व्यापार
जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ने लॉन्च की विंडसर कार
24 Nov, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । हाल ही में जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार विंडसर लॉन्च की है। यह कार एसएआईसी मोटर और जेएसडब्ल्यू ग्रूप का जॉइंट वेंचर है। इस मॉडल विंडसर की शुरुआती कीमत 10 लाख रुपये से कम हो गई है, जो इसे इलेक्ट्रिक कार बाजार में एक किफायती विकल्प बनाता है।
विंडसर को अक्टूबर 2024 में जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला, जिसमें 20,000 से अधिक बुकिंग्स और 3,000 यूनिट्स की बिक्री हुई। बीएएएस का ऑप्शन 15 प्रतिशत ग्राहकों द्वारा चुना गया, और कंपनी ने अक्टूबर में 4,878 यूनिट्स की बिक्री की, जिससे वह भारत की दूसरी सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी बन गई। जेएसडब्ल्यू एमजी की मार्केट शेयर सितंबर में 16.5 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर के पहले 20 दिनों में 34 प्रतिशत हो गई। इस सफलता का कारण कार की सस्ती कीमत और बीएएएस जैसी नई टेक्नोलॉजी है, जो ग्राहकों के लिए इलेक्ट्रिक कार को अधिक किफायती बनाती है।
कंपनी का लक्ष्य 2028 तक 60-70 प्रतिशत सेल्स न्यू एनर्जी व्हीकल्स से प्राप्त करना है। जेएसडब्ल्यू एमजी ने इस साल अपने सबसे सस्ते इलेक्ट्रिक मॉडल कॉमेट को भी बीएएएस मॉडल पर पेश किया है, जिससे ग्राहकों को और भी किफायती विकल्प मिल रहे हैं। जेएसडब्ल्यू एमजी का उद्देश्य 2030 तक इलेक्ट्रिक कार बाजार में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना है। इस कार में खास बैटरी एज़ ए सर्विस का विकल्प दिया गया है, जिससे ग्राहक बैटरी खरीदने की बजाय हर किलोमीटर पर औसतन 3.5 रुपये का किराया चुकाते हैं।
भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देगी
24 Nov, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पुर्जों के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई है। इस योजना के तहत सरकार 5 अरब डॉलर तक का प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है। इसका मुख्य उद्देश्य उद्योग को मजबूत करना और चीन से आयात पर निर्भरता को कम करना है। दो सरकारी अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। पिछले छह सालों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 2024 में 115 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसमें एप्पल और सेमसंग जैसी वैश्विक कंपनियों की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी का बड़ा योगदान है। भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन सप्लायर बन गया है। यहां तक कि इस सेक्टर की आलोचना इसके पुर्जों के आयात पर भारी निर्भरता के लिए की जा रही है, खासकर चीन जैसे देशों से। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने यह योजना तैयार की है। नई योजना से प्रिंटेड सर्किट बोर्ड जैसे मुख्य पुर्जों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे घरेलू वैल्यू एडिशन बढ़ेगा और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए स्थानीय सप्लाई चेन मजबूत होगी। यह योजना अगले 2-3 महीनों में लॉन्च की जा सकती है। इसमें वैश्विक या स्थानीय कंपनियों को 4-5 अरब डॉलर तक का प्रोत्साहन देने की उम्मीद है। इस योजना की अंतिम मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय की जल्द ही मंजूरी देने की उम्मीद है। नीति आयोग के अनुसार, भारत का लक्ष्य 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाना है, जिसमें 150 अरब डॉलर के पुर्जों का निर्माण शामिल है। इस योजना के लॉन्च होने पर भारत वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के लक्ष्यों को हासिल करने की संभावना है। सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के प्रमुख अधिकारी ने भी इस योजना की महत्वकांक्षा को साबित करते हुए कहा है कि यह योजना भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मंदी में बड़े लक्ष्यों की ओर अग्रसर कर सकती है। इसके लिए सरकार ने मुख्य उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनाई है जिसके तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।
ट्रंप शासनकाल में भारत को अपनी वैश्विक स्थिति मजबूत करने का अवसर मिलेगा
