मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
लहलहाते खेत बने मध्यप्रदेश की पहचान
9 Oct, 2023 08:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सूखी फसलें जिस प्रदेश की पहचान थी, जहां कभी किसान बूंद-बूंद पानी को तरसता था आज उसी मध्यप्रदेश ने सिंचाई और कृषि क्षेत्र में नए सोपान गढ़े हैं। मध्य प्रदेश ने कुछ महीने पहले ही कृषि विकास और सिंचाई क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान के लिए केंद्र सरकार की ओर से देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया । केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो द्वारा दिए गए इस अवार्ड को मध्यप्रदेश ने अपने निरंतर प्रयासों से हासिल किया है। 2003 में जिस प्रदेश की सिंचाई क्षमता मात्र 7 लाख हेक्टेयर थी आज यही सिंचाई क्षेत्र बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। सिंचाई क्षमता के अनुरूप वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश को पाइप प्रणाली के माध्यम से सर्वाधिक सिंचाई क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम राष्ट्रीय स्तर पर इस अवार्ड के साथ जाना जाता है ।
2025 तक 65 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का लक्ष्य
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मध्य प्रदेश ने इस सर्वाधिक सिंचाई स्तर की उपलब्धि को हासिल किया है। वर्ष 2023 की सिंचाई क्षमता 47 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 2025 में 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य भी रखा गया है । कभी सिंचाई के मामले में पहले नंबर पर आने वाले पंजाब को तीसरे नंबर पर भेजकर मध्यप्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है। मध्य प्रदेश में जल स्तर एवं सिंचाई की क्षमता के अनुपात पर एक नजर डालते हैं...
पानीदार प्रदेश पर एक नजर
2003 में सिंचाई क्षमता - 7.5 लाख हेक्टेयर
2023 में सिंचाई क्षमता - 47 लाख हेक्टेयर
2025 में सिंचाई का लक्ष्य - 65 लाख हेक्टेयर
एमपी का सिंचाई पर बजट - 6864 करोड़
प्रदेश में सिंचाई परियोजनाएं - 5299
जलाभिषेक अभियान में 5 लाख वाटर बॉडीज का निर्माण ।
हर जिले में 75 अमृत सरोवर ।
बुंदेलखंड में केन-बेतवा लिंक परियोजना संचालित ।
प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में नदियों-डैम से नहरों का जाल
पंजाब छूटा पीछे, मध्य प्रदेश नंबर 1
मध्यप्रदेश धीरे-धीरे कृषि में सिंचाई क्षमता और उत्पादन में अग्रणी राज्य पंजाब और हरियाणा के बराबर पहुंचने वाला है। मप्र की भाजपा सरकार ने प्रदेश में जल संरचनाओं के संरक्षण, संवर्धन, नई सिंचाई परियोजनाओं और पेयजल परियोजनाओं के लिए छोटे, मध्यम और बड़े बांध बनाए हैं। सिंचाई का रकबा करीब छह गुना बढकर 45 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। नतीजा प्रदेश में पैदावार बढ़ी तो किसान भी संपन्न होने लगे हैं।
एमपी सरकार ने बीते दो सालों में 126 नयी वृहद, मध्यम और लघु सिंचाई परियोजनाएँ शुरू की है। इनमें चार वृहद्, 10 मध्यम और 112 लघु परियोजनाएँ शामिल हैं। इन सभी 126 सिंचाई परियोजनाओं की लागत 6 हजार 700 करोड़ रूपए है। इन नयी सिंचाई परियोजनाओं से 3 लाख 34 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित की जा चुकी है। बता दें कि तवा परियोजना के तहत लोगों को सिंचाई के क्षेत्र में काफी ज्यादा लाभ मिला है, जिसकी बदौलत एमपी सिंचाई के क्षेत्र में ऊंचाइयों पर है।
चुनाव की तारीख जारी होते ही भाजपा मय हुआ सोशल मीडिया
9 Oct, 2023 07:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोमवार को चुनाव आयेाग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। चुनाव की घोषणा होते ही सोशल मीडिया पर ‘एक बार फिर भाजपा’ हैशटैग तेजी से वायरल होने लगा। एक घंटे के भीतर 30 हजार से अधिक ट्वीट भाजपा के समर्थन में किए गए। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर यूजर्स ‘यह दिवाली कमल वाली’ के साथ जश्न मनाते हुए दिखे।
जीत के लिए आश्वस्त भाजपा समर्थकों में चुनाव की घोषणा होते ही गजब का उत्साह देखने को मिला। सुबह तकरीबन 12 बजे चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी, जिसका असर सीधे सोशल मीडिया पर दिखने लगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा समर्थक ने हैशटैग ‘फिर इस बार भाजपा सरकार’ के साथ लिखा – ‘यह दिवाली कमल वाली’ । इसके साथ एक अन्य यूजर ने कांग्रेस पर तंज करते हुए लिखा – ‘भाजपा मैदान में, कांग्रेस आपसी घमासान में’। कांग्रेस अभी तक राज्य की सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है, इस पर एक यूजर ने लिखा – ‘कांग्रेस उम्मीदवार तय करने में हुई विफल, भाजपा चुनाव में फिर होगी सफल’। जबकि भाजपा ने लगभग सभी राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सोशल मीडिया पर भाजपा के समर्थन में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। तकरीबन एक घंटे के भीतर ही 30 हजार से अधिक ट्वीट भाजपा की फिर से वापसी का दावा करते हुए किए गए। सोशल मीडिया के लिए भाजपा की मजबूत रणनीति और मेरा बूथ सबसे मजबूत अभियानों के जरिए भाजपा लोगों से सीधे जनसंपर्क स्थापित करने में सफल रही है, जिसका असर यह है कि किसी भी घटनाक्रम पर त्वरित टिप्पणी या फैसला सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगता है।
