व्यापार (ऑर्काइव)
एसएंडपी ने माना, भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मजबूत
17 Nov, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मध्यम अवधि में मजबूत रहने का अनुमान जताकर कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 से लेकर 2025-26 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सालाना 6-7.1 प्रतिशत की वृद्धि होगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्वस्थ कॉरपोरेट बही-खातों और अन्य संरचनात्मक सुधार होने से बैंकों का फंसा कर्ज मार्च, 2025 तक कुल अग्रिम के तीन-3.5 प्रतिशत तक घट जाएगा। इसके अलावा भारत में ब्याज दरों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना नहीं होने से बैंकिंग उद्योग के लिए जोखिम भी सीमित होने का अनुमान जताया गया है। एसएंडपी की प्राथमिक ऋण विश्लेषक दीपाली सेठ छाबड़िया ने कहा, असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण तेजी से बढ़े हैं और यह फंसे कर्जों की वृद्धि में भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन हमारा मत है कि खुदरा ऋण के लिए अंडरराइटिंग के मानक आमतौर पर अच्छे रहते हैं और इस उत्पाद श्रेणी के लिए चूक का समग्र स्तर स्वीकार्य सीमा के भीतर रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितताओं का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कम असर पड़ेगा। हालांकि, धीमी वैश्विक वृद्धि और बाहरी मांग आर्थिक गतिविधियों पर असर डालेगी और मुद्रास्फीति को तेज कर सकती है। लेकिन भारत की वृद्धि घरेलू स्तर पर केंद्रित होने से उम्मीद है कि आर्थिक वृद्धि पर इसका कम असर होगा।
वित्त वर्ष 2024-2026 में जीडीपी में सालाना 6-7.1 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’ अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही में भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत बढ़ा है। जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 और उसके बाद 2024-25 के लिए 6.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है।
ईशा अंबानी, अंशुमन ठाकुर और हितेश कुमार सेठिया को, आरबीआई ने नियुक्ति को मंजूरी दी
17 Nov, 2023 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरबीआई की ओर से कंपनी को जारी चिट्ठी में कहा गया गया है कि यह मंजूरी इस पत्र की तारीख से केवल छह महीने के लिए वैध है।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ईशा अंबानी, अंशुमन ठाकुर और हितेश कुमार सेठिया को जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय बैंक ने 15 नवंबर को इन नियुक्तियों को मंजूरी दी थी। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने बीएसई और एनएसई को बताया है कि आरबीआई की ओर से कंपनी को जारी चिट्ठी में कहा गया गया है कि यह मंजूरी पत्र की तारीख से केवल छह महीने के लिए वैध है। यदि कंपनी इस समय सीमा के भीतर प्रस्ताव को लागू करने में विफल रहती है, तो उसे परिवर्तन को लागू करने में विफल रहने के कारणों के साथ फिर से आवेदन करना होगा।
बैंकाें और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियाें के लिए, आरबीआई ने कड़े किए नियम
17 Nov, 2023 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सार
