पत्तियों को बैंगन में डाल कर सब्ज़ी बना कर चावल के साथ सेवन करें।
चंद्र शनि के विष योग से आएगी मुसीबत-
परीक्षा ख़राब हो सकती है। धन की कमी हो सकती है, नौकरी व्यापार में अचानक कोई बड़ी मुसीबत आ सकती है। विष योग का उपाय करें। शनि मंदिर या पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाएं। चने या काली उड़द -चावल की खिचड़ी दान करें और शनि मंदिर में पूजा करते रहें। शनि मन्त्र का जाप करें - ॐ शनिश्चराय नमः।
सूर्य पर्वत पर क्रॉस दिखाता है संकट
14 Sep, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हमारी हथेली पर ऐसे कई निशान होते हैं जो छोटी-छोटी रेखाओं के मिलने या टकराने से बनते हैं। इनमें कुछ निशान हमें शुभ फल प्रदान करते हैं, किंतु कुछ बेहद अशुभ होते हैं। कुछ खास स्थितियों में चक्र का निशान जहां हथेली के कुछ शुभ निशानों में माने जाते हैं, वहीं कुछ ऐसे निशान भी हैं जो हर परिस्थिति में बेहद अशुभ स्थितियां लाते हैं। जानिए हाथ में बनने वाले अशुभ निशान क्रॉस के बारे में।
सूर्य ग्रह हमें समाज में यश, सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाता है और इसी पर्वत पर अशुभ चिह्न का होना मुसीबतें खड़ी कर देता है। सूर्य पर्वत पर स्थित क्रॉस संकट को दर्शाता है। यह व्यक्ति को प्रसिद्धि, कला या धन की खोज में निराशाजनक संकेत देता है। इस पर्वत पर क्रॉस व्यक्ति की बेईमान प्रकृति को दर्शाता है। व्यक्ति अच्छे मस्तिष्क होने के बावजूद दोहरी प्रकृति का होता है। यह निशान व्यक्ति की बुद्धि को नष्ट करने का काम भी करता है। सब कुछ जानते हुए भी वह बुरे कर्म करने लगता है।
चंद्र पर्वत पर क्रॉस पद, तो व्यक्ति कल्पना से प्रभावित रहेगा। व्यक्ति सदैव सपनों की दुनिया मे रह कर खुद को धोखा देगा। जब क्रॉस शुक्र पर्वत पर स्थित हो तो कुछ संकट या प्रेम संबंध में कष्ट का संकेत देता है। शुक्र प्रेम संबंधों और विलासता का कारक माना गया है, इसलिए क्रॉस का अशुभ चिह्न जीवन के इन्हीं दो बड़े क्षेत्रों पर आक्रमण करता है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली पर बना क्रॉस का निशान मुसीबत, निराशा, खतरा और कभी-कभी जीवन में संकट का संकेत देता है। क्रॉस के लक्षण विभिन्न पर्वतों और रेखाओं की स्थिति पर निर्भर करते हैं।
यह व्यक्ति में शत्रु और चोटों के कारण संकट को दर्शाता है। यह संघर्ष, झगड़े और हिंसा द्वारा मृत्यु का भी संकेत देता है। ऐसे व्यक्ति का अगर किसी के साथ झगड़ा हो, तो वह अमूमन उग्र रूप ले लेता है।
18 सितंबर को रखा जाएगा हरतालिका तीज व्रत
14 Sep, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरतालिका तीज व्रत इस बार सोमवार 18 सितंबर को रखा जाएगा। ये उपवास महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। वहीं अविवाहित युवतियों अच्छे वर की कामना से ये उपवास रखती हैं।
हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज मनाया जाता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार इस बार हरितालिका तीज पर एक खास योग बन रहा है। इसमें भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होगीं।
इस बार हरतालिका तीज के दिन रवि योग के साथ एन्द्र नामक योग का निर्माण हो रहा है। एन्द्र योग से व्रती महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वर मिलेगा। इसके अलावा घर में सुख समृद्धि और वैभव बना रहेगा। साथ ही साथ रवि योग पति की प्रगति ज्ञान वृद्धि और नई ऊर्जा प्रदान करेगा.।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति स्वरूप में पाने के लिए इस दिन से ही तप की शुरुआत की थीं। उनके कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने उन्हें आशीर्वाद दिया था जिसके फलस्वरूप माता पार्वती ने उन्हें पति स्वरूप में प्राप्त किया। यही वजह है कि लड़कियां भी मनचाहे वर के लिए ये व्रत कप रखती हैं।
इस व्रत पर बालू और मिट्टी से बने शिव पार्वती की पूजा की जाती है। सुबह से व्रत के संकल्प के बाद शाम के समय शिव पार्वती की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। इस दौरान माता पार्वती को सोलह श्रृंगार चढ़ाकर उन्हें पुष्प और फल अर्पित करना चाहिए।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (14 सितम्बर 2023)
14 Sep, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - अधिकारियों के तनाव से बचकर चलें तथा अपना कार्यपूर्ण करें, निश्चय लाभ होगा।
वृष राशि - इष्ट मित्र सुख वर्धक हों, हर्ष उल्लास के मौके हाथ से न जाने देवें, सतर्क रहें।
