मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मप्र में अपना पैर नहीं जमा सकीं सपा-बसपा
7 Oct, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । पड़ोसी प्रदेश उत्तरप्रदेश की दो पार्टियां मध्यप्रदेश में अपना भाग्य आजमा रही हैं। हालांकि अब तक के चुनावों में इन दोनों राजनीतिक दलों को कोई विशेष लाभ नहीं हो पाया। एक या दो अवसरों पर इन दोनों दलों ने कुछ स्थानों पर विजय प्राप्त कर वोट प्रतिशत भी अच्छा प्राप्त किया था, पर यह प्रदर्शन कायम नहीं रख पाईं।
बहुजन समाज पार्टी का गठन 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती वर्ष 1984 को हुआ था। बसपा ने उत्तरप्रदेश में अपना वर्चस्व कायम किया और राज्य की सत्ता में काबिज रही। वर्ष 2001 से बसपा की कमान मायावती के हाथों में है। सपा का गठन 4 अक्टूबर 1992 को मुलायमसिंह यादव द्वारा किया था। यह दल भी उत्तरप्रदेश में सत्ता में काबिज रहा। वर्ष 2012 से अखिलेश यादव सपा की कमान संभाल रहे हैं।
उत्तरप्रदेश का पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश है। प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों की सीमा उत्तरप्रदेश से मिलती हैं। बसपा और समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी भाग्य आजमाने का प्रयास किया। परंतु उसे आरंभ में सफलता जरूर मिली, परंतु धीर-धीरे बसपा और समाजवादी पार्टी का प्रभाव कम होता गया। बसपा 1990 से सपा 1993 से चुनाव मैदान में है। 1990 में बसपा को 2 तो सपा को 1993 में कोई सफलता हाथ नहीं लगी। वर्ष 1993 एवं 1998 में बसपा ने प्रदेश में 11-11 स्थानों पर विजय प्राप्त की थी। वहीं राज्य में कुल मतों में 7.5 और 6.15 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। वही सपा ने वर्ष 1998 में 4 और 2003 में 7 स्थानों पर विजय प्राप्त की और क्रमश: 1.58 और 3.71 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। वर्ष 2018 के चुनाव में सपा को 1 और बसपा को 2 स्थानों पर विजय मिली थी। जाहिर है ये दोनों दल प्रदेश में उत्तरप्रदेश के समीप को जिलों में अपना प्रभाव ज़माने के लिए प्रयासरत हैं। देखना है वर्ष 2023 के चुनाव में इन्हे कितनी सफलता मिलती है।
1990 में देवतालाब और पामगढ़ से बसपा के उम्मीदवार विजय रहे थे, जो क्रमश: 1155 और 341 मतों से जीते थे।
बसपा के पहले विधायक देवतालाब से जयकरन साकेत और पामगढ़ से दाऊराम चुने गए थे।
वर्ष 1998 में सपा के रौन से रसलसिंह, दतिया से राजेंद्र भारती, चंदला से कुंवर विजय बहादुर बुंदेला और पवई से अशोकवीर विक्रम सिंह विजय रहे थे। रसलसिंह 671 और अशोकवीर विक्रमसिंह 857 मतों से विजय रहे थे।
2018 के चुनाव में सपा के बिजवार से राकेश शुक्ला, वहीं बसपा से भिंड से संजीवसिंह और पथरिया से रामबाई गोविंदसिंह विजयी रहे थे।
बैतूल से इटारसी जा रही यात्रियों से भरी बस पलटी, डेढ़ दर्जन से ज्यादा घायल
7 Oct, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इटारसी । शनिवार सुबह आदिवासी विकासखंड केसला में राष्ट्रीय राजमार्ग 46 पर यात्रियों से भरी एक बस बेकाबू होकर सड़क किनारे पलट गई। हादसे में बस में सवार डेढ़ दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए, जिन्हें ग्रामीणों की मदद से अस्पताल भेजा गया। बस बैतूल से इटारसी की ओर आ रही थी। ग्रामीणों ने बताया कि पुल के पास बस का पट्टा टूटने के बाद बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के बाद वाहन चालक बस छोड़कर लापता हो गया, जबकि परिचालक को भी चोट आई है। पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुखतवा भेजा है।
जानकारी के अनुसार शुभम बस कंपनी की यात्री बस एमपी-48, पी 1145 के पलटने के बाद यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। आसपास खड़े ग्रामीणों ने मौके पर जाकर घायलों को बाहर निकाला, उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। घटना की सूचना एम्बुलेंस 108 को भी की गई, लेकिन पुलिस वाहन पहले पहुंचा और पुलिस वाहन में ही कई यात्रियों को अस्पताल भेजा गया। बस में सवार कई यात्रियों को सिर, हाथ, पैर, पसलियों में चोटें आई हैं। काफी देर बाद 108 एम्बुलेंस भी पहुंच गई। चोपना से भोपाल जा रहे यात्री जयदेव, रामकिशोर ने बताया कि बस की रफ्तार बहुत तेज थी, अचानक बस पलट गई। यात्रियों को समझ ही नहीं आया कि हादसा कैसे हुआ। मामूली रूप से जख्मी यात्री खुद बाहर निकल आए, अन्य को ग्रामीणों ने निकाला। कई यात्रियों को हादसे में चोट आई हैं। बस में कुछ स्कूली बच्चे भी थे, जो घायल हुए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
संतुलन साधने बदलेंगे कई टिकट और क्षेत्र
7 Oct, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में भाजपा ने तीन सूचियों के माध्यम से अपने 79 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। लेकिन कई प्रत्याशियों को जमकर विरोध हो रहा है, वहीं कई टिकटों के कारण असंतुलन की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि टिकट वितरण के बाद भाजपा आलाकमान ने इन क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति का आकलन करा लिया है। जिन प्रत्याशियों का सबसे अधिक विरोध हो रहा है उनका टिकट कट सकता है, वहीं संतुलन बनाने के लिए कई प्रत्याशियों के क्षेत्र बदले जा सकते हैं। वहीं आज दिल्ली में होने वाली बैठक में उमा भारती के चुनाव लडऩे चर चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि उमा भारती ने सोमवार को भोपाल में यह कहकर चुनाव लडऩे का दावा ठोक दिया कि प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अधिकांश भाजपा नेताओं और मंत्रियों को शुगर की बीमारी है। मुझे भी कोरोना के बाद शुगर होने की जानकारी चिकित्सकों ने दी है। ऐसे में जब शुगर से पीडि़त नेता चुनाव लड़ सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं। मैं स्वस्थ्य हूं और लगातार मैदान में सक्रिय हूं। बताया गया है कि उमा के इस तरह की बयानबाजी और दावे पर केंद्रीय नेतृत्व आज दिल्ली में प्रस्तावित बैठक में चर्चा कर सकता है।
