मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में 1270 बच्चों का कराया गया स्वर्णप्राशन
7 Oct, 2023 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्ति वर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर में आज 1270 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। जनसामान्य को इसके प्रति जागरूक करने आज पाम्पलेट वितरण, आईक्यू मूल्यांकन (IQ Assessment) और बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के साथ निःशुल्क औषधि का वितरण भी किया गया।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में स्वर्णप्राशन कराया गया। स्वर्णप्राशन समन्वयक डॉ. लवकेश चन्द्रवंशी ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह काफी लाभदायक है। महाविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्राएं हर महीने इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा इस वर्ष की अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 9 जनवरी को 831, 4 फरवरी को 1124, 3 मार्च को 1137, 29 मार्च को 1290, 27 अप्रैल को 860, 24 मई को 835, 20 जून को 1012, 18 जुलाई को 1145, 14 अगस्त को 1188 और 10 सितम्बर को 1140 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया।
राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह में 23 प्रतियोगिताएं जीत कर अव्वल रहे मध्यप्रदेश के जनजाति वर्ग के विद्यार्थी
7 Oct, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को बधाई दी। मध्यप्रदेश के जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों ने देहरादून में ई.एम.आर.एस. के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह में 23 प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ई.एम.आर.एस.) के विद्यार्थियों ने देश में ओवरऑल दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश से सिर्फ एक प्रतियोगिता अधिक जीतने पर उत्तराखंड ओवरऑल चैंपियन बना। मध्यप्रदेश के 80 विद्यार्थियों ने इस समारोह में 28 विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसमें 23 में से 10 प्रतियोगिताओं में प्रथम, 07 में द्वितीय और 06 में तृतीय स्थान प्राप्त किया। चार दिवसीय आयोजन में देश के 22 राज्यों के 2200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों के दल ने मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी का भ्रमण भी किया।
बिजली, प्लास्टिक, फूड स्टोरेज, पानी के पाइप, फार्मासियुटिकल्स, ब्यूटी सहित कई उत्पाद तैयार हो सकेंगे
7 Oct, 2023 09:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश के सागर की बीना रिफाइनरी काले सोने से राज्य का सुनहरा इतिहास लिखेगी। भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की बीना रिफाइनरी बुंदेलखंड के साथ ही राज्य के लिए तरक्की के रास्ते खोलने जा रही है। रोजगार के अलावा मध्यप्रदेश में इसी कच्चे तेल से प्लास्टिक बनाने की तैयारी भी की जा रही है। सागर जिले की बीना रिफाइनरी में कच्चे तेल से प्लास्टिक बनाने वाले 49,926 करोड़ रुपए के चार बड़े प्लांट लगाए जाएंगे। कच्चे तेल के विभिन्न घटकों से यहां खिलौने, पाइप, कंटेनर, फार्मासियुटिकल्स, रैपिंग मैटेरियल, प्लास्टिक के डिब्बे सहित करीब 14 उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे। बीना का अपना रेलवे जंक्शन भी हैं, जिससे तैयार माल को देश के किसी भी कोने में आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।
5 सालों में बदलेगी तस्वीर, 2 लाख लोगों को अस्थाई रोजगार
पेट्रोलियम को काला सोना भी कहा जाता है, जो जानवरों या पौधों के अवशेषों से उत्सर्जित होता है। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के सागर में 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड की बीना रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन किया गया था। बीना रिफाइनरी अगले पांच सालों में राज्य की तस्वीर बदल कर रख देगी। प्रोजेक्ट के माध्यम से दो लाख से अधिक लोगों को अस्थाई रोजगार मिलेगा, कच्चे तेल के विभिन्न घटकों से 14 उत्पाद तैयार करने के प्लांट लगाए जा सकेंगे। जिनकी बड़ी संख्या में देश में ही नहीं विदेशों में भी मांग है। प्लास्टिक के दाने से प्लास्टिक के विभिन्न उत्पाद जैसे खिलौने, पाइप, बैग, कंटेनर, फार्मास्यूटिकल, रैपिंग मैटिरियल, पेंट, बाल्टी आदि तैयार किए जा सकेंगे।
नई फैक्ट्रियां लगने से बढ़ेगा रोजगार
बीना में अभी 535 वर्गमीटर क्षेत्रफल के लगभग 150 प्लांट खाली हैं। प्लांट के अगले चरण की विस्तार योजना में इन प्लांट पर प्लास्टिक उत्पादों की फैक्ट्रियां लगाई जाएंगी, जिसमें बड़ी संख्या में मानव संसाधन या श्रम की जरूरत होगी। प्लास्टिक आधारित फैक्ट्री स्थापित होने से बुंदेलखंड के लोगों का रोजगार के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन रूकेगा। परियोजना के माध्यम से लगभग दो लाख लोगों को अस्थाई रोजगार दिया जाएगा, जिससे क्षेत्र की गरीबी दूर होगी। तकनीकी दक्षता के साथ ही बीना रिफाइनरी से उत्पादों के विपणन और मार्केटिंग से जुड़े रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जब यह कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो जाएगा तो इसके ऑपरेशन सहित प्रशासनिक कामों के लिए लगभग 500 लोगों को परमानेंट जॉब मिलेगी। अभी बीना रिफाइनरी में लगभग 560 कर्मचारी और अफसर कार्यरत हैं। मालूम हो कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) विश्व की 500 कंपनियों में शामिल है। यह देश की दूसरी सबसे बड़ी भारतीय तेल विपणन कंपनी है।
