मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
म.प्र.के लिए सौभाग्य का दिन, केन-बेतवा लिंक परियोजना के निर्माण का रास्ता साफः विष्णुदत्त शर्मा
5 Oct, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। बुंदेलखंड और पूरे मध्यप्रदेश के लिए आज बड़े सौभाग्य का दिन है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 6017 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की स्वीकृति दे दी है। इसके बाद अब परियोजना का काम पूरी रफ्तार से शुरू किया जा सकेगा तथा बुंदेलखंड को हरा-भरा और समृद्व बनाने का रास्ता खुल जाएगा। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के प्रति आभार जताते हुए कही।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि 2003 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले मध्यप्रदेश की स्थिति जितनी खराब थी, उससे कहीं ज्यादा खराब हालात प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल में थे। अधोसंरचना की स्थिति बदहाल थी, न रोजगार था और न ही किसानों को खेती के लिए पानी मिल पाता था। कांग्रेस सरकार की बुंदेलखंड के प्रति बेरुखी के चलते बड़ी संख्या में बुंदेलखंड के लोग रोजगार की तलाश में देश के अन्य हिस्सों में पलायन करने लगे थे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने बुंदेलखंड में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं का विकास किया। इसके बावजूद यहां पानी की जितनी आवश्यकता थी, उतना उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति देकर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलजी के सपनों को साकार किया और बुंदेलखंड तथा समूचे मध्यप्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त कर दिया। अब वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को वन भूमि के हस्तांतरण को स्वीकृति दे देने से परियोजना के काम को शुरू किया जा सकेगा।
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना में इतनी क्षमताएं और संभावनाएं हैं कि काम पूरा हो जाने के बाद यह परियोजना न सिर्फ बुंदेलखंड अंचल, बल्कि मध्यप्रदेश और सीमावर्ती उत्तरप्रदेश की भी तस्वीर बदल देगी। इस परियोजना से नॉन मानसून सीजन में मध्यप्रदेश को 1,834 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। परियोजना से मध्यप्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी एवं दमोह तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी एवं ललितपुर जिले लाभांन्वित होंगे। सिर्फ मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ही इस परियोजना के पूर्ण हो जाने पर 283.85 लाख क्विंटल रबी फसल (गेहूं) की पैदावार में वृद्धि होगी। शर्मा ने कहा कि परियोजना से मध्यप्रदेश की 41 लाख आबादी एवं उत्तरप्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। यही नहीं, बल्कि इस परियोजना में प्रस्तावित पावर हाउस से कुल 103 मेगावाट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का भी प्रावधान है, जिससे देश-प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।
प्रियंका गांधी और कमलनाथ आज धार जिले के मोहनखेड़ा में विशाल आमसभा को संबोधित करेंगे
5 Oct, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी का गुरूवार 05 अक्टूबर 2023 को एक दिवसीय निर्धारित दौरा कार्यक्रमानुसार मप्र प्रवास पर रहेंगी। श्रीमती प्रियंका गांधी यहां धार जिले के मोहनखेड़ा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगी। इस दौरान श्रीमती गांधी धार जिले के मोहनखेड़ा में अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगी। श्रीमती प्रियंका गांधी के मप्र आगमन पर कांग्रेसजनों द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा।
अभा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये बताया कि श्रीमती प्रियंका गांधी 05 अक्टूबर को सुबह 9.15 बजे नई दिल्ली से विशेष वायुयान से प्रस्थान कर पूर्वान्ह 10.45 बजे इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेगी। श्रीमती गांधी पूर्वान्ह 11 बजे इंदौर से धार जिले के मोहनखेड़ा के लिए रवाना होंगी और पूर्वान्ह 11.30 बजे मोहनखेड़ा पहुंचेंगी जहां वे पूर्वान्ह 11.40 बजे जैन तीर्थ स्थल का दर्शन एवं तीर्थ स्थल के ट्रस्टी प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में शामिल होंगी। श्रीमती गांधी उसी दिन मोहनखेड़ा में ही दोपहर 12.10 बजे आदिवासी जननायक क्रांतिकारी नेता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद टंट्या मामा की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होंगी। श्रीमती प्रियंका गांधी दोपहर 12.20 बजे मोहनखेड़ा में कांग्रेस की विशाल जनसभा को संबोधित करेंगी। वे दोपहर 13.45 बजे मोहनखेड़ा से इंदौर के लिए रवाना होगी और वहां से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी।
विगत दिनों में मप्र में श्रीमती प्रियंका गांधी का जबलपुर और ग्वालियर के बाद यह तीसरा दौरा होगा। पहले दो दौरों में मिले अपार जनसमर्थन को देखते हुए भाजपा की शिवराज सरकार हलाकान है कि श्रीमती प्रियंका गांधी की सभाओं में लाखों की संख्या में जनता आ रही है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुनने के लिए ‘एक कार और तीन बेकार’ के नारे के बावजूद लाखों कुर्सियां खाली पड़ी हैं।
शिवराज सिंह चौहान को अपने केद्रीय नेतृत्व को जबाव देते नहीं बन रहा है। कतिपय यही कारण है कि नरेन्द्र मोदी ने अब तक उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकिट नहीं दिया है।
जहां एक ओर अभा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अभा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी , महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित मप्र के समस्त वरिष्ठ नेता मप्र के सर्वांगीण विकास की अवधारणा को लेकर जनता के बीच में मौजूद हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा मोदी और शिवराजसिंह चौहान जनता के सामने झूठ, छल, प्रपंच और खोखले वादे परोस रहे हैं। जिनका खुलासा कल आयोजित कांग्रेस की जनसभा में होगा।
प्रियंका गांधी के मोहन खेड़ा आगमन पर भाजपा ने पूछा
5 Oct, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस राज में जैन संत सुरक्षित नहीं, किस मुहं से मोहनखेड़ा आ रही
भोपाल । कांग्रेस ने जनजातीय वर्ग के साथ-साथ जैन समाज को भी अपमानित करने का काम किया। कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, वहां बेलगावी जिले में जैन संत की नृशंस हत्या कर दी गई। उनकी लाश के टुकड़ों का अंतिम संस्कार करना पड़ा, कांग्रेस राज में जैन संत भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में किस मुहं से प्रियंका गाँधी जैन तीर्थ मोहनखेड़ा आ रही इसका जवाब उन्हें देना होगा। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ सुमेर सिंह सोलंकी ने धार में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। डॉ सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस ने जनजातीय समाज को वोट बैंक के नाम पर हमेशा ठगने का काम किया। प्रियंका गाँधी फिर से आदिवासियों को भ्रमित करने आ रही है।
