मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आयोजित हुई
11 Feb, 2025 09:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के शुभारंभ 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और समापन 25 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी 23 फरवरी को छतरपुर में बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का भूमि पूजन करेंगे। वे रात्रि विश्राम भोपाल में करेंगे और अगले दिन 24 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का शुभारंभ करेंगे। मप्र में निवेशकों को आकर्षित करने सरकार ने 7 नई औद्योगिक पॉलिसी, पर्यटन, फिल्म आदि को मंजूरी दी है। इससे अगले 5 साल में 20 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट में मंत्रियों से चर्चा करते हुए बताया कि भोपाल में 24-25 फरवरी को होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारी जारी हैं। समिट में विदेशों से आने वाले उद्योग और व्यापार समूहों तथा विभिन्न देशों के वाणिज्यिक दूतावासों से बेहतर तालमेल और समन्वय के लिए 12 फरवरी को नई दिल्ली में विशेष बैठक होने जा रही है। सीएम की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट में 7 नई पॉलिसी को मंजूरी दी गई। इन नीतियों के कारण करीब 20 लाख मध्य प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा और निवेश करने वाले औद्योगिक संस्थानों को अधिकतम आर्थिक सहायता ढाई सौ करोड़ रुपए तक मिल सकेगी। सिंगल विंडो सिस्टम प्रभावित तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। फिल्म और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नीति में संशोधन किए गए हैं।
मेगा प्रोजेक्ट की सीएम 100 से बढ़ाकर 500 करोड़
कैबिनेट ने 125 करोड़ का निवेश अथवा 500 करोड़ के टर्न ओवर वाली उद्योग कंपनी को वृहद श्रेणी में रखते हुए मेगा इकाई की सीमा 500 करोड़ निर्धारित की है। इसके अलावा प्राथमिक विकासखंड में स्थापित होने वाली वृहद श्रेणी की परियोजना एवं हाई पोटेनशियल सेक्टर्स जैसे नवीकरण ऊर्जा उपकरण निर्माण, टेलीकॉम और नेटवर्किंग उत्पाद, पेट्रोकेमिकल, प्लास्टिक और पॉलिमर, फार्मास्यूटिक, बायोटेक्नोलाजी, पर्सनल केयर एवं कॉस्मेटिक की सीमा 250 करोड़ रुपए तय की है।
उद्योगों को मिलेगी 200 करोड़ तक की सहायता
-निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत 50 से 125 करोड़ के निवेश पर 40 से 32 प्रतिशत तक सहायता।
-125 करोड़ से अधिक निवेश पर 32 से 10 प्रतिशत तक अधिकतम 200 करोड़ की सहायता दी जाएगी।
-पूर्व में 50 करोड़ तक 40 प्रतिशत, 100-300 करोड़ पर 20-28 प्रतिशत, अधिकतम 150 करोड़ तक की सहायता दिए जाने का प्रावधान उद्योग संवर्धन नीति में किया गया था।
-विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, (एफडीआई)में गणक 1-2 तक, तकनीकी हस्तांतरण की लागत की प्रतिपूर्ति 50 प्रतिशत तक अधिकतम एक करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी।
-निजी औद्योगिक पार्क के लिए 10 एकड़ या उससे अधिक भूमि में स्थापित होने वाले निजी औद्योगिक पार्कों, न्यूनतम 5 इकाई को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क से 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
-अद्योसंरचना विकास, 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति या रुपए 20 लाख प्रति एकड़,( जो भी कम हो)अधिकतम 40 करोड़ होगी।
-हरित औद्योगिकीरण के लिए 50 प्रतिशत की सहायता, अधिकतम 5 करोड़ रुपए, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर अधिकतम 10 करोड़ की सहायता दी जाएगी।
नई इमारतों में पाइप लाइन से मिलेगी गैस
शहरी गैस वितरण नीति को कैबिनेट मंजूरी दी। इसमें पाइप के माध्यम से घरों में सीधे रसोई गैस की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए नगर तथा ग्राम निवेश के नियमों में प्रावधान किया गया है। जो भी नई मल्टी स्टोरी बनेगी उसमें पाइप के माध्यम से रसोई गैस की आपूर्ति की व्यवस्था करनी होगी। पंप स्टोरेज पॉलिसी को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसमें जब जल विद्युत की आवश्यकता होगी तब पंप से स्टोर किए गए पानी का उपयोग किया जाएगा। इस क्षेत्र में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई गई है।
समिट के लिए सीएम आज दिल्ली में करेंगे बैठक
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर बैठक में कई नीतियों को मंजूरी दी गई है। विदेशी राजदूतों और निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री बुधवार दिल्ली में बैठक करेंगे। इसके प्रबंधन के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें भोपाल के प्रभारी मंत्री, डिप्टी सीएम, भोपाल-खजुराहो विधायक और खुद विजयवर्गीय भी शामिल हैं।
फिल्म निमार्ताओं को मिलेगी अतिरिक्त रियायत
मध्य प्रदेश में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने और स्थानीय कलाकारों को अधिक अवसर दिलाने के मकसद से नई फिल्म नीति को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत साउथ की फिल्मों, छोटे बजट की फिल्मों और टीवी सीरियलों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए अनुमति दी जाएगी। अब तक परियोजनाओं पर 700 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। युवाओं और महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई जाने वाली फिल्मों के लिए सरकार निर्माताओं को अतिरिक्त रियायत देगी। सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान में टीवी सीरियलों के लिए एक करोड़, वेब सीरीज के लिए डेढ़ करोड़ और शॉर्ट फिल्मों के लिए 15 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। कैबिनेट बैठक में घोषणा की गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 फरवरी को छतरपुर में कैंसर अस्पताल का भूमि पूजन करेंगे और अगले दिन 24 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का शुभारंभ करेंगे। समिट का समापन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। समिट के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं, और इसके सफल आयोजन के लिए नई दिल्ली में 12 फरवरी को विशेष बैठक आयोजित की जाएगी।
कैबिनेट बैठक के अहम फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 फरवरी को छतरपुर में कैंसर अस्पताल का भूमि पूजन करेंगे और 24 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का शुभारंभ करेंगे। समिट के सफल आयोजन के लिए 12 फरवरी को दिल्ली में एक विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विदेशों से आने वाले व्यापारिक समूहों और वाणिज्यिक दूतावासों के साथ तालमेल बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। प्रयागराज कुंभ मेले में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मध्य प्रदेश के रीवा, मैहर, सतना, मऊगंज और सीधी में ठहरने, भोजन और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं का आयोजन किया गया है। साथ ही, महाराष्ट्र सीमा पर श्रद्धालुओं और वाहनों के सुचारु आवागमन के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। भोपाल में होने वाली समिट के लिए एक विशेष समूह का गठन किया गया है, जिसमें डिप्टी सीएम और प्रभारी मंत्री भी शामिल हैं।