गुजरात, राजस्थान और यूपी बड़ा मार्केट
एक अनुमान है कि पेट्रो केमिकल्स की मांग 2035 तक विश्व में 32 करोड़ मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगी। देश में पेट्रो केमिकल्स की भारी डिमांड है। अभी तक ज्यादातर मांग विदेशों से आयात कर पूरी होती है। बीना पेट्रोकेमिकल्स से यह मांग पूरी हो सकेगी। इससे देश में होने वाले आयात में प्रतिवर्ष लगभग 20 हजार करोड़ रुपए के समान विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इस परियोजना के सफल होने पर मध्य प्रदेश खासकर बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास में क्रांति जागेगी। यहां बीपीसीएल के पेट्रोकेमिकल्स उत्पादों पर निर्भर उद्योग लगाए जा सकते हैं। इसके साथ ही तैयार उत्पादों को गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित बिहार और दक्षिण भारत में भेजा जा सकेगा।
हर गाँव में बैंकिंग सुविधा होगी वर्ष 2024 तक : केन्द्रीय गृह मंत्री शाह
7 Oct, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24 वीं बैठक हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्चुअली शामिल हुए।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह ने 4 राज्य के मुख्यमंत्रियों से कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ कई मायनों में अन्य राज्यों से अलग हैं। ये राज्य देश के जनजीवन और अर्थतंत्र में अहम योगदान देते हैं। कृषि और पशुपालन जैसी गतिविधियों से मध्य क्षेत्र, देश की जीडीपी में भी महत्वूर्ण योगदान देता है।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि देश में मातृ शक्ति को सम्मान और सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023, नीति और कानून निर्माण में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाएगा। समावेशी शासन के नए युग का सूत्रपात हुआ है। लोक सभा और विधान सभा में एक तिहाई स्थानों पर आरक्षण की व्यवस्था के साथ ही राज्यों में भी महिला सशक्तिकरण का वातावरण बन रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नाफेड) द्वारा सभी मक्का उत्पादक राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। किसानों की समृद्धि सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए पोर्टल पर पंजीयन करवाया जा सकता है। देश में जैविक ईंधन को बढ़ावा देने, दलहन-तिलहन के निर्यात, वित्तीय समावेश, अंतर्राज्यीय जल मुद्दों के समाधान आदि कार्यों के लिए परिषद की स्टेंडिंग कमेटी ने प्राथमिकता से कार्य किया है। कुपोषण समाप्ति, कृषि और सहकारिता के क्षेत्र में प्रयास बढ़ाए गए हैं। ऐसा प्रयास है कि आने वाले वर्ष में देश के प्रत्येक गाँव में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
मध्य क्षेत्रीय परिषद एक सार्थक मंच
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की पहचान एक सार्थक मंच के रूप में बनी है। गत 9 वर्ष में परिषद की वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक की अवधि के मुकाबले ज्यादा बैठकें हुई हैं। परिषद की स्थायी समिति की जहाँ वर्ष 2004 से वर्ष 2014 के बीच 14 बैठकें ही हुईं थीं, वहीं वर्ष 2014 से 2023 तक मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की नौ साल में 29 बैठकें हो गई हैं जो दोगुनी से ज्यादा हैं। विभिन्न मुद्दों के निराकरण में भी गत 9 वर्ष उपलब्धि से भरे वर्ष हैं। पहले के दशक (2004 से 2014) में जहां 448 मुद्दों पर निराकरण की कार्यवाही हुई, वहीं वर्ष 2014 से अब तक नौ वर्ष की अवधि में 1157 मुद्दों पर निराकरण हो चुका है।
परिषद ने पारित किया अभिनंदन प्रस्ताव
बैठक में परिषद ने अभिनंदन प्रस्ताव भी पारित किया। इसका उल्लेख करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि भारत ने हाल ही में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय भूमिका निभाई है, जहाँ एशियाई खेलों में पदकों का शतक मिला है, वहीं जी-20 की बैठकों और आयोजनों को सफलता प्राप्त हुई है। यही नहीं भारत के चंद्रयान ने चंद्रमा पर पहुँच कर देश के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह सभी कार्य अभिनंदनीय है। मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक में इस अभिनंदन प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त कर सभी मुख्यमंत्रियों और सदस्यों द्वारा करतल ध्वनि से स्वागत किया गया।
