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जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर अभी नहीं मिलेगी राहत! काउंसिल ने प्रीमियम पर GST घटाने का फैसला टाला
21 Dec, 2024 06:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जीएसटी परिषद ने शनिवार को जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर कर की दर कम करने का फैसला टाल दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस संबंध में कुछ और तकनीकी पहलुओं को दूर करने की जरूरत है। इस संबंध में आगे विचार-विमर्श के लिए यह काम मंत्रिसमूह को सौंपा गया।
मंत्रिसमूह की फिर होगी बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में और राज्यों के उनके समकक्षों की उपस्थिति में परिषद ने यह फैसला लिया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत, वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियों पर कराधान के बारे में निर्णय लेने के लिए बीमा पर मंत्रिसमूह की एक और बैठक होगी। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, "कुछ सदस्यों ने कहा कि इस पर और चर्चा की जरूरत है। हम (जीओएम) जनवरी में फिर मिलेंगे।"
बीमा कवर पर प्रीमियम में छूट का प्रस्ताव
परिषद ने चौधरी की अध्यक्षता में बीमा पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया है, जिसने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति जताई थी। वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को भी कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को भी जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में देरी पर 50% तक ब्याज लगेगा..
21 Dec, 2024 06:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Credit Card Bill Payment: क्रेडिट कार्ड यूज करने वाले ग्राहकों के लिए बुरी खबर है. अब से उन्हें क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट लेट होने पर 36-50 फीसदी तक का ब्याज देना पड़ सकता है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने क्रेडिट कार्ड के लेट पेमेंट फीस के बारे में साल 2008 का नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) का फैसला रद्द कर दिया है जिसमें क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेंट फीस के तौर पर मैक्सिमम 30 परसेंट ब्याज का फैसला लिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बैंक अब क्रेडिट कार्ड के लेट पेमेंट फीस पर 30 फीसदी से ज्यादा यानी 36-50 फीसदी तक ब्याज ले सकेंगे.
क्या है पूरा मामला
एनसीडीआरसी ने साल 2008 को अपने एक फैसले में कहा था कि क्रेडिट कार्ड यूजर्स से 36 से 50 फीसदी सालाना ब्याज लेना बहुत ज्यादा है. इसे गलत ट्रेड प्रेक्टिस बताते हुए लेट पेमेंट फीस के लिए ब्याज की लिमिट 30 फीसदी पर तय कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी के इस फैसले पर रोक लगा दी है और इससे बैंकों को राहत मिली है.
किन ग्राहकों पर पड़ेगा असर
जो ग्राहक क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट करने में देरी करते हैं उनके लिए ये खबर एक झटका है. अब से बैंक ऐसे कस्टमर्स से लेट बिल फीस के तौर पर 36-50 फीसदी तक का ब्याज वसूल सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 20 दिसंबर को इस बारे में आदेश जारी कर दिया है और ये फैसला जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली बेंच ने दिया है.
बैंकों ने लगाई थी सुप्रीम कोर्ट के पास याचिका
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के पीछे 16 साल लंबी चले मामले को देखा जा सकता है. एनसीडीआरसी ने सात जुलाई 2008 को इस मामले में फैसला दिया था कि अंतिम तारीख तक क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल ना चुकाने वाले कस्टमर्स के ऊपर 30 फीसदी से ज्यादा इंटरेस्ट नहीं वसूला जा सकता है. इस निर्णय के खिलाफ कई बैंक जैसे एचएसबीसी, सिटीबैंक और स्टैंडर्ड चार्ज बैंक ने अर्जी लगाई थी और अब 20 सितंबर को बैंकों के हक में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है.
