धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। दिसंबर 2023 में साल की आखिरी अमावस्या होगी
6 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर । हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। दिसंबर 2023 में साल की आखिरी अमावस्या होगी। कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या 12 दिसंबर को है। अमावस्या के दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष लाभ मिलता है। अमावस्या के दिन भगवान हनुमान और मंगल ग्रह की पूजा करनी चाहिए। इस दिन विधिवत आराधना के साथ उपाय करने से जीवन की कठिनाइयां दूर होती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए उपायों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
कार्तिक अमावस्या तिथि 2023
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर को सुबह 6.24 बजे शुरू होकर 13 दिसंबर को सुबह 5.01 बजे समाप्त होगी।
कार्तिक अमावस्या शुभ मुहूर्त 2023
पंचांग के अनुसार, इस दिन धृति योग बनेगा। यह योग शाम 06.52 मिनट तक रहेगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का समय सुबह 5.15 बजे से सुबह 6.09 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.54 बजे से दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा।
क्या है कार्तिक अमावस्या महत्व?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कार्तिक अमावस्या का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान हनुमान, सूर्य देव, देवराज इंद्र और पितरों को समर्पित है। इस दिन पवनपुत्र की पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। यह भी मान्यता है कि इस दिन दान करने से मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (06दिसंबर 2023)
6 Dec, 2023 12:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- तनाव पूर्ण वातावरण से बचिये, स्त्री शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी अवश्य बनेगी।
वृष राशि :- भोग-ऐश्वर्य प्राप्ति के बाद तनाव व क्लेश होगा, तनाव से बचकर चलें।
मिथुन राशि :- भोग-ऐश्वर्य, तनाव व क्लेश की स्थिति का वातावरण बनेगा, धैर्य पूर्वक कार्य करें।
कर्क राशि :- अधिकारियें का समर्थन फलप्रद होगा, भाग्य साथ देगा, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे।
सिंह राशि :- परिश्रम सफल होगा, व्यवसायिक गति मंद होगी, आर्थिक योजना पूर्ण अवश्य ही होगी।
कन्या राशि :- कार्य व्यवसाय गति उत्तम, व्यर्थ परिश्रम तथा कार्यगति पर ध्यान अवश्य दें।
तुला राशि :- किसी दुर्घटना से बचें, चोट-चपेटादि कम हो, रुके कार्य-व्यवसाय अवश्य ही होंगे।
वृश्चिक राशि :- कार्यगति अनुकूल रहेगी, लाभांवित कार्य योजना बनेगी, बाधा आदि से बच कर चलें।
धनु राशि :- प्रतिष्ठा के साधन बनेंगे किन्तु लाभ की स्थिति कम, कार्य अवरोध होगा।
मकर राशि :- अधिकारी वर्ग से तनाव, क्लेश होगा, मानसिक अशांति, कार्य बनेंगे ध्यान दें।
कुंभ राशि :- मनोबल बनाये रखें, नया कार्य विचार होगा, समय स्थिति को ध्यान में रखकर कार्य अवश्य करें।
मीन राशि :- दैनिक कार्यगति उत्तम होगी, कुटुम्ब में सुख समय उत्तम बनेगा, समय का ध्यान रखें।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (05 दिसंबर 2023)
5 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वृष :- समय अनुकूल नहीं है, लेन-देन के मामले विफल रहेंगे, व्यर्थ विवाद से बचें।
मिथुन :- व्यर्थ समय नष्ट होगा, यात्रा प्रसंग में थकावट व बेचैनी बनी रहेगी, समय समस्या का ध्यान रखें।
कर्क :- प्रयत्नशीलता विफल हो, परिश्रम करने में ही कुछ सफलता अवश्य मिलेगी।
सिंह :- परिश्रम से कार्यपूर्ण होंगे, तर्क-वितर्क से विजय प्राप्त हो, सफलता मिले, धन का लाभ होगा।
कन्या :- व्यवसायिक अनुकूलता से असंतोष किन्तु कार्य-व्यवस्था अनुकूल बनी रहेगी।
तुला :- किसी तनावपूर्ण वातावरण से बचिये, कुछ उदविघ्नता से परेशानी बने, मित्रों से लाभ होगा।
वृश्चिक :- परिश्रम से कार्य में सुधार होते हुए भी फलप्रद नहीं, कार्य विफलत्व की चिन्ता बनेगी।
