व्यापार
"फंड का प्रदर्शन और ट्रैक रिकॉर्ड: सही इंडेक्स फंड की पहचान कैसे करें"
7 Sep, 2024 06:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
निवेश के लिए निवेशक सबसे पहले यह देखता है कि कहां कम रिस्क है। इसके लिए वह कई ऑप्शन के बारे में रिसर्च भी करवाते हैं। अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आप कन्फ्यूज रहते हैं कि आपको कौन-से इंडेक्स फंड में निवेश करना चाहिए। सही इंडेक्स फंड सेलेक्ट करने में कई बार निवेशकों को काफी परेशानी का सामना करन पड़ता है। दरअसल, इंडेक्स फंड को ट्रैक करने के लिए आज कई ऑप्शन हैं। ऐसे में सवाल है कि निवेशक को सही इंडेक्स फंड सेलेक्ट करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इंडेक्स फंड सेलेक्ट करने से पहले आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
एक्सपेंस रेशियो
आपको यह जरूर देखना चाहिए कि आप जिस फंड में निवेश कर रहे हैं उसका एक्सपेंस रेश्यो कितना है। एक्सपेंस रेश्यो एक तरह का चार्ज है जो म्यूचुअल फंड हाउस इन्वेस्टर्स से लेता है। अगर कंपनी कम फीस लेती है तो इसका मतलब है कि निवेशकों को ज्यादा लाभ होने की संभावना है।
कम निवेश में ज्यादा रिटर्न
आपको उस फंड में निवेश करना चाहिए जिसमें कम खर्च हो यानी कम फीस लगे। कम खर्च वाले फंड में आपको रिटर्न से सही तरीके से फायदा होगा।
ट्रैकिंग एरर
जब इंडेक्स फंड और बेंचमार्क इंडेक्स के परफॉर्मेंस के बीच में अंतर होता है तो इसे ट्रैकिंग एरर कहते हैं। ऐसे में सही इंडेक्स फंड सेलेक्ट करते समय आपको यह देखना जरूर है कि किस फंड का ट्रैकिंग एरर कम है। जिस फंड का ट्रैकिंग एरर कम होता है आपको वह सेलेक्ट करना चाहिए। दरअसल, इससे पता चलता है कि फंड बेंचमार्क इंडेक्स को सही तरह से ट्रैक कर रहा है।
निवेश से पहले रखें ध्यान
इंडेक्स फंड में उन निवेशकों को निवेश करना चाहिए जो शेयर बाजार से जुड़ी जटिलता से बचना चाहते हैं।
इंडेक्स फंड एक स्पेशल इंडेक्स को ट्रैक करता है। ऐसे में निवेशक को शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता कम होती है।
इस फंड में स्टॉक मार्केट की तुलना में जोखिम कम होता है। यह फंड पूरे इंडेक्स को डायवर्सिफाइड तरीके से ट्रैक करता है।
इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो बाकी एक्टिव फंड की तुलना में कम होता है। कम एक्सपेंस रेश्यो होने की वजह से निवेशक को काफी अच्छा रिटर्न मिलता है।
निवेश के वक्त रहें सावधान
अगर आप इंडेक्स फंड में निवेश करने का सोच रहे हैं तो बता दें कि यह फंड भी उन निवेशकों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है जो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना पसंद करते हैं। हालांकि, इस फंड में निवेशक पूरी तरह इक्विटी में निवेश करता है ऐसे में रिस्क भी रहता है। बाजार के उतार-चढ़ाव का असर फंड पर पड़ता है। ऐसे में इस फंड में उन निवेशकों को पैसा लगाना चाहिए जो रिस्क ले सकते हैं।
बायजू संकट: BDO ने बायजू के ऑडिटर पद से इस्तीफ़ा क्यों दिया? ऑडिटर के इस्तीफ़े का क्या असर होगा?