डॉ सुमेरसिंह सोलंकी ने कहा कि देश का गौरव है कि आजादी के अमृत काल में जनजातीय वर्ग से आने वाली श्रीमती द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति हैं, प्रदेश की जनजातीय समाज से आने वाली बेटी सुश्री अनुसुईया उइके पूर्वोत्तर के राज्य में राज्यपाल हैं। भाजपा ने जनजातीय वर्ग को सामर्थ्य, संबल और जनप्रतिनिधित्व के समान अवसर दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने जनजातीय समाज को वोट बैंक के नाम पर हमेशा ठगने का काम किया है। कांग्रेस ने कभी जनजातीय वर्ग से आने वाली स्वर्गीय जमुना देवी जी को मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया। आज कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जनजाति वर्ग के हमारे भाई-बहनों का जीवन नर्क से बदतर हो गया है। कांग्रेस ने हमेशा जनजातीय वर्ग को अपमानित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बंटाधार के कुशासन में आदिवासी दर-दर भटकने को मजबूर था, कमलनाथ ने भी जनजातीय वर्ग के प्रति कुंठापूर्ण शासन किया, कमलनाथ के समय कांग्रेस ने एमपीपीएससी की परीक्षा में हमारे भील जनजाति के भाई-बहनों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताने का काम किया था वहीँ कमलनाथ सरकार के समय सिंगरौली जिले में एक सात साल की जनजातीय वर्ग की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आई थी, इस घटना में कांग्रेसी प्रशासन की निरंकुशता दिखी थी।
प्रदेश प्रवक्ता डॉ सोलंकी ने कहा कि हिंसा पसंद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की धरती में भी यात्रा निकाली, जिसका नाम जन आक्रोश यात्रा दिया। लेकिन कांग्रेस की यह यात्रा सांप और नेवले की लड़ाई साबित हुई, जिसमें पग-पग आक्रोश और डगर-डगर रोष था। जन आक्रोश यात्रा में अजय सिंह चुरहट से और अरुण यादव बुधनी विधानसभा से खुद चुनाव हार गए थे, लेकिन वह आज जन आक्रोश यात्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ चुनाव में हमेशा पराजित सुरेश पचौरी भी नेतृत्वकर्ता थे,लेकिन पुराने नेताओं को कमलनाथ ने मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांतिलाल भूरिया और गोविंद सिंह जैसे नेता जिन्होंने हमेशा कमलनाथ को राज्य की राजनीति में स्थापित नहीं होने दिया, उनको यात्रा प्रभारी देखकर ऐसा लगा रहा था जैसे सांप और नेवले की लड़ाई चल रही है। डॉ सोलंकी ने कहा कि दिग्विजय गुट के नेता पीसी शर्मा, प्रियव्रत सिंह, सुरेंद्र सिंह बघेल, विजयलक्ष्मी साधौ जैसे नेता यात्रा में न रथ पर थे, न जमीन पर थे। यह कांग्रेस में आक्रोशित कांग्रेस के चेहरे बन गए हैं। इन यात्राओं में 7 नेता,7 क्षेत्र थे लेकिन 700 से अधिक जगह विरोध हुआ, इस आक्रोश में पूरा मनोरंजन, पूरा एक्शन ड्रामा था, जूते थे, नेताओं के खिलाफ तख्तियां थी, हाथ में बंदूक थी, नेताओं का पत्रकारों और जनता के खिलाफ आक्रोश था, खूब झड़प थी, नेताओं के धर्म विरोधी बयान थे, मोदी जी पर अनर्गल टिप्पणी थी, यह यात्रा पग-पग कांग्रेस की फूट की, सत्ता की लूट की भूख थी।
डॉ सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा कि प्रियंका गाँधी जी आप महिलाओं के दुःख दर्द को बेहतर समझती है। लेकिन आपकी पार्टी के ही नेता दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेत्री को ’टंच माल’ कहते हैं, तो सज्जन वर्मा ’बच्चे पैदा करने की मशीन’ कहते हैं,सुखदेव पांसे महिला को ’नाचने-गाने वाली’ कहते हैं, तो तरुण भनोट ’बेवकूफ महिला’ कहते हैं। पूर्व मंत्री उमंग सिंघार महिला उत्पीड़न करते हैं, तो आपकी ही पार्टी के विधायक ट्रेन में महिला से छेड़खानी करते हैं। उन्होंने प्रियंका गाँधी से सवाल पूछते हुए कहा कि उमंग सिंघार की पत्नी ने सोनिया जी को चिट्ठी लिखी थी, उसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि आपकी पार्टी के नेता सिंघार महिलाओं का शोषण करते हैं, इस चिट्ठी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा खुद कांग्रेसी नेताओं के उत्पीड़न से परेशान हैं। क्या आप उनसे माफी मांगेंगी? आपके यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. पर आपकी पार्टी की नेता अंकिता दत्ता ने शोषण का आरोप लगाया है, आपके निजी सचिव संदीप सिंह तक पर कांग्रेस नेता अर्चना गौतम ने बदसलूकी का आरोप लगाया, ऐसे सभी मामलों में आपकी चुप्पी कब टूटेगी?
प्रदेश प्रवक्ता डॉ सोलंकी ने कहा कि प्रियंका जी आप पिछली बार जब मध्य प्रदेश आई थीं, तब आपने 6 गारंटी दी थी, आपके भाई राहुल जी ने भी गारंटी दी, प्रियंका जी आपकी इन थोथी गारंटियों पर अब प्रदेश की जनता को भरोसा नहीं है? कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान रेपस्थान बन रहा है। छत्तीसगढ़ में आए दिन बेटियों से बलात्कार, उन्हें जिंदा जला दिया जाता है और आपका दोहरा चरित्र यह है कि भाजपा शासित राज्यों में होने वालीं हर छोटी घटना पर ट्विटर की चिड़िया उड़ाती है लेकिन आप कांग्रेस शासित राज्यों में होने वाली जघन्य घटनाओं पर सलेक्टिव चुप्पी रखती है। क्या सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकना ही आपकी राजनीति का केंद्र है? उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री बनते ही हमारी सहरिया, भारिया और बैगा आदिवासी बहनों की 1 हजार रुपये की सहायता बंद कर दी, आदिवासी बहनों को छलने वाले कमलनाथ जी पर आप क्या राय देंगी? आपकी पार्टी के नेता रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, रानी अवंती बाई के गौरव गान का विरोध करते हैं, आपके नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने रानी कमलापति के विषय में कहा था, कौन रानी कमलापति, वह रानी कमलापति के शौर्य को मानने को राजी नहीं थे, इस पर आप क्या बोलेंगी।
"महिला सशक्तिकरण की आवाज हूँ - मैं शिवराज हूँ"
4 Oct, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुरहानपुर महिला सम्मेलन में एक करोड़ 31 लाख लाड़ली बहनों के खातों में सिंगल क्लिक से 1597 करोड़ रूपए अंतरित किए। इस माह बहनों को बढ़ी हुई राशि के रूप में 1250 रूपए की किस्त जारी की गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनें शासन-प्रशासन की गतिविधियों में भाग लें, इसी उद्देश्य से नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनावों में महिला आरक्षण की व्यवस्था की गई। पुलिस में बेटियों की 30 प्रतिशत भर्ती आरंभ की गई, इसे बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया जाएगा। पुलिस में बड़ी संख्या में बेटियों के आने से बहन-बेटियों की सुनवाई अधिक संवदेनशीलता से हो रही है। मैं बेटियों को बोझ नहीं वरदान बनाने और बहनों को मजबूर नहीं मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। मुझे बहनों की आँखों के आंसू पोंछने, उन पर हो रहे अत्याचार और अन्याय समाप्त करने के लिए ही भगवान ने धरती पर भेजा है। हमने प्रदेश में तय किया कि जो भी मासूम बेटियों के साथ दुराचार करेगा, उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने बुरहानपुर जिले में 182 करोड़ 72 लाख रूपए की लागत से बने 26 कार्यों का लोकार्पण तथा 219 करोड़ 60 लाख रूपए की लागत के 19 कार्यों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री चौहान ने हितग्राहियों को हितलाभ का वितरण भी किया। लोकार्पण के अंतर्गत मुख्यमंत्री चौहान ने 68 करोड़ 21 लाख की लागत से बने असीर-धूलकोट-घाटाखेड़ी मार्ग, 38 करोड़ 82 लाख की लागत से नेपानगर रेलवे क्रासिंग पर बने ओव्हर ब्रिज, 50 सीटर डिग्री कॉलेज भवन धूलकोट, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नेपानगर, शाही किला बुरहानपुर में लाईट एंड साउंड प्रोग्राम की व्यवस्था तथा अन्य कार्यों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने 145 करोड़ की पांगरी मध्यम सिंचाई परियोजना, 23 करोड़ की इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर स्थित 13.80 किलोमीटर लंबे नेपाफाटा से नेपानगर मार्ग निर्माण सहित अन्य कार्यों का भूमिपूजन भी किया।
प्रदेश में बेटा-बेटी बराबर हों