धनु :- स्त्री वर्ग से उल्लास, इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे तथा रुके कार्य अवश्य ही बन जायेंगे।
मकर :- स्वभाव में क्लेश व अशांति, व्यर्थ विभ्रम, भय तथा उद्विघ्नता अवश्य बनेगी।
कुम्भ :- कार्यगति अनुकूल रहेगी, चिन्ताएW कम होंगी तथा विलासिता के साधन जुटायेंगे।
मीन :- आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा तथा इष्ट मित्रों का समर्थन फलप्रद होगा।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (04 दिसंबर 2023)
4 Dec, 2023 12:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- इष्ट मित्रों की संभावना सतर्कता से कार्य करें, आय के नये रास्ते खुलने से लाभ होगा।
वृष राशि - समय हर्ष व उल्लास से बीतेगा, धनलाभ, अधिकारीगण आपके कार्य का समर्थन करेंगे ।
मिथुन राशि - सफलता के साधन जुटाये, तनावपूर्ण स्थिति से बचियेगा, कार्यगति मंद होगी।
कर्क राशि - स्थिति में सुधार, वर्ग से हर्ष, व्यावसायिक क्षमताएं अनुकूल अवश्य ही बनेंगी।
सिंह राशि - आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, तथा कार्यगति में सुधार अवश्य होगा।
कन्या राशि - व्यर्थ में धन व्यर्थ होगा, दूसरों के प्रति कार्य करने में हस्तक्षेप न करें।
तुला राशि - कार्यगति अनुकूल बनेगी, आशानुकूल सफलता का हर्ष बनने से मन प्रफुल्लित होगा।
वृश्चिक राशि - सामाजिक कार्यो में प्रतिप्रभुत्व वृद्धि एवं कार्य कुशलता से संतोष होगा।
धनु राशि - आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, योजना फलीभूत होंगी, रुके कार्य अवश्य बनेंगे।
मकर राशि - अधिकारियों के संपर्क से बचें, तनाव क्लेश व अशांति तथा बैचेनी अवश्य होवेगी।
कुंभ राशि - उद्विघ्नता व असमंजस का वातावरण मन को क्लेशयुक्त बनाने का कार्य करेगा।
मीन राशि - बिगड़े हुए कार्य बनेंगे, आमदनी के नए नए उत्पन्न होने से आय बढ़ेगी।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (03 दिसंबर 2023)
3 Dec, 2023 12:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- शत्रुओं का समन, स्वजनों का साथ मिलेगा, शत्रु कर्मो में प्रवृत्ति होगी, ध्यान रखें।
वृष राशि - पारिवारिक उत्तरदायित्व की पूर्ति होगी, धर्म अध्ययन में वृद्धि होवेगी, ध्यान दें।
मिथुन राशि - मित्रों का सहयोग मिलेगा, भाग्य उन्नति,प्रियजनों से मेल मिलाप अवश्य बनेगा।
कर्क राशि - संतान का सुख मिलेगा, नौकरी वालों की पदोन्नति का योग बनेगा।
सिंह राशि - पानी के स्वास्थ्य की चिंता तथा चोट से धन की हानि का योग अवश्य ही बनेगा।
कन्या राशि - कार्य व्यवसाय में अर्थलाभ व आलस्य की स्थिति बनेगी, परामर्श से सफलता मिलेगी।
तुला राशि - आर्थिक सामाजिक राजनैतिक विकास व लाभ पक्ष आदि से सुख ही मिलेगा।
वृश्चिक राशि - पत्नी, संतान का सुख आकस्मिक धनलाभ तथा विवाद का निपटारा होने का योग है।
धनु राशि - पुरानी समस्याओं का समाधान होगा, अच्छे लोगों से सहयोग से कार्य बनेगें।
मकर राशि - इष्टमित्रों से इच्छानुकूल सहयोग की प्राप्ति होगी तथा दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा।
कुंभ राशि - विरोध की स्थिति बनेगी, गृह कलह से मन अप्रसन्न रहेगा, जीवन सुखी रहेगा।
मीन राशि - व्यर्थ में विवाद होने का भय सतायेगा,सामान्य वातावरण का ब्यौहार बनेगा।
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग नहीं भूलते ये 3 बातें, उनके जीवन में जल्द मिलेगी सफलता
2 Dec, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाणक्य नीति: व्यवसाय और करियर में सफलता पाने के लिए आचार्य चाणक्य की सलाह अच्छा मार्गदर्शन प्रदान करेगी। इस प्राचीन भारतीय दार्शनिक की शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी सैकड़ों साल पहले थीं, और करियर और व्यवसायों में सफलता चाहने वालों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती हैं।