24 Nov, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं। ट्रंप शासनकाल में भारत को अपनी वैश्विक स्थिति मजबूत करने का अवसर मिलेगा। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप 2.0 में भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में एआई और सेमीकंडक्टर जैसे टेक्नोलॉजी सेक्टर में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है। शनिवार को आई इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत को पिछले निवेशों और चीन+1 रणनीति जैसे नीतिगत बदलावों के कारण अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर मिलेगा। उच्च अमेरिकी कॉर्पोरेट कर कटौती की संभावना आईटी खर्च को बढ़ा सकती है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों को लाभ होगा। रिपोर्ट के अनुसार, फार्मास्युटिकल और डिफेंस सेक्टर में भारतीय व्यवसायों को नए अवसर मिल सकते हैं, खासकर अगर अधिक मजबूत इंडो-पैसिफिक रक्षा रणनीति के जवाब में यूएस-भारत सहयोग मजबूत होता है तो भारत को इसका फायदा मिलेगा। ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आर्थिक विकास के वादों और वैश्विक व्यापार तनाव की चुनौतियों दोनों से भरा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर और राजकोषीय नीतियों की मजबूती वैश्विक बाजारों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। जैसे-जैसे नीतियां सामने आती हैं, देशों और क्षेत्रों को ट्रंप 2.0 द्वारा संचालित विकासशील परिदृश्य के अनुकूल होने के लिए तैयार रहना होगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नया रूप दे सकती है ट्रंप की नीति
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नया रूप दे सकती है। उनके दृष्टिकोण में आयात को कम करना शामिल है, विशेष रूप से चीन से, ताकि अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा मिले। उभरते बाजारों को चुनौतियों और अवसरों का मिश्रित सामना करना पड़ता है। कुछ देशों को मजबूत डॉलर और उच्च टैरिफ के कारण निर्यात की लागत में वृद्धि देखने को मिल सकती है, जो विशेष रूप से आईटी और फार्मास्युटिकल सेक्टर को प्रभावित करती है। इसके विपरीत मैक्सिको जैसे राष्ट्र चीन से विनिर्माण संचालन को हटाकर लाभ उठा सकते हैं। भू-राजनीतिक रूप से ट्रंप की नीतियों से चीन के साथ तनाव बढ़ने की संभावना है और अलायंस में बदलाव हो सकता है, क्योंकि जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अपनी रणनीतियों का दोबारा मूल्यांकन कर रहे हैं। यूरोपीय संघ अधिक आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर सकता है। अमेरिकी प्रभाव क्षेत्र से परे नए गठबंधनों को बढ़ावा दे सकता है। ट्रंप की संरक्षणवादी व्यापार नीतियों और भारत पर उनके प्रभाव पर आने वाले महीनों में नजर रखे जाने की जरूरत होगी।
सरकारी बैंक को इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री की हरी झंडी, RBI से मिली मंजूरी
23 Nov, 2024 05:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कस्टमर हैं तो यह खबर आपके लिये है. जी हां, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को जनरली ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर के जरिये इंश्योरेंस बिजनेस में एंट्री करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है. पब्लिक सेक्टर के बैंक ने शुक्रवार को शेयर मार्केट को भेजी जानकारी में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 नवंबर 2024 के लेटर के जरिये मंजूरी दे दी है.
ज्वाइंट वेंचर के जरिये इंश्योरेंस बिजनेस में एंट्री को मंजूरी
कंपनी की जानकारी के अनुसार, ‘...भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 21 नवंबर 2024 के अपने लेटर के जरिये एफजीआईआईसीएल और एफजीआईएलआईसीएल के तहत जनरली ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से इंश्योरेंस बिजनेस में बैंक के प्रवेश को मंजूरी दे दी है. इसके द्वारा निर्धारित शर्तों के लगातार अनुपालन और इंश्योरेंस रेग्युलेटर इरडा के अनुमोदन के अधीन है.’ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्टूबर में फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (FGIICL) और फ्यूचर जनरली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (FGILICL) में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी थी.
