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एसबीआई की रिपोर्ट में खुलासा...घरेलू शेयर बाजारों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
24 Dec, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजारों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार, हर चार 4 नए निवेशकों में से लगभग एक निवेशक महिला है। भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजारों में भागीदारी बढऩे के साथ ही 2021 से हर साल लगभग तीन करोड़ नए डीमैट खाते खुले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 से, औसतन हर साल लगभग 30 मिलियन नए डीमैट खाते खुले हैं, उनमें लगभग हर 4 में से 1 महिला निवेशक है। भारत भर के शेयर बाजारों में महिलाओं की भागीदारी में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है,निवेशकों के पंजीकरण के मामले में दिल्ली सबसे आगे है, उसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु का स्थान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 22 से व्यक्तिगत निवेशक पंजीकरण में महिलाओं की भागीदारी में क्रमिक वृद्धि देखी गई है। वित्त वर्ष 2025 के लिए अब तक की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में बड़े राज्यों में सबसे अधिक 29.8 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व है, उसके बाद महाराष्ट्र (27.7 प्रतिशत) और तमिलनाडु (27.5 प्रतिशत) का स्थान है। ये आंकड़े राष्ट्रीय औसत 23.9 प्रतिशत से काफी अधिक हैं।
बिहार, यूपी और ओडिशा में महिला निवेशक कम
इसके विपरीत, बिहार (15.4 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (18.2 प्रतिशत) और ओडिशा (19.4 प्रतिशत) जैसे राज्यों में महिलाओं की भागीदारी का स्तर 20 प्रतिशत से कम है, जो लैंगिक समावेशन में क्षेत्रीय असमानताओं को दर्शाता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ अपवादों को छोडक़र, अधिकांश राज्यों में वित्त वर्ष 2025 की तुलना वित्त वर्ष 2022 से करने पर महिलाओं की भागीदारी दर में राष्ट्रीय औसत से अधिक वृद्धि देखी गई है। यह प्रगति, हालांकि अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग है। वित्तीय बाजारों में अधिक लैंगिक समावेशन की दिशा में सकारात्मक रुझान का संकेत देती है। रिपोर्ट में वित्तीय बाजारों के भौगोलिक प्रभुत्व में बदलाव के बारे में भी बताया गया है। इसके अनुसार पश्चिमी क्षेत्र पारंपरिक रूप से पूंजी बाजार गतिविधि का केंद्र रहा है। हालांकि, अब बेंगलुरु, हैदराबाद और कानपुर जैसे शहरों में भी निवेशकों की गतिविधि बढ़ रही है।
बचत करने के तरीके में आया बदलाव
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में भारतीय परिवारों के बचत पैटर्न में भी महत्वपूर्ण बदलाव आया है। रिपोर्ट के अनुसार पारंपरिक बैंक जमा से म्यूचुअल फंड और जीवन बीमा की ओर धन का प्रवाह बढ़ रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंक जमा में घरेलू बचत का हिस्सा, जो 2021 में 47.6 प्रतिशत था, 2023 में घटकर 45.2 प्रतिशत रह गया। इस बीच, जीवन बीमा फंड में घरेलू निवेश में वृद्धि देखी गई है। यह 2021के 20.8 प्रतिशत से बढक़र 2023 में 21.5 प्रतिशत हो गया। घरेलू बचत में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी भी बढ़ी है, जो 2021 में 7.6 प्रतिशत से बढक़र इस अवधि में 8.4 प्रतिशत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय बचत में, बैंक जमा/मुद्रा की हिस्सेदारी घट रही है क्योंकि निवेश के नए रास्ते (जैसे म्यूचुअल फंड, आदि) उभर रहे हैं। रिपोर्ट में शुद्ध वित्तीय बचत के रुझानों पर भी प्रकाश डाला गया है। कुल घरेलू बचत में उनकी हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, यह वित्त वर्ष 14 के 36 प्रतिशत से बढक़र वित्तीय वर्ष 2021 में लगभग 52 प्रतिशत हो गई है।
देश के नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में 21 फीसदी गिरावट की संभावना
