मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
पुताई कर रहे मजदूर को आया अस्थमा अटैक, हो गई मौत
2 Nov, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। रातीबड़ थाना इलाके में काम करते समय एक मजदूर अचानक चक्कर आने पर बेसुध होकर गिर गया। उसे इलाज के लिये तत्काल ही अस्पताल पहुंचाया गया जहॉ डॉक्टर ने शुरुआती चेकअप के बाद ही उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि गांधी नगर में रहने वाला 34 वर्षीय सादिक पिता इजराइल पुताई का काम करता था। बीते दिन वह रातीबड़ स्थित बरखेड़ी में पुताई करने गया था। शाम के समय पुताई करते समय अचानक ही वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। आसपास के लोगो की मदद से उसे तत्काल ही इलाज के लिये हॉस्पिटल पहुंचाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंचे मृतक के परिवार वालो ने पुलिस को बताया कि मृतक अस्थमा की बीमारी से पीड़ीत थे। पुलिस का अनुमान है कि अचानक आये अस्थमा के अटैक से की उसकी जान गई है। हालांकि पीएम रिपोर्ट आने पर ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के बाद परिवार वालो को सौंप दिया है।
रेलवे ट्रैक पर मिली युवक की लाश
2 Nov, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। निशातपुरा थाना इलाके में स्थित भानपुर रेलवे ट्रैक से पुलिस ने एक युवक की लाश बरामद की है। मर्ग कायम कर पुलिस आगे की जॉच कर रही है। पुलिस के अनुसार बीती दोपहर रेल्वे ट्रैक पर एक युवक की लाश पड़े होने की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मृतक के पास से मिले दस्तावेज के आधार पर उसकी शिनाख्त हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी 33 वर्षीय रईस पुत्र मजीद के रुप में की गई। शुरुआती कार्यवाही के बाद मर्ग कायम कर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सूचना मिलने पर पहुंचे परिवार वालो ने पुलिस को बताया कि मृतक रईस निजी काम करता था, ओर उसे नशे की लत थी। जॉच मे सामने आया है कि हादसे के समय भी वो नशे की हालत में पटरी पार कर रहा था, तभी ट्रेन की चपेट में आने उसे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। फिलहाल पुलिस आगे की जॉच कर रही है।
दिग्विजय सिंह का पूरा फोकस मिशन 66 पर
2 Nov, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का मिशन 66 पर पूरा फोकस रहेगा। कांग्रेस ने हारी हुई सीटों पर कब्जा जमाने विशेष रणीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 66 सीटों पर फिर सक्रिय होंगे। दिग्विजय सिंह बड़ी जनसभा नहीं पूरे चुनाव में संगठन पर फोकस करेंगे।
पिछले तीन से चार बार से लगातार हार रही सीटों की दिग्विजय सिंह को जिम्मेदारी मिली है। 66 सीटों पर 6 महीने पहले दौर कर रिपोर्ट कमलनाथ को सौंपी थी। चुनाव के 15 दिन पहले एक बार फिर लगातार हारी हुई सीटों पर दिग्विजय सिंह पहुंचेंगे।कल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय खातेगांव और बागली सीट पर बैठक करेंगे। खातेगांव और बागली सीट लंबे समय से कांग्रेस नहीं जीती है। दोनों विधानसभा में मंडलम सेक्टर और बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। विधानसत्रा क्षेत्रों में दिग्विजय सिंह एकजुटता का संदेश देते नजर आएंगे। 2018 में दिग्विजय सिंह ने अलग-अलग गुटों के समर्थकों को एक साथ लाने के लिए पंगत में संगत कार्यक्रम चलाया था।
दीपावली पर नहीं फोड़ सकेंगे सुतली बम
2 Nov, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कलेक्टर ने जारी किए निर्देश
भोपाल । राजधानी में आतिशबाजी विक्रेता अब सुतली बम दुकान में नहीं रख सकेंगे। वहीं चीनी पटाखे भी नहीं बेच सकेंगे। कारोबारी दुकान के बाहर पटाखे रखने से लेकर उन्हें चला भी नहीं सकेंगे। दुकान में खाली खोखे और बारदाना रखने पर भी रोक लगा दी गई है। दुकानदारों को चीनी पटाखे नहीं बेचने संबंधी निर्देशों की सूचना दुकान के बाहर चस्पा करनी होगी। यह निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने दिए हैं। उन्होंने कलेक्ट्रेट में थोक आतिशबाजी विक्रेताओं के साथ बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह विस्फोटक अधिनियम एवं नियम में दिए गए प्रविधानों का पालन करें। सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर लें। कलेक्टर ने निगम, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को जल्द से जल्द स्थायी और अस्थायी दुकानों का सत्यापन करने के निर्देश भी दिए हैं।
125 डेसिबल से अधिक आवाज के पटाखों पर रोक
आतिशबाजी विक्रेताओं को 1500 केजी एवं 500 केजी की दो दुकानों के बीच 15 मीटर की दूरी रखना होगी। वहीं, 50 केजी आतिशबाजी दुकानों के बीच तीन मीटर की दूरी रखना आवश्यक है। विक्रेताओं द्वारा 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज वाले पटाखों का विक्रय नहीं किया जाएगा। वह सुतली बम दुकान में न तो रखेंगे और न ही बेच सकेंगे। पटाखों के अलावा अन्य व्यवसाय भी नहीं किया जा सकेगा और यदि किया जा रहा है तो उसे बंद करना होगा।
कलेक्टर के दुकानदारों को सख्त निर्देश
- दुकान के बाहर न तो पटाखे रखे जाएंगे और न ही परीक्षण नहीं किया जा सकेगा।
- आतिशबाजी दुकान व बाजार में धूमपान पर रहेगी रोक, दुकानदार लगाएंगे नोटिस।
- दुकानों से दूर खड़े किए जाएंगे वाहन, पार्किंग के लिए रखना होंगे गार्ड।
- सिर्फ शासन से मान्यता प्राप्त कंपनी के पटाखे बेच सकेंगे कारोबारी।
- दुकानों में बिजली लाइन दुरुस्त करनी होगी, विद्युत प्रवाह स्वत: बंद करने की व्यवस्था।
- चीनी पटाखों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाना होगा।
- दुकान में अग्निशमन यंत्र, सीज फायर, रेत की बाल्टियां, पानी पर्याप्त मात्रा में रखा जाए।
- आतिशबाजी दुकान व बाजारों पर फायर ब्रिगेड सहित अन्य व्यवस्था कराएंगे नगर निगम आयुक्त ।
कमलनाथ ने BJP नेताओं को छोड़ा पीछे,76 साल की उम्र में भी रेस में सबसे आगे!