एफजीआईआईसीएल (FGIICL) अन्य इंश्योरेंस के अलावा पर्सनल इंश्योरेंस, कमर्शियल वाणिज्यिक इंश्योरेंस, सोशल और रूरल इंश्योरेंस प्रदान करता है. एफजीआईएलआईसीएल बचत बीमा, निवेश योजना (ULIP), टर्म इंश्योरेंस स्कीम, हेल्थ स्वास्थ्य बीमा योजना, बाल योजना, सेवानिवृत्ति योजना, ग्रामीण बीमा योजना और समूह बीमा योजना प्रदान करता है. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त की शुरुआत में घोषणा की कि वह लाइफ और जनरल इंश्योरेंस बिजनेस में कर्ज में डूबी फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (FEL) की हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभरा है.
सोने की कीमतों में आई तेजी
23 Nov, 2024 04:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में वेडिंग सीजन के बीच सोने की मांग बढ़ जाती है। दरअसल, सोना शुभ माना जाता है। जब भी सोने की मांग में तेजी आती है तो इसके भाव भी बढ़ जाते हैं। हालांकि, पिछले दो हफ्तों में सोने की कीमतों में काफी उलटफेर हुआ है। जी हां, बीते सप्ताह में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई थी। लेकिन, इस हफ्ते गोल्ड की कीमतों में शानदार तेजी आई।
क्यों आई सोने की कीमतों में तेजी?
शेयर बाजार में गिरावट और भू-राजनीतिक चिंता के समय निवेशकों सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। दरअसल, इन स्थितियों में सोना काफी सिक्योर ऑप्शन माना जाता है। संकट के माहौल में देश-विदेश के निवेशक सोने में निवेश करते हैं। निवेश बढ़ जाने के बाद सोने और चांदी की कीमत में इजाफा होता है। सोने की कीमतों में तेजी आने का मुख्य कारण है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनल्ड ट्रंप को जीत मिली। इस जीत के बाद भारतीय और वैश्विक बाजार में माना जा रहा था कि ट्रंप युद्ध को खत्म करने के लिए कुछ कदम उठाएंगे। ऐसे में उन्होंने सोने-चांदी में निवेश करना रोक दिया, जिसके कारण इनकी कीमतों में गिरावट आई। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ अमेरिका ने यूक्रेन को इजाजत दे दिया कि वह अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल रूस के लिए कर सकते हैं। इस इजाजत के बाद परिस्थिति पूरी तरह से बदल गई, जिसके कारण सोने की कीमतों में शानदार तेजी आई।
माना जा रहा है कि नए साल के बाद सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है। 20 जनवरी को अमेरिका में ट्रंप बाइडन की जगह राष्ट्रपति बन जाएंगे। ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद उम्मीद है कि वह युद्ध रोकने के लिए कोई फैसला ले सकते हैं।
क्या है सोने की कीमत
सोने की कीमतों में तेजी आ गई। आज 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 7900.3 रुपये प्रति ग्राम। वहीं, 22 कैरेट गोल्ड का रेट 7243.3 रुपये प्रति ग्राम हो गया।
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा करेगा आठवां वेतन आयोग?