हर कोई सफल होने का सपना देखता है, लेकिन यह हमारे कार्य और अभ्यास हैं जो हमारी सफलता या विफलता का निर्धारण करते हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, हमें अपने भीतर बदलाव लाने और कुछ आदतों और सिद्धांतों को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य की शिक्षाएँ व्यवसाय जगत में सफलता के लिए एक रोड मैप प्रदान करती हैं और नैतिकता, तंत्र और व्यक्तिगत विकास पर मूल्यवान शिक्षा प्रदान करती हैं। अपने दैनिक जीवन में इन सिद्धांतों का पालन करके, हम सफलता की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं और व्यवसाय में शीर्ष तक अपनी यात्रा को थोड़ा आसान बना सकते हैं।
इसलिए अगर आप अपने बिजनेस या करियर में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो आचार्य चाणक्य की सलाह अपनाएं। उनकी बुद्धिमत्ता और मार्गदर्शन समय की कसौटी पर खरा उतर सकता है और आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन सकता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार करियर और बिजनेस में सफलता पाने के लिए इन तीन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
समस्या का समाधान
किसी भी क्षेत्र में बाधाएँ एवं समस्याएँ प्रायः अप्रत्याशित रूप से आती हैं। उस स्थिति में उदास होने की बजाय आपको समस्या से उबरने के तरीके ढूंढने चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग चुनौतियों का सामना करने के बजाय समाधान तलाशते हैं उन्हें जीवन में हमेशा सफलता मिलती है।
हर समस्या का एक समाधान होता है. शांत और तर्कसंगत रहकर, व्यक्ति हमेशा किसी समस्या को हल करने का रास्ता ढूंढ सकता है। यह दृढ़ निर्णय-प्रक्रिया वांछित लक्ष्य की प्राप्ति की ओर ले जाती है।
इसलिए चाणक्य की शिक्षाएं इस बात पर जोर देती हैं कि ईमानदार समाधान खोजने और गलतियों से सीखने की क्षमता विकसित करके किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।
तुरंत कार्रवाई करें और किसी भी तरह की देरी न करें
किसी भी काम को तुरंत पूरा करना बहुत जरूरी है। यदि हम आलस्य से बचें और निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ अथक प्रयास करें तो सफलता हमारे पीछे आएगी। आचार्य चाणक्य की शिक्षाएं इसी बात पर जोर देती हैं।
चाणक्य कहते हैं कि आज सौंपा गया काम किसी भी कारण से कल के लिए नहीं टालना चाहिए। काम से बचना सफलता से बचना है। इसलिए लक्ष्य तक पहुंचने तक हमारा प्रयास जारी रहना चाहिए। यदि आप कड़ी मेहनत करेंगे तो सफलता निश्चित है। यदि आप सावधानी और सावधानी से काम करेंगे तो आपको जीवन में जल्द ही सफलता मिलेगी।
सोच-समझकर निर्णय लें
सभी को प्रभावित करने वाले निर्णय लेते समय कुछ बिंदुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। जब कार्यस्थल पर कोई समस्या हो तो व्यक्तिगत राय को अलग रखना महत्वपूर्ण है। लेकिन यदि आप निर्णय लेते समय सभी के विचारों को तौलने और अपने हितों पर विचार करने के लिए समय निकालते हैं, तो सफलता निश्चित है।
इसलिए आचार्य चाणक्य की शिक्षाएँ बहुत महत्वपूर्ण हैं और हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। यदि आप इन सिद्धांतों का पालन करते हैं, तो आप करियर और काम में सफल होंगे।
क्या आप जानते हैं कि अगर आप सोने से पहले अपने तकिए के नीचे 2 इलायची रख दें तो क्या होता है?
2 Dec, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ हमारा स्वास्थ्य है। संतुलित स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए हम सख्त आहार और कठिन व्यायाम का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनसे जुड़ी एक साधारण सी चीज़ आपके लिए स्वास्थ्य और सौभाग्य ला सकती है?
अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए, आपको व्यायाम करना चाहिए, हाइड्रेटेड रहना चाहिए, अपनी दवाएं समय पर लेनी चाहिए, भरपूर आराम करना चाहिए, स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए और किसी पेशेवर से बात करनी चाहिए।
इसके अलावा यह भी किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य और भाग्य से भरा जीवन पाने के लिए सोने से पहले अपने तकिए के नीचे कुछ चीजें रखें।
मुद्रा
सिक्का अच्छी आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसे सोने से पहले तकिए की पूर्व दिशा में रखना चाहिए। यह आपके जीवन में सौभाग्य और अवसरों को आकर्षित करेगा।
चाकू