गौरतलब है कि भाजपा ने 230 में से 79 प्रत्याशियों की सूची जारी कर बाजी तो मार ली है, लेकिन कई सीटों पर प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। ऐसे में भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और कई सीटों पर प्रत्याशियों को बदलने की तैयारी की है। उधर, सूत्रों का कहना है कि भाजपा अपने अन्य प्रत्याशियों की सूची पर आज मोहर लगा सकती है। दिल्ली में मध्यप्रदेश को लेकर भाजपा चुनाव समिति की बैठक में 56 से ज्यादा प्रत्याशियों के नामों पर मोहर लग सकती है। सूत्रों की मानें तो इस सूची में कुछ दिग्गज विधायकों के क्षेत्र बदले जा सकते हैं। तो कुछ विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरे बदलकर मौजूदा विधायकों को चुनाव लड़वाने के लिए मैदान में उतरने के निर्देश मिल सकते हैं।
तेजी से निपटाए जा रहे काम
अक्टूबर माह लगते ही विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ऐसे में सत्ता पर बैठी भाजपा अपने सरकारी कामकाज और घोषणाओं को पूरा करने में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आने वाले दो तीन दिन बेहद व्यस्त हैं। तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ग्वालियर के बाद 5 अक्टूबर को एक बार फिर से प्रदेश का दौरा होना है। 6 अक्टूबर को पांच राज्यों के चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने बैठक बुलाई है, जिसमें तारीखों के बारे में फैसला हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के मध्यप्रदेश प्रवास और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भोपाल में संभावित संगठनात्मक बैठक के बाद आचार संहिता लग सकती है। भाजपा इससे पहले अपने प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर सकती है। बताया गया है कि 1 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के प्रत्याशियों को लेकर भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बैठक बुलाई थी, जिसमें तकरीबन 56 नामों पर चर्चा पूरी हो चुकी है। इनके 80 दूसरें नामों पर भी प्रथम चरण मंथन हुआ है। अब 3 अक्टूबर के बैठक होनी है, जिसमें केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के अलावा मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित दूसरे दिग्गज नेताओं को बैठक के लिए बुलाया जा सकता है। इसके बाद केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगी, जिसमें दोनों सूचियों पर मोहर लग सकती है। बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि सूची कब जारी होनी है। दरअसल 4 से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रदेश में कई विकास कार्यों का या तो लोकार्पण किया जाना है या भूमिपूजन होना है। इनमें अधिकांश वे विकास कार्य हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने कार्यक्रमों में घोषित कर चुके हैं। 6 अक्टूबर को सीएम उन समस्त विकास कार्यों का लोकार्पण या भूमिपूजन करेंगे, जो उनके द्वारा घोषित किए गए हैं। 5 अक्टूबर के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भी मध्यप्रदेश के दौरे में कई सौगात प्रदेशवासियों को देंगे। सूत्रों की मानें तो सोमवार को मध्यप्रदेश के प्रत्याशियों के नाम तय करने को लेकर जो बैठक हुई है, उसमें सूबे के कई मंत्रियों पर चर्चा हुई है। इनमें से कुछ मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र बदलने के प्रस्ताव है, तो कुछ मंत्रियों के स्थान पर नए चेहरे उतारे जाएंगे और उन मंत्रियों से उन्हें जिताने को कहा जाएगा, यानि कि टिकट से वंचित मंत्री पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव जिताने मैदान में दिखाई देंगे।
डैमेज कंट्रोल को लेकर चिंतन
भाजपा इस बार हर हाल में चुनाव जीतना चाहती है। पार्टी ने जितने टिकट घोषित कर दिए है, अब उनको लेकर मंथन भी हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा में कुछ बड़े चेहरों के टिकट कट या बदल सकते हैं। इसके चलते पार्टी के बड़े नेता चिंतन-मनन में जुटे हैं। सोमवार को पीएम मोदी के दौरे के ठीक बाद दो अहम बैठकें हुईं। पहली बैठक भोपाल एयरपोर्ट पर ही सीएम शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच हुई। सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर चंबल में पार्टी प्रत्याशियों को लेकर विचार विमर्श किया है। बताया गया है सीएम चौहान ग्वालियर से सिंधिया के साथ उनके चार्टर विमान से भोपाल लौटे। इस दौरान उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मंत्री तुलसीराम सिलावट, मंत्री प्रभुराम चौधरी और मंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर से भोपाल की यात्रा के दौरान सीएम, प्रदेशाध्यक्ष और सिंधिया की अकेले में प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की गई है। चर्चा में सिंधिया समर्थक मंत्रियों और कुछ विधायकों की रिपोर्ट पर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि कुछ टिकटों को लेकर रणनीतिक कदम तय करने यह बैठक की गई। शिवराज- सिंधिया व वीडी ने आपस में चर्चा की। करीब पंद्रह मिनट बाद सिंधिया ने शिवराज-वीडी को छोड़ा और दिल्ली रवाना हो गए। वहीं सोमवार देर रात सीएम हाउस पर शिवराज, वीडी के अलावा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव व संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंथन किया। सूत्रों के मुताबिक आगामी सूची को लेकर रणनीतिक कदमों पर चर्चा हुई। जहां टिकट कट सकते हैं, वहां डैमेज कंट्रोल को लेकर चिंता की स्थिति है। इन्हीं नेताओं को इस पर काम करना है।