23 Nov, 2024 04:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सभी केंद्रीय कर्मचारियों को वर्तमान में 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत डीए हाइक (DA Hike) और वेतन में वृद्धि मिल रही है। अब कर्मचारी आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की आस लगा रहे हैं।
सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग को लेकर कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगले साल के आम बजट 2025 (Budget 2025) में आठवें वेतन आयोग लागू हो सकता है। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्मचारियों को उम्मीद है कि इसके लागू होने के बाद न्यूनतम सैलरी में 186 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
कितनी हो जाएगी सैलरी
वर्तमान में 7वां वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है। 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में 6,000 रुपये की वृद्धि हुई थी। विशेषज्ञों के अनुसार आठवें वेतन आयोग लागू होने के बाद फिटमेंट फैक्टर 2.86 हो सकता है। इसमें 29 बेसिस प्वाइंट बढ़ने की उम्मीद है। अगर सरकार फिटमेंट फैक्टर 2.86 को लागू करती है तब कर्मचारियों की सैलरी में 186 फीसदी की वृद्धि के साथ करीब 51,480 रुपये हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर के बढ़ जाने से कर्मचारियों के साथ पेंशनधारक को भी लाभ होगा। दरअसल, इसमें इजाफा होता है तो पेंशन राशि भी बढ़ जाएगी।
पेंशनर्स को उम्मीद है कि आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद पेंशन 186 फीसदी बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी। वर्तमान में पेंशन राशि 9,000 रुपये है। 25,740 रुपये पेंशन तब होगी जब फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है।
कब लागू होगा 8th Pay Commission
अभी तक आठवें वेतन आयोग के लागू होने की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी घोषणा अगले वित्त वर्ष के बजट (Budget 2025-26) में हो सकता है। वैसे तो कर्मचारियों ने पिछले बजट में आठवें वेतन आयोग लागू करने की मांग की थी।
इस साल दिसंबर में नेशनल काउंसिल (National Council) की मीटिंग है। इस मीटिंग में आठवें वेतन आयोग के लागू होने की बात साफ हो सकती है। वैसे तो यह मीटिंग नवंबर में होने वाली थी, लेकिन बाद में इसे दिसंबर के लिए पोस्टपौंड कर दिया गया।
7th Pay Commission कब बना
7वां वेतन आयोग के बनने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में शानदार तेजी देखने को मिली थी। 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बनी थी, लेकिन यह 1 जनवरी 2016 में लागू हुआ था। 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई।
वैसे तो हर 10 साल में नया वेतन आयोग का गठन होता है। हालांकि, इसको लेकर कोई अधिकारिक प्रावधान नहीं है।
निवेश के लिए बेस्ट ऑप्शन बना सिल्वर ETF, दे रहा गोल्ड से बेहतर रिटर्न
23 Nov, 2024 12:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) यानी चांदी ईटीएफ (Silver ETF) निवेशकों के बीच निवेश के लिए काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। यह ईटीएफ 2022 में लॉन्च हुआ था। यही कारण है कि बीते एक वर्ष में सिल्वर ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) चार गुना से ज्यादा बढ़ा है।
विश्लेषकों का कहना है कि चांदी एक कीमती धातु है और इसमें घरेलू महंगाई के दबाव और भूराजनीतिक अनिश्चितता के दौर से निपटने की क्षमता है। यही कारण है कि सिल्वर ईटीएफ के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है। आइए जानते हैं कि बीते एक वर्ष में सिल्वर ईटीएफ का एयूएम कितना बढ़ा है और इस दौरान इनमें कितना निवेश हुआ है।
कितना है सिल्वर ईटीएफ का एयूएम
सिल्वर ईटीएफ का एयूएम 12,331 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह अक्टूबर 2024 में2,844.76 करोड़ रुपये था। वहीं, सिल्वर ईटीएफ का एयूएम अक्टूबर 2023 के अंत में 215 प्रतिशत बढ़ी है। अगर सिल्वर ईटीएफ के फोलियो (खातों) की संख्या की बात की जाए तो एक वर्ष में इसमें 1.42 लाख फोलियो जुडे़ हैं। इसके बाद कुल फोलियो 4.47 लाख हो गई। अक्टूबर 2024 के अंत में सिल्वर ईटीएफ फोलियो में 643.10 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। बीते एक वर्ष के दौरान सिल्वर ईटीएफ में कुल निवेश 24 प्रतिशत बढ़ा।
कितना मिला रिटर्न
सिल्वर ईटीएफ ने एक महीने में 7.57, तीन महीने में 16.02, छह महीने में 20.25 और एक वर्ष 32.49 फीसदी का रिटर्न दिया है। बीते एक वर्ष के दौरान विभिन्न अवधि में सिल्वर ईटीएफ ने गोल्ड ईटीएफ से बेहतर रिटर्न दिया है।
क्या होता है सिल्वर ईटीएफ
सिल्वर ईटीएफ शेयर बाजार पर आधारित होते हैं और यह सूचकांक, कमोडिटी और बांड को ट्रैक करते हैं। ईटीएफ का भंडारण में आसानी, बेहतर तरलता और कम लागत के कारण फिजिकल चांदी के मुकाबले सिल्वर ईटीएफ को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है।
अश्विनी कुमार, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, इक्रा एनालिटिक्स
इसके आगे उन्होंने कहा कि फिजिकल चांदी खरीदने पर ग्राहकों को जीएसटी का भुगतान करना होता है। सिल्वर ईटीएफ अधिक कुशल और तरल निवेश विकल्प प्रदान करते हैं। चूंकि ये एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होते हैं, जिससे निवेशकों को यूनिटों का आसानी से व्यापार करने में मदद मिलती है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
23 Nov, 2024 12:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल कंपनियों ने 23 नवंबर 2024 के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिये हैं। रोजाना सुबह इनकी कीमत अपडेट होती है। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही तेल भरवाना चाहिए। आज झारखंड और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे।
आइए इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए जानते हैं कि महानगर और बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम क्या है?
