मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मुख्यमंत्री चौहान के साथ प्रेस कॉउंसिल के सदस्यों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया पौध-रोपण
8 Feb, 2023 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाटर विजन पार्क (स्मार्ट पार्क) भोपाल में आज प्रेस कॉउंसिल के सदस्यों के साथ आम, पीपल, अमरूद और सप्तपर्णी के पौधे रोपे। प्रो. जे.एस. राजपूत (यूनेस्को में प्रतिनिधि और एनसीईआरटी के पूर्व डायरेक्टर) सहित कॉउंसिल के सदस्य प्रकाश दुबे, डॉ. सुमन गुप्ता, श्याम सिंह पवार और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति के.जी. सुरेश शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ मुकेश गोयल, जीत योगेश, नीतू, राकेश और रेवा गोयल ने भी पौधे लगाए। मनीष त्रिपाठी, शौर्य, नंदिनी, श्रेष्ठ त्रिपाठी और सूर्यकांत शुक्ला मौजूद रहे। सामाजिक कार्यकर्तासर्वश्री श्रीराम मेहता, दीनदयाल सिसोदिया, चेतन राम, धीरज माहेश्वरी, राजेंद्र, चंद्रशेखर, जितेंद्र, कृष्णा चौहान, देवेंद्र, बलराम, ऋषभ, बृजेश परमार, वंदना पटेल राजेंद्र, हर्ष पटेल और शुभम चौरसिया भी पौध-रोपण में शामिल हैं।
MP के जिलों में नेशनल लोक अदालत 11 फरवरी को, करों के अधिभार में मिलेगी छूट
8 Feb, 2023 08:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर 11 फरवरी को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें जल, संपत्ति, उपभोक्ता प्रभार सहित अन्य करों के अधिभार में छूट दी जाएगी। यह छूट वित्तीय वर्ष 2021-22 तक की बकाया राशि पर देय होगी। छूट के बाद राशि अधिकतम दो किस्तों में जमा करनी होगी। इसमें से 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन और शेष राशि अधिकतम एक माह में जमा कराना अनिवार्य होगा। वहीं इस वर्ष तीन और (13 मई, नौ सितंबर,नौ दिसंबर 2023) नेशनल लोक अदालत आयोजित की जाएंगी। इनमें वित्तीय वर्ष 2022-23 तक की बकाया राशि पर छूट दी जाएगी।
अधिभार में सौ प्रतिशत तक की छूट मिलेगी
संपत्ति कर के जिन प्रकरणों में 50 हजार रुपये तक कर और अधिभार की राशि बकाया है,उनमें अधिभार में सौ प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। वहीं जिन प्रकरणों में कर-अधिभार की राशि 50 हजार से एक लाख रुपये तक है, उनमें 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। जबकि जिन प्रकरणों में कर एवं अधिभार की राशि एक लाख रुपये से अधिक बकाया है, उनमें अधिभार में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। ऐसे ही जल कर या उपभोक्ता प्रभार के उन प्रकरणों में अधिभार में सौ प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिनमें कर एवं उपभोक्ता प्रभार और अधिभार की राशि 10 हजार रुपये तक बकाया है। जल कर या उपभोक्ता प्रभार और अधिभार की राशि 10 हजार से अधिक पर 50 हजार रुपये तक बकाया है, उनमें अधिभार में 75 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। जिन प्रकरणों में जल कर या उपभोक्ता प्रभार और अधिभार की राशि 50 हजार से अधिक बकाया है, उनमें अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह छूट सिर्फ एक बार ही मिलेगी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नागरिकों से नेशनल लोक अदालतों में मिलने वाली छूटों का लाभ उठाने का आग्रह किया है
विकास यात्राएँ बन रही हैं जन-कल्याण का यज्ञ - मुख्यमंत्री चौहान
8 Feb, 2023 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में पौध-रोपण और पर्यावरण-संरक्षण के कार्य अभियान का रूप ले रहे हैं। नागरिक अपने परिवार के सदस्यों के जन्म-दिवस, विवाह वर्षगाँठ और दिवंगत परिजन की स्मृति में पौधे लगाने का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान आज स्मार्ट उद्यान में टी.वी. न्यूज चेनल्स के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 5 फरवरी से प्रारंभ हुई विकास यात्राओं में 4088 लोकार्पण और 3049 विकास कार्यों के शिलान्यास हुए हैं। विकास यात्राएँ जन-कल्याण का यज्ञ बन रही हैं।मुख्यमंत्री चौहान ने विकास यात्राओं का विवरण देते हुए बताया कि यात्रा के दौरान हुए लोकार्पण और भूमि-पूजन जन-कल्याण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के लाभ दिए जा रहे हैं। प्रदेश में यात्रा के माध्यम से वास्तव में सेवा का बड़ा कार्य संभव हुआ है। हितग्राही को लाभ के साथ ही मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान में पात्र पाए गए लोगों को लाभ दिया जा रहा है। अभियान में यदि कोई हितग्राही छूट गए हैं और वे पात्र हैं तो उन्हें भी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
40 हजार से अधिक पात्र व्यक्ति योजनाओं के लिए हुए चिन्हित
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि यात्रा के दौरान अन्य पात्र लोग भी सामने आए हैं। इनकी संख्या 40 हजार 956 हैं। इतनी संख्या में आवेदन मिलना इस बात का प्रमाण है कि योजनाओं के लिए पात्र हितग्राही इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए पहली बार सामने आए। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्राप्त आवेदनों में से 34 हजार 234 आवेदन-पत्र स्वीकृत किये जा चुके हैं। इसके अलावा भी कोई अन्य पात्र व्यक्ति या दिव्यांग मिल जाते हैं तो उन्हें भी लाभान्वित किया जा रहा है। प्रयास यह है कि किस तरह लोगों की जिंदगी बेहतर बनाई जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास यात्रा सिर्फ कर्मकांड नहीं है। जो भी पात्र हितग्राही मिलते हैं उन्हें लाभान्वित करना राज्य सरकार का उद्देश्य है। विकास यात्राएँ विभिन्न योजनाओं का लाभ नागरिकों को दिलवाने का सशक्त माध्यम बन रही हैं।