सोशल मीडिया पर तेज हुआ चुनावी वार
7 Oct, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मिशन 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने रणनीति बनाकर जहां मैदानी मोर्चा संभाल लिया है, वहीं दोनों पार्टियों के मीडिया सेंटरों ने चुनावी वार तेज कर दिया है। इसका नजारा सोशल मीडिया पर दिखने भी लगा है। मुद्दा बड़ा हो या फिर छोटा मीडिया सेंटर में तैनात नेता एक-दूसरे पर हमला करने से तनिक भी नहीं चुक रहे हैं। इसी क्रम में राजनीतिक दल खासकर भाजपा और कांग्रेस ने मप्र में अपनी मीडिया टीमों को चुनावी हमले के लिए सक्रिय कर दिया है। भाजपा ने राजधानी में राज्य स्तरीय अत्याधुनिक मीडिया सेंटर तैयार किया है। पार्टी की चुनाव संबंधी हर पत्रकारवार्ता या चर्चा यहीं हो रही हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से पुराने ढर्रे पर ही काम चला रही है। चुनाव को लेकर कांग्रेस ने किसी तरह का नया बदलाव नहीं किया है। इससे प्रदेश का राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है।
गौरतलब है की प्रदेश के अधिकांश मतदाताओं तक पहुंचने का सबसे बड़ा माध्यम सोशल मीडिया है। इसलिए भाजपा-कांग्रेस ने इसके लिए वकायदा इसके लिए रणनीति बनाई है। कांग्रेस एवं भाजपा की मीडिया टीम के सभी पदाधिकारी सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय है। फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, कू, टिंबर एप से लेकर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगातार विरोधी दलों पर हमलावर बने हैं। भाजपा के प्रदेश संवाद प्रमुख आशीष अग्रवाल कांग्रेस पर सबसे ज्यादा आक्रामक भूमिका में हैं। पार्टी के प्रवक्ता, पेनालिस्ट भी मीडिया, सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय पेनालिस्ट भी मीडिया, सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय बने हुए हैं। जिन प्रवक्ताओं को जिला और संभाग स्तर पर दायित्व सौंपे हैं, वे भी मुश्तैदी से मोर्चा संभाले हैं। वहीं कांग्रेस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले और मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा भाजपा पर हमला कर रहे हैं और त्वरित पलटवार की स्थिति में रहते हैं। हालांकि बबेले पर्दे के पीछे रहना ज्यादा पसंद करते हैं, वे पार्टी प्रवक्ताओं और मीडिया टीम को लगातार भाजपा और सरकार पर हमला बोलने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
वार रूम में राष्ट्रीय प्रवक्ता तैनात
चुनावों में एक-दूसरे को घेरने के लिए मीडिया सेंटर का कितना बड़ा महत्व है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वार रूम में राष्ट्रीय प्रवक्ता भी तैनात किए गए हैं। कांग्रेस द्वारा चुनाव के मद्देजनर भोपाल के अलावा ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में भी वार रूम शुरू किए गए हैं। यहां एक-एक राष्ट्रीय प्रवक्ता को दायित्व सौंपा है। भाजपा में भी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं ने भोपाल स्थित मीडिया सेंटर में जिम्मेदारी संभाल ली है। केंद्रीय टीम पूरा समय मप्र भाजपा को दे रही है। कांग्रेस की ओर से प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भाजपा पर लगातार हमले कर रहे हैं । वहीं चार प्रवक्ता रागिनी नायक, आलोक शर्मा, चरण सिंह सप्रा और सुरेन्द्र सिंह राजपूत को मप्र भेजा है। साथ ही इन्हें क्रमश: भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर संभाग का दायित्व भी सौंपा है। ये सभी मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग से समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। भाजपा पर लगातार हमले कर रहे हैं। वहीं भाजपा नेतृत्व ने भी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमशंकर शुक्ला, केके शर्मा और राष्ट्रीय पेनालिस्ट राकेश त्रिपाठी को मप्र भेजा है। ये तीनों पदाधिकारी पूरा समय मप्र को दे रहे हैं । मीडिया में पार्टी का पक्ष भी रख रहे हैं । चुनाव की घोषण के बाद राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया, सुधांशु त्रिवेदी और संबित पात्रा भी आएंगे।
हाईटेक मीडिया सेंटर
भाजपा और कांग्रेस के मीडिया सेंटर आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। राजधानी के रानी कमलापति स्थित नवनिर्मित कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में भाजपा का अत्याधुनिक मीडिया सेंटर शुरू हो गया है। यहां पत्रकारों के लिए वाईफाई से लेकर कंप्यूटर एवं अन्य डिजिटल सुविधा है। हर समय पार्टी की मीडिया टीम पत्रकारों के लिए उपलब्ध रहती है। इसके अलावा प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए टीमें तैनात हैं। मीडिया टीम के पदाधिकारी हर समय सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। विपक्ष पर तीखा हमलावर बने हुए हैं। इधर, कांग्रेस ने इस तरह का कोई मीडिया सेंटर नहीं बनाया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से ही प्रेस से जुड़ी गतिविधियां संचालित हो रही हैं। कांग्रेस में मीडिया के लिए भाजपा जैसी सुविधाएं बढ़ाने की कोई योजना फिलहाल नहीं है ।
यह है भाजपा की मीडिया टीम