केन्द्र-राज्य संबंधों और राज्यों के परस्पर संबंधों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है परिषद की भूमिका: मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संघीय ढांचे को सशक्त किया गया है। परिषद इसमें महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है। परिषद प्रधानमंत्री के संकल्पों की सिद्धि के लिए कार्य कर रही है। इससे सहकारी संघवाद को बल मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने राज्यों को ताकतवर बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। इसलिए नीति आयोग, मुख्यमंत्री परिषद और मध्य क्षेत्रीय परिषद जैसे संस्थागत उपाय किए गए हैं। आत्म-निर्भर भारत की तर्ज पर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का रोडमैप सबसे पहले मध्यप्रदेश में बना। इस पर अमल भी हुआ। राज्य और केन्द्र मिलकर टीम इंडिया की तरह कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश ने परिषद की गत बैठक के फैसलों का प्रभावी क्रियान्वयन किया है। यह बैठक केंद्र, राज्य संबंधों और राज्यों के परस्पर संबंधों की दृष्टि से उपयोगी सिद्ध हुई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद सेतु का कार्य करती है। परिषद अनुभव साझा करने का सशक्त मंच है। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री शाह के मार्गदर्शन में जटिल विषयों पर समाधान प्राप्त होता है। परिषद ने संविधान की भावनाओं के अनुरूप कार्य किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परिषद की बैठकों की निरंतरता और उपयोगिता देखने को मिली है। राज्यों की कार्यशैली और वैचारिक स्तर पर कुछ भिन्नता हो सकती है लेकिन उनके सपने भिन्न नहीं हो सकते। मध्यप्रदेश में अनेक क्षेत्र में बेहतर कार्य हुआ है और प्रदेश कई योजनाओं के अमल में देश में प्रथम स्थान पर है। केन-बेतवा लिंक परियोजना, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के लिए वरदान है। मुख्यमंत्री चौहान ने समाधान की पहल के लिए परिषद के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि नदी जोड़ों अभियान में मध्यप्रदेश में पहले नर्मदा नदी को क्षिप्रा से जोड़ा गया। इसके बाद कालीसिंध नदी को पार्वती नदी से जोड़ने की पहल की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में मध्य क्षेत्रीय परिषद के माध्यम से राज्यों का परस्पर सहयोग भी बढ़ा है और छोटे-मोटे मतभेद भुला कर विकास का रास्ता निकाला जाता है, जो राज्यों से होकर जाता है।
बताई गईं प्रदेश की उपलब्धियाँ
बताया गया कि मध्यप्रदेश पाँच किलोमीटर की दूरी के अंदर गाँवों में बैंक शाखाएँ खोलने के कार्य में आगे है। इस कार्य में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के 88 प्रतिशत की तुलना में 92 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित कर चुका है। मध्य प्रदेश में तेजी से बैंकिंग सुविधाएँ बढ़ाई जा रही हैं और ग्रामीणों को बेहतर सुविधा दिलवाई जा रही है। बैठक में पोषण, आँगनवाड़ी केन्द्र, बैंकिंग सुविधाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य विषयों पर चर्चा हुई और राज्यों के प्रयासों की जानकारी दी गई। सहकारिता क्षेत्र की चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि परिषद के 4 राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक सहकारी समितियाँ हैं। प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को गति मिली है। मध्यप्रदेश में 51 हजार 618 सहकारी समितियाँ कार्य कर रहीं है। इनके सदस्यों की संख्या एक करोड़ 23 लाख 97 हजार 471 है। सहकार से समृद्धि में मध्यप्रदेश में बालाघाट जिले में परसवाड़ा समिति कार्यरत है। यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जो सहकारी क्षेत्र में विश्व की बड़ी अनाज भंडारण योजनाओं में से एक है। दूसरे चरण में अन्य जिलों की प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को चिन्हित किया गया है। जन औषधि केंद्रों का संचालन भी पैक्स द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना में भी पैक्स को पात्र बनाया गया है, जो राष्ट्रीय जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण नल-जल आपूर्ति योजना के संचालन और रख-रखाव में भागीदारी के लिए आगे आई हैं। शैक्षिक सूचकांक में भी मध्यप्रदेश परिषद के चारों राज्यों में बेहतर स्थिति में है। केन्द्र सरकार द्वारा जारी परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स की दृष्टि से मध्यप्रदेश इन राज्यों में से सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाला प्रदेश है।
समन्वय के साथ समावेशी विकास के एजेंडे पर केन्द्रित बैठक
परिषद की बैठक में समन्वय के साथ समावेशी विकास के एजेंडे पर विषयवार चर्चा हुई। प्रमुख रूप से गाँवों में बैंक शाखाओं और डाक बैंकिंग सुविधाओं का आच्छादन, महिलाओं-बच्चों के कल्याण, कोदो-कुटकी सहित मोटे अनाजों के लिए समर्थन मूल्य, मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क की समीक्षा, वन भूमि के व्यपवर्तन, लघु वनोपज आधारित प्रसंस्करण उद्योगों के लिए चिन्हित जिलों में बुनियादी ढांचे का विकास, पोषण अभियान, स्कूली विद्यार्थियों के ड्रॉप आउट रेट में कमी, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और सहकार से समृद्धि के अंतर्गत सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। प्रारंभ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत उदबोधन दिया। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषद की काशी में होने वाली आगामी बैठक (25 वीं बैठक) के लिए सभी को औपचारिक आमंत्रण भी दिया। उल्लेखनीय है कि परिषद की 23 वीं बैठक की मेजबानी मध्यप्रदेश ने की थी, जो भोपाल में 22 अगस्त 2022 को सम्पन्न हुई थी। बैठक के अंत में उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव ने आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने बरगद, बेलपत्र, मौलश्री, गुलमोहर और पीपल के पौधे रोपे