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना, बहनों के आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को बढ़ाने के लिए आरंभ की गई है। बहनें योजना में मिल रही राशि का सही उपयोग करें और अपनी जिन्दगी बदलें। हम हर बहन की प्रतिमाह आय 10 हजार रूपए करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूह की बहनों ने कई कार्य आरंभ किए हैं। बहनें गर्व और सम्मान के साथ अपनी जिन्दगी जिये, यह हमारा मिशन है। मेरे लिए वो दिन चैन और संतोष का होगा जिस दिन एक हजार बेटों पर समान लिंगानुपात में एक हजार बेटियां जन्म लेंगी। प्रदेश में बेटा और बेटी बराबर हों।
मुख्यमंत्री चौहान बहनों के स्नेह और अपनत्व से हुए भावुक
मुख्यमंत्री चौहान का जनप्रतिनिधियों ने बड़ी पुष्प माला से स्वागत किया। बहनों द्वारा आरती उतारने और उनके स्वरचित गीतों की प्रस्तुति से भावुक होकर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं वचन देता हूँ कि "बहनों के जीवन में कभी अंधेरा नहीं रहने दूंगा"। उन्होंने कहा कि "महिला सशक्तिकरण की आवाज हूँ - मैं शिवराज हूँ", महिला सशक्तिकरण मेरे लिए जीवन का मिशन है, मुझे बहन-बेटियों में जगत जननी भवानी के दर्शन होते हैं।
बुरहानपुर में जल जीवन मिशन में सभी घरों में नल से जल मिल रहा है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बुरहानपुर में सिंधी भाईयों की समस्याओं का समाधान करते हुए जली दुकानों के लिए निविदा जारी कर दी गई है। जली दुकानों के बदलें उन्हें दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगी, राशि का अंतर राज्य सरकार वहन करेगी। ताप्ती मेगा रिचार्ज की योजनाओं को भी मूर्त रूप दिया जाएगा, जिससे पानी की कमी न रहे। बुरहानपुर में जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी घरों में नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है।
गरीब औरकिसान के बच्चों को निजी स्कूलों से भी बेहतर स्कूल मिलेंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गरीब औरकिसानों के बच्चों को भी निजी स्कूलों से भी अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए प्रदेश में सीएम राइज स्कूल बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक स्कूल की बिल्डिंग 38 से 40 करोड़ रूपये की लागत से बन रही है। यह स्कूल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। विद्यार्थियों को लैब, लेपटॉप, लायब्रेरी, खेल मैदान, स्मार्ट क्लास, विद्यार्थियों को बस से आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी। सभी को शिक्षा का समान अधिकार मिले, इसके लिए हम हर स्तर पर कार्य कर रहे हैं। विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और उनमें प्रतिस्पर्धा का भाव विकसित करने के उद्देश्य से उन्हें लेपटॉप, स्कूटी आदि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थी पढ़ें और आगे बढ़ें, हमारी यही मंशा है। जिन परिवारों की वार्षिक आय 8 लाख रूपए तक है, उन परिवारों के बच्चों का प्रतिष्ठित मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश होने पर फीस का भुगतान राज्य सरकार द्वारा कराया जाएगा।
आकर्षण का केन्द्र रहा केले के रेशे से बना फोटो फ्रेम
मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्जवलित एवं कन्या पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महिला सम्मेलन में मौजूद बहनों का मुख्यमंत्री चौहान ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री चौहान की बहनों ने आरती तथा नजर उतारकर अभिवादन किया। मुख्यमंत्री चौहान को स्व-सहायता समूह की बहनों ने एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत केले के रेशे से बनाए फोटो फ्रेम भेंट किया। मुख्यमंत्री चौहान को बुरहानपुर के पर्यटन स्थलों की एक झलक पर आधारित प्रतिकृति भेंट की गई।
मुख्यमंत्री चौहान ने किए हितलाभ वितरित
मुख्यमंत्री चौहान ने सीखो-कमाओ योजना, एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना के हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये। जय राम स्व-सहायता समूह को कच्ची घानी तेल के लिए तीन लाख रूपए का चेक प्रदान किया गया। ग्राम हिंगना रैयत की राशन दुकान का आवंटन स्व-सहायता समूह को किया गया। अमित पाटिल को केला यूनिट लगाने और वैष्णवी शिंदे को ग्राम बोरसर में कस्टम हायरिंग केन्द्र के लिए आर्थिक सहयोग का चेक प्रदान किया गया। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री तथा बुरहानपुर के प्रभारी प्रेम सिंह पटेल, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, महापौर माधुरी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को, विधायकगण, नगरीय निकायों तथा पंचायतों के पदाधिकारी, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
10 अक्टूबर के बाद जारी हो सकती है कांग्रेस पार्टी की सूची, अंततः होगा बड़ा नुकसान ।
4 Oct, 2023 10:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव के मामले में भाजपा एवं कांग्रेस की चुनावी रणनीति में भारतीय जनता पार्टी बेहतर एवं मजबूत दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की सूची आज दिनांक तक जारी न होने की स्थिति में कांग्रेस पार्टी के ही प्रत्याशियों एवं रणनीतिकारों के बीच हताशा का माहौल दिखाई दे रहा है । भारतीय जनता पार्टी 1 महीने के अंतराल में ही दो सूची निकाल चुकी है। पहली सूची को लगभग 1 महीना हो चुका है और दूसरी सूची को भी लगभग 15 दिन हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की किसी भी सूची का अता-पता नहीं है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े बड़े रणनीतिकार एवं मध्य प्रदेश से जुड़े हुए कांग्रेस के नेता मानते हैं कि कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची देरी से जारी होने का बड़ा नुकसान कांग्रेस पार्टी को हो सकता है ।
देरी से सूची जारी होने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान । भाजपा को फायदा ।
भाजपा ने लगभग 1 महीने पूर्व तीन दर्जन विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं । सबसे बड़ी रणनीति भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में नजर आई । इसमें 98% ऐसी सीटें है जिनमे 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त मिली थी l इसका अर्थ यह है कि पहली सूची में विशेष रणनीति का ध्यान रखा गया । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यह मानते है कि जिन सीटों पर हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है उन सीटों पर अगर 1 महीने पूर्व लड़ाई की तैयारी की जाए तो सब कुछ पाना ही पाना है । अर्थात हारी हुई लगभग तीन दर्जन सीटों पर उम्मीदवारों को एक महीने अतिरिक्त समय मिलने की स्थिति में रणनीति से लेकर तैयारियां का पर्याप्त समय मिला है । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जो पहली सूची से संबंधित विधानसभा क्षेत्र में मौजूद है उनका विरोध पिछले 5 साल के अंतराल में स्पष्ट रूप से सामने आया है जिसका बड़ा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलने जा रहा है । भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार की मानें तो पहली सूची जो जारी की गई है उसमें 98% उम्मीदवार हारे हुए एवं भारतीय जनता पार्टी से संबंधित है । अगर 50% उम्मीदवार भी जीतकर आते हैं तो पार्टी को 50% उम्मीदवार का फायदा होगा वहीं कांग्रेस को 50% का नुकसान । कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी की पहली सूची आज दिनांक तक जारी न होने से भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में बड़ा फायदा होने की उम्मीद एक तरफा दिखाई दे रही है वहीं दूसरी और कांग्रेस पार्टी में पूरी तरह हताशा का माहौल नजर आ रहा है।
10 अक्टूबर के बाद जारी हो सकती है कांग्रेस पार्टी की सूची, अंततः होगा बड़ा नुकसान ।