2 Nov, 2023 02:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रचार प्रसार का दौर जारी है। राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया पर भी सक्रिय नजर आ रही है। आईटी सेल प्रचार प्रसार के लिए वीडियो, स्लोगन बनाकर वोटरों से अपने अपने पक्षों में मतदान की अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का रेस वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एनीमेटेड वीडियो का इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस ने एक वीडिया जारी किया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ रेस लगाते दिखाते गया है। जिसमें कमलनाथ ने सबको पीछे कर दिया। 50 प्रतिशत कमीशन के मामले में बीजेपी नेताओं को घेरा गया है। कमलनाथ किसानों की कर्ज माफी कर भी आगे निकलते दिखाया गया है।
दिग्विजय ने खुद को बताया मोटी चमड़ी वाला राजनेता: राजनीति में टिकने वालों की बताई परिभाषा, ट्वीट कर लिखी ये बात वहीं नफरत की दुकान और डबल इंजन की सरकार में भाजपा को थमते और कमलनाथ को मोहब्बत की दुकान में अव्वल दिखाया गया। इस वीडियो में चार नेताओं की दौड़ जीतने के बाद कमलनाथ को जीतने का दावा किया गया है। यह वीडियो इंटरनेट पर भी जमकर वायरल हो रहा हैं।
कमलनाथ ने भाजपा नेताओं को रेस में पीछे किया
दरअसल, एमपी कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें दिखाया गया है कि,कमलनाथ ने भाजपा नेताओं को रेस में पीछे किया। इसके साथ ही 50% कमिशन के मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरे, कमलनाथ किसानों की कर्ज माफी कर आगे निकले। इस वीडियों में आगे कहा गया है कि, नफरत की दुकान और डबल इंजन की सरकार में भाजपा थमी, मोहब्बत की दुकान में अव्वल आए कमलनाथ।
बाबूलाल जंडेल सोंईकलां क्षेत्र के गुरुनावदा गांव में ऊंट पर सवार होकर अनोखे अंदाज में चुनाव प्रचार करने पहुंचे
2 Nov, 2023 12:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
श्योपुर । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार अपने-अपने अंदाल में प्रचार में जुटे हैं।
ऊंट पर सवार हुए श्योपुर प्रत्याशी
श्योपुर कांग्रेस प्रत्याशी बाबू जंडेल अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। अब वह एक बार फिर सुर्खियों में नजर आए हैं। बुधवार को बाबूलाल जंडेल सोंईकलां क्षेत्र के गुरुनावदा गांव में ऊंट पर सवार होकर अनोखे अंदाज में चुनाव प्रचार करने पहुंचे।
लोगों से ऐसे मांगे वोट
जिले की श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के कछार सहित आसपास के गांव में ऊंट पर सवार होकर कांग्रेस प्रत्याशी बाबू लाल जंडेल ने लोगों से वोट मांगे। इस दौरान ग्रामीण और उनके समर्थक ऊंट के पीछे-पीछे दौड़कर नारेबाजी करने लगे, उनका यह खास अंदाज लोगों को खूब रास आया। अब ऊंट पर सवार कांग्रेस प्रत्याशी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो रहा है, जिसमें वह ऊंट पर बैठकर चल रहे और पीछे ग्रामीणों की भीड़ चल रही है।
सरकार बनी तो बनाएंगे ‘मंत्री’
2 Nov, 2023 11:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डैमेज कंट्रोल करने कांग्रेस की नई रणनीति
भोपाल । विधानसभा चुनाव के नामांकन फॉर्म जमा होने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया है। दिल्ली से मिले मंत्र के बाद कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल की नई रणनीति बनाई है। इसके तहत असंतुष्ट नेताओं को आश्वासन दिया जाएगा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो उन्हें निगम-मंडलों आदि में एडजस्ट कर मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। बागियों को मनाने का काम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और मप्र कांग्रेस के इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला को सौंपा गया है। अब यह तिकड़ी सभी को मनाने के काम में जुटेगी।
गौरतलब है कि इस बार कांग्रेस में चार हजार से अधिक नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थी। ऐसे में पार्टी के सामने समस्या खड़ी हो गई थी। पार्टी ने जैसे ही पहली सूची जारी की बगावत ने जोर पकड़ लिया। कांग्रेस में 230 सीटों पर टिकटों के बंटवारे के बाद टिकट की दावेदारी में शामिल 1000 असंतुष्टों को मनाने के लिए पार्टी में डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया है। अब तक योगेंद्र सिंह बंटी जादौन जिला कांग्रेस अध्यक्ष शुजालपुर, निवाड़ी से रोशनी यादव, सोहागपुर से सतपाल पलिया और ग्वालियर ग्रामीण के केदार कंसाना को मना लिया गया है। धार से पूर्व सांसद रहे गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी भी कमलनाथ से चर्चा के बाद मान गए हैं, वे मनावर से टिकट मांग रहे थे। यहां से कांग्रेस ने डा. हीरालाल अलावा को टिकट दिया है।
बागियों को मंडलों में एडजस्ट करेंगे
कांग्रेस के करीब 1000 असंतुष्टों को मनाने की कवायद जारी है। इस में सरकार बनने पर निगम-मंडल और बोर्ड में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के करीब 90 पदों पर कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा देकर एडजस्ट किया जाएगा। इसके अलावा आयोग, विकास प्राधिकरणों, सहकारी संस्थाओं आदि में कांग्रेस ने अब तक 1000 ऐसी जगह खंगाली हैं, जहां पार्टी के असंतुष्टों को महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे। दरअसल, कांग्रेस में 5 सर्वे और 11 बिंदू, नारी सम्मान योजना और जनाक्रोश यात्रा में सक्रियता, दो बार हारने वालों को टिकट नहीं, का क्राइटेरिया तय किया गया था। पर करीब 100 सीटें ऐसी रही जहां ये फार्मूला फेल हो गया। सर्वे में 4 प्रत्याशियों में से एक का चयन होना था, लेकिन कई सीटें ऐसी रही जहां पांचवां नाम आने से वहां के उम्मीदवारों में नाराजगी है। वहीं, उत्तर भोपाल, दक्षिण पश्चिम, हुजूर, गोविंदपुरा, बैरसिया, बडऩगर, सुमावली, सुरखी, सागर और नरयावली सीटें ऐसी रहीं, जहां वागियों से चर्चा चल जा रही है। बागियों को संगठन में पद देने का रास्ता खुला हुआ है। इनमें प्रदेश स्तर पर महामंत्री, कार्यकारी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद के ऑफर भी दिए जा रहे हैं। पिछले दो दिनों में 20 से ज्यादा असंतुष्टों को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। कांग्रेस के ये असंतुष्ट अब पीसीसी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए कांग्रेस संगठन में काम देखेंगे।
नाराजगी पड़ सकती है भारी