GST काउंसिल का बड़ा फैसला: अब पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर 18% टैक्स लगेगा
21 Dec, 2024 06:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
55th meeting of the GST Council: अगर आप अपनी पुरानी कार बेचकर उसके बदले उन पैसों से नई कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए चिंता की खबर आई है, क्योंकि सरकार ने पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर लगने वाली GST दर को बढ़ा दिया है. आसान भाषा में कहा जाए तो अब पहले से अधिक पैसे यूज्ड कार खरीदने के लिए खर्च करने होंगे. क्योंकि सरकार ने पुरानी कार की बिक्री पर GST दर बढ़ दिया है तो इससे जो पुरानी कार खरीदने वाले हैं. उन्हें अब पहले से अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. एक बात का और ध्यान रहे कि इस फैसले का असर इलेक्ट्रिक कार पर भी देखने को मिलने वाला है.
यूज्ड कार खरीदने पर अधिक खर्च
जैसलमेर में आयोजित GST काउंसिल की 55वीं बैठक में पुरानी और इस्तेमाल की गई गाड़ियों पर लगने वाले टैक्स दर को बढ़ा दिया गया है. सरकार पहले इसपर 12 % के दर से GST वसूलती थी. अब नए फैसले के मुताबिक, 18 % की दर से टैक्स वसूलेगी. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि यह नियम सिर्फ पेट्रोल-डीजल वाली कार पर ही लागू नहीं होने जा रहा है. बल्कि इस नियम का असर सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन पर भी देखा जाएगा. यानी अगर आप पुरानी EV भी खरीदते हैं तो आपको 18 % की दर से GST देना पड़ेगा.
बीमा पॉलिसी पर GST में बदलाव
बीमा पर मंत्री समूह का नेतृत्व करने वाले बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत और वरिष्ठ नागरिकों की बीमा पॉलिसियों पर टैक्सेशन के बारे में निर्णय लेने के लिए एक और बैठक की आवश्यकता है, जो जनवरी में होने की उम्मीद है. बता दें कि GST परिषद की बैठक में बीमा, लग्जरी प्रोडक्ट्स, विमानन टरबाइन ईंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए दरों में समायोजन सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी. पिछले कुछ महीनों में यह चर्चा हुई है कि परिषद से जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर GST दरों को कम करने के उद्देश्य से प्रस्तावों पर विचार करने की उम्मीद है.
पॉपकॉर्न के बढ़ते बाजार को देखते हुए GST में बदलाव, 5%, 12%, और 18% टैक्स लागू
21 Dec, 2024 05:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
GST Council Popcorn: GST काउंसिल ने शनिवार को पॉपकॉर्न को 3 तरह के टैक्स स्लैब में डाल दिया है. 5 %, 12 % और 18 %. क्या आपने सोचा है कि आखिर पॉपकॉर्न जैसी चीज को GST के दायरे में लाने की जरुरत ही क्यों पड़ी? वास्तव में पॉपकॉर्न का बाजार भारत में कोई छोटा मोटा नहीं है. इसका दायरा और बाजार काफी बड़ा है. भारत में इसका मार्केट साइज करीब 1200 करोड़ रुपए का है. जो साल 2030 में करीब 2600 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार पॉपकॉर्न के मार्केट में साल 2024 से लेकर 2023 तक 12 % से ज्यादा की ग्रोथ देखने को मिल सकती है. खास बात तो ये है कि पूरी दुनिया में पॉपकॉर्न का बाजार 75 हजार करोड़ रुपए है. अब आप समझ सकते हैं कि आखिर सरकार के लिए पॉपकॉर्न से कमाई करना कितना जरूरी हो गया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पॉपकॉर्न का मार्केट किस तरह का देखने को मिल रहा है?
भारत में पॉपकॉर्न का बाजार तेजी के साथ बूस्ट कर रहा है. देश में बीते कुछ सालों में इसकी ग्रोथ 10 % से ज्यादा देखने को मिल रही है. साल 2030 तक 12 % से ज्यादा देखने को मिल सकती है. आंकड़ों के अनुसार पॉपकॉर्न का साल 2023 तक 1,158 करोड़ रुपए का था. जोकि मौजूदा समय में करीब 1,200 करोड़ रुपए के आसपास देखने को मिल रहा है. खास बात तो ये है कि साल 2023 तक ये आंकड़ा 2,572 करोड़ रुपए तक के आंकड़े को भी पार सकता है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 से लेकर 2030 तक देश में पॉपकॉर्न मार्केट 12.1 % की दर से बढ़ने का अनुमान है.