मासूम के साथ हैवानियत कर मुंह में ठूंसी थी घास, तड़पकर दम तोड़ा, आरोपित के घर चला बुलडोजर
8 Feb, 2023 08:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । ग्वालियर के करहिया क्षेत्र में सात साल की मासूम से हैवानियत करने वाले आरोपित ने बच्ची को मारने के लिए उसके मुंह में घास ठूंस दी थी। इससे उसका दाम घुट गया और तड़प कर उसकी दर्दनाक मौत हो गई। उसके गले तक में घास फंसी मिली है। बच्ची की एक आंख जानवर खा गए हैं, उसकी एक आंख और मुंह का कुछ हिस्सा गायब मिला है। आरोपित ने बच्ची के शव को जमीन में घास के नीचे ढक दिया था, जिससे वह किसी को नजर ना आए। उधर हैवानियत करने वाले आरोपित के मकान पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चला दिया गया है। गांव में माहौल तनावपूर्ण है, सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया गया है। करहिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत दुहिया गांव में रहने वाली सात वर्षीय बच्ची छह फरवरी को गांव में ही शादी में शामिल होने के लिए घर से गई थी। सुबह तक जब वह घर नहीं पहुंची तो परिजन ने ढूंढना शुरू किया। इसी बीच पता लगा कि बच्ची को कुछ लोगों ने गांव में रहने वाले शेरू जाटव के साथ देखा था। इस पर बच्ची के परिवार वालों ने अपहरण का मामला दर्ज करवाया, इसके बाद पुलिस ने सात फरवरी को शेरू को राउंडअप किया और पूछताछ शुरू की। पहले तो वह पुलिस को घुमाता कर रहा, शाम को जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने बच्ची के साथ ज्यादती और उसकी हत्या करने की बात कबूल की। इधर फारेंसिक एक्सपर्ट डा. अखिलेश भार्गव भी अपनी टीम के साथ बुधवार को शव का परीक्षण करने पहुंचे, घटनास्थल भी देखा गया। इसमें सामने आया कि बच्ची के मुंह में आरोपित ने घास ठूंस दी थी। आरोपित ने कबूल किया है कि जब बच्ची के कपड़े उतारे तो वह चीखने लगी, तभी जमीन से घास उखाड़ी और घास मुंह में ठूंस दी। इसके बाद हत्या कर भाग गया। पुलिस ने देर रात शव बरामद किया था। बुधवार को पुलिस ने इस मामले में अपहरण के अलावा हत्या और दुष्कर्म की धारा बढ़ाई। आरोपित को कोर्ट में पेश कर 1 दिन की रिमांड पर लिया गया है
सागर के पास बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से बनेगा संत रविदास का विशाल और भव्य मंदिर : मुख्यमंत्री चौहान
8 Feb, 2023 07:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि सागर के पास बड़तूमा में 100 करोड़ रूपए की लागत से संत रविदास का विशाल और भव्य मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर की दीवारों पर संत रविदास के दोहे और शिक्षाएँ उकेरी जाएंगी। मंदिर परिसर में संत रविदास के व्यक्तित्व और कृतित्व को भी प्रदर्शित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में संत शिरोमणि रविदास महाराज के आदर्श राज्य की कल्पना चरितार्थ हुई है। संत रविदास ने कहा था कि "ऐसा चाहूँ राज मैं, जहाँ मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न।" उनके बताये हुए इसी मार्ग पर हम चल रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनता के साथ और संतों के आशीर्वाद से मध्यप्रदेश विकास की ऊँचाइयाँ छुएगा। मुख्यमंत्री चौहान आज सागर में संत रविदास महाकुंभ में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बहन-बेटियों का सम्मान सर्वोच्च है। स्त्री-पुरुषों में कोई भेद नहीं किया जाता। बेटियों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद अब बहनों के लिए लाडली बहना योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें गरीब एवं मध्यम वर्ग की बहनों को एक हजार रूपये दिये जायेंगे। प्रदेश में सबके लिए भोजन, पढ़ाई, लिखाई, दवाई, मकान, रोजगार सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में जात-पांत नहीं है, कोई छोटा-बड़ा नहीं है, सब समान है, सबको समान अवसर है और सभी का बराबर सम्मान हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने 251 करोड़ 25 लाख रूपए लागत की शाहगढ़-बंडा समूह जल-प्रदाय योजना का भूमि-पूजन किया। उन्होंने सरपंचों को कलश भेंट कर कलश-यात्रा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री चौहान ने समारोह स्थल पर संत रविदास और ‘‘एक जिला-एक उत्पाद’’ पर केंद्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ और अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए गरीबों को आवासीय को पट्टे दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में टीकमगढ़ जिले में 10 हजार 800 और सागर जिले में 12 हजार पट्टे दिए गए हैं। आयुष्मान भारत योजना में गरीबों को निजी अस्पतालों में वर्ष में 5 लाख रूपये तक के इलाज की सुविधा है। कोविड काल में जनता को नि:शुल्क वैक्सीन लगवाया गया। प्रदेश में उच्च शिक्षा की फीस भी अब सरकार भरवा रही है। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ की गई है। छात्राओं को स्कूल जाने के लिए साइकिल के लिए 3 हजार 900 रूपए दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए उनके परिवार की वार्षिक आय सीमा को 6 लाख से बढ़ा कर 8 लाख रूपए किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में संत रविदास की जन्म स्थली बनारस के लिए मध्यप्रदेश से तीर्थ यात्रा ट्रेन जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि अजा और अजजा वर्ग के युवाओं को उद्योग लगाने के लिए 20 प्रतिशत भू-खंड आरक्षित किए जाएंगे। एमएसएमई क्लस्टर नीति में अजा वर्ग के उद्योगपतियों के संगठन को एक क्लस्टर दिया जाएगा। साथ ही अजा वर्ग के व्यक्तियों को एलाट हुए पेट्रोल पंप लगाने के लिए भूमि दी जाएगी। उद्योग विभाग में अजा वर्ग को मार्गदर्शन के लिए नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे। भंडार क्रय नियम में भी सर्विस और ट्रेडिंग सेंटर में छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिये अब मैनहोल की सफाई मशीन से ही की जाएगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्य नारायण जटिया ने कहा कि संत रविदास महाकुंभ मध्यप्रदेश शासन द्वारा की गई अच्छी शुरुआत है। प्रदेश में समाज के उत्थान का एक नया वातावरण बना है, जो प्रदेश और देश को विकास की ओर ले जाएगा।