यदि आप तनाव के कारण लगातार बुरे सपने देख रहे हैं, तो एक तरकीब यह है कि आप अपने तकिए के नीचे धातु के चाकू रखें ताकि आप मानसिक शांति का आनंद ले सकें। अपनी सुरक्षा के लिए, आप चाकू को एक कपड़े में ढँक सकते हैं, जिसका नुकीला भाग ऊपर की ओर हो और अपने तकिए के नीचे सोएँ।
सुगंधित फूल
हम अक्सर लोगों को खुशनुमा और खुशनुमा माहौल बनाने के लिए सुगंधित मोमबत्तियाँ और धूपबत्ती जलाते हुए देखते हैं। यह विश्राम और मन की शांति को बढ़ावा देता है।
इसी तरह आप सोने से पहले अपने तकिये के नीचे सुगंधित फूल भी रख सकते हैं। यह आपकी भावनाओं को शांत करने और आपके वैवाहिक जीवन में खुशियों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
इलायची
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तकिये के नीचे इलायची या हरी मिर्च रखने से नींद के फरिश्ते का आह्वान होता है। यह आपको आराम महसूस करने में मदद करेगा और आपके दिमाग को तनाव से राहत देगा। यह सौभाग्य भी लाता है।
एक गिलास में पानी
आप सोने से पहले अपने तकिए के पास तांबे के बर्तन में पानी रख सकते हैं। आप इसे अपने नाइटस्टैंड पर या फर्श पर रख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, अगर आप रात में प्यासे जागते हैं, तो आप पानी पी सकते हैं और फिर से सो सकते हैं।
मोटी सौंफ़
वास्तु शास्त्र में सौंफ का संबंध राहु दोष को ठीक करने से है। यह आपको उस तनाव से छुटकारा पाने में मदद करेगा जो आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति को परेशान करता है।
लहसुन
वास्तु विशेषज्ञ सोने से पहले अपने तकिए के नीचे लहसुन रखने की सलाह देते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है। अगर आपको इसकी गंध पसंद नहीं है तो आप लहसुन को एक कंटेनर में रख सकते हैं।
प्रतिभा की पहचान
2 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूनान के किसी गांव का एक लड़का लकड़ियां काटकर गुजारा करता था। वह दिन भर जंगल में लकड़ियां काटता और शाम को पास के शहर के बाजार में उन्हें बेच देता था। एक दिन एक विद्वान व्यक्ति बाजार से जा रहा था। उसकी नजर बालक के गट्ठर पर पड़ी जो बेहद कलात्मक ढंग से बंधा था। उसने उस लड़के से पूछा- क्या यह गट्ठर तुमने खुद बांधा है? लड़के ने जवाब दिया- जी हां, मैं दिन भर लकड़ी काटता हूं, स्वयं गट्ठर बांधता हूं और रोज शाम को बाजार में बेच देता हूं। उस व्यक्ति ने कहा- क्या तुम इसे खोलकर इसी प्रकार दोबारा बांध सकते हो? लड़के ने गट्ठर खोला तथा बड़े ही सुंदर तरीके से उसे फिर बांध दिया। यह कार्य वह बड़े ध्यान, लगन और फुर्ती के साथ कर रहा था।
लड़के की एकाग्रता, लगन तथा कलात्मक रीति से काम करने के तरीके ने उस व्यक्ति को काफी प्रभावित किया। उसे बच्चे में काफी संभावना नजर आई। उसने पूछा- क्या तुम मेरे साथ चलोगे? मैं तुम्हें अपने साथ रखूंगा, शिक्षा दिलाऊंगा। तुम्हारा सारा खर्चा मैं उठाऊंगा। बालक ने सोच-विचार कर अपनी स्वीकृति दे दी और उसके साथ चला गया। उस व्यक्ति ने बालक के रहने और उसकी शिक्षा का प्रबंध किया। वह स्वयं भी उसे पढ़ाता था और नई-नई बातें सिखाता था। थोड़े ही समय में उस बालक ने उच्च शिक्षा हासिल की और काफी कुछ ज्ञान अर्जित कर लिया। बड़ा होने पर यह बालक यूनान के महान दार्शनिक पाइथागोरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ। और जिस व्यक्ति ने उसे अपने यहां रखा था वह था यूनान का विख्यात तत्व ज्ञानी डेमोप्रीट्स।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (02 दिसंबर 2023)
2 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्याएं सुलझे, भाग्य का सितारा प्रबल होगा, बिगड़े कार्य बन जाएंगे।
वृष राशि - चिन्ताएं कम हो, स्त्रीवर्ग से सुखवर्धक स्थिति होगी तथा प्रभुत्व में वृद्धि अवश्य होगी।
मिथुन राशि - आशानुकूल सफलता का हर्ष, बिगड़े हुए कार्य बनेंगे तथा रुके कार्य अवश्य बनेंगे।
कर्क राशि - लेन देन के मामलें में हानि, व्यर्थ प्रयास न करें, किन्तु यात्र के प्रसंग बन सकते है।
fिसंह राशि - कार्यकुशलता से संतोष, मनोवृत्ति संवेदनशील बनी रहेगी, समय का ध्यान रखना अवश्य करेगा।