प्रदेश प्रभारी आशीष अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ताओं में गोविंद मालू, मिलन भार्गव, राजपाल सिसौदिया, शशिकांत शुक्ला, पंकज चतुर्वेदी, डॉ. दुर्गेश केसवानी, नेहा बग्गा, प्रहलाद कुशवाह, नरेंद्र सलूजा, ब्रजगोपाल लोया, गुलरेज शेख, यशपाल सिंह सिसौदिया (विधायक), अर्चना चिटनीस, महेन्द्र सिंह सोलंकी (सांसद), सुमेर सिंह सोलंकी (सांसद), केपी यादव (सांसद), सनवर पटेल, राम डागोरे (विधायक), डॉ. हितेश वाजपेयी हैं। जबकि जुगलकिशोर शर्मा (प्रदेशाध्यक्ष के मीडिया समन्वयक), नरेद्र शिवाजी पटेल, जवाहर प्रजापति, प्रशांत तिवारी, अनिल पटेल, अशीष तिवारी, सचिन सक्सेना, विवेक तिवारी और दीपक जैन सह मीडिया प्रभारी हैं। वहीं बृजेश पांडे, शिवम शुक्ला, मंजरी जैन, वंदना त्रिपाठी और सचिन वर्मा मीडिया पेनालिस्ट हैं। खास बात यह है कि इनमें कुछ पदाधिकारी सोशल मीडिया पर ही ज्यादा सक्रिय दिखते हैं। जिन्हें चुनाव लडऩा है वे ज्यादा सक्रिय नहीं है। जबकि कुछ प्रवक्ता ज्यादा तेजतर्रार हैं, जो कांग्रेस पर हर तरह से हमलावर हैं। जिनमें प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी, बृज गोपाल लोया, मिलन भार्गव, गुलरेज शेख, दुर्गेश केसवानी और नेहा बग्गा पार्टी के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा समय दे रहे हैं और विरोधी दलों पर तीखे प्रहार कर रहे हैं।
यह है कांग्रेस की मीडिया टीम
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा है। अभय दुबे स्टेट मीडिया समन्वयक हैं। जबकि संगीता शर्मा, अजय सिंह यादव, अब्बास हफीज, भूपेन्द्र गुप्ता, विभा बिंदु डागोर, अवनीश बुंदेला, संतोष सिंह गौतम, आरपी सिंह मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष हैं। जबकि प्रदेश प्रवक्ताओं में मृणाल पंत, स्वदेश शर्मा, मिथुन अहिरवार, संतोष सिंह परिहार, राम पांडे, आनंद जाट, अजीत सिंह भदौरिया, दीप्ति सिंह, रोहित नायक, संजय महेन्द्र, विक्की खोंगल, अवनीश भार्गव, केदार सिरोही, आनंद तारण, राजकुमार केलू, कुंदन पंजाबी, जीतेन्द्र मिश्रा, योगेश यादव, संदीप सबलोक, अमिताल अग्निहोत्री, रवि वर्मा, विक्रम खंपरिया, अपराजिता पांडे, देवषीष जरारिया, शहरयार खान, अभिषेक बिलगैया, निकिता खन्ना, प्रवीण धौलपुरे, नीलाभ शुक्ला, अमीनुल खान सूरी, योगेन्द्र सिंह जादौन, अलमास सलीम, हिदायत उल्ला खान, निर्मल पुरोहित, और नितिन दुबे हैं। इसके अलावा 17 संभागीय प्रवक्ताओं की टीम हैं । इनमें से अब्बास हफीज, आनंद जाट, मिथिन अहिरवार, अवनीश बुंदेला, धर्मेन्द्र शर्मा खासे सक्रिय हैं। ये ज्यादा समय पार्टी के लिए दे रहे हैं। कांग्रेस की मीडिया टीम भाजपा से बड़ी है, लेकिन कई पदाधिकारी पद लेने तक सीमित हैं। चुनावी साल में भी अपेक्षाकृत कम सक्रिय हैं। कुछ पदाधिकारी तो महीनों से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तक नहीं आए। हालांकि ये सोशल मीडिया पर जरूर सक्रिय दिखते हैं । पार्टी ने कुछ पदाधिकारियों को दूसरे दायित्व भी सौंप दिए हैं। इस वजह से वे मीडिया विभाग को समय नहीं दे पा रहे हैं ।
दिमनी छोडक़र सभी सीटों पर घूम रहे हैं नरेन्द्र सिंह तोमर
7 Oct, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुरैना की दिमनी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी नरेन्द्र सिंह तोमर अभी तक अपने चुनाव क्षेत्र में नहीं पहुंचे हैं। जबकि वे ग्वालियर में ज्यादा समय दे रहे हैं। यहां तक कि मुरैना एवं आसपास की विधानसभा सीटों पर भी घूम आए हैं। दिमनी नहीं पहुंचने को लेकर क्षेत्र में तमाम तरह की अटकलों का दौर शुरू हो गया है। हालांकि इसको लेकर तोमर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भाजपा हाईकमान ने 25 सितंबर को प्रत्याशियों की दूसरी सूची घोषत की थी। जिसमें 3 केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसदों को भी विधानसभा का प्रत्याशी बनाया था। साथ ही कैलाश विजयवर्गीय को भी प्रत्याशी घोषित किया। प्रत्याशी घोषित होने के बाद कैलाश विजयवर्गीय सबसे पहले क्षेत्र में पहुंचे। वे ज्यादातर समय क्षेत्र में बिता रहे हैं, लेकिन नरेन्द्र सिंह तोमर अभी तक चुनाव क्षेत्र में नहीं पहुंचे हैं। तोमर मप्र चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं। वे संगठन की राजधानी में होने वाली बैठकों में भी शामिल हो रहे हैं। साथ ही ग्वालियर एवं आसपास के जिलों में भी पहुंच रहे हैं। अभी तक उनके दिमनी क्षेत्र में नहीं पहुंचने को लेकर ग्वालियर-चंबल की राजनीति में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि पार्टी कुछ सीटों पर टिकट बदल सकती है। जिसमें तोमर का टिकट भी बदला जा सकता है। हालांकि पार्टी की ओर से इसको लेकर कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बसपा, सपा और आप बनेंगे जीत की राह में चुनौती
7 Oct, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। विंध्य क्षेत्र की 30 विधानसभा सीटें मध्य प्रदेश की सत्ता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। पिछड़े और दलित-आदिवासी वोटर्स के दम पर 2018 में विंध्य की 30 में से 24 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी 2023 में जीत के इसी आंकड़े को दोहराने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। विंध्य के वोटर्स का मन जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो बार यहां (शहडोल-रीवा) आ चुके हैं।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सतना प्रवास हो चुका है। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी बार-बार विंध्य का दौरा कर रहे हैं।
