धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
इस साल कब है मोक्षदा एकादशी? जानें पूजा विधि, मुहूर्त और पारण का सही समय
19 Dec, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अति प्रिय है. इसलिए दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. दरअसल, सालभर में 24 एकादशी होती हैं. इसमें एक कृष्ण और दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष में होती है. लेकिन इस साल अधिकमास होने के कारण 26 एकादशी पड़ीं. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. साल 2023 में मोक्षदा एकादशी का व्रत 22 और 23 दिसंबर दोनों दिन रखा जाएगा. मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने वाले जातकों का जीवन खुशियों से भर जाता है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है. मोक्षदा एकादशी की डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और पारण का सही समय-
मोक्षदा एकादशी 2023 कब है
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, साल 2023 में मोक्षदा एकादशी का व्रत 22 और 23 दिसंबर दो दिन रखा जाएगा. 22 दिसंबर को गृहस्थ जन व्रत रखेंगे और 23 दिसंबर को वैष्णव जन व्रत रखेंगे. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि विधान के साथ पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में सभी तरह के कष्ट समाप्त हो जाते हैं. वहीं इस दिन पितरों को मोक्ष के लिए भी व्रत रखा जाता है.
मोक्षदा एकादशी 2023 का मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ – दिसम्बर 22, 2023 को सुबह 07:35 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – दिसम्बर 23, 2023 को सुबह 07:56 बजे
पारण का सही समय
एकादशी व्रत में पारण का बड़ा महत्वा होता है. अगर जातक मुहूर्त में पारण नहीं करता है तो उसका व्रत निष्फल माना जाता है. वहीं जो लोग 22 दिसंबर को व्रत रखते हैं तो वह 23 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर पारण करें. वही जो लोग 23 दिसंबर को व्रत रखेंगे, वे पारण अगले दिन यानी 24 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 49 मिनट तक कर लें.
मोक्षदा एकादशी पर पूजा का मुहूर्त
एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. वहीं संध्या काल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा का विधान है. ऐसे में एकादशी के दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त संध्या 04:00 बजे से लेकर 05:00 बजे तक का है.
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि
एकादशी के 1 दिन पहले तामसिक भोजन बंद कर दें. इसके बाद एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान कर सूर्य देव की उपासना कर व्रत का संकल्प लें. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. ब्रह्मचर्य रखकर एकादशी व्रत का पालन करें. वहीं, संध्या के समय पीला वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु के सामने पीला पुष्प, पीला फल, धूप, दीप आदि से पूजन करें. फिर विष्णु भगवान के सामने ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए माता लक्ष्मी की भी पूजा करें. इसके बाद भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं. तत्पश्चात आरती के साथ पूजा संपन्न करें.
इस मंदिर में दिखी श्रीराम नाम की महिमा, विवाह पंचमी पर 56 वस्तुओं का सहस्त्रार्चन
19 Dec, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और माता जानकी के विवाह के अवसर पर सागर के प्रसिद्ध रामबाग मंदिर में सहस्त्र अर्चन किया गया, जिसमें 56 चीजों को 1000 बार श्रद्धालुओं द्वारा समर्पित किया गया. मान्यता है कि विवाह पंचमी पर सहस्त्रार्चन करने वाले श्रद्धालुओं का वैवाहिक जीवन ठीक रहता है. मन में शांति मिलती है. सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. व्यापार में उन्नति आती है.
बिगड़े काम बनने लगते हैं. कष्टों का निवारण हो जाता है. स्वास्थ ठीक रहता है. माताओं की सूनी गोद भरी जाती हैं. विशेष रूप से मनोकामना की सिद्धि के लिए भी इस अनुष्ठान को किया जाता है. रामबाग मंदिर के महंत घनश्याम दास जी महाराज बताते हैं कि वेद पुराण में बताया गया है कि जितनी शक्ति सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, वायु में होती है उससे कहीं ज्यादा शक्ति श्रीराम में विद्यमान है, इसलिए सहस्र राम नाम का जाप करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं.
राम जानकी के चरणों में अर्पित की वस्तुएं
मंदिर में विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान के लिए अलग-अलग वस्तुएं समर्पित की गई. इसमें श्रीराम के 1000 नाम के साथ 1000 कमल के फूल, 1000 शमी पत्र, 1000 गुलाब के फूल, 1000 सिंघाड़े, 1000 खजूर इसी तरह काजू, किशमिश, बादाम, खारक, पिंड खजूर, चिरौंजी, बनारसी बेर, पेड़ा, मूंगफली, चावल, पान, गेहूं, समाई, बूंदी, बतेशा, खुरमी, चना सहित खाने पीने की अलग-अलग तरह की चीज श्रद्धालुओं के द्वारा अपने घर से लाई गई थी. पंडित के द्वारा 1000 नाम का वाचन किया गया.