कांग्रेस के नेता असंतुष्टों को मनाने में जुट गए हैं। फिर भी कुछ नेता ऐसे हैं जिन्होंने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इनकी नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। इनमें से सुरपाल सिंह ने जोबट से निर्दलीय फॉर्म भरा है। बडऩगर से मोहन सिंह पलदूना ने निर्दलीय नामांकन जमा किया। पलदूना फॉर्म जमा करने गए उस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे। सुमावली से कुलदीप सिंह सिकरवार कांग्रेस के बागी हो गए हैं, सिकरवार बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी नाराजगी कांग्रेस पर भारी पड़ रही है। उत्तर भोपाल से नासिर इस्लाम ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है। नासिर ने 2008 से भोपाल मध्य से चुनाव लड़ा था, उस दौरान वे महज 2500 वोटों से हारे थे। बैरसिया से जिला पंचायत सदस्य विनय मैहर की नाराजगी पार्टी के प्रत्याशी को भारी पड़ सकती है। हालाकि वे खुलकर मैदान में नहीं आए हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं कल्याण योजनाओं में मध्य प्रदेश नंबर वन ।
2 Nov, 2023 11:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है तब से लेकर आज तक अर्थात लगभग 20 वर्ष के अंतराल में जिस तरह से मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से लेकर सुचारू राज की संज्ञा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है, उस क्रम में सबसे बड़ी ऐतिहासिक सफलता एवं राष्ट्रीय स्तर पर महिला सशक्तिकरण से लेकर महिला कल्याण योजना में प्रदेश नंबर 1 रहा है । मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों के अंतराल में सर्वाधिक योजनाएं महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई सामने आई है । जिसका सीधा-सीधा लाभ हितग्राही को प्राप्त हुआ है ।
पिछले 20 वर्ष के अंदर मध्य प्रदेश में महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई योजनाओं में प्रारंभिक रूप से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना , लाड़ली लक्ष्मी योजना , मुख्यमंत्री विवाह योजना , एवं लाडली बहना योजना के अतिरिक्त मध्य प्रदेश में वर्ष 2022-23 में महिलाओं के लिए नौकरी में 30% तक आरक्षण देने की योजना शामिल रही । इन सभी योजनाओं के कारण ही मध्य प्रदेश को देश में महिला कल्याण योजना के अंतर्गत पहला स्थान प्राप्त हुआ एवं अन्य कई प्रदेश जिसमें दिल्ली उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल शामिल है उन्होंने मध्य प्रदेश की योजनाओं को नवीन रूप में अपने प्रदेश में क्रियान्वित भी किया ।
महिला कल्याण के लिए समर्पित करोड़ों की योजनाएं ।
मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों का इतिहास देखें तो सबसे अधिक मध्य प्रदेश सरकार का बजट महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई योजनाओं में सीधे हितकारी को लाभ देने के उद्देश्य से खर्च किया गया है । जिसमें सबसे बड़ी योजना पिछले 6 महीने पूर्व प्रारंभ की गई लाडली बहन योजना है । देश के इतिहास में इसे पहली ऐसी योजना माना जा सकता है जिसका सीधा-सीधा लाभ हितग्राही महिलाओं को उनके खाते में पहले 1000 और बाद में 1250 रुपए के रूप में प्राप्त हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह सबसे बड़ी एवं महत्वाकांक्षी योजना कही जाती है । इस योजना के अंतर्गत एक करोड़ 31 लाख से अधिक महिलाओं को उनके खाते में 6800 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है ।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक और महत्वाकांक्षी योजना जो वर्ष 2014 से प्रारंभ हुई, वह मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के रूप में देश में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रही । लाड़ली लक्ष्मी योजना को कई राज्यों ने नवीन सिरे से लागू किया था, जिसमें तत्कालीन समय में विपक्षी राज्य उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली भी शामिल रहा । इस योजना में 46 लाख से अधिक बेटियों को इस परिवार में शामिल किया गया एवं 13 लाख 30000 से अधिक लाड़ली लक्ष्मियों को 46 लाख करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई ।
इसी तरह मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 6 लाख 31 हजार बेटियों को 1638 करोड़ से अधिक का लाभ प्राप्त हुआ । इस योजना में हिंदू एवं मुस्लिम बेटियों का भी निकाह एवं विवाह का कार्यक्रम मुख्यमंत्री के द्वारा महिला बाल विकास विभाग एवं अन्य विभागों के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से किया गया । इन योजनाओं की लाभकारी महिलाएं आज भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपना मामा कहती हैं ।
महिला स्व सहायता समूह ने बदली ग्रामीण स्वरोजगार की तस्वीर ।
मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्षों के अंतराल में जिस तरह से महिला स्वास्थ सहायता समूह का विकास हुआ, इतना बड़ा स्व सहायता समूह का विकास राष्ट्रीय स्तर पर संभवतः किसी भी राज्य में नहीं किया गया है । मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले 5 साल के अंतराल में महिला स्वास्थ्य सहायता समूह के माध्यम से कई तरह की योजनाओं का संचालन करना प्रारंभ किया है। महिला स्व सहायता समूह आज मध्य प्रदेश के कई तहसील स्तर के प्राथमिक उपभोक्ता सेवा केद्रों पर अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही है । मध्य प्रदेश में 54 लाख से अधिक महिलाएं इन महिला सहायता समूह के माध्यम से 6000 करोड़ से अधिक की राशि का क्रेडिट का कार्य कर रही है । ग्रामीण स्तर पर महिला स्व सहायता समूह स्वरोजगार से जुड़े होने के साथ-साथ कई तरह के ऐसे कार्यक्रमों का संचालन भी कर रही है जिससे लाखों महिलाएं ग्रामीण स्तर पर एक बड़े समूह एवं संसार के रूप में अपने आप को विकसित कर चुकी है ।
सरकारी भर्ती में 35% आरक्षण वाला पहला राज्य बना मध्य प्रदेश ।
मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की योजनाओं में सबसे बड़ी सफलता एवं इस दिशा में क्रांति कार्यक्रम प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उठाते हुए हाल ही में मध्य प्रदेश के अंदर शासकीय सेवा में भर्ती के क्रम में महिलाओं को 35% आरक्षण देकर मध्य प्रदेश का नाम देश के इतिहास में सबसे ऊपर कर दिया है । सामाजिक न्याय मंत्रालय केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश पहले ऐसा राज्य जहां पर 35% आरक्षण महिलाओं को नौकरी में दिया जा रहा है । इसकी अतिरिक्त नगरीय निकाय चुनाव एवं विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार पूर्व से ही 50% आरक्षण का निर्वाह हो रहा है । मध्य प्रदेश में महिलाओं को 35% नौकरी में आरक्षण एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत नौकरी में 50% तक आरक्षण देने के कारण अब मध्य प्रदेश में महिलाओं की नौकरी में आने एवं शासकीय सेवा में कार्य करने की एक नवीन तस्वीर सामने आ चुकी है ।
50 सालों से चम्बल का मिथक!