कैबिनेट ने जो प्रमुख फैसले लिए
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी को मंजूरी।
एमपी फिल्म पर्यटन नीति और पर्यटन नीति को स्वीकृति।
नई उद्योग नीति के तहत निवेशकों को 200 करोड़ तक की सहायता देने का निर्णय।
राज्य में अगले 5 सालों में 13,179 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव।
20 लाख नए रोजगार अवसरों के सृजन की योजना।
न्यू एक्सपोर्ट पॉलिसी और पंप स्टोरेज नीति को मंजूरी दी गई
Dr.Vikrant Bhuria को तत्काल प्रभाव से अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया
11 Feb, 2025 07:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जून खरगे ने श्री Dr.Vikrant Bhuria को तत्काल प्रभाव से अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
भोपाल पुलिस: थाना कोतवाली छेत्र से फरार चल रहे आरोपी शाहिद को भोपाल रेल्वे स्टेशन पर पकड़ा
11 Feb, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल पुलिस: अपराधों की रोकथाम एवं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में पुलिस उपायुक्त जोन-03 भोपाल श्री रियाज इकबाल,अति.पुलिस उपायुक्त जोन-03 भोपाल श्रीमती शालिनी दीक्षित,सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली श्रीमती अनीता प्रभा शर्मा के द्वारा प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये गये जिसके तारतम्य व निर्देशन के पालन मे थाना प्रभारी निरीक्षक काशीराम कुशवाहा थाना कोतवाली के द्वारा 02 टीम गठित कर फरार आरोपी शाहिद को गिरफ्तार किया गया ।
पुलिस कार्यवाही व घटना का सक्षिप्त विवरण –
दि.13.08.2024 को फरियादी दानिश खांन का थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट किया मुझे एक्टिवा सवार तीन लडके चाकू दिखाकर पीछे खडी सफेद रंग की स्वीफ्ट डिजायर कार मे जबरदस्ती कर बैठाया गया उक्त कार मे पहले से 02 व्यक्ति बैठे थे और आख पर कपडा बैध दिया जिसकी रिपोर्ट पर थाना कोतवाली भोपाल मे अप.क्र-140(2),351(3),3(5)BNS का आरोपी शप्पू पिस्टल,शाहिद,अयान व दो अन्य व्यक्ति के विरूद्द पंजीबद्द कर विवेचना मे लिया गया । प्रकरण मे आरोपी शप्पू पिस्ट,शाहरूख,अयान को गिरफ्तार किया गया प्रकऱण मे आरोपी शाहिद घटना दिनांक से सकूनत पर फरार चल रहा था आरोपी शाहिद के विरूद्द गिरफ्तारी के हर सम्भब प्रयास किये गये जिसकी गिरफ्तारी हेतु श्रीमान पुलिस उपायुक्त महोदय,जोन-03 भोपाल के आदेश क्र-पु.उपा./जोन-03/भो./री/उद-35/24 दि. 30.10.2024 के पालन मे आरोपी शाहिद पर 3000 रुपये के इनाम की उदघोषणा की गई दि.10.2.25 को मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि शाहिद प्लेट फार्म न-06 पर खडा है कि सूचना पर पुलिस टीम रवाना होकर मुखबिर के बताये गये स्थान पर पहुचकर देखा कि जो पुलिस को अपनी ओर आकर देख भागने का प्रयास किया जिसे पुलिस टीम के द्वारा घेराबंदी कर पकडा गया जिससे पूछताछ की गई जिसके द्वारा अपना जुर्म स्वीकार किया गया । आरोपी शाहिद आदतन अपराधी है जिस पर कुल-20 संगीन धाराओ मे भोपाल शहर के विभिन्न थाने अपराध दर्ज है ।
आरोपी का नाम पताः- शाहिद खांन पिता मोहम्मद जाहिद खांन उम्र 28 साल नि.ग्राम राहतगढ जिला सागर म.प्र.हालपता-मन 28 गली न 04 मुरली नगर थामा निशातपुरा भोपाल म.प्र.
आरोपी शाहिद खांन का आपराधिक रिकार्ड निम्नानुसार है –
क्र. अप.क्र. धारा थाना
01 52/15 279 भादवि एम पी नगर
02 278/15 379 भादवि जहांगीराबाद
03 524/15 29,323,341,327,427,506,34 भादवि अशोकागार्डन
04 525/15 29,323,341,327,427,506,34 भादवि अशोकागार्डन
05 588/15 25 आर्म्स एक्ट ऐशबाग
06 919/15 379 भादवि जहांगीराबाद
07 212/16 294,323,506,34 भादवि ऐशबाग
08 231/16 147,148,149,326,506 भादवि ऐशबाग
09 126/17 294,323,324,326,506,34 भादवि ऐशबाग
10 582/17 25,27 आर्म्स एक्ट गौतमनगर
11 568/17 307,182,211,24,120बी भादवि 25,27 आर्म्स एक्ट गौतमनगर
12 480/17 336,506,34 भादवि 25,27 आर्म्स एक्ट निशातपुरा
13 228/17 294,307,34 भादवि खजूरीसडक
14 298/17 294,323,506,34 भादवि शाहजानाबाद
15 01/19 307,115,120बी भादवि 34 भादवि 25,27 आर्म्स एक्ट हनुमानगंज
16 117/19 399,402 भादवि 25,27 आर्म्स एक्ट पिपलानी
17 101/19 294,336,506,34 भादवि 25,27 आर्म्स एक्ट निशातपुरा
18 88/20 294,323,324,34 भादवि गांधीनगर
19 274/20 25 आर्म्स एक्ट गौतमनगर
20 150/24 140(2),351(3),3(5)BNS इजाफा धारा 25 आर्म्स एक्ट कोतवाली
पुलिस टीम- थाना प्रभारी निरीक्षक काशीराम कुशवाहा,उनि माधव सिह परिहार,उनि ओ.पी.कमलपुरिया,सउनि राजेश सिह भदौरिया,प्रआर.2764 चंन्द्रप्रकाश शर्मा,आर.633 राकेश सरयाम,आर.2336 रविशंकर शुक्ला,आर.2973 आजाद सिह,आर.351 चंदू रघुवंशी,मआर.3962 कविता मर्सकोले की सराहनीय भूमिका रही है ।
डॉ. मोहन यादव ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कर समर्पण निधि की शुरूआत की
11 Feb, 2025 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने लालघाटी चौराहा स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कर समर्पण निधि की शुरूआत की। इस दौरान प्रदेश शासन के मंत्री श्री विश्वास सारंग, पार्टी के प्रदेश महामंत्री व विधायक श्री भगवानदास सबनानी, सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, प्रदेश मंत्री श्री राहुल कोठारी, जिला अध्यक्ष श्री रविंद्र यति सहित पार्टी पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों ने माल्यार्पण कर पुण्य स्मरण किया।
जीआईएस में 250 उद्यमी और कारोबारियों के आने की उम्मीद
11 Feb, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी 2025 को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगी, जिसमें निवेश के क्षेत्र में अहम निर्णय लिए जाएंगे। इस समिट के दूसरे दिन पहली बार मप्र प्रवासी शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, इसमें दूसरे देशों में उद्योग, कारोबार कर रहे प्रदेश के करीब 250 से ज्यादा प्रवासी शामिल हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार अब तक अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूके, यूएई, जापान समेत कई देशों में रह रहे प्रदेश के अनिवासियों ने जीआईएस में आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इनकी संख्या करीब 150 के आसपास है। अधिकारियों के अनुसार मध्य प्रदेश प्रवासी शिखर सम्मेलन में 250 से ज्यादा एनआरआई के आने की संभावना है।
आईटी, कृषि समेत कई क्षेत्र में सरकार का फोकस