वास्तव में देश में पॉपकॉर्न की बढ़ती खपत का प्रमुख कारण आम लोगों का मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटर्स में जाने का चलन है. वहीं दूसरी और घर पर भी इसका कंजंप्शन काफी बढ़ गया है. खासकर तब जब घर के सभी लोग एक साथ बैठकर घर पर ही फिल्म या फिर क्रिकेट मैच देखते हैं. आंकड़ों को देखें तो 2021 में, रेडी-टू-ईट (R2E) पॉपकॉर्न सबसे ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करने वाला टाइप था. जबकि माइक्रोवेव पॉपकॉर्न सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट देखने को मिला. अगर बात सेलर की करें तो भारत का मल्टीप्लेक्स PVR प्रतिदिन औसतन 18,000 पॉपकॉर्न टब बेचता है। बानाको भारत के लगभग 80 % मल्टीप्लेक्सों को पॉपकॉर्न के दानों की सप्लाई करता है.
वहीं दूसरी ओर ग्लोबल मार्केट की बात करें तो वो भी छोटा नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में पॉपकॉर्न का मार्केट 8.80 बिलियन डॉलर यानी करीब 75 हजार करोड़ रुपए का है. जिसके साल 2029 तक 14.89 बिलियन डॉलर यानी 1.26 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. 2024 से 2029 तक ग्लोबली पॉपकॉर्न मार्केट 11.10 % की ग्रोथ कर सकता है. पॉपकॉर्न का सबसे बड़ा मार्केट नॉर्थ अमेरिका है. जबकि जबकि सबसे तेजी के साथ ग्रो करने वाला बाजार एशिया पेसिफिक है. ग्लोबल लेवल पर पॉपकॉर्न के बड़े प्लेयर्स में हर्शीज, पेप्सिको, पॉप वीवर, कोनाग्रा आदि शामिल है.
GST काउंसिल पॉपकॉर्क को GST के दायरे में लेकर आ गई है. GST काउंसिल ने फ्लेवर के हिसाब से पॉपकॉर्न को GST के अलग-अलग स्लैब में रखा है. साधारण नमक और मसालों से तैयार पॉपकॉर्न, जिस पर पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं होगा उस पर 5 % GST लगेगा. वहीं जिन पॉपकॉर्न पर पैकेज्ड और लेबल्ड लगा हुआ होगा तो उस पर GST रेट 12 % होगा. चीनी जैसे कारमेल से तैयार पॉपकॉर्न को 18 % टैक्स स्लैब के दायरे में रखा गया है.
GST काउंसिल की जैसलमेर बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स कटौती की उम्मीदें अधूरी
21 Dec, 2024 05:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
GST Council Meeting: GST काउंसिल की मीटिंग में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले टैक्स में कटौती के फैसले को अभी टाल दिया गया है. जैसलमेर में होने वाली 55वीं GST काउंसिल की मीटिंग में इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स में कटौती की उम्मीद की जा रही थी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली बैठक में फैसला किया गया कि कुछ और तकनीकी मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है. इस मामले पर आगे विचार-विमर्श के लिए एक मंत्रियों का समूह (GOM) बनाया गया है.
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि ग्रुप, पर्सनल, सीनियर सिटीजन की पॉलिसियों पर टैक्सेशन पर फैसला लेने के लिए इंश्योरेंस पर GOM की एक और बैठक की जरूरी है. अभी इस पर और चर्चा करने की जरूरत है, इसके लिए GOM की मीटिंग जनवरी में की जाएगी. चौधरी की लीडरशिप में काउंसिल की तरफ से गठित मंत्रियों के ग्रुप (GOM) ने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान को GST से छूट देने पर सहमति जताई थी.