23 Dec, 2024 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । रियल एस्टेट की एक आंकड़ा विश्लेषक कंपनी ने जारी की एक रिपोर्ट में कहा है कि देश के प्रमुख नौ आवास बाजारों में अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में 21 फीसदी की गिरावट की संभावना है। इसका कारण उच्च आधार प्रभाव है, जिसके कारण लगभग 1.08 लाख इकाई रह जाएगी। कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, नवी मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, और ठाणे के लिए बिक्री आंकड़े जारी किए हैं। दिल्ली-एनसीआर में ही बिक्री में वृद्धि की संभावना है जबकि अन्य शहरों में गिरावट की संभावना है। जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार कुल बिक्री तिमाही में 1,08,261 इकाई रह जाने की संभावना है, जो पिछले साल से कम है। हालांकि, सितंबर तिमाही में बिक्री में पांच प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। रिएल स्टेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उच्च आधार प्रभाव के कारण बिक्री में गिरावट आई है, लेकिन त्योहारी मांग के कारण इसमें सुधार हो सकता है। वे ने दावा किया कि आपूर्ति-खपत अनुपात मजबूत और स्वस्थ है, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में स्थिरता बनी रहेगी। हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, कोलकाता, और पुणे में भी बिक्री में गिरावट की संभावना है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में बाजार इस रुझान को बदलने के लिए तैयार है और बिक्री में वृद्धि की संभावना है। यह आंकड़े रियल एस्टेट बाजार की मानें और इस क्षेत्र में संवेदनशीलता का पूरा काम करते हैं। देश विस्तार से यह गिरावट के संकेत के रूप में देखी जा सकती है, जो क्षेत्र के निर्माण और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण है।
गरीबों की मदद के लिए चावल पर जीएसटी घटाया: निर्मला सीतारमण
23 Dec, 2024 09:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जैसलमेर । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक के बाद बड़े फैसले किए। उन्होंने घोषित किया कि चावल पर कर दर को 18 से 5 प्रतिशत कम किया जाएगा। इसके साथ ही, जीवन रक्षक जीन थेरेपी और एसएएम मिसाइलों के लिए उपयोग होने वाले पुर्जों पर जीएसटी छूट की अवधि भी बढ़ा दी गई है। सभी एसएएम मिसाइलों के निर्माण में उपयुक्त पुर्जों को जीएसटी से छूट दी जाएगी। उन्होंने छोटे व्यवसायों की मदद के लिए कई और कदम उठाए, जैसे 2,000 रुपये से कम के लेन-देन के लिए छूट देना। वित्त मंत्री ने महसूस किया कि ई-कॉमर्स कंपनियों और खाद्य पदार्थों की डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी को लेकर और चर्चा होनी चाहिए। इसके साथ ही, बैठक में और विस्तृत चर्चा की जाएगी। वित्त मंत्री ने उधारकर्ताओं के लिए भी शुल्कों में कई बदलाव की घोषणा की। उन्होंने संशोधन के लिए एक अवधारणा नोट को मंजूरी दी और वस्तुओं की परिभाषा को स्पष्ट करने के उद्देश्य के साथ खुदरा बि के लिए पहले से पैक और लेबल वाली वस्तुओं की परिभाषा में संशोधन किया। इन सभी निर्णयों से सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार करने का निशाना साबित किया है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न पर लगेंगे 3 तरह के टैक्स
23 Dec, 2024 08:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक जैसलमेर में आयोजित हुई, जहां पॉपकॉर्न पर नए टैक्स रेट्स के फैसले लिए गए। इसमें काउंसिल ने पॉपकॉर्न को तीन विभिन्न जीएसटी स्लैब में शामिल करने की योजना बनाई है, जो उसके फ्लेवर के अनुसार होंगे।टैक्स की विवरण इस प्रकार हैं- 1. साधारण नमक और मसालों से तैयार किया गया पॉपकॉर्न (पैकेज्ड और लेबल्ड न हो) पर 5 फीसदी जीएसटी लागू होगा। 2. पैकेज्ड और लेबल्ड साधारण नमक और मसालों वाले पॉपकॉर्न पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा। 