हालांकि, विंध्य में डगर कांग्रेस के लिए भी आसान नहीं है। यहां 2003 से अभी तक कांग्रेस की सीटें सिर्फ एक बार ही दहाई के अंक तक पहुंच सकी हैं। यहां 2013 में कांग्रेस को 30 में से 11 सीटें मिली थीं। लेकिन इस बार ग्वालियर चंबल की तरह कांग्रेस बड़ी उम्मीदें लगा रही है। इसका बड़ा कारण रीवा नगर निगम जीतना और विंध्य में भाजपा की अंदरूनी कलह को माना जा रहा है।
ये दल बने भाजपा की चुनौती
विंध्य क्षेत्र से जो रिपोर्टस आ रही हैं, उसके अनुसार इस बार भाजपा को सबसे ज्यादा चुनौती क्षेत्र के पिछड़ों और दलित-आदिवासी वर्गों के दम पर चुनावी मैदान में उतरे तीसरे दल- बसपा, सपा और आप से मिल सकती है। ये दल विंध्य क्षेत्र में भाजपा की राह कठिन कर सकते हैं।विंध्य में बसपा,सपा और आप ने कई सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसके अलावा सिंगरौली नगर निगम जीत कर आप अपनी ताकत भी दिखा चुकी है।
इसलिए भी भाजपा की राह मुश्किल
इस बार विधानसभा चुनाव में सीधी पेशावर कांड, तीन बार के भाजपा विधायक केदार शुक्ला का टिकट कटना और सतना में मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के बगावती स्वरों ने भी भाजपा की राह में ऐसे कांटे बो दिए हैं, जो उसकी जीत में मुश्किल पैदा कर सकते हैं। भाजपा विधायक केदार शुक्ला और नारायण त्रिपाठी तो लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ लगातार बगावती तेवर बुंलद किए हुए हैं।
विंध्य में किसके पास कितनी सीटें
कुल सीटें - 30
भाजपा - 24
कांग्रेस -06
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में राज्य स्तरीय वन्यप्राणी सप्ताह 2023
6 Oct, 2023 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्य स्तरीय वन्यप्राणी सप्ताह 2023 के अंतर्गत आज दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में प्रातः 11.30 बजे से स्कूली छात्र-छात्राओं में जागरूकता लाने के उद्देश्य से सृजनात्मक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के कुल 177 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इन विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञ विनय सप्रे, से.नि. शिक्षक जवाहरलाल नेहरू, बाल भवन एवं संजय सोनकेशरिया द्वारा रंगीन कागज के माध्यम से विभिन्न पक्षी, तितलियों एवं फूलों की आकृतियों बनाना सिखाया गया। अरविन्द अनुपम, मूर्तिकार क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के द्वारा क्ले मॉडलिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को कछुआ बनाना भी सिखाया गया।
7 अक्टूबर के कार्यक्रम
दिनांक 7 अक्टूबर 2023 को प्रातः 10:00 बजे स्कूल के बच्चों हेतु वन्यप्राणियों पर आधारित फेंसी ड्रेस एवं खुला वर्ग हेतु वन्यप्राणी विषय पर फेस पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। राज्य स्तरीय वन्यप्राणी सप्ताह 2023 का समापन वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश के मुख्य आतिथ्य में प्रातः 11.30 बजे सम्पन्न होगा। मुख्य अतिथि द्वारा राज्य स्तरीय वन्यप्राणी सप्ताह के अंतर्गत सम्पन्न विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे साथ ही वन्यप्राणी संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को भी वन्यप्राणी संरक्षण पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र मुख्य अतिथि द्वारा प्रदान किये जायेंगे। मुख्य अतिथि द्वारा सतपुड़ा टाईगर रिजर्व की कॉफी टेबल बुक एवं वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की बटरफ्लाई बुक का विमोचन भी किया जायेगा।
शिव ने लगाया शिव का ध्यान
6 Oct, 2023 11:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक अवंती यानी उज्जैन नगरी, जहां कालों के काल महाकाल बसते हैं। यहां दूर-दूर से भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचते हैं। कालचक्र को दूर कर मनोरथ पूरी करने वाली उज्जैन नगरी की चमचमाती तस्वीर दुनिया के नक्शे पर लेकर आना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना था और इस सपने को हकीकत में बदलने की शुरूआत हुई 11 अक्टूबर 2022 से, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकाल महालोक के पहले चरण का लोकार्पण किया। ₹351 करोड़ की लागत से तैयार महाकाल लोक के पहले चरण के उद्घाटन के बाद से उज्जैन में इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, रोजगार और विकास ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। महाकाल लोक के पहले चरण ने ही सीएम शिवराज के चमचमाते उज्जैन और जगमगाते उज्जैन की कल्पना को साकार कर दिया था। गुरुवार को सीएम शिवराज ने इस परियोजना के दूसरे चरण का लोकार्पण किया है। दूसरे चरण में 242 करोड़ 35 लाख की लागत के विकास कार्य किए गए हैं।
शिव ने लगाया शिव का ध्यान
महाकाल मंदिर का परिसर 2.87 हेक्टेयर से बढ़कर 47 हेक्टेयर का हो चुका है। महाकाल का दिव्य लोक अब और भी भव्य और बेहतर हो गया है। सामान्य दिनों में हर दिन 1 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, त्यौहारों पर ये संख्या 3 लाख तक भी पहुंच रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल लोक के दूसरे चरण में हाईटेक अन्नक्षेत्र, मंदिर के दोनों ओर शिखर दर्शन क्षेत्र, मंदिर पहुंचने के लिए चार सुगम मार्ग, अंडरग्राउंड वेटिंग हॉल और महाकाल मंदिर के अंदरूनी परिसर में निर्माण के साथ ही कई अन्य विकास कार्य किए गए हैं। महाकाल लोक के दूसरे चरण के लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तपोवन में ध्यान कुटिया में ध्यान लगाया और महाकाल से प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
अर्थव्यवस्था को ताकत