आरबीआई के अनुसार, वे सभी टॉप अप कर्ज जो ऐसी संपत्ति के एवज में दिए गए हैं, जिनकी कीमतों में आगे गिरावट आती है, वे उधारी मूल्यांकन व एक्सपोजर उद्देश्यों के लिए असुरक्षित वर्ग के कर्ज माने जाएंगे। इसमें वाहन जैसे कर्ज आएंगे।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने असुरक्षित उपभोक्ता और व्यक्तिगत कर्ज के नियम सख्त कर दिए हैं। केंद्रीय बैंक ने उपभोक्ता ऋण के ज्यादा जोखिम भार (रिस्क वेटेज) को 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया। इस फैसले से बैंक और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियाें से कर्ज लेना व क्रेडिट कार्ड रखना महंगा हो जाएगा। नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए।
आरबीआई के मुताबिक, ये नियम नए और पुराने, दोनों कर्ज पर लागू होंगे। हालांकि, आवास, शिक्षा, वाहन कर्ज और सोने के एवज में लिए जाने वाले कर्ज दायरे से बाहर रहेंगे। माइक्रोफाइनेंस लोन और स्वयं-सहायता समूह के ऋण भी इससे अलग रहेंगे। अब बैंक और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियाें (एनबीएफसी) को उपभोक्ता व व्यक्तिगत कर्ज के लिए अब ज्यादा जोखिम का प्रावधान करना होगा। इससे उपभोक्ता कर्ज देने की क्षमता घट जाएगी और बैंक ज्यादा ब्याज पर कर्ज दे सकते हैं।
असुरक्षित श्रेणी में वाहन ऋण शामिल
आरबीआई के अनुसार, वे सभी टॉप अप कर्ज जो ऐसी संपत्ति के एवज में दिए गए हैं, जिनकी कीमतों में आगे गिरावट आती है, वे उधारी मूल्यांकन व एक्सपोजर उद्देश्यों के लिए असुरक्षित वर्ग के कर्ज माने जाएंगे। इसमें वाहन जैसे कर्ज आएंगे। क्रेडिट कार्ड के लिए रिस्क वेटेज बैंकों के लिए 125 फीसदी और एनबीएफसी के लिए 100 फीसदी है। इसे बढ़ाकर क्रमश: 150 व 125 फीसदी किया गया है। उच्च जोखिम भार का अर्थ असुरक्षित व्यक्तिगत कर्ज के लिए बैंकों को बफर में अधिक पैसा अलग रखना होता है, इससे उधारी देने की क्षमता घटती है।
30% बढ़ा पर्सनल लोन
इस साल सितंबर तक बैंकों का कुल पर्सनल लोन 48,26,833 करोड़ रुपये रहा। एक साल में यह 30 फीसदी बढ़ा है। सामान्य कर्ज की गति इसी दौरान सिर्फ 12-14 फीसदी ही बढ़ी। ऐसे में कर्ज डूबने का खतरा बढ़ सकता है। आरबीआई ने बैंकों से उपभोक्ता ऋण की क्षेत्रीय जोखिम सीमाओं की समीक्षा करने व स्वीकृत सीमाएं लागू करने के लिए भी कहा है।
तय हुआ प्राइस बैंड, सिर्फ 14250 रुपये लगाएं, रतन टाटा दे रहे पैसा कमाने का मौका
16 Nov, 2023 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रतन टाटा निवेशकों को कमाई का मौका दे रहे हैं. 22 नवंबर को रतन टाटा की कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ आ रहा है, जिसमें निवेशक पैसा लगा सकते हैं. करीब 19 साल के लंबे इंतजार के बाद में रतन टाटा की किसी कंपनी का आईपीओ बाजार में दस्तक दे रहा है. फिलहाल अब आईपीओ (IPO) के लिए प्राइस बैंड भी तय हो गया है. आइए आपको बताते हैं कि अब निवेशकों को एक लॉट के लिए कितने रुपये खर्च करने होंगे-
इंजीनियरिंग एवं प्रोडक्ट डेवलपमेंट संबंधी डिजिटल सर्विसेज देने वाली कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज ने IPO के लिए प्राइस बैंड तय कर दिया है. कंपनी ने 475-500 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड फिक्स किया है.
Tata Technologies IPO Details-
>> कब ओपन हो रहा है IPO - 22 नवंबर 2023
>> कब बंद हो रहा है IPO - 24 नवंबर 2023
>> मिनिमम कितना करना होगा निवेश - 14,250 रुपये
>> प्राइस बैंड - 475-500 रुपये
>> लॉट साइज - 30 शेयर्स
कितनी रहेगी किसकी हिस्सेदारी?