सांसद वी. डी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के निरंतर प्रयासों से मध्यप्रदेश में सामाजिक समरसता पर आधारित समतामूलक समाज का निर्माण हो रहा है। संत रविदास महाकुंभ इसी का एक सशक्त प्रयास है। प्रदेश में संत रविदास की अवधारणा के अनुरूप राज व्यवस्था है।
अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अजा वर्ग के उत्थान के चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश मंत्री-मंडल में अनुसूचित जाति वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व और अहम विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने संत रविदास महाकुंभ मनाने की गौरवशाली शुरूआत की थी, जो निरंतर जारी है। उन्होंने सभी वर्गों के कल्याण के साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए भी अनेक योजनाएँ संचालित की हैं। अनुसूचित जाति वर्ग की शिक्षा और रोजगार पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कन्याओं का पूजन किया और संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आरती की। मुख्यमंत्री का स्थानीय महिलाओं ने लाडली बहना योजना शुरू करने के लिए आभार माना और अभिनंदन किया। स्वागत भाषण विधायक प्रदीप लारिया ने दिया। जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने आभार माना। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, जल संसाधन और मछुआ कल्याण एवं मत्स्य-विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट, लोक निर्माण और कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव, सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया, सांसद राजबहादुर सहित 200 से अधिक संत और बड़ी संख्या में जन-सामान्य उपस्थित थे।
विकास यात्रा में नवाचार जारी रखें : शिवराज
8 Feb, 2023 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल| मध्य प्रदेश में आमजन की समस्याओं के जानने के साथ उनके समाधान के मकसद से पूरे राज्य में विकास यात्राएं निकाली जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि एक तरफ जहां आमजन की जिंदगी में बदलाव आया, वहीं वे नवाचार का क्रम जारी रखें। मुख्यमंत्री चौहान ने वर्चुअली संवाद करते हुए कहा, प्रदेश में पांच फरवरी से 25 फरवरी तक चलने वाली विकास यात्रा के माध्यम से हितग्राहियों को लाभान्वित करने और उनकी समस्याओं का निराकरण करने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जाए। जन-प्रतिनिधियों के साथ यात्रा में संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। विकास यात्रा का आयोजन अच्छे ढंग से हो।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि कुछ जिलों में अच्छे नवाचार किए गए हैं। यह विकास यात्रा केवल कर्मकांड नहीं जनता की जिंदगी बदलने का अभियान है। कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ लेने से वंचित नहीं रहे। कई जगह विकास यात्रा का अच्छा रिस्पोंस है। जहां व्यवस्थाओं में कमी है वहां उन्हें सुधारकर बेहतर विकास यात्रा निकाली जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर घर जल लाने का कार्य चल रहा है। समूह पेयजल योजना, सिंचाई की योजनाओं के पूरा होने पर कलश पूजन कराएं और ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी भी दें। यात्रा के दौरान रचनात्मक कार्य किए जाना अभिनंदनीय है। लाडली बहना योजना और पेसा अधिनियम की चर्चा गांव-गांव में हो।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास यात्रा में उत्साह के साथ नवाचार करते रहें। लाडली बहना योजना के कारण जो उत्साह बहनों में देखने को मिल रहा है, उसको और अधिक ढंग से प्रचारित करें। यात्रा के प्रति लोगों की उत्सुकता बढ़े। यात्रा में विशिष्ट हस्तियों को जोड़ने और जन-भागीदारी को बढ़ावा देने की कोशिश करें। जनता और हितग्राहियों के बीच बेहतर संवाद हो। यात्रा को उत्सुकतापूर्ण और बहुआयामी बनाया जाए। विकास यात्रा की कलेक्टर्स अपने स्तर पर प्रति दिन समीक्षा करें।
भोपाल में बाल अधिकारों के लिए धर्म गुरुओं से मदद मांगी
8 Feb, 2023 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बाल अधिकारों और स्वच्छता को लेकर नई पहल की गई है और नगर निगम ने इसके लिए तमाम धर्म गुरुओं से मदद मांगी है। राजधानी के बीएमसी हॉल में भोपाल नगर निगम और यूनिसेफ द्वारा बाल अधिकार और स्वच्छता विषय पर आयोजित विशेष बैठक में विभिन्न धर्मों के सवा सौ से ज्यादा धर्म गुरुओं ने हिस्सा लिया। इस मौके पर निगम की महापौर मालती राय ने कहा, भोपाल में प्रत्येक बच्चा स्कूल जाए, बाल श्रम को कम करे, स्वच्छता पर अधिक प्रयास करे, अपशिष्ट प्रबंधन करें और बच्चों और युवाओं में तंबाकू का उपयोग न करे। इस दिशा में धर्म गुरु पहल करें।
उन्होंने आगे कहा कि धर्म गुरुओं की बात लोग सुनते हैं और आप बच्चों के अधिकारों को बताने में मदद कर सकते हैं और स्वच्छता में राजधानी की स्थिति सुधरी है। राजधानी को स्वच्छता के मामले में और बेहतर स्थिति में ले जाना चाहते हैं।