कन्या राशि - मान प्रतिष्ठा प्रभुत्व वृद्धि, अधिकारियों का समर्थन फल प्रद होगा व्यवस्था का ध्यान रखेंगे।
तुला राशि - व्यवसाय की चिन्ता कम, व्यवसाय गति उत्तम, कार्य सफल होगा, सफलता की साधन जुटाएंगे।
वृश्चिक राशि - प्रत्येक कार्य में बाधा व विलंब, कलह तथा पीड़ा, स्थितियों को समझ कर कार्य निपटावें।
धनु राशि - आर्थिक चिन्ताएं मन उद्विघ्न करें तथा प्रयत्नशील रहे, रुके कार्यों पर वेशष ध्यान देंवे।
मकर राशि - धन लाभ आशानुकूल सफलता का हर्ष तथा कार्य शर्त में सुधार होगा, कार्य करें, कार्य न रोके।
कुंभ राशि - धन लाभ आशानुकूल सफलता का हर्ष, रुके कार्य गति में सुधार अवश्य होवे, ध्यान रखेंगे।
मीन राशि - अधिकारियों का सर्मथन फलप्रद रहेगा, कार्य व्यवसाय गति अनुकूल बनेगी, समय का ध्यान रखे।
मंदिर में चप्पल न पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं
1 Dec, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न केवल हिंदू परंपराओं में, बल्कि अन्य जाति धर्मों में भी कुछ रीति-रिवाज हैं जो प्राचीन काल से ही देखे जाते रहे हैं। जब हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं की बात आती है, तो हम हर मामले में एक पद्धति पर भरोसा करते हैं।
कई बार हम बुजुर्गों द्वारा बनाई गई परंपराओं पर बिना सवाल उठाए ही चलते आए हैं, इसका मुख्य कारण यह है कि बुजुर्गों ने जो भी परंपरा बनाई है, उसके पीछे न सिर्फ दैवीय कारण है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है।
मंदिरों में जूते पहनना वर्जित है!
हर मंदिर में यह बोर्ड नहीं लगा होता कि जूते उतारकर अंदर प्रवेश करें। हालाँकि, जब मंदिर की बात आती है, तो स्वाभाविक रूप से हर व्यक्ति अपने जूते उतारता है, पैर धोता है और मंदिर में प्रवेश करता है। यह सिर्फ एक प्रथा नहीं है बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। तो आइए देखें मुख्य कारण कि क्यों हमें मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतारने चाहिए।
स्वच्छता का मुद्दा!
हम पैरों में जूते क्यों पहनते हैं? क्योंकि सड़क पर मौजूद गंदगी, धूल और कचरा हमारे पैरों पर नहीं चिपकना चाहिए. इसलिए हम घर से बाहर जाते समय जूते पहनते हैं और घर में प्रवेश करने से पहले जूते भी उतारते हैं और घर के अंदर कदम रखते हैं। ये सिर्फ एक प्रथा या मूर्खतापूर्ण अनुष्ठान नहीं है. इससे वायरस को घर में प्रवेश करने से रोककर संक्रामक रोगों को फैलने से रोका जा सकता है।
इसी वजह से मंदिर में भी चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश न करने का एक कारण यह भी है कि हमें बाहर से गंदगी या धूल लाकर मंदिर के अंदर गंदा नहीं करना चाहिए।
सकारात्मक ऊर्जा!
यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि मंदिर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा होती है। इसलिए जब हम अपने जूते उतारकर मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो मंदिर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा हमारे पैरों के माध्यम से शरीर की प्रत्येक कोशिका में प्रवाहित होती है। इससे हमारे अंदर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक तत्व हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं जिससे न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन भी प्रसन्न रहता है।
मन की शांति!
हम मंदिर के बाहर अपने जूते उतारते हैं और प्रवेश करने से पहले अपने हाथ-पैर साफ करते हैं और फिर मंदिर के अंदर जाते हैं। आमतौर पर मंदिर के अंदर जाते समय सीढ़ियों से प्रवेश करना पड़ता है। सीढ़ियाँ चढ़ते समय सीढ़ियों को हाथों से छूने और झुकने की प्रथा है ताकि हमारे पैर और हाथ मंदिर की सीढ़ियों को छू सकें। इससे मंदिर में मौजूद ऊर्जा हमारे शरीर में स्थानांतरित हो जाती है। इससे शरीर की ताकत बढ़ती है। सीढ़ियों को छूते हुए सिर झुकाने से सकारात्मकता का प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर भी पड़ता है। तो यह कहा जा सकता है कि जूते उतारकर मंदिर जाने से हमारे शरीर और दिमाग दोनों में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है।
अहिंसक हिंदुत्व!