2 Nov, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंबल में मंत्री बनने के बाद जनता ने चटाई दिग्गजों को धूल
भोपाल । मध्य प्रदेश का चंबल इलाका जो अपने बगावती स्वर के लिए जाना जाता है। यहां की जनता कब किसकी खिलाफ हो जाए या किसी को नहीं पता और कब किसको राजनीति के उच्च शिखर पर पहुंचा दे, इसकी भी जानकारी किसी को नहीं मिलती है। ऐसे ही चंबल के कई किस्से हैं जो राजनीति के शासन में काफी दिलचस्प है और ऐसा ही या मुरैना जिले से जुड़ा दिलचस्प किस्सा है। यहां दर्जन भर ऐसे मंत्री है जिनका पहले जनता का प्यार मिला फिर जनता ने उसे ही नकार दिया।
पिछले 50 सालों से नहीं तोड़ पाया कोई चुनावी मिथक: चंबल के मुरैना जिले का मिथक है कि जो मंत्री बना वह अगला चुनाव नहीं जीता है। मिथक यह है कि सन 1972 से 2020 तक जिले की राजनीति में साथ राजनेता मंत्री बने, लेकिन मंत्री बनते ही अगले ही चुनाव में उन्हें हर का सामना करना पड़ा। इसमें कई कद्दावर नेता तो ऐसे हैं जो एक दो नहीं बल्कि तीन-तीन बार चुनाव जीते। लेकिन मंत्री बनने के बाद चुनाव हारने का मीथक नहीं तोड़ सके। यह सिलसिला पिछले 50 सालों से यहां चला आ रहा है और इसे अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है।जबर सिंह जैसे कद्दावर नेता भी नहीं बचा पाए साख: चंबल के कद्दावर नेता कहे जाने वाले बाबू जबर सिंह 1977 में जनता पार्टी से चुनाव जीते तो जनता पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। लेकिन मंत्री बनने के बाद अगला चुनाव 1980 में सुमावली विधानसभा से लड़े और वह अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। इसी प्रकार 1967 में मुरैना से पहले चुनाव जीते जनसंख्या के कद्दावर नेता जाहर सिंह 1977 में सुमावली विधानसभा से भी चुनाव जीते। मंत्रिमंडल फेर बदल के बीच जाहर सिंह को सरकार में संसदीय सचिव बना दिया, लेकिन 1980 में मुरैना सीट से चुनाव हार गये।
दो बार मंत्री बने यह नेता, दोनों बार हारे चुनाव
2003 में आईजी पद से इस्तीफा देकर मुरैना विधानसभा से चुनाव जीतने वाले भाजपा के रुस्तम सिंह को उमा भारती सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया। लेकिन 2008 में वह दूसरा चुनाव हार गये। 2013 में दोबारा चुनाव जीते और दोबारा कैबिनेट मंत्री बने, लेकिन 2018 में जनता ने फिर उन्हें नकार दिया। इसी प्रकार 1993 वह 1998 में सुमावली से बसपा से एदल सिंह कंसाना चुनाव जीते, लेकिन 1998 में बसपा छोड़ दिग्विजय सिंह सरकार में शामिल हो गए और पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बने मंत्री बनने के बाद अगला चुनाव 2003 में हार गये। 2018 में कांग्रेस सुमावली से फिर चुनाव जीता, लेकिन कांग्रेस के 22 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी मंत्री बने, लेकिन 2020 में सुमावली से भाजपा में उप चुनाव हार गए।
बीमारू राज्य से कुछ इस तरह से बना सुचारू राज मध्य प्रदेश ।
2 Nov, 2023 10:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है तब से लेकर आज तक अर्थात लगभग 20 वर्ष के अंतराल में जिस तरह से मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से लेकर सुचारू राज की संज्ञा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है, उस क्रम में सबसे बड़ी ऐतिहासिक सफलता एवं राष्ट्रीय स्तर पर महिला सशक्तिकरण से लेकर महिला कल्याण योजना में प्रदेश नंबर 1 रहा है । मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों के अंतराल में सर्वाधिक योजनाएं महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई सामने आई है । जिसका सीधा-सीधा लाभ हितग्राही को प्राप्त हुआ है ।
पिछले 20 वर्ष के अंदर मध्य प्रदेश में महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई योजनाओं में प्रारंभिक रूप से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना , लाड़ली लक्ष्मी योजना , मुख्यमंत्री विवाह योजना , एवं लाडली बहना योजना के अतिरिक्त मध्य प्रदेश में वर्ष 2022-23 में महिलाओं के लिए नौकरी में 30% तक आरक्षण देने की योजना शामिल रही । इन सभी योजनाओं के कारण ही मध्य प्रदेश को देश में महिला कल्याण योजना के अंतर्गत पहला स्थान प्राप्त हुआ एवं अन्य कई प्रदेश जिसमें दिल्ली उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल शामिल है उन्होंने मध्य प्रदेश की योजनाओं को नवीन रूप में अपने प्रदेश में क्रियान्वित भी किया ।
महिला कल्याण के लिए समर्पित करोड़ों की योजनाएं ।
मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों का इतिहास देखें तो सबसे अधिक मध्य प्रदेश सरकार का बजट महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई योजनाओं में सीधे हितकारी को लाभ देने के उद्देश्य से खर्च किया गया है । जिसमें सबसे बड़ी योजना पिछले 6 महीने पूर्व प्रारंभ की गई लाडली बहन योजना है । देश के इतिहास में इसे पहली ऐसी योजना माना जा सकता है जिसका सीधा-सीधा लाभ हितग्राही महिलाओं को उनके खाते में पहले 1000 और बाद में 1250 रुपए के रूप में प्राप्त हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह सबसे बड़ी एवं महत्वाकांक्षी योजना कही जाती है । इस योजना के अंतर्गत एक करोड़ 31 लाख से अधिक महिलाओं को उनके खाते में 6800 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है ।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक और महत्वाकांक्षी योजना जो वर्ष 2014 से प्रारंभ हुई, वह मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के रूप में देश में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रही । लाड़ली लक्ष्मी योजना को कई राज्यों ने नवीन सिरे से लागू किया था, जिसमें तत्कालीन समय में विपक्षी राज्य उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली भी शामिल रहा । इस योजना में 46 लाख से अधिक बेटियों को इस परिवार में शामिल किया गया एवं 13 लाख 30000 से अधिक लाड़ली लक्ष्मियों को 46 लाख करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई ।
इसी तरह मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 6 लाख 31 हजार बेटियों को 1638 करोड़ से अधिक का लाभ प्राप्त हुआ । इस योजना में हिंदू एवं मुस्लिम बेटियों का भी निकाह एवं विवाह का कार्यक्रम मुख्यमंत्री के द्वारा महिला बाल विकास विभाग एवं अन्य विभागों के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से किया गया । इन योजनाओं की लाभकारी महिलाएं आज भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपना मामा कहती हैं ।