यूनिसेफ की ओर से अनिल गुलाटी ने कहा, मध्य प्रदेश ने बाल अधिकारों पर बात की और सीखने, हिंसा को समाप्त करने, स्वच्छता के मामले में आस्था के नेताओं का समर्थन मांगा है क्योंकि आप बाल अधिकारों के एक मजबूत समर्थक हो सकते हैं।
धर्म गुरुओं के अलावा, हॉकर्स कॉर्नर और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें लगभग 70 प्रतिनिधियों ने स्वच्छता, प्लास्टिक को न कहने, स्वच्छता सुविधाओं के उपयोग और साबुन से हाथ धोने पर जोर दिया गया।
भाजपाईयों के दम पर चुनाव लड़ेगी आप
8 Feb, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टिकट कटने और न मिलने की संभावना वाले भाजपा नेताओं में बढ़ाया आप से संपर्क
भाजपा के करीब 80 विधायकों पर मंडरा रहा टिकट कटने का खतरा
ग्वालियर-चंबल, विंध्य, मालवा और बुंदेलखंड में आप बिगाड़ेगी भाजपा का खेल
भोपाल । मप्र के नगरीय निकाय चुनावों में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी आम आदमी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। सूत्रों का कहना है कि इस ऐलान के पीछे भाजपा के सैकड़ों असंतुष्ट नेताओं का प्लान है। दरअसल, इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा जहां खराब प्रदर्शन वाले करीब 80 विधायकों का टिकट काटने की तैयारी में है, वहीं हर विधानसभा सीट पर भाजपा के असंतुष्ट नेताओं की फौज है। इसको देखते हुए आप ने मप्र में बड़ा दांव लगाने की तैयारी कर ली है। यानी असंतुष्ट जनाधार वाले भाजपाईयों को टिकट देकर बड़ी लड़ाई लड़ेगी आम आदमी पार्टी।पंजाब-दिल्ली में सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी की निगाहें मप्र में आ टिकी है। नगरीय निकाय चुनाव में आप का औसत प्रदर्शन बढिय़ा रहा है। पार्टी ने पहली बार ही चुनाव में उतरकर सिंगरौली नगर निगम में महापौर पद पर कब्जा जमाया है, वहीं प्रदेशभर में कई पार्षद भी बनाए हैं। इससे आप को संजीवनी मिली है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में हम केवल किसी पार्टी को टक्कर देने नहीं बल्कि सरकार बनाने के लिए उतरेंगे।
एंटी इनकम्बेंसी बनेगी हथियार
गौरतलब है कि संघ, केंद्रीय भाजपा संगठन, प्रदेश संगठन और निजी एजेंसियों के सर्वे में भाजपा के खिलाफ प्रदेश में जबर्दस्त एंटी इनकम्बेंसी है। आज की स्थिति में भाजपा के आधे से अधिक विधायक जीतने की स्थिति में नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने इसी का फायदा उठाने की रणनीति बनाई है। गौरतलब है कि प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। सरकार सबकुछ जाते हुए भी इन्हें गौण रखे हुए है। ऐसे में आप इन मुद्दों को भुनाने के लिए रणनीति बना चुकी है। गौरतलब है कि दिल्ली और पंजाब में अपने आकर्षक सौगातों से आप ने देशभर में माहौल बनाया है। पार्टी के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि इसका फायदा मप्र में मिलेगा।
127 में से 80 के कटेंगे टिकट
भाजपा सूत्रों के अनुसार मप्र में गुजरात फॉर्मूला अपनाएं जाने की संभावना बढ़ गई है। गुजरात में भाजपा ने 40 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए थे। नतीजे आए तो भाजपा ने कुल सीटों में से 86 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। गुजरात के ऐतिहासिक नतीजों के बाद मप्र के विधानसभा चुनाव में गुजरात फॉर्मूला अपनाया जाने के आसार लग रहे हैं। अगर गुजरात फार्मूला अपनाया जाता है तो यहां पर मौजूदा 127 में से 80 विधायक के टिकट पर तलवार लटक जाएगी। सूत्रों का कहना है कि टिकट कटने की संभावना को देखते हुए भाजपा के कई विधायक अभी से आप के संपर्क में आ गए हैं। इनके अलावा भाजपा के करीब एक सैकड़ा टिकट के दावेदार भी आप से नजदीकी बढ़ा रहे हैं।
बागियों के लिए मुफीद आप
गुजरात विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी मप्र में इस बार राजनीतिक दलों के गणित बिगाडऩे में कामयाब हो सकती है। गुजरात में इस पार्टी को 13 प्रतिशत वोट मिले हैं। प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनावों में आप ने अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्शा दी है। सिंगरौली में उसने मेयर पद पर जीत दर्ज की तो ग्वालियर नगर निगम में भी उसके प्रत्याशी ने चालीस हजार से अधिक मत हासिल किए। यही नहीं नगर परिषदों, नगरपालिका और नगर निगमों में उसने साठ से अधिक पार्षद के पदों पर भी जीत दर्ज की है। प्रदेश में आप इस बार दोनों दलों के बागियों के लिए मुफीद हो सकती है। आप उन स्थानों पर समीकरणों को प्रभावित करेगी जहां जीत हार का फासला दो से तीन फीसदी वोटों का रहता है। पिछली बार के विधानसभा चुनाव में 44 सीटों पर तीन प्रतिशत से कम, 30 सीटों पर दो और 16 सीटों पर जीत का अंतर एक फीसदी से भी कम वोटों का रहा था। ऐसे में बागियों की आश्रय स्थली आप बन सकती है। ये बागी जीत भले ही न पाएं पर चुनावी गणित को जरूर उलट- पलट सकते हैं।
सर्वे से उड़ी नींद
पार्टी द्वारा अपने विधायकों की छवि और जीत की संभावनाओं को लेकर तीन सर्वे कराए गए हैं। इन सर्वे के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों से वन टू वन करके बता रहे हैं। संगठन सूत्रों की मानें तो इस सर्वे में करीब साठ विधायकों को लेकर एंटीइनकमबेंसी की बात सामने आई है। यही वजह है कि सीएम शिवराज सिंह उन्हें कमियों को समय रहते ठीक करने की नसीहत दे रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के दिग्गज नेता क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद चुनावी रणनीति और टिकट वितरण के फॉर्मूले को लेकर लगातार मंत्रणा कर रहे हैं। इन बैठकों में केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से दी गई गाइडलाइन को लेकर भी चर्चा हो रही है। यह भी संकेत मिल रहे हैं कि जल्द होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में कई मंत्रियों का पत्ता कट सकता है।