कंपनी का आईपीओ 22 नवंबर को बोली के लिए खुलेगा और 24 नवंबर को बंद होगा. एंकर निवेशक 21 नवंबर को बोली लगा सकेंगे. आईपीओ के तहत टाटा मोटर्स 11.4 फीसदी, निजी इक्विटी फर्म अल्फा टीसी होल्डिंग्स 2.4 फीसदी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड-1 1.2 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगी.
कंपनी क्या करती है काम?
Tata Technologies कंपनी की बात की जाए तो इसका गठन करीब 33 साल पहले हुआ था. यह एक प्रोडक्ट इंजीनियरिंग और डिजिटल सर्विसेज के कारोबार में जुड़ी हुई कंपनी है. इसके अलावा कंपनी ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल हेवी मशीनरी और एयरोस्पेस सेक्टर्स को भी सर्विस देती है. इस कंपनी की प्रतिद्विंदी कंपनी Cyient, Infosys, KPIT Technologies, Persistent हैं.
19 साल पहले आया था आईपीओ
टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ के जरिए बाजार से करीब 4,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है. टाटा ग्रुप करीब 19 साल के बाद में आईपीओ लेकर आ रही है. इससे पहले टाटा ग्रुप का आईपीओ साल 2004 में आया था. 2004 में कंपनी टीसीएस का आईपीओ लेकर आई थी.
टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO अगले हफ्ते आ रहा है, प्राइस बैंड और बाकी सभी डिटेल्स
16 Nov, 2023 01:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टाटा ग्रुप की टाटा टेक्नोलॉजीज कंपनी जो इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवाएं देती है वह अगले हफ्ते अपना आईपीओ लॉन्च कर रही है। कंपनी ने 3,042 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को खोलने का एलान किया है। अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपको कंपनी के आईपीओ के बारे में विस्तार से जानना चाहिए।
आपको बता दें कि टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ का प्राइस बैंड 475 रुपये प्रति शेयर से 500 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है।
टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ
कंपनी का आईपीओ 22 नवंबर को सदस्यता के लिए खुलेगा और 24 नवंबर को बंद हो जाएगा। वहीं एंकर निवेशकों के लिए यह आईपीओ 21 नवंबर 2023 को सब्सक्रिप्शन के लिए खोली जाएगी। लगभग दो दशकों के बाद टाटा ग्रुप की कंपनी क आईपीओ खुलने वाला है। आखिरी बार, 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का आईपीओ खुला था।
आपको बता दें कि यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल के लिए हैं। कंपनी 6.08 करोड़ (6,08,50,278) इक्विटी शेयरों को बिक्री के लिए पेश करेगी। इस आईपीओ में टाटा मोटर्स 11.4 फीसदी, अल्फा टीसी होल्डिंग्स और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 2.4 फीसदी की हिस्सेदारी बेचेंगे। इस इश्यू से मूल्य दायरे के निचले स्तर ,890.4 करोड़ रुपये और ऊपरी स्तर 3,042.5 करोड़ रुपये होंगे। एक्सिस कैपिटल ने इश्यू के बाद मार्केट कैप 19,269 करोड़ रुपये से 20,283 करोड़ रुपये के बीच आंका है। पिछले महीने टाटा मोटर्स ने टाटा टेक्नोलॉजीज में 9.9 फीसदी हिस्सेदारी टीवीसी राइज क्लाइमेट को 1,613.7 करोड़ रुपये में बेचने का समझौता किया था।
जेएम फाइनेंशियल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स और बोफा सिक्योरिटीज आईपीओ पर कंपनी को सलाह देने के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं। टाटा टेक्नोलॉजीज के इक्विटी शेयर 5 दिसंबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होंगे।
57.5 रुपये सस्ता हुआ गैस सिलेंडर,दिवाली के बाद आई खुशखबरी, जाने क्या है रेट्स?