7 Sep, 2024 04:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
BDO, जिसे एक साल पहले Byju’s के ऑडिटर के रूप में नियुक्त किया गया था, ने एडटेक फर्म के भीतर बढ़ते मुद्दों के कारण इस्तीफा दे दिया है, जिसमें अपर्याप्त पारदर्शिता और प्रबंधन टीम से सहयोग का हवाला दिया गया है। BDO के इस्तीफे के जवाब में, Byju’s के संस्थापकों, Byju Raveendran और दिव्या गोकुलनाथ ने फर्म की आलोचना की है, प्रक्रियागत कमियों का आरोप लगाया है और इस्तीफे को "पलायनवादी" रणनीति करार दिया है।
Byju’s ने BDO के इस्तीफे की वैधता पर सवाल उठाते हुए एक मजबूत बयान जारी किया, विशेष रूप से कंपनी की दिवालिया स्थिति और इस्तीफा सौंपे जाने के समय इसके बोर्ड के निलंबन के मद्देनजर। संस्थापकों ने, शेष बोर्ड सदस्य रिजू रवींद्रन के साथ, इस बात पर जोर दिया कि मध्य पूर्व में कुछ लेनदेन के बारे में स्पष्टीकरण के लिए BDO का अनुरोध 17 जुलाई को किया गया था, कंपनी के दिवालिया होने के तुरंत बाद, जिससे निलंबित बोर्ड जवाब देने या नया ऑडिटर नियुक्त करने में असमर्थ हो गया।
उन्होंने तर्क दिया कि दिवालियापन के बाद प्राप्त नोटिस पर कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए निलंबित बोर्ड को दोषी ठहराना निराधार, पलायनवादी है, और इसमें कानूनी योग्यता का अभाव है, विशेष रूप से 45-दिन की समय-सीमा के भीतर अपर्याप्त प्रतिक्रियाओं के बारे में BDO के दावे के आलोक में।
एक दिन बाद, बायजू ने बताया कि BDO ने निलंबित बोर्ड को ऐतिहासिक लेन-देन, विशेष रूप से मध्य पूर्व में बायजू के संचालन के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के लिए एक ईमेल भेजा था, और चेतावनी दी थी कि 45 दिनों के भीतर प्रतिक्रिया न मिलने पर उनका इस्तीफा हो सकता है।
6 सितंबर को, BDO ने आधिकारिक तौर पर इस्तीफा दे दिया, जिसमें अनुरोधित स्पष्टीकरणों को संबोधित करने में बोर्ड की विफलता का हवाला दिया गया। वर्तमान बोर्ड को लिखे एक पत्र में, जिसमें केवल संस्थापक का परिवार शामिल है, BDO ने कंपनी की पारदर्शिता के बारे में चिंता व्यक्त की, एक आलोचना जिसे पिछले लेखा परीक्षकों ने भी दोहराया था।
बीडीओ ने कहा कि वित्त वर्ष 22 के लिए ऑडिट पूरा करने के बावजूद उसे वित्त वर्ष 23 के लिए ऑडिट को अंतिम रूप देने के लिए कोई समर्थन नहीं मिला। उसने कहा कि ऋणदाताओं के साथ चल रहे मुकदमे के कारण कुछ सहायक कंपनियों पर उसका नियंत्रण खत्म हो गया है, जिससे उनके वित्तीय रिकॉर्ड तक पहुँच में बाधा आ रही है।
संस्थापकों ने तर्क दिया कि बीडीओ के दावे भ्रामक हैं। उन्होंने दावा किया कि अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) ने 45 दिनों की अवधि के दौरान कंपनी के संचालन का प्रबंधन किया था। उन्होंने बीडीओ पर ब्लैकमेल करने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया।
मैक्स फाइनेंशियल में 3.18 फीसदी हिस्सेदारी 1,218 करोड़ में बिकी
7 Sep, 2024 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज की प्रवर्तक कंपनी मैक्स वेंचर्स इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स ने गुरुवार को खुले बाजार में लेनदेन के जरिये कंपनी में 3.18 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,218 करोड़ रुपये में बेच दी। मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमएफएसएल) के पास मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का स्वामित्व है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर थोक सौदों के बारे में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मैक्स वेंचर्स इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स ने नोएडा स्थित मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज में 3.18 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर कुल 1,10,00,000 शेयर बेच दिए। इन शेयरों का निपटान 1,107.37 रुपये प्रति शेयर के औसत मूल्य पर किया गया। इस तरह लेनदेन का कुल मूल्य 1,218.11 करोड़ रुपये हो गया। इस हिस्सेदारी बिक्री के बाद एमएफएसएल में प्रवर्तकों की संयुक्त हिस्सेदारी 6.52 प्रतिशत से घटकर 3.34 प्रतिशत रह गई है। हालांकि मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयरों के खरीदारों का विवरण पता नहीं चल सका।