प्रदेश सरकार एनआरआई को मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों, उद्योग नीतियों और राज्य सरकार के निवेशकों को दी जाने वाली विभागीय सहायता से अवगत कराना है। इसमें यूएस, यूके, नेपाल, मंगोलिया, म्यांमार, कनाडा, जर्मनी, मैक्सिको, जिम्बाब्वे, जापान, पोलैंड, मोरक्को, फिजी, टोगो से लोग सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रदेश सरकार को फोकस कृषि, खाद्य एवं डेयरी प्रसंस्करण, कपड़ा और वस्त्र, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण, नवीनीकरण ऊर्जा, एयरोस्पेस, आईटी और रक्षा जैसे क्षेत्रों पर है।
विकसित हो रहा टेक्साइटल रीजन एंड अपैरल पार्क
मध्य प्रदेश टेक्सटाइल और परिधान उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला राज्य बन चुका है। राज्य की समृद्ध कृषि पृष्ठभूमि, पारंपरिक बुनकर समुदायों की उत्कृष्ट कला, आधुनिक औद्योगिक आधार और निवेशक-अनुकूल नीतियां प्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं। सरकार के सुविचारित प्रयासों से मध्य प्रदेश तेजी से भारत के प्रमुख टेक्सटाइल और गारमेंट हब के रूप में उभर रहा है। धार जिले में विकसित किया जा रहा पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नया आयाम देगा। 2,100 एकड़ में फैले इस पार्क में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योगों के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा। यह पार्क न केवल निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि प्रदेश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाएगा।
प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिलें
प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिलें, 4,000 से अधिक हथकरघे और 25 लाख स्पिंडल्स कार्यरत हैं। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, धार, देवास, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और जबलपुर प्रमुख टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। इंदौर का रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर 1,200 से अधिक इकाइयों के साथ प्रदेश में रेडीमेड वस्त्र निर्माण की प्रमुख इकाई बन चुका है। यहां स्थित अपैरल डिजाइनिंग सेंटर और स्पेशल इकोनॉमिक जोन उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान कर रहे हैं।
भाजपा ने कार्यकारिणी गठन के लिए भेजी गाइडलाइन
11 Feb, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अब कभी भी मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष के चुनाव की तारीख का ऐलान हो सकता है। बीजेपी ने जिला और मंडल की कार्यकारिणी गठित करने सभी जिला प्रभारियों, जिला अध्यक्षों, मंडल अध्यक्षों को गाइडलाइन भेज दी है। शहरी और कस्बाई क्षेत्र में रहने वाले विभिन्न भाषाई और सामाजिक समूहों के लोगों को कार्यकारिणी में शामिल किया जाएगा। बंगाली, मराठी, तमिल, कन्नड़, बिहारी समुदाय के कार्यकर्ताओं को भी पदाधिकारी बनाया जाएगा। जिला और मंडल की कार्यकारिणी में स्थानीय समीकरणों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जिले में 30 महिलाओं को भी जगह दी जाएगी। कार्यकारिणी गठित होने के बाद 20 प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा।
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी की ओर से जिलों और मंडल की कार्यकारिणी गठन के लिए गाइडलाइन भेजी गई है। जिलों में संगठन चुनाव के लिए नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक अब जिला और मंडल की कार्यकारिणी के गठन की भी निगरानी करेंगे। मंडल और जिला स्तर पर कार्यकारिणी में 40 फीसदी पदाधिकारी नए नियुक्त किए जाएंगे। एसटी, एससी महिलाओं को भी टीम में जगह दी जाएगी।
मनमर्जी से सदस्य और प्रवक्ता नहीं बना सकेंगे
संगठन की ओर से यह साफ कहा गया है कि कार्यकारिणी सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य और प्रवक्ताओं की बड़ी संख्या में नियुक्ति की जाती रही है। बिना भूमिका और गतिविधियों के नियुक्ति से पदों की गरिमा प्रभावित होती है। इसलिए निर्धारित संख्या में ही ये नियुक्तियां होनी चाहिए। मतलब अब मनमर्जी से सदस्य और प्रवक्ता नहीं बनाए जा सकेंगे।
चार पदाधिकारियों को फिर मिल सकता है मौका
जिले और मंडल की टीम में से चार पदाधिकारियों को पिछले कार्यकाल में अच्छी परफॉर्मेंस होने पर आगे मौका मिल सकता है। पार्टी की ओर से कहा है कि कार्यालय मंत्री, कोषाध्यक्ष, आईटी/सोशल मीडिया और मीडिया के संयोजकों को जरूरी होने पर ही बदला जाना चाहिए।
मोर्चा और प्रकोष्ठों में बाद में होंगी नियुक्तियां
प्रदेश में बीजेपी के 20 प्रकोष्ठ गठित किए जाएंगे। इनमें 12 प्रकोष्ठ राष्ट्रीय कार्यालय की ओर से तय हैं 8 प्रकोष्ठ प्रदेश स्तर पर तय किए जाएंगे। मोर्चा और प्रकोष्ठ के गठन के लिए प्रदेश फिर जिला उसके बाद मंडल स्तर पर नियुक्ति की जाएगी। इन नियुक्तियों में मोर्चों के प्रदेश और जिला अध्यक्ष की सहमति लेना जरूरी होगा।
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का ऐलान कभी भी
दिल्ली में बीजेपी को 27 साल बाद बहुमत मिला है। अब दिल्ली में सीएम के शपथ ग्रहण के बाद मप्र में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषित हो सकती है। एमपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। बीजेपी के सूत्रों का कहना है दिल्ली विधानसभा चुनाव में एमपी सहित देश भर के नेता और कार्यकर्ता व्यस्त थे। अब फ्री हो गए हैं, इसलिए कभी भी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम घोषित हो सकता है।
प्रदेश में 7 थर्मल पॉवर प्लांट पहले से स्थापित, 4 नए थर्मल पॉवर प्लांट होंगे स्थापित
11 Feb, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । बिजली की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और मध्यप्रदेश में जितने भी ऊर्जा संयंत्र हैं, वे पुराने हो चुके हैं, जिनकी क्षमता भी कम हो गई है। बीते 5 साल में ही 4 हजार मेगावॉट से अधिक बिजली की मांग में इजाफा हुआ है, जिसके चलते अब 4 नए थर्मल पॉवर प्लांट स्थापित किए जाना है, जिसके लिए केन्द्र सरकार भी मंजूरी दे चुका है और इसमें लगने वाले कोयले की भी आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। हालांकि थर्मल पॉवर प्लांट से प्रदूषण भी बढ़ता है और इस क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों ने इसका विरोध भी किया है। हालांकि अभी प्रदेश में 7 थर्मल पॉवर प्लांट पहले से स्थापित हैं।
