धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
चैतन्य रहें
10 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक बार दो देवताओं में विवाद हो गया कि भाग्य बड़ा है या पुरूषार्थ? विवाद हर व्यक्ति के मन में पैदा होता है, चाहे मनुष्य हो, चाहे देवता हो। निश्चित हुआ, परीक्षा करें। एक देवता ने कहा- देखो! भाग्य बड़ा नहीं होता, पुरूषार्थ बड़ा होता है। दूसरे ने कहा- नहीं! उस आदमी को देखो। तुम्हें साक्षात् प्रमाणित करूंगा कि पुरूषार्थ बड़ा नहीं होता, भाग्य बड़ा होता है।
पति-पत्नी जा रहे थे। देवता ने रास्ते के बीच रत्नों का ढेर लगा दिया। रत्न ही रत्न बिखेर दिए। जब आस-पास आए, पत्नी ने कहा- अभी तो हमारी आंखे अच्छी हैं, हम देख सकते हैं, हमें सब कुछ दिखाई देता है। कभी ऍसा भी हो सकता है कि बुढ़ापा आने के साथ-साथ हमारी आंखें चली जाएं, हम अन्धे हो जाएं। फिर काम कैसे चलेगा? पति ने कहा - परीक्षा कर लें। देखें, कैसे काम चलेगा? दोनों ने आंखों पर पट्टी बांध ली। दोनों चले। जहां रत्न बिखरे हुए पड़े थे, ढेर लगा था आस-पास में, उससे आगे निकल गए। कुछ आगे जाकर पति बोला- आंखो के बिना काम तो चल जाएगा, ऍसी कोई बात नहीं है। खोल लो पट्टी। पट्टी खोल ली। देवता ने कहा - देखा तुमने! भाग्य में नहीं था, कुछ नहीं मिला। भाग्य बड़ा है पुरूषार्थ से। भाग्य और पुरूषार्थ की चर्चा को हम छोड़ दें किन्तु इस बात को हम नहीं छोड़ेंगे कि जब तक आंख पर मूच्र्छा की पट्टी बंधी हुई है, तब तक हमारे आस-पास में, हमारे सामने, दाएं-बाएं, चारों तरफ जो सम्पदा बिखरी पड़ी है, उसका हमें कुछ भी पता नहीं चलता। हम उस सम्पदा से अनजान रह जाते हैं।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (10 दिसंबर 2023)
10 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक रहे, कार्य गति में सुधार, शुभ समाचार अवश्य ही मिलेगे।
वृष राशि :- कुछ बाधाएं, कष्ट, उदर विकार, स्त्री शरीर कष्ट, कारोबार में बाधा अवश्य ही बनेगी।
मिथुन राशि :- कार्य कुशलता से संतोष, परिश्रम सफल होवे, स्त्री वर्ग से सुख अवश्य ही होवे।
कर्क राशि :- कुटुम्ब की समस्याएं सुलझे, सुख शांति में समय व्यतीत होगा, समय का ध्यान रखे।
सिंह राशि :- परिश्रम से समय पर सोचे कार्य पूर्ण होगे, व्यावसायिक क्षमता अनुकूल होगी।
कन्या राशि :- स्त्री से हर्ष उल्लास होवे, आशानुकूल सफलता से हर्ष बिगड़े, कार्य बन जाएगे।
तुला राशि :- कार्यगति उत्तम चिन्ताएं कम होगी, प्रभुत्व एवं प्रतिष्ठा अवश्य ही बनेगी।
वृश्चिक राशि :- योजनाएं फलीभूत होगी, सतर्कता से कार्य अवश्य निपटा ले, कार्य अवश्य होगा।
धनु राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, कार्यगति उत्तम, भावनाएं संवेदनशील अवश्य रहेगी।
मकर राशि :- अधिकारी वर्ग से तनाव, क्लेश व मानसिक अशांति, कार्य अवरोध अवश्य ही होगा।
कुंभ राशि :- मनोबल बनाए रखे, किन्तु हाथ में कुछ न लगे, नया कार्य अवश्य प्राप्त होगा।
मीन राशि :- दैनिक कार्य गति उत्तम, कुटुम्ब में सुख समय उत्तम बनेगा, विचार भेद समाप्त होंगे
मंदिर में चप्पल न पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं
9 Dec, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न केवल हिंदू परंपराओं में, बल्कि अन्य जाति धर्मों में भी कुछ रीति-रिवाज हैं जो प्राचीन काल से ही देखे जाते रहे हैं। जब हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं की बात आती है, तो हम हर मामले में एक पद्धति पर भरोसा करते हैं।
कई बार हम बुजुर्गों द्वारा बनाई गई परंपराओं पर बिना सवाल उठाए ही चलते आए हैं, इसका मुख्य कारण यह है कि बुजुर्गों ने जो भी परंपरा बनाई है, उसके पीछे न सिर्फ दैवीय कारण है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है।
मंदिरों में जूते पहनना वर्जित है!