16 Nov, 2023 12:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिवाली के बाद राहत वाली खबर आ गई है. आज से गैस सिलेंडर के रेट्स कम हो गए हैं. सरकारी तेल कंपनियों ने गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती कर दी है. बता दें नई कीमतें आज से लागू हो गई हैं. इसके अलावा घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों की बात करें तो उनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. 14 किलो वाले सिलेंडर के रेट्स जस के तस हैं.
सरकारी तेल कंपनी IOCL की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, आज यानी 16 अक्टूबर से गैस सिलेंडर सस्ता हो गया है. इस बार तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है. 19 किलो वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर का भाव 57.50 रुपये सस्ता हो गया है.
चेक करें नए रेट्स
आज की गई कटौती के बाद में दिल्ली में 19 किलो वाले सिलेंडर का भाव 1755.50 रुपये हो गया है. इसके अलावा कोलकाता में 1885.50 रुपये, मुंबई में 1728 रुपये और चेन्नई में 1942 रुपये प्रति सिलेंडर है.
1 तारीख को हुआ था इजाफा
आपको बता दें दिवाली से ठीक पहले यानी 1 तारीख को कॉमर्शियल सिलेंडर के रेट्स में 101.50 रुपये का इजाफा किया गया था. वहीं, घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें लगातार जस की तस बनी हुई हैं.
30 अगस्त को सरकार ने 200 रुपये की कटौती
आपको बता दें घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 30 अगस्त को बदलाव किया गया था. उस समय पर सरकार की तरफ से गैस सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती की गई थी. वहीं, उज्जवला योजना वाले लाभर्थियों के लिए 400 रुपये की कटौती का ऐलान किया गया था.
क्या है 14 किलो वाले सिलेंडर के रेट्स
आम उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलो वाला LPG Cylinder दिल्ली में 903 रुपये, कोलकाता में 929 रुपये, मुंबई में 902.50 रुपये और चेन्नई में 918.50 रुपये का मिल रहा है.
मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, चीन के सामान को लेकर फिर घमासान,जाने पूरी खबर
16 Nov, 2023 12:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में चीन के कई सामान की बिक्री होती है. अलग-अलग सेक्टर में कुछ न कुछ चाइनीज सामान जरूर मिल जाएगा और इनकी खरीद-बिक्री भी काफी होती है. हालांकि अब भारत सरकार की ओर से चाइनीज सामान को लेकर कदम उठाया गया है. इसको लेकर अब सरकार की ओर से कुछ उत्पादों को लेकर डंपिंग की जांच शुरू की गई है. वहीं इन उत्पादों का आयात करोड़ों रुपये में होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
खुद लिया संज्ञान
भारत अलग-अलग देशों से सामानों का आयात करता है. जरूरत के मुताबिक होने वाले आयात में कुछ सामान चीन से भी आते हैं. अब वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने खुद संज्ञान लेते हुए चीन की कंपनियों के जरिए रोलर चेन, कांच के दर्पण और फास्टनर सहित चार उत्पादों की कथित डंपिंग की जांच शुरू की है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.
एमएसएमई इकाइयों की रक्षा करने का उद्देश्य
जानकारी देते हुए कहा कि व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) पड़ोसी देश से सस्ते आयात से एमएसएमई इकाइयों की रक्षा करना चाहता है. आमतौर पर डंपिंग रोधी जांच घरेलू उत्पादकों के आवेदन के आधार पर शुरू की जाती है, लेकिन चूंकि इन उद्योगों को व्यापार उपचार जांच में शामिल प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं थी, इसलिए डीजीटीआर ने अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू की है.
डंपिंग की जांच
व्यापार उपचार महानिदेशक अनंत स्वरूप ने कहा कि ये उत्पाद मुख्य रूप से छोटी और मझोली इकाइयों (एमएसएमई) के जरिए बनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि इन चारों उत्पादों का आयात कुल मिलाकर करीब 800 करोड़ रुपये का है और ये चीन से आ रहे हैं. स्वरूप ने कहा, ‘‘हमने खुद संज्ञान लेते हुए चार मामले शुरू किए हैं.’’ डीजीटीआर ने कहा कि वह टेलिस्कोपिक चैनल ड्रॉयर, बिना फ्रेम वाले कांच के दर्पण और फास्टनर की कथित डंपिंग की जांच कर रहा है.