मिथुन राशि - मनोबल उत्तसाह वर्धक होगा, कार्य-कुशलता से संतोश होगा, व्यावसाय गति उत्तम।
कर्क राशि - कुटुम्ब की समस्याएं सुलझे तथा कार्य व्यवस्था अनुकूल होगी, रुके कार्य बना लेवें।
सिंह राशि - शुभ सूचना से हर्ष-उल्लास रहे, दैनिक कार्य गति अनुकूल होगी, रुके कार्य अवश्य बनें।
कन्या राशि - विरोधी तत्वों की चिन्ता बनी ही रहेगी, कार्य वृत्ति में सुधार होगा, समय का ध्यान रखें।
तुला राशि - आर्थिक योजना सफल हो, समय पर सोचे कार्य पूर्ण बने किन्तु समय का ध्यान रखें।
वृश्चिक राशि - मान-प्रतिष्ठा पर आंच आने का भय, कार्य गति में बाधा आयेगी, कष्ट से बचेगें।
धनु राशि - पराक्रम-मनोबल उत्साह वर्धक होगा, दैनिक कार्यगति में सुधार अवश्य होवेगा।
मकर - सामर्थ्य रखने के लिए धैर्य से कार्य करें, स्वभाव में क्रोध तथा अवेश से हानि होगी।
कुंभ राशि - दैनिक कार्यगति अनुकूल, इष्ट मित्र सहायक बने ही रहेगें, समय का ध्यान रखें।
मीन राशि - विघटनकारी तत्व परेशान करेगें, अर्थव्यवस्था में बाधक योग बने, संघर्ष बनेगा।
कब है अनंत चतुर्दशी, नोट कर लें पूजा व्रत की तारीख और मुहूर्त
13 Sep, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन अनंत चतुर्दशी बेहद ही खास मानी जाती है जो कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है।
इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है इस पावन दिन पर भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने का विधान होता है।
साथ ही इस दिन गणपति विसर्जन भी किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत पूजा पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है साथ ही भगवान की कृपा सदा बनी रहती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अनंत चतुर्दशी की तिथि और पूजा मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अनंत चतुर्दशी की तारीख और मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार अनंत चतुर्दशी इस साल 28 सितंबर दिन गुरुवार को पड़ रही है चतुर्दशी तिथि का आरंभ 27 सितंबर को रात 10 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगा। वही समापन 28 सितंबर को शाम 6 बजकर 49 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का उत्तम मुहूर्त सुबह 6 बजकर 12 मिनट से शाम को 6 बजकर 49 मिनट तक का है ऐसे में इस मुहूर्त में पूजा पाठ करने वाले साधको को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनंत चतुर्दशी तिथि पर भगवान विष्णु और श्री गणेश की पूजा आराधना करने से साधक के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है इस दिन भक्त दिनभर का उपवास भी करते हैं ऐसा करने से अपार कृपा के भागी बनते है।
क्या आप जानते हैं पक्षियों को दाना खिलाने के ये लाभ, चमक सकती है किस्मत
13 Sep, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पक्षियों को खाना खिलाने के कई फायदे हैं। धर्मग्रंथों से लेकर ज्योतिष शास्त्र तक विभिन्न धर्मों में पक्षियों को खाना खिलाना बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभकारी कार्य बताया गया है।
कहा जाता है कि हिंदू धर्म के अलावा मुस्लिम और ईसाई भी पक्षियों को खाना खिलाते हैं। बेजुबान पक्षियों को दाना-पानी देना पर्यावरण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पक्षियों को दाना डालने से कुंडली के कई ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। पक्षियों को दाना-पानी देने से राहु, सूर्य, बुध जैसे कई ग्रह मजबूत होकर शुभ फल देते हैं। इसके अलावा पक्षियों को दाना डालने से भी तरक्की में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। आइए आज जानते हैं पक्षियों को दाना डालने से क्या फायदे होते हैं।
पक्षियों को दाना खिलाने के फायदे
पक्षियों को दाना डालने से मानसिक शक्ति मिलती है। वह सही निर्णय लेने में सक्षम होता है और जल्दी उदास नहीं होता। राहु का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है और शुभ परिणाम मिलने लगते हैं।
पक्षियों को दाना डालने से सूर्य और बुध ग्रह भी मजबूत होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य और बुध कमजोर है उन्हें प्रतिदिन पक्षियों को दाना डालना चाहिए। इससे प्रगति में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और धन में वृद्धि होगी।
अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो पक्षियों को दाना डालें। ऐसा करने से व्यक्ति के पाप और दोष नष्ट हो जाते हैं। उसे रोग से मुक्ति मिलती है। परेशानियां दूर हो जाती हैं.