3. चीनी या सुगर फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी जीएसटी लागू होगा। पॉपकॉर्न का व्यापार न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में भी बड़ा है। बीते साल में भारत में पॉपकॉर्न का व्यापार लगातार बढ़ रहा है और एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में इसका मार्केट 8 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में अन्य फैसले भी लिए गए, जिसमें पुरानी कारों पर 18 फीसदी जीएसटी, फोर्टिफाइड चावल पर 5 फीसदी जीएसटी और जीन थेरेपी के लिए पूरी छूट शामिल हैं। हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी की दर कम करने के प्रस्ताव टल गए हैं, जबकि जोमेटो और स्विगी पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने पर भी कोई राहत नहीं मिली। कुल मिलाकर जीएसटी काउंसिल की बैठक ने व्यापारिक मामलों को ध्यान में रखते हुए पॉपकॉर्न पर टैक्स में बड़े बदलाव किए हैं, जो आम जनता को सीधे असर पहुंचा सकते हैं।
इस साल आईपीओ बाजार में 90 कंपनियों ने रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ जुटाए
23 Dec, 2024 08:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । आर्थिक वृद्धि की रफ्तार और अनुकूल बाजार परिस्थितियों के साथ, 2024 में आईपीओ के बाजार में भारी चल रही है। इस साल कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से भारी राशि जुटाई है। इस वृद्धि में निवेशकों का भरोसा और नियामकीय ढांचे में सुधार का महत्वपूर्ण योगदान है। साल के दौरान कंपनियों ने आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। एक्सचेंज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 90 आईपीओ आए जिनके जरिये सामूहिक रूप से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। माना जा रहा है कि अगला साल भी आईपीओ के लिए काफी अच्छा रहेगा। आईपीओ के लिए असाधारण रहा यह साल न केवल निर्गम लाने वाली कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है, बल्कि इससे निवेशकों के विश्वास का भी पता चलता है। आईपीओ ने न केवल निगमों के भरोसे को बल्कि निवेशकों के विश्वास को भी प्रमाणित किया है। निवेशकों ने सिर्फ लाभ कमाने के लिए नहीं बल्कि दीर्घकालिक निवेश के लिए भी कंपनियों में विश्वास जताया है। हुंदै मोटर इंडिया का ऐतिहासिक 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ हुआ है। छोटी, मझोली और बड़ी कंपनियों ने साझेदारी जुटाते हुए धन जुटाया है। निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के साथ आईपीओ के बाजार में आने वाले साल में भी तेजी की संभावना है। साल के तैयारी में हैं कंपनियां, जो आईपीओ के माध्यम से और अधिक धन जुटाने की सोच रही हैं। जब बाजार विश्लेषकों का यह मानना है कि 2025 में आईपीओ से जुटने वाली राशि अब कि आंकड़ों को पार कर सकती है, तो निवेशकों की उम्मीदें और भी ऊंचाई पर चढ़ गई हैं। आगामी साल में भी आईपीओ बाजार ऐसे ही गतिविधियों में आगे बढ़ते रहने की संभावना है।
एसयूवी सेगमेंट में अलग पहचान बना चुकी है महिंद्रा थार
22 Dec, 2024 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में महिंद्रा थार एक प्रतिष्ठित नाम बन चुकी है। एसयूवी सेगमेंट में यह गाड़ी अपनी अलग पहचान बना चुकी है। खासकर अपनी शानदार ऑफ-रोडिंग क्षमता और स्टाइलिश लुक्स के कारण। थार का बॉक्सी और रग्ड लुक इसे एक क्लासिक ऑफ-रोड व्हीकल के रूप में पहचान दिलाता है, जबकि इसके आधुनिक एलिमेंट्स जैसे एलईडी डीआरएल, स्टाइलिश ग्रिल और बड़े अलॉय व्हील्स इसे मजबूती और स्टाइल का बेहतरीन मिश्रण बनाते हैं। महिंद्रा थार में दो इंजन विकल्प उपलब्ध हैं: 2.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन और 2.2-लीटर डीजल इंजन, जो दोनों ही पावरफुल और ईंधन दक्ष हैं। इसके अलावा, इसमें ऑटोमैटिक और मैनुअल ट्रांसमिशन की सुविधा भी दी गई है, जो ड्राइविंग अनुभव को और बेहतर बनाती है। इसकी 4गुणा4 ड्राइविंग मोड की सुविधा इसे किसी भी टेरेन पर आराम से चलने योग्य बनाती है।