इस मंत्र का रोज जाप करना चाहिए
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:॥
राम नाम सिद्ध हो तब…
राम के साथ में सीता माता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में हमेशा सुख शांति बनी रहती है, जो व्यक्ति राम नाम को सिद्ध कर लेता है, वह व्यक्ति महान माना जाता है. क्योंकि राम का नाम सिद्धि कर लेने से व्यक्ति के अंदर कई प्रकार की शक्तियां आ जाती हैं, जिनका उपयोग करके जीवन को सरल बनाया जा सकता है.
भूलकर भी न लगाएं मां लक्ष्मी की ऐसी प्रतिमा, हो जाएंगे बर्बाद, छा जाएगी कंगाली
19 Dec, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कहते है मां लक्ष्मी जिस भी व्यक्ति पर प्रसन्न हो जाती हैं, उसपर अपनी असीम कृपा बरसाती हैं. उसे किसी प्रकार से धन वैभव की कोई कमी नहीं रहती है. इसलिए हम लोग देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार से उनकी पूजा अर्चना करते हैं. इसके साथ ही लोग अपने घरों में या अन्य जगहों पर भी माता की तस्वीर या प्रतिमा लगाते हैं.
ज्योतिषाचार्य पं पंकज पाठक के अनुसार माता मां लक्ष्मी धन की देवी हैं. इनकी कृपा से ही धरती पर धन एवं ऐश्वर्य है. हमारे घरों में मां लक्ष्मी की तस्वीर लगाना शुभ होता है. हालांकि इनकी तस्वीर लगाते समय कुछ बातों का हमे बहुत ध्यान रखना आवश्यक होता है, क्योंकि मां लक्ष्मी की कुछ ऐसी तस्वीरें होती हैं, जो हमें धनवान बनाती हैं. लेकिन कुछ तस्वीरें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें घर में लगाना शुभ नहीं माना जाता है. जानिए हमारे घर मे किस तरह की माता माँ लक्ष्मी की तस्वीर लगाना शुभ होता है.
कहते है मां लक्ष्मी जिस भी व्यक्ति पर प्रसन्न हो जाती हैं, उसपर अपनी असीम कृपा बरसाती हैं. उसे किसी प्रकार से धन वैभव की कोई कमी नहीं रहती है. इसलिए हम लोग देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार से उनकी पूजा अर्चना करते हैं. इसके साथ ही लोग अपने घरों में या अन्य जगहों पर भी माता की तस्वीर या प्रतिमा लगाते हैं.
ज्योतिषाचार्य पं पंकज पाठक के अनुसार माता मां लक्ष्मी धन की देवी हैं. इनकी कृपा से ही धरती पर धन एवं ऐश्वर्य है. हमारे घरों में मां लक्ष्मी की तस्वीर लगाना शुभ होता है. हालांकि इनकी तस्वीर लगाते समय कुछ बातों का हमे बहुत ध्यान रखना आवश्यक होता है, क्योंकि मां लक्ष्मी की कुछ ऐसी तस्वीरें होती हैं, जो हमें धनवान बनाती हैं. लेकिन कुछ तस्वीरें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें घर में लगाना शुभ नहीं माना जाता है. जानिए हमारे घर मे किस तरह की माता माँ लक्ष्मी की तस्वीर लगाना शुभ होता है.
शादी से पहले क्यों किया जाता है कुंडली मिलान, कैसे बनती है जन्म कुंडली
19 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में शादियों का सीजन शुरू हो गया है. शादी की पहली सीढ़ी यानी रिश्ता तय होने में जन्म कुंडली की विशेष भूमिका रहती है. कई बार आपने भी सुना होगा की विवाह के लिए युवक-युवती की कुंडली नहीं मिल रही या सभी 36 गुण मिल रहे हैं. ऐसे में एक सवाल निकलकर आता है कि यह जन्म कुंडली कैसे और किसके द्वारा बनाई जाती है. इसके अलावा अगर आप छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जन्म कुंडली बनवाना चाहते हैं तो आप ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला से बनवा सकते हैं. इससे पहले आइए जानते हैं कि जन्म कुंडली कैसे और कब बनाई जाती है.
रायपुर के प्रसिद्ध महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला लगभग 20 साल से जन्म कुंडली बनाने और ज्योतिष का काम करते हैं. उनके दादाजी, नानाजी, पिता सभी इस क्षेत्र में पारंगत रहे हैं. जन्म कुंडली को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि जिस समय और तारीख में जन्म होता है उस दिन के दिनचर्या को ग्रह, गोचर, तिथि, मुहूर्त आदि को लेकर जन्म लिए बच्चे की पूरी जीवन की सभी जानकारियां जन्म कुंडली के माध्यम से पता की जा सकती हैं. जन्म कुंडली जीवन का मार्गदर्शन यानी पथ प्रदर्शक होती है.