हर मंदिर में यह बोर्ड नहीं लगा होता कि जूते उतारकर अंदर प्रवेश करें। हालाँकि, जब मंदिर की बात आती है, तो स्वाभाविक रूप से हर व्यक्ति अपने जूते उतारता है, पैर धोता है और मंदिर में प्रवेश करता है। यह सिर्फ एक प्रथा नहीं है बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। तो आइए देखें मुख्य कारण कि क्यों हमें मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतारने चाहिए।
स्वच्छता का मुद्दा!
हम पैरों में जूते क्यों पहनते हैं? क्योंकि सड़क पर मौजूद गंदगी, धूल और कचरा हमारे पैरों पर नहीं चिपकना चाहिए. इसलिए हम घर से बाहर जाते समय जूते पहनते हैं और घर में प्रवेश करने से पहले जूते भी उतारते हैं और घर के अंदर कदम रखते हैं। ये सिर्फ एक प्रथा या मूर्खतापूर्ण अनुष्ठान नहीं है. इससे वायरस को घर में प्रवेश करने से रोककर संक्रामक रोगों को फैलने से रोका जा सकता है।
इसी वजह से मंदिर में भी चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश न करने का एक कारण यह भी है कि हमें बाहर से गंदगी या धूल लाकर मंदिर के अंदर गंदा नहीं करना चाहिए।
सकारात्मक ऊर्जा!
यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि मंदिर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा होती है। इसलिए जब हम अपने जूते उतारकर मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो मंदिर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा हमारे पैरों के माध्यम से शरीर की प्रत्येक कोशिका में प्रवाहित होती है। इससे हमारे अंदर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक तत्व हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं जिससे न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन भी प्रसन्न रहता है।
मन की शांति!
हम मंदिर के बाहर अपने जूते उतारते हैं और प्रवेश करने से पहले अपने हाथ-पैर साफ करते हैं और फिर मंदिर के अंदर जाते हैं। आमतौर पर मंदिर के अंदर जाते समय सीढ़ियों से प्रवेश करना पड़ता है। सीढ़ियाँ चढ़ते समय सीढ़ियों को हाथों से छूने और झुकने की प्रथा है ताकि हमारे पैर और हाथ मंदिर की सीढ़ियों को छू सकें। इससे मंदिर में मौजूद ऊर्जा हमारे शरीर में स्थानांतरित हो जाती है। इससे शरीर की ताकत बढ़ती है। सीढ़ियों को छूते हुए सिर झुकाने से सकारात्मकता का प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर भी पड़ता है। तो यह कहा जा सकता है कि जूते उतारकर मंदिर जाने से हमारे शरीर और दिमाग दोनों में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है।
अहिंसक हिंदुत्व!
एक और मुख्य कारण है कि मंदिर में प्रवेश करने के लिए जूते क्यों उतारने चाहिए। यह एक ऐसी प्रथा है जो काफी समय से चली आ रही है. सैकड़ों वर्ष पहले जूते अधिकतर चमड़े के बने होते थे। हिंदू अहिंसक हैं. इस पृष्ठभूमि में किसी भी जानवर को मारना और उससे बने जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश करना वर्जित था। यह हिंदुओं के अहिंसा के सिद्धांत के विरुद्ध था। इसी के चलते यह नियम बनाया गया है कि मंदिर के अंदर चमड़े के सैंडल या जूते पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए। इसी कारण हम आज भी इस प्रथा का पालन करते आ रहे हैं।
मंदिर में चप्पल उतारकर प्रवेश करना कोई अंधविश्वास या प्रथा नहीं है जिस पर हम आंख मूंदकर विश्वास कर लेते हैं। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। इस बात को डॉक्टर और वैज्ञानिक भी मान चुके हैं। इस लिहाज से मंदिर या देवस्थान और मजार में प्रवेश करने से पहले जूते उतार देने चाहिए।
यह सिर्फ एक भारतीय उत्सव नहीं है!