भारतीय जनता पार्टी की पहली एवं दूसरी सूची को अधिकतम समय होने के बाद एक तरफ जहां तीसरी सूची तैयार एवं जारी होने की स्थिति स्पष्ट दिखाई देती है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व एवं स्थानीय मध्य प्रदेश से जुड़े हुए नेता बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी की पहली सूची 10 अक्टूबर के बाद आ सकती है । जानकारी के अनुसार पहली सूची में लगभग 100 लोगों का नाम हो सकता है अर्थात 100 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम घोषित हो सकता है । ऐसी स्थिति में लगभग 1 महीने से अधिक समय लेट चल रही कांग्रेस की सूची को बड़ा नुकसान एवं प्रतिद्वंदता की स्थिति में कांग्रेस को मैदानी क्षेत्रों में भी लंबा संघर्ष करने की स्थिति पैदा हो सकती है। जिसका सीधा-सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त होगा । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से जुड़े हुए बड़े नेता मानते हैं कि इसमें दोष अथवा कांग्रेस पार्टी को हो रहे नुकसान का विश्लेषण किया जाए तो मध्य प्रदेश का नेतृत्व ही जिम्मेदार है । कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी के स्थानीय प्रदेश स्तर के नेतृत्व एवं राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व में उम्मीदवारों की सूची देरी से जारी होने को लेकर हताशा का माहौल दिखाई देता है ।
सूची जारी होने के बाद भी हो सकती है बड़ी बगावत ।
कांग्रेस पार्टी द्वारा पिछले 1 महीने के अंतराल में निकाली जा रही जन आक्रोश रैली के अंतर्गत मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों एवं तहसीलों में कांग्रेस पार्टी के ही स्थानीय कार्यकर्ता एवं नेताओं के बीच जबरदस्त आक्रोश की स्थितियां दिखाई दी है । जन आक्रोश रैली में कई जिला एवं तहसील स्तर पर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के बीच एवं पदाधिकारी के मध्य जूता चलने और पार्टी छोड़ देने तक की नौबत भी आ चुकी है। पहली सूची जारी न होने से पूर्व ये स्थिति है तो स्पष्ट है कि जब सूची जारी होगी तब बगावत की स्थिति कैसी होगी? निश्चित रूप से इस बगावत को संभालने का समय भी सामने नहीं होगा । इस कारण कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण यादव का कहना है कि निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी अपनी मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है । संघर्ष मजबूत है परंतु चुनौती भी अधिक है । गौरतलब है कि 24 घंटे पूर्व अरुण यादव ने भी चुनाव न लड़ने की घोषणा कर डाली है ।
वीर जवानों ने वीरता, पराक्रम, शौर्य का एक नया इतिहास रचा: मुख्यमंत्री चौहान
4 Oct, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वीर जवानों ने वीरता, पराक्रम, शौर्य और हिम्मत से एक नया इतिहास रचा है। वीर जवान हिम्मत से भरे हुए हैं। आपके शौर्य और प्रताप को प्रणाम योग्य है। वीर जवानों ने एक साल में 91 लाख के 6 इनामी नक्सली और पिछले तीन सालों में 1 करोड़ 62 लाख के 9 इनामी नक्सली धराशायी किए हैं। यह कोई साधारण सफलता नहीं है।
क्रम-पूर्व पदोन्नति प्राप्त कर रहे 22 जवानों को मुख्यमंत्री चौहान ने बधाई दी। बालाघाट में मध्यप्रदेश पुलिस के क्रम-पूर्व पदोन्नति अलंकरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर नर्मदा घाटी विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन, आयुष एवं जल संसाधन राज्य मंत्री राम किशोर (नानो) कावरे, विधायक लांजी हिना कांवरे, मध्यप्रदेश राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, आई.जी. बालाघाट संजय कुमार, कमिश्नर जबलपुर अभय वर्मा, कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ सहित पुलिस के वीर जवान तथा उनके परिजन उपस्थित थे।
वीर जवान मध्यप्रदेश के अभिमान है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वीर जवान हमारा बल हैं। मध्यप्रदेश के अभिमान है। जवानों की वीरता, पराक्रम देखकर मध्यप्रदेश की जनता की ओर कोई भी आँख उठाकर नहीं देख सकता। जब-जब भी नक्सलियों को धराशायी किया है। राज्य सरकार ने हमेशा सम्मानित किया है। प्रदेश में नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए नई नीति बनाई है। प्रदेश में नवीन नक्सल आत्म समर्पण और पुनर्वास के लिए नीति बनाई गई है। नक्सली गतिविधियों के खिलाफ हमारी हॉक फोर्स हमेशा खड़ी है, इस पर मुझे गर्व है। वीर जवान अपनी जान हथेली पर रखकर नक्सलियों को धराशायी करने का कार्य कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश की धरती पर डकैतों का अंत
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैंने ग्वालियर के एक कार्यक्रम में कहा था कि मध्यप्रदेश की धरती पर डाकू नहीं रहने देंगे। जवानों ने प्रदेश में सारे डकैतों का अंत कर दिया है। सिमी के नेटवर्क को समाप्त कर दिया है। नक्सलवाद को समाप्त करने का भी लगातार कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश पुलिस और हमारे जवानों के खाते में अनेक उपलब्धियां हैं।
माँ-बहन और बेटी का सम्मान सर्वोपरित है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में माँ-बहन और बेटी का सम्मान मेरे लिए सबसे ऊपर है। मध्यप्रदेश में हमने कानून बनाया है कि मासूम बेटियों के साथ कोई गलत हरकत करेगा तो फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा। वीर जवान कठिन परिस्थितियों में रहकर प्रदेश को शांति का टापू बनाने में जी-जान से लगे हुए हैं। आप अपनी ड्यूटी पूरा करें, मैं आपके साथ खड़ा रहूंगा। आपकी सुविधाओं में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
रीवा के गुलाब की खुशबू अब महानगरों में फैल रही है
4 Oct, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : रीवा जिले की जनपद पंचायत सिरमौर की ग्राम पंचायत पाली के गुलाब की खुशबू अब दिल्ली, बैंगलुरु, आगरा सहित अन्य बड़े महानगरों में फैल रही है। यह संभव हुआ है ग्राम पाली की डिंपल के अपने खेत में सफलतापूर्वक गुलाब की खेती करने से।
डिंपल पहले अपने खेत में परम्परागत रूप से गेहूँ और दलहन की फसल लिया करती थी। इससे उन्हें बमुश्किल 30 से 40 हजार रूपये की ही आमदनी हो पाती थी। कम आमदनी से पूरे परिवार का गुजर-बसर मुश्किल से हो पाता था। कई बार उनके परिवार को बड़ी कठिनाई में दिन बिताने पड़ते थे। इस तकलीफ को देखते हुए डिंपल के मन में खेती के साथ ही अन्य रोजगार करने की इच्छा भी थी। इस बीच उन्हें रीवा में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से मिलने का मौका मिला। उन्हें खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये फसल विविधीकरण और पॉली-हाउस तैयार कर फूलों की खेती करने की सलाह दी गई।
डिंपल बताती हैं कि गुलाब की खेती के लिये खेत में पॉली-हाउस तैयार करने के लिये उद्यानिकी विभाग से उन्हें 33 लाख 80 हजार रूपये का ऋण मंजूर हुआ। इसके साथ ही उन्हें राज्य सरकार की ओर से 16 लाख 88 हजार रूपये की सब्सिडी भी मिली। राज्य सरकार से मिली आर्थिक सहायता से उन्होंने 4 हजार वर्ग मीटर में गुलाब की खेती करने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने गुलाब की खेती शुरू की। उनके गुलाब की बिक्री रीवा में अच्छी तरह से होने लगी। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ी। इसके बाद उन्हें उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने गुलाब की पैदावार को दिल्ली, बैंगलुरु सहित अन्य महानगरों के बाजारों में भेजने की सलाह दी। अब वे इन शहरों में लगातार गुलाब भेज रही हैं। डिंपल गुलाब की खेती कर काफी खुश हैं। उनके इस कार्य से आसपास के किसानों ने भी उद्यानिकी फसलों की तरफ अपनी रुचि जाहिर की है। अब डिंपल अपने क्षेत्र में सफल किसान के रूप में पहचानी जाने लगी हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने बरगद, गूलर और बेलपत्र के पौधे रोपे