कैसे बनाई जाती है जन्म कुंडली
हमारे भारतीय सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र एक बहुत बड़े वैज्ञानिक शास्त्र के रूप में प्रचलित है. जन्म कुंडली के अनुसार आचार, व्यवहार, भूत, भविष्य, वर्तमान सारी जानकारी जन्म कुंडली और ज्योतिष विद्या के माध्यम से पता की जा सकती है. जन्म तारीख और समय को लेकर जन्म कुंडली बनाई जाती है. प्रश्न कुंडली भी बनती है. इसके माध्यम से जातक की बहुत सारी जानकारी उपलब्ध हो जाती है. अगर आप भी जन्म कुंडली बनवाना चाहते हैं
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (19 दिसंबर 2023)
19 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- तनाव व उदर रोग, मित्र लाभ, राजभय तथा पारिवारिक समस्या अवश्य उलझेगी
वृष राशि :- अनुभव सुख मंगल कार्य विरोध मामलें मुकदमों पर प्राय जीत की संभावना हो।
मिथुन राशि :- कुसंगत हानि, विरोध भय यात्रा, सामाजिक कार्यों में व्यवधान अवश्य बनेंगे।
कर्क राशि :- भूमि लाभ, स्त्री सुख, हर्ष, प्रगति, स्थिति में सुधार, लाभ अवश्ह ही होगा।
सिंह राशि - तनाव व विवाद से बचे, विरोधियों की चिन्ता, राजकार्यों से प्रतिष्ठा मिल सकेगी।
कन्या राशि :- भूमि लाभ, स्त्री सुख, हर्ष, प्रगति, स्थिति में सुधार, लाभ तथा कार्य उत्तम होवे।
तुला राशि :- प्रगति, वाहन क्रय, भूमि लाभ, कलह, कुछ अच्छे कार्य कर सकेंगे, ध्यान रखे।
वृश्चिक राशि :- कार्य सिद्ध, विरोध, लाभ, हर्ष कष्ट, व्यय हेवे, व्यापार में सुधार होवे, खर्च होवे।
धनु राशि :- यात्रा में हानि, मित्र कष्ट, व्यय की कमी किन्तु कुछ व्यवस्था का अनुभव होगा।
मकर राशि - शुभ कार्य, वाहन आदि, रोग, धार्मिक कर्म, कुछ अच्छे कार्य हो सकते है, ध्यान रखे।
कुंभ राशि - अभीष्टसिद्ध, राज भय, कार्य बाधा, राज कार्यों में रुकावट का अनुभव अवश्य होगा।
मीन राशि - अल्प हानि, रोग भय, संपर्क लाभ, राज कार्य में विलंब परेशानी होगी।
सोमवार के उपाय: इन 5 उपायों को करने से नहीं होगी धन-सम्पत्ति की कमी, मिलेगा भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद
18 Dec, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंन्दू धर्म में दिनों का विशेष महत्व होता है. हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. इसी तरह सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नियम पूर्वक पूजा करने से भगवान शिव खुश होते हैं और समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं. लेकिन उससे भी जरूरी है कि सोमवार के नियमों की सही जानकारी होना. बता दें कि, धर्म शास्त्र इस दिन कुछ कामों को करने से रोकते हैं. क्योंकि, सोमवार के दिन की गई कुछ गलतियां भगवान भोलेनाथ को नाराज कर सकती हैं. साथ ही आपके जीवन को भी परेशानी में डाल सकती हैं. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से जानते हैं सोमवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
काले वस्त्र न पहनें: ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माना जाता है. इसलिए इसदिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. लेकिन इस दिन कुछ कामों को करने से बचना चाहिए. बता दें कि, सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान कभी भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. ऐसा करने से भोलेनाथ नाराज होते हैं.
अनैतिक कार्यों से बचें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, यदि आप सोमवार का व्रत करने का मन बना रहे हैं, तो आपको इससे जुड़े नियम भी पता होने चाहिए. बता दें कि, यदि आप सोमवार को शिवजी की पूजा करते हैं तो ध्यान रखें कि इस दिन कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे किसी को तकलीफ पहुंचे. इसके अलावा, कोई भी अनैतिक काम करने से भी बचें. ऐसा करने से जीवन संकट में पड़ सकता है.
जुआ या चोरी न करें: वैसे तो सप्ताह के किसी भी दिन गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. खासतौर पर सोमवार के दिन. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि सोमवार के दिन जुआ खेलना, चोरी करना या पराई स्त्री पर बुरी नजर रखना जैसे कार्य कोई व्यक्ति करता है तो वह पाप का भागीदार बनाता है. इसलिए इन बुरे कार्यों को करने की मनाही होती है.