महिला स्व सहायता समूह ने बदली ग्रामीण स्वरोजगार की तस्वीर ।
मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्षों के अंतराल में जिस तरह से महिला स्वास्थ सहायता समूह का विकास हुआ, इतना बड़ा स्व सहायता समूह का विकास राष्ट्रीय स्तर पर संभवतः किसी भी राज्य में नहीं किया गया है । मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले 5 साल के अंतराल में महिला स्वास्थ्य सहायता समूह के माध्यम से कई तरह की योजनाओं का संचालन करना प्रारंभ किया है। महिला स्व सहायता समूह आज मध्य प्रदेश के कई तहसील स्तर के प्राथमिक उपभोक्ता सेवा केद्रों पर अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही है । मध्य प्रदेश में 54 लाख से अधिक महिलाएं इन महिला सहायता समूह के माध्यम से 6000 करोड़ से अधिक की राशि का क्रेडिट का कार्य कर रही है । ग्रामीण स्तर पर महिला स्व सहायता समूह स्वरोजगार से जुड़े होने के साथ-साथ कई तरह के ऐसे कार्यक्रमों का संचालन भी कर रही है जिससे लाखों महिलाएं ग्रामीण स्तर पर एक बड़े समूह एवं संसार के रूप में अपने आप को विकसित कर चुकी है ।
सरकारी भर्ती में 35% आरक्षण वाला पहला राज्य बना मध्य प्रदेश ।
मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की योजनाओं में सबसे बड़ी सफलता एवं इस दिशा में क्रांति कार्यक्रम प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उठाते हुए हाल ही में मध्य प्रदेश के अंदर शासकीय सेवा में भर्ती के क्रम में महिलाओं को 35% आरक्षण देकर मध्य प्रदेश का नाम देश के इतिहास में सबसे ऊपर कर दिया है । सामाजिक न्याय मंत्रालय केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश पहले ऐसा राज्य जहां पर 35% आरक्षण महिलाओं को नौकरी में दिया जा रहा है । इसकी अतिरिक्त नगरीय निकाय चुनाव एवं विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार पूर्व से ही 50% आरक्षण का निर्वाह हो रहा है । मध्य प्रदेश में महिलाओं को 35% नौकरी में आरक्षण एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत नौकरी में 50% तक आरक्षण देने के कारण अब मध्य प्रदेश में महिलाओं की नौकरी में आने एवं शासकीय सेवा में कार्य करने की एक नवीन तस्वीर सामने आ चुकी है ।
बागियों को मनाने में जुटी भाजपा-कांग्रेस
2 Nov, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । आज नाम वापसी का आखिरी दिन है। लेकिन भाजपा और कांग्रेस के कई बागी नेता चुनावी मैदान में जुटे हुए हैं। हालांकि इन बागी नेताओं को मनाने के लिए दोनों पार्टियों के दिग्गजों ने पूरा दम लगा रखा है। गुरूवार शाम को तस्वीर साफ हो जाएगी की किन-किन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बागी नेता पार्टी का खेल बिगाड़ेंगे। दरअसल, दोनों पार्टियों को अपने-अपने बागियों से खेल बिगडऩे का डर है। टिकट नहीं मिलने पर दर्जा प्राप्त मंत्री से लेकर, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक तक पार्टी से बगावत कर निर्दलीय या फिर किसी दूसरे दल से नामांकन कर चुके हैं।
कांग्रेस और भाजपा के पास सिर्फ गुरूवार का दिन बचा है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों की कोशिश है कि बचे हुए दो दिनों में नाराज नेताओं को मनाकर फिर से अपने पाले में लाने की कोशिश की जाए।
भाजपा के प्रमुख बागी
इस चुनाव में भाजपा के लिए कई बागी परेशानी का सबब बने हुए हैं। बुरहानपुर विधानसभा सीट पर हर्षवर्धन चौहान (पूर्व सांसद स्व. नंदकुमार चौहान के बेटे)डटे हैं। वहीं निवाड़ी विधानसभा सीट पर नंदराम कुशवाहा (मप्र कुक्कुट विकास निगम के उपाध्यक्ष- दर्जा प्राप्त मंत्री), टीकमगढ़ से केके श्रीवास्तव (पूर्व विधायक), आलोट(रतलाम)विधानसभा सीट पर रमेश मालवीय (पूर्व मंडल अध्यक्ष)डटे हुए हैं। वहीं बड़वारा (कटनी) से मोती कश्यप (पूर्व मंत्री)सपा प्रत्याशी बन गए हैं। मुरैना विधानसभा सीट पर राकेश सिंह (पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे) बसपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। मनगवां (रीवा)विधानसभा सीट पर पूर्व प्रत्याशी पंचूलाल की पत्नी भी चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा की सबसे अधिक टेंशन जिन्होंने बढ़ाई है उमें निवाड़ी सीट पर भाजपाके पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश्वर देवलिया भी निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। देवलिया भाजपा के पुराने नेता हैं। मुरैना में पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह भी भाजपा छोडक़र बसपा में शामिल हो चुके हैं। बेटे राकेश बसपा से प्रत्याशी हैं। रुस्तम सिंह भाजपा में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे। 10 दिन पहले उन्होंने बसपा जॉइन कर ली। रुस्तम सिंह भाजपा में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे।
कांग्रेस के प्रमुख बागी
भाजपा की तरह कांग्रेस में भी बागियों की भरमार है। कांग्रेस में भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर आमिर अकील (विधायक आरिफ अकील के भाई)डटे हैं। वहीं हुजूर (भोपाल)जितेंद्र डागा (पूर्व विधायक), गोटेगांव (नरसिंहपुर) से शेखर चौधरी (पूर्व विधायक), बरगी (जबलपुर) से जयकांत सिंह (पूर्व विधायक सोबरन सिंह के बेटे), बडऩगर (उज्जैन) से राजेंद्र सिंह सोलंकी (जिला पंचायत सदस्य)डटे हैं। वहीं सिहोरा (जबलपुर)से कौशल्या गोटिया (पूर्व मंत्री), आलोट (रतलाम) से प्रेमचंद गुड्डू (पूर्व सांसद)भी मैदान में हैं। वहीं भोपाल उत्तर से कांग्रेस के बागी नासिर इस्लाम और मोहम्मद शफीक भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सिहोरा (जबलपुर) से पूर्व जिला पंचायत सदस्य जमुना मरावी ने भी बगावत की है।
मान गए नाराज कमलेश
विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने को लेकर भारतीय जनता पार्टी में किस कदर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है, इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आना पड़ रहा है। जबलपुर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल जिन्होंने जनता की आवाज बनकर उत्तर-मध्य विधानसभा से चुनाव लडऩे का ऐलान किया था, अब चुनाव नहीं लड़ेगें। सीएम शिवराज सिंह चौहान के कहने पर कमलेश अग्रवाल ने बुधवार को अपना नाम वापस ले लिया है। बता दें कि कमलेश अग्रवाल ने उत्तर-मध्य विधानसभा से टिकट मांगी थी, पर पार्टी ने अभिलाष पांडे को चुनाव मैदान में उतार दिया था, जिससे कि कमलेश अग्रवाल नाराज हो गए थे। डिंडौरी-सिवनी दौरे पर जाने से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान डुमना एयरपोर्ट पहुंचे। बताया जा रहा है कि जैसे ही बुधवार की सुबह सीएम का दौरे बने, उसमें कमलेश अग्रवाल से भी मिलने का प्लान था। सीएम ने जबलपुर आने से पहले कमलेश अग्रवाल से फोन पर बात की और मिलने बुलाया। कमलेश अग्रवाल समाज के लोगों को लेकर एयऱपोर्ट पुहंचे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा के निर्देश को मानते हुए फार्म भरा था, जिसे कि अब वो वापस ले रहें है। मै इसलिए भी आया था कि उनका मान सम्मान सुनिश्चत करेंगे। कमलेश अग्रवाल अब अपने साथियों के साथ मिलकर भाजपा को जिताने का काम करेंगे। नाराज भाजपा नेता अग्रवाल के कंधे पर हाथ रखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये मेरे प्रिय है,और इसलिए मैं उनसे मिलने स्वयं आया हूं।
गरीब कल्याण , कमजोर वर्ग कल्याण के लिए समर्पित रही करोड़ों की योजनाएं ।
2 Nov, 2023 09:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में विगत 20 वर्षों के अंतराल में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्य प्रदेश में आई है तब से लेकर आज तक गरीब कल्याण एवं कमजोर वर्ग के कल्याण से जुड़ी हुई महत्वाकांक्षी योजनाएं चर्चा का विषय बनी रही है। प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के साथ अपने आप को जोड़ते हुए डबल इंजन की सरकार के माध्यम से गरीब एवं कमजोर वर्ग के लिए समर्पित कर दिया है । मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों में गरीब कल्याण एवं कमजोर वर्ग कल्याण के लिए समर्पित योजनाओं के विषय में अगर चर्चा की जाए तो सबसे अधिक योजनाएं इस वर्ग विशेष के लिए प्रदेश के विकास से जुड़ी हुई सर्वाधिक राष्ट्रीय स्तर पर आंकी जा सकती है । गरीब कल्याण एवं कमजोर वर्ग की दृष्टि से मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पिछले 15 वर्षों में आठ राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए ।
मध्य प्रदेश में लगभग 20 वर्ष पूर्व जब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी उस समय कमजोर वर्ग एवं गरीब वर्ग के विकास के लिए मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर 24 वें पायदान पर था, जो आज पांचवें स्थान पर है ।।
प्रदेश की संबल योजना एवं केंद्र की खाद्यान्न योजना ने गरीबों को दिया बड़ा सहारा ।
मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के रूप में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से खाद्यान्न योजना, जो महामारी के समय प्रारंभ हुई थी, के अंतर्गत लगभग पिछले 5 वर्षों से मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, ये योजना आज तक बंद नहीं की गई है। इसी प्रकार कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित संबल योजना ने भी मध्य प्रदेश के इस वर्ग को भरपूर राहत दी । संबल योजना एक एवं दो के क्रम में मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा 5,25000 से अधिक हितग्राहियों को पायदान के अंतर्गत एवं द्वितीय पायदान के क्रम में संबल योजना क्रमांक 2 के अंतर्गत 24 लाख हितकारी को 4917 करोड रुपए से अधिक का लाभ प्राप्त हुआ है । ज्ञात हो कि जब प्रदेश में वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार आई थी तब इस संबल योजना को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था एवं लगभग डेढ़ वर्ष तक जब तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार वापस नहीं आई, तब तक इस योजना को पूरी तरह बंद रखा गया । इस योजना के लाभार्थी लोगों को एक बार फिर से वर्ष 2020 में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोड़कर इस योजना को नवीन रूप दिया था । वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 5 करोड़ 30 लाख से अधिक हितग्राहियों को निशुल्क खाद्यान्न आज दिनांक तक प्राप्त हो रहा है । संभवतः इसे ही डबल इंजन की सरकार का फायदा कह सकते हैं ।
पीएम आवास योजना एवं उज्जवला योजना ने भी बदली तस्वीर ।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में संचालित केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जिसका सीधा-सीधा लाभ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र स्तर पर महिलाओं को प्राप्त हुआ है , वह योजना है उज्ज्वला योजना । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में पिछले 10 साल के अंतराल में जब से उज्ज्वला योजना का प्रारंभ हुआ है तब से लेकर आज दिनांक तक 82 लाख से अधिक उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन निशुल्क गरीब वर्ग की महिलाओं को वितरित किए गए । वहीं दूसरी ओर अगर प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण एवं आवास से जुड़ी हुई मानवीय योजना की चर्चा करें तो मध्य प्रदेश का अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड रहा है । प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 45 लाख से अधिक आवास गरीबों के लिए वितरण किए गए । अर्थात मध्य प्रदेश में 45 लाख से अधिक परिवार प्रधानमंत्री के द्वारा संचालित की गई योजना के अंतर्गत अब स्वयं के घरों में निवास कर रहे है, जो डबल इंजन की सरकार से पूर्व अर्थात इस योजना के प्रारंभ होने से पहले सड़कों पर झोपड़ी बनाकर रहते थे अथवा ग्रामीण स्तर पर बेहद बुरे हालात में अपना जीवन बसर कर रहे थे । कुल मिलकर मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना एवं उज्जवला योजना में मध्य प्रदेश के गरीब एवं कमजोर वर्ग के लोगों की तस्वीर बदलकर रख दी ।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, चरण पादुका सहित भू अधिकार योजना राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित।
मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्ष के अंतराल में जब से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी तब से लेकर आज दिनांक तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं लाडली लक्ष्मी योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना एकमात्र ऐसी योजना रही जिसे कई प्रदेशों ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना में शामिल किया । मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में लाखों लोगों को तीर्थ दर्शन का लाभ मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना के द्वारा प्राप्त हुआ । पिछले एक वर्ष के अंतराल में इस योजना में हवाई सफर को भी जोड़ दिया गया, जिसके माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कई तीर्थ यात्रियों को हवाई जहाज के माध्यम से तीर्थ दर्शन कराया । मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में अभी तक 25 लाख से अधिक यात्रियों को पिछले 12 वर्षों के अंतराल में तीर्थ यात्रा का लाभ प्राप्त हुआ है । वहीं दूसरी और सामाजिक एवं सांस्कृतिक के साथ-साथ लाभार्थी सूची में शामिल योजना मुख्यमंत्री भू अधिकार योजना का लाभ 2 लाख से अधिक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के गरीब परिवारों को भी मिला है । यह योजना वर्तमान में अविरल रूप से अनवरत जारी है । संवेदनशील एवं मानवीय योजनाओं के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा वर्ष 2020 में प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना के अंतर्गत लगभग 20 लाख लोगों को जो तेंदुपत्ता संग्रह के रूप में बनवासी क्षेत्र में कार्यरत थे उन्हें अर्थात 20 लाख लोगों को जूता चप्पल एवं पानी की बोतल एवं अन्य सामान इस योजना के अंतर्गत प्रदान किया गया । कुल मिलाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं छोड़ी गई जिसके अंतर्गत सामाजिक एवं आर्थिक रूप के साथ-साथ मानवीय पहलू का ध्यान नहीं रखा गया हो ।
शिवराज सरकार ने देश-दुनिया में पहुंचाया अपने कलाकारों का मान
2 Nov, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश स्थापन दिवस का दिन प्रदेश के लिए बहुत बड़ी सौगात लेकर आया है। ग्वालियर चंबल यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क में शामिल हो गया है। वैश्विक संस्था यूनेस्को ने ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ के रूप में मान्यता प्रदान की है। इस उपलब्धि पर ग्वालियर सहित प्रदेश के संगीत प्रेमियों में उत्साह है। स्थापना दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे गौरव भरा पल बताया है। उन्होंने सुबह ट्वीट किया, ’मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश खासकर ग्वालियरवासियों के लिए एक गौरव भरा ऐतिहासिक पल’।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
यूनेस्को से मिली इस उपलब्धि को लेकर मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्यप्रदेश के लिए आनंद एवं गौरव का अवसर... आपको यह बताते हुए मुझे हर्ष के साथ गर्व हो रहा है कि यूनेस्को ने हमारे संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली ग्वालियर को “सिटी ऑफ म्यूजिक” की मान्यता दी है।
ग्वालियर तथा प्रदेश को मिला यह सम्मान हमारी सांस्कृतिक विरासत एवं प्राचीन कला जगत का सम्मान है। मध्यप्रदेश की समस्त जनता को हृदय से शुभकामनाएं। गौरतलब है कि ग्वालियर को मिलने वाले इस तमगे के बाद विश्वपटल पर मध्यप्रदेश की एक नई पहचान स्थापित होगी और विकास व रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली ग्वालियर
ग्वालियर को भारतीय संगीत के महत्वपूर्ण केन्द्रों में से एक माना जाता है। यह तानसेन की संगीत भक्ति का स्थान है और ‘ध्रुपद’ का भी जन्म स्थान है। तानसेन ही ध्रुपद के जनक रहे हैं। ग्वालियर के राजा मानसिंह ने ही ध्रुप धमार की रचना भी की थी। इसके साथ ही शहर ने कई बड़े संगीतज्ञ भी दिए हैं। सुर सम्राट तानसेन की जन्म-स्थली बेहट में हर साल तानसेन समारोह होता है। यह सभा बेहट में भगवान भोले के मंदिर के नीचे और झिलमिल नदी किनारे घनी एवं मनोरम अमराई के बीच सजती है। यह वही जगह है, जहां सुर सम्राट का बचपन संगीत साधना और बकरियां चराते हुए बीता था। लोक धारणा है कि तानसेन की तान से ही निर्जन में बना भगवान शिव का मंदिर तिरछा हो गया था। यह भी किंवदंति है कि 10 वर्षीय बेजुबान बालक तन्ना उर्फ तनसुख भगवान भोले का वरदान पाकर संगीत सम्राट तानसेन बन गया।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों का सुखद परिणाम
इस उपलब्धि को जानकार सिंधिया घराने और ख़ासकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लगातार उठाए गए कदमों से जोड़ कर देख रहे हैं। सिंधिया ने खुद इसके लिए जून महीने में यूनेस्को को पत्र भी लिखा था। पत्र में सिंधिया ने ग्वालियर के महान सांस्कृतिक, सांगीतिक इतिहास व विरासत के बारे में बताया था। सिंधिया परिवार ग्वालियर घराने के संगीत व कलाकारों को संरक्षित करने के लिए हमेशा तत्पर रहा है। सिंधिया के प्रयासों का परिणाम है कि ग्वालियर चंबल यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) में शामिल हो गया है। ग्वालियर ने ‘संगीत’ श्रेणी में इस प्रतिष्ठित सूची में जगह बनाई है जिसकी घोषणा यूनेस्को ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भी की है।
भाजपा-कांग्रेस के 75 बागी चुनाव मैदान में ठोक रहे ताल
2 Nov, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में नाराजों एवं बागियों के नामांकन भरने से भाजपा और कांग्रेस दोनों की नींद उड़ी हुई है। टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर दोनों ही पार्टियों के तमाम पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और प्रभावी नेताओं ने सपा, आप, बसपा या फिर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन दाखिल किए हैं। ऐसे में दोनों दलों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बागी नेता विधानसभा चुनाव में खेल न बिगाड़ देें। हम बता दें कि नामांकन पत्रों की जांच-पड़ताल के बाद भाजपा-कांग्रेस के 75 से ज्यादा बागी अभी मैदान में डटे हुए हैं।
चुनाव आयोग ने नामांकन वापसी के लिए आज और कल का दिन तय किया है। भाजपा-कांग्रेस के पास बागियों और नाराज उम्मीदवारों की मान-मनौव्वल के लिए सिर्फ दो दिन का समय बचा है। ऐसे में दोनों ही पार्टियां और उनके जिम्मेदार नेता बागी उम्मीदवारों को मनाकर फिर से अपने पाले में लाने की कोशिश में हैं।
बीमारू राज्य से कुछ इस तरह बना सुचारू राज्य मध्य प्रदेश