वैसे जूते उतारकर मंदिर में प्रवेश करना सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ये प्रथा चल रही है. सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि कुछ चर्च और मस्जिदों में भी प्रवेश से पहले जूते उतरवाए जाते हैं। जापानी परंपरा के अनुसार, न केवल मंदिरों में बल्कि दूसरे लोगों के घरों में भी प्रवेश करने से पहले जूते उतारने की प्रथा आज भी प्रचलित है।
कुल मिलाकर हमें अपने शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ानी चाहिए और जिस वातावरण में हम रहते हैं उसे स्वच्छ रखना चाहिए, जूते उतारकर मंदिरों में प्रवेश करने में कुछ भी गलत नहीं है और यह सिर्फ एक गोदडू अनुष्ठान नहीं है।
क्या आप जानते हैं कि अगर आप सोने से पहले अपने तकिए के नीचे 2 इलायची रख दें तो क्या होता है?
9 Dec, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ हमारा स्वास्थ्य है। संतुलित स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए हम सख्त आहार और कठिन व्यायाम का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनसे जुड़ी एक साधारण सी चीज़ आपके लिए स्वास्थ्य और सौभाग्य ला सकती है?
अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए, आपको व्यायाम करना चाहिए, हाइड्रेटेड रहना चाहिए, अपनी दवाएं समय पर लेनी चाहिए, भरपूर आराम करना चाहिए, स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए और किसी पेशेवर से बात करनी चाहिए।
इसके अलावा यह भी किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य और भाग्य से भरा जीवन पाने के लिए सोने से पहले अपने तकिए के नीचे कुछ चीजें रखें।
मुद्रा
सिक्का अच्छी आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसे सोने से पहले तकिए की पूर्व दिशा में रखना चाहिए। यह आपके जीवन में सौभाग्य और अवसरों को आकर्षित करेगा।
चाकू
यदि आप तनाव के कारण लगातार बुरे सपने देख रहे हैं, तो एक तरकीब यह है कि आप अपने तकिए के नीचे धातु के चाकू रखें ताकि आप मानसिक शांति का आनंद ले सकें। अपनी सुरक्षा के लिए, आप चाकू को एक कपड़े में ढँक सकते हैं, जिसका नुकीला भाग ऊपर की ओर हो और अपने तकिए के नीचे सोएँ।
सुगंधित फूल
हम अक्सर लोगों को खुशनुमा और खुशनुमा माहौल बनाने के लिए सुगंधित मोमबत्तियाँ और धूपबत्ती जलाते हुए देखते हैं। यह विश्राम और मन की शांति को बढ़ावा देता है।
इसी तरह आप सोने से पहले अपने तकिये के नीचे सुगंधित फूल भी रख सकते हैं। यह आपकी भावनाओं को शांत करने और आपके वैवाहिक जीवन में खुशियों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
इलायची
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तकिये के नीचे इलायची या हरी मिर्च रखने से नींद के फरिश्ते का आह्वान होता है। यह आपको आराम महसूस करने में मदद करेगा और आपके दिमाग को तनाव से राहत देगा। यह सौभाग्य भी लाता है।
एक गिलास में पानी
आप सोने से पहले अपने तकिए के पास तांबे के बर्तन में पानी रख सकते हैं। आप इसे अपने नाइटस्टैंड पर या फर्श पर रख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, अगर आप रात में प्यासे जागते हैं, तो आप पानी पी सकते हैं और फिर से सो सकते हैं।
मोटी सौंफ़
वास्तु शास्त्र में सौंफ का संबंध राहु दोष को ठीक करने से है। यह आपको उस तनाव से छुटकारा पाने में मदद करेगा जो आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति को परेशान करता है।
लहसुन