7 Oct, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट उद्यान में बरगद, बेलपत्र, मौलश्री, गुलमोहर और पीपल के पौधे रोपे। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री चौहान के साथ पौध-रोपण किया और विभाग में वरिष्ठ पदों के प्रभार सौंपे जाने की घोषणा के त्वरित क्रियान्वयन के लिए धन्यवाद देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि जनसंपर्क विभाग में पहली बार बड़ी संख्या में एक साथ अधिकारी और कर्मचारियों को प्रत्येक संवर्ग में वरिष्ठ पद का प्रभार सौपा गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी। जनसंपर्क आयुक्त मनीष सिंह भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य शासन की नीतियों, विकास कार्यक्रमों और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुँचाने और उत्कृष्ट प्रचार-प्रसार कार्य करने के लिए भी अधिकारियों की कार्यप्रणाली को सराहा।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ पेसा मोबिलाइजर भी पौध-रोपण में शामिल हुए। इनमें बैतूल, खरगोन, रतलाम, डिण्डौरी, शहडोल और धार जिलों के 59 पेसा मोबिलाइजर शामिल हैं। नेहरू युवा केन्द्र संगठन मध्य प्रदेश के सुरेन्द्र शुक्ला, संजय शुक्ला, हर्षा हसवानी, दीपिका उदासी, संजय शुक्ला, अक्षरा श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव के अलावा शुभम शुक्ला और शिवानी शुक्ला ने भी पौध-रोपण किया। अशोक नगर के सामाजिक कार्यकर्ता शालिकराम दिलीप कुमार, विनीत कुमार, यशवंत रघुवंशी और मनीष कुमार भी पौधरोपण में शामिल हुए।
राजधानी में 5 रूपए में गरीब और जरूरतमंद लोगों को भरपेट भोजन देंगे चलित रसोई केन्द्र
7 Oct, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट पार्क से 10 चलित दीनदयाल रसोई केंद्र झंडी दिखाकर रवाना किए। ये चलित केंद्र भोपाल शहर के उन स्थानों पर जाकर श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद लोगों को पांच रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध करवाएंगे जहां ऐसे लोग कार्य करते हैं। प्रदेश के अन्य नगरों में भी चलित केंद्र संचालित किए जायेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय दरिद्र को ही भगवान मानते थे। उनका मानना था कि यदि दरिद्र की सेवा की तो यह समझ लेना कि भगवान की पूजा कर ली। पंडित दीनदयाल जी के इस मंत्र को स्वीकार करते हुए दरिद्र नारायण की सेवा के लिए मध्यप्रदेश में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं में से एक योजना है दीनदयाल रसोई योजना। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस योजना के प्रारंभ करने के दो प्रमुख उद्देश्य हैं। एक यह कि रियायती दर पर गरीब व्यक्ति को भोजन मिल सके, दूसरा प्रवासी श्रमिक और अन्य जरूरतमंद नागरिकों को कार्य स्थल के नजदीक भरपेट भोजन की सुविधा मिल सके। इस व्यवस्था से ऐसे मजदूर जो गांव से शहर आकर जीविका चलाते हैं, उन्हें अधिक राशि और समय खर्च किए बिना उनके काम करने की जगह पर ताजा भोजन उपलब्ध हो जाएगा। पूर्व में संचालित केन्द्र एक स्थान पर ही होते थे। चलित रसोई केन्द्र सिर्फ 5 रूपए की कीमत में भोजन उपलब्ध करवाएंगे। मजदूरों द्वारा अन्य स्थानों पर भोजन के लिए जाने पर उनकी मजदूरी का पैसा भोजन में ही खर्च हो जाता था। खून-पसीने की कमाई को श्रमिक बंधु सिर्फ भोजन के लिए खर्च कर देते थे। मध्यप्रदेश सरकार ने योजना में प्रति व्यक्ति 10 रूपए के मान से अनुदान देने की व्यवस्था की है।
योजना एक नजर में
प्रदेश में 7 फरवरी 2017 में यह योजना जिला मुख्यालयों और 6 प्रमुख धार्मिक स्थानों को मिलाकर 56 स्थानों पर संचालन के साथ प्रारंभ की गई थी। वर्तमान में 166 स्थानों पर योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत प्रदेश में सवा दो सौ लाख भोजन थालियों का वितरण किया जा चुका है। प्रदेश में 25 चलित रसोई केंद्र प्रारंभ हुए हैं। चलित केंद्र की लागत 25 लाख रुपए है। इसमें खाना तैयार करने और गर्म खाना रखने के आधुनिक उपकरण भी रहेंगे। इन केन्द्रों में 5 रूपए थाली की दर से सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक भोजन का वितरण किया जाता है। प्रदेश में 10 लाख से अधिक आबादी वाले जिन नगरों में चलित केन्द्र शुरू हुए हैं उनमें भोपाल में 3, इंदौर में 4, जबलपुर, ग्वालियर में दो-दो चलित रसोई केंद्र शामिल हैं। शेष 12 नगर निगमों और 2 औद्योगिक नगरों पीथमपुर एवं मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केन्द्र का संचालन शुरू किया गया है। शीघ्र ही 20 हजार से अधिक आबादी वाले 68 नगरीय निकायों में भी इस तरह के रसोई केन्द्र शुरू करने की योजना है। चलित केन्द्रों में हीटर, मिक्सर, ग्राइंडर जैसे आधुनिक उपकरण भी लगे हैं, जो खाना तैयार करने और उसे गर्म रखने में उपयोगी हैं। आवश्यक बर्तनों की व्यवस्था भी की गई है। वाहनों को विभिन्न क्षेत्रों में भेजने के लिए समय-सारणी बनाई गई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को इस योजना के संचालन के लिए बधाई दी। प्रारंभ में आयुक्त नगरीय प्रशासन भरत यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया और योजना के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर भोपाल की महापौर मालती राय, अन्य जनप्रतिनिधि, आयुक्त जनसंपर्क मनीष सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