थार की हाई ग्राउंड क्लीयरेंस, वाटर वेडिंग कैपेसिटी और एडवांस सस्पेंशन सिस्टम इसे कठिन और ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी शानदार प्रदर्शन करने की क्षमता प्रदान करते हैं। इसके इंटीरियर्स में लेदर सीट्स, वॉशेबल केबिन और टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसी सुविधाएं दी गई हैं, जो इसे और भी आकर्षक और आरामदायक बनाती हैं। सुरक्षा के लिहाज से इसमें ड्यूल एयरबैग्स, एबीएस, हिल होल्ड असिस्ट और रोल केज जैसे फीचर्स शामिल हैं, जो ड्राइविंग को सुरक्षित बनाते हैं।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर कंपनियां दे रही शानदार छूट
22 Dec, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कई प्रमुख कार निर्माता कंपनियां चालू महीने में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर शानदार छूट दे रही हैं। टाटा मोटर्स, महिंद्रा और एमजी मोटर्स जैसे बड़े ब्रांड्स ग्राहकों को डिस्काउंट और एक्सचेंज ऑफर के जरिए आकर्षित कर रहे हैं।
टाटा मोटर्स अपनी पॉपुलर इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भारी छूट दे रहा है। टाटा टियागो ईवी और टिगोर ईवी पर 1.15 लाख रुपये तक की छूट मिल रही है। इसके अलावा एमवाय-23 (मॉडल ईयर 2023) के स्टॉक पर 2 लाख रुपये तक का एक्सचेंज बोनस भी दिया जा रहा है। टाटा पंच ईवी के बेस वेरिएंट पर 25 हजार रुपये और टॉप वेरिएंट पर 70 हजार रुपये तक की छूट मिल रही है। वहीं, टाटा नेक्सन ईवी के एमवाय2023 प्री-फेसलिफ्ट वेरिएंट्स पर 3 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही है। महिंद्रा की इलेक्ट्रिक एसयूवी एक्सयूवी 400 पर 3.10 लाख रुपये तक का ऑफर मिल रहा है।
दोनों बैटरी पैक वेरिएंट्स पर यह डिस्काउंट उपलब्ध है। वहीं, एमजी मोटर्स अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भी बेहतरीन ऑफर दे रहा है। एमजी कामेट ईवी पर 75 हजार रुपये तक की छूट मिल रही है, जबकि एमजी झेडएस ईवी पर 1.5 लाख रुपये से लेकर 2.25 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही है। बता दें कि दिसंबर का महीना कंपनियों के लिए पुराने स्टॉक को क्लियर करने का समय होता है, जिससे ग्राहकों को बड़े लाभ मिलते हैं।
रॉयल एनफील्ड की 3 नई बाइक्स जल्द होगी लांच
22 Dec, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । रॉयल एनफील्ड कंपनी भारतीय बाजार में तीन नई बाइक्स को लॉन्च करने की तैयारी में है। अगर आप भी रॉयल एनफील्ड की नई बाइक खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए यह एक बेहतरीन मौका हो सकता है। पहली बाइक है रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650, जो क्लासिक 350 की सफलता को देखते हुए लॉन्च की जाएगी।
इस बाइक में 648सीसी का पैरेलल ट्विन इंजन मिलेगा, जो 47.4 बीएचपी की पावर और 52.4 एनएम का टॉर्क जेनरेट करेगा। यह बाइक शानदार परफॉर्मेंस के साथ क्लासिक डिज़ाइन में होगी और 2025 की पहली तिमाही में लॉन्च होने की उम्मीद है। दूसरी बाइक है रॉयल एनफील्ड बुलेट 650, जो रॉयल एनफील्ड की आइकॉनिक बुलेट सीरीज़ का बड़ा वर्जन होगी। इसमें 648सीसी ट्विन-सिलेंडर इंजन होगा, जो बेहतरीन राइडिंग अनुभव देगा। इसकी टेस्टिंग भारतीय सड़कों पर हो चुकी है, और इसकी लॉन्चिंग को लेकर उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं। तीसरी बाइक है रॉयल एनफील्ड हिमालयन 650, जो एडवेंचर बाइक प्रेमियों के लिए एक शानदार विकल्प साबित हो सकती है।
यह बाइक रॉयल एनफील्ड की पॉपुलर हिमालयन सीरीज़ का अपग्रेडेड वर्जन होगी और इसमें दमदार इंजन के साथ बेहतर ग्राउंड क्लीयरेंस और एडवेंचर टूरिंग के लिए कई आधुनिक फीचर्स होंगे। इसे 2025 के त्योहारी सीजन में लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि भारतीय बाजार में रॉयल एनफील्ड की बाइक्स हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही हैं। रॉयल एनफील्ड की क्लासिक 350 से लेकर बुलेट तक बाइक्स के शौकियों का एक अलग फैन बेस है।