एम.पी.के मन में मोदी और कांग्रेस की 11 गारंटियों के बीच होगा चुनावी संघर्ष
9 Oct, 2023 06:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । 17 नवंबर को मध्य प्रदेश की 16 वीं विधानसभा के लिए मतदान होगा, जो मध्य प्रदेश का राजनीतिक भविष्य तो तय करेगा ही, साथ में इससे लोकसभा चुनाव 2024 की दिशा भी तय होगी। मध्य प्रदेश में भाजपा एमपी के मन में मोदी के साथ चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है तो कांग्रेस अपनी 11 गारंटियों के साथ जनादेश मांग रही है।
मात्र 15 महीने चल पाई कमल नाथ सरकार
गौरतलब है कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को बहुमत नहीं मिला था और कांग्रेस ने निर्दलीय व अन्य दलों के समर्थन के साथ कमल नाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। यह सरकार मात्र 15 महीने चल पाई। तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 22 विधायकों द्वारा दल बदलने से कमल नाथ सरकार गिर गई थी। वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी।
साढ़े तीन साल बाद अब दोनों दल फिर आमने-सामने
लगभग साढ़े तीन साल बाद अब दोनों दल फिर आमने-सामने हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है, वहीं कांग्रेस कमल नाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। मध्य प्रदेश हमेशा से ही भाजपा का गढ़ रहा है। इसी कारण भाजपा ने चुनाव आचार संहिता से पहले ही तीन सूची में 79 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। चुनाव की घोषणा के बाद 51 और प्रत्याशियों की सूची घोषित की गई है जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी है। उन्हें उनकी परंपरागत सीट बुदनी से ही प्रत्याशी बनाया गया है।
मप्र की तस्वीर बराबरी की
मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 के बाद लगातार यह दूसरा विधानसभा चुनाव है, जब भाजपा और कांग्रेस के बीच बराबरी का मुकाबला दिख रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा किसी भी कीमत से मप्र को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती है। यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव की बागडोर अपने हाथ में रखी है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव ने सह प्रभारी के रूप में मप्र में डेरा डाला है। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को मप्र चुनाव प्रबंधन की कमान सौंपी गई है, साथ ही चुनाव की गंभीरता को देखते हुए उनके साथ दो अन्य केंद्रीय मंत्रियों को भी विधानसभा प्रत्याशी बनाया गया है।
लाड़ली बहना और नकद लाभ वाली योजनाओं के भरोसे भाजपा
मप्र में मिशन 2023 में भाजपा का सारा दारोमदार लाड़ली बहना और नकद आर्थिक लाभ देने वाली योजनाओं पर है तो कांग्रेस अपनी गारंटियों और घोषणाओं की बदौलत जनता का भरोसा जीतने का प्रयास कर रही है। चुनाव के 39 दिन पहले दोनों दल लोकप्रियता और आत्मविश्वास के नजरिए से भी कमजोर नहीं हैं। किसान, युवा, कर्मचारी, पुलिस-पेंशनर, संविदाकर्मी, एससी-एसटी और गरीब महिलाओं के तीन करोड़ से ज्यादा बड़े वर्ग को साधकर भाजपा आम मतदाताओं को साधने में लगी है तो कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना, किसान कर्जमाफी, नारी सम्मान योजना के तहत महिलाओं को डेढ़ हजार रुपये महीना, पांच सौ रुपये में रसोई गैस सिलेंडर, 100 यूनिट बिजली माफ-200 यूनिट हाफ सहित अन्य गारंटियों के साथ कांग्रेस चुनाव मैदान में उतर रही है।
असल चुनाव स्थानीय मुद्दोंं पर ही
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भले ही यहां चुनाव की कमान संभालेगा लेकिन असली चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही होगा। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा, जबकि आप, सपा, बसपा के अलावा कुछ क्षेत्रीय पार्टियां भी वजूद की तलाश में जोर-आजमाइश करेंगी ही। हालांकि, यह वोट काटने तक ही सीमित होंगी, तीसरे दलों के पास सीटों की संख्या कम ही रहेगी।
अजा और अजजा की होगी अहम भूमिका
विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) वर्ग सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा करेंगे। मप्र में आदिवासी वर्ग के लिए 47 सीट सुरक्षित हैं। इनमें से फिलहाल भाजपा के पास मात्र 16 सीट हैं और कांग्रेस ने इतनी ही सीट 2018 में भाजपा से छीन ली थी। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल इन वर्गों को साधने में जुटे हैं। जनजातीय मतदाताओं को साधने के नजरिए से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मप्र ने इस वर्ष दस दौरे कर चुके हैं।
मप्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की चौथी सूची जारी, बुधनी से चुनाव लड़ेंगे शिवराज