पूजा में तुलसी के उपयोग से बचें: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव की पूजा करते समय गलती से भी पूजा में तुलसी में उपयोग नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि तुलसी श्रापित हैं और शिव जी के द्वारा उनके पति की हत्या की गई थी. इसलिए शिव पूजन में इनकी पूजा नहीं कि जाती.
नारियल न चढ़ाएं: भवगान शिव की पूजा में नारियल का इस्तेमाल भी गलती से नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना गया है. दरअसल नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, जिनका संबंध भगवान विष्णु से है. माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं और नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है. इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए इसका प्रयोग भगवान शिव की पूजा में नहीं होता है.
आज स्कंद षष्ठी व्रत में इन बातों का रखेंगे ध्यान तो पूरी होगी हर मुराद, मांगलिक दोष से भी मिलेगी मुक्ति
18 Dec, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज स्कन्द षष्ठी व्रत है। इसे गुहा षष्ठी भी कहते हैं। आज भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय जी की उपासना की जाती है। कार्तिकेय जी का एक नाम स्कंद भी है, इसलिए इसे स्कंद षष्ठी कहते हैं । साथ ही कार्तिकेय जी को चंपा का फूल पसंद होने के कारण इसे चंपा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं आज कार्तिकेय जी ने तारकासुर का वध किया था। विशेष कार्य की सिद्धि के लिए आज भगवान कार्तिकेय की पूजा बड़ी ही फलदायी है। बता दें कि- मयूर पर आसीन देव सेनापति कुमार कार्तिकेय की आराधना सबसे ज्यादा दक्षिण भारत में होती है।आज चंपा के फूलों से भगवान की पूजा का विशेष विधान है।
पूजा विधि
आज स्कंद षष्ठी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति बनाएं। मूर्ति बनाने के लिये कहीं साफ स्थान से मिट्टी लाकर, उसे छानकर, साफ करके किसी पात्र में रखकर पानी से सान लें। कुछ लोग मिट्टी सानते समय उसमें घी भी मिला लेते हैं। अब इस मिट्टी का पिंड बनाकर उसके ऊपर 16 बार ‘बम्’शब्द का उच्चारण करें। शास्त्रों में ‘बम्’ को सुधाबीज, यानि अमृत बीज कहा जाता है।‘बम्’के उच्चारण से यह मिट्टी अमृतमय हो जाती है। इस तरह कुमार कार्तिकेय की पूजा करने और उनके निमित्त व्रत रखने से व्यक्ति राजा के समान सुख भोगता है और उसे नौकरी में उच्च पद की प्राप्ति होती है।
मंगल भारी होने पर रखें यह व्रत
भगवान कार्तिकेय को षष्ठी तिथि और मंगल ग्रह का स्वामी कहा गया है। अर्थात जिस किसी की जन्म कुंडली में मंगल अच्छी स्थिति में नहीं चल रहा हो या जिस राशि में मंगल नीच का हो, उन्हें आज स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और उनके निमित्त व्रत रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में भगवान कार्तिकेय का निवास बताया गया है और इनका वाहन मोर है।
स्कंद षष्ठी के दिन कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए
आज के दिन तिल का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर संभव हो तो आज रात के समय भूमि पर सोना चाहिए।
आज भूमि पर शयन करने से स्वास्थ्य सबंधी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।
इस दिन भगवान कार्तिकेय के मंदिरों के दर्शन करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है।
नए साल पर गिफ्ट में भूलकर भी न दें ये 8 सामान, वरना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज
18 Dec, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बस कुछ दिनों बाद साल 2023 खत्म होने वाला है और नए साल 2024 की शुरुआत होगी. ऐसी स्थिति में अगर आप अपने लाइफ पार्टनर या किसी दोस्त को गिफ्ट देने की सोच रहे हैं तो फिर आपको ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना होगा नहीं तो माता लक्ष्मी आपसे रूठ जाएंगी. वास्तु शास्त्र के अनुसार आप अपने प्रियजनों को कभी भी ऐसी गिफ्ट नहीं देना चाहिए जिससे माता लक्ष्मी नाराज हो और आपके रिश्तों में खटास पैदा हो.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि कई बार जानकारी न होने पर हम कोई गलत तोहफा दे देते हैं. जिससे सामने वाले को भी परेशानी हो सकती और हमारे जीवन पर भी इसका गहरा असर पड़ता है. वास्तु तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर जातक कुछ नियमों का पालन करते हैं तो माता लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती है. ऐसी स्थिति में अगर आप किसी को नए साल के मौके पर कुछ उपहार देना चाहते हैं तो कुछ नियमों का पालन आवश्यक करना चाहिए.