वास्तु विशेषज्ञ सोने से पहले अपने तकिए के नीचे लहसुन रखने की सलाह देते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है। अगर आपको इसकी गंध पसंद नहीं है तो आप लहसुन को एक कंटेनर में रख सकते हैं।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (09 दिसंबर 2023)
9 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- साधन संपन्नता के योग फलप्रद हो, आर्थिक योजना अवश्य ही फलप्रद होगी।
वृष राशि :- अपने किए पर पछताना पड़ेगा, मानसिक बेचैनी, क्लेश तथा अशांति होगी।
मिथुन राशि :- सफलता के साधन जुटाए, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि होगी, समस्याओं का समाधान होगा।
कर्क राशि :- दैनिक कार्यों में सफलता मिले, स्त्री से सुख, इष्ट मित्र सुखवर्धक अवश्य होवे।
सिंह राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष उल्लास होवे, भोग ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, कार्य रुचि बढ़ेगी।
कन्या राशि :- धन प्राप्त, आशानुकूल में वृद्धि, बिगड़े कार्यों की योजना सफल हो जाएगी।
तुला राशि :- बिगड़े कार्य अवश्य ही बन जाएगे, आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, ध्यान रखे।
वृश्चिक राशि :- दैनिक समृद्धि के साधन बनेंगे, अधिकारियों के सहयोग से कार्य योजन का लाभ होगा।
धनु राशि :- कार्य योजना पूर्ण होवे, बड़े बड़े लोगों से मेल मिलाप होगा, कार्य अवरोध से बचें।
मकर राशि :- कार्य कुशलता से संतोष, स्थिति में सुधार तथा चिन्ता अवश्य होगी।
कुंभ राशि :- आर्थिक योजना पूर्ण होवे, शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी, रुके कार्य अवश्य बनेंगे।
मीन राशि :- दैनिक कार्यों में बाधा, चिन्ता उद्विघ्नता बने, धन का व्यय अवश्य ही होवे।
रात में बजरंगबली की पूजा इसलिए होती है ज्यादा लाभकारी
8 Dec, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हनुमान जी हमेशा ही भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन रहते हैं सारा दिन प्रभु की सेवा में लगे रहते हैं। इसलिए ऐसी मान्यता है कि रात के समय जब भगवान श्रीराम विश्राम करते हैं, उस समय हनुमान जी की पूजा की जाए तो वो अपने भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हैं।
इसलिए यदि आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो रात में अवश्य हनुमान जी का पूजन करें। बजरंगबली अवश्य आपकी पुकार सुनेंगे।
कष्ट दूर करें
यदि आपके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी या कष्ट हैं तो रात के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। यदि आप पाठ 9 बजे रात शुरू करते हैं तो हर दिन उसी वक्त करें। यानी पाठ करने का समय ना बदलें। अपना आसन भी एक ही रखें उसे भी ना बदलें। आप देखेंगे की 21 दिन लगातार पाठ करने के बाद आपकी समस्या हल होना शुरू हो जाएगी।
यदि बच्चा आपका कहना नहीं मानता है
प्रत्येक मंगलवार तथा शनिवार रात 8 बजे श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें, कुछ ही दिन में बच्चे का स्वभाव बदलेगा और आपकी बात मानने लगेगा।
यदि विदेश में सफलता नहीं मिल रही है
यदि आप विदेश में हैं और आपको सफलता नहीं मिल रही है तो हनुमान चालीसा का प्रतिदिन रात 8.30 बजे पाठ करें और कोशिश करें कि 9 दिन में 108 पाठ पूरे हो जाएं। आप देखेंगे आपको सफलता मिलने लगेगी।
इन बातों का रखें ख्याल
हनुमान जी की वो तस्वीर लगायें जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी भी हों।