एक तरफ सरकार इसीलिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने में जुटी है, क्योंकि इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। दूसरी तरफ थर्मल पॉवर प्लांट चूंकि कोयले से चलते हैं, लिहाजा फ्लाई ऐश सहित अन्य प्रदूषण फैलाने वाले तत्व उत्सर्जित होते हैं और यही कारण है कि थर्मल पॉवर प्लांटों को दुनियाभर में कॉर्बन-डाई-ऑक्साइड के स्तर को बढ़ाने वाला माना जाता है। बावजूद इसके प्रदेश में 4100 मेगावॉट की क्षमता वाले 4 नए थर्मल पॉवर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, क्योंकि बिजली की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है और अब यह मांग 18 हजार मेगावॉट को भी पार कर चुकी है और इन नए पॉवर प्लांटों में 25 हजार करोड़ का निवेश का होगा। इसमें इंदौर संभाग के खंडवा जिले के सिंगाजी के अलावा उमरिया के बीरसिंहपुर, बैतुल जिले के सारणी और अनूपपुर के चाचई में ये थर्मल पॉवर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। अभी प्रदेश में 7 थर्मल पॉवर प्लांट हैं। उनका भी हालांकि विस्तार किया जा रहा है। अमरकंटक, सतपुड़ा, संजय गांधी के अलावा श्री सिंगाजी में भी पहले से ये थर्मल पॉवर प्लांट स्थापित हैं। मगर चूंकि ये प्लांट पुराने हो गए। लिहाजा इनकी उत्पादन क्षमता भी घट गई है। हालांकि साढ़े 4 हजार मेगावॉट से अधिक बिजली इन थर्मल मेगा प्लांटों से अभी मिल रही है। मगर चूंकि लगातार बिजली की मांग बढ़ रही है, इसलिए आपूर्ति में भविष्य में दिक्कत न हो। केन्द्रसरकार ने इनकी मंजूरी के साथ कोल ब्लॉक का भी आबंटन कर दिया है, ताकि इन प्लांटों को कोयले की भी कमी ना रहे। अभी मध्यप्रदेश जनरेटिंग कम्पनी के विद्युत गृहों से साढ़े 4 हजार मेगावॉट, तो जल विद्युत संयंत्रों से 922, केन्द्रीय क्षेत्र के ताप विद्युत गृह से 5 हजार 85 मेगावॉट और संयुक्त क्षेत्र के जल विद्युत गृह और अन्य के माध्यम से साढ़े 4 हजार मेगावॉट, दामोदर घाटी विकास निगम के ताप विद्युत गृह से 100 मेगावॉट और सौर ऊर्जा से 5277 मेगावॉट बिजली बनती है।
दिल्ली से मंजूर होगी सूची, 2028 चुनाव की तैयारी
11 Feb, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मप्र भाजपा कोविड के कारण रुके संगठन के चुनाव करीब 5 साल बाद करा रही है। बूथ समितियों, मंडल व जिला अध्यक्षों के चुनाव हो चुके हैं। जल्द की प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव भी होंगे। बीजेपी के बाद अब कांग्रेस भी अपने जिला अध्यक्ष बदलने जा रही है। कांग्रेस तीन साल पुराने जिलाध्यक्ष बदलेगी, जहां अध्यक्ष नहीं हैं वहां नए बनाएगी। ब्लॉक अध्यक्षों से लेकर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की मंजूरी दिल्ली से ही होगी। पार्टी को मजबूती देने के लिए शीर्ष नेतृत्व प्रदेश में दौरे करेगा।कांग्रेस सूत्रों की मानें तो ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर जीतू पटवारी ने सभी जिला प्रभारियों और प्रदेश के सह प्रभारियों के साथ चर्चा करके लिस्ट फाइनल कर ली है। ब्लॉक अध्यक्षों के लिए दिल्ली की हरी झंडी का इंतजार है। लिस्ट पर एआईसीसी से मंजूरी मिलते ही इसे जारी कर दिया जाएगा।
3 साल पुराने जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे
कांग्रेस लगभग सभी जिला अध्यक्ष बदलने जा रही है। हालांकि किन अध्यक्षों को दोबारा मौका मिलेगा, ये अभी साफ नहीं है। जो जिला अध्यक्ष तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उनकी जगह नए अध्यक्ष की नियुक्ति होना तय है। संभावित नामों पर स्थानीय नेताओं, जिला प्रभारियों, सह प्रभारियों से फीडबैक लेकर पीसीसी चीफ ने नामों की लिस्ट तैयार की है। हालांकि कुछ जिलों में चर्चा अभी बाकी है। इसे भी जल्दी फाइनल करके दिल्ली भेजा जाएगा।
लोकसभा के बाद से 5 जिलों में अध्यक्ष ही नहीं
रायसेन, कटनी, रतलाम ग्रामीण में लोकसभा चुनाव से ही जिला अध्यक्ष नहीं हैं। खंडवा शहर और ग्रामीण अध्यक्षों को हाल ही में हटाया गया है। ऐसे में इन जिलों में संगठन को मजबूत करने के लिए जिला अध्यक्षों से लेकर ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर स्थानीय नेता और कार्यकर्ता लगातार मांग कर रहे हैं।
जीतू विंध्य तो उमंग बुन्देलखंड के दौरे पर जाएंगे
कांग्रेस अपने खोए हुए जनाधार को मजबूत करने में जुट गई है। पटवारी 2028 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे हैं। 11 फरवरी से जीतू पटवारी विंध्य के दौरे पर जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी तीन दिनों तक बुन्देलखंड का दौरे करेंगे। दोनों नेता तीन दिनों तक विधानसभा वार कार्यकर्ताओं की बैठकें, प्रेस कॉन्फ्रेंस और जनसमस्याएं सुनेंगे।
नरेला विधानसभा के हर घर में होगा प्रयागराज महाकुंभ गंगा जल का वितरण- मंत्री सारंग
10 Feb, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को प्रयागराज महाकुंभ से गंगा जल लेकर आये टैंकर का रहवासियों के साथ स्वागत किया। उन्होंने विधि-विधान के साथ पवित्र गंगा जल से भरे टैंकर की आरती कर अभिनंदन किया।
इस अवसर पर मंत्री सारंग ने बताया कि नरेला विधानसभा के रहवासियों के लिए ‘हर हर गंगे-हर घर गंगे’ पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत प्रयागराज महाकुंभ का पवित्र गंगा जल हर घर तक निःशुल्क पहुंचाया जाएगा। इस गंगा जल को विशेष रूप से प्रयागराज से लाया गया है और इसे बोतलों में पैक कर वितरित किया जाएगा।
मंत्री सारंग ने बताया कि महाकुंभ के पावन अवसर पर प्रयागराज से गंगाजल मंगवाया गया है। महाकुंभ प्रयागराज का यह पवित्र गंगा जल विशेष रूप से नरेला विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक घर तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जल को बोतलों में पैक कर निःशुल्क वितरित किया जाएगा। इससे प्रत्येक नागरिक अपने घर पर ही स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकें एवं धार्मिक कार्यों में भी इसका उपयोग कर सकें।
रहवासियों में उत्साह एवं आभार
इस पहल पर स्थानीय रहवासियों में विशेष उत्साह देखने को मिला। उन्होंने मंत्री सारंग के इस प्रयास के लिये आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय रहवासियों ने हर्षोल्लास के साथ पुष्पवर्षा की और ढोल-नगाड़ों की गूंज से पूरे क्षेत्र को भक्तिमय वातावरण में बदल दिया।
महाकुंभ गंगा जल का महत्व
गंगा जल हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व रखता है। इसे पवित्र और मोक्षदायी माना जाता है। महाकुंभ का गंगा जल प्राप्त करना भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
धर्म और आध्यात्म देश की ताक़त- उप मुख्यमंत्री शुक्ल
10 Feb, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि धर्म और आध्यात्म देश की ताक़त है। त्याग और समर्पण हमारे समाज के आधारभूत स्तंभ है। भारत की इस ताक़त के आगे सभी देश नतमस्तक हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ल मुरैना के सीहोनिया में मज्जिनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ समारोह में सम्मिलित हुए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंदिर में दर्शन कर प्रांगण का भ्रमण किया एवं जैन मुनिश्रीयों का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि चौबीसों तीर्थंकरों भगवान आदिनाथ स्वामी से लेकर महावीर स्वामी तक की परंपराओं एवं संस्कृति को आगे ले जाने का कार्य वसुनंदी जी महाराज ने किया है। उनके दर्शन पा कर मैं कृतार्थ एवं गौरवान्वित हूँ।