एक और मुख्य कारण है कि मंदिर में प्रवेश करने के लिए जूते क्यों उतारने चाहिए। यह एक ऐसी प्रथा है जो काफी समय से चली आ रही है. सैकड़ों वर्ष पहले जूते अधिकतर चमड़े के बने होते थे। हिंदू अहिंसक हैं. इस पृष्ठभूमि में किसी भी जानवर को मारना और उससे बने जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश करना वर्जित था। यह हिंदुओं के अहिंसा के सिद्धांत के विरुद्ध था। इसी के चलते यह नियम बनाया गया है कि मंदिर के अंदर चमड़े के सैंडल या जूते पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए। इसी कारण हम आज भी इस प्रथा का पालन करते आ रहे हैं।
मंदिर में चप्पल उतारकर प्रवेश करना कोई अंधविश्वास या प्रथा नहीं है जिस पर हम आंख मूंदकर विश्वास कर लेते हैं। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। इस बात को डॉक्टर और वैज्ञानिक भी मान चुके हैं। इस लिहाज से मंदिर या देवस्थान और मजार में प्रवेश करने से पहले जूते उतार देने चाहिए।
यह सिर्फ एक भारतीय उत्सव नहीं है!
वैसे जूते उतारकर मंदिर में प्रवेश करना सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ये प्रथा चल रही है. सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि कुछ चर्च और मस्जिदों में भी प्रवेश से पहले जूते उतरवाए जाते हैं। जापानी परंपरा के अनुसार, न केवल मंदिरों में बल्कि दूसरे लोगों के घरों में भी प्रवेश करने से पहले जूते उतारने की प्रथा आज भी प्रचलित है।
कुल मिलाकर हमें अपने शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ानी चाहिए और जिस वातावरण में हम रहते हैं उसे स्वच्छ रखना चाहिए, जूते उतारकर मंदिरों में प्रवेश करने में कुछ भी गलत नहीं है और यह सिर्फ एक गोदडू अनुष्ठान नहीं है।
विनम्रता का पाठ
1 Dec, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पंडित विद्याभूषण बहुत बड़े विद्वान थे। दूर-दूर तक उनकी चर्चा होती थी। उनके पड़ोस में एक अशिक्षित व्यक्ति रहते थे-रामसेवक। वे अत्यंत सज्जन थे और लोगों की खूब मदद किया करते थे। पंडित जी रामसेवक को ज्यादा महत्व नहीं देते थे और उनसे दूर ही रहते थे। एक दिन पंडित जी अपने घर के बाहर टहल रहे थे। तभी एक राहगीर उधर आया और मोहल्ले के एक दुकानदार से पूछने लगा-भाई यह बताओ कि पंडित विद्याभूषण जी का मकान कौन सा है। यह सुनकर पंडित जी की उत्सुकता बढ़ी। वह सोचने लगे कि आखिर यह कौन है जो उनके घर का पता पूछ रहा है। तभी दुकानदार ने उस राहगीर से कहा-मुझे तो किसी पंडित जी के बारे में नहीं मालूम। तब राहगीर ने कहा-क्या रामसेवक जी का घर जानते हो?
दुकानदार ने हंसकर कहा-अरे भाई उन्हें कौन नहीं जानता। वे बड़े भले आदमी हैं। फिर उसने हाथ दिखाकर कहा- वो रहा रामसेवक जी का घर। फिर दुकानदार ने राहगीर से सवाल किया-लेकिन आपको काम किससे है? पंडित जी से या रामसेवक जी से? राहगीर कहने लगा-भाई काम तो मुझे रामसेवक जी से है। पर उन्होंने ही बताया था कि उनका मकान पंडित विद्याभूषण जी के पास है। यह सुनकर पंडित जी ग्लानि से भर उठे। सोचने लगे कि उन्होंने हमेशा ही रामसेवक को अपने से हीन समझा और उसकी उपेक्षा की पर रामसेवक कितना विनम्र है। वह खुद बहुत प्रसिद्ध होते हुए भी उन्हें ज्यादा महत्व देता है। उसी रात पंडित जी रामसेवक के घर गए और उससे क्षमायाचना की। फिर दोनों गहरे मित्र बन गए।
सबसे बड़ी दौलत
1 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक विधवा अध्यापिका के दो बेटे थे। वह उन्हें गुरुकुल में अच्छी शिक्षा दिला रही थी। वह खुद भी अनेक बच्चों को संस्कृत पढ़ाती थी। इससे उसे जो कुछ प्राप्त होता था, उसी से वह अपना जीवनयापन करती थी। उसने अत्यंत गरीबी के दिनों में भी कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए। उसके स्वाभिमान को देख अनेक लोग अध्यापिका का बहुत आदर करते थे।