लगातार जीत रहे विधायकों के टिकट खतरे में
अगले चुनाव को लेकर अटकलों ने प्रदेश भाजपा नेताओं की नींद उड़ा कर रख दी है। गुजरात फॉर्मूला प्रदेश में लागू हुआ तो पिछले कई बार से लगातार चुनाव जीत रहे विधायकों के टिकट खतरे में पड़ सकते हैं। चिंता में वे मंत्री भी हैं जो 2003 से लगातार मंत्रिमंडल में किसी न किसी कारण से जमे हैं। नेताओं की चिंता का कारण भी वाजिब है, दिल्ली में इस समय जो नेतृत्व है, वह चौंकाने वाले सख्त फैसलों के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि चुनाव से एक साल पहले ही टिकट को लेकर इन नेताओं के मन में अनिश्चितता के बादल घुमडऩे लगे हैं।
भाजपा नेताओं की निगाहें दिल्ली की तरफ
गुजरात के नतीजों से उत्साहित भाजपा अब अन्य राज्यों में भी इस प्रयोग को दोहराने पर विचार कर रही है। मप्र के विधानसभा चुनावों में अभी 10 महीने का समय बचा है। लिहाजा जल्द मप्र में भी नया राजनीतिक प्रयोग दिल्ली की प्रयोगशाला से देखने मिले तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। अब प्रदेश भाजपा नेताओं की निगाहें दिल्ली की तरफ लगी हैं। दरअसल, केन्द्रीय नेतृत्व ने कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। ये बिंदु हैं अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर क्या रणनीति तैयार की है। कौन से क्षेत्रों में कितनी मेहनत की जरूरत है। वोट शेयर बढ़ाने के लिए केन्द्र के निर्देश पर शुरू किए गए अभियान के अब तक क्या परिणाम दिख रहे हैं। बूथस्तर तक क्या तैयारी है। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही फ्लैगशिप योजनाओं से कितने हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। संगठन इनसे किस तरह व्यक्तिगत सम्पर्क कर वोट बैंक बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। 2018 की तुलना में इस बार परिस्थितियों में क्या अंतर आया है। कांग्रेस किन क्षेत्रों में ज्यादा मजबूत दिख रही है।
मप्र में इस साल होगा मॉडर्न बजट
8 Feb, 2023 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश का बजट इस साल मॉडर्न बजट होगा। यह बजट अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला होगा। जिसमें विकास और जन-कल्याण पर जोर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश का बजट तैयार करने संबंधी प्रस्तुतिकरण में शामिल हुए। जिसमें विकास, कृषि और ग्रामीण आदि बिंदुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। इस साल बजट में आदिवासियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार दिलाने की हमारी प्राथमिकता होगी। 48 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि अधो-संरचना विकास पर खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश भारत सरकार के बजट में प्रावधानों का अधिकतम लाभ उठाने की रहेगी। प्रदेश में चार टूरिस्ट सर्किट विकसित होंगे। इसके लिए वित्तीय वर्ष में 400 करोड़ रुपये खर्ज किए जाएंगे। बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र इस बार एक महीने का रहेगा। बजट सत्र 27 फरवरी से 27 मार्च तक चलेगा। हालांकि शनिवार-रविवार और होली की छुट्टी भी रहेगी। सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि इस साल के आखिरी में चुनाव है।
खास बात ये है कि, मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का खास फोकस सूबे के आदिवासी समुदाय पर हैं। ऐसे में चुनावी साल के चलते इस साल बजट में आदिवासियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि, ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार दिलाने की हमारी प्राथमिकता होगी। 48 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि अधो - संरचना विकास पर खर्च करने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि, इस बजट के माध्यम से हमारी कोशिश भारत सरकार के बजट में प्रावधानों का अधिकतम लाभ उठाने की भी रहेगी। प्रदेश में चार टूरिस्ट सर्किट विकसित होंगे। इसके लिए वित्तीय वर्ष में 400 करोड़ रुपए खर्ज किए जाएंगे।
शराब दुकानों के रेट 20 के बजाय 10 प्रतिशत बढ़ाएगी सरकार
8 Feb, 2023 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के विरोध को लेकर इस साल की शराब पॉलिसी अधर में पड़ी हुई है। कैबिनेट की बैठक में पॉलिसी को लेकर अंतिम मुहर लगना है, लेकिन पॉलिसी कब घोषित होगी, इसका जवाब अधिकारियों के पास भी नहीं है। इस बीच खबर सामने आ रही है कि सरकार दुकानों की लाइसेंस फीस में कमी कर इसे 10 प्रतिशत वृद्धि तक ला सकती है। पिछले कई सालों से शराब दुकानों के ठेके 20 से 25 प्रतिशत लाइसेंस फीस बढ़ोतरी पर दिए गए हैं। सरकार ने पिछले साल शराब दुकानों के मामले में लाइसेंस फीस तो बढ़ा दी थी, लेकिन एक्सााइज ड्यूटी कम कर दी थी। पिछले कई सालों से लाइसेंस फीस में अनाप-शनाप वृद्धि को लेकर कई शराब ठेकेदारों ने तो यहां ठेके लेना ही बंद कर दिया है और कई दूसरे प्रदेशों में चले गए हैं। सरकार हर साल लाइसेंस फीस में वृद्धि करती है और यह वृद्धि होते-होते 25 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इस चक्कर में कई दुकानें घाटे का सौदा साबित हो जाती हैं, लेकिन सरकार अब ऐसी पॉलिसी तय कर रही हैं, जिसको लेकर ठेकेदार भी नाराज न हो और शराब के दामों में वृद्धि न हो, वहीं उमा भारती के विरोध के कारण नई शराब दुकान नहीं खुलने, लेकिन राजस्व में बढ़ोतरी हो, इस पर भी विचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट की बैठक में जल्द ही आबकारी नीति का नया प्रारूप लाया जा सकता है। यह लाइसेंस फीस 10 प्रतिशत रखी जा सकती है। इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है। कुछ ठेकेदार तो लाइसेंस फीस कम होने को भी घाटे का सौदा बता रहे हैं। पिछले साल खोली गई कम्पोजिट शराब दुकानों के कारण दुकानों से बिक्री कम हो गई है, लेकिन सरकार के राजस्व पर कोई असर नहीं पड़ा।