इसके अलावा सीनियर सिटीजन की तरफ से हेल्थ इंश्योरेंस कवर के लिए दिये गए प्रीमियम को टैक्स से छूट देने का भी प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा सीनियर सिटीजन, अन्य लोगों के द्वारा 5 लाख रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के लिए पेमेंट किये जाने वाले प्रीमियम को GST से छूट देने का भी प्रस्ताव है. हालांकि 5 लाख रुपये से ज्यादा के हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज वाली पॉलिसियों के लिए किये गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की GST दर लागू रहेगी.
भारत ने 2024 में सबसे बड़े प्रेषण प्राप्तकर्ता के रूप में रचा इतिहास: विश्व बैंक
20 Dec, 2024 05:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत ने 2024 में नौकरी बाजारों में पुनर्निर्माण के कारण अपेक्षित 129 अरब डालर के प्रेषण के साथ सबसे बड़े प्रेषण प्राप्तकर्ता के रूप में अपनी धाक जमाई। यह जानकारी विश्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में साझा की गई है। इस उच्च स्तरीय प्रेषण के पीछे भारत के अविरल संवेदनशीलता, भरोसेमंद नौकरी बाजार, और अर्थव्यवस्था की मजबूती का सामर्थ्य है। इसके बाद इस श्रेणी में मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और पाकिस्तान स्थान रहे। वर्ष 2024 में प्रेषण की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023 की 1.2 प्रतिशत की दर से काफी अधिक है। विश्व बैंक के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक उच्च-आय वाले देशों में सुधार और महामारी के बाद आर्थिक सहयोग ने प्रेषणों में इस वृद्धि को प्रोत्साहित किया। विश्व बैंक ने देशों से उचित कार्रवाई की मांग की है ताकि प्रेषणों की स्थिरता और आकार बनाए रखा जा सके और इससे गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए फायदे हो सकें। उन्होंने भविष्य में दक्षिण एशिया में प्रेषण के मामले में अग्रणी भूमिका की उम्मीद जताई है, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, और बांग्लादेश के सजीव प्रेषण प्रवाह के कारण। अंततः विश्व बैंक के व्यापक अध्ययन से प्रकट होता है कि 2024 में भारत ने दिखाया है कि वह आर्थिक उत्कृष्टता और उन्नति के मामले में विश्व में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
माइक्रोमैक्स और फिसन ने भारत में स्टोरेज चिपसेट मॉड्यूल के लिए किया समझौता
20 Dec, 2024 04:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । माइक्रोमैक्स इंफॉर्मेटिक्स और फिसन ने कृत्रिम मेधा आधारित स्टोरेज चिपसेट मॉड्यूल के लिए उद्यम की स्थापना की है। इस संयुक्त उद्यम का नाम एमआईपीएचआई है। माइक्रोमैक्स इंफॉर्मेटिक्स के एक अधिकारी ने बताया कि नए संयुक्त उद्यम ने नोएडा संयंत्र में उत्पादन शुरू कर दिया है। स्टोरेज चिपसेट का उपयोग सर्वर के लिए किया जाएगा। अधिकारी ने इस साझेदारी के बारे में बताया कि माइक्रोमैक्स की 55 फीसदी और फिसन की 45 फीसदी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि इसे एआई परिदृश्य को बदलने में मदद मिलेगी। इसका लक्ष्य जीपीयू की लागत को कम करना है। यह भी जताया गया कि परीक्षण इसी महीने पूरा होगा और नया उत्पाद 2025 में वाणिज्यिक निर्यात के लिए उपलब्ध होगा। इस संयुक्त उद्यम के माध्यम से, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी और स्टोरेज चिप कंपनी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो भारत के साथ ही अन्य विश्व पारंपरिक बाजारों में भी इनोवेटिव तकनीक को प्रोत्साहित करेगा। यह स्टोरेज चिपसेट मॉड्यूल नवीनतम विकास के सफल साक्षात्कार का परिणाम है, जो कंपनियों के लिए सुरक्षित और एफीशिएंट स्टोरेज समाधान प्रदान करेगा।
होंडा जनवरी से वाहनों की कीमतें दो प्रतिशत बढ़ाएगी