9 Oct, 2023 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की चौथी सूची जारी कर दी गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान को बुधनी से टिकट दिया गया है। इस सूची में अधिकांश पिछली बार के विजयी उम्मीवार ही हैं। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में चौथी सूची को हरी झंडी दी गई। इसमें 57 नाम हैं। गृहमंत्री डाक्टर नरोत्तम मिश्रा को दतिया से टिकट दिया गया है। इंदौर 2 सीट से रमेश मेंदोला और इंदौर 4 सीट से मालिनी गौड़ को टिकट दिया गया है। अटेर से डा अरविंद सिंह भदौरिया, ग्वालियर ग्रामीण से भरत सिंह कुशवाह, ग्वालियर से प्रद्युम्न सिंह तोमर, खुरई से भूपेंद्र सिंह, सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत और रेहली से गोपाल भार्गव को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। नरयावली से प्रदीप लारिया, सागर से शैलेंद्र जैन, खरगापुर से राहुल लोधी, मलहरा से प्रद्युम्न सिंह लोधी, पन्ना से ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, रामपुर बघेलान से विक्रम सिंह, सिरमौर से दिव्यराज सिंह, मऊगंज से प्रदीप पटेल, देवतालाब से गिरीश गौतम, रीवा से राजेंद्र शुक्ल, चुरहट से शरदेन्दु तिवारी, जयसिंहनगर से मनीषा सिंह, जैतपुर से जयसिंह मरावी, अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह और मानपुर से मीना सिंह मांडवे को टिकट दिया गया है।
विजय राघवगढ़ से संजय पाठक, मुड़वारा से संदीप जायसवाल, पाटन से अजय विश्नोई, जबलपुर छावनी से अशोक रोहाणी, पनागर से सुशील कुमार तिवारी, परसावाड़ा से रामकिशोर कांवरे, सिवनी से दिनेश मुनमुन राय, आमला से योगेश पंडाग्रे, हरदा से कमल पटेल, सोहागपुर से विजयपाल सिंह, सांची से डा प्रभुराम चौधरी, सिलवानी से रामपाल सिंह, सिंरोल से उमाकांत शर्मा, बैरसिया से विष्णु खत्री और नरेला से विश्वास सारंग को टिकट दिया गया है। गोविंदपुरा से कृष्णा गौर, हुजूर से रामेश्वर शर्मा, इछावर से करणसिंह वर्मा, सीहोर से सुदेशराय, देवास से गायत्री राजे पंवार, हाटपिपल्या से मनोज चौधरी, खातेगांव आशीष गोविंद शर्मा, हरसूद से कुंवर विजय शाह, बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और सांवेर से तुलसीराम सिलावट को टिकट दिया गया है। उज्जैन दक्षिण से मोहन यादव, रतलाम शहर से चैतन्य काश्यप, मंदसौर से यशपाल सिंह सिसोदिया, मल्हारगढ़ से जगदीश देवड़ा, सुवासरा से हरदीप सिंह डंग और जावद से ओमप्रकाश सखलेचा को टिकट दिया गया है।
हरदा विधानसभा में सातवीं बार कमल पर विश्वास..
चुनाव की घोषणा के बाद व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से बचें, यह शत्रुता नहीं : शिवराज
9 Oct, 2023 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में चुनाव तारीख की घोषणा के बाद अब प्रतिक्रियाओं का दौर आरंभ हो गया है। मध्य प्रदेश चुनाव की घोषणा पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है। चुनाव से सरकार बनती है जो प्रदेश और जनता का भविष्य तय करती है इसलिए मैं सभी मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि चुनाव में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें। 5 करोड़ से अधिक मतदाता 17 नवंबर काे चुनेंगे मध्य प्रदेश की नई सरकार, तबादलों और घोषणाओं पर प्रतिबंध5 करोड़ से अधिक मतदाता 17 नवंबर काे चुनेंगे मध्य प्रदेश की नई सरकार, तबादलों और घोषणाओं पर प्रतिबंध
शिवराज ने कहा कि मैं राजनीतिक दलों से अनुरोध करता हूं कि चुनाव में व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप करने से बचे। यह शत्रुता नहीं है। वहीं मध्य प्रदेश चुनाव की घोषणा पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कहा कि मैं चुनाव आयोग का धन्यवाद करता हूं। भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता और संगठन चुनावी तैयारियों में जुटा है। मुझे पूरा विश्वास है कि भाजपा की सरकार बनेगी। विकास और गरीब कल्याण के मुद्दे पर भाजपा ऐतिहासिक बहुमत के साथ चुनाव जीतेगी।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव 17 नवंबर काे कराया जाएगा। आज चुनाव की घोषणा के साथ ही मध्य प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हाे गई है। 21 अक्टूबर को चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। 30 अक्टूबर तक नामांकन लिए जाएंगे। दो नवंबर तक अभ्यर्थी नामांकन वापस ले सकेंगे। तीन दिसंबर को मतगणना होगी। मप्र में पांच दिसंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
आचार संहिता लागू, प्रधानमंत्री तक को करना पड़ता है पालन, जानते है क्या है नियम
9 Oct, 2023 02:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में सहित पांच राज्यों में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोगने कर दिया है। इसके साथ ही इन राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गईा है। लिहाजा इन राज्यों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री न तो कोई घोषणा कर पाएंगे और न ही शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन के कार्यक्रम होंगे। आचार संहिता के लागू होने पर क्या हो सकता है और क्या नहीं, इसे आपको विस्तार से बताते हैं।
क्यों लागू होती है आचार संहिता?
स्वतंत्र और निष्पक्ष इलेक्शन कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा नियम बनाए जाते हैं और इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहा जाता है। चुनाव के दौरान इन नियमों का सरकार, नेता और राजनीतिक दलों को पालन करना होता है।
कब से लागू होती है आचार संहिता?
चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद से ही आचार संहिता लागू लागू हो जाती है और इलेक्शन प्रक्रिया के खत्म होने तक लागू रहती है।
संविधान में कहां है प्रावधान?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग सत्तारूढ़ दलों और उम्मीदवारों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित करता है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि चुनाव के दौरान सरकारी तंत्र का दुरुपयोग न हो।
आचार संहिता के मुख्य नियम?
सरकारी राशि का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं किया जाता।
सरकारी विमान या सरकारी बंगले का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।
सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास पर रोक लग जाती है।
कोई भी नेता चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकता।
विमान, वाहनों इत्यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन किसी दल या अभ्यर्थी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा।
चुनाव प्रक्रिया से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों के ट्रांसफर रोक रहती है।
यदि किसी अधिकारी का ट्रांसफर जरूरी हो तो इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेना अनिवार्य है।
मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को चुनाव प्रचार कार्य में शामिल नहीं कर सकेंगे और न चुनाव प्रचार कार्य में सरकारी तंत्र का प्रयोग करेंगे।
किसी भी सरकारी वाहन का उपयोग किसी भी दल के उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए उपयोग नहीं होगा
कोई भी केन्द्र या राज्य सरकार का मंत्री आधिकारिक चर्चा के लिए निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारी को नहीं बुला सकेगा।
किसी भी मंत्री को चुनाव के दौरान निजी या आधिकारिक दौरे पर पायलट कार या किसी रंग की बीकन लाइट के उपयोग की अनुमति नहीं होगी।
चुनाव के दौरान योजना के तहत निधि विधायक सांसद फंड से जारी नहीं होगी।
प्रदेश में इलेक्शन कमीशन ने किया चुनाव तारीखों का ऐलान, जानें कब होगी वोटिंग और कब आएगा रिजल्ट
9 Oct, 2023 12:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है और इस घोषणा के साथ प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रदेश में एक ही चरण में चुनाव कराए जाएंगे। 17 नवंबर को वोटिंग होगी, वहीं 3 दिसंबर को रिजल्ट घोषित किया जाएगा।
64 हजार 523 मतदान केंद्रों पर होगा मतदान
मतदान के लिए प्रदेश में 64 हजार 523 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सब कम मतदाता बालाघाट विधानसभा के सोनेवानी मतदान केंद्र पर 42 हैं। सर्वाधिक 407 मतदान केंद्र सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा क्षेत्र और सबसे कम इंदौर जिले के इंदौर तीन विधानसभा क्षेत्र में 193 हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 17 हजार 70 मतदान केंद्र संवेदनशील थे। पिछले चुनाव में सर्वाधिक मतदान रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 89.13 प्रतिशत हुआ था। जबकि सबसे 52.84 प्रतिशत मतदान आलीराजपुर के जोबट विधानसभा में हुआ था।
पांच करोड़ से अधिक मतदाता डालेंगे वोट
दो अगस्त से चार अक्टूबर के बीच विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम में 24 लाख 33 हजार 965 मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए तो सात लाख 50 हजार 175 के नाम हटाए गए।
दोनों आंकड़ों को मिलाकर देखा जाए तो मतदाताओं की संख्या में कुल वृद्धि 16 लाख 93 हजार 790 हुई है। 15 लाख एक हजार 146 मतदाताओं के नाम, पता और फोटो में संशोधन हुआ है। अब प्रदेश में मतदाताओं की संख्या पांच करोड़ 61 लाख 36 हजार 229 हो गई है।
इस बार के चुनाव में भी नोटा बिगाड़ सकता है कईयों की जीत का गणित
9 Oct, 2023 11:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले चुनाव में दस सीटों पर हार-जीत के अंतर से अधिक थे नोटा के वोट
भोपाल । मप्र में एक-दो दिन में चुनाव का बिगुल बज जाएगा। हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी ने अपने सभी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। लेकिन घोषित और अघोषित प्रत्याशी हार-जीत के गणित का आकलन करने में जुटे हुए हैं। उनमें से कई सीटें ऐसी हैं जहां हार-जीत के अंतर से अधिक नोटा को वोट मिले थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में हार-जीत के दिलचस्प रिकॉर्ड बने थे। प्रदेश की 230 सीटों में से 10 पर हार-जीत का अंतर एक हजार से कम वोटों का था, जबकि यहां नोटा ने इस अंतर से अधिक वोट हासिल किए थे। एक तरह से कहा जाए तो नोटा ने कांग्रेस और भाजपा की जीत-हार का फैसला किया था।