निधि की राशि खर्च करने में नहीं है माननीयों की रुचि
8 Feb, 2023 10:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । हमेशा अपनी निधि बढ़ाने की मांग करने वाले माननीयों द्वारा मौजूदा दौर में मिलने वाली राशि हर साल आधी अधूरी ही खर्च की जाती है। अब जग चुनावी साल है, लेकिन अब भी उन्हें अपनी निधि में मिली राशि खर्च करने की चिंता नहीं है। शायद सही वजह है कि इस वित्त वर्ष के दसे माह में भी हमारे माननीय अपनी निधि का आधा पैसा भी खर्च नहीं कर पाए हैं। ऐसा नही है कि इस तरह की स्थिति किसी एक दल के सदस्यों की है, बल्कि लगभग सभी दलों के विधायकों की निधि की है। माना जा रहा है कि अब शेष बची हुई राशि को अब लैप्स होने से बचाने के लिए आनन-फानन में खर्च किया जाएगा, जिससे निधि के दुरुपयोग होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसकी वजह है विभागों को जब कामों के लिए इस निधि का पैसा मिलेगा तो उन पर उसे समय सीमा में खर्च करने की मजबूरी होगी। यह राशि भी अब चुनावी जोड़-तोड़ के हिसाब से खर्च की जाएगी। अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में विधायकों को मिलने वाली निधि में से इस साल के दस माह मे महज 269 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए हैं। खास बात यह है कि इस मामले में गैर आरक्षित विधायक अधिक कंजूस बने हुए हैं। इसके उलट एससी और एसटी सीटों से चुनकर आने वाले विधायक जनता की भलाई के लिए इस मद से राशि खर्च करने में अधिक सक्रिय बने हुए हैं। इसकी वजह मानी जा रही है भाजपा संगठन और पार्टी की सरकार का आदिवासी बहुल क्षेत्रों में अधिक फोकस किया जाना। चुनावी साल होने की वजह से अब भाजपा व कांग्रेस दोनों का आरक्षित सीटों पर अधिक फोकस है, जिसकी वजह से ऐसे क्षेत्रों में बीजेपी के साथ कांग्रेस के विधायक भी अपने स्तर पर सक्रिय हैं। इसमें शहडोल, डिंडोरी, मंडला, अलीराजपुर और झाबुआ जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र शामिल हैं, और अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में भिंड, मुरैना, बहुल क्षेत्रों में भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, रीवा और रायसेन शामिल है। हर साल इन विधायकों को 372.50 करोड़ रुपए मिलते है जिसमें से 369.14 करोड़ रुपए का बजट दिया गया। इसके विपरीत सामान्य कैटेगरी के एमएलए सिर्फ 162.53 करोड़ रुपए ही अपने क्षेत्र की जनता को विकास कार्यों के लिए दी गई है। इसी तरह एसटी कैटेगरी के विधायकों के लिए 117.50 करोड़ रुपए हर वित्त वर्ष में दिए जाते हैं। जिसमें से 61.57 करोड़ रुपए ही इनके द्वारा खर्च किए गए हैं। एससी कैटेगरी के विधायकों को 87.50 करोड़ रुपए मिलते हैं जिसमें से 45 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में एसटी की 47 और एससी कैटेगरी की 35 सीटें आरक्षित हैं। हैं। बाकी विधानसभा क्षेत्र सामान्य कैटेगरी के लिए आरक्षित हैं।
यह है योजना
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना को वर्ष 1999- 2000 में आरम्भ किया गया है। यह योजना माननीय विधायकों को स्थानीय विकास के साथ प्रभावी ढंग से जोडऩे की दृष्टि से भी आरम्भ की गई है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों से विकास कार्यों के विकेन्द्रीकरण के उद्देश्य की पूर्ति से भी प्रेरित है ।
ऐसा है खर्च का गणित
क्षेत्र विधायक निधि की राशि खर्च करने के लिए विधायकों को कुल 577.50 करोड़ रुपए मिलते हैं। चालू वित्त वर्ष में अब तक 574.10 करोड़ रुपए का बजट जारी किया जा चुका है। इसमें से महज 269.10 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए हैं। अब इस वित्त वर्ष की समाप्ति के 65 दिन ही शेष बचे हैं। अगर देखें तो सामान्य कैटेगरी के विधायक 206.61 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं कर सके हैं। ऐसे में प्रदेश के सभी 230 विधायकों को मिलने वाले विधायक निधि के बजट का पचास फीसदी हिस्सा भी अब तक जनता के हित में खर्च नहीं किया गया है।
सड़क हादसों का प्रदेश बना मप्र
8 Feb, 2023 10:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मप्र सड़क हादसों का प्रदेश बन गया है। सरकार के प्रयासों के बाद भी देश में रोड एक्सीडेंट के मामले में मप्र दूसरे नंबर पर है। ओवरस्पीड और लापरवाही की वजह से सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है। जबकि सड़क दुर्घटना में मृत्यु में चौथा स्थान है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 और 2021 में हुई सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो तमिलनाडु के बाद मप्र दूसरे स्थान पर है। मप्र में वर्ष 2020 में 45266 और 2021 में 48877 दुर्घटनाएं हुईं। देश में 3.54 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.33 लाख लोगों जान चली गयी। इनमें 56.6 प्रतिशत मौतें ओवरस्पीड की वजह से हुईं। साथ ही 26.4 प्रतिशत मौतें ड्राइवर की लापरवाही और ओवरटेक करने की वजह से हुईं।
हर 10 मिनट में एक दुर्घटना