4 Oct, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में बरगद, गूलर और बेलपत्र के पौधे रोपे। मुख्यमंत्री चौहान के साथ सोशल मीडिया इंस्ट्राग्राम पर अभिव्यक्ति दीक्षित, वानी राव, राबिया और सर्व राजीव कपूर, श्रुत बजाज, अरुण पाण्डेय ने भी पौधे रोपे। ग्वालियर के एमडीपी फाउंडेशन के सर्व गगन जाधव, सुदीप भदाने, रवि गरुड़, श्याम बंसल और अमन व्यास ने पौध-रोपण किया। जन-प्रतिनिधि सर्व शंकरलाल शर्मा, रामपाल सिंह वर्मा, वीरेन्द्र कुमार शर्मा, रमाशंकर पाण्डेय, शालिगराम पाण्डेय, बृजेश पाण्डेय और राजकिशोर त्रिपाठी ने भी पौधे लगाए।
आदिवासी समाज के शिक्षा स्तर में प्रगति
4 Oct, 2023 09:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जब आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली द्रौपदी मुर्मू को देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति का सम्मान देने की तैयारी की जा रही थी, उस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस सम्मान को अपमान में बदल कर रख दिया था। सार्वजनिक रूप से टीवी चैनल के सामने कांग्रेस पार्टी के इन वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सीधे-सीधे राष्ट्रपति पद और आदिवासी समाज को अपमानित किया था। लेकिन केंद्र और मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा आदिवासी समाज के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं विकासवादी दृष्टि से उत्थान के लिए ऐतिहासिक प्रयास किए जा रहे हैं। आदिवासी विकास से संबंधित केंद्र की योजनाओं का बजट जहां 20 गुना से अधिक कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में भी आदिवासी समाज का विकास बजट 38% तक पहुंच चुका है, जो कांग्रेस की सरकार में मात्र 9% था ।
शिक्षा से लेकर राजनीतिक सम्मान तक आदिवासी समाज के लिए ऐतिहासिक क्रांति ।
वर्ष 2014 के बाद अगर राजनीतिक सम्मान की दृष्टि से देखा जाए तो केंद्र सरकार की कई शासकीय, अशासकीय संस्थाओं में शीर्ष पदों पर आज आदिवासी समाज से जुड़े लोग सम्मान पा रहे हैं । वहीं दूसरी ओर सर्वोच्च अर्थात राष्ट्रपति पद पर आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला ही विराजमान है । वर्ष 2014 के बाद आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर 3% से बढ़कर आज 14% हो चुका है । 2014 से 2023 के बीच आदिवासी समाज की शिक्षा से लेकर उनकी विकास योजनाओं के लिए केंद्र सरकार का बजट लगभग 12% बढ़ चुका है ।
आदिवासी समाज के शिक्षा स्तर में प्रगति
राष्ट्रीय स्तर पर एकलव्य विद्यालय योजना का प्रारंभ अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में हुआ था और उसके बाद वर्ष 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों में केवल 90 एकलव्य आदिवासी स्कूल खोले गए थे, परंतु 2014 से 2023 के बीच हिंदुस्तान भर में 500 से अधिक एकलव्य विद्यालय संचालित हो रहे हैं। एक लाख से ज्यादा जनजातीय छात्र-छात्राएं हर वर्ष नए एडमिशन ले रहे हैं। ये एकलव्य विद्यालय आदिवासी समाज के बीच का 100 प्रतिशत सम्मानजनक स्थान पा चुके हैं ।
दर्जनों योजनाओं से बदलती मप्र की तस्वीर
मध्य प्रदेश में पिछले 18 वर्ष के अंतराल में आदिवासी समाज के हित में कुपोषण से मुक्ति के लिए आहार अनुदान योजना से लेकर शिक्षा योजना तक राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, आवास सहायता, मुख्यमंत्री मदद योजना, छात्रावास योजना एवं प्रतिभा योजना जैसी कई योजनाएं संचालित हैं जो आदिवासी समाज के बीच भाजपा सरकार का स्पष्ट प्रतिनिधित्व करती है।
प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया, बैगा तथा भारिया के परिवारों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 3 महीनों में 2 लाख 28 हजार से अधिक महिलाओं के खातों में 45 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की है। जनजातीय वर्ग की महिला मुखिया के खातों में एक हजार रुपये प्रतिमाह के मान से यह राशि अंतरित की गई है। आदिवासी वर्ग के प्रतिभाशाली छात्र देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाकर अध्ययन कर सकें, इसके लिये आकांक्षा योजना के माध्यम से इसी अवधि में 721 आदिवासी विद्यार्थियों के लिये डेढ़ करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। लॉकडाउन के दौरान भी आदिवासी वर्ग के ये विद्यार्थी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में जेईई, नीट और क्लेट जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। आदिवासी वर्ग के ऐसे विद्यार्थी, जिन्हें विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्रवेश नहीं मिल पाता है, उन्हें आवासीय सुविधा देने के लिये आवास योजना के माध्यम से आर्थिक मदद पहुँचाई जा रही है। पिछले 3 माह में 7 हजार आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों के खातों में 11 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि अंतरित की गई है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेसी शोषण का शिकार आदिवासी समाज
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ओर से आदिवासी समाज के प्रतिनिधित्व की भूमिका में कोई चेहरा जेहन में नहीं आता है। लगभग 20 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार के दौर में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली स्वर्गीय जमुना देवी का नाम प्रतिनिधित्व की दृष्टि से मध्य प्रदेश में पहली बार सामने आया था, परंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा राजनीतिक रूप से उनका भी लगातार तिरस्कार किया जाता रहा । वहीं दूसरी ओर कमलनाथ सरकार में भी आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार हो अथवा डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ओंकार सिंह मरकाम हो, लगभग आधा दर्जन आदिवासी समाज से संबंधित कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दिग्विजय सिंह एवं कमलनाथ पर सीधा-सीधा आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी में आदिवासी समाज का सम्मान ना होकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है । उमंग सिंघार ने तो दिग्विजय सिंह को सीधे-सीधे ब्लैकमेलर करार देते हुए कई आरोप लगाए थे ।
कुल मिलाकर आदिवासी समाज के अपमान का खामियाजा आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक रूप से भुगतना ही होगा। परंतु देश की आजादी से लेकर आज तक विधानसभा एवं लोकसभा की बात की जाए तो केंद्र में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व वर्तमान में सर्वाधिक है एवं मध्य प्रदेश में भी राज्य के गठन से लेकर आज तक भाजपा के राजनीतिक नेतृत्व में ही आदिवासी समाज का प्रतिशत सर्वाधिक है ।
शिक्षा से लेकर राजनीतिक सम्मान तक आदिवासी समाज के लिए ऐतिहासिक क्रांति ।
4 Oct, 2023 09:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जब आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली द्रौपदी मुर्मू को देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति का सम्मान देने की तैयारी की जा रही थी, उस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस सम्मान को अपमान में बदल कर रख दिया था। सार्वजनिक रूप से टीवी चैनल के सामने कांग्रेस पार्टी के इन वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सीधे-सीधे राष्ट्रपति पद और आदिवासी समाज को अपमानित किया था। लेकिन केंद्र और मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा आदिवासी समाज के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं विकासवादी दृष्टि से उत्थान के लिए ऐतिहासिक प्रयास किए जा रहे हैं। आदिवासी विकास से संबंधित केंद्र की योजनाओं का बजट जहां 20 गुना से अधिक कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में भी आदिवासी समाज का विकास बजट 38% तक पहुंच चुका है, जो कांग्रेस की सरकार में मात्र 9% था ।