ज्योतिष के अनुसार विद्यार्थियों को पक्षियों को दाना भी डालना चाहिए। इससे शिक्षा में प्रगति और एकाग्रता की संभावना बनती है।
पक्षियों को खाना खिलाने से बच्चों की रक्षा होती है। घर में सुख-समृद्धि आती है। जिस घर में प्रतिदिन पक्षियों को दाना और पानी डाला जाता है, वहां कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। घर में कलह नहीं होती.
पक्षियों को दाना डालने से संकटों से रक्षा होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पक्षियों को दाना डालने से भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है। इससे नौकरी और बिजनेस में लाभ के रास्ते खुलते हैं। धन-संपदा में वृद्धि.
जो लोग कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं उन्हें रोजाना पक्षियों को दाना डालना चाहिए, इससे जल्द ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
पक्षियों को दाना डालने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। घर में हमेशा बरकत बनी रहती है.
घर की छत पर पक्षियों को दाना डालने से घर का वास्तुदोष दूर होता है। साथ ही मंदिर में पक्षियों को दाना डालने से भी अखंड फल की प्राप्ति होती है। ऐसे लोगों पर भगवान हमेशा कृपा करते हैं।
पितृपक्ष में कर लें ये अचूक उपाय, जमकर कृपा बरसाएंगे पूर्वज
13 Sep, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई अपने जीवन में सुख सफलता और शांति चाहता है इसके लिए लोग प्रयास भी खूब करते हैं लेकिन फिर भी अगर आपको कार्यों में सफलता हासिल नहीं हो रही है या फिर दुख परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो इसकी एक वजह पितृदोष भी हो सकता है।
अगर अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है तो आपको तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप पितृपक्ष के दिनों में कुछ उपायों को कर सकते है इस बार पितृपक्ष का आरंभ भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होने जा रहा है ऐसे में 29 सितंबर से श्राद्ध शुरु हो रहे हैं और समापन अश्विन अमावस्या पर हो जाएगा। अगर आप पितृपक्ष को दूर करना चाहते हैं तो पितृपक्ष के दिनों में कुछ उपायों को कर सकते हैं तो आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में बता रहे हैं।
पितृपक्ष में करें ये उपाय-
वास्तु अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा ही दक्षिण पश्चिम दिशा की दीवार के कोने पर लगाना चाहिए और इस बात का ध्यान रखते की उनकी तस्वीर मुस्कुराती हुई होनी चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे पितृ हमेशा खुश रहते हैं और उनका आशीर्वाद वंशजों पर बना रहता है। अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है तो ऐसे में पितृपक्ष के दिनों में रोजाना सुबह उठकर स्नान करें इसके बाद पितृ को प्रणाम कर उन्हें पुष्प माला अर्पित करें ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं और सारे दोष बाधा दूर होते हैं। इसके अलावा पितृ की पुण्यतिथि या फिर सालगिरह अच्छी तरह से मनाएं साथ ही इस दिन पूजा पाठ और दान पुण्य के काम भी करें। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और पितृदोष दूर हो जाता है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (13 सितम्बर 2023)
13 Sep, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - व्यावसायिक समृद्धि के साधन जुटाये, धन का लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा।
वृष राशि - कुछ लाभांवित योजना फलप्रद रहे, व्यावसायिक गति अनुकूल बनी ही रहेगी, ध्यान रखें।
मिथुन राशि - इष्ट मित्र सुख वर्धक होगें, कुछ नवीन योजना तथा चेतना फलप्रद होगी, मित्र सहयोग करेंगे।
कर्क राशि - स्त्री वर्ग से हर्ष, उल्लास आशानुकूल सफलता के साधन जुटायें तथा ध्यान से कार्य करेगें।
सिंह राशि - किसी धोखे-क्लेश से बचें, आरोप व व्यावसाय में बाधा बनेगी, कार्य अवरोध होगा।
कन्या राशि - स्त्री वर्ग से विशेष सर्मथन प्राप्त करें, किन्तु अपने विशेष कार्य स्थिगित रखें ध्यान दें।
तुला राशि - अधिकारी वर्ग सहायक हो, समय अनुकूल है, अच्छे समय का लाभ तथा कार्य बना लेवें।