जूते, चप्पल, चाकू और कैंची
नए साल के मौके पर किसी को जूते, चप्पल, चाकू और कैंची गिफ्ट नहीं देना चाहिए. वास्तु शास्त्र में इसे दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है. ऐसी चीजों को उपहार में देने से बचना चाहिए .
वनवास के दौरान भगवान राम ने अपने हाथों से किया था इस कुटिया का निर्माण
18 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भगवान श्रीराम की वनवास स्थली चित्रकूट में अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल हैं. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आकर यहां बने मठ-मंदिरों में पूजा पाठ करते हैं. मान्यताओं के मुताबिक भगवान राम ने चित्रकूट में भी अपने वनवास के दौरान साढ़े 11 वर्ष का समय बिताया था, जहां उनके साथ माता सीता और अनुज लखन साथ थे. आज हम चित्रकूट के एक ऐसे स्थान के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जहां खुद प्रभु श्री राम ने आपके हाथों से घास-फूस और पत्तों से कुटिया का निर्माण किया था.
हम बात कर रहे है चित्रकूट के रामघाट से 500 मीटर दूर बने पर्णकुटी स्थान की. जहां प्रभु श्री राम ने अपने हाथो से घास-फूस और पत्तों से कुटिया का निर्माण किया था. यहां प्रभु श्री राम, माता सीता विश्राम किया करते थे. तो वही दूसरी ओर बनी एक कुटिया में रहकर लक्ष्मण जी सुरक्षा के दायित्वों का निर्वहन किया करते थे. इस पत्ते और घास फूस से बनी हुई कुटी को पर्णकुटी के नाम से जाना जाता है.
भगवान राम की तपोभूमि है चित्रकूट
मंदिर के पुजारी कृष्ण दास ने बताया कि प्रभु श्री राम ने अपने हाथों से इस कुटिया का निर्माण किया था. जहां वह माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ रहा करते थे और इसी कुटिया में वह साधु संतों के साथ सत्संग भी किया करते थे. उन्होंने बताया कि त्रेता युग में जब अयोध्या नरेश राजा दशरथ के पुत्र भगवान श्रीराम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण सहित 14 वर्ष के वनवास के लिए निकले थे. तब उन्होंने आदि ऋषि वाल्मीकि की प्रेरणा से तप और साधना के लिए चित्रकूट आए थे.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (18 दिसंबर 2023)
18 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मन में अशांति, किसी परेशानी से बचिए, कुटुम्ब की समस्याएं सुलझ जाएगी।
वृष राशि :- संवेदनशील होने से बचिएगा, नहीं तो अपने किए पर पछताना ही पड़ेगा, ध्यान रखे।
मिथुन राशि :- मानसिक कार्य में सफलता, सहयोग तथा संतोष होगा धन लाभ होगा, बिगड़े कार्य बनेंगे।
कर्क राशि :- विरोधियों का समर्थन फलप्रद होगा तथा शुभ कार्य के योग अवश्य ही बन जाएगा।
सिंह राशि - व्यवसायिक क्षमता अनुकूल रहे, स्थिति पूर्ण नियंत्रण पर बनी ही रहेगी, ध्यान रखे।
कन्या राशि :- सामाजिक कार्यो में प्रभुत्व प्रतिष्ठा वृद्धि होगी, धन लाभ आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा।
तुला राशि :- अधिकारी वर्ग से विशेष समर्थन फल प्राप्त होवे तथा रुके कार्य अवश्य ही बन जाएगे।
वृश्चिक राशि :- धन लाभ, कार्य कुशलता से संतोष होगा, पराक्रम एवं समृद्धि के योग बन जाएगे।
धनु राशि :- स्त्री शरीर चिन्ता, विवाद ग्रस्त होने से बचिएगा, रुके कार्य बनने के योग बनेंगे।
मकर राशि - मनोबल उत्साहवर्धक हो, दैनिक कार्य गति में सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
कुंभ राशि - कार्य व्यवसाय में उत्तेजना, धन का व्यय तथा शक्ति निश्फल अवश्य होगी।
मीन राशि - अधिकारी वर्ग का समर्थन फलप्रद होवे, सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
ये 5 आदतें व्यक्ति की होती हैं सबसे बड़ी दुश्मन, बना देती हैं कंगाल, जानिए क्या कहती है चाणक्य की नीति
17 Dec, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Chanakya Niti: महान गुरु आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति से बहुत लोगों का मार्गदर्शन किया है। उनके द्वारा लिखी गई नीति शास्त्र समाजिक और राजनीतिक जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाता है। उनकी बनाई नीतियां लोगों के लिए आज भी सफलता का सिद्धांत साबित होती हैं। चाणक्य भले ही आज नहीं हैं लेकिन उनकी नीतियों को लोग आज भी पढ़ते हैं और उसमें लिखी बातों का आज भी पालन करते हैं।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में व्यक्ति की उन आदतों के बारे में बताया है जो उसे दरिद्र बना देती हैं। इन बुरी आदतों के कारण व्यक्ति अपना जीवन बरबाद कर देते हैं और अंत में कंगाल हो जाते हैं। आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने मनुष्य की वो कौन सी बुरी आदतों के बारे में बताया है जो उसका पतन करती हैं।