बिजली की मांग बढ़ने से राज्यों का कोयले पर जोर
15 Nov, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । पिछले कई वर्षों से राज्यों के ऊर्जा और बिजली मंत्रियों की वार्षिक बैठक मुख्य तौर पर बिजली वितरण की समस्याओं और बिजली आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के उपायों पर केंद्रित होती थी। मगर करीब एक दशक बाद बैठक मुख्य तौर पर कोयले पर केंद्रित रही। केंद्रीय बिजली मंत्रालय द्वारा इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में आयोजित बैठक में चर्चा के मुख्य मुद्दे कोयले से चलने वाले नए बिजली संयंत्र खोलना और बिजली की मांग बढ़ना थे। 2014 में राज्यों के ऊर्जा, बिजली मंत्रियों की वार्षिक बैठक कोयले की आपूर्ति पर केंद्रित थी। साल 2016 से 2018 के बीच बैठकें ग्रामीण एवं शहरी विद्युतीकरण और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए सुधार की केंद्रीय योजनाओं पर केंद्रित थीं। 2019 में चर्चा उपभोक्ताओं के लिए बिजली की कीमत घटाने और स्मार्ट प्रीपेड मीटर जैसी बेहतर प्रौद्योगिकी अपनाने पर केंद्रित हो गई। कोविड के बाद डिस्कॉम का वित्तीय संकट से उबरना और डिस्कॉम की व्यवहार्यता मुख्य मुद्दे बन गए। अधिक से अधिक अक्षय ऊर्जा को शामिल करना पिछले दशक का मुख्य विषय रहा है। मगर बिजली की भारी मांग देखते हुए राज्य कोयला से चलने वाले बिजली संयंत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ राज्यों ने नए मेगा संयंत्रों के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं तो कुछ अपने मौजूदा संयंत्रों की क्षमता बढ़ा रहे हैं।
एप्पल, गूगल, अमेजन को देना पड़ सकता है 5,000 करोड़ का टैक्स
15 Nov, 2023 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कर नहीं देने के मामले में आयकर विभाग एपल, गूगल और अमेजन की भारतीय शाखाओं की जांच कर रहा है। बताया जा रहा है कि मामला 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के संभावित कर से जुड़ा है। 2021 में शुरू हुई एक जांच के तहत अधिकारियों ने इन कंपनियों से उनकी ट्रांसफर प्राइसिंग प्रैक्टिस के संबंध में जवाब मांगा है। इस दौरान विभाग ने कंपनियों की ओर से पेश किए गए जवाब को भी खारिज कर दिया है। आयकर विभाग विज्ञापन, मार्केटिंग, प्रमोशन खर्च, रॉयल्टी भुगतान, ट्रेडिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट व मार्केटिंग सपोर्ट सेवाओं से संबंधित लेनदेन पर तीनों टेक दिग्गजों की जांच कर रहा है। एपल की भारतीय यूनिट ओरिजिनल उपकरणों की खरीदारी और उन्हें घरेलू बाजार में बेचने को लेकर जांच के दायरे में है। हालांकि, एपल ने कहा कि यह कर के दायरे से बाहर है। एपल का भारत में 2022-23 के दौरान कारोबार 48 फीसदी बढ़कर करीब 50,000 करोड़ रुपए पहुंच गया। उसका मुनाफा बढ़कर 2,229 करोड़ रुपए पहुंच गया है। जांच के मुताबिक, अमेजन के ग्राहक डिलीवरी शुल्क का 50 फीसदी विज्ञापन, मार्केटिंग और प्रमोशन खर्च का हिस्सा माना गया। इससे कर देनदारी 100 करोड़ से ज्यादा हो गई। गूगल इंडिया के लिए यह मुद्दा कुछ ऐसे लेनदेन का है, जिनकी जानकारी फॉर्म 3 सीईबी में नहीं दी गई है। इसे अंतरराष्ट्रीय कर के रूप में माना जाता है, जिससे गूगल पर देनदारी बनती है।
भारत ने ओपेक देशों से कहा- तेल बाजार में स्थिरता सुनिश्चित होनी चाहिए