10 सीटों पर विजयी प्रत्याशियों के जीत की मार्जिन 6028 वोट का था। वहीं, इन 10 सीटों पर नोटा ने 18872 वोट हासिल किए थे। इससे लगता है कि अगर मतदाताओं की पसंद के उम्मीदवार होते तो हार-जीत में अंतर देखने को मिल सकता था। इन दस सीटों में से सात पर कांग्रेस और तीन पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। जाहिर तौर पर दोनों ही दल 2023 के विधानसभा चुनाव में पिछली बार मिली हार को जीत में बदलने या जीत के मार्जिन को बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। गौरतलब है कि भारत में मतदाताओं को अपने चुने हुए जनप्रतिनिधि को वापस बुलाने का अधिकार है, जिसे राइट टू रिकॉल कहते हैं। इसी तरह यदि कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है तो इनमें से कोई नहीं (नन ऑफ द अबव या नोटा) का विकल्प चुन सकते थे। इस विकल्प को 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में शामिल किया था। इस तरह का विकल्प देने वाला भारत दुनिया का 14 वां देश है।
सिर्फ 121 वोट से मिली हार
प्रदेश में सबसे कम मतों से विजयी होने का रिकॉर्ड ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस के प्रवीण पाठक का है। उन्होंने भाजपा के नारायण कुशवाह को 121 मतों से पराजित किया था। इस सीट पर नोटा ने 1349 मत हासिल किए थे। दूसरी सबसे कम अंतर वाली जीत सुवासरा से कांग्रेस के हरदीपसिंह डंग की थी। उन्होंने भाजपा के राधेश्याम पाटीदार को 350 मतों से हराया था। यहां नोटा ने 2976 मत हासिल किए थे।
यहां दिखा नोटा का असर
प्रदेश में 10 चिधानसभा सीटें ऐसी थी जहां जीत-हार की मार्जिन से ज्यादा नोटा को वोट पड़े थे। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रवीण पाठक 121 वोट से जीते थे, जबकि नोटा को 1349 वोट पड़े थे। इसी तरह कोलारस विधानसभा सीट पर भाजपा के वीरेंद्र रघुवंशी को 720 वोट से जीत मिली थी, वहीं नोटा को 1674 वोट पड़े थे। बीना विधानसभा सीट से महेश रॉय 460 वोट से जीते थे, वहां नोटा को 1531 मिले थे। राजनगर विधानसभा सीट ये विक्रम सिंह 732 वोट से जीते थे, वहां नोटा को 2485 वोट मिले थे। दमोह विधानसभा सीट पर राहुल सिंह 798 वोट से जीते थे, जबकि नोटा को 1299 वोट पड़े थे। जबलपुर उत्तर विधानसभा सीट से विनय सक्सेना 578 वोट से जीते, नोटा को 1209 वोट मिले। ब्यावरा विधानसभा सीट से गोवर्धन दांगी 826 वोट से जीते, नोटा को 1481 वोट मिले थे। राजपुर विधानसभा सीट से बाला बच्चन की 932 वोट से जीत हुई थी, जबकि नोटा को 3358 पड़े थे। जावरा विधानसभा सीट पर राजेंद्र पांडेय 511 वोट से जीते थे, वहीं नोटा को 1510 वोट मिले थे। सुवासरा विधानसभा सीट पर हरदीप सिंह डंग 350 वोट से जीते थे, जबकि नोटा को 2976 वोट मिले थे।
ये नेता 1000 से कम वोटों से जीते थे
2018 में सबसे कम 121 मतों से ग्वालियर ग्रामीण में प्रवीण पाठक की जीत हुई थी।
दमोह से भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया भी 798 मतों से चुनाव हार गए थे।
कमलनाथ मंत्रिमंडल में गृह मंत्री बाला बच्चन सिर्फ 932 मतों से चुनाव जीते थे।
1000 से कम वोटों से विजयी सीटों में सात कांग्रेस और तीन भाजपा को मिली थी।
अब रेलवे लगाएगा प्लेटफार्म पर वाटर वेंडिंग मशीनें पांच रुपए में मिलेगा एक लीटर पानी
9 Oct, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कोविड के समय से ही रेलवे स्टेशनों पर बंद चल रही वाटर वेंडिंग मशीनों को अब रेलवे शुरू करने जा रहा है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के बाद अब झांसी मंडल ग्वालियर सहित अन्य स्टेशनों पर एटीवीएम लगाएगा। इन मशीन को लगाने के लिए डिवीजन ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं। जल्द ही इन मशीनों को लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इन मशीनों के लग जाने से यात्रियों को एक बार फिर सस्ता और ठंडा पानी मिल सकेगा। यात्रियों को सिर्फ पांच रुपए में एक लीटर आरओ का ठंडा व साफ पानी पीने को मिलेगा।
वर्तमान में स्टेशन पर पहले से ही पांच वाटर वेंडिंग मशीनें लगी हुई हैं, लेकिन ये लंबे समय से बंद पड़ी हुई हैं। अब रेलवे यहां नए सिरे से वाटर वेंडिंग मशीनें लगाएगा। वर्ष 2019 में आम यात्रियों की सस्ते में ही प्यास बुझाने वाली लगभग सभी प्लेटफार्म पर लगी आटोमेटिक वाटर वेडिंग मशीनें पूरी तरह से कंडम हो चुकी हैं। इन सभी मशीनों में अब जंग लग चुकी है। ठेकेदार फर्म भी काम छोडक़र भाग खड़ा हुआ है और दूसरा कोई कांट्रैक्ट लेने को तैयार नहीं हुआ। देखरेख के अभाव में ये मशीनें कबाड़ में परिवर्तित होने लगीं। आइआरसीटीसी की तरफ से यह सुविधा शुरू होने के बाद यात्रियों को दो रुपये प्रति लीटर की दर से शुद्ध पानी मिल रहा था, लेकिन अब 300 एमएल पानी के लिए दो तथा गिलास या कंटेनर के साथ तीन रूपए, 500 एमएल पानी के लिए तीन तथा गिलास या कंटेनर के साथ पांच रूपए, एक लीटर पानी के लिए पांच तथा बोतल के साथ आठ रूपए, दो लीटर पानी के लिए आठ तथा कंटेनर के साथ 12 रूपए और पांच लीटर पानी के लिए 20 तथा कंटेनर के साथ 25 रूपए अदा करने होंगे।
विजयवर्गीय खिलाफ चुनाव में उतरेंगे आरएसएस के पूर्व प्रचारक