अमेजन इंडिया का निर्यात इस साल 13 अरब डॉलर के पार होगा: कंपनी अधिकारी
7 Sep, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का निर्यात कार्यक्रम अमेजन ग्लोबल सेलिंग वर्ष 2024 के आखिर तक भारत से होने वाले कुल ई-कॉमर्स निर्यात में 13 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर जाएगा। अमेजन इंडिया के एक वैश्विक कारोबारी ने कहा कि कंपनी वर्ष 2025 तक अपने 20 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में निर्यात कार्यक्रम की शुरुआत होने के बाद से दुनिया भर के ग्राहकों को 40 करोड़ से अधिक भारत-निर्मित उत्पाद बेचे जा चुके हैं। उन्होंने अमेजन की वार्षिक निर्यात रिपोर्ट के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि जब हमने शुरुआत की थी, तो हमने 2025 तक छोटे एवं मझोले कारोबारों से होने वाले कुल निर्यात में 10 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा था। साल 2020 में हमने इस लक्ष्य को दोगुना कर 20 अरब डॉलर कर दिया। हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि 2024 के अंत तक हम 13 अरब डॉलर का निर्यात कर चुके होंगे। उन्होंने कहा कि अमेजन को आठ अरब डॉलर (2015-2023) का निर्यात हासिल करने में लगभग आठ साल लगे और सिर्फ एक साल (2023-2024) में ही यह बढ़कर 13 अरब डॉलर होने वाला है। उन्होंने कहा कि पिछले 12 महीनों में अमेजन के विक्रेता कार्यक्रम ने लगभग 50,000 नए विक्रेताओं को जोड़ा है और विक्रेताओं की कुल संख्या 1.50 लाख हो गई है। उन्होंने कहा इन विक्रेताओं ने दुनिया भर के ग्राहकों को कुल मिलाकर 40 करोड़ से अधिक भारत-निर्मित उत्पाद बेचे हैं।
भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 5 महीने के उच्च स्तर पर
7 Sep, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि अगस्त में जुलाई की तुलना में बढ़ गई है। इसमें मार्च के बाद से सबसे तेज बढ़ोतरी देखी गई है। एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जुलाई में 60.3 से बढ़कर अगस्त में 60.9 हो गया। यह मार्च के बाद सबसे तेज विस्तार है। इसे काफी हद तक उत्पादकता लाभ और सकारात्मक मांग के रुझान से समर्थन मिला। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय संकुचन से होता है। एचएसबीसी के एक मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत के लिए समग्र पीएमआई में अगस्त में मजबूत वृद्धि रही जो सेवा क्षेत्र में त्वरित व्यावसायिक गतिविधि से प्रेरित है। इसमें मार्च के बाद से सबसे तेज विस्तार हुआ। यह वृद्धि मुख्य रूप से नए ठेकों खासकर घरेलू ठेकों में वृद्धि से प्रेरित रही। कच्चे माल की लागत में छह महीने में सबसे कम वृद्धि हुई, विनिर्माण तथा सेवा दोनों क्षेत्रों में भी यही रुख देखने को मिला। इससे अगस्त में आउटपुट मूल्य मुद्रास्फीति में कमी आई। सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में शुल्क मुद्रास्फीति की समग्र दर मध्यम रही। जुलाई में देखी गई वृद्धि की तुलना में भी यह वृद्धि धीमी रही। वहीं रोजगार का स्तर मजबूत बना रहा, हालांकि जुलाई की तुलना में नियुक्ति की गति मामूली धीमी रही।
एयरटेल ने सीमित अवधि के लिए फेस्टिव ऑफर्स लॉन्च किया
7 Sep, 2024 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । आगामी त्योहारों के जश्न में, भारत के अग्रणी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में से एक, भारती एयरटेल (एयरटेल) ने आज अपने प्रीपेड ग्राहकों के लिए विशेष ऑफर लॉन्च किए।
यह ऑफर 6 सितंबर 2024 से 11 सितंबर 2024 तक केवल 6 दिनों के लिए वैध है। सीमित अवधि का #फेस्टिवऑफर्स ग्राहकों के लिए तैयार किये गए यह 3 विशेष पैक रु. 979, रु. 1029 और रु. 3599 पर कई लाभ देगाl यह पैक वॉयस, डेटा और ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं के विशेष लाभों से भरे हुए हैं।