शिक्षा से लेकर राजनीतिक सम्मान तक आदिवासी समाज के लिए ऐतिहासिक क्रांति ।
वर्ष 2014 के बाद अगर राजनीतिक सम्मान की दृष्टि से देखा जाए तो केंद्र सरकार की कई शासकीय, अशासकीय संस्थाओं में शीर्ष पदों पर आज आदिवासी समाज से जुड़े लोग सम्मान पा रहे हैं । वहीं दूसरी ओर सर्वोच्च अर्थात राष्ट्रपति पद पर आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला ही विराजमान है । वर्ष 2014 के बाद आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर 3% से बढ़कर आज 14% हो चुका है । 2014 से 2023 के बीच आदिवासी समाज की शिक्षा से लेकर उनकी विकास योजनाओं के लिए केंद्र सरकार का बजट लगभग 12% बढ़ चुका है ।
आदिवासी समाज के शिक्षा स्तर में प्रगति
राष्ट्रीय स्तर पर एकलव्य विद्यालय योजना का प्रारंभ अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में हुआ था और उसके बाद वर्ष 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों में केवल 90 एकलव्य आदिवासी स्कूल खोले गए थे, परंतु 2014 से 2023 के बीच हिंदुस्तान भर में 500 से अधिक एकलव्य विद्यालय संचालित हो रहे हैं। एक लाख से ज्यादा जनजातीय छात्र-छात्राएं हर वर्ष नए एडमिशन ले रहे हैं। ये एकलव्य विद्यालय आदिवासी समाज के बीच का 100 प्रतिशत सम्मानजनक स्थान पा चुके हैं ।
दर्जनों योजनाओं से बदलती मप्र की तस्वीर
मध्य प्रदेश में पिछले 18 वर्ष के अंतराल में आदिवासी समाज के हित में कुपोषण से मुक्ति के लिए आहार अनुदान योजना से लेकर शिक्षा योजना तक राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, आवास सहायता, मुख्यमंत्री मदद योजना, छात्रावास योजना एवं प्रतिभा योजना जैसी कई योजनाएं संचालित हैं जो आदिवासी समाज के बीच भाजपा सरकार का स्पष्ट प्रतिनिधित्व करती है।
प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया, बैगा तथा भारिया के परिवारों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 3 महीनों में 2 लाख 28 हजार से अधिक महिलाओं के खातों में 45 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की है। जनजातीय वर्ग की महिला मुखिया के खातों में एक हजार रुपये प्रतिमाह के मान से यह राशि अंतरित की गई है। आदिवासी वर्ग के प्रतिभाशाली छात्र देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाकर अध्ययन कर सकें, इसके लिये आकांक्षा योजना के माध्यम से इसी अवधि में 721 आदिवासी विद्यार्थियों के लिये डेढ़ करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। लॉकडाउन के दौरान भी आदिवासी वर्ग के ये विद्यार्थी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में जेईई, नीट और क्लेट जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। आदिवासी वर्ग के ऐसे विद्यार्थी, जिन्हें विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्रवेश नहीं मिल पाता है, उन्हें आवासीय सुविधा देने के लिये आवास योजना के माध्यम से आर्थिक मदद पहुँचाई जा रही है। पिछले 3 माह में 7 हजार आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों के खातों में 11 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि अंतरित की गई है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेसी शोषण का शिकार आदिवासी समाज
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ओर से आदिवासी समाज के प्रतिनिधित्व की भूमिका में कोई चेहरा जेहन में नहीं आता है। लगभग 20 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार के दौर में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली स्वर्गीय जमुना देवी का नाम प्रतिनिधित्व की दृष्टि से मध्य प्रदेश में पहली बार सामने आया था, परंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा राजनीतिक रूप से उनका भी लगातार तिरस्कार किया जाता रहा । वहीं दूसरी ओर कमलनाथ सरकार में भी आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार हो अथवा डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ओंकार सिंह मरकाम हो, लगभग आधा दर्जन आदिवासी समाज से संबंधित कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दिग्विजय सिंह एवं कमलनाथ पर सीधा-सीधा आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी में आदिवासी समाज का सम्मान ना होकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है । उमंग सिंघार ने तो दिग्विजय सिंह को सीधे-सीधे ब्लैकमेलर करार देते हुए कई आरोप लगाए थे ।
कुल मिलाकर आदिवासी समाज के अपमान का खामियाजा आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक रूप से भुगतना ही होगा। परंतु देश की आजादी से लेकर आज तक विधानसभा एवं लोकसभा की बात की जाए तो केंद्र में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व वर्तमान में सर्वाधिक है एवं मध्य प्रदेश में भी राज्य के गठन से लेकर आज तक भाजपा के राजनीतिक नेतृत्व में ही आदिवासी समाज का प्रतिशत सर्वाधिक है ।
मुख्यमंत्री चौहान ने 1440 मेगावॉट की पम्पड हाइड्रो स्टोरेज ऊर्जा भंडारण परियोजना का किया शिलान्यास
4 Oct, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऊर्जा हमारी आवश्यकता है किन्तु आवश्यक यह है कि ऊर्जा का उत्पादन पर्यावरण संरक्षण के साथ हो। हमारी सरकार ऊर्जा संरक्षण के लिये प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रही है। हमने इस क्षेत्र में नित नये आयाम स्थापित किये है। इस दिशा में आज नया इतिहास बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान नीमच जिले में 1440 मेगावाट की पम्पड हाइड्रो स्टोरेज ऊर्जा भंडारण परियोजना का निवास कार्यालय भवन समत्व से वर्चुअली शिलान्यास कर संबोधित कर रहे थे।
ग्रीनको ग्रुप द्वारा नीमच जिले के ग्राम खेमला तहसील रामपुरा में 10 हजार करोड़ के निवेश से स्थापित होने वाली यह परियोजना जून 2025 तक कार्य आरंभ कर देगी। परियोजना की क्षमता को 1920 मेगावाट तक बढ़ाया जाएगा। यह भारत की सबसे बड़ी पंपयुक्त हाइड्रो स्टोरेज ऊर्जा भंडारण परियोजना होगी। परियोजना से लगभग 4 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही प्रदेश के हजारों लोगों के लिए कौशल उन्नयन और स्थानीय क्षेत्र के आर्थिक विकास जैसे अन्य लाभ भी होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंचामृत के संकल्प में वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवकरणीय ऊर्जा क्षमता, नवकरणीय ऊर्जा के माध्यम से अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति और 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य रखे हैं। राज्य शासन सौर, पवन, जल ऊर्जा का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार करने में भी अग्रणी रहा है। नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में यह पम्पड स्टोरेज परियोजना नींव का पत्थर सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए निवेशकों का स्वागत है। नवकरणीय ऊर्जा संयंत्र निर्माण क्षेत्र में भी देश में मध्यप्रदेश अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा।
नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग शिलान्यास में हुए शामिल
समत्व भवन में हुए कार्यक्रम में प्रमुख सचिव नवकरणीय ऊर्जा संजय दुबे, ग्रीनको परियोजना के प्रबंध संचालक अनिल चलामलशेट्टी, कार्यकारी निदेशक बंडारू नरसिंह राव तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। नीमच में हुए प्लांट के भूमि पूजन कार्यक्रम में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, विधायक अनिरुद्ध मारु शामिल हुए।