किआ की नई एसयूवी सिरोस बाजार में पेश
22 Dec, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । किआ मोटर्स ने अपनी नई एसयूवी सिरोस को बाजार में पेश किया है। इस मॉडल का लॉन्च ऑटो एक्सपो 2025 में किया जाएगा। किआ इस एसयूवी के जरिए अपनी दो अन्य एसयूवी मॉडल्स, सेल्टॉस और सोनेट, के बीच के ग्राहकों को आकर्षित करने की योजना बना रही है। यह एक बी सेगमेंट की एसयूवी है, जिसकी बुकिंग 3 जनवरी 2025 से शुरू होगी, और इसकी डिलीवरी फरवरी 2025 से शुरू हो जाएगी। सिरोस को एचटीके, एचटीके (ओ),एचटीके प्लस, एचटीके एचटीएक्स प्लस औरएचटीएक्स प्लस(ओ) के छह वैरिएंट्स में उपलब्ध कराया जाएगा, और यह 8 आकर्षक रंगों में उपलब्ध होगी। डिजाइन के मामले में, किआ ने एसयूवी सिरोस को खासतौर पर स्पेशियस बनाने की कोशिश की है। इस एसयूवी की फ्रंट डिजाइन को बेहद बोल्ड और आकर्षक बनाया गया है, जिसमें वर्टिकल आइस क्यूब एलईडी हेडलाइट्स और बड़ा एलईडी डीआरएल शामिल हैं।
इसके फ्रंट में शानदार लुक के साथ हाई सेट बोनट, बंपर में सिल्वर एलिमेंट्स और एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम के लिए रडार मॉड्यूल दिए गए हैं। इसकी साइड प्रोफाइल में लंबी रूफ टेल, ब्लैक बॉडी क्लैडिंग और 17 इंच के अलॉय व्हील्स दिए गए हैं। इसके अलावा, डबल पैन पैनोरमिक सनरूफ और केबिन में 30 इंच का पैनोरमिक स्क्रीन सेटअप भी उपलब्ध है, जो वायरलेस एंड्रॉयड ऑटो और एप्पल कारप्ले कनेक्टिविटी को सपोर्ट करता है। सेफ्टी फीचर्स की बात करें तो किआ ने सिरोज में 6 स्टैंडर्ड एयरबैग्स और 360 डिग्री कैमरा सुविधा दी है।
इसके अलावा, इसमें ऑटो होल्ड के साथ इलेक्ट्रिक पार्किंग ब्रेक की भी सुविधा है। इंजन के विकल्प में, किआ सिरोस में 1.5 लीटर डीजल इंजन दिया गया है, जो 116 बीएचपी की पावर और 250 एनएम का टॉर्क जेनरेट करता है। पेट्रोल विकल्प में 1.0 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन मिलेगा, जो 120 बीएचपी की पावर और 172 एनएम का टॉर्क जेनरेट करता है। यह एसयूवी 6-स्पीड मैनुअल, 7-स्पीड डीसीटी और 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन गियरबॉक्स के साथ उपलब्ध होगी।
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर अभी नहीं मिलेगी राहत! काउंसिल ने प्रीमियम पर GST घटाने का फैसला टाला
21 Dec, 2024 06:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जीएसटी परिषद ने शनिवार को जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर कर की दर कम करने का फैसला टाल दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस संबंध में कुछ और तकनीकी पहलुओं को दूर करने की जरूरत है। इस संबंध में आगे विचार-विमर्श के लिए यह काम मंत्रिसमूह को सौंपा गया।
मंत्रिसमूह की फिर होगी बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में और राज्यों के उनके समकक्षों की उपस्थिति में परिषद ने यह फैसला लिया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत, वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियों पर कराधान के बारे में निर्णय लेने के लिए बीमा पर मंत्रिसमूह की एक और बैठक होगी। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, "कुछ सदस्यों ने कहा कि इस पर और चर्चा की जरूरत है। हम (जीओएम) जनवरी में फिर मिलेंगे।"
बीमा कवर पर प्रीमियम में छूट का प्रस्ताव
परिषद ने चौधरी की अध्यक्षता में बीमा पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया है, जिसने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति जताई थी। वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को भी कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को भी जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में देरी पर 50% तक ब्याज लगेगा..