एक दिन एक बहुत बड़े सेठ को अध्यापिका की विद्वता व उसकी निर्धनता के बारे में मालूम हुआ। उस सेठ के कोई संतान नहीं थी। उसने सोचा हुआ था कि वह कुछ गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें धन प्रदान करेगा। सेठ अध्यापिका के घर पहुंचा और बोला, देवी, आप निर्भीक व स्वाभिमानी हैं। मैं चाहता हूं कि आपके बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। उसके लिए आप यह कुछ रुपये स्वीकार करें। इसके बाद उसने रुपयों की थैली अध्यापिका की ओर बढ़ाई। अध्यापिका हाथ जोड़कर सेठ से बोली, शायद आपको कुछ भ्रम हो गया है। मैं इतनी गरीब भी नहीं हूं कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा न दे पाऊं। मेरे पास जितनी दौलत है, उतनी शायद ही किसी के पास हो। सेठ अचरज से बोला, कहां है दौलत, जरा हमें भी तो बताइए।
अध्यापिका ने अपने दोनों पुत्रों को आवाज लगाई तो दोनों पुत्र तुरंत वहां आए और अपनी मां के पैर छूने के बाद उन्होंने सेठ के पैर छुए। फिर उन्होंने मां से पूछा, कहिए कैसे याद किया? दोनों पुत्रों की ओर देखकर अध्यापिका बोली, यही दोनों मेरी सबसे बड़ी दौलत हैं। दोनों लड़कों को देखकर सेठ अभिभूत हो गया और बोला, बिल्कुल सही। वास्तव में जिसकी संतान संस्कारी और गुणी है, वह कभी गरीब हो ही नहीं सकता। अध्यापिका ने सेठ से कहा, जो कुछ आप मुझे देने आए हैं, उसे अनाथ बच्चों को शिक्षित करने के लिए दे दें। सेठ ने वैसा ही किया।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (01 दिसंबर 2023)
1 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- शरीर में कष्ट होगा, अपव्यय को रोके, जिससे लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा।
वृष राशि - संतान के स्वभाव में उग्रता होगी, धर्म धारण करें लाभ मिलेगा, ध्यान रखें।
मिथुन राशि - वाहन आदि में सावधानी रखे, शत्रु से सावधान रहे, मुकदमें में विवाद होगा, ध्यान दें।
कर्क राशि - मित्र वर्ग से सहयोग, व्यवस्था में सुधार होगा, ध्यान रखे।
fिसंह राशि - आप के स्वास्थ्य में गिरावट आएगी, संतान से सुख, संतोष होगा, ध्यान रखे।
कन्या राशि - समाज में प्रति‰ा बढ़े, स्वास्थ्य में गिरावट होगी, मन में चिंता बढ़े।
तुला राशि - स्थानातंरण बने, व्यवसाय का योग बने, उन्नति होगी, भौतिक सुखों का ध्यान दें।
वृश्चिक राशि - स्वास्थ्य में सुधार हो, घर में उत्साहपूर्ण वातावरण बने, प्रियजनों से मेल होगा।
धनु राशि- व्यर्थ भाग दौड़, परिश्रम से ही सफलता मिलें, उन्नति के अवसर मिलेगे।
मकर राशि - परिवार की जिम्मेदारी बढ़ेगी, जीवनसाथी का स्वास्थ्य नरम रहेगा, ध्यान दे।
कुंभ राशि - भूमि, भवन का क्रय विक्रय होने से मन में परेशानी बढ़ेगी, ध्यान रखे।
मीन राशि - स्थायी कार्य में बाधा होगी, उन्नति का मार्ग बढ़ेगा, रोजगार से लाभ हो, मानसिकता ठीक रहेगी। s
हथेली की रेखाओं से जाने विवाहित जीवन कैसा रहेगा
30 Nov, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हाथ ही रेखाएं बता देती हैं कि वैवाहिक जीवन में आपको सफलता मिलेगी या नहीं। या फिर जोड़ीदार के साथ कहीं आपके रिलेशनशिप में ब्रेकअप की नौबत तो नहीं आ जाएगी। हाथ में मौजूद इन रेखाओं और चिह्नों को देखकर आप भी शादीशुदा जीवन के बारे में जान सकते हैं।
विवाह रेखा पर बना हो कांटे का चिह्न
यदि आपकी विवाह रेखा अंत में एक कांटे जैसे चिह्न पर समाप्त हो रही हो तो आपके रिलेशनशिप में कुछ समय बाद ब्रेकअप आ सकता है। इसके अलावा मंगल पर्वत से कोई रेखा निकलकर यदि भाग्य, मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा को काटते हुए बुध पर्वत पर जाकर समाप्त हो रही हो तो ऐसे लोगों के जीवन में तलाक या फिर ब्रेकअप का संकट बना रहता है।
शनि पर स्थित हो कांटे का निशान
यदि शुक्र से कोई रेखा निकले और शनि पर्वत पर एक कांटे के चिह्न के रूप में समाप्त हो तो यह ब्रेक अप का संकेत है। ऐसे लोगों के जीवन में रिश्तेदारों के हस्तक्षेप से खासी समस्या पैदा हो सकती है। यदि ऐसी कोई रेखा शुक्र पर्वत पर तारे के चिह्न में से निकले तो ऐसे लोगों के रिलेशन में देर-सवेर अलगाव की नौबत आ जाती है।