सेबी प्रमुख द्वारा बंच पर कांग्रेस का गुर्गा होने का आरोप लगाने के बाद वॉकहार्ट के शेयरों में 5% की गिरावट
6 Sep, 2024 05:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सेबी। 6 सितंबर को वॉकहार्ट लिमिटेड के शेयरों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई, जब कांग्रेस पार्टी ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और फार्मास्युटिकल फर्म से जुड़े संभावित हितों के टकराव के आरोपों के बारे में बताया।
कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि बुच को मुंबई स्थित एक कंपनी से जुड़ी संपत्ति से किराये की आय प्राप्त हुई थी, जो वर्तमान में इनसाइडर ट्रेडिंग सहित विभिन्न मुद्दों के लिए सेबी द्वारा जांच के दायरे में है।
यह ध्यान दिया गया कि माधबी पुरी बुच 2018 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य बन गईं और बाद में उन्होंने अपनी एक संपत्ति को किराए पर दे दिया, जिससे उन्हें वित्तीय वर्ष 2018-19 में 7 लाख रुपये की आय हुई, जो 2019-20 में बढ़कर 36 लाख रुपये और चालू वर्ष में 46 लाख रुपये हो गई।
विचाराधीन संपत्ति वॉकहार्ट से संबद्ध कंपनी कैरोल इन्फो सर्विसेज लिमिटेड को पट्टे पर दी गई थी, जो कई शिकायतों के कारण सेबी द्वारा जांच के दायरे में है।
खेड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि सेबी द्वारा वॉकहार्ट के खिलाफ चल रही जांच, तथा बुच का अध्यक्ष पद, एक महत्वपूर्ण हितों के टकराव को दर्शाते हैं। उन्होंने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस स्थिति को महज हितों के टकराव के बजाय भ्रष्टाचार बताया।
नितिन गडकरी की डिमांड से बढ़ी राज्यों की चिंता—सरकारी खजाने को लग सकता है तगड़ा फटका
6 Sep, 2024 12:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को हटाने की मांग की थी। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में गडकरी ने कहा था कि इस कदम से बीमा कंपनियों पर टैक्स का बोझ कम करेगा और देश में महत्वपूर्ण बीमा उत्पादों की मांग को बढ़ावा मिलेगा। अभी लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18% की दर से जीएसटी लगता है। जीएसटी काउंसिल की सोमवार को होने वाली बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी में कटौती पर चर्चा होगी। लेकिन कई राज्य इसमें कटौती करने के पक्ष में नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें रेवेन्यू खासकर मेडिकल कवर में भारी नुकसान का डर सता रहा है।
सोमवार की बैठक के एजेंडे में ऑनलाइन गेमिंग पर स्थिति रिपोर्ट और शाखाओं पर जीएसटी पर स्पष्टीकरण भी शामिल है। यह एक ऐसा कदम है जिससे इन्फोसिस, विदेशी एयरलाइन्स और शिपिंग कंपनियों को मदद मिलेगी। इन कंपनियों से डीजी जीएसटी इंटेलिजेंस ने जीएसटी की मांग की है। सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। लेकिन जीवन और स्वास्थ्य बीमा दो ऐसे आइटम हैं जिन पर आम लोगों की नजर है। केंद्र और राज्यों के अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति इसस मुद्दे पर किसी आम सहमति पर पहुंचने में विफल रही है। इसकी वजह यह है कि कई राज्य सरकारों को राजस्व में नुकसान का डर है।
विपक्ष की मांग
इसे हटाने के लिए विपक्षी दलों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था। तब सीतारमण ने विपक्षी सांसदों से आग्रह किया था कि वे इस मुद्दे को राज्य सरकारों के साथ भी उठाएं। माना जा रहा है कि प्रीमियम पर कैप लगाने पर सहमति बन सकती है लेकिन अधिकारी किसी आम सहमति पर नहीं पहुंच पाए। यही कारण है कि अब गेंद जीएसटी काउंसिल के पाले में है। संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों (मार्च 2024 तक) के दौरान, केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी के जरिए 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है।
पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान यह कलेक्शन लगभग 8,200 करोड़ रुपये होने का अनुमान था। इसमें से आधा हिस्सा राज्यों को मिलता है। यानी जीएसटी हटने पर उन्हें 4,100 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इसके अलावा उन्हें केंद्रीय जीएसटी का 41% हिस्सा मिलता है। यानी इस पर भी उन्हें नुकसान होगा। एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों के पास अब पहले की तरह कोई सहारा नहीं है। तब वे किसी भी टैक्स कटौती के लिए तैयार रहते थे क्योंकि केंद्र मुआवजा उपकर के जरिए उनके राजस्व घाटे की भरपाई कर रहा था। राजस्व खोने के डर से कई राज्यों ने टैक्स स्लैब स्ट्रक्चर में बदलाव का विरोध किया है। इनमें पश्चिम बंगाल और कर्नाटक शामिल हैं।
हर शेयर पर ₹1,800 से ज्यादा का फायदा दे सकता है टाटा का यह स्टॉक—जानिए पूरी बात
6 Sep, 2024 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टाटा ग्रुप के निवेशकों के लिए गुड न्यूज है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने टाइटन का शॉर्ट टर्म टारगेट प्राइस बढ़ाकर 4,710 रुपये कर दिया है। शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी का शेयर 1.20% गिरावट के साथ 3676.65 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। यानी निवेशकों को हर शेयर पर 1,000 रुपये से ज्यादा का फायदा हो सकता है। नुवामा ने निवेशकों से मौजूदा बाजार मूल्य पर इस स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि इस शेयर का लॉन्ग टर्म मॉडल बुलिश हो गया है। नुवामा ने के मुताबिक कंपनी का शेयर शॉर्ट टर्म में 4,350 रुपये और एक साल में 5,425 रुपये तक जा सकता है। यह इस शेयर की मौजूदा कीमत से करीब 46% ज्यादा है। इस तरह निवेशकों को 1,800 रुपये से ज्यादा का फायदा मिल सकता है।
नुवामा ने एक रिपोर्ट में कहा प्राइस स्ट्रक्चर में सुधार और विजिबल एक्युम्यूलेशन फेज बॉटमिंग प्रोसेस के शुरुआती संकेत हैं। स्टॉक ने शॉर्ट और मीडियम टर्म चार्ट हायर हाई और हायर लो बनाना शुरू कर दिया है। यह अपट्रेंड की बहाली का संकेत देता है। यह स्टॉक 3700 के अहम जोन के करीब पहुंच रहा है और एक तेजी से ब्रेकआउट की उम्मीद है। तीन महीनों में इसने 21%, छह महीने में 33% और 12 महीने में 50% का औसत रिटर्न दिया है।
झुनझुनवाला के पास हिस्सेदारी
दिग्गज निवेशक रेखा राकेश झुनझुनवाला के पास टाइटन के करीब 95.4 लाख शेयर हैं। यह 1% से थोड़ा अधिक इक्विटी शेयरहोल्डिंग के बराबर है। पिछले एक साल में टाइटन के शेयरों में 18.7% की तेजी आई है। यह शेयर गुरुवार को बीएसई पर 3.11% बढ़कर 3,721.40 रुपये पर बंद हुआ था। लेकिन आज शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच टाइटन में भी गिरावट दिख रही है। कारोबार के दौरान यह 3665.00 रुपये तक गिर गया था। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 3,885 रुपये और न्यूनतम स्तर 3,059.00 रुपये है।
Rama Steel के शेयरों में शानदार उछाल: लगातार दूसरे दिन 18% की वृद्धि
6 Sep, 2024 11:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Rama Steel Share Update आज शेयर बाजार में रामा स्टील के शेयर शानदार तेजी देखने को मिली है। कंपनी के शेयर लगातार दूसरे दिन बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। शेयर में आई शानदार तेजी के बाद शेयरहोल्डर्स को काफी फायदा हुआ है। शुरुआती कारोबार में ही रामा स्टील के शेयर 15 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए। आइए जानते हैं कि कंपनी के शेयर में तेजी क्यों आई।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार में बिकवाली भरे कारोबार के बीच रामा स्टील ट्यूब्स के शेयर (Rama Steel Share) में शानदार तेजी आई है। बता दें कि रामा स्टील के शेयर पेन्नी स्टॉक (Penny Stock) है। लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयर शानदार तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।
शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर 10 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए। खबर लिखते वक्त रामा स्टील के शेयर 18.24 फीसदी या 2.53 रुपये चढ़कर 16.40 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
Vodafone Idea के स्टॉक्स में भारी गिरावट: Goldman Sachs की रिपोर्ट के बाद 10% की कमी
6 Sep, 2024 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्टॉक मार्केट के साथ टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया के शेयर (Vodafone-Idea Share) में भी गिरावट देखने को मिली है। 10.45 बजे के करीब बीएसई 800 अंक से ज्यादा गिरकर कारोबार कर रहा है। अगर वोडा-आइडिया के शेयर (Voda-Idea Share) की बात करें तो कंपनी के शेयर एक घंटे की ट्रेडिंग में 10 फीसदी से ज्यादा गिर गए हैं। ब्रोकरेज फर्म द्वारा टारगेट प्राइस कम होने के बाद शेयर में बिकवाली आई।
11 बजे वोडा-आइडिया के शेयर 16.51 फीसदी या 2.29 रुपये की गिरावट 16.16 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है।
कितना कम हुआ टारगेट प्राइस (Vodafone-Idea Share Price Target)
ग्लोबल मार्केट के सबसे बड़े ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने वोडाफोन-आइडिया के शेयर को लेकर रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में फर्म ने शेयर को बेचने (SELL) सलाह दी है। वहीं. शेयर का प्राइस टारगेट को 2.5 रुपये प्रति शेयर कर दिया।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि कंपनी को फंड जुटाने में कोई बड़ा फायदा नहीं होगा। इसके अलावा बाजार में कंपनी अपनी बड़ी हिस्सेदारी भी खो सकता है। अगर वह बड़ी हिस्सेदारी खो देता है तो आने वाले 3 से 4 साल में मार्केट शेयर 3 फीसदी से ज्यादा गिर सकता है।
वोडा-आइडिया शेयर परफॉर्मेंस (Voda-Idea Share Performance)
कंपनी के शेयर की परफॉर्मेंस काफी शानदार नहीं रही है। पिछले 6 महीने में कंपनी के शेयर ने 5.60 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं 5 सितंबर 2023 से आज तक में कंपनी ने निवेशकों को 24.98 फीसदी का पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
Petrol-Diesel Price Today: आज की ताजातरीन कीमतें—फटाफट देखें अपने शहर की दरें!
6 Sep, 2024 11:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 6 सितंबर 2024 (शुक्रवार) के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिये हैं। देश के सभी शहरों में फ्यूल प्राइस अलग होता है। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवाना चाहिए।
आज भी सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं। लेकिन सभी शहरों में दाम अलग हैं। हम आपको इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से बताएंगे कि महानगर और बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price6 September 2024) क्या है?
महानगरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
देश के दूसरे शहरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
NBCC (India) के शेयरधारकों को मिलेगा बड़ा लाभांश—कितना है लाभ? जानिए यहां
6 Sep, 2024 11:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज सितंबर महीने के पहले कारोबारी हफ्ते का आखिरी दिन है। आज शेयर बाजार के निवेशकों के कमाई का आखिरी मौका है। दरअसल, आज कंस्ट्रक्शन सेक्टर की सरकारी कंपनी NBCC (India) Ltd के शेयर एक्स-डिविडेंड पर ट्रेड करेंगे।
एनबीसीसी इंडिया के शेयर के भाव की बात करें को गुरुवार के सत्र में कंपनी के शेयर निफ्टी पर 1.5 फीसदी गिरकर बंद हुए थे।
कितने मिल रहा है डिविडेंड
NBCC (India) ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि वह 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 63 फीसदी का फाइनल डिविडेंड दे रही है। यह डिविडेंड की फेस वैल्यू 1 रुपये प्रति शेयर है यानी कंपनी 0.63 रुपये का डिविडेंड दे रही है।