20 Dec, 2024 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । होंडा कार्स इंडिया ने अगले साल जनवरी से अपने सभी मॉडल की कीमतों में दो प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। इस घोषणा के साथ होंडा ने वाहन विनिर्माता कंपनियों की उस लिस्ट में शामिल हो गई है, जो इस समय कोविड-19 महामारी के कारण लॉजिस्टिक्स की बढ़ाती लागतों का बोझ उठाने के बारे में सोच रही हैं। कंपनी के एक अधिकारी ने यह निर्णय लिया है और उन्होंने यह कहा है कि कच्चे माल की लागत और लॉजिस्टिक्स में निरंतर वृद्धि के कारण इसका छोटा सा भार नए साल से मूल्य संशोधन के जरिये ग्राहकों पर डाला जाएगा। कंपनी घरेलू बाजार में अमेज, सिटी और एलिवेट जैसे मॉडल बेचती है और उसने इस बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे इसे अन्य विनिर्माता कंपनियों के साथ समय पर बराबरी बनाए रखने के लिए जरूरी था। प्रमुखीकृत कार विनिर्माता कंपनियों मैरुति सुजुकी, हुंदै और टाटा मोटर्स ने पहले ही इसी माह में कारों की कीमतों में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है।
इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल का शेयर 22 प्रतिशत बढ़त के साथ सूचीबद्ध
20 Dec, 2024 02:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । हीरा कारोबार से जुड़ी कंपनी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टिट्यूट (इंडिया) लिमिटेड का शेयर अपने निर्गम मूल्य 417 रुपये से 22 प्रतिशत से अधिक उछाल के साथ शुक्रवार को बाजार में सूचीबद्ध हुआ। बीएसई पर शेयर निर्गम मूल्य से 21 प्रतिशत की बढ़त के साथ 504.85 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। इसके बाद यह 25.89 प्रतिशत चढ़कर 525 रुपये पर पहुंच गया। एनएसई पर इसे 22.30 प्रतिशत चढ़कर 510 रुपये पर शुरुआत की। कंपनी का बाजार पूंजीकरण 20,523.26 करोड़ रुपये रहा। जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट इंडिया लिमिटेड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को पिछले मंगलवार को बोली के अंतिम दिन तक 33.78 गुना अभिदान मिला था। कंपनी ने 4,225 करोड़ रुपये के अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए 397-417 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया था।
अदाणी समूह बिहार में अत्याधुनिक बिजलीघर लगाएगा: प्रणव अदाणी
20 Dec, 2024 01:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । गौतम अदाणी के नेतृत्व में अदाणी समूह ने बिहार में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश कर एक अत्याधुनिक बिजलीघर की स्थापना करने की घोषणा की है। साथ ही समूह अपने सीमेंट, खाद्य प्रसंस्करण तथा लॉजिस्टिक कारोबार का भी विस्तार करने जा रहा है। अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के निदेशक प्रणव अदाणी ने इस बताया कि समूह ने पहले ही लॉजिस्टिक, गैस वितरण, और कृषि लॉजिस्टिक क्षेत्र में 850 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस निवेश से 27,000 नौकरियों का सृजन होगा। अदाणी समूह की योजनाएं बिहार के औद्योगिक विकास को गति देने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। गौतम अदाणी ने हाल ही में बिहार में औद्योगिक विकास के लिए और भी 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर विनिर्माण में भी निवेश किया जा रहा है, जिससे 4,000 नौकरियों का सृजन होगा। इस समाचार से स्पष्ट है कि अदाणी समूह गतिशीलता और विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसरों का भी संरक्षण कर रहा है। इस निवेश से बिहार की अर्थव्यवस्था में नयी ऊर्जा और उत्थान का संकेत मिलता है।
सन पेट्रोकेमिकल्स बिहार में 36,700 करोड़ का करेगी निवेश
20 Dec, 2024 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। सन पेट्रोकेमिकल्स ने बिहार सरकार के साथ एक समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए जिसमें अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 36,700 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई है। सन पेट्रोकेमिकल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट’ 2024 निवेशक शिखर सम्मेलन में कहा कि हम अक्षय ऊर्जा तथा भंडारण बुनियादी ढांचे में 36,700 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं। मैं इस अवसर का इस्तेमाल राज्य में निवेशकों की भावना तथा माहौल में आए महत्वपूर्ण बदलाव की सराहना करने के लिए करना चाहता हूं, जो हमें इस और आगामी परियोजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि चालू होने से पहले ही ये परियोजनाएं 30,000 से अधिक नौकरियों का सृजन करेंगी।