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
क्यों चेक करें लेटेस्ट रेट
गाड़ीचालक को हमेशा लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही तेल भरवाना चाहिए। चूंकि, सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम अलग होते हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर सभी शहरों में इनके दाम अलग क्यों हैं तो इसका जवाब 'वैट (Value Added Tax-VAT)' है। वर्तमान में तेल के दाम जीएसटी के दायरे में नहीं आते है। इन पर राज्य सरकार द्वारा वैट लगाया जाता है, जिसकी दरें अलग होती हैं।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट और ऐप्स के जरिये लेटेस्ट रेट चेक किया जा सकता है। इसके अलावा मैसेज के माध्यम से भी ताजा कीमत जान सकते हैं। इसके लिए RSP स्पेस पेट्रोल पंप का डीलर कोड टाइप कर 92249 92249 मैसेज भेजना होगा।
उत्तर कोरिया ने भेजे सैनिक तो बदले में रूस ने क्या किया, दक्षिण कोरिया ने बताई सच्चाई
22 Nov, 2024 06:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सियोल: उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में सहायता के लिए अपने सैनिकों को भेजा है, जिसके बदले में रूस ने कोरिया को हवाई रक्षा मिसाइलें प्रदान की हैं। यह जानकारी दक्षिण कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को साझा की। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन का दावा है कि उत्तर कोरिया ने अक्टूबर में 10,000 से अधिक सैनिकों को रूस भेजा था, जिनमें से कुछ हाल ही में युद्ध में शामिल हुए हैं।
रूस ने उत्तर कोरिया के हवाई रक्षा तंत्र को सुदृढ़ करने में सहायता की है। राष्ट्रपति यूं सुक-योल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिन वोनसिक ने शुक्रवार को एसबीएस टीवी पर एक कार्यक्रम में बताया कि दक्षिण कोरिया ने यह पाया है कि रूस ने प्योंगयांग को मिसाइलें और अन्य उपकरण प्रदान किए हैं, जिससे उत्तर कोरिया को सैन्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होगा।
दक्षिण कोरिया के साथ तनाव की स्थिति
दक्षिण कोरिया के साथ तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि प्योंयांग को अपनी हवाई रक्षा क्षमताओं को सुधारने की आवश्यकता है, खासकर पिछले महीने के घटनाक्रम के बाद, जब उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर प्योंगयांग में दुष्पचार से संबंधित सामग्री गिराने का आरोप लगाया था। इस संदर्भ में, उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी थी कि यदि ऐसी घटनाएं दोबारा हुईं, तो वह सैन्य कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगा। हालांकि, दक्षिण कोरिया की सेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि इन कथित ड्रोन उड़ानों में उसका कोई हाथ था या नहीं।
इस बीच, राष्ट्रपति यूं सुक-योल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिन वोनसिक ने जानकारी दी है कि रूस ने उत्तर कोरिया को आर्थिक सहायता के साथ-साथ विभिन्न सैन्य तकनीकों की पेशकश की है। इनमें कोरियाई राष्ट्र को अंतरिक्ष-आधारित निगरानी प्रणाली विकसित करने में मदद करने वाली तकनीक भी शामिल है। यह स्थिति क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत कर रही है।
दिल्ली-एनसीआर में फूड कंपनियों की चांदी, आर्डर बढ़े पर कर्मचारी घटे
22 Nov, 2024 03:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। क्लास ऑनलाइन चल रही हैं। दफ्तरों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है। ऐसे में लोग जरूरत सामान लेने भी बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में फूड कंपनी की चांदी हो गई है। क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर आर्डर की भरमार है लेकिन प्रदूषण के कारण वहां भी डिलीवरीमैन काम पर नहीं जा पा रहे हैं। इसलिए डिलीवरी कंपनियां इस समय दोहरी चुनौती से जूझ रही हैं। एक तो ऑर्डर में उछाल है वहीं मैनपावर की कमी से समय पर डिलीवरी नहीं हो पा रही है।