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि देश का आर्थिक विकास काफ़ी तेज़ी से हो रहा है। विकास के इस दौर में संस्कार और भी प्रासंगिक हैं। भारतीय संस्कृति की ताक़त से युवाओं को आलोकित कर विकास को वरदान बनाना है। सतत विकास सुनिश्चित करने में आध्यात्म और नैतिकता की अहम भूमिका है। वसुनंदी जी महाराज के कहे अनुसार गौमाता की रक्षा एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिले यह सोच बहुत जमीनी स्तर की है, हमारी सरकार गौवंश के संरक्षण एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये तत्पर है। ये सभी लक्ष्य निःस्वार्थ भाव से प्राप्त करना तभी संभव है जब हम आध्यात्म के रास्ते चलकर अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि जैन दर्शन नीचे देखकर चलना सिखाता है एवं इंसान को झुके रहने की सीख देता है। इस दर्शन में एक चींटी का जीवन भी अमूल्य है। महापुरूषों का समर्पण त्याग की पराकाष्ठा का एक अंश भी यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो हमारा मानव जीवन सफल हो जाएगा। निःस्वार्थ भाव से हम प्रकृति की सेवा कर सकेंगे व जीवन को सफल बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृत भाषा के विकास के लिये महत्वपूर्ण कदम सरकार द्वारा उठाये जायेंगे।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सिहोनिया मंदिर स्थान ऐसा तीर्थ स्थान है जिसे वहीं बनाया गया है जहाँ पर पवित्र मूर्तियाँ प्राप्त हुई है। ऐसे स्थानों में भगवान का वास होता है। इन स्थानों के विकास से समाज भी विकसित होता है। उन्होंने कहा कि इस बड़े समारोह में 187 से ज्यादा प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के संपन्न होने एवं प्रतिमायों की स्थापना होने से समाज का कल्याण होगा। मैं ख़ुद को बहुत सौभाग्यशाली समझता हूँ, जो मुझे यहाँ आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
जीआईसी में बड़ी संख्या में निवेश मिलने की संभावना
10 Feb, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में औद्योगिक विकास पर जोर दे रहे हैं। असी कड़ी में अब गुजरात के बाद मप्र को टेक्सटाइल और गारमेंट हब के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस महीने के अंत में होने वाले राज्य के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 से पहले कहा कि एमपी टेक्सटाइल और परिधान इंडस्ट्री के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला राज्य बन चुका है। राज्य की समृद्ध कृषि, पारंपरिक बुनकर समुदायों की कला, आधुनिक इंडस्ट्रियल आधार और इन्वेस्टर फ्रेंडली पॉलिसी प्रदेश को इस क्षेत्र में सबसे आगे रख रही है। वहीं सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश तेजी से भारत के प्रमुख टेक्सटाइल और गारमेंट हब के रूप में उभर रहा है
जानकारी के अनुसार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस औद्योगिक यात्रा को और गति देने का माध्यम बनेगा, जहां दुनिया भर के इन्वेस्टर्स को प्रदेश में उपलब्ध अवसरों से अवगत कराया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कच्चे माल के उत्पादन से लेकर परिधान निर्माण और वैश्विक निर्यात तक सभी चरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश, भारत के 43 प्रतिशत और वैश्विक स्तर पर 24 प्रतिशत ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में योगदान देता है। यह आंकड़ा न केवल प्रदेश की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि इसे पर्यावरणीय रूप से उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
मप्र में पर्याप्त संसाधन
मप्र में टेक्सटाइल और गारमेंट्स उद्योग के लिए पर्याप्त संसाधन है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश कपास उत्पादन में सबसे आगे है। साथ ही यहां का रेशम उद्योग भी लगातार बड़ा हो रहा है। राज्य हर साल 200 टन से अधिक रेशम उत्पादन करता है, जिससे परंपरागत हथकरघा और आधुनिक सिल्क उत्पाद दोनों को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश आधुनिक आर्टिफिशियल फाइबर उत्पादन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे टेक्निकल टेक्सटाइल और स्पेशलिटी फाइबर निर्माण को बल मिल रहा है। सीएम यादव ने कहा कि धार जिले में विकसित किया जा रहा पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नया आयाम देगा। 2,100 एकड़ में फैले इस पार्क में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योगों के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा। यह पार्क न केवल निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि प्रदेश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाएगा।
प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिल्स
मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की पहचान केवल बड़े कपड़ा उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां की पारंपरिक कला भी टेक्सटाइल क्षेत्र की एक बड़ी ताकत है। चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट और जरी-जरदोजी जैसे हथकरघा उत्पाद मध्य प्रदेश की विरासत को दर्शाते हैं इन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, महेश्वरी साड़ी, बाग पैटर्न और चंदेरी कॉटन को जीआई टैग मिल चुका है, जिससे इन उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार में स्थिति और मजबूत हुई है। प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिल्स, 4,000 से अधिक करघे और 25 लाख स्पिंडल्स कार्यरत हैं। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, धार, देवास, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और जबलपुर प्रमुख टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। इंदौर का रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर 1200 से अधिक इकाइयों के साथ प्रदेश में रेडीमेड वस्त्र निर्माण की प्रमुख यूनिट बन चुका है। यहां स्थित अपैरल डिजाइनिंग सेंटर और स्पेशल इकोनॉमिक जोन उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान कर रहे हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री में निवेश के लिए सरकार की पहल मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई आकर्षक नीतियां लागू कर रही है।
टेक्सटाइल क्षेत्र में 3,513 करोड़ रुपए का निवेश
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत टेक्सटाइल क्षेत्र में 3,513 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है। यह निवेश प्रदेश को उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण और निर्यात में अग्रणी बनाएगा। सरकार उद्योगों को बिजली और पानी न्यूनतम दरों पर उपलब्ध करा रही है। साथ ही, जीएसटी में छूट, टैक्स रिबेट और अन्य प्रोत्साहनों के माध्यम से निवेशकों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विशेष रूप से कस्टमाइज्ड इन्सेंटिव पैकेज भी तैयार किया है, जो उद्योगों को उनकी निवेश आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मप्र पहले से ही ट्राइडेंट ग्रुप, रेमंड, आदित्य बिड़ला, वर्धमान टेक्सटाइल, गोकलदास एक्सपोट्र्स, सागर ग्रुप, नाहर स्पिनिंग मिल्स, इंदोरामा और भास्कर जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इन कंपनियों का प्रदेश में लगातार हो रहा निवेश, सरकार की नीतियों और उद्योग के अनुकूल वातावरण का प्रमाण है। इन कंपनियों की सफलता अन्य निवेशकों को भी आकर्षित कर रही है और आने वाले वर्षों में प्रदेश कपड़ा और परिधान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