365 दिन वन वन्य प्राणियों की सेवा का संकल्प लें- राज्यपाल
7 Oct, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रकृति की रचनाओं में मानव प्रजाति सबसे अधिक सामर्थ्यवान है। उसके पास बुद्धि, वाणी की अदभुत शक्तियां है। मानव का कर्तव्य है कि वह वन और वन्य प्राणी की सेवा का उत्तरदायित्व ग्रहण करे। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे वन और वन्यप्राणियों की 365 दिन सुरक्षा, संरक्षण और सेवा का संकल्प लें। पुरस्कार विजेताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने अपेक्षा की है कि वह उत्साह और दायित्व बोध के साथ समाज में आगे बढ़कर वन और वन्य प्राणी संरक्षण प्रयासों का नेतृत्व करें।
पटेल शनिवार को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित राज्यस्तरीय वन्य प्राणी सप्ताह समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के 98 विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व कॉफी टेबल बुक, बटरफ्लाई, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान बटरफ्लाई सर्वे रिपोर्ट और वन विभाग की गतिविधियों की त्रैमासिक पत्रिका वनांचल का लोकार्पण किया गया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि वन और वन्य प्राणियों के साथ उनका जुड़ाव बहुत पुराना है। उन्हें गुजरात मे वन मंत्री के रूप में लंबे समय तक कार्य का अनुभव है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में मानव प्रजाति का हिस्सा बहुत छोटा है, हमारे चारों ओर जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की असंख्य प्रजातियाँ हैं। इन विभिन्न प्रजातियों और हमारी मानव जाति के बीच नाजुक संतुलन से ही इकोलॉजी तंत्र बनता है, जिसमें जैव विविधता महत्वपूर्ण भूमिका रखती है। हमारे ऋषि-मुनियों ने अपने तप, त्याग और साधना से हजारों साल पहले ही इकोलॉजी तंत्र के संरक्षण के लिए प्राणियों में सद्भावना का संदेश दिया था। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में वन और वन्यजीवों का विशिष्ट स्थान रहा है। विभिन्न देवी-देवताओं के वाहन वन्यजीव हैं। पेड़-पौधों की आराधना होती है। उन्होंने वन की प्रदक्षिणा, नवग्रहों, 12 राशियों और 27 नक्षत्रों में प्रत्येक के लिए पौधों की सांस्कृतिक महत्ता के बारे में बताया।
राज्यपाल पटेल ने वनों की पर्यावरणीय उपयोगिता के साथ ही वनों के स्वास्थ्य पर प्रभावों का उल्लेख करते हुए बताया कि वन अच्छादित गुजरात के डांग जिले के जनजातीय समुदाय में अनुवांशिक रक्त विकार सिकलसेल का प्रभाव नहीं है, जबकि दुनियाभर का जनजातीय समुदाय सिकल सेल से कम-ज्यादा प्रभावित है। डांग के जनजाति समुदाय में रोग का प्रभाव नहीं होना, उनके स्वास्थ्य पर वनों के लाभकारी होने का भी संकेत माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से प्रतिरक्षा में महत्वपूर्ण गिलोय भी वनों की देन है। वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह के आयोजन को वन्य प्राणियों के संबंध में नई पीढ़ी का ज्ञान, संरक्षण में जन भागीदारी को और अधिक मजबूत बनाने की पहल बताते हुए वन विभाग को साधुवाद और बधाई का पात्र बताया है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी असीम श्रीवास्तव ने वन्य प्राणी सप्ताह के दौरान संचालित गतिविधियों की जानकारी में बताया कि चित्रकला प्रतियोगिता के 5 वर्गों में 800 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसी तरह रंगोली के दो वर्गों में 88, फोटोग्राफी के दो वर्गों में 35, विद्यालय स्तर के वाद विवाद प्रतियोगिता में 24, महाविद्यालय में 18, मेंहदी में 159 और फेस पेंटिग में 21, पॉम पेंटिग में 95 एवं कक्षा तीन तक के बच्चों की फेंसी ड्रेस प्रतियोगिता में 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह दौड़ में 470 और पक्षी अवलोकन शिविर में 240 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। आभार प्रदर्शन संचालक वन विहार राष्ट्रीय उद्यान पद्मप्रिय बालाकृष्णनन् ने किया।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव जे.एन. कंसोटिया, प्रधान मुख्य वन संरक्षक रमेश कुमार गुप्ता, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम डॉ. अभय कुमार पटेल सहित बड़ी संख्या में महिलाए, बच्चे और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
शारीरिक संबंध बनाकर शादी का वादा तोड़ देना दुष्कर्म नहीं, ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा
7 Oct, 2023 07:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की न्यायमूर्ति सुनीता यादव ने दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई के बाद युवक पर दर्ज एफआइआर निरस्त करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया कि अगर लड़का और लड़की बालिग हैं और शादी का वादा करते हुए आपस में शारीरिक संबंध बनाते हैं और बाद में लड़का शादी से इंकार कर देता है तो उसके विरूद्ध दुष्कर्म का मामला नहीं चलाया जा सकता। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने न्यायालय के सामने तर्क दिया कि शादी का झूठा आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाने और शारीरिक संबंध होने के बाद शादी का वादा तोड़ देना दोनों में फर्क होता है। जिस आरोप के साथ इस मामले में एफआइआर दर्ज करवाई गई है, वह आरोप दुष्कर्म की परिधि में नहीं आते हैं।
शारीरिक संबंध बनाकर शादी का वादा तोड़ देना दुष्कर्म नहीं, ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहाशारीरिक संबंध बनाकर शादी का वादा तोड़ देना दुष्कर्म नहीं, ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा अधिवक्ता भदौरिया ने अपने तर्कों के समर्थन में हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट के कई न्याय दृष्टांत प्रस्तुत किए गए, हाईकोर्ट ने उक्त तर्कों से सहमत होते हुए एफआइआर निरस्त कर दी।यहां बता दें कि शिवपुरी के रहने वाले युवक के खिलाफ पुलिस थाना खनियाधाना में युवती ने 29 मार्च 2023 को दर्ज शिकायत दर्ज करवाई थी कि वर्ष 2020 में उसकी सगाई हुई थी। सगाई होने के साथ ही वह युवक को पति मानने लगी, बाद में दोनों के बीच 3 वर्षो तक शारीरिक संबंध रहे। फरवरी 2023 में जब शादी करने के लिए कहा तो युवक ने शादी से इंकार कर दिया। इस शिकायत पर युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
भोपाल के खेड़ापति मंदिर में बनेगा हनुमान लोक, 21 एकड़ में होगा कारिडोर का विकास
7 Oct, 2023 07:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । शहर के प्राचीन खेड़ापति हनुमान मंदिर छोला को महाकाल लोक की तर्ज पर छोला खेड़ापति हनुमान लोक बनाया जाएगा। इसमें 100 करोड़ रुपये की लागत से पूरे क्षेत्र का विकास कराया जाएगा। पहले चरण में 20 करोड़ रुपए से खेड़ापति कारिडोर बनेगा। 21 एकड़ में मंदिर समेत कारिडोर का विकास होगा। कार्य योजना के तहत एक आर्चनुमा फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। यूनियन कार्बाइड के पास काली परेड से अयोध्या बायपास तक 4:80 किमी लंबा पुल बनेगा। इस पुल के जरिए क्षेत्र में यातयात का घनत्व कम होगा, जिसका भूमिपूजन शनिवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग द्वारा किया जाएगा।
गुफा लोक का भी निर्माण
वहींं शहर के लालघाटी क्षेत्र में स्थित गुफा मंदिर में 34 करोड़ रुपये से संत भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके बगल में सामुदायिक भवन भी बनेगा। पहले चरण में नगर निगम द्वारा इन कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह गुफा मंदिर परिसर में पहुंचे और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इसका भूमिपूजन किया।
ट्रक के रजिस्ट्रेशन पर अब 5 फीसदी टैक्स
7 Oct, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पूर्व मध्य प्रदेश शासन ने एक बड़ी राहत दी है। परिवहन विभाग की जारी अधिसूचना के अनुसार 7.5 टन से अधिक वजन वाले ट्रकों के रजिस्ट्रेशन पर अब आठ फ़ीसदी के स्थान पर केवल पांच फ़ीसदी टैक्स लगेगा। जो बसें स्कूलों मे अटैच है। उन्हें 12 रूपये वार्षिक टैक्स चुकाना पड़ेगा।
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एसके झा के अनुसार नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ट्रैकों का रजिस्ट्रेशन शुल्क अब तीन फ़ीसदी कम हो जायेगा। इसके साथ ही ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली बसों के पैसेंजर टैक्स में कमी की गई है। अब 700 रूपये के स्थान पर केवल 200 रूपये प्रतिमाह प्रति सीट टैक्स लिया जाएगा। इसी तरह ठेके पर खेती करने वाले किसानों को अब ट्रैक्टर खरीदने पर भी टैक्स की राहत दी गई है।
मध्यप्रदेश का 55वां जिला पांढुर्णा पहुंचे मुख्यमंत्री, बोले- कमलनाथ ने यहां के लोगों के साथ नहीं किया न्याय
7 Oct, 2023 06:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छिंदवाड़ा । मेरे दिल की इच्छा थी कि पांढुर्णा जिला बने यही वजह है कि अब ये सपना सच हो गया है। मैं नए कलेक्टर और एसपी को लेकर आया हूं उक्त उदगार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्णा में कलेक्ट्रेट भवन के लोकार्पण के दौरान व्यक्त किए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्णा में शनिवार को कहा, 'कमलनाथ ने कामठी जलाशय की योजना से पांढुर्णा को पानी नहीं पीने दिया। हम पानी की योजना को जल्द पूरा करेंगे। कमलनाथ ने पांढुर्णा, सौंसर के साथ न्याय नहीं किया। जितना अन्याय कमलनाथ ने किया, ब्याज सहित आपकी सेवा कर उस अन्याय को समाप्त शिवराज सिंह करेगा।'
जो वादा किया वह निभाया
आपकी बहुत पुरानी मांग थी और दिल की इच्छा थी कि पांढुर्ना जिला बनना चाहिए।