9 Oct, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश की सत्ता में अपनी धाक कायम रखने का प्रयास कर रही भाजपा के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं। एक ओर जहां केंद्र की टीम ने मप्र में अपने मंझे हुए खिलाडिय़ों को मैदान में उतार दिया है वहीं दूसरी ओर इन दिग्गजों के लिए भी जीत की राह आसान नहीं है। विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भले ही भाजपा अभी से कितने भी दावे कर ले पर उसके लिए यह राह उतनी आसान नहीं लग रही है। विरोधी पार्टी कांग्रेस के साथ अब आरएसएस के पूर्व प्रचारकों द्वारा बनाई गई जनहित पार्टी भी मैदान में उतर चुकी है। जनहित पार्टी के संस्थापक अभय जैन ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के सामने मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है।
हिन्दुत्व के मुद्दे पर लगातार कांग्रेस को घेर रही भाजपा के लिए जनहित पार्टी बड़ी परेशानी बन सकती है। आरएसएस के पूर्व प्रचारकों ने जनहित पार्टी को भविष्य की राजनीति और हिन्दुत्व के मूल्यों के आधार पर ही मूर्त रूप दिया है। अभी भाजपा भी हिन्दुत्व और विकास के नारे को लेकर मैदान में है और जनहित पार्टी भी इन दोनों मुद्दों पर ही राजनीति कर रही है। जनहित पार्टी के संस्थापक और इंदौर के पूर्व विभाग प्रचारक अभय जैन ने कहा कि यदि इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक से पार्टी ने चुनाव लडऩे की अनुमति दी तो मैं जरूर वहां से लड़ूंगा। अभी उस क्षेत्र से किसी का नाम तय नहीं हुआ है और यदि बेहतर उम्मीदवार नहीं मिलेगा तो मैं खुद वहां से कैलाश विजयवर्गीय के सामने चुनाव लड़ूंगा।
13 सीटों पर दावेदार तय
अभय जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश में 13 सीटों पर जनहित पार्टी के दावेदार तय हो चुके हैं। हम 25 सीट पर जल्द ही दावेदार तय कर लेंगे। अगले सप्ताह तक अधिकांश दावेदारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। अभय जैन ने कहा कि हम 230 सीट पर विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। यदि में सही दावेदार मिलेंगे तो हम हर सीट पर उन्हें चुनाव लड़ाएंगे।
भाजपा की ओर से महिलाएं संभालेंगी मोर्चा
9 Oct, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोशल मीडिया पर रखेंगी नजर, विपक्ष को देंगी जवाब
भोपाल । विपक्ष के आरोपों और टिप्पणियों का जवाब देने के लिए सोशल मीडिया पर भाजपा की ओर से महिलाएं कमान संभालेंगी। इसके लिए आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यशाला में महिलाओं को जरूरी टिप्स देकर तैयार किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए महामंत्री भगवान दास सबनानी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर विपक्षी दलों द्वारा की जा रही अमर्यादित टिप्पणियों और महिला विरोधी मानसिकता का महिला मोर्चा प्रदेश भर में प्रतिकार करेगा। हमें सोशल मीडिया के माध्यम से तथ्यों के साथ विपक्ष की अमर्यादित टिप्पणी का जवाब देना है। इसके लिए पूरी योजना के साथ मोर्चा जमीन पर उतरेगी। साथ ही महिला मोर्चा केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की कल्याणकारी नीति के साथ विकास कार्यों को विस्तार से जनता के बीच लेकर जाएं।
तथ्यों के साथ देगा मोर्चा जवाब
कार्यशाला में मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया ने मोर्चा के आगामी कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा पर अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। विपक्षी दलों के नेता झूठ का सहारा लेकर जनता को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। उन सभी को सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा महिला मोर्चा तथ्यों के साथ जवाब देगा। सोशल मीडिया प्रभारी माधुरी सावले ने कहा कि कार्यकर्ता व पदाधिकारी महिला मोर्चा के वाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर सहित सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर अपडेट रहें। साथ ही राष्ट्रीय महिला मोर्चा और मध्यप्रदेश महिला मोर्चा के पेज को फॉलो करें। विपक्षी दलों के नेताओं को तथ्यों के साथ झूठ का जवाब दें।
एप पर हुई चर्चा
पार्टी के सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश संयोजक अभिषेक शर्मा ने प्रथम सत्र में संगठन ऐप, सरल ऐप और नमो ऐप के बारे में कार्यकर्ताओं को विस्तृत जानकारी दी। द्वितीय सत्र में चुनाव व्यवस्था समिति के सह प्रमुख डॉ. प्रदीप त्रिपाठी ने चुनाव प्रबंधन में सोशल मीडिया की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। मोर्चा की सोशल मीडिया विभाग की राष्ट्रीय सह संयोजक सुचित्रा कक्कड़ ने प्रत्येक बहनों को सोशल मीडिया का महत्व और सोशल मीडिया पर कार्य करने के संदर्भ में विस्तार से बताया।
केंद्र सरकार को किसानों की है चिंता
8 Oct, 2023 11:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार की ओर से मोटे अनाज की पैदावर करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की गई है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोटे अनाज यानी मिलेट्स के उत्पादों को काउंसिल ने इन प्रोडक्ट्स पर जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। जीएसटी परिषद की फिटमेंट समिति ने पहले मोटे अनाज के पाउडर को जीएसटी से छूट देने की सिफारिश की थी।