हनुमान जी की पूजा उपासना करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, आपके पूजा का स्थान साफ होना चाहिए।
हनुमान जी की पूजा के बाद आरती अवश्य करें।
हनुमान जी को बेसन से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
पूजा के स्थान पर शांति रखें।
पूजा में फूलों का महत्व
8 Dec, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फूल हमारी श्रद्धा और भावना का प्रतीक हैं। इसके साथ ही ये हमारी मानसिक स्थितियों को भी बताते हैं। फूल बहुत ही शुभ और पवित्र होते हैं। इसलिए कोई भी पूजा बिना फूलों के पूरी नहीं होती है। फूलों के अलग-अलग रंग और सुगंध अलग तरह के प्रभाव पैदा करते हैं। पूजा में सही रंग के फूल सही तरीके से अर्पित किए जाएं तो जीवन की सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
धार्मिक मान्यताओं में फूलों का प्रयोग पूजा और उपासना के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इससे ईश्वर की कृपा बहुत जल्दी होती है। आइए जानते हैं उपासना में फूल क्यों होते हैं इतने महत्वपूर्ण।
भगवान विष्णु को नियमित रूप से पीले गेंदे के फूलों की माला चढ़ाएं। इससे आपको संतान सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
लक्ष्मी जी को नियमित गुलाब अर्पित करने से आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है।
गुलाब देने से रिश्ते मजबूत होते हैं। प्रेम और वैवाहिक जीवन सुखद हो जाता है।
किसी भी एकादशी को कृष्ण जी को दो कमल के फूल अर्पित करें।
आपकी संतान प्राप्ति की अभिलाषा पूरी होगी।
अगर 27 दिन तक रोज एक कमल का फूल लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाए तो अखंड राज्य सुख की प्राप्ति होती है।
नियमित रूप से देवी को गुड़हल अर्पित करने से शत्रु और विरोधियों से राहत मिलती है।
सूर्य जो गुड़हल का फूल डालकर जल अर्पित करने से नाम यश मिलता है।
सफ़ेद फूल जल में डालकर चन्द्रमा को अर्पित करें।
ॐ का उच्चारण करते समय रखें इन बातों का ध्यान
8 Dec, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में पूजा पाठ शुरु करते समय ॐ का जाप किया जाता है। ॐ तीन अक्षरों से मिलकर बना है - अ , ऊ और म यह ईश्वर के तीन स्वरूपों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संयुक्त स्वरूप माना जाता है। इसलिए इस शब्द में सृजन, पालन और संहार, तीनों शामिल हैं और इसे एक प्रकार से स्वयं ईश्वर ही माना जाता है।
अगर इस शब्द का सही प्रयोग किया जाय तो जीवन की हर समस्या दूर हो सकती है। इस शब्द का सही उच्चारण करने से ईश्वर की उपलब्धि तक की जा सकती है।
ॐ शब्द का सही उच्चारण करने के साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिये।
ॐ शब्द का उच्चारण करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त या संध्या काल का चुनाव करें।
उच्चारण करने के पूर्व इसकी तकनीक सीख लें अन्यथा पूर्ण लाभ नहीं हो पाएगा।
उच्चारण करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
जब आप ॐ का उच्चारण पूर्ण कर लें, तो अगले 10 मिनट तक जल का स्पर्श न करें।
नियमित रूप से उच्चारण करते रहने से दैवीयता का अनुभव होने लगेगा।
ॐ शब्द का सटीक और सरल प्रयोग इसके लिए करें
अच्छे स्वास्थ्य
तुलसी का एक बड़ा पत्ता ले लें।
उसको दाहिने हाथ में लेकर ॐ शब्द का 108 बार उच्चारण करें।
पत्ते को पीने के पानी में डाल दें। पीने के लिए इसी पानी का प्रयोग करें.