21 Dec, 2024 06:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Credit Card Bill Payment: क्रेडिट कार्ड यूज करने वाले ग्राहकों के लिए बुरी खबर है. अब से उन्हें क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट लेट होने पर 36-50 फीसदी तक का ब्याज देना पड़ सकता है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने क्रेडिट कार्ड के लेट पेमेंट फीस के बारे में साल 2008 का नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) का फैसला रद्द कर दिया है जिसमें क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेंट फीस के तौर पर मैक्सिमम 30 परसेंट ब्याज का फैसला लिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बैंक अब क्रेडिट कार्ड के लेट पेमेंट फीस पर 30 फीसदी से ज्यादा यानी 36-50 फीसदी तक ब्याज ले सकेंगे.
क्या है पूरा मामला
एनसीडीआरसी ने साल 2008 को अपने एक फैसले में कहा था कि क्रेडिट कार्ड यूजर्स से 36 से 50 फीसदी सालाना ब्याज लेना बहुत ज्यादा है. इसे गलत ट्रेड प्रेक्टिस बताते हुए लेट पेमेंट फीस के लिए ब्याज की लिमिट 30 फीसदी पर तय कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी के इस फैसले पर रोक लगा दी है और इससे बैंकों को राहत मिली है.
किन ग्राहकों पर पड़ेगा असर
जो ग्राहक क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट करने में देरी करते हैं उनके लिए ये खबर एक झटका है. अब से बैंक ऐसे कस्टमर्स से लेट बिल फीस के तौर पर 36-50 फीसदी तक का ब्याज वसूल सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 20 दिसंबर को इस बारे में आदेश जारी कर दिया है और ये फैसला जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली बेंच ने दिया है.
बैंकों ने लगाई थी सुप्रीम कोर्ट के पास याचिका
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के पीछे 16 साल लंबी चले मामले को देखा जा सकता है. एनसीडीआरसी ने सात जुलाई 2008 को इस मामले में फैसला दिया था कि अंतिम तारीख तक क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल ना चुकाने वाले कस्टमर्स के ऊपर 30 फीसदी से ज्यादा इंटरेस्ट नहीं वसूला जा सकता है. इस निर्णय के खिलाफ कई बैंक जैसे एचएसबीसी, सिटीबैंक और स्टैंडर्ड चार्ज बैंक ने अर्जी लगाई थी और अब 20 सितंबर को बैंकों के हक में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है.
GST काउंसिल का बड़ा फैसला: अब पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर 18% टैक्स लगेगा
21 Dec, 2024 06:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
55th meeting of the GST Council: अगर आप अपनी पुरानी कार बेचकर उसके बदले उन पैसों से नई कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए चिंता की खबर आई है, क्योंकि सरकार ने पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर लगने वाली GST दर को बढ़ा दिया है. आसान भाषा में कहा जाए तो अब पहले से अधिक पैसे यूज्ड कार खरीदने के लिए खर्च करने होंगे. क्योंकि सरकार ने पुरानी कार की बिक्री पर GST दर बढ़ दिया है तो इससे जो पुरानी कार खरीदने वाले हैं. उन्हें अब पहले से अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. एक बात का और ध्यान रहे कि इस फैसले का असर इलेक्ट्रिक कार पर भी देखने को मिलने वाला है.
यूज्ड कार खरीदने पर अधिक खर्च
जैसलमेर में आयोजित GST काउंसिल की 55वीं बैठक में पुरानी और इस्तेमाल की गई गाड़ियों पर लगने वाले टैक्स दर को बढ़ा दिया गया है. सरकार पहले इसपर 12 % के दर से GST वसूलती थी. अब नए फैसले के मुताबिक, 18 % की दर से टैक्स वसूलेगी. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि यह नियम सिर्फ पेट्रोल-डीजल वाली कार पर ही लागू नहीं होने जा रहा है. बल्कि इस नियम का असर सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन पर भी देखा जाएगा. यानी अगर आप पुरानी EV भी खरीदते हैं तो आपको 18 % की दर से GST देना पड़ेगा.