विदेशों से पैसा भेजने वालों में भारत दुनिया में नंबर वन पर
19 Dec, 2024 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। विदेश से अपने देश पैसे भेजने वालों में भारतीय दुनियाभर में अव्वल हैं लगातार तीसरे साल भी यह सिलसिला बरकरार है। भारतीयों ने 2024 में 129 बिलियन डॉलर यानी करीब 10.7 लाख करोड़ रुपए भारत भेजे हैं। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 8.95 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के रूप में स्वदेश भेजे गए थे। विश्व बैंक की एक ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक रेमिटेंस पाने में भारत के बाद मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और पाकिस्तान का नंबर आता है। रेमिटेंस विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक जरिया है। भारत में खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे विकसित देशों से रेमिटेंस आता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल रेमिटेंस की वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही, जो 2023 के मुकाबले 1.2 फीसदी ज्यादा है। महामारी के बाद आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों में नौकरी बाजार की रिकवरी को इस वृद्धि का मुख्य कारण बताया है। रिपोर्ट में यह भी बताया कि पिछले दशक में रेमिटेंस में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 41 फीसदी की गिरावट आई है।
विश्व बैंक ने कहा कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रेमिटेंस प्रवाह 2024 में 685 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा कि प्रेषण अन्य बाहरी वित्तीय प्रवाहों की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है और इसमें भविष्य में और बढ़ोतरी की संभावना है। दक्षिण एशिया में रेमिटेंस प्रवाह 2024 में 11.8 फीसदी की वृद्धि के साथ सबसे ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। इस क्षेत्र में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश प्रमुख योगदानकर्ता रहे।
Petrol Diesel Price: महंगा हुआ पेट्रोल! गाड़ी की टंकी फुल करवाने से पहले चेक करें आज के ताजा रेट
19 Dec, 2024 05:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Petrol Diesel Price 19 December 2024: अगर आप अपनी गाड़ी में पेट्रोल-डीजल भरवाने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको आज की ताजा कीमतों के बारे में जानकारी रखना जरूरी है.19 दिसंबर 2024 के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्या बदलाव आया है, आइए जानते हैं.
देशभर में पेट्रोल और डीजल के दाम रोज बदलते हैं, क्योंकि इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के रेट, डॉलर-रुपये के एक्सचेंज रेट, और केंद्र-राज्य सरकार के लगाए गए टैक्स के आधार पर तय होती हैं. इसके अलावा, हर राज्य में अलग-अलग वैट और परिवहन लागत भी इन कीमतों को प्रभावित करती है, जिससे हर शहर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं.
19 दिसंबर 2024 के पेट्रोल-डीजल के दाम
आज, 19 दिसंबर 2024 को विभिन्न शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुछ बदलाव आया है.
शहर पेट्रोल की कीमत (रुपये/लीटर) डीजल की कीमत (रुपये/लीटर)
दिल्ली 94.72 87.62
मुंबई 103.44 89.97
चेन्नई 100.85 92.44
कोलकाता 103.94 90.76
नोएडा 94.66 87.76
लखनऊ 94.65 87.76
बेंगलुरु 102.86 88.94
हैदराबाद 107.41 95.65
जयपुर 104.88 90.36
तिरुवनंतपुरम 107.62 96.43
भुवनेश्वर 101.06 92.91
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण अलग अलग वजह से होता है.