मंदिर हमारी सामाजिक-धार्मिक आस्था के केंद्र रहे हैं। सनातन संस्कृति में मंदिर से कई क्रिया-कलाप संपादित होते रहे हैं। बीते दशक में मंदिरों का विश्लेषण किया जाए, तो कहा जा सकता है कि मंदिर से हमारी अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। 11 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। भारतीय सिने जगत से भी कई लोग समय-समय पर आ रहे हैं। युवाओं में भी उज्जैन आने को लेकर नया उत्साह बना है। सिर्फ जुलाई, 2023 में रिकॉर्ड तोड़ 77 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। लोगों की बढ़ती संख्या जिले की अर्थव्यवस्था के लिए भी काफी अच्छी है। ऐसा होने से होटल, जलपान, परिवहन आदि का व्यवसाय बढ़ रहा है। भारत में धार्मिक पर्यटन बढ़ने की वजह से होटल उद्योग, यातायात उद्योग, छोटे व्यवसायियों आदि को बहुत फायदा हो रहा है एवं वर्ष 2028 तक भारत के पर्यटन क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रोजगार के नए अवसर निर्मित होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।
महाकाल लोक का लाभ पूरे मालवा को
महाकाल लोक में एक समय में करीब 20 हजार से अधिक तीर्थ यात्री आ सकते हैं। इसमें दो द्वार, मूर्तियों के साथ लैंडस्केप, गार्डन क्षेत्र, रूद्रसागर तट क्षेत्र, शिव स्तम्भ, सप्तऋषि स्थापित हैं। यहां ओपन एयर थियेटर और मुक्त आकाश मंच भी है। यहां फूड कोर्ट, हस्तशिल्प कलाकृति, धार्मिक वस्तुओं एवं फूलों की करीब 130 दुकानों का निर्माण किया गया है। 400 कार की क्षमता वाली पार्किंग के साथ ई-रिक्शा की भी सुविधा है। महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन के साथ सम्पूर्ण मालवा क्षेत्र को मिल रहा है। रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। सनातन की धर्म ध्वजा लहरा रही है महाकाल लोक में।
मुख्यमंत्री चौहान ने श्रद्धेय प्यारेलाल जी खंडेलवाल की पुण्य-तिथि पर किया नमन
6 Oct, 2023 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व सांसद प्यारेलाल खंडेलवाल की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्र और समाज की सेवा के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर देने वाले कुशल संगठनकर्ता और पूर्व सांसद श्रद्धेय प्यारेलाल जी खंडेलवाल के योगदान का स्मरण किया। खण्डेलवाल ने अपने त्याग तपस्या और समर्पण से समाज उत्थान तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका अवसान 06 अक्टूबर 2009 को हुआ।
मुख्यमंत्री चौहान ने सामाजिक संगठनों के सदस्यों और विद्यार्थियों के साथ लगाए पौधे
6 Oct, 2023 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में बरगद, पीपल और जामुन के पौधे रोपे। मुख्यमंत्री चौहान के साथ ग्वालियर के लेखक उदयभान रजक, कवि हेमंत शर्मा, सर्वजन सुखाय सामाजिक संस्था की पुष्पा पटेल, ओम हरि पटेल, विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के प्रेमनारायण, परमानंद जी और अन्य सदस्यों ने पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ पोद्दार वर्ल्ड स्कूल भोपाल के कक्षा 4 से 8 तक के विद्यार्थियों और शाला के शिक्षकों ने भी पौधरोपण किया।
भोपाल के गुफा मंदिर क्षेत्र में गुफा लोक विकसित किया जाएगा
6 Oct, 2023 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर पालिक निगम भोपाल और भोपाल विकास प्राधिकरण के 566 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का गुफा मंदिर परिसर लाल घाटी में भूमि-पूजन किया। इसके अंतर्गत गुफा मंदिर परिसर में 35 करोड़ की लागत से बनने वाले मानस भवन सहित मिसरोद-बर्रई-बगली सड़क, रक्षा विहार चरण-3, नगर विकास योजना, एयरोसिटी चरण-2 नगर विकास योजना, एयरोसिटी चरण-1 में 43 एमआईजी, 61 एलआईजी तथा 96 मल्टीयूनिट प्रकोष्ठों के निर्माण, सीएम राइज स्कूल परियोजना के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बर्रई और सरदार वल्लभ भाई पटेल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करोंद के भवन निर्माण का भूमि-पूजन किया गया।
मुख्यमंत्री चौहान ने गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश शास्त्री जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गुफा मंदिर में मानस भवन का निर्माण तो होगा ही, इसके साथ ही गुफा लोक भी बनाया जायेगा। चौहान ने गुफा लोक की योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पुराने भोपाल में पार्किंग व्यवस्था को सुगम बनाने के उद्देश्य से मोती मस्जिद के पास स्थित शीश महल में पार्किंग बनाई जाएगी। इससे पुराने भोपाल के बाजारों के व्यापारियों एवं खरीददारों को सुविधा होगी और व्यापार व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री चौहान गुफा मंदिर में आयोजित भूमि-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। चौहान ने कार्यक्रम में उपस्थित संतगण तथा बटुकों का पुष्प-वर्षा कर अभिवादन किया और गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश शास्त्री जी महाराज को शाल-श्रीफल व तुलसी जी का पौधा भेंटकर कृतज्ञता ज्ञापित की व आशीर्वाद प्राप्त किया।
हमारी सरकार विकास गतिविधियों के लिए पैसे की कमी नहीं आने देगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेशवासियों का कल्याण और विकास गतिविधियां संचालित करने के साथ ही धर्म और संस्कृति के संरक्षण तथा प्रोत्साहन के लिए कार्य करना राज्य सरकार का दायित्व है। इस कर्तव्य पूर्ति के तहत ही महाकाल लोक, रामराजा लोक, आदि गुरु शंकर्राचार्य प्रतिमा स्थापना जैसे पुनीत कार्य राज्य सरकार द्वारा संपादित किए गए हैं। भारतीय संस्कृति प्राणियों में सद्भाव और सभी के सुखी व निरोग रहने के विचार के विस्तार की संस्कृति है, हमारी सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। गुफा मंदिर में बनने वाला मानस भवन धर्म और संस्कृति के प्रसार तथा प्रोत्साहन में योगदान देगा। हमारी सरकार विकास गतिविधियों के लिए पैसे की कमी नहीं आने देगी।