बीमा पॉलिसी पर GST में बदलाव
बीमा पर मंत्री समूह का नेतृत्व करने वाले बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत और वरिष्ठ नागरिकों की बीमा पॉलिसियों पर टैक्सेशन के बारे में निर्णय लेने के लिए एक और बैठक की आवश्यकता है, जो जनवरी में होने की उम्मीद है. बता दें कि GST परिषद की बैठक में बीमा, लग्जरी प्रोडक्ट्स, विमानन टरबाइन ईंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए दरों में समायोजन सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी. पिछले कुछ महीनों में यह चर्चा हुई है कि परिषद से जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर GST दरों को कम करने के उद्देश्य से प्रस्तावों पर विचार करने की उम्मीद है.
पॉपकॉर्न के बढ़ते बाजार को देखते हुए GST में बदलाव, 5%, 12%, और 18% टैक्स लागू
21 Dec, 2024 05:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
GST Council Popcorn: GST काउंसिल ने शनिवार को पॉपकॉर्न को 3 तरह के टैक्स स्लैब में डाल दिया है. 5 %, 12 % और 18 %. क्या आपने सोचा है कि आखिर पॉपकॉर्न जैसी चीज को GST के दायरे में लाने की जरुरत ही क्यों पड़ी? वास्तव में पॉपकॉर्न का बाजार भारत में कोई छोटा मोटा नहीं है. इसका दायरा और बाजार काफी बड़ा है. भारत में इसका मार्केट साइज करीब 1200 करोड़ रुपए का है. जो साल 2030 में करीब 2600 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार पॉपकॉर्न के मार्केट में साल 2024 से लेकर 2023 तक 12 % से ज्यादा की ग्रोथ देखने को मिल सकती है. खास बात तो ये है कि पूरी दुनिया में पॉपकॉर्न का बाजार 75 हजार करोड़ रुपए है. अब आप समझ सकते हैं कि आखिर सरकार के लिए पॉपकॉर्न से कमाई करना कितना जरूरी हो गया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पॉपकॉर्न का मार्केट किस तरह का देखने को मिल रहा है?
भारत में पॉपकॉर्न का बाजार तेजी के साथ बूस्ट कर रहा है. देश में बीते कुछ सालों में इसकी ग्रोथ 10 % से ज्यादा देखने को मिल रही है. साल 2030 तक 12 % से ज्यादा देखने को मिल सकती है. आंकड़ों के अनुसार पॉपकॉर्न का साल 2023 तक 1,158 करोड़ रुपए का था. जोकि मौजूदा समय में करीब 1,200 करोड़ रुपए के आसपास देखने को मिल रहा है. खास बात तो ये है कि साल 2023 तक ये आंकड़ा 2,572 करोड़ रुपए तक के आंकड़े को भी पार सकता है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 से लेकर 2030 तक देश में पॉपकॉर्न मार्केट 12.1 % की दर से बढ़ने का अनुमान है.
वास्तव में देश में पॉपकॉर्न की बढ़ती खपत का प्रमुख कारण आम लोगों का मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटर्स में जाने का चलन है. वहीं दूसरी और घर पर भी इसका कंजंप्शन काफी बढ़ गया है. खासकर तब जब घर के सभी लोग एक साथ बैठकर घर पर ही फिल्म या फिर क्रिकेट मैच देखते हैं. आंकड़ों को देखें तो 2021 में, रेडी-टू-ईट (R2E) पॉपकॉर्न सबसे ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करने वाला टाइप था. जबकि माइक्रोवेव पॉपकॉर्न सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट देखने को मिला. अगर बात सेलर की करें तो भारत का मल्टीप्लेक्स PVR प्रतिदिन औसतन 18,000 पॉपकॉर्न टब बेचता है। बानाको भारत के लगभग 80 % मल्टीप्लेक्सों को पॉपकॉर्न के दानों की सप्लाई करता है.
वहीं दूसरी ओर ग्लोबल मार्केट की बात करें तो वो भी छोटा नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में पॉपकॉर्न का मार्केट 8.80 बिलियन डॉलर यानी करीब 75 हजार करोड़ रुपए का है. जिसके साल 2029 तक 14.89 बिलियन डॉलर यानी 1.26 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. 2024 से 2029 तक ग्लोबली पॉपकॉर्न मार्केट 11.10 % की ग्रोथ कर सकता है. पॉपकॉर्न का सबसे बड़ा मार्केट नॉर्थ अमेरिका है. जबकि जबकि सबसे तेजी के साथ ग्रो करने वाला बाजार एशिया पेसिफिक है. ग्लोबल लेवल पर पॉपकॉर्न के बड़े प्लेयर्स में हर्शीज, पेप्सिको, पॉप वीवर, कोनाग्रा आदि शामिल है.