वायु प्रदूषण ने लोगों को किया घरों में कैद, क्विक कॉमर्स का चुन रहे ऑप्शन
दिल्ली-एनसीआर में बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं। कामगारों को वर्क फ्रॉम होम मिल गया है। तो फिर ग्राहक घर से बाहर निकलना छोड़ कर ऑनलाइन ऑर्डर का विकल्प चुन रहे हैं। ये ग्राहक भी क्विक कॉमर्स का ऑप्शन चुन रहे हैं। मतलब 10 मिनट में डिलीवरी करनी ही है। इससे इन कंपनियों के पास आर्डर तो खूब हैं, लेकिन डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों की संख्या घट गई है। क्योंकि पहले से काम कर रहे डिलीवरी पर्सन में भी कुछ लोग प्रदूषण की वजह से घरों से निकलने से बच रहे हैं। जेप्टो में काम करने वाले एक डिलीवरी पार्टनर ने बताया कि पहले मैं एक दिन में 30-35 ऑर्डर डिलीवर करता था, लेकिन अब यह बढ़कर 45-50 हो गए हैं। उन्होंने कहा कि रात में धुंध के कारण डिलीवरी में 5 से 10 मिनट ज्यादा समय लग रहा है।
धुंध से बचाव के लिए इनके बीच एन95 मास्क वितरित
ऐमजॉन ने धुंध से बचाव के लिए इनके बीच एन95 मास्क वितरित किए हैं। यही नहीं, कंपनी ने अपने सेवा भागीदारों से भी अपने कर्मचारियों को मास्क देने का आग्रह किया है। कंपनी को एयर प्यूरीफायर की मांग में चार गुना वृद्धि भी देखने को मिल रही है, क्योंकि उत्तर भारत गंभीर प्रदूषण का सामना कर रहा है।इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के अध्यक्ष ने एग्रीगेटर कंपनियों से आग्रह किया कि वे खराब मौसम में उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए डिलीवरी कर्मचारियों को मुफ़्त में सर्दियों के कपड़े दें। उन्होंने कहा कि दिल्ली के भयंकर धुंध और खराब वायु गुणवत्ता ने क्विक-कॉमर्स डिलीवरी भागीदारों के लिए खतरनाक परिस्थितियां पैदा कर दी हैं। इस समय डिलीवरी पार्टनर्स को घने धुंध में से गुज़रना पड़ता है, जिससे उन्हें ऑर्डर पूरा करते समय उच्च स्तर के वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य जोखिम में वृद्धि और सीमित दृश्यता ने उनके काम को और भी खतरनाक और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। वह अपनी जान पर खेलकर आर्डर पूरे कर रहे हैं।
नहीं थमेगा विकास का पहिया, 6.5-7 फीसदी की दर से बढ़ेगी जीडीपी
22 Nov, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 6.5-7 फीसदी की दर से बढ़ने के अपने अनुमान को दोहराया है। आर्थिक सर्वेक्षण में किए गए पूर्वानुमानों के आधार पर, सरकार का मानना है कि विकास में किसी महत्वपूर्ण गिरावट का जोखिम नहीं है। इसके बावजूद, आर्थिक विशेषज्ञ आगामी जीडीपी आंकड़ों और मांग के संकेतकों पर नजर बनाए हुए हैं।
कुछ क्षेत्रों में धीमी गति हो सकती है, लेकिन अन्य क्षेत्रों से मांग बढ़ रही है
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में यह कहा कि कुछ क्षेत्रों में धीमी गति हो सकती है, लेकिन अन्य क्षेत्रों से मांग बढ़ रही है। उन्होंने भी उज्ज्वल ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता वस्तुओं और टिकाऊ सामानों की शहरी मांग में गिरावट को जिक्र किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी बड़ी समस्या की संभावना नहीं नजर आती। इस समय पर सरकार के बयान आया है जब दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी होने वाले हैं। अजय सेठ ने मुद्रास्फीति पर चिंता को भी खारिज करते हुए कहा कि कुछ खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन यह अस्थायी है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति कोई गंभीर चिंता का विषय नहीं है। सेठ ने सरकार के केंद्रीय कैपेक्स बजट के बारे में भी बात की, कहते हुए कि यह पिछले साल की तुलना में काफी अधिक होगा। सरकार का यह बयान अन्य मुद्दों की तरह उत्साहवर्धक है और विश्वास दिलाता है कि अर्थव्यवस्था में अक्सर होने वाले चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा।