जीआईएस से मिलेगी नई धार
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 इस औद्योगिक परिवर्तन को नई दिशा देगा। इस समिट में दुनिया भर के निवेशकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं को आमंत्रित किया जा रहा है ताकि वे मध्य प्रदेश की संभावनाओं को देख सकें और यहां निवेश के नए अवसर तलाश सकें। मध्य प्रदेश टेक्सटाइल क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक नवाचारों का समावेश करते हुए, एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित होने की दिशा में अग्रसर है। सरकार निवेशकों के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार की नीति फार्म से फैब्रिक, फैब्रिक से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से विदेशी बाजार तक की है। इस नजरिए को अपनाकर प्रदेश में टेक्सटाइल और परिधान उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया जा रहा है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में निवेश करने वाले सभी उद्योगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाकर मध्यप्रदेश को विश्वस्तरीय टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करेगी।
इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम को शीघ्र क्रियान्वित करें : मंत्री सिंह
10 Feb, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने मध्यप्रदेश में सड़क और भवन परियोजनाओं के सुचारू संचालन और पारदर्शी निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) के क्रियान्वयन की प्रगति की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। मंत्री सिंह ने कहा कि आईपीएमएस के प्रथम चरण को फरवरी 2025 के अंत तक, द्वितीय चरण को मई 2025 तक और तृतीय चरण को जुलाई 2025 तक पूर्ण किया जाए। मंत्री सिंह ने निर्देश दिए कि वर्तमान वित्तीय वर्ष का बजट मार्च 2025 में सचिवालय स्तर पर आईपीएमएस के माध्यम से ही संसाधित किया जाए।
गत वर्ष लोक निर्माण विभाग का कार्य भार संभालने के बाद मंत्री सिंह ने इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम को प्राथमिकता पर लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अगस्त 2024 को इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए क्रियान्वयन एजेंसी का चयन किया गया। एमपीआरडीसी के प्रबंध निदेशक भरत यादव, प्रमुख अभियंता (सड़क एवं पुल) के.पी.एस. राणा, प्रमुख अभियंता (भवन) एस.आर. बघेल, मुख्य अभियंता एवं नोडल अधिकारी इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) बी.पी. बोरासी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) क्रियान्वयन टीम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि आईपीएमएस एक ऑनलाइन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जिसके माध्यम से निर्माण कार्यों की मांग से लेकर स्वीकृति, टेंडर प्रक्रिया,क्रियान्वयन, गुणवत्ता नियंत्रण और परफॉरमेंस गारंटी पूरी होने तक समस्त कार्यवाही ऑनलाइन होगी। इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग और एमपी रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा सड़कों, पुलों और भवन परियोजनाओं के डिजिटल एवं पारदर्शी प्रबंधन के लिए विकसित किया गया एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसकी अनुमानित लागत 17 करोड़ रुपये है। इस प्रणाली मेंपरियोजनाओं की योजना, निविदा प्रक्रिया, निर्माण, निरीक्षण, भुगतान और संपूर्ण मॉनिटरिंग को ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और कार्य की गति में उल्लेखनीय सुधार होगा।
चरणबद्ध क्रियान्वयन से प्रथम चरण में मांग प्रबंधन, बजटिंग, डीपीआर अपलोडिंग और ऑनलाइन स्वीकृति प्रक्रिया को लागू किया जाएगा, जिससे परियोजनाओं की रियल-टाइम ट्रैकिंग संभव होगी। द्वितीय चरण में ई-टेंडरिंग, अनुबंध प्रबंधन, ठेकेदारों के लिए ऑनलाइन इंटरफेस और माइलस्टोन ट्रैकिंग जैसी सुविधाओं को जोड़ा जाएगा। तृतीय चरण में वित्तीय प्रबंधन, ऑडिट ट्रैकिंग और 5D बिल्डिंग इंफोर्मेशन मॉडलिंग आधारित योजना के साथ-साथ ई-बिलिंग और ऑनलाइन निरीक्षण प्रणाली को पूरी तरह लागू किया जाएगा।
नई प्रणाली से सभी परियोजनाओं की स्थिति ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सकेगा। साथ ही, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और ठेकेदारों को समय पर भुगतान मिलेगा। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि आईपीएमएस के प्रभावी क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा मिलेगी और सड़क एवं भवन परियोजनाओं की गुणवत्ता एवं गति में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री द्वारा परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए खाद्य मंत्री राजपूत
10 Feb, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा "परीक्षा पे चर्चा" कार्यक्रम देश के समस्त छात्र-छात्राओं को उत्साहवर्धन के लिए आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पीएम केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 सागर में शामिल हुए। उन्होंने बच्चों के साथ प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा देखा। राजपूत ने बच्चों से कहा कि टाइम को मैनेज करना सीखें तथा टारगेट बड़ा रखें तो परीक्षा छोटी लगने लगेगी।
मंत्री राजपूत ने बच्चों से कहा कि परीक्षा हमारी मित्र है जो हमारे लिए आत्म-विश्वास तथा आगे बढ़ने का काम करती है। आज के बच्चे बहुत इंटेलिजेंट हैं। बस जरूरत है उनके आत्म-विश्वास को बढ़ाने की तथा उनके अंदर के हुनर को पहचानने की। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसे प्रधानमंत्री मिले जो बच्चों की परीक्षा के लिए भी चिंतित हैं तथा बच्चों के लिए वह परीक्षा में उत्तीर्ण होने तथा तनाव मुक्त रहने के सुझाव दे रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री छोटी से छोटी समस्या को लेकर भी चिंतित रहते हैं। उन्होंने बच्चों तथा उनके अभिभावकों को तनाव मुक्त रहने के जो टिप्स दिए हैं यह बहुत ही प्रेरक तथा आत्मविश्वास से भरने वाले हैं। सभी बच्चे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए टिप्स को फॉलो करें और तनाव मुक्त रहकर परीक्षा दें। राजपूत ने कहा कि यह परीक्षा केवल बच्चों की नहीं बल्कि अभिभावकों की भी होती है इसलिए अपने बच्चों से मित्रवत व्यवहार करते हुए उन्हें सुरक्षात्मक तनाव मुक्त माहौल प्रदान करें।
शिक्षक बढ़ाएं बच्चों का आत्मविश्वास