चिकित्सक आत्मीय भाव से मरीजों का इलाज करें– मंगुभाई पटेल
4 Oct, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि मरीजों के इलाज के दौरान चिकित्सक आत्मीय भाव रखें। मरीजों के स्वस्थ होने में चिकित्सकों का मधुर व्यवहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चिकित्सकों को मरीजों का इलाज अपने परिजनों की तरह करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोगियों के स्वास्थ्य लाभ और उनकी बेहतरी के लिए चिकित्सकों के आचरण में सहानुभूति और संवेदनशीलता बहुत जरूरी है। बी.एम.एच.आर.सी. के चिकित्सक इस दिशा में संवेदनशील पहल करते हुए पीड़ित मानवता की सेवा का आदर्श प्रस्तुत करे।
राज्यपाल पटेल आज भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र की आकस्मिक चिकित्सा इकाई और नवनिर्मित गांधी वीथिका के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन जागरूकता अभियान का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ उप महानिदेशक आई.सी.एम.आर. (एम्स दिल्ली) मनीषा सक्सेना मौजूद थीं।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि जीवन संकट के दौरान समय पर मिलने वाला इलाज जीवनदान होता है। जरूरी है कि चिकित्सा केंद्र में जो भी संकटग्रस्त व्यक्ति आए, वह जल्द स्वस्थ होकर घर लौटे। मानवसेवा में आज तकनीक का योगदान महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में रोगियों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराने के लिए आकस्मिक चिकित्सा ईकाई में रेड, येलो और ग्रीन जोन के द्वारा रोगियों की गम्भीरता के आधार चिन्हित कर उपचार की व्यवस्था करना सराहनीय नवाचार है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस नई आकस्मिक चिकित्सा यूनिट में मरीजों को बेहतर तात्कालिक उपचार संभव होगा। भोपाल के बाहर और दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले रोगियों को बेहतर उपचार सुविधाएं मिलेंगी।
जनजातीय वर्ग में सिकल सेल की जागरूकता का सघन प्रयास करें
राज्यपाल पटेल ने कहा कि बी.एम.एच.आर.सी. का सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन एवं जागरूकता अभियान सराहनीय प्रयास है। जागरूकता के प्रयास चिकित्सालय की सीमाओं के बाहर भी किये जाये। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग में सिकल सेल रोग की जागरूकता और उन्मूलन के तरीकों की जानकारी देना बहुत जरूरी है। प्रचार प्रसार के लिए सभी अवसरों और मंच का उपयोग किया जाना चाहिए। शादी के पूर्व वर-वधु अपने जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड का मिलान अवश्य करें ताकि भविष्य में सिकल सेल रोग का खतरा नहीं रहे। राज्यपाल पटेल ने कार्यक्रम में शामिल सिकल सेल एनीमिया पीड़ित बच्चों और उनके अभिभावकों से मुलाकात की और आत्मीय संवाद किया।
गांधी वीथिका स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाएगी
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि स्वच्छता चिकित्सालय का आधार होती है। परिसर में अस्पताल प्रबंधन द्वारा साफ-सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ाने, गांधी वीथिका का निर्माण सराहनीय है। उन्होंने वीथिका में गांधी साहित्य, उनके चित्रों की उपलब्धता और मरीजों के रिश्तेदारों के बैठने की व्यवस्था का अवलोकन किया। पटेल ने कहा कि वीथिका रोगियों के परिजनों को गांधीजी के दर्शन और विचारों से प्रेरित करेगी। रोगियों के परिजनों को स्वच्छता के प्रति जागरूक और आग्रही बनाएगी।
राज्यपाल पटेल ने कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम में उनका पुष्पगुच्छ और शाल-श्रीफल से स्वागत और स्मृतिचिन्ह से अभिनंदन किया गया। पटेल बी.एम.एच.आर.सी. परिसर में भोपाल गैस त्रासदी के दिवंगतों के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया। प्रभारी निदेशक बी.एम.एच.आर.सी. डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्राध्यापक, निश्चेतना विभाग, बी.एम.एच.आर.सी. डॉ. सारिका कटियार ने आभार व्यक्त किया।
कांग्रेस की सूची जारी न होने से भाजपा को फायदा, कांग्रेस में हताशा ।
4 Oct, 2023 08:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव के मामले में भाजपा एवं कांग्रेस की चुनावी रणनीति में भारतीय जनता पार्टी बेहतर एवं मजबूत दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की सूची आज दिनांक तक जारी न होने की स्थिति में कांग्रेस पार्टी के ही प्रत्याशियों एवं रणनीतिकारों के बीच हताशा का माहौल दिखाई दे रहा है । भारतीय जनता पार्टी 1 महीने के अंतराल में ही दो सूची निकाल चुकी है। पहली सूची को लगभग 1 महीना हो चुका है और दूसरी सूची को भी लगभग 15 दिन हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की किसी भी सूची का अता-पता नहीं है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े बड़े रणनीतिकार एवं मध्य प्रदेश से जुड़े हुए कांग्रेस के नेता मानते हैं कि कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची देरी से जारी होने का बड़ा नुकसान कांग्रेस पार्टी को हो सकता है ।
देरी से सूची जारी होने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान । भाजपा को फायदा ।
भाजपा ने लगभग 1 महीने पूर्व तीन दर्जन विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं । सबसे बड़ी रणनीति भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में नजर आई । इसमें 98% ऐसी सीटें है जिनमे 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त मिली थी l इसका अर्थ यह है कि पहली सूची में विशेष रणनीति का ध्यान रखा गया । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यह मानते है कि जिन सीटों पर हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है उन सीटों पर अगर 1 महीने पूर्व लड़ाई की तैयारी की जाए तो सब कुछ पाना ही पाना है । अर्थात हारी हुई लगभग तीन दर्जन सीटों पर उम्मीदवारों को एक महीने अतिरिक्त समय मिलने की स्थिति में रणनीति से लेकर तैयारियां का पर्याप्त समय मिला है । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जो पहली सूची से संबंधित विधानसभा क्षेत्र में मौजूद है उनका विरोध पिछले 5 साल के अंतराल में स्पष्ट रूप से सामने आया है जिसका बड़ा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलने जा रहा है । भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार की मानें तो पहली सूची जो जारी की गई है उसमें 98% उम्मीदवार हारे हुए एवं भारतीय जनता पार्टी से संबंधित है । अगर 50% उम्मीदवार भी जीतकर आते हैं तो पार्टी को 50% उम्मीदवार का फायदा होगा वहीं कांग्रेस को 50% का नुकसान । कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी की पहली सूची आज दिनांक तक जारी न होने से भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में बड़ा फायदा होने की उम्मीद एक तरफा दिखाई दे रही है वहीं दूसरी और कांग्रेस पार्टी में पूरी तरह हताशा का माहौल नजर आ रहा है।
10 अक्टूबर के बाद जारी हो सकती है कांग्रेस पार्टी की सूची, अंततः होगा बड़ा नुकसान ।