जो लोग भी इस जल का सेवन करें, सात्विक आहार ग्रहण करें।
मानसिक एकाग्रता तथा शिक्षा में सुधार के लिए
एक पीले कागज़ पर लाल रंग से ॐ लिखें।
ॐ के चारों तरफ एक लाल रंग का गोला बना दें।
इस कागज़ को अपने पढ़ने के स्थान पर सामने लगा लें।
वास्तु दोष के नाश के लिए
घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ सिन्दूर से स्वस्तिक बनाएं।
मुख्य द्वार के ऊपर ॐ लिखें।
ये प्रयोग मंगलवार को दोपहर को करें।
धन प्राप्ति के लिए
एक सफ़ेद कागज़ का टुकड़ा ले लें।
उस पर हल्दी से ॐ लिखें।
कागज़ को पूजा स्थान पर रखकर अगरबत्ती दिखाएं।
फिर उस कागज़ को मोड़कर अपने पर्स में रख लें।
पंचाक्षर मंत्र से मिलता है मनचाहा फल
8 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोमवार को आराधना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस दिन पंचाक्षर मंत्र के जाप से आप मनचाहा फल पा सकते हैं। शिव कृपा से ही सांसारिक, मानसिक पीड़ा समाप्त हो पाती है और मनुष्य अपने जीवन काल में परब्रहम को प्राप्त कर पाता है। सोमवार को शिवशंकर का दिन माना जाता है, इसलिए श्रद्धाभाव से इसदिन उनका पूजन करें। इसके लिए सोमवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके और व्रत का संकल्प ले कर शिवालय में जाकर सबसे पहले शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें और इस मंत्र का जाप करे ऊं महाशिवाय सोमाय नम:। इसके बाद गाय का शुद्ध कच्चा दूध शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से मनुष्य के तन, मन, और धन से जुडी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। अब शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाये ऐसा करने पर नौकरी या व्यवसाय से जुड़ी सभी समस्यायें सुलझ सकती हैं। अब कपूर, गंध, पुष्प, धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक करे, अंत में शिव आरती करते हुए मनोकामना पूर्ति की दिल से प्रार्थना करें। उपरोक्त विधि से शिव पूजा अर्चना करने के बाद कुश के आसन पर विराजमान होकर रुद्राक्ष की माला लेकर इन चमत्कारी मंत्रों का जप करना विलक्षण सिद्धि व मनचाहे लाभ देने वाला होता है। सबसे पहले भगवान शंकर का पंचाक्षर मंत्र ऊं नमः शिवाय ही अमोघ एवं मोक्षदायी है, किंतु यदि कोई कठिन व्याधि या समस्या आ जाये तो श्रद्धापूर्वक ‘ऊं नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ऊं’ के मंत्र का एक लाख बार जाप करना चाहिए। यह बड़ी से बड़ी समस्या और बाधा को टाल देता है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (08 दिसंबर 2023)
8 Dec, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वृष राशि :- अचानक शुभ समाचार धन प्राप्ति के योग बनेंगे, संवेदनशील बनेगी, ध्यान रखें ।
मिथुन राशि :- क्रोध से अशांति तनाव झगड़े से बचें, कार्य व्यवस्था कुछ अनूकूल बनेगी।
कर्क राशि :- कार्य कुशलता से संतोष स्त्री वर्ग से हर्ष तथा भोग ऐश्वर्य की प्राप्ति होवेगी।
सिंह राशि :- इष्टमित्रों से सुखवर्धक फल प्राप्त होगा, कुटुम्ब की समस्याएं सुलझेंगी, समय का ध्यान रखे।
कन्या राशि :- व्यर्थ व्यय, असमंजस स्थिरता का वातावरण, हीन भावना की उत्पत्ति हो जाएगी।
तुला राशि :- अधिकारियों का समर्थन विफल हो तथा कार्य व्यवसाय गति अनुकूल हो जाएगी।
वृश्चिक राशि :- समय की अनुकूलता से लाभान्वित हो, पूर्ण कार्य हो जाने से कार्य कुशल अनुकूल बनें।
धनु राशि :- व्यवसाय गति उत्तम, भाग्य का सितारा साथ देगा, बिगड़े हुए कार्य अवश्य बन जाएगे।
मकर राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष उल्लास स्वास्थ्य नरम रहेगा, स्थितियों में सुधार होवेगा, खुशी मिलेगी।
कुंभ राशि :- स्त्री शरीर सुख मानसिक बैचेनी से बचिए कार्य गति में अनुकूलता अवश्य बनेगी।
मीन राशि :- धन लाभ होगा, आशानुकूल सफलता का हर्ष बिगड़े हुए कार्य अवश्य ही बन जाएगे।
सिंघाड़ा फल भगवान को भोग के रूप में चढ़ाना शुभ होता है
7 Dec, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर । सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा के अपने अलग-अलग विशेष नियम हैं। देवी-देवताओं की अपनी-अपनी प्रिय चीजें हैं, जिनका भोग लगाया जाता है। प्रसाद को बनाते समय शुद्धता का ध्यान जरूर रखें, जिससे आपको अधिक लाभ मिल सके। सिंघाड़ा फल भगवान को भोग के रूप में चढ़ाना शुभ होता है। कई देवी-देवताओं को सिंघाड़ा बहुत प्रिय है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार से बताया है कि किस देवी-देवता को फल चढ़ाना शुभ होता है।