मप्र में सड़क सुरक्षा को लेकर हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है। वहीं साल भर जागरूकता कार्यक्रम चलते रहते हैं। इसके बाद भी प्रदेश में हर 10 मिनट में एक दुर्घटना हो रही हैं। वहीं 43 मिनट में एक मौत हो रही है। देश में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में मप्र चौथे तरह समय की बात की जाए तो मरने वाले दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे और शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच होने वाली दुर्घटनाएं हैं। इनमें 71 फीसदी 18 से 45 साल के लोग हैं, जिनकी सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई है। यह आंकड़ा वर्ष 2021 में हुई सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर सामने आया है। प्रदेश के जिलों की बात की जाए तो सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं जबलपुर, इंदौर (शहर), भोपाल (शहर) के बाद धार में बीते वर्ष में हुई हैं। प्रदेश भर में विभागवार ब्लैक स्पॉट में एनएचएआई के 155, एमपीआरडीसी के 140, पीडब्ल्यूडी (एनएच) के 60 हैं। प्रदेश में कुल 395 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस विभाग या अन्य विभागों द्वारा सड़क सुरक्षा या यातायात के नियमों के बारे में लोगों को जागरूक नहीं किया गया, लेकिन लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं और उसमें मरने वालों की संख्या चिंताजनक है।
ओवर स्पीड और लापरवाही से बढ़े हादसे
देशभर में ओवर स्पीड और लापरवाही की वजह से 83 फीसदी लोगों की सड़क हादसों में जान गई है। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना भी सड़क हादसे की मुख्य वजह बन गई है। इसलिए ट्रैफिक नियमों को अब शिक्षा के साथ पढ़ाया जा रहा है। लोगों को जागरुक किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस नियम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ चालान काटती है। लेकिन इसके बावजूद भी ओवर स्पीड और लापरवाही की वजह से सबसे ज्यादा मौत हो रही हैं। वर्ष 2021 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 5742 दो पहिया वाहन चालकों की मौत हुई है। इनमें 4199 ऐसे चालक थे जिन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से दो पहिया वाहन चालक को हेलमेट लगाना भी जरूरी माना गया है। यदि तीन साल यानी वर्ष 2020, 2021 और 2022 के सड़क दुर्घटनाओं पर नजर डाली जाए तो साल दर साल घायल और मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है। जोकि गंभीर है। वर्ष 2020 में जहां सड़क दुर्घटनाएं 45266 थीं, वर्ष 2022 में बढ़कर 54432 पहुंच गई।
सड़क हादसे 11 प्रतिशत बढ़े, बीते साल 13427 लोगों की गई जान
7 Feb, 2023 09:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश की सड़कें अच्छी होने, हर जगह प्रकाश की व्यवस्था और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने की बात सरकार करती है, लेकिन बेहद दुखद है कि प्रदेश में सड़क हादसों में घायल और जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हाल ही में तैयार पुलिस मुख्यालय की सड़क हादसों की रिपोर्ट में सामने आया है कि 2022 में 54 हजार 432 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 13427 लोगों की मौत हो गई। यह पिछले छह साल में सर्वाधिक है। दुर्घटनाओं और मृतकों की संख्या 2022 में 2021 की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक रही। बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को राज्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है। इसके पहले गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने पिछले सप्ताह बैठक लेकर प्रदेश में चिन्हित ब्लैक स्पाट्स को खत्म करने और नए की पहचान करने को कहा था, जिससे प्रदेश में सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। प्रदेश में अभी 395 ब्लैक स्पाट हैं। ज्यादा हादसे होने की वजह से इन्हें चिह्नित किया गया है। इनमें सड़क निर्माण की खामियां, अंधेरा, सड़कों में गड्ढे आदि शामिल हैं। संबंधित विभागों के साथ मिलकर ब्लैक स्पाट्स को दूर किया जाता है।
वर्ष-- दुर्घटनाएं घायल मृतक
2017--53,399--57,532--10, 177
2018-- 51,397-- 54,662-- 10, 706
2019-- 50,669-- 52,816-- 11, 249
2020--45,266-- 46,456--11, 141
2021-- 48,877-- 48, 956-- 12,057
2022-- 54,432 -- 13, 427-- 55,168
इनका कहना है
ब्लैक स्पाट्स खत्म करने का काम लगातार चल रहा है। सभी संबंधित विभाग सहयोग कर रहे हैं। अद्यतन रिपोर्ट अभी आनी है। इसमें ब्लैक स्पाट्स की संख्या और कम होने की उम्मीद है। हादसे रोकने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
- जी जर्नादन, एडीजी, पुलिस ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट
मध्य प्रदेश में नई नीति आने तक वर्तमान आइटी नीति रहेगी प्रभावी