भारतीय जनता पार्टी की पहली एवं दूसरी सूची को अधिकतम समय होने के बाद एक तरफ जहां तीसरी सूची तैयार एवं जारी होने की स्थिति स्पष्ट दिखाई देती है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व एवं स्थानीय मध्य प्रदेश से जुड़े हुए नेता बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी की पहली सूची 10 अक्टूबर के बाद आ सकती है । जानकारी के अनुसार पहली सूची में लगभग 100 लोगों का नाम हो सकता है अर्थात 100 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम घोषित हो सकता है । ऐसी स्थिति में लगभग 1 महीने से अधिक समय लेट चल रही कांग्रेस की सूची को बड़ा नुकसान एवं प्रतिद्वंदता की स्थिति में कांग्रेस को मैदानी क्षेत्रों में भी लंबा संघर्ष करने की स्थिति पैदा हो सकती है। जिसका सीधा-सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त होगा । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से जुड़े हुए बड़े नेता मानते हैं कि इसमें दोष अथवा कांग्रेस पार्टी को हो रहे नुकसान का विश्लेषण किया जाए तो मध्य प्रदेश का नेतृत्व ही जिम्मेदार है । कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी के स्थानीय प्रदेश स्तर के नेतृत्व एवं राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व में उम्मीदवारों की सूची देरी से जारी होने को लेकर हताशा का माहौल दिखाई देता है ।
सूची जारी होने के बाद भी हो सकती है बड़ी बगावत ।
कांग्रेस पार्टी द्वारा पिछले 1 महीने के अंतराल में निकाली जा रही जन आक्रोश रैली के अंतर्गत मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों एवं तहसीलों में कांग्रेस पार्टी के ही स्थानीय कार्यकर्ता एवं नेताओं के बीच जबरदस्त आक्रोश की स्थितियां दिखाई दी है । जन आक्रोश रैली में कई जिला एवं तहसील स्तर पर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के बीच एवं पदाधिकारी के मध्य जूता चलने और पार्टी छोड़ देने तक की नौबत भी आ चुकी है। पहली सूची जारी न होने से पूर्व ये स्थिति है तो स्पष्ट है कि जब सूची जारी होगी तब बगावत की स्थिति कैसी होगी? निश्चित रूप से इस बगावत को संभालने का समय भी सामने नहीं होगा । इस कारण कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण यादव का कहना है कि निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी अपनी मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है । संघर्ष मजबूत है परंतु चुनौती भी अधिक है । गौरतलब है कि 24 घंटे पूर्व अरुण यादव ने भी चुनाव न लड़ने की घोषणा कर डाली है ।
दुविधा में भाजपा विधायक, दिग्गज भी नहीं दे रहे टिकट की गारंटी
4 Oct, 2023 06:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश भाजपा में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे विधायक पहली बार दुविधा की स्थिति में हैं, भाजपा ने प्रत्याशियों की अपनी तीन सूची में जिस तरह चौंकाया है, उससे विधायक सकते में हैं। चुनावी तैयारी के बजाए भोपाल से लेकर दिल्ली तक ये विधायक गणेश परिक्रमा कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोई भी बड़ा नेता टिकट के मुद्दे पर आश्वस्त नहीं कर पा रहा।
टिकट बांटने वाले केंद्रीय नेताओं को भी उतार दिया
दरअसल, भाजपा ने टिकट बांटने वाले केंद्रीय नेताओं को भी विधानसभा चुनाव में उतार दिया है। इस कारण सभी दिग्गज नेता यही कह रहे हैं कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। इसलिए दावेदार नेताओं को यह समझ में नहीं आ रहा कि टिकट की गारंटी उन्हें कहीं से मिलने वाली नहीं है। इधर विधायकों की टिकट काटे जाने की खबर से हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कई दावेदार खड़े हो गए हैं।
जाओ तैयारी करो, कहने वाला कोई नहीं
भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश में कई पावरसेंटर हैं ,जो अब तक टिकट के दावेदारों को आश्वस्त कर देते थे कि जाओ तैयारी करो । पर मौजूदा चुनाव में पार्टी के ज्यादातर विधायक भी असमंजस में हैं कि उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं। इसकी वजह ये है कि पार्टी द्वारा बार-बार सभी विधायकों को सर्वे का हवाला देकर कहा जा रहा है कि उनका परफारमेंस कमजोर है।
पार्टी ने साफ कर दिया
पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि टिकट केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनका नाम केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा कराए गए सर्वे मेंं शामिल होगा। अब तक के चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा में भी कई बार विधायक और दावेदारों को इशारों में बता दिया जाता था कि उनका टिकट पक्का है ,चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें। पर इस चुनाव में हालात अलग हैं।
दिग्गज नेता भी टाल रहे दावेदारों को
टिकट के बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका वाले मप्र के ज्यादातर नेता भी इन दिनों मौन धारण किए हुए हैं। इसकी अलग-अलग वजह हैं। पहली वजह तो यह है कि पार्टी ने टिकट बांटने वालों को ही विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बना दिया है। आमतौर पर यही लोग टिकट बांटा करते थे।
पहले ही आश्वस्त कर देते थे
अब तक के चुनावों में मुख्यमंत्री, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ,संगठन महामंत्री और प्रदेश प्रभारी स्तर के नेता अपने समर्थकों को चुनाव से पहले ही आश्वस्त कर दिया करते थे कि वे जाकर मैदान संभाले ,यहां से उन्हें हरीझंडी है। यही नेता प्रदेश चुनाव समिति के भी सदस्य होते हैं इस कारण दावेदारों को उम्मीद रहती है कि उन्हें टिकट दिलाने में ये मदद करेंगे। अब स्थिति विपरीत है। टिकट का फैसला भी प्रदेश चुनाव समिति के बजाए केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा किया जा रहा है।
एक सीट पर कई दावेदार
पिछले अठारह सालों से सत्ता पर काबिज होने के कारण भाजपा में एक सीट पर टिकट के कई दावेदार तैयार हो गए हैं। पूर्व विधायक ,पूर्व सांसद,नगरपालिका अध्यक्ष,मंडल अध्यक्ष ,जनपद अध्यक्ष ,मंडी अध्यक्ष ,भाजयुमो अध्यक्ष, महिला मोर्चा अध्यक्ष ,किसान मोर्चा के अध्यक्ष सहित कई नेता टिकट पाने की कतार में खड़े हैं।
फैसला केंंदीय चुनाव समिति ही करेगी
भाजपा में प्रत्शाशी चयन का अधिकार संवैधानिक रूप से केंद्रीय चुनाव समिति को है। वह लगातार निर्णय कर रही है, जिसमें 79 प्रत्याशी घोषित हो भी चुके हैं। टिकट हर चुनाव में नए सिरे से विचार करके ही दिए जाते हैं इसलिए हर सीट पर विचार करके केंद्रीय चुनाव समिति निर्णय करती है। नेतृत्व के पास विभिन्न स्रोतों से आए फीडबैक हैं ।
रजनीश अग्रवाल प्रदेश मंत्री, भाजपा मप्र
जज ने दबाव बनाया तो मंगलसूत्र गिरवी रखकर जमा किया भरण पोषण
4 Oct, 2023 05:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । कुटुंब न्यायालय में चल रहे एक मामले में भरण पोषण की राशि जमा ना करने पर अनावेदक राम सिंह (परिवतर्तित नाम) के खिलाफ न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसके उस वारंट के पालन में थाना जनकगंज पुलिस ने राम सिंह को गिरफ्तार कर कुटुंब न्यायालय में पेश किया।
न्यायालय ने पूछा कारण
न्यायालय के सामने पेश होने पर उससे भरण पोषण जमा न करने के पीछे सवाल पूछे गए । भरण पोषण की राशि 48 हजार थी,उक्त राशि में से दस हजार अनावेदक जमा कर रहा था, लेकिन जज ने कहा कि भरण पोषण के तौर पर बीस हजार रुपए जमा कराएं नहीं तो जेल भेज दिया जाएगा।
तीन दिन की मोहलत मांगी थी
जज के कहने पर अनावेदक के अधिवक्ता ने जब राशि जमा करवाने के लिए तीन दिन की मोहलत मांगी तो न्यायालय ने वह भी देने से मना कर दिया।
पत्नी का मंगलसूत्र गिरखी रखा
इसके बाद अनावेदन राम सिंह के पिता ने अपनी पत्नी यानि राम सिंह की मां का मंगलसूत्र गिरवी रखा और दस हजार रुपए जमा कर के राम सिंह को छुड़ाया । बता दें कि अनावेदक राम सिंह की शादी 2016 में गुडा गुडी की रहने वाली सीमा से हुई थी। कुछ दिनों तक सब ठीक चला, लेकिन फिर दोनों के बीच तनाव होने लगा और लगभग 15 दिन के बाद वह राम सिंह को छोड़ कर अपने मायके चली गई जिसके बाद उसने न्यायालय में भरण पोषण का दावा लगा दिया।