15 Nov, 2023 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विश्व के तीसरे प्रमुख तेल उपभोक्ता देश भारत ने तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक से कहा कि उपभोक्ताओं, उत्पादकों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए बाजार में स्थिरता सुनिश्चित होनी चाहिए। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में वियना में हुई छठी भारत-ओपेक ऊर्जा वार्ता में यह बात कही। बैठक की सह-अध्यक्षता ओपेक के महासचिव हैसम अल गै़स और पुरी ने की। बयान में कहा गया है कि बैठक में खुली और स्पष्ट चर्चा तेल और ऊर्जा बाजारों से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित रही। इसमें उपलब्धता, कीमत और स्थिरता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया। दोनों पक्षों ने उद्योग के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के संबंध में चर्चा की तथा वैश्विक आर्थिक वृद्धि और ऊर्जा मांग में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की बात कही। बयान में महासचिव के हवाले से कहा गया है कि भारत और ओपेक के बीच संबंध आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि दुनिया वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने, सस्ती ऊर्जा प्रदान करने और उत्सर्जन कम करने पर ध्यान दे रही है।
थोक महंगाई अक्टूबर में लगातार सातवें महीने शून्य से नीचे
15 Nov, 2023 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । खुदरा महंगाई के बाद अक्टूबर महीने के दौरान थोक महंगाई में भी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले महीने थोक महंगाई तो लगातार सातवें महीने शून्य से नीचे रही है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर महीने के दौरान थोक महंगाई की दर शून्य से 0.52 फीसदी नीचे रही है। इस तरह लगातार सातवें महीने थोक महंगाई की दर शून्य से कम रही है। इससे पहले सितंबर महीने में थोक महंगाई शून्य से 0.26 फीसदी नीचे रही थी। देश में थोक महंगाई की दर अप्रैल 2023 से लगातार शून्य से नीचे है। जब महंगाई दर शून्य से कम रहती है, तो उसे अपस्फीति कहा जाता है। महंगाई दर के शून्य से नीचे रहने का मतलब कीमतों में गिरावट आना है, जबकि शून्य से ऊपर रहने का मतलब कीमतों में बढ़ोतरी होना है। इससे एक दिन पहले खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे। अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई कम होकर 4.87 फीसदी पर आ गई, जो पांच महीने में सबसे कम है। इससे पहले सितंबर में खुदरा महंगाई 5.02 फीसदी और अगस्त में 6.83 फीसदी रही थी। अक्टूबर में खुदरा महंगाई में और नरमी आने से रिजर्व बैंक को राहत मिलने वाली है, जिसने खुदरा महंगाई को 4 फीसदी के लोअर ब्रैकेट में लाने का लक्ष्य रखा है।
गोयल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई से की चर्चा
15 Nov, 2023 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई से मिलकर दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश को और बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। गोयल अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा हैं। वह 13 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को पहुंचे। उन्होंने दक्षिण कोरिया के व्यापार मंत्री डुक गेन अह्न और सिंगापुर के व्यापार एवं उद्योग मंत्री गान किम योंग से भी मुलाकात की। ये सभी मंत्री इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) की बैठक के लिए अमेरिका पहुंचे हैं। गोयल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि मेरी राजदूत मित्र एवं अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई से मुलाकात बेहतरीन रही। हमने एमसी13 में अनुकूल परिणाम के लिए प्रमुख डब्ल्यूटीओ मुद्दों पर अभिसरण के साथ-साथ अपने व्यापार व निवेश संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) अगले साल फरवरी में अबू धाबी में अपना 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी) आयोजित कर रहा है। 