7 Feb, 2023 09:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में आइटी के क्षेत्र में निवेश करने वालों को वर्तमान आइटी नीति के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्तमान नीति को जारी रखने का निर्णय लिया गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई नीति तैयार कर रहा है। वहीं, पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं को नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 के प्रविधानों का लाभ दिया जाएगा। प्रदेश में लागू आइटी नीति की वैधता दिसंबर, 2021 तक थी। इस अवधि को मार्च, 2023 तक बढ़ाना प्रस्तावित किया गया था, इसका मुख्यमंत्री ने अनुमोदन भी कर दिया था। सोमवार को कैबिनेट बैठक में इसे स्वीकृति दी गई। वहीं, ऊर्जा क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए स्टोरेज आधारित परियोजनाओं को नीति में मान्य किया गया है। इसी कड़ी में पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन तथा निविदा प्रक्रिया संपादित करने का निर्णय लिया गया। इसमें नवकरणीय ऊर्जा नीति के प्रविधान के अनुसार विद्युत शुल्क और ऊर्जा उपकरण में छूट, स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति, पंजीकरण सह सुविधा शुल्क में छूट और शासकीय भूमि उपलब्ध कराने का लाभ दिया जाएगा। बैठक में स्टेट डाटा सेंटर के विस्तार के लिए 161 करोड़ 95 लाख रुपये, हाई कोर्ट जबलपुर के परीक्षा प्रकोष्ठ के लिए 20 पदों का सृजन और नर्सिंग महाविद्यालयों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के लिए 37 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई ।
जीताऊ नेताओं को ही टिकट देगी कांग्रेस
7 Feb, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव में महज नौ माह का ही समय रह गया है, ऐसे में भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। यही वजह है कि क्षेत्रवार जमीनी हकीकत पता करने के लिए दोनों ही दलों द्वारा अब तक अपने स्तर पर अलग-अलग सर्वे कराए जा चुके हैं, लेकिन इससे हटकर अब कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायकों को ही यह जिम्मा सौंप दिया है। इसकी वजह है टिकट कटने पर पार्टी विधायक किसी तरह के आरोप न लगा सकें। यही वजह है कि प्रदेश संगठन ने अब अपने विधायकों से खुद ही सर्वे कराने को कहा है जिससे की उन्हें अपनी वास्तविकता का पता चल सके।अब तक इस तरह के समय -समय पर कमलनाथ द्वारा खुद ही सर्वे कराए जाते रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस विधानसभा चुनाव में अपनी जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए सभी पहलुओं पर काम कर रही है। इसके तहत कांग्रेस पार्टी की कमजोर सीटों पर लगातार सर्वे करा रही है। कमलनाथ ने अपने विधायकों को खुद ही अपना आंकलन करने के लिए कहा है। इस सर्वे के जरिए पता लगाया जाएगा कि मौजूदा कांग्रेस विधायक चुनाव जीतने के लिए कितने फिट हैं। 2018 के मुकाबले उनकी स्थिति मजबूत हुई है या कमजोर। वे आगामी चुनाव में जीत दर्ज कर सकते हैं कि नहीं। इसके आधार पर समय रहते कांग्रेस विधायक क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाएंगे और सर्वे में सामने आने वाली कमजोरी को दूर करेंगे। इसके बाद भी अगर हालात नहीं सुधरते हैं तो फिर अंतिम विकल्प के रुप में प्रत्याशी बदला जाएगा।
पूर्व में भी कराए गए हैं सर्वे
कमलनाथ ने इससे पहले अप्रैल-मई 22 में एक सर्वे कराया था। इसमें विधायकों के कामकाज का मूल्यांकन किया गया था। क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर विधायक ने कितनी आवाज उठाई। जनता को कितना वक्त दिया। सोशल मीडिया पर कितने एक्टिव रहे। दूसरे सर्वे में विधायक की लोकप्रियता की जमीनी हकीकत देखी गई। यानी क्षेत्र की जनता उन्हें आगे भी अपना प्रतिनिधि बनाए रखना चाहती है या नहीं? यदि हां तो क्या वजह है और नहीं तो क्या कारण हैं। दूसरे सर्वे में पहले सर्वे के बाद विधायकों की स्थिति में बदलाव का आंकलन भी कराया गया था। कांग्रेस का एक और फाइनल सर्वे अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है। कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में सर्वे एजेंसी आम लोगों से जानकारी जुटाती है कि विधायक ने जनता को कितना समय दिया। विधायक गांवों के दौरे पर जाते हैं या नहीं? जाते भी हैं तो क्या वे जनता से मिलते हैं? सर्वे में देखा जाता है कि क्षेत्र में नागरिकों के सुख-दुख में विधायक शामिल होते हैं या नहीं? पार्टी से भी विधायक की गतिविधियों की जानकारी ली जाती है। देखा जाता है कि विधायक बूथ कमेटी स्तर पर कार्यकर्ता से संपर्क में हैं या नहीं? इसके अलावा सोशल मीडिया पर विधायक की सक्रियता सर्वे में दर्ज की जाती है। उम्मीदवारी को लेकर भी प्रश्न होते हैं। इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है।
जारी रहेगा नाथ का सर्वे
पार्टी के विधायकों द्वारा अपने स्तर पर सर्वे कराने के अलावा कमलनाथ द्वारा भी अपने स्तर पर सर्वे कराया जाएगा। सर्वे और संगठन स्तर पर रायशुमारी के बाद आगामी चुनाव में टिकट का फैसला किया जाएगा। हालांकि अभी तक यह तय नहीं है कि मौजूदा विधायकों में से किस-किस को टिकट दिए जाएंगे, लेकिन माना जा रहा है कि मौजूदा विधायकों के टिकट कटना मुश्किल है। यह बात अलग है कि विधायकों से कराए जा रहे सेल्फ अस्सिमेंट से टिकट वितरण की मुश्किल दूर हो जाएगी। बाद में टिकट कटने पर पार्टी को बहुत ज्यादा नाराजगी का सामना नहीं करना होगा। इस मामले में पूर्व मंत्री व विधायक जीतू पटवारी का कहना है कि यह 100 फीसदी सही है। वैसे भी हर जनप्रतिनिधि को क्षेत्र में अपनी स्थिति पता होती है। वह हर समय क्षेत्र में सक्रिय रहता है, वैसे भी चुनाव में विधायक की जो भी हकीकत होती है, वह सामने आ जाती है।
यह आयी थी सर्वे रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस इस बार कई सीटों पर 6 महीने पहले ही कैंडिडेट घोषित करने वाली है। पार्टी ने प्रदेश की 230 सीटों पर दूसरा इंटरनल सर्वे करा लिया है। सर्वे की अंतिम रिपोर्ट इसी माह आने वाली है। कांग्रेस ने मौजूदा 95 विधायकों में 37 विधायक और 17 पूर्व मंत्रियों की ग्राउंड स्थिति मजबूत पाई है। इन्हें चुनावी तैयारी करने के लिए भी कह दिया गया है। शेष 41 सीटों पर पार्टी विधायकों को अधिक सक्रिय होने और अपनी पकड़ मजबूत करने को कहा गया है।