मंत्री राजपूत ने कहा कि परीक्षा में शिक्षकों तथा स्कूल प्रबंधन की बहुत अहम भूमिका है। आप सभी के मार्गदर्शन तथा शिक्षण कार्य से ही बच्चे आगे बढ़ाते हैं। परीक्षा के दौरान शिक्षक बच्चों का उत्साहवर्धन करें तथा आत्मविश्वास बढ़ाएं। शिक्षक सभी छात्रों की योग्यता को पहचानते हैं। छात्र तथा अभिभावकों के बीच शिक्षक महत्वपूर्ण कड़ी हैं जो दोनों में सामंजस्य स्थापित करते हैं। शिक्षक गण भी अभिभावकों को बच्चों की मन: स्थिति के बारे में जानकारी दें।
इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक केवी, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन, केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक के प्राचार्य मनीष गुप्ता सहित सभी शिक्षक एवं स्कूली छात्र छात्राएं मौजूद थे।
नई तकनीक और सहकारिता से होगा किसानों का उत्थान: मंत्री सारंग
10 Feb, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि नई तकनीक और सहकारिता से किसानों का उत्थान होगा। खेत, खलियान और किसान सरकार की प्राथमिकता है। विकसित भारत की परिकल्पना में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इन तीनों के उन्नयन और उत्थान की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने से ही देश विकसित हो पाएगा, सरकार इस दिशा में प्रयासरत है। मध्यप्रदेश ने कृषि क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इससे प्रोडक्शन में रिकॉर्ड दर्ज किया और 7 बार लगातार कृषि कर्मण अवार्ड भी मिला। मंत्री सारंग सोमवार को नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित कृषि क्रांति 2025 एफपीओ कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह भी उपस्थित थे।
मंत्री से सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कृषि को उन्नत बनाने हर क्षेत्र में काम किया है। किसानों को फसल का सही मूल्य मिल सके, समय पर उपार्जन सहित खाद, बीज, पानी मिल सके इसका ध्यान रखा गया है। अब किसान को व्यवसायी के रूप में परिवर्तन करना सरकार का मुख्य काम है और यह केवल सहकारिता के माध्यम से ही हो सकता है। मंत्री सारंग ने कहा कि किसानों को एफपीओ के माध्यम से ऑर्गेनिक खेती से जोड़ना होगा, जिससे उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। एफपीओ को किसानों को जागरूक करना होगा। सरकार एफपीओ को हर तरह की सुविधा देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष- 2025 में हर पंचायत में पैक्स के माध्यम से सहकार सभा होगी। इसमें भी एफपीओ जोड़कर किसान को सरकार से समृद्धि की ओर ले जा सकते हैं।
एफपीओ कॉन्क्लेव से सहकार की भावना मजबूत होगी
मंत्री सारंग ने कहा कि एफपीओ कॉन्क्लेव से सहकार की भावना मजबूत होगी। सहकारिता मानव स्वभाव का मूलभूत आधार है.सहकारिता के बिना इस समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती। आज के समय में सहकारिता के माध्यम से नई-नई तकनीक से जोड़ना, फूड प्रोसेसिंग आदि पर काम करना, खेती में वैल्यू एडिशन करने की आवश्यकता हैं, जिससे अच्छे परिणाम आए इसमें सरकार सहायता देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ समाज जनता सहकारी संस्थाओं एफपीओ सब मिलकर काम करें, इस दिशा में कार्य करने के लिए सरकार प्रदेश के उन्नयन के लिए तत्पर है।
खाद्य प्र-संस्करण से किसानों की आत्मनिर्भरता
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री कुशवाह ने कहा कि एफपीओ और खाद्य प्र-संस्करण को मजबूत बनाना किसानों की आत्मनिर्भरता की कुंजी है। उन्होंने फसल विविधीकरण और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने घोषणा की कि"राज्य सरकार जल्द ही एक विशाल फूड प्रोसेसिंग सम्मेलन का आयोजन करेगी, जिसमें किसानों, उद्यमियों, क्रेताओं और विक्रेताओं को एक मंच पर लाया जाएगा।"
मंत्री कुशवाह ने कहा कि किसान की आय दोगुना करने के लिये चल रहे कार्यों से फसलों का मूल्य अच्छा मिल सकेगा और उसका संवर्धन हो सकेगा। आत्मनिर्भर भारत बनाने में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश मसाला उद्योग में एक नम्बर पर है। सरकार अलग-अलग योजनाओं से किसानों की उत्थान की दिशा में काम कर रही है। उद्यानिकी विभाग के पोर्टल पर नये किसानों को रजिस्टर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विकसित कृषि के लिये नई खेती से जुड़ना होगा, इसके लिये किसान उद्यानिकी से भी जुड़े।
मंत्री कुशवाह ने कहा कि कई देश जैविक खेती में आगे बढ़ रहे हैं। जैविक खेती से पैदा होने वाली फसल से दुष्प्रभाव नहीं होता। इससे बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ता और स्वास्थ्य प्रभावित नहीं होता। उन्होंने कहा कि प्र-संस्करण के क्षेत्र में कोई भी परियोजना व्यक्ति या संस्था लगाती है तो 35 प्रतिशत अनुदान सरकार दे रही है। साथ ही अनेक योजनाओं और कृषि उपकरण में भी सरकार अनुदान दे रही है।
मंत्री कुशवाह ने कहा कि आधुनिक कृषि यंत्र खराबी पर मैकेनिक एवं उपकरण स्टोर, प्रबंधन आदि आवश्यक है। इस पर भी ध्यान देकर आगे बढ़ा जा सकता है। तकनीकी विशेषज्ञ के माध्यम से किसानों को मदद मिलेगी और उचित दाम से किसान संबल होंगे।
'कृषि क्रांति : एफपीओ कॉन्क्लेव' में अधिकारियों, विशेषज्ञों, निर्यातकों, क्रेताओं और तकनीकी प्रदाताओं ने एफपीओ के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य एफपीओ को खाद्य प्र-संस्करण और निर्यात योग्य उत्पाद तैयार करने में सक्षम बनाना था। कॉन्क्लेव का आयोजन भूमिशा ऑर्गेनिक, डिक्की और सर्च एंड रिसर्च डेवपलमेंट सोयायटी ने किया।
विशेषज्ञों के विचार एवं मार्गदर्शन
कृषिका नेचुरल्स प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक सुप्रतिभा तिवारी, डिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनिल सिरवैया और सर्च एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मोनिका जैन ने भी कॉन्क्लेव में विचार रखे। कॉन्क्लेव में सॉलिडरिडाड के जनरल मैनेजर सुरेश मोटवानी, एसबीआई के एजीएम शशांक कुमार, एमपी स्टार्ट-अप सेंटर के अरुणाभ दुबे, सी-मैप लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आलोक कृष्णा और उद्यानिकी विभाग के अपर संचालक कमल सिंह किरार प्रमुख थे।
कृषि रत्न सम्मान एवं सहयोग
कार्यक्रम में 8 एफपीओ और 2 किसानों को 'कृषि रत्न सम्मान प्रदान किया गया। इनका सम्मान पत्र बांस से तैयार किया गया था। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत 2 एफपीओ को 28.5 लाख रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई, जिसकी पहली किश्त सहकारिता मंत्री सारंग और एनएसडीसी की क्षेत्रीय निदेशक सुइंद्रजीत कौर ने प्रदान की। इस मौके पर लक्ष्य प्राप्ति के सूत्र पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
12 फरवरी को पॉलिसी को फाइनल टच देंगे वित्त और नगरीय विकास के अफसर