164 देश डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं।वाणिज्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार अपने सिंगापुर और दक्षिण कोरियाई समकक्षों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा के निष्कर्ष में तेजी लाने का सुझाव दिया। गोयल ने निवेशकों की एक गोलमेज बैठक में भी हिस्सा लिया। इसमें ऊर्जा, विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स तथा प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के विभिन्न उद्यम पूंजीपतियों तथा उद्यमियों ने हिस्सा लिया।
आयकर विभाग ने कंपनियों के जवाब को किया खारिज, एपल-अमेजन और गूगल के खिलाफ पांच हजार करोड़ रुपये के कर की जांच
15 Nov, 2023 01:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सार
आयकर विभाग विज्ञापन, मार्केटिंग, प्रमोशन खर्च, रॉयल्टी भुगतान, ट्रेडिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट व मार्केटिंग सपोर्ट सेवाओं से संबंधित लेनदेन पर तीनों टेक दिग्गजों की जांच कर रहा है। एपल की भारतीय यूनिट ओरिजिनल उपकरणों की खरीदारी और उन्हें घरेलू बाजार में बेचने को लेकर जांच के दायरे में है। कर भुगतान नहीं करने के मामले में आयकर विभाग एपल, गूगल और अमेजन की भारतीय शाखाओं की जांच कर रहा है। मामला 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के संभावित कर से जुड़ा है। 2021 में शुरू हुई एक जांच के तहत अधिकारियों ने इन कंपनियों से उनकी ट्रांसफर प्राइसिंग प्रैक्टिस के संबंध में जवाब मांगा है। इस दौरान विभाग ने कंपनियों की ओर से पेश किए गए जवाब को भी खारिज कर दिया है। हालांकि, एपल ने कहा कि यह कर के दायरे से बाहर है। एपल का भारत में 2022-23 के दौरान कारोबार 48 फीसदी बढ़कर करीब 50,000 करोड़ रुपये पहुंच गया। शुद्ध मुनाफा बढ़कर 2,229 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
100 करोड़ रुपये से ज्यादा देनदारी अमेजन पर
जांच के मुताबिक, अमेजन के ग्राहक डिलीवरी शुल्क का 50% विज्ञापन, मार्केटिंग और प्रमोशन खर्च का हिस्सा माना गया। इससे कर देनदारी 100 करोड़ से ज्यादा हो गई। गूगल इंडिया के लिए यह मुद्दा कुछ ऐसे लेनदेन का है, जिनकी जानकारी फॉर्म 3 सीईबी में नहीं दी गई है। इसे अंंतरराष्ट्रीय कर के रूप में माना जाता है, जिससे गूगल पर देनदारी बनती है।
यह है ट्रांसफर प्राइसिंग
जब एक बहुराष्ट्रीय समूह के बीच ट्रांसफर उत्पादों या सेवाओं का मूल्य निर्धारित किया जाता है तो उसे ट्रांसफर प्राइसिंग कहा जाता है। यह ऐसा तरीका है, जिसका इस्तेमाल उन कीमतों को निर्धारित करने में किया जाता है जिन पर समूह की अलग-अलग इकाइयां एक-दूसरे से लेनदेन करती हैं।
रेजरपे: भरने पड़ सकते हैं 30 करोड़ डॉलर
डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म रेजरपे ने अपनी मूल कंपनी को एक क्रॉस-कंट्री विलय के माध्यम से भारत में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। इस वजह से रेजरपे को 25 से 30 करोड़ डॉलर तक कर भुगतान करना पड़ सकता है। यह विलय अमेरिका में पंजीकृत कंपनी और उसकी भारतीय शाखा के बीच होगा। रेजरपे और उसके निवेशकों ने विलय का कम मूल्यांकन आंका है, जबकि 2021 में इसका मूल्यांकन 7.5 अरब डॉलर से ज्यादा था।
क्रिप्टो करंसी घोटाले में एसआईटी का शिकंजा