जिला बनने के बाद पहली बार पांढुर्णा आए मुख्यमंत्री
सीएम ने ऐलान करते हुए कहा कि पांढुर्णा में संत जगनाडे जी महाराज की प्रतिमा लगाई जाएगी। पांढुर्णा जिला बनने के बाद मुख्यमंत्री पहली बार यहां आए। पांढुर्णा जिले के पहले कलेक्टर अजय देव शर्मा और एसपी राजेश कुमार त्रिपाठी ने पदभर भी ग्रहण किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरवाड़ा गोलीकांड में जान गंवाने वाले डॉक्टर दंपती की दोनों बेटियों को सहारा देने की बात कही। मंच पर उन्हें आशीर्वाद दिया। कहा कि दोनों बेटियों का मामा सहारा बनेगा।
पांढुर्णा प्रदेश का 55 वां जिला
पांढुर्णा प्रदेश का 55 वां जिला बन गया है और आज से अस्तित्व में आ जाएगा। नए जिले के साथ ही सबसे छोटे जिले का तमगा भी पांढुर्णा को मिला है। दरअसल इस जिले में महज चार थाने और तीन चौकी होंगी। छिंदवाड़ा से हटने के बाद पांढुर्णा जिले में लोधीखेड़ा, मोहगांव, सौंसर और पांढुर्णा थाने का समावेश है, जबकि पिपला नारायणवार, नांदनवाडी, बढचिचोली और हाईवे चौकी को भी वहीं शामिल किया गया है। इस जिले में दो अनुविभाग सौंसर और पांदुर्णा शामिल हैं, जो आज से पांढुर्णा जिले में शामिल रहेंगे।
मप्र के 24 जिलों से मानसून की विदाई
7 Oct, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र से मानसून की भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम समेत 24 जिलों से भी विदाई हो गई। चंबल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम, सागर संभाग के जिलों से एवं रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के अधिकांश हिस्सों से भी मानसून जा चुका है। वातावरण से नमी कम होने के कारण मौसम शुष्क होने लगा है। इस वजह से दिन में धूप में तल्खी महसूस होने लगी है, लेकिन हवाओं का रुख उत्तरी होने से रात के समय ठंड का एहसास बढ़ गया है। वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। इस वजह से वर्षा का सिलसिला लगभग थम गया है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वातावरण से नमी कम होने के कारण मौसम शुष्क होने लगा है। आसमान साफ होने के कारण सुबह से ही धूप निकलने लगी है। दिन में तापमान बढ़ने से धूप में चुभन महसूस हो रही है। उधर हवाओं का रुख उत्तरी एवं उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से शाम ढलते ही गुलाबी ठंड का एहसास होने लगा है। उत्तरी हवा के प्रभाव से रात के तापमान में गिरावट भी हो रही है। शुक्ला के मुताबिक दो दिन में प्रदेश के शेष हिस्सों से मानसून के वापस जाने की भी संभावना दिख रही है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मानसून प्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, कटनी, जबलपुर, दमोह, सागर, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, नर्मदापुरम, हरदा, रायसेन, विदिशा, भोपाल, सीहोर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी और आलीराजपुर जिलों से जा चुका है।
सीएम शिवराज ने दो नए जिलों को दी स्वीकृति
7 Oct, 2023 04:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश के नक्शे पर अब दो शहर और चमचमाएंगे, इन शहरों का कायाकल्प होगा, बेहतर सुविधाएं होंगी, प्रशासनिक मशीनरी और भी मजबूत होगी, रोजगार के विकल्प खुलेंगे। कुल मिलाकर अब इन शहरों के लिए विकास के नए द्वार खुलेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मैहर और पांढुर्णा को जिला बनाए जाने की स्वीकृति दे दी है। इस घोषणा के बाद राज्य में कुल जिलों की संख्या 55 हो गई है। इससे पहले 15 अगस्त को मऊगंज की 53वें जिले के रूप में घोषणा की गई थी। मैहर को जिला बनाए जाने की घोषणा से ही जनता विंध्य क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। जनप्रतिनिधियों द्वारा मैहर को जिला बनाए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। मैहर के साथ ही पांढुर्णा की भी राज्य के कुल राजस्व में एक बड़ी हिस्सेदारी है। नये जिले बनने से विंध्य क्षेत्र के विकास को तरक्की का नया आधार मिलेगा।
विंध्य के आंचल में 2 नए जिले
नये जिलों की घोषणा से विंध्य क्षेत्र के विकास की एक नई इबारत लिखी जाएगी। क्षेत्र की बसावट के आधार पर विकास परियोजनाओं और जनसुविधाओं के लिए बजट का आवंटन किया जा सकेगा। स्वास्थ्य, न्यायालय और मूलभूत सुविधाओं के साथ जिला संचालन के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था भी उपलब्ध हो सकेगी। मैहर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ ही यहां की जनता भी लंबे समय से एक अलग जिला बनाने की मांग कर रही थी, लोगों का कहना है कि यहां से भारी राजस्व मिलने के बाद भी क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा था। लोगों को छोटे-मोटे काम कराने के लिए भी सतना जाना पड़ता था, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इन मांगों को मान लिया है। राजस्व विभाग ने भी दो नये जिलों के गठन को लेकर आदेश जारी कर दिया है। दो नये जिले बनने के बाद राज्य में कुल 55 जिले हो गए हैं।
कंप्यूटर सेंटर की आड़ में बना रहे थे फर्जी आधार और वोटर कार्ड, दो आरोपित धराए