गंदगी से रहना
आचार्य चाणक्य ने जो पहली बुरी आदत मनुष्य के बारे में बताई है वह गंदी तरह से रहना है। जो उसके विनाश का कारण बनती है। जो लोग गंदे रहते हैं और साफ कपड़े नहीं पहनते हैं। ऐसे लोग सदैव दरिद्र रहते हैं और जीवन में कभी कुछ नहीं प्राप्त कर पाते हैं। गंदगी से रहना इनके लिए अभिशाप बन जाता है। इसलिए इन लोगों को ये आदत तुरंत त्याग देनी चाहिए नहीं तो इनका पतन होना तय हो जाता है।
बिना सोचे समझे धन खर्च करना
जिन लोगों का खर्चों पर नियंत्रण नहीं रहता है वो शीघ्र ही कंगाल हो जाते हैं। आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति की गरीबी के ये लक्ष्ण बताते हुए कहा कि जो लोग अपनी कमाई से ज्यादा पैसा खर्च करते हैं और नियम पूर्वक अपने व्यय पर लगाम नहीं लगाते हैं। उनका एक न एक दिन कंगाल होना निश्चित होता है। इसलिए व्यक्ति को चाहिए की जरूरत पड़ने वाली चीजों पर ही धन का उचित व्यय करें।
संध्या सूर्यास्त के समय सोने वाली आदत
सूर्यास्त का समय सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग संध्या में सूर्य के अस्त होने के समय सोते रहते हैं वह महा दरिद्र होते हैं। यह समय मां लक्ष्मी की वंदना के लिए होता है और जो लोग इस समय सोते रहते हैं उन पर मां लक्ष्मी कभी कृपा नहीं करती और जीवन भर वह कंगाल बने रहते हैं।
आलस्य में पड़े रहना
मनुष्य का सबेस बड़ा शत्रु आलस्य होता है। चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि जो लोग आलसी स्वभाव के होते हैं, ऐसे व्यक्ति संसार के लिए बोझ के समान होते हैं। यह जीवन में कभी भी सफल नहीं बन पाते हैं। इस आदत को शीघ्र छोड़ देना चाहिए और जीवन के अनेक महत्वपूर्ण अवसरों को प्राप्त कर मनुष्य को आगे बढ़ते रहना चाहिए। चाणक्य ने अंत में बताया है कि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है।
कटु वचन बोलने वाले लोग
आचार्य चाणक्य ने मनुष्य की कंगाली का सबसे बड़ा लक्ष्ण उसकी कड़वी बोली को बताया है। उनका कहना है कि जो लोग ऊंची आवाज में लोगों से बात करते हैं और लोगों को सदैव अपशब्द कहते हैं मां लक्ष्मी उनसे तुरंत नाराज हो जाती हैं और उनके बने बनाए काम एक बोली की वजह से बिगड़ जाते हैं। इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि वो हमेशा लोगों से मीठे बोल बोले और उनसे अच्छा व्यवहार बना कर रखे।
जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
17 Dec, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Aaj Ka Panchang 17 December 2023: 17 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और रविवार का दिन है। पंचमी तिथि रविवार शाम 5 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। 17 दिसंबर को रात 12 बजकर 35 मिनट तक हर्षण योग रहेगा। साथ ही रविवार देर रात 2 बजकर 54 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा रविवार दोपहर बाद 3 बजकर 45 मिनट से पंचक शुरू हो जाएंगे। 17 दिसंबर को श्री राम विवाहोत्सव भी मनाया जाएगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय- सूर्यास्त का समय।
17 दिसंबर 2023 का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि- रविवार शाम 5 बजकर 34 मिनट तक
हर्षण योग- 17 दिसंबर को रात 12 बजकर 35 मिनट तक
धनिष्ठा नक्षत्र- रविवार देर रात 2 बजकर 54 मिनट तक
पंचक शुरू- रविवार दोपहर बाद 3 बजकर 45 मिनट से
17 दिसंबर 2023 व्रत-त्यौहर- श्री राम विवाहोत्सव (विवाह पंचमी)
राहुकाल का समय
दिल्ली- सुबह 09:41 से सुबह 10:58 तक
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18 दिसंबर को रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत, इस विधि के साथ करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, मिलेंगे ये अद्भुत लाभ