घरेलू विमानन कंपनियों के पास विमानों की संख्या बढ़कर 1,400 हो जाएगी: विमानन सचिव
22 Nov, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनाम ने गुरुवार को बताया कि अगले पांच साल में घरेलू विमानन कंपनियों के पास मौजूद विमानों की संख्या बढ़कर 1,400 हो जाएगी। बेड़े में वर्तमान में करीब 800 विमान हैं। प्रमुख विमानन कंपनियों इंडिगो और एयर इंडिया ने विमानों के लिए बड़े ठेके दे रखे हैं। वुअलनाम ने हवाई अड्डों की संख्या के बढ़ने का भी उल्लेख किया और कहा कि इसके बढ़ने से यात्रियों की संख्या भी दोगुनी हो जाएगी।
120 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना सफल रही
वुअलनाम ने साथ ही वीमेन इन एविएशन इंडिया के गिविंग विंग्स टू ड्रीम्स अवार्ड्स 2024 में महिलाओं के लिए ड्रोन सहित विमानन क्षेत्र में अवसरों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 120 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना सफल रही है और इससे लाभार्थी कंपनियों का कुल कारोबार 1,400 करोड़ रुपये हो गया है। ड्रोन के लिए पहली प्रोत्साहन योजना की शुरुआत 20 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2021 में की गई थी। विमानन मंत्रालय के सहयोग से ऐसी पहल करने की संभावना है कि विमानन क्षेत्र में और अधिक महिलाएं उत्कृष्टता का प्रदर्शन करेंगी और यह भारतीय विमानन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकेगा।
गौतम अडानी समूह को दोहरा झटका..........अमेरिकी अदालत के बाद एनएसई ने मांगी सफाई
22 Nov, 2024 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । देश के दिग्गज कारोबारी समूह अदाणी समूह की मुसीबत फिर बढ़ती जा रही हैं। अमेरिकी अदालत की ओर से रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने ग्रुप की कंपनियों से सफाई मांग ली है। अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज ने बताया कि एनएसई की तरफ से मामले में सफाई मांगी गई है। कंपनी ने कहा, ”एक्सचेंज ने ‘अदाणी ग्रुप स्टॉक’ नाम से हालिया खबरों के संबंध में अदानी एंटरप्राइजेज से स्पष्टीकरण मांगा है।”
दरअसल अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और छह अन्य लोगों ने 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देकर भारत सरकार के अधिकारी से सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल किए। इन प्रोजेक्ट्स से अगले 20 सालों में 2 बिलियन डॉलर का मुनाफा होने की उम्मीद थी। अदाणी ग्रीन एनर्जी ने गुरुवार को अमेरिकी डॉलर बांड के द्वारा 600 मिलियन डॉलर जुटाने की अपनी योजना को वापस ले लिया। अमेरिकी अभियोजकों की ओर से गौतम अदाणी और बोर्ड के अन्य सदस्यों पर 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत स्किम में शामिल होने के आरोपो के बाद कंपनी ने यह फैसला किया है।
ग्रुप के स्टॉक्स में बड़े पैमाने पर बिकवाली देखी जा रही
वहीं खबर के बाद ग्रुप के स्टॉक्स में बड़े पैमाने पर बिकवाली देखी जा रही है। गौतम अदाणी की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज में 15 प्रतिशत, अदाणी विल्मर में 10 प्रतिशत और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में 20 प्रतिशत का लोअर सर्किट लग गया है। वहीं, अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस 18 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट में है जबकि अदाणी पोर्ट्स में भी 10 प्रतिशत का लोअर सर्किट लगा है।