2 Nov, 2023 08:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में विगत 20 वर्षों के अंतराल में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्य प्रदेश में आई है तब से लेकर आज तक गरीब कल्याण एवं कमजोर वर्ग के कल्याण से जुड़ी हुई महत्वाकांक्षी योजनाएं चर्चा का विषय बनी रही है। प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के साथ अपने आप को जोड़ते हुए डबल इंजन की सरकार के माध्यम से गरीब एवं कमजोर वर्ग के लिए समर्पित कर दिया है । मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों में गरीब कल्याण एवं कमजोर वर्ग कल्याण के लिए समर्पित योजनाओं के विषय में अगर चर्चा की जाए तो सबसे अधिक योजनाएं इस वर्ग विशेष के लिए प्रदेश के विकास से जुड़ी हुई सर्वाधिक राष्ट्रीय स्तर पर आंकी जा सकती है । गरीब कल्याण एवं कमजोर वर्ग की दृष्टि से मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पिछले 15 वर्षों में आठ राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए ।
मध्य प्रदेश में लगभग 20 वर्ष पूर्व जब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी उस समय कमजोर वर्ग एवं गरीब वर्ग के विकास के लिए मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर 24 वें पायदान पर था, जो आज पांचवें स्थान पर है ।।
प्रदेश की संबल योजना एवं केंद्र की खाद्यान्न योजना ने गरीबों को दिया बड़ा सहारा ।
मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के रूप में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से खाद्यान्न योजना, जो महामारी के समय प्रारंभ हुई थी, के अंतर्गत लगभग पिछले 5 वर्षों से मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, ये योजना आज तक बंद नहीं की गई है। इसी प्रकार कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित संबल योजना ने भी मध्य प्रदेश के इस वर्ग को भरपूर राहत दी । संबल योजना एक एवं दो के क्रम में मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा 5,25000 से अधिक हितग्राहियों को पायदान के अंतर्गत एवं द्वितीय पायदान के क्रम में संबल योजना क्रमांक 2 के अंतर्गत 24 लाख हितकारी को 4917 करोड रुपए से अधिक का लाभ प्राप्त हुआ है । ज्ञात हो कि जब प्रदेश में वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार आई थी तब इस संबल योजना को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था एवं लगभग डेढ़ वर्ष तक जब तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार वापस नहीं आई, तब तक इस योजना को पूरी तरह बंद रखा गया । इस योजना के लाभार्थी लोगों को एक बार फिर से वर्ष 2020 में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोड़कर इस योजना को नवीन रूप दिया था । वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 5 करोड़ 30 लाख से अधिक हितग्राहियों को निशुल्क खाद्यान्न आज दिनांक तक प्राप्त हो रहा है । संभवतः इसे ही डबल इंजन की सरकार का फायदा कह सकते हैं ।
पीएम आवास योजना एवं उज्जवला योजना ने भी बदली तस्वीर ।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में संचालित केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जिसका सीधा-सीधा लाभ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र स्तर पर महिलाओं को प्राप्त हुआ है , वह योजना है उज्ज्वला योजना । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में पिछले 10 साल के अंतराल में जब से उज्ज्वला योजना का प्रारंभ हुआ है तब से लेकर आज दिनांक तक 82 लाख से अधिक उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन निशुल्क गरीब वर्ग की महिलाओं को वितरित किए गए । वहीं दूसरी ओर अगर प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण एवं आवास से जुड़ी हुई मानवीय योजना की चर्चा करें तो मध्य प्रदेश का अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड रहा है । प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 45 लाख से अधिक आवास गरीबों के लिए वितरण किए गए । अर्थात मध्य प्रदेश में 45 लाख से अधिक परिवार प्रधानमंत्री के द्वारा संचालित की गई योजना के अंतर्गत अब स्वयं के घरों में निवास कर रहे है, जो डबल इंजन की सरकार से पूर्व अर्थात इस योजना के प्रारंभ होने से पहले सड़कों पर झोपड़ी बनाकर रहते थे अथवा ग्रामीण स्तर पर बेहद बुरे हालात में अपना जीवन बसर कर रहे थे । कुल मिलकर मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना एवं उज्जवला योजना में मध्य प्रदेश के गरीब एवं कमजोर वर्ग के लोगों की तस्वीर बदलकर रख दी ।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, चरण पादुका सहित भू अधिकार योजना राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित।
मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्ष के अंतराल में जब से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी तब से लेकर आज दिनांक तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं लाडली लक्ष्मी योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना एकमात्र ऐसी योजना रही जिसे कई प्रदेशों ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना में शामिल किया । मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में लाखों लोगों को तीर्थ दर्शन का लाभ मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना के द्वारा प्राप्त हुआ । पिछले एक वर्ष के अंतराल में इस योजना में हवाई सफर को भी जोड़ दिया गया, जिसके माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कई तीर्थ यात्रियों को हवाई जहाज के माध्यम से तीर्थ दर्शन कराया । मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में अभी तक 25 लाख से अधिक यात्रियों को पिछले 12 वर्षों के अंतराल में तीर्थ यात्रा का लाभ प्राप्त हुआ है । वहीं दूसरी और सामाजिक एवं सांस्कृतिक के साथ-साथ लाभार्थी सूची में शामिल योजना मुख्यमंत्री भू अधिकार योजना का लाभ 2 लाख से अधिक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के गरीब परिवारों को भी मिला है । यह योजना वर्तमान में अविरल रूप से अनवरत जारी है । संवेदनशील एवं मानवीय योजनाओं के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा वर्ष 2020 में प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना के अंतर्गत लगभग 20 लाख लोगों को जो तेंदुपत्ता संग्रह के रूप में बनवासी क्षेत्र में कार्यरत थे उन्हें अर्थात 20 लाख लोगों को जूता चप्पल एवं पानी की बोतल एवं अन्य सामान इस योजना के अंतर्गत प्रदान किया गया । कुल मिलाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं छोड़ी गई जिसके अंतर्गत सामाजिक एवं आर्थिक रूप के साथ-साथ मानवीय पहलू का ध्यान नहीं रखा गया हो ।