17 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Skanda Sashti 2023: 18 दिसंबर को स्कंद षष्ठी व्रत किया जाएगा। प्रत्येक मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी मनाया जाता है। लेकिन कुछ लोग यह व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को भी करते हैं दोनों ही व्रत मान्य हैं। कार्तिकेय जी का एक नाम स्कंद भी है, इसलिए इसे स्कंद षष्ठी कहते हैं। इसे गुहा षष्ठी भी कहते हैं। साथ ही कार्तिकेय जी को चंपा का फूल पसंद होने के कारण इसे चंपा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं आज कार्तिकेय जी ने तारकासुर नामक दैत्य के अत्याचार को समाप्त किया था।
स्कंद षष्ठी के अवसर पर मंदिरों में शिव-पार्वती की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन स्कंद देव कार्तिकेय की स्थापना करके उनकी भी पूजा की जाती है और अखंड दीपक जलाएं जाते हैं। विशेष कार्य की सिद्धि के लिए इस समय की गई पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती है। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत विधिपूर्वक करने से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है। वहीं अगर पहले से संतान है और संतान को कोई समस्या या किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य समस्या है तो यह व्रत संतान को इन सबसे बचाने में सहायता करता है।
कहते हैं कि स्कंद माता कुमार कार्तिकेय के पूजन से जितनी प्रसन्न होती हैं, उतनी वे स्वयं के पूजन से भी नहीं होती हैं। विशेष कार्य की सिद्धि के लिए स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा बड़ी ही फलदायी है। मयूर पर आसीन देव सेनापति कुमार कार्तिकेय की आराधना सबसे ज्यादा दक्षिण भारत में होती है। चंपा के फूलों से भगवान कार्तिकेय की पूजा का विशेष विधान है।
भगवान कार्तिकेय की पूजा से कुंडली में मंगल होगा मजबूत
भगवान कार्तिकेय को षष्ठी तिथि और मंगल ग्रह का स्वामी कहा गया है। अर्थात जिस किसी की जन्म कुंडली में मंगल अच्छी स्थिति में नहीं चल रहा हो या जिस राशि में मंगल नीच का हो, उन्हें आज स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और उनके निमित्त व्रत रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में भगवान कार्तिकेय का निवास बताया गया है और इनका वाहन मोर है।
स्कंद षष्ठी व्रत पूजा विधि
स्कंद षष्ठी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति बनाएं। मूर्ति बनाने के लिये कहीं साफ स्थान से मिट्टी लाकर, उसे छानकर, साफ करके किसी पात्र में रखकर पानी से सान लें। कुछ लोग मिट्टी सानते समय उसमें घी भी मिला लेते हैं। अब इस मिट्टी का पिंड बनाकर उसके ऊपर 16 बार 'बम' शब्द का उच्चारण करें। शास्त्रों में 'बम' को सुधाबीज, यानि अमृत बीज कहा जाता है। 'बम' के उच्चारण से यह मिट्टी अमृतमय हो जाती है। अब उस मिट्टी से कुमार कार्तिकेय की मूर्ति बनानी चाहिए। मूर्ति बनाते समय मंत्र पढ़ना चाहिए- 'ऊँ ऐं हुं क्षुं क्लीं कुमाराय नमः।
इस प्रकार कुमार कार्तिकेय की मूर्ति बनाने के बाद भगवान का आह्वान करना चाहिए और कहना चाहिए- 'ऊँ नमः पिनाकिने इहागच्छ इहातिष्ठ' फिर मन से भगवान का उपचार करते हुए उनके पैर आदि का पूजन करना चाहिए। इसके बाद भगवान को स्नान कराना चाहिए और स्नान कराते समय कहना चाहिए- 'ऊँ नमः पशुपतये' स्नान के बाद 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र से गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य भगवान को अर्पित करें। इस तरह पूजा के बाद भगवान की मूर्ति को आदरपूर्वक जल में विसर्जित कर देना चाहिए। इस तरह कुमार कार्तिकेय की पूजा करने और उनके निमित्त व्रत रखने से व्यक्ति राजा के समान सुख भोगता है और उसे नौकरी में उच्च पद की प्राप्ति होती है।
स्कंद षष्ठी व्रत के दिन इन बातों का रखें ध्यान
स्कंद षष्ठी व्रत के दिन तिल या तिल से बनी किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर संभव हो तो स्कंद षष्ठी व्रत के दिन रात के समय भूमि पर सोएं।
स्कंद षष्ठी व्रत के दिन भूमि पर शयन करने से स्वास्थ्य सबंधी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।
स्कंद षष्ठी व्रत के दिन भगवान कार्तिकेय का दर्शन मंदिर जाकर करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (17 दिसंबर 2023)