वृश्चिक राशि -व्यावसायिक स्थिति में सुधार, किसी के कार्य बनने से संतोष होगा, समय का ध्यान रखें।
धनु राशि - कार्यकुशलता में बाधा, स्वास्थ्य नरम-गरम रहेगा, मनोवृत्ति संवेदनशील बनी ही रहेगी।
मकर - इष्ट मित्र सहायक बने रहेगें, दैनिक कार्य गति अनुकूल शीघ्र सफलता अवश्य मिले।
कुंभ राशि - विरोधी तत्व परेशान करें, स्त्री शरीर कष्ट, पत्नी के स्वास्थ्य पर ध्यान अवश्य देवें।
मीन राशि - विरोधी तत्व परेशान करेगें, किसी के धोके तथा चोट-चपेट से आप बचियेगा।
कब है राधा अष्टमी, जानें तारीख और पूजा मुहूर्त
12 Sep, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन राधा अष्टमी बेहद ही खास मानी जाती है जो कि भाद्रपद मास में पड़ती है इसी पावन दिन पर राधा रानी का जन्म हुआ था जिसके अवसर पर राधा जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार हर साल राधा अष्टमी का त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है यह पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद पड़ता है। इस दिन को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। राधा अष्टमी पर लोग दिनभर का उपवास रखते हुए देवी राधा की विधि विधान से पूजा करते हैं इस दिन राधा के साथ श्रीकृष्ण की आराधना विशेष फल प्रदान करती है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा राधा अष्टमी की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
राधा अष्टमी की तारीख-
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है। वही अगले दिन यानी 23 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर इस तिथि का समापन हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का त्योहार 23 सितंबर को पड़ रहा है इस दिन राधा रानी की पूजा दोपहर में की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
राधा अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त-
आपको बता दें कि 23 सितंबर को राधा अष्टमी वाले दिन राधा रानी की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस मुहूर्त में पूजा करने से साधक को व्रत पूजन का पूर्ण फल प्राप्त होगा।
हरतालिका तीज पर करें ये उपाय, दांपत्य जीवन के क्लेश होंगे खत्म
12 Sep, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में कई सारे तीज त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन हरतालिका तीज बेहद ही खास मानी जाती है जो कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है।इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए दिनभर का उपवास रखकर शिव पार्वती की पूजा अर्चना करती है तो वही कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति से इस दिन व्रत पूजा करती हैं।मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं इस साल हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अगर कुछ काम किए जाए तो दांपत्य जीवन के क्लेश समाप्त हो जाते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है तो आज हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बता रहे हैं।
हरतालिका तीज पर जरूर करें ये काम-
हरतालिका तीज व्रत वाले दिन महिलाएं शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करें अंत में व्रत कथा जरूर सुनें और उसके बाद देवी पार्वती को खीर का भोग लगाएं। साथ ही इस खीर को प्रसाद के तौर पर पति को भी खिलाएं ऐसा करने से पति पत्नी के बीच रिश्ता मजबूत ओर मधुर हो जाता हैं। इसके अलावा वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने के लिए हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती की विधि विधान से पूजा कर उन्हें श्रद्धा भाव से लाल रंग की चुनरी अर्पित करें साथ ही अपनी प्रार्थना देवी मां से कहें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सदा खुशहाली बनी रहती हैं। हरतालिका तीज पर पूजा संपन्न होने के बाद पांच बुजुर्ग सुहागिन महिलाओं को साड़ी और बिछिया का दान जरूर करना चाहिए ऐसा करने से सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।