15 Nov, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिमला । क्रिप्टो करंसी घोटाले में करोड़ों का प्रॉफिट लेने वाले कई निवेशक एसआईटी का शिकंजा कसता देख अब अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। इस घोटाले में 70 से 80 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने 2 करोड़ से अधिक का प्रॉफिट लिया अब वे जांच दायरे में हैं। कुछ गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि कुछ अग्रिम जमानत के लिए अदालतों की शरण में हैं। इसी तरह कुछ आरोपी भूमिगत हो गए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि करोड़ों के घोटाले में जिन 4 पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी हुई है उन्होंने भी 2 करोड़ से अधिक का प्रॉफिट लिया है।
इसके तहत खंगाला जा रहा है कि घोटाले में किसकी क्या-क्या संलिप्तता है। कुछ गिरफ्तारियों के बाद अब 60 से अधिक निवेशक एसआईटी की जांच दायरे में हैं। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। डीजीपी संजय कुंडू पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि 2 करोड़ से अधिक का प्रॉफिट लेने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। इससे कई निवेशकों में हड़कंप है। एसआईटी ने जांच के तहत बाहरी राज्यों में भी अपना जाल बिछाया है। इसके साथ ही केंद्रीय एजैंसियों व बाहरी राज्यों की पुलिस के साथ भी एसआईटी का तालमेल है। पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड सुभाष 200 करोड़ से अधिक की राशि डकार गया। इस घोटाले के नाम पर ढाई हजार करोड़ का ट्रांजैक्शन होने के तथ्य हैं। एसआईटी जांच के तहत यह खंगाल चुकी है कि किस निवेशक ने कब कितना निवेश किया और उसे रिटर्न में कितनी राशि मिली या नहीं मिली। अब उसी रिकार्ड के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है।
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत का बयान, देश में आज बिकने वाला हर मोबाइल हैंडसेट भारत निर्मित
15 Nov, 2023 12:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सार
2014-2022 के दौरान भारत में 2 अरब से अधिक मोबाइल हैंडसेट का निर्माण हुआ। उन्होंने आगे कहा कि 2023 में भारत में मोबाइल हैंडसेट निर्माण का आंकड़ा 27 करोड़ को पार कर जाएगा।
विस्तार
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इस साल यानी 2023 में भारतीय बाजार में बिकने वाले लगभग 100 फीसदी मोबाइल 'मेड इन इंडिया' थे। वहीं, पिछले साल यह आंकड़ा 98 फीसदी था। कांत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच मोबाइल निर्माण को लेकर सियासी वार-पलटवार हुआ है।
भारत के जी-20 के शेरपा कांत मंगलवार को यहां जी-20 दिल्ली शिखर सम्मेलन: समावेशी विकास और वैश्विक दक्षिण का उदय विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। बाद में उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में कहा कि 2014 में भारत की लगभग 81 फीसदी मोबाइल हैंडसेट की मांग चीनी आयात से पूरी होती थी। लेकिन आज हालात बदल गए हैं और वर्तमान में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश है।
2014-2022 के दौरान भारत में 2 अरब से अधिक मोबाइल हैंडसेट का निर्माण हुआ। उन्होंने आगे कहा कि 2023 में भारत में मोबाइल हैंडसेट निर्माण का आंकड़ा 27 करोड़ को पार कर जाएगा। उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि वर्तमान में भारत में निर्मित होने वाले 20 फीसदी मोबाइल हैंडसेट का निर्यात किया जाता है। 2014 से 2022 के दौरान देश में मोबाइल का विनिर्माण 23 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ा है।