भगवान शिव को चढ़ाएं सिंघाड़ा फल
भगवान शिव को सिंघाड़े का फल बहुत अच्छा लगता है। आप भगवान शिव को सिंघाड़े के फल का भोग लगाते हैं, तो जरूर लगाएं। ऐसा करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होंगे और वह आपको आशीर्वाद भी देंगे। आपके ऊपर आने वाली हर समस्या हल होगी।
माता लक्ष्मी को चढ़ाएं सिंघाड़ा फल
माता लक्ष्मी को सिंघाड़े का फल बहुत अच्छा लगता है। आपको माता लक्ष्मी का भोग जरूर लगाना चाहिए, ऐसा करने से वह आप पर बहुत प्रसन्न होंगी। आपकी कर्ज से जुड़ी सारी परेशानियां हल सकती हैं। हर शुक्रवार को माता लक्ष्मी पर सिंघाड़े का फल चढ़ाना चाहिए।
सूर्यदेव पर चढ़ाएं सिंघाड़ा फल
सुबह उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय यह ध्यान रखें कि लोटे में अक्षत, फूल और सिंघाड़े का फल डालकर दें। ऐसा करने से सूर्य देव बहुत खुश होंगे, जिससे मान-सम्मान प्राप्त होगा। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होगा।
कुंडली में बृहस्पति कमजोर है, तो इसे मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की विधि-विधान से पूजा करें
7 Dec, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर । ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को सुख का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में बृहस्पति मजबूत हो, तो व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं और विलासिताएं प्राप्त होती हैं। व्यक्ति अपने जीवन में ऊंचे पद पर पहुंचता है। समाज में सम्मान मिलता है। वहीं, कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो, तो व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आपको अपने करियर और व्यवसाय में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कुंडली में बृहस्पति कमजोर है, तो इसे मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही पूजा के दौरान गुरु ग्रह कवच का पाठ भी जरूर करें।
गुरु ग्रह कवच
ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥
नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥
भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥
रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु ।
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥
महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥
गुरु बीज मंत्र
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।।
ऊं गुं गुरुवाये नम:।।
पौराणिक मंत्र
ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरु कांचन संन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्” ।।
गुरु मंत्र
“ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:॥”
“ॐ गुं गुरवे नम:॥”
“ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:॥”
“ॐ ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नमः
गुरू गायत्री मंत्र
“ॐ अंगिरो जाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात्” ।।
गुरू वैदिक मंत्र
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
तांत्रिक मंत्र
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः”।
उत्पन्ना एकादशी पर व्रत रखना और तुलसी की पूजा करना चाहिए, इससे जीवन के कष्ट दूर होते है
7 Dec, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। इस साल एकादशी 8 दिसंबर (शुक्रवार) को है। एकादशी भगवान श्रीहरि को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अभिलाषा पूरी होती है। उत्पन्ना एकादशी पर व्रत रखना और तुलसी की पूजा करना चाहिए। इससे जीवन के कष्ट दूर होते है।
उत्पन्ना एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त 2023
एकादशी तिथि और मुहूर्त: 8 दिसंबर, सुबह 5.06 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त और मुहूर्त: 9 दिसंबर, सुबह 6.31 मिनट तक
उत्पन्ना एकादशी पर करें ये उपाय
आर्थिक समृद्धि उपाय
उत्पन्ना एकादशी के दिन दूध और चावल की खीर बनाएं। यह खीर सात कन्याओं को खिलाएं। फिर कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें। उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें। इस उपाय से आर्थिक समृद्धि आती है।