अंगूठे पर हो काला तिल
यदि हाथ में कोई रेखा बुध पर्वत से शुरू होकर गुरु पर्वत से होते हुए मंगल पर्वत पर नीचे की ओर झुक जाती है और हाथ में अंगूठे के तल में कोई काला तिल हो तो यह स्पष्ट रूप से ब्रेक अप की ओर इशारा करता है। ऐसे लोगों के जीवन में जब वैवाहिक योग और रिलेशनशिप का वक्त आता है तो कोई न कोई अप्रिय घटना अवश्य होती है। ये लोग अपने संबंधों को अधिक दिन तक नहीं चला पाते।
अंगूठे से छोटी उंगली की ओर जाए रेखा
यदि विवाह रेखा पर कोई द्वीप बने और कोई रेखा मंगल पर्वत से शुरू होकर भाग्य रेखा, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा को काटते हुए बुध पर्वत की ओर जाए तो ऐसे लोगों के लिए ब्रेक अप से बच पाना बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसे लोगों को शत्रुओं और पीछे से वार करने वाले लोगों से भी सावधान रहने की आवश्यकता होती है।
कोई रेखा चंद्र पर्वत या फिर शुक्र पर्वत से निकले
हाथ में गुरु पर्वत पर क्रॉस का चिह्न जीवन में सुख और वैवाहिक जीवन में खुशी को दर्शाता है हालांकि कोई रेखा शुक्र पर्वत से निकलकर भाग्य रेखा को काटे तो ऐसे लोगों के जीवन में रिशतेदारों के हस्तक्षेप से संबंध विच्छेद की नौबत आ जाती है। इसी प्रकार से चंद्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर भाग्य रेखा को काटे तो ऐसे व्यक्ति कभी अपने संबंधों में प्रतिबद्ध नहीं रह पाते।
ध्यान में छिपा है सांसारिक समस्याओं का हल
30 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज के लोग चिंता, दहशत, उदासी, और बेबुनियाद डर के आलम से गुजर रहे हैं। लोग जिंदगी के दुखों का सामना नहीं कर पाते। यही कारण है कि मनोचिकित्सकों, मनोविज्ञानिकों और हृदय-चिकित्सकों के कक्ष आज भरे हुए नजर आते हैं। हम आर्थिक रूप से घोर विपत्ति के आलम में हैं। हम टूटे हुए वैवाहिक रिश्तों और उजड़े हुए घरों को बसाने का यत्न कर रहे हैं। कुछ लोग उस उदासी के माहौल से चिंतित हैं, जो उनके किसी प्यारे के चले जाने के डर से उत्पन्न हो सकता है।
ये हलचल और तनाव सिर्फ हमारे मन पर ही असर नहीं करते। हमारी दिमागी तौर पर अस्वस्थ हालत कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देती है। अध्ययन ने साबित कर दिया है कि जब हम गुस्से में होते हैं, या बहुत ज्यादा भावुक होते हैं, तब हमारे शरीर में एक अजीब तरह की हरकत होती है जो हमें लड़ने या सब कुछ छोड़ कर भाग जाने के लिए विवश करती है। पर हम सामाजिक नियमों से डर से चुपचाप सब सह लेते हैं और अंदर ही अंदर घुलते रहते हैं।
इसका असर यह होता है कि हम शारीरिक रूप से प्रभावित होते हैं और कई प्रकार की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं,
पिछले कुछ वर्षों से भावनाओं के तूफान और तनाव को खत्म करने के लिए लोगों का रुझान ध्यान की ओर हुआ है। ध्यान के शारीरिक और मानसिक बहुत से फायदे हैं। जब हम एक बार ध्यान लगाना सीख लेते हैं, तब हम हमारे पास अंतर में हर समस्या का समाधान तैयार होता है। ध्यान दो प्रकार से हमारी मदद करता है। पहला, यह हमें शारीरिक तौर पर शांत करता है। दूसरा, हम इसके जरिए उस अवस्था में पहुंच जाते हैं जहां हमें प्रभु के प्यार और परमानंद की प्राप्ति होती है। ध्यान के समय हमारी सांसारिक समस्याएं ज्यों की त्यों रहती हैं, पर ध्यान के जरिए हम प्रभु की याद और उसके आनंद में इतने डूबे रहते हैं कि हमें अपनी समस्याओं और दुखों-दर्दों का आभास नहीं होता है।
सांसारिक तनाव और दबाव होने के बावजूद हमारे विचार, सोचने की शक्ति और भावनाओं में संतुलन रहता है। हम अपने तनाव पर आसानी से काबू पा लेते हैं। इस प्रकार ध्यान के द्वारा हम जिंदगी जीने का वह तरीका सीख लेते हैं जिससे हम अपने सांसारिक तनावों पर काबू पा लेते हैं। इस विद्या के माध्यम से हम सुख, शांति और चैन का रास्ता खोज लेते हैं।