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें: यह सबसे बड़ा कारक है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पेट्रोल-डीजल पर पड़ता है.
डॉलर-रुपये का एक्सचेंज रेट: अलग डॉलर की कीमत बढ़ती है, तो भारत में आयातित कच्चे तेल की लागत बढ़ जाती है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमत भी बढ़ती है.
सरकारी टैक्स और वैट: केंद्र और राज्य सरकारों के लगाए गए टैक्स, जैसे वैट (Value Added Tax), पेट्रोल-डीजल की कीमतों को प्रभावित करते हैं. राज्यों में अलग अलग टैक्स दरों के कारण कीमतों में भिन्नता आती है.
परिवहन लागत: पेट्रोल और डीजल को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसपोर्ट करने में लगने वाली लागत भी इन कीमतों को प्रभावित करती है.
Gold-Silver Price Today: फिर बदले सोने और चांदी के दाम , जानें 22 और 24 कैरेट सोने के भाव
19 Dec, 2024 05:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold-Silver Price Today: आज के दिन भारतीय बाजार में सोने और चांदी के दाम में हल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर सोने की कीमतों में मामूली गिरावट आई है, वहीं चांदी के दाम में हल्की कमी आई है. आइए जानते हैं, आज के सोने और चांदी के दाम में कितना बदलाव आया है.
भारत में 22 कैरेट सोने का भाव आज 71,490 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि पिछले दिन यह 71,500 रुपये था. वहीं, 24 कैरेट सोने की कीमत 77,980 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जो कि पहले 77,990 रुपये थी. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में वृद्धि हो सकती है.
सोने की प्रति ग्राम कीमत
22 कैरेट सोने की कीमत ₹ 7,149 प्रति ग्राम है.
24 कैरेट सोने की कीमत ₹ 7,798 प्रति ग्राम है.
शहरों में सोने के दाम
भारत के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं आया है. देखें अलग अलग शहरों में सोने के दाम,
लखनऊ में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
गाजियाबाद में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
नोएडा में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
मेरठ में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
आगरा में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
गोरखपुर में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
अयोध्या में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
कानपुर में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
मथुरा में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
बरेली में सोने के दाम
22 कैरेट सोना: ₹ 71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹ 77,980 प्रति 10 ग्राम
चांदी के दाम में कमी
अगर बात करें चांदी के दाम की, तो आज लखनऊ में 1 किलो चांदी का रेट ₹ 92,400 है, जबकि कल चांदी का भाव ₹ 92,500 था. इस प्रकार, चांदी के दाम में ₹ 100 की गिरावट आई है.
सोने की शुद्धता कैसे जांचें?
सोने की शुद्धता पहचानने के लिए ISO (Indian Standard Organization) के हॉलमार्क दिए जाते हैं. 24 कैरेट सोने का हॉलमार्क '999', 23 कैरेट पर '958', 22 कैरेट पर '916', 21 कैरेट पर '875' और 18 कैरेट पर '750' होता है. आमतौर पर, 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि कुछ लोग 18 कैरेट का भी इस्तेमाल करते हैं. ध्यान रखें कि 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है, और इसके आभूषण बनाना कठिन होता है, इसलिए दुकानदार 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचते हैं.
22 और 24 कैरेट सोने में अंतर
24 कैरेट सोना: यह 99.9% शुद्ध होता है.
22 कैरेट सोना: यह लगभग 91% शुद्ध होता है, जिसमें 9% दूसरे धातुएं जैसे तांबा, चांदी, या जिंक मिलाई जाती हैं.
24 कैरेट सोना शुद्ध होने के बावजूद आभूषण बनाने में कठिन होता है, इसलिए ज्यादातर लोग 22 कैरेट सोना ही खरीदते हैं.