रिकॉर्ड-डेट के लिए कंपनी ने 6 सितंबर 2024 (शुक्रवार) यानी आज की तारीख निर्धारित की है। अब सवाल है कि डिविडेंड का लाभ किन निवेशकों को मिलेगा? इसका जवाब है आज जिन शेयरधारकों के डीमैट अकाउंट (Demat Account) में एनबीसीसी के स्टॉक होंगे, उन्हें डिविडेंड का लाभ मिलेगा।
कंपनी निवेशकों को रिवॉर्ड के तौर पर डिविडेंड देती है। डिविडेंड कैश, शेयर या फिर अन्य रूप में भी दिया जाता है।
कब-कब दिया है डिविडेंड (NBCC India Dividend History)
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर मौजूद जानकारी के अनुसार कंपनी ने अभी तक 4 बार डिविडेंड दे दिया है।
वर्ष डिविडेंड (रुपये में)
2020 0.135
2021 0.47
2022 0.50
2023 0.54
NBCC शेयर परफॉर्मेंस (NBCC (India) Share Performance)
पिछले कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 1.50 फीसदी या 2.78 रुपये गिरकर 181.99 रुपये पर बंद हुआ। वहीं, कंपनी के शेयर की परफॉर्मेंस की बात करें तो पिछले 1 हफ्ते में कंपनी के शेयर 6 फीसदी से ज्यादा गिर गए। हालांकि, बीते 6 महीने में कंपनी के शेयर में 37 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। अगर पिछले 1 साल की बात करें तो एनबीसीसी के शेयर 205 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए हैं।
आज पाकिस्तानी पायलट का उड़ान पर मजाक: एक समय था जब पाकिस्तान था 'एयरलाइन' वाला इकलौता मुस्लिम देश
5 Sep, 2024 06:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले दिनों पाकिस्तान की एयरलाइन का एक वीडियो काफी वायरल हुआ। इसमें पायलट कॉकपिट में जाने से पहले प्लेन की खिड़की पर कपड़े से पोछा मारता है। जैसा कि आपने कार या ट्रक ड्राइवर को गाड़ी की विंडस्क्रीन साफ करते हुए देखा होगा। इससे कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पाकिस्तानी एयरलाइन का मजाक बनाया कि वह और उसके पायलट आजादी के इतने साल भी कितने पिछड़े हुए हैं।
यह बात काफी हद तक सही भी है कि पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर काफी पिछड़ा हुआ है। एविएशन सेक्टर भी इसका अपवाद नहीं। यही वजह है कि पाकिस्तान का सरकारी विमानन कंपनी ‘पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस’ (PIA) के कई क्रू मेंबर्स 'रहस्यमयी' तरीके से गायब हो जाते हैं। खुद PIA भी इसकी पुष्टि कर चुका है। दरअसल, कनाडा में शरण और उसके बाद नागरिकता लेना बाकी पश्चिमी देशों के मुकाबले आसान है। वहां गायब होने के बाद क्रू मेंबर्स एविएशन इंडस्ट्री में आसानी से करियर बना लते हैं। आइए जानते हैं कि पाकिस्तानी एयरलाइंस का इतिहास कितना पुराना है, इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई?
पाकिस्तान में एयरलाइंस का इतिहास
भारत और पाकिस्तान का आधिकारिक तौर पर विभाजन 14 अगस्त 1947 को हुआ। लेकिन, पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना काफी लंबे वक्त से मजहब के आधार पर अलग मुल्क की मांग कर रहे थे। उन्हें पूरा भरोसा था कि ब्रिटिश हुकूमत और भारत के आला नेताओं को उनकी मांग मानने के लिए मजबूर हो जाएंगे। लिहाजा, वह आजादी से पहले ही अपने 'नए मुल्क' के जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर जुटाने लगे थे। द्वितीय विश्व युद्ध में हवाई जहाजों ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें सैनिकों की आवाजाही और रसद साम्राज्ञी जैसी चीजें शामिल थीं। यात्रियों के आवागमन के लिए भी विमान का चलन बढ़ रहा था, क्योंकि बाकी सभी माध्यमों के मुकाबले काफी तेज थे। यही वजह थी कि जिन्ना आजादी से पहले ही पाकिस्तान के लिए एयरलाइन का बंदोबस्त करने लगे।
पाकिस्तान की पहली एयरलाइन की नींव