10 Feb, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । लंबे इंतजार के बाद मप्र में ईवी पॉलिसी 2025 का ड्राफ्ट तैयार हुआ है। इस पॉलिसी के तहत ईवी खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी और ईवी पर 1 साल तक पार्किंग शुल्क नहीं लगेगा। इसके अलावा 25 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाले पेट्रोल और डीजल वाहनों पर टैक्स बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य भोपाल और इंदौर समेत 5 शहरों को ईवी सिटी के तौर पर विकसित करना है। इस पॉलिसी के लागू होने से राज्य में प्रदूषण कम होगा और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ेगी। लेकिन प्रदेश की ईवी पॉलिसी के ड्राफ्ट में वित्त विभाग ने अडग़ा लगा दिया है।
जानकारी के अनुसार मप्र की ई व्हीकल पॉलिसी को वित्त विभाग ने सहमति नहीं दी है। नगरीय आवास एवं विकास विभाग ने पॉलिसी का जो ड्रॉफ्ट तैयार किया है, उसमें इलेक्ट्रिकल व्हीकल खरीदने वालों को भारी भरकम छूट देने की सिफारिश की है। इसी छूट पर वित्त विभाग को आपत्ति है। 8 फरवरी को मुख्य सचिव अनुराग जैन के सामने पॉलिसी में की गई सिफारिशों का प्रेजेंटेशन हुआ। इस दौरान वित्त विभाग ने पॉलिसी में प्रस्तावित कैपिटल सब्सिडी को लेकर आपत्ति दर्ज की। सूत्रों का कहना है कि ये तमाम छूट देने के बाद सरकार पर 3 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। वित्त विभाग इसे लेकर तैयार नहीं है। पॉलिसी को लेकर वित्त विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अफसर 12 फरवरी को एक बार फिर बैठक करेंगे। इसके बाद इसे आखिरी रूप देकर कैबिनेट में भेजा जाएगा।
कैपिटल सब्सिडी को लेकर आपत्ति
प्रस्तावित पॉलिसी में नई गाड़ी खरीदने, पुरानी पेट्रोल गाड़ी को स्क्रैप में बेचने के साथ चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर छूट देना शामिल है। नई पॉलिसी 5 साल के लिए प्रभावी रहेगी। नई ईवी पॉलिसी में आम लोगों को कितनी छूट प्रस्तावित है, चार्जिंग स्टेशन का इन्फ्रास्ट्रक्चर किस तरह से डेवलप होगा और वित्त विभाग की क्या आपत्ति है। मप्र की ई व्हीकल पॉलिसी को वित्त विभाग ने सहमति नहीं दी है। नगरीय आवास एवं विकास विभाग ने पॉलिसी का जो ड्रॉफ्ट तैयार किया है, उसमें इलेक्ट्रिकल व्हीकल खरीदने वालों को भारी भरकम छूट देने की सिफारिश की है। इसी छूट पर वित्त विभाग को आपत्ति है। 8 फरवरी को मुख्य सचिव अनुराग जैन के सामने पॉलिसी में की गई सिफारिशों का प्रेजेंटेशन हुआ। इस दौरान वित्त विभाग ने पॉलिसी में प्रस्तावित कैपिटल सब्सिडी को लेकर आपत्ति दर्ज की। सूत्रों का कहना है कि ये तमाम छूट देने के बाद सरकार पर 3 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। वित्त विभाग इसे लेकर तैयार नहीं है। पॉलिसी को लेकर वित्त विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अफसर 12 फरवरी को एक बार फिर बैठक करेंगे। इसके बाद इसे आखिरी रूप देकर कैबिनेट में भेजा जाएगा। प्रस्तावित पॉलिसी में नई गाड़ी खरीदने, पुरानी पेट्रोल गाड़ी को स्क्रैप में बेचने के साथ चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर छूट देना शामिल है। नई पॉलिसी 5 साल के लिए प्रभावी रहेगी। गौरतलब है कि पहले आओ पहले पाओ प्रस्तावित पॉलिसी में आम लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीदी पर सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इसमें ई-साइकिल, टू- व्हीलर, थ्री-व्हीलर (कमर्शियल और पैसेंजर), फोर व्हीलर, यात्री-स्कूल बसें और एम्बुलेंस को शामिल किया गया है। कितनी गाडिय़ों की खरीदी पर सब्सिडी मिलेगी, इसकी लिमिट भी तय की गई है यानी सब्सिडी का फायदा पहले आओ, पहले पाओ वालों को मिलेगा। कैपिटल सब्सिडी के अलावा इन्सेंटिव की 4 कैटेगरी बैटरी कैपेसिटी इन्सेंटिव: इसका फायदा टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर और एम्बुलेंस खरीदने पर मिलेगा। ई-कार के लिए ढाई हजार किलोवॉट की बैटरी पर तो बाकी वाहनों के लिए 5 हजार किलोवॉट की बैटरी पर छूट मिलेगी।
सरकार जमीन देगी
नोडल एजेंसी चार्जिंग स्टेशन के लिए लैंड बैंक का डेटा बेस तैयार करेगी। जिन्हें चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना है, उन्हें रूक्कश्वङ्क पोर्टल से अप्लाय करना होगा। प्राइवेट प्लेयर्स का सिलेक्शन टेंडर से किया जाएगा। नोडल एजेंसी टेंडर की शर्तों के मुताबिक चार्जिंग स्टेशनों को जमीन देगी। सरकारी एजेंसियों को 10 साल के पट्टे पर जमीन मिलेगी। चार्जिंग स्टेशन को पूरे 5 साल तक एक रेट पर बिजली मिलेगी। ये बिजली की औसत लागत से ज्यादा नहीं होगी। सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली की लागत औसत लागत का 0.8 गुना होगी। शाम को ये औसत लागत का 1.2 गुना होगी। जो चार्जिंग स्टेशन खुद बिजली बनाएंगे, उन्हें पॉलिसी पीरियड तक 100 फीसदी की छूट मिलेगी। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी तय करेगी कि चार्जिंग स्टेशन ग्राहकों से कितना सर्विस चार्ज वसूल करेंगे। ये टैरिफ का 1 फीसदी तक हो सकता है। मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स और मैकेनिक होंगे तैयार मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स लगाने के लिए निवेशकों को रियायती दर पर जमीन, एफएआर में छूट मिलेगी। साथ ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए अनुदान, रिसर्चर के लिए सब्सिडी, पेटेंट की सुविधा भी दी जाएगी। रिसर्च के लिए एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना के लिए 2 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा। इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और आईटीआई में ईवी से जुड़े पाठ्यक्रम शामिल करने की योजना है। साथ ही ईवी मैकेनिक तैयार करने के लिए आईटीआई में कोर्स शुरू किया जाएगा। फ्री ट्रेनिंग मिलेगी। ईवी पॉलिसी लागू करने बनेगा प्रमोशनल बोर्ड ईवी पॉलिसी को लागू करने और इसके क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एमपी ईवी प्रमोशनल बोर्ड का गठन होगा। बोर्ड में तीन विभागों के मंत्री और 6 विभागों के प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी सदस्य होंगे। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग पॉलिसी लागू करने वाली नोडल एजेंसी रहेगी। वित्त विभाग की पॉलिसी को लेकर आपत्ति पॉलिसी में सब्सिडी और इन्सेंटिव की छूट देने का प्रावधान किया गया है, जिससे सरकार पर 3021.37 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। वित्त विभाग को इस पर आपत्ति है। हालांकि, पॉलिसी में डीजल से चलने वाली गाडिय़ों पर 10 पैसे प्रति लीटर का प्रदूषण टैक्स लगाने और 25 लाख से ज्यादा कीमत वाले पेट्रोल-डीजल वाहनों पर रोड टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की गई है। वित्त विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जितनी छूट दी जा रही है, उसकी तुलना में टैक्स से आय नहीं होगी। इसके अलावा केंद्र के 15वें वित्त आयोग ने सिलेक्टेड शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधारने के लिए जो फंड दिया है, उसका भी इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है।