मध्य प्रदेश के किसानों को मिलेगा लाभ
मध्य प्रदेश में मोटे अनाज की पैदावर कई इलाकों में काफी होती है। इन किसानों को इस सरकारी घोषणा से काफी लाभ मिलेगा। मध्य प्रदेश शासन की ओर से मोटे अनाज पैदा करने वाले किसानों को सुविधा मिलती रही है। यही कारण है कि बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडोरी, नरसिंहपुर, सिवनी में कोदो-कुटकी की लगातार पैदावर बढ़ रही है। वर्ष 2017-18 में इन जिलों की कुल पैदावार 730 किलो प्रति हेक्टेयर थी, जब अब 800 किलो प्रति हेक्टेयर हो गई है। इन जिलों में प्रति वर्ष हजारों टन मोटे अनाज की पैदावार हो रही है। डबल इंजन की सरकार की नीतियों से मोटे अनाज के प्रति किसानों की खेती करने की ललक बढ़ी है, तो दूसरी ओर से आम लोग इसका उपयोग भी कर रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में हो रही मोटे अनाज की कुल पैदावार में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक की है।
मध्य प्रदेश मिलेट्स स्टेट मिशन से किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में मध्य प्रदेश शासन ने मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन को अप्रैल महीने में ही अपनी स्वीकृति दे दी हुई है। इस निर्णय के बाद से किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान के साथ उन्नत और प्रमाणित बीज, ट्रेनिंग, उत्पादों की मार्केटिंग में सरकार का सहयोग दिया जा रहा है। सरकार की ओर से मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन के लिए 23 करोड़ 25 लाख रुपये के बज का प्रावधान भी किया हुआ है। समय-समय पर प्रशिक्षण से लेकर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। किसानों को बताया जा रहा है कि इस तरह खेती की लागत को कम करना आसान हो जाता है।
केंद्र सरकार को किसानों की है चिंता
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भारत साल 2023 को ’मिलेट्स ईयर’ के रूप में मना रहा है और सरकार मिलेट्स के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश शासन भी मिलेट्स को लेकर कई काम कर रही है। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि मिलेट्स को कम पानी और न्यूनतम उर्वरकों व कीटनाशकों के उपयोग से उगाया जा सकता है। कम लागत में किसानों को अधिक मुनाफा हो सकता है। साथ ही इससे आम जनता के स्वास्थ्य हितों की भी बात है।
पीड़ित मानवता के लिए नि:शुल्क कैंसर जाँच शिविर का आयोजन अच्छी पहल है - जनसम्पर्क मंत्री शुक्ल
8 Oct, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : जनसम्पर्क एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि पीड़ित मानवता के लिए नि:शुल्क कैंसर जाँच शिविर का आयोजन एक अच्छी पहल है जो कैंसर पीड़ितों के लिए वरदान साबित होगी। शुक्ल भारतीय रेडक्रास सोसायटी रीवा एवं नेशनल हॉस्पिटल के तत्वावधान में रीवा में आयोजित निःशुल्क कैंसर जाँच शिविर में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नेशनल हॉस्पिटल ने भोपाल कैंसर अस्पताल के चिकित्सकों के परामर्श से रीवा में कैंसर इलाज का जो अभियान शुरू किया है वह प्रशंसनीय है। आयुष्मान योजना से लिंक होने पर गरीब व्यक्ति को भी इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
रीवा आने वाले दिनों में मेडिकल का हब बनेगा
जनसंपर्क मंत्री शुक्ल ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल में भी कैंसर इलाज के लिए नवीनतम तकनीक की मशीनें मंगाई जा रही हैं। रीवा में चिकित्सा के क्षेत्र में देश के अन्य बड़े अस्पताल भी अपना केन्द्र खोल रहे हैं, जिससे रीवा आने वाले दिनों में मेडिकल का हब बनेगा और यहाँ के मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी। शुक्ल ने कहा कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जटिल रोगों के इलाज की सुविधा है। यहाँ के डॉक्टर्स को आवास सहित अन्य आवश्यक सुविधाएँ देने के प्रयास प्राथमिकता से किए जा रहे हैं। शिविर में 152 मरीजों की जाँच कर उन्हें इलाज के लिए चिकित्सकों द्वारा आवश्यक परामर्श दिया गया।
हरदा की सभी ग्राम पंचायतों में बनेंगे नमो बहु-उद्देश्यीय भवन : कृषि मंत्री पटेल
8 Oct, 2023 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि हरदा जिले के सभी ग्रामवासियों को मांगलिक कार्यक्रमों के लिये नमो बहु-उद्देश्यीय भवनों की सौगात मिल रही है। कृषि मंत्री पटेल हरदा कृषि उपज मण्डी में जिले की 220 ग्राम पंचायतों में 233 नमो बहु-उद्देश्यीय भवनों के भूमि-पूजन समारोह में संबोधित कर रहे थे।
कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि ग्रामीणों को शादी-ब्याह सहित अन्य मांगलिक एवं सामुदायिक कार्यक्रमों के लिये गाँव में टेंट इत्यादि के लिये अधिक राशि व्यय करना होती है। गाँव में ही सुविधा उपलब्ध कराने के लिये नमो बहु-उद्देश्यीय भवन बनाये जायेंगे। इसके लिये आज हरदा जिले की 220 ग्राम पंचायतों के विभिन्न गाँव में 233 भवनों का एक साथ भूमि-पूजन किया गया है। इससे ग्रामीणों को सामाजिक कार्यक्रम करने की सुविधा और अनावश्यक राशि व्यय करने से राहत मिलेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि मेरे लिये गौरव की बात है कि हरदा जिला इस प्रकार की पहल कर एक नया कीर्तिमान बना रहा है। आज तक प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में भी किसी भी जिले में एक साथ सभी ग्राम पंचायतों में इस प्रकार की लोक कल्याणकारी पहल नहीं हुई है।
तीर्थ-यात्रियों को किया रवाना
कृषि मंत्री पटेल ने मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में आज हरदा से रामेश्वरम की तीर्थ-यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को रवाना किया। उन्होंने हरदा रेलवे स्टेशन पर तीर्थ-यात्रियों को तुलसी की माला के साथ ही पुष्प-गुच्छ एवं पुष्प-हार पहना कर विदा किया। मंत्री पटेल ने कहा कि हमारी सरकार ने सचमुच में जन-हितकारी योजनाएँ संचालित कर लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना की है।
शिवराज में लहराई सनातन की धर्म ध्वजा
8 Oct, 2023 10:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अर्थव्यवस्था को ताकत
मंदिर हमारी सामाजिक-धार्मिक आस्था के केंद्र रहे हैं। सनातन संस्कृति में मंदिर से कई क्रिया-कलाप संपादित होते रहे हैं। बीते दशक में मंदिरों का विश्लेषण किया जाए, तो कहा जा सकता है कि मंदिर से हमारी अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। 11 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। भारतीय सिने जगत से भी कई लोग समय-समय पर आ रहे हैं। युवाओं में भी उज्जैन आने को लेकर नया उत्साह बना है। सिर्फ जुलाई, 2023 में रिकॉर्ड तोड़ 77 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। लोगों की बढ़ती संख्या जिले की अर्थव्यवस्था के लिए भी काफी अच्छी है। ऐसा होने से होटल, जलपान, परिवहन आदि का व्यवसाय बढ़ रहा है। भारत में धार्मिक पर्यटन बढ़ने की वजह से होटल उद्योग, यातायात उद्योग, छोटे व्यवसायियों आदि को बहुत फायदा हो रहा है एवं वर्ष 2028 तक भारत के पर्यटन क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रोजगार के नए अवसर निर्मित होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।
महाकाल लोक का लाभ पूरे मालवा को
महाकाल लोक में एक समय में करीब 20 हजार से अधिक तीर्थ यात्री आ सकते हैं। इसमें दो द्वार, मूर्तियों के साथ लैंडस्केप, गार्डन क्षेत्र, रूद्रसागर तट क्षेत्र, शिव स्तम्भ, सप्तऋषि स्थापित हैं। यहां ओपन एयर थियेटर और मुक्त आकाश मंच भी है। यहां फूड कोर्ट, हस्तशिल्प कलाकृति, धार्मिक वस्तुओं एवं फूलों की करीब 130 दुकानों का निर्माण किया गया है। 400 कार की क्षमता वाली पार्किंग के साथ ई-रिक्शा की भी सुविधा है। महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन के साथ सम्पूर्ण मालवा क्षेत्र को मिल रहा है। रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। सनातन की धर्म ध्वजा लहरा रही है महाकाल लोक में।
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक अवंती यानी उज्जैन नगरी, जहां कालों के काल महाकाल बसते हैं। यहां दूर-दूर से भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचते हैं। कालचक्र को दूर कर मनोरथ पूरी करने वाली उज्जैन नगरी की चमचमाती तस्वीर दुनिया के नक्शे पर लेकर आना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना था और इस सपने को हकीकत में बदलने की शुरूआत हुई 11 अक्टूबर 2022 से, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकाल महालोक के पहले चरण का लोकार्पण किया। ₹351 करोड़ की लागत से तैयार महाकाल लोक के पहले चरण के उद्घाटन के बाद से उज्जैन में इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, रोजगार और विकास ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। महाकाल लोक के पहले चरण ने ही सीएम शिवराज के चमचमाते उज्जैन और जगमगाते उज्जैन की कल्पना को साकार कर दिया था। गुरुवार को सीएम शिवराज ने इस परियोजना के दूसरे चरण का लोकार्पण किया है। दूसरे चरण में 242 करोड़ 35 लाख की लागत के विकास कार्य किए गए हैं।
शिव ने लगाया शिव का ध्यान
महाकाल मंदिर का परिसर 2.87 हेक्टेयर से बढ़कर 47 हेक्टेयर का हो चुका है। महाकाल का दिव्य लोक अब और भी भव्य और बेहतर हो गया है। सामान्य दिनों में हर दिन 1 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, त्यौहारों पर ये संख्या 3 लाख तक भी पहुंच रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल लोक के दूसरे चरण में हाईटेक अन्नक्षेत्र, मंदिर के दोनों ओर शिखर दर्शन क्षेत्र, मंदिर पहुंचने के लिए चार सुगम मार्ग, अंडरग्राउंड वेटिंग हॉल और महाकाल मंदिर के अंदरूनी परिसर में निर्माण के साथ ही कई अन्य विकास कार्य किए गए हैं। महाकाल लोक के दूसरे चरण के लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तपोवन में ध्यान कुटिया में ध्यान लगाया और महाकाल से प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।