जिन्ना ने अपने मकसद को पूरा करने के लिए दो रईस व्यापारियों मिर्जा अहमद इस्पहानी और आदमजी हाजी दाऊद से वित्तीय मदद मांगी। वे दोनों भी मजहब के आधार अलग मुल्क की मांग के हिमायती थे। इन तीनों की कोशिशों से 23 अक्टूबर 1946 को कलकत्ता (कोलकाता) में ओरिएंट एयरवेज का रजिस्ट्रेशन हुआ। यह ब्रिटिश राज में इकलौती मुस्लिम एयरलाइन थी। भारत के पास टाटा एयरलाइंस थी, जिसकी बुनियाद जेआरडी टाटा इससे करीब दो दशक पहले ही रख चुके थे। भारत को आजादी मिलने के बाद जब पाकिस्तान अलग मुल्क बना, तो तीन डगलस डीसी-3 विमानों के बेड़े का संचालन करते हुए ओरिएंट एयरवेज ने नए मुल्क में राहत अभियान शुरू किया। अगले दो साल में ओरिएंट एयरवेज ने कराची को दिल्ली, कलकत्ता और ढाका से जोड़ने वाले मार्गों पर अपने नए कॉनवेयर विमान डिप्लॉय किए। यहां तक ओरिएंट एयरलाइंस के सब ठीक था। उसकी उड़ानों की गिनती बढ़ रही थी। एयरलाइन यात्रियों के हिसाब से अच्छा खासा पैसा भी कमा रही थी।
ओरिएंट एयरवेज का बुरा दौर
1950 के दशक की शुरुआत में ओरिएंट एयरवेज को घाटा होने लगा क्योंकि ब्रिटिश ओवरसीज एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (BOAC) जैसे तगड़े प्रतिस्पर्धी मार्केट में आ गए। पाकिस्तानी सरकार ने अपनी घरेलू एयरलाइन को सब्सिडी देना शुरू कर दिया, ताकि ओरिएंट एयरवेज BOAC और बाकी एयरलाइन के साथ कंपीटिशन कर सके। पाकिस्तान सरकार ने ओरिएंट एयरवेज की नई सहायक कंपनी के लिए तीन लॉकहीड एल-1049 सुपर कांस्टेलेशन का भुगतान भी किया। यही बाद में "पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA)" बनी। उस समय पाकिस्तान लंबी दूरी की एयरलाइन उड़ाने वाला एकमात्र मुस्लिम और एशियाई देश था। 1 अक्टूबर 1953 को, पाकिस्तानी सरकार ने ओरिएंट एयरवेज का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और इसे PIA के साथ मिलाकर आज की एयरलाइन बना दी। विलय के बावजूद ओरिएंट एयरवेज कई सालों तक अपने नाम से काम करती रही।
RIL बोनस शेयर: मुकेश अंबानी का शेयरहोल्डर्स को शानदार तोहफा, एक पर एक मुफ्त शेयर
5 Sep, 2024 06:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
29 अगस्त 2024 को रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना बैठक (Reliance Industries AGM 2024) हुई थी। इस बैठक में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने कई अहम एलान किये थे। इन एलानों में से एक बोनस शेयर (RIL Bonus Share) का एलान भी किया गया था। मुकेश अंबानी ने एजीएम में कहा था कि कंपनी शेयरहोल्डर्स को 1:1 का बोनस शेयर यानी 1 शेयर पर 1 शेयर देने पर विचार कर रही है।
बोनस शेयर को लेकर रिलायंस बोर्ड की मीटिंग (RIL Board Meeting) 5 सितंबर 2024 को हुई। अब कंपनी ने बोर्ड मीटिंग के फैसलों की जानकारी शेयर बाजार को दे दी है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयरधारकों के लिए अहम एलान हो गया है। आज कंपनी के बोर्ड मीटिंग में बोनस शेयर को लेकर फैसला ले लिया गया है। बोर्ड मीटिंग में लिए गए फैसलों के अनुसार स्टॉकहोल्डर को 1:1 रेश्यो के हिसाब से शेयर मिलेगा। इसका मतलब है कि 1 शेयर पर 1 शेयर मिलेगा।
बोनस शेयर के रिकॉर्ड डेट को लेकर अभी कोई एलान नहीं किया गया है।
कब-कब दिया बोनस शेयर (RIL Bonus History)
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयरधारक को अभी तक छह बार बोनस शेयर दिया है। सबसे पहली बार शेयरहोल्डर्स को 1980 में 3:5 रेश्यो में बोनस शेयर दिये गए थे। वहीं सबसे ज्यादा बोनस शेयर 1983 में 6:10 रेश्यो में दिया गया था। इसके बाद 1997, 2009 और 2017 में 1:1 रेश्यो में बोनस शेयर दिया गया। आज भी बोर्ड मीटिंग ने 1:1 रेश्यो में बोनस शेयर देने का एलान किया है।
फोकस में रहेगा स्टॉक
5 सितंबर 2024 (गुरुवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर (Reliance Industries Share) गिरावट के साथ बंद हुए हैं। कल के सत्र में भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्टॉक फोकस में रहेंगे। अगर शेयर की भाव के बाद करें तो आज रिलायंस के शेयर (Reliance Industries Share Price) 1.26 फीसदी या 38.10 रुपये की गिरावट के साथ 2,991.00 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण (Reliance Industries M-Cap) 20,23,655.79 करोड़ डॉलर है। एम-कैप के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे बड़ी कंपनी है।