17 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मान प्रतिष्ठा बाल-बाल बचें, कार्य व्यवसाय गति उत्तम, स्त्री से हर्ष उल्लास होगा।
वृष राशि :- धन प्राप्त के योग बनेंगे, नवीन मैत्री तथा मंत्रणा फल प्राप्त होगा, समय का ध्यान रखे।
मिथुन राशि :- इष्ट मित्र सहायक रहे, व्यावसायिक क्षमता में वृद्धि होवे तथा कार्य अवश्य बन जाएगे।
कर्क राशि :- सामाजिक मान प्रतिष्ठा, कार्यकुशलता से संतोष, रुके कार्य बन ही जाएंगे, ध्यान दें।
सिंह राशि - परिश्रम से समय पर कार्य पूर्ण होंगे तथा व्यवसाय गति उत्तम अवश्य बनेगी।
कन्या राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद्र रहे तथा कार्य कुशलता से संतोष होगा, ध्यान रखे।
तुला राशि :- दैनिक व्यवसाय गति उत्तम, मान सम्मान तथा व्यावसायिक चिन्ताएं कम होगी।
वृश्चिक राशि :- कार्यवृत्ति में सुधार होगा, असमंजस तथा सफलता न मिलें, कार्य अवरोध होगा।
धनु राशि :- स्थिति अनियमित रखे तथा नियंत्रण स्थिति को रखना आवश्यक होगा, ध्यान रखे।
मकर राशि - मानसिक खिन्नता एवं भाव में मानसिक उद्विघ्नता, अस्थिरता अवश्ह ही होगी।
कुंभ राशि - योजनाएं फलीभूत होगी, विघटनकारी तत्व परेशान अवश्य ही करेंगे।
मीन राशि - मनोबल उत्साह वर्धक होगा, कार्य कुशलता से संतोष अवश्य होगा।
शनिवार के दिन भूलकर भी न खरीदें 5 चीजें, शनिदेव हो जाएंगे क्रोधित, शुरू हो जाएगी उल्टी गिनती, 99% लोग करते हैं गलती
16 Dec, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं. शास्त्रों के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव का समर्पित है. इस दिन व्रत रखकर शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है. यह दिन कई मायनों में बेहद खास होता है और इस दिन कई काम करने की मनाही होती है. आपने बचपन से सुना होगा कि शनिवार के दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए. हालांकि इस दिन कई चीजों के खरीदने पर भी पाबंदी होती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि लोहा और नमक समेत कुछ चीजें खरीदने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं और लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. खास बात यह है कि तमाम लोग इन बातों को नहीं जानते हैं और गलती कर बैठते हैं. नई दिल्ली की ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार डॉ. तारा मल्होत्रा से शनिवार के कुछ नियम जान लेते हैं.
– शनिवार के दिन लोगों को नमक नहीं खरीदना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है और ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं. उनके क्रोध से बचने के लिए नमक खरीदने से बचना चाहिए. ऐसा भी माना जाता है कि शनिवार को नमक खरीदने से कर्ज बढ़ता है और आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है.
– इस दिन लोहे से बनी चीजें खरीदने की भी मनाही है. शास्त्रों के अनुसार शनिवार के दिन लोहे की चीजें खरीदना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा करने से शनिदेव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप कोई लोहे की चीज खरीद रहे हैं, तो उसे घर न लाएं और अगले दिन ही घर लाकर रखें. ऐसा करने से आपको नुकसान नहीं होगा.
– ज्योतिषी की मानें तो शनिवार के दिन लोगों को कैंची नहीं खरीदनी चाहिए. ऐसा करना भी अशुभ माना जाता है. जो लोग ऐसा करते हैं, उनके परिवार में झगड़े बढ़ सकते हैं. रिश्तों को बेहतर बनाए रखने के लिए लोगों को इस दिन कैंची खरीदने से बचना चाहिए.
– शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाया जाता है, लेकिन इस दिन मस्टर्ड ऑयल खरीदने से बचना चाहिए. शनिवार के दिन तेल खरीदना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा करने से लोगों को हेल्थ से संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं. सरसों का तेल शनिवार को खरीदने से घर में रोगों का अटैक हो सकता है.
– इस दिन काले रंग के कपड़े, जूते-चप्पल, कोयला खरीदना भी अशुभ माना जाता है. इसके अलावा झाड़ू खरीदने की भी मनाही होती है. मान्यताओं के अनुसार शनिवार के दिन ये चीजें खरीदने से शनि दोष लगता है और उनके कार्यों में रुकावट आने लगती है. परेशानियों से बचने के लिए इन चीजों को खरीदने से बचना चाहिए.