7 Oct, 2023 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवपुरी । कोतवाली थानांतर्गत एक कंप्यूटर सेंटर की आड़ में फर्जी वोटर कार्ड और आधार कार्ड सहित तमाम नकली दस्तावेज और नकली सीलें बनाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ कर पुलिस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस फिलहाल गिरोह के सदस्यों से गिरेाह में शामिल अन्य सदस्यों की जानाकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। जानकारी के अनुसार आशीष गोयल 1 अक्टूबर को अपने आधार कार्ड में अपने पिता के नाम में संशोधन कराने के लिए फतेहपुर चौराहे स्थित सागर कंप्यूटर पर गया था। कंप्यूटर सेंटर पर उसे रवि परिहार मिला, जिसने आधार कार्ड में सुधार के एवज में 200 रुपये की मांग की और एक-दो दिन में कार्ड में सुधार होने की बात कही। अशीष अपना आधार कार्ड वहां छोड़ कर लौट आया।
पुलिस ने कंप्यूटर सेंटर पर मारा छापा
छह अक्टूबर को जब आशीष अपना संशोधित आधार कार्ड लेने सागर कंप्यूटर सेंटर पर पहुंचा तो रवि परिहार वहां पर उसका आधार कार्ड तलाशने लगा। इसी दौरान आशीष ने देखा कि दुकान पर एक वोटर कार्ड रखा हुआ है, जिसमें उसका फोटो लगा है, लेकिन नंबर किसी और का दर्ज है। प्रथम दृष्टया ही वोटर कार्ड फर्जी प्रतीत होने पर आशीष फर्जी वोटर कार्ड को थाने लेकर पहुंचा और मामले की शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर तत्काल कंप्यूटर सेंटर पर छापामार कार्रवाई की तो वहां बड़ी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड और मेडिकल कालेज शिवपुरी की फर्जी सील, सरपंचों की सील और फर्जी दस्तावेज मिले। पुलिस ने रवि परिहार सहित अजब सिंह गुर्जर को गिरफ्तार कर फर्जी दस्तावेज जब्त कर आरोपितों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
तीन से पांच हजार रुपये में बनाते थे दस्तावेज
टीआई विनय यादव ने बताया कि आरोपितों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उनके पास अगर कोई व्यक्ति आधार कार्ड, वोटर कार्ड या कोई अन्य दस्तावेज बनवाने आता था तो वह आन लाइन एप के माध्यम से उनके दस्तावेज बना देते थे, जो देखने में हु-ब-हु असली प्रतीत होते थे। जिन लोगों के पास कोई दस्तावेज नहीं होता था, उन लोगों से यह तीन से पांच हजार रुपये वसूल करते थे।
मुख्यमंत्री शिवराज ने किया चलित रसोई केंद्रों का शुभारंभ, भोपाल, इंदौर समेत इन नगरों में होगा संचालन
7 Oct, 2023 01:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में चल रही दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना में शिवराज सरकार ने शनिवार को एक और आयाम जोड़ा। इस योजना के तहत अब चलित रसोई केंद्र भी संचालित होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार सुबह स्मार्ट सिटी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में इन चलित रसोई केंद्रों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। फिलहाल 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगम इंदौर में 04, भोपाल में 03 और जबलपुर व ग्वालियर 02-02 चलित रसोई केंद्र खोले जा रहे हैं। इनके अलावा 12 अन्य नगर निगम सहित पीथमपुर और मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केंद्र संचालित होगा।
प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखकर बनाई योजना - शिवराज
इस अवसर परमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नगरों और महानगरों में हमारे ग्रामीण क्षेत्र के लोग मेहनत मजदूरी के लिए आते हैं। लेकिन भोजन में ही उनका ज्यादा पैसा खर्च हो जाता है। हमारे मन में ये विचार आया कि ऐसे भाई-बहनों के लिए सस्ता भोजन मिल सके, इसलिए हमने दीनदायल रसोई योजना प्रांरभ की थी। अभी मध्यप्रदेश के 100 शहरों में हमारी दीनदयाल रसोई योजना चल रही है। हमने शहरों में काम करने आने वाले भाई-बहनों तक सीधे भोजन पहुंचे इसके लिए दीनदयाल चलित रसोई केंन्द्रों का शुभारंभ किया है। भविष्य में इसका और भी विस्तार करेंगे।
गरीबों को सस्ती दरों पर मिलेगा गुणवत्तापूर्ण भोजन
सीएम शिवराज ने कहा कि प्रवासी मजदूर भाई-बहनों को अब दीनदयाल चलित रसोई योजना के जरिए सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण भोजन मिल सकेगा। गरीब को भरपेट भोजन मिल जाए तो अपनी आत्मा भी तृप्त हो जाए ,इससे बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है।
छह साल पहले शुरू हुई थी योजना
गौरतलब है कि राज्य के गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को सस्ती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सात फरवरी, 2017 को दीनदयाल रसोई योजना प्रारंभ की गई थी। प्रदेश में कुल 166 रसोई केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इन केंद्रों में पांच रुपये प्रति थाली की दर से सुबह 10 से दोपहर तीन बजे तक भोजन का वितरण किया जाता है। इन निकायों को प्रति व्यक्ति 10 रुपये के मान से अनुदान राज्य शासन द्वारा दिया जाता है। भविष्य में 20 हजार से अधिक जनसंख्या वाले 68 नगरीय निकायों में भी रसोई केंद्र शुरू करने की योजना है। चलित रसोई केंद्रों की स्थापना के लिए उपकरण एवं सामग्री से सुसज्जित वाहन निकायों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।