कार्यक्रम में भोपाल महापौर मालती राय, भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष कृष्णमोहन सोनी, उपाध्यक्ष सुनील पाण्डेय तथा अनिल अग्रवाल लिली, पूर्व महापौर आलोक शर्मा तथा सुमित पचौरी सहित अन्य जन-प्रतिनिधि, संतगण, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
देश-दुनिया में लगातार बढ़ रहा है उज्जैन का आकर्षण
6 Oct, 2023 10:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक अवंती यानी उज्जैन नगरी, जहां कालों के काल महाकाल बसते हैं। यहां दूर-दूर से भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचते हैं। कालचक्र को दूर कर मनोरथ पूरी करने वाली उज्जैन नगरी की चमचमाती तस्वीर दुनिया के नक्शे पर लेकर आना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना था और इस सपने को हकीकत में बदलने की शुरूआत हुई 11 अक्टूबर 2022 से, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकाल महालोक के पहले चरण का लोकार्पण किया। ₹351 करोड़ की लागत से तैयार महाकाल लोक के पहले चरण के उद्घाटन के बाद से उज्जैन में इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, रोजगार और विकास ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। महाकाल लोक के पहले चरण ने ही सीएम शिवराज के चमचमाते उज्जैन और जगमगाते उज्जैन की कल्पना को साकार कर दिया था। गुरुवार को सीएम शिवराज ने इस परियोजना के दूसरे चरण का लोकार्पण किया है। दूसरे चरण में 242 करोड़ 35 लाख की लागत के विकास कार्य किए गए हैं।
शिव ने लगाया शिव का ध्यान
महाकाल मंदिर का परिसर 2.87 हेक्टेयर से बढ़कर 47 हेक्टेयर का हो चुका है। महाकाल का दिव्य लोक अब और भी भव्य और बेहतर हो गया है। सामान्य दिनों में हर दिन 1 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, त्यौहारों पर ये संख्या 3 लाख तक भी पहुंच रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल लोक के दूसरे चरण में हाईटेक अन्नक्षेत्र, मंदिर के दोनों ओर शिखर दर्शन क्षेत्र, मंदिर पहुंचने के लिए चार सुगम मार्ग, अंडरग्राउंड वेटिंग हॉल और महाकाल मंदिर के अंदरूनी परिसर में निर्माण के साथ ही कई अन्य विकास कार्य किए गए हैं। महाकाल लोक के दूसरे चरण के लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तपोवन में ध्यान कुटिया में ध्यान लगाया और महाकाल से प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
अर्थव्यवस्था को ताकत
मंदिर हमारी सामाजिक-धार्मिक आस्था के केंद्र रहे हैं। सनातन संस्कृति में मंदिर से कई क्रिया-कलाप संपादित होते रहे हैं। बीते दशक में मंदिरों का विश्लेषण किया जाए, तो कहा जा सकता है कि मंदिर से हमारी अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। 11 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। भारतीय सिने जगत से भी कई लोग समय-समय पर आ रहे हैं। युवाओं में भी उज्जैन आने को लेकर नया उत्साह बना है। सिर्फ जुलाई, 2023 में रिकॉर्ड तोड़ 77 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। लोगों की बढ़ती संख्या जिले की अर्थव्यवस्था के लिए भी काफी अच्छी है। ऐसा होने से होटल, जलपान, परिवहन आदि का व्यवसाय बढ़ रहा है। भारत में धार्मिक पर्यटन बढ़ने की वजह से होटल उद्योग, यातायात उद्योग, छोटे व्यवसायियों आदि को बहुत फायदा हो रहा है एवं वर्ष 2028 तक भारत के पर्यटन क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रोजगार के नए अवसर निर्मित होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।
महाकाल लोक का लाभ पूरे मालवा को
महाकाल लोक में एक समय में करीब 20 हजार से अधिक तीर्थ यात्री आ सकते हैं। इसमें दो द्वार, मूर्तियों के साथ लैंडस्केप, गार्डन क्षेत्र, रूद्रसागर तट क्षेत्र, शिव स्तम्भ, सप्तऋषि स्थापित हैं। यहां ओपन एयर थियेटर और मुक्त आकाश मंच भी है। यहां फूड कोर्ट, हस्तशिल्प कलाकृति, धार्मिक वस्तुओं एवं फूलों की करीब 130 दुकानों का निर्माण किया गया है। 400 कार की क्षमता वाली पार्किंग के साथ ई-रिक्शा की भी सुविधा है। महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन के साथ सम्पूर्ण मालवा क्षेत्र को मिल रहा है। रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। सनातन की धर्म ध्वजा लहरा रही है महाकाल लोक में।
मुख्यमंत्री चौहान ने 36 लाख से अधिक बहनों के खातों में 219 करोड़ रूपए अंतरित
6 Oct, 2023 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम उज्जवला योजना हितग्राही और गैर उज्ज्वला लाड़ली बहनों के लिए 450 रुपए में गैस रिफिल योजना की 219 करोड़ अनुदान राशि, 36 लाख से अधिक बहनों के खातों में सिंगल क्लिक से अंतरित की। मुख्यमंत्री चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कन्या पूजन तथा दीप प्रज्जलित कर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जिले वर्चुअली जुड़े।
नारी अब अबला नहीं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनों की जिंदगी बेहतर बनाने के मिशन में लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह योजना, लाड़ली बहना योजना इस मिशन का ही भाग हैं। पंचायत और नगरीय निकायों में महिलाएं चुनकर आए इसके लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई। शासकीय सेवाओं में महिला आरक्षण को बढ़ाकर अब 35% किया गया है। अब नारी केवल अबला नहीं है । एक करोड़ 32 लाख बहनों को लाभ मिला है।