GST काउंसिल पॉपकॉर्क को GST के दायरे में लेकर आ गई है. GST काउंसिल ने फ्लेवर के हिसाब से पॉपकॉर्न को GST के अलग-अलग स्लैब में रखा है. साधारण नमक और मसालों से तैयार पॉपकॉर्न, जिस पर पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं होगा उस पर 5 % GST लगेगा. वहीं जिन पॉपकॉर्न पर पैकेज्ड और लेबल्ड लगा हुआ होगा तो उस पर GST रेट 12 % होगा. चीनी जैसे कारमेल से तैयार पॉपकॉर्न को 18 % टैक्स स्लैब के दायरे में रखा गया है.
GST काउंसिल की जैसलमेर बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स कटौती की उम्मीदें अधूरी
21 Dec, 2024 05:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
GST Council Meeting: GST काउंसिल की मीटिंग में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले टैक्स में कटौती के फैसले को अभी टाल दिया गया है. जैसलमेर में होने वाली 55वीं GST काउंसिल की मीटिंग में इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स में कटौती की उम्मीद की जा रही थी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली बैठक में फैसला किया गया कि कुछ और तकनीकी मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है. इस मामले पर आगे विचार-विमर्श के लिए एक मंत्रियों का समूह (GOM) बनाया गया है.
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि ग्रुप, पर्सनल, सीनियर सिटीजन की पॉलिसियों पर टैक्सेशन पर फैसला लेने के लिए इंश्योरेंस पर GOM की एक और बैठक की जरूरी है. अभी इस पर और चर्चा करने की जरूरत है, इसके लिए GOM की मीटिंग जनवरी में की जाएगी. चौधरी की लीडरशिप में काउंसिल की तरफ से गठित मंत्रियों के ग्रुप (GOM) ने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान को GST से छूट देने पर सहमति जताई थी.
इसके अलावा सीनियर सिटीजन की तरफ से हेल्थ इंश्योरेंस कवर के लिए दिये गए प्रीमियम को टैक्स से छूट देने का भी प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा सीनियर सिटीजन, अन्य लोगों के द्वारा 5 लाख रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के लिए पेमेंट किये जाने वाले प्रीमियम को GST से छूट देने का भी प्रस्ताव है. हालांकि 5 लाख रुपये से ज्यादा के हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज वाली पॉलिसियों के लिए किये गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की GST दर लागू रहेगी.
भारत ने 2024 में सबसे बड़े प्रेषण प्राप्तकर्ता के रूप में रचा इतिहास: विश्व बैंक
20 Dec, 2024 05:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत ने 2024 में नौकरी बाजारों में पुनर्निर्माण के कारण अपेक्षित 129 अरब डालर के प्रेषण के साथ सबसे बड़े प्रेषण प्राप्तकर्ता के रूप में अपनी धाक जमाई। यह जानकारी विश्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में साझा की गई है। इस उच्च स्तरीय प्रेषण के पीछे भारत के अविरल संवेदनशीलता, भरोसेमंद नौकरी बाजार, और अर्थव्यवस्था की मजबूती का सामर्थ्य है। इसके बाद इस श्रेणी में मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और पाकिस्तान स्थान रहे। वर्ष 2024 में प्रेषण की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023 की 1.2 प्रतिशत की दर से काफी अधिक है। विश्व बैंक के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक उच्च-आय वाले देशों में सुधार और महामारी के बाद आर्थिक सहयोग ने प्रेषणों में इस वृद्धि को प्रोत्साहित किया। विश्व बैंक ने देशों से उचित कार्रवाई की मांग की है ताकि प्रेषणों की स्थिरता और आकार बनाए रखा जा सके और इससे गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए फायदे हो सकें। उन्होंने भविष्य में दक्षिण एशिया में प्रेषण के मामले में अग्रणी भूमिका की उम्मीद जताई है, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, और बांग्लादेश के सजीव प्रेषण प्रवाह के कारण। अंततः विश्व बैंक के व्यापक अध्ययन से प्रकट होता है कि 2024 में भारत ने दिखाया है कि वह आर्थिक उत्कृष्टता और उन्नति के मामले में विश्व में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।