देश में आर्थिक गतिविधियों में देखी जा रही सुस्ती: आरबीआई बुलेटिन
21 Nov, 2024 08:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही में देखी जा रही आर्थिक सुस्ती की बारीकीयों पर रोशनी डालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुलेटिन में सूचना दी है। नवंबर माह का बुलेटिन प्रकाशित होने के साथ आरबीआई ने बताया कि निजी खपत में वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था में मजबूती दिखाई दे रही है। जानकारों के मुताबिक मध्यम अवधि का दृष्टिकोण तेजी का बना हुआ है क्योंकि वृहद आर्थिक बुनियाद की स्वाभाविक ताकत खुद को सुदृढ़ कर रही है। इस बुलेटिन में उच्चाधिकारियों ने भारत की रोजगार सृजन क्षमता की मजबूत होने की भविष्यवाणी की है। आर्बीआई द्वारा जारी बयान के अनुसार निजी निवेश कमजोर हो रहे हैं, हालांकि खरीफ और रबी फसलों में उत्तम उत्पादन के साथ कृषि क्षेत्र में उत्थान के संकेत हैं। व्यापारिक सेवा क्षेत्र में भी गतिशीलता बरकरार है और ईवी वाहनों के संचालन पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता के बावजूद, आरबीआई उम्मीद जताता है कि विश्वसनीय स्थितियों का अनुमान लगाना संभव है। नए स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के समृद्ध स्वरूप ने भी आर्थिक महसूस को चिंताजनक अवस्था से बाहर निकाला है। अधिकारियों का कहना है कि यह लेख उनके स्वयं के विचार हैं, और केंद्रीय बैंक का कोई संबंध नहीं है। गुरुवार को बाजारों की गतिविधियों का ध्यान खिंचने के लिए भविष्य का अनुमान गंभीरता से किया जा रहा है। इस अहम कुशलक्षेत्र में भारत के आर्थिक स्थिति की मजबूत दरारों में से एक है, जो आगे बढ़ने के लिए उत्तेजित करती है।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट...............निवेशकों को तगड़ा नुकसान
21 Nov, 2024 06:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में बीते कुछ महीनों से भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इसकारण निवेशकों को तगड़ा नुकसान हो रहा है। मंगलवार को शेयर 70.20 रुपये पर था, जो कि उसके ऑल-टाइम हाई 157.40 प्रति शेयर से 55 प्रतिशत कम है। शेयर में गिरावट के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप भी 38,000 करोड़ रुपये कम हो गया है। कंपनी के शेयर में गिरावट की वजह खराब सर्विस और प्रोडक्ट क्वालिटी को लेकर लगातार ग्राहकों की ओर से आने वाली शिकायतों को बताया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक ओला इलेक्ट्रिक ग्राहक ने बताया कि मुझे गाड़ी खरीदे हुए करीब चार माह का समय हो गया है। बीते दो माह से गाड़ी में समस्याएं आ रही हैं। एक महीने में तीन बार ब्रेक शू खराब हो चुके हैं। सर्विस काफी खराब है। कभी पहले दिन नंबर नहीं आता है। अन्य ग्राहकों ने बताया कि गाड़ी में सॉफ्टवेयर, बैटरी और टायर जाम जैसी कई अन्य समस्याएं भी हैं।
एक अन्य ग्राहक ने बताया कि ओला इलेक्ट्रिक की एस1 एयर मेरे पास है। गाड़ी को खरीदे एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन इसकी बैटरी तीन बार खराब हो चुकी है। इसमें सॉफ्टवेयर को लेकर काफी समस्याएं हैं। ये क्रैश हो जाते हैं, जिसके कारण गाड़ी हैग होती है। इस कारण बार-बार सर्विस सेंटर पर ले जाना बोता है। सर्विस सेंटर पर एक बार गाड़ी ले जाने के बाद कम से कम एक हफ्ते से लेकर महीने तक स्कूटर वहां खड़ा रहता है। इसके अलावा ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में गिरावट की एक वजह कंपनी का लगातार नुकसान में होना है।