होंडा-निसान का मर्जर! वैश्विक कार निर्माताओं और ऑटो उद्योग के लिए इसका क्या मतलब है
19 Dec, 2024 04:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जापानी ऑटो निर्माता होंडा मोटर कंपनी और निसान मोटर कॉर्पोरेशन ने बुधवार को यह स्पष्ट किया है कि वे निकट सहयोग के विषय में चर्चा कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने विलय के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है।
टोक्यो में निसान के शेयरों में लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, क्योंकि कुछ अनाम स्रोतों के हवाले से यह जानकारी मिली कि निसान होंडा के साथ विलय करके दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमेकिंग समूह बना सकता है। वहीं, होंडा के शेयरों में 3 प्रतिशत की गिरावट आई। निसान के गठबंधन में शामिल मित्सुबिशी मोटर्स कॉर्प भी इस वार्ता का हिस्सा है।
हालांकि, निसान के शेयरों का कारोबार कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इसे फिर से शुरू करने की अनुमति दी। इस बयान में कहा गया कि वे भविष्य के सहयोग के लिए विभिन्न संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं।
उद्योग निर्माताओं में हलचल
उद्योग में चल रही हलचल ने एक नई दिशा में बदलाव की आवश्यकता को उजागर किया है। चीनी वाहन निर्माताओं की बढ़ती उपस्थिति ने वैश्विक बाजार में एक नई प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया है, खासकर जब पारंपरिक निर्माता जीवाश्म ईंधन से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। BYD, ग्रेट वॉल और नियो जैसी कंपनियों ने अपनी सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियों के माध्यम से अमेरिकी और जापानी कार निर्माताओं के बाजार हिस्से को प्रभावित किया है, जिससे उद्योग में एक नई प्रतिस्पर्धात्मकता का माहौल बन गया है।
जापानी वाहन निर्माता कंपनियां इस बदलाव के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में धीमी रही हैं और अब वे अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे रह गई हैं। निसान, होंडा और मित्सुबिशी ने हाल ही में घोषणा की है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी जैसे महत्वपूर्ण घटकों को साझा करेंगे और ऑटोनॉमस ड्राइविंग के लिए संयुक्त रूप से अनुसंधान सॉफ्टवेयर विकसित करेंगे। यह कदम न केवल उनकी लागत को कम करने में मदद करेगा, बल्कि इलेक्ट्रिफिकेशन की दिशा में उनकी प्रगति को भी तेज करेगा।
एकजुटता से छोटे जापानी वाहन निर्माताओं को जापान की प्रमुख कंपनी टोयोटा मोटर कॉर्प और जर्मनी की फॉक्सवैगन एजी के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने आकार को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। टोयोटा ने पहले ही जापान की माजदा मोटर कॉर्प और सुबारू कॉर्प के साथ तकनीकी साझेदारी स्थापित की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सहयोग से प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
होंडा को निसान से क्या अपेक्षाएँ हैं
इस पर मीडिया रिपोर्टों में जानकारी दी गई है। ऑटोफोरकास्ट सॉल्यूशंस के उपाध्यक्ष सैम फियोरानी के अनुसार, निसान के पास ट्रक-आधारित बॉडी-ऑन-फ्रेम बड़ी एसयूवी जैसे अर्माडा और इनफिनिटी QX80 हैं, जो होंडा के पास नहीं हैं। ये वाहन बड़ी टोइंग क्षमता और उत्कृष्ट ऑफ-रोड प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं, जो होंडा के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है।
फियोरानी ने यह भी बताया कि निसान के पास बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ गैस-इलेक्ट्रिक हाइब्रिड पावरट्रेन बनाने का वर्षों का अनुभव है। यह अनुभव होंडा को अपने स्वयं के इलेक्ट्रिक वाहनों और अगली पीढ़ी के हाइब्रिड विकसित करने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकता है, जिससे दोनों कंपनियों के बीच सहयोग की संभावनाएँ बढ़ती हैं।