सफलता प्राप्ति उपाय
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सामने घी का 9 मुखी दीपक जलाएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से करियर में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का उपाय
रात को घर के सभी कमरों में 100 ग्राम सेंधा नमक सफेद कागज पर रखें। सुबह इस नमक को किसी नाले में फेंक दे। इस उपाय से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी।
जरूरतमंदों को दान करें
किसी जरूरतमंद की सहायता करना पुण्य माना जाता है। एकादशी के दिन किसी को दान करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (07 दिसंबर 2023)
7 Dec, 2023 12:25 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष :- आशानुकूल सफलता का हर्ष, व्यवसायिक समृद्धि के साधन बनेंगे, ध्यान रखें।
वृष :- इष्ट मित्र वर्ग में हर्ष-उल्लास, कार्य-व्यवस्था गति उत्तम बनी ही रहेगी, समय का ध्यान रखें।
मिथुन :- सफलता के साधन हाथ से निकल जायेंगे, मित्रों से असंतोष होगा, अधिकारी असमर्थ होंगे।
कर्क :- योजनाफलीभूत होगी, सफलता के साधन जुटायें, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे, ध्यान रखें।
सिंह :- दैनिक कार्यगति अनुकूल, प्रभुत्व वृद्धि, कार्य-कुशलता से बिगड़े कार्य बनेंगे, हर्ष अवश्य होगा।
कन्या :- मान-प्रतिष्ठा-प्रभुत्व वृद्धि, किसी के रुके कार्य बनने से हर्ष होगा, समय का ध्यान रखें।
तुला :- योजना फलीभूत हो तथा मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी, रुके कार्य बने, कार्य व्यवसाय बढ़ेगा।
वृश्चिक :- स्थिति अनुकूल नहीं, विशेष कार्य स्थिगित रखें, हानि होने की विशेष सम्भावना है।
धनु :- कार्य विफल हो, दूसरों के कार्यों में धन समय की हानि होगी, कार्य व्यवसाय का ध्यान रखें।
मकर :- अधिकारियों के मेल-मिलाप से कार्य अवश्य होगा, समय का लाभ अवश्य लें।
कुम्भ :- परिश्रम करने पर भी सफलता न मिले तथा अनेक प्रकार की असुविधा अवश्य ही बनेगी।
मीन :- दैनिक कार्यगति अनुकूल, प्रभुत्व वृद्धि, किसी रुके कार्य के बनने का हर्ष होगा।
हथेली में होने वाली खुजली देती है शुभ और अशुभ संकेत
6 Dec, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर । हर कोई आर्थिक और वित्तीय सुरक्षा चाहता है। कड़ी मेहनत और समर्पण के अलावा भाग्य भी बड़ी भूमिका निभाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हथेलियों की खुजली यह संकेत देती है कि धन मिलेगा या नहीं। इस संबंध में महिलाओं और पुरुषों के हाथ अलग-अलग होते हैं। आइए जानते हैं कि हथेलियों की खुजली और धन प्राप्ति का क्या संबंध है। ज्योतिष और सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, हथेलियों में खुजली होना देवी लक्ष्मी की कृपा का संकेत है। हालांकि इसमें कुछ बातें अहम है। जैसे हथेली कौन-सी है। हथेली महिला या पुरुष की है। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, दाहिने हाथ की हथेली पर खुलजी का मतलब है कि आपको जल्द ही धन मिलेगा। इसके अलावा जल्द ही जीवन में नया व्यक्ति जुड़ने वाला है।
पुरुषों में दाहिनी हथेली में खुजली का संकेत
पुरुषों के लिए दाहिने हथेली में खुजली होना एक अच्छा संकेत है। यह संकेत है कि व्यक्ति खोया हुआ धन या लॉटरी जीत सकता है। या किसी अन्य रचनात्मक माध्यम से पैसे मिल सकते है।
पुरुषों में बायीं हथेली में खुजली का संकेत
अगर पुरुषों के बाएं हाथ की हथेली में खुजली होती है, तो धन के मामले में भाग्य खराब हो जाएगा। या बेवजह पैसा खर्च हो सकता है। बाएं हथेली में खुजली दुर्भाग्य का संकेत है।
महिलाओं के लिए बायीं हथेली में खुजली होने का संकेत
किसी महिला का बायीं हथेली में खुजली इस बात का प्रतीक है कि वे आर्थिक रूप से सफल होंगी। यह समृद्धि की तरफ इशारा करता है।
महिलाओं के लिए दाहिनी हथेली में खुजली का संकेत
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिस महिला की दाहिनी हथेली में बार-बार खुजली होती है। उसे भविष्य में धन हानि हो सकती है। वहीं, बाएं हाथ से कभी किसी को पैसा नहीं देना चाहिए। पैसे हमेशा दाहिने हाथ से देना चाहिए। मान्यता है कि इससे किसी अन्य तरीके से धन वापस आ जाएगा।