गैस सिलेंडर की कीमत और 450 रुपये के बीच के अंतर की राशि सरकार देगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनों को प्रतिमाह 450 रुपये में सिलेंडर उपलब्ध कराने की स्थाई व्यवस्था कर दी गई है। गैस सिलेंडर की कीमत और 450 रुपये के बीच के अंतर की राशि राज्य सरकार द्वारा भरवायी जाएगी। बहनों को गैस कंपनी को उतनी ही राशि का भुगतान करना होगा जितनी राशि का गैस सिलेंडर है। गैस कंपनी के गैस सिलेंडर की कीमत और 450 रुपये के बीच के अंतर की राशि बहनों के खाते में राज्य शासन द्वारा जारी की जाएगी। इस प्रकार बहनों को गैस सिलेंडर 450 रुपये में ही पड़ेगा। इस प्रकार अब प्रतिमाह बहनों को 450 रुपये में ही सिलेंडर प्राप्त होगा। जो बहनें योजना का लाभ लेने से छूट गईं उन्हें भी योजना में शामिल किया जाएगा।
बहनों की जिंदगी सम्मानजनक बनाना ही जीवन का मिशन
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के कल्याण की कई योजनाएं संचालित की जा रही है। बहनों की जिंदगी सम्मानजनक बनाना जीवन का मिशन है। बहनें संगठित रहकर समस्याओं का सामना करें और आगे बढ़ती रहें इसी उद्देश्य से लाड़ली बहना सेना का गठन किया गया है। कार्यक्रम को खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने भी संबोधित किया। स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन के अध्यक्ष प्रद्युमन सिंह लोधी, प्रमुख सचिव खाद्य एवं सहकारिता उमाकांत उमराव तथा अन्य अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
36 लाख से अधिक बहनों को मिली खुशियां
6 Oct, 2023 08:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश की बहनों को लिए छह अक्टूबर का दिन खुशियां लेकर आया। मध्य प्रदेश शासन की ओर से प्रदेश की 36 लाख से अधिक बहनों के खाते में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक से 219 करोड़ रूपए अंतरित किए। बहनों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेरी बहनों की जिंदगी में कोई कष्ट न रहे, उनके चेहरे पर मुस्कान और घर-आंगन में खुशियां हों, यही मेरी जिंदगी मिशन है। मैंने भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश की 36 लाख से अधिक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की हितग्राही बहनों और लाड़ली बहनाओं के खाते में गैस रिफिल योजना की ₹219 करोड़ की अनुदान राशि अंतरित कर सभी को बधाई व शुभकामनाएं दीं।
एकजुट हों बहनें, सरकार है उनके साथ
प्रदेश की महिलाओं को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया। अब बहनों को प्रति माह 450 रुपये में सिलेंडर उपलब्ध कराने की स्थाई व्यवस्था कर दी गई है। गैस सिलेंडर की कीमत और 450 रुपये के बीच के अंतर की राशि राज्य सरकार द्वारा भरवायी जाएगी। बहनों को गैस कंपनी को उतनी ही राशि का भुगतान करना होगा जितनी राशि का गैस सिलेंडर है। गैस कंपनी के गैस सिलेंडर की कीमत और 450 रुपये के बीच के अंतर की राशि बहनों के खाते में राज्य शासन द्वारा जारी की जाएगी। इस प्रकार बहनों को गैस सिलेंडर 450 रुपये में ही पड़ेगा। इस प्रकार अब प्रतिमाह बहनों को 450 रुपये में ही सिलेंडर प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी कहा कि बहन बेटियों का सभी आदर सम्मान करें इसी उद्देश्य से मैं प्रदेश के सभी कार्यक्रम बहन-बेटियों की पूजा से आरंभ करता हूँ। बहन-बेटियों को मैं दुख-दर्द से मुक्त करना चाहता हूँ इसीलिए राज्य शासन द्वारा महिलाओं के कल्याण की कई योजनाएं संचालित की जा रही है। बहनों की जिंदगी आसान और सम्मानजनक बनाना ही मेरे जीवन का मिशन है। बहनें आत्मविश्वास और आत्मसम्मान के साथ रहें यही हमारा उद्देश्य है, लाड़ली बहन योजना बहनों का मान सम्मान बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है। बहनें संगठित रहकर समस्याओं का सामना करें और आगे बढ़ती रहें इसी उद्देश्य से लाड़ली बहना सेना का गठन किया गया है। बहनें एकजुट होकर आगे बढ़ें- हमारी सरकार हर कदम पर उनके साथ है।
प्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों को खुशखबरी, क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश जारी
6 Oct, 2023 07:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश जारी हो गया है। शिक्षकों को क्रमोन्नति देने की नोटशीट पौने तीन साल मंत्रालय में स्कूल शिक्षा, सामान्य प्रशासन, वित्त विभाग के अधिकारियों के बीच घूमती रही। अधिकारियों को तब समझ आया कि अब क्रमोन्नति नहीं समयमान वेतनमान दिया जाना है और मई 2022 में लोक शिक्षण संचालनालय से चौथी बार प्रस्ताव में संशोधन करने को कहा गया। यह प्रस्ताव भी करीब 11 महीने से मंत्रालय में घूम रहा था।
12 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षक
प्रदेश में दो लाख 87 हजार शिक्षक (अध्यापक से शिक्षक बने) हैं, जो शिक्षक वर्ष 2006 में नियुक्त हुए थे। उनकी 12 साल की सेवा वर्ष 2018 में पूरी हो गई। इसी के साथ वे क्रमोन्नति या समयमान वेतनमान के लिए पात्र हो गए। तभी से क्रमोन्नति की मांग की जा रही है, पर सरकार निर्णय ही नहीं ले पा रही है।
समयमान वेतनमान का प्रविधान
पौने तीन साल में करीब चार बार क्रमोन्नति की नोटशीट सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के हाथों से गुजरी, पर मई 2022 में विभाग के एक अधिकारी ने पकड़ा कि प्रस्ताव ही गलत है। दरअसल, प्रदेश में वर्ष 2006 से समयमान वेतनमान दिए जाने का प्रविधान है और अधिकारी क्रमोन्नति का प्रस्ताव दे रहे हैं। तब प